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3 ई-गवर्नेंस-17-10-22
3 ई-गवर्नेंस-17-10-22
E-commerce, जिर्े इलेक्रॉनिक कॉमर्स भी कहते है , इंटरिेट तथा अन्य इलेक्रॉनिक माध्यमों र्े उत्पाद,
और र्ेवाएं खररदिा-बेचिा तथा ऑिलाइि मिी रांर्फर करिा एवं डेटा शेयर करिे की प्रक्रिया है . ई-
कॉमर्स में क्रफजिकल प्रोडक् र् के अलावा इलेक्रॉनिक ुस ड् र् तथा र्ेवा ं का यायापार भी होता है .
E-Commerce
अगर और आसान शब्दों में कहें तो ऑिलाइि शॉपपंग करिा ही ई-कॉमर्स कहलाता है . आप फिजिकल
प्रोडक्ट (िनीचर, फकचन आइटम, इंडस्ट्री मशीनरी आदद), डडजिटल गड्
ु स (ई-बक्
ु स, ई-मैगिीन्स, ई-पेपर,
विडडयो कोसस, ग्राफिक्स, पें दटग्स आदद) एिं सेिाएं (कंसल्टें सी, टीचचंग, राइदटंग़, हे ल्थ एडिाइस, ललगल
एडिाइस आदद) ऑनलाइन खरीद-बेच सकते है .
ई-कॉमसस के िररए दक
ु ान और सामान लसिस एक जक्लक की दरू ी पर रह गई है . आप बस सामान सेलेक्ट
कीजिए, भग
ु तान कीजिए और हो गई शॉवपंग. आप ना दक
ु ान गए, ना पैसे चगने, ना दक
ु ानदार से लमले.
इतना ही आसान है ई-कॉमसस द्िारा ऑनलाइन शॉवपंग करना.
अमेिि, जललपकाटस , िॉलमाटस , बबगबास्ट्केट, अललबाबा, पेटीएम मॉल, लमंत्रा, स्ट्नेपडील, शॉपक्लि
ू आदद ई-कॉमसस
खखलाडडयों (ई-कॉमसस माकेटप्लेस) ने ऑनलाइन शॉवपंग को व्यापक स्ट्तर पर पहुुँचा ददया है और अपने
ग्राहकों तक आसान पहुुँच सनु नजचचत भी की है . इससे ग्राहकों के साथ-साथ मचेंट्स को भी लाभ हुआ है .
ई-कॉमर्स वेबर्ाइट तथा मोबाइल एजललकेशि के िररए फकया िाता है . जिसमें पेमेंट गेटिे, SSL Certificates,
Inventories, Taxes, Encrypting Technologies आदद इंटीग्रेटेड कर िाती है ताफक शॉवपंग के दौरान ग्राहक
के साथ कोई धोखाधडी ना हो पाए और उसे सारी सवु िधाएं एक ही िगह पर उपलब्ध कराई िा सके.
मगर, सोशल मीडडया प्लैटिॉर्मसस, ऑनलाइन चैदटंग, कॉललंग आदद इलेक्रॉननक माध्यमों से भी ई-
बबििेर् फकया िा रहा है . लेफकन इन सभी से िेबसाइट और एप साि वििेता साबबत हुए है .
इस घटना ने इनतहास रचा था. और आि भी इसे ही असल ई-कॉमसस रािेंक्शन माना िाता है . क्योंफक
इस ऑनलाइन रािेंक्शन के दौरान पहली बार Encryption Technology का उपयोग ऑनलाइन शॉवपंग मे
हुआ था. िो आि आम बात हो गई है .
मगर, ई-कॉमसस का िन्म भी इंटरनेट के समय ही हो गया था. क्योंफक यनु निलससदटि, शैक्षिक संस्ट्थान,
शोधाथी. िैज्ञाननक अपने ररसचस पेपर तथा शैक्षिक सामग्री का आदान-प्रदान करने लगे थे. यह
प्रोसेस एपासनट
े (ARPANET) के बनने के बाद अपने कदम रख चुकी थी.
इसके बाद इलेक्रॉननक कंपननयों िैसे eBay, Amazon आदद का िन्म शरु
ु हुआ. और ई-कॉमसस क्रानत की
शरु
ु आत हो गई.
डॉक्यम
ु ें ट शेयररंग से शरु
ु हुई तकनीक आि हमारे हाथ में समा चुफक है . और हम दनु नया के फकसी भी
कोने से ऑनलाइन उपलब्ध िस्ट्तु को एक जक्लक करके खररद सकते है . ई-कॉमसस की असल ताकत यही
है .
लेफकन, इस ऐनतहालसक घटना क्रम के दौरान बहुत सारी घटनाएं हुई और नये प्लेटिॉर्मसस, टूल्स, तकनीक
का इिात हुआ, जिसका संक्षिप्त िर्सन E-commerce Timeline में ददया िा रहा है .
यह E-commerce History Timeline बनाने में विफकपीडडया और बबगकॉमसस पर उपलब्ध िानकारी का सहारा
ललया गया है .
