You are on page 1of 37

जैन धमर्

जैन धमर्
जैन धमर्

1. जैन धमर् से संबं�धत प्रमुख तथ्य


2. पाश्वर्नाथ का इ�तहास
3. महावीर स्वामी का इ�तहास
4. महावीर स्वामी के बाद जैन संघ
5. जैन �सद्धांत, दशर्न या �श�ाएं
जैन धमर्

6. जैन सभाएं या संगी�त


7. जैन सम्प्रदाय
8. जैन धमर् का प्रचार-प्रसार व राजाओं का संर�ण
9. जैन धमर् का योगदान
10. जैन तीथर्कर� के नाम और प्रतीक
जैन धमर्

जैन धमर्

िजन (संस्कृत)

�वजेता अथार्त िजतेिन्द्रय


जैन धमर्

• जैन धमर् म� कुल 24 तीथ�कर हुए ह� तीथ�कर उसे कहते ह�


जो, मानव को भवसागर से पार उतारता है ।
• तीथ�कर� को ह� अहर्त भी कहा जाता है ।
• जैन धमर् म� कुल 24 तीथ�कर� का इ�तहास �मलता है ।
इसम� से प्रारं भ के 22 तीथ�करो का इ�तहास सं�दग्ध है ।
जैन धमर्

• केवल 22 तीथ�कर और 24 तीथ�कर का इ�तहास प्र�सद्ध है ।


• 22व� तीथ�कर पाश्वर्नाथ जब�क 23व� तीथ�कर महास्वामी थे।
• पहले तीथ�कर ट्टषभदे व और 22व� तीथ�कर अ�रष्टने�म का
उल्लेख ऋग्वेद म� �मलता है ।
• ऋषभदे व या आ�दनाथ या केश�रयानाथ का जन्म अयोध्या
म� हुआ था।
जैन धमर्

• ऋषभदे व के पुत्र भरत के नाम पर ह� हमारे दे श का नाम


भारत पड़ा था।
• इन्ह�ने अपने पत्र
ु भरत के प� म� �संहासन त्याग �दया था
और य�त वन गये थे।
जैन धमर्

• शलाका पुरुषः जैनधमर् म� शलाका पुरुष या महान पुरुष क�


कल्पना क� गयी है । इस धमर् म� कुल (63) शलाका पुरुष� क�
बात क� गयी है ।
• िजन क� या य�त क� संकल्पनाः ऐसे पुरुष जो अपने
रागद्वेष मन व अन्य �वकार� पर �वजय प्राप्त कर ले उन्ह�
िजन या य�त कहा जाता है ।
जैन धमर्
पाश्वर्नाथ

• �पता: अश्वसेन (काशी के राजा)


• माता: वामा (कौशल के राज नरवमर्न
क� पुत्री)
• पत्नी: प्रभावती
• तीथर्कर: 23व�
• गह
ृ त्याग: 30 वषर् क� आयु म�
जैन धमर्
पाश्वर्नाथ

• �ान प्रािप्त म� लगा समय: 83 �दन बाद 84व� �दन


• �ान प्रािप्त का स्थान: सम्मेय �शखर पवर्त
• उपा�ध: महान परु
ु ष, �नग्रंथी
• प्रमख
ु अनय
ु ायी: गांगेय, पष्ु पचल
ू ा
• अनुया�यय� को: �नगन्थ्री कहा गया
• �भ�ुणी संघ प्रमख
ु : पष्ु पचल
ू ा
जैन धमर्
पाश्वर्नाथ

पाश्वर्नाथ क� �श�ा

चातुभार्म या चार आचरण या चार प्र�त�ाय� या चाउज्जाम

सत्य अ�हंसा अस्तेय अप�रग्रह

सदा सत्य प्रा�णय� क� चोर� न संप�� का संग्रह न


बोलना �हंसा न करना करना करना
जैन धमर्
महावीर स्वामी

• जन्म समयः 540 ई.प.ू या 599 ई.प.ू


• स्थानः कुण्डग्राम (वैशाल�) वासक
ु ु ण्ड
आध�ु नक नाम
• जा�तः �ातक
ृ ��त्रय
• गोत्र: कश्यप
• वंश: इ�वाकु
जैन धमर्
महावीर स्वामी

