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James Webb Telescope
James Webb Telescope
नमस्कार दोस्तों कै से हैं आप सब.... दोस्तों आज पहली बार अमेरिकन अं तरिक्ष एजेंसी नासा ने जेम्स वेब
टेलिस्कॉप से ली गई तस्वीरों को शेयर किया है... ये तस्वीरें किसी भी दूसरे टेलीस्कॉप से ली गईं तस्वीरों
से बहुत अलग और शानदार हैं.... जो हमें यूनिवर्स के बारे में बहुत ही दिलचस्प और लाजवाब सी बाते
बताती हैं.... नासा की इन फोटोज़ में से एक फोटो हमें हमारे पास्ट के बारे में बताती है... जिसके जरिए हम
आज से लगभग 13.1 बिलीयन ईयर्स पहले देख सकते हैं.... वहीं एक और फोटो है जो हमें एलियन्स के
प्लेनेट में पानी होने की जानकारी देती हैं.... तो आईये आज के इस वीडियो के जरिये हम समझते हैं नासा
इस टेलिस्कॉप की डिस्कवरीज़ को जानने से पहले हम इस टेलिस्कॉप के बारे में जान लेते हैं….
जेम्स वेब टेलीस्कोप को बनाने के लिए नासा ने पूरे 10 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं…. आपको बता दें कि
इसकी डिजाइन और डेवलपमेंट में नासा को पूरे 25 साल लगे और सबसे खास बात जो इस टेलिस्कोप
के बारे में है वो ये है कि आज के दिन जहां ये टेलिस्कोप लोके टेड है ये वहां पर -266.75 डिग्री सेंटीग्रेड के
टेंपरेचर को ऑपरेट कर रहा है…. ये इतना ज्यादा ठं डा है कि, जो -273 डिग्री सेंटीग्रेड का टेंपरेचर होता है ये
आपको बता दें कि इस टेंपरेचर को मेंटेन करने के लिए जेम्स वेब टेलीस्कोप दूसरे हबल स्पेस टेलीस्कोप
की तरह पृथ्वी के चारों तरफ नहीं घूमता है…. बल्कि ये sun के अराउं ड घूमता है,,,,, हमारी पृथ्वी से लगभग
1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर 1 पॉइं ट है जिसे हम L2 पॉइं ट कहते हैं… इस पॉइं ट पर ये टेलीस्कोप
हमेशा पृथ्वी की छाया में रहता है और कु छ इस तरीके से रहता है कि,,,, ये सूरज के चारों तरफ घूमता है
वही जो थोड़ी बहुत धूप है उससे बचने के लिए इस टेलीस्कॉप के पीछे एक sun sheild लगाई गई है….
जिसका साइज एक टेनिस कोर्ट जितना है… अब जो मैं आपको बताने जा रहा हूं उसे जानने के बाद आप
दोस्तों यहां मैं बात करने वाला हूं इस टेलिस्कोप के फोकल लेंथ के बारे में,,,,, आमतौर पर जो कै मरे या जो
डीएसएलआर कै मरा होता है,,,, जिसे सबसे high माना जाता है,,,,, उसका फोकल लेंथ कितना होता है???
