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कृि म बु￸ म ा तथा मशीन ल नग (Artificial Intelligence & Machine

Learning)
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संदभ

वष 2018-19 का अंत रम बजट पेश करते समय क ीय मं ी पीयूष गोयल ने कृि म बु￸ म ा यानी आ टिफ￱शयल इंटेलीजस
(Artificial Intelligence) का भी उ ेख िकया।

आ टिफ￱शयल इंटेलीजस को लेकर या है सरकार क योजना?


सरकार एक नेशनल सटर फॉर आ टिफ￱शयल इंटेलीजस खोलेगी और ज द ही आ टिफ￱शयल इंटेलीजस पोटल भी
लॉ च िकया जाएगा।
नया आ टिफ￱शयल इंटेलीजस पोटल नेशनल ो ाम ऑन आ टिफ￱शयल इंटेलीजस के सपोट म बनाया जाएगा।
आ टिफ￱शयल इंटेलीजस ो ाम का इ तेमाल लोग को आ टिफ￱शयल इंटेलीजस और इससे जुड़ी तकनीक का
फायदा िदलाने के लये होगा।
इसके नेशनल सटस बनाए जाएं गे जो हब के तौर पर काम करेगा, िफलहाल इसके 9 ए रया चुन लये गए ह।
तािवत आ टिफ￱शयल इंटेलीजस पोटल म या होगा और लोग को इसका फायदा कैसे िदलाया जाएगा, सरकार ने
इसके बारे म कोई जानकारी नह दी है।

या है आ टिफ￱शयल इंटेलीजस?

1955 म सबसे पहले जॉन मैकाथ ने आ टिफ￱शयल इंटेलीजस श द का इ तेमाल िकया था, इसी लये इ ह फादर ऑफ
आ टिफ￱शयल इंटेलीजस भी कहा जाता है। वैसे देखा जाए तो आ टिफ￱शयल इंटेलीजस क संकल्पना बहुत पुरानी है। ीक
िमथक म 'मैकेिनकल मैन' क अवधारणा से संब￸ं धत कहािनयाँ िमलती ह यानी एक ऐसा व्यि जो हमारे िकसी व्यवहार क
नकल करता है। आज मनु य अपनी बु￸ क मदद से मशीन को भी बु￸ मान बना रहा है और मशीन को बु￸ मान बनाने को
ही आ टिफ￱शयल इंटेलीजस का नाम िदया गया है। आ टिफ￱शयल इंटेलीजस का सीधा और सरल अथ है बनावटी या कृि म
तरीके से िवक■सत क गई बौिद◌्धक मता।

जब कोई मशीन या उपकरण प र थ￸तय के अनुकूल सीखकर सम याओं को हल करता है तो यह आ टिफ￱शयल


इंटेलीजस के दायरे म आता है। इसे िवचार करने, िनयोजन, सीखने, भाषा क ॉसे↓सग, अवधारणा, ग￸त, रचना मकता
आिद का िम ण कहा जा सकता है।
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आ टिफ￱शयल इंटेलीजस कोई नया िवषय नह है, दशक से दिु नयाभर म इस पर चचा होती रही है। मैिट स, आई
रोबोट, ट मनेटर, लेड रनर जैसी िफ म का आधार आ टिफ￱शयल इंटेलीजस ही है।
इसके ज़ रये कं यूटर ■स टम या रोबोिटक ■स टम तैयार िकया जाता है, जो उ ह तक के आधार पर चलता है
■जसके आधार पर मानव म त क काम करता है।
आ टिफ￱शयल इंटेलीजस म अब वैसी मशीन शािमल नह क जाती, जो कैमरे क सहायता से थ￸त का िव ेषण
करती ह, ब क इसम इससे भी उ त तकनीक शािमल क जाती है, जो िकसी क भाषा को समझकर िनणय ले सके।

कैसे करता है काम तथा फायदे और नुकसान


आ टिफ￱शयल इंटेलीजस क सबसे बड़ी खूबी है मनु य क तरह सोचना तथा यवहार करना और त य को समझ
कर तक एवं िवचार पर अपनी ￸ति या देना।

फायदे

मशीन का योग जिटल तथा द ु ह काम को करने के लये िकया जाता है और यह सविविदत है िक मनु य क तुलना म
मशीन क सहायता से काम ज दी पूरा िकया जा सकता है। इसे भिव य क तकनीक इस लये कहा जा रहा है य िक इससे
दिु नया म ां￸तकारी बदलाव आने क उ मीद क जा रही है। इसके इ तेमाल से संचार, र ा, वा य, आपदा बंधन और
कृिष आिद े म बड़ा बदलाव आ सकता है। वैसे इससे होने वाले फायदे और नुकसान पर वै ािनक दो खेम म बंटे हुए ह।
इसके लाभ अभी बहुत प नह ह, लेिकन इसके खतर को लेकर कहा जा सकता है िक आ टिफ￱शयल इंटेलीजस के आने से
सबसे बड़ा नुकसान मनु य को ही होगा।

