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ABOUT ME

▪ Appeared for RAS interview 2012

▪ Appeared for RAS mains 2016

▪ Appeared for UPSE mains 2016

▪ Appeared for RAS mains 2018

▪ I have been teaching for different


RPSC exams since 2016
Suresh Purohit
2
ग- 4
मं दर - 47
हवेली - 83
छत रयां - 92
महल - 98
मीनार, तंभ - 113
बाव ड़यां - 119
दरगाह - 129

लोकनृ य - 141
लोकना - 182
र मत, याल, फड़, लीलाएं
ह त श प - 203
च कला - 225
सा ह य - 264
बो लयां - 328
लोकवा - 348
लोक जा तयां, घराने - 364
लोक गायन शै लयां - 372
लोकगीत - 376
जनजा त - 388
संत सं दाय- 410
राजस्थान की स्थापत्य कला
❑ मंदिर
❑ बावडिया
❑ हवेली एवं छतररया
❑ ककले
❑ मस्स्जि एवं िरगाह
❑ महल
❑ मीनारे एवं स्तम्भ
3
िग
ु ग स्थापत्य
• दर्
ु ग निर्मगण की परम्परम पर् ू ग र्ध्यकमल
• लर्भर् प्रत्येक जिपद
• एक र्णिम के अिस ु मर रमजस्थमि र्ें 250 सेज्यमदम
• भमरत र्ें ककलो कम स्थमपत्य र्मस्तुकलम के हिसमब
• कौहिल्य एर्ं शक्रु िे दर्
ु ग र्ित्र् को रे खमंककत
• कई दर् ु ग ऐसे िै जजसर्े एक से ज्यमदम वर्शेषतमएं
ववशेषताएं
• सुदृढ़ प्रमचीर
• ककले के चमरो तरफ र्िरी खमई
• र्ुप्त प्रर्ेश द्र्मर
• ससलिरखमिम (शस्रमर्मर )
• जलमशय एर्ं पमिी के िमाँके
• रमजप्रसमद (र्िल )
• अभेद्य बज ु े
• र्ंहदर एर्ं र्जज्सद
• वर्शमल परकोिम 4
• शक्र
ु नननत में िग
ु ग के 9 प्रकार बताये है

• कौदिल्य ने िग
ु ग के 4 प्रकार बताये है

• मनुस्मनृ त में िग
ु ग के 6 प्रकार बताये गए है

5
िग
ु ग के प्रकार
जल िग ु ग -
• ऐसम दर् ु ग जो जल रमसश से निरम िो
• जैसे -र्मर्रोि कम ककलम
धान्वन िग ु ग -र्रू भूसर्
• जैसलर्ेर कम ककलम
वन िग ु ग -कमंिेदमर र्क्ष ृ ों से निरम िो
• ससर्मिम कम दर् ु ग
पारीख िग ु ग
• जजसके चमरो तरफ र्िरी खमई िो
• लोिर्ढ दर् ु ग
गगरी िग ु ग
• एकमंत र्ें ककसी दर् ु र्
ग पिमड़ी पर जस्थत िो
• र्ेिरमिर्ढ़ एर्ं रणथम्भोर
एरण िग ु ग
• खमई,कमाँिों एर्ं पथरो
• चचतोड़र्ढ़ दर् ु ग एर्ं जमलोर दर्ु ग
6
जल िग
ु ग
• गागरोन का ककला

• शेरगढ़ (कोशवधगन )िग


ु ग

• भैंसरोड़गढ़ िग
ु ग

• शेरगढ़ िग
ु ग

7
जल िग
ु ग
गागरोन का ककला
• आिु एर्ं कमलीससंध
• डोड (परर्मर )रमजपत
ू ो द्र्मरम निर्मगण(डोडर्ढ एर्ं धूलरर्ढ़ )
• बीजलदे र् (12)
• िमर् -दे र्िससंि (जेतससि )
• संत पीपम एर्ं अचलदमस खींची यिमाँ प्रर्ख
ु शमसक
• 1303 -अलमउद्दीि खखलजी कम असफल आक्रर्ण
(जेतससि को िरम ििीं पमयम )
• िर्र्ीर्ुद्दीि चचस्ती -खुरमसमि -र्ीठे शमि की दरर्मि
• संत पीपम -रमर्मिंद के सशष्य
• रमजपमि त्यमर्म
• छतरी
8
गागरोन का शाका -
• 1423 -िोशंर्शमि (र्मंडू ) बिमर् अचलदमस खींची
• र्ीरर्नत -अचलदमस
• जौिर -उर्मदे
• युद्ध कम र्णगि -अचलदमस खींची री र्चनिकम
• लेखक -सशर्दमस र्मडण
अन्य -
• शेरशमि सूरी कम आर्र्ि
• अकबर कम ठिरमर् -चचत्तौड़र्ढ़ दर् ु ग पर आक्रर्ण से पर्
ू ग
• बीकमिेर शमसक पथ्ृ र्ीससंि -र्ेळी ककसि रुक्र्खण की रचिम
ननमागण कायग -
• कोिम ररयमसत की ससक्के ढमलिे की िकसमल
• संत पीपम की छतरी
• र्ीठे शमि की दरर्मि
• झसलर्कोि -झसलर्ससि
• बुलंद दरर्मजम -औरं र्जेब
9
शेरगढ़ (कोशवधगन )िग ु ग
• परर्मि िदी के ककिमरे
• बमंरम
• शेरशमिसरू ी के िमर् पर
• कई अचधपत्य
- डोड परर्मर खींची चौिमि
सेरशमिसूरी र्ुग़ल
बरखेड़ी शशलालेख(791 ) -
• कोषर्द्गधि
• दे र्दत्त
• िमर्र्ंश शमसक
• बौद्ध र्ठ
११ वी शताब्िी -
• परर्मर शमसक भोज
14 वी शतब्िी
• खींची चौिमि
• कोिम के हदर्मि झसलर्ससि -झमलमओ की
िर्ेली 10
भैंसरोड़गढ़ िग
ु ग
• गितोड़गढ़

• िम्बल एवं बामनी नदियों के संगम

• व्यापारी-भेसाशाह

• राजस्थान का वेल्लोर

• अभेद्य िग
ु ग -जेम्स िॉि

• अलाउद्िीन ने अगधकार कर सभी भवनों को

तुड़वाया

11
शेरर्ढ़ दर्
ु ग
• धौलपुर

• िम्बल निी के ककनारे

• कुषाण वंश के शासक -मालिे व

• जनश्रुनत -शेरशाह सूरी

• कीरतशसंह की राजधानी

• ववशाल हुंनहुनकर तोप

12
धान्वन िग
ु ग
• जैसलमेर िग
ु (ग सोनारगढ़ )

• नागोर का ककला

• िूरू का ककला

• भिनेर का ककला

• जूनागढ़ िग
ु ग (बीकानेर िग
ु )ग

13
जैसलमेर िग
ु (ग सोनारगढ़ )
• भमिी शमसक
• रमर् जैसल (12 र्ी )
• पिमड़ी पर लंर्र डमले जिमज
• 99 बुजग
• त्ररकूिकृनत
• यि त्रबिम चि ु े के ससफग पत्थर रखकर बिमयम
• छत -लकड़ी की बिी
शाका
• ढमई शेक
प्रथम -
• 1296-1316
• र्ूलरमज बिमर् अल्लुद्दीि खखलजी
• अलमउद्दीि वर्जयी
द्ववतीय
• दद ू म बिमर् किरोजशमि तुग़लक़ (1351-1388)
• हदिमंक को लेकर एकर्त ििीं
14
तीसरा
• अद्गध शमकम
• 1550
• रमर् लूणकरण बिमर् कंधमर के आसर्र अली
• वर्रो िे केसररयम लेककि जोिर ििीं
अन्य
• जजिभद्रसूरी ग्रन्थ भंडमर
• दस
ू रम सबसे बड़म सलवर्ंर् फोिग
• कर्रकोि(पमड़म) -दोिरम परकोिम
• बमदल वर्लमस एर्ं जर्मिर वर्लमस

15
नागोर का ककला
• 1211 -सामंत कैमास
• िौहानो की आरं भ राजधानी
• वीर अमरशसंह राठोि की शौयगगाथा
• 1570 नागोर िरबार

िरू
ू का ककला

• 1739 ठाकुर कुशालशसंह द्वारा

• 1814 -शशवशसंह बनाम अंग्रेज

• िांिी के गोले
16
भिनेर का ककला
• हनम
ु ानगढ़
• उत्तरी प्रवेशद्वार का रक्षक
• भट्िी के पत्र
ु भपू त
• 1398 -तैमूरलंग का आक्रमण
• (दहन्ि ू मदहलाओं के जौहर का प्रमाण)
• 1527 बीकानेर शासक राव जैतसी ने
अगधकार
• 1805 में बीकानेर शासक सूरतशसंह ने िग
ु ग
का नाम हनुमानगढ़ रखा

17
जूनागढ़ िग
ु ग (बीकानेर िग
ु )ग
• नीव -बबका की िे करी
• 1485 -बीकाजी द्वारा
• महाराजा रायशसंह -भव्य ककले का ननमागण (37बुज)ग
• उल्लेख -राजशसह प्रशस्स्त
• 1588 रायशसंह द्वारा
• लेखक -जित
ु ा
• आकृनत -ितभ
ु ज
ुग ाकार
• दहन्ि-ू मस्ु स्लम समन्वय
• ननमागण कायग -
• जयमल मेड़नतया एवं पत्ता शससोदिया की मनू तग
• अनुप संग्रहालय उस्ता कला का गित्रांकन 18
चचत्तौड़र्ढ़ दर्
ु ग
• (गित्रकूि िग
ु ,ग गढ़ो का शसरमौर वीरता एवं

शौयग का प्रनतक )

• मेसा के पठार (अरावली पवगत )

• क्षेत्रफल की दृस्टि से सबसे बड़ा ककला

• सशमधेश्वर मंदिर कशलका माता मंदिर

• मौयग राजा -गित्रांगि

• 734 -गुदहल शासक बाप्पा रावल ने जीता

19
तीन शाका
प्रथम -1303
• अल्लमउद्दीि खखलजी बिमर् रमर्ल रतिससि
• केसररयम -रमर्ल रतिससि
• जौिर -पदर्मर्ती (पद्सर्िी )
• वर्शेष -र्ोरम एर्ं बमदल की र्ीरर्नत
• िमर् पररर्तगि -खिजखम
• अधीि -र्मलदे र् (जमलोर )
द्द्ववतीय -1534
• बिमदरु शमि (र्ुजरमत ) बिमर्'र्िमरमणम
वर्क्रर्महदत्य
• केसररयम -रमर्त बमिससंि
• जौिर -रमिी कर्मगर्ती
तीसरा 1567
• अकबर बिमर् उदयससंि
• केसररयम -जयर्ल र्ेड़नतयम ,फत्तम एर्ं कल्लम
• जौिर
20
ननमागण कायग -
• सात अभेद्य द्वार
• रावत बाघशसंह का स्मारक
• ववजय स्तम्भ
• गोरा बिल के महल
• सातबबश िे वरी मंदिर
• जैन कीनतग स्तम्भ
• रानी पद्शमनी का महल
• जयमल की छतरी (6 खंभे )
• कल्ला राठोि की छतरी (4 खंभे )
• लाखोिा की बारी
अन्य
• राजस्थान का सबसे बड़ा शलववंग फोिग
• यूनेस्को ववश्व धरोहर स्थल (2013 )

21
कुम्भलगढ़ िग
ु ग
• राजसमंि (अरावली)

• प्रािीन िग
ु ग - मौयग शासक सम्प्रनत

• 1448 -कुम्भा द्वारा पन


ु ननगमागण

• शशल्पी -मंिन

• इसकी प्रािीर-36 ककमी

• मेवाड़ की संकिकालीन राजधानी

22
ननमागण कायग -
• किारगढ़ -लघु िग ु ग (मेवाड़ की आँख )
• झाली रानी का माशलया
• झालीबाब बावड़ी
• मामािे व का कंु ि
• कंु वर पथ्
ृ वीराज की छतरी (उड़ना राजकुमार )
• कुम्भस्वामी ववटणु मंदिर
अन्य -
• उियशसंह का राज्याशभषेक
• महाराणा प्रताप जन्म
• अबुल फजल -यह इतना बुलंिी पर बना है की ननिे से
ऊपर िे खने पर सर से पगड़ी गगर जाती है
• कनगल जेम्स िॉि -कुम्भलगढ़ की तुलना एट्रुस्कान से की
है (बुजग एवं प्रािीर )

23
रणथम्भोर िग
ु ग (रं त परु )
• सवाई माधोपुर
• थम्भोर पहाड़ी (अरावली )
• रणथम्भन िे व
• गोववंिराज (िौहान वंश का शासन )
• शाका 1301
राजस्थान का प्रथम शाका
• अलाउद्िीन खखलजी बनाम हम्मीरिे व
• केसररया -हम्मीरिे व
• जल जौहर -

24
ननमागण -
• गणेश मंदिर
• नौलखा िरवाजा
• अँधेरी िरवाजा
• जोहर महल
• बत्रनेत्र
• 32 खम्बो की छतरी
अन्य
• अबुल फजल -अन्य सब दर्
ु ग िंर्े िै लेककि यि
दर्
ु ग बख्तरबंद िै

25
मेहरानगढ़ िग
ु ग
• जोधपुर,(गिडियािुंक पहाड़ी)
• मयरू ध्वज ,गढ़ गिंतामखण
• 1459 -राव जोधा
• गगरी सम ु ेल यद्
ु ध -शेरशाह सरू ी ने अगधकार
• 1565 में अकबर का अगधकार (हसन कुली खां )
• 1674 -औरं गजेब ने खालसा भूशम
शौयग -
• वीर शशरोमखण िग ु ागिास
• कीरतशसंह सोढा
• धन्ना एवं भीवा (10 खम्भों की छतरी )
• मानशसंह पुस्तक प्रकाश पुस्तकालय
• मोतीमहल ,फूलमहल
• शसणगार िौकी
• रानीसर एवं पिमसर तालाब

26
आमेर िग
ु ग
• मीणाओं का शासन
• 1592 -राजा मानशसंह प्रथम
• 1707 -मोशमनाबाि -बािशाह बहािरु शाह
ननमागण स्थल
• शीशमहल ,शशलामाता का मंदिर
• जगत शशरोमखण मंदिर
• दिलाराम का बाग़ ,मावठा जलाशय
• यश मंदिर ,शोभाग्य मंदिर ,सुख मंदिर
• 2013 -यूनेस्को की ववश्व धरोहर

27
जयगढ़ िग
ु ग
• गिल्ह का िोला (रहस्मयी िग
ु ग )
• 1600 मानशसंह प्रथम ने ननमागण करवाना प्रारम्भ
• सवाई जय शसंह ने पूणग (वास्तववक शासक )
• पानी एकत्र करने की खास तकनीक
ननमागण कायग
• ववजयगढ़ी -लघु िग
ु ग
• तोपे ढालने का कारखाना
• जयबाण तोप -सवाई जयशसंह (20 कफि लम्बी नाल )
• राजकोष

28
नाहरगढ़ (सि
ु शगनगढ़ )
• जयपुर (जयपुर का पहरे िार )

• सवाई जयशसंह -1734

• मराठो के ववरुद्ध सरु क्षा

• लोकिे वता -नाहरशसंह भोशमया

ननमागण कायग -

• 9 महल (पासवान )-माधोशसह 2

29
जालोर िग
ु ग
• सुवणगगगरर (सुकड़ी निी )
• प्रनतहार नरे श -नागभट्ि प्रथम
• सोनगरा शासक
शाका (1311 -12 )
• अल्लाउद्िीन बनाम कहानिद्िे सोनगरा
• पिमनाभ -कहाँििे व प्रबंध
• वीरमिे व सोनगरा री वात
ननमागण कायग
• मस्ल्लक शाह की िरगाह
• तोप मस्स्जि
30
तारागढ़ िग
ु ग (गड़बबढली )
• अजमेर

• 7 वी -अजयपाल

• पथ्
ृ वीराज की रानी तारा के नाम

ननमागण -

• मीरा साहब की िरगाह

• घोड़े की मजार

• बबशप हे बर -िस
ू रा स्जब्राल्िर

31
सोजत िग
ु ग
• नानी शसरिी पहाड़ी
• सोजत (पाली)
• जोधा के पुत्र ननम्बा (1440 )
अन्य -
• जालोर के सोनगरा का शासन
• मंिोर के राव रणमल
• कुम्भा का आगधपत्य
• मालिे व ने परकोिे का ननमागण

32
शसवाना का ककला(कुम्थाना )
वीर नारायण पंवार

हल्िे श्वर पहाड़ी (बाड़मेर )

संकि काल में जोधपरु शासको की शरण स्थली

जैसे =गगरी सम
ु ेल यद्
ु ध में मालिे व

िन्रसेन

प्रथम शाका (1308 )

सातलिे व सोनगरा बनाम अल्लाउद्िीन खखलजी

(भांिल
े ाव तालाब घिना ) 33
अिलगढ़ िग
ु ग
• आबू (शसरोही )
• प्रतापी शासक (परमार वंश)-धारा
• 1311 -िे वड़ा वंश का शासन -लुम्बा
• 1450 -52 -कुम्भा ने िगु ग का जीणोद्वार
• गुरत के सुल्तान महम्मूि बेगड़ा ने
आक्रमण
• मधुमस्खखयों का आक्रमण
• भँवराथल
बसंतगढ़ िग
ु ग
• शसरोही
• महारणा कुम्भा
• गजु रात के मस्ु स्लम आक्रांताओं को रोकने के
शलए
• सूयग मंदिर एवं ित्तात्रेय का मंदिर
• खींवल माता का मंदिर
34
बाला ककला (अलवर )
• अलपुर -अलघुराय
• साल्व एवं ननकुम्भ का आगधपत्य था

काकनवाड़ी िग
ु ग
• सररस्का अभ्यारण्य (अलवर )
• राजनननतक बंदियों एवं युद्धबंदियों को रखा जाता था
• जयपरु के सवाई जयशसंह
• औरं जेब ने अपने भाई िारा शशकोह को कैि में रखा
• अलवर के संस्थापक -प्रतापशसंह का शासन
भानगढ़ िग
ु ग नीमराना का ककला
• पंिमहल
• अलवर • पथ्
ृ वीराज िौहान के वंशजो का शासन-
• जयपुर के माधोशसह तत ृ ीय राजधानी 35
तारागढ़ िग
ु ग
• बंिू ी (star)
• बूंिी के वंशज -राव बरशसह (1354 )
• कनगल जेम्स िॉि -सभी रजवाड़ो में
• 1559 -सरु जन हािा द्वारा मगु लो का आगधपत्य
• ननमागण कायं
• छत्र महल
• अननरुद्ध महल
• गित्रशाला -उम्मेि शसंह

िौसा का ककला
• िे वगगरर पहाड़ी
• िल
ु हराय
36
बयाना िग
ु ग
• (ववजयमंदिरगढ़ )

• महाराजा ववजयपाल (1040 )

• ननमागण कायग -

• ववजय स्तम्भ -समुन्रगुप्त (राजस्थान का प्रथम स्तम्भ )

• उषा मीनार (भीमलाि )-महारजा ववटणुवधगन (राजस्थान की

कुतुबमीनार )
37
बत्रभव
ु न िग
ु ग
• करौली

• बत्रभव
ु नपाल द्वारा ननमागण

भोपालगढ़ िग
ु ग

• खेतड़ी (झंझ
ु न
ु )ू

• ठाकुर भोपालशसंह

• खेतड़ी का हवामहल

• संकीणग प्रशसद्ध

• स्वामी वववेकानि से जड़
ु ा िग
ु ग 38
पारीख िग
ु ग
लोहागढ़ िगु ग
• भरतपुर
• 1733 -महाराजा सरू जमल
• िारो तरफ खाई है जहा -मोतीझील से पानी
• 1765 -अटि धातु का िरवाजा -जवाहरशसंह (लाल ककले)
• जवाहर बुजग का ननमागण
• 1805 -लािग लेक का आक्रमण
• कारण -जसवंतराव जलकर को शरण िे ना -रणजीतशसंह
• जीत नहीं पाए -संगध
• 1825 -लािग कॉम्बरमेर के नेतत्ृ व में अंग्रेजो ने अगधकार -िज
ु न
ग राव
• ननमागण कायग -
• किहरी कला -18 मािग 1948
• मत्स्य संघ का उद्घािन -सरिार पिे ल
• ककशोरी महल
• जवाहर बज ु ग • वजीर की कोठी
• कोठी खास • गंगा मंदिर
• िािी माँ का महल • लखसमन मंदिर 39
स्थल िग
ु ग

• अकबर का ककला

• माधोपरु का ककला

• िूरू का ककला (धान्वन एवं स्थल )

• िोमू का ककला

• नागोर का ककला (धान्वन एवं स्थल िग


ु ग )

40
अकबर का ककला
• (मेगज़ीन का ककला )
• 1570- अकबर
• अजमेर
• दहन्ि-ू मुस्स्लम शैली
• घिना -
• 1576 -हल्िी घािी युद्ध की रणनीनत
• जहाँगीर से िॉमस रो की मल ु ाकात(10 Jan 1616)
• लािग कजगन -राजपुताना म्यूस्जयम
माधोराज का ककला
• माधोशसह प्रथम
• सवाई माधोपरु
िोमू का ककला
• ठाकुर करणशसंह
• हवा मंदिर -माधोशसह
41
र्हदर स्थमपत्य

मदिर स्थापत्य मंदिर शैली राजस्थान के मंदिर

• प्रारं शभक मंदिर • स्जला िशगन

• गुजरग प्रनतहार

• मारु गुजरग

• भशू मज शैली

42
• भारत में मंदिर स्थापत्य कला की शरु
ु आत मुख्यतः गुप्त कल से

शरू
ु है

• मंदिर उत्तर भारत ,मध्य भारत एवं िक्षक्षण भारत में अलग प्रकार

से बनाये जाते थे

• अतः मंदिर स्थापत्य की तीन शैशलयों का कालांतर में ववकास

हुआ

1. नागर शैली

2. बेसर शैली

3. रववड़ शैली 43
नागर शैली के मंदिर
• उत्तर भमरत के र्ंहदर

• र्ुख्यत राजस्थान ,मध्यप्रिे श ,उत्तर प्रिे श

एर्ं ओडिशा के र्ंहदर जमते िै

• राजस्थान में नगर शैली के तीन उपरूप है

1. गुजरग प्रनतहार शैली

2. मारु गज
ु रग शैली (सोलंकी शैली )

3. भशू मज शैली

44
राजस्थान के मंदिरो की ववशेषताएं-
• अत्यंत समद्
ृ ध

• तोरण -प्रवेश द्वार

• उपमंिप

• मंिप -ववशाल आँगन

• गभ
ृ गह
ृ -मूल मंदिर

• शशखर

• पि -प्रिक्षक्षणा -मंदिर के िारो और का गशलयारा

45

अगधटठान - र्ल
ू आधमर, जजस पर सम्पण
ू ग भर्ि खड़म ककयम जमतम िै ।
▪ शशखर - र्ंहदर कम शीषग भमर् अथर्म र्भगर्ि
ृ कम उपरी भमर्
▪ कलश - सशखर कम शीषगभमर्, जो कलश िी यम कलशर्त ् िोतम िै ।
▪ आमलक - सशखर के शीषग पर कलश के िीचे कम र्तल
ुग मकमर भमर्
▪ ग्रीवा - सशखर कम ऊपरी ढलर्माँ भमर्
▪ कपोत - ककसी द्र्मर, खखड़की, दीर्मर यम स्तंभ कम ऊपरी छत से जुड़म भमर्, कोनिगस
▪ मसरू क - िींर् और दीर्मरों के बीच कम भमर्
▪ जंघा - दीर्मरें (वर्शेषकर र्भगर्ि
ृ की दीर्मरें )

