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ज्ञानसागर के मोती

पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट द्वारा


प्रकाशित १०५१ ग्रंथ की सच ू ी

निर्माण एवं सक
ं ल्पना
पुनरुत्थान विद्यापीठ

प्रकाशक
पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट
ज्ञानम‌् ९-बी, आनंद पार्क , डॉ. हेडगेवार भवन के सामने,‌
बलिया काका मार्ग, जनू ा ढोर बाजार, कांकरिया, अहमदाबाद-३८० ०२८
दरू भाष ः ०७९-२५३२२६५५

(1)
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India has been conquered once, but she should be conquered again.
And the second conquest should be the conquest through education.
(AŠQy>~a 1868)
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(2)
प्रकाशकीय...
l ज्ञान सागर के ये मोती पाठकों के लिये प्रस्ततु करते हुए हम हर्ष का अनभु व कर रहे हैं ।
l भारत, भारतीय जीवनदृष्टि, भारतीय संस्कृ ति, भारतीय ज्ञानसंपदा जिनके के न्द्र में हैं ऐसे ये १,०५१ ग्रंथ हैं ।
l इन ग्थरं ों में चार प्रकार के ग्थरं हैं...
l मल ू तत्त्व शोध एवं बोध
l शास्त्र निरुपण
l व्यवहारनिरुपण
l श्रद्धा जागरण
l इन ग्थरं ों को एक अन्य प्रकार से चार भागों में वर्गीकृ त किया जा सकता है...
१. मल ल ू ेखन
२. अनवु ाद
३. सपं ादन
४. पनु ः प्रकाशन
l ये ग्रंथ समाज के सर्व प्रकार के लोगों के लिये बने हैं, जैसे कि
१. ५ वर्ष के बच्चों से किसी भी आयु के प्रबुद्धजनों के लिए
२. सभी स्तरों और विषयों के छात्रो तक
३. सामान्यजन और विद्वजन तक
l ये ग्रंथ पर्ण ू भारत के लिये बने हैं ।
l विद्यापीठ सभी शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यालयों के संचालकों से निवेदन करता है कि बच्चों, किशोरों

और यवु ाओ क ं ो घर में और विद्यालय में स्वयं से पढनेका अवसर एव प्रे


ं रणा मिले ऐसी व्यवस्था अवश्य
बनायें ।
l राष्ट्रीय शिक्षा नीति के भारतीय ज्ञानसंपदा हेतु सर्व प्रकार की संदर्भ सामग्री इसमें प्राप्त होगी । हमारा मानना है
कि भारतीय ज्ञानसपं दा को लेकर विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम भी विकसित किये जा सकते हैं ।
l कुल मिलाकर भारतीय ज्ञानक्षेत्र व्यवस्थिति में इन ग्रंथों का प्रकाशन एक महत्त्वपर्ण ू चरण है ।
l आप सभी से इसका मलू ्यांकन होना अपेक्षित है । ज्ञानक्षेत्र को व्यवस्थित करने में आपका सहयोग प्राप्त हो यह
भी अपेक्षित है । दोनों ही प्राप्त होगे ऐसी श्रद्धा है ।
इति शभु म् ।
विनीत
विपुल रावल
संयोजक, पनु रुत्थान विद्यापीठ

(3)
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1. é. 500 go é. 3,000 Ho$ H«$` na 10%
2. é. 3,000 go é. 5,000 Ho$ H«$` na 15%
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दूरभाष ः ०७९-२५३२२६५५
वोट्‌सएप नंबर ः ८१६००२६९००

प्रकाशक कार्यालय पता


पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट,
ज्ञानम‌् ९-बी, आनंद पार्क , डॉ. हेडगेवार भवन के सामने,‌
बलिया काका मार्ग, जनू ा ढोर बाजार, कांकरिया, अहमदाबाद-३८० ०२८‌
दरू भाष ः ०७९-२५३२२६५५

बैंक विवरण
A/C name : Punarutthan Prakashan Seva Trust,
Bank name : BANK OF BARODA
Branch name : Bapunagar, Ahmedabad,
A/C no. : 84620200000304
IFSC Code : BARB0DBBAPU (Fifth Character is zero)

क्यूआर कोड

(4)
विभाग १
अध्यात्म

भारत के ज्ञानक्षेत्र का अधिष्ठान अध्यात्म है । दैनंदिन जीवन का अधिष्ठान अध्यात्म है । व्यक्तिगत और राष्ट्रीय
जीवन का अधिष्ठान अध्यात्म है । तत्त्व और व्यवहार का अधिष्ठान अध्यात्म है ।
इस विचार को और इस विषय को प्रस्ततु करने वाले ये ग्रंथ हैं । अन्य विषयों के अध्ययन का प्रारंभ करने से
पर्व
ू इन ग्रंथों के विषय को जानने की आवश्यकता है । इसलिये इस विभाग का क्रम प्रथम है ।

क्रमांक ग्रंथ क्रं. ग्रंथ का नाम लेखक /


अनुवादक /सपं ादक मूल्य

1 1 अध्यात्म विद्या विद्यानाम डॉ. शशिकांत मणि त्रिपाठी 170


2 2 एकात्म विज्ञान इन्दुमति काटदरे 190
3 3 अध्यात्म, अधिभतू , अधिदेव अरुणकु मार उपाध्याय 280
4 4 आत्मा का रुप स्वरूप डॉ. ल. का. मोहरीर 235
5 5 आत्मज्ञान पं श्रीपाद दामोदर सातवलेकर 165
6 6 ईश्वर साक्षात्कार भाग -1 पं श्रीपाद दामोदर सातवलेकर 245
7 7 ईश्वर साक्षात्कार भाग -2 प श्री
ं पाद दामोदर सातवलेकर 290
8 8 आत्मा (वैज्ञानिक दृष्टिकोण ) विद्या कृष्णा लव्हेकर 220
9 9 आत्मविद्या चिन्तामण डोले 390
10 10 जीवन दृष्टि विनोबा भावे, अन.ु बैजनाथ महोदय 200
11 11 अध्यात्म और व्यावहारिक जीवन
ज्योति निंबकर 155
12 12 व्यावहारिक अध्यात्म दिलीप सेनाड 345

(5)
विभाग २
धर्म, ससं ्कृति और समाज
धर्म राष्ट्र की धारणा करता है । धर्म प्रजाओ कं ी धारणा करता है । धर्म को स्पष्ट करने की और समझने की
आवश्यकता है । धर्म विश्वनियम है, संस्कृ ति उसकी व्यवहार प्रणाली है । धर्म के अनुकू ल संस्कृ ति की व्यवस्था
अपनानेवाला समाज चिरंजीवी बनता है । ऐसा ही भारतीय समाज रहा है । इस कारण से ही वह चिरंजीवी बना है ।
धर्म, ससं ्कृ ति और समाज की भारतीय सक ं ल्पना को स्पष्ट करने वाले ग्थरं इस विभाग में है ।
13 13 हिन्दू धर्मकोश भाग -1 डॉ. राजबली पाण्डेय 490
14 14 हिन्दू धर्मकोश भाग -2 डॉ. राजबली पाण्डेय 500
15 15 हिन्दू धर्मकोश भाग -3 डॉ. राजबली पाण्डेय 490
16 16 हिन्दू धर्मकोश भाग -4 डॉ. राजबली पाण्डेय 475
17 17 धर्म और समाज सख
ु लालजी संघवी 290
18 18 भारत का संविधान और भारत का धर्म प्रो. रामेश्वर मिश्र "पंकज " 180
19 19 योग की अध्यात्म विद्या एवं सेमटिक
े धर्मपंथ राम स्वरूप 235
20 20 धर्म बनाम रिलिजन शक
ं र शरण 165
21 21 धर्म को जानें डॉ. अश
ं ुल उपाध्याय 210
22 22 भारतीय समाजशास्त्र भाग-1 राम आहूजा 340
23 24 भारतीय समाजशास्त्र भाग-2 राम आहूजा 290
24 37 भारतीय समाजशास्त्र भाग-3 राम आहूजा 290
25 23 धर्म शिक्षा लक्ष्मीधर वाजपेयी 310
26 25 हिन्दू ससं ्कार भाग -1 डॉ. राजबली पाण्डेय 255
27 26 हिन्दू संस्कार भाग -2 डॉ. राजबली पाण्डेय 255
28 27 स्मृतियों मे भारतीय जीवन पद्धति भाग-1 कु समु लता के डिया 280
29 28 स्मृतियों मे भारतीय जीवन पद्धति भाग-2 कु समु लता के डिया 255
30 29 आर्यों के संस्कार ले. स्वामी माधवतीर्थ ‌
अन.ु कु समु पटेल 290
31 30 आर्या या आर्यदृष्टि ऋषिकु मार 365

(6)
32 31 मदि
ं र प्रवेश और शास्त्र ले. चद्रं शक ं र प्राणशक
ं र शकु ्ल ‌
अन.ु निमिषा बाबरिया, लतिका चावडा 340
33 32 भारतीय व्रतोत्सव आचार्य परुु षोत्तम शर्मा 355
34 33 भारत के सतं -महात्मा भाग-1 रामलाल 300
35 34 भारत के सतं -महात्मा भाग-2 रामलाल 320
36 35 भारत के संत -महात्मा भाग-3 रामलाल 335
37 36 भारत के संत -महात्मा भाग-4 रामलाल 300
38 38 हिदं ओु का
ं समाजरचना शास्त्र भाग -1 ले. गोविन्द महादेव जोशी, ‌
अन.ु मीनाक्षी बापट 200
39 39 हिदं ओ ु का
ं समाजरचना शास्त्र भाग -2 ले. गोविन्द महादेव जोशी, ‌
अन.ु अजं ली नांदड़े कर 245
40 40 समाजशास्त्र का भारतीयकरण अशोक कु मार कौल 220
41 41 भारतमाता धरतीमाता राममनोहर लोहिया 310
42 42 बृहत्तर भारत भाग-1 चन्द्रगप्तु वेदालंकार 290
43 43 बृहत्तर भारत भाग-2 चन्द्रगप्तु वेदालंकार 210
44 44 भारत और इस्लाम (उदगम, आगमन, प्रभाव और परिणाम ) आचार्य चतरु सेन शास्त्री 420
45 45 समाज एवं संस्कृ ति ले. काका कालेलकर ‌
अन.ु प्रेरणा भट्टड 355
46 46 समाज सातत्य और परिवर्तन रमेश पतंगे, अरुण करमरकर 265
47 47 दान की शास्त्रीय विधि स्वामी हिरणमयानंदजी 235
48 48 स्वतंत्रता और ससं ्कृ ति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन 155
49 49 यगु परिवर्तन कृष्णलाल गोयन्का 280
50 50 व्यवस्था परिवर्तन एक चितं न भाग-1 बजरंग मुनि 450
51 51 व्यवस्था परिवर्तन एक चितं न भाग-2 बजरंग मुनि 310
52 52 हमारी अद्भुत व्यवस्थाए श्याम मनावत 145
53 53 जीवन व्यवस्था काका कालेलकर 490
54 54 मेरे गाँव का दर्शन ज्ञानी गरुु दीत सिंह ‌
अन.ु शास्त्री मोहनलाल शर्मा 255
55 55 सामाजिक समरसता दर्शन विजय सोनकर शास्त्री 335

(7)
56 57 सामाजिक समरसता में संतों की भमिका
ू श्यामा धोंडसे ‌
अन.ु चद्रं कांत विष्णु मोघे 310
57 58 वंचितों की ओर चलें डॉ. रमेश माधवराव पांडव 245
58 59 वाल्मीकि समाज प्रभाकर मांडे ‌
अन.ु ज्योति बिडलान 210
59 60 नव भगीरथ गिरीश प्रभणू ,े ‌
अन.ु मिलिंद दांडेकर 185
60 61 लोक जीवन काका कालेलकर 200
61 62 उपेक्षित समाज भाग-1 ले. प्रभाकर मांडे, ‌
अन.ु सनु ीता मोटे, श्रीरंग गोखले 290
62 75 उपेक्षित समाज भाग-2 ले. प्रभाकर मांडे, ‌
अन.ु सनु ीता मोटे, श्रीरंग गोखले 265
63 63 भारत मे इस्लाम रामेश्वर मिश्र "पंकज " 400
64 64 इस्लामी धर्म ग्थरं ों का परिचय डॉ. प्रमोद पाठक, ‌
अन.ु डॉ. महेश बापट 290
65 65 सख
ु ी जीवन मैत्री देवी 200
66 66 असत्य का दश
ं काकाणी चक्रपाणी ‌
अन.ु पवनकु मार पांडे 425
67 68 जातिवर्ण व्यवस्था नृपेन्द्रनाथ भट्टाचार्य 300
68 69 भारतीय लोक ससं ्कृ ति के रक्षक और डॉ. सवु र्णा रावल 180‌
प्रसारक "घमु तं ू "समाज
69 70 पर्वू रंग प.ु ल. देशपांडे ‌
अन.ु वसंत आपटे, अजं ली नांदड़े कर 265
70 71 पश्चिमी देशों की यात्रा प.ु ल. देशपांडे, अजं लि नांदडे कर 245
71 72 आबं ेडकर विचार और पत्रकारिता लोके न्द्र सिहं 350
72 73 भारत के विकास की भावी दिशा प्रो. कु समु लता के डिया 425
73 74 पृथिवी पुत्र वासदु वे शरण अग्रवाल 265
74 56 समाज विघटन और भारत भाग-1 श्रीकृष्ण दत्त भट्ट 245
75 67 समाज विघटन और भारत भाग-2 श्रीकृष्ण दत्त भट्ट 245

(8)
76 87 समाज विघटन और भारत भाग-3 श्रीकृष्ण दत्त भट्ट 245
77 307 वैवस्वत मन्वतर में मानवसृष्टि तथा समाज संरचना डॉ. विद्याचन्द ठाकु र 270
78 750 भारतीय धर्म शाखाएं और उनका इतिहास भाग -1 वाचस्पति गैरोला 430
79 751 भारतीय धर्म शाखाएं और उनका इतिहास भाग-2 वाचस्पति गैरोला 365

विभाग ३
कुटुंब शिक्षा

भारतीय समाज व्यवस्था की मल ू इकाई कु टुंब है । धर्म और संस्कृ ति, आचार और संस्कार की, कौशल और
संपत्ति की परंपरा की रक्षा कु टुंब में होती है । आत्मीयता, एकात्मता और समग्रता भारतीय समाज-जीवन की पहचान
है । अभारतीय समाज सक ं ल्पना अभारतीय जीवन सक ं ल्पनाओ क ं े मानसिक और वैचारिक दबाव में रह रहे हम
लोगों को भारतीय कुु टुंबव्यवस्था की शिक्षा मिलना अत्यंत आवश्यक है । यही शिक्षा इन ग्रंथों में प्रस्ततु हैं ।

80 76 गृहजीवन के विविध आयाम (कु टुम्ब शिक्षा) संपा -इन्दुमति काटदरे 265
81 77 भारतीय विवाहशास्त्र ले. अप्रबुद्ध ‌
अन.ु सधु ा करंजगांवकर 190
82 78 हिन्दू परिवार मीमांसा भाग -1 हरिदत्त वेदालंकार 300
83 79 हिन्दू परिवार मीमांसा भाग -2 हरिदत्त वेदालंकार 300
84 80 हिन्दू परिवार मीमांसा भाग -3 हरिदत्त वेदालंकार 365
85 81 गार्हस्थ्य शास्त्र लक्ष्मीधर वाजपेयी 245
86 82 समाजधर्म :तत्वचितं न एवं परंपरा (कु टुम्ब शिक्षा ) संपा -इन्दुमति काटदरे 200
87 83 समाजधर्म : यगु ानुकू ल रचना (कु टुम्ब शिक्षा ) संपा - इन्दुमति काटदरे 360
88 84 भारतीय परिवार स्वरुप और व्याप्ति चित्रा मोहरीर 235
89 85 भारतीय कु टुम्ब : वर्तमान परिदृश्य (कु टुम्ब शिक्षा ) संपा -इन्दुमति काटदरे 210
90 86 लोकमत परिष्कार एवं अध्ययन सामग्री(कु टुम्ब शिक्षा ) संपा -इन्दुमति काटदरे 225
91 88 बातें पचास वर्ष पर्व क
ू ी शभ्ु रा दिक्षित 235
92 89 गृहस्थाश्रम की पर्व
ू तैयारी शताब्दी सबु ोध पाण्डे 175
93 90 मातृ मख ु ने शिक्षणम रामलता दबु े 335
94 91 शिशु अवस्था के ससं ्कार डॉ. वैदहे ी देवधर, डॉ. सजं ीवन देवधर 315

(9)
95 94 जीवन विकास के सत्र
ू इदं मु ति काटदरे 280
96 95 कु टुम्ब और कु टुम्बशिक्षा इन्दुमति काटदरे 230
97 96 पितामही विद्यापीठ इन्दुमति काटदरे 280
98 97 गृह गरुु कुल सरु भि भगत 125
99 98 आहार विज्ञान भाग -1 हनमु ान प्रसाद शर्मा 295
100 99 आहार विज्ञान भाग -2 हनमु ान प्रसाद शर्मा 275
101 100 आहारशास्त्र : तत्वचितं न (कु टुम्ब शिक्षा ) संपा -इन्दुमति काटदरे 300
102 101 आहारशास्त्र : पाक कौशल (कु टुम्ब शिक्षा ) सपं ा - इन्दुमति काटदरे 310
103 102 भारतीय कु टुम्ब व्यवस्था : तत्व एवं व्यवहार संपा -इन्दुमति काटदरे 310‌
(कु टुम्ब शिक्षा )
104 103 पाक चद्रिका
ं भाग -1 पंडित मनीराम शर्मा 290
105 104 पाक चद्रिका
ं भाग -2 पडि
ं त मनीराम शर्मा 265
106 105 सात्विक पाककृ ती रे णुका पाटंगणकर 280
107 106 पाकशास्त्र राम शर्मा 140
108 108 स्त्रीत्व धारणाएँ एवं यथार्थ प्रो. कु समु लता के डिया, 300‌
प्रो. रामेश्वर मिश्र
109 109 तीन समिधाए ं शभु ा साठे ‌
अन.ु प्रतिभा गुर्जर 375
110 110 लोकसाहित्य में जीवनमलू ्य डॉ. मृणालिका ओझा 275
111 111 भारत के स्त्री रत्न शिवप्रसाद दलपतराम पंडित 355
112 113 हिन्दी और तमिल साहित्य में नारी वी. पद्मावती 280
113 115 जीवन रहस्य वैद्य सुविनय दामले 330
114 117 छूटती परम्पराए ं पौर्णिमा के रकर ‌
अन.ु विजया दिक्षित 220
115 118 आधुनिक जीवन शैली के रोग वैद्य राजेश कपरू 200
116 357 विद्याकलाबोधकौमदु ी आवीरलाल गङ्गोपाध्याय 220
117 372 भोजन बनाना एक श्रेष्ठ कार्य रत्नप्रभा राजहसं 220

