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Annotated Bibliography
Annotated Bibliography
kdk
कक्षा 1 से 5
Annotated Bibliography of
Children’s Literature
Classes I to V
चित्रांकन – शभु म लखेरा
cky lkfgR; dh foojf.kdk
कक्षा 1 से 5
Annotated Bibliography of
Children’s Literature
Classes I to V
प्रकाशन सहयोग
अध्यक्ष, प्रकाशन प्रभाग : अनपू कुमार राजपतू
मख्ु य संपादक : श्वेता उप्पल
मख्ु य उत्पादन अधिकारी : अरुण िचतकारा
मख्ु य व्यापार प्रबंधक : विपिन दिवान
एन.सी.ई.आर.टी. वाटरमार्क 80 जी.एस.एम. पेपर (प्रभारी)
पर मद्ु रित । संपादन सहायक : ॠषिपाल सिंह
सचिव, राष्ट्रीय शैक्षिक अनस ु ंधान और प्रशिक्षण उत्पादन अधिकारी : अतल
ु सक्सेना
परिषद,् श्री अरविंद मार्ग, नयी िदल्ली 110 016
से प्रकाशित तथा पुष्पक प्रैस प्राइवेट लिमिटेड, आवरण चित्रांकन
203-204 डी.एस.आई.डी.सी. शे ड् स , ओखला विभति
ू पांडे
इडं स्ट्रियल एरिया, फ़े ज़-I, नयी दिल्ली 110 020
द्वारा मद्ु रित।
आमुख
बच्चों का साहित्य, छोटे बच्चों में पढ़ने को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्हें पस्तु कों की रंगीन
दनिय
ु ा अपनी ओर आम त्
ं रित करती है
। वे उनके प्रति आकर्षण महस स
ू करते हैं और उन्हें अपने हाथों में पकड़कर
पढ़ने के लिए लालायित रहते हैं। एक पस्त ु क को पकड़ना, कहानी के पात्रों को उनकी पसंद के नाम देना, पस्त ु क में
दिए चित्र के बारे में बात करना, कहानियों में घटनाओ ं का वर्णन करना, चित्र को देखकर उसमें होने वाली घटनाओ ं
के आधार पर यह अनमु ान लगाना कि आगे क्या हो सकता है, उन्हें उपलब्धि का एहसास देता है। यह व्यक्तिगत
जड़ाु व जो बच्चे और कहानी के बीच होता है, उनकी जिज्ञासा को और बढ़ा देता है और वे कल्पना की दनिय ु ा में
शामिल होने लगते हैं। इस क्षण के उपरांत वे पीछे मड़ु कर नहीं देखते और पढ़ने की कुशलता में आगे बढ़ते जाते हैं।
अतः विश्लेषणात्मक सोच, कल्पना और रचनात्मकता के साथ-साथ प्रभावी साहित्यिक कौशल विकसित करने के
लिए बच्चों को विभिन्न प्रकार की कहानियों की किताबों से परिचित कराना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बाल साहित्य का चयन ध्यान से किया जाना चाहिए। बाल साहित्य बच्चों की आयु के अनरू ु प हो और उनकी
पढ़ने की क्षमता तथा रुचि को परू ा करने में सक्षम हो। इसी सदं र्भ में, रा.शै.अ.प्र.प. के प्रारंभिक शिक्षा विभाग के समग्र
शाला भाषा कार्यक्रम (पूर्व में प्रारंभिक साक्षरता कार्यक्रम) ने प्राथमिक स्तर 1 से 5 के बच्चों के लिए उपयक्ु त और
रोचक बाल साहित्य उपलब्ध कराने के लिए इनके चयन की एक सदृु ढ़ प्रक्रिया शरू ु की। विभिन्न मानदडं ों के आधार
पर बाल साहित्य का सावधानीपूर्वक चयन किया गया। चयन के मानदडं ों में जो कारक शामिल रहे, वे हैं— शैलियों
में विविधता, चित्र, आय-ु उपयक्ु तता, रुचि, पढ़कर सनु ाने के लिए अवसर ,लोकतत्व, सवं ैधानिक मलू ्य, सस्कृति ं का
पोषण आदि। इस प्रक्रिया के माध्यम से बच्चों के साहित्य की सूची विकसित की गई। इस सूची में हिदं ी, अग्रेज़ ं ी और
उर्दू भाषाओ ं की पस्त
ु कें शामिल की गई हैं। यह सूची शिक्षकों, शिक्षक-प्रशिक्षकों, अभिभावकों, बच्चों और अन्य
उन सभी व्यक्तियों के लिए उपयोगी होगी जो बाल पाठकों के लिए बाल साहित्य का चयन करने और उन्हें उपलब्ध
कराने में रुचि रखते हैं।
प्रारंमिभक शिक्षा विभाग तथा उषा शर्मा, प्रोफ़ेसर (कार्यक्रम समन्वयक) द्वारा किया गया कार्य सराहनीय है।
आशा करता हूँ कि यह विवरणिका बच्चों के लिए पढ़ने का आनंद देने वाले बाल साहित्य के चयन में
मदद करे गी।
हृषिके श सेनापति
नयी दिल्ली निदेशक
जल
ु ाई, 2020 राष्ट्रीय शैक्षिक अनसु धं ान और प्रशिक्षण परिषद्
Foreword
Children’s literature plays an important role in promoting reading amongst young
children. They find the world of colourful books welcoming and fascinating. They
feel attracted towards them and get tempted to hold them in their hands and read.
Holding a book, giving the names to the characters in story, talking about the
illustrations, describing the events, wondering what is happening in the picture and
predicting what may happen next gives them a sense of achievement. The personal
engagement that happens between the child and the story fuels their curiosity and
children begin to indulge in the world of fantasy. This moment onwards there is
no looking back and they move further on the road to effective literacy. Hence, it
is of utmost importance to introduce children to a variety of storybooks to develop
effective literary skills along with analytical thinking, imagination and creativity.
Children’s literature, however need to be selected carefully. It should be
age-appropriate and catering to different reading abilities as well as interests of
children. In this context, Integrated School Language Programme (earlier, Early
Literacy Programme) of Department of Elementary Education of NCERT started a
process of identifying suitable books for children of primary classes (I to V) through
a rigorous process. The titles have been carefully selected based on a variety of
factors. The factors included in the process of selection were— variety in genres,
pictures or illustrations, age-appropriateness, interest, scope for read-aloud, folk
elements, constitutional values, cultural reinforcement, etc. A comprehensive
list of children’s literature has been developed, which includes books of Hindi,
English and Urdu languages. This catalogue will facilitate teachers, teacher-
educators, parents and others who are interested in children’s literature to choose
books for their young readers.
The efforts made by the Department of Elementary Education and Professor
Usha Sharma, Programme Coordinator, are appreciated.
I hope that this Annotated Bibliography will help in the selection of literature
which make reading enjoyable for children!
