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6 What Is IoT
6 What Is IoT
IoT का परू ा नाम Internet of Things (इंटरनेट ऑफ़ थ ग्ं स) है । इसका इस्तेमाल सेंसर , सॉफ्टवेयर
और टे क्नोलॉजी की मदद से Data को एक डिवाइस से दस
ू रे डिवाइस में ट्रान्सफर करने के ललए
ककया जाता है ।
Internet of Things का मतलब है “इंटरनेट का प्रयोग करके devices को एक्सेस करना और कंट्रोल
करना”
इंटरनेट ऑफ़ थ ग्ं स के द्वारा हम devices को इंटरनेट की सहायता से एक्सेस कर सकते हैं और
उन्हें कंट्रोल कर सकते हैं।
दस
ू रे शब्दों में कहें तो, “वो सभी physical devices जो इंटरनेट से जुडी हुई है और जो िाटा को
collect और share करती हैं। IoT कहलाती है ।”
Internet of Things में things का मतलब है , “इंटरनेट से connect हुई वो सभी चीजें जजन्हें हम
अपनी life में रोज इस्तेमाल करते हैं जैसे कक- मोबाइल फोन, स्माटट वाच, घर मे लगा पंखा, और
कार आदद।” इन सभी चीजों को हम इंटरनेट से connect करके एक्सेस कर सकते हैं।
IoT का उपयोग organization और Industry में काम में तेजी लाने के ललए ककया जाता है । जैसे-
काम को सही समय पर परू ा करने के ललए, customer को अच्छी सर्वटस दे ने के ललए, और
बबज़नेस की value को माककटट में बढाने के ललए।
IOT को access करना काफी ज्यादा आसान होता है । IOT की मदद से हम दनु नया के ककसी भी कोने में
बैठकर आवश्यक जानकारी को प्राप्त कर सकते है ।
जानकारी को प्राप्त करने के ललए हमारे पास internet connection और smart device की सर्ु वधा होनी
चादहए। जजसकी मदद से हम ककसी भी प्रकार की जानकारी को आसानी से प्राप्त कर सकते है ।
2- Speed (गति)
IOT devices में िेटा को ट्रांसफर करने की गनत (speed) काफी तेज होती है । ये devices बहुत तेज गनत से
िेटा को एक डिवाइस से दस
ु रे डिवाइस में transfer करते है ।
परु ाने समय में िेटा को ट्रांसफर करने के ललए 2g और 3g का उपयोग करते े। जजसके कारण िेटा को
ट्रांसफर करने में काफी समय का वक़्त लगता ा।
इसी समस्या को सल
ु झाने के ललए 4g को लांच ककया। जजसके कारण िेटा को एक डिवाइस से दस
ु रे
डिवाइस में ट्रांसफर करना और भी ज्यादा आसान हो गया।
और अब तो भारत में 5g भी लांच हो गया है । जजसकी मदद से िेटा को ट्रांसफर करना user के ललए और
भी ज्यादा आसान हो जायेगा।
आईओटी बबज़नेस के खचो को कम करने में मदद करता है । जजसके कारण बबज़नेस में बहुत सारे लगने
खचट काफी हद तक कम हो जाता है ।
IOT devices की मदद से product और equipment (उपकरण) को maintain करना काफी आसान होता है ।
जजसके कारण इन सभी चीज़ो में ज्यादा पैसे खचट नहीं करने पडते।
4- Automation (स्वचालन)
आईओटी में user के समय की बचत होती है । उसका सबसे बडा कारण यह की IOT ककसी काम को बहुत
तेज गनत के सा परू ा करने में सक्षम होते है । इसीललए काफी समय की बचत हो जाती है ।
इंसानो की तल
ु ना में मशीन तेज गनत से कायट को करने में सक्ष्म होती है ।
6- Monitor (तनगरानी)
आईओटी का उपयोग करके हम ककसी भी तरह की चीज़ को आसानी से monitor कर सकते है । जैस-े
हवा की मात्रा को मॉननटर करना, तापमान को मॉननटर करना, air quality को मॉननटर करना और अपने
प्रोिक्ट की ननगरानी करना आदद.