(10)
विभाग ४
अधिजनन शास्त्र
राष्ट्र को समर्थ बनना है तो प्रजा को समर्थ बनना चाहिये । प्रजा समर्थ बनती है दो कारकों से । ये दो कारक हैं
शिक्षा और जन्म से प्राप्त होने वाले संस्कार । संस्कार शिक्षा से भी अधिक सामर्थ्यवान होते हैं ।
संस्कार मातापिता से प्राप्त होते हैं, उनके माध्यम से अनेक पीढ़ियों के भी संस्कार प्राप्त होते हैं । अतः समर्थ
मातापिता की समर्थ संताने समर्थ प्रजा बनकर राष्ट्र को समर्थ बनाती है ।
भारत में यह अधिजनन शास्त्र अत्यंत विकसित रूप में व्यवहार में भी रहा है । आज उसका अध्ययन नहीं हो
रहा है । यह अध्ययन और व्यवहार पनु ः प्रतिष्ठित हो इस दृष्टि से इस विभाग के ग्रंथ प्रस्ततु हैं ।

118 119 अधिजननशास्त्र (कु टुम्ब शिक्षा ) संपा -जरशा 380


119 120 अधिजनन शास्त्र एवं विविध शास्त्र (कु टुम्ब शिक्षा ) संपा -जरशा 265
120 121 विवाह संस्कार एवं अधिजनन शास्त्र का संक्षिप्त परिचय ब्रजमोहन रामदेव 225
121 116 प्रेरक कथाएं भाग-१ जयेश त्रिवेदी 300
122 122 प्रेरक कथाएं भाग-२ जयेश त्रिवेदी 225
123 123 संततिनिर्माण कविराज सत्यदेव वैद्य 200
124 124 सामुद्रिक शास्त्र भाग -1 पं शक्तिधर शकु ्ल 235
125 125 सामुद्रिक शास्त्र भाग -2 पं शक्तिधर शकु ्ल 255
126 126 ज्योतिष और वर -वधू चयन घनानन्द शर्मा 'जदली' 335
127 127 संतान पालन जगन्नाथ शर्मा 125
128 128 सिद्धता और आवाहन लक्ष्मी केसरी, ‌
दिव्यांशु दवे 270
129 129 गर्भ का मानसिक विकास नौ मास में वाचन निहारिका उदानी 425‌
द्वारा गर्भस्थ शिशु का विकास
130 130 गर्भसवं ाद इन्दुमति, काटदरे , ‌
वंदना फडके 280
131 131 गर्भिणी के क्रियाकलाप डॉ. वैदहे ी देवधर, ‌
डॉ. संजीवन देवधर 245
132 132 गर्भिणी की स्वाध्याय पोथी भारती धोकाई 280

(11)
विभाग ५
शिक्षा
शिक्षा का जीवन विकास में महत्वपर्ण ू स्थान है । जैसी शिक्षा वैसा व्यक्ति, जैसी शिक्षा वैसा समाज, जैसी शिक्षा
वैसा देश होता है । अतः व्यक्ति विकास के साथ साथ शिक्षा राष्ट्र निर्माण का भी साधन होती है ।
भारत में शिक्षा को ज्ञान की व्यवस्था माना है । ज्ञान को अत्यंत पवित्र माना है । उसे श्रेष्ठता प्रदान की गई है ।
जबकि आज शिक्षा को हमने क्रयविक्रय का पदार्थ और अर्थार्जन का साधन बना दिया है । इस विपरीत विचार से
मुक्त कर भारतीय शिक्षा की प्रतिष्ठा का विचार इस विभाग के ग्रंथों में किया गया है ।

133 133 भारतीय शिक्षा के मल ू तत्व लज्जाराम तोमर 300


134 134 पश्चिमी शिक्षा का रहस्य भाग -1 सीताराम जायसवाल 290
135 138 पश्चिमी शिक्षा का रहस्य भाग -2 सीताराम जायसवाल 365
136 135 भारतीय शिक्षा : संदर्भ एवं उदेश्य इन्दुमति काटदरे 280
137 136 सनातन शिक्षा दर्शन एवं सरस्वती तत्व स्वामी सवि ं त सोमगिरीजी 245
138 137 राष्ट्रीय शिक्षा वर्षा सगदेव 200
139 139 जीवन सत्र ू संग्रह इदं मु ति काटदरे 280
140 140 शिक्षा सत्र
ू भाष्य डॉ. ल. का. मोहरीर 265
141 141 जीवन का भारतीय प्रतिमान भाग -1 दिलीप पांडुरंग के लकर 250
142 142 जीवन का भारतीय प्रतिमान भाग -2 दिलीप पांडुरंग के लकर 250
143 143 जीवन का भारतीय प्रतिमान भाग -3 दिलीप पांडुरंग के लकर 230
144 144 जीवन का भारतीय प्रतिमान भाग -4 दिलीप पांडुरंग के लकर 250
145 145 गरुु कुल संकल्पना इन्दुमति काटदरे 335
146 146 शिशवु ाटिका : तत्व एवं व्यवहार इन्दुमति काटदरे 390
147 147 विहित विद्या नारायण शेविरे ‌
अन.ु श्री शक ं र मर्ति क
ू े एन 265
148 148 अनसु ंधान का स्वरूप डॉ. सावित्री सिन्हा, डॉ. गोविन्द गंध े 380
149 149 ज्ञान, ज्ञानार्जन और ज्ञानार्जन प्रक्रिया डॉ. अश ं ुल उपाध्याय 210
150 150 एक हजार से अधिक खेल केशभु ाई मोरसाणिया, डॉ. महेंद्र पटेल 280
151 151 शिक्षा क्या और क्यों मायाधर मानसिहं ‌
अन.ु त्रिलोचन नायक 140
152 152 ज्ञानार्जन के करणों का विकास राजेन्द्रसिहं परमार 280

(12)
153 153 शिक्षा का समग्र विकास प्रतिमान : तत्वचितं न इन्दुमति काटदरे 270
154 154 शिक्षा का समग्र विकास प्रतिमान : शिक्षा योजना इन्दुमति काटदरे 250
155 155 शिक्षा का समग्र विकास प्रतिमान : इन्दुमति काटदरे 290‌
गर्भावस्था से किशोर अवस्था की शिक्षा
156 156 शिक्षा का समग्र विकास प्रतिमान : इन्दुमति काटदरे 250‌
पाठ्यक्रमों की रुपरे खा एवं पठन सामग्री
157 157 विश्व की वर्तमान स्थिति अतं र्जाल पर इन्दुमति काटदरे 270
158 158 विश्व की वर्तमान स्थिति का आकलन और विश्ले षण इन्दुमति काटदरे 255
159 159 पंचामृत सं. नियति सप्रे, निशलु ्क ‌
चित्रा मोहरीर, रामचन्द्र भोसले
160 160 शिक्षा का भारतीयकरण : प्रयास एवं परिणाम इन्दुमति काटदरे 290
161 161 भारतीय शिक्षा की पनु ःप्रतिष्ठा हेतु करणीय कार्य इन्दुमति काटदरे 350
162 162 भारतीय शिक्षा की पनु ःप्रतिष्ठा का प्रतिमा गुप्ते 125‌
जटिल प्रश्न और उसका उत्तर
163 164 प्राचीन भारतीय शिक्षण राधा कु मदु मख ु र्जी, ‌
अन.ु संगीता सोमण 400
164 166 प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति लज्जाराम तोमर 265
165 167 भारत के प्राचीन विद्यापीठ ऋता परमार 150
166 168 गोवा के पारंपरिक खेल भषू ण भावे 255‌
अन.ु प्रिया गोसावी
167 169 प्राच्य शिक्षा रहस्य पं. हरिदत्त शास्त्री 235
168 170 शिक्षाविद समर्थ रामदास डॉ. वामन वासदु वे गोगटे 325
169 171 जगं ल चिट्ठी चित्तरंजन दास, ‌
अन.ु अर्चना मोदी 320
170 172 शिक्षा निदिध्यासन रवीन्द्रनाथ ठाकु र ‌
अन.ु सनु ीता मडं ल 365
171 173 शांतिनिकेतन भाग -1 रवीन्द्रनाथ ठाकु र ‌
अन.ु लतिका चावडा 400
172 174 शांतिनिकेतन भाग -2 रवीन्द्रनाथ ठाकु र ‌
अन.ु लतिका चावडा 280
173 175 शांतिनिकेतन भाग -3 रवीन्द्रनाथ ठाकु र ‌
अन.ु अवनी जोशी 235

(13)
174 176 शिक्षण विचार विनोबा भावे 350
175 177 शिक्षा काका कालेलकर ‌
अन.ु सनु ीति कारुड़कर 280
176 178 शिक्षणोपनिषद ले. वसधु ा देव ‌
अन.ु अजं ली नांदड़े कर 190
177 179 शिक्षण विवेक वामनराव अभ्यंकर ‌
अन.ु सवु र्णा कराड़कर 190
178 180 भारतीय शिक्षा :व्यावहारिक आयाम इन्दुमति काटदरे 290
179 181 विद्यालय की शैक्षिक व्यवस्थाएँ इन्दुमति काटदरे 250
180 182 भारतीय शिक्षा :मनोविज्ञान एवं व्यवस्था इन्दुमति काटदरे 350
181 183 शिक्षण ससं ्थानों मे पर्वोत्सव डॉ. दिनेश प्रताप सिहं 335
182 184 अर्थशास्त्र और शिक्षा संपा - इन्दुमति काटदरे 180
183 185 विद्यालय की भौतिक एवं आर्थिक व्यवस्थाए ं इन्दुमति काटदरे 300
184 187 मेरे अध्यापन के प्रयोग वन्या परमार 320
185 188 एकात्ममानववादी शिक्षा दर्शन डॉ. राके श दबु े 210
186 189 खेल साधना योगेंद्र पटेल ‌
अन.ु शैलेश पटेल 190
187 190 खेल विकास का बीज योगेंद्र पटेल ‌
अन.ु गार्गी शकु ्ल 265
188 192 कहानी एक कला गिरिधारीलाल शर्मा 155
189 193 दिशा बोध लज्जाराम तोमर 200
190 194 हम सरस्वती पुत्र दिलीप वसंत बेतके कर 165
191 196 शिक्षक विद्यार्थी संवाद आशीष शकु ्ला 225
192 197 भारत में ब्रिटिश शिक्षा इन्दुमति काटदरे 300
193 198 भारत में सार्वजनिक शिक्षा का इतिहास सीताराम चतुर्वेदी 310
194 200 विश्वकल्याण में भारतीय शिक्षा की भमिका
ू इन्दुमति काटदरे 425
195 201 भारतीय ज्ञान आधारित नमनू े के एक सौ पाठ्यक्रम इन्दुमति काटदरे 290
196 202 शिक्षा की सोनोग्राफी मुनि उदयवल्लभ विजयजी, ‌
अन.ु रे वती डागा 135
197 203 आचार्य के पत्र अभिभावक के नाम सं. वंदना फडके 280
198 92 भारतीय शिक्षा ( भारतीय समस्याओ का
ं रमाकांत श्रीवास्तव 265‌
ऐतिहासिक विश्ले षण) भाग-1

(14)
199 93 भारतीय शिक्षा ( भारतीय समस्याओ का
ं रमाकांत श्रीवास्तव 265‌
ऐतिहासिक विश्ले षण) भाग-2
200 107 भारतीय शिक्षा राजेंद्र प्रसाद 265
201 112 भारतीय शिक्षा- दार्शनिक कीर्ति देवी सेठ 265
202 114 घरे ल शिक्षा
ू तथा पाक शास्त्र ज्योर्तिमयी ठाकु र 265

विभाग ६
हिंदुत्व, राष्ट्रीयत्व, भारतीयत्व
भारत हिन्दू राष्ट्र है । यह कथन सीधा सादा सत्य है । परंतु इस कथन का तथा इसमें प्रयुक्त तीनों सज्ं ञाओ का

विपर्यास किया जा रहा है । भारत को इण्डिया के बोझ तले दबाया जा रहा है, हिन्दुत्व को सेमटिक े रिलीजन्स की
बराबरी में स्थापित कर उसे विवाद का विषय बना दिया गया है और राष्ट्र नामक संकल्पना को सांस्कृ तिक नहीं
अपितु राजकीय अर्थ में समझा जा रहा है । ऐसा करने से बौद्धिक उलझनें ही पैदा होती है । अतः प्रथम तो इनकी
स्पष्टता होना अति आवश्यक है । भौगोलिक, राजकीय, सांस्कृ तिक सक ं ल्पनाओ का ं अतं र भी स्पष्ट करना होगा ।
दृष्टि और विचार स्पष्ट होने से अनेक उलझे हुए विषय स्पष्ट हो जायेंगे ।
इस विभाग में ऐसे ग्रंथों का समावेश है जो सुलझे विद्वानों द्वारा रचित है । ये सब कम पढ़े लिखे, खबू पढ़े लिखे
और जो पढ रहे हैं उन सभी पाठकों के लिये उपयोगी होंगे ।

203 205 सांस्कृ तिक राष्ट्रवाद डॉ. दिनेश प्रताप सिंह 310
204 206 हिन्दुत्व और मानवकल्याण आनंदशक ं र पंड्या ‌
अन.ु अखिलेश आर्य, 120‌
अन.ु रे खा हन्नगोकर
205 207 हिन्दू वैचारिकी : एक अनमु ोदन डॉ. विजय सोनकर शास्त्री 265
206 208 हिन्दू राष्ट्र का नवनिर्माण आचार्य चतरु सेन शास्त्री 265
207 209 हिन्दू जाति का उत्थान और पतन रजनीकान्त शास्त्री 465
208 210 अद्वितीय भारत डॉ. दिनेश प्रताप सिंह 310
209 211 प्राचीन भारत वर्ष त्रिभवु नदास शाह ‌
अन.ु विद्या पसारी 390
210 212 ऋषीमुनि, साधसु तं परिचय पर्णि
ू मा करंदीकर 235
211 213 वैदिक सपं ति भाग-1 पं रघनु न्दन शर्मा 265
212 253 वैदिक सपं ति भाग-2 पं रघनु न्दन शर्मा 255
213 297 वैदिक सपं ति भाग -3 पं रघनु न्दन शर्मा 245

(15)
214 428 वैदिक संपति भाग -4 पं रघनु न्दन शर्मा 255
215 444 वैदिक संपति भाग -5 पं रघनु न्दन शर्मा 255
216 450 वैदिक संपति भाग -6 पं रघनु न्दन शर्मा 280
217 214 विदेशी यात्रियों की दृष्टि में ऐसा था भारत भाग -1 संपा-संध्या जैन, 320‌
अन.ु वर्षा फडणीस
218 215 विदेशी यात्रिकों की दृष्टि में ऐसा था भारत भाग -2 संपा -संध्या जैन, ‌
अन.ु वर्षा फडणीस 400
219 216 विदेशी यात्रिकों की दृष्टि में ऐसा था भारत भाग -3 संपा-मीनाक्षी जैन ‌
अन.ु वीणा बंसल 265
220 217 विदेशी यात्रिकों की दृष्टि में ऐसा था भारत भाग -4 संपा-मीनाक्षी जैन ‌
अन.ु वीणा बंसल 220
221 218 विदेशी यात्रिकों की दृष्टि में ऐसा था भारत भाग -5 संपा-मीनाक्षी जैन ‌
अन.ु श्याम प्रकाश 290
222 219 विदेशी यात्रिकों की दृष्टि में ऐसा था भारत भाग -6 संपा- मीनाक्षी जैन ‌
अन.ु श्याम प्रकाश 245
223 220 विदेशी यात्रिकों की दृष्टि में ऐसा था भारत भाग -7 संपा -मीनाक्षी जैन ‌
अन.ु चद्रं कु मार पाठक 280
224 221 विदेशी यात्रिकों की दृष्टि में ऐसा था भारत भाग -8 संपा -मीनाक्षी जैन ‌
अन.ु संगीता सोमण, चद्रं कु मार 265
225 231 स्वामीजी, लोकमान्य और स्वातंत्र्यवीर ले. अशोक मोड़क ‌
अन.ु वसंत आपटे, 335‌
अजं ली नांदड़े कर
226 237 हमारा देश भाग-1 राजनारायण अग्रवाल 255
227 238 हमारा देश भाग-2 राजनारायण अग्रवाल 255
228 239 वैदिक राष्ट्रदर्शन भाग -1 पं बालशास्त्री हरदास 220
229 240 वैदिक राष्ट्रदर्शन भाग -2 पं बालशास्त्री हरदास 200
230 241 वैदिक राष्ट्र दर्शन भाग-3 पं बालशास्त्री हरदास 155
231 242 राष्ट्रीय एकता के सांस्कृ तिक सत्र
ू नरें द्रकु मार सक्सेना 280
232 243 हिन्दू होने का अर्थ चद्रिका
ं प्रसाद मिश्र 210
233 165 तीस दिन मालवीयजी के साथ रामनरे श त्रिपाठी 265
234 186 भारत की मौलिक एकता वासदु वे शरण अग्रवाल 265

(16)
विभाग ७
राज्य और शासनव्यवस्था
समाज व्यवस्था का एक महत्वपर्ण ू अगं है राज्य व्यवस्था । समाज की समृद्धि और ससं ्कृ ति की रक्षा करना,
प्रजा के प्राणों की रक्षा करना, आवश्यकताओ क ं ी पर्ति क
ू ो सुनिश्चित करना राज्य का काम होता है । भारत में १९४७
तक राजाओ का ं राज्यतंत्र रहा है परंतु लोकतंत्र सर्वत्र चैतन्य की तरह अनसु ्यूत होकर सम्मानित हुआ है उसे आज
समझने की आवश्यकता है । धर्म, समाज, स्वाभिमान, स्व तंत्रता की रक्षा कैसे की जाती है, उसे व्यवस्था में कैसे
बिठाया जाता है इसका प्रत्यक्ष दर्शन भारत के राज्यतंत्र में होता है ।
इन सारी बातों का निरूपण करने वाले ग्रंथ इस विभाग में है ।

235 244 भारतीय राज्यशास्त्र गो. वा. टोके कर, ‌


अन.ु शभु दा लोंढे 155
236 245 हिन्दू राज्यतंत्र भाग -1 काशीप्रसाद जायसवाल 320
237 246 हिन्दू राज्यतंत्र भाग -2 काशीप्रसाद जायसवाल 300
238 247 प्राचीन भारत की शासन संस्थाएँ और सत्यके तु विद्यालंकार 355‌
राजनीतिक विचार भाग -1
239 248 प्राचीन भारत की शासन संस्थाएँ और सत्यके तु विद्यालंकार 300‌
राजनीतिक विचार भाग -2
240 249 राजनीति रत्नाकर श्री वाचस्पति गैरोला, 255‌
पं. तारीणीश झा
241 250 भीष्म का राजधर्म डॉ. श्यामलाल पाण्डेय 235
242 251 भारतीय संविधान की औपनिवेशिक पृष्ठभमि
ू देवेंद्र स्वरुप 335
243 252 कौटिल्य की शासन पद्धति भगवानदास के ला 265
244 254 भारतीय साम्राज्य नारायण पावगी ‌
अन.ु दिलीप राणे 245
245 255 साम्राज्य और उसका पतन भगवानदास के ला 210
246 256 राजा और प्रजा रवीन्द्रनाथ ठाकु र ‌
अन.ु बाबरू ाम वर्मा 210
247 257 भारतीय न्यायशास्त्र भाग-1 डॉ. ब्रहममित्र अवस्थी 225
248 258 भारतीय न्यायशास्त्र भाग-2 डॉ. ब्रहममित्र अवस्थी 235
249 259 भारतीय शासन भगवानदास के ला 190