1982 – फ्ांस टे ललकॉम नें Minitel को ऑनलाइन ऑडसर लेने के ललए शरु
ु फकया
1992 – बक
ु स्ट्टै क्स अनलललमटे ड ने फकताबों का पहला माकेटप्लैस शरु
ु फकया जिसकी िेबसाईट
www.books.com थी. अब यह िेबसाईट www.barnesandnoble.com हो गई है .
2000 – गग
ू ल ने AdWords शरु
ु की
2005 – दस्ट्तकारी तथा परु ाने कीमती सामात (Vintage Goods) ऑनलाइन बेचने-खररदने के ललए Esty
माकेटप्लेस शरु
ु हुआ
2011 – िेसबक
ु ने Sponsored Stories नाम से विज्ञापन शरु
ु फकया
ई-कॉमसस मख्
ु य रूप से सात Models of E-commerce से संचाललत होता है . जिनका िर्सन इस प्रकार है .
िब ऑनलाइन बबिनेस दो से अचधक बबिनेस कंपननयों, संस्ट्थानों, एिेंलसयों के बीच फकया िाता है तो
यह Business to Business Model (B2B) कहलाता है .
यहाुँ पर व्यापारी अचधकतर कच्चा सामान, ररपैफकं ग होने िाला सामान खरीदते है और सेिाओं के रूप में
सॉलटिेयर तथा कानन
ू ी सलाह शालमल होती है . मगर यहीं तक सीलमत नहीं है .
ई-कॉमसस का सबसे प्रचललत रुप B2C है . िब आप एक प्रकाशक से अपने ललए कोई फकताब ऑडसर करते
है तो यह शॉवपंग इसी बबिनेस मॉडल में शालमल होती है . क्योंफक यहाुँ पर रांिक्
े शन सीधा बबिनेस से
उपभोक्ता के बीच होता है .
यह मॉडल शरु
ु आत का बबिनेस मॉडल है . इस ई-कॉमसस बबिनेस मॉडल में एक ग्राहक दस
ू रे ग्राहक से
ऑनलाइन रांिक्
े शन करता है . eBay, Amazon पर आपको कुछ इसी तरह का मॉडल दे खने को लमलता है .
िहाुँ पर एक ग्राहक अपना परु ाना सामान तथा नया सामान भी सीधे ग्राहक को बेचता है .
िब एक ग्राहक अपना सामान अथिा सेिाएं सीधे एक बबिनेस को बेचता है तो यह ई-कॉमसस मॉडल C2B
कहलाता है .
इन सेिाओं की सच
ू ी दे श काल के दहसाब से लभन्न हो सकती है . कानन
ू ी दस्ट्तािेि, पंजिकरर्, सामाजिक
सरु िा योिनाएं, नौकरी प्रािधान तथा अन्य व्यापाररक सेिाएं सरकारें ऑनलाइन मह
ु ै या करा रही है .
जिससे सरकार और व्यापाररक प्रनतष्नानों का समय और पि
ूं ी दोनों बच रहे है .
िब सरकारें अपनी िरूरत का कुछ सामान अथिा सेिाएं बबिनेस से ऑनलाइन खरीदती है तो इसे B2G
ई-कॉमसस मॉडल कहा िाता है . उदाहरर्, फकसी लोकल सरकारी एिेंसी को अपने अचधकार िेत्र में CCTV
Cameras लगिाने है तो िह इसके ललए फकसी कैमरा स्ट्टोर से कैमरा खरीदती है . और उन्हे लगिाने का
ने का भी फकसी बबिनेस को दे सकती है . यह सब कायस इसी मॉडल में आते है .
भारत दे श में इसका सबसे अच्छा उदाहरर् बाबारामदे व का लोकवप्रय स्ट्िदे शी पंतिली ब्रांड (ननिी व्यापार) है
िो अपने उत्पाद भारतीय सेना (सरकारी संस्ट्था) को बेच रहा है . यह बबिनेस मॉडल B2G के अंतगसत ही
है .
ई-गिनेंस सेिा यहाुँ भी लागु होती है . क्योंफक एक आम नागररक का भी बहुत सारा सरकारी कामकाि
रहता है . जिसके ललए उसे सरकारी दलतरों के चक्कर काटने पड़ते है .
मगर िब सरकारी सेिाएं ऑनलाइन उपलब्ध हो िाती है तो ग्राहक सीधा िेबसाइट या एप के माध्यम से
इन सेिाओं का लाभ ले सकता है . ई-लमत्र सेिा, उमंग, ई-फिललंग, डडजिलॉकर, िास्ट्टै ग आदद इसी मॉडल के
उदाहरर् है .
लेफकन इसके अलािा भी बहुत सारे अन्य िायदें एक ग्राहक को होते है जिनका वििरर् इस प्रकार है .
आप ई-कॉमसस की सहायता से परू ी दनु नया में पहुुँच बना लेते है . यदद आप एक विक्रेता है तो आपके ललए
नये ग्राहक ढूुँढने की िरूरत नहीं रहती है . क्योंफक परू ी दनु नया आपका ग्राहक बनने के ललए तैयार है .
