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जम्मू और कश्मीर

• रऊफ - कश्मीर घाटी की महिला लोक द्वारा

• दमाली / दमबाली - पुरुषोों द्वारा; कुछ के हिशेष अिसरोों को छोड़कर


लुप्त िोती िै सूफी सोंत

• दुमिल - िटल जनजाहत के पुरुषोों द्वारा

• हिकत

रऊफ दमाली दुमिल


लद्दाख
• जबरो - चोंगपस द्वारा हकया गया। लोसार (हतब्बती नि िषष) का
अहिन्न अोंग

• चम - लद्दाख में बौद्ध समारोिोों के घटक

• शोोंडोल - लद्दाख का शािी नृत्य;

• स्पो, कोशन, लनाष

जबरो चम शोोंडोल
हिमाचल प्रदे श
• चारबा - दशिरे के दौरान

• छम - बौद्ध हिक्षुओ ों द्वारा

• थोडा - माशषल आटष पर आधाररत, तीरों दाजी का नृत्य

• नाटी, डाोंगी, चापेली, झोरा, झाली, झमाखरा

नाटी डाोंगी
उत्तराखोंड
• िोहटया नृत्य, डाां डला, चामफूली, धुसाका और धुरांग, बदरा नाटी

• छोहलया नृत्य - वििाह के जुलूस में लड़क ां और पुरुष ां द्वारा

• पाोंडि नृत्य - दशहरा और दीपािली के दौरान

• थारू नृत्य - नि-वििावहत ज ड़े का स्वागत करने के वलए

• चाोंचरी - गढ़िाल और अल्म ड़ा क्षेत्र से सांबांवधत है

• झ ड़ा नृत्य - ह ली के दौरान विशेष रूप से

• हरवकया बाउल - बुिाई के मौसम के दौरान सामुदावयक नृत्य


पाोंडि

छोहलया चाोंचरी
पोंजाब
• िाोंगड़ा

• हगद्दा - महिला, पुरुष िाोंगड़ा की समकक्ष

• झम
ू र - हतब्बल हसखोों द्वारा। फसल नृत्य! िहथयारोों का आों दोलन
सबसे मित्वपूर्ष िै । बलूहचस्तान के व्यापाररयोों द्वारा िारत में लाया
गया ।

• हकक्कली

हकक्कली
िाोंगड़ा हगद्दा
िररयार्ा
• लूर - लड़हकयोों द्वारा

• फाग - कृहष लोक द्वारा

• गुग्गा - िक्ति - गुग्गा पीर

• झम
ू र, डीएएफ, धमाल, खोररया

लूर
उत्तर प्रदे श
• रासलीला - राधा कृष्ण और गोहपयोों के आसपास

• नौटों की, कजरी

• दादरा - अधष शास्त्रीय रूप; लखनऊ क्षेत्र के दरबाररयोों में लोकहप्रय


िै

रासलीला
राजस्थान
• घूमर - शुरुआत में िील जनजाहत की महिलाओों द्वारा

• कालबेहलया - नागोों के समान चलता िै । ‘बीन’ लोकहप्रय िाद्ययोंत्र।

• तेरि ताली, कच्छी घोड़ी, चरी, गायर, काठपुतली, नेजा, झूलन लीला,

• झुमा, ग़पाल, सुसीनी, भािई

घूमर कालबेहलया कच्छी घोड़ी


गुजरात
• गरबा - निरात्रो के दौरान; गरबा का तात्पयष 'गबष दीप' से िै - हमटटी
का कटोरा हजसमे छे द िो, दीपक जलाया जाता िै और महिलाएँ एक
घेरे में नृत्य करती िैं

• डाोंहडया रास - लाठी का इस्तेमाल हकया जाता िै ; दुगाष और


महिषासुर के बीच लड़ाई को दशाषया गया िै

• ििई, हतप्पनी जुरी ों, हूडो

गरबा डाोंहडया रास


मिाराष्ट्र
• लािर्ी,

• कोली - क ली विशर ल क द्वारा

• लजीम, गफा, नकटा, दवहकाला, दासाितार या ब हड़ा

लहजम लािर्ी
• छाऊ
ओहडशा
• सांगीत नाटक अकादमी 8 शास्त्रीय नृत्य ां क मान्यता दे ती है , जबवक सांस्कृवत मांत्रालय
उस सूची में छऊ नृत्य क भी मान्यता दे ती है ।
• माशषल, आवदिासी और लोक परां पराओां के साथ अधध शास्त्रीय
• छाया मीहनहनग छाया से उत्पन्न ह ता है । ज रदार माशधल आां द लन। आमतौर पर
इस्तेमाल ह ने िाले मुखौटे और पौराविक कहावनय ां पर आधाररत। 3 मुख्य शैवलयााँ :
– मयूरिोंज छऊ - ओहडशा
– सरायकेला छऊ - झारखोंड
– पुरुहलया छाऊ - पहिम बोंगाल