46
राजस्थान में मंदिर ननमागण की शैशलया

1. प्रारं शभक शैली

2. गुजरग -प्रनतहार शैली

3. मरुगुजरग शैली (सोलंकी )

4. भशू मज शैली
47
प्रारं शभक मंदिर
• शशव मंदिर -िराग

• िारिौमा मंदिर -कोिा

• मकनगंज -कोिा

• शीतलेश्वर महािे व मंदिर -झालावाड़

• (प्रािीनतम -नतगथयख
ु त मंदिर )

• कंसुआ मंदिर -कोिा

48
गज
ु रग -प्रनतहार (महामारू )शैली -
• 7 वी -10 वी
• मंिोर के प्रनतहार
• सांभर के िौहान
• गित्तोड़ के मौयाग
• क्षेत्र -मरू से लेकर आभानेरी ,गित्तोड़ ,मेिपाि उपरमाल
मंदिर -
• नीलकंठे श्वर मंदिर -केकीन्ि (मेड़ता )
• सोमेश्वर मंदिर -ककराड़ू
• सूयग मंदिर -ओंशसया
• हररहर मंदिर -ओंशसया
• महावीर मंदिर ओंशसया
• हषगनाथ का मंदिर -सीकर
49
कुछ ववशेष मंदिर भी बने जो गुजरग प्रनतहार
शैली के नहीं है -

• शशव मंदिर -बड़ोली

• सास -बहु मंदिर -नागिा

• जगत अस्म्बका मंदिर -उियपुर

• वमागण मंदिर -शसरोही

50
सोलंकी (मरू गज
ु रग )शैली -

• 11 वी -13 वी

• उत्कृटि मंदिर

• मंदिर बड़े एवं अलंकृत

• प्रमुख मंदिर

• सस्चिया माता मंदिर -ओशसंया

• सशमधेश्वर मंदिर -गित्तोरगढ

• िे लवाड़ा के जैन मंदिर

51
भशू मज शैली
रमजस्थमि र्ें भसू र्ज शैली कम सबसे परु मिम
र्ंहदर पाली स्जले में सेवािी का जैन मंदिर
(लर्भर् 1010-20 ई .) िै ।
• र्ैिमल र्िमिमलेश्र्र र्ंहदर (1075 ई.
• रमर्र्ढ़ (बमरमाँ ) कम भंड दे र्रम
• त्रबजौसलयम कम उण्डेश्र्र र्ंहदर
• झमलरपमिि कम सूयग र्ंहदर
• रणकपरु कम सय
ू ग र्ंहदर
• चचत्तौड़ कम अद्भत
ू िमथ र्ंहदर

52
झालावाड़
• शीतलेश्वर महािे व मंदिर
• चंद्रभमर्म िदी ति
• नतचथयुक्त सबसे प्रमचीि र्ंहदर
• 689 (वर्क्रर् सम्र्त 746 )
• समर्ंत र्प्पक
• पद्मनाभ मंदिर (वैटणव मंदिर )
• समत सिे सलयों कम र्ंहदर
• सय
ू ग र्ंहदर
• सशर् एर्ं वर्ष्णु प्रभमर्
• त्ररर्ख
ु ी सय
ू ग प्रनतर्म
• झमलरमपमिि 53
गित्तोरगढ
सशमधेश्वर मंदिर
• परर्मर रमजम भोज
• र्ोकल जी कम र्ंहदर भी किते िै
श्रंग
ृ ार िवरी मंदिर
• जैि र्ंहदर
• शमंनतिमथ
• कुम्भम के सर्य
सतबीस िे वरी मंदिर
• जैि र्ंहदर
• चचत्तोरर्ढ दर्
ु ग
• 27 दे र्ररयम 54
कुम्भ श्याम मंदिर
• प्रनतिमर कमलीि
• कुम्भम िे जीणोद्र्मर करर्मयम
बड़ोली शशव मंदिर
• परर्मर रमजम िूण
• जेम्स िॉड िे (1821 )खोजम
• भैंसरोड़र्ढ़ दर्
ु ग
• र्ुजरग प्रनतिमर
अन्य मंदिर
• र्ीरम र्ंहदर
• समंर्सलयम र्ंहदर
• र्मतक
ृ ु जण्डयम -र्ेर्मड़ कम िररद्र्मर (लक्सर्ि झूलम ) 55
बांरा
भंििे वरा मंदिर
• कमर्शमस्र
• िमड़ोती कम खजरु मिो
• र्लयर्र्मग
• 10 र्ी
अन्य मंदिर -
1. कमकुिी र्हदर
2. सीतमबमड़ी कम र्ेलम
3. बंसतुडी र्ंहदर
4. र्ड़र्च्च दे र्मलय
56
बाड़मेर
ककरािू के मंदिर
• परर्मर शमसको की रमजधमिी
• ककरमत कूप
• कमर्शमस्र
• रमजस्थमि कम खजरु मिो
• वर्ष्णु एर्ं सशर्े के अर्ंहदर
• 10 वर्
नाकोड़ा मंदिर
• िमकोड़म (बमलोतरम )
• जैि र्ंहदर
• र्ेर्मिर्र कम जैि तीथग
• पमश्र्ग िमथ
अन्य मंदिर
▪ र्जल्लिमथ जी (नतलर्मड़म )
▪ ब्रह्र्म र्ंहदर (आसोतरम )
▪ र्ीरतमतम र्मतम
▪ आलर्जी र्ंहदर 57
भरतपुर
गंगा मंदिर
• बलर्ंत ससंि (1846 )
• र्ुग़ल एर्ं बौद्ध प्रभमर्
उषा मंदिर
• बयमिम
• अनिरुद्ध की पत्िी
• रमिी चचरलेखम
अन्य मंदिर
• लक्सर्ि र्ंहदर

58
बीकानेर
करनी माता मंदिर
• दे शिोक
• चि
ू ों
• सफेद चि
ू म -कमबम
कवपलमनु न का मंदिर
• कोलमयत
मुकाम तलाव
• जमम्भोजी
• वर्श्िोई सर्मज
भांिासर जैन मंदिर
• िी र्मलम र्ंहदर 59
बांसवाड़ा
छींि मंदिर
• 12 र्ी -ब्रह्र्मजी कम र्ंहदर
• तमलमब की पमल -नछं चम दे र्ी
• दे र्ीदमस िे बिमयम
• र्नू तग स्थमपिम -जर्र्मल ससंि
आथन
ूग ा के मंदिर
• 11 -12 र्ी
• र्मर्ड़ के परर्मर रमजम
• र्मंडलेस्र्र र्ंहदर
• चर्ंड
ु मरमज िे बिर्मये
• सशर् को सर्वपगत
बत्रपरु संि
ु री मंदिर
• बमंसर्मड़म
• तुरतई र्मतम -अस्िभज

60
बंि
ू ी
बबजासन माता का मंदिर

• इंद्रर्ढ़

केशवरायजी के मंदिर

• केसरमयपमिि

• रमजम -शरश
ु मल
भीलवाड़ा
• धनोप माता
• हरनी महािे व मंदिर
• सवाई भोज मंदिर
• नतलस्वा मंदिर
61
िूग
ं रपुर
संत मावजी का मंदिर
• सबलम ग्रमर्
• निष्कलंकी अर्तमर
• भील
बेणेश्वर मंदिर
• सशर् कम र्ंहदर
• आहदर्मससयों कम कुम्भ
• र्महि-सोर् -जखर्
गवरी बाई का मंदिर
• र्मर्ड़ की र्ीरम
• सशर्ससंि द्र्मरम निसर्गत 62
जयपरु
जगत शशरोमखण मंदिर
किकमर्ती (र्मिससंि प्रथर् की पत्िी )
पर
ु जर्तससंि की यमद
कृष्णम की र्ूनतग
र्ीरम की र्ूनतग
शशलामाता मंदिर
आर्ेर र्िल
कछर्मिम की आरध्यदे र्ी
र्मिससंि प्रथर् (1604 )
बंर्मल से र्नू तग
63
गोववंििे वजी मंदिर
• 1735
• सर्मई जय ससंि
• र्ौडीय संप्रदमय
अन्य मंदिर
• शीतलम र्मतम -चमकसू
• चूलचर्रर के जैि र्ंहदर
• जर्र्मयर्मतम र्ंहदर -जर्र्मरमर्र्ढ़
• ज्र्मलम र्मतम -जोबिेर
• र्ोती डूर्
ं री र्ंहदर
• त्रबड़लम र्ंहदर
64
जैसलमेर
रामिे वजी मंदिर

• रमर्दे र्रम (पोकरण )

• समंप्रदमनयक सदभमर्

स्वांगगया मंदिर

• भमहियो की कुलदे र्ी

• तिोि र्ंहदर

• थमर की र्ैष्णो दे र्ी

• 1965 -हिन्द ू -पमक स्र्मरक 65


अन्य मंदिर
• अर्र समर्र जैि र्ंहदर
• संभर्िमथ कम र्ंहदर
• तेर्ड़ी रमय र्ंहदर
• लोद्रर्म जैि र्ंहदर

66
उियपरु
अस्म्बका मंदिर
1. जर्त
2. शजक्तपीठ
3. यि रमजस्थमि कम दस
ू रम खजरु मिो
जगिीश मंदिर
1. उदयपरु
2. र्िमरमजम जर्तससंि प्रथर्
3. भर्र्मि जर्न्िमथरमय
4. सपिो से बिम र्ंहदर

67
एकशलंग मंदिर
1. कैलाशपुरी (उियपुर)
2. बाप्पा रावल ,734
3. हीरो का नाग
4. कुलिे वता
ऋषभ िे व मंदिर
1. कोयल निी के ककनारे
2. धुलेव (उियपुर )
3. सभी संप्रिाय के लोग
4. केसर िढ़ाना -केसररया नाथ
5. काला बावजी -भील
सास बहु मंदिर
1. नागिा (उियपुर)
2. बड़ा मंदिर -सास
3. छोिा मंदिर -बहु
68
िोंक
कल्याणजी मंदिर
1. डिग्गी
2. राजा डिग्गा
3. ववटणु की पज
ू ा
4. मुस्स्लम -कलह पीर
अन्य मंदिर-
1. जोधपुररया िे वधाम
2. रामद्वारा सोिा
3. तेशलओ का मंदिर
69
शसरोही
िे लवाड़ा जैन मंदिर
1. सोलंकी शैली
2. 11 -13 वी
3. 14 अखिूबर 2009 -िाक दिकि
4. जेम्स िॉि -ताजमहल के बाि सबसे ज्यािा संूिर
• ववमलवसदह -
1. भीमिे व के मंत्री ववमलशाह
2. शशल्पकार -कीनतगधर
3. 1031 -ऋषभ िे व
• लण
ू वसदह -
1. वीरधवल के मंत्री वास्तुपाल एवं तेजपाल
2. 1230 -31 ई
3. शशल्पी -शोभन िे व
4. नेशमनाथ
70
गौतम ऋवष महािे व मंदिर
1. भरू रया बाबा
2. सक
ु ड़ी निी के ककनारे
3. िोदिला गाँव (शसरोदह )
4. मीणा समुिाय

अन्य मंदिर
1. रशसया बालम मंदिर
2. सारणेश्वर महािे व मंदिर
3. अजारी (मारकंिेश्वर मंदिर )
4. मीरपुर के जैन मंदिर

71
सीकर
खािूश्याम जी का मंदिर
1. भगवन कृटणा
2. शीशिानी बाबा
जीणमाता का मंदिर
1. रे वासा (सीकर )
2. भंवरो वाली माता
हषगनाथ का मंदिर
1. 10 वव
2. गुजरग प्रनतहार शैली
3. 956 ववग्रहराज िौहान के समय
4. अल्लि द्वारा
5. महािे व की उपासना
अन्य मंदिर
1. शाकम्भरी माता का मंदिर
2. गित्रकूि धाम
3. सप्त गोमाता मंदिर 72
सवाई माधोपुर
गणेश मंदिर
1. रणथम्भोर
2. मात्रा मुख की पूजा
3. बत्रनेत्री
िमत्कार जी का मंदिर
1. आलनपुर (सवाई माधोपुर )
2. ऋषभिे वजी

अन्य मंदिर
1. घुमेश्वर महािे व
2. धुंधलेश्वर महािे व 73
राजसमंि
श्री नाथ जी मंदिर
1. नाथद्वारा

2. वल्लभ सम्प्रिाय

3. 17 वी -राजशसह के समय

4. वपछवाईया प्रशसद्ध

5. साथ ध्वजा का स्वामी

6. शसहाड़ के नाम से जाना


74
द्वारका धीश मंदिर
1. कांकरोली

2. वल्लभ संप्रिाय

3. मथुरा से मूनतग लायी गयी

अन्य मंदिर

1. गढ़बोर का िार भज
ु ा नाथ मंदिर

2. वपप्लाि माता का मंदिर

3. परशरु ाम महािे व का मंदिर


75
पाली
मछ
ंू ाला महावीर
1. कुम्भलगढ़ अभ्यारण्य
2. महावीर स्वामी
िौमख
ु ा जैन मंदिर
1. रणकपरु
2. श्वेताम्बर जैन मंदिर
3. धारणकशाह के शशल्पी -िे पा (1439 )
4. स्थम्भो का वन
अन्य मंदिर
1. नारलाई के जैन मंदिर
2. वरकाणा माता का मंदिर
3. शसररयारी जैन मंदिर नाणा जैन मंदिर

76
नागोर
िगधमती माता का मंदिर
1. गोठ मंगलोि

2. िादहमा क्षेत्र

अन्य मंदिर
1. कैवाय माता का मंदिर

2. भंवाल माता का मंदिर

3. वीर तेजाजी का मंदिर (परबतसर )


77
कोिा
कंसआ
ु का मंदिर
1. 8 वव शत्ताब्िी
2. शशव की पज
ू ा
3. प्रास्म्भक मंदिर

मथरु ाधीश मंदिर


1. वल्ल्भ संप्रिाय की पीठ
2. कोिा नरे श िज
ु न
ग शाल

अन्य मंदिर
1. िारिौमा का मंदिर
2. ववभीषण मंदिर (कैथन
ू )
3. बढ
ु ातीत का सय
ू ग मंदिर 78
करौली
कैला िे वी
1. यिव
ु ंशी राजयो की कुलिे वी
2. बत्रकूि पवगत
3. लांगुररया गीत
4. लखखी मेला

श्री महावीर जी
1. दहण्िोन (गंभीर निी के ककनारे )

अन्य मंदिर
1. अंजनी माता का मंदिर
2. मिन मोहनजी का मंदिर
79
जोधपरु
महामंदिर
1. नाथ संप्रिाय
2. मानशसंह (1805 )
3. गुरु आयसनाथ से प्रभाववत

ओंशसया के मंदिर
1. संगिया माता का मंदिर
2. महावीर मंदिर
3. हररहर मंदिर
4. सूयग मंदिर-राजस्थान का ब्लैक पैगोिा
80
झंझ
ु न
ु ू
राणीसती का मंदिर
1. अग्रवाल जानत की कुल िे वी

2. नारायणी िे वी

लोहागगल
1. तीथग स्थल

2. मालखेत जी की पररक्रमा

81
जालोर
सध
ंु ा माता मंदिर
1. जसवंतपुरा (जालोर )
2. माँ िामंि
ु ा
3. राजस्थान का पहला रोपवे -2006
आशापरु ी मंदिर
1. महोिरी मंदिर
2. मोिरा (जालोर )
3. सोनगरा शासको की कुल िे वी
अन्य मंदिर
1. क्षेमकरी माता (भीनमाल)
2. वीर फत्ता जी मंदिर (सांथू )

82
हवेली
• सेठ साहूकार

• हवेशलया कई मंस्जल

• शभन्नता -शेखावािी ,ढूंढाड़ ,मारवाड़ ,मेवाड़

• शेखावािी क्षेत्र अगधक भव्य एवं कलात्मक

• छज्जे ,बरामिे ,झरोखे ,बारीक़ नखकाशी

83
जैसलमेर
पिवों की हवेली
• सेठ गम
ु ानिन्ि बापना
• पांि मंस्जल
• जाली झरोखे शानिार
साशलमशसंह की हवेली
• 9 खंि
• 7 पत्थर एवं 2 ऊपरी खंि लकड़ी
नथमल की हवेली
• शशल्पकायग -हाथी एवं लालू ने ककया

84
बीकानेर
बचछावतो की हवेली

• करणशसंह बचछावत

• लाल पत्थर से ननशमगत

• ज्याशमतीय शैली की नखकाशी

• आधार -बेल बूिे ,फूल पवत्तया

• मुग़ल ,ककशनगढ़ एवं यूरोपीय प्रभाव

अन्य -मोहता ,मंि


ू ड़ा ,रामपरु रया
85
शेखावािी
शभवत्त गित्रों के शलए ववख्यात
स्वणगनगरी के रूप में ववख्यात
झुंझुनू-
नवलगढ़ -100 से ज्यमदम िर्ेसलयम
• रूप ननवास हवेली ,
• जलन पोद्िार हवेली
• ,भगेररया की हवेली
बबसाऊ
• नाथरू ाम पोद्िार की हवेली
• सेठ जयियाल कदठया की हवेली
• सीताराम शसंगनतया की हवेली 86
• रामपरु रया हवेली
• हवेशलयों की गली
• रामपरु रया पररवार
• माणकिंि रामपरु रया
• भवरलाल रामपरु रया
• िागा हवेली
• सेठ िांिमल ढड्िा की हवेली
• बबन्नानी िौक की हवेली

87
झंझ
ु न
ु (ू शहर )-
• िीबड़ेवाला की हवेली
• ईशरिास मोिी की हवेली
िूि
ं लोि-
• `सेठ लालिंि गोयनका की हवेली
मुकंु िगढ़
• सेठ राधाकृटण हवेली
• केसरिे व कनेडिया की हवेली
गिड़ावा
• बगडड़या की हवेली
महनसर
• सोने िांिी की हवेली 88
सीकर
श्रीमाधोपरु
• पंसारी की हवेली
रामगढ
• तारािंि रुइया
• समकालीन शभवत्तगित्र
फतेहपुर
• नन्ि लाल िे वड़ा
• कन्है यालाल
िरू

• मालजी का कमरा हवेली
• रामननवास गोयनका की हवेली .मंबत्रयो की हवेली 89
जोधपरु
• बड़े शमंया की हवेली
• गोलेछा एवं तिीय पररवारों की हवेली (खखिन )
• राखी हवेली
• पोकरण की हवेली

िोंक
• सुनहरी कोठी

90
जयपुर
• नािाखणयों की हवेली

• रत्नाकर पण्
ु िरीक की हवेली

• पुरोदहत प्रतापनारायण की हवेली

91
छतररयां
आंतेड़ की छतरी
• अजमेर
• दिगंबर जैन संप्रिाय
मुसी रानी की छतरी
• महाराजा बख्तावरशसंह एवं मुसी याि
• िो मंस्जला
• महाराजा ववनयशसंह
• संगमरमर -80 खम्भों पर दिकी
• 2 मंस्जल
• पहली मंस्जल -लाल पत्थर
• िस
ू री मंस्जल -संगमरमर 92
तलहा की छतरी
• मध्यकालीन स्जसमे शभवत्तगित्र
• अलवर
नेिा की छतरी
• अलवर
• सररस्का अभ्यारण्य
थानेिार नाथूशसंह की छतरी
• शाहबाि (बांरा )
• िाकुओं से मक
ु ाबला
• महाराव उम्मेिशसंह ने ननमागण

93
रै िास छतरी
• गित्तोरगढ िग
ु ग
गेिोर की छतररया
• जयपुर के राजपररवार
• ईश्वरशसंह की छतरी नहीं
• ईश्वरशसंह की छतरी -शसिी पैलेस पररसर -माधोशसह द्वारा ननशमगत
बड़ाबाग छतरी
• जैसलमेर
• राजपररवार की छतररयां
• क्षार बाग की छतरी
• कोिा
• कोिा राजपररवार 94
बत्तीस खम्भों की छतरी
• मांिल (भीलवाड़ा )

• शाहजंहा द्वारा ननमागण

• आमेर के जगनाथ कछवाहा

• मेवाड़ के साथ युद्ध के िौरान िे हांत

95
िे वीकंु ि सागर
• बीकानेर
• राज पररवार की छतररया
• िीप कुवरी-सती होने वाली अंनतम राजकुमारी (1825 )

िौरासी खम्भों की छतरी


• िे वपुरा (बूंिी )
• धाय बाई -िे वा की स्मनृ त
• अननरूद्ध द्वारा
• 1683

96
कपरु बाबा की छतरी

• जगमंदिर (उियपरु )

• शाहजंहा

गंगा बाई की छतरी

• उियपरु
बागोर की हवेली

97
महल
अलवर
ववजयमंदिर पैलेस
• 1918
• र्िमरमजम जयससंि
• वर्जयसमर्र झील
• सभवत्त चचर
शसिी पैलेस
• 1793
• रमजम बख्तमर्र ससंि
• र्स
ु ी रमिी की छतरी
• समर्र झील
शसलीसेढ़ महल
• वर्िय ससंि
• रमिी सशलम
हवा बंग्ला
• अलर्र 98
बीकानेर
लालगढ़ पैलेस
• बीकानेर
• महाराजा गंगाशसह
• वपता लाल शसंह की स्मनृ त
• 1915 -लॉिग हाडिंग्ज
गजनेर महल
• गजनेर (बीकानेर)
• गजशसह द्वारा
• अकालराहि कायग

99
जयपरु
हवामहल
• 1799
• जयपुर
• सर्मई प्रतमपससंि
• लमल -र्ुलमबी पत्थर
• र्मस्तक
ु मर -लमलचंद उस्तमद
• 5 र्ंजजले
• शरद र्ंहदर
• रति ,र्ंहदर
• वर्चचर र्ंहदर
• प्रकमश र्ंहदर
• िर्म र्ंहदर

100
शसिी पैलेस (जयपुर)
• जयपुर रमजपररर्मर कम निर्मस स्थल
• समत र्ंजजल
• 1729
• सर्मई जयससंि
• वर्द्यमधर भििचमयग
• र्ुबमरक र्िल-सर्मई र्मधोससि 2
• सर स्िीर्ि जैकब के निदे शि
शीश महल
• आर्ेर
• सर्जमग जयससंि द्र्मरम
समोि महल
• सर्ोद (जयपुर )
• रमजम त्रबिमरीदमस
• 1645
• समत बििो कम र्ंहदर
101
अल्बिग हॉल
• 1876
• भमरत -फमरसी शैली
• सर्मई रमर्ससंि 2 सशलमन्यमस -अल्बिग एडर्डग
• रमज्य कम प्रथर् रमजकीय संग्रिमलय िै
जलमहल
• जयपरु
• र्मिसमर्र झील
• सर्मई जयससंि
• र्भमगर्ती िदी पर बमंध

