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Combined Pre School CurriculumHindi
Combined Pre School CurriculumHindi
32128
ISBN 978-93-5292-213-0
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मालीगाँव
गुवाहाटी 781021 फ़ोन : 0361-2676869
प्रकाशन सहयोग
अध्यक्ष, प्रकाशन प्रभाग : अनपु कुमार राजपतू
मख्ु य संपादक : श्वेता उप्पल
मख्ु य उत्पादन अधिकारी : अरुण िचतकारा
मख्ु य व्यापार प्रबंध्ाक : िबबाष कुमार दास
सपं ादन सहायक : ऋषिपाल सिहं
सचिव, राष्ट्रीय शैक्षिक अनसु ंधान और प्रशिक्षण उत्पादन सहायक : राजेश पिप्पल
परिषद,् श्री अरविंद मार्ग, नयी िदल्ली 110 016 आवरण
से प्रकाशित। डी.टी.पी. सेल
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सलाहकार
ऋषिके श सेनापति, निदशे क, राष्ट्रीय शैक्षिक अनसु धं ान और प्रशिक्षण परिषद् (रा.शै.अ.प्र.प.) नयी दिल्ली
सदस्य
अनपु म आहुजा, प्रोफे ़सर, डी.ई.जी.एस.एन., रा.शै.अ.प्र.प., नयी दिल्ली
अमीता टंड़न, सलाहकार और परामर्शदाता, ई.सी.सी.ई., रा.शै.अ.प्र.प.,नयी दिल्ली
आशा सिंह, प्रोफे ़सर (सेवानिवृ�ा), लेडी इरविन कॉलेज, नयी दिल्ली
उषा मेनन, निदेशक, जोड़ो ज्ञान, नयी दिल्ली
उषा शर्मा, प्रोफे ़सर, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, रा.शै.अ.प्र.प., नयी दिल्ली
ए.के . राजपतू , प्रोफ़े सर, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, रा.शै.अ.प्र.प., नयी दिल्ली
कविता शर्मा, प्रोफे ़सर, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, रा.शै.अ.प्र.प., नयी दिल्ली
कीर्ति जयराम, निदेशक, ओ.ई.एल.पी., नयी दिल्ली
के . लक्ष्मी, अध्यक्ष आध्रं महिला सभा, हैदराबाद
जी.सी.उपाध्याय, प्रोफे ़सर (सेवानिवृ�ा), रा.शै.अ.प्र.प., नयी दिल्ली
धर्म प्रकाश, प्रोफ़े सर (सेवानिवृ�ा), रा.शै.अ.प्र.प., नयी दिल्ली
पदम् ा यादव, प्रोफे ़सर, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, रा.शै.अ.प्र.प., नयी दिल्ली
मीनाक्षी खार, एसोसिएट प्रोफ़े सर, डी.ई.एल., रा.शै.अ.प्र.प., नयी दिल्ली
मृदल ु ा बजाज, परू ्व कार्यकारी निदेशक, मोबाइल क्रे च, नयी दिल्ली
रीतू चन्द्रा, असिस्टेंट प्रोफे ़सर, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, रा.शै.अ.प्र.प., नयी दिल्ली
रे खा शर्मा सेन, प्रोफे ़सर, इग्नू, नयी दिल्ली
रोमिला सोनी, असिस्टेंट प्रोफे ़सर, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, रा.शै.अ.प्र.प., नयी दिल्ली
विनीता कौल, प्रोफे ़सर एमेरेटस, अम्बेडकर विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली
शरबरी बनर्जी, एसोसिएट प्रोफ़े सर, डी.ई.ए.ए., रा.शै.अ.प्र.प., नयी दिल्ली
शभ्ु रा चटर्जी, निर्देशक, विक्रमशिला, कोलकाता
संध्या रानी साहू, प्रोफे ़सर, डी.ई.एल., रा.शै.अ.प्र.प., नयी दिल्ली
सावित्री सिहं , हेड मिस्ट्रेस्ा (सेवानिवृ�ा), आई.आई.टी., नर्सरी स्कू ल, नयी दिल्ली
सनु ीशा आहुजा, कंसल्टेंट, लेंग्वेज लर्निंग फाउंडेशन, नयी दिल्ली
सोनिका कौशिक, सीनियर कंसल्टेंट, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, रा.शै.अ.प्र.प., नयी दिल्ली
सदस्य समन्वयक
सनु ीति सनवाल, प्रोफे ़सर एवं विभागाध्यक्ष, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, रा.शै.अ.प्र.प., नयी दिल्ली
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सभी बच्चों का यह अधिकार है कि उन्हें सर्वांगीण हुए निर्मित खेलों में किए गए परिवर्तनों तथा विकास
विकास एवं वृद्धि के वे सभी अवसर मिलें जिनसे उनमें उपयक्त
ु गतिविधियों के द्वारा बच्चों की स्मरण शक्ति का
निहित क्षमताओ ं का भरपरू विकास हो सके । जीवन के विकास होता है। इन गतिविधियों द्वारा वे ध्यान कें द्रित कर
आरंभिक वर्ष वृद्धि, विकास और सीखने की दृष्टि से बेहद पाते हैं और अपने पर नियंत्रण रखना सीखते हैं।
महत्वपर्णू होते हैं। यह बात उन बच्चों पर भी लागू होती बच्चों में कार्य निष्पादन एवं आत्मनियमन की
है, जिनकी शारीरिक अक्षमताओ ं के कारण उनकी कुछ योग्यताएँ एक ऐसी नींव का काम करती हैं जिससे उनमें
विशिष्ट आवश्यकताएँ होती हैं। तंत्रिका विज्ञान के क्षेत्र में भरपरू आत्मविश्वास पैदा होता है और आगे के वर्षों में
हुए शोध यह सिद्ध करते हैं कि उम्र के इस चरण में मस्तिष्क उनका सीखना भी बहुत आसान व कुशलता के साथ होता
का विकास बहुत तेज़ी से होता है। बच्चों के जीवन के है। वे बड़ी सहजता से अपने साथियों के बीच और विभिन्न
शरुु आती वर्षों में आस-पास का परिवेश उनके तंत्रिका तंत्र अधिगम शैलियों के साथ अनक ु ू लन करना सीख जाते हैं।
के विकास पर महत्वपर्णू रूप से प्रभाव डालता है। साथ ही यह भी बहुत महत्वपर्णू है कि बच्चों को भावनात्मक
सही समय पर सर्वोत्तम उद्दीपन प्रदान करना मस्तिष्क की रूप से संबल प्रदान करने वाला ऐसा वातावरण मिले जिससे
कोशिकाओ ं की रचना के लिए सबसे महत्वपर्णू होता है, वे शिक्षक के साथ स्वस्थ एवं सरु क्षित संबंध विकसित कर
यह निर्धारित करता है कि व्यक्ति जीवनपर्यंत किस प्रकार सकें । बच्चों को इस प्रकार का मक्त ु परिवेश देना चाहिए
से व्यवहार करें गे, किस प्रकार की सोच रखेंगे और किस कि वे खोजबीन कर सकें , सीख सकें , अभिव्यक्त कर
प्रकार से सीखेंगे। मस्तिष्क के भिन्न-भिन्न बहुआयामी सकें और स्वयं के प्रति सकारात्मक अवधारणा बना सकें ।
घटक समन्वित तरीके से कार्य करते हैं और इससे विकास शोध यह प्रमाणित करते हैं कि परू ्व-प्राथमिक कार्यक्रमों में
के सभी क्षेत्रों में कौशल एवं क्षमताएँ अर्जित करने को बच्चों की प्रतिभागिता लाभदायक हैं क्योंकि इससे बच्चों
बढ़ावा मिलता है। के पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा तीनों पर ही सकारात्मक
तीन से छह वर्ष की आयु के दौरान बच्चों की जिन प्रभाव पड़ता है। यह उनके वर्तमान और भविष्य दोनों के
सर्वांगीण क्षमताओ ं का विकास होता है, वे विद्यालय लिए बहुत मायने रखती है यदि हम आर्थिक नज़रिए से भी
में उनके समायोजन एवं उनके खश ु हाल जीवन के लिए देखें तो परू ्व-प्राथमिक विद्यालयी कार्यक्रमों में निवेश एक
बहुत ही आवश्यक होती हैं। रचनात्मक खेलों, विशेष प्रकार से उच्च स्तरीय मानवीय संपदा की तैयारी है जिसके
आवश्यकता वाले बच्चों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते लिए सार्वजनिक सहभागिता की विशेष आवश्यकता है।