और ग्राहक के ललए दनु नयाभर के स्ट्टोर सामान बेचने के ललए उपलब्ध रहते है . िह अपनी पसंद का कुछ
भी सामान आराम से दे खकर और िानकारी करके खरीद सकता है .
क्योंफक कंपननयों को बबचौललयां का सहारा नहीं लेना पड़ता है . इनकी लागत का सीधा असर प्रोडक्ट की
लागत पर होता है . चुफक इनकी िरूरत खत्म सी हो िाती है . इसललए प्रोडक्ट की िास्ट्तविक कीमत कम
हो िाती है . और आपको सामान खरीदने के ललए दक
ु ान भी नही िाना है तो फकराया और पेरोल-डीिल
की बचत भी िोड सकते है .
और यह तरीका उन लोगों के ललए कारगर है जिन्हे स्ट्टोर, मॉल्स पर िाने में ददक्कत या असहिता
महसस
ू होती है . िह अपना मन पसंद सामान आराम से घर से, ऑफिस से, कॉलेि आदद से ऑडसर कर
सकते है और उसे मन पसंद िगह पर मंगिा भी सकते है .
गली की दक
ु ान या मॉल की भांनत ऑनलाइन स्ट्टोर का कोई खल
ु ने-बंद होने का समय तय नहीं है . आप
24×7 शॉवपंग कर सकते है . यह दक
ु ान साल के 365 ददन खल
ु ी रहती है .
यदद आप फकसी स्ट्टोर पर िायेंग़े तो आपको पहले से पहुुँचे हुए ग्राहकों के ननपटने का इंतिार करना
पडेगा इसके बाद आपका नंबर आता है . और यदद आपको ज्यादा आइटम खरीदने है तब तो आपको कई-
कई स्ट्टोसस के चक्कर लगाने पड सकते है . िो एक थका दे ने िाला काम साबबत हो सकता है .
मगर, ऑनलाइन शॉवपंग के दौरान आपको कहीं भी िाने की िरूरत नहीं क्योंफक आप सारा सामान एक
िगह से ऑडसर कर सकते है और लाइन में लगने की भी िरूरत नहीं रहती है .
यदद आप एक से ज्यादा आइटम खरीद रहे तो सचस िीचर का इस्ट्तेमाल करके अपने ललए प्रोडक्ट ढूुँढ़
सकते है ब्राउि करके एक-एक आइटम की िानकारी लेकर उसे Add to Cart अगले आइटम की खोि कर
सकते है .
ऑनलाइन स्ट्टोर आपके सचस व्यिहार और परु ानी शॉवपंग के आधार पर आपके ललए प्रोडक्ट की लसिाररशे
करता है . और आपकी पसंद नापसंद के दहसाब से प्रोडक्ट्स सझ
ु ाता है . यह सवु िधा एक फिजिकल स्ट्टोर
पर नहीं लमलती.
ई-कॉमर्स का िक
ड् र्ाि – Disadvantages of E-commerce in Hindi?
जिस तरह लसक्के के दो पहलू होते है . उसी तरह ई-कॉमसस के िायदें है तो कुछ नक
ु सान भी होते है . िो
ग्राहक को कई मस
ु ीबतों में िंसा सकते हैं.
एक सामान्य स्ट्टोर से कोई आइटम खरीदते समय हम आइटम को कई तरीकों से िांच कर सकते है .
और साथीयों से भी सलाह ले सकते है .
मगर, ऑनलाइन स्ट्टोर से सामान खरीदते समय यह सवु िधा नहीं लमल सकती है . क्योंफक
आप कम्पलयट
ू र या मोबाइल स्ट्क्रीन से एक सोिा की िांच नही कर सकते है . िो सेलर द्िारा उस आइटम
के बारे में ललखा िाता है . हमे उस पर ही ननभसर रहकर सामान की खररदी करनी पड़ती है .
यदद आप ऑनलाइन शॉवपंग करना चाहते है तो आपको डडजिटल सािर होने की िरूरत है . यदद आपको
ू र, इंटरिेट, िेट बैंक्रकंग आदद का व्यािहाररक ज्ञान नहीं है तो आपके ललए ऑनलाइन शॉवपंग बेकार
कर्मप्यट
है .
इसललए इसे असरु क्षित माना गया है . साइबर क्राइम का बढ़ता ग्राि इसे और मिबत
ू ी दे ता है . फिलशंग,
कीलॉगसस, डड्जललकेट यआ
ू रएल आदद िे तरीके है जिनके िररए ऑनलाइन धोखाधडी की िाती है .
स्ट्टोर से खरीदारी करते समय आप बहुत सारी शंकाओं का समाधान लमनटों में प्राप्त कर सकते है . आप
कैलशयर, क्लकस, मैनेिर से सीधे लमलकर सिाल कर सकते है . मगर ऑनलाइन स्ट्टोर पर यह सवु िधा नहीं
होती है और आपको एक ननजचचत समय का इंतिार करना पडेगा यदद आप फकसी सिाल का ििाब लेना
चाहते है .