आईओटी ने सचमच
ु लोगो के जीवन को काफी आसान बना ददया है । आज के समय में लगभग सभी
लोग IOT के devices का उपयोग करते है । जजसके कारण लोग अपने काम आसानी से परू ा कर पाते है ।
जैसे आजकल लोग smart phone, smart TV, refrigerator, A.C., और smart car जैसे उपकरणों का उपयोग
करते हैं। इसने लोगो के जीवन को आसान बना ददया।
आईओटी की मदद से resources (संसाधन) को परू ी तरह utilize ककया जा सकता है । क्योकक इसमें ककसी
काम को परू ा करने के ललए मशीनो का उपयोग ककया जाता है ।
और इंसानो की तल
ु ना में मशीन ज्यादा अच्छे से resources को utilize करने में सक्षम होती है ।
इसके ननम्न नक
ु सान होते हैं-
जजसके कारण इन devices को hackers के द्वारा है क ककया जा सकता है । जजसके कारण hackers यज
ू र के
िेटा को आसानी से चरु ा सकता है ।
2-Complexity (जटटलिा)
IOT में टे क्नोलॉजी को डिज़ाइन करना , उनको develop करना और उन टे क्नोलॉजी को maintain करना
काफी मजु श्कल और complex होता है ।
3- Unemployment (बेरोजगारी)
आजकल ज्यादातर कायो को IoT से चलने वाली मशीनो के द्वारा परू ा ककया जाता है । जजसके कारण
labour work की ज़रूरत नहीं पडती। जजससे बेरोजगारी बढती है ।
4- Dependency (तनर्भरिा)
आज के समय में लगभग हर एक व्यजक्त IOT devices पर परू ी तरह से ननभटर हो चूका है । यानी इंसान
इन devices के बबना ककसी कायट को नहीं कर सकता।
IoT मरीजों और doctors दोनों के ललए बहुत उपयोगी है . इसका प्रयोग करके बबमाररयों का पता लगाया
जाता है , बीमारी को ठीक ककया जाता है और emergency में मरीज की जान भी बचायी जा सकती है .
इसके अलावा इसका इस्तेमाल में दवाइयों, मरीज और िॉक्टर के िेटा को monitor करने के ललए ककया
जाता है ।
IOT का उपयोग करके हम पेशेंट की pulse rate, heartbeat (हृदय गनत) और कफटनेस को Check कर सकते
है ।
IOT का उपयोग स्माटट तरीके से खेती करने के ललए ककया जाता है । इसका प्रयोग कृर्ि में फसलों और
खेत की quality को check करने में ककया जाता है .
Internet of Things का इस्तेमाल घर को smart बनाने के ललए भी ककया जाता है । जैसे- घरों की सरु क्षा
करने के ललए, घर में light प्रदान करने के ललए आदद .
इसके अलावा इस तकनीक का उपयोग करके user अपने स्माटट फोन , टे बलेट और कंप्यट
ू र की मदद से
घर के अन्य devices को कण्ट्ट्रोल कर सकता है । जैसे – यज
ू र अपने मोबाइल से ही पंखे को on या off कर
सकता है ।
शहर के ट्रै कफक को मैनेज करने के ललए , Waste (कूडे) को मैनेज करने के ललए, Water Distribution (पानी
के र्वतरण) के ललए, और बबजली को मैनेज करने के ललए इसका इस्तेमाल ककया जाता है .