102
जोधपरु
उमेि भवन
• छीतर र्िल
• र्िमरमजम उम्र्ैद ससंि
• 1929
• अकमल रमित कमयग
• र्मस्तुकमर -वर्द्यमधर
जसवंत थड़ा
• रमजस्थमि कम तमजर्िल
• 1899 र्ें
• र्िमरमजम सरदमरससंि
• र्िमरमजम जसर्ंत 2 की स्र्नृ त
• यिमाँ जोधपुर के शमसको की छतररयमं

103
अस्जत भवन
• जोधपुर
• रमजस्थमि कम पिलम िे ररिे ज िोिल
बबजोलोई के महल
• कमयलमिम (जोधपुर)
• तख्त ससंि
एक थम्बा महल
• र्ंडोर (जोधपुर)
• प्रिरी र्ीिमर
• र्िमरमजम अजीतससंि के सर्य
तलहिी के महल
• र्िमरमजम सुरससि
• रमिी शोभमग्य दे र्ी के निर्मस
• कमलमंतर -वर्धर्म रमनियम
राई का बाग़ महल
• जोधपरु
104
कोिा
अभेड़ा महल

• कोिा

• िम्बल निी

अबली शमणी महल

• मुकंु िरा (कोिा )

• राव मक
ु ंु िशसंह

• पासवान -अबली शमणी


105
भरतपुर
िीग के महल
• डीर् ,भरतपुर
• जल र्िलो की िर्री
• र्िमरमजम सूरजर्ल
सावन भािो महल
• डीर्
• बदिससंि

106
िोंक
सुनहरी कोठी
• िोंक
• 1824
• िोंक नवाब आशमर खा के समय शरू

• स्वणग की नखकासी -इब्रादहम खा
मुबारक महल
• िोंक
• इिल
ु जह
ु ा पर ऊँि की क़ुरबानी

107
उियपुर
सज्जनगढ़ पैलेस
• उदयपुर
• र्िमरमजम सज्जि ससंि
• र्मणी वर्लमस र्िल भी किते िै
• योर्ेश्र्र र्मणी वर्लमस सज्जिससंि के र्रु

जगननवास महल
• वपछोलम झील
• 1746
• र्िमरमजम जर्तससंि 2
जगमंदिर महल
• र्िमरमजम जर्तससंि प्रथर्
• 1651
नौ िौकी महल
• उदयससंि
• र्िमरमणम कम रमज्यमसभषेक
गोल महल एवं धोला महल 108
खेतड़ी महल
• खेतड़ी महाराजा भोपाल शसंह
• 1735
• ग्रीटमकालीन ववश्राम
• झंझ
ु न
ु ू
• राजस्थान का िस
ू रा हवामहल
काटठ का रे न बसेरा महल
• झालावाड़
• कृटणा सागर झील के समीप

109
एक थस्म्बया महल
• (शशव ज्ञानेश्वर शशवालय )

• िूग
ं रपुर

• गेबसागर झील के ननकि

• महारावल शशवशसंह

• 1730

110
ओखा रानी का महल
• ससरोिी
अधर थम्ब महल
• र्ोठ र्मंर्लोद (िमर्ौर )
रूठी रानी की महल
• भीलर्मड़म
• धौड़ कम यशोदम
जोगी महल सुपारी महल
• सर्मई र्मधोपुर
जहांगीर के महल
• पुष्कर

111
खानपरु महल
• मग़
ु ल शाहजहाँ का आरामगाह
• धौलपरु
• तालाब -ए -शाही
• 1622
• मनसबिार सुलेह खा खान

112
महल ,मीनारे एवं स्तम्भ

113
ववजय स्तम्भ
• गित्तोरगढ िग
ु ग
• महाराणा कुम्भा द्वारा ननमागण
• 1437-सारं गपुर युद्ध स्जतने के उपलक्ष्य
• 1440 ननमागण -1448 पूणग
• 9 मंस्जले ,122 कफि
• वास्तुकार -जैता एवं उसके पुत्र नापा एवं पुंजा
• भारतीय मनू तगकला का ववश्वकोश-dr Gartuj
• भगवन ववटणु को समवपगत -उपेन्रनाथ
• कुतब
ु मीनार से भी बेहतरीन -जेम्स िॉि

114
जैन कीनतग स्तम्भ
• गित्तोरगढ
• आदिनाथ को समवपगत
• जैन महाजन जीजाक
ननहाल मीनार
• धौलपरु
• 1880
• ननहालशसंह
• 8 मंस्जल घंिाघर

115
ईसरलाि मीनार
• सरगासूली
• जयपुर
• सात खंि
• महाराज ईश्वरी शसंह
• राजमहल (िोंक )-1749
• मराठो से ववजय के उपलक्ष्य में
तास्जया िावर
• जैसलमेर
• 5 मंस्जला

116
गुजर कालूिान की मीनार

• जोधपुर

गामतगाजी की मीनार -जोधपुर

नेहर खा की मीनार -कोिा

िोदिला पीर धळ
ु े शाह की मीनार –पाली

117
राजस्थान की स्थापत्य कला
❑ मंदिर
❑ बावडिया
❑ हवेली एवं छतररया
❑ ककले
❑ मस्स्जि एवं िरगाह
❑ महल
❑ मीनारे एवं स्तम्भ
118
बावडिया
• राजस्थान के जनजीवन में बावडड़यों का महत्वपूणग
स्थान
• जल सरक्षण की प्रणाली
• राजपररवार के सिस्य
• मख्
ु या राननया ,राजमाताये
• सूिनाएं भी शमलती
• बावडिया प्रािीन एवं मध्यकाल से लेकर आधनु नक
काल
• अपरास्जतपछ ृ ा ग्रन्थ में 4 प्रकार की बावड़ी बनाने
उल्लेख
• मेघितू में बावड़ी बनाने का उल्लेख
• भीनमाल के कलाकार

119
िौसा
भांिारे ज की बावड़ी
• दौसम
िांिबावड़ी
• आभमिेरी ,दौसम
• निकुम्भ क्षत्ररय की रमजधमिी
• चमाँद िर्क रमजम कम उल्लेख
मंगरे ज की बड़ी बावड़ी
• पमंच र्ंजजलम बमर्ड़ी

120
बंि
ू ी
• बावडड़यों का शहर
रानी जी की बावड़ी
• बावडड़यों का शसरमौर
• 1699
• रानी नातावनजी (अननरुद्ध की पत्नी )
अनारकली बावड़ी
• िासी अनारकली
क्षार बाग़ बावड़ी
• केशरबाग
• राजाओं की समागधस्थल
• शत्रश ु ाल के समय 64 राननयों आहुनत
अन्य
• नवलखा बावड़ी
• ,गल्ु ला बावड़ी
• ,िंपा बाग की बावड़ी
121
जयपरु
पन्ना मीणा की बाविी
• जयपरु
• सर्जमग जयससंि के कमल
खझर की बावड़ी
• जयपरु

झझ
ंु न
ु ू
• भत
ू बावड़ी
• मेड़तणी बावड़ी
• खेतनो की बावड़ी
122
भीलवाड़ा
िमना बावड़ी
• शाहपुरा (भीलवाड़ा )
• नतमंस्जला बावड़ी
• महाराजा उम्मेिशसंह (वी. स 1800 )

सीतारामजी की बाविी
• रामिरणजी की तपोस्थली (गुफा )
• रामश्नेही संप्रिाय
िोखी बावड़ी ,बाई राज बावड़ी

123
बांरा
बड़गांव की बावड़ी –

• पिरमिी जमदोि

औसतीजी की बावड़ी

तापसीजी की बावड़ी
• (शमिपरु म )बमंरम

124
िूग
ं रपुर

नौलखा बावड़ी
• डूर्
ं रपुर
• आसकरण की रमिी प्रेर्ळ दे
केला बावड़ी
• डूर्
ं रपरु
• रमिी र्र्
ु मि कर्री
िेसा गांव की बावड़ी

125
जोधपरु

तापी बावड़ी

हाथी बावड़ी

िौहान बावड़ी

• रमर् जोधम की रमिी चमाँद काँु र्रर

गांगा बावड़ी

• जोधपरु

• रमर् र्ंर्म
126
त्ररर्ख
ु ी बमर्ड़ी
• उियपुर रानी रामसरिे

• राजशसह (1652 -1680 )

• बाप्पा से राजशसह तक की जानकारी

घोसण्
ु िी बावड़ी

• श्रंग
ृ ारिे वी (महाराणा रायमल की पत्नी )

• घोसुण्िी (गित्तोरगढ )

127
सख
ु ववलास बावड़ी(शाही कंु ि)
• करोली
प्रतापबाव बावडिया
• प्रतमपर्ढ़
• प्रतमपबमर् (1699 )
सारड़ा रानी की बावड़ी
• िोंक
हािा रानी की बावड़ी
• िोडमरमयससंि (िोंक)
ववनोता की बावड़ी -गित्तोरगढ

128
ख्वाजा मुइनुद्िीन शशस्ती की िरगाह
• उस्मान हारूनी के शशटय
• संजर (ईरान )-1142
• पथ्ृ वीराज िौहान के समय
• मांिू के सुल्तान गयासुद्िीन -पखकी मजार एवं गुम्बि का
ननमागण
• अकबर -अकबरी मस्ज्सि
• रज्जब माह
• भीलवाड़ा का गोरी पररवार -ध्वजा
• ननजाम द्वार -है िरबाि के मीर उस्मान अली
• मुख्य मजार -सुल्तान गयासुिीन खखलजी
• िे ग- बड़ी िे ग -अकबर
छोिी िे ग -जहांगीर
• बेगमी िालान -जहाँआरँ ा
• शाहजहानी मस्ज्सि -शाहजहाँ

129
घोड़े की मजार

• अजमेर

• तारागढ़ िग
ु ग

• हजरत मीरां साहब का मकबरा

• सबसे वप्रय घोिा


अब्िल्
ु ला खां का मकबरा-

• अजमेर

• बीबी कम र्कबरम

130
अढ़ाई दिन का झोपड़ा (अजमेर):-
•यह राजस्थान की प्रथम मस्स्जि हैं,
•इसका वस्तुकार अबू बकर
•1153 ई.
•1194 ई. में कुतब ु द्
ु िीन ऐबक ने तड़ु वाकर मस्स्जि में बिल दिया।
•इस मस्स्जि में प्रनतवषग पंजाब शाह संत की याि में अढ़ाई दिन का उसग भरता हैं।
इसशलए इसे अढ़ाई दिन का झोपड़ा कहते हैं। इसकी िीवार पर राजस्थान में फारसी
भाषा का सबसे पुराना व बड़ा लेख अंककत है ।
•प्रशसद्ध इनतहासकार ड़ा. कीलहॉनग को इस मस्स्जि में बीसलिे व द्वारा रगित
संस्कृत नािक हररकेशल तथा उनके िरबारी कवव सोमिे व द्वारा रगित नािक लशलत
ववग्रहराज का कुछ अंश उत्कीणग ककया हुआ शमला है ।
•इन नािक की प्रशंसा में िॉ. कीलहॉनग ने कहा ’’ ववग्रहराज स्जतना प्रतापी राजा था
उतना ही बड़ा ववद्वान था। उसका नािक हररकेशल कालीिास तथा भवभूनत की
रिनाओं से स्पधाग कर सकता है ।

131
हमशममुद्िीन नागोरी की िरगाह
• तारकीन सल्
ु तानों का फकीर

• सन्याशसयों का सुल्तान

• तारकीन का उसग

• गगनाणी तालाब

• नागोर

• मोईनद्
ु िीन गिश्ती के साथ भारत आये

132
सैय्यि फकरुद्िीन की िरगाह
• गशलयाकोि (िूग
ं रपरु )

• मादह निी के ककनारे

• िाउिी बोहरा सम्रिाय

• गशलयाकोि का उसग

133
नरहड़ के पीर
• झुंझुनू

• सीख सलीम शशस्ती के शशटय

• संत हजरत शखकरबार शाह

• कृटणा जन्माटठमी को मेला

• दहन्ि ू -मस्ु स्लम एकता


नवाब रुहे ल खा मकबरा
• झुंझुनू

134
अलाउिीन आलमशाह की मस्ज्सि
• नतजमरम ,अलर्र
फतेहगंज का मकबरा
• 5 र्ंजजलम
• अलर्र
• शमिजिमं कम र्ंरी
अब्िल
ु ा पीर की िरगाह
• बोिरम सम्रदमय
• बमंसर्मड़म
नोगजा पीर की कब्र
• चचत्तोरर्ढ दर्
ु ग
मस्ल्लक पीर की िरगाह
• जमलोर दर्
ु ग
संत मीठे शाह की िरगाह
• र्मर्रोि के दर्
ु ग
• आिु एर्ं कमलीससंध 135
जामा मस्स्जि

• शाहबाि

• बांरा

• औरं गजेब द्वारा ननमागण

बीबी जरीना का मकबरा

• धौलपुर
• निर्मगण र्ग़ ु ल बािशाह आजम साह ने 17वीं शताब्िी र्ें
करर्मयम थम| यि उसकी र्माँ, दिलरस बानो बेगम की यमद
र्ें बिमयम र्यम थम| हदलरस बमिो बेर्र् को राबबया-उि-
िौरानी के िमर् से भी जमिम जमतम थम। यि तमज र्िल की
आकृनत पर बिर्मयम र्यम थम।
136
जोधपरु
• इक मीनार मस्ज्सि
• गल
ु ाब खा का मकबरा
• भरू े खा की मजार
• गल
ू र कालि
ू ान की मजार
झालावाड़
• नेहर खा की मीनार

• मफ़्
ु ती की मजार

137
बड़े पीर की िरगाह
• नागोर
जामा मस्स्जि
• िोंक
• सही मस्ज्सि
• आशमर खा वपंिारी ने शरू

• सोने की गित्रकारी -इब्रादहम खा
अकबर की मस्ज्सि
• आमेर
नशलसा मस्ज्सि
• सांभर
138
काकाजी की िरगाह-

▪ प्रतमपर्ढ़

▪ इस दरर्मि को कमंठल की दरर्मि किते िैं।

तोप मस्स्जि-

•जालौर िग
ु ग 1311

•अलाउद्िीन खखलजी ने

• जालौर ववजय के उपलक्ष में करवाया था।

139
पाली
• खुिा बखश बाबा की िरगाह

• पीर िल्
ु लेशाह की िरगाह

• मस्तान बाबा की िरगाह


अलाउद्िीन का मकबरा
• चचतौड़र्ढ़
• इस मकबरे पर लगे हुए फारसी के लेख में
अलाउद्िीन खखलजी को संसार का रक्षक
तथा ईश्वर की छाया कहा हैं।

140
राजस्थान के लोक नत्ृ य
जमतीय लोक ित्ृ य

• भील,र्रमससयम ,सिररयम ,कमलबेसलयम ,र्ेर् ,र्ुजरग , बमदसलयम


• कथौड़ी

क्षेरीय लोक ित्ृ य

• शेखमर्मिी ,ढोल ित्ृ य,डमंडडयम ित्ृ य ,बर् ित्ृ य ,त्रबंदोरी ित्ृ य,डमंर्
िमिर ित्ृ य

समर्मजजक एर्ं धमसर्गक

• िर्
ू र ,र्रबम ,िड़
ु लम ,तेरितमली भर्मई ित्ृ य ,अजग्ि ित्ृ य

141
भीलो के लोकनत्ृ य
• उदयपरु ,रमजसर्ंद डूर्
ं रपरु ,बमंसर्मड़म ,जमलोर,ससरोिी
• दस
ू री सबसे बड़ी जिजमनत
• 13.40 लमख
• सर्मगचधक –बमंसर्मड़म

गैर -
▪ फमल्र्ि
ु र्मस
▪ भील पुरुष
▪ खमंडम
▪ ढोल एर्ं थमली 142
युद्ध नत्ृ य-
▪ तीर ,कर्मि ,भमलम
▪ केर्ल परु
ु ष
▪ दो दल

द्वविकी नत्ृ य -
▪ वर्र्मि के अर्सर
▪ पुरुष एर्ं र्हिलम दोिों
▪ र्त्त
ृ र्ें ित्ृ य

143
घम
ू रा
▪ बमंसर्मड़म एर्ं डूर्
ं रपरु
▪ केर्ल भील र्हिलमये
▪ अधगर्त
ृ बिमकर

गवरी -
▪ रमई
▪ भमद्रपद र्मि
▪ केर्ल पुरुष
▪ सशर् एर्ं भस्र्मसुर की किमिी
▪ र्र्री की िमई
▪ 40 हदिों 144
हागथमना नत्ृ य
• भील परु
ु षो

• िि
ु िो के बल बैठकर

• तलर्मर िुर्मते िुए ित्ृ य

145
गराशसयों के नत्ृ य
• ससरोिी की आबूरोड एर्ं वपंडर्मड़म
• उदयपुर की झमड़ोल एर्ं कोिड़म
• 3.14 लमख
वालर नत्ृ य
• पुरुष एर्ं र्हिलम दोिों
• अधगर्त

• त्रबिम र्मद्ययंर से
लूर नत्ृ य
• र्ेले एर्ं शमदी के अर्सर
• र्र पक्ष -र्धु पक्ष
• केर्ल र्हिलमये
146
कूि नत्ृ य
• परु
ु ष एर्ं र्हिलमये दोिों
• त्रबिम र्मद्ययंर
• अधगर्त

मांिल
• र्रमससयम र्हिलमये
• र्त
ृ मकमर
गौर
• र्णर्ौर के अर्सर पर
• पुरुष एर्ं र्हिलमये
• अिुष्ठमनिक ित्ृ य
147
जवारा नत्ृ य
• िोली दिि र्हिलम एर्ं पुरुष
• जर्मरों की बमसलयम
मोररया नत्ृ य
• वर्र्मि के अर्सर
• र्णपनत स्थमपिम
• रमत्रर र्ें केर्ल परु
ु षो

रायण नत्ृ य
• र्मंर्सलक अर्सर
• परु
ु ष
148
कथोड़ी जनजानत के नत्ृ य
• र्ूलतः र्िमरमष्र
• उदयपुर-झमड़ोल एर्ं कोिड़म
• कत्थम
मावशलया नत्ृ य
• पुरुष
• िर्रमनत के 9 हदि
• दे र्ी दे र्तमओं की यमद
होली नत्ृ य
• िोली के अर्सर
• र्हिलमओं
• वपरमसर्ड 149
कंजर जानत

िकरी
• कंजर बमसलकमओं
• वप्रयतर् से श्ंर्
ृ मररक र्स्तुये
• शमंनत ,फुलर्म एर्ं फुलर्म
• िडोती
धाकड़ नत्ृ य
• झमलमर्मड़
• झमलमपमर् एर्ं बीरम के यद्
ु ध कम र्णगि

150
मेवों के नत्ृ य
• अलर्र एर्ं भरतपुर

रणबाजा नत्ृ य
• र्हिलम एर्ं परु
ु ष
रतवाई (खारी)
• अलर्र की र्हिलमओं
• सर पर इण्डोिी एर्ं ससरकी रखकर

151
सहररयो के नत्ृ य
• बमंरम -ककशिर्ढ़ एर्ं शमिबमद तिसील

शशकारी नत्ृ य
• सशकमर की छवर्

लहँगी नत्ृ य

152
कालबेशलया जनजानत
• जोधपुर,पमली,ससरोिी,भरतपुर,अजर्ेर,कोिम,भीलर्मडम
• त्रबि एर्ं डि
• प्रर्ुख कलमकमर -र्ुलमबो,रुर्लिमथ
• यूिेस्को -अर्ूतग धरोिर (2010)

इण्िोनी
• परु
ु ष एर्ं र्हिलम
• र्ोलमकमर
शंकररया
• प्रेर् प्रधमि
153
पखणहारी
बगडड़या
• भीख र्मंर्ते िुए ित्ृ य
• केर्ल र्हिलमये

154
िरी नत्ृ य –

• र्ज
ु रग जमनत
• र्हिलमये
• अजर्ेर,ककशिर्ढ़
• सर पर चरी र्ें तेल डमलकर आर् लर्मिे
• फलकु बमई
• र्ोिि ससंि र्ोड़ एर्ं सुिीतम रमर्त

155
नेजा नत्ृ य
• भील एर्ं र्ीणम
• पुरुष एर्ं र्हिलम
• उदयपुर एर्ं डूर्
ं रपुर
• खम्भम जर्ींि र्ें रोपकर िमररयल के खोल
• छड़ी से पुरुषो को र्रती िै
• खेल ित्ृ य
बालदिया नत्ृ य
र्ेरू को बेचिे

156
क्षेत्रीय लोक नत्ृ य

र्रू क्षेर र्ेर्मड़ क्षेर


र्मरर्मड़ क्षेर
(जैसलर्ेर ,बमड़र्ेर ,बीकमिेर ) (उदयपरु ,रमजसर्ंद
(जोधपुर ,जमलोर )
• अजग्ि ित्ृ य ,डूर्
ं रपुर ,बमंसर्मड़म
• िड़ ु लम ित्ृ य
• तेरितमली ित्ृ य ,प्रतमपर्ढ़ चचत्तौड़र्ढ़)
• चरर्म ित्ृ य
• हिंडोलम ित्ृ य • डमंर् ित्ृ य
• झमंझी ित्ृ य
• िक़ल ित्ृ य • सुकर ित्ृ य
• धर्क र्ुसल ित्ृ य
• आंर्ी बमंर्ी ित्ृ य • र्रबम ित्ृ य
• ढोल ित्ृ य
• कमिड़ ू म ित्ृ य • पेजण ित्ृ य
• िरणो ित्ृ य
• छर्छड़ी ित्ृ य

157
क्षेत्रीय लोक नत्ृ य

र्ेर्मत क्षेर शेखमर्मिी क्षेर


(अलर्र,भरतपरु ) (सीकर।,झंझ ु ि
ु ू,चरू
ू ) (अजर्ेर ,भीलर्मड़म) िोली
• बर् ित्ृ य • र्ीदड़ • लठमार होली
• िमिर ित्ृ य
• खमरी • चंर् • पथरमार होली
• भैरर् ित्ृ य
• चरकुलम • ढप • कोड़ामार होली
• र्यरू ित्ृ य
• िुरं र्म • कच्छी िोड़ी • अंगारों की होली
• कबत ू री • गोबर के कन्िो

158
मरू क्षेत्र
(जैसलमेर ,बाड़मेर ,बीकानेर )

• अजग्ि ित्ृ य ित्ृ य

• तेरितमली ित्ृ य

• हिंडोलम ित्ृ य

• िक़ल ित्ृ य

• आंर्ी बमंर्ी ित्ृ य

• कमिूड़म ित्ृ य

159
अस्ग्न नत्ृ य

• उदर्र् -कतररयमसर (बीकमिेर)

• जसिमथी सम्प्रदमय

• अंर्मरो के ढे र

• फमल्र्ुि एर्ं चैर र्मि

• र्िमरमजम र्ंर्म ससंि कम योर्दमि

र्छली ित्ृ य –
• बमड़र्ेर
• बंजमरम
160
तेरहताली नत्ृ य
• उदर्र् -पमली जजले कम पमदरलम र्मंर्
• कमर्ड़ जमती र्हिलमओं
• बमबम रमर्दे र् की आरमधिम र्ें
• 13 र्ंजीरे
• 9 र्ाँजजये दमये पमर् पर
• 2 र्ंजीरे कोििी पर
• 2 िमथो र्ें
• कलमकमर-र्मंर्ी बमई ,र्ोििी
हिंडोलम ित्ृ य –
• जैसलर्ेर
• दीपमर्ली के अर्सर पर
161
नक़ल नत्ृ य