आपने भग
ु तान फकया और सामान आपका. मगर ऑनलाइन स्ट्टोर पर ऐसा नहीं है . भग
ु तान करने के
बाििूद भी आपको सामान के ललए इंतिार करना पडता है . िो गाहकों में खीि पैदा करता है . और इसे
कुछ बबिनेस न तो अनतररक्त पैसा कमाने का िररया बना रखा है . िो ग्राहक के अचधकारों के साथ भी
खखलिाड़ है .
आपने ये तो िान ललया फक ई-कॉमसस के माध्यम से सामान और सेिाओं को इंटरनेट के िरीए बबचा
िाता है . मगर कैसे?
चललए हम बता दे ते है .
दरअसल, ई-कॉमसस इंिॉमेशन तकनीक के कई टूल्स का सहारा लेकर फकया िाता है और एक ऑनलाइन
स्ट्टोर को बनाने में बहुत सारे अलग-अलग टूल्स इस्ट्तेमाल होते है . जिनके िररए ऑनलाइन स्ट्टोर बनाए
िाते है . ऑनलाइन स्ट्टोसस को हम दो िगों में बांट सकते है .
Online Storefronts
Online Marketplaces
Online Storefronts
आमतौर पर मचेंट अपना ऑनलाइन स्ट्टोर फकसी िेबसाइट के माध्यम से बनाते है . यह सबसे सीधा और
आसान तरीका है ऑनलाइन स्ट्टोर बनाने का. और अचधकतर बबिनेस इसी तरह अपना व्यापार कर रहे
है .
मचेंट्स शॉवपंग काटस , पेमेंट गेटिे तथा ई-कॉमसस टूल्स का इस्ट्तेमाल करके अपना ऑनलाइन स्ट्टोर बना
लेते है . तथा अपना सामान और सेिाएं बेचते है . ऑनलाइन स्ट्टोरफ्र्न्न्ट्स बनाने के ललए बहुत सारे
प्लैटिॉमस उपलब्ध है . नीचे कुछ लोकवप्रय प्लैटिॉर्मसस के नाम ददए िा रहे है .
Shopify – यदद आप आसानी से एक स्ट्टोरफ्ंट बनाने की सोच रहे थे शॉवपिाई आपके ललए यह सवु िधा दे
सकता है . क्योंफक इसके Drag-and-Drop Builder द्िारा अपना ई-कॉमसस स्ट्टोर बनाना पत्ते सिाना िैसा
काम है . शॉवपिाई टे र्मप्लेट्स, इंिेंरी टूल्स, बाई बटन, पेमेंट शॉल्यश
ु न आदद एक ही िगह उपलब्ध करिाता
है .
BigCommerce – यह प्लैटिॉमस B2B ई-कॉमसस के ललए शानदार िीचसस उपलब्ध करिाता है . इसके िररए
बडे आराम से एक ऑनलाइन स्ट्टोर बनाया िा सकता है . साथ में इसके द्िारा एक ब्लॉग, सोशल मीडडया
प्लैटिॉर्मसस पर भी सेललंग की िा सकती है .
Drupal Commerce – यदद आप Drupal Platform का इस्ट्तेमाल करते है तब आप इस टूल के द्िारा अपना
ऑनलाइन स्ट्टोर बन सकते है .
Online Marketplaces
Amazon – दनु नया की सबसे बडी ई-कॉमसस माकेटप्लैस होने का दािा नोकने िाली अमेिि कंपिी पररचय
का मोहताि नहीं है . दनु नयाभर के ग्राहकों के बीच इसने अपनी पहचान कायम की है . और लोगों को a-z
प्रोड्क्ट पहुुँचाकर खश
ु ी बांटने का काम कर रही है .
Flipkart – यह भारतीय कंपनी एमेिन की तरह भारतीय मचेंट्स के ललए दे शी तकनीक पर आधाररत
विचिव्यावप माकेट उपलब्ध करा रही है .
Example of E-commerce
ई-कॉमसस विलभन्न तरीकों से हो सकता है . और व्यापारी फिजिकटल प्रोडक्ट से लेकर पत्र ललखने तक की
सेिाएं इसके द्िारा उपलब्ध करा सकते है . नीचे ई-कॉमसे के विलभन्न रूपों के बारे में बता रहे है .
Retail
यह खुदरा व्यापार कहलाता है . जिस तरह आप पडोस के फकराना स्ट्टोर से सामान खरीदते है नीक इसी
प्रकार इस बबिनेस मॉडल में भी फकया िाता है . कोई बबचौललया नहीं होता है . ररटे लसस का सीधा संपकस
ग्राहक से होता है .
Wholesale
Dropshipping
उस उत्पाद को बेचना जिसका ननमासता कोई और है और उसकी डडललिरी कोई और करने िाला है . यानी
बेचने िाला का संपकस लसिस ग्राहक से होता है उत्पाद िह खुद ननमासर् नहीं करता. बजल्क फकसी अन्य
ननमासता के उत्पाद को बेचता है . िॉपलशवपंग आिकल उभरते हुए बबिनेसेस में से एक बन चुका है लोगों
के बीच खासकर िो 9-5 के िॉब से आिादी चाहते है इस बबिनेस को हाथों हाथ ले रहे है .