• प्रतीक: �संह
• �पता का नाम: �सद्धाथर् (अन्य नाम श्रेयांस/यसांस)
• माता: �त्रशला (अन्य नाम �वदे हद�ा, �प्रयका�रणी)
• बचपन का नाम: वधर्मान
• पत्नी: यशोधरा (कुिण्डय गोत्र क� कन्या)
जैन धमर्
महावीर स्वामी

• भाई: नं�दवधर्न
• बहन: �प्रयदशर्न या अणोज्जा
• दामाद: जामा�ल
• गह
ृ त्याग: 30 वषर् क� अवस्था म�
• �ान प्रािप्त: 42 वषर् क� अवस्था म�
जैन धमर्
महावीर स्वामी

• नद� तट: ऋजप


ु ा�लका का नद�
• व�
ृ : साल व�

• उपदे श भाषा: मगधी या अद्र्धमगधी
• प्रथम उपदे श: �वपल
ु ाचल पहाड़ी (बराकर नद�)
• प्रथम वषार्वास: अिस्तकाग्राम म�
• अं�तम वषार्वास: पावापरु �
जैन धमर्
महावीर स्वामी

• प्रथम �शष्या: चन्दना


• प्रथम �शष्य: जामा�ल
• मत्ृ यु समय: 428 ई.पू. या 527 ई.पू.
• मत्ृ यु स्थान: पावापरु � (मल्ल राजा सिु स्तपाल के
राजप्रसाद)
जैन धमर्
महावीर स्वामी

• मत्ृ यु के समय आयु: 72 वषर्


• तपस्या का वणर्न: कल्पसत्र
ू और आचारांग सत्र

• अन्य नाम: िजन, �नगष्ठानाथप�
ु , केव�लन, अहर्त
महावीर �नगर्न्थ है ।
• प्रथम �वद्रोह: जामा�ल ने �कया
• दस
ू रा �वद्रोह: तीसगप्ु त ने �कया।
जैन धमर्

जैनधमर् क� �श�ाएं या �सद्धांत

�त्ररत्न कमर् एवं पन


ु ज
र् न्म पंचमहाव्रत परमतत्व
जैन धमर्

�त्ररत्न
सम्यक दशर्न सम्यक �ान सम्यक च�रत्र

सत ् म� �वश्वास वास्त�वक �ान सुख और दख


ु के प्र�त
समान भाव

सुख और दख
ु समाप्त

पंचमहाव्रत से

सत्य अ�हंसा अस्तेय अप�रग्रह ब्रह्मचयर्


जैन धमर्

जै�नय� का परमतत्व या स्यादवाद �सद्धांत या सप्तभंगीनय


�सद्धांत
1. स्यात ् आिस्त- शायद है ।
2. स्यात ् नािस्त- शायद नह�ं है ।
3. स्यात ् आिस्त च नािस्त- शायद है और नह�ं है ।
4. स्यात ् अव्यक्तम ्- शायद कहा नह�ं जा सकता।
जैन धमर्

5. स्यात ् आिस्त च अव्यक्तम- शायद है �कंतु कहा नह�ं जा


सकता
6. स्यात ् नािस्त च अव्यक्तम च- शायद नह�ं है और कहा नह�ं
जा सकता
7. स्यात ् आिस्त च नािस्त च अव्यक्तम ् च- शायद है , नह�ं है
और कहा नह�ं जा सकता
जैन धमर्
जैन धमर् का प्रचार प्रसार

गणधरः
• महावीर के जीवनकाल म� ह� 11 अनय
ु ाइय� के एक संघ
क� स्थापना क� गयी थी इसे ह� गणधर कहा गया था।
• इन ग्यारह गणधार� म� इन्द्रभ�ू त और सुधमर्न को
छोड़कर सभी गणधर क� मत्ृ यु महावीर स्वामी के समय
म� हो गयी थी।
जैन धमर्
जैन धमर् का प्रचार प्रसार

गणधरः
• स्वामी क� मत्ृ यु के बाद सुधमर्न अध्य� बना था।
• इसके बाद जम्बू अध्य� बना।
• इसके बाद भद्रबाहु
जैन धमर्
जैन धमर् का प्रचार प्रसार

भद्रबाहु
• इन्ह�ं के समय म� मगध म� 12 वष� का भयंकर अकाल
पड़ा था।
• ये चन्द्रगप्ु त मौयर् के साथ श्रवणबेलगोला गये।
• सल्लेखना पद्ध�त (उपवास) के द्वारा प्राण त्यागे।
जैन धमर्
जैन धमर् का प्रचार प्रसार