• र्मंड जमती

• बमडर्ेर

आंगी बांगी नत्ृ य,

• बमडर्ेर

कानुड़ा नत्ृ य

• बमडर्ेर

162
र्ेवात क्षेत्र
(अलवर,भरतपरु )

• बर् ित्ृ य

• खमरी

• चरकुलम

• िुरंर्म

163
बम नत्ृ य
• बर् -िर्मड़म
• अलर्र एर्ं भरतपुर
• िोली के अर्सर
• ियी फसल आिे की खुशी
• केर्ल परुु ष
खरी नत्ृ य –
• दल्
ु िि की वर्दमई के सर्य
• अलर्र

िरकुला नत्ृ य
• भरतपुर
• र्ूलतः -उत्तर प्रदे श

हुरंगा नत्ृ य
• भरतपरु
164
शेखावािी क्षेत्र
(सीकर।,झंझ
ु न ु ,ू िरू
ू )

• र्ीदड़

• चंर्

• ढप

• कच्छी िोड़ी

• कबूतरी

165
शेखावािी क्षेत्र के नत्ृ य
गीिड़
• क्षेर-सीकर,झुंझुिू,लक्ष्र्णर्ढ़ ,चूरू
• िोली पर
• परु
ु ष
• 15 -20 र्त्त
ृ र्ें ित्ृ य
• र्णर्ौर -परु
ु ष द्र्मरम जस्रयों कम असभिय
िंग
• िोली के अर्सर
• केर्ल पुरुष
• चंर् र्मद्ययंर
• र्त
ृ मकमर 166
ढप नत्ृ य

• बसंत पंचर्ी

• ढप बजमते िुए

कचछी घोड़ी नत्ृ य

• र्मंर्सलक एर्ं र्ैर्महिक अर्सर पर

• बमाँस की िोड़ी

• दल्
ू िे कम र्ेश

कबूतरी ित्ृ य -चूरू


167
हाड़ोती क्षेत्र

(कोिा,बंि
ू ी,बांरा ,झालावाड़ )

• त्रबंदोरी

• झर्
ू र

• ढोलमर्मरु

168
बबंिौरी नत्ृ य
• झमलमर्मड़
• र्ैर शैली र्ें
• िोली एर्ं वर्र्मि के सर्य
झम
ू र नत्ृ य
• िमड़ोती क्षेर
• डमंडडयम से
• र्हिलमओं
ढोलामारु नत्ृ य
• झमलमर्मड़

169
(अजमेर ,भीलवाड़ा)

• िमिर ित्ृ य

• भैरर् ित्ृ य

• र्यरू ित्ृ य

170
िमिर ित्ृ य
• (र्मंडल)भीलर्मड़म
• शरीर पर रुई लपेिकर
• शेर कम रूप
• उदभर् -शमिजिमाँ के शमसिकमल
भैरर् ित्ृ य
• ब्यमर्र
• बमदशमि की सर्मरी
• बीरबल द्र्मरम
र्यरू ित्ृ य
• अजर्ेर
171
र्ेर्मड़ क्षेर
(उदयपुर ,रमजसर्ंद ,डूर्
ं रपुर ,बमंसर्मड़,प्रतमपर्ढ़
चचत्तौड़र्ढ़)

• िांग नत्ृ य

• सुकर नत्ृ य

• गरबा नत्ृ य

• पेजण नत्ृ य

• हरणो नत्ृ य

• छमछड़ी नत्ृ य
172
िांग नत्ृ य
• िमथद्र्मरम (रमजसर्ंद)
• िोली के सर्य
सुकर नत्ृ य
• आहदर्मसी
• सुकर दे र्तम
• दक्षक्षणी रमजस्थमि

173
भवाई नत्ृ य
• उदयपुर संभमर्
• भर्मई जमनत
• र्िके,तलर्मर,चर्लमस पर िमचिम
• भर्मई जमनत कम जिक-िमर्जी बमिजी भमि
• र्ल
ू स्थमि-(केकड़ी)अजर्ेर
• रूप ससंि शेखमर्त ,दयमरमर् ,तमरम शर्मग ,अजस्तर्म
शर्मग (सलिल र्ंडर )

174
गरबा नत्ृ य
• र्ज
ु रमत र्ें
• डूर्
ं रपरु एर्ं बमंसर्मड़म
• िर्रमरी
पेजण नत्ृ य
• र्मर्ड़ क्षेर
• दीपमर्ली के अर्सर पर

िरणो ित्ृ य ,छर्छड़ी ित्ृ य-


• र्ेर्मड़

175
र्मरर्मड़ क्षेर
(जोधपुर ,जमलोर )

• िड़
ु लम ित्ृ य

• चरर्म ित्ृ य

• झमंझी ित्ृ य

• धर्क र्स
ु ल ित्ृ य

• ढोल ित्ृ य

176
घुड़ला नत्ृ य

िुड़लम -नछहद्रत र्िकम


जस्रयों एर्ं बमसलकमओ
चैर कृष्ण 8
र्िके र्ें दीपक रखकर
जोधपरु के रमर् समतल की यमद

िरवा नत्ृ य
• र्मरर्मड़
• र्मली सर्मज
• केर्ल र्हिलमये

झमंझी ित्ृ य
धर्क र्स
ु ल ित्ृ य -जोधपुर
177
ढोल नत्ृ य
• जमलोर
• समाँचलीयम संप्रदमय
• वर्र्मि के अर्सर
• जयिमरमयण व्यमस कम योर्दमि

178
होली
• लठमार होली - श्ी र्िमर्ीर जी (करोली)

• पथरमार होली – बमड़र्ेर

• कोड़ामार होली – सभिमय(अजर्ेर)

• अंगारों की होली -केकड़ी (अजर्ेर)

• गोबर के कन्िो -र्सलयमकोि(डूर्


ं रपुर)

179
घूमर
• लोक ित्ृ यों कम ससरर्ौर
• रमज्य की र्हिलमओं
• रजर्मड़ी
• र्णर्ौर एर्ं िर्रमरी पर वर्शेष रूप से
• लोकित्ृ य की आत्र्म
• िुम्र् -लिं र्े की िूर्
• ढोलक एर्ं र्ंजीरम
• झर्
ु ररयो -बमसलकमओ द्र्मरम

180
थोरी जमनत
-फड़ ित्ृ य
िररजि-
बोिरम -बोिरी ित्ृ य
बिजमरम
र्छली ,र्मिरी ,रमसतुदम
लमंर्रु रयम ित्ृ य
करौली
कैलम दे र्ी की आरमधिम

181
रमजस्थमि के
लोकिमट्य

रम्र्त ख्यमल र्र्री फड़ र्मचि लीलमये

कुिामनी पाबूजी
रामलीला
जयपुरी िे वनारायणजी
रासलीला
शेखवािी रामिे वजी
सनकादियो
तुराग कलंगी रामिला कृटणिला
गौरलीला
हे ला ख्याल
अलीबख्शी
भेि के िं गल
कन्है या
ढप्पाली ख्याल
182
रम्मत
• बीकानेर,जैसलमेर
• होली एवं सावन महीने में होने वाली
प्रनतयोगगता से उद्भव
• रम्मनतये
• रामिे वजी के भजन से शरू

• वाद्य-नगाड़ा एवं ढोलक
• पटु करणा ब्राह्मण
• आयोजन -राबत्र
• केवल परु
ु ष
• प्रसंग-िौमासा ,लावणी ,गणपनत वंिना 183
रम्मत रिनयता
• मनीराम व्यास ,तुलसीिास ,फागु महाराज
सुआ महाराज
• हे ड़ाऊ मेरी री रम्मत -जर्मिरर्ल परु ोहित
• आदशग पनत पत्िी जीर्ि कथम
• फखकड़ िाता री रम्मत -र्जु स्लर् संप्रदमय
• तेज कवव
➢ स्वतंत्र बावनी ,मूमल ,तंबोलन
➢ 1943 -स्वतंत्र बावनी
➢ महात्मा गाँधी को भेि

कशमश्नर खोल िरवाजा


हमें भी जेल जाना है
दहन्ि तेरा न तेरे बाप का
हमारी मातभ ृ शू म पर लगाया बंिी खाना है

184
ख्याल
िमिक र्े जिमाँ दे खिम और सुििम दोिों प्रधमि
िोते िै र्िमं ख्यमल र्े केर्ल सुििम प्रधमि िोतम
िैं। 18 र्ीं शतमब्दी के प्रमरम्भ से िी रमजस्थमि
र्ें लोक िमट्यों के नियसर्त रुप से सम्पन्ि
िोिे के प्रर्मण सर्लते िैं। इन्िें ख्यमल किम
जमतम थम। इि ख्यमलों की वर्षय-र्स्तु पौरमखणक
यम ककसी पुरमख्यमि से जड़ ु ी िोती िै ।
शेखावािी ख्याल
• सीकर,खंडल े म ,चचड़मर्म
• िमिल ू मल रमणम दसु लयम रमणम
• वर्षय- 1) िीररमझमाँ
(2) िरीशचन्द्र
(3) भति ग ृ रर
(4) जयदे र् कलमली
(5) ढोलम र्रर्ड़
(6) आल्िमदे र्। 185
कुिामणी ख्याल
• प्रर्तगक -लछीरमर् जी
• लचछीराम – खद ु एक अच्छे ितगक और लेखक थे। उन्िोंिे 10
ख्यमलों की रचिम की, जजिर्ें िाँिी नीलगगरी, राव ररड़मल तथा
मीरा मंगल र्ुख्य िै । उिके पमस अपिी खुद की ित्ृ य र्ण्डली थी,
जो र्ि पेशर्े र ित्ृ य के सलए भी उपयोर् करते थे
• अंतरमष्िीय कलमकमर -उगमराज
• ववषय –
✓ र्ोर्म चौिमि
✓ र्ीरम र्ंर्ल
✓ रओ ररणर्ल
✓ चमाँद-िीलचर्रर
कुचमर्िी ख्यमल वर्शेषतम
• रूप-र्ीत िमट्य जैसम
• लोकर्ीतों की प्रधमितम
• लय के अिस ु मर ित्ृ य
• खुले र्ंच पर
• परुु ष िी स्री कम असभिय 186
जयपुरी ख्याल

• िर्ीदल्ु लम-भमरर्ली ख्यमल


• यद्यवप सभी ख्यमलों की प्रकृनत सर्लती-जल ु ती िै ,
ववशेषता
• स्री पमरों की भूसर्कम भी सस्रयमाँ निभमती िैं।
• जयपरु ख्यमल र्ें िए प्रयोर्ों की र्िती संभमर्िमएाँ िैं।
• यि शैली रुढ़ ििीं िै । र्ुक्त िै तथम लचीली िै ।
• इसर्ें अखबमरों, कवर्तम, संर्ीत, ित्ृ य तथम र्मि र् असभिय कम
सुंदर सर्मिुपमनतक सर्मर्ेश िै ।
इस शैली के कुछ लोकवप्रय ख्याल ननम्नांककत है –
(1) जोर्ी-जोर्ि
(2) कमि-र्ूजरी
(3) सर्यमाँ-बीबी
(4) पठमि
(5) रसीली तम्बोलि
187
हे ला ख्याल
• दौसम ,सर्मई र्मधोपुर लमलसोि
• शमयर -िे लम
• वर्षेशतम -िे लम दे िम
अलीबख्शी ख्याल
• र्ंडु मर्र (अलर्र)
• अलीबख्श
• अिीरर्मिी भमषम
• अलर्र कम रसखमि
कन्है या ख्याल
• कन्िै यम के दं र्ल
• र्ेडडआ
• करौली ,सर्मई र्मधोपरु
भेि के िं गल
• धौलपुर -बड़ी बसेड़ी ,
• दे र्ी दे र्तम
• तबलम ,र्ंजीरम ढोलक 188
ढप्पाली ख्याल
• अलवर,भरतपरु ,
• ढोल.,नगाड़ा

189
तरु ाग-कलंगी
• क्षेत्र -गित्तोरगढ ,घोसण्
ु िा ,ननम्बाहे ड़ा
• मेवाड़ के तुकनगीर एवं शाह अली
• काव्यतम िं गल
• तुराग -महािे व
• दहन्ि ू संत -तुकनगीर
सवाल तुराग : र्िमदे र् वर्करमल रुप ले,
• भगवा वस्त्र
जोत चन्द्रर्म ि पड़ी
• कलंगी-पावगती पमर्गती और र्ंर्म लड़ती
इि दोिों र्ें कौि बड़ी?
• मस्ु स्लम संत-शाह अली
जवाब कलंगी : सर् समयरी करते िो,
• हरा वस्त्र बमतें करते िो बड़ी-बड़ी
पमर्गती और र्ंर्म दोिों
• गम्मत
बतलमओं ककस रोज लड़ी
190
ववशेषताएं
• गैर व्यावसानयक
• रं गमंि की सजावि
• नत्ृ य की ताल सरल
• बोल लयात्मक
कलाकार
• िेतराम ,
• हस्म्मि बेग ,
• तारा िंि
• सूहेि शसंह
• ठाकुर ओंकार शसंह
• सोनी जयिलाल

191
गवरी
• भीलो
• शशव एवं भस्मासरु
• राखी के िस ू रे शरू
ु -40 दिनों
• राजस्थान का सबसे प्रािीन
• लोक नाट्यो का मेरु नाट्य
• केवल पुरुष
• व्रत एवं सयम
• सूत्रधार -कुड़कुदिया
• अन्य पात्र -खेल्ये
• झामट्या ,पोमा बड़ी राइ
• समास्प्त -ज्वारा बोये
• शमििी का हाथी
ववषय -
बनजारा-बंजारी ,कान गज ु री ,हदिया अम्बाव
बािशाह की सवारी ,खड़शलया भूत
192
फड़
• खािी के कपिे
• लोक िे वताओं का जीवन वत
ृ ांत
• गित्रात्मक रूप
• 30 फुि लबे एवं 5 फूि िौड़े
• शाहपुरा (भीलवाड़ा)
• जोशी जानत के नछपे
• गितेरा
• िातुमागस में फि विन नहीं होता
• प्रमख
ु गितेरे-
1. श्री लाल जोशी
2. पारवती जोशी 193
फाड् वािन -

पाबजू ी
• नायक या आयड़ जाती के भोपे
• रावणहत्था
• सबसे लोकवप्रय
• भले का गित्रण
• केसर कलमी घोड़ी
िे वनारायण जी की फड़
• गुजर जानत
• जंतर
• सपग का गित्र
• लीलागर घोड़ी
• सबसे परु ानी फड़
• सबसे लम्बी
• २ शसतम्बर 1992 -िाक दिकि जारी
194
रामिे वजी की फड़
• कामड़ जानत
• रावणहत्ता
• प्रथम -िोथमल

रामिला कृटणिला फड़
• भाि जानत के
• बबना ककसी वाद्ययंत्र
• हाड़ोती
• प्रथम -धल
ू जी
• दिन में वािन

195
लीलाये
• अर्तमरों के चररर कम असभिय
• श्ी कृष्णम ,रमर्
रासलीला
• श्ी कृष्ण
• फुलेरम
• सशर्लमल कुर्मर्त
रामलीला
• श्ी रमर्
• त्रबसमऊ ,पमिूंदम ,भरतपुर
• त्रबसमऊ –र्ूकसभिय
• िरर्ोवर्ंद स्र्मर्ी एर्ं रमर्सुखदमस स्र्मर्ी 196
सनकादियो की लीलाये

• िोसण्
ु डम ,बस्सी

• िसृ संि अर्तमर

• आजश्र्ि र्मि

गौरलीला

• र्रमससयों

• आबरू ोड ,वपंडर्मड़म

• पमर्गती जी
197
तमाशा
• महाराटर
• गायन ,वािन
• 1594
• आमेर (जयपुर)-मानशसंह प्रथम
• मोहन कवव -धमाका मंजरी
• उस समय जयपुर की प्रशसद्व नत्ृ यांगना गौहर
जान थी
• प्रतापशसंह -बंशीधर भट्ि
• रामशसंह द्ववतीय
• अखािा -खल ु े मंि
• गोपीकृटण भट्ि
• गोपीिंि एवं हीर राँझा तमाशा-र्मसद ु े र् भट्ि
• तमाशा -उत्सव
✓ िोली के हदि -जोर्ी जोर्ि
✓ िोली के दस ू रे हदि -िीर -रमाँझम
✓ क्षेर अर्मर्स्यम -र्ोपी चंद
शीतलम अष्िर्ी -जट् ु िि -सर्य्यम
198

िारबैत
• िोंक
• दं र्ल के समर्मि
• डफ
• पठमिी र्ूल
• अफर्मनिस्तमि कम लोकिमट्य िैं। इसे पश्तों भमषम र्ें
प्रस्तुत ककयम जमतम िैं।
• कलमकमर -
✓ अब्दल ु करीर् खम
✓ करीर् खम नििं र्
कठपुतली
• िि
• कठपत ु ली खेल
• ससिमसि बत्तीसी ,पथ्ृ र्ीरमज संयोचर्तम ,अर्र ससंि
रमठौड़
• भमरतीय लोक कलम र्ंडल -उदयपरु
• दे र्ीलमल समर्र -1952 199
गन्धवग लोकनाट्य

• मारवाड़

• जैन धमग

• 24 तीथंकर

बैठकी नाट्य

• पूवी क्षेत्र

• कव्वाली
रशसया िं गल
• भरतपरु एर्ं डीर्
200
स्वांग
• िररत्र का अशभनय
• ववषय -ऐनतहाशसक ,पौराखणक ,लोक प्रशसद्ध
• भीलवाड़ा
• नारो का स्वांग
• जानकी लाल
• कलाकार -बहरूवपया
• मारवाड़ -रावल
• दहन्ि ू -भांि
• मस्ु स्लम भानमनत

201
नौिं की
• भरतपरु ,धौलपरु ,करौली ,सवाई माधोपुर

• हाथरस नौिं की -उत्तर प्रिे श

• भुरीलाल -िीग

• 9 प्रकार के वाद्य यन्त्र

• गगररराज प्रसाि

• नत्थाराम की मण्िली -भरतपरु ,धौलपरु

202
राजस्थान के हस्तशशल्प

203
राजस्थान की ब्लॉक वप्रंि

204
मंसरु रया साड़ी
• कैथून (कोिा )
• िौकोर सािी साड़ी को आकषगक बनाया
• सूती धागे के साथ -रे शमी धागे एवं जारी का
कायग
• कायग खड्िी एवं िरखे
• कोिा ररयासत के िीवान झाला जाशलम शसंह
ने मैसरू के कुछ बनकरों को यहाँ बुलवया
स्जनमें से बन
ु कर महमि
ू ने मंसरू रया स्थान
पर मंसरू रया साड़ी बनाने का काम ककया

205
सांगानेरी वप्रंि
• सांगानेर (जयपुर)
• छपाई -िुनड़ी ,िप
ु ट्िा ,गमछा साफा ,जाजम
• छपाई -लट्ठा या मलमल
• रं ग -काला एवं लाल
• आँगन -सफ़ेि
• सांगानेर वप्रंि में िमक के शलए -गोबर ,तीली का तेल
,SODA का शमश्रण का प्रयोग
• परू ी रात िुबोकर रखा जाता है सख
ू ने के शलए हरड़ का
प्रयोग
• लयात्मक बुदिया
• मुन्नालाल गोयल ने इसे अंतरास्टरय िजाग दिलाया। 206
बगरू वप्रंि
• बगरू (जयपरु )
• सांगानेर वप्रंि के समान
• मदिया रं ग की जमीन पर
• फूल पट्िी एवं पशु पक्षक्षयों के गित्रण
• आँगन में अंतर -हरापन
• रासायननक रं गो का प्रयोग नहीं
अजरक वप्रंि
• बाड़मेर
• रं ग -लाल एवं नीला रं ग
• अजरख वप्रंि की ववशेषता -
• यह िोनों तरफ होती है
• अलंकरण-ज्याशमतीय
• तक ु ी शैली से समानता

207
िाबु वप्रंि
• आकोला (गित्तोरगढ )
• जहा रं ग नहीं िढ़ाना -लुगिी से िबा िे ते
• आकोला में रं गाई -छपाई के शलए अनुकूल स्थनतयाँ है
• पानी ,शमििी और वनस्पनत
• बेिशीि ,कपिा िुनड़ी
अन्य िाबू वप्रंि -
• मोम -सवाई माधोपरु
• शमििी-बालोतरा
• गेहू के बीधन -सांगानेर ,बगरू

208
मलीर वप्रंि
• बाड़मेर
• कथई एवं काला रं ग
• िोनों वप्रंि
• ज्याशमतीय
भोड़ल (अभ्रक) की छपमई – भीलर्मड़म

209
कपड़ो पर जड़ाई एवं रं गने का कायग

210
बंधेज
• र्िपसंद रं र्ो के डडज़मइि प्रमप्त करिे के सलए कपड़ो को बमंधकर रं र्िम
• बमंधो एर्ं रं र्ो के िमर् से भी जमिम जमतम िै
• रमज्य र्ें कई प्रकमर के बंधेज प्रचसलत िै
जैसे
लहररया -जयपुर
पोमिा
• कर्ल के फूल के असभप्रमय र्मली ओढ़िी
• जयपुर
• दो प्रकमर
• लमल र्ुलमबी -बेिी के जन्र् पर
• लमल पीलम -बेिे के जन्र् पर
• िीड़ का पोमिा िमड़ौती क्षेर की वर्धर्म र्हिलम द्र्मरम ओढम जमतम िैं जो कक
कमले रं र् कम िोतम िैं।
जाझम की छपाई -चचत्तौड़र्ढ़
गोिे का काम -जयपुर एर्ं खंडल े म (सीकर )
211
गलीिे एवं िररया
• जयपुर एर्ं िोंक
• र्लीचम -सत ू एर्ं ऊि के तमिे -बमिे लर्मकर लकड़ी के लर्
ू पर र्लीचे
• बमरीक़ धमर्म बििे पर र्लीचम सुन्दर
• जयपुर
िररया –
• जयपुर एर्ं बीकमिेर की जेल
• िमंकलम र्माँर् -िमर्ोर
• समलमर्मस र्मंर् -जोधपुर
खेसले
लेिम र्मंर् (जमलोर )
खस के बने पानिान -सर्मई र्मधोपुर
शमरर वकग -जैसलर्ेर
जरी का काम -जयपुर
• जरी कम कमयग -सर्मई जय ससंि
आरा -तारी का कायग -ससरोिी
212
ऊनी नमिे
• िोंक
पें ि वकग
• शेखमर्मिी
जेनब साडड़याँ – श्ीर्ती जेिब (दीर्ोद-कोिम) के
द्र्मरम निसर्गत सूती समडड़यों को िी जेिब की समडड़यमाँ
किते िैं। इन्िीं समडड़यों के निर्मगण के सलए रमष्रपनत
द्र्मरम पुरस्कृत ककयम जम चुकम िैं
मोठड़ा:- जब लिररये की लमइिे एक-दस ू रे को
आपस र्ें कमिती िैं, तो र्ोठड़म किलमतम िैं। रमजस्थमि
र्ें जोधपुर का मोठड़ा सर्मगचधक प्रससद्ध िैं।
हुरमि ु ो:- कढ़मई की वर्शेष शैली, इसके प्रससद्ध
कलमकमर सरलम सोिेजम, कवर्तम चोइथमिी और रचिम
रमिी सोिेजम िैं। िुरर्ुचो ससंधी भमषम कम शब्द िैं,
जजसकम शमजब्दक अथग िै , कपड़े पर धमर्ों को र्ंथ ू कर
सज्जम करिम। यि शैली बाड़मेर र्ें प्रचसलत िैं
213
कपड़ो पर गित्रकारी
फड् गित्रण-
• शाहपरु ा (भीलवाड़ा )
• जोशी जाती के नछपे
• श्री लाल जोशी
• पारवती जोशी
• लाल एवं हरा रं ग