Hrushikesh Senapaty
Director
New Delhi National Council of Educational
July 2020 Research and Training
बाल साहित्य
बाल साहित्य वही है जो अपने पाठकों को भावनाओ,ं कल्पनाओ,ं रोमाचं , साहसिक कार्यों और भाषा के रंगों से
भरी सभं ावनाओ ं की दनिय ु ा में ले जाए। अतः बच्चों को स्वतत्रं रूप से पढ़ने, मिलकर पढ़ने और पस्त ु क पढ़कर
सनु ने-सनु ाने के अवसर मिलने चाहिए। इससे उनमें तर्क -विश्लेषण की क्षमता विकसित होगी और साथ ही
कल्पना और सृजनात्मकता को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रारंभिक साक्षरता पर हुए शोध हमें बताते हैं कि कहानियों
की किताबों से परिचय और जड़ु ाव के द्वारा बच्चे लिखने, पढ़ने, अर्थ निकालने आदि के बारे में कई महत्वपूर्ण
अवधारणाओ ं का निर्माण करते हैं। बच्चों का परिचय उनके शरू ु आती वर्षों में, जिस तरह की पस्त ु कों से
करवाया जाता है, पस्त ु कों के प्रति उनका जड़ु ाव और प्यार उसी पर निर्भर करता है, इसलिए बच्चों को तरह-तरह
की पस्तु कें उपलब्ध कराई जानी चाहिए ताकि वे पढ़ने का आनदं ले सकें । अतः बच्चों की उम्र, पठन-क्षमता
और उनकी विविध रुचियों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए पस्त ु कों का चयन करना चाहिए।
बाल साहित्य का चयन करने के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदओ ु ं को ध्यान में रखा जाना चाहिए—
• विधा और विषयवस्तु में विविधता — पस्त ु क की विषयवस्तु और भाषा में विविधता होनी चाहिए।
यह विविधता विषय, प्रकार, भाषा शैली, कहानी की शैली, विषय-क्षेत्र, पस्त ु कों की सख्या ं और प्रारूप
में भी दिखाई देनी चाहिए।
• चित्र एवं चित्रांकन — बच्चों में चित्रों के प्रति स्वाभाविक आकर्षण होता है और आमतौर पर किताब
के इस पक्ष की ओर बच्चों का ध्यान सबसे पहले जाता है, इसलिए पस्त ु कों के चित्रों पर विशेष ध्यान
दिया जाना चाहिए। चित्रों में ऐसी बातें न हों जो रूढ़िवादिता को बढ़ावा देती हों और सवं ैधानिक मलू ्यों
के विपरीत हो। अकसर ऐसा माना जाता है कि बच्चों की किताबें रंग-बिरंगी और चमकदार कागज़ वाली
हों। हालाँकि श्वेत-श्याम चित्र या सादे लेकिन लालित्यपूर्ण चित्रंाकन भी बच्चों के मन को भाते हैं।
• स्तर के अनुरूप — पस्त ु कों की विषयवस्तु, पठन का स्तर और अवधारणाएँ प्राथमिक स्तर के बच्चों
के लिए प्रासगिं क और उपयक्ु त होनी चाहिए। बाल साहित्य के चयन में इस तरह का सतं ल ु न हो कि उनमें
कुछ किताबें ऐसी हों जो उनके स्तर की हों और कुछ किताबें ऐसी भी हों जो उनके पठन को उत्साहपूर्ण
चनु ौती देते हुए उनके पढ़ने की कुशलता को विस्तार देती हों।
• नैतिक मूल्य — वे किताबें जो मलू ्यों और नैतिकता का सीधे-सीधे उपदेश देती हैं, वे बच्चों के लिए
उपयक्ु त नहीं मानी जाती, क्योंकि उन किताबों में बच्चों के नैतिक विकास की प्रक्रिया की सरलीकृ त
और दोषपूर्ण समझ दिखाई देती है।
• रोचकता — पस्त ु क बच्चों के लिए रुचिकर और कल्पनापूर्ण हो। बच्चों की किताबों में विविध पृष्ठभूमि
के बच्चों के समकालीन अनभु वों को प्रभावी रूप में और प्रामाणिकता के साथ जगह मिलनी चाहिए।
• लोक तत्व — पस्त ु क में यदि लोक कला के तत्व सम्मिलित किए गए हैं तो ध्यान देना चाहिए कि लोक
कला को प्रामाणिकता, पाठ के साथ उचित मेल और उपयक्ु त विस्तार के साथ उपयोग में लाया गया हो।
यदि पस्त ु क में पारंपरिक लोक कथाओ ं का रूपांतरण प्रस्तुत किया गया है तो ध्यान रखना चाहिए कि
यह रूपांतरण स्तरीय हो।
• अनुदित पुस्तकें — यदि विभिन्न भाषाओ ं में उपलब्ध उच्च गणु वत्ता के बाल साहित्य की पहचान
करके उसका अनवु ाद किया गया है तो ध्यान देना चाहिए कि अनवु ाद कृ त्रिम और अस्वाभाविक न हो।
बाल साहित्य की पस्तु कों में लेखक, अनवु ादक, चित्रकार आदि का उल्लेख अवश्य किया जाना चाहिए।
• पढ़कर सनु ाना — प्रारंभिक कक्षाओ ं में पढ़कर सनु ाने (सस्वर वाचन) के महत्व को देखते हुए ऐसे बाल
साहित्य का चयन किया जा सकता है। जिन्हें स्व-अध्ययन के साथ-साथ परू ी कक्षा में पढ़कर सनु ाने के
लिए भी प्रयोग में लाया जा सके ।
• उत्पादन और साज-सज्जा — पस्त ु क की छपाई अच्छी होनी चाहिए। अक्षर का आकार-प्रकार उचित
और पढ़ने योग्य होना चाहिए। कागज़ की गणु वत्ता अच्छी होनी चाहिए ताकि छपी हुई सामग्री कागज़ के
आर-पार नज़र न आए। कला, साज-सज्जा और डिज़ाइन भी उपयक्ु त होने चाहिए।
• उपयुक्तता और पठनीयता — पस्त ु क में भाषा और वर्तनी की अशद्धिय ु ाँ न हों। कहानी और कथानक
रोचक, प्रासंगिक, समझने में आसान होने चाहिए। गैर-काल्पनिक (नॉन फ़िक्शन) पस्त ु कों में दिए गए
तथ्य सटीक और सही होने चाहिए। पस्त ु क में दी गई जानकारी के उपयक्ु त और प्रामाणिक स्रोतों का
उल्लेख ज़रूर होना चाहिए।
• भाषा — भाषा में प्रवाह होना चाहिए। भाषा के प्रयोग में समृद्धि, दोहराव (पनु रावृत्ति) आदि हो। भाषा
आय,ु विषयवस्तु, अवधारणाओ ं आदि के आधार पर उपयक्ु त हो।
वास्तव में —
बच्चों के लिए साहित्य का चयन करने के लिए उपर्युक्त दिशानिर्देश न तो सपं ूर्ण कहे जा सकते हैं न ही
ये अपरिवर्तनीय कहे जा सकते हैं। बच्चों के लिए पस्त ु कों का चयन करने के सबसे अच्छे दिशानिर्देश स्वयं
बच्चे ही निश्चित कर सकते हैं, इसलिए इस कार्य के लिए यथासंभव बच्चों की राय को लेकर उसका सम्मान
और उपयोग किया जाना चाहिए।
इस समझ के सदं र्भ में, बाल साहित्य की चनि ु ंदा पस्त
ु कों की यह विवरणिका सझु ाव रूप में दी गई है जो
पस्त
ु कालयों, विद्यालयों, बच्चों के लिए कार्य कर रही स्वयं-सेवी संस्थाओ,ं अभिभावकों, राज्य शिक्षा बोर्ड
एवं अन्य संबंधित संस्थानों के बच्चों के लिए पस्त ु कों के चयन में मदद करे गी। वे ऐसी पस्त ु कों का चयन
करके खरीद पाएँगे जो उत्तम हैं, बच्चों के लिए उपयोगी हैं और उनके बजट के भीतर हैं। सझु ाव के रूप में
प्रस्तुत यह सूची विशेषज्ञों द्वारा विकसित एक व्यापक मानदडं के माध्यम द्वारा व्यापक विश्लेषण के आधार
पर तैयार की गई है। हमें आशा है कि ऐसी पस्त ु कें बच्चों में पढ़ने के प्रति प्रेम और पढ़ने की सस्कृति
ं को
विकसित करने में मदद करें गी।
उषा शर्मा
कार्यक्रम समन्वयक
समग्र शाला भाषा कार्यक्रम
रा.शै.अ.प्र.प.
viii
Children’s Literature
Children’s literature is that which takes its readers to a world of possibilities, full
of emotions, imagination, adventure, brave acts and colours of language. Exposing
children to a range of children’s literature for independent reading, shared reading
as well as read aloud is critical for the development of their sustained literacy skills
as well as to develop critical thinking, imagination and creativity among them.
Researches on early literacy show us that through introduction and connection
with storybooks, children’s necessary conceptions about writing, reading, seeking
meaning, etc., are developed. The kind of books children are introduced to in their
initial years forms the basis of their love and connection with books. Therefore,
a variety of books should be made available to children so that they can enjoy
reading. There is a need to select the books carefully that are suitable for children
with varying age groups, reading abilities and diverse interest.
In selecting children’s literature, the following points should be kept in mind:
• Variety in themes, styles and forms of children’s literature — There should
be variety in themes and languages of these books. This variety should be
visible in topics, kinds, language style, style of stories, subjects, number of
books and forms.
• Pictures or Illustrations — Children are naturally attracted to pictures and
usually they first focus on this aspect of books. So, special consideration
should be given to pictures in books. Pictures should not oppose constitutional
values. It is commonly believed that children’s books should be colourful and
have attractive pages. However, ‘black and white’ pictures or plain yet artistic
illustrations are also appreciated by children.