ज्यादा से ज्यादा 24 एमएम,,, 35 एमएम या फिर 50 एमएम के लगभग,,,, लेकिन आपको जानकर हैरानी
होगी कि इस टेलिस्कोप का फोकल लेंथ इन सब से ढाई हजार गुना ज्यादा….131.4 मीटर्स है…. वही इसका
बताते हैं उन तस्वीरों के बारे में जो इस टेलिस्कोप के द्वारा नासा ने पूरी दुनिया के सामने शेयर कर सभी
सबसे पहले आपको बता दें कि जेम्स वेब टेलीस्कोप जिस वेवलेंथ में फोटोस खींच सकता है वो 0.6 से
28 माइक्रोमीटर है…. यानी ये टेलीस्कोप इं फ्रारेड मोशन में काम करता है,,,,, जिसका फायदा ये होता है
कि,,,, जो गैसेस होती है या जो क्लाउड्स होते हैं,,,, उनके पार आसानी से देख सकते हैं,,,,, क्योंकि इं फ्रारेड
की जो वेवलेंथ होती है वो बड़ी होती है और ये आप सभी जानते होंगे कि,,,, जितनी बड़ी वेवलेंथ होती है
इसके अलावा इस टेलीस्कोप में दो इं फ्रारेड कै मरा लगे हुए हैं,,,,, जिनमें से एक है near infrared
instrument यानी nircam और दुसरा है mid infrared instrument यानी miri cam…. Nircam छोटी
इं फ्रारेड वेवलेंथ को कै प्चर करता है वही miri cam बड़ी इं फ्रारेड वेवलेंथ को कै प्चर कर सकता है…. अब इन
दोनों में से जिस कै मरे का इस्तेमाल हो रहा है,,,, उसी के अकॉर्डिंग फोटोस कै प्चरड होती है,,,,, जैसे सोशल
मीडिया पर खूब वायरल हुई इस सुं दर सी फोटो को देखिए,,,ये nircam से ली गई फोटो है,,, और जिस
समय ये शेयर की गई थी उस समय ये सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुई थी…. लेकिन बिल्कु ल
यही सेम फोटो miri cam से भी ली गई है,,,,, और यही सेम चीज मिरी cam से कु छ इस तरह की दिखाई
देती है….
जिसमें आप डस्ट,, क्लाउड्स को भी साफ तौर पर देख पाएं गे…. अब से पिक्चर miri cam और nircam
से निकाली गई है,,,, लेकिन दोनों में काफी फर्क है और उसका रीजन है वेवलेंथ… अब आप सोच रहे होंगे
कि इस फोटो में आखिर आप देख क्या रहे हैं,,, तो मैं आपको बता दूं कि इस फोटो में आप एक तारे की
मौत होते हुए देख रहे हैं,,,, जी हां यह फोटो में आप एक स्टार को मरते हुए देख रहे हैं,,,, ध्यान से देखिए इस
फोटो में दो स्टार्ट है,,,, जो एक दूसरे के चक्कर काट रहे हैं,,,,, इनमें से जो ज्यादा चमकीला तारा है वो अभी-
अभी जन्मा है,,, ऐसे कह लीजिए और जो डिम लाइट वाला तारा है उसकी मृत्यु हो रही है…. मरते हुए ये
तारा पिछले कई हजारों सालों से यहां क्लाउड रिलीज कर रहा है,,,,, जो कि डस्ट और गैसेस से भरे हुए हैं….
दोस्तों इन गैस और डस्ट से जो प्लेनेट जैसा बनता है उसको हम प्लेनेटरी nebula कहते हैं…. और इन
दोनों स्टार्स के एक दूसरे के चक्कर काटने की वजह से ये जो nebula है ये घुल जा रहा है…. जैसे चाय में
शक्कर…..
ये शायद आपके लिए बिल्कु ल नया होगा कि,,,, आप किसी तारे की मृत्यु होते हुए देख रहे हैं या सुन रहे
हैं,,,, तो हम आपको बता दें कि ब्रह्मांड में जितनी भी चीजें हैं जैसे तारे,,,, उनकी भी एक लाइफ साइकिल
होती है… तारों की ही क्यू सूरज से लेकर चं द्रमां तक की एक लाइफ साइकिल है और एक टाइम ऐसा
सबसे पहले आप नासा द्वारा रिलीज की गई इस पहली तस्वीर को देखिए,,,, आपको बता दें कि ये पहली
तस्वीर है जो नासा ने रिलीज की थी और ये फोटो अपने आप में बहुत खास है क्योंकि ये फोटो आपको
थर्टीन पॉइं ट वन 13.1 बिलीयन ईयर्स पहले की झलक दिखाती है,,,, इस फोटो को देखने के बाद
अब नासा द्वारा रिलीज की गई इस अगली फोटो को देखिए जिसे नाम दिया गया है स्टीफें स क्विंटल
stephans quintent…. इसमें आपको 5 गैलेक्सी का एक क्लस्टर दिखाई देगा… इसमें दिखाई दे रही ये
लेफ्ट साइड वाली गैलेक्सी हमसे 40 मिलीयन लाइट ईयर्स दूर है जबकि बाकी चार जो गैलेक्सी है वो
हमसे 290 मिलियन लाइट ईयर्स दूर है और इसी वजह से आप देख पा रहे होंगे कि जो लेफ्ट वाली
गैलेक्सी की फोटो है को ज्यादा क्लियर और ज्यादा एचडी में दिख पा रही है,,, बाकियों की तुलना में….