वपछवाईया
• श्री कृटण की लीलाओं का गित्रण
• नाथद्वारा

214
रत्न एवं आभष
ू ण
थेवा कला
• प्रतापगढ़
• कांि पर सोने का अत्यंत बारीक़ ,कमनीय एवं कलात्मक गित्रांकन
• बेस्ल्जयम कांि का उपयोग
• नारी श्रंग
ृ ार के आभष
ु ण
• िे वी िे वताओं का अलंकृत
• हरा रं ग
• सोनी पररवार
• महे श राज सोनी को थेर्म कलम के सलए 2015 र्ें ’पदर्श्ी’ हदयम र्यम। जस्स्िन
वकी िे इसे अंतरमगष्रीय स्तर पर लोकवप्रय ककयम।
215
मीनाकारी
• र्ूल्यर्मि एर्ं अध्र्ल
ूग यर्मि आभूषणों पर र्ीिम चढमिे की कलम
• इसर्ें फूल पत्ती ,र्ोर कम चचरमंकि
• जयपरु
• र्िमरमजम र्मिससंि प्रथर् (1589 )
• लमिौर की कलम
• रं र् -कमले ,िीले ,र्िरे वपले ,िमरं र्ी एर्ं र्ुलमबी
• क्षेत्र -जयपुर ,िमथद्र्मरम
• रे तवाली क्षेत्र (कोिा )-कमंच पर वर्सभि रं र्ो से र्ीिमकमरी
• कुिरत शसंह को इसके सलए पदर्श्ी सर्ल चुकम िैं।

216
जड़ाई का कायग
• जयपुर
लाख का काम
• लाख पिाथग से िुडिया ,िूड़े ,पशु -पक्षी ,पेस्न्सल
• क्षेत्र -
• लटमणगढ (सीकर )
• सवाईमाधोपुर
• इंरगढ़ (बंिू ी )
कंु िन का कायग
• स्वणग आभष ू ण पर पत्थर जड़ना
• जयपुर
मरु ािाबािी का कायग
• पीतल के बतगि पर खुदमई करिम
• जयपरु

217
कोफ्तगगरी
• धमतु के बिे तमरो पर सोिे के पतले तमरो की जड़े
• जयपरु
हाथी िांत एवं िन्िन का कायग
• जयपुर
तारकशी के जेवर
• िमथद्र्मरम

218
ववशेष

219
िे राकोिा
• पकाई हुए शमििी से ववशभन्न सजाविी व उपयोगी वस्तुओं का ननमागण

• मोलेला (नाथद्वारा )

• शमििी के साथ एक िौथाई अनुपात में गोबर

• हाथ से आकृनत बनाई जाती है सप्ताह भर सख


ू ने दिया जाता है

• 800 डिग्री ताप में पकाकर गेरुए रं ग से रं ग दिया जाता है

• र्ोििलमल कुर्मर्त को इसके सलए पदर्श्ी सर्ल चुकम िैं।

• अन्य स्थान-हरजी (जालोर )

• कागजी िे राकोिा -अलवर . सुनहरी िे राकोिा -बीकमिेर


220
ब्लू पॉिरी
• चीिी सर्ििी के बतगि पर िील रं र्
• जयपुर
• र्स्तुए -कप प्लेि ,खखलोिे सजमर्िी समर्मि
• शरु
ु आत -रमर्ससंि (1835)
• कलमकमर -चड़
ू मर्ि एर्ं कमलू कुम्िमर
• र्तगर्मि -कृपमल ससंि शेखमर्त (1974)
• ब्लेक पािरी कोिम की प्रससद् िैं।
ववगध -
• पिले बतगिो पर चचरकमरी की जमती िै
• वर्शेष िोल चढ़मयम जमतम िै लमइिे खींचिे कम कमयग -चमक
• (िरम कमंच,कठोर ,समजज ,क्र्मिग ज पमर्डर ,र्ुल्तमिी सर्ििी ) 221
उस्ता कला (मुनव्वती कला )

• ऊंि की खाल पर सोने का कायग

• कलाकार -दहसामुद्िीन उस्ता (पद्मश्री )

• कैमल हाइि रे ननंग सेंिर –बीकानेर


बािला
• जस्ता (स्जंक )पर कपिे या िमड़े की परत
िढ़ाकर
• जोधपुर

222
तीर कमान
• िन्िज
ू ी का गढ़ा -बांसवाड़ा

• बोड़ीगामा -िूग
ं रपुर

पेपर मेस्सी(कुट्िी का कायग )-जयपरु

तलवार ननमागण -sirohi

रमकड़ा

गशलयाकोि (िूग
ं रपरु )

223
मनू तगकला
सफ़ेि संगमरमर की मूनतग -जयपुर

• इसके सलए अजि


ुग लमल प्रजमपत को पदर्श्ी

सर्ल चक
ु म िैं

काले संमरमर की मूनतग -तलर्मड़म (बमंसर्मड़म )

लाल पत्थर की मुनतगया -थमिमर्मजी (अलर्र )

जस्ते की मुनतगया -जोधपुर

224
रमजस्थमि की चचरकलम

• प्रमचीिकमलीि चचरकलम
• र्ध्यकमलीि
• अधनु िककमलीि चचर कलम

र्र्ीकरण

• मेवाड़ गित्रकला शैली -उदयपरु ,चमर्ंड


,िमथद्र्मरम ,दे र्र्ढ़
• मारवाड़ गित्र कला शैली-,जोधपुर,जैसलर्ेर
,बीकमिेर ,िमर्ोरी ससरोिी ,ककशिर्ढ़
• ढूंढाड़ -आर्ेर ,जयपुर ,शेखमर्मिी ,अलर्र
,उनियमरम
• हाड़ौती -कोिम एर्ं बूंदी
225
जन्मभूशम -मेवाड़ (मेिपाि )
प्रारम्भ -जैन,गज ु रती ,अपभंश ृ
मुग़ल प्रभाव
स्वणग काल -17 -18 वव
प्रारं शभक गित्र
• आहदर्मिर्
• र्फ ु म
• चम्बल एर्ं
• आलनियम िदी -डॉ जर्तिमरमयण िे खोज
• र्ुकंु दरम पिमडड़यम
• दर (भरतपरु )
• बैरमठ
• समलेस्र्र एर्ं अर्रे श्र्र (सर्मई र्मधोपुर )
• इदर (र्मउं ि आबू )
ताम्रपाषखणक काल
• र्स्तुओं पर चचर
• आिद एर्ं चर्लूण्ड 226
प्रािीन ग्रन्थ

• ओध नियजुग क्त र्नृ त

• दस र्ैकमसलकम सूर चूखणग

• 1060 ई

• आलेखकर पमहिल

227
मध्यकाल
• 15 र्ी सदी
• रमजपत
ू चचरकलम शैली कम उदय
• स्र्तंर अजस्तत्र्
• जन्र् भसू र् -र्ेर्मड़
• प्रमजम्भक चचर ग्रन्थ
• श्मर्क प्रनतक्रर्ण सूर चूखणग
• (तेज ससंि के सर्य -1260 ई
• सुपमसिमि चररयर्
• र्िमरमणम र्ोकल -1423 ई

228
नामकरण
• आिंद कुर्मर स्र्मर्ी
• 1916
• रमजपूत पें हिंर्
राजपूत गित्र कला
• रमजस्थमिी
• पिमड़ी-जम्र्ू,चम्बम ,कमंर्ड़म ,र्ढ़र्मल
मग़
ु ल गित्र कला

229
वगीकरण
• र्ुख्यतः चमर भमर्ो

• मेवाड़ -उदयपुर ,चमर्ंड,िमथद्र्मरम ,दे र्र्ढ़

• मारवाड़ -जोधपुर ,ककशिर्ढ़ ,अजर्ेर ,जैसलर्ेर

िमर्ोर

• हाड़ौती -बंद
ू ी ,कोिम

• ढूंढाड़ -आर्ेर ,जयपुर ,शेखर्मिी ,अलर्र ,उखणयमरम

230
मेवाड़ शैली (उियपुर)
• र्ुहिल शमसको कम योर्दमि
• पोथी ग्रंथो कम अचधक चचरण
• प्रमरं सभक ग्रन्थ –
• श्मर्कप्रनतक्रर्णसूरचूखणग-
• ,सप ु मश्र्गिमथचररतर्
कुम्भा-
• रससकमष्िक -भीकर्चंद
अमरशसंह
• रमर्र्मलम
• िसरदीि
• 1605
महाराणा जगतशसंह
• स्र्णग कमल
• समिबदीि -भमर्र्तपुरमण
• र्िोिर
• चचतेरों की ओबरी -तस्र्ीरम रम कमरखमिम
231
• दरोर्म -र्ुख्य चचरकमर
• र्ल्ल्भ संप्रदमय -कृष्ण के चचर
गित्रकार -
• र्िोिर
• र्ंर्मरमर्
• कृपमरमर्
• समहिबदीि
• जग्र्न्िमथ
ववशेषताएं
• लमल वपले रं र् कम अचधक प्रयोर्
• र्रूड़िमससकम
• परर्ल की कड़ी फमक र्ें िेर
• िर्ु मर्दमर लम्बी अंर्सु लयम
• अलंकमरों की अचधकतम
• चेिरे की जकड़ि
• वर्धमय -सूरसमर्र ,र्ीतर्ोवर्न्द ,कृष्णलीलम
,दरबमर के दृश्य 232
नाथद्वारा शैली
• मेवाड़
• श्रीनाथ जी गित्रण
• महाराजा राजशसंह के समय
• पस्ु टिमागीय
• वपछवाई
• केले के वक्ष
ृ की प्रधानता
• गित्रकार -
कर्लम ,इलमइची ,िमरमयण ,चतभ
ु ज
ुग ,िमसीरमर्
,उदयपुर

233
िे वगढ़
• जय ससंि के सर्य
• द्र्मररकम ससंि चण्
ु डमर्त
• 1680 दे र्र्ढ़ हठकमिम
• सोिलर्ें उर्रमर्
• श्ी धर अंधमरे
• भीनत चचर
• अजमरम की ओबरी
• र्ोती र्िल
• र्मरर्मड़ र्ेर्मड़ ,ढूंढमड़
• िरे एर्ं वपले रं र् अचधक
234
िावंि उपशैली

• र्िमरमजम अर्रससंि

• प्रतमपससंि

• िसीरुद्दीि

• रमर्र्मलम

235
गित्रकार - ग्रंथ
• हीरानंि - सुपमश्र्गिमथ चररतर् -र्िमरमणम र्ोकल

• कमलिंर - श्मर्कप्रनतकर्गण चूणी -तेजससंि

• सादहबिीन - रमर्र्मलम ,रससकवप्रयम ,भमर्र्तपरु मण -जर्तससंि 1


सुकर क्षेर र्िमत्म्य ,भ्रर्र र्ीत समर -रमजससि

• जगन्नाथ - त्रबिमरी सतसई -संग्रमर् ससंि


आषग रमर्मयण -र्िोिर एर्ं समहिबदीि

236
हाड़ोती शैली
1. बंद
ू ी शैली
2. कोिम शैली
बूंिी शैली
पशु पक्षी कम चचरण
राव सुरजन हािा (1554 )
• र्ेर्मड़ कम प्रभमर्
शत्रश
ु ाल
• सर्मगचधक वर्कमस
• रं र्र्िल बिमयम -सभवत्तचचर
भावशसंह -
• र्नतरमर् -लसलत ललमर्
बधु शसंह
• लमलकवर् -अलंकरण ग्रन्थ
उम्मैि शसंह
• जंर्ली सूअर कम चचर (1750 )
• प्रकृनत वर्शेष 237
वर्शेषतमएाँ
• लमल,वपले रं र्
• छोिम कद
• प्रकृनत कम सतरं र्ी चचरण
• लमल हिंर्ुल रं र्
• रससकवप्रयम
• कवर्वप्रयम
• त्रबिमरी सतसई
• िमयक िमनयकम
• पशु पक्षक्षयों कम सर्मगचधक चचरण
चचरकमर
• सरु जि
• अिर्दअली
• रमर्लमल
• श्ी ककशि
• समधुरमर्
238
कोिा शैली
• बूंदी शैली कम भमर्
• बंद ू ी एर्ं र्ग़
ु ल प्रभमर्
• रमनियों को सशकमर करते िुए
रामशसंह
• बंद ू ी से अलर् (1696 )
भीमशसंह
• र्ल्लभ सम्प्रदमय के चचर
• स्र्यं -कृष्ण दमस
• कोिम -िंदर्मर्
उम्मैि शसंह
• सशकमर चचर
• त्रब्रहिश संचध
• युरोवपयि प्रभमर्
गुमानशसंह
• डमलू -1768
• रमर्र्मलम सेि 239
ववशेषताएं
• जस्रयों के सुन्दर चचर
• पुतसलयों के रूप र्ें
• आाँखे बड़ी
• र्र्
ृ के सर्मि आाँखे
• िमक छोिी
• ललमि बड़म
• र्ेणी अकड़ी िुइ
चचरकमर
• र्ोवर्न्द
• लक्सर्ीिमरमयण
• लमलचंद
• रिि ु मथ
• डमलू
• लछीरमर्
• िरू र्ि ु म्र्द
240
मारवाड़ गित्रकला शैली
मालिे व के समय
• उत्तरमध्ययि सूर कम चचरण
• चोखेलमर् र्िल
• र्ुग़ल प्रभमर्
सुरशसह (1595 )
• त्रबलमर्ल रमचर्िी चचर
• ढोल र्मरु चचर
जसवन्तशसंह प्रथम
• पमली-वर्रजी चचरकमर
• रमर्र्मलम नतचथ यक्
ु त चचरण
• िुक्कम पीती स्री -1816 ,सशर्दमस 241
र्मिससंि
• िमथ संप्रदमय
• र्ुरु आयसिमथ से प्रभमवर्त
• र्िमर्ंहदर कम निर्मगण
• र्नतरमर् -रसरमज ग्रन्थ

चचरकमर -
• सर्म
• िमथम
• छज्जू
• शेंफू

242
ववशेषताओं
• र्मरर्मड़ी समहित्य प्रेर्मख्यमि
• वर्षय -ढोलमर्मरु रम दि
ु म
• र्ेळी ककशि रुक्र्खण
• र्ीरर्दे र् सोिर्रम री र्मत
• पीले रं र् की प्रधमितम
• पुरुष लम्बे एर्ं र्ठीले बदि के
• बमदमर्ी आाँखे
• र्ेशभष
ू म र्ल
ू रमजस्थमिी

243
बीकानेरी गित्रकला
• 16 वी शताब्िी के बाि
• जैन प्रभाव
महाराजा रायशसंह (1574 )
• भागवतपुराण गित्र ग्रन्थ
• गित्रकार -उस्ता अलीरजा ,हाशमि रुकनुद्िीन
अनूप शसंह
• उत्कृटि शैली के गित्र
• उस्ता कला ववकास
• मस
ु शववर रुकनद्
ु िीन -भगवत परु ाण
• मथेरण गित्रकला
244
ववशेषताओं

• र्ग़
ु ल एर्ं दक्कि शैली कम प्रभमर्

• र्थेरण एर्ं उस्तम कलम

• ऊंि की खमल कम चचरण

• बमदमर्ी रं र्ो कम प्रयोर्

• बमलू के िीलों कम अंकि

• लम्बी इकिरी िमनयकमएं

• र्ेिर्ंडल,पिमड़ो

245
ककशनगढ़ गित्रशैली
• एररक डिककंशन(1943 ) एवं िॉ फैयाज अली ने
• ककशनगढ़ की स्थापना -1609
• ककशनशसह
• सावंतशसंह (नागरीिास )
• राधा कृटण
• वल्लभ संप्रिाय
• स्वणग काल
• पासवान -बनी ठनी
• ननहालिंि(मोरध्वज) -बनी ठनी
• भारत की मोनाशलसा
• अमरिंि -िांिनी रात की संघोटठी
• अन्य गित्रकार -सुरध्वज ,लाड़लीिास ,भंवरलाल
246
ववशेषताएं

• उभरी हुई ठोड़ी

• नेत्रों की खंजनाकृनत बनावि

• धनष
ु ाकार भौंए

• गल
ु ाबीअिा

• वेसरी आभष
ू ण (नाक )

• श्री कृटणा के गित्र (वल्लभ सम्प्रिाय )

247
जैसलर्ेर
• िररमज ,अखेससंि ,र्ल ू रमज
• र्ग़ु ल प्रभमर् दे खिे को ििीं सर्लतम
• वर्शुद्ध रमजस्थमिी
• र्र्ू ल चचर
नागौर शैली
• 18 र्ी
• पमरदशी र्ेशभष ू म
अजमेर शैली
• यरु ोवपयि प्रभमर् ज्यमदम
• पमबज ू ी कम चचर -चमाँद
• समहिबम
• चचर कम िमर् एर्ं नतचथ अंककत

248
ढूंढाड़ शैली
• आमेर शैली
• जयपुर शैली
• अलवर शैली
• उननयारा शैली
आमेर शैली
पथ्
ृ वी शसंह
• पुष्पदत्त -आहदपुरमण (1540 )
• यशोधरम चचर
शमजाग जयशसंह
• रमिी चंद्रमर्ती के सलए
• रससकवप्रयम
• कृष्णम-रुक्र्खण के चचर 249
जयपरु शैली
सवाई जयशसंह
• 1727- जयपरु की स्थमपिम
• 36 कमरखमिों कम र्ठि
• सरू तखमिम -चचर से सम्बंचधत
• दरबमरी चचतेरम -र्ि
ु म्र्दशमि
सवाई ईश्वरीशसंह
• समहिबरमर् -ईश्र्रससंि कम आदर्कद कम चचर
• आयर्म एर्ं कलमर्त
ृ संस्थमि –जयपुर

250
सवाई माधोशसह प्रथम
• र्लतम के र्ंहदर
• सससोहदयम रमिी के र्िल
• चंद्रर्िल
• िर्ेली

अन्य गित्रकार -
र्ोपमल
उदय
िुकर्म

251
अलवर शैली
प्रतापशसंह
• 1775
• शीशमल
• िालू
• शभत्तगित्र
बलवन्तशसह
• वैश्याओं के गित्र
• कामशास्त्र पर गित्र
ववनयशसंह
• बलिे व -शेखसािी की पस्
ु तक गशु लस्ता 252
शशविानशसंह
• िमथी दमंत पर चचर-मूलिंि

गित्रकार -
समसलर्रमर् ,
जर्िमदमस
छोिे लमल ,
िंदरमर्
र्ंर्लससि
रमर्लमल ,
अलीरजम ,
िसि
िमिकरमर्
बुद्धरमर्
253
लोक कला
मांिणा
• र्मंर्सलक अर्सर

• र्हिलमये

• ज्यमसर्तीय आकृनत

• पगल्या -पूजम के सर्य

• सात्या -बच्चे के जन्र् पर वर्शेष

• ताम -शमदी के अर्सर पर

• िौकड़ी र्मंडिम -िोली के अर्सर पर


254
सांझी
• चचरण

• र्ोबर ,र्ीट्िी ,चुिम ,पुष्प

• ववशेष -

• र्छन्दरिमथ र्ंहदर -उदयपुर (संझ्यम र्ंहदर)

• श्ीिमथ र्ंहदर -िमथद्र्मरम -केले की र्क्ष


ृ की समंझी

255
काटठ कला
• कावड़ -लकड़ी कम बिम चलतम कफरतम र्ंहदर
खेरमदी जमनत (बस्सी) चचत्तौड़र्ढ़
• बेवाण -लकड़ी के बिे र्ंहदर
• खांिे -लकड़ी की तलर्मर (िोली )
• बाजोि -लकड़ी कम चौकोर पमर
• कठपुतली -
• िि जमती
• उदयपुर ,जयपुर चचत्तौड़र्ढ़

256
• दहि -सर्ििी कम पर जजसर्े दीपक रखम जमतम िै

• भराड़ी -र्मंर्सलक चचर ,आहदर्मससयों र्ें प्रचसलत

• मथेरण कला -बीकमिेर ,भीनत चचर ,जैि सर्ुदमय

• गोिना -िमथ पर चचरकमरी

• ववल -र्माँर् र्ें छोिी चचचो को रखिे के सलए बिमई र्ई आकृनत

• पाना -दे र्ी दे र्तमओं की तस्र्ीरें

257
उननयारा शैली
• ठाकुर बबशनशसंह
• नरुका दठकाना
• ढूंढाड़ का भाग
• केशव की कवववप्रया
• बारहमासा

• गित्रकार -
✓ धीमा
✓ मीरबख्श
✓ कशी राम
✓ बख्ता

258
शेखावािी शैली
• 15 र्ी
• कछर्मिम शमसक र्ोकलजी पर

• शेखमजी
• सभवत्त चचर परम्परम
• बड़ी बड़ी िर्ेसलयम
• धमसर्गक,ऐनतिमससक
• लोक जीर्ि

259
प्रमख
ु क्षेत्र
• िर्लर्ढ़
• र्ंडमर्म
• रमर्र्ढ
• फतेिपुर
• लक्ष्र्णर्ढ़
• र्ुकंु दर्ढ़
• त्रबसमऊ
• श्ेष्ठ जि

260
आधुननक गित्रकार
रामगोपाल ववजयवगीय
• सर्मईर्मधोपरु
• 1984 -पद्र्श्ी
भूरशसंह शेखावत
• र्मर्ो कम चचतेरम
• बीकमिेर
गोवधगन बाबा
• भीलो कम चचतेरम
• प्रससद चचर -बमरमत
कृपालशसंह शेखावत
• ब्लू पॉिरी
• सीकर 261
परमानन्ि िोयल
• भेसो कम चचतेरम
• उदयपुर
सौभागमल गेहलोत
• जयपुर
• िीड कम चचतेरम
जगमोहन मथोडिया
• श्र्मि कम चचतेरम
• जयपरु

262
संस्थाए
• पोथीखाना -जयपरु

• मानपस्
ु तक प्रकाश -जोधपरु

• सरस्वती भंिार -उियपुर

• जैन भंिार -जैसलमेर

• गित्रशाला -बूंिी

• माधोशसह संग्रहालय -कोिा

263
ववषयगत सादहत्य सादहत्य ववधाये
अन्य
• जैन सादहत्य • ववगत

• लोक सादहत्य • िवावैत


• डिंगल एवं वपंगल
• िारण सादहत्य • वेळी
• गद्य एवं पद्य में अंतर
• ब्राह्मण सादहत्य • प्रकाश
• सादहत्य की ववशेषताएं
• विननका