IOT का उपयोग Wearables में ककया जाता है । जैसे smart watch, heart rate monitor, fit bits और GPS
tracking belts आदद। google , apple और samsung जैसी बडी कम्पननया इन devices को र्वकलसत करती
है ।
smart watch, heart rate monitor, fit bits और GPS tracking belts जैसे devices का उपयोग यज
ू र अपनी
िेली लाइफ में करते है । wearbles के ज्यादातर devices का आकार काफी छोटा होता है । जजसकी वजह से
यह devices ज्यादा मात्रा में energy को consume नहीं कर पाते।
IOT का उपयोग traffic को monitor करने के ललए भी ककया जाता है । IOT में ऐसे ऐसे टूल्स है । जजनका
उपयोग करके यज
ू र आसानी से ट्रै कफक को monitor कर सकता है ।
जैसे google map . इस टूल की मदद से कोई भी व्यजक्त traffic का पता आसानी से लगा सकता है । यानी
ककस स् ान पर ककतना ट्रै कफक मौजद
ू है । इसके अलावा IOT का उपयोग गाडडयों की रफ़्तार का पता
लगाने के ललए ककया जाता है ।
यानी गाडी ककस स्पीि से चल रही है । जो user ट्रै कफक रूल्स का पालन नहीं करते। उनका चलान कंप्यट
ू र
की मदद से automatic कट जाता है । और उनके घर पहुंच जाता है । यह सर्ु वधा भी IOT के कारण सम्भव
है ।
6- Banking में
IOT का उपयोग Banking के छे त्र में भी ककया जाता है । आज के समय में कोई भी व्यजक्त घर बैठे अपने
पैसो को एक account से दस
ु रे account में आसानी से ट्रांसफर कर सकता है ।
व्यजक्त को पैसे ट्रांसफर करने के ललए बैंको में जाने की ज़रूरत नहीं पडती। और यह सब IOT के कारण
सम्भव हो पाया है ।
इसके अलावा IOT का उपयोग समान खरीदने से लेकर मोबाइल ररचाजट तक के ललए ककया जाता है । यानी
IOT के कारण हर प्रकार का ऑनलाइन कायट सभव है ।
IOT का उपयोग घर , ऑकफस, airports आदद जगह में ननगरानी रखने के ललए ककया जाता है । जजसके
कारण इन सभी स् ानों को अच्छी security प्रदान की जा सके।
ताकक लोग और उनका समान परू ी तरह सरु क्षक्षत रह सके। इसका सबसे अच्छा उदहारण है CCTV camera
. इसकी मदद से आप लोगो पर आसानी से नजर रख सकते है । और उनकी गनतर्वथधयों को भी दे ख
सकते है ।
1- LPWANs
LPWANs को (Low Power Wide Area Networks) भी कहा जाता है । जजसका उपयोग लम्बी दरू ी के
communication के ललए ककया जाता है । इसके अलावा LPWANs का उपयोग सभी प्रकार के IOT सेंसर को
devices के सा जोडने के ललए ककया जाता है ।
2- यह ज्यादा energy का इस्तेमाल नहीं करता। अ ाटत इसमें बबजली कम खचट होती है ।
1- यह केवल low data rate को ही सपोटट करता है इसललए इसका उपयोग उच्च िेटा दर (High data rate)
की एप्लीकेशन में नहीं ककया जा सकता।
1- Cellular network यज
ू र को voice और data सर्वटस प्रदान करता है । जजसकी वजह से यज
ू र को voice
call और वीडियो स्ट्रीलमंग की सर्ु वधा प्राप्त होती है ।
3.cellular network ज्यादा मात्रा में energy का consumption नहीं करते। अ ाटत इसमें कम बबजली खचट
होती है ।
2.Cellular network वायरलेस नेटवकट होते है । इसललए अगर वातावरण खराब होता है . तो यह cellular
network को प्रभार्वत कर सकता है ।
3.सेलल
ु र नेटवकट wired network की तल