• Suitable for their Level — Themes of books, level of reading and conceptions
should be suitable and appropriate for children at the primary level. There
must be a balance in selecting children’s literature, it must include some
books appropriate for their level and some which enthusiastically challenge
their reading skills and also enhance them.
• Moral Values — Those books which directly preach values and morality are
not considered suitable for children because in such books there is a simplified
and erroneous understanding of the process of moral development in children.
• Interesting — Books should be interesting and imaginative for children.
Contemporary experiences of children from diverse backgrounds should be
included in an effective and credible manner.
• Folk Elements — If folk elements have been included in a book, then it is
worth noting that folk art should be used with credibility, according to the text
and with required elaboration. If anywhere, contexts and characters have been
changed according to contemporary situations; ensure that this has been done
in a rational way to maintain the integrity of the story.
• Translated Books — If high quality children’s literature of other languages
has been identified and translated, ensure that the translation is not literal
and has not lost the nuance of the content. In books of children’s literature,
the names of author, translator, illustrator, etc., must be mentioned.
• Reading Aloud — Keeping in mind the importance of reading aloud in primary
classes, such children’s literature can be selected which can be read aloud in
the entire class apart from being read individually.
• Production and Designing — The books should have decent printing. The font
size and font type should be suitable and readable. Good quality paper should
be used so that printed text is not visible through pages. The art, decoration
and design should be appropriate.
• Utility and Readability — There should not be any spelling or grammatical
errors. Story and narrative should be interesting, relevant and easy to
understand. Facts given in non-fiction books must be correct and accurate.
Suitable and credible sources of information must be mentioned in the books.
• Language — There should be flow in language, richness and some repetition in
use. Language should be suitable on the basis of age, content and conceptions.
In fact —
The given guidelines for selecting literature for children can never be called
complete and inflexible. The best guidelines to select books for children can be
provided by children themselves. Therefore, for this task include children’s point
of view as much as possible and respect and use it.
On the basis of this understanding, a suggestive list of selected children’s
literature is presented here that intends to guide libraries, schools,
Non-Government Organisations, parents and State boards and other
organisations to select and buy good and useful children’s literature for young
readers according to their budget and requirement of the readers. The book in the
suggestive list went through many phases of scrutinising through a comprehensive
criterion developed by our Expert Committee. We hope that such books would help
in inculcating love for reading and promoting reading culture in young readers.
Usha Sharma
Programme Coordinator
Integrated School Language Programme
N.C.E.R.T.
x
आभार
राष्ट्रीय शैक्षिक अनसु ंधान और प्रशिक्षण परिषद,् उन सभी प्रकाशकों के प्रति विशेष रूप से आभार व्यक्त करती है,
जिन्होंने समीक्षा के लिए बाल साहित्य उपलब्ध कराया।
परिषद् उन सभी रचनाकारों और चित्रांकन कर्ताओ ं के प्रति आभार व्यक्त करती है, जिनकी रचनाएँ और चित्र
बाल साहित्य की इस प्रस्तावित सूची में शामिल किए गए हैं।
बाल साहित्य की समीक्षा के लिए परिषद,् मजं ल ु ा माथरु , प्रोफे ़सर (सेवानिवृत्त), रा.शै.अ.प्र.प.; माधवी कुमार,
रीडर (सेवानिवृत्त), रा.शै.अ.प्र.प.; मालविका राय, फ़्रीलांसर, नयी दिल्ली; शारदा कुमारी, प्राचार्य, डाइट, आर.के .
परु म; अक्षय कुमार दीक्षित, शिक्षक, सर्वोदय विद्यालय, नयी दिल्ली; पजू ा बहुगणु ा, शिक्षिका, प्राथमिक विद्यालय;
निधि कंवर, असिस्टेंट प्रोफे ़सर, माता संदु री कॉलेज, नयी दिल्ली; बबली मोएत्रा, पर्वू -प्राचार्या, इद्रं प्रस्थ कॉलेज, नयी
दिल्ली; अमृता पटवर्धन, सर रत्न टाटा ट्रस्ट, नयी दिल्ली; उषा मक ु ंु दा, फ़्रीलांसर, बैंगलोर; तान्या सरू ी, शिक्षिका,
प्राथमिक विद्यालय, नयी दिल्ली; विनीता अरोड़ा, प्राचार्या, प्रकृ ति स्कूल, नोएडा; प्राची कालरा, असिस्टेंट प्रोफे ़सर,
गार्गी कॉलेज; रचना सिहं , प्रोफे ़सर, हिदं ू कॉलेज़, नयी दिल्ली; निरंजन सहाय, प्रोफे ़सर, महात्मा गांधी काशी
विद्यापीठ, वाराणसी; खलीक अहमद, उप-प्राचार्य, राजकीय वरिष्ठ मध्यमिक विद्यालय, नयी दिल्ली; अनरु ाधा,
भतू पर्व ू अध्यक्ष, हिदं ी विभाग, सरदार पटेल विद्यालय, नयी दिल्ली; कीर्ति जयराम, निदेशक, ओ.एल.पी.,
नयी दिल्ली; मेघा सहगल, शिक्षिका, भारत नेशनल पब्लिक स्कूल, नयी दिल्ली; मक ु े श मालवीय, शिक्षक, बैतपरु ,
मध्य प्रदेश और शिक्षा त्रिपाठी, फ़्रीलांसर, नयी दिल्ली के प्रति आभार व्यक्त करती है।
पस्त
ु क के विकास के विभिन्न चरणों में सहयोग के लिए गिरीश गोयल एवं उषा तंवर, डी.टी.पी. ऑपरे टर की
भी परिषद् आभारी है। जिनके सहयोग से इस कार्य को परू ा करने में मदद मिली।
प्रकाशन प्रभाग द्वारा पूर्ण सहयोग एवं सविध ु ाएँ प्राप्त हुर्इं, इसके लिए भी परिषद् आभार व्यक्त करती है।
परिषद,् ममता गौड़, संपादक (सवि ं दा), अजं ू शर्मा, संपादन सहायक (संविदा), रवि रंजन, प्फ़ रू रीडर (संविदा),
सरु े न्द्र कुमार, र्इंचार्ज, डी.टी.पी. सैल एवं मौहम्मद वसी, डी.टी.पी. ऑपरे टर (संविदा) के प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित
करती है।
Acknowledgements
The National Council of Educational Research and Training expresses special
gratitude to all publishers who made children’s literature available for review.
The Council expresses gratitude to all the writers and illustrators, whose
writings and illustrations have been included in this selected list of children’s
literature.
We thank Manjula Mathur, Professor, (Retd. NCERT); Madhavi Kumar, Reader
(Retd. NCERT); Malavika Rai, Freelancer; Sharda Kumari, Principal, DIET, R.K.
Puram; Akshay Kumar Dixit, Teacher, Sarvodaya Vidyalaya, New Delhi; Puja
Bahuguna, Teacher, Primary School; Nidhi Kanwar, Assistant Professor, Mata
Sundari College, New Delhi; Babli Moitra, Former Principal, Indrasprastha
College, New Delhi; Amrita Patwardhan, Zonal Manager, Sir Ratna Tata Trust,
New Delhi; Usha Mukunda, Freelancer, Bangalore, Tanya Suri, Teacher, Primary
School, New Delhi; Vinita Arora, Principal, Prakriti School, Noida; Prachi Kalra,
Assistant Professor, Gargi College; Rachna Singh, Professor, Hindu College, New
Delhi; Niranjan Sahay, Professor, Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth, Varanasi;
Khaliq Ahmed, Deputy Principal, Government Senior Secondary School, New
Delhi; Anuradha, Former President, Hindi Department, Sardar Patel Vidyalaya,
New Delhi; Kirti Jayaram, Director, OLP, New Delhi; Megha Sehgal, Teacher,
Bharat National Public School, New Delhi; Mukesh Malviya, Teacher, Baitpur,
Madhya Pradesh; Anjali Tiwari, Senior Consultant, NCERT; Kiran Sharma, Junior
Project Fellow, NCERT; and Shiksha Tripathi, Freelancer, New Delhi.
We are also grateful to Girish Goyal and Usha Tanwar, DTP Operator, for their
support at different levels of development of this book, their support facilitated the
completion of this work.
The contribution of Chanchal Chauhan, Proofreader (Contractual),
Surender Kumar, Incharge, DTP Cell and Mohd. Wasi, DTP Operator
(Contractual), Publication Division, NCERT are duly acknowledged.