अनुभवों और योग्यताओ ं की विविधता तथा उपयुक्त • बच्चों को विभिन्न समहू ों में काम करने के मौके दें
शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया पर संवाद की अस्पष्टता के जैसे— कभी-कभी उन बच्चों को एक साथ रखें
कारण बीते समय में कुछ समस्याएँ उभरकर सामने आई जिनके सीखने का स्तर एक जैसा हो या ऐसे बच्चों के
हैं और संभवतया ये समस्याएँ आगे भी आती रहेंगी। साथ जिनका स्तर मिला-जल ु ा हो या फिर बच्चों का
अत: वर्तमान पाठ्यचर्या के बेहतर क्रियान्वयन के ऐसा समहू जिनकी रुचियाँ एकसमान हों या बच्चों का
लिए आवश्यक है कि इन मद्ु दों का समचि ु त प्रंबधन हो। ऐसा समहू जिनकी रुचियाँ भिन्न-भिन्न हों। कभी-कभी
इससे कक्षा में शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया की गणु वत्ता में उन साथियों के साथ सीखने के अवसर दें जो काम
सधु ार लाने में मदद मिलेगी और सभी बच्चों के विकास करते-करते सीखते हैं या कभी-कभी परू ी कक्षा के
एवं अधिगम को सनिश्चि ु त किया जा सके गा। कुछ सामान्य साथ मिल-जल ु कर सीखने के अवसर दें।
मद्ु दों से निपटने के लिए नीचे कुछ सझु ाव दिए गए हैं— • बच्चों को उनकी विविध क्षमताओ ं और आयु के
अधिगम में विविधता का प्रबंधन अनसु ार दो समहू में बाँटें। कम उम्र वाले वे बच्चे
जिनकी योग्यताएँ अभी आरंभिक अवस्था में ही हैं,
प्रत्येक कक्षा में बच्चों के सीखने की क्षमताओ ं में भिन्नता
उन्हें स्वच्छंद रूप से खेले जाने वाले खेलों में सलं ग्न
पाई जाती है और उनके सीखने की शैली भी भिन्न-भिन्न
होती है। ऐसी स्थिति में शिक्षक को चाहिए कि— करें और इसी दौरान बड़ी आयु वाले बच्चे जिनकी
• बच्चों की आयु के अनरू योग्यताएँ अपेक्षाकृ त अधिक विकसित हो चक ु ी हैं,
ु प सीखने की भिन्न-भिन्न
आवश्यकताओ ं को परू ा करने के लिए, सीखने के उनके लिए निर्देशित गतिविधियों का आयोजन करें ।
परिवेश को बच्चों के अनक ु ू ल बनाया जाए। 20 मिनट की अवधि के पश्चात् शिक्षक आरंभिक
• इस बात पर ध्यान दें कि बच्चों को क्या सीखने की अवस्था की योग्यताओ ं वाले कम उम्र के बच्चों के
ज़रूरत है और वे कै से जानकारी प्राप्त करें गे। लिए निर्देशित गतिविधियों को सचं ालित कर सकते हैं
• ऐसी गतिविधियाँ बनाई जाएँ जिनमें संलग्न रहकर और बड़ी आयु वाले बच्चों को स्वच्छंद खेलों में
बच्चे विषयवस्तु का भाव समझ सकें या उसे परू ी तरह
से ग्रहण कर सकें । संलग्न कर सकते हैं। इस प्रकार से शिक्षक विकास के
• ऐसी परियोजनाएँ बनाएँ जो बच्चों में सीखे गए विषय अनरू ु प गतिविधियों के सृजन और क्रियान्वयन के
का अभ्यास करने और उस विषय पर अधिक समझ द्वारा विविध योग्यताओ ं और आयु समहू का प्रबंधन
विकसित करने की क्षमता का विकास कर सकें । उचित तरीके से कर सकें गे।
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बहु आयु वाले समूह का प्रबंधन विषय को किसी और परिस्थिति में लागू करने और
• यदि कक्षा में भिन्न-भिन्न आयु वाले बच्चे मौजदू हैं विषय की और अधिक समझ बनाने की क्षमता पैदा
तो इससे छोटे और बड़े दोनों ही बच्चों को लाभ हो सके ।
मिलता है। इस तरह की विभिन्नता वाले समहू में बच्चे जेंडर समानता को सनिश
एक-दसू रे से सीखते हैं और इस प्रकार साथियों से
ु ्चित एवं प्रोत्साहित
सीखने (पियर लर्निंग) के कौशल का विकास होता है। करना
बहु आयु वर्ग के बच्चों वाली कक्षा का प्रबंधन कुछ जेंडर संबंधी रूढ़िबद्ध मान्यताओ ं को तोड़ने के लिए पर्वू -
इस प्रकार से हो कि बच्चों को अधिक से अधिक प्राथमिक िवद्यालय एक बेहतर स्थान है, अत: शिक्षकों को
शामिल किया जा सके और उन्हें इस प्रक्रिया द्वारा चाहिए कि वह—
अधिकतम लाभ दिया जा सके । • लड़कों और लड़कियों को एक समान ध्यान, सम्मान
• शिक्षक को बच्चों के सीखने संबंधी भिन्न-भिन्न और समान अवसर प्रदान करके बच्चों से एेसी ही
आवश्यकताओ ं को संबोधित करने के लिए सीखने के अपेक्षाओ ं का उदाहरण स्वयं प्रस्तुत करें ।
परिवेश में पर्याप्त लचीलेपन का प्रावधान करना • ऐसी पस्ु तकों, खेलों और अन्य गतिविधियों का चयन
चाहिए। करें जो जेंडर सबं ंधी पर्वा
ू ग्रहों से मक्ु त हों।
• उन्हें इस बात पर ध्यान कें द्रित करना चाहिए कि बच्चों • किसी एक जेंडर विशेष को सीमित करने वाली भाषा
को क्या सीखने की ज़रूरत है और वे कै से जानकारी का उपयोग न करना। जेंडर निष्पक्ष (जेंडर न्यूट्रल)
प्राप्त करें गे। भाषा का प्रयोग करें ।
• शिक्षकों को कुछ इस प्रकार से गतिविधियों का सृजन • ऐसी कहानियों, गानों, गतिविधियों और सामग्री का
करना चाहिए कि उन गतिविधियों में संलग्न होकर उपयोग करें जिसमें लड़कियों और लड़कों तथा विशेष
बच्चे विषयवस्तु की सही समझ बनाने की निपणु ता आवश्यकता वाले बच्चों को समान रूप सेे सभी
प्राप्त कर सकें । कार्यों में समान भमि
ू का में दर्शाया गया हो। लड़के और
• इस तरह की परियोजनाओ ं से बच्चों को जोड़ना लड़कियाँ दोनों को ही नेता, नायक और समस्या
चाहिए जिनसे बच्चों में अभ्यास करने, सीखे गए समाधान करने वाले के रूप में दर्शाना चाहिए।
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• अभिभावकों को नियमित रूप से इस विषय पर बच्चे की ज़रूरतों के अनसु ार सीखने-सिखाने की
सवं ेदनशील बनाएँ ताकि वे इन बातों का घर पर भी प्रक्रिया के स्वरूप में फे र-बदल िकया जाता है,
अभ्यास करें । यह भी महत्वपर्णू है कि उनमें जेंडर और जिसका उद्श्दे य बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता
विशेष आवश्यकता आधारित भेदभाव को समझने की प्रत्यक्ष रूप से मदद करना है। आरंभिक हस्तक्षेप
और रोकने के संबंध में समझ पैदा की जाए। कई रूपों में किया जा सकता है—
आरंभिक अवस्था में औपचारिक शिक्षा देने
से बचें
आरंभिक वर्षांे में बच्चों में ज्ञान, कौशल और
संज्ञानात्मक योग्यताओ ं के विकास पर अधिक बल देने
से उनके सकारात्मक दृष्टिकोण, सीखने के प्रति इच्छा
एवं तत्परता, मननशील हाेने, उत्सुकता प्रदर्शित करने,
खोजबीन करने, समस्या का समाधान प्रस्तुत करने आदि
की क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है। अत: शिक्षक
को चाहिए कि—
• अवधारणाओ ं को बनाने और दक्षताओ ं व कौशलों • भाषा और वाक् उपचार (थैरेपी) के द्वारा सुनने की
को पखु ्ता करने पर ध्यान कें द्रित करें । ऐसा करने के क्षमता में सधु ार किया जा सकता है और श्रवण यंत्र
(हीयरिंग एड) के उपयोग को सुगम बनाया जा