(17)
250 260 भारतीय राज्यव्यवस्था की पनु र्र चना का एक सझु ाव जयप्रकाश नारायण 165
251 261 चीन का भाग्य कृष्ण किंकर सिंह 310
252 262 देशी राज्य शासन भगवानदास के ला 290
253 263 रामराज्य : एक वैश्विक संकल्पना श्याम मनावत 170
254 191 मानसोल्लास : एक सांस्कृ तिक अध्ययन भाग-1 शिवशेखर मिश्र 265
255 195 मानसोल्लास : एक सांस्कृ तिक अध्ययन भाग-2 शिवशेखर मिश्र 265
256 199 मानसोल्लास : एक सांस्कृ तिक अध्ययन भाग-3 शिवशेखर मिश्र 265

विभाग ८
अर्थशास्त्र
भारत का अर्थशास्त्र धर्म के अविरोधी, धर्मानुकू ल और धर्मानसु ारी रहा है । भारत का अर्थशास्त्र विपुलता का
अर्थशास्त्र है । भारत का अर्थशास्त्र भौतिक पदार्थों के क्रयविक्रय को मान्य करता है, अभौतिक या सांस्कृ तिक बातों
के क्रयविक्रय को मान्यता नहीं देता । भारत के अर्थशास्त्र में बचत, दान, संतोष, त्याग, संयम आदि का भी महत्व
है । इस अर्थशास्त्र के संस्कार दिये जाते हैं, व्यवहार सिखाया जाता है, कौशल विकसित किया जाता है और दृष्टि दी
जाती है । तभी भारत समृद्धि के शिखरों पर यगु ों से प्रतिष्ठित रहा है । ऐसे अर्थशास्त्र को पढ़ना चाहिये, ऐसा सब होने
की सभं ावना इस विभाग के ग्थरं ों से निर्माण होती है ।

257 264 हिन्दू अर्थचितं न :दृष्टि एवं दिशा डॉ. बजरंग लाल गुप्ता 300
258 265 अध्यात्म का अधिष्ठान और विविध शास्त्र लक्ष्मीकांत पांडे, गगं ाधर कुलकर्णी 335
259 266 एकात्म अर्थ चितं न डॉ. श्याम बाबू गप्तु 260
260 267 भारत का अर्थचितं न और अर्थव्यवस्था संपा - इन्दुमति काटदरे 320
261 268 भारतीय अर्थशास्त्र : व्यवहार एवं मानसिकता सपं ा -इन्दुमति काटदरे 245
262 269 धर्मानुकू ल अर्थशास्त्र की व्यावहारिकता गोविन्द हड़प 345
263 270 शभु लाभ का अर्थशास्त्र तुलसी टावरी 490
264 271 भारतीय व्यवसाय रामचन्द्र अनंत भोसले 220
265 274 भारत का व्यापारिक इतिहास भाग-1 मोहनलाल बडजात्या 290
266 275 भारत का व्यापारिक इतिहास भाग-2 मोहनलाल बडजात्या 335
267 276 भारत का व्यापारिक इतिहास भाग-3 मोहनलाल बडजात्या 320
268 277 भारत का व्यापारिक इतिहास भाग-4 मोहनलाल बडजात्या 360
269 278 हिदं ओु का
ं अर्थशास्त्र गोविन्द महादेव जोशी ‌
अन.ु सरु े खा बोंडे 290

(18)
270 279 प्राचीन भारतीय आर्थिक विचारक डॉ. अच्युतानन्द घिल्डियाल 450
271 281 उद्योग प्रारब्ध निर्मल पं. स्वामी गोविंदसिंह साधु 265
272 282 समृद्धि अहिसं क भी हो सकती है प्रो. कु समु लता के डिया, 475‌
प्रो. रामेश्वर मिश्र
273 283 सामर्थ्य, समृद्धि और शान्ति रामचन्द्र वर्मा 265
274 284 संपति का उपभोग दयाशक ं र दबु े, मरु लीधर जोशी 165
275 285 ग्राम की अर्थव्यवस्था शैलेन्द्र महाले 245
276 286 व्यथा और विकल्प डॉ. नंदिनी जोशी ‌
अन.ु जाह्नवी शकु ्ल 255
277 391 अर्थशास्त्र भारतीय विवरण गोविदं महादेव जोशी 245
278 204 भारत के प्रमखु उद्योग वेद प्रकाश सिंह 265

विभाग ९
आयुर्वेद
आयुर्वेद को उपवेद कहा गया है । कोई इसे ऋग्वेद का तो कोई इसे अथर्ववेद का उपवेद मानते है, वेद ज्ञान का
स्रोत हैं, आयुर्वेद आयु को समग्रता में जानने का वेद अर्थात् ज्ञान का स्रोत है । इसे केवल चिकित्सा पद्धति की दृष्टि
से नहीं अपितु जीवन के समग्र स्वास्थ्य के एक शास्त्र के रुप में समझने की आवश्यकता है ।
आज आयुर्वेद को समझने और अपनाने की आवश्यकता है, साथ ही आयुर्वेद को प्रतिष्ठा प्राप्त करवाने की भी
आवश्यकता है । इस विभाग के ग्रंथ इन बातों में सहायता करें गे । पाठकों को भी इस बात की प्रतीति होगी ।

279 288 अश्विनी कु मारौ भाग -1 पांचाभाई दमनिया नि:शलु ्क


280 289 अश्विनी कु मारौ भाग -2 पांचाभाई दमनिया नि:शलु ्क
281 290 अश्विनौ देवता की भमिका
ू भाग-1 पं श्रीपाद दामोदर सातवलेकर 300
282 291 अश्विनौ देवता की भमिका
ू भाग-2 पं श्रीपाद दामोदर सातवलेकर 300
283 292 आयुर्वेद का अध्यात्म और दर्शन वैद्य बालकृष्ण दवे ‌
अन.ु पारुल जोशी 320
284 293 आयुर्वेदीय मानसशास्त्र वैद्य बालकृष्ण दवे ‌
अन.ु डॉ. कविता शर्मा, अनंत शकु ्ल 265
285 294 मानस आयुर्वेद गुलाबराव महाराज ‌
अन.ु मधुकर अधं ारे 180
286 295 आयुर्वेद का बृहत इतिहास भाग -1 अत्रिदेव विद्यालंकार 490

(19)
287 296 आयुर्वेद का बृहत इतिहास भाग -2 अत्रिदेव विद्यालंकार 510
288 298 आयुर्वेद का इतिहास कविराज सरू मचद्रं 455
289 299 आयुर्वेद परिचय नीरजकु मार सिंह 280
290 300 स्वास्थ्य संकल्पना एवं स्वरुप डॉ. विनया पंडु े 200
291 301 स्वास्थ्य सत्र
ू सग्रं ह डॉ. हितेश जानी 425
292 302 आयुर्वेद का विद्यालयीन पाठ्यक्रम अर्चना चौगुले 410
293 303 आरोग्य सिद्धि भाग-1 वैद्य जिज्ञासा जिग्नेशकु मार दवे 265
294 304 आरोग्य सिद्धि भाग-2 वैद्य जिज्ञासा जिग्नेशकु मार दवे 300
295 305 आरोग्य सिद्धि भाग-3 वैद्य जिज्ञासा जिग्नेशकु मार दवे 350
296 309 भस्म विज्ञान भाग -1 हरि शरणानन्द 300
297 310 भस्म विज्ञान भाग -2 हरि शरणानन्द 320
298 311 अगस्त्य सहि ं ता प.ं महावीर प्रसाद मिश्र 120
299 312 द्रव्यगणु विज्ञान वैद्य जादवजी त्रिकमजी आचार्य 280
300 313 औषधी गणु धर्म शास्त्र वैद्य पं. गंगाधर शास्त्री 235
301 314 परमोपयोगी वेदकीय ग्रंथ भाग -1 शिवनाथ सिंह 300
302 315 परमोपयोगी वेदकीय ग्रंथ भाग -2 शिवनाथ सिंह 265
303 316 परमोपयोगी वेदकीय ग्रंथ भाग -3 शिवनाथ सिंह 300
304 317 धरा से जीवन भाग-1 बालकृष्ण दवे ‌
अन.ु धृति भट्ट 230
305 318 धरा से जीवन भाग-2 बालकृष्ण दवे ‌
अन.ु नेहा परमार 165
306 319 नासिका सधं ारण डॉ. त्रिभवु नदास शाह, ‌
अन.ु मधुकर अधं ारे 155
307 320 ज्योतिष शास्त्र में व्याधि विमर्श प्रभाकर परु ोहित 245
308 321 नाड़ी दर्शन वैद्य ताराशक ं र मिश्र 225
309 322 स्वास्थ्य साधना रामदास गौड़ 390
310 323 सर्य
ू नमस्कार उपासना एवं व्यायाम हरी. वि. दात्ये 190
311 324 रावणकृ त अर्क प्रकाश पं. क्षेत्रपाल शर्मा 300
312 325 कूपिपक्व रस निर्माण विज्ञान भाग-1 हरिशरणानन्द वैद्य 325
313 326 कूपिपक्व रस निर्माण विज्ञान भाग-2 हरिशरणानन्द वैद्य 380

(20)
314 327 नारायणी शिक्षा भाग-1 चिमनलाल वैश्य 290
315 328 नारायणी शिक्षा भाग-2 चिमनलाल वैश्य 235

विभाग १०
गोविज्ञान
गाय हमारी माता है । गो माता भारत की आर्थिक और सांस्कृ तिक समृद्धि की धरु ी है । गोमाता स्वास्थ्य और
ससं ्कार की पोषक है । गोरक्षा भारत के राष्ट्रजीवन का महत्वपर्ण
ू मद्ु दा है । आज गोमाता का क्या हो रहा है । गोमाता के
संबंध में क्या हो रहा है यह हम सब जानते हैं । यह सब चितं ाजनक है । यह सारा विषय समझना, गोविषयक चितं ाओ ं
से समाज को मुक्त करना, गो की प्रतिष्ठा करना अत्यंत आवश्यक है । गोविज्ञान को प्राथमिक से उच्चशिक्षा तक और
घर, विद्यालय और समाज में प्रतिष्ठित करने हेतु पाठ्यक्रम, पठन सामग्री, संदर्भ सामग्री आदि विपुल मात्रा में चाहिये,
ऐसी सामग्री इस विभाग के ग्रंथों में उपलब्ध हैं ।

316 329 गौ महिमा भाग -1 पांचाभाई दमणिया नि:शलु ्क


317 330 गौ महिमा भाग -2 पांचाभाई दमणिया नि:शलु ्क
318 331 गोमाता सांस्कृ तिक अस्मिता की प्रतीक रामेश्वर मिश्र "पक
ं ज" 335
319 332 गो ज्ञानकोश भाग -1 प.ं श्रीपाद दामोदर सातवलेकर 300
320 333 गो ज्ञानकोश भाग -2 प.ं श्रीपाद दामोदर सातवलेकर 360
321 343 गो ज्ञानकोश भाग-3 प.ं श्रीपाद दामोदर सातवलेकर 465
322 334 पंचगव्य विश्वकोश भाग-1 डॉ. हितेश जानी 230
323 335 पंचगव्य विश्वकोश भाग-2 डॉ. हितेश जानी 380
324 336 गवार्चन प्रयोग गंगाधर पाठक 345
325 337 भारत में गाय : गोचिकित्सा भाग -1 सतीशचद्रं दास गप्तु 280
326 338 भारत में गाय : गोचिकित्सा भाग -2 सतीशचद्रं दास गप्तु 235
327 339 भारत में गाय : गाय की शरीर संपति भाग-3 सतीशचद्रं दास गप्तु 180
328 340 भारत में गाय : गो व्यवसाय भाग-4 सतीशचद्रं दास गप्तु 185
329 341 भारत में गाय : रक्षा और पोषण भाग-5 सतीशचद्रं दास गप्तु 225
330 342 भारत में गाय : नस्लसंवर्धन और अर्थलाभ भाग-6 सतीशचद्रं दास गप्तु 285
331 344 भारतीय गोधन पण्डित झाबरमल्ल शर्मा 265
332 580 गौकौमदु ी अवध शरण मिश्र 190

(21)
विभाग ११
पर्यावरण
कु छ वर्ष पर्व
ू तक भारत में प्रदषू ण और पर्यावरण जैसे शब्द प्रचलन में भी नहीं थे । परंतु प्राश्चात्य जीवन विचार
के बढ़ते प्रभाव के परिणाम स्वरूप विश्वभर में पर्यावरण चितं ा और चर्चा का विषय बन गया है । पर्यावरण की समस्या
का हल खोजने के लिये भारतीय दृष्टि से ही देखना कितना अनिवार्य है इसकी प्रतीति हमें इस विभाग के ग्थरं ों को
पढ़कर होगी ।
333 346 यज्ञ और पर्यावरण रोचना भारती 310
334 347 पर्यावरण भारतीय दृष्टिकोण कल्पना वझलवार 390
335 348 सर्यू शक्ति और मानव मजं षू ा कुलकर्णी 345
336 308 पर्यावरण विचार बजरंगलाल गप्तु , भगवतीप्रकाश शर्मा 280

विभाग १२
कृषि और ग्रामविकास
भारतमाता ग्रामलक्ष्मी है । भारत की समृद्धि का स्रोत ग्रामलक्ष्मी है । ग्राम ही समाज व्यवस्था की लघतु म आर्थिक
इकाई है । इसे इकाई मानकर ही उत्पादन और वितरण की रचना की गई थी । आज हमने इन व्यवस्थाओ क ं ो उध्वस्त
कर दिया है । भारतीय ग्रामविकास की मल ू संकल्पनाको जानें बिना वर्तमान कल्पना के अनसु ार ग्राम का विकास हम
नहीं कर सकते । सम्यक् जानकारी के अभाव में हम ग्राम को नगर जैसा बनाने का प्रयास कर रहे हैं । इसे ठीक करने
के उद्देश्य से ही इस विभाग में ग्रामविषयक ग्रंथ रखे गये हैं ।

337 350 हमारे गाँवों की कहानी रामदास गौड़ 200


338 351 ग्राम विकास भारतीय दृष्टि दिलीप के लकर, आशीष गुप्ता 145
339 352 किसान सख ु साधन देवनारायण द्विवेदी 300
340 353 कृषिशास्त्र पंडित तेजशक ं र कोचक 355
341 354 सुलभ कृषिशास्त्र सखु संपत्तिराय भडं ारी 355
342 355 पुष्पोंपनिषद वैद्य अशोक तलाविया ‌
अन.ु नेहा परमार, भावना पडं ् या 365
343 356 ग्राम रचना रविशक ं र महाराज ‌
अन.ु कविता शर्मा 245
344 358 प्रकृति से वर्षाज्ञान भाग -1 जयशक ं र देवशक ं र शर्मा 355

(22)
345 359 प्रकृति से वर्षाज्ञान भाग -2 जयशक ं र देवशक ं र शर्मा 365
346 345 वृक्ष विज्ञान प्रवासीलाल वर्मा 280
347 234 कृषि विज्ञान भाग_1 जयराम सिंह 265
348 235 कृषि विज्ञान भाग_2 जयराम सिंह 265
349 236 किसान राज डॉ. पाल ब्रन्टन 265‌
अन.ु वि. वेंकटेश्वर
350 272 भारतीय कृषि भाग-1 सदु र्शन कु मार कपरू 265
351 273 भारतीय कृषि भाग-2 सदु र्शन कु मार कपरू 265
352 280 कृषिसार जोगेश्वर प्रसाद 265

विभाग १३
विज्ञान, तंत्रज्ञान, भूगोल, ज्योतिषविज्ञान आदि
भौतिक विश्व से सबं ंधित अनेक शास्त्रों का विकास भारत में हुआ है । उन शास्त्रों का स्वरुप हिन्दू है । इन शास्त्रों
ने मनुष्य जीवन में अभ्युदय और निःश्रेयस को प्राप्त करने के अनेकानेक मार्ग प्रशस्त किये हैं । ऐसे शास्त्रों का सम्यक
ज्ञान आज के परिप्रेक्ष्य में प्रस्ततु करना अत्यंत आवश्यक है ऐसा मानकर इस विभाग के ग्रंथों का प्रणयन हुआ है ।

353 349 नगररचना शास्त्र मधसु दु न कपले 245


354 360 प्राणायाम और प्राणमय शरीर श्रीकांत पवनीकर 135
355 362 प्राचीन भारत में विज्ञान एस. एल. धनी 300
356 363 वैज्ञानिक विकास की भारतीय परंपरा भाग-1 सत्यप्रकाश डी 290
357 364 वैज्ञानिक विकास की भारतीय परंपरा भाग-2 सत्यप्रकाश डी 190
358 365 ज्योतिर्वेद विज्ञान धीरे न्द्र झा 245
359 366 प्राचीन भारत में गणनविद्या सभु ाष काक, टी. आर. एन. राव ‌
अन.ु गौरी डोखले 225
360 367 गणित सार संग्रह भाग-1 महावीराचार्य 280
361 368 गणित सार संग्रह भाग-2 महावीराचार्य 280
362 369 गणित सार संग्रह भाग-3 महावीराचार्य 280
363 370 के वल शन्य ू नहीं और भी बहुत कु छ पी. प्रियदर्शी, ‌
अन.ु रत्नचद्रं सरदाना 365
364 371 भू - विज्ञान की भारतीय अवधारणा मुकुं द नीलकण्ठ जोशी 210

(23)
365 373 सृष्टि, पृथ्वी और भगू ोल का दर्शन कौस्भतु नारायण मिश्र 280

366 374 गजु रात का प्राकृतिक और व्यापारिक भगू ोल भोगीलाल मेहता, ‌


अन.ु कीर्ति दवे 200

367 375 भारतीय वास्श


तु ास्त्र भाग-1 डॉ. द्विजेंद्रनाथ शकु ्ल 290

368 376 भारतीय वास्श


तु ास्त्र भाग-2 डॉ. द्विजेंद्रनाथ शकु ्ल 335

369 377 भारतीय वास् वि


तु द्या रुद्रधर शकु ्ला 445

370 378 भवन निवेश डॉ. द्विजेंद्रनाथ शकु ्ल 350

371 379 प्रासाद निवेश डॉ. द्विजेंद्रनाथ शकु ्ल 265

372 380 रामकथा का भसू ांस्कृ तिक भगू ोल भाग-1 कौस्भतु नारायण मिश्र 340

373 381 रामकथा का भसू ांस्कृ तिक भगू ोल भाग-2 कौस्भतु नारायण मिश्र 425

374 382 आकार : शिल्पों की जन्मकथा सदाशिव साठे ‌


अन.ु वसतं व. आपटे 245

375 383 भारतीय मर्तिकला


ू राम कृष्णदास 160

376 388 बृहद विमानशास्त्र भाग-1 ब्रह्ममनु ी 350

377 389 बृहद विमानशास्त्र भाग-2 ब्रह्ममनु ी 300

378 390 रत्न परिचय हरिचन्द्र विद्यालंकार 180

379 393 आत्मचरित भाग-1 प्रफुलचद्रं राय ‌


अन.ु आनंद पाण्डे 290

380 394 आत्मचरित भाग-2 प्रफुलचद्रं राय ‌


अन.ु आनंद पाण्डे 410

(24)
विभाग १४
भौतिक विज्ञान

आज के यगु में जब विज्ञान की बात की जाती है तो वह भौतिक विज्ञान ही होता है । विज्ञान का अर्थ बहुत
व्यापक है परंतु हमने उसे भौतिक विज्ञान तक सीमित कर दिया है ।
साथ ही भौतिक विज्ञान को समझने की हमारी पद्धति भी भारतीय नहीं है । इस विभाग के ग्रंथों में हमने भौतिक
विज्ञान की हिन्दू दृष्टि को प्रस्ततु करने का प्रयास किया है ।

