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Saraswati Mantra
Saraswati Mantra
देवी प्रचोदयात्।’
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मां सरस्वती बुद्धि और ज्ञान की देवी मानी जाती हैं।
यानी व्यक्ति को ज्ञान इन्हीं की कृ पा से प्राप्त होता
है और किसी भी काम में सफल होने के लिए ज्ञान
का होना बेहद जरूरी है। इसलिए हर व्यक्ति को मां
सरस्वती की अराधना जरूर करनी चाहिए
खासकर पढ़ने-लिखने वाले बच्चों को। यहां हम मां
सरस्वती के कु छ ऐसे शक्तिशाली मंत्र बताने जा रहे
हैं जिनके जाप से आप मां की विशेष कृ पा तुरंत ही
प्राप्त कर पाएंगे।
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‘ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं
नित सुमरि तोय हाथ जोड़
अरजी करूं विद्या वर दे
मोय।’
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‘ॐ वागदैव्यै च विद्महे
कामराजाय धीमहि। तन्नो
देवी प्रचोदयात्।’
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ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा,
वीणा पुस्तक धारणीम् ।
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ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः
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सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे
कामरूपिणि ।
विद्यारम्भं करिष्यामि
सिद्धिर्भवतु मे सदा ॥
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ॐ ऐं महासरस्वत्यै नमः |
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ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै
सरस्वत्यै नमः ।
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ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी
पापात्म क्षयम् कारी वद वद
वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं
नमः स्वाहा।
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सरस्वति महाभागे विद्ये
कमललोचने ।
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या देवी सर्वभूतेषु विद्या-
रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥
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अर्थ : जो अपने हस्त कमल में घंटा, त्रिशूल, हल, शंख, मूसल, चक्र,
धनुष और बाण को धारण करने वाली, गोरी देह से उत्पन्न, त्रिनेत्रा, मेघा
स्थित चन्द्रमा के समान कांति वाली, संसार की आधारभूता, शुंभादि
दैत्य का नाश करने वाली महासरस्वती को हम नमस्कार करते हैं। मां
सरस्वती, जो प्रधानत: जगत की उत्पत्ति और ज्ञान का संचार करती हैं।
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सरस्वती का बीज मंत्र 'क्लीं' है।
ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।
सरस्वती ॐ सरस्वत्यै नमः।
महामाया ॐ महमायायै नमः।
श्रीप्रदा ॐ श्रीप्रदायै नमः।
ज्ञानमुद्रा ॐ ज्ञानमुद्रायै नमः।
पद्माक्षी ॐ पद्मा क्ष्रैय नमः।
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सरस्वती का बीज मंत्र 'क्लीं' है।
ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।
सरस्वती ॐ सरस्वत्यै नमः।
महामाया ॐ महमायायै नमः।
श्रीप्रदा ॐ श्रीप्रदायै नमः।
ज्ञानमुद्रा ॐ ज्ञानमुद्रायै नमः।
पद्माक्षी ॐ पद्मा क्ष्रैय नमः।
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SREE SARASWATI CHALISA
श्री सरस्वती चालीसा माता सरस्वती को प्रसन्न करने उनक आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शक्तिशाली
प्रार्थना है जो 40 छन्दों से बनी है। ज्ञान और बुद्धि का विकास करने के लिए माता सरस्वती का
चालीसा का पाठ बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है।
।। दोहा ।।
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॥ चौपाई ॥
जय जय जय वीणाकर धारी।
करती सदा सुहंस सवारी॥
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बाल्मीकि जी थे बहम ज्ञानी।
तव प्रसाद जानै संसारा॥
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पुत्र करै अपराध बहूता।
तेहि न धरइ चित सुन्दर माता॥
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मातु सहाय भई तेहि काला।
बुद्धि विपरीत करी खलहाला॥
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जग प्रसिद्ध जो शुंभ निशुंभा।
छिन में बधे ताहि तू अम्बा॥
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रक्त दन्तिका और शताक्षी।
नाम अपार है दानव भक्षी॥
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भूत प्रेत बाधा या दुःख में।
हो दरिद्र अथवा संकट में॥
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भक्ति मातु की करै हमेशा।
निकट न आवै ताहि कलेशा॥
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॥ दोहा ॥
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Maa Saraswati Chalisa
Lyrics in English
॥ Doha ॥
Janak Janani Padmaraj, Nij Mastak Par Dhari ।
Bandaun Matu Saraswati, Buddhi Bal De Datari ॥
Poorn Jagat Mein Vyapt Tav, Mahima Amit Anantu ।
Dushjanon Ke Pap Ko, Matu Tu Hi Ab Hantu ॥
॥ Chalisa ॥
Jai Shri Sakal Buddhi Balarasi ।
Jai Sarvagy Amar Avinashi ॥
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Tulasi Soor Adi Vidvana ।
Bhaye Aur Jo Gyani Nana ॥
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Rakt Bij Se Samarath Papi ।
Suramuni Haday Dhara Sab Kanpi ॥
Jagaprasiddh Jo Shumbhanishumbha ।
Kshan Mein Bandhe Tahi Too Amba ॥
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Durg Adi Harani Too Mata ।
Krpa Karahu Jab Jab Sukhadata ॥
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Bandi Path Karen Sat Bara ।
Bandi Pash Door Ho Sara ॥
॥ Doha ॥
Matu Soory Kanti Tav, Andhakar Mam Roop ।
Dooban Se Raksha Karahu Paroon Na Main Bhav Koop ॥
Balabuddhi Vidya Dehu Mohi, Sunahu Sarasvati Matu ।
Ram Sagar Adham Ko Ashray Too Hi Dedatu ॥
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SARASWATI JI KI AARTI
जय सरस्वती माता,
मैया जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि,
द्युति मंगलकारी ।
सोहे शुभ हंस सवारी,
अतुल तेजधारी ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
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देवी शरण जो आए,
उनका उद्धार किया ।
पैठी मंथरा दासी,
रावण संहार किया ॥
जय जय सरस्वती माता...॥
जय सरस्वती माता,
जय जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता ॥
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SARASWATI VANDANA
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