लिए सीखने-सिखाने की औपचारिक प्रणाली से दरू ी
सकता है।
बनानी चाहिए। इस प्रकार के अवसर प्रदान करने
चाहिए जहाँ बच्चे गतिविधियों, नवीन सामग्रियों और • फिजियोथैरेपी के द्वारा गत्यात्मक कौशलों, जैसे—
अवधारणाओ ं के प्रति उत्सुकता और रचनात्मकता सतं ल
ु न बनाना, बैठना, घटु नों के बल चलना और पैरों
पर खड़े होकर चलना आदि क्रियाओ ं के विकास में
प्रदर्शित कर सकें ।
मदद मिलती है।
• रटने पर आधारित, शिक्षक निर्देशित अधिगम, जिससे
• बच्चों को उनकी आवश्यकता के अनरू ु प जिस प्रकार
कोई सार्थक सदं र्भ न निकल पाए और बच्चे पर
के छोटे-छोटे उपकरणों की ज़रूरत हो, वे भी उन्हें दिए
अनावश्यक दबाव पड़े, हर स्थिति में हानिकारक हैं। जाने चाहिए।
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का उपयुक्त समावेशन का मख्य ु लाभ यह है कि इसमें विशेष
समावेशन सनिश
ु ्चित करें आवश्यकता वाले बच्चों के साथ भी समान रूप से
• आरंभिक हस्तक्षेप के द्वारा विशेष आवश्यकता वाले व्यवहार किया जाता है और उनकी क्षमताओ ं पर ध्यान
बच्चों की क्षमताओ ं को पहचानकर उनके विकास दिया जाता है। इसके साथ ही उन्हें पर्याप्त सवु िधाएँ,
को बढ़ावा देने से उनके सीखने की कठिनाई कम आधारभतू संरचना और व्यक्तिगत रूप से दी जाने वाली
होती हैं और उनके विकास में गति आती है। आरंभिक सहायता देकर उनके विकास को सशक्त किया जाता है।
हस्तक्षेप से तात्पर्य एक ऐसी व्यवस्था से है जिसमें अत: शिक्षक को चाहिए कि वह—
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• सभी बच्चों के विकास के संबंध में शरुु आती दौर में ही • आकलन एवं मलू ्यांकन की उपयक्ु त प्रक्रियाएँ
जाँच करें और उनकी क्षमताओ ं को पहचानें। विकसित करें ।
• शरुु आती पहचान और आरंभिक हस्तक्षेप के महत्व • सभी हितधारकों को अपने दृष्टिकोण और कार्य पर
को समझें। पनु र्विचार करने तथा आवश्यकता पड़ने पर उनमें
• बच्चों के लिए सरं चनात्मक परिवेश बाधारहित हो, यह बदलाव करने के लिए सशक्त और समर्थ बनाएँ।
सनिश्चि
ु त करने के लिए उसमें अनक ु ू ल परिवर्तन करें । • आयु उपयुक्त खेल एवं सीखने की सामग्री का प्रयोग
• विभिन्न क्षमताओ ं वाले बच्चों के लिए पाठ्यचर्या को करें ।
लचीला व सगु म बनाएँ।
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3 पाठ्यचर्या
जब बच्चे खेलते हैं या खाना खाते हैं तो शिक्षक द्वारा पर्वू -प्राथमिक िवद्यालय की पाठ्यचर्या इस प्रकार की
उस समय का सदपु योग अच्छी आदतें िसखाने के लिए हो कि वह बच्चों के इन सभी आरंभिक अनभु वों और
किया जाना चाहिए, जैसे खेलकर चीज़ें जगह पर रखना बच्चों के संप्रेषण कौशलों को बढ़ावा दे। जिससे बच्चे
और कमरे को गंदा न करना आदि। प्रभावशाली शिक्षक अपने विचार और अपनी भावनाएँ मौखिक रूप से साझा
14 परू ्व-प्राथमिक पाठ्यचर्या
पाठ्यचर्या 25
पाठ्यचर्या 27
लक्ष्य 3— बच्चों का सीखने के प्रति उत्साह प्रदर्शित करना और अपने आस-पास के परिवेश से जुड़ना
मुख्य अवधारणाएँ/कौशल शैक्षणिक प्रक्रियाएँ सीखने के आरंभिक प्रतिफल
(शिक्षक क्या कर सकते हैं)
सवं ेदी विकास निम्नलिखित अवसर और अनुभव प्रदान किए जाएँ— ●● परिवेश के अवलोकन के लिए
●● देखना ●● संवेदी विकास से संबंधित गतिविधियाँ— चखना, सभी इद्ं रियों का प्रयोग करते हैं
●● सन ु ना सँघू ना, देखना, सनु ना और छूना। उदारहण के तौर पर ●● सामान्य वस्तुओ,ं ध्वनियों,
●● छूना वास्तविक ठोस पदार्थों का उपयोग, दृश्यात्मक लोगों, चित्रों, पश-ु पक्षियों,
●● सँघ ू ना समन्वयन और विभेदीकरण, श्रवण विभेदीकरण विभिन्न अवसरों/घटनाओ ं को
●● चखना गतिविधियाँ आदि पहचानकर उनके नाम बताते हैं
●● प्रकृ ति भ्रमण के दौरान आस-पास के परिवेश की ●● एक समय में देखी गई दो-तीन
विभिन्न वस्तुओ ं का अवलोकन, जैसे पार्क , उपवन, वस्तुओ ं के नाम याद रखते हैं
चिड़ियाघर आदि और पनु : बताते हैं
पाठ्यचर्या 29
पाठ्यचर्या 31
पाठ्यचर्या 33
पाठ्यचर्या 35
पाठ्यचर्या 37
पाठ्यचर्या 39
पाठ्यचर्या 41
पाठ्यचर्या 43
पाठ्यचर्या 45
●● नमन
बच्चों को पर्यावरण में उपलब्ध ध्वनियाँ सनु ने के लिए भागों को पहचान/बता पाते हैं
ू े बनाना
प्रोत्साहित करना, जैसे सख ू े प�ाों पर चलते समय, हवा ●● वस्तुओ ं के समहू को दो या दो
●● क्रम के अनस ु ार सोचना
चलने पर आदि खाना बनाते समय खश ु बू सँघू ना, से अधिक श्रेणियों के आधार
●● सृजनात्मक चित ं न कड़वे और मीठे का स्वाद, सनु ना और वाद्य यंत्रों को पर वर्गीकृ त करते हैं
●● समीक्षात्मक चित ं न बजाना, संवेदनाओ ं के साथ प्रयोग, भ्रमण करना और ●● नये आकार (पैटर्न) बनाते हैं
●● समस्या समाधान
संवेदनाओ ं पर आधारित कहानियाँ सनु ना, विभिन्न रंगों ●● 4–5 चित्र कार्ड या वस्तुओ ं
●● तर्क प्रस्तुत करना
की बोतल के ढक्कनों/कपड़े के टुकड़ों के साथ खेलना को क्रम से लगाते हैं
●● जिज्ञासा आदि ●● कहानी या घटनाओ ं को क्रम
●● प्रयोग करना ●● पहेलियाँ बझ ू ना (संवेदनाओ)ं पर आधारित, जैसे मेरी से बताते हैं
●● खोजबीन करना त्वचा मल ु ायम और रोएँदार है, मैं म्याँऊ करती हूँ ●● सरल समस्याओ ं के सल ु झाने
बताओ मैं कौन हू?ँ (बिल्ली) के तरीके कारण सहित
अवधारणाओ ं का निर्माण ●● सबह के सर्क ल टाइम में चर्चा करने वाले प्रश्न, जैसे
ु बताते हैं
●● रंग, आकृ ति, दरू ी, नाप
जब आप सबु ह उठते हैं, पहली कौन-सी चीज़ आप ●● संबंधों को समझने लगते हैं,
आकार, लंबाई, भार, देखते हैं/सनु ते हैं/छूते हैं/सँघू ते हैं/चखते हैं? आपके
ऊँचाई, समय जैसे परू ी वस्तु या उसका कोई
शरीर का कौन-सा अगं आपको देखने/सनु ने/सँघू ने/ भाग, दसू रों से भिन्न ढूँढ़ना,
●● स्थान-बोध
स्वाद लेने और महससू करने में मदद करता है संबंध बताना आदि
●● एक-से-एक की सग ं तता ●● विभिन्न विषयों के पोस्टरों द्वारा चित्र पठन करना और
●● कारण बताते हैं, विश्लेषण
बच्चों को चित्रों को देखकर बारीक अतं रों को करते हैं, अनमु ान लगाते हैं,
सख्या
ं बोध पहचानने के लिए प्रोत्साहित करना, जैसे कितने निष्कर्ष निकालकर व्याख्या
●● गिनना और बताना कि
जानवर/चिड़िया हैं करते हैं
कितने हैं
●● संख्याओ ं की पहचान
पाठ्यचर्या 47
पाठ्यचर्या 49
बच्चे सक्रिय और जिज्ञासु शिक्षार्थी होते हैं, इसलिए क्षेत्र कक्षा में संसाधानों के साथ स्थापित किए जाते हैं और
परू ्व-प्राथमिक िवद्यालय में उनकी सरु क्षा और शिक्षा की प्रसगं ों या विषयों के अनसु ार उन्हें बदला भी जा सकता है।