381 395 सृष्टि की कथा डॉ. सत्यप्रकाश 200


382 396 पदार्थोपनिषद निरंजन शाह 355
383 397 पदार्थ शास्त्र भाग -1 आनन्द झा 245
384 398 पदार्थ शास्त्र भाग -2 आनन्द झा 365
385 399 पचं भतू विज्ञानम उपेन्द्रनाथ दास 250
386 400 देशकालमाप अरुणकु मार उपाध्याय 310
387 401 वैदिक अग्नि विद्या एवं जल विद्या श्रीपाद दामोदर सातवलेकर 280
388 402 पदार्थ और मन सभु ाष काक ‌
अन.ु डॉ. मोहनलाल वर्मा 190
389 403 नक्षत्र विज्ञान और नक्षत्रलोक विनायक खेडेकर ‌
अन.ु अनंत काइतवाड़े 205
390 404 भारतीय दर्शन में भौतिकवाद गिरिधारीलाल व्यास 265
391 406 प्राचीन भारत में रसायन का विकास भाग-1 डॉ. सत्यप्रकाश 290
392 407 प्राचीन भारत में रसायन का विकास भाग-2 डॉ. सत्यप्रकाश 235
393 408 प्राचीन भारत में रसायन का विकास भाग-3 डॉ. सत्यप्रकाश 325
394 409 प्राचीन भारत में रसायन का विकास भाग-4 डॉ. सत्यप्रकाश 400

(25)
विभाग १५
भाषा साहित्य
भाषा मनुष्य को मिला हुआ अद्भुत वरदान है । उसके जैसा बुद्धिविकास का, हृदय विकास का और कोई साधन
नहीं है । भाषा के माध्यम से साहित्य का सृजन होता है । आज हम इस अद्भुत वरदान की दुर्दशा करने पर उतारु हुए
हैं । यह ऐसी ही बात है जैसे हम मलू ्यवान हीरों को काँच के टुकड़े मानकर फैं क देते हैं ।
इस बात का महत्व समझने के लिये इन ग्रंथों का अध्ययन होना आवश्यक है ।

395 412 साहित्य का अध्यात्मशास्त्र प्रो सर्यू प्रसाद दीक्षित 365


396 413 २१ शताब्दी में संस्कृ त शिक्षा भाग-1 चांदकिरण सलजू ा 300
397 405 २१ शताब्दी में संस्कृ त शिक्षा भाग-2 चांदकिरण सलजू ा 355
398 414 शब्द विज्ञान भोलानाथ तिवारी 210
399 415 अर्थ विज्ञान और व्याकरण दर्शन भाग-1 कपिलदेव द्विवेदी 365
400 418 अर्थ विज्ञान और व्याकरण दर्शन भाग -2 कपिलदेव द्विवेदी 310
401 416 अक्षर विज्ञान पण्डित रघनु न्दन शर्मा 200
402 417 तमिल साहित्य का परिचय वी. पद्मावती 180
403 419 भारुड: विविध सतं ों का लोकसाहित्य विद्या कृष्णा लव्हेकर 210
404 420 महाकवियों की अमर रचनाएँ चक्रधर शर्मा 190
405 421 महाकवि सब्रु मणीयर भारतीयार का काव्य वी. पद्मावती 245
406 422 बहिणाई की कविता :एक अध्ययन प्रा. डॉ. प्रमिला भिरुड 365
407 287 उत्तर रामचरित्र नाटक सत्यनारायण शर्मा 265

विभाग १६
योग, सगं ीत, कला
योग भारत का विश्व को दिया गया अद्भुत उपहार है । संगीत ऐसी ही एक विलक्षण विद्या है । शिल्प, चित्र कला,
स्थापत्य आदि भी अपनी अनेक विशेषतायें लिये हुए हैं । इन सबका आधार अध्यात्म है । ये सब जीवन-विकास के
मार्ग हैं जिनका लक्ष्य मोक्ष है । इस भारतीय दृष्टि को प्रस्ततु करने वाले ग्थरं इस विभाग में दिये गये हैं ।

408 423 पातंजल योग सत्र


ू भाष्य बिमान पाल 235
409 424 योग सत्र
ू :एक परिचय डॉ. मनीषा गोदारा 355

(26)
410 427 मन और आत्मा योग सत्र ू और आधुनिक विज्ञान सभु ाष काक 180‌
अन.ु सनु ीता करकरे
411 429 प्राणायाम वर्तमान संदर्भ डॉ. संजय जागेश्वर खलतकर 265
412 430 आसन श्रीपाद दामोदर सातवलेकर 310
413 431 सगं ीत शास्त्र भाग-1 के . वासदु वे शास्त्री 325
414 432 संगीत शास्त्र भाग-2 के . वासदु वे शास्त्री 355
415 433 भारतीय संगीत का इतिहास भाग-1 उमेश जोशी 425
416 434 भारतीय संगीत का इतिहास भाग-2 उमेश जोशी 355
417 435 भारतीय सगं ीत और ससं ्कृ ति भाग-1 कावेरी मिश्रा 280
418 436 भारतीय संगीत और संस्कृ ति भाग-2 कावेरी मिश्रा 210
419 443 भारतीय संगीत की गौरवशाली उत्क्रांति प्रा. सधु ीर सराफ़ 275
420 445 विश्व इतिहास प्राचीन काल भाग -1 डॉ. रामप्रसाद त्रिपाठी 345
421 446 विश्व इतिहास प्राचीन काल भाग -2 डॉ. रामप्रसाद त्रिपाठी 300
422 447 कला और संस्कृ ति वासदु वे शरण अग्रवाल 375
423 448 कलात्मक विनोद : विविध कलाओ क ं ी जानकारी हजारीप्रसाद द्विवेदी 265
424 449 रमल विद्या के शावनन्द कौशल 270
425 451 शारीरिक कल्याण प्रसिद्ध नारायण 265
426 452 रावण भाष्यम ् डॉ. सधु ीरकु मार गप्तु 200
427 306 योग रसायणम एवं योग के चमत्कार ब्रह्मानंद स्वामी, रामनाथ "समु न " 265

विभाग १७
तत्वज्ञान
जीवन हो या जगत, उसके अस्तित्व के मल ू तत्त्व तो इने गिने ही होते हैं । भारत में तो वह एक ही है जिसे आत्मा
कहा गया है । इन मल ू तत्त्वों को जानने का विषय है तत्त्वज्ञान । तत्त्वज्ञान पदार्थों और घटनाओ कं े बनने की प्रक्रिया भी
समझाता है, सिद्धांत भी बताता है और सिद्धांत लाग क ू ै से हो रहे हैं यह भी बताता है । भिन्न दिखाई देने वाले पदार्थों
में एकत्व कै से है यह बताने का काम भी तत्त्वज्ञान ही करता है । ऐसे तत्त्वज्ञान के ग्रंथ इस विभाग में हैं ।

428 453 भारतीय जीवनदृष्टि अनघा अनिल ठोंबरे 190


429 454 भारतीय संकल्पना सत्र
ू इदं मु ति काटदरे 280
430 455 वैदिक विज्ञान और भारतीय ससं ्कृ ति भाग-1 गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी 265

(27)
431 464 वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृ ति भाग-2 गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी 300
432 456 वैदिक विश्वदर्शन भाग -1 पंडित हरिशक ं र जोशी 345
433 457 वैदिक विश्वदर्शन भाग -2 पडि
ं त हरिशक ं र जोशी 300
434 458 वैदिक विश्वदर्शन भाग -3 पंडित हरिशक ं र जोशी 320
435 459 वैदिक विश्वदर्शन भाग -4 पंडित हरिशक ं र जोशी 300
436 460 वैदिक विश्वदृष्टि डॉ. शक ं र भागवत चांदक े र 275
437 461 वैदिक बौद्ध सम्बद्ध डॉ. ल. का. मोहरीर 410‌
अन.ु मधुकर अधं ारे
438 462 वेदों मे यज्ञ डॉ. भाग्यलता पाटसकर 245
439 463 उपनिषद चितं न नरे श वेद 430
440 465 के न उपनिषद भाष्य श्रीपाद दामोदर सातवलेकर 200
441 466 उपनिषदों में आचार्य संकल्पना डॉ. अश्विनी यार्दी, ‌
अन.ु पीयषू बिड़वई 220
442 467 देवता विचार : सृष्टि के देवी, देवताओ क
ं ी संकल्पना अरुण कु मार उपाध्याय 320
443 468 तिरुमदि
ं रम भाग -1 सतं तिरुमल ू र‌
अन.ु आर. जे. सतं ोषकु मार 245
444 469 तिरुमदिं रम भाग -2 संत तिरुमल ू र‌
अन.ु आर. जे. संतोषकु मार 340
445 470 तिरुमदि ं रम भाग -3 संत तिरुमल ू र‌
अन.ु आर. जे. संतोषकु मार 290
446 471 तिरुमदि ं रम भाग -4 संत तिरुमल ू र‌
अन.ु आर. जे. संतोषकु मार 365
447 472 दैशिक शास्त्र बद्रीशाह ठुलघरिया 200
448 473 चिति एवं विराट मृदुला पाठक 265
449 474 एकात्म दर्शन भाग -1 रामेश्वर मिश्र "पंकज " 355
450 475 एकात्म दर्शन भाग -2 रामेश्वर मिश्र "पंकज " 375
451 476 एकात्म मानववाद : एक विश्ले षण रामकृष्ण सहस्रबद् ु धे 245
452 477 विश्व की विभिन्न विचार धाराओ का
ं तात्विक अधिष्ठान समरकु मार पाढ़ी 190
453 478 भारतीय दर्शन का इतिहास भाग -1 न. की. देवराज 220

(28)
454 479 भारतीय दर्शन का इतिहास भाग -2 न. की. देवराज 220
455 480 सन्त तुकाराम जी की जीवननिष्ठा डॉ. ल. का. मोहरीर 290
456 481 परुु षार्थ चतुष्टय कविता त्यागी 230
457 482 पाश्चात्य दर्शन गुलाबराय 355
458 483 विकास की भारतीय संकल्पना डॉ. रमा दत्तात्रेय गर्गे 145
459 484 द्वैत अद्वैत डॉ. रमा दत्तात्रेय गर्गे 160
460 486 प्राचीनता, पारंपारिकता, यगु ानुकू लता डॉ. प्रभाकर देव 170
461 487 कौटिल्यिय अर्थशास्त्र भाग-1 डॉ. मजं षू ा कुलकर्णी 280
462 488 कौटिल्यिय अर्थशास्त्र भाग-2 डॉ. मजं षू ा कुलकर्णी 255
463 437 प्रश्नोपनिषद : एकात्म जीवन की दृष्टि आर. मुकुं द क्रिष्नन 245
464 384 सक्ू ति त्रिवेणी - बौद्ध धारा भाग-1 उपाध्याय अमरमुनि 250
465 385 सक्ू ति त्रिवेणी- वैदिक धारा भाग-2 उपाध्याय अमरमुनि 250
466 386 सक्ू ति त्रिवेणी_ जैन धारा भाग-3 उपाध्याय अमरमुनि 250
467 387 पाश्चात् दार्शनिक ( प्लेटो से कामु तक) महेन्द्र कुलश्रेष्ठ 250

विभाग १८
गीता
भारत में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होना चाहिये जो गीता से परिचित न हो । गीता में श्री भगवान क्या कहते हैं यह
छोटे बच्चों से लेकर विद्वजनों को अवगत कराने का प्रयास इन ग्रंथों में हुआ है ।

468 490 सुलभ गीता सधु ा करंजगांवकर 465


469 491 गीता धर्म आचार्य काका कालेलकर ‌
अन.ु श्रीकांत काटदरे 390
470 493 ज्ञानेश्वरी भाग-1 ब्रह्मविद मायानन्द चैतन्य 255
471 494 ज्ञानेश्वरी भाग-2 ब्रह्मविद मायानन्द चैतन्य 410
472 495 ज्ञानेश्वरी भाग-3 ब्रह्मविद मायानन्द चैतन्य 315
473 496 गीता मथं न किशोरलाल घ. मशरुवाला ‌
अन.ु शक
ं रलाल वर्मा 430

(29)
474 440 सबके लिए गीता विजय कुलकर्णी 330
475 485 ज्ञानेश्वरी प्रसाद सरु े श जोशी (भैयाजी जोशी) 245
476 392 प्राचीन भगवद्दगीता मगं ला नंद जी परू ी 250

विभाग १९
वेदपुराण
भारत के विचारक्षेत्र में वेदों की बड़ी प्रतिष्ठा है । श्रद्धा के साथ कहा जाता है कि वेदोऽखिलो ज्ञानमल
ू म् अर्थात्
वेद समस्त ज्ञान का मल
ू है, विश्व में ज्ञान वेद के रूप में प्रकट हुआ । ईश्वर ने विविध रूप धारण किये उसी प्रकार ज्ञान
ने भी विविध रूप धारण किये जिससे अनेक प्रकार के शास्त्र बने । वेद, उपवेद, उपनिषद, परु ाण, काव्य आदि उसके
अनेक रूप हैं । काल के क्रम में ऐसी असंख्य रचनायें होती चली आ रही हैं जिनमें से कु छ ग्रंथों का समावेश इस
विभाग में हुआ है ।

477 497 वीर मरुतों का काव्य भाग-1 पं श्रीपाद दामोदर सातवलेकर 265
478 498 वीर मरुतों का काव्य भाग-2 पं श्रीपाद दामोदर सातवलेकर 300
479 499 महाभारतकालीन समाज भाग-1 सख ु मय भट्टाचार्य 450
480 500 महाभारतकालीन समाज भाग-2 सख ु मय भट्टाचार्य 375
481 501 महाभारतकालीन समाज भाग-3 सख ु मय भट्टाचार्य 240
482 502 भारत सावित्री भाग-1 वासदु वे शरण अग्रवाल 465
483 503 भारत सावित्री भाग-2 वासदु वे शरण अग्रवाल 340
484 504 भारत सावित्री भाग -3 वासदु वे शरण अग्रवाल 265
485 505 वैदिक कर्तव्यशास्त्र धर्मदेव 210
486 506 वैदिक समय की सैनिकी शिक्षा और रचना पं श्रीपाद दामोदर सातवलेकर 375
487 507 ऋग्वेद में नाट्यसंहिता लक्ष्मीकांत धोंड ‌
अन.ु शर्मिष्ठा कुलकर्णी 280
488 508 यजुर्वेद सभु ाषितावली पद्मश्री डॉ. कपिलदेव द्विवेदी 320
489 509 महाभारत का वास्तव दर्शन वरदानंदभारती 280
490 510 महाभारत कथा चक्रवती राजगोपालाचार्य ‌
अन.ु सोम सदंु रम 325
491 511 किशोरावस्था में भारतीय वांङ्‌मय का परिचय भाग-१ डॉ. प्रतिभा जायसवाल 240

(30)
492 512 यक्ष युधिष्ठर संवाद डॉ. दीपक कासारलीकर 300
493 513 परु ाण संदर्भ कोश भाग -1 पद्मिनी मेनन 360
494 514 परु ाण संदर्भ कोश भाग -2 पद्मिनी मेनन 330
495 515 श्रीमद्द भागवत में जीवन सवं ाद डॉ. विद्यासागर पाटाँगणकर 265
496 516 मनसु ्मृति की भमिका
ू स्वामी वरदानंद भारती ‌
अन.ु स्मिता दात्ये 210
497 517 किशोरावस्था में भारतीय वांङ्‌मय का परिचय भाग-२ डॉ. प्रतिभा जायसवाल 225
498 518 दो महाकाव्यों का सार लोचन प्रसाद 230

विभाग २०
इतिहास
‘धर्मार्थ काममोक्षाणामपु देशसमन्वितम् । परु ावृत्तं कथारूपनितिहासं प्रचक्षते ।।’ इस सत्र क
ू ो लेकर भारत में
इतिहास कथन चलता आ रहा है । प्रज्ञा के चरित्र की रक्षा का उद्देश्य इसमें है । ऐसी इतिहास दृष्टि को यरू ो अमरीकी
इतिहास दृष्टि ने ग्रसित कर लिया है । भारत की इतिहास दृष्टि से इतिहास का पुर्नलेखन भी एक महत्त्वपर्ण वि
ू षय है ।
भारत की दृष्टि से विश्व का दर्शन भी एक महत्त्वपर्ण वि
ू षय है । ऐसे विषयों की चर्चा करने वाले, जानकारी के साथ
साथ दृष्टि भी देने वाले ग्रंथ इस विभाग में हैं ।

499 492 विगत ४०० वर्षों के इतिहास का पनु र्लेखन भाग-2 डॉ. जयेशभाई कानजीभाई पनारा 235
500 519 इतिहास भारतीय दृष्टि डॉ. विनोदकु मार विलासराव वायचल 300
501 520 ब्रह्मा की वंशावली डॉ. ऋषिके श ठक्कर 250
502 522 गाहा सतसई लक्ष्मीकांत धौंड, ‌
अन.ु उर्मिला भांडरगे 190
503 523 वैदिक संस्कृ ति का इतिहास भाग -1 तर्क तीर्थ लक्ष्मणशास्त्री जोशी, ‌
अन.ु मो. दि. पराड़कर 225
504 524 वैदिक संस्कृ ति का इतिहास भाग -2 तर्क तीर्थ लक्ष्मणशास्त्री जोशी, ‌
अन.ु मो. दि. पराड़कर 290
505 525 वैदिक वांङमय का इतिहास पण्डित भगवदत्त 355
506 526 प्राचीन भारतवर्ष की सभ्यता का इतिहास भाग-1 रमेशचद्रं दत्त 280
507 527 प्राचीन भारतवर्ष की सभ्यता का इतिहास भाग-2 रमेशचद्रं दत्त 400
508 528 प्राचीन भारतवर्ष की सभ्यता का इतिहास भाग-3 रमेशचद्रं दत्त 400