विषय सच
ू ी
Contents
आमख
ु iii
Foreword v
बाल साहित्य vii
Children’s Literature ix
4. शिक्षकों के लिए सदं र्भ सामग्री (Reference Material for Teachers) 95–101
ISBN — 978-81-89976-90-3
कबाड़ी वाला
इस कहानी में चीनू नाम का एक बच्चा है, जो स्कू ल के बाद अपने
पिताजी के काम में उनकी सहायता करता है। उसके पिताजी एक कबाड़ी
वाले हैं। पिताजी की मदद करने में चीनू को बहुत मज़ा भी आता है,
क्योंकि कभी-कभी उसे कुछ ऐसा मिल जाता है जो उसके मन को बहुत
ही भाता है। इस किताब का चित्रांकन भी आकर्षक है।
रचनाकार — श्रीदला स्वामी
ISBN — 978-81-8479-068-9
कहाँ गई बिल्ली?
मिन्नी निकल पड़ी है सड़क पर अपनी शरारती बिल्ली पनू ी को ढूँढ़ने जो
हर वक़्त एक कदम आगे रहती है। इस तलाश में बच्चे मिन्नी के साथ
जड़
ु पाएँगे और वे भी बिल्ली को खोजने लगेंगे। कहानी के साथ बच्चों
को इतने अनभु व प्राप्त होंगे कि क्या पता एक नई कहानी ही बन जाए।
मिन्नी को उसकी बिल्ली पनू ी मिली या नहीं? यह जानने के लिए कहाँ
गर्इ बिल्ली? कहानी पढ़ें।
रचनाकार — मज ं ल
ु ा पद्मनाभन
प्रकाशक — तलि ू का
अनुवादक — प्रिया कृ ष्णन
ISBN — 978-81-8146-703-4
ISBN — 978-81-7655-906-5
ISBN — 978-81-237-6132-9
खरगोश की दावत
खरगोश की दावत कहानी में एक खरगोश अपने तीन दोस्तों
को अपने जन्मदिन की पार्टी में बल ु ाता है। वह चाहता है कि ये
तीनों दोस्त कम से कम दो और दोस्तों को लेकर आएँ, लेकिन
होता कुछ और है। दोस्त आते हैं या नहीं और वे अपने साथ
कितने दोस्तों को लाते हैं यह आप इस किताब को पढ़कर ही
जान पाएँगे। कहानी बहुत संदु र और मजे़दार है।
रचनाकार — र्इव बंटिंग
ISBN — 978-81-7655-894-5
ISBN — 978-81-89976-02-6
गाँव का बच्चा
एक बच्चे के लालन-पालन में परू ा गाँव लगता है, अफ्रीका की एक
कहावत को बेहद आकर्षक, स्पष्ट चित्रों और कम वाक्यों के साथ कहानी
के रूप में बनु ा गया है। इस पसु ्तक में अफ्रीका के गाँव की स्पष्ट झलक
मिलती है, जो सहज रूप से मिल-जल ु कर रहने के गण सि
ु खाती है। पसु ्तक
की भाषा सरल व स्पष्ट है।
रचनाकार — जेन कोवेन फ्लैचर
ISBN — 978-81-7655-907-2
ISBN — 978-81-89934-76-7
ISBN — 978-81-906971-5-6
प्रकाशक — तलि ू का
अनुवादक — वीणा शिवपरु ी
प्रकाशक — कथा
ISBN — 978-81-89020-13-2
ISBN — 9781-8993-49-1
दुनिया रंग-बिरंगी
दनिया
ु में बहुत सारे रंग हैं। यह पसु ्तक इसी रंग-बिरंगी दनिया
ु को दर्शाती है
और बड़े ही खबू सरू त ढंग से रंगों की इस दनिया ु से बच्चों का प्रथम परिचय
कराती है। साथ ही अपने आस-पास की दनिया ु का अवलोकन करने के लिए
प्रेरित करती है। इस पसु ्तक में रंगों के खबू सरू त उदाहरण हैं, जो मनभावन हैं।
इस किताब का चित्रांकन बच्चों के मन में सहज ही उमगं भरे गा।
रचनाकार — देविका रंगाचारी
ISBN — 978-93-80076-23-2
पत्ते
पत्ते किताब पत्तों और उनके आसपास रहने वाले नन्हें जीवों की
किताब है। जिसमें प्रकृ ति के अवलोकन के छोटे-छोटे अनभु व
हैं। चित्रों के साथ एक छोटा वाक्य है जो हमें प्रकृ ति को महससू
करने के लिए कहता है। खशु नमु ा रंगों से बने बेहतरीन चित्र हर
पन्ने पर थोड़ी देर ठहरने के लिए मजबरू कर देते हैं। पत्ते प्रकृ ति
के रंगों और जादू को दर्शाते हैं।
रचनाकार — एनरिक लारा एवं लइु स गार्सिया
ISBN — 978-81-89020-70-5
ISBN — 978-81-8146-980-9
मेंढक का नाश्ता
यह कहानी एक मेंढक की है, जिसे बहुत भख ू लगी है और वह नाश्ता ढूँढ़
़रहा है, लेकिन मेंढक एक जगह बैठा रहता है। अपने नाश्ते के इतं ज़ार में बिना
मेहनत किए मेंढक कै से नाश्ता करता है? यह आपको इस कहानी में जानने
को मिलेगा। बच्चों के लिए कहानी बहुत मनोरंजक है।
रचनाकार — डी लिल्लेगार्ड
ISBN — 978-81-7655-891-4
ISBN — 978-81-89934-87-3
सिरी की मुस्कान
यह पसु ्तक बाल मन को स्पर्श करती हुर्इ उनकी जिज्ञासा को जगाती है।
अपनी खश ु ी को मसु ्कु राकर व्यक्त के वल मानव कर सकता है। रंग-बिरंगे
चित्रों के साथ-साथ इस किताब को पढ़ना बच्चों के लिए रोचक होगा। क्या
सिरी मसु ्कान को खोज पाती है? प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए यह एक
लभु ावनी किताब है।
रचनाकार — आर. अमरें द्रन
ISBN — 978-81-89976-83-5
ISBN — 978-81-237-4787-3
16 बाल साहित्य की विवरणिका— कक्षा 1 से 5
काँच का पेड़
इस कहानी में उन्नी नाम का एक छोटा बच्चा है जो अपनी दादी माँ को रोज़
एक कहानी सनु ाता है। कहानी सनु े बगैर उसकी दादी को नींद नहीं आती।
आज उन्नी की कहानी बहुत खास है। यह हमारे सामने कुछ महत्वपर्ण
ू सवाल
प्रस्तुत करने वाली कहानी है। यह किताब बहुत ही सदंु र और आकर्षक है।
पढ़िए और खदु आनंद लीजिए इस अदभ् तु कहानी का।
रचनाकार — एम. मक ु ु न्दन
चित्रांकनकर्ता — पनू म आठल्ये
प्रकाशक — कथा
प्रकाशन — 2011
मूल्य — ` 145.00
ISBN — 978-81-89934-80-4
खिलौनों का खज़ाना
Toy Treasures
यह किताब विज्ञान के कुछ सरल प्रयोगों के द्वारा सस्ती सामग्री से बने खिलौनों
के निर्माण का समृद्ध संसार है, साथ ही गणितीय अभिरुचि को बढ़ाने वाली भी
है। बच्चे किस तरह पृथ्वी के ससं ाधनों का सदपु योग करें , यह जानने के लिए
यह पसु ्तक एक बेहतर विकल्प है। यह पसु ्तक शिक्षक की मदद से बच्चों को
विज्ञान के प्रयोगों के संसार से जोड़ती है।
रचनाकार — अरविन्द गप्ता
ु
चित्रांकनकर्ता — अविनाश देशपाण्डे
प्रकाशक — एकलव्य
ISBN — 978-81-87171-37-9
ISBN — 978-81-89883-05-8
घुमन्तुओ ं का डेरा
यह पसु ्तक राजस्थान की ससं ्कृति, लोकगीत व मौसम आदि पर आधारित है, परं तु
इस पसु ्तक की विषयवस्तु हर क्षेत्र, प्रांत और गाँव के बच्चों को आकर्षित करने
की क्षमता रखती है। गीत बच्चों को पढ़कर सनु ाए जा सकते हैं। यह पसु ्तक अच्छे
गीतों का सग्रं ह है। ये सदंु र गीत बच्चों में भाषा के विकास को अभिप्रेरित करते हैं।
रचनाकार — प्रभात
ISBN — 978-81-89976-77-4
ISBN — 978-81-89976-98-9
छींका-छींक
एकलव्य की प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम समहू द्वारा सकं लित ये कहानियाँ
बच्चों के मखु से बच्चों को सनु ाई गई कहानियाँ हैं। लोक जीवन के विभिन्न
पहलओ ु ं को इन लोक कथाओ ं में रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। बच्चे
कहानियाँ पढ़ भी सकते हैं और सनु भी सकते हैं तथा उन्हें अभिनय के रूप में
प्रस्तुत भी कर सकते हैं। यह किताब, कहानियाँ सनु ाने और बच्चों को भाषा
से रूबरू कराने का एक लाजवाब ज़रिया है।
चित्रांकनकर्ता — मानसिंह
प्रकाशक — एकलव्य
ISBN — 978-81-89976-82-8
चित्रांकनकर्ता — एम्मा द वू
प्रकाशक — एकलव्य
ISBN — 978-81-7925-274-1
झींगुर गा ना पाए!