Crowdfunding
उत्पाद बािार में आने से पहले ही लोगों से उसके बदले में पैसा लेना क्राउडिंडडग कहलाता है . यह
स्ट्टाटासप बबिनेस के ललए शरु ाआती दौर में पैसे िट
ु ाने का एक बदढ़या और आिमाया हुआ लसद्धांत है .
Subscription
Physical Products
कोई भी सामान जिसका फिजिकल अजस्ट्तत्ि होता है उसे बेचना इसमें शालमल है . इस दौरान प्रोडक्ट का
ऑडसर ललया िाता है फिर सामान उसे डडललिर फकया िाता है .
Digital Products
Services
िब कोई पेशि
े र अपने कौशल के बदले शल्
ु क लेता है तो यह इस बबिनेस मॉडल में शालमल ई-कॉमसस
होता है .
उमंग एप क्या है – What is UMANG App?
UMANG एक मोबाईल एप है जिसे डडजिटल इंडडया के तहत भारत में ई-गिनेंस चलाने के ललए बनाया
गया हैं. उमंग एप को इलेक्रॉनिक्र् और र्च
ू िा प्रोद्योगगकी मंत्रालय (MeitY) एिं राष्रीय ई-गविेंर्
डडवीिि (NeGD) द्िारा विकलसत फकया गया हैं.
UMANG की िुल िॉमस Unified Mobile App for New Age Governance होता हैं. इसे पहली बार निर्मबर
2017 में लॉन्च फकया गया था. यह एप फिलहाल एक दिसन से भी ज्यादा भाषाओं में Android, iOS तथा
Windows डडिाईसों के ललए उपलब्ध हैं.
उमंग एप भारतीय नागररकों को केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा स्ट्थानीय ननकायों के अलािा अन्य
नागररक केंदद्रत सेिाओं तक पहुुँच सनु नजचचत करता हैं. और इसके ललए नागररकों को अलग-अलग पोटस ल
पर िाने की िरूरत भी समाप्त हो गई हैं. ये सारी सेिाएं उमंग एप के िररए एक्सेस की िा सकती हैं.
उमंग एप की मख्
ड् य पवशेषताएं – Key Features of UMANG App
एक मंच – उमंग एप ई-गिनेंस का एक मंच है . जिसके िररए केंद्र सरकार से लेकर स्ट्थानीय ननकायों तक
की नागररक केंदद्रत सेिाओं को एक्सेस फकया िा सकता हैं.
आर्ाि उपलब्धता – उमंग सेिा का िायदा लेने के ललए आपको सरकारी दलतरों के चक्कर काटने की
कोई आिचयकता नहीं हैं. ना ही आपको फकसी अिसर की लसिाररश लगिाने की िरूरत हैं. कोई भी
आम नागररक अपने स्माटस फोि में उपलब्ध Google Play Store (Android), App Store (iOS) तथा Microsoft
Store (Windows) से इस एप को आसानी से डाउनलोड करके इसका उपयोग शरु
ु कर सकता हैं.
बहड्भाषी – उमंग एप अंग्रेिी और दहंदी के अलािा दिसन भर से भी ज्यादा अन्य भारतीय भाषाओं में भी
उपलब्ध हैं. इसललए आप अपनी मातभ
ृ ाषा में भी इसका उपयोग ले सकते हैं.
3. या फिर उमंग िेबसाईट पर अपना मोबाईल नंबर दिस कराएं और SMS द्िारा डाउनलोड ललंक
प्राप्त करें .
Step: #1
सबसे पहले एप को लॉच कीजिए. लॉच करने के ललए इसके ऊपर उं गली से टै प कीजिए.
Step: #2
Step: #3
Step: #4
Step: #5
अब आपके मोबाईल नंबर का सत्यापन करने के ललए एक OTP आएगा. इस ओटीपी को उपलब्ध िगह
पर दिस करें और आगे बढ़े .
बधाई हो! आप सिलतापरू ि उमंग एप पर रजिस्ट्टर हो गए हैं. अब आप अपनी अधूरी प्रोिाईल को परू ा
करके सेिाओं का लाभ ले सकते हैं.
उमंग एप पर उपलब्ध र्ेवाएं – Available Services on UMANG App
उमंग एप पर फिलहाल 19 राज्यों के 76 विभागों की 380 सेिाएं# उपलब्ध हैं. जिनकी संक्षिप्त सच
ू ी इस
प्रकार हैं.
1. आधार सेिा
2. डडजिलॉकर
4. भारत बबल पे
5. भारत गैस
6. MKISAN
7. CBSE
8. AICTE
9. AKPS
यि
ु र अपने विलभन्न सरकारी, गैर-सरकारी दस्ट्तािेिों की स्ट्कैन्ड कॉपी यहाुँ अपलोड कर सरु क्षित रख
सकते हैं. तथा िरूरत पडने इनका डडजिटल संस्ट्करर् इस्ट्तेमाल कर सकते हैं.