(31)
509 529 पाणिनी कालीन भारत - भाग-1 वासदु वे शरण अग्रवाल 350
510 530 प्राचीन भारत का ऐतिहासिक भगू ोल भाग-1 बिमलचरण लाहा 345
511 531 प्राचीन भारत का ऐतिहासिक भगू ोल भाग-2 बिमलचरण लाहा 320
512 532 प्राचीन भारत का ऐतिहासिक भगू ोल भाग-3 बिमलचरण लाहा 230
513 533 आर्यावर्त का प्राचीन ईतिहास भाग-1 ठाकु र नगीनाराम परमार ‌
अन.ु ठाकु र रामसिंह 300
514 534 आर्यावर्त का प्राचीन इतिहास भाग-2 ठाकु र नगीनाराम परमार ‌
अन.ु ठाकु र रामसिंह 350
515 535 पाणिनी कालीन भारत - भाग-2 वासदु वे शरण अग्रवाल 250
516 536 पाणिनी कालीन भारत - भाग-3 वासदु वे शरण अग्रवाल 250
517 537 मध्ययगु ीन भारत का इतिहास भाग-1 चितं ामणी वैद्य 270
518 538 मध्ययगु ीन भारत का इतिहास भाग-2 चितं ामणी वैद्य 280
519 539 मध्ययगु ीन भारत का इतिहास भाग-3 चितं ामणी वैद्य 235
520 540 मध्ययगु ीन भारत का इतिहास भाग-4 चितं ामणी वैद्य 265
521 489 मध्ययगु ीन भारत का इतिहास भाग-5 चितं ामणी वैद्य 255
522 541 प्राचीन मुद्रा रायबहादरु ओझा, ‌
अन.ु रामचन्द्र वर्मा 300
523 542 भारत के हिन्दू सम्राट चद्रं राज भण्डारी 235
524 543 प्राचीन भारत की संग्रामिकता पं. रामदीन पांडेय 310
525 544 भारत : हजारों वर्षों की पराधीनता प्रो. रामेश्वर मिश्र 430‌
एक औपनिवेशिक भ्रमजाल प्रो. कु समु लता के डिया
526 545 भारत के देशी राज्य भाग-1 सख ु सम्पतिराय भडं ारी 340
527 546 भारत के देशी राज्य भाग-2 सख ु सम्पतिराय भडं ारी 280
528 547 भारत के देशी राज्य भाग-3 सख ु सम्पतिराय भडं ारी 265
529 548 तीन ऐतिहासिक दस्तावेज सत्यदेव, सोनम तोपगयाल, 300‌
नीरज यादव
530 549 विश्वव्यापिनी भारतीय संस्कृ ति डॉ. लता दानी ‌
अन.ु श्रीमती अनीता रस्तोगी 210
531 550 प्राचीन हिन्दू और मेक्सिको के डॉ. लता दानी ‌
एज्टेक लोग परस्पर सम्बन्ध अन.ु श्रीमती अनीता रस्तोगी 180

(32)
532 551 विजयनगर साम्राज्य वासदु वे उपाध्याय 335
533 552 राय हरिहर गणु वंतराय आचार्य, ‌
अन.ु सधु ा करंजगांवकर 225
534 553 बकु ्कराय गणु वंतराय आचार्य ‌
अन.ु सधु ा करंजगांवकर 365
535 554 कृष्णाजी नायक गणु वंतराय आचार्य ‌
अन.ु सधु ा करंजगांवकर 280
536 555 रायरे खा गणु वंत आचार्य ‌
अन.ु सधु ा करंजगांवकर 325
537 556 महाअमात्य माधव भाग -1 गणु वंतराय आचार्य ‌
अन.ु विद्या पसारी 210
538 557 महाअमात्य माधव भाग -2 गणु वतं राय आचार्य ‌
अन.ु विद्या पसारी 280
539 558 महाअमात्य माधव भाग -3 गणु वतं राय आचार्य ‌
अन.ु चारुता पिपालपरु े 245
540 560 हरारी गणु वतं राय आचार्य ‌
अन.ु डॉ. महेश बापट 365
541 561 सक्करबार गणु वंत आचार्य ‌
अन.ु प्रेरणा भट्टड 335
542 562 सरफ़रोश गणु वंतराय आचार्य ‌
अन.ु विद्या पसारी 310
543 563 सरगोस गणु वंतराय आचार्य ‌
अन.ु शांतिलाल भद्र 300
544 564 विगत ४०० वर्षों के इतिहास का पनु र्लेखन भाग-1 डॉ. जयेशभाई कानजीभाई पनारा 235
545 565 पंजाबी वीर भीमसेन विद्यालंकार 290
546 566 भारतीय इतिहास के स्मरणीय पृष्ठ स्नेहल जोशी 290
547 567 भारत भ्रमण भाग-1 साधचु रण प्रसाद 390
548 568 भारत भ्रमण भाग -2 साधचु रण प्रसाद 300
549 569 हिमालय का प्रवास काका कालेलकर ‌
अन.ु वैद्य पारुल जोशी 400
550 570 हिमालय परिचय भाग-1 राहुल सांकृ त्यायन 365

(33)
551 571 हिमालय परिचय भाग-2 राहुल सांकृ त्यायन 165
552 572 हिमालय परिचय भाग-3 राहुल सांकृ त्यायन 235
553 573 घमु क्कड़ शास्त्र राहुल सांकृ त्यायन 190
554 738 कल्हण कृ त राजतरंगिणी भाग-1 रघनु ाथ सिंह 320
555 746 कल्हण कृ त राजतरंगिणी भाग-2 रघनु ाथ सिंह 315
556 747 कल्हण कृ त राजतरंगिणी भाग-3 रघनु ाथ सिंह 280
557 748 कल्हण कृ त राजतरंगिणी भाग-4 रघनु ाथ सिंह 255
558 749 कल्हण कृ त राजतरंगिणी भाग-5 रघनु ाथ सिहं 300
559 163 प्राचीन भारतीय न्यायव्यवस्था डॉ. मजं षू ा कुलकर्णी 170
560 410 साम्यवाद भाग-1 बाबू रामचद्रं वर्मा 250
561 411 साम्यवाद भाग-2 बाबू रामचद्रं वर्मा 250
562 425 भारत और कंबजु बैजनाथ परू ी 250
563 426 गांधीवाद यशपाल

विभाग २१
ज्ञान स्त्रोत ग्रंथों के सक्
ं षेप
भारतीय ज्ञानधारा जिन शास्त्रग्रंथों में सरु क्षित है ऐसे ग्रंथ हैं वेद, वेदांग, उपवेद, ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद,
परु ाण आदि आज के यगु में हमने इन शास्त्रग्रंथों की उपेक्षा की है । जीवन के मखु ्य प्रवाह से इन्हें अलग कर दिया
है । अतः देश इन ग्रंथों में जो ज्ञानविचार प्रस्ततु है उससे नहीं चलता । इन्हे मखु ्य धारा में लाने के लिये इनका परिचय
होना आवश्यक है । ऐसा परिचय सभीको हो इस हेतु से इस विभाग के ग्थरं प्रस्ततु हैं ।

564 574 संक्षिप्त ऋग्वेद भव शर्मा, हरी पालवे 120


565 575 संक्षिप्त यजुर्वेद रामराज्य उपाध्याय 190
566 576 सामवेद स्वरूप एवं वैशिष्टय डॉ. चद्रें श उपाध्याय 230
567 577 अथर्ववेद एक परिचय डॉ. माधवी शेखर गोडबोले 265
568 578 वाल्मिकीय रामकथा भाग-1 आशा दवे 290
569 615 वाल्मिकीय रामकथा भाग -2 आशा दवे 290
570 616 वाल्मिकीय रामकथा भाग -3 आशा दवे 270
571 579 शिक्षा और प्रातिशाक्य निर्मला कुलकर्णी 250
572 581 वेदांग ज्योतिष प्रो. डॉ. जयश्री साठे 220
573 582 निरुक्त एवं छंद डॉ. भाग्यलता पाटसकर 125

(34)
574 583 शतपथ ब्राह्मण ओका ं र सेलुकर 245
575 584 ब्राहमण ग्रंथ परिचय (ऐतरे य, तैत्तिरीय, शांखायन व गोपथ) डॉ. भाग्यलता पाटसकर 170
576 585 आरण्यक अकि ं त रावल 125
577 586 उपनिषद भाग -1 वंदना द्विवेदी 250
578 587 उपनिषद भाग-2 अश्विनी यार्दी ‌
अन.ु अजं ली नांदड़े कर 250
579 588 उपनिषद भाग -3 आशालता गुर्जर, भावना बालते‌
भारती बालते 190
580 589 आयुर्वेद वैद्य रुता खांडेकर, नितिन पांडव, 300‌
भार्गव जातेगावकर
581 590 स्कं द परु ाण भाग-1 सी. पी. मिश्र 290
582 594 स्कं द परु ाण भाग-2 सी. पी. मिश्र 290
583 603 स्कं द परु ाण भाग-3 सी. पी. मिश्र 290
584 591 नाट्यशास्त्र डॉ. मजषू ा गोखले 170
585 593 अलंकार शास्त्र जयंती त्रिपाठी 310
586 595 ब्रह्म परु ाण कु मदु धर्माधिकारी 280
587 596 विष्णुपरु ाण राधेश्याम शर्मा 270
588 597 भागवत परु ाण प्रद्मयु नाचार्य 365
589 598 कूर्म परु ाण राधेश्याम शर्मा 265
590 599 वामन परु ाण मोहनलाल जोशी 220
591 600 वराह परु ाण राधेश्याम शर्मा 210
592 601 लिङ्ग परु ाण राधेश्याम शर्मा 185
593 602 पद्म परु ाण भाग-1 नंदकिशोर सारस्वत, 310‌
उमाकांत व्यास, मोहनलाल जोशी
594 592 पद्म परु ाण भाग-2 नंदकिशोर सारस्वत, 300‌
उमाकांत व्यास, मोहनलाल जोशी
595 559 पद्म परु ाण भाग-3 नंदकिशोर सारस्वत, 280‌
उमाकांत व्यास, मोहनलाल जोशी
596 604 मार्क ण्डेय परु ाण डॉ. विश्वमोहिनी पाण्डेय 180
597 605 गरुड परु ाण मोहनलाल जोशी, 300‌
छगनलाल गोयल, डॉ. विभति ू जोशी
598 606 भविष्य परु ाण भाग -1 कोमल हार्दिक व्यास, राधेश्याम शर्मा 290

(35)
599 650 भविष्य परु ाण भाग -2 कोमल हार्दिक व्यास, राधेश्याम शर्मा 300
600 607 ब्रह्मवैवर्त परु ाण राधेश्याम शर्मा 475
601 608 देवी भागवत परु ाण कु मुदिनी फे गड़े 265
602 609 मत्स्य परु ाण सरु े खा अनिल बोंडे 280
603 610 अग्नि परु ाण सरु े खा अनिल बोंडे 290
604 611 शिव परु ाण सरु े खा अनिल बोंडे 290
605 612 नारदपरु ाण कु मुदिनी फे गड़े 220
606 613 देवल स्मृति तथा अन्य संपा -माधवी नरसाले 490
607 614 स्मृति ग्थरं मजं षू ा कुलकर्णी 280
608 617 योगवाशिष्ठ भाग-1 आशा दवे 315
609 618 योगवाशिष्ठ भाग-2 आशा दवे 380
610 619 संक्षिप्त महाभारत भाग-1 (आदि पर्व -सभा पर्व ) मोहनलाल जोशी 345
611 620 सक्षि
ं प्त महाभारत भाग-2 (वन पर्व -पर्वार्ध
ू ) मोहनलाल जोशी, नंदकिशोर सारस्वत 270
612 621 संक्षिप्त महाभारत भाग-3 (वन पर्व -उत्तरार्ध, विराट पर्व ) मोहनलाल जोशी 270
613 622 सक्षि
ं प्त महाभारत भाग-4 (उद्योग पर्व ) मोहनलाल जोशी, 310‌
गिरधरलाल नांदड़, सश ु ीला बोहरा, ‌
चद्रं शेखर सोनी
614 623 सक्षिं प्त महाभारत भाग-5 (भीष्म पर्व ) डॉ. रमाकान्त त्रिपाठी 265
615 624 संक्षिप्त महाभारत भाग-6 (द्रोण पर्व ) डॉ. रमाकान्त त्रिपाठी, 300‌
कमला राजपरु ोहित, संतोष व्यास
616 625 महाभारत भाग -7 (कर्ण पर्व, शल्य पर्व, सौप्तिक पर्व नन्द किशोर सारस्वत, गायत्री जोशी, 335‌
संतोष व्यास, वंदना तापड़िया
617 626 महाभारत भाग-8 (शान्ति पर्व -पर्वार्ध
ू ) उमाकांत व्यास, गायत्री जोशी, 315‌
कौशल्या खत्री, रे खा खत्री
618 627 महाभारत भाग-9 (शान्ति पर्व -उत्तरार्ध ) मधबु ाला शर्मा, गायत्री जोशी, 315‌
मोहनलाल जोशी
619 628 महाभारत भाग-10 (अनश ु ासन पर्व ) गायत्री जोशी, मोहनलाल जोशी 310
620 629 महाभारत भाग -11 (आश्वमेधीक पर्व, आश्रम वासिक डॉ. राधिका लढ्ढा 310
621 659 महाभारत भाग -12 डॉ. राधिका लढ्ढा 280
622 630 आर्ष वांङमय का संक्षिप्त परिचय भाग -1 ब्रजमोहन रामदेव 320
623 631 आर्ष वांङमय का संक्षिप्त परिचय भाग -2 ब्रजमोहन रामदेव 275
624 632 आर्ष वांङमय का सक्षि ं प्त परिचय भाग -3 ब्रजमोहन रामदेव 275

(36)
625 633 न्याय दर्शन डॉ. उदय कु मठे कर ‌
अन.ु अनंत काइतवाड़े 280
626 634 वैशषिक
े दर्शन डॉ. उदय कु मठे कर 355
627 635 सांख्य दर्शन डॉ. उदय कु मठे कर 200
628 636 योग दर्शन डॉ. उदय कु मठे कर ‌
अन.ु मृणालिनी देशपांडे 315
629 637 मीमांसा दर्शन डॉ. उदय कु मठे कर ‌
अन.ु अनंत काइतवाड़े 230
630 638 वेदान्त दर्शन डॉ. उदय कु मठे कर ‌
अन.ु माधरु ी खरडेनविस 145
631 639 चार्वाक दर्शन डॉ. उदय कु मठे कर ‌
अन.ु अनंत काइतवाड़े 200
632 640 बौद्ध दर्शन डॉ. उदय कु मठे कर 245‌
अन.ु अजय बोकिल
633 641 जैन दर्शन डॉ. उदय कु मठे कर 200
634 441 स्तोत्र वाङ्गमय रे वा कुलकर्णी 345

विभाग २२
सघं एवं विविध क्षेत्र
२१ वी शताब्दी में धर्म की, राष्ट्र की, हिन्दुत्व की बात करने वाला, उसकी प्रतिष्ठा के लिये प्रयास करने वाला
कोई संगठन है तो वह है राष्ट्रीय स्वयंसेवकसंघ तथा उससे अनुप्राणित होकर काम करने वाले आनषु गिक ं संगठन ।
परंतु जानबझू कर अथवा अज्ञान से उसे गलत ढंग से समझने वालों की और उसके प्रति शत्तरु ा रखने वालों की भी
कमी नहीं है । इस स्थिति में सघं तथा अन्य सगं ठनों के बारे में सम्यक् जानकारी प्रस्ततु करना आवश्यक है । इस बात
को ध्यान में रखकर ही इस विभाग के ग्रंथों का प्रणयन किया गया है ।

635 642 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का इतिहास और सेवाकार्य डॉ. प्रकाश करमरकर ‌
अन.ु विद्या पसारी 180
636 643 संघ कार्य के विविध आयाम गोविंद हडप, सत्यप्रकाश मिश्रा, 280‌
डॉ. अखिलानंद पाठक, लक्ष्मीकांत गंजेवाल,‌
बिपिनचद्रं , डॉ. श्यामबाबु गप्तु
637 644 सघं विचार के विविध आयाम विनोदकु मार सिन्हा, दिलिप सेनाड,‌
रतनचदं शारदा 245

(37)
638 645 संघ के सरसंघचालक भाग-1 विरे न्द्र याज्ञिक, राधिका लठ्ठा‌
दिनेश प्रताप सिंह 245
639 646 संघ के सरसंघचालक भाग-2 रत्नचदं सरदाना, दिनेश प्रताप सिंह‌
गोविंद हडप 255
640 647 राष्ट्र सेविका समिति सुलभा देशपांडे, शशि भगेल 300‌
संपा -डॉ. शरद रे णू
641 648 अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ और भा. शि. मण्डल महेन्द्र कपरु , मुकुल कानीटकर 270
642 649 शिक्षा संस्कृ ति उत्थान न्यास विकास यात्रा सं. अतुल कोठारी 255
643 651 संस्कार भारती अभिजीत गोखले 200
644 652 आरोग्य भारती डॉ. अशोक वार्ष्णेय 300
645 653 क्रीडा भारती राज चौधरी 165
646 654 भारतीय मजदरू सघं ब्रजेश उपाध्याय 265
647 655 लघु उद्योग भारती प्रकाशचद्रं 245
648 656 अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत संपादन 245
649 657 सक्षम स्वाती धारे , कमलाकांत पाण्डेय, 170‌
सरु े श पाटील, प्रेमसागर गुप्ता
650 658 राष्ट्रीय सिक्ख संगत अविनाश जयस्वाल 180
651 660 भारतीय किसान सघं एक परिचय दिनेश कुलकर्णी 230
652 521 भारतीय स्त्री शक्ति कु मदु भार्गव 245
653 662 अखिल भारतीय साहित्य परिषद श्रीधर पराडकर 355
654 361 राष्ट्रीय स्वयसेवक सघं एवं डॉ. ज्योति बिडलान 340‌
भारतीय राजनीति : एक अध्ययन

विभाग २३
सांस्कृतिक परिचय
हमारे देश की राजकीय, आर्थिक, भौगोलिक राज्यनीतिक पहचान तो बहुत करवाई जाती है परंतु सांस्कृ तिक
पहचान नहीं करवाई जाती । जीवन विकास हेतु सांस्कृ तिक पहचान होना आवश्यक है । इस दृष्टि से कु छ राज्यों का
सांस्कृ तिक परिचय करवाने का प्रयास इस विभाग के ग्थरं ों में किया गया है ।

655 661 कश्मीर एक अवलोकन ३७० से पर्व ू और पश्चात डॉ. अरुण करमरकर ‌
अन.ु चद्रं कांत मोघे 245
656 663 हरिभमि
ू : हरियाणा का सांस्कृ तिक परिचय भाग -1 डॉ. अतुल यादव 245