हाथीगम्
ु फा अ�भलेख
• यह क�लंग नरे श खारवेल का अ�भलेख है ।
• यह जैनधमर् का पहला अ�भलेखीय सा�य है ।
• खारवेल जैन धमर् का कट्टर अनय
ु ायी था।
• इसने मगध पर आक्रमण करके जैन मू�तर् को वापस लाया
था।
• खारवेल ने उदय�ग�र म� जैन साधओु ं के �लए एक गुफा का
�नमार्ण करवाया था।
जैन धमर्
जैन धमर् का प्रचार प्रसार

चमण्
ु डराय
• इसने वषर् 974 ई. श्रवणबेलगोला के पास एक बाहुवल�
िजन क� मू�तर् का �नमार्ण कराया था। इसे ह�
गोमतेश्वर क� प्र�तमा कहा गया है ।
• यह गंग वंश के राजा राजमल चतुथर् का मंत्री था।
जैन धमर्
जैन धमर् का प्रचार प्रसार

इन्द्र चतथ
ु ःर्
• यह राष्ट्रकूट वंश का शासक था।
• इसने सलेखना पद्ध�त से अपना प्राण त्याग �दया
था।
जैन धमर्
जैन धमर् का प्रचार प्रसार

धंगः
• यह चन्दे ल शासक था।
• इसने खजरु ाहो म� जैन मं�दर बनवाया था।
जैन धमर्
जैन धमर् का प्रचार प्रसार

�वमलशाह
• यह सोलंक� शासक भीमदे व का मंत्री था।
• इसने ह� �दलवाड़ा का जैन मं�दर बनवाया था।
• इसके गभर्गह
ृ म� ऋषभदे व या आ�दनाथ क� म�ू तर् है ।

नोटः राष्ट्रकूट, गंग, चालक्


ु य और चंदेल� ने जैन धमर् को संर�ण
प्रदान �कया था।
जैन धमर्

जैन धमर् के �व�भन्न सम्प्रदाय

श्वेताम्बर �दगम्बर

पज
ु ेरा या स्थानकवासी बीसपंथी तेरापंथी समैयापंथी
डेरावासी
जैन धमर्
जैन सभाय� या संगी�त

प्रथम जैन संगी�त

समय स्थान अध्य� प�रणाम


1. 12 अंग� का संकलन
चतुथर् शताब्द� पाट�लपुत्र स्थलभ
ू द्र 2. श्वेताम्बर और
ई.पू. �दगम्बर म� जैन धमर्
का �वभाजन
जैन धमर्
जैन सभाय� या संगी�त

द्�वतीय जैन संगी�त

समय स्थान अध्य� प�रणाम


जैन आगम सा�हत्य का
513 ई. वल्लभी दे व�धर्गण संकलन
12- अंग
या 12- उपांग
�माश्रवण 10- प्रक�णर्
6- धेयसूत्र
4- मूलसूत्र
जैन धमर्

जैन तीथ�कर� के प्रतीक


तीथ�कर प्रतीक
ऋषभदे व या आ�दनाथ वष
ृ भ
अिजतनाथ गज
सम्भवनाथ अश्व
अ�भनन्दन नाथ क�प
सुम�तनाथ क्र�च
पद्मप्रभु पद्म
सुपाश्वर्नाथ स्वािस्तक
जैन धमर्

जैन तीथ�कर� के प्रतीक


तीथ�कर प्रतीक
चन्द्रप्रभ चन्द्र
स�ु व�धानाथ मकर
शीतलनाथ श्रीवत्स
श्रेयांसनाथ ग�डा
पूज्यनाथ म�हष
�वमनाथ वाराह
अनन्तनाथ श्येन
जैन धमर्

जैन तीथ�कर� के प्रतीक


तीथ�कर प्रतीक
धमर्नाथ वज्र
शािन्तनाथ मग

कुन्थन
ु ाथ अज
अरनाथ मीन
मिल्लनाथ कलश
म�ु नसव्र
ु त कूमर्
जैन धमर्

जैन तीथ�कर� के प्रतीक


तीथ�कर प्रतीक
ने�मनाथ नीलोत्पल
अ�रष्टने�म शंख
पाश्वर्नाथ सपर्फण
महावीर �संह
जैन धमर्

Thank
You!

You might also like