You are on page 1of 12

Subject : दरर्शनरास्

Class : एम.ए.-दरर्शनरास्
Years/Semester : तृतीय सेमेस्ट
Name of the Paper : तृतीय प् प्(वैकललपक)
‘रांकट वेदांत’ - I
Topic : रांकट वेदांत
Sub-topic : साध्शन-चतुषय
Key-words : न्शनतय , अन्शनतय , रम , दम , लौनकक , पाटलौनकक , ब्रह ।
PROF.RAJESH KUMAR MISHRA
Department of Philosophy
Faculty of Humanites
Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith
Varanasi-221002
E-mail : rajeshmishra31172@mgkvp.ac.in
सवघोषणा
“यह सामगी वविशष रु सश शििण और सीखनश को बढानश कश िैि्णक उदश शयो कश
शलिए है । आररर्क / वा्णजजयक अरवा वकसी अनय उदश शय कश शलिए सका उुयोग उद
ुूणतर ः पवतबंधधत है । सामगी कश उुयोग उदारर सश वकसी और कश सार ववतररत ,
पसाररत या साना नह� करगग उदश और सका ाशतग उदत जान की क उन कवत कश शलिए ही
करगग उदश । स 罶-कंटग ट मग ो भी ानकारी दी ग उद罶 है वह पमा्णत है और मशरश जान कश
अनुसार सवर्म है ।”

Self Declaraton
“The content is exclusively meant for academic purposes and for enhancing
teaching and learning . Any other use for economic/commercial purpose is
strictly prohibited. The users of the content shall not distribute ,
disseminate or share it with anyone else and its use is restricted to
advancement of individual knowledge . The informaton provided in this e-
content is authentc and best as per my knowledge.”
िांकर वशदांत
साधन-चतुषय :-
1. रंकट अदै तवादी है।

2. उ्शनका ब्रह ही एकमा् सत् है I उ्शनके संपूरर दरर्शन को न्शनि्शन्लललत रप मम अभभनहत


नकया गया है :-
‘ब्रह्म सत्यं ग उदननमथ्यया ीवो ब्रह्मैव नाुरः ो ब

3. रंकट ्शने एकमा् ब्रह की ही ुारमाररर्क सता सवीकाट कटते हए संसाट को असतय या
माया अभभनहत नकया है।
4. िंकर कश अनुसार स्ा की क तीन कोटटयां वनमनशलिखखत है:-

>>ुारमाररर्क
>>ाावहाररक
>> पावतभाशसक

5. अनविदा के काटर आरतमा भमवर अप्शने को इस सथूल या सूकम रटीट मा्शन लेता है। यही बंध्शन
है।

6. इस बंध्शन से टनहत हो्शना ही मोक है।

7. अनविदा अथवा अजा्शन का न्शनवाटर ही रंकट का वटे्य पटम् शेेयस सवरप मोक है।

8. भौनतकवादी दाररन्शनक ो बचावारक’ को छोडकट पायः सभी भाटतीय दाररन्शनको ्शने मोक को पटम्
पुरषाथर के रप मम अभभनहत नकया है।
9. रंकट के अ्शनुसाट यह मोक ब्रह जा्शन के अनतिटक अ य नकसी साध्शन से उपलबध ्शनही
होता है।

10. ब्रह जा्शन के ्लए साधन-चतुषय औट ब्रह्म जानी ग उदुर की उपादे यता सवीकाट की गई है।

11. साधन-चतुषय न्शनि्शन्लललत है:

1. वनत्यावनत्यवसतुवववशक
2. हामुताररभोग उदववराग उद
3. िमदमाटदसाधनसंुत्
4. मुमुिुत्व
1. वनत्यावनत्यवसतुवववशक :-
साधक को न्शनतय एवं अन्शनतय वसतु मम भेद कट्शने का नववेक हो्शना चानहए ।

2. हामुताररभोग उदववराग उद :-
साधक को लौनकक एवं पाटलौनकक भोगो की काम्शना का पिटतयाग कट्शना चानहए