(38)
657 664 हरिभमि ू : हरियाणा का सांस्कृ तिक परिचय भाग -2 डॉ. अतुल यादव 300
658 665 राजधानी:दिल्ली का सांस्कृ तिक परिचय कविता त्यागी 145
659 666 देवभमि ू : उत्तराखडं का परिचय देवेश मिश्रा 190
660 667 क्रांति बंग : पश्चिम बंगाल का सांस्कृ तिक परिचय डॉ. ऋषिके श राय 265
661 668 समृद्धि वन : झारखडं का सांस्कृ तिक परिचय संपा. डॉ. समु नलता 335
662 669 के रल संस्कृ ति एन. वेंकटेश्वरन 310
663 670 गोवा का सांस्कृ तिक परिचय विद्या प्रभु दसे ाई 230
664 671 गोवा ससं ्कृ तिबंध विनायक खेडेकर ‌
अन.ु विद्या पसारी 225
665 672 पधारो म्हारे देश : राजस्थान का सांस्कृ तिक परिचय विजयसिंह माली 350

विभाग २४
मनोविज्ञान
मनोविज्ञान ऐसा विषय हैं जिसके बारे में कहा जा रहा है कि भारत में मनोविज्ञान विषय का विकास ही नहीं
हुआ है इसलिये भारतीय मनोविज्ञान जैसी किसी संकल्पना का अस्तित्व ही नहीं है । जबकि भारतीय मनोविज्ञान एक
अत्यंत विकसित विषय में वास्तव में प्रतिष्ठित है । भारत के ज्ञानक्षेत्र में अब, भले ही धीरे धीरे परंतु निश्चित रूप से
उसका परिचय हो रहा है । इस विभाग में इस भारतीय मनोविज्ञान का परिचय करवाने वाले ग्रंथ प्रस्ततु हैं ।

666 674 योग मनोविज्ञान भाग-1 शांतिप्रसाद 465


667 675 योग मनोविज्ञान भाग-2 शांतिप्रसाद 325
668 676 संस्कार विज्ञान पं. पी. एन. पट्टाभिराम शास्त्री 365
669 677 मानस रसायन विश्वबन्धु‌
अन.ु अल्पा डोडिया 190
670 678 ब्रह्मचर्य विज्ञान जगन्नारायणदेव शर्मा 345
671 679 ब्रह्मचर्य साधना स्वामी शिवानंद सरस्वती 225
672 680 मन को साधने के उपाय डॉ. मफ़तलाल पटेल 300
673 681 मानसोंन्नति गो. मा. गणफुले 375‌
अनु दिनेश शर्मा
674 682 मनोरंजन की भारतीय सक ं ल्पना कल्पेश पटेल 180

(39)
675 683 सख
ु कहाँ है मुनि उदयवल्लभ विजयजी, ‌
अन.ु रे वती डागा 235
676 438 आत्म विकास आनंद कु मार 250

विभाग २५
पूर्वोत्तर भारत
दरू पर्व
ू में भारत में जहाँ सर्य
ू भगवान प्रवेश करते हैं वह वन्य अरुणिमा का प्रदेश पर्ू वोत्तर भारत देश का अत्यंत
रम्य संदु र और समृद्ध प्रदेश है । हम उनसे बहुत दरू रहे हैं । भारत के उस भभू ाग से समरस होने हेतु उन राज्यों के लेखकों
की रचनायें इस विभाग में प्रस्ततु हैं ।

677 684 अरुणोदय : अरुणाचल प्रदेश का सांस्कृ तिक परिचय डॉ. तारों सिंदीक 235
678 685 नागभमि ू : नागालेंड का सांस्कृ तिक परिचय पकं ज सिन्हा 210
679 686 तिवा और बोड़ो जनजातियों की लोक-ससं ्कृ ति मयरू ी मजमू दार 240
680 687 उत्तरपर्व ू ांचल की लोक ससं ्कृ ति डॉ. सत्यजित कलिता 290
681 688 असमिया लोक ससं ्कृ ति सत्यजीत कलिता 255
682 689 मगं ोलिया बोड़ो जनजाति उदीप्त तालुकदार 150
683 690 डिमाचा जनजाति और लोकसाहित्य डॉ. देवेनचन्द्र दास "सदु ामा " 250
684 691 प्राचीन कामरुप की धर्मधारा डॉ. वाणिकांत काकित ‌
अन.ु भपू ेन्द्र रॉय चौधरी 180
685 692 महान असमिया डॉ. सत्यजित कलिता 210
686 693 असमा सषु मा निरुपमा डॉ. देवेनचन्द्र दास "सदु ामा " 155
687 694 पर्ू वोत्तर भारत की झलक डॉ. निरंजन भट्टाचार्य ‌
अन.ु वसंत पंत 245
688 695 असम के सतं महापरुु ष शक ं रदेव और माधवदेव डॉ. सत्यजित कलिता 255
689 696 त्रिपरु सदंु री क्षेत्र : त्रिपरु ा का सांस्कृ तिक परिचय डॉ. मिलनरानी जमातीया 425
690 697 हमारा सिक्किम डॉ. श्यामसदंु र त्रिपाठी 200
691 698 सनातन परम्परा के सवं ाहक -नागा समाज पक
ं ज सिन्हा 200
692 699 भारतीय लोक ससं ्कृ ति और और असम के बीहूगीत डॉ. नवकान्त शर्मा 180
693 701 असमिया लोक साहित्य डॉ. हरे राम पाठक 255

(40)
विभाग २६
धर्मपाल समग्र लेखन
सत्रहवीं शताब्दी से बीसवीं शताब्दी के पर्वार्ध
ू तक भारत में ब्रिटिश शासन रहा । प्रारंभ तो उसका छन्दवेश
में हुआ, धीरे धीरे उसका आधिपत्य बढता गया और भारत स्वाधीन होने तक वह राष्ट्र के व्यक्तित्व में आतं र्बाह्य
ओतप्रोत हो गया । हम बाह्यतः स्वाधीन हो गये, अब आतं रिक रूप में भी स्वाधीन बनने की प्रक्रिया चल रही है । इस
परू ी स्थिति का निरूपण धर्मपालजी के इन ग्रंथों में किया गया है ।

694 702 धर्मपाल साहित्य एक विश्ले षणात्मक विवेचन डॉ. अशोक मोड़क ‌
अन.ु डॉ. चद्रं कांत विष्णु मोघे 325
695 703 धर्मपाल संक्षिप्त सम्पादन - विपुल रावल 280
696 704 भारतीय चित्त मानस एव काल धर्मपाल 175
697 705 १८ शताब्दी में भारत में विज्ञान एवं तंत्रज्ञान धर्मपाल ‌
अन.ु घनानन्द शर्मा, 275‌
रामगोपाल सिंह
698 706 भारतीय परंपरा में असहयोग धर्मपाल, ‌
अन.ु दुर्गासिंह 170
699 707 रमणीय वृक्ष : १८ वी शताब्दी में भारतीय शिक्षा धर्मपाल, ‌
अन.ु रजनीकान्त जोशी 375
700 708 पंचायत राज एवं भारतीय राजतंत्र धर्मपाल, ‌
अन.ु नवनीत ठक्कर 295
701 709 भारत में गो हत्या का अग्ं रेजी मुल धर्मपाल, रामगोपाल सिंह जदोइन 375
702 710 भारत की लटू एवं बदनामी धर्मपाल,‌
अन.ु रामगोपाल सिंह 200
703 711 गांधी को समझे धर्मपाल, ‌
अन.ु इदं मु ति काटदरे 125
704 712 भारत की परंपरा धर्मपाल 150
705 713 भारत का पनु रबोध धर्मपाल, ‌
अन.ु के शा तिवारी, 260‌
विजय तिवारी

(41)
विभाग २७
व्यायाम ज्ञान कोश
भारत में दैनंदिन जीवन में व्यायाम अनसु ्यूत था । खेलोें में व्यायाम घुला हुआ था । स्वतंत्र रूप में भी व्यायाम
सामान्य जनजीवन में ओतप्रोत था । आज न उसकी जानकारी है, न प्रचलन, न सोच, पनु ः वे परिचय में आयें इस हेतु
से इस विभाग के ग्रंथ प्रस्ततु हैं ।

706 714 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 1.1 दत्तात्रय चितं ामण मजु मू दार ‌
अन.ु सधु ा करंजगांवकर 250
707 715 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 1.2 दत्तात्रेय चितं ामण मजु मू दार ‌
अन.ु सधु ा करंजगांवकर 340
708 716 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 2.1 दत्तात्रेय चितं ामण मजु मू दार ‌
अन.ु सनु ीति कारुलकर 280
709 717 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 2.2 दत्तात्रेय चितं ामण मजु मू दार ‌
अन.ु सनु ीति कारुलकर 370
710 718 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 3.1 दत्तात्रेय चितं ामण मजु मू दार ‌
अन.ु सरु े खा बोंडे 310
711 719 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 3.2 दत्तात्रेय चितं ामण मजु मू दार ‌
अन.ु सरु े खा बोंडे 310
712 720 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 4.1 ले. दत्तात्रय चितं ामण मजु मु दार ‌
अन.ु प्रकाश कोपर्डे 275
713 721 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 4.2 ले. दत्तात्रय चितं ामण मजु मु दार ‌
अन.ु दिलीप राणे 280
714 722 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 5.1 ले. दत्तात्रय चितं ामण मजु मु दार ‌
अन.ु सरु े खा बोंडे 280
715 723 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 5.2 ले. दत्तात्रय चितं ामण मजु मु दार ‌
अन.ु सरु े खा बोंडे 300
716 724 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 6.1 ले. दत्तात्रय चितं ामण मजु मु दार ‌
अन.ु दिलीप राणे 370
717 725 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 6.2 ले. दत्तात्रय चितं ामण मजु मु दार ‌
अन.ु दिलीप राणे 280
718 726 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 7.1 ले. दत्तात्रय चितं ामण मजु मु दार ‌

(42)
अन.ु शभु दा लोंढे 310
719 727 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 7.2 ले. दत्तात्रय चितं ामण मजु मु दार ‌
अन.ु सुचित्रा गाडगिल 275
720 728 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 8.1 ले. दत्तात्रय चितं ामण मजु मु दार ‌
अन.ु चारूता पिपलापरु े 280
721 729 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 8.2 ले. दत्तात्रय चितं ामण मजु मु दार ‌
अन.ु चारूता पिपलापरु े 300
722 730 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 9.1 ले. दत्तात्रय चितं ामण मजु मु दार ‌
अन.ु ज्योति कुलकर्णी 300
723 731 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 9.2 ले. दत्तात्रय चितं ामण मजु मु दार ‌
अन.ु ज्योति कुलकर्णी 300
724 732 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 10.1 दत्तात्रेय चितं ामण मजमू दार‌
अन.ु शांतिलाल भद्र 260
725 733 व्यायाम ज्ञानकोष भाग - 10.2 दत्तात्रेय चितं ामण मजमू दार‌
अन.ु शांतिलाल भद्र, दिलीप राणे 210

विभाग २८
चरित्र
मनुष्य प्रेरणा ग्रहण करने वाला प्राणी है । उसके सामने हमेशा आदर्श चरित्र रहता है जिसके जैसा वह बनना
चाहता है । मनुष्य ऐसे चरित्रों का गणु संकीर्तन करना भी पसंद करता है । ऐसे ही कु छ चरित्र यहाँ दिये गये हैं ।

726 734 योगेश्वर कृष्ण चमपू ति शास्त्री 320


727 735 भगवान श्रीकृष्ण एक दर्शन स्वामी वरदानंद भारती 340
728 736 भगवान श्रीकृष्ण भाग-1 पं बालशास्त्री हरदास 280
729 737 भगवान श्री कृष्ण भाग -2 पं बालशास्त्री हरदास 280
730 739 श्रीमतं शक ं रदेव : व्यक्तित्व और कृतित्व डॉ. भपू ेन्द्र राय चौधरी 205
731 741 चन्द्रगप्तु मौर्य जयशक ं र प्रसाद 290
732 742 जयोऽस्तु ते (स्वांतत्र्यवीर सावरकर का चरित्र )-1 शभु ांगी भड़भड़े ‌
अन.ु श्रीनिवास लिमये, 300‌
कु मुदिनी फे गड़े

(43)
733 743 जयोऽस्तु ते (स्वांतत्र्यवीर सावरकर का चरित्र )-2 शभु ांगी भड़भड़े ‌
अन.ु श्रीनिवास लिमये, 315‌
कु मुदिनी फे गड़े
734 740 जयोऽस्तु ते (स्वांतत्र्यवीर सावरकर का चरित्र )-3 शभु ांगी भड़भड़े ‌
अन.ु श्रीनिवास लिमये, 190‌
कु मुदिनी फे गड़े
735 744 जंगम विद्यापीठ भाग-1 रवीन्द्र के लेकर 390‌
(एक शिक्षक और शिक्षा शास्त्री का प्रेरक चरित्र)
736 745 जंगम विद्यापीठ भाग-2 रवीन्द्र के लेकर 390‌
(एक शिक्षक और शिक्षा शास्त्री का प्रेरक चरित्र)
737 442 रमन महर्षि आयोर आसवॉन 265
738 673 आत्मवीर सुकरात बृजमोहन शर्मा 265
739 700 स्वामी रामतिर्थ बदरीदत्त जोशी 265

विभाग २९
दिनमान
740 222 दिनमान - चैत्र इन्दुमति काटदरे 400
741 223 दिनमान - वैशाख इन्दुमति काटदरे 400
742 224 दिनमान - ज्येष्ठ इन्दुमति काटदरे 400
743 225 दिनमान - आषाढ़ इन्दुमति काटदरे 400
744 226 दिनमान - श्रावण इन्दुमति काटदरे 400
745 227 दिनमान - भाद्रपद इन्दुमति काटदरे 400
746 228 दिनमान - आश्विन इन्दुमति काटदरे 400
747 229 दिनमान - कार्तिक इन्दुमति काटदरे 400
748 230 दिनमान - मार्गशीर्ष इन्दुमति काटदरे 400
749 232 दिनमान - पौष इन्दुमति काटदरे 400
750 233 दिनमान - माघ इन्दुमति काटदरे 400
751 439 दिनमान - फाल्गुन इन्दुमति काटदरे 400‌

(44)
विभाग ३०
आलेखग्रंथ
व्यक्तिजीवन और राष्ट्रीजवन के विभिन्न आयामों का विचार इन आलेखग्रंथों में सत्रू रूप में किया गया है ।
एकसाथ इन्हे देखने से विभिन्न विषय किस प्रकार एकदसू रे के साथ समन्वित होकर प्रस्ततु होते हैं यह ध्यान में आता
है । समग्रता में विचार करने का तरीका भी समझ में आता है । ज्ञान का और ज्ञान आधारित रचना का समग्र स्वरूप
भी ध्यान में आता है । इस दृष्टि से इन आलेख ग्रंथों का उपयोग है ।

752 752 भारतीय संस्कृ ति का विश्व संचार भाग -1 दयाल जी गोहेल 300
753 753 भारतीय संस्कृ ति का विश्व संचार भाग -2 दयाल जी गोहेल 300
754 754 भारतीय ससं ्कृ ति का विश्व सचं ार भाग -3 दयाल जी गोहेल 300
755 755 भारतीय संस्कृ ति का विश्व संचार भाग -4 दयाल जी गोहेल 300
756 756 भारतीय संस्कृ ति का विश्व संचार भाग -5 दयाल जी गोहेल 300
757 757 भारतीय संस्कृ ति का विश्व संचार भाग -6 दयाल जी गोहेल 300
758 758 भारतीय ससं ्कृ ति का विश्व सचं ार भाग -7 दयाल जी गोहेल 300
759 759 भारतीय संस्कृ ति का विश्व संचार भाग -8 दयाल जी गोहेल 300
760 760 भारतीय संस्कृ ति का विश्व संचार भाग -9 दयाल जी गोहेल 300
761 761 भारतीय संस्कृ ति का विश्व संचार भाग -10 दयाल जी गोहेल 300
762 762 भारतीय संस्कृ ति का विश्व संचार भाग -11 दयाल जी गोहेल 300
763 763 भारतीय ससं ्कृ ति का विश्व सचं ार भाग -12 दयाल जी गोहेल 300
764 764 भारतीय संस्कृ ति का विश्व संचार भाग -13 दयाल जी गोहेल 300
765 765 भारतीय संस्कृ ति का विश्व संचार भाग -14 दयाल जी गोहेल 300
766 766 भारतीय संस्कृ ति का विश्व संचार भाग -15 दयाल जी गोहेल 300
767 767 सांस्कृ तिक भारत का मानचित्र दयाल जी गोहेल 300
768 768 भारत का सांस्कृ तिक ऐतिहासिक परिचय -1 दयाल जी गोहेल 300
769 769 भारत का सांस्कृ तिक ऐतिहासिक परिचय -2 दयाल जी गोहेल 300
770 770 ब्रह्मा की वंशावली दयाल जी गोहेल 300
771 771 भारतीय आध्यात्मिक संकल्पनाएं -1 इन्दुमति काटदरे 300
772 772 भारतीय आध्यात्मिक सक ं ल्पनाएं -2 इन्दुमति काटदरे 300

(45)
773 773 भारतीय सांस्कृ तिक संकल्पनाएँ-१ इन्दुमति काटदरे 300
774 774 भारतीय सांस्कृ तिक सक
ं ल्पनाएँ-२ इन्दुमति काटदरे 300
775 775 भारतीय धार्मिक संकल्पनाएँ-१ इन्दुमति काटदरे 300
776 776 भारतीय धार्मिक संकल्पनाएँ-२ इन्दुमति काटदरे 300
777 777 भारतीय सामाजिक सक
ं ल्पनाएँ-१ इन्दुमति काटदरे 300
778 778 भारतीय सामाजिक संकल्पनाएँ-२ इन्दुमति काटदरे 300
779 779 भारतीय मनोवैज्ञानिक संकल्पनाएँ-१ इन्दुमति काटदरे 300
780 780 भारतीय मनोवैज्ञानिक सक
ं ल्पनाएँ-२ इन्दुमति काटदरे 300
781 781 भारतीय विज्ञान संकल्पनाएँ-१ इन्दुमति काटदरे 300
782 782 भारतीय विज्ञान संकल्पनाएँ-२ इन्दुमति काटदरे 300
783 783 भारतीय तंत्रज्ञान सक
ं ल्पनाएँ-१ इन्दुमति काटदरे 300
784 784 भारतीय तंत्रज्ञान संकल्पनाएँ-२ इन्दुमति काटदरे 300
785 785 भारतीय आर्थिक संकल्पनाएँ-१ इन्दुमति काटदरे 300
786 786 भारतीय आर्थिक संकल्पनाएँ-२ इन्दुमति काटदरे 300
787 787 भारतीय राजकीय संकल्पनाएँ-१ इन्दुमति काटदरे 300
788 788 भारतीय राजकीय संकल्पनाएँ-२ इन्दुमति काटदरे 300
789 789 भारतीय शैक्षिक संकल्पनाएँ-१ इन्दुमति काटदरे 300
790 790 भारतीय शैक्षिक संकल्पनाएँ-२ इन्दुमति काटदरे 300
791 791 राष्ट्रसत्र
ू इन्दुमति काटदरे 300
792 792 पंचात्मा सत्र
ू इन्दुमति काटदरे 300
793 793 धर्म परुु षार्थ सत्र
ू इन्दुमति काटदरे 300
794 794 अर्थपरुु षार्थ सत्र
ू इन्दुमति काटदरे 300
795 795 कामपरुु षार्थसत्र
ू इन्दुमति काटदरे 300
796 796 मोक्षपरुु षार्थ सत्र
ू इन्दुमति काटदरे 300
797 797 गृहसत्र
ू इन्दुमति काटदरे 300
798 798 स्वास्थ्यसत्र
ू इन्दुमति काटदरे 300
799 799 शिक्षासत्र
ू इन्दुमति काटदरे 300