व्यवस्था सबसे चनु ौतीपरू ्ण कार्य है। छोटे बच्चों के लिए
सरु क्षित भौतिक स्थान का सृजन करना चाहिए जिससे
उनकी सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में मदद हो सके ।
छोटे बच्चों की गतिविधियों के लिए एक िवद्यालय से
दसू रे िवद्यालय में एवं विभिन्न परिदृश्यों में (शहरी, ग्रामीण,
अर्द्ध-शहरी एवं जन-जातीय) भौतिक भिन्नता हो सकती है
जो स्थान की उपलब्धता एवं बच्चों की सखं ्या पर आधारित गतिविधि क्षेत्रों का महत्व
हो सकती है। सभी बच्चों के लिए एक सल ु भ, सनिर्मि
ु त
गतिविधि क्षेत्रों में खेलने से बच्चों को अपनी पसदं के
भौतिक वातावरण, अन्वेषण में सहायक होता है, छोटे बच्चों
अनसु ार खेल-क्रिया चनु ने और अपनी अभिरुचि को
को अपनेपन का एहसास दिलाता है और उन्हें स्वकें द्रित
जानने में सहायता मिलती है। ऐसा करना उन्हें सृजन करने
तथा स्व-निर्देशित खेल में सल ं ग्न करने में सक्षम बनाता है। के चित्रांकन, अन्वेषण, हस्त-कौशल, नयी कुशलताएँ
अच्छा वातावरण माता-पिता और देखभाल करने वालों को
सीखने एवं गलतियाँ करके अपनी कार्य शैली में सधा ु र
भी आमिं त्रत तथा शामिल होने का एहसास कराता है।
करने के अवसर प्रदान करता है। साथ ही जिस क्रिया में वे
भीतरी और बाहरी भौतिक वातावरण, दोनों का
संलग्न हों, जैसे— टावर बनाना, पहेली (िजगसॉ पज़ल)
सृजन करते समय नीचे दी गई कुछ महत्वपरू ्ण बातें ध्यान
को हल करना या किसी भल ू भलु ैया में मार्ग ढूँढ़ना, उनमें
में रखनी चाहिए।
उपलब्धि एवं सफलता का अनभु व कराता है।
गतिविधि क्षेत्रों सहित भीतरी (इडं ोर) परिवेश जब बच्चे अन्य बच्चों के साथ खेलना सीखते हैं,
का सज
ृ न करना सामग्री का उपयोग करने में भाग लेते हैं, साझा करते हैं,
बारी-बारी से काम करना सीखते हैं और अन्य बच्चों की
गतिविधि क्षेत्र गतिविधि समाप्त होने तक प्रतीक्षा करना सीखते हैं, तो
गतिविधि क्षेत्रों को ‘सीखने के कें द्र’ के रूप में भी जाना यह उनके सामाजिक, भावात्मक विकास में मदद करता
जाता है। बच्चों को सक्रिय रूप से संलग्न करने वाले ये है। वे समय प्रबंधन के साथ आत्म-नियमन भी सीखते हैं।
बाल अनरू
ु प अधिगम परिवेश की संरचना 55
प्रारंभिक वर्षों में शिक्षा कार्यक्रम बाल-कें द्रित तरीके से के उभरते हुए कौशलों काे ही बढ़ावा देना चाहिए बल्कि
समग्र दृष्टिकोण को अपनाते हुए सचं ालित होता है जो यह 21वीं शताब्दी के कौशलों, जैसे— समीक्षात्मक चितं न,
बताता है कि बच्चे ने जो सीखा है वह के वल वहीं तक सहयोग, संप्रेषण, सृजनात्मकता, तकनीकी साक्षरता और
सीमित नहीं है उसका क्रियान्वयन सिर्फ कक्षा में शिक्षक सामाजिक–भावनात्मक विकास को भी शामिल करना
द्वारा ही नहीं किया जा रहा है, बल्कि इसका सह-निर्माण चाहिए। बच्चों में सीखने-सिखाने की प्रक्रिया और विकास
बच्चों के द्वारा उनके घर और समदु ाय समेत प्राकृ तिक तथा में इन कौशलों का बहुत प्रभाव पड़ता है।
सामाजिक परिवेश के संदर्भ में भी किया जा रहा है। कंप्टयू र, यह अपेक्षा की जाती है कि लक्ष्य 3 में शामिल मख्ु य
वीडियो, टेलीवीज़न, रे डियो और दरू संचार नेटवर्क जैसी सज्ं ञानात्मक कौशलों को मज़बतू करने के लिए आने वाले
तकनीकों के विस्तार ने, हम कै से खेलते हैं, कार्य करते हैं, वर्षों में बच्चों को नयी तकनीकों के साथ तालमेल बैठाने
जीते हैं और सीखते हैं, इन सभी क्षेत्रों को काफ़ी प्रभावित की चनु ौतियों का सामना करने के लिए सदृु ढ़ नींव बनायी
किया है। जीवन की चनु ौतियों का सामना करने के लिए जानी चाहिए।
बच्चों और बड़ों में यह सीखने की क्षमता होनी चाहिए पाठ्यचर्या के सपं ादन के लिए कई उपागम हैं, जैसे
कि वे ये जानें कि कार्य कै से सीखा जाए, समस्या समाधान विषयवस्तु-आधारित, गतिविधि-आधारित, प्रोजेक्ट/
का कौशल हासिल किया जाए, समीक्षात्मक चितं न का पछू ताछ-आधारित तथा उदग् ामी पाठ्यचर्या।
विकास किया जाए और तेज़ी से होते हुए परिवर्तनों के
सम्मुख कै से अनक ु ू लन किया जाए। विषयवस्तु-आधारित उपागम
भविष्य की चनु ौतियों एवं माँग के प्रति बच्चों को विषयवस्तु आधारित दृष्टिकोण (थीम आधारित एप्रोच)
तैयार करने का समय तभी से आरंभ होता है जब वे छोटे को परू े विश्व में शिक्षाविदों द्वारा प्रयोग किया जाता है।
होते हैं, जिज्ञासु होते हैं और उनमें सीखने का उत्साह होता यह दृष्टिकोण बच्चों द्वारा प्राप्त किए जाने वाले विभिन्न
है। बच्चे अपने अनभु वों तथा अभिभावकों, शिक्षकों कौशलों एवं ज्ञान को एक ससु ंगत इकार्इ के रूप में बाँधने
तथा दोस्तों के साथ अपने रिश्तों के माध्यम से सीखते का प्रयास करता है जिनको विषय–विशेष, जैसे— अपने
हैं। इसलिए सीखने के जो भी अनभु व हैं उनमें बच्चों बारे में, पेड़-पौधों, पश,ु फल, सब्जी आदि के रूप में
की प्राकृ तिक जिज्ञासा एवं उत्साह का परू ी तरह से लाभ व्यवस्थित किया जाता है। दिए गए विषयों पर बच्चों का
उठाना चाहिए। इनमें न के वल पढ़ने, लिखने एवं गणित ध्यान कें द्रित करके उन कौशलों एवं प्रक्रियाओ ं में अधिक
हम सब जानते हैं कि अभिभावक बच्चे के व्यक्तित्व के करना चाहते हैं जिनमें विशेष आवश्यकताओ ं वाले
विकास में महत्वपरू ्ण भमिक ू ा निभाते हैं। वे बच्चे के प्रथम बच्चे भी शामिल हों।
शिक्षक होते हैं और बच्चे के विकास की मख्ु य जि़म्मेदारी 2. पर्वू -प्राथमिक िवद्यालय कार्यक्रम में माता-पिता का
उनकी होती है। इसलिए अभिभावकों व शिक्षकों को एक ससं ाधन के रूप में सहयोग लेना चाहिए।
साथ मिलकर काम करना चाहिए। बच्चे के अधिगम और
िवकास में अभिभावक व शिक्षक एक साथी के रूप में
बच्चों की मदद के लिए अभिभावक शिक्षा
भागीदार होते हैं। पर्वू -प्राथमिक कार्यक्रम तभी सफल हो बच्चे स्कूल में जो ज्ञान प्राप्त करते हैं, उसे घर में दोहराने
सकता हैं जब उसे समदु ाय व अभिभावकों का सहयोग और सदृु ढ़ करने के लिए माता-पिता का शिक्षित होना बहुत
प्राप्त होता है। ज़रूरी है। अभिभावकों को साधारण सस्वर कविता पाठ,
पर्वू -प्राथमिक कार्यक्रम में अभिभावक दो तरह से कहानी कहने की कला, कठपतु लियाँ बनाना और कम
शामिल हो सकते हैं— लागत वाले खिलौने आदि बनाना सिखाया जा सकता है।
1. माता-पिता को बाल विकास, स्वास्थ्य और पोषण के इससे अभिभावक बच्चों से अपनी बातचीत की गणु वत्ता
विभिन्न पहलओ ु ,ं पर्वू -प्राथमिक शिक्षा की शिक्षण- में सधु ार लाएँगे और बच्चों को खेलने के अवसर प्रदान
प्रक्रिया और उनकी गतिविधियों के बारे में शिक्षित करें गे। उन्हें निम्नलिखित जानकारी से अवगत करवाया