• 2010 में मानिता की अमूतष साोंस्कृहतक हिरासत की यूनेस्को प्रहतहनहध सूची में
अोंहकत हकया गया।
ओहडशा
• पाइका - दहक्षर्ी ओहडशा का माशषल लोक नृत्य। शब्द पाइका सोंकेत
करता िै – लड़ाई

• डों डा-जात्रा (डों डा नाटा) - िारत की प्राचीनतम लोक कलाओों में से


एक िै । केिल पुरुषोों द्वारा। दों ड काल के दौरान दे िी काली और
िगिान हशि की प्राथषना की जाती िै

• दल्खई - ज्यादातर दशिरे के दौरान

• मुनारी, सािरी, घुमारा, झुमर।

डों डा-जात्रा पाइका


पहिमी बोंगाल
• गम्भीरा, कीतधन नृत्य, अलकप, ढली, जात्रा, ड मनी, धूनाची, पुरुहलया
छऊ

पुरुहलया छऊ अलकप
झारखण्ड
• पाइका, सरायकेला छऊ
• मुोंडारी नृत्य - आमतौर पर नि हििाहित, मुोंडारी जनजाहत को मनाने
के हलए
• दमक झम ू ता, दमकच
• जनानी झुमर - खेती के दौरान
• – कटाई के बाद
• करम नाच - कदम िृक्ष पूजा, छोटा नागपुर का पठार
• वझका, रां गा, बार आ

मदाषना झुमर करम नाच मुोंडारी नृत्य


हबिार
• जाट-जहतन - हिशेष रूप से हमहथला क्षेत्र में। स्नेि और झगड़ा का
प्रहतहनहधत्व करता िै , शादीशुदा जोड़े की!

• हबदे हसया - सामाहजक कुरीहतयोों पर

• जुमेरी - गुजराती गरबा के समान

• िगुआ, पनकी, बाख -बखैन, वबरहा

• स हर - बच्चे के जन्म पर

• वझवझया - बाररश के हलए

जाट-जहतन
मध्य प्रदे श
• जिारा - फसल नृत्य, बुोंदेलखोंड क्षेत्र। इसमें जिारा की टोकरी को
सोंतुहलत करना शाहमल िै ।
• मटकी - महिलाओों का एकल नृत्य - हसर पर हमट्टी के कलश का सोंतुलन।
िेररएों ट -आडा नाच, खाडा नाच

• िूल पवत - अहििाहित लड़हकयाँ

• विडा, चरकुला

जिारा मटकी
छत्तीसगढ़
• गौर माररया - बाइसन हॉनध माररया जनजावत के पुरुष और मवहलाएां ।
नकल! बाइसन का आां द लन।

• राउत नाच - यादि समुदाय द्वारा, वदिाली के दौरान

• पांथी - सतनामी समुदाय द्वारा, गुरु घासीदास के भक्त

• सैला, सुआ, गेंडी

गौर माररया राउत नाच पोंथी


हसक्तक्कम
• हसोंघी छम (स्नो लायन डाोंस) - कोंचनजोंगा चोटी को श्रद्धाोंजहल

• चू िात - चू का अथध है बिध की श्रेिी, िाट का अथध है पूजा

• याक छम, ररचुन्मा, मारुिी

हसोंघी छम याक छम
अरुर्ाचल प्रदे श
• अजी लामू, चल , हिरर क्तखहनोंग, प पीर, प ग
ां , पासी कोोंगकी, रे खा पडा,
र पनी

अजी लामू
नागालैंड
• चाोंग लो (सुआ लुआ), खांबा वलम

• रों गमा (बाँस नृत्य) - नागास का युद्ध नृत्य

• जेहलयाोंग, खैिा

चाोंग लो जेहलयाोंग
महर्पुर
• थाोंग ता - माशषल डाोंस। थाोंग - तलिार, ता - िाला

• पुोंग चोलोम (डर म डाोंस)

• लुित हफजक डाोंस

• हशम लाम नृत्य (फ्लाई डाोंस)

• राखाल, नट राश, महा राश, रौखत

थाोंग ता पुोंग चोलोम


महर्पुर

लुित हफजक डाोंस हशम लाम नृत्य


हमजोरम
• चेरि नृत्य - बहुत पुराना, बाँस की छहड़याँ।

• जांगाल्टम, सरलामकाई / स लवकया, चैलम

चेरि नृत्य
मेघालया
• लािो, शाद सुक माइां सीम, बगला, नोोंगक्रेम डाोंस

लािो नोोंगक्रेम डाोंस


हत्रपुरा
• हबजहू - वबहू का मतलब 'चैत्र-सांक्ाां वत' है , ज बांगाली कैलेंडर िषध का अांत
है ।

• गररया - खुशहाल िसल के वलए।

• िोंगला नृत्य – कटाई के बाद।

• लेबाोंग बूमानी, िोजाहगरी, हिक-िॉक

िोजाहगरी िोंगला
असम
• हबहू - समूि में पुरुष और महिलाएों । रै हपड िैं ड आों दोलन।

• बगरुम्बा (हततली नृत्य) - बोडो समुदाय।

• दे िउठनी - नाग दे िता मनसा की पूजा।

• भ र ताल नृत्य, झुमुर (चाय िाले), नटपूजा, वबछु आ,

• ह बजाई

हबहू बगरुम्बा
गोिा
• तारों गमेल - दशिरा और िोली के दौरान। िेशिूषा जैसे इों द्रधनुष का
उपयोग और रों गीन झोंडे।