ु ना में कम data को ट्रांसफर करते है ।
3.Zigbee
Zigbee एक तरह की वायरलेस तकनीक है । जजसका उपयोग वायरलेस डिवाइस से वायरलेस डिवाइस में
data को transfer करने के ललए ककया जाता है । Zigbee के setup में यज
ू र को ज्यादा पैसे नहीं खचट करने
पडते। और Zigbee ज्यादा मात्रा में एनजी को consume भी नहीं करते।
Zigbee का ननमाटण IOT network की ज़रूरतों को परू ा करने के ललए भी ककया गया है ।
2- .Zigbee को यज
ू र के द्वारा आसानी से control ककया जा सकता है ।
Disadvantage of Zigbee
1- Zigbee का ट्रांसलमशन rate काफी low होता है । यानी िाटा को ट्रांसफर करने में काफी समय का वक़्त
लगता है ।
2- Zigbee अथधक दरू ी को कवर नहीं कर पाते। यानी इसके द्वारा लम्बी दरू ी में िाटा को ट्रांसफर नहीं
ककया जा सकता।
4.Bluetooth
ब्लट
ू ू PAN (Personal Area Networks) की केटे गरी में आता है । जजसका मतलब यह है की ब्लट
ू ू नेटवकट
का उपयोग limited area (सीलमत क्षेत्र) में िाटा और फाइलों को ट्रांसफर करने के ललए ककया जाता है ।
इसकी रें ज लगभग 100 मीटर की होती है ।
Bluetooth के फायदे
5- Wi-Fi
Wi-Fi टे क्नोलॉजी लललमटे ि एररया को cover करने के ललए होती है । Wi-Fi ककसी डिवाइस को इंटरनेट से
कनेक्ट करने के ललए nearby technology और radio signal का उपयोग करता है ।
वाई–फाई के फायदे
3- यह अच्छी मात्रा में security (सरु क्षा) प्रदान करता है । यानी Wi-Fi में यज
ू र का िाटा परू ी तरह से
सरु क्षक्षत होता है ।
वाई–फाई के नक
ु सान
RFID को Radio Frequency Identification भी कहा जाता है । जजसका उपयोग data को संचाररत (transmit)
करने के ललए ककया जाता है । Data को संचाररत (transmit) करने के ललए RFID रे डियो लसग्नल का उपयोग
करता है । इसके अलावा RFID का उपयोग Real time data को track करने के ललए भी ककया जाता है ।
RFID के फायदे
2- इसमें यज
ू र का िाटा secure होता है ।
RFID के नक
ु सान
बबग िाटा से अ ट िाटा के एक बहुत बडे रूप से है, जो र्वलभन्न छोटे िाटा के आकार में बडते चले जाने
से तैयार होता है । यह अलग अलग Formats में रहता है , जजसे परं परागत Tools और Applications से
संभाला नहीं जा सकता है , ता लगातार इस िाटा के Size में वद्
ृ थध होती रहती है। यानन Big Data, िाटा
का ही एक र्वशाल रूप है ।
जजस तरह Big Data में प्रनत सेकंि हजारों GB का िाटा इखट्टा होता रहता है , उनमे टे क्स्ट, ऑडियो, वीडियो,
इमेजेज और सोशल साइट् हर प्रकार का का िाटा रहता है , जजसमे से कुछ िाटा Structured रहता है , जैसे
कंपननयों इत्यादद का, और अथधकतर मात्रा Unstructured Or Raw िाटा की होती है, जो सोशल साइट और
दस
ू रे श्रोतो से आता है ।
तो िाटा की इतनी बडी मात्रा को सूँभालने के ललए Customized Data Processing सॉफ्टवेयर टूल इत्यादद
और हािटवेयर Devices का इस्तेमाल ककया जाता है, जजनके द्वारा Raw िाटा में से अपनी काम की
जानकारी ननकाल ली जाती हैं।
Big Data का क्या इस्िेमाल है
Data Analyst Customized सॉफ्टवेयर Tool’s द्वारा बबग िाटा की परू ी छानबीन करते हैं, इसके ललए Data