करना चाहिए, जिन्हें वे अपने बच्चों के साथ घर पर जाना चाहिए—
zz विकास के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की
आवश्यकता।
zz बच्चों की आयु के अनरू ु प लक्ष्य निर्धारित करना न
कि क्रियाकलापों को उन पर थोपना जिसके लिए वे
अभी तैयार नहीं हैं।
zz बच्चे की देखभाल, जैसे भावनात्मक स्वास्थ्य और
गतिविधियों का महत्व।
िवद्यालय जाना प्रारंभ करना बच्चों और उनके परिवारों सभी बच्चों को घर से पूर्व-प्राथमिक िवद्यालय और पूर्व-
के जीवन का एक प्रमख ु बदलाव है। यह एक ऐसा समय प्राथमिक िवद्यालय से प्राथमिक विद्यालय में पारगमन
है जो एक ही समय में रोमांचक और चनु ौतीपूर्ण दोनों की प्रक्रिया में सहायता दी जाए, इसलिए पूर्व-प्राथमिक
हो सकता है। बच्चे और परिवारों को नये वातावारण, िवद्यालय और प्राथमिक विद्यालय के बीच संबंध
नयी अपेक्षाओ,ं नयी अत:क्रियाओ ं और संबंधों के साथ स्थापित किए जाने चाहिए।
तालमेल बैठाना पड़ता है। इस संदर्भ में यह अनिवार्य हमारे देश में पर्वू -प्राथमिक सेवाओ ं में विविधता पाई
हो जाता है कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों सहित जाती है, जैसे— आँगनवाड़ी, बालवाड़ी, निजी विद्यालय
मानव संसाधन िवकास मत्ं रालय. 1986. राष्ट्रीय शिक्षा नीति. नयी दिल्ली, भारत सरकार
——. 1992. प्रोगाम ऑफ एक्शन. शिक्षा विभाग, नयी दिल्ली, भारत सरकार
——. 2010. भारत का राजपत्र. नि:शलु ्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार (आर.टी.र्इ.) अधिनियम 2009. नयी दिल्ली, भारत
सरकार
——. 2013. परू ्व-प्राथमिक शिक्षा और सेकंडरी शिक्षा के लिए नि:शलु ्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के
विस्तार पर सी.ए.बी.र्इ. (के ब) समिति स्टेटस रिपार्ट, कें द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड. नयी दिल्ली, भारत सरकार
महिला और बाल कल्याण मत्ं रालय. 2013. राष्ट्रीय प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा नीति. नयी दिल्ली, भारत सरकार
——. 2013. राष्ट्रीय र्इ.सी.सी.र्इ. पाठ्यचर्या की रूपरे खा. नयी दिल्ली, भारत सरकार
——. 2013 र्इ.सी.सी.र्इ. के लिए गणु वत्ता मानक. नयी दिल्ली, भारत सरकार
राष्ट्रीय शैक्षिक अनसु ंधान और प्रशिक्षण परिषद.् 1996. पर्वू -प्राथमिक के लिए न्यूनतम विर्निदेश. नयी दिल्ली
——. 2005. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरे खा. नयी दिल्ली
——. 2006. र्इ.सी.र्इ. पर राष्ट्रीय फोकस समहू का आधार पत्र (3.6), नयी दिल्ली
——. 2016. निजी प्ले स्कू लों के लिए नियामक दिशानिर्देश. शिक्षा प्रभाग. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण परिषद,् नयी दिल्ली
एन.सी. टी.र्इ. 2009. शिक्षक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरे खा: व्यावसायिक और मानवीय शिक्षक तैयार करने की दिशा
में. एन.सी.टी.र्इ., नयी दिल्ली
30 मिनट
की जाने वाली छोटे समहू में की जाने की जाने वाली जाने वाली बड़े समहू जाने वाली छोटे समहू की जाने वाली जाने वाली बड़े समहू
बड़े समहू की वाली गतिविधियाँ छोटे समहू की की गतिविधियाँ की गतिविधियाँ बड़े समहू की की गतिविधियाँ
गतिविधियाँ गतिविधियाँ गतिविधियाँ
●● स्वागत नज़दीक के बगीचे/ पार्क में भ्रमण ●● बच्चे भ्रमण से ●● बच्चे बगीचे/पार्क में ●● मक्त
ु रूप से ●● कथा वाचन- ●● अवलोकन
●● परू ्व तैयारी के के द्वारा शिक्षक और बच्चे मिलकर वापस आएँगे। हुए अनभु वों के बारे बाहर खेले जाने चित्रात्मक पस्त
ु कों ●● खोजबीन
लिए सनिश
ु ्चित करें कि वे क्या-क्या करें गे, बच्चे और शिक्षक में बात करें । बगीचे/ वाले खेल (यदि का उपयोग करें । ●● ध्यान कें द्रित
गतिविधियाँ जैसे— आस-पास की वस्तुओ ं का गोल घेरे में बैठेंगे। पार्क की सैर के इस प्रकार के (जिनमें लिखित करना
(वार्मअप) अवलोकन करना, उन पर ध्यान देना, बच्चे बारी-बारी से आधार पर चित्रकारी स्थान की सामग्री न हो) पार्क
●● देखकर अत ं र
●● स्वच्छता की
आस-पास की आवाज़ों को सनु ना, उन अपने अवलोकनों करें , मॉडल बनाएँ, उपलब्धता नहीं या बगीचे के बारे में
पर ध्यान देना, सतह को छूकर महससू और अनभु वों के ●● कोलॉज बनाएँ। है तो स्थूल हों। पहचानना
जाँच ●● अपनी बारी
करना, फूल सँघू ना, रे त-पत्तियाँ छूना। बारे में बताएगं े और बच्चे क्या-क्या बना माँसपेशियों के ●● कहानी के बाद
●● शिशु गीतगायन
अपनी पसंद की वस्तुओ ं का संग्रह बात करें गे। रहे, कह रहे हैं ये सब विकास से बच्चों को पस्त
ु कें की प्रतीक्षा
●● बच्चों के करना। संबंधित करना
●● शिक्षक इस बात शिक्षक किसी चार्ट उलटने-पलटने के
विचारों/ का ध्यान रखेगें पर लिखते जाएँ। गतिविधियाँ मौके दें। ●● अभिव्यक्त
सोमवार
अनभु वों की और बच्चों को करवाएँ ) ●● दिन की पन करना
ु रावृत्ति
मध्य अवकाश
साझेदारी सहयोग देंगे कि वे ●● सोच-विचार
●● बच्चों को
●● नाम के बिल्ले अपनी बारी आने प्रोत्साहित करें कि कर पाना
(कार्ड) लगाने पर वार्तालाप के ●● क्रमानस
वे घर पर अपने ु ार
की गतिविधि विषय पर ही बात सोच पाना
अभिभावकों के
●● कै लेंडर करें । साथ अपने अनभु व (क्रम दे
गतिविधि साझा करें । सकना)
●● िकसी भी िवषय ●● पस्त
ु कों को
पर वार्तालाप सही तरीके से
पकड़ पाना।
20-12-2019 15:15:58
मंगलवार ●● स्वागत ●● विभिन्न समहू ों में ●● शिक्षक शब्द दीवार का बच्चों ने जो-जो वस्तुएँ एक सीधी पक्ति
ं में ●● कहानी सनु ाना ●● मिलान करना
इकट्ठा करके रखी पत्तियों,
परिशिष्ट
●● परू ्व तैयारी के सृजन-पाँचों इन्द्रियों इकट्ठा की हैं उनके चलना/रस्सी की ●● परू े दिन की और चनु ना
लिए गतिविधि गई वस्तुओ ं को टहनियों, के अनभु वों के आधार माध्यम से रंगोली या सीध में चलना और पनु रावृत्ति ●● समानता कर
(वार्मअप) चनु कर अलग- कंकर, पर कक्षा के सभी तरह-तरह के नमनू े शिक्षक की मदद ●● बच्चों को पाना और
अलग करें गे। प्लास्टिक बच्चे अपने-अपने बनाएँ और अपनी से अपने कदमों को
मध्य अवकाश
पर वार्तालाप और छोटी पत्तियों समाधान
को चनु ना, बच्चे
कह सकते हैं कि
बड़ी पत्तियाँ ज़्यादा
हैं। शिक्षक पत्तियों
की गिनती करके
दिखाएँ और बताएँ
कि 8 बड़ी पत्तियाँ
है और 15 छोटी
पत्तियाँ हैं।
●● बच्चों ने पार्क /
75
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76