3. िमदमाटदसाधनसंुत् :-
साधक को रम , दम , शेदा , समाधा्शन , उपटनत औट नतनतका इ्शन छः साध्शनो को अप्शना्शना
चानहए ।
िम :- साधक दाटा म्शन पट संयम हो्शना चानहए ।

दम :- साधक दाटा इंददयो को वर मम कट्शना चानहए ।

शदा :- साधक को रास् के पनत न्शनषा का भाव हो्शना चानहए ।

समाधान :- साधक दाटा चचत को जा्शन के साध्शन मम लगा्शना चानहए ।

उुरवत :- साधक दाटा नवकेपकाटी कायर से नवटत टह्शना चानहए ।

वतवतिा :- साधक दाटा सदर-गमर सह्शन कट्शने का अभयास हो्शना चानहए ।


4. मुमुिुत्व :-
साधक को मोक पारात का दृ संकलप हो्शना चानहए ।

12. साध्शन-चतुषय से संपन साधक गुर के सान्शनिय मम शवण , मनन एवं वनटदधयासन की
पराली का पाल्शन कट्शना चानहए ।

13. ब्रहजा्शनी गुर दाटा ‘तत्त्वमशस’ की ्रका पाात कट्शने के उपटांत साधक को
ो बअहं ब्रह्माससम’ की अ्शनुभूनत होती है ।
महत्वुूणर प् :-
1. साध्शन-चतुषय कौ्शन-कौ्शन है ? बताइए ।
2. रम का अथर थया है ?
3. दम का अथर थया है ?
4. शेदा से थया अभभपाय है ?
5. समाधा्शन से थया अभभपाय है ?
6. उपटनत से आरप थया समझते है ?
7. नतनतका का अथर थया है ?
8. मुमुकुतव का अभभपाय थया है ?
9. पाटलौनकक भोग से थया अभभपाय है ?
10. लौनकक भोग से थया अभभपाय है ?
सहायक गंरो की क सूची
1. अ्शनु0 शेीहिटकृषरदास गोय दका , गीता रांकटभाषय हहिदी-अ्शनुवाद-सनहत , गीता
पेस , गोटलपुट ।
2. बृहदाट्यक उपन्शनषद , रांकट भाषय सनहत , गीता पेस , गोटलपुट ।
3. शेीमद्भगवद्गीता , साधाटर भाषा्ीकासनहत , गीता पेस , गोटलपुट ।
4. पो0 हटमद पसाद ्स हा , भाटतीय दरर्शन की रपटेला , मोतीलाल ब्शनाटसीदास ,्शनई
ददलली ।
5. चंदधट रमार , भाटतीय दरर्शन , आरलोच्शन औट अ्शनुरील्शन , मोतीलाल ब्शनाटसीदास , ्शनई
ददलली ।
6. डॉ0 हदय ्शनाटायर चमशे , 2006 , भाटतीय दरर्शन , रेलट पकार्शन , 101 चक , जीटो
टोड , इलाहाबाद ।
7. टाजेर कुमाट चमशे , रोध-पबंध , रंकट औट ससप्शनोजा के दरर्शन मम सत् का सवरप ,
न्शनदर रक , डॉ हिटरंकट उपाियाय , टीडट , दरर्शनरास् नवभाग , इलाहाबाद नविनविदालय
, इलाहाबाद ।
 ववद्याररर्यो कश वहत को धयान मग रखतश हए पसतुत 罶-कंटग ट
को तैयार करनश मग आचायर , ग उदुर नो एवं उचच कोटट कश
ववद्वानो कश वचन और उनकश शलिवुबद ववचारो सश संबंधधत
गंरो तरा ंटरनशट और ग उदूग उदलि की क वशबसा ट् स एवं मशरश ुूवर
कश 罶-कंटग ट्स की क ुूणर्ुशण सहायता लिी ग उद罶 है । हम आु
सभी कश पवत कृतजता जावुत करतश हए सश मौशलिकता
पदान कर रहश है । 罶-कंटग ट को तुटटरवहत एवं ावजसरत
सव्ु पदान करनश का ुूणर पयत्न वकया ग उदया है विरĩर भी
अनुरोधुूवक र तुटट हशतु मुनश खशद है ।
ध यवाद ।

You might also like