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Artificial Intelligence Machine Learning
Artificial Intelligence Machine Learning
Learning)
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संदभ
वष 2018-19 का अंत रम बजट पेश करते समय क ीय मं ी पीयूष गोयल ने कृि म बु म ा यानी आ टिफशयल इंटेलीजस
(Artificial Intelligence) का भी उ ेख िकया।
या है आ टिफशयल इंटेलीजस?
1955 म सबसे पहले जॉन मैकाथ ने आ टिफशयल इंटेलीजस श द का इ तेमाल िकया था, इसी लये इ ह फादर ऑफ
आ टिफशयल इंटेलीजस भी कहा जाता है। वैसे देखा जाए तो आ टिफशयल इंटेलीजस क संकल्पना बहुत पुरानी है। ीक
िमथक म 'मैकेिनकल मैन' क अवधारणा से संबं धत कहािनयाँ िमलती ह यानी एक ऐसा व्यि जो हमारे िकसी व्यवहार क
नकल करता है। आज मनु य अपनी बु क मदद से मशीन को भी बु मान बना रहा है और मशीन को बु मान बनाने को
ही आ टिफशयल इंटेलीजस का नाम िदया गया है। आ टिफशयल इंटेलीजस का सीधा और सरल अथ है बनावटी या कृि म
तरीके से िवक■सत क गई बौिद◌्धक मता।
फायदे
मशीन का योग जिटल तथा द ु ह काम को करने के लये िकया जाता है और यह सविविदत है िक मनु य क तुलना म
मशीन क सहायता से काम ज दी पूरा िकया जा सकता है। इसे भिव य क तकनीक इस लये कहा जा रहा है य िक इससे
दिु नया म ांतकारी बदलाव आने क उ मीद क जा रही है। इसके इ तेमाल से संचार, र ा, वा य, आपदा बंधन और
कृिष आिद े म बड़ा बदलाव आ सकता है। वैसे इससे होने वाले फायदे और नुकसान पर वै ािनक दो खेम म बंटे हुए ह।
इसके लाभ अभी बहुत प नह ह, लेिकन इसके खतर को लेकर कहा जा सकता है िक आ टिफशयल इंटेलीजस के आने से
सबसे बड़ा नुकसान मनु य को ही होगा।
नुकसान
आ टिफशयल इंटेलीजस म मनु य के थान पर मशीन से काम लया जाएगा...मशीन वयं ही िनणय लेने लगगी और
उन पर िनयं ण नह िकया गया, तो इससे मनु य के लये खतरा भी उ प हो सकता है।
आ टिफशयल इंटेलीजस के यापक इ तेमाल के ऐसे प रणाम हो सकते ह ■जनक क पना नह क गई है।
वै ािनक इसे सबसे बड़ा खतरा तब मानते ह जब आ टिफशयल इंटेलीजस के ज़ रये मशीन िबना मानवीय ह त ेप के
नैतक ं आिद फैसले।
पर फैसला लेने लगगी। जैसे जीवन, सुर ा, ज म-मृ यु, सामा■जक संबध
िबल गे स का मानना है िक यिद मनु य अपने से बेहतर सोच वाली मशीन बना लेगा तो मनु य के अ त व के लये ही
सबसे बड़ा खतरा उ प हो जाएगा।
सै ांतक भौतक िव ानी टीफन हॉिक स का भी यही कहना था िक मनु य हज़ार वष के धीमे जैिवक िवकास म
क सीमा है, जो आ टिफशयल इंटेलीजस का मुकाबला नह कर सकती।
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मशीन ल नग को भी आ टिफशयल इंटेलीजस का एक िह सा माना गया है। मूल प से मशीन ल नग एक कार का ए गो र
है जो िकसी सॉ टवेयर को सही प से चलाने म मदद करता है। इसके लए वह यूज़र ारा देखे गए कुछ प रणाम के आधार
पर एक नमूना तैयार करता है और उस नमूने के आधार पर भावी पूछे जाने वाले के पैटन को तैयार कर लेता है। इस कार
क यूटर मानव म त क क भांत सोचने और काय करने क मता ा कर लेते ह ■जसम समय के साथ िनरंतर िवकास
होता रहता है।
क ीय जल संसाधन मं ालय ने गूगल के साथ एक समझौता िकया है, ■जससे भारत म बाढ़ का कारगर और भावकारी बंधन
करने म मदद िमलेगी। भारत के क ीय जल आयोग और गूगल के बीच हुए इस सहयोग समझौते से िवशेषकर बाढ़ का पूवानुमान