यि
ु र e-Signed टूल की मदद से अपने सभी द्स्ट्तािेिो एिं प्रमार्-पत्रों को सेल्ि-एटे स्ट्टे ड भी कर सकता
हैं. और िेररफिकेशन के ललए संबचं धत एंिेलसयों को िारी कर सकता हैं.
ध्याि रखें
अब आपको आधार काडस, राशन काडस, िाईविंग लाईसेंस आदद दस्ट्तािेिों को िॉलेट में रखने की कोई
िरूरत नहीं है . इन्हे आप अपने घर पर सरु क्षित िगह पर रख सकते है और इनका डडजिटल संस्ट्करर्
से ही काम चला सकते हैं.
डडजिलॉकर को भारतीय इलेक्रॉनिक्र् एण्ड र्च
ू िा प्रोद्योगगक्रक मंत्रालय (MeitY) द्िारा विकलसत फकया गया
हैं. इस सवु िधा का िायदा वेबर्ाईट और एप के द्िारा ललया िा सकता हैं.
डडजिलॉकर की मख्
ड् य पवशेषताएं – Main Features of DigiLocker
र्पड् वधाििक – डडजिलॉकर नागररकों के ललए बेहद सवु िधािनक सेिा हैं. क्योंफक अब इन्हे अपने िेब
अथिा बटुए में दस्ट्तािेिों को रखने की िरूरत नहीं हैं. इन्हे अब डडजिटली एक्सेस करना संभि हो गया
हैं.
उपलब्धता – यहाुँ एक बार दस्ट्िािेि तथा प्रमार्-पत्र अपलोड करने के बाद इन्हे साल के 365 ददन और
24 घंटे कभी भी इस्ट्तेमाल फकया िा सकता हैं. क्योंफक यहाुँ उपलब्ध दस्ट्तािेि हमेशा आपके साथ-साथ
रहते हैं. यदद आप अपना स्माटस फोि भल
ू भी िाते है तब भी इन्हे Log in Details के माध्यम से अन्य
स्ट्माटस िोन अथिा कर्मप्यट
ु र के द्िारा आसानी से एक्सेस फकया िा सकता हैं.
प्रकृनत हहतेशी- हम सभी िानते है फक कागि को बनाने के ललए पेड़ों की िरूरत पड़ती हैं. इसललए यह
सवु िधा पयासिरर् के ललए लाभदायक साबबत हुई हैं. क्योंफक आपको कागिी दस्ट्तािेि रखने की
आिचयकता नही रहती हैं. आप जितनी चाहे डडजिटल कॉपी िारी करिा सकते हैं.
प्रमाणणकता – डडजिलॉकर में दस्ट्तािेि तथा प्रमार्-पत्र संबचं धत विभाग, संस्ट्था अथिा एंिेसी द्िारा िारी
फकये िाते हैं. इनमे यि
ु र अपनी तरि से कोई कांट-छांट या बदलाि नहीं कर पाता हैं. इसललए ये
दस्ट्तािेि प्रमाखर्करर् के ललए िैद्य साबबत होते हैं. और इनकी प्रमाखर्कता कागिी दस्ट्तािेिों के
समतल्
ु य होती हैं.
2. यदद आपके पास स्ट्माटस िोन है तो इसका मोबाईल एप डाउनलोड करके इस सेिा का लाभ ललया
िा सकता हैं. डडजिलॉकर एंिॉइड तथा आईऑएस के ललए मल
ु त उपलब्ध हैं.
आप चाहे िेबसाईट के माध्यम से एक्सेस करें या फिर मोबाईल एप के द्िारा उपयोग करें . मगर पहले
आपको डडजिलॉकर की Aadhar-Based Registration Process परू ी करनी होगी तभी आप अपने दस्ट्तािेि
तथा प्रमार्-पत्र अपलोड एिं िारी कर सकते हैं.
डडजिलॉकर पर पंजिकरर् करने से पहले ननर्मन िरूरी बातों का ध्यान अिचय रखें :
आपके पास एक एजक्टि मोबाईल नंबर होना चादहए. ताफक टीपी प्रमाखर्करर् परू ा हो सके.
अपना आधार काडस अपने पास रखे या फिर आधार नंबर याद होने चादहए.
Step: #1
सबसे पहले डडजिलॉकर पंजिकरण पोटस ल पर िाएं. और अपना मोबाईल नंबर दिस करें .
https://digilocker.gov.in/public/websignup#!
Step: #2
अब आपके मोबाईल नंबर को िेररिाई करने के ललए एक OTP आएगा. इसे उचचत िगह पर ललखे और
आगे बढ़े .
Step: #3
डडजिलॉकर यि
ड् रिेम और पार्वडस बिािे के सलए निदे श
Step: #4
अब आपसे आधार काडस प्रमाखर्करर् और करिाया िाएगा. इसके ललए आप अपना 12 अंको का आधार
नंबर ललखें, शतों पर सही का ननशान लगाएं और सबलमट करें .