Mining और Data Analysis प्रकिया का इस्तेमाल ककया जाता है, जजसके बाद Big Data में से अपने काम की
जरुरी Information’s को ननकाल ललया जाता है ।
वह Information’s कुछ भी हो सकती है , जजनमे कंपननयों का िाटा, लोगो का पसटनल िाटा, सोशल साइट
का िाटा यानन लोगो द्वारा प्रनतददन इस्तेमाल में लाई गयी हर डिजजटल गनतर्वथध का िाटा शालमल होता
है ।
कफर इन सभी जानकाररयों का इस्तेमाल बडी कंपननयां अपनी माकेदटंग रणनीनतयों को िेवेलोप करने,
कस्टमर Behavior को समझने और कस्टमर Satisfaction को बढाने में करती हैं, जजससे अपने Products
को Interested Customers तक पहुूँचाया जा सके और अपनी Sales को बढाया जा सके।
ररटे ल :-
माककटट ट्रें ि को समझा जा सकता है ,यानन माककटट में कस्टमर ककस समय क्या प्रोिक्ट चाहता है , और
ककस प्रकार के प्रोिक्ट में कस्टमर रूथच रखता है इन सभी Points की जानकारी बबग िाटा से ननकाली जा
सकती है और बबज़नेस Sales को बढाया जा सकता है ।
स्वास््य :-
स्वास््य के क्षेत्र में बबग िाटा एनालललसस की अहम भलू मका है जजसमे र्वलभन्न Hospitals द्वारा लाखों
मरीजों की जानकारी इकट्ठा करके र्वश्लेिण ककया जा सकता है, और इलाज में उठाए गए कदमो की
जानकारी भी ली जा सकती है जजससे आगे आने वाले मरीजों का सही इलाज हो सके और बेहतर
दे खभाल की जा सके।
बैंक
बैंक की सीधे तोर पर कस्टमर के Financial िाटा पर पहुूँच रहती है जैसे की कस्टमर की सैलरी ककतनी
है ,सेर्वंग ककतनी होती है या कफर कस्टमर द्वारा खचट ककतना ककया जा रहा है तो ऐसे में बबग िाटा
प्रोसेलसंग की मदद से कस्टमर की बाकक सभी गनतर्वथधयों पर भी नजर रखी जा सकती है
पॉललटटक्स
पॉललदटक्स में भी इसकी बडी भलू मका है जजससे र्पछले वोदटंग िाटा को समझा जा सकता है, और नए
वोटर के रुझान का पता लगाया जा सकता है जजसमे व्यजक्तगत रूप से वोटर का पता लगाकर उनकी
पसंद अनस
ु ार र्वज्ञापन और दस
ू रे माध्यमों से आकर्िटत ककया जा सकता है , जजससे कही ना कही फायदे
की संभावना बढ जाती है ।
मल
ू रूप से बबग िाटा में Machine Generated और Human Generated िाटा होता है ।
Machine Generated :- यह िाटा कम्प्यट
ू सट और दस
ू री मशीनो द्वारा खुद उत्पन्न हुवा िाटा होता है
जजसमे मनष्ु य का कोई भी हस्तक्षेप नहीं होता या जैसे कंप्यट
ू र लॉग्स,एप्लीकेशन लॉग्स इत्यादद।
Human Generated :- यह िाटा मनष्ु य द्वारा उत्पन्न होता है । हम सभी प्रनतददन सोशल साइट जैसे
फेसबक
ु , इंस्टाग्राम, यट्
ू यब
ू , ट्र्वटर,Gmail इत्यादद का इस्तेमाल करते हैं इनमे फोटो ,वीडियो,ईमेल सभी
प्रकार का िाटा शालमल होता है यह सभी Human Generated िाटा कहलाता है ।
Descriptive Analytics :- यह िाटा प्रोसेलसंग का सबसे पहला Stage है जजसमे Raw िाटा में से र्पछला
Historical िाटा ननकाला जाता है और िाटा को अगली प्रकिया के ललए तैयार कर ददया जाता है ।
यानन इसके द्वारा ककसी बबज़नेस के र्पछले साल दर साल की प्रदशटन ररपोटट को ननकाला जा सकता है
और उसी के अनस
ु ार आगे की रणनीनत बनायीं जा सकती है ।
Diagnostic Analytics :- जजस तरह से Descriptive Analytics में र्पछले िाटा को परख कर आगे की