(46)
800 800 ज्ञानसंपदा के स्रोतग्रंथ इन्दुमति काटदरे 300
801 801 श्रीमद‌् भगवद‌ग् ीतोपनिषद इन्दुमति काटदरे 300
802 802 हिन्दुत्व इन्दुमति काटदरे 300
803 803 हिन्दू समाज व्यवस्था के मल
ू तत्त्व इन्दुमति काटदरे 300
804 804 शास्त्रों का अगं ांगी सबं ंध इन्दुमति काटदरे 300
805 805 संस्कारमय गर्भावस्था इन्दुमति काटदरे 300
806 806 लालनयोग्य शिशअ
ु वस्था इन्दुमति काटदरे 300
807 807 क्रियाशील बालअवस्था इन्दुमति काटदरे 300
808 808 ताडनक्षम किशोरावस्था इन्दुमति काटदरे 300
809 809 साधनामय यवु ावस्था इन्दुमति काटदरे 300
810 810 रसपर्ण
ू गृहस्थाश्रमी यवु ावस्था इन्दुमति काटदरे 300
811 811 पौरुषपर्ण प्रौढ़ा
ू वस्था इन्दुमति काटदरे 300
812 812 परिपक्व वानप्रस्थ प्रौढ़ावस्था इन्दुमति काटदरे 300
813 813 रमणीय वृद्धावस्था-१ इन्दुमति काटदरे 300
814 814 रमणीय वृद्धावस्था-२ इन्दुमति काटदरे 300
815 815 गृहस्थाश्रमी का समाजधर्म वंदना फड़के 300
816 816 समाजधर्म सक्ू तिमाला वंदना फड़के 300
817 817 उचित अर्थव्यवहार वंदना फड़के 300
818 818 शिशु चित्र कथाएँ वंदना फड़के 300
819 819 बालआहार चित्रकथाएँ वंदना फड़के 300
820 820 मासानमु ास आहार योजना उत्तम माहेश्वरी 300
821 821 आहारशास्त्र वंदना फड़के 300
822 822 भारतीय शिक्षा के मल
ू तत्त्व इन्दुमति काटदरे 300
823 823 शिक्षा का भारतीय प्रतिमान वदं ना फड़के 300
824 824 शिक्षा के द्वारा समग्र विकास वंदना फड़के 300
825 825 सख
ु समृद्धि हेतु करणीय कार्य (व्यक्तिगत) वंदना फड़के 300
826 826 सख
ु समृद्धि हेतु करणीय कार्य (परिवार) वदं ना फड़के 300

(47)
827 827 सख
ु समृद्धि हेतु करणीय कार्य (विद्यालय) वंदना फड़के 300
828 828 सख
ु समृद्धि हेतु करणीय कार्य (समाज) वदं ना फड़के 300
829 829 बालकों के साथ जीयें वंदना फड़के 300
830 830 हिन्दू जीवन शैली वंदना फड़के 300
831 831 हमारी जीवनशैली के सत्र
ू वंदना फड़के 300
832 832 विकास की भारतीय संकल्पना इन्दुमति काटदरे 300
833 833 भारतीय शिक्षा की पनु र्र चना के सत्र
ू इन्दुमति काटदरे 300
834 834 कर्तव्य धर्म के सत्र दिल
ू ीप के लकर 300
835 835 भारतीय परिवार : सक
ं ल्पना एवं स्वरूप वदं ना फड़के 300
836 836 जटिल प्रश्नों के सरल उत्तर वंदना फड़के 300
837 837 सेमटिका
े सरु का नाश इन्दुमति काटदरे 300
838 838 आत्मनिर्भर भारत और विद्यालयीन शिक्षा इन्दुमति काटदरे 300
839 839 सृष्टि के पंचतत्त्व वंदना फड़के 300
840 840 यज्ञ वदं ना फड़के 300
841 841 पर्यावरण प्रतिज्ञा वंदना फड़के 300
842 842 आकाश में क्या है वंदना फड़के 300
843 843 पंचमहाभतू वंदना फड़के 300
844 844 सृष्टि के देवीदेवता वंदना फड़के 300
845 845 भारत के विभिन्न जलवायु क्षेत्र विपुल रावल 300
846 846 वृष्टिविवरण विपुल रावल 300
847 847 मृदा एवं जैव विविधता विपुल रावल 300
848 848 ५६२ देशी राज्य जिनका १९४७ में प्रजातांत्रिक ‌
भारत में विलीनीकरण हुआ भाग-१ विपुल रावल 300
849 849 ५६२ देशी राज्य जिनका १९४७ में प्रजातांत्रिक ‌
भारत में विलीनीकरण हुआ भाग-२ विपुल रावल 300
850 850 एकात्मविज्ञान इन्दुमति काटदरे 300
851 851 प्रकृति को प्रसन्न रखें समीर गायकर 300

(48)
विभाग ३१
भारतीय ज्ञान पाठावली
l यह एक विशिष्ट विभाग है ।
l इस विभाग में कुल दो सौ ग्थरं हैं ।
l इनमें अधिकांश संपादित ग्रंथ हैं साथ ही कु छ अनवु ाद के , कु छ पनु ः प्रकाशन के और कु छ लेखन के भी हैं ।
l ये विभिन्न आयवु र्ग के छात्रों के लिये, शोधकर्ताओ क ं े लिये, विद्वज्जनों के लिये और सर्वसामान्य जिज्ञासओ
ु क
ं े
लिये हैं ।
l इनमें दस श्रेणियाँ हैं जिनका विवरण इस प्रकार हैं...
क्रम श्रेणी ग्रंथसख
ं ्या किनके लिये
१. अकुं र ११ ५ और ६ वर्ष वर्ष के छात्र
२. पल्लव १३ ७ और ८ वर्ष के छात्र
३. तीर्थ १५ ९ और १० वर्ष के छात्र
४. प्रसाद १७ ११ और १२ वर्ष के छात्र
५. धृति १९ १३, १४, १५ वर्ष के छात्र
६. धारणा २१ १६ और १७ वर्ष के छात्र
७. मेधा २३ १८, १९, २० वर्ष के छात्र
८. प्रज्ञा २५ प्रबुद्धजन, विद्वज्जन
९. चिति २७ शैक्षिक शोधकर्ता
१०. परिधि २९ सर्व जिज्ञासजु न
l प्रथम सात श्रेणी के ग्रंथ छोटी छोटी पुस्तिकाओ ं में विभाजित हैं । इनका विवरण इस प्रकार है...
क्रम श्रेणी ग्रंथ पुस्तिका कुल पुस्तिका
१. अकुं र ११ १० ११०
२. पल्लव १३ ८ १०४
३. तीर्थ १५ ६ ९०
४. प्रसाद १७ ५ ८५
५. धृति १९ ४ ७६
६. धारणा २१ ३ ६३
७. मेधा २३ २ ४६

(49)
८. प्रज्ञा २५ १ २५
९. चिति २७ १ २७
१०. परिधि २९ १ २९
l इन ग्थ रं ों का के न्द्रवर्ती विषय भारत है । भारतीय जीवनदृष्टि, भारतीय ससं ्कृ ति, भारतीय ज्ञानसपं दा का ज्ञान छोटी
आयु से ही छात्रों को प्राप्त हो इसका प्रयास इन पुस्तिकाओ ं में किया गया है ।
l इन पुस्तिकाओ ं में वेदमत्र ं हैं, सभु ाषित हैं, गीता और उपनिषद हैं, कहानी है, गीत है, नाटक है, चरित्र है, निबंध
हैं ।
l इन पुस्तिकाओ क ं ो पढने का अवसर हर छात्र को प्राप्त करवाया जाय ऐसा हमारा आग्रह पर्वक नि ू वेदन है ।

१. अंकुर श्रेणी
852 852 बादल बरसे रिमझिम सं. नियति सप्रे 400
853 853 रंगों का दरबार सं. नियति सप्रे 400
854 854 भारत की माटी सं. नियति सप्रे 400
855 855 भगवान ने कहा सं. नियति सप्रे 400
856 856 स्वयं करके देखो सं. नियति सप्रे 400
857 857 प्राणियों की सभा स.ं नियति सप्रे 400
858 858 बाल चाणक्य वाचन पोथी भारत कथा इन्दुमति काटदरे ‌
अन.ु चेतन गोयल 495
859 859 बाल चाणक्य वाचन पोथी रामकथा इन्दुमति काटदरे ‌
अन.ु चेतन गोयल 450
860 860 बाल चाणक्य वाचन पोथी कृष्णकथा इन्दुमति काटदरे ‌
अन.ु प्रफुल्ल दबु े 450
861 861 बाल चाणक्य वाचन पोथी महाभारत कथा इन्दुमति काटदरे ‌
अन.ु चेतन गोयल 450
862 862 स्वस्थ शरीर संदु र शरीर सं. नियति सप्रे 485

२. पल्लव श्रेणी
863 863 सेवा सं. नियति सप्रे 360
864 864 प्रकृति और जीवन स.ं नियति सप्रे 360

(50)
865 865 क्या करें क्या न करें सं. नियति सप्रे 410
866 866 अद्भुत गाय सं. नियति सप्रे 405
867 867 सनु ो कथा श्रीराम की इन्दुमति काटदरे 360
868 868 मैं गाता हू ँ इन्दुमति काटदरे 360
869 869 आहारकथा इन्दुमति काटदरे 360
870 870 सृष्टीकथा इन्दुमति काटदरे 360
871 871 वागीशा इन्दुमति काटदरे 360
872 872 पर्यावरण प्रतिज्ञा स.ं नियति सप्रे 400
873 873 मैं पढ़ता हूँ गीता इन्दुमति काटदरे 360
874 874 दिखता भिन्न होता एक स.ं नियति सप्रे 420
875 875 विज्ञान अनभु व दीपा सुले 360

३. तीर्थ श्रेणी
876 876 पणु ्य का फल चेतन गोयल ‌
अन.ु सगं ीता चौधरी 330
877 877 गृह पसु ्तकालय संपादक इन्दुमति काटदरे 190
878 878 हमने पछू ी कृष्ण ने कही गीता इन्दुमति काटदरे 315
879 879 असली नकली सं. नियति सप्रे 310
880 880 प्रकृति को प्रसन्न रखें सं. नियति सप्रे 330
881 881 खेल खेल में विज्ञान द. ल. पदे ‌
अन.ु बालासाहेब भागवत 330
882 882 जहाँ देखो वहाँ ॐ सं. नियति सप्रे 390
883 883 आनंदोत्सव मोहनलाल जोशी 330
884 884 चक्र की कमाल सं. नियति सप्रे 410
885 885 गायमाता जीवनदाता सं. नियति सप्रे 335
886 886 ससं ्कार समु न प्रा. हेमतं गोखले ‌
अन.ु वर्षा देशपांडे 330
887 887 संकल्प और दायित्व अपर्णा शर्मा 330
888 888 झमू ो नाचो गाओ इदं मु ति काटदरे 330

(51)
889 889 चौबीस बजे हरिप्रसाद व्यास ‌
अन.ु जलपा रूधानी, कमलेस पटेल, निमिषा
बाबरिया, के तन, के तन किशोरभाई 330
890 890 श्रीमान भुलक्कड़ हरिप्रसाद व्यास ‌
अन.ु जलपा रूधानी, कमलेस पटेल, निमिषा
बाबरिया, के तन, के तन किशोरभाई 330

४. प्रसाद श्रेणी
891 891 कृष्णकथामृत -१ रूपनारायण पांडे, राधेश्याम शर्मा 265
892 892 कृष्णकथामृत -२ रूपनारायण पांडे राधेश्याम शर्मा 265
893 893 अनोखी पाठशाला सं. प्रकाश कृष्णा कोपार्डे 320
894 894 ज्ञानगंगा सं. नियति सप्रे 325
895 895 आनंद सरिता सम्पादन 325
896 896 विज्ञान के उपकरण और प्रयोग -१ भालबा के लकर ‌
अन.ु कु मुदिनी फे गड़े 295
897 897 भारतीय वैज्ञानिक भालबा के लकर ‌
अन.ु सधु ा करंजगांवकर 325
898 898 अभयदान मुनि कन्हैयालाल 310
899 899 विज्ञान के उपकरण और प्रयोग -२ भालबा के लकर ‌
अन.ु कु मुदिनी फे गड़े 225
900 900 भारत मेखला कु मुदिनी फे गड़े 325
901 901 मोबाइल का मनोगत सं. इन्दुमति काटदरे 310
902 902 पद्म सरोवर इन्दुमति काटदरे 310
903 903 झझं ट या चनु ौती सं. इन्दुमति काटदरे 325
904 904 वन्य अरुणिमा -१ वन्या परमार 325
905 905 वन्य अरुणिमा -२ वन्या परमार 325
906 906 वन्य अरुणिमा -३ वन्या परमार 325
907 907 बाल इजं ीनियर सं. इन्दुमति काटदरे 310

(52)
५. धृति श्रेणी
908 908 सत्य सं. नियति सप्रे 300
909 909 भारतीय जीवन सं. इन्दुमति काटदरे हर्षना शाह 300
910 910 संगीत का चमत्कार सं. नियति सप्रे 300
911 911 शरू वनवासी सं. ज्योति भिलेगांवकर 300
912 912 भारत वर्ष का आर्थिक भगू ोल नारायण अग्रवाल 300
913 913 पढ़ना सहु ाता है दिलीप बेतके कर, ‌
अन.ु श्रीरंग गोखले 270
914 914 उतिष्ठ भारत श्वेता श्रीकांत पवनीकर 305
915 915 संकल्प सं. नियति सप्रे 330
916 916 पंचात्मा सं. नियति सप्रे 345
917 917 छात्र विद्वत परिषद इन्दुमति काटदरे 345
918 918 खर्च का विवेक स्मिता पींगे 300
919 919 बुद्धि की श्रेष्ठता स.ं नियति सप्रे 300
920 920 आत्मबल सं. नियति सप्रे 300
921 921 पर्ण वि
ू जय का संकल्प सं. नियति सप्रे 300
922 922 जीवन का मोह सं. नियति सप्रे 300
923 923 हार की जीत सं. नियति सप्रे 300
924 924 गरुु दक्षिणा सं. नियति सप्रे 300
925 925 महत्व की बात सं. नियति सप्रे 300
926 926 भारतीय पक्षी परिचय दिलीप यार्दी, ‌
अन.ु ज्योति पिटके , सरु े खा बोंडे 300

६. धारणा श्रेणी
927 927 चमत्कार से. नियति सप्रे 300
928 928 सही शब्द सही अर्थ से. नियति सप्रे 300
929 929 शरणागत सं. नियति सप्रे 300
930 930 सुकर्मा स.ं नियति सप्रे 300

(53)
931 931 स्वर्ण निर्झर से. नियति सप्रे 300
932 932 देश विदेश सं. नियति सप्रे 300
933 933 अपना के शव रचयिता - रत्नचदं सरदाना 300
934 934 अपना माधव रचयिता - रत्नचदं सरदाना 300
935 935 पर्जन्य संगीत श्रीकांत स. वर्तक ‌
अन.ु दीपाली बिरारी 300
936 936 हिन्दू धर्म परिचय प्रा. आनंदशक ं र ध्वरु ‌
अन.ु डॉ. कविता शर्मा 265
937 937 दीप यँू ही जलते रहें डॉ. राधिका लदढ़ा 365
938 938 बृहद भारत की ऐतिहासिक कथाए ं डॉ. शरद हेबालकर अनवु ाद, चद्रं कांत मोघे
340
939 939 राष्ट्र चेतना का शख ं नाद रंजना चितले 245
940 940 ग्रहनक्षत्र त्रिवेणिप्रसाद सिंह 300
941 941 दृष्टि, उपलब्धि एवं व्यवहार इन्दुमति काटदरे 300
942 942 हमारे राष्ट्र निर्माता श्यामसंदु र त्रिपाठी 300
943 943 बोध कथाए ं स.ं नियति सप्रे 300
944 944 राष्ट्र भावना के गीत स.ं रमेश वाढेर, जितेंद्र शाह 300
945 945 हे गीता इन्दुमति काटदरे , लता अग्रवाल 305
946 946 भारत का सत्व अमोल नलेगांवकर, पनू म मिश्रा 315
947 947 जीवन पथ दर्शक सभु ाषित सं. विद्या पसारी 300

७. मेधा श्रेणी
948 948 चेतना के स्वर सं. नियति सप्रे 300
949 949 कर्म संस्कृ ति सं. नियति सप्रे 300
950 950 संस्कृ ति के आधार सं. नियति सप्रे 300
951 951 विराट की जागृति सं. नियति सप्रे 300
952 952 प्राणमय आत्मा सं. नियति सप्रे 300
953 953 शरीरमाध्यं खलु धर्मसाधनम सं. नियति सप्रे 300
954 954 गीता प्रसाद इन्दुमति काटदरे 300

(54)
955 955 सगु ंध पुष्पों की लेखक-हनमु ान प्रसाद शर्मा, चद्रं मौलि सुकुल
300
956 956 विश्व परिचय रवीन्द्रनाथ ठाकु र, अनजु ा सोनसले 290
957 957 विश्वसभ्यता दीपाली पाटवडकर, 315‌
रामेश्वरप्रसाद मिश्र, कु समु लता के डिया
958 958 शिवप्रताप ओमप्रकाश शर्मा, ताराचरण अग्निहोत्री 305
959 959 पराक्रम हो तो ऐसा रामशक ं र त्रिपाठी 300
960 960 ऋषि पंचकम शभु ांगी भड़भड़े 300
961 961 भारत को जाने डॉ. नरे श वेद 300
962 962 यवु ा और सेवा सभु ाषचद्रं बस,ु विजयसिंह माली 340
963 963 परु ाणों को समझें से. नियति सप्रे, चित्रा मोहरीर 300
964 964 अर्थ विचार डॉ. बजरंगलाल गप्तु 300
965 965 दो स्वांतत्र्य योद्धा लेखक-जगदबं ा मल्ल, 350‌
विजयसिंह माली
966 966 पजू ा हो तो ऐसी दीनानाथ बत्रा 300
967 967 राष्ट्र जीवन का अधिष्ठान तषु ार नेने, डॉ. वीरें द्र हेगड़े 300
968 968 पराक्रम गाथा स.ं प्रो. खजान सिहं 300
969 969 दो विज्ञान ऋषि आनंद पांडे 250
970 970 वेद संस्कृ ति संपादक समीर गायकर 315