यह एक बहुत संदु र किताब है। इस पसु ्तक का चित्रांकन भावों को उभारने में
सहायक है। शोरगल ु के बीच मधरु सगं ीत को थामे रहने का सदं श े देती यह
किताब बच्चों को लभु ाएगी। साज़-सज्जा और प्रस्तुतीकरण मनोरंजक है और
अपनेपन के भाव से संपन्न है।
रचनाकार — फरीदा खल्अतबरी
ISBN — 978-81-906971-1-8
ISBN — 978-81-701-184-59
ISBN — 978-81-237-6302-6
अनुवादक — अनष्का
ु भाटिया
प्रकाशन वर्ष — 1994
मूल्य — ` 35.00
ISBN — 978-81-7655-680-4
प्यार की रानी
यह कहानी एक ऐसी राजकुमारी की है जो प्यार की रानी की तलाश में एक लबं ा सफ़र
तय करती है, परंतु उसे प्यार की रानी नहीं मिलती और रानी माँ को कर्इ काम हैं। सदंु र
चित्रों से भरपरू यह किताब बच्चों का ध्यान आकर्षित करने में सक्षम हैं। प्राथमिक
स्तर के बच्चों के लिए यह बेहद सदंु र और आकर्षक किताब है। क्या राजकुमारी को
अपनी माँ के पास आने पर प्यार की रानी मिलती है या नहीं? पढ़ो और जानो।
रचनाकार — क्रिस्तीन आर्तसन
चित्रांकनकर्ता — क्रिस्तीन आर्तसन
प्रकाशक — ए एड ं ए बकु ्स
अनुवादक — अवत ं ी देवस्थले
प्रकाशन वर्ष — 2012
मूल्य — ` 70.00
ISBN — 978-93-80141-45-9
ISBN — 978-81-7925-272-7
मटकू बोलता है
मटकू बोलता है एक मटके की दिलचस्प कहानी है जो बच्चों की
कल्पनाशीलता को बढ़ाने के साथ ही मानवीय मलू ्यों को भी बढ़ावा देती
है। यह ‘मटका’ प्याऊ में आए प्यासे लोगों की प्यास बझु ाता है। यह मटका
उनसे बातें भी करता है। उन्हें अपनी ओर आकर्षित भी करता है, साथ ही
साथ उन्हें अपने कर्त्तव्यों के प्रति सचेत भी करता है।
रचनाकार — गोविन्द शर्मा
ISBN — 978-81-237-6483-2
ISBN — 978-81-89883-07-2
मैं हूँ आन
यह कहानी है नन्हे हाथी ‘आन’ की जो अपने झडँु के साथ रहता
है, जहाँ उसे बहुत प्यार व दल ु ार मिलता है, परंत यु वु ावस्था तक
आते-आते वह झडँु से कै से अलग होता है? यह परू ी कहानी पढ़कर
ही जान पाएँगे। क्या वह वापस अपने परिवार के पास आ पाता है?
पसु ्तक का चित्रांकन बेहद खबू सरू त व आकर्षक है तथा भाषा सरल
है। अतं में हाथियों के बारे में दी गर्इ ज्ञानवर्धक जानकारी बच्चों के
लिए लाभकारी है।
रचनाकार — मीनाक्षी भारद्वाज
ISBN — 987-81-89938-62-0
ISBN — 978-81-8146-793-5
हमारा जॉन
एक अडं े से निकले जीव ‘नन्हे’ को सभी पक्षी गोद लेकर अपनी ही
तरह से उसकी परवरिश करना चाहते हैं। सब उसे अपने जैसा बनाने
की कोशिश करते हैं। कथा की खबू सरू ती उस बच्चे की तरफ़ सभी
के अपनेपन और प्रेम में हैं, जो कहानी के अन्य पात्रों में भी झलकती
है। इस कहानी को विभिन्न जीव-जंतआ ु ें के इर्द-गिर्द बनु ा गया है। यह
कहानी बच्चों को रोचक और आकर्षक लगेगी।
रचनाकार — वेरानीक दाँ अबील
चित्रांकनकर्ता — एम्मा द वू
प्रकाशक — एकलव्य
अनुवादक — अमित
ISBN — 978-81-7925-275-8
Bindi Su
Who is Bindi Su and where is she going? You
cannot fail to be entranced with this story and
the magical pictures that enhance the book even
more. If you have ever been to Goa or better
still, lived there, spot your favourite places from
the book. The open ending allows the reader to
participate in the story.
Illustrator — Milan Khanolkar
Publisher — Bookworm
Publishing year — 2012
Price — ` 150.00
ISBN — 978-81-923042-29
Counting Clouds
It is a poem about the life of clouds. The poem
portrays a fun activity for learning addition. It
has short rhythmic rhymes around numbers
1–10 that draw the beginning readers to the
clouds that count, play, make shapes and then
fly away.
Author — Santhini Govindan
Illustrator — Saurabh Pandey
Publisher — Children’s Book Trust
Publishing year — 2011
Price — ` 20.00
ISBN — 81-7011-982-0
Daddoo’s Day Out
Dadoo, the little frog decides to do
something different on her day out.
She meets many animals during the
day but forgets her way back home.
Well-illustrated, the book can also be
read aloud to children.
Author — Prabhjot Kaur
Illustrator — Prabhjot Kaur
Publisher — Katha
Publishing year — 2004
Price — ` 95.00
ISBN — 978-81-78649-94-6
I Have a Home
A beautifully illustrated picture book
that allows the reader to be absorbed
into the visuals and find a home on
every page. You can go anywhere and
yet your home stays with you. The book
is a visual treat for the reader. There is
a lot of scope for discussion and lets the
reader go beyond the text through this
book.
Author-Illustrator — Claudia Legnazzi
Translation — Clara Stern Rodriguez
Publisher — Katha
Publishing year — 2001
Price — ` 145.00
ISBN — 978-81-89934-86-6
Oo & Too
A traditional Marathi tale that has weaved
in the everyday activities like eating,
buying vegetables, cooking and sleeping
with an element of humor and playfulness.
Illustrator — Sujatha Bhagwat
Publisher — Eklavya
Publishing year — 2011
Price — ` 40.00
ISBN — 978-93-81300-03-9
Sheebu—the Sheep
Sheebu, the sheep, has lost her bell. Her
friends—the fireflies glow and help her to find
the bell.
Author — Neetu Sharma
Illustrator — Partha Sengupta
Publisher — National Book Trust
Publishing year — 2012
Price — ` 25.00
ISBN — 978-81-237-6365-1
A Lion in Paris
Story of a lion, who feels bored by his life
in Savannah, goes to a metropolitan city to
seek enjoyment. There he travels by metro,
visits a museum and choose a place for
himself to live. The story is very interesting
and through the illustrations children can
imagine the life of people in Paris, which
may be an unknown city for them.
Author — Beatrice Alemagna
Translator — Mariette Robbes
Publisher — Katha
Publishing year — 2009
Price — `150.00
ISBN — 978-81-89934-27-9
AHA! Activities
A must have resource for classrooms. The book has
a number of activities for simple science and craft
projects that make reading and doing possible and
fun, while learning at the same time.