रणनीनत तैयार की जाती है उसी तरह से Diagnostic Analytics में सवालों के जवाब ढूंढे जाते हैं।
उदाहरण के तोर पर साल के ककसी एक समय में बबज़नेस में काफी तेजी आई या कमी आई उसके
कारणों का पता लगाना हो तो Diagnostic Analytics में इस तरह के सवालों के जवाब ढूंढे जाते हैं और
उस पर उथचत एक्शन ललया जाता है ।
Predictive Analytics :- इसमें Descriptive और Diagnostic Analytics िाटा के आधार पर आने वाली बबज़नेस
Opportunity का अनम
ु ान लगाया जाता है जो परू ी तरह से िाटा की Quality पर ननभटर करता है और इसी
अनस
ु ार बबज़नेस की रणनीनत बनाई जाती है जैसे अगर ररटे ल का उदाहरण ही लें तो िाटा के आधार पर
आने वाली ककसी प्रोिक्ट की बबिी का अंदाजा लगाया जा सकता है और उस अनस
ु ार उथचत कायट ककया
जा सकता है ।
Prescriptive Analytics :- इस द्वारा ककसी बबज़नेस में होने वाली भर्वष्य की मजु श्कलों को दरू करने के
ललए Historical िाटा का सहारा ललया जाता है , और उससे ननपटने की तैयाररयों के ललए रणनीनत बनाने में
मदद लमलती है जजसके ललए Artificial Intelligence और Machine Learning का इस्तेमाल ककया जाता है ।
Cloud Computing वह टे क्नोलॉजीहै जजसमे इंटरनेट का इस्तेमाल करके र्वलभन्न तरह कीसेवाएं(services)
प्रदान कीजातीहैं। यह सेवाएं(services) कुछ भी हो सकती हैं कफर चाहे ककसी प्रकार का सॉफ्टवेयर हो या सवटर
पर storage space ददया जाना हो या कोई अन्य सेवा हो। क्लाउि कंप्यदू टंग का मतलब है ककसी भी तरह की
कंप्यदू टंग सर्वटस को इंटरनेट के जररए यज
ू र कीडिमांि पर प्रदान करना।आसान भािामें अगर Cloud Computing
को समझाएं तो इस टे क्नोलॉजी में यज
ू र को इंटरनेट के एक सवटर पर (जजसेक्लाउि कहाजाताहै ) िाटास्टोरे ज की
फैलसललटी प्रदान की जाती है । ऐसे में Cloud पर space खरीदकर यज
ू र अपना ककतना भी िाटा उस पर save
कर सकताहै और अपने िाटा को कफर दनु नया में कहीं से भी access कर सकताहै ।
Cloud Computing टे क्नोलॉजी के अनेकों उदाहरण आज दनु नया में मौजूद हैं। जजसमे से कुछ चुननंदा प्रलसद्ध
उदाहरण हैं-
1. youtube : प्रलसद्ध वीडियो शेयररंग प्लेटफामट youtube पर रोज़ाना लाखों वीडियो अपलोि होतेहैं। ऐसे में
इतने सारे वीडियो को स्टोर करने के ललए यट्
ू यब
ू Cloud Computing टे क्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है ।
2. facebook : फेसबक
ु जैसा प्रलसद्ध सोशल मीडिया प्लेटफामट जजसपर अरबों लोगों की प्रोफाइल है और बहुत
सा िाटा मौजद
ू है तो ऐसे में इतने सारे िाटा को रखने के ललए फेसबक
ु भी Cloud Computing का ही
इस्तेमाल करताहै ।
3. Emails : email सेवा प्रदान करने वाली सारी कंपनी(जैसे की Gmail, Rediff, yahoo) व ऑनलाइन storage
space दे ने वाली सारी कंपननयां जैसे की ड्रॉपबॉक्स, यांिक्
े स, मीडियाफायर,मेगा आदद सभी कंपननयां Cloud
Computing का ही इस्तेमाल करतीहैं।
प्राइवेट Cloud Computing में सर्वटसेज और नेटवकटएक प्राइवेट क्लाउि पर स्टोर ककयेजातेहैं।इसमें यज
ू र
अपनेकोक्लाउि स्टोरे ज कोककसीअन्यव्यजक्तकेसा शेयर नहींकरनाहोता। जैसेकीगग
ू ल ड्राइव एक प्राइवेट Cloud
