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• जब दचौपदयी ककी लद्वा ज ससंक ट ममें पड़ गई थयी तबो हरर नक कक ष्ण कक
अवतद्वा र ममें अनसंत सद्वा ड़ यी प्रदद्वा न करकक दचौपदयी ककी लद्वा ज बचद्वा ई थयी।
भगत कद्वारण रूप नरहरर, धरयबो आप सरयीर।
बदढ़तबो गजरद्वाज रद्वाख्यबो, कद्वाटयी कपुञ्जर पयीर।
• प्रहद्वा द भयी रवष्णपु कक अनन्य भक्तियों ममें सक एक थक। जब प्रहद्वा द कद्वा जयीवन
ससंक ट ममें पड़ गयद्वा थद्वा तब रवष्ण पु नक नररससंह कद्वा अवतद्वा र लकक र प्रहद्वा द
ककी रकद्वा ककी थयी। जब ऐरद्वा व त कबो मगरमच्छ नक पकड़ रलयद्वा थद्वा तबो
रवष्णपु नक मगरमच्छ कबो मद्वा र कर ऐरद्वा व त ककी जद्वा न बचद्वा ई थयी।
दद्वासयी मयीरद्वाय लद्वाल रगरधर, हरबो म्हद्वारयी भयीर॥
• मयीरद्वा ब द्वा ई कद्वा कहनद्वा हतै रक जबो भयी सचक मन सक हरर ककी आरद्वा ध नद्वा
करकग द्वा हरर हमकश द्वा उसकद्वा कष्ट द दर करमेंग क। मयीरद्वा कहतयी हहैं रक वबो भयी
कक ष्ण ककी दद्वा स यी हहैं। चदयर क कक ष्ण हरर कक हयी रूप हहैं इसरलए वबो मयीरद्वा कद्वा
भयी दपुख दद र करमेंग क।
स्यद्वाम म्हद्वानक चद्वाकर रद्वाखबो जयी,
रगरधद्वारयी लद्वालद्वा म्हद्वानय क चद्वाकर रद्वाखबोजयी।
चद्वाकर रहस्यदय बद्वाग लगद्वास्यदय रनत उठ दरसण पद्वास्यदय।
रबसंदरद्वावन रयी कपुसं ज गलयी ममें, गबोरवसंद लयीलद्वा गद्वास्यदय।
चद्वाकरयी ममें दरसण पद्वास्यदय, सपुमरण पद्वास्यदय खरचयी।
भद्वाव भगतयी जद्वागयीरयी पद्वास्यदय, तयीनदसं बद्वातद्वाय सरसयी।
• इन पसंरक्तिययों ममें मयीरद्वा नक भरक्ति ककी चरम सयीमद्वा कद्वा वणर्षिन रकयद्वा हतै। वह कक ष्ण ककी भरक्ति ममें उनकक यहद्वाय नचौकर तक बननक
कबो ततैयद्वार हहैं। नचौकरयों ककी सद्वामद्वारजक रस्थरत सक हम सभयी पदरयी तरह सक परररचत हहैं। उनककी बड़यी दयनयीय दशद्वा हबोतयी हतै।
हर कबोई उन्हमें रतरस्कद्वार सक दकखतद्वा हतै। रफिर भयी मयीरद्वा भगवद्वान कक यहद्वाय नचौकर यद्वा दद्वासयी बननद्वा चद्वाहतयी हहैं। इसमक मयीरद्वा कबो
क्यद्वा क्यद्वा लद्वाभ हबोनक वद्वालक हहैं, इसकद्वा मयीरद्वा नक बड़द्वा हयी सपुसंदर रचतण रकयद्वा हतै। जब मयीरद्वा बद्वाग लगद्वाएगय यी तबो उसयी बहद्वानक
रबोज उन्हमें श्यद्वाम कक दशर्षिन हयोंगक। रफिर वक भरक्ति भद्वाव सक अरभभदत हबोकर वकन्दद्वावन ककी ससंकरयी गरलययों ममें गबोरवसंद ककी लयीलद्वा
गद्वातयी रफिरमेंगयी। चद्वाकरयी सक मयीरद्वा कबो तयीन मपुख्य फिद्वायदक हयोंगक। उन्हमें दशर्षिन और सपुरमरन खचर्वे कक रलए रमलमेंगक और भद्वाव और
भरक्ति ककी जद्वागयीर रमलकगयी।
मबोर मपुगट पयीतद्वाम्बर सचौहक, गल वतैजतसं यी मद्वालद्वा।
रबसंदरद्वावन ममें धकनपु चरद्वावक, मबोहन मपुरलयी वद्वालद्वा।
• कक ष्ण कक उस रूप कद्वा वणर्षिन मयीरद्वा नक रकयद्वा हतै जबो जग जद्वारहर हतै। कक ष्ण कक पयीलक वस, मबोर कद्वा मपुकपुट और गलक ममें
वतैजयसंतयी मद्वालद्वा बहहत सपुसंदर लगतयी हतै। कक ष्ण जब वकसंदद्वावन ममें इस रूप ममें गद्वाय चरद्वातक हहैं तबो उनकद्वा रूप मबोहनक वद्वालद्वा हबोतद्वा
हतै। रहसंदद ससंस्कक रत ममें पयीलद्वा रसंग सदयर्षि कक तकज और उत्तम स्वद्वास्थ्य ककी रनशद्वानयी मद्वानयी जद्वातयी हतै। पयीलद्वा रसंग बससंत कक आगमन
कद्वा भयी सदचक हतै। इसरलए हमद्वारक यहद्वाय पदजद्वा ममें गमेंदक कक फिदल कद्वा मपुख्य स्थद्वान रहतद्वा हतै। कक ष्ण कद्वा गद्वाय चरद्वानद्वा भयी हमद्वारयी
पपुरद्वानयी अथर्षिव्यवस्थद्वा कद्वा प्रतयीक हतै। पपुरद्वानक जमद्वानक ममें पशपुधन कद्वा बहहत महत्व हबोतद्वा थद्वा। कक ष्ण ककी गद्वाय चरद्वानक ककी प्ररक्रयद्वा
उसयी पशपु धन ककी रकद्वा और उसककी वकरद्धि कद्वा सदचक हतै।