नुकसान
आ टिफ￱शयल इंटेलीजस म मनु य के थान पर मशीन से काम लया जाएगा...मशीन वयं ही िनणय लेने लगगी और
उन पर िनयं ण नह िकया गया, तो इससे मनु य के लये खतरा भी उ प हो सकता है।
आ टिफ￱शयल इंटेलीजस के यापक इ तेमाल के ऐसे प रणाम हो सकते ह ■जनक क पना नह क गई है।
वै ािनक इसे सबसे बड़ा खतरा तब मानते ह जब आ टिफ￱शयल इंटेलीजस के ज़ रये मशीन िबना मानवीय ह त ेप के
नै￸तक ं आिद फैसले।
पर फैसला लेने लगगी। जैसे जीवन, सुर ा, ज म-मृ यु, सामा■जक संबध
िबल गे स का मानना है िक यिद मनु य अपने से बेहतर सोच वाली मशीन बना लेगा तो मनु य के अ त व के लये ही
सबसे बड़ा खतरा उ प हो जाएगा।
सै ां￸तक भौ￸तक िव ानी टीफन हॉिक स का भी यही कहना था िक मनु य हज़ार वष के धीमे जैिवक िवकास म
क सीमा है, जो आ टिफ￱शयल इंटेलीजस का मुकाबला नह कर सकती।

कहाँ होगा इसका इ तेमाल?


आ टिफ￱शयल इंटेलीजस कं यूटर साइंस का एक िह सा है, ■जसके तहत इंटेलीजट मशीन तैयार क जाती है ,जो
मनु य क तरह ￸त या करती है और काम भी।
आ टिफ￱शयल इंटेलीजस के ज़ रये मशीन मनु य क तरह िकसी सम या को हल कर सकती है।
■जस तरह मनु य अपने अनुभव से अपनी मता को बेहतर करते ह, ठीक उसी तरह आ टिफ￱शयल इंटेलीजस के
ो ाम भी ह, ■जसके ज़ रये मशीन भी सीखने का काम कर सकती है।
माटफोन म आ टिफ￱शयल इंटेलीजस आधा रत अ■स टट िदये जाते ह, जैसे िक गूगल अ■स टट। इसे आप ■जतना
इ तेमाल करगे यह उतना सटीक होगा यानी...यह आपसे सीखता है।

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मशीन ल नग को भी आ टिफ￱शयल इंटेलीजस का एक िह सा माना गया है। मूल प से मशीन ल नग एक कार का ए गो र
है जो िकसी सॉ टवेयर को सही प से चलाने म मदद करता है। इसके लए वह यूज़र ारा देखे गए कुछ प रणाम के आधार
पर एक नमूना तैयार करता है और उस नमूने के आधार पर भावी पूछे जाने वाले के पैटन को तैयार कर लेता है। इस कार
क यूटर मानव म त क क भां￸त सोचने और काय करने क मता ा कर लेते ह ■जसम समय के साथ िनरंतर िवकास
होता रहता है।

भारत म बाढ़ बंधन म आ टिफ￱शयल इंटेलीजस का इ तेमाल

क ीय जल संसाधन मं ालय ने गूगल के साथ एक समझौता िकया है, ■जससे भारत म बाढ़ का कारगर और भावकारी बंधन
करने म मदद िमलेगी। भारत के क ीय जल आयोग और गूगल के बीच हुए इस सहयोग समझौते से िवशेषकर बाढ़ का पूवानुमान
लगाने एवं बाढ़ संबध
ं ी सूचनाएँ आम जनता को सुलभ कराने म आसानी होगी। इससे बाढ़ पूवानुमान णा लय को बेहतर
बनाकर थान-ल￸ त आव यक कारवाई यो य बाढ़ चेतावनी जारी करने म मदद िमलेगी। इसके तहत क ीय जल आयोग
आ टिफ￱शयल इंटेलीजस, मशीन ल नग एवं भू- थािनक मान￸च ण के े म गूगल ारा क गई अ याधुिनक ग￸त का
उपयोग करेगा। इस पहल से संकट बंधन एज■सय को जल िव ान (Hydrological) संबध ं ी सम याओं से बेहतर ढंग से
िनपटने म मदद िमलने क आशा है।

इसरो के अ￱भयान म आ टिफ￱शयल इंटेलीजस


भारतीय अंत र अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने भावी काय म म आ टिफ￱शयल इंटेलीजस का इ तेमाल करेगा।
इससे इसरो अपने अंत र अ￱भयान को न ■सफ बेहतर तरीके से अंजाम देगा, ब क आँ कड़ का सटीक और व रत
िव ेषण भी कर सकेगा।
इसरो को उप ह से बड़े पैमाने पर आँ कड़े ा होते ह, ■जनके िव ेषण का काय अभी वै ािनक से कराया जाता है।
इस ि या म लंबा समय लगता है।
इस काय को आ टिफ￱शयल इंटेलीजस के ज़ रये मशीन एवं सॉ टवेयर से कम समय म और यादा िनपुणता से िकया
जा सकता है। इसके लये इसरो के डेटा क म रोबोिट स का इ तेमाल बढ़ाने क योजना है।
इसका सबसे बड़ा फायदा रमोट स↓सग उप ह से िमलने वाले आँ कड़ का िव ेषण करने म होगा। आ टिफ￱शयल
इंटेलीजस से इनका िव ेषण कर रयल टाइम इ तेमाल संभव हो सकेगा। इससे ाकृ￸तक आपदाओं क सूचनाएँ ,
फसल क िनगरानी, संसाधन क सूचनाएँ एक करना आिद काय बेहतर तरीके से िकये जा सकगे।

