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क्रम जनजाति तजला तिशेषिा

संख्या
1. थारू जनजाति गोरखपुर • थारू जनजाति उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति है|
• थारुओ द्वारा बजहर नामक त्यौहार मनाया जािा है|
• दीपािली को ये शोक पिव के रूप में मनािे है|
• थारू जनजाति द्वारा होली के मौके पर तखचड़ी नृत्य
ककया जािा है|

2. सहररया (बुंदेलखंड क्षेत्र) • बुंदेलखंड क्षेत्र के लतलिपुर तजले में पाया जािा है।
लतलिपुर उन्हें बनारािि, रािि, सोरेन और बनारखा भी कहा
जािा है।
• सहररया समुदाय के पारंपररक व्यिसाय में शहद
इकट्ठा करना, लकड़ी काटना, खनन करना, टोकररयााँ
बनाना, पत्थर िोड़ना आकद शातमल हैं क्योंकक िे
अपनी आजीतिका के तलए मुख्य रूप से जंगलों पर
तनभवर हैं।

3. तबजनौर • तबजनौर तजले में छोटी-छोटी ग्रामीण बततियों में


बुक्सा अथिा भोक्सा,
तनिास करिी है , बुक्सा जनजाति की पंचायि के
महीगीर सिोच्च व्यति को िखि कहा जािा है ।
• उत्तर प्रदेश में बुक्सा जनजाति तिकास पररयोजना
1983-84 में प्रारंभ की गयी ।
• बुक्सा लोग प्रमुख रूप से तहन्दी भाषा बोलिे हैं।

4. खरिार तमजावपुर, • सूरजिंशी, पत्बन्धी, दौलिबंधी, खेरी, मौगति,


िाराणसी, आर्मवया इस जनजाति की उपजातियां है ।
• खरिार जनजाति मुख्यिः तहन्दू धमव के रीति ररिाजों
सोनभद्र, गाजीपुर,
का पालन करिी है ।
बतलया, देिररया • खरिार जनजाति के लोग मााँसाहारी और शाकाहारी
दोनों प्रकार के होिे हैं ।
• खरिार जनजाति का प्रमुख नृत्य करमा है ।

5. गोंड, ओझा, धुररया, नायक, महराजगंज,


पथारी और राजगोंड तसद्धाथव नगर,
बतिी, गोरखपुर,
देिररया, मऊ,
आजमगढ़, जौनपुर
और सोनभद्र

6. खरिार, राजगोंड देिररया, बतलया,


गाजीपुर,
िाराणसी और
सोनभद्र

7. पहररया, बैगा, अगाररया, सोनभद्र

पठारी, भुइयां

8. पंखा, पतनका, घतसया सोनभद्र और


तमजावपुर

9. चेरो सोनभद्र और
िाराणसी

10. कोल इलाहाबाद,


िाराणसी, बांदा
और तमजावपुर

• संतिधान के अनुच्छेद 342 में जनजातियां उल्लेतखि हैं।


• सबसे ज्यादा जनसंख्या थारू जनजाति की है।
• सबसे पुरानी जनजाति थारू िथा बुक्सा है।
• सबसे ज्यादा जनजाति सोनभद्र जनपद में िथा सबसे कम जनजाति बागपि में हैं।
• उत्तर प्रदेश में 2 अक्टूबर 1980 को थारू तिकास पररयोजना का प्रारंभ ककया गया ।

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