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हममाररे सममूह करे वविदमारर्थी

 सक्षम - 2305
 अवमत कक ममार शकक मा - 2202
 सतरेस् विर - 2214
 ब्रह्मककीतर्त - 2251
 प्रशमाशांत कक ममार - 2112
 रनविवीर ससोलशांक की -2164
वहशांदवी भमाषमा कमा समाममान्य पररचय
वहशांद वी भमाषमा कमा इवतहमास लगभग एक हजमार विषर्त पकर मानमा ममानमा गयमा हहै। वहशांद वी भमाषमा वि
समावहत्य करे जमानकमार अपभशांश ककी अशांव तम अविस् रमा 'अविहट' सरे वहशांद वी कमा उद्भवि करतरे
हहैं। चशांद्र धर शममार्त गकल रेर वी नरे इसवी अविहट कसो 'पकर मानवी वहन्दवी' नमाम वदयमा।

अपभशांश ककी सममावप्ति और आधकव नक भमारतवीय भमाषमाओशां करे जन्मकमाल करे समय कसो
सशांक माशांव तकमाल कहमा जमा सकतमा हहै। वहन्दवी कमा स्विरूप शशौरसरेन वी और अधर्तम मागधवी अपभशांश शों
सरे वविकवसत हह आ हहै। 2000 ई. करे आसपमास इसककी स्वितशांत्र सतमा कमा पररचय वमलनरे
लगमा रमा, जब अपभशांश भमाषमाएएँ समावहवत्यक सशांद भर्भों ममें प्रयसोग ममें आ रहवी रथीं। यहवी भमाषमाएएँ
बमाद ममें वविकवसत हसोकर आधकव नक भमारतवीय आयर्त भमाषमाओशां करे रूप ममें अवभवहत हह ईशां।
अपभशांश कमा जसो भवी कथ्य रूप रमा - विहवी आधकव नक बसोवलयशों ममें वविकवसत हह आ ।
वहन्दवी समावहत्य पर यवद समकव चत पररप्ररेक्ष् य ममें वविचमार वकयमा जमाए तसो स्पष्ट हसोतमा हहै वक वहन्दवी
समावहत्य कमा इवतहमास अत्यशांत वविस्ततृत वि प्रमाचवीन हहै। यह कहनमा हवी ठवीक हसोगमा वक विहैव दक भमाषमा हवी
वहन्दवी हहै। इस भमाषमा कमा द कभ मार्तग् य रहमा हहै वक यक ग -यकग ममें इसकमा नमाम पररविवतर्तत हसोतमा रहमा हहै। कभवी
'विहैव दक', कभवी 'सशांस् कतृ त', कभवी 'प्रमाकतृ त', कभवी 'अपभशांश ' और अब - वहन्दवी। आलसोचक कह
सकतरे हहैं वक 'विहैव दक सशांस् कतृ त' और 'वहन्दवी' ममें तसो जमवीन-आसममान कमा अन्तर हहै। लसोगशों नरे भमाषमाओशां
करे नमाम नहथीं बदलरे और उनकरे पररविवतर्तत स्विरूपशों कसो 'प्रमाचवीन', 'मध्यकमालवीन', 'आधकव नक' आवद
कहमा गयमा, जबवक 'वहन्दवी' करे सन्दभर्त ममें प्रत्यरेक यकग ककी भमाषमा कमा नयमा नमाम रखमा जमातमा रहमा
कमाल कमा वविभमाजन