इसके अलावा, इसरो उप ह के िनमाण एवं परी ण म भी रोबोट का इ तेमाल शु करेगा। चं यान-2 म ■जस रोवर को सतह
पर उतारा जाना है, उसम भी आ टिफ￱शयल इंटेलीजस का इ तेमाल िकया गया है, तािक यह सतह से नमूने लेकर मौके पर
उनका परी ण कर रपोट भेजे। रोवर म कोई खराबी आई तो उसम वत: मर मत क मता होगी। गगनयान क मानव रिहत
दो ाइट म भी रोबोट भेजे जाएं गे, जबिक आमतौर पर ऐसे परी ण म जानवर को भेजा जाता है।

नी￸त आयोग, इंटेल और टाटा इं टी ट


ू ऑफ फंडामटल रसच का ICTAI

नी￸त आयोग, इंटेल और टाटा इं टी ट


ू ऑफ फंडामटल रसच आ टिफ￱शयल इंटेलीजस ए ीकेशन आधा रत शोध
प रयोजनाओं के िवकास और ि या वयन के लये प रवतनीय आ टिफ￱शयल इंटेलीजस के अंतरा ीय क क थापना
करगे।

इसका नाम International Center for Transformative Artificial Intelligence (ICTAI) रखा

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गया है।
यह पहल नी￸त आयोग के काय म ‘आ टिफ￱शयल इंटेलीजस के लये रा ीय रणनी￸त’ का एक िह सा है।
इस क क थापना बंगलु म होनी है और यह वा य देखभाल, कृिष और माट ग￸तशीलता के े म
आ टिफ￱शयल इंटेलीजस आधा रत समाधान के अनुसंधान का संचालन करेगा।
इसम इंटेल और टाटा इं टी ूट ऑफ फंडामटल रसच क िवशेष ता का उपयोग िकया जाएगा।
शासन, मूलभूत अनुसंधान, अवसंरचना, गणना व सेवा अवसंरचना तथा ￸तभाओं को आक षत करने जैसे े म
यह सं थान परी ण करेगा, खोजबीन करेगा और सव म अ यास क थापना करेगा।
यह क देश म आ टिफ￱शयल इंटेलीजस के आधारभूत े मवक को िवक■सत करेगा।
इसका उ े य सूचना ौ ोिगक से संब￸ं धत नी￸तय का िवकास करना तथा मानक को िवक■सत करना है।
यह ए ीकेशन आधा रत शोध को ो साहन देने के लये आ टिफ￱शयल इंटेलीजस तकनीक का िवकास करेगा।
यह उ ोग जगत क ह तय , नवाचार उ िमय तथा आ टिफ￱शयल इंटेलीजस सेवा दाताओं के साथ सहयोग बढ़ाने
पर िवशेष यान देगा।
इसका ल य है िव तरीय आ टिफ￱शयल इंटेलीजस द ता के लये ￸तभाओं का िवकास कर इ ह कौशल ￱श ण
म सहयोग दान करना।
इस क ारा िवक■सत ान और सव म अ यास का उपयोग नी￸त आयोग पूरे देश म थािपत होने वाले ICTAI
क के िनमाण म करेगा।
वा य देखभाल, कृिष, ￱श ा, माट ■सटी और ग￸तशीलता के े म यह क िवशेष प से अपना यान कि त
करेगा।

इसम कोई दो राय नह िक आ￰थक िवकास और सामा■जक ग￸त के े म आ टिफ￱शयल इंटेलीजस मह वपूण भूिमका अदा
करने वाला है और कर भी रहा है। िफर भी आज के समय म आ टिफ￱शयल इंटेलीजस वै ािनक के लये बहुत बड़ा मु ा बन
चुका है, ■जसको लेकर िनरंतर शोध हो रहे ह। आ टिफ￱शयल इंटेलीजस तकनीक म िनत नए बदलाव भी देखने को िमल रहे
ह।

भारत का ल य मनु य कि त आ टिफ￱शयल इंटेलीजस का िवकास करना है, जो समावेशी तरीके से मानवता को फायदा
पहुँचा सके। किठन सम याओं का हल ढू ंढना तथा आ टिफ￱शयल इंटेलीजस के े म िव के अ णी देश म शािमल होना
भारत के मुख ल य म से है। इन सब के अलावा आ टिफ￱शयल इंटेलीजस क नै￸तकता और गोपनीयता से संब￸ं धत भी कुछ
मह वपूण मु े ह, ■जनका समाधान करना होगा।

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