• कखका • सादहत्य का वगीरकरण

• ववगत • सादहत्य लेखन


264
• राजस्थानी भाषाए वं सादहत्य की अलग पहिान

• सादहत्य से रजथान के इनतहास की जानकारी

• यद्
ु ध ,राजा ,राजवंश ,जनजीवन ,धमग ,प्रशासन की जानकारी

• राजस्थानी सादहत्य के ववकास का कारण -राजा द्वारा

सादहत्यकारों का सरक्षण

• कई शासक स्वयं ववद्वान ् -कुम्भा

265
शैलीगत एवं ववषयगत ववववधताएं
जैन सादहत्य -
• जैन मुनन ,श्रावक आिायग द्वारा शलखा गया
• यह गद्य एवं पद्य िोनों
• शान्तरस की प्रधानता
जैसे-
• िे शीनाममाला एवं शब्िानुशासन -हे मिन्र सूरी
• नल िमयंती रास -ऋवषवद्गधन सरू ी
• राबत्र भोजन रास -धरम समर
ु ीगखण
• गोरा बािल की िोपाई-हे मरत्न सरू ी
• कुवलयमाला -उद्योतनसरु ी

266
िारण सादहत्य
• राजपुत युग के शौयग का वणगन
• वीर एवं श्रंग
ृ ार रास की प्रधानता
• िरणों द्वारा शलखखत
• जैसे
• ववरमायण -बािर ढाढी (प्रथम )
• िंिरबिाई -पथ् ृ वीराज रासो
• बांकीिास री ख्यात -बांकीिास
संत सादहत्य
• जनमानस को प्रभाववत
• सामास्जक एवं नैनतक शशक्षा
• जैसे -
• मीरा की पिावशलया
• िाि ू री िेतावनी
• रामिरण री वाणी

267
लोक सादहत्य
• लोकगीत ,प्रेमगाथाएं
• फड़ ,लोकनाट्य
• जैसे
• पाबूजी री फड़ -आशशया मोिजी

ब्राह्मण सादहत्य
• राजस्थान में संख्या कम

• कान्हड़िे प्रबंध -पद्मनाभ

268
राजस्थानी सादहत्य की ववधाये

ख्यात -
• शमसको की र्मि र्यमगदम एर्ं र्ंशमर्ली
• िेणसी री ख्यमत
• बीकमिेर रम रमठोड़ो री ख्यमत
वंशावली
• रमजर्ंशो की र्ंशमर्सलयम
प्रकास
• ककसी र्ंश अथर्म व्यजक्त की उपलजब्धयों एअव्र्
िििमओं पर प्रकमश डमलिम
• पमबू प्रकमश ,उदयप्रकमश र् रमजप्रकमश
विननका
• ऐनतिमससक र्त ृ मित
• अचलदमस खींची री र्चनिकम
269
मरस्या
• ककसी राजा या व्यस्खत के मरणोपरांत रगित काव्य
• िाररबत्रक गुणों का बखान
िवावैत
• उिग ू फ़ारसी शब्िावली
• प्रशंसा िोहो के रूप में
रासो
• राजयो की प्रसंशा ,यद्
ु ध ,वीरतापण
ू ग कायग वंशावली
• बीसलिे व रासो
• पथ्
ृ वीराज रासो
वेळी
• शासको एवं सामंतो की वीरता वंशावली का वणगन
• वेळी ककशन रुखमखण री
ववगत
• इनतहास में वखणंत पूवग जानकारी

270
कखका
• वणगमाला में 52 अक्षर मानकर प्रत्येक वगग
के प्रथम अक्षर से प्रारम्भ कर पि
दहयाली
• राजस्थानी भाषा रगित पहे ली

271
डिंगल
• रमजस्थमिी की प्रर्ख
ु बोली 'मारवाड़ी' कम यि समहिजत्यक रूप िै ।
कुछ लोर् डडंर्ल को र्मरर्मड़ी से सभन्ि चमरणों की एक अलर् भमषम
बतलमते िैं, ककन्तु ऐसम र्मििम निरमधमर िै ।
• पजश्चर्ी रमजस्थमि
• चमरण कवर्यों

वपंगल
• वपंर्ल कम र्मस्तवर्क अथग छं दशमस्र से िै
• त्रब्रज भमषम से जड़
ु मर्
• पूर्ी रमजस्थमि
• अचधक रचि भमि जमनतयों के लेखकों द्र्मरम 272
सादहत्य रिना की िो ववधाएं हैं-गद्य और पद्य।
गद्य ववधा- के तहत कहानी, उपन्यास, नािक, ननबंध, संस्मरण,
व्यंग्य, आत्मकथा, पत्र वगैरह शलखे जाते हैं। वहीं पद्य के अंतगगत
कववता, गीत, गाना, मुखतक आदि शलखा जाता है । गद्य में अलंकारों
का प्रयोग नहीं होता है , लेककन पद्य में खब
ू होता है । कहें तो अलंकार
पद्य का गहना है । गद्य ववधा की रिनाओं को हम सीधा-सपाि पढ़
सकते हैं, खयोंकक उनमें लयात्मकता नहीं होती है
पद्य ववधा -की रिनाओं में लयात्मकता होती है । ऐसी रिनाएं
गेय होती हैं। हम इन्हें सुर के साथ गा सकते हैं। िरअसल, गद्य हमारे
वविारों से ताल्लक
ु रखता है , वहीं पद्य हमारे मनोभावों से। िस ू रे शब्िों
में कहें तो पद्य का संबंध मन से है , जबकक गद्य का मस्स्तटक से।
आपको जानकर है रत हो सकती है कक पद्य लेखन की शरू ु आत गद्य
लेखन से काफी पहले हुई। ।िह ु ा ,सोरठा ,गीत ,कुण्िशलया ,छं ि

273
राजस्थान सादहत्य की ववशेषताएं
• गद्य एवं पद्य िोनों में

• सादहस्त्यक रूप-डिंगल एवं वपंगल

• वीर रास एवं श्रंग


ृ ार रस

• सादहत्य में वीरता ,नैनतकता ,स्वाशमभस्खत का समावेश

• लोक सादहत्य के द्वारा लोक जीवन की छवव

• ववषयगत ववशभन्ता
274
राजस्थान सादहत्य का वगीकरण
• नरोत्तम स्वामी का ववभाजन

• िॉ हीरालाल महाश्वेरी ववभाजन

• पुरुषोत्तम िस स्वामी का वगीकरण

1. वीरगाथाकाल या आदिकाल -8 वी -15 वी

2. मध्यकाल -15 वी -19 वी

3. आधनु नक काल -19 वी से वतगमान तक

275
प्रारं शभक काल (आरम्भ काल -1050 -1450)
कुवलयमाला -उद्योतन सरू ी
• रमजस्थमिी भमषम कम उल्लेख र्रुभमषम
भरतेश्वर बाहुबली घोर -
• र्ज्रसेि सरू ी
• जैि समहित्य कम प्रमचीितर् ग्रन्थ
• भरत एर्ं भमिुबसल के र्ध्य िुए युद्ध कम र्णगि
• र्रू र्जु रग भमषम
भरतेश्वर बाहुबली रास
• शमसलभद्र सरू ी
• रमजस्थमि कम प्रथर् रमस
• नतचथ कम उल्लेख
नेशमनाथ बारहमासा
• जैि कवर् पमल्िण
• तीथंकर िेसर्िमथ कम र्णगि
276
िंिनबाला रास
• 35 छं द कम खंडकमव्य
• जैि कर्ी आसर्ु
• सती -चंदिबमलम

जम्बस्
ू वामीरास
• धरर् (र्िें द्र सरू ी )
• जम्बू स्र्मर्ी की कथम

अर आबू रास
• कर्ी पमल्िण
• र्स्तप
ु मल एर्ं तेजपमल तथम जैि र्ंहदरो कम
उल्लेख 277
शांनतनाथ िे व रास
• लक्ष्र्ीिमथ नतलक
• 1313
• 16 तथ
ृ ंकर शमंनतिमथ जी कम उल्लेख िै

रे वतगगरररास
• 1231
• वर्जयसेि सूरी
• िेसर्िमथ एर्ं रै र्तर्ीरी कम र्णगि

पद्मावती िोपाई
• जजिभद्र सूरी

278
पथ्
ृ वीराज रासो
• कवर् चंदरबदमई
• पजृ थ्र्रमज चौिमि कम र्णगि
• वपंर्ल र्ें रचचत
• र्ीर रस
बीसलिे व रासो
• िरपनत िमल्ि
• अजर्ेर के चौिमि शमसक वर्ग्रिरमज 4 एर्ं
उिकी रमिी रमजर्ती की प्रेर्र्मथम
रणमल छं ि
• श्ीधर व्यमस
• र्ज
ु फ्फरशमि (पमिि के सब ू ेदमर ) एर्ं रमठोड
रणर्ल (ईडर ) के र्ध्य युद्ध कम र्णगि
• अन्य रचिम -दर्
ु मग सप्तशी

279
अिलिास खींिी री विननका
• सशर्दमस र्मडण
• डडंर्ल ग्रन्थ
• र्मर्रोि के शमसक अचलदमस एर्ं र्मंडू के सल् ु तमि
िोशंर्शमि के र्ध्य युद्ध कम र्णगि
• चरणों द्र्मरम रचचत र्द्य समहित्य की प्रथर् रचिम
ववरमायण
• चरणों की प्रथर् कृनत-वर्रर्मयण
• बमदर ढमढी
• खेड़ के रमर् ,र्जल्लिमथ एर्ं उिके भतीजे र्ोर्मदे के
र्ध्य युद्ध कम र्णगि
• बमदर ढमढी की निसमनियम भी किते िै
पथ्
ृ वीराज ववजय
• जयमिक
• संस्कृत भमषम
• पथ्
ृ र्ीरमज चौिमि के र्ंशक्रर् की जमिकमरी
280
हम्मीर महाकाव्य
• संस्कृत भमषम
• ियिचन्द्र सरू ी
• रणथम्भोर के चौिमि शमसक

ववजयपाल रासो
• वपंर्ल भमषम
• िलससि
• वर्जयर्ढ़ (करोली )के शमसक वर्जयपमल की जमिकमरी
ढोल मारु रा िह
ु ा
• कर्ी कल्लोल
• ढोल एर्ं र्मरर्णी के प्रेर् कम र्णगि
• डडंर्ल 281
ब्रहस्फुि शसद्धांत
• संस्कृत
• वर्ष्णुर्ुत (भीिर्मल )
• खर्ोलशमस्र
• अन्य -खण्डखमद्यर्
शशशप
ु ालवध
• र्िमकवर् र्मि (भीिर्मल )
गौतम स्वामी रास
• वर्ियभद्र

282
समराइिकहा
• हररभर सूरी
बद्
ु गधरास
• शाशलभर सूरी
• 63 छं ि
• भोले लोगो को नीनत उपिे श
• लोकव्यवहार
जीविया रास
• आसगु
• जैन कवी (जालोर )
• वव सं -1257
• 53 छं ि
• लोगो में िया भावना

283
बत्रभव
ु न िीपक प्रबंध
• जयशेखर सूरी
• वस्तुपाल तेजपाल

हं सावली
• असाइत
• प्रेम काव्य
मलय संि
ु री कथा
• मणखया सुन्िर सूरी
मानवती ववनयवती
• हीर भाि रगित

284
• िे शीनाममाला एवं शब्िानश
ु ासन -हे मिन्र सरू ी

• नल िमयंती रास -ऋवषवद्गधन सूरी

• राबत्र भोजन रास -धरम समर


ु ीगखण

• गोरा बािल की िोपाई- हे मरत्न सूरी

285
राजस्थान का सादहत्य
मध्यकालीन सादहत्य
सांि ू माला
1. बीकानेर के राजा रायशसंह के समकालीन
2. अकबर की प्रशंसा -झल ू ना अकबर पातसाह रा
3. महाराणा की प्रशंसा -झूलणा िीवान श्री प्रतापशसंग जी रा
4. रायशसंह की प्रसंशा -झल ू ने महाराज रयशसग जी रा
जग्गा खखडिया
1. विननका राठोि रतनशसह महे शिास ऋ
2. रतलाम के वीर योद्धा-रतनशसह
3. औरं गजेब के मध्य यद्
ु ध का वणगन

286
आढ़ा पहाड़खान
1. रिना -गोगािे रूपक
2. राठोि गोगा का जोइया के साथ यद्
ु ध का वणगन
3. बिरढाढ़ी की ववरमायण से शमलती जल
ु ती है

गािण गोपीनाथ
1. रिना -ग्रंथराज
2. बीकानेर महाराजा गजशसह का वणगन

सयाजी झूला
• ईिर में जन्म
• कृटणा भगवती से सम्बंगधत रिनाये
रिना -रुख्र्खण िरण ,िमर्दर्ण
287
कल्याणिास
1. रिना -गण
ु गोववन्ि
2. राम एवं कृटण की लीलाओं का वणगन

मरु ारीिास बाहरठ


1. गण
ु ववजय ब्याह
2. भगवन श्री कृटण से जि
ु ी

िक्रपाखण शमश्रा
1. महाराणा प्रताप के िरबार
2. रिनाये –
• वर्श्र् र्ल्लभ
• व्यर्िमरदशग
• र्ुिूतगर्मलम 288
िेल्हजी
• अहमनी -अशभमन्यु की कथा
• वीर एवं करूँ रास की प्रधानता

पिम ् भगत
• रिना-रुखमखण मंगल

सीता परु ाण- सरवनजी


प्रहलाि पुराण- सुरजन जी
ककसान बयालो - रुस्तमजी
फुिकर पि - मीराबाई 289
अज्ञात रिनाये
जेठवा रा सोरठा
1. उजली एर्ं जेठर्म की प्रेर्कथम कम र्णगि
2. जमतीय बंधि के कमरण एक दस ू रे कम ब्यमि ििीं िो स्कम
3. र्ी संर्त -1400 -1500 के र्ध्य की
नागजी -नागमती
1. िमर्जी एर्ं िमर्र्ती की प्रेर्र्मथम
2. 50 दि ु म
3. िमर्जी आत्र्ित्यम
4. िमर्र्ती िे भी आत्र्ित्यम कर दी
सैनी बीजानन्ि
1. लोक प्रचसलत प्रेर्मख्यमि
2. बीजमिन्द एर्ं सैिी की प्रेर्र्मथम
3. वपतम की शतग के कमरण सैिी कम बीजमिन्द से वर्र्मि ििीं िो सकम

290
अन्य प्रेमाख्यान
1. बींझा सोरठ

2. जलाल बुबना

291
राजस्थान का आधुननक सादहत्य

1850 -1947
जागरण काल

292
सय
ू म
ग ल्ल शमश्रण
• बंद
ू ी र्ें जन्र्
• आधुनिक कल के प्रथर् कर्ी
• बूंदी िरे श रमर्ससंि के दरबमर र्ें
रिनाये-
वंश भास्कर -
• 1840 र्ें रचिम
• बूंदी रमज्य कम इनतिमस
• रमजस्थमि के अन्य रमज्यों कम भी उल्लेख
• दत्तक पर
ु -र्रु मरीदमि िे पण
ू ग की
293
वीर सतसई
• रसात्मक िोहे
• डिंगल में शलखा गया
• शौयग ,बशलिान एवं त्याग का सन्िे श
• 1857 के स्वतंत्रता का काव्यात्मक उद्गार
• राजस्थान भशू म के शलए वाले रणबांकुरो का वणगन
रामरं जाि
• आरसभक रचिम
• 10 र्षग
बलवंत ववलास
• रतलमर् के रमजम बलर्न्तससि कम चररर र्णगि

294
लक्ष्मी कुमारी िुण्िावत
• 1916

• उदयपुर र्ें जन्र्

• 1962-72 -वर्धमिसभम सदस्य

• 1972 -78 -रमज्यसभम सदस्य

सामास्जक कायग-

• रमज्यसभम र्ें र्हिलमओं के सीि आरक्षक्षत की र्मंर्

• जीर्ि त्रबर्म निर्र् एर्ं समर्गजनिक निर्मगण वर्भमर् र्ें र्हिलमओं को पुरुष के समर्मि र्ेति

• निरसस्रीकरण सम्र्लेि (न्यूयोकग ),1978 -भमरत कम प्रनतनिचधत्र्


295
रिनाये -

• िे वनारायण बगड़ावत की महागाथा (पद्मश्री शमला 1984 )

• राजस्थान के रीनतररवाज

• कै रे िकवा वात

• मंझली रात ,शांनत के शलए संघषग

• लेननन री जीवनी ,मम


ू ल

• दहंिीकुश के उस पार

• 1965 -सोववयत लैंि नेहरू पुरूस्कार


296
ववजयिान िे था
• त्रबज्जी के िमर् से दे श दे श र्ें लोकवप्रय
• जन्र् -बोरुं दम (जोधपुर )
सम्मान -
• केंद्रीय समहित्य अकमदर्ी अर्मडग -बमतम की
फुलर्मरी के 10 र्े खंड
• त्रबिमरी पुरुस्कमर -2002
• रमर् सीिम अर्मडग-2011
• पद्र् श्ी -2007 दहंिी भाषा
रूपायन संस्थान -दे थम एर्ं कोर्ल कोठमरी • ऊषम
• बमपू के तीि ित्यमरे
• सर्मज एर्ं समहित्य
297
इनकी कई रिनाये है
• बाता री फुलवारी
• माँ रो बिलो
• नतिोराव
• गोरा हि जा
• रुख
• उलझन
• सपनवप्रया
• केंिुली
• ि डिलेमा
• अलेखु
• दहिलर
• िवु वधा
• पररणनत
• िरणिास िोर
298
कनैयालाल सेदठया
जन्र् -1919
चूरू
रिनाये-
• पातळ एवं पीथळ
(महाराणा प्रताप एवं िेतक का वणगन)
• मींझर ,लीलिांस
• हे माणी ,मायड़ रो हे लो
• शलक शलकोड़ो
• काको रोि रो
• वनफूल ,ननग्रंथ'

299
अवािग -

• पद्मश्री

• मूनतगिेवी सादहत्य पुरुस्कार

• राजस्थान रत्न पुरुस्कार

• सूयम
ग ल शमश्रण शशखर पुरुस्कार

300
िॉ गौरीशंकर हीरानंि ओझा
• जन्म -1863

• शसरोही

• इनतहास ,सादहत्य एवं परु ातत्व

• 50 से अगधक ग्रन्थ शलखे

• प्रशसद्ध ग्रन्थ -भारतीय प्रािीन शलवपमाला

• राजस्थान का गगब्रान

• गगनीज बुक वल्िग में भी इनका नाम है

301
शंकरिान सामौर
• जन्र् -चरू

• त्रब्रहिश शमसि के अत्यमचमर एर्ं शोषण
• प्रर्नतशील वर्चमरधमरम के कर्ी
रिनाये -
• सर्ती सुजस
• भर्ीरनत र्हिर्म
• र्ख्तरों बमयरो
• दे श दपगण
• समकेत सतकग
302
इकराम राजस्थानी
• ििग के रं ग

• सुकून

• अक्षरों के इिग गगिग

• प्रकाश पथ

• शेखसािी की पस्
ु तक गशु लस्ता का दहंिी में अनुवाि ककया

303
िॉ एल पी तेस्स्सतोरी
• इिली र्ें जन्र्
• 1914 र्ें भमरत आये
• बीकमिेर कर्गस्थली बिमयी
• र्िमरमजम र्ंर्मससि िे इन्िे चरण समहित्य के सर्ेक्षण कम कमयग हदयम
रिनाये-
• राजस्थान िारण सादहत्य का ऐनतहाशसक सवे
• पस्श्िमी राजस्थानी व्याकरण
✓ बीकमिेर र्ें िशगनीय म्यूस्जयम की स्थमपिम
✓ बीकमिेर र्ें दे िमंत

304
श्रीलाल नथमल जोशी
बीकानेर
रिनाये -

• आभे पिकी –

✓ वर्धर्म वर्र्मि की सर्स्यम को उजमर्र ककयम र्यम िै

• धोरा रो धोरी -िे स्सीिोरी की जीर्िी

• एक बीनणी िो बीन -अंग्रेजी कर्ी िे निसि की कवर्तम इनक गािगन पर आधमररत

अन्य -

• भमडेनत ,परण्योड़ी,कुर्मरी

305
जॉजग अब्राहम गग्रयसन
• अंग्रेज़ भमषमवर्द
• 1912 -
• राजस्थानी शब्ि कम उल्लेख ककयम

कवी श्यामलिास िगधवादिया


• र्ेर्मड़ र्िमरमणम सज्जिससंि
• रचिम -वीर ववनोि
• थ्वीराज रासो की नवीनता" तथम "अकबर के जन्मदिन में सन्िे ह
• र्ेर्मड़ कम इनतिमस
• त्रब्रहिश सरकमर द्र्मरम केसर -ए -हिन्द
306
कनगल जेम्स िॉि
• इंग्लॅ ण्ड निर्मसी
• 1800 र्ें रमजपुतमिम के पोसलहिकल एजेंि बिकर आये
• 5 र्षग तक रमजस्थमि र्ें िूर्कर वर्सभि समर्ग्री एकत्ररत
• इन्िे राजस्थान के इनतहास लेखन का वपतामह
• Books –
1. Travels in western Rajasthan
2. Annals &Antiquities of Rajasthan

307
मेघराज मुकुल

• चरू
ू र्ें जन्र्

• प्रथर् रचिम -उमंग

• सेनािी -र्ेर्मड़ के चण्


ु डमर्त सरदमर द्र्मरम निशमिी र्मंर्िे पर िमड़ी रमिी
सिल कंर्र िे अपिमससर कमिकर दे हदयम

अन्य रिनाये-
• कोडर्रे
• आि री र्मत
• चाँ र्री
308
िंरप्रकाश िे वल
• उदयपुर र्ें जन्र्

• इिकी कृत्यों र्ें आर् आदर्ी की पीड़म िजर आती िै

• पागी -इिकम प्रथर् कमव्य संग्रि िै

✓ समहित्य अकमदर्ी अर्मडग हदयम र्यम

• बोलो माधवी

✓ र्ीरम पुरुस्कमर से सम्र्मनित ककयम र्यम

• उिीक पुराण

✓ सूयर्
ग ल सर्श्ण पुरुस्कमर 309
पंडित झाबरमल शमाग
• खेतड़ी हठकमिे र्ें जन्र्
• संस्कृत ,हिंदी एर्ं रमजस्थमिी भमषम के कर्ी
• 1981 र्ें भमरत सकमगर द्र्मरम इन्िे पद्मा भूषण से सम्र्मनित ककयम र्यम
• खेतड़ी में रामकृटण शमशन की स्थपिम
• वववेकानंि से जि
ु ी रिनाये-
✓ आिशग नरे श ,अरववन्ि िररत
✓ खेतड़ी का इनतहास ,खेतड़ी नरे श
• इन्िे पत्रकाररता का भीटम भी किम जमतम िै
• 2000 -पंडित झाबरमल शमाग पत्रकाररता शोध संस्थान (जयपरु )

310
शशविंर भारतीय
• रमजस्थमि कम भमरतेन्द ु िररचन्द्र किम जमतम िै

रिनाये -

• केसर ववलास -रमजस्थमिी कम पिलम िमिक

• ववश्रांत प्रवास -रमजस्थमिी र्ें प्रथर् किमिी

• कनक सुन्िर -रमजस्थमिी भमषम कम सबसे पिलम उपन्यमस

311
सत्यप्रकाश जोशी
• राधा

• बोल भारमली

िन्रशसह बबरकाली
• ििर्
ु मिर्ढ़ र्ें जन्र्

रचिमये-

• बािली

• लू
312
श्री सीताराम लालस

• जमलोर

• 1977 र्ें उन्िें पद्र्श्ी से सम्र्मनित ककयम र्यम'