आवदकमाल मध्यकमाल रवीवतकमाल आधकव नक कमाल


कमाल वविभमाजन
आवदकमाल
आवदकमाल
 पररचय
 नमामकरण
 मकख्य कववि
आवदकमाल कमा पररचय

 ग्यमारहविथीं सदवी करे लगभग दरेश भमाषमा वहन्दवी कमा रूप अवधक स्फक ट हसोनरे लगमा। उस समय पवशचमवी
वहन्दवी प्रदरेश ममें अनरेक छसोटरे छसोटरे रमाजपमूत रमाज्य स्रमावपत हसो गए ररे। यरे परस्पर अरविमा वविदरेश वी
आकमणकमाररयशों सरे प्रमाय: यकद्ध रत रहमा करतरे ररे।
 रमाजमाओशां करे शशौयर्त और परमाकम कमा ओजस्विवी विणर्तन करनरे करे समार हवी उनकरे प्ररेम प्रसशांग शों कमा भवी उलरेख
हहै। रमाससो ग्रन्रशों ममें सशांघ षर्त कमा कमारण प्रमाय: प्ररेम वदखमायमा गयमा हहै। इन रचनमाओशां ममें इवतहमास और
कल्पनमा कमा वमश्रण हहै। अमवीर खक स रसो कमा भवी यहवी समय हहै। इन्हशोंनरे ठरेठ खडवी बसोलवी ममें अनरेक
पहरेव लयमाएँ, मकक ररयमाएँ और दसो सखक न रचरे हहैं। इनकरे गवीतशों, दसोहशों ककी भमाषमा ब्रजभमाषमा हहै। इनममें शशौयर्त
और प्ररेम ककी ओजस्विवी और सरस अवभव्यवक्ति हह ई हहै।
वहन्दवी समावहत्य करे इवतहमास करे आवदकमाल कमा नमामकरण वविदमानशों नरे इस प्रकमार वकयमा
हहै-
 डडॉ॰ वग्रयसर्तन – चमारणकमाल
 वमश्रबशांध क - आरवमभक कमाल
 आचमायर्त रमामचशांद्र शकक विवीरगमारमा कमाल
 रमाहह ल सशांकतृ त्यमाय - वसद्ध समामशांत यकग ,
 महमाविवीर प्रसमाद वदविरेद वी - बवीजविपन कमाल,
 वविशविनमार प्रसमाद वमश्र - विवीरकमाल,
 हजमारवी प्रसमाद वदविरेद वी - आवदकमाल,
 रमामकक ममार विममार्त - चमारण कमाल यमा सशांव ध कमाल।
आवदकमाल करे प्रमकख कववि और उनककी रचनमाएएँ
 1. अबदकर हर्त ममान : सशांद शरे रमासक
 2. नरपवत नमाल्ह : बवीसलदरेवि रमाससो
 3. चशांद बरदमायवी : पतृथ् विवीरमाज रमाससो
 4. दलपवत वविजय : खक म मान रमाससो
 5. जगवनक : परममाल रमाससो
 6. शमागरध र : हममवीर रमाससो
 7. नल्ह वसशांह  : वविजयपमाल रमाससो
 8. जल्ह कववि : बकव द्ध रमाससो
 9. ममाधविदमास चमारण : रमाम रमाससो
 10. दरेल् हण : गद सककक ममाल रमाससो
 11. श्रवीधर : रणमल छशांद , पवीरवीछत रमायसमा
 12. वजनधमर्तस रमू र : स्रमूव लभद्र रमास
 13. गकल माब कववि : करवहयमा कशौ रमायससो
 14. शमावलभद्रसमूर र : भरतरेश विर बमाहह अ वलरमास
 15. जसोइन्दक : परममात्म प्रकमाश
 16. करे दमार : जयचशांद प्रकमाश
 17. मधकक र कववि : जसमयशांक चशांव द्रकमा
 18. स्वियशांभ  मू : पउम चररउ
 19. यसोगसमार :समानयधमम दसोहमा
 20. हरप्रसमाद शमासवी : बशौद्धगमान और दसोहमा
 21. धनपमाल : भववियत कहमा
अमवीर खक स रसो
 22. लक्ष्मवीधर : प्रमाकतृ त पहैंग लम
 23. अमवीर खक स रसो : वकस्समा चमाहमा दरविरेश , खमावलक बमारवी
मध्य कमाल
मध्य कमाल
वहशांद वी समावहत्य ममें भवक्ति कमाल अपनमा एक अहम और महत्विपमूण र्त स्रमान रखतमा हहै। आवदकमाल करे बमाद आयरे इस यक ग कसो पमूवि र्त
मध्यकमाल भवी कहमा जमातमा हहै। वजसककी समयमाविवध 1375 ईo सरे 1700 ईo तक ककी ममानवी जमातवी हहै। यह वहशांद वी
समावहत्य कमा श्ररेष्ठ यक ग हहै। वजसकसो जडॉजर्त वग्रयसर्तन नरे स्विणर्तक माल, शयमामसकन् दर दमास नरे स्विणर्तय क ग , आचमायर्त रमाम चशांद्र शकक नरे
भवक्ति कमाल एविशां हजमारवी प्रसमाद वदविरेद वी नरे लसोक जमागरण कहमा। समपमूण र्त समावहत्य करे श्ररेष्ठ कववि और उतम रचनमाएशां इसवी य क ग
ममें प्रमाप्ति हसोतवी हहैं।
दवक्षण ममें आलविमार बशांध क नमाम सरे कई प्रख्यमात भक्ति हह ए हहैं। इनममें सरे कई तरमाकवरत नवीचवी जमावतयशों करे भवी ररे। विरे बहह त पढरे-
वलखरे नहथीं ररे, परशांत क अनकभ विवी ररे। आलविमारशों करे पशचमात दवक्षण ममें आचमायर्भों ककी एक परशांप रमा चलवी वजसममें रमाममानकज माचमायर्त
प्रमकख ररे।
रमाममानकज माचमायर्त ककी परशांप रमा ममें रमाममानशांद हह ए । उनकमा व्यवक्तित्वि असमाधमारण रमा। विरे उस समय करे सबसरे बडरे आचमायर्त ररे।
उन्हशोंनरे भवक्ति करे क्षरेत्र ममें ऊशां च-नवीच कमा भरेद तसोड वदयमा। सभवी जमावतयशों करे अवधकमारवी व्यवक्तियशों कसो आपनरे वशष्य बनमायमा।
उस समय कमा समूत्र हसो गयमायाः

जमावत-पमाशांव त पमूछ रे नवहशां कसोई।


हरर कसो भजहै ससो हरर कमा हसोई II
मध्य कमाल

सगगण भककक
ररामराश्रययी शराखरा
ककष्णराश्रययी शराखरा
ननिगण
गर्गु भककक
जरानराश्रययी शराखरा
पप्रेमराश्रययी शराखरा
मध्यकमाल करे प्रमकख कववि और उनककी रचनमाएएँ
समूर दमास
• 1. समूर समागर
• 2. समूर समारमाविलवी
• 3. समावहत्य लहरवी
रसखमान
 1. प्ररेम विमावटकमा
2. सकज मान रसखमान
स्विमामवी हररदमास
• 1. स्विमामवी हररदमास जवी करे पद
• 2. हररदमास जवी ककी बमानवी
मवीरमा बमाई
• 1. नरसवी जवी कमा ममायरमा मवीरमा बमाई
• 2. गवीतगसोवविशांद टवीकमा
• 3. रमाग गसोवविशांद
• 4. रमाग ससोरठ करे पद

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