बुधवार ●● स्वागत ●● अपनी-अपनी बात/ ●● बच्चे अपनी ●● बगीचे के दृश्य पर ●● बच्चे अपने बनाए ●● बाहर खेले जाने ●● दृश्य सामग्री जैसे ●● प्रत्यास्मरण
●● परू ्व तैयारी के अनभु व साझा रुचि के चित्र पठन, चित्र में हुए मॉडल चित्रों, वाले खेलों का कि डंडी वाली ●● अवलोकन
लिए करें गे। गतिविधि क्षेत्र दिखाई गई वस्तुओ ं जैसे— पेड़, पत्ती, आयोजन, कठपतु ली आदि ●● शब्द भड ं ार
गतिविधियाँ ●● बच्चों को में जाएँगे और के नाम बोलना। फूल में रंग भरें गे। जैस— े बॉल का उपयोग करते में वृद्धि
अपनी रुचि फें कना/ पकड़ना हुए कथा वाचन
गतिविधि
मध्य अवकाश
●● िकसी भी िवषय
पर वार्तालाप
गुरुवार ●● स्वागत ●● शिक्षक बच्चों का ●● भ्रमण ●● बच्चों को बगीचे में ●● बगीचे में भ्रमण से ●● कोई भी बाह्य ●● चित्रकार्डो के साथ ●● ध्वनियों में
●● पर ू ्व तैयारी के ध्यान उन ध्वनियों (विजिट) देखी गई वस्तुओ ं जडु ़ी किसी भी खेल (यदि इस कथा वाचन अतं र कर
लिए की ओर दिलाएँ जो जारी रहेगा। के चित्रों वाले कार्ड अनभु व/ वस्तु को प्रकार के खेल के ●● परू े दिन की पाना
गतिविधियाँ उन्होंने बगीचे/ पार्क दिए जाएँगे। ‘पासिंग आधार बनाकर लिए कोई खल ु ा पनु रावृत्ति ●● अवलोकन
(वार्मअप) में सनु ी थीं। इन द पार्सल’ खेल चित्रकारी करें । अपने स्थान/ ●● बच्चों को
●● वर्गीकरण
●● स्वच्छता की
ध्वनियों पर चर्चा खिलाया जाए और चित्र के बारे में बात क्रीड़ा-स्थल न हो प्रोत्साहित किया ●● ध्यान कें द्रित
जाँच करें । जिस बच्चे के पास करने के लिए कहें। तो स्थूल जाए कि वे घर पर कर पाना
●● बच्चे इस बारे में जिस वस्तु का कार्ड माँसपेशियों के अपने अभिभावकों ●● रचनात्मक
●● शिशु गीत
निर्णय लें कि इन आए, उस वस्तु के विकास आधारित के साथ अपने अभिव्यक्ति
गायन बारे में बच्चे अपनी गतिविधियों का
ध्वनियों को फिर से विचार/ अनभु व ●● क्रम के
●● बच्चों के बात कहें। आयोजन करें )।
सनु ने के लिए उन्हें साझा करें । आधार पर
विचारों/ दबु ारा पार्क / सोचना (क्रम
अनभु वों की बगीचे जाना चाहिए
20-12-2019 15:15:58
●● नाम के बिल्ले टेप रिकॉर्डर में
परिशिष्ट
लगाने की रिकार्ड की गई इन
गतिविधि ध्वनियों को कक्षा
में ही सनु ा जाए।
गतिविधि ●● चलो, हम सब
मध्य अवकाश
●● इस सवांद में अपने
आस-पास के
परिवेश में सनु ाई दे
रही विभिन्न
ध्वनियों को भी
शामिल करें , संवाद
करें और आगे
बढ़ाएँ।
शुक्रवार ●● स्वागत ●● बच्चे सन ु ी गई ●● बच्चे अपनी ●● बच्चे भिन्न-भिन्न ●● कागज़ को छोटे-छोटे ●● बिना रस्सी के ●● कहानी वाचन एवं ●● ध्वनियों में
●● पर्व
ू ् तैयारी के ध्वनियों के बारे में रुचि के प्रकार की सनु ाई देने टुकड़ों में फाड़कर कूदना और प्रदर्शन अतं र कर
लिए बातचीत करें गे। गतिविधि क्षेत्र वाली ध्वनियों के उन टुकड़ों को गिनती करना कि ●● परू े दिन की पाना
गतिविधियाँ ●● वे पश-ु पक्षियों के में जाएँगे और बारे में आपस में चिपकाकर बिना रुके कितनी पनु रावृत्ति ●● अवलोकन
(वार्मअप) चलने-फिरने जैसे खेलेंगे। बातचीत करें गे और ‘कोलाॅज’ बनाएँ। बार कूदा गया। ●● बच्चों को करना
यह भी बताएँगे ●● वर्गीकरण
करना
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20-12-2019 15:15:58
●● ●● ●●
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स्वच्छता सबं ंधी कार्यकलापों का िक उन्हें कौन-सी शिक्षक बच्चों को प्रोत्साहित करना ध्यान कें द्रित
जाँच अभिनय करें गे और आवाज़ पसंद है और अपने कोलाॅज़ के कि वे घर पर अपने कर पाना
●● शिशु गीत उनकी आवाजें भी कौन-सी आवाज़ बारे में बातचीत करने अभिभावकों के ●● रचनात्मक
गायन निकालेंगे, पसंद नहीं आई। तेज़ के लिए प्रोत्साहित साथ अपने विचार/ अभिव्यक्ति
जैसे— गिलहरी, आवाज़ में संगीत, करें और विषय से अनभु व साझा करें ।
मध्य अवकाश
पश-ु पक्षी की ध्वनि पाना, दसू रे
●● कै लेंडर
निकालेंगे और की बात
गतिविधि अभिनय करें गे।
●● िकसी भी िवषय
सनु कर
●● बच्चे स्वयं गिनकर
पर वार्तालाप अपनी
पता लगाएँगे कि प्रतिक्रिया
उनके समहू में तीन देना।
सदस्य है या नहीं।
●● शिक्षक आवश्यक-
झल
ू े, पौधे, कंकर, पत्तियाँ, फव्वारा फूल यातायात (वाहनों का शोर) चिड़ियों फल पत्तियाँ, पेड़, फूल
की चहचहाहट
20-12-2019 15:15:59
परिशिष्ट—2
परिशिष्ट
समावेशित पद्धति के आधार पर तैयार साप्ताहिक पाठ-योजना (पूर्व-प्राथमिक–II)
बगीचे की सैर
30 मिनट 30 मिनट 30 मिनट 30 मिनट 30 मिनट 30 मिनट 30 मिनट
30 मिनट
जाने वाली बड़े समहू छोटे समहू में की जाने जाने वाली छोटे समहू शरू ु की जाने की जाने वाली की जाने वाली जाने वाली बड़े समहू
की गतिविधियाँ वाली गतिविधियाँ की गतिविधियाँ वाली बड़े समहू वाली छोटे समहू बड़े समहू की की गतिविधियाँ
की गतिविधियाँ की गतिविधियाँ गतिविधियाँ
सोमवार ●● बच्चों का स्वागत नज़दीक के किसी बगीचे/ पार्क की सैर (भ्रमण/ बच्चे बगीचे/ िकसी भी िवषय स्वच्छंद रूप से कथा वाचन ●● अवलोकन
●● परू ्व तैयारी की विजिट) पार्क से वापस पर चित्रकारी खेले जाने वाले ऐसी चित्रात्मक ●● खोजबीन
गतिविधियाँ बच्चों को कीड़े आदि छोटे-छोटे जीव-जतं ु आकर अपने- गतिविधि बाह्य खेल— पस्त
ु कों का इस्तेमाल ●● ध्यान कें द्रित कर
(वार्मअप) देखने के लिए आवर्धक लैंस दिए जा सकते हैं। अपने अनभु व शिक्षक बच्चों से यदि बाह्य करें जिनमें 2–3 पाना
●● स्वच्छता की जाँच
सनु ाएँगे। बच्चे कहेंगे कि बगीचे/ खेलों के लिए पक्तियों की लिखित
●● दृश्यात्मक अत ं र
और शिक्षक पार्क में उन्होंने उपयक्त
ु स्थान सामग्री हो। ये
●● शिशु गीत
गोल घेरे में जो-जो चीजें देखी की उपलब्धता चित्रात्मक पस्त
ु कें स्थापित कर पाना
गायन— पेड़/फूल/ बैठेंगे। अपनी हैं, उनमें से जो नहीं है तो स्थूल पौधों/पत्तियों/ ●● अपनी बारी की
चिड़िया/तितली -अपनी बात पसंद हों, उनका माँसपेशियों चिड़ियों/तितलियों पर प्रतीक्षा करना
●● बच्चों के विचार/ कहने के लिए चित्र बनाएँ। के विकास आधारित हो। ●● सोच-विचार करके
अनभु वों की अपनी बारी की से सबं ंधित कहानी सनु ने के बाद क्रम बता सकना
साझेदारी प्रतीक्षा करें गे गतिविधियाँ बच्चों को पस्त
ु कें ●● पस्त
ु कों को पकड़
मध्य अवकाश
●● नाम के बिल्ले और अपने करवाएँ। उलटने-पलटने के पाना
लगाने की अनभु व बताएँगे। अवसर दें।
गतिविधि शिक्षक बच्चों परू े दिन की पनु रावृत्ति
●● कै लेंडर गतिविधि को अपनी बारी आज हमने परू े दिन में
आने पर ही क्या-क्या किया।
बोलने आपको सबसे ज्यादा
और वार्तालाप मज़ा किस काम में
के विषय पर आया?