Author — Arvind Gupta
Illustrator — Monil Dalal
Publisher — Eklavya
Publishing year — 2007
Price — ` 100.00
ISBN — 978-81-87171-88-1
गटिला
इस कहानी में गटिला एक गाय है जिसे यह लगता है कि सभी जीव-जतं ु तो
रंग-बिरंगे हैं वही क्यों काले रंग की है। तब वह दसू रे जीवों के जैसा बनने की
कोशिश करती है। गटिला द:ु खी है, क्योंकि उसे लगता है कि वह सदंु र नहीं है।
परे शान गटिला रात में चपु के -से रंगों के डिब्बे में उपाय ढूँढ़ने की कोशिश करती
है, लेकिन तब भी बात नहीं बनती। अतं में उसे यह बात समझ में आ जाती है
कि वह स्वयं के रंग में ही सदंु र है। इस किताब में चित्र कहानी की तरह ही सदंु र
हैं तथा कहानी को सजीवता प्रदान करते हैं।
रचनाकार — लीसा डाएस नोरोन्हा एवं अन्जोरा नोरोन्हा
चित्रांकनकर्ता — लीसा डाएस नोरोन्हा एवं अन्जोरा नोरोन्हा
प्रकाशक — कथा
प्रकाशन वर्ष — 2012
मूल्य — ` 175.00
ISBN — 978-93-82454-05-2
छम छम बारिश
वैशाली श्रॉफ़ की कथा पर आधारित यह किताब असल में चित्रों
पर आधारित किताब है। रुचि म्हसाणे का चित्रांकन जीवंत है और
बारिश में भीगने के अहसास और आनंद को उजागर करता है। अजं ू
का बारिश देखना, एक मामल ू ी घटना होते हुए भी कै से यादगार हो
सकती है, इसे इन दोनों सृजकों ने संदु रता से उके रा है। प्रकृ ति से सहज
जडु ़ाव में आ गई दरू ियों को यह बारिश कै से मिटा देती है। अजं ू के
बहाने पाठक भी बारिश के अनभु वों से परिचित हो जाते हैं।
रचनाकार — वैशाली श्रॉफ़
चित्रांकनकर्ता — रुचि म्हसाणे
प्रकाशक — तलि ु का
अनुवादक — सषु मा
प्रकाशन वर्ष — 2013
मूल्य — ` 150.00
ISBN — 978-93-5046-345-1
जब आये पहिए
यह पसु ्तक चींटियों की समझदारी की एक काल्पनिक कहानी मात्र नहीं है,
बल्कि पहिए के अाविष्कार और उसके क्रमिक विकास को प्रस्तुत करने
वाली रोचक पसु ्तक है। प्रत्येक पृष्ठ पर आकर्षक चित्र बच्चों को कहानी
को आगे बढ़ाने में मदद करेंग,े बोझा ढोने के लिए छड़ियों का उपयोग,
गोल, लट्ठों पर वज़न को ढोना, लकड़ी के तख्तों पर गोल लट्ठों को रखना,
हाथ गाड़ी आदि। यह कहानी पढ़ने में छोटे बच्चों के साथ बड़े बच्चों को
भी आनदं देगी। इस कहानी को आगे जानने के लिए इस किताब को पढ़िए।
रचनाकार — अनपू राय
प्रकाशक — नेशनल बक ु ट्रस्ट
अनुवादक — दीपक कुमार गपु ्ता
प्रकाशन वर्ष — 2006
मूल्य — ` 150.00
ISBN — 978-81-237-4754-5
46 बाल साहित्य की विवरणिका— कक्षा 1 से 5
तारा खोजक
रबिन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा सिर्फ़ 11 वर्ष की आयु में लिखी गर्इ तारा खोजक बालपन में
चाँद को देखकर उसको पाने की जिज्ञासा को दर्शाती हुर्इ एक रचना है। खकु ी और
उसके दादा के संवाद बहुत रोचक व खबू सरू त हैं, चित्रांकन काफ़ी जीवंत है। अतं में
चाँद के बारे में दी गर्इ ज्ञानवर्धक जानकारी बच्चों के लिए अत्यंत लाभकारी है। भाषा
सरल और बोधगम्य है। इस पसु ्तक में बच्चों को गरुु देव जी के बारे में भी बहुत कुछ
जानने को मिलेगा।
रचनाकार — रबिन्द्रनाथ ठाकुर
चित्रांकनकर्ता — हर्षवर्धन कदम
अनुवादक — हर्षवर्धन कदम
प्रकाशक — कथा
प्रकाशन वर्ष — 2012
मूल्य — ` 95.00
ISBN — 978-93-82454-03-8
मेंढक और सांप
मेंढक इधर-उधर खेल रहे हैं। हरी-घास में पड़ा साँप ताक रहा है।
यहीं से शरूु होती है, यह छोटी-सी कहानी! आगे क्या हुआ? यह
जानने के लिए पढ़िए यह पसु ्तक। चित्रांकन और लिखित सामग्री
दोनों की इसमें बराबर हिस्सेदारी है। पढ़ना सीखने की शरूु आत
करने वाले बाल पाठक चित्रों से कहानी को आगे बढ़ा सकते हैं
और चित्रों की मदद से लिखे हुए विषय का अनमु ान लगा सकते
हैं। कहानी का अतं पाठक के लिए महत्वपर्णू है।
रचनाकार — गणेश हालईू
प्रकाशक — नेशनल बक ु ट्रस्ट
अनुवादक — सबु ीर शकु ्ला
प्रकाशन वर्ष — 2012
मूल्य — ` 17.00
ISBN — 978-81-237-0858-4
प्रस्तावित बाल साहित्य (िहंदी) 2013–2014 49
रजिया का कमाल
रजिया पक्के इरादे वाली लड़की है। वह यह मानती है कि मन में
ठान लिया जाए, तो कुछ भी असंभव नहीं है। मेहनत का काम तो
सिर्फ़ आदमी ही कर सकते हैं। इसी धारणा को नकारते हुए वह कुछ
ऐसा काम करके दिखाती है जो गाँव की महिलाओ ं की सवि ु धा के
लिए बहुत ज़रूरी था। रजिया ने ऐसा क्या किया? और कै से किया?