• इन्िोिे राजस्थानी भाषा का पहला शब्िकोश तैयमर ककयम थम

रांघेय राघव
• िरोंदम

• कब तक पुकमरू

313
सादहत्य में प्रथम
प्रमचीितर् रचिम भरतेश्र्र बमिुबली

संर्त उल्लेख र्मली रमजस्थमिी की प्रथर् कृनत भरत बमिुबली रमस

प्रथर् र्चनिकम अचलदमस खींची री र्चनिकम

रमजस्थमिी भमषम कम पिलम उपन्यमस किक सुन्दर

रमजस्थमिी प्रथर् िमिक केसर वर्लमस

रमजस्थमिी प्रथर् किमिी वर्श्मंत प्रर्मस

-
सर्तंर कल कम प्रथर् उपन्यमस आभैपिकी

आधनु िक रमजस्थमि की प्रर्ख


ु कमव्य कृनत बमदली

314
राजस्थान में सादहस्त्यक ववकास की संस्थाए -
राजस्थान सादहत्य अकािमी
• उदयपरु
• 28 जिर्री 1958
• पत्ररकम -र्धुर्ती
• अर्मडग -मीरा पुरुस्कार
• प्रथर् र्ीरम पुरुस्कमर -रमर्मिंद नतर्मरी (1959 )
• सर्ोच्च र्ीरम पुरस्कमर(2018-19) सवाईशसंह शेखावत को उिकी कमव्य कृनत ‘ननज
कवव धातु बिाई मैंने

राजस्थान संस्कृत अकािमी


• जयपुर
• 1980 र्ें स्थमपिम
315
राजस्थान भाषा ,सादहत्य एवं संस्कृत अकािमी
• बीकमिेर
• 1983
• र्मससक पत्ररकम -जर्ती जोत
• सूयम
ग ल्ल मीसण शशखर पुरस्कार
1985-86 डॉ. शजक्तदमि कवर्यम संस्कृनत री सौरर् (निबंध)

राजस्थान दहंिी ग्रन्थ अकािमी


• जयपरु
• 1969 र्ें स्थमपिम
• लेखकों को सुवर्धम प्रदमि करिम
• प्रकमशि कम कमयग
316
राजस्थान प्राचय ववद्या प्रनतटठान
• िस्तसलखखत ग्रन्थ के संग्रि एर्ं सर्ेक्षण कम कमयग

• जोधपरु

• 1951 स्थमपिम

राजस्थान राज्य अशभलेखागार

• बीकमिेर

• इनतिमस की सलखखत समर्ग्री को सुरक्षक्षत रखिम

• 1955 र्ें स्थमपिम

317
➢ राजस्थान उिग ू अकािमी -जयपुर

➢ राजस्थान बज
ृ भाषा अकािमी -जयपरु

• त्रेमाशसक पबत्रका -त्रब्रज शतदल

➢ राजस्थानी पंजाबी भाषा अकािमी -श्रीगंगानगर

➢ मौलाना अब्िल
ु कलाम आजाि अरबी-फ़ारसी शोध संस्थान –िोंक
राजस्थान शसंधी अकािमी -जयपुर
• र्मवषगक पत्ररकम -ररिमण


318
▪ राजस्थानी भाषा की
उत्पवत्त
▪ भाषा उत्पवत्त के शसद्धांत
▪ ववकासक्रम
▪ वगीकरण
▪ बोशलयाँ
▪ राजस्थानी शलवप

319
ननमाड़ी एवं रागांिी ककस बोली की ववशेषता है |
(1 )हाड़ौती (2 )मेवाती
(3 )मालवी (4 )अहीरवािी
(ग्राम सेवक परीक्षा 2016 )

राजस्थान की बोली एवं क्षेत्र के सम्बन्ध को ध्यान में रखते हुए


ननम्नशलखखत में से गलत को िुने ?
(1 )िोंक –ढूँढाड़ी (2 )पाली-बागड़ी
(3 )बांरा-हाड़ौती (4 )करौली –मेवाती
(ras pre 2012 )

ककस बोली को भीलो की बोली कहा जाता है


(1 )वागड़ी बोली (2 )मारवाड़ी बोली
(3 )मेवाड़ी बोली ( 4 )ब्रज बोली
(पिवारी परीक्षा 2011 )
320
राजस्थानी भाषा की उत्पवत्त

➢ शौरसेनी के गुजऱग
➢ 835 ई उद्योतन शुरी कुवलयमाला -मरुभाषा
➢ कवी कुशललाभ- वपंगल शशरोमखण
➢ अबुल फजल आइन ए अकबरी - मारवाड़ी
➢ राजस्थानी भाषा -जॉजग अब्राहम गग्रएशन
➢ 1912 linguistic Survey of India • राजस्थान में भाषा सवेक्षक -जॉजग
➢ राजभाषा ववभाग-25 जून 1975 मैस्खलस्िर
• क्षेत्रफल -मारवाड़ी
➢ राजस्थानी भाषा दिवस -21 फरवरी • सवागगधक लोग -ढूँढाड़ी
321
आयग

पाली संस्कृत

शौरसेनी प्राकृत

गज
ु रग ी अपभ्रंश नागर अपभ्रंश

राजस्थानी(मारवाड़ी)

322
भाषा उत्पवत्त के शसद्धांत

एलपी िे स्सीिोरी जॉजग अब्राहम माखणखय लाल


• -12 वी गग्रयशन – ,कहाननया लाल
• शौरसेनी प्राकृत • 12 वी , सेदठया ,मोतीलाल
• नागर अपभ्रंश मनाररया –
• 11 -13 वी ,
• गजु रग ी अपभ्रंश

323
ववकास क्रम

➢ गज
ु रग ी अपभ्रंश -11 वव -13 वव

➢ प्रािीन राजस्थानी -13 वव -16 वव

➢ मध्य राजस्थानी -16 वव-18 वव

➢ आधुननक राजस्थानी -18 वव से अब तक

324
वगीकरण-

गग्रयशन
➢ linguistic survey of india-9th volume
part 2
➢ रमजस्थमिी भमषम की 5 उपशमखये -

1. पस्श्िमी राजस्थानी
2. मध्य-पूवी राजस्थानी
3. उतरी-पूवी राजस्थानी
4. िक्षक्षणी-पूवी राजस्थानी
5. िक्षक्षणी राजस्थानी

325
िॉखिर एलपी िे स्सीिोरी

❖ राजस्थान की भाषाओं को िो भागों-


• पस्श्िमी राजस्थानी
• पूवी राजस्थानी

▪ पस्श्िमी राजस्थानी -थमली,ककशिर्ढ़ी,खैरमडी,र्ोड़र्मदी,दे र्डमर्ती


▪ पव
ू ी राजस्थानी -तोरमर्मिी,रमजमर्मिी िमड़ौती

326
नरोत्तम स्वामी

1. पस्श्िमी -र्मरर्मड़ी

2. पूवी -ढूाँढमड़ी

3 उत्तरी -र्ेर्मती एर्ं अिीरर्मिी

4 .िक्षक्षणी -र्मलर्ी एर्ं निर्मड़ी

327
राजस्थान की प्रमुख बोशलयाँ
र्मरर्मड़ी

ढूंढमड़ी

र्ेर्मती

अिीरर्मिी(रमठी )

र्मलर्ी
328
मारवाड़ी
❖ -मरुभाषा आरम्भ -8 वी
❖ जोधपरु ,बीकानेर,जैसलमेर ,पाली,नागौर जालोर शसरोही
❖ रस्जए रा सोरठा ,वेळी ककशन रुखमखण री,ढोल मरवण ,मूमल
❖ उपबोशलयाँ -
• मेवाड़ी
• बागड़ी
• शेखावािी
• बीकानेरी
• ढिकी
• थली
• खैरािी
• नागौरी
• िे विावती
• गोड़वाड़ी
329
मेवाड़ी

• उियपरु के आस पास का क्षेत्र

• महाराणा कुम्भा के नािक

330
वागड़ी
• िूग
ं रपुर एवं बांसवाड़ा गुजरती का प्रभाव

• भीली बोली

331
गोड़वाड़ी
• जालोर की आहोर तहसील के पूवी भाग से
बाली(पाली)
• बलवी,,कहानी,महाहिी

332
िे विावती

शसरोही एवं आबू क्षेत्र में

333
शेखावािी

• मारवाड़ी की उपबोली
• सीकर,झुंझुनू,िूरू
• मारवाड़ी एवं का प्रभाव

334
खैरािी

• शाहपुरा (भीलवाड़ा),बूंिी
• मेवाड़ी,ढूंढाड़ी,हाड़ौती

• धमर्ड़ी -उदयपुर
• जमर्रोती -करौली
335
ढूंढाड़ी

❖ जयपरु ,िोंक,लमर्म,अजर्ेर,ककशिर्ढ़
❖ जयपुरी यम झमड़शमिी
❖ संत दमद ू की रचिमये
❖ 8 दे श र्जु री
❖ उपबोसलयमाँ -
• तोरावािी
• राजवती
• िौरासी
• नागरिोल
• ककशनगढ़ी
• अजमेरी
• कठे ड़ी
• हाड़ौती
336
तोरावािी
• तोरावािी -जयपुर के उत्तर ,
• झुंझुनू के िक्षक्षण में ,
• सीकर के पूवी

337
कठे ड़ी
• कठे ड़ी -जयपुर के िक्षक्षण में

338
राजावािी -

• जयपुर के पूवी भाग

339
िौरासी
• -जयपरु के िक्षक्षण-पस्श्िम

• िोंक के पस्श्िम में

340
नागरिोल

• सवाई माधोपरु स्जले के पस्श्िम में

• िोंक के िक्षक्षण एवं पव


ू ी भाग

341
हाड़ोती

• हािा राजपत

• कोिा ,बंि
ू ी,बांरा,झालावाड़

• ढूँढाड़ी की उपबोली

• केलोग-दहंिी ग्रामर (1875)

• सूयम
ग ल्ल शमश्रण

342
मेवाती

• अलवर,भरतपुर
• मेव जानत
• अलवर -ककशनगढ़,नतजारा,रामगढ,गोववंिगढ़
• भरतपुर-कामा ,िीग
• हररयाणा -गरु ु ग्राम
• उत्तरप्रिे श-मथुरा
• लालिासी एवं िरणिासी की रिनाये
• कई रूप -खड़ी मेवाती,राठी मेवाती ,कठे र
मेवाती

343
अहीरवािी (राठी )

❖आभीर जानत
❖अलवर-बहरोि ,मि ंु ावर
❖जयपरु -कोिपतू ली
❖हररयाणा
❖हम्मीर रासो -जोधराज
❖भीम ववलास काव्य-शंकर राव
❖अलीबख्शी ख्याल

344
मालवी

❖ झालावाड़,प्रतापगढ़, कोिा
❖ मारवाड़ी ,ढूँढाड़ी
❖ उपबोशलयाँ
• ननमाड़ी -िक्षक्षणी राजस्थानी
• रागांिी -मालवा राजपत
ू ो की ककगश बोली
• मालवी की उपबोशलयाँ -सोण्िवाड़ी ,
पािवी ,रतलामी ,उमठवािी

345
राजस्थानी शलवप

❖ भावो एवं वविारो को प्रकि करने की रीती


❖ मडु ड़या
❖ िे वनागरी

346
लोकसंगीत

लोकगायन संगीतजीवी
शैशलया
लोकगीत
जानतयां लोकवाद्य

रववन्र नाथ िै गोर िे लोक र्ीतों को संस्कृनत


कम सख ु द संदेश ले जमिे र्मली कलम किम िै ।

िे वेन्ि सत्याथी के अनसु ार' लोकर्ीत ककसी


सस्कृनत के र्ाँि
ु बोले चचर िै ।
347
राजस्थान के लोकवाद्य

• तत वाद्य

• सवु षर वाद्य

• अवनद्ध या ताल वाद्य यन्त्र

• घन वाद्य

348
सारं गी
• सागवान की लकड़ी से बनाई
• वािन गज से
• तार -बकरी की आंत से
• गज -घोड़े की पंछ
ू के बाल
सारं गी के प्रकार -
• धानी सारं गी -ननहालिे की कववता
• गुजरातन सारं गी -लंगा जानत के लोग
• जोगगया सारं गी -भरथरी
• जड़ी या प्यालेिार सारं गी -मांगखणयार लोग

349
इकतारा
• नारि ऋवष
• आदि वाद्य
• एक तार से बना
• िस
ू रे हाथ में करताल

रावणहत्था
• राजस्थान का प्रािीनतम
• नाररयल के खोल पर बकरे का िमड़ा
• पाबूजी की फड़

350
जंतर
• ववणा का प्रारं शभक रूप
• गले में लिकाकर वािन
• िे वनारायणजी की फड़

कमायिा
• सारं गी के समान
• मांगखणयार जाती के लोग
• यह ईरानी वाद्य यन्त्र है

351
भपंग
• िमरू की आकृनत
• अलवर में जोगी जानत के लोग
• राजा भत
ृ हरर की कथा
• वािक -जहर खा मेवाती ,उमर फारूक मेवाती

तन्िरु ा
• वेनो भी कहते है
• कामड़ जानत के लोग
अन्य
• रबाज
• रबाब
• गिकारा ,गज
ु री ,,सरु रंिा ,िक
ु ाको 352
सवु षर वाद्य

353
जो वाद्य फंू क कर बजाये जाते है
अलगोजा
• यह िार छे िो वाली िो बांसुरी
• वािक िो अलगोजे मँह
ु मे रखकर
• मीणा आदिवासी एवं ग्रामीण क्षेत्र में प्रिशलत

पंग
ु ी (बबन )
• तुम्बे से बनी
• तम्
ु बे के ननिले दहस्से में िो नाशलया
• नाक से सांस लेकर
• कालबेशलया

354
मशक
• बकरी के िमड़े
• इसमें एक ओर से हवा भरते है
• िस
ू री और िो नाशलयों से हवा ननकलती है
• सवाई माधोपुर में ववशेष
• भेरुजी के भोपे
बांककया
• पीतल से बना
• सरगड़ो का खानिानी वाद्य यन्त्र
भुंगल (रणभेरी )
• मेवाड़ के भवाइयों का लोकवाद्य
• गाँव में जनता को एकबत्रत करने के शलए
• पीतल से बना
• पहले युद्ध शरू
ु होने से पूवग बजाय जाता था

355
शहनाई (नफ़ीरी )
• सरु ीला वाद्य यन्त्र
• शीशम या सागवान की लकड़ी से बनाया जाता था
• भारत में बबस्श्मल्ला खान
मोरिंग
• लोहे का बना वाद्य यन्त्र
• होिो के बीि रखकर
तुरही
• पीतल की बनी
• िग
ु ग या यद्
ु ध स्थल में बजायी जाती थी
नि
• कगोर वक्ष ृ की लकड़ी से बनाया जाता है
• करना भील प्रशसद्ध
• मरू प्रिे श
अन्य
सतारा ,नागफनी ,शसंगा -शसंगी ,बांसरु ी 356
अवनद्ध या ताल वाद्य यन्त्र

357
नौबत
• अद्गध अंिाकार कुण्िी को भें से की खाल से मंिकर
• मंदिर या महल के बाहर

मांिल
• शमििी से बना लोकवाद्य
• मोलेला गाँव में बनाया जाता है
• भील एवं गराशसया बजाते है

िंग
• यह लकड़ी का बना गोल लोकवाद्य यन्त्र है
• शेखावािी क्षेत्र में होली के अवसर पर
• िंग नत्ृ य के समय 358
िेरु
• आम की लकड़ी का बनता है
• भील लोग

तासा
• लोहे के िपिे किोरे पर बकरे की खाल मंढ़कर
• गले में लिकाकर िो पतली िंिी

खंजरी
• ढ़प से छोिा
• ननगण
ुग भस्खत संत द्वारा बजाया जाता है
अन्य -मिृ ं ग ,ढोलक ,ढोल, नगाड़ा ,िमरू ,धौंसा ,माठ
359
घन वाद्य

360
स्जन वाद्य में िोि या आघात से स्वर
उत्पन्न होते है
मंजीरा
• पीतल एवं कांसे से शमगश्रत
• यह हमेशा जोड़े में ही बनाया जाता है
• कांि जाती की मदहलाये तेरहताली नत्ृ यः

झांझ
• यह मंजीरे के समान है लेककन मंजीरे से बड़ा होता है
• शेखाविी क्षेत्र में कचछी घोड़ी

361
करताल
• िो िौकोर लकड़ी के िक
ु ड़ो में पीतल की तस्स्त्रया
लगी
• हाथ की उं गशलयों एवं अंगठ
ू ी
गिमिा
• लोहे की िो पतली पट्दिकाओं
भरनी
• शमििी के मिके के संकरे मँह
ु पर कांसे की प्लेि
ढककर िो िंडियों की सहायता से
• राजस्थान के पव
ू ी अंिल में 362
झालर
• कांसे या ताम्बे की मोिी िक्राकार स्जस पर लकड़ी
की िंिी से िोि
रमजोल;
• िमड़े की पट्िी की बहुत सारे छोिे छोिे घुंघरू शसले
खड़ताल
• लकड़ी के िार छोिे छोिे गिकने एवं पतले िुकड़ो
• मांगखणयार जानत
• मरू प्रिे श में
• सद्िीक खान मांगखणयार

363
राजस्थान की संगीतजीवी जानतयाँ

364
कलावंत
• तानसेन वंश से अपना ररश्ता जोड़ते है
• जयपुर का िागर घराना
कव्वाल
• इनकी उत्पवत्त कलावंतों से हुई
ढाढी
• पस्श्िमी राजस्थान
• सारं गी एवं रबाब
• ढोला एवं मारवणी लोकगीत

365
शमरासी
• मुसलमान
• सारं गी वािन
• जोधपुर एवं नागौर

मांगखणयार
• पस्श्िमी राजस्थान
• दहन्ि ू एवं मुस्स्लम िोनों धमो को मानती है
• कमायिा एवं खड़ताल

366
भाि

• यजमान की वंशावशलया शलखते है

ढोली

• ढोल बजाने ननपण


• जालोर का ढोल नत्ृ य प्रशसद्ध

लंगा

• पस्श्िमी राजस्थान

• कमायिा एवं सारं गी

• बाड़मेर का बड़वना गाँव 367


पातुर

• ये जोधपुर ,पाली क्षेत्र

• नािने -गाने का पेशा

कामड़

• जैसलमेर ,िीिवाना ,पोकरण

• तेरहताली नत्ृ य

• अन्य जातीय

• कालबेशलया ,जोगी ,सरगड़ा ,भोपा ,रावल


368
संगीत घराने

369
जयपुर घराना
• मनरं ग(भूपत खान )
• ख्याल शैली

पदियाला घराना
• जयपुर घराने की उपशाखा
• फतेह अली एवं अली बखश
• पाककस्तानी गजल कलाकार गुलाम अली

बीनकर घराना
• जयपुर
• रज्जब अली खान बीनकर
• जयपुर के महारजा रामशसंह के िरबार में 370
मेवाती घराना
• उस्ताि गग्गे नजीर खान
• पंडित जसराज इसी घराने से है
• जयपरु
सेननया घराना
• जयपरु
• तानसेन के पुत्र सूरतसेन
• ध्रप
ु ि की गोहरवानी एवं खंिारवानी
रं र्ीलम िरमिम
• रमजान खान शमंया रं गीले
• जोधपरु के गायक इमाम बखश के शशटय
ककराना घराना
• बन्िे अली खान

371
राजस्थान की लोक गायन शैशलया

372
मांि गानयका
• 10 वी जैसलमेर क्षेत्र -मांढ
• यहाँ गायी जाने वाली गायकी मांि कहलायी
• श्रंग ृ ार रस की प्रधानता
क्षेत्रीय मांि -
✓ जैसलमेरी
✓ बीकानेरी
✓ जोधपरु ी
✓ जयपुरी
कलाकार -
गवरी िे वी (बीकानेर ),गवरी िे वी (पाली )
अल्लाह स्जल्लाह बाई (बीकानेर ),मांगीबाई (उियपुर )
जमीला बानो (जोधपरु ),बन्नो बेगम (जयपरु )

373
मांगखणयार गायकी
• मांगखणयार जानत के लोग
• जैसलमेर ,बीकानेर ,बाड़मेर
• मांगशलक अवसर पर गयी जाने वाली
• प्रमुख वाद्य -कमायिा एवं खड़ताल
कलाकार
• साफर खा मांगखणयार
• गफूर खा मांगखणयार
• रुकमािे वी
• अकलािे वी

374
लंगा गानयकी

• बीकानेर ,जैसलमेर ,जोधपरु

• मांगशलक अवसर पर गयी जाने वाली शैली

• प्रमुख वाद्य -सारं गी एवं कमायिा

तालबंिी गानयकी
• भरतपुर ,धौलपुर ,करौली एवं सवाईमाधोपुर

• प्रािीन कवी की पिावशलया समूह में गयी जाती है

375
राजस्थान के लोकगीत

376
मूमल
• जैसलमेर
• महें र एवं मूमल की प्रेमगाथा
ढोलामारु
• ढोला एवं मारवणी की प्रेमगाथा
• नरवर का राजकुमार
• पूगल की राजकुमारी
• शसरोही
• ढाढी जाती के लोग
फतमल
यि र्ीत हाड़ौती के राव फतहल तथम उसकी िोिा की रहने र्मली
प्रेसर्कम की भमर्िमओं से संबंचधत िै

377
वववाह से सम्बंगधत
पावणा
• नए िामाि'के ससुराल आने पर
कामण
• वर को जाि ू िोने से बिाने के शलए
िप
ु ट्िा
• िल्
ू हे की साशलयो
जलो एवं जलाल
• वधु के घर सें मदहलाये बारात िे खने आते समय
घोड़ी
• लड़के के वववाह पर
बना -बनी
फतसड़ा
वर्र्मि के अर्सर पर अनतचथयों के आर्र्ि पर यि र्ीत र्मयम जमतम
िै । 378
मोररया थाईं रे थाईं
•इस गराशसया गीत में िल्
ू हे की प्रशंसा की
जाती है और मदहलाएं इसके इिग गगिग नत्ृ य
करती है

379
बचिे के जन्म से सम्बंगधत
जचिा
• इन्हे होलर गीत भी कहा जाता है
• बचिे के जन्म पर

हालररया
• बचिे के जन्म पर

जैसलमेर
कई उपनाम -िाई ,हारलोगोरा ,धतरु ी ,खांखलो

380
धाशमगक ,त्यौहार से सम्बंगधत
तेजा गीत
• लोकिे वता तेजाजी
• खेती शरू
ु करने से पव
ू ग

घूमर
• राजस्थान का प्रशसद्व लोकगीत
• गणगौर के त्यौहार पर

हरजस
• सगण
ु भस्खत लोकगीत
• राम एवं कृटण की भस्खत
381
लांगरु रया
• करौली
• केला िे वी की आराधना में