ही बोलने में
सहयोग देंगे।
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80
मंगलवार ●● बच्चों का स्वागत ●● बच्चों ने बगीचे/ ●● बच्चे अपनी-अपनी ●● बच्चे पार्क में ●● बच्चे पत्तियों ●● स्वछंद रूप से ●● बच्चों को ●● मिलान करना और
●● परू ्व तैयारी की पार्क में पिछले दिन पसंद के गतिविधि देखी गई पर पानी वाले खेले जाने वाले प्रोत्साहित करें कि चनु ना
गतिविधियाँ जो देखा उसके क्षेत्र में जाकर वस्तुओ ं के रंग (पोस्टर रंग) बाह्य खेल। वे अपने दिनभर के ●● समानता और
(वार्मअप) आधार पर खेलेंगे। खेलने के चित्र देखगें े लगाएँगे और (यदि क्रीड़ा अनभु वों को घर में अतं र बता पाना
वार्तालाप बाद बच्चे खेलने (पेड़, तितली, कागज़/ स्थल मैदान अपने अभिभावकों
मध्य अवकाश
●● िकसी भी िवषय पर
सदैव ध्यान वे अपने
●● रंग, आकृ तियों
रखें कि शब्द पहचान)
वार्तालाप और आकार जो अभिभावकों के ●● �ाृंखला बना पाना।
मातृभाषा का साथ दिनभर के
उन्होंने देखे हैं, ही हो)
उनके बारे में बात अनभु वों को साझा
●● शरु ु आती दौर करें और उन्हें भी
करना।
में यह पौधें के भाग के बारे
●● लंबाई के अनस ु ार आवश्यक में बताएँ।
पत्तियों डंडियों, नहीं कि शब्द
पंखों को रखना सार्थक एवं
(लंबे से छोटे या अर्थपर्णू हों।
छोटे से लंबे के
क्रम में पाँच तक के
स्तर पर)
20-12-2019 15:15:59
बुधवार ●● बच्चों का स्वागत ●●
पेड़ और पौधों से बच्चे अपनी-अपनी शिक्षक कुछ शिक्षक फूलों, घमु ावदार रे खा कम लिखित सामग्री ●● अवलोकन
परिशिष्ट
●● परू ्व तैयारी के लिए हमें क्या-क्या प्राप्त पसंद के गतिविधि शब्द बोलकर तितलियों, पेड़ पर चलना और वाली चित्रात्मक ●● शब्द भड ं ार
गतिविधियाँ होता है, शिक्षक क्षेत्र में जाकर खेलेंगे। सनु ाएँगे, आदि के चित्र शिक्षक की मदद पस्त
ु कों के आधार पर ●● वर्गीकरण
(वार्मअप) इस विषय पर चर्चा खेलने के बाद बच्चे जैसे— गाना, (सिर्फ़ बाहरी से कदम गिनना। कथा वाचन
●● क्रम के अनस ु ार
खेलने की सामग्री दाना, बिल्ली, रे खाएँ) बनाकर दिनभर की
मध्य अवकाश
जैसे— दो पत्तियाँ, है।
एक कंकर, दो
टहनियाँ की
सहायता से अपनी
पसंद के नमनू े
बनाएँगे।
गरुु वार ●● बच्चों का स्वागत ●● बगीचे में सन ु ी गई बच्चे अपनी-अपनी बच्चों को पार्क संरचनात्मक बच्चे पेड़ और ●● मौखिक कहानी ●● ध्वनियों में अतं र
●● परू ्व तैयारी की ध्वनियों के बारे मे पसदं के गतिविधि में देखी गई (दौड़/खेल) फूलों के चित्र सनु ाना कर पाना
गतिविधियाँ बच्चों से बात करें । क्षेत्र में जाएँगे और वस्तुओ ं को स्वच्छंद रूप से बनाने के लिए ●● परू े दिन की ●● अवलोकन
(वार्मअप) ●● तरह-तरह की अपनी रुचि के खेल आधार बनाकर खेले जाने वाले हथेली का गतिविधियों की ●● वर्गीकरण
●● स्वच्छता की जाँच चिड़ियों की खेलेंगे। खेलने के बाद अपनी मातृभाषा खेल (यदि बाह्य इस्तेमाल करते हुए पनु रावृत्ति ●● ध्यान कें द्रित कर
आवाज़ें सनु वाएँ बच्चे खेल की सामग्री में वाक्य खेल खेलने चित्रकारी करें गे। ●● आज हमने
●● शिशु गीत गायन
निर्धारित स्थान शैल्फ़/ बनाने के लिए के लिए स्थान पाना
(चिड़ियों, और बच्चों को क्या-क्या किया ?
रै क आदि में रखेगें। प्रोत्साहित करें । उपलब्ध नहीं है, ●● रचनात्मक
तितलियों से पहचानने के लिए ●● आपको किस
तो स्थूल अभिव्यक्ति
सबं ंधित) गतिविधि में सबसे
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●● बच्चों द्वारा साझा कहें कि किस माँसपेशियों अधिक मज़ा
करना चिड़िया की के विकास आया?
●● नाम के बिल्ले आवाज़ है। से संबंधित ●● शिक्षक बच्चों को
(वार्मअप) गई सामग्री को खेलने के बाद बच्चे सबं ंधित शब्द कागज़ के टुकड़े से खेले जाने ●● दिन की पन ु रावृत्ति ●● वर्गीकरण
●● स्वास्थ्य और बच्चों के सामने खेल की सामग्री बोलने के लिए करना और वाले खेलों के -आज हमने क्या ●● ध्यान कें द्रित कर
स्वच्छता की जाँच रखेंगे, जैसे छाल, निर्धारित स्थान शैल्फ़/ प्रोत्साहित किया चिपकाना। आयोजन। (यदि किया? पाना
मध्य अवकाश
पत्तियाँ, टहनियाँ, रै क आदि में रखेंगे। जाएगा। बाह्य खेलों के ●● आपको किस
●● शिशु गीत गायन ●● रचनात्मक
फूल, आदि। इसमें उदाहरण के आयोजन हेतु गतिविधि में सबसे
( पेड़, फूल, तौर पर ‘पेड़’ स्थान उपलब्ध अभिव्यक्ति
चिड़ियों, तितलियों कुछ अतिरिक्त अधिक मज़ा
सामग्री भी रखेंगे, शब्द कहने पर न हो तो स्थूल आया? ●● क्रम के अनस ु ार
छोटे कीट) बच्चे पत्तियाँ, माँसपेशियों सोच पाना
जैसे कि रूई, स्पंज, ●● शिक्षक बच्चों को
●● बच्चों के विचार/ शाखाएँ, छाल के सचं ालन
कपड़ों की कतरने। प्रोत्साहित करें कि ●● सोच-विचार करना
अनभु वों की ●● शिक्षक बच्चों को
जैसे शब्द बोल पर आधारित
वे घर पर ●● अर्थ निकालना
साझेदारी सकते हैं। गतिविधियों का
सामग्री छूने और अभिभावकों के ●● गिनती करना
●● नाम के बिल्ले
उसकी बनावट आयोजन करें ।
लगाने की साथ अपने अनभु वों ●● संख्या बोध
महससू करने के को साझा करें और
गतिविधि लिए कहें, जैसे कि विभिन्न प्रकार की
●● कै लेंडर गतिविधि खरु दरु ा,चिकना, बनावट के बारे में
कठोर, मल ु ायम, भी बताएँ।
●● उपलब्ध सामग्री को
भी छूकर देखें और
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परिशिष्ट
शिक्षक यह भी उसकी बनावट के
कहेंगे कि इनके बारे में बताएँ।
नाम भी बताओ। ●● अपने घरों में
मध्य अवकाश
83
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84
परिशिष्ट—3
समावेशित पद्धति के आधार पर तैयार साप्ताहिक पाठ-योजना (पूर्व-प्राथमिक–III)
बगीचे की सैर
30 मिनट 30 मिनट 30 मिनट 30 मिनट 30 मिनट 30 मिनट 30 मिनट
30 मिनट
की जाने वाली छोटे समहू में की जाने की जाने वाली जाने वाली बड़े समहू जाने वाली छोटे समहू की जाने वाली जाने वाली बड़े समहू
बड़े समहू की वाली गतिविधियाँ छोटे समहू की की गतिविधियाँ की गतिविधियाँ बड़े समहू की की गतिविधियाँ
गतिविधियाँ गतिविधियाँ गतिविधियाँ
●● बच्चों का ●● नज़दीक के किसी बगीचे/ पार्क की सैर ●● बच्चे बगीचे/ पार्क ●● िकसी भी िवषय पर ●● स्वच्छंद रूप से ●● कथा वाचन ●● अवलोकन
स्वागत ●● बच्चों को कीड़े, पत्तों आदि छोटे-छोटे से वापस आकर चित्रकारी खेले जाने वाले ●● ऐसी चित्रात्मक ●● खोजबीन
●● परू ्व तैयारी की जीव-जंतु देखने के लिए आवर्धक अपने-अपने ●● शिक्षक बच्चों से बाह्य खेल— पस्त
ु कों का ●● ध्यान कें द्रित
गतिविधियाँ लैंस दिए जा सकते हैं। अनभु व सनु ाएँगे। कहेंगे कि बगीचे/ यदि बाह्य खेलों इस्तेमाल करें कर पाना
(वार्मअप) ●● बच्चे और शिक्षक पार्क में उन्होंने के लिए उपयक्त ु जिनमें 2-3 ●● दृश्यात्मक
●● स्वच्छता की गोल घेरे में बैठेंगे। जो-जो चीजें देखी हैं, स्थान की पंक्तियों की
उपलब्धता नहीं अतं र
जाँच अपनी-अपनी बात उनमें से जो पसंद हों, लिखित सामग्री स्थापित कर
कहने के लिए उनका चित्र बनाएँ। है तो स्थूल हो। ये चित्रात्मक
●● शिशु गीत
माँसपेशियों के पाना
गायन अपनी बारी की पस्त
ु कें पौधों/
विकास से ●● अपनी बारी
सोमवार (चिड़िया/ प्रतीक्षा करें गे और पत्तियों/ चिड़ियों/
अपने अनभु व संबंधित तितलियों पर की प्रतीक्षा
तितली)
मध्य अवकाश
बताएँगे। गतिविधियाँ आधारित हो। करना
●● बच्चों के करवाएँ। ●● क्रमबद्ध
●● शिक्षक बच्चों को ●● कहानी सन ु ने के
विचार/ चितं न
अनभु वों की अपनी बारी आने बाद बच्चों को
पर ही बोलने और पस्त ●● पस्त
ु कों को
साझेदारी ु कें उलटने-
वार्तालाप के विषय पल ु टने के अवसर पकड़ पाना
●● नाम के बिल्ले
पर ही बोलने में दें।
लगाने की सहयोग देंगे। ●● परू े दिन की
गतिविधि
पनु रावृत्ति
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●● कै लेंडर गतिविधि ●● आज हमने परू े दिन
परिशिष्ट
में क्या-क्या किया।
●● आपको सबसे
(वार्मअप) आधार पर खेलेंगे। चित्र देखगें े कोलाॅज (यदि क्रीड़ा ●● परू े दिन की अतं र बता पाना
●● स्वच्छता की जाँच
वार्तालाप ●● खेलने के बाद बच्चे (पेड़, तितली, बनाएँगें स्थल मैदान गतिविधियों की ●● प्रत्यास्मरण
●● इद्रि
ं क अनभु वों को खेलने की सामग्री चिड़िया, आदि उपलब्ध पनु रावृत्ति
●● शिशु गीत गायन ●● शब्द भड ं ार
आधार बनाते हुए वापस सही जगह चींटियाँ) और नहीं है तो स्थूल ●● आज हमने
(पेड़, फूल) चित्र की माँसपेशियों के निर्माण
‘शब्द दीवार’ की शैल्फ़/ रै क आदि में क्या-क्या किया ?