Step: #5
आधार काडस के साथ रजिस्ट्टर मोबाईल नंबर प्राप्त OTP को ललखकर िेररफिकेशन परू ा करें .
बधाई हो! अब आप डडजिलॉकर सेिा का उपयोग करने के ललए परू ी तैयार हो गए हैं. लॉग इन करके
क्लाउड स्ट्टोरे ि का िायदा उनाईयें.
Requester – िह संस्ट्था, एंिेसी अथिा व्यजक्त िो e-Documents िारी करने का ननिेदन करता हैं.
Access Gateway – e-Documents को सरु क्षित एक्सेस करने का माध्यम िो URI (Unique Resource
Indicator) पर आधाररत होता हैं.
डडजिलॉकर क्रकतिा र्रड् क्षित हैं – How Secure is DigiLocker?
मगर, डडजिलॉकर की सरु िा की चचंता करने की कोई िरुरत नहीं हैं. यह एक सरु क्षित और कुशल
डडजिलट प्लैटिॉमस हैं. भारत सरकार द्िारा इसे और अचधक सरु क्षित बनाने के ललए समय-समय ददशा-
ननदे श िारी फकये िाते रहते हैं.
इसललए इसका हर अपडेटेड संस्ट्करर् गहन िांच और मानक कोडडंग पर खरा उतरने के बाद ही िारी
फकया िाता हैं.
OTP Based-Registration – इस प्लैटिॉमस पर केिल Genuine User ही अपना पंजिकरर् करा सकता हैं.
क्योफक पंजिकरर् की परू ी प्रफकयास मोबाईल-आधाररत है जिसे ओटीपी द्िारा प्रमाखर्त फकया िाता हैं.
इनके अलािा कुछ अन्य सरु िा मानकों को अपनाया िाता हैं. ताफक नागररकों को एक सवु िधािनक, तेि
और सरु क्षित प्लैटिॉमस उपलब्ध करिाया िा सके.
यरू ोपीय पररषद ने e-governance को सािसिननक कायसिाही के तीन िेत्रों में इलेक्रॉननक प्रौद्योचगकी के
प्रयोग के रूप में पररभावषत फकया है । सरकारी एिेंलसयों तथा समाि के मध्य सर्मबन्ध, राज्य के सभी
सरकारी प्राचधकाररयों का इलेक्रॉननक कायाकल्प(इलेक्रॉननक प्रिातंत्र(democracy)) तथा सािसिननक
सेिाओं(public services) का प्रािधान(इलेक्रॉननक सािसिननक सेिाएं)।
इलेक्रॉननक सच
ू ना एिं संचार प्रौद्योचगकी(ICT) की समझ को प्रशासन या शासन में सकारात्मक तरीके से
लागू करना E-गिनेंस है । अथिा इलेक्रॉननक पद्धनत की मदद से िनता तथा शासन के संबध
ं ों को
पन
ु पसररभावषत करना, डडजिटल तकनीक के यग
ु में साइबर स्ट्पेस की मदद से शासन के उद्दे चयों को पाने
का प्रयास e-govenance है ।
इस मामले में सच
ू ना और संचार प्रौद्योचगकी का प्रयोग सरकारी संगननों तथा सरकारी प्रफक्रयाओं में
सच
ू ना और सेिाओं के प्रिाह की िद्
ृ चध के ललए फकया िाता है । इस प्रकार की परस्ट्पर फक्रयाएं राष्रीय,
प्रांतीय और स्ट्थानीय सरकारी एिेंलसयों तथा संगनन के भीतर विलभन्न स्ट्तरों पर हो सकती हैं। इसका
प्राथलमक उद्दे चय िमता, कायस ननष्पादन(Performance) और उत्पादन बढ़ाना है ।
G2B का उद्दे चय लालिीताशाही को कम करना, प्रचललत लागत में कमी करना, सरकार के साथ सर्मबन्ध
स्ट्थावपत करते समय अचधक पारदशी व्यािसानयक िातािरर् तैयार करना है । G2B के लेनदे न में
लाइसेंसीकरर्, परलमट, अचधप्राजप्त(Procurement) और रािस्ट्ि ग्रहर् शालमल हैं इसके अलािा व्यापार,
पयसटन और ननिेश भी हो सकता है ।
सरकार सबसे बड़ी माललक(Employer) है और अन्य फकसी संगनन(organization) के समान इसे ननयलमत
आधार पर अपने कमसचाररयों के साथ परस्ट्पर फक्रया करनी होती है । यह परस्ट्पर फक्रया संगनन और
कमसचारी के बीच साधनों के प्रयोग को तीव्र और सिम बनाती है । तथा कमसचाररयों में संतजु ष्ट स्ट्तर को
बढ़ाने में सहायता करती है ।
E-governance के आधार
E-governance मख्
ु यतः कंप्यट
ू र एिं संचार प्रर्ाललयों के नेटिफकिंग के विकास से सर्मबंचधत है । िो धीरे -