दहण्िो /दहंिोशलया
• श्रावण मास में
• मदहलाये झूला झूलते समय

घुड़ला
• जोधपुर
• होली के बाि घुड़ला त्यौहार के समय

382
सामास्जक
काजशलयो
• श्रंग
ृ ाररक लोक गीत
• िंग वाद्य यंत्र से बजाया गया
पननहारी
• पानी भरने वाली
• पनतव्रता धमग अिल रखने का सन्िे श
इंिोनी
• पानी भरते समय
सीठणे
• गाली गीत
बधावागगत
• शभ
ु कायग करते समय
हमसीढों
• भील जनजानत
• स्त्री एवं परु
ु ष साथ शमलकर गाते है 383
पंछीिा
• हाड़ोती एवं ढूंढाड़'क्षेत्र
• मेलो के अवसर
जीरा
• िख
ु िायी सामास्जक गीत है
• जीरा नहीं बोने की बात
गिरमी
• बाल वधु
• गिरमी पौधे क समवपगत
• वपता एवं भाई की प्रतीक्षा
गोरबंध
• ऊँि के गले का आभूषण
• मरुस्थलीय एवं शेखावािी क्षेत्र में प्रिशलत
बीणजारा
यह एक प्रश्नोत्तर परक गीत है । इस गीत में पत्नी पनत को व्यापार
हे तु प्रिे श जाने की प्रेरणा िे ती है 384
पीपली
यह रे गगस्तानी क्षेत्र ववशेषत: शेखावािी, बीकानेर, मारवाड़ के कुछ
भागों में स्स्त्रयों द्वारा वषाग ऋतु में गाया जाने वाला लोकगीत है ।
इसमें प्रेयसी अपने परिे श गये पनत को बुलाती है । यह तीज के
त्यौहार के कुछ दिन पव ू ग गाया जाता है
कांगशसयो
यह बालों के श्रंग ृ ार का गीत है ।
काजशलयौ
भारतीय संस्कृनत में काजल सोलह श्रंग ृ ारो में से एक श्रंग
ृ ाररक गीत
हैं । यह वववाह के समय वर की आँखों में भोजाई काजल िालते
समय गाती है

385
ववरह गीत
पपेयो
• जैसलमेर
झोरवा
• जैसलमेर
कुरजां
• मरू क्षेत्र
सपु णा
दहिकी
सन्ु वनतया
• भील जनजानत प्रिशलत
कागा
केसररया बालम
मोररया 386
लावणी
•लावणी का अधग बुलाने से है । नायक के
द्वारा नानयका को बुलाने के शलए यह गीत
गाया जाता है । मोरध्वज, ऊसंमन, भरथरी
आदि प्रमुख लावखणयां है

387
राजस्थान की जनजातीय
• भील
• मीणा
• सहररया
• गराशसया
• िामोर
• कथौड़ी
• कंजर
• सांसी
• कालबेशलया

388
जनजानत
अनस
ु गू ित जानत
• 122 लाख
• राज्य की कुल आबािी -1783
• सवागगधक -जयपरु
• न्यन
ू तम -िूग
ं रपरु

अनस
ु गू ित जनजानत
• 92.39 लाख
• राज्य की कुल आबािी -1348
• सवागगधक -उियपरु
• न्यन
ू तम-बीकानेर 389
भील
• राजस्थान की सबसे प्रािीन जनजानत

• राज्य की िस
ू री सबसे बड़ी जनजानत

• बील शब्ि से उत्पवत्त -तीर कमान

• कनगल जेम्स िॉि -वन पत्र


• महाभारत -ननषाि

• क्षेत्र -बांसवाड़ा ,िूग


ं रपुर ,उियपुर ,प्रतापगढ़ ,शसरोही

• राज्य में कुल आबािी -41 लाख (लगभग )

390
भील समाज -
• घर -िापरा या कु
• गांव का मुखखया -पालवी या तिवी
• बरामिा -ढाशलया
• सभी गाँवो की पंिायत का मुखखया –गमेती
• हाथीवें िो प्रथा -पीपल ,साल को पववत्र मानकर वववाह करना
• िोिम -भीलो कुलिे वता
• फला -भील घरो मोहल्ला
• पाल -कई गाँवों समह

• फाइरे फाइरे -रणघोष है जो शत्रु से ननपिने के शलए

391
कृवष
• गिमाता -पहाड़ी भागो पर झूम कृवष
• िास्जया -मैिानी भागो पर कृवष

नत्ृ य
• हागथमना नत्ृ य - वववाह के अवसर पर भील पुरुष घुिनो के के बल
• गवरी ,गैर ,युद्ध ,द्वविकक

मेले
• बेणेश्वर मेला -माही ,सोम एवं जखम (िूग
ं रपुर )
• घोदिया अम्बा मेला -बांसवाड़ा

392
धमग
• उन्िररया संप्रिाय

• भगत पंथ (र्ोवर्ंद्र्रु


ु )

• भगत -भील सर्मज र्ें धमसर्गक संस्कमर करर्मिे

• ऋषबिे व
✓ कलमबमर्जी
✓ केसर कम पमिी पीकर झठ
ू ििीं बोलते िै

393
वेशभूषा
पुरुष
• फेंिा -ससर पर बमंधम जमिे र्मलम लमल यम केसररयम समफम
• पोत्या -सिेद समफम
• लंगोिी या खोयतू -कर्र र्ें पििे जमिम र्स्र
• ढ़े पाड़ा -कर्र से िुििो तक पििे जमिे र्मली तंर् धोती
स्त्री
• कछावू -जस्रयों द्र्मरम िि
ु िो तक पििम र्मलम िमिरम
• शसंिरू ी -लमल रं र् की समड़ी
• वपररया -वपले रं र् कम लिं र्म
• ओढ़नी -तमरम भमंत ,ज्र्मर भमंत ओढ़िी ,केरी भमंत की ओढ़िी
394
मीणा जनजानत
• राजस्थान की सबसे बड़ी जनजानत

• 2011 जनसँख्या -43 लाख

• गण गिन्ह -मीन

• मीणा परु ाण -मनु न मनन सागर ने इन्हे मीन का वंश बताया

• आमेर में कछवाहो का शासन था

• बूंिी में मीणाओं का शासन था

395
सामास्जक जीवन -
• जमींिार मीणा -पशप
ु मलि एर्ं कृवष कम कमयग
• िौकीिार मीणा -रमजर्िलों की चौकीदमर
• सवागगधक शशक्षक्षत जिजमनत
• बाल वववाह कम प्रचलि
• मौसर -र्त्ृ युभोज
• नाता प्रथा -वर्र्महित जस्र ककसी अन्य परु
ु ष के समथ
• झगड़ा रकम अदम ककयम जमयेर्म
• मेवासे -जंर्लो र्ें बिे िर
• ओबरी -अिमज संग्रि िे तु सर्ििी की बिमई कोहठयम
• पंचमयत कम र्ुखखयम -पिे ल
396
धाशमगक जीवन -
• बुझ िे वता -लोक िे वता

• जीणमाता -रे वासा (सीकर )शस्खत के उपासक

• आरध्या िे व -गौतम ऋवष (भरू रया बाबा ),पाली

397
सहररया
• क्षेत्र -बांरा स्जले की शाहबाि एवं ककशनगंज तहसील में

• कोिा एवं झालावाड़

• राज्य की एकमात्र आदिम जनजानत समह


• 2011 -114 लाख

398
जनजानतयों की पहिान के शलए जो आधारभूत बातें तय की
गई हैं वे ननम्नशलखखत हैं –
1. कृवष की परु ानी तकनीक,
2. साक्षरता का ननम्नस्तर और
3. स्स्थर या घिती हुई आबािी।
1961 में पेश अनुसूगित क्षेत्र और अनुसूगित आयोग (ढे बर
आयोग) की ररपोिग , 1969 में राइबल िेवलपमें ि प्रोग्राम की
स्ििी िीम (शीलू एओ िीम) तथा छठा पंिवषीय योजना
1980 - 85 के िौरान वककंग ग्रुप ऑफ़ राइबल िेवलपमें ि
के कायों के आधार पर बबहार की नौ जानतयों समेत 52
और अब 74 जानतयों की पहिान आदिम जानतयों के रूप
में की गई है । यह ननम्नशलखखत प्रकार से है ।

399
सामास्जक जीवन-
• सहराना -सिररयम लोर्ो की बस्ती

• सहरोल -र्माँर्

• हथाई या बंगला -बस्ती के र्ध्य र्ोल चौकोर झोपडी

• िापरी -िमस ,फुस से बिे िर

• कुसीला -छोिी कोठी

• भिेरी -आिम रखिे की कोठी

• गोपना या कोरुआ -पेड़ो पर बिी र्चमििुर्म झोपडी

• पंिायत -पंचतमई ,एकदमससयम ,चौरससयम


400
धमग
• कोडिया िे वी -कुल दे र्ी

• तेजाजी एवं भैरवजी की पज


ू ा

• वाल्मीकक मेला (सीतमबमड़ी )

• कवपलधारा मेला (सिररयम कम कुम्भ )

• धारी संस्कार -र्त्ृ यु के तीसरे हदि र्त


ृ क अजस्थयम एर्ं रख एकर कर चचन्ि

401
गराशसया समि
ु ाय
• राज्य की तीसरी सबसे बड़ी जनजानत

• जनसँख्या -3 लाख (लगभग )

• क्षेत्र -शसरोही स्जले की आबूरोि ,वपंिवाड़ा

• पाली स्जले की बाली

• उियपुर स्जले की गोगुन्िा एवं कोिड़ा तहसील गवास शब्ि

से उत्पवत्त -नौकर (सवेंि )


402
सामास्जक एवं धाशमगक स्स्थनत
घेर -गराशसयों के घर
सहलोत या पालवी -पंिायत के मुखखया
नखकी झील -अस्स्थ ववसजगन
मेले -
• िेतर-ववगित्तर मेला -कोिड़ा (उियपुर )
• गणगौर मेला -शसयावा गाँव
• कोिे श्वर मेला -अम्बाजी (गुजरात )
अन्य -
र्िखम रम र्ेलम
भमकर बमर्जी कम र्ेलम
नत्ृ य -
लरू ,कूि वालर ,गौर ,ज्वारा ,मोररया ,मांिल
403
भील गराशसया -यहद कोई र्रमससयम परुु ष ककसी भील स्री से वर्र्मि
गमेती गराशसया -यहद कोई भील पुरुष ककसी र्मससगयम स्री से वर्र्मि
वववाह के प्रकार
• मोरबंगधया वववाह - ब्रह्र् वर्र्मि
• तारना वववाह- पंच द्र्मरम तय र्ल्
ू य पर
• पहरावना वववाह - िमर् र्मर के फेरे (ब्रमह्र्ण की अिप
ु स्थनत )
• खेवणा वववाह -वर्र्महित स्री प्रेर्ी के समथ भमर्कर वर्र्मि
• मेलबो वववाह -वर्र्मि के खचग को कमर् करिे के सलए र्धु को र्र के िर छोड़ दे ते िै
कोंगधया या मेक -मत्ृ यभ
ु ोज
हरे -र्रमससयम सर्मज र्ें र्त
ृ क की यमद र्ें बिमयम र्यम स्र्मरक
अनाला भोर भू प्रथा -िर्जमत सशशु की िमल किमिे की प्रथम
हे लरु -र्रमससयम सर्मज की समर्मजजक संस्थम'
404
कथौड़ी जनजानत
क्षेत्र –
• उियपरु स्जले की कोिड़ा ,झाड़ोल एवं सराड़ा
• िूग
ं रपरु ,बांरा ,झालावाड़
• यह जनजानत महाराटर की मूल ननवासी है
• कत्था बनाने िक्ष
• 2011 की जनसँख्या - 4833
प्रमख
ु ववशेषताएं -
• खोलरा -िमस -फुस से बिे िर
• फड़का -र्हिलमये र्रमठी अंदमज र्ें समड़ी पििती
• मावशलया नत्ृ य
• होली नत्ृ य
• िे वी-िे वता -डूर्
ं र दे र् ,र्मद्य दे र् ,र्मर् दे र् ,भमरी र्मतम ,कंसमरी दे र्ी
• नायक -सर्मज के र्ुखखयम

405
िामोर जनजानत
• मल
ू ननवासी-गज
ु रात
• िूग
ं रपुर ,बांसवाड़ा एवं उियपुर
• सवागगधक -िूग
ं रपुर (सीमलवाड़ा तहसील )
• 2011 की जनसँख्या -91500
• सामास्जक स्थनत -
• र्हिलमओं के पुरुष र्ििे पििते
• मुखी -पंचमयत कम र्ुखखयम
• िाडड़या -िोली के अर्सर आयोजजत कमयगक्रर्
• मेले-
छे लाबावजी का मेला-पंिमहल (गज
ु रात )
ग्यारस की रे वाड़ी -िूग
ं रपुर 406
कंजर
• 2011 की जनसँख्या -53818
• क्षेत्र-भीलवाड़ा ,गित्तौड़गढ़ ,अलवर ,अजमेर
• यह अनुसूगित जानत वगग से जि
ु ी है
• काननिार शब्ि -जंगल में वविरण वाला
सामास्जक
पमती र्मंर्िम प्रथम -पेशे पर जमिे से पर्
ू ग ईश्र्र कम आशीर्मगद
हाकम राजा का प्याला- झठ
ू ििीं सर्लते
खुसनी - कंजर र्हिलमओं द्र्मरम कर्र र्ें पििम जमिे र्मलम र्स्र
कुलिे वी -जोर्खणयम र्मतम
नत्ृ य -
• िकरी नत्ृ य . धाकड़ नत्ृ य 407
सांसी जानत
• उत्पवत्त- समंसर्ल

• 2011 - 86524

• क्षेर -बीकमिेर ,जोधपुर ,र्ंर्मिर्र ,ििुर्मिर्ढ़ ,चूरू

• कुकड़ी की रस्र् -वर्र्मिोपरमंत चमररत्ररक पवर्रतम

• िो वगग- बीजम ,र्मलम

408
कालबेशलया
• जनजानत-131911

• क्षेत्र -पाली,उियपरु ,भीलवाड़ा ,गित्तोरगढ

• संगीतजीवी जनजानत

• बबन एवं िफ

नत्ृ य

• इंडोिी ,शंकररयम

• पखणिमरी ,बर्डड़यम

• नत्ृ यांगना -र्ुलमबो 409


सगण
ु एवं ननगण
ुग
ननगण
ुग सगण

• जसिमथी • शैर् संप्रदमय
• वर्श्िोई • रमर्मिज
ु संप्रदमय
• निरं जिी • निम्बमकग
• दमद ू • र्ल्लभ
• लमलदमसी • र्ौड़ीय संप्रदमय
• चरणदमसी
• रमर्स्िेिी
• अलखखयम
• र्ूदड़
• िर्ल ऊंदरीयम

410
अलखखया संप्रिाय
• लालगगरर महाराज

• पीठ -बीकानेर

• ग्रन्थ -अलख स्तनु त प्रकाश

गि
ू ड़ संप्रिाय
• संतिासजी

• पीठ -िांतड़ा (भीलवाड़ा )

• गुिड़ी के बने वस्त्र


411
नवल संप्रिाय
• संत िर्लदमस जी
• र्ंहदर -जोधपरु
• ग्रन्थ -िर्लेश्र्र अिभ
ु र्र्मणी
कंु िा संप्रिाय
• रमर्ल र्ल्लीिमथजी
• बमड़र्ेर

ऊंिरीया संप्रिाय
• भील
• र्मर्ड़ क्षेर
412
सगण
ु भस्खतधारा

413
शैव संप्रिाय
• शशव की उपासना
• मध्यकाल काल में 4 संप्रिाय
कापाशलक -भैरव
• शरीर पर भस्र्
पाशप
ु त -लकुलीश
• कई बार दिन में स्न्नान
• हाथ में िं ि
• मेवाड़ के हररत ऋवष लकुलीश ब पा रावल
• सुन्धाता माता (भीनमाल )-शशव की मूनतग
वीरशैव
• कणागिक
• बसवन्ना
कश्र्ररक
• कश्मीर

414
ननम्बाकग सम्रिाय (हं स सम्प्रिाय )
• र्ैटणव िशगन

• भगवान ववटणु (कृटणा )

• प्रधान पीठ -सलेमाबाि

• िशगन -द्वैताद्वैत या भेिाभेि''

• राधा को कृटणा की पररणीता माना गया है

• शशटय -आिायग परशरु ाम िे वािायग

• पुस्तक -परशरु ाम सागर

• संत हररिासजी -सखी संप्रिाय कक शरु


ु आत
415
वल्लभ संप्रिाय
• वल्ल्भािायग
• कृटणा भस्खत
• िशगन -शि ु ाद्वैतवाि (पुस्टिमागग )
• पस्ु तक -अणभ ु ाटय
• शशटय -ववट्ठलिास जी (अटि पि मण्िली )
• औरं गजेब के दहन्ि ू मंदिर तोड़ने के आिे श
• श्रीनाथ की मूनतग शसहाड़ (नाथद्वारा )लाये
• राजशसह ने मंदिर का ननमागण करवाया
वल्ल्भ संप्रिाय की पीठ -
• नाथद्वारा (राजसमन्ि )
• द्वारकादिश मंदिर (राजसमन्ि )
• मथरु े श जी मंदिर (कोिा )
• गोकुलिंरजी (भरतपुर )
• ककशनगढ़ के शासक सावंतशसंह जड़ ु े हुए

416
रामानज
ु संप्रिाय
• भगवन श्री राम
• रामानजु ािायग
• ववशशटिाद्वैतवाि
• पुस्तक-श्रीभाटय
• राजस्थान -गलताजी (जयपरु )
नाथ संप्रिाय
• शशव से जड़ ु ा पंथ
• नाथ मनु न
• मत्स्येन्र नाथ
• राजस्थान में -
• जोधपुर के शासक मानशसंह
• गुरुआयासनाथ
• महामंदिर का ननमागण
• जैसलमेर के शासक िे वराज
• जालोर -जालंधरनाथ (शसरे मंदिर )
417
रामानंिी संप्रिाय
• रामानज
ु के शशटय
• उत्तर भारत
• राम भस्खत
• राजस्थान -
• कृटणािास जी पयोहारी
• गलताजी -नाथपंगथयों का गढ़
• शास्त्रात में उन्हें परास्जत ककया
• गलताजी में पीठ की स्थापना की
• रशसक संप्रिाय भी कहा जाने लगा
• अन्य संत -अग्रअली -ध्यानमंजरी पस्
ु तक
• जयपरु -सवाई नरे श जयशसंह 418
सगण
ु एवं ननगण
ुग

ननगण
ुग सगण
ु संत
• जसनाथी • मीरा
• शैव संप्रिाय
• ववश्नोई • जैमलिासजी
• ननरं जनी • रामानुज संप्रिाय • सुन्िरिासजी
• िाि ू • रज्जबजी
• ननम्बाकग
• लालिासी • आिायग तुलसी
• िरणिासी • वल्लभ • आिायग महाप्रज्ञ
• रामस्नेही • संत पीपा
• गौड़ीय संप्रिाय
• अलखखया • गवरी बाई
• गिू ड़ • संत मावजी
• नवल • भखत कवी िल ु भ

• ऊंिरीया • धन्नाजी
419
संत मीरा(पेमल )
• जन्म -1498
• कुड़की ग्राम(रतन शसंह राठौड़ )
• वववाह-महाराणा भोजराज(मेवाड़ )
• पनत की मत्ृ यु पश्िात सत्संग
• िे वर -ववक्रमादित्य को नापसंि
• वन्ृ िावन -कृटणा भस्खत
• भस्खत-सत्संग ,ईश्वर के प्रनत समपगण
• भजन ,नत्ृ य एवं कृटणा स्मरण
• अंनतम समय -रणछोड़जी मंदिर (िाकोर )
• ववशेष -मीरा की पिावशलया
• मदहला सशस्खतकरण
420
संत मावजी
• जन्म -साबला ग्राम (िूग
ं रपरु )
• बेणेश्वर स्थान पर ज्ञान प्राप्त ककया
• ननटकलंकी या ननकलंक संप्रिाय
• कृटणा भस्खत
• रिना -िोपड़ा (भववटयवाखणयां )
• स्वयं को कृटणा का 10 व अवतार घोवषत ककया
• इन्होने अछूतो के उद्धार हे तु -लसोडड़या आंिोलन
• आिायग शभक्षु
• कंिाशलया ग्राम (मारवाड़ )
• श्वेताम्बर जैन साधु
• 1760 तेरापंथ संप्रिाय की शरु
ु आत 421
आियग तुलसी
• तेरापंथ संप्रिाय से जड़
ु े हुए

• जन्म -लांिनु (नागोर)

• अणुव्रत आंिोलन की शरु


ु आत

• 1949 -सरिारशहर (िूरू )

• सामास्जक एवं पयागवरणीय ननयमो पर शपथ

• प्रेक्षाध्यान एवं मयागिा महोत्सव

• आिायग महाप्रज्ञ को इन्होने तेरापंथी

सम्प्रिाय का 10 आिायग बनाया


422
आिायग महाप्रज्ञ
• जन्म -िमकोर (झुंझुनू )
• अणव्र ु त आंिोलन से जड़ ु े
• िररत्र ननमागण पर ववशेष बल दिया
• 1991 -जैन ववश्व भारती ववश्वववद्यालय की स्थापना
• लांिनु (नागौर )
• 2001 -अदहंसा यात्रा की शरु ु आत
• 11 वे तेरापंथी -आिायग महाश्रमण
संत सुन्िरिास जी
• िाि ू के शशटय
• िौसा में जन्म
• ननगण ुग भस्खत
• ग्रन्थ-ज्ञान समरु ,ज्ञान सवैया ,सन्
ु िरसार ,सन्
ु िर ग्रंथावली ,मनहर छं ि
• गोस्वामी तुलसीिास के साथ कासी में भी रहे
• इनके पांि शशटयों को -बड़े थाम्बा कहा जाता है
• िाि ू पंथ में -नागा पंथ की नीव राखी
423
संत पीपा
• जन्म -गागरोन (खींिी िौहान )
• बिपन नाम -प्रतापशसंह
• िीक्षा -रामानंि से
• िरजी समुिाय के आरध्या िे व
• स्थान -
• पीपाजी की गुफा -िोिा ग्राम (िोंक )
• मंदिर -समिड़ी ग्रांम (बाड़मेर )
• छतरी -गागरोन िग
ु ग
• राजस्थान में भस्खत का अलख जगाने वाले प्रथम संत
• ग्रन्थ-पीपाजी की वाणी
• इनके उपिे श - गुरुग्रंथ सादहब में संकशलत 424
संत रज्जब जी
• िाि ू के शशटय
• सांगानेर (जयपुर )
• िल्
ू हे के वेश में
• शशक्षाए -अंगबंधू एवं रज्जाबवानी
संत धन्नाजी
• रामानंि के शशटय
• जन्म -धव
ु न गाँव (िोंक )
• रिना -धन्ना की आरती ,धन्ना की पिी
• ननगण
ुग भस्खत

425
संत जैमलिासजी
• रामस्नेही संप्रिाय से जड़
ु े
बीकानेर • शसहं थल के हरररामिासजी से शशक्षा
• आदि आिायग भी कहा जाता है
भखत कवी िल
ु भ

• जन्म (1753 )-वागड़ क्षेत्र
• कृटणा भस्खत
• कायगक्षेत्र -बांसवाड़ा एवं िूग
ं रपरु
• राजस्थान का नशृ संह

426
गवरी बाई
• जन्म -िूग
ं रपरु

• कृटण भस्खत

• वागड़ की मीरा

• िूग
ं रपुर महारावल शशवशसंह ने बालमुकंु ि मंदिर बनवाया

427

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