●● बच्चों के विचार/ पहली और सचं ालन से ●● दसू रों के कामों की
रचना और बच्चों रखेंगे ●● आपको सबसे
अनभु वों की को पढ़ने का ●● शिक्षक लगातार इस
आखिरी संबंधित सराहना करना
साझेदारी ध्वनि बोलेंगे गतिविधियों का ज्यादा मज़ा किसमें ●● रचनात्मक
अभिनय और बात का अवलोकन आया?
●● नाम के बिल्ले चित्रों के मिलान करें गे कि बच्चे (किसी भी आयोजन करें ) अभिव्यक्ति
वस्तु के नाम ●● बच्चों को
लगाने की करने के लिए किस प्रकार खेल रहे ●● संगीत और गीत ●● समस्या समाधान
गतिविधि प्रोत्साहित करके की पहली की गतिविधियाँ प्रोत्साहित करें कि
हैं और सामग्री को वे अपने ●● ध्वन्यात्मक
●● कै लेंडर गतिविधि उनकी इस्तेमाल कर रहे हैं ध्वनि की
पहचान अभिभावकों के जागरूकता
●● िकसी भी िवषय पर प्रतिक्रियाओ ं को (ध्वनियों की
मध्य अवकाश
दर्ज़ करना। करवाते समय साथ दिनभर के
वार्तालाप सदैव ध्यान अनभु वों को साझा पहचान)
●● लंबाई के अनस ु ार करें और उन्हें भी ●● �ाृंखला बना पाना
पत्तियों, डंडियों, रखें कि शब्द
मातृभाषा का पौधें के भागों के
पंखों को पाँच स्तर बारे में बताएँ
तक रखना (लंबे से ही हो)
छोटे या छोटे से
लंबे के क्रम)।
बच्चे टहनी में लगे
पत्तों की गिनती
करते हैं
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बधु वार ●● बच्चों का स्वागत ●● पेड़ और पौधों से ●● बच्चे अपनी-अपनी ●● शिक्षक कुछ ●● कागज़ मोड़कर ●● रस्सी कूद ●● 4-5 वाक्यों वाली ●● प्रत्यास्मरण
●● परू ्व तैयारी के लिए हमें क्या-क्या, पसंद के गतिविधि शब्द बोलकर बच्चे तितली, जिसमें रस्सी का चित्रात्मक पसु ्तकों ●● अवलोकन
गतिविधियाँ प्राप्त होता है, क्षेत्र में जाकर सनु ाएँगे, जैसे पेड़, फूल आदि स्तर धीरे –धीरे के आधार पर कथा ●● शब्द भड ं ार
(वार्मअप) शिक्षक इस विषय खेलेंगे। खेलने के ताना, बाना, बना सकते हैं। ऊपर किया वाचन निर्माण
बाद बच्चे खेलने गाना, दाना, जाएँ
मध्य अवकाश
गई सामग्री, जैसे दो यह भी बताएँ कि
पत्तियाँ, एक कंकर, बनाएँगे
●● कार्ड में नाम पौधों से हमें
दो टहनियाँ आदि क्या-क्या मिलता है।
की सहायता से लिखकर पौधे
अपनी पसंद के के विभिन्न
नमनू े बनाएँगे। भागों को
चिि�त करें
या ‘शब्द
दीवार’ पर
मिलान करें गे
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गरुु वार ●● बच्चों का स्वागत ●● बच्चे पौधों का ●● बच्चे अपनी-अपनी ●● बच्चों को ●● सरं चनात्मक ●● बच्चे तिनके , ●● मौखिक कहानी ●● ध्वनियों में अतं र
परिशिष्ट
●● परू ्व तैयारी की अवलोकन करें गे पसंद के गतिविधि पार्क में देखी (दौड़/खेल) कंकड़, बीज, सनु ाना कर पाना
गतिविधियाँ और उनकी वृद्धि क्षेत्र में जाएँगे और गई वस्तुओ ं स्वच्छंद रूप से पत्ती, पंख, फूल ●● परू े दिन की ●● अवलोकन
(वार्मअप) के बारे में बातचीत अपनी रुचि के खेल को आधार खेले जाने वाले पंखडु ़ी की गतिविधियों की ●● वर्गीकरण
करें गे। खेलेंगे। खेलने के बनाकर खेल (यदि सहायता से
मध्य अवकाश
आवाज़ों के बारे में
बात करें ।
शक्र
ु वार ●● बच्चों का स्वागत ●● विभिन्न प्रकार की ●● बच्चे अपनी-अपनी ●● बच्चों को दो ●● छोटे पत्थरों को ●● सरं चनात्मक ●● बगीचे की सैर जैसी ●● ध्वनियों में अतं र
●● परू ्व तैयारी की सतहों, आकार, पसंद के गतिविधि समहू ों में बाँटे रंग करना और (दौड़/खेल) कहानी का कर पाना।
गतिविधियाँ माप, सगु ंध, पर क्षेत्र में जाएँगे और और बच्चे उससे नयी स्वच्छंद रूप से नाटकीयकरण ●● अवलोकन
(वार्मअप) चर्चा, शिक्षक अपनी रुचि के खेल बगीचे से आकृ तियाँ खेले जाने वाले ●● दिन की पन ु रावृत्ति ●● वर्गीकरण
●● स्वास्थ्य और
बगीचे से एकत्रित खेलेंगे। संबंधित बनाना (पेपर खेलों के ●● आज हमने ●● ध्यान कें द्रित कर
स्वच्छता की जाँच समान, जैसे बीज, ●● खेलने के बाद बच्चे शब्दों की फोल्डिंग) आयोजन। (यदि क्या-क्या किया?
टहनी, पत्ती, फूल अन्ताक्षरी बाह्य खेलों के पाना
●● शिशु गीत गायन
खेल की सामग्री ●● आपको किस
आदि के िवषय में। खेलेंगे आयोजन हेतु ●● रचनात्मक
(पेड़, फूल, निर्धारित स्थान गतिविधि में सबसे
वह बच्चों से किसी शैल्फ़/ रै क आदि में ●● बच्चे छोटे स्थान उपलब्ध अभिव्यक्ति
चिड़ियों, एक वस्तु को न हो तो स्थूल अधिक मज़ा ●● क्रम के अनस
रखेंगे। समहू में ु ार
तितलियों, छोटे उठाकर, उसका माँसपेशियों के आया? सोच पाना
कीट आदि) शिक्षक की
नाम बताकर संचालन पर ●● शिक्षक बच्चों को
सहायता से ●● सोच-विचार करना
उसका वर्णन करने माली से आधारित प्रोत्साहित करें कि
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वे घर पर
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●● बच्चों के विचार/ को प्रोत्साहित साक्षात्कार गतिविधियों का अभिभावकों के ●● अर्थ निकालना
अनभु वों की करें गे। लेने के लिए आयोजन करें साथ अपने अनभु वों ●● गिनती करना
साझेदारी ●● पेड़-पौधों की प्रश्न बनाएँगे को साझा करें । ●● संख्या बोध
●● नाम के बिल्ले देखरे ख और वृद्धि ●● शिक्षक
मध्य अवकाश
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Learning Indicators
and Learning Outcome
pp.182
Code — 13115
ISBN — 978-93-5007-303-2
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32128
ISBN 978-93-5292-213-0