इन सवालों के जवाब मिलेंगे इस कहानी में। कहानी की विषयवस्तु
सरल और चित्रांकन प्रभावकारी है। पसु ्तक के चित्र कहानी के मल
ू
उद्देश्य को समझाने में सहायक होंगे।
रचनाकार — स्नेहलता शकु ्ला
चित्रांकनकर्ता — कनिका नायर
प्रकाशक — भारत ज्ञान विज्ञान समिति
प्रकाशन वर्ष — 2012
मूल्य — ` 50.00
ISBN — 978-93-81811-02-3
एक थी बकरी
एक थी बकरी कहानी एक ऐसी मटमैली बकरी की कहानी है जो अपने मालिक से
खफ़ा होकर अके ले रहने का निश्चय कर लेती है और मौका देखकर मेले में चली
जाती है। वहाँ वह कर्इ रोमांचकारी कार्य करती है। भाषा के अनसु ार यह प्राथमिक स्तर
के लिए एक मनोरंजक किताब है। बकरी विषय पर अब तक बनी अन्य कहानियों
से यह कहानी अलग है। इस किताब के चित्रांकन लभु ाते हुए कर्इ बातें बोल जाते हैं।
रचनाकार — पारुल बत्रा
चित्रांकनकर्ता — आर्य प्रहराज
प्रकाशक — नेशनल बक ु ट्रस्ट
प्रकाशन वर्ष — 2012
मूल्य — ` 25.00
ISBN — 978-81-237-6553-2
प्रस्तावित बाल साहित्य (िहंदी) 2013–2014 53
खेलो कहानी
इस किताब में चार कहानियाँ हैं, जो अलग-अलग खेलों और गतिविधियों पर
कें द्रित हैं। यह किताब रोचक है और धीरे -धीरे लप्त
ु हो रहे खेलों की तरफ़ दिलचस्पी
जगाने वाली है। यह बच्चों में परु ाने खेलों के प्रति उत्सुकता जगाने वाली किताब है।
रचनाकार — कुसमु लता सिंह, शशिजैन, गिरिजारानी अस्थाना,
सरु े खा पाणदीकर
चित्रांकनकर्ता — संध्या गोयल बंसल
प्रकाशक — बचपन सोसायटी फॉर चिल्ड्रेन्स लिटरे चर एंड कल्चर
मूल्य — ` 35.00
डुमडुम की कुर्सी
डुमडुम की कुर्सी दोस्ती पर आधारित आकर्षित करने वाली एक कहानी है।
किस प्रकार डुमडुम की कुर्सी उसे दोस्तों के करीब लाती है यह जानना बहुत
रोचक है। इस पसु ्तक की भाषा बाल मनोविज्ञान के अनरू ु प है। इस पसु ्तक
के चित्र सजीव हैं और पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। कहानी में
एक प्रवाह है जो बच्चों को बाँधे रखेगा।
रचनाकार — उषा छाबड़ा
चित्रांकनकर्ता — सौरभ पाण्डेय
प्रकाशक — चिल्ड्रन बक ु ट्रस्ट
प्रकाशन वर्ष — 2013
मूल्य — ` 25.00
ISBN — 978-93-80076-77-5
नीली छतरी
नीली छतरी प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉण्ड के अग्ं रेज़ी उपन्यास ब्ल्यू अम्ब्रेला का
हिदं ी रूपांतर है। यह एक सदंु र उपन्यास है, जिसमें एक छाते की चोरी के इर्द-गिर्द
संपर्णू घटनाक्रम चलता है। कहानी में एक ओर गाँव के बढ़ेू दक ु ानदार रामभरोसे
की छाता पाने की तीव्र लालसा से उपजी नाटकीय परिस्थितियों को मर्मस्पर्शी ढंग
से प्रस्तुत किया गया है तो दसू री ओर बिनिया जैसी बाल नायिका के संवेदनशील
और उदार चरित्र के माध्यम से बालमन की भावनाओ ं को दर्शाया गया है।
रचनाकार — रस्किन बॉण्ड
प्रकाशक — रूपा एण्ड कंपनी
अनुवादक — समता गाँधी
प्रकाशन वर्ष — 2002
मूल्य — ` 50.00
ISBN — 978-81-716-79393
पप्पू की पतंग
यह एक मजे़दार काव्य कथा है, जिसमें हवा के झोंको में उड़ती
पतंग को पकड़ने के प्रयास में सब उसके साथ उड़ते चले जाते
हैं। कहानी में वाक्यों के दोहराव का मजे़दार उपयोग हुआ है।
इस पसु ्तक में चित्र सामान्य हैं तथा कहानी को समझने में
सहायक हैं।
रचनाकार — एलिजाबेथ मैकडोनॉल्ड
चित्रांकनकर्ता — ज्योति हिरे मठ
प्रकाशक — भारत ज्ञान विज्ञान समिति
अनुवादक — अरविंद गपु ्ता
प्रकाशन वर्ष — 2008
मूल्य — `20.00
Chandu’s Chaat
This short story is about a young boy Chandu,
who is making fruit chaat. With beautiful
illustrations, it keeps the reader engaged till
the chaat is ready. Teacher can use it for
vocabulary development as well as extend it in
class for beginning writing using drawing, etc.
Author — Usha Datta
Illustrator — Henu Studio
Publisher — Publication Division, NCERT
Publication Year — 2012
Price — ` 15.00
ISBN — 978-93-5007-229-5
Flitter-Flutter
A little girl is trying to catch a butterfly.
Will she be able to catch it? This picture
book is filled with animal imagery with
the background of a jungle. Children can
create their own narratives by looking at
the pictures.
Illustrator — Jeyanthi Manokaran
Publisher — National Book Trust
Publication Year — 2015
Price — ` 45.00
ISBN — 978-81-237-6710-9
Lonely Goldy
It is a story about friendship between a boy
and his pet fish. It explores their relationship
using beautiful illustrations, moving towards
an interesting climax where Chiku takes
out Goldy from the bowl. The story is for
beginners with minimal text and a lot of
pictures.
Author — Usha Datta
Illustrator — Henu Studio
Publisher — NCERT
Publication Year — 2012
Price — ` 15.00
ISBN — 978-93-5007-226-4
Ravan Remedy
A lovely picture book about two kids who
create Ravana’s statue. They eventually do
not burn it and put it to extremely interesting
use. Young readers will be completely
enthralled by this lovely narrative. The
teacher can develop guessing games around
the same theme and involve students in some
art and craft activities in the post-reading
session.
Author — Suddhasattwa Basu
Illustrator — Suddhasattwa Basu
Publisher — National Book Trust
Publication Year — 2016
Price — ` 50.00
ISBN — 81-237-6751-X
The Kite
This short story about a kite, with minimal
text and lots of pictures, engages the young
readers. The book can be especially useful
for beginner readers.
Auhtor — Usha Datta
Illustrator — Henu Studio
Publisher — NCERT
Publication Year — 2012
Price — ` 15.00
ISBN — 978-93-5007-227-1
When I Grow Up
A book about a question that bugs most
children— what will you be when you grow
up? Two friends— Lola and Appu, have the
most uncommon answers to this question.
Appu plays with language as he wants to be
a ‘pironaut’ — pirate+astronaut! Children
will have fun creating their own worlds while
imagining endless possibilities for the future!
Author — Annie Besant
Illustrator — Anushree Bhat
Publisher — Tulika
Publication Year — 2013
Price — ` 95.00
ISBN — 93-5046-356-3
Gatila
This is a story about a cow in search of her
identity. Every night Gatila paints herself with
her tail. With every page, children will wonder
what Gatila will become on the next page. The
illustrations are brilliant, adding colour and
character to a naughty cow.
Author — Lisa Dias Noronha
and Anjora Noronha
Illustrator — Lisa Dias Noronha and Anjora Noronha
Publisher — Katha
Publication Year — 2012
Price — ` 225.00
ISBN — 978-93-82545-04-5
My Nose is so Ugly
The central character of this book is an
elephant with identity crisis. He thinks he
is ugly. Children will find it amusing to
read a story about their favourite animal
who is unhappy with his nose. They will
also enjoy meeting many other animals in
the jungle.
Author — Bina Kapoor
Publisher — Vishv Books
Publication Year — 2013
Price — ` 110.00
ISBN — 978-93-5065-179-7
चित्रांकन – आशिका
चित्रांकन – हरिओम
प्रस्तावित बाल साहित्य (हिंदी) 2014–2015
स्तर 1 (कक्षा 1 और 2)
चींटा
यह एक लयमय कविता है, जिसे बच्चे गाना पसंद करें गे। साथ ही इसमें
चींटे को घरे लू कार्य करने के लिए कहा गया है, जिससे चींटी खशु हो
जाएगी। इससे बच्चों में कार्य करने की भावना का निर्माण भी किया
जा सकता है।
चित्रांकनकर्ता — सौम्या मेनन
प्रकाशक — एकलव्य
प्रकाशन वर्ष — 2013
मूल्य — ` 30.00
ISBN — 978-93-81300-90-9
जैसे को तैसा
यह पस्ु तक एक अग्ं रेज़ी लोककथा का हिंदी अनवा ु द है, जिसमें जीवों के बीच
के संबंधों का वर्णन है। पढ़ना शरूु करने वाले बालकों के लिए यह पस्ु तक बहुत
उपयोगी है, क्याेंकि इसमें चित्रों की सहायता से बच्चे कहानी का अदं ाज़ा लगा कर
उसे आगे बढ़ा सकते हैं।
चित्रांकनकर्ता — दर्ल ु भ भट्टाचार्य
रचनाकार — कें गसम कें गलांग
अनुवादक — पक
ं ज चतर्ु वेदी
प्रकाशक — नेशनल बक
ु ट्रस्ट
प्रकाशन वर्ष — 2013
मूल्य — ` 30.00
ISBN — 978-81-237-6310-1
तीन दोस्त
इस कहानी में बड़े ही रोचक अदं ाज़ में रंगों के बारे में बताया गया है।
चित्रांकन भी बच्चों को कहानी का अर्थ समझने में मदद करता है। पढ़ना
सीख रहे बच्चों के लिए यह एक अच्छी पस्तु क है।
रचनाकार — इन्दु हरिकुमार
चित्रांकनकर्ता — इन्दु हरिकुमार
प्रकाशक — एकलव्य
प्रकाशन वर्ष — 2013
मूल्य — ` 35.00
ISBN — 978-93-81300-67-1
साँप ने सोचा
यह बालसल ु भ विचार को व्यक्त करती एक बहुत ही सदंु र कहानी है।
चित्रांकन से बच्चे जड़ु ाव महससू कर पाएँगे। इस कहानी में एक साँप घमू ने
निकलता है। उसे रास्ते में क्या-क्या मिलता है और वह क्या प्रतिक्रिया
करता है? इसे जानने के लिए पढ़िए, यह पस्त ु क!