८. प्रज्ञा श्रेणी
971 971 मनीषीवाणी भाग-1 सं. तषु ार नेने 280
972 972 मनीषीवाणी भाग-2 सं. तषु ार नेने 275
973 973 सधु ीवाणी सं. नियति सप्रे 240
974 974 भारत का वैज्ञानिक चितं न सरु े श सोनी 280
975 975 हम हिन्दू है सं. सजु ाता पाटील, रामचन्द्र भोसले 315
976 976 संघ शिक्षा वर्ग बौद्धिक भाग-1 सं. समीर गायकर 280
977 977 संघ शिक्षा वर्ग बौद्धिक भाग-2 सं. समीर गायकर 335
978 978 एकात्म मानववाद एक समग्र चितं न स.ं समीर गायकर 360

(55)
979 979 वह काल सं. समीर गायकर 165
980 980 व्यावहारिक अर्थ चितं न स.ं समीर गायकर 210
981 981 भारत हिन्दू राष्ट्र सं. इन्दुमति काटदरे 265
982 982 संघ विचार दर्शन सं. नियति सप्रे 290
983 983 समाज चितं न स.ं समीर गायकर 280
984 984 चितं न प्रवाह सं. समीर गायकर 265
985 985 कार्यकर्ता गणु विकास सं. समीर गायकर 255
986 986 समाज सगं ठन स.ं मृदुला पाठक 315
987 987 समझे भारत को सं. नियति सप्रे 265
988 988 भारत बोध सं. नियति सप्रे, चित्रा मोहरीर 300
989 989 वैदिक व्याख्यानमाला प.ं श्रीपाद दामोदर सातवलेकर 315
990 990 संस्कृ ति व्याख्यान पंचक पंडित मोतीलाल 335
991 991 मथं न सं. नियति सप्रे 315
992 992 उद्योग प्रधान देश स.ं आशीषकु मार गुप्ता 225
993 993 संकट और संकट से मुक्ति सं. नियति सप्रे 300
994 994 यगु ानुकू ल विचार सं. नियति सप्रे 300
995 995 अध्यात्म चितं न संपादक नियति सप्रे 290

९. चिति श्रेणी
996 996 चिति चितं नम सं. इन्दुमति काटदरे 265
997 997 समग्र विकास सं. इन्दुमति काटदरे 265
998 998 स्वायत्त शिक्षा सं. इन्दुमति काटदरे 265
999 999 पाठ्यक्रम और विषयवस् तु स.ं इन्दुमति काटदरे 265
1000 1000 ज्ञानसक ं ल्पना स.ं इन्दुमति काटदरे , वासदु वे प्रजापति 250
1001 1001 परिवार शिक्षा स.ं इन्दुमति काटदरे 265
1002 1002 राष्ट्रीय शिक्षा स.ं इन्दुमति काटदरे 265
1003 1003 धर्मानसु ारिणी शिक्षा स.ं इन्दुमति काटदरे , वासदु वे प्रजापति 250

(56)
1004 1004 शिक्षा : भारतीय दृष्टि स.ं इन्दुमति काटदरे , वासदु वे प्रजापति 280
1005 1005 एकात्म मानव दर्शन शिक्षा सं. इन्दुमति काटदरे , वासदु वे प्रजापति‌
व्रजमोहन रामदेव 265
1006 1006 भाषा चितं न सं. इन्दुमति काटदरे , 265‌
वासदु वे प्रजापति, डॉ. ल. का. मोहरीर
1007 1007 समाज, राज्य, अर्थ, विधि, शिक्षा स.ं इन्दुमति काटदरे , 265‌
वासदु वे प्रजापति, दिलिप के लकर
1008 1008 जीवन व्यवहार में धर्म की अभिव्यक्ति स.ं सी. पी. मिश्र 265
1009 1009 शिक्षा विमर्श स.ं इन्दुमति काटदरे 265
1010 1010 हिन्दू दर्शन और हिन्दू भौतिक विज्ञान से. इन्दुमति काटदरे 265
1011 1011 इतिहास पनु रवलोकन भाग-1 स.ं नियति सप्रे 265
1012 1012 इतिहास पनु रवलोकन भाग-2 स.ं नियति सप्रे 265
1013 1013 भारतीय विज्ञान के कर्णधार भाग-1 डॉ. सत्यप्रकाश डी. 280
1014 1014 भारतीय विज्ञान के कर्णधार भाग-2 डॉ. सत्यप्रकाश डी. 310
1015 1015 भारतीय विज्ञान के कर्णधार भाग-3 डॉ. सत्यप्रकाश डी. 300
1016 1016 परु ाणार्गत वैज्ञानिक विवेचन एव चिकि
ं त्सक अध्ययन डॉ. स्वानंद गजानन पणु ्ड 300
1017 1017 हिन्दू भौतिक विज्ञान स.ं डॉ. रे खा परमार 265
1018 1018 राष्ट्र चिति विमर्श सं. नियति सप्रे 265
1019 1019 इतिहास दृष्टि सं. नियति सप्रे 295
1020 1020 तीन चितं नीय विषय सं. नियति सप्रे 300
1021 1021 एकात्म दर्शन पर आधारित कक्षा तीन से सं. भरत धोकाई 255‌
चौदह वर्ष के छात्रों के लिये पाठ्यक्रम
1022 1022 गांधी दर्शन पर आधारित कक्षा एक से स.ं भरत धोकाई 220‌
आठ का पाठ्यक्रम

१०. परिधि श्रेणी


1023 1023 बातें परिवार की सं. वंदना फडके 290
1024 1024 पावनी (जीवन के अनभु वों की कविताओ का
ं सग्रं ह ) डॉ. कांतिदेवी बालासहब लोधी 265
1025 1025 कल्पवृक्ष वासदु वे शरण अग्रवाल 265

(57)
1026 1026 हिन्दू जीवन सं. नियति सप्रे 280
1027 1027 जागो, देखो, करो सं. इन्दुमति काटदरे 280
1028 1028 वन्यकथा मधुकर लिमये 235
1029 1029 पुत्र भारती के स्वानन्द पडंु 280
1030 1030 बीज बनेगा वृक्ष राधिका लदढ़ा 280
1031 1031 गृह उपयोगी बातें सं. नियति सप्रे 280
1032 1032 जड़ की बाते जैनेन्द्र कु मार 255
1033 1033 स्थूल, सक्ू ष्म, कारण शरीर से. इन्दुमति काटदरे 300
1034 1034 प्राचीन भारत के प्रसाधन अत्रिदेव विदयलंकार 245
1035 1035 यम और नियम (मलू ्यनिष्ठ जीवन के आधार ) पं धर्मपाल शास्त्री 265
1036 1036 परिवार गोष्ठी इन्दुमति काटदरे 280
1037 1037 स्वहित सरणी स्वामी वरदानंद भारती 310
1038 1038 अनपु म कहानियाँ श्यामकु मारी 280
1039 1039 विचार पाथेय सं. नियति सप्रे 265
1040 1040 स्वाधीन भारत की उपलब्धियाँ सं. डॉ. निधि देउस्कर, 265‌
मधरु ा भागवत
1041 1041 अधिकार एवं कर्तव्य सजु ीत कु मार श्रीवास्तव 330
1042 1042 स्मृति श्लोक सग्रं ह अलका भावठाणकर 235
1043 1043 व्यक्ति वैचित्र्य प.ु ल. देशपांडे ‌
अजं लि नांदडे कर, वसंत आपटे 290
1044 1044 झीनी रे खा नियति सप्रे 280
1045 1045 चितं न चिरंतन सं. सनु ील देवधर 245
1046 1046 विचार प्रवाह सं. नियति सप्रे 265
1047 1047 भारत के त्योहार सरु े शचद्रं शर्मा 280
1048 1048 अच्छी बातें वीरें द्र हेगड़े ‌
अन.ु प्रीति धीमान, चारुलता ठाकु र, 265‌
चद्रिका
ं एस., विश्वकसेन पात्रा
1049 1049 श्रद्धा, अधं श्रद्धा और राष्ट्रधर्म लीना मेहदं ले, योगेश्वर कस्रतु े 280
1050 1050 वेदोऽखिलो ज्ञानमल ू म ् से. डॉ. रे खा परमार 290
1051 1051 दिया जलाना कहाँ मना है । संदीप जोशी 245

(58)
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24 `y_fyÐ\p_ rhÛp`uW$-2 (rhQpf A_¡ õhê$`_u Tp„Mu L$fphsp¡ `qfQe) 15.00
25 `y_fyÐ\p_ rhÛp`uW$-3 (rhQpf A_¡ õhê$`_u Tp„Mu L$fphsp¡ `qfQe) 15.00
26 fpô²$ue rinZ : k„L$ë`_p A_¡ õhê$` 25.00
(ArMg cpfsue rhÜs¹ Np¡›$u_p„ h¼sìep¡_y„ k„L$g_)
27 ^ râT_ õhpdu dy¼sp_„v$ 15.00
28 v$¥riL$ip÷ bv$fuipl Wy$gOqfep 200.00

`yÎec|rd cpfs k„õL©$rs hpQ_dpmp


k„`yV$ iuj®L$ g¡ML$ qL„$ds
v$¥_„qv$_ D`ep¡N_u hõsyAp¡
1.1 v$p„s v$pX$d_u L$mu Qpfysp `u`mp`yf¡ 10.00
1.2 lº„ sp¡ _plu ^p¡C_¡ Qp¡¿Mp¡ Qpfysp `u`mp`yf¡ 15.00
1.3 hpm guku L$pmu ipg CÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
1.4 `NfMp„_u `k„v$Nu CÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
1.5 Ag„L$pfp¡_p¡ TmlmpV$ CÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
1.6 s__y„ Y$p„L$Z L$`X$p„ Djp dpgk¡ 15.00
1.7 g¡M_ kpdN°u Apip \p_L$u, d^y fp„L$ 15.00
1.8 Ap`Zp dv$v$Npf e„Óp¡ CÞvy$drs L$pV$v$f¡ 20.00
1.9 Q¾$_u L$dpg Nrs_u ^dpg BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
1.10fdL$X$p„_u vy$r_ep CÞvy$drs L$pV$v$f¡ 10.00

(62)
L©$rsiug v$¡ic[¼s
2.1 L$p¡gp b_ph¡ lpX$L$p„ `p¡gp f[íd_ `yfp¡rls 15.00
2.2 dpZk Å¡CA¡ diu_ _l] qv$gu` L¡$mL$f 25.00
2.3 v$fÆL$pL$p L$`X$p„ kuh¡ cfs ^p¡L$pC 15.00
2.4 L$QL$X$p_y„ L$X$X$X$... L$X$ cpN-1 S>fip 25.00
2.5 L$fL$X$p_y„ L$X$X$X$... L$X$ cpN-2 S>fip 25.00
2.6 S>s_ L$fp¡ hpkyv$¡h âÅ`rs 15.00
2.7 Mp¡V$p MQp® V$pmp¡ Ar_sp Ly$gL$Z} 20.00
2.8 v$¡ic[¼s Å¡CA¡ v$¡iÖp¡l _l] k[ÃQv$p_„v$ aX$L¡$ 20.00
2.9 V$u.hu. _l] V$u.V$u. Sy>Ap¡ l_u klpesp 20.00
2.10ApX¡$^X$ MpAp¡ dp„v$p \C ÅAp¡ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
ifufdpÛ„ Mgy ^d®kp^_„
3.1 ifuf AÅeb e„Ó `pfyg Å¡iu 15.00
3.2 õhÃR> ifuf ky„v$f ifuf Ar_sp Ly$gL$Z} 10.00
3.3 EW$ép\u KÂep ky^u BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 10.00
3.4 F>syAp¡_u dÅ F>sp `fdpf 25.00
3.5 iy„ L$fy„ iy„ _p L$fy„ rhÛp `kpfu 20.00
3.6 d_ cfu_¡ MpAp¡ spÅdpÅ \pAp¡ dpgv$p_cpC bpfp¡V$ 20.00
3.7 KO_p¡ Åvy$ l_u klpesp 10.00
3.8 Qpgp¡ fduA¡ hpkyv$¡h âÅ`rs 20.00
3.9 lp\ Ly$im L$pfuNf spfp lpshmZ¡ 10.00
3.10S>s_ L$fp¡ ifuf_y„ rhÛp `kpfu 20.00
`ep®hfZ
4.1 S>¡ t`X$dp„ s¡ b°ûp„X$dp„ gÿdZ dp¡lfuf 15.00
4.2 `ep®hfZ A_¡ Ap`Z¡ CÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00

(63)
4.3 kyMu L$fp¡ kyMu \pAp¡ CÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
4.4 Ap`Zp kp\u _¡ k„Np\u h©n A_¡ h_õ`rs Nusp `V¡$g 25.00
4.5 Ly$v$fs_¡ Nd¡ s¡hy„ CÞvy$drs L$pV$v$f¡ 20.00
4.6 Akgu _L$gu CÞvy$drs L$pV$v$f¡ 20.00
4.7 Of _„v$_h_ qv$gu` L¡$mL$f 20.00
4.8 Ap`Ï„ `ep®hfZ gÿdZ dp¡lfuf 15.00
4.9 õhÃR> k©rô$ õhpõÕe h©qÙ Ar_sp Ly$gL$Z} 15.00
4.10`ep®hfZ ârsop Nusp `V¡$g 15.00
dpfp Ofdp„ Ap sp¡ Å¡CA¡ S>
5.1 sygku Of_u ip¡cp f[íd_ `yfp¡rls 20.00
5.2 L$X$hp¡ gudX$p¡ duW$u R>p„e d^yL$f A„^pf¡ 20.00
5.3 Npedpsp Æh_v$psp CÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
5.4 Æh_v$pre_u N„Np dp^yfu v$¡i`p„X¡$ 20.00
5.5 Ou A¡V$g¡ Ou CÞvy$drs L$pV$v$f¡ 20.00
5.6 `fbX$uA¡ `pf¡hX$p„ drZgpg A¡d. îudpmu 10.00
5.7 Nusp gÿdZ dp¡lfuf 20.00
5.8 eo CÞvy$drs L$pV$v$f¡ 20.00
5.9 Npe_p„ R>pZ, R>pZp„ _¡ fpM S>fip 25.00
Ofdp„ fpM, fpM _¡ fpM
5.10Ap„NrZe¡ rhkpdp¡ Nusp `V¡$g 10.00
Npe
6.1 NphX$u dpfu dphX$u CÞvy$drs L$pV$v$f¡ 10.00
6.2 v$¡iu Npe rhv$¡iu Npe BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
6.3 `„QNìe S>fip 15.00
6.4 R>pZ kp¡_p_u MpZ S>fip 15.00

(64)
6.5 Av¹$cys Npe rls¡i Å_u 15.00
6.6 kp„cmp¡ Npe_p¡ `p¡L$pf BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 20.00
6.7 d_y bÞep¡ Np¡`pg BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
6.8 Ad¡ cpfshpku Npep¡ rls¡i Å_u 15.00
6.9 Np¡rhop_ rls¡i Å_u 25.00
6.10Np¡^_ S>fip 20.00
MNp¡m - c|Np¡m
7.1 kde kf¡ R>¡ v$epmÆ Np¡l¡g 20.00
7.2 `„Qp„N cpN-1 S>fip 25.00
7.3 `„Qp„N cpN-2 S>fip 25.00
7.4 ApL$pi_u kaf¡ O_p_„v$ idp® 15.00
7.5 `p„Q A_¡ A¡L$ S>fip 20.00
7.6 k„L$ë` BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 25.00
7.7 ^fsu ^pf¡ _hgp„ ê$` BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 10.00
7.8 k„hsp¡_u vy$r_epdp„ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
7.9 k©rô$dp„_p v$¡hp¡ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 10.00
7.10b°ûp„X$dp„ `p„Q BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
ìe[¼sÐh
8.1 ê$Xy„$ ê$`pmy„ ifuf BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 20.00
8.2 âpZ A¡ S> Æh_ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 20.00
8.3 d_ sp¡ s¡Ægp¡ sp¡Mpf BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 25.00
8.4 byqÙ Ap`¡ op_ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 25.00
8.5 rQÑ R>¡ k„õL$pfp¡_u MpZ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 20.00
8.6 kh®ìep`u ApÐdp BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 20.00
8.7 ìerô$ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 20.00

(65)
8.8 ìerô$ A_¡ k©rô$ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 25.00
8.9 ìerô$ A_¡ kdrô$ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 20.00
8.10ìerô$, kdrô$, k©rô$ A_¡ `fd¡›$u BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 25.00
rhop_ A_¡ s„Óop_
9.1 h©n_y„ ENhy„ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 10.00
9.2 Apc¡\u _usep® _uf BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
9.3 L$pNm_u L$\_u d^yL$f A„^pf¡ 10.00
9.4 ÅZhy„ iu fus¡ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 20.00
9.5 L$`pk\u L$`X$p„ ky^u BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 20.00
9.6 fp¡V$gu aŸgu v$X$p¡ \C BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
9.7 fpQfQugy„ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
9.8 dL$p__y„ dlpcpfs fd¡i L$pr_V$L$f 15.00
9.9 hpkZLy$kZ_u hps lkydrs klpesp 15.00
9.10f„N f„Np¡mu _¡ f„Nipmp, f„Nf¡S> f„NpV$u _¡ f„Npfp S>fip 20.00
sÒhop_
10.1lº„... A_„s Q„Öc|jZ `p„X¡$ 20.00
10.2A„s¡ sp¡ b^y„ A¡L$ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
10.3k©rô$ ApMu Np¡m af¡ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 10.00
10.4`|Å BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 25.00
10.5v$p_ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 25.00
10.6s` BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
10.7õhs„Ósp BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
10.8Ap_„v$ kqfsp AfyZ epv$} 25.00
10.9â¡d BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00
10.10 Äep„ Sy>Ap¡ Ðep„ BÞvy$drs L$pV$v$f¡ 15.00

(66)
पुनरुत्थान विद्यापीठ
‘चिति’
अर्धवार्षिक शोधपत्रिका हेतु सदस्यता

‘चिति’ पुनरुत्थान विद्यापीठ की अर्धवार्षिक शोधपत्रिका है । वर्ष चैत्र मास की


प्रतिपदा को शुरु होता है । वर्ष में एक अंक वर्ष प्रतिपदा को और दूसरा विजया दशमी को
प्रकाशित होता है ।

इसका आकार है डेमी साईझ, पष्ठृ सख


ं ्या १४४
सदस्यता शुल्क
१५ वर्ष की सदस्यता ३०००/-
शुभेच्छक (आजीवन) सदस्यता १०,०००/-

आप सदस्य बनने हेतु


दूरभाष ः ०७९-२५३२२६५५ • वोट्‌सएप नंबर ः ८१६००२६९००
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इति शुभम् ।
विनीत
विपुल रावल
सयं ोजक

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पुनरुत्थान विद्यापीठ
‘पुनरुत्थान विचार अने कार्यसदं ेश’
अर्धवार्षिक शोधपत्रिका हेतु सदस्यता

मासिक पत्रिका की शुभेच्छक सदस्यता हे तु प्रस्तुति ‘पुनरुत्थान विचार अने


कार्यसदं ेश’ विद्यापीठ का मुखयपत्र है, मासिक पत्रिका है । यह गुजराती और हिन्दी दो
भाषाओ ं में प्रकाशित होती है ।

इसकी शुभेच्छक सदस्यता हेतु शुल्क है


रु. १,०००/-
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