• फुगड़ी - महिलाओों द्वारा त्योिारोों के दौरान, कोोंकर् क्षेत्र में।

• धनगर - निराहत्र के दौरान।

• डे खनी, धलो, कुन्बी, र म्टा मेल, क रे वडन्ह , भांडाप,

• घ डे म दनी, रिमले , ग ि, दशाितार

फुगड़ी डे खनी
कनाषटका
• यक्षगान - पौराविक कहावनय ां और पु राि ां पर आधाररत नृत्य नावटका का
पारां पररक रां गमांच रूप।

• गुहड़या कुहनथा - कुवनथा का अथध है अनुष्ठान नृ त्य। शे िडध समुदाय द्वारा कुरुबा
कहा जाता है ।

• पाटा कुहनठा - मैसूर क्षेत्र। पुरुष ां द्वारा धावमधक नृत्य। लांबे समय का उपय ग

• बाां स के खांभे ररबन (पाटा) से सजाए गए हैं ।

• सुवग कुवनथा, पूजा कुवनथा (बैंगल र)

• िीरगसे, िूथा आराधने, कामसले (मैसूर)

यक्षगान कुहनठा
आन्ध्र प्रदे श
• बुरषकथा / जांगम कथा - नृत्य कथन

• बुट्टा बोम्मलू - बुट्टा का अथष िै टोकरी क्तखलौने। नतषक मास्क की


तरि क्तखलौना पिनते िैं । पहिम गोदािरी हजला।

• कोलट्टम / क लानालु - छड़ी नृत्य

• आों ध्र नाट्यम, िीरा नाट्यम (िीरभद्र)

• मथुरी - आहदलाबाद हजले की मथुरी जनजाहत द्वारा

• गरलू , बथकम्पा (वििाह), भामकल्प, लमबाड़ी,

• धीम्सा, दप्पुबघम
आन्ध्र प्रदे श

बुरषकथा

कोलट्टम
आों ध्र नाट्यम
तेलोंगाना
• पेररनी हशिताोंडिम - पुरुषोों द्वारा हिहशष्ट् युद्ध नृत्य।

• बुरषकथा / जांगम कथा - नृत्य कथन।

• चोंदू िगितम।

• दप्पू नृत्य, लम्बाडी, ढीमसा, मयूरी।

• गुसाड़ी - ग ड
ां ु लु जनजावतय ां द्वारा

• थ लू ब म्मलता - छाया कठपुतली

लम्बाडी
पेररनी हशिताोंडिम
केरल
मुहदयेट्टू
• अनुष्ठान वथएटर और केरल का नृत्य नाटक।

• दे िी काली और राक्षस दाररका के बीच लड़ाई की पौराविक कहानी पर


आधाररत है ।

यूनेस्को की प्रहतहनहध सूची


2010 में मानिता की अमूतष
साोंस्कृहतक हिरासत।
केरल
• महयलाट्टम - केरल और तहमलनाडु । मय्यल का अथष मोर (मोर नृत्य) िै ।

• कुम्मी - केरल और तहमलनाडु । पोोंगल और त्योिारोों के दौरान


महिलाओों द्वारा। कोई सोंगीत निी ों, लयबद्ध ताली पर नृत्य।

• कैकोहट्टकली - फसल का जश्न मनाने के हलए ओर्म में मोंहदर नृत्य।

• पडायनी - दहक्षर् केरल के मोंहदरोों में माशषल नृत्य। पडायनी का अथष िै


इन्फैंटर ी / सैहनकोों की पोंक्तियाँ । नतषहकयाँ हिशाल मुखौटे (कोलाम)
पिनती िैं ।

• क पाली-पररचकली - दहक्षर् केरल और लक्षद्वीप में माशषल नृत्य। कोल-


छड़ी, पररचा - ढाल। नकली िहथयारोों के साथ लड़ाई लड़ाई अनुक्रम।

• थेयम, कूदीयाट्टम, ओप्पाना, ओट्टम थूलाल, िे लकाली


केरल

कुम्मी
महयलाट्टम
पडायनी
तहमलनाडु
• महयलाट्टम, कुम्मी, बोम्मई अट्टम (कठपुतली शो)।

• थोल पािई कुथु - 400 साल पुरानी कला, डे सषहकन / बकरी की


त्वचा की कठपुतहलयाँ इस नृत्य का प्रदशषन करती िैं ।

• काराकट्टम - िषाष दे िी मररयममन की प्रशोंसा की जाती िै ।

• पुवलयाट्टम (बाघ नृत्य)।

• प इक्कल कुवदराई आट्टम (डमी घोड़ा नृत्य)।

• काई हसलम्बु अट्टम, दे िाराट्टम, पराई अट्टम, कािड़ी अट्टम,

• अवयलतम्।
तहमलनाडु

पािई कुथु काराकट्टम , पराई अट्टम

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