रचनाकार — अशोक हुसैन
चित्रांकनकर्ता — बिदिया परबि
ु या
प्रकाशक — एकलव्य
प्रकाशन वर्ष — 2013
मूल्य — ` 35.00
ISBN — 978-93-81300-92-3
पांच दोस्त
शीरीन रिज़वी द्वारा रचित यह पस्त
ु क पाँच जानवरों की दोस्ती पर आधारित है।
इन जानवरों की गतिविधियाँ अलग-अलग हैं, पर समय आने पर ये सब अपनी
क्षमतानसु ार एक-दसू रे की मदद करते हैं और मश्किु लों से बाहर निकलते हैं।
एकता से रहना, एक-दसू रे की मदद करना और कठिन समय का मिलकर
सामना करने जैसे सार्थक मलू ्यों को कहानी में पिरोया गया है।
रचनाकार — शीरीन रिज़वी
चित्रांकनकर्ता — शैवाल चटर्जी
प्रकाशक — नेशलन बक ु ट्रस्ट
प्रकाशन वर्ष — 2010
मूल्य — ` 35.00
ISBN — 978-881-237-5862-6
Anandi’s Rainbow
This story is about the dream of a girl of
seeing Rainbow. What does the girl do after
seeing that. read the story to find out.
Illustrator — Anup Ray
Publisher — National Book Trust
Publishing Year — 2004
Price — ` 35.00
ISBN — 13141073
Three Friends
The book talks about the primary colours
and the formation of secondary colours in an
interesting way. The bright illustrations also
help children in understanding the story in
a playful and exciting manner.
Author — Indu Harikumar
Illustrator — Indu Harikumar
Publisher — Eklavya
Publishing Year — 2013
Price — ` 70.00
ISBN — 978-93-81300-65-7
A Journey
A caterpillar befriends a page, which shows him
around the world. This book teaches children about
the concept of knowledge and the process of rain.
In the end the caterpillar becomes the butterfly.
Illustrator — Jagdish Joshi
Translation — Kanchan Wanchoo Sharma
Publisher — National Book Trust
Publishing year — 2013
Price — ` 30.00
ISBN — 81-2376-748-X
Nature’s Gift
If an elephant wants to fly like a bird, will he be
able to? This story is a tale of friendship between
an elephant and a baya bird and his effort to
make his friend fly. It tells children that nature
has given each individual a unique gift and
one must always be happy about it rather than
looking at other people’s abilities. The book is
very well illustrated and is fun to read.
Illustrator — Utpal Talukdar
Publisher — National Book Trust
Publishing Year — 2014
Price — ` 45.00
ISBN — 81-237-6933-4
وخاب
( وموھت اکमुत्थू का ख़्वाब)
ससं ार के सभी बड़े लोगों का कहना है कि बच्चों को ख्वाब देखना चाहिए, ताकि
वे ऊँची उड़ान भर सकें । यह संसार और यहाँ की धरोहर सबके लिए हैं। आकाश
में उड़ने के लिए के वल मज़बतू पंखों की आवश्यकता होती है। मतु ्थू एक गाँव का
लड़का है, जिसमें महत्वकांक्षा कूट-कूट कर भरी है। आकाश छूने के उसके सपने
का गाँव वाले मज़ाक बनाते हैं, पर एक शिक्षक गाँव में आकर उसके सपनों को
पंख देता है। मतु ्थू सोचता है कि यदि वह आकाश में न उड़ सका तो एक शिक्षक
अवश्य बनेगा। कहानी का ताना-बाना बहुत गठा हुआ और भाषा संदु र तथा सरल
है। कहानी का सबसे मज़बतू पक्ष उसके चित्र हैं जो गाँव के परिवेश से जड़ेु हैं। चित्र
सदंु र, सरल और आकर्षक हैं।
रचनाकार — कामाक्षी बालसब्रु मण्यन
प्रकाशक — नेशलन बक ु ट्रस्ट
अनुवादक — मैमनू ा जाफ़री
प्रकाशन वर्ष — 2013
मूल्य — ` 35.00
ISBN — 978-81-237-0195-0
बच्चे और तराजू
तराजू रोज़मर्रा की ज़िदगं ी में काम आने वाली एक छोटी-सी वस्तु, विज्ञान
सीखने का एक अच्छा माध्यम हो सकती है। यह पसु ्तक इस विषय में ठोस
सामग्री प्रस्तुत करती है। शिक्षक के सहयोग से बच्चे तराजू से खेल-खेल में
विज्ञान की अवधारणाओ ं को समझ सकते हैं। बच्चे तराजू के साथ विभिन्न
प्रयोग करते हुए, स्वंय सवाल करते हुए उनके जवाब खोज सकते हैं। इस
किताब में तराजू के साथ वैज्ञानिक विधि का प्रयोग स्वयं करके देखने के लिए
निर्देश और छोटी-छोटी कहानियाँ, इस सरल से विषय को एक जिज्ञासा की
दृष्टि से देखने के लिए दिशा प्रदान करते हैं।
रचनाकार — जोस एल्सटगीस्ट
चित्रांकनकर्ता — अभय कुमार झा
प्रकाशक — भारत ज्ञान विज्ञान समिति
प्रकाशन वर्ष — 1998
मूल्य — ` 8.00
बच्चे और पानी
प्राथमिक स्कू ल के स्तर पर पानी के प्रयोगों को बहुत ही साधारण और आसानी
से उपलब्ध चीज़ों से कै से बच्चे कर सकते हैं, यह इस पसु ्तक में दिखाया और
बताया गया है। जब बच्चे पानी से वैज्ञानिक प्रयोग करें गे तभी वे पानी के गणु धर्मों
से भली-भाँति अवगत हो पाएँगे। बच्चों और शिक्षकों के साथ-साथ यह पसु ्तक
अन्य लोग जो विज्ञान के शिक्षण से संबंधित हैं, के लिए लाभप्रद है। पस्त
ु क की
भाषा बोधगम्य है।
रचनाकार — जोस एल्सटगीस्ट
चित्रांकनकर्ता — अभय कुमार झा
प्रकाशक — भारत ज्ञान विज्ञान समिति
प्रकाशन वर्ष — 2002
मूल्य — ` 10.00
बच्चों की सभ
ु द्रा
सभु द्रा कुमारी चौहान हिदं ी की सर्वकालिक श्रेष्ठ कवयित्रियों में अग्रगण्य हैं।
प्रस्तुत पसु ्तक में चन्द्रा सदायत ने उनकी चौदह प्रसिद्ध बाल कविताओ ं को
संकलित किया है। इस पसु ्तक की भमि ू का में इन कविताओ ं के महत्त्व पर
टिप्पणी दी गर्इ है। यहाँ ‘झाँसी की रानी’ जैसी कालजयी कविता को पढ़ना
आनंददायी है।
रचनाकार — सभु द्रा कुमारी चौहान
सपं ादक — चन्द्रा सदायत
प्रकाशन — प्रकाशन विभाग, सचू ना और प्रसारण मंत्रालय
प्रकाशन वर्ष — 2012
मूल्य — ` 65.00
ISBN — 978-81-230-1731-0
हमारे जल-पक्षी
इस पसु ्तक में जल बत्तखों और जलतट के प्रमख ु पक्षियों का वर्णन किया
गया है। पक्षियों का अस्तित्व हमारे ससं ार में सौंदर्य का विकास ही नहीं करता
अपितु यह हमारे पर्यावरण के लिए बहुत अनिवार्य भी है। जल पक्षियों में
रुचि और जिज्ञासा रखने वाले व्यक्तियों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी यह
पसु ्तक बहुत-सी जानकारी लिए हुए है, जैसे— पक्षियों के एक देश से दसू रे देश
में जाने के बारे में रोचक बातें आपको दिलचस्प लगेंगी तथा प्रवासी पक्षियों से
सबं ंधित जानकारी ज्ञान में वृद्धिकरे गी।
रचनाकार — राजेश्वर प्रसाद नारायण सिंह
प्रकाशक — नेशलन बक
ु ट्रस्ट
प्रकाशन वर्ष — 2013
मूल्य — ` 60.00
ISBN — 978-81-237-5609-7
ISBN 978-93-5292-383-0