लगाने एवं बाढ़ संबध
ं ी सूचनाएँ आम जनता को सुलभ कराने म आसानी होगी। इससे बाढ़ पूवानुमान णा लय को बेहतर
बनाकर थान-ल त आव यक कारवाई यो य बाढ़ चेतावनी जारी करने म मदद िमलेगी। इसके तहत क ीय जल आयोग
आ टिफशयल इंटेलीजस, मशीन ल नग एवं भू- थािनक मानच ण के े म गूगल ारा क गई अ याधुिनक गत का
उपयोग करेगा। इस पहल से संकट बंधन एज■सय को जल िव ान (Hydrological) संबध ं ी सम याओं से बेहतर ढंग से
िनपटने म मदद िमलने क आशा है।
इसके अलावा, इसरो उप ह के िनमाण एवं परी ण म भी रोबोट का इ तेमाल शु करेगा। चं यान-2 म ■जस रोवर को सतह
पर उतारा जाना है, उसम भी आ टिफशयल इंटेलीजस का इ तेमाल िकया गया है, तािक यह सतह से नमूने लेकर मौके पर
उनका परी ण कर रपोट भेजे। रोवर म कोई खराबी आई तो उसम वत: मर मत क मता होगी। गगनयान क मानव रिहत
दो ाइट म भी रोबोट भेजे जाएं गे, जबिक आमतौर पर ऐसे परी ण म जानवर को भेजा जाता है।
इसका नाम International Center for Transformative Artificial Intelligence (ICTAI) रखा
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गया है।
यह पहल नीत आयोग के काय म ‘आ टिफशयल इंटेलीजस के लये रा ीय रणनीत’ का एक िह सा है।
इस क क थापना बंगलु म होनी है और यह वा य देखभाल, कृिष और माट गतशीलता के े म
आ टिफशयल इंटेलीजस आधा रत समाधान के अनुसंधान का संचालन करेगा।
इसम इंटेल और टाटा इं टी ूट ऑफ फंडामटल रसच क िवशेष ता का उपयोग िकया जाएगा।
शासन, मूलभूत अनुसंधान, अवसंरचना, गणना व सेवा अवसंरचना तथा तभाओं को आक षत करने जैसे े म
यह सं थान परी ण करेगा, खोजबीन करेगा और सव म अ यास क थापना करेगा।
यह क देश म आ टिफशयल इंटेलीजस के आधारभूत े मवक को िवक■सत करेगा।
इसका उ े य सूचना ौ ोिगक से संबं धत नीतय का िवकास करना तथा मानक को िवक■सत करना है।
यह ए ीकेशन आधा रत शोध को ो साहन देने के लये आ टिफशयल इंटेलीजस तकनीक का िवकास करेगा।
यह उ ोग जगत क ह तय , नवाचार उ िमय तथा आ टिफशयल इंटेलीजस सेवा दाताओं के साथ सहयोग बढ़ाने
पर िवशेष यान देगा।
इसका ल य है िव तरीय आ टिफशयल इंटेलीजस द ता के लये तभाओं का िवकास कर इ ह कौशल श ण
म सहयोग दान करना।
इस क ारा िवक■सत ान और सव म अ यास का उपयोग नीत आयोग पूरे देश म थािपत होने वाले ICTAI
क के िनमाण म करेगा।
वा य देखभाल, कृिष, श ा, माट ■सटी और गतशीलता के े म यह क िवशेष प से अपना यान कि त
करेगा।
इसम कोई दो राय नह िक आथक िवकास और सामा■जक गत के े म आ टिफशयल इंटेलीजस मह वपूण भूिमका अदा
करने वाला है और कर भी रहा है। िफर भी आज के समय म आ टिफशयल इंटेलीजस वै ािनक के लये बहुत बड़ा मु ा बन
चुका है, ■जसको लेकर िनरंतर शोध हो रहे ह। आ टिफशयल इंटेलीजस तकनीक म िनत नए बदलाव भी देखने को िमल रहे
ह।
भारत का ल य मनु य कि त आ टिफशयल इंटेलीजस का िवकास करना है, जो समावेशी तरीके से मानवता को फायदा
पहुँचा सके। किठन सम याओं का हल ढू ंढना तथा आ टिफशयल इंटेलीजस के े म िव के अ णी देश म शािमल होना
भारत के मुख ल य म से है। इन सब के अलावा आ टिफशयल इंटेलीजस क नैतकता और गोपनीयता से संबं धत भी कुछ
मह वपूण मु े ह, ■जनका समाधान करना होगा।
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