इसके बाद हम आपको दिखाते हैं अब तक की खींची गई सबसे सुं दर और प्यारी फोटो जिसमें आप एक
तारे का जन्म होते हुए देखेंगे पहले आपने एक तारे की मृत्यु देखी अब इस फोटो में देखिए एक तारे का
जन्म…
इस फोटो में ये जो पहाड़ियां टाइप आपको दिखाई दे रही है इन्हें वैज्ञानिकों ने कॉस्मिक क्लिप्स clifs नाम
दिया है और आपको मैं बता दूं कि ये जो पहाड़िया टाइप है यह nebula है…. जैसे पहले हमने nebula देखा
था ये फिर से उसी टाइप nebula है और nebula का मतलब हम आपको बताएं तो वो होता है एक ब्राइट
एरिया जो डस्ट और गैसों के क्लाउड्स से बनता है…. आप इसे सीधे तौर पर एक बड़ा सा बादल जैसा भी
समझ सकते हैं और हिंदी में इसी बादल जैसे nebula को निहारिका कहा जाता है… अब इस स्पेसिफिक
अब हम आपको एक तारे का जन्म दिखाते हैं… दोस्तों एक तारे का जन्म होता है स्टेलर नेबुला की स्टेज
से…. और यहां भी वही हो रहा है इस फोटो में आप बारीकी से देखेंगे तो यहां आपको रेड कलर के कु छ
डॉट्स नजर आएं गे ये रेड डॉट्स बेसिकली ग्रोइं ग इन्फें ट स्टार है अब आप इसे nir cam और miri cam
अब आपको हम दिखाते हैं एक इं टरेस्टिंग और मजेदार फोटो…. असल में कहा जाए तो ये फोटो है ही
नहीं … इसके बाद भी जितने भी साइं टिस्ट हैं उन सभी को इस फोटो में सबसे ज्यादा दिलचस्पी है अब
ऐसा क्यों आइए बताते हैं…. नासा द्वारा रिलीज की गई ये फोटो प्लेनेट WASP 96B का एक
स्पेक्ट्रोग्राफिक डाटा है… दोस्तों ये जो प्लेनेट है ये हमसे 1150 लाइट ईयर्स दूर है एक्सोप्लैनेट एक ऐसा
प्लेनेट होता है… जो बेसिकली हमारे सोलर सिस्टम से बाहर होता है दरअसल जेम्स वेब टेलीस्को पर इन
दो कै मरों के अलावा एक NIRIS लगा हुआ है… NIRIS यानि NEAR INFRA RED IMAGER AN
मेजर कर सकता है और इस niris ने लगभग साढे 6 घं टे तक इस प्लेनेट से आने वाली light की इं टेंसिटी
मेजर की और इस मेजरमेंट का नतीजा निकला ये लाइट कर्व जो हमें ये बताता है कि,,,, इस प्लेनेट पर
h2o यानी पानी मोजूद है…. अब आप सोच रहे होंगे कि जब एक्सोप्लैनेट पर पानी है तो यहां एलियं स भी
मिल सकते हैं तो हम आपको बता दें कि आपको सोचने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि ये प्लेनेट जो है
वो बिल्कु ल भी अनहैबिटेबल नहीं है …. Ha लेकिन बाकी दूसरी चीजों से साइं टिस्ट ने कई और बातों का
तो अब इस प्लेनेट पर तो एलियं स नहीं मिल सकते हैं…. ये तो बिल्कु ल इं पॉसिबल है,,, लेकिन आपको
बता दें कि अगले कु छ महीनों में जेम्स वेब टेलीस्कोप अपने अगले शिकार यानी अपने अगले प्लेनेट की
तरफ़ बढ़ेगा और वहां की फोटोस लेने के बाद फिर से नासा इन फोटोस को रिलीज करेगा और फिर
उम्मीद है दोस्तों आपको ये वीडियो अच्छी लगी होगी अगर वीडियो सच में बहुत अच्छी लगी हो तो
वीडियो को लाइक और चैनल को सब्सक्राइब करना बिल्कु ल मत भूलिएगा मिलते हैं ऐसी ही एक और