Computing काउधारण है । यहाूँआपकेसारािाटाआपकेईमेलईद और पासविटसेसरु क्षक्षत होताहै और इसमें आपकाड्राइव
आपकेअलावाकोई और नहींउपयोगकर सकता।
hybrid Cloud में प्राइवेट क्लाउि और पजब्लक क्लाउि दोनोंकाइस्तेमाल ककयाजाताहै । ककसीसाइट पर कुछ
सामग्रीकेवल रजजस्टर लोगोंकेललए उपलब्धहोऔर कुछ सामग्रीसावटजननक उपलब्धहोतोऐसेक्लाउि कोहाइबिि
क्लाउि कहतेहैं।
इस तरह कीसर्वटस में क्लाउि काकंप्यदू टंग पावर, स्टोरे ज, सॉफ्टवेयर, नेटवकटपावर और बाकीसाराकण्ट्ट्रोल यज
ू र
केपास होताहै । इस सर्वटस कोमल
ू रूप सेबबज़नेस केललए इस्तेमाल ककयाजाताहै ।इसकासबसेबडाउदाहरण VPS
यानीवचअ
ुट ल प्राइवेट सवटर है । जजसमेआपकोसॉफ्टवेयर और नेटवकटकेसा -सा कंप्यदू टंग पावर भीलमलतीहै ।
Saas (Software as a service) में आपकोररमोट सवटर पर होस्टे ि केवल एक सॉफ्टवेयर हीलमलताहै जजसकाइस्तेमाल
ककसीननजश्चत काम केललए ककयाजाताहै । इस तरह कीसर्वटसेज कोज्यादातर छोटे बबज़नेस काम में लेतह
े ैं। इस तरह
कीसर्वटस में ककसीभीतरह कासॉफ्टवेयर होसकताहै जैसेगग
ू ल िॉक्सऑनलाइन यागग
ू ल गसई
ु ट आददयेसभीsaas
केउधारण हैं।
वचअ
ुभ ल ररयललटी क्या है – Virtual Reality in Hindi
Virtual Reality दो शब्दों का समाहार है ‘virtual’ और ‘reality’. जहाूँ ‘virtual’ का अ ट है near (पास) और
reality का अ ट है ऐसा experience जो हम human beings महसस
ू करते हैं (सत्य जैसा). इसललए ‘virtual
reality’ का मतलब है reality के जैसे. इसका मतलब है की यह एक specific प्रकार का reality emulation
होता है .
वचअ
ुभ ल ररयललटी क्या है – Virtual Reality in Hindi
Virtual Reality दो शब्दों का समाहार है ‘virtual’ और ‘reality’. जहाूँ ‘virtual’ का अ ट है near (पास) और
reality का अ ट है ऐसा experience जो हम human beings महसस
ू करते हैं (सत्य जैसा). इसललए ‘virtual
reality’ का मतलब है reality के जैसे. इसका मतलब है की यह एक specific प्रकार का reality emulation
होता है .
1. Believable:
जैसे जैसे आप ऐसे virtual world के र्विय में believe करते रहें , आपको ये बबलकुल भी पता नहीं चलेगा
की ये एक virtual reality है या नहीं.
2. Interactive:
इस virtual world को आपके सा move करना होगा जजससे ये प्रतीत हो की ये ज्यादा interactive ददखे.
यदद ये ज्यादा interactive न ददखे तब इसे virtual reality नहीं कहा जा सकता है .
3. Computer-generated:
ये बहुत ही महत्वपण
ू ट है क्यकूं क इसे केवल powerful machines, जजसमें की realistic 3D computer graphics
का इस्तमाल होता है, का ही इस्तमाल ककया जाता है जजससे की ये इतना fast हो जजससे की ये
believable, interactive, alternative दनु नया की संरचना कर सकता है . इससे ये आसानी से real-time में
बदल सकता है जजससे ये और भी real प्रतीत होता है .
4. Explorable:
एक VR world को बडा और detailed होना चादहए जजससे इसे अच्छे तरीके से explore ककया जा सके.
जजतनी भी realistic एक painting हो लेककन अगर इसमें ज्यादा details न हो तब ये ज्यादा explorable
नहीं होगा. एक बेहतर VR के ललए इसका explorable होना बहुत जरुरी है .
5. Immersive:
अगर आपने कभी ककसी व्यजक्त को Virtual Reality का इस्तमाल करते हुए दे खा होगा तब आपने जरुर
दे खा होगा की कैसे वो बहुत सारे equipments का इस्तमाल करते हैं. एक ordinary computer experience
और एक VR experience में जो अंतर है वो उसके input और output के nature में होता है ।
जहाूँ एक ordinary computer keyboard, mouse, speech recognition जैसे equipments का इस्तमाल करता
है input के ललए, वहीीँ VR sensors का इस्तमाल करता है ये detect करने के ललए की कैसे body move कर
रहा है ।
वहीीँ जहाूँ एक PC output को एक screen पर ही display करता है , वहीीँ VR दो screens (हरे क आूँख के ललए),
stereo और surround-sound speakers, इसके सा haptic (touch और body perception के ललए) feedback
का भी इस्तमाल करता है .
ये इसललए मम
ु ककन है क्यकूं क यहाूँ पर User को एक head-mounted display पहनना होता है , जो की एक
बडा motorbike helmet के तरह ददखाई पडता है . इसमें दो small screens (प्रत्येक आूँख के ललए) होते हैं,
एक blackout blindfold जो की बाहरी lights को block करती है (ताकक user को real world से कोई
distractions न हो), और stereo headphones भी होता है.
ये दो screens slightly different stereoscopic images display करते हैं, जजससे की virtual world का एक
realistic 3D perspective दृश्यमान होता है . HMDs में usually built-in accelerometers या position sensors
होता है जो की ये detect करता है की कैसे आपकी head और body move कर रहे हैं और ये picture को
उसी दहसाब से adjust करता है .
Immersive Rooms
Immersive rooms को HMD के alternative के दहसाब से इस्तमाल ककया जाता है . यहाूँ पर user को एक
ऐसे room के भीतर में रखा जाता है जहाूँ पर उस room के दीवारें पर जो images को display ककया जाता
है बहार से वो हमेशा बदलता रहता है ।
जैसे जैसे आप room में move करें गे वैसे वैसे images भी change होंगी. Flight simulators मख्
ु य रूप से
इसी technique, का इस्तमाल करते हैं जहाूँ पर landscapes, cities, और airport approaches के images को
project ककया जाता है large screens में cockpit के बहार. इससे एक अलग reality का feel होता है .
Datagloves
ये बात तो सही है की चाहे वो कोई भी reality ही हमें हमेशा चीज़ों को छूने की इच्छा होती है . VR
technology में भी हम इस चीज़ को Datagloves के जररये feel कर सकते हैं. इन datagloves में sensors
लगे हुए होते हैं जजन्हें की gloves के बाहरी side में wired कर ददया गया होता है जजससे की ये motions
को आसानी से detect कर सके.
यहाूँ fiber-optic cables का इस्तमाल ककया जाता है जजन्हें की fingers के लम्बाई के दहसाब से stretched
ककया जाता है . प्रत्येक cable में tiny cuts होते हैं, जैसे जैसे आप अपने fingers को back और forth करते हैं,
वैसे वैसे ज्यादा और कम light इन cuts से escape होती हैं।
वहीीँ एक photocell cable के अंत में होता है जो की light को measure करता है की ककतनी light उन तक
पहुंची. इससे computer ये जान पाता है की अंगलु लयाूँ क्या कर रही हैं. वहीीँ दस
ु रे gloves strain gauges,
piezoelectric sensors, या electromechanical devices (जैसे की potentiometers) का इस्तमाल करते हैं
finger movements को measure करने के ललए.
Wands
एक dataglove, की तल
ु ना में एक wand और भी ज्यादा simple होता है जो की एक stick होता है जजसे
आप touch, point to, या otherwise virtual world के सा interact करने के ललए इस्तमाल कर सकते हैं.
इसमें position और motion sensors (जैसे की accelerometers) होते हैं built in, इसके mouse-like buttons
या scroll wheels भी होते हैं.