धीरे विकलसत होने की और बढ़ रहा है । E-governance के विकास के आधार ननर्मनललखखत हैं।
Digital Infrastructure
E-governance को मिबत
ू करने के ललए इंटरनेट सवु िधा होना िरुरी हैं। इंटरनेट की पहुंच गांि, कस्ट्बे,
दरू दराि के िेत्रों तक होनी चादहए। इंटरनेट के इस्ट्तेमाल के ललए कंप्यट
ू र एिं कंप्यट
ू र से सर्मबंचधत अन्य
डडिाइस की उपलब्धता बड़ी मात्रा में बढाई िानी चादहए। सभी सरकारी कायासलयों को कर्मप्यट
ू रीकृत करने
की आिचयकता है ।
Digital Connection
पहले चरर् में डडजिटल इंफ्ास्ट्रक्चर तैयार करने के बाद दस
ू रे चरर् में कनेजक्टविटी पर ध्यान ददया
िाना िायेगा। सच
ू ना एिं आंकड़ों को इकठ्ना करने के ललए एिं उनके प्रिाह(flow) के ललए एक HUB का
ननमासर् करना होगा।
इंटरनेट की पहुंच को सभी िेत्रों में आसान बनाते हुए सरकारी विभागों तथा सगननों को ऑनलाइन
प्लेटिामस पर लाना होगा। प्रयास यह होना चादहए फक सरकार के द्िारा उपलब्ध सभी िरुरी सच
ू नाएं िेब
पेि, िेबसाइट के माध्यम से िनता को उपलब्ध हो।
Digital Litracy
सरकार द्िारा फकये िा रहे प्रयासों का लाभ उनाने के ललए आिचयक है , फक िनता डडजिटल माध्यमों का
उपयोग करना िानती हो। उसे इंटरनेट की समझ हो एिं डडजिटल रूप में सािरता प्राप्त की हुई हो।
तीसरे चरर् में सरकार का प्रयास होगा फक डडजिटल सािरता की समझ के स्ट्तर तक लोगों की पहुंच
परू ी हो सके। ऐसा होने पर सरकारी संगननों, विभागों, नागररकों, समाि आदद के बीच संचार(online) के
माध्यम से संपकस स्ट्थावपत होगा।
connect: सच
ू नाओं का समयबद्ध रूप में िनता तक पहुंच।
citizen centric: डडजिटल माध्यम से उपलब्ध प्रफक्रया को उपयोग में लाना लोगों के ललए आसान
हो।
ज्ञान यक्
ु त समाि का बढ़ता दिाब।
E-governance के अनप्र
ु योग(Applications of e-governance)
E-governance मख्
ु यतः नैनतक, जिर्ममेदार, रे स्ट्पोंलसि, पारदशी एिं स्ट्माटस शासन व्यिस्ट्था लेन के ललए
सरकारी कायों में सच
ू ना और संचार प्रौद्योचगकी का अनप्र
ु योग है । इन अनप्र
ु योगों में कुछ इस प्रकार है ।
चुनाि के समय इलेक्रॉननक साधनों के माध्यम से प्रचार करना, मीडडया और डडजिटल प्लेटिामस का
इस्ट्तेमाल, EVM के माध्यम से िोदटंग को सनु नजचचत करना, हलिनामा को डडजिटल रूप से दे ना, लोकतंत्र
को E-governance के माध्यम से मिबत
ू करने की ओर कदम हैं।
प्रशार्ि में
सरकार के द्िारा G2G , G2C , G2B , G2E , इन चार फक्रयाओं के उपयोग से E-governance को मिबत
ू फकया
गया है ।
खरीदी, बबक्री, पेमेंट, GST , E- मंडी , लाइसेंसीकरर् व्यिस्ट्था के माध्यम से E-governance को मिबत
ू बनाने
के प्रयास फकये गए हैं।
द्वितीय प्रशासननक सध
ु ार आयोग ररपोटस (ARC-2nd report) में e-governance के ललए अनप्र
ु योग
द्वितीय प्रशासननक सध
ु ार आयोग(ARC-2nd report) ने 2008 में अपनी ररपोटस में पंचायतों और शहरी
स्ट्थानीय ननकायों से सर्मबंचधत मामलों में e-governance के साधनों के कुछ विलशष्ट प्रयोगों पर विचार
फकया। िो ननर्मनललखखत हैं।
सच
ू ना और संचार प्रौद्योचगकी का उपयोग स्ट्थानीय शासन ननकायों द्िारा प्रफक्रया सरलीकरर्,
पारदलशसता और जिर्ममेदारी बढ़ाने तथा लसंगल विंडो के माध्यम से सेिाओं की आपनू तस करने के
ललए फकया िाना चादहए।
स्ट्थानीय शासन ननकायों के ललए एकल सेिा केंद्र होना चादहए। इसके ललए स्ट्थानीय शासन
ननकायों में िमता ननमासर् की अपेिा हैं।
नगर पाललका ननकायों के पास अपनी संपवत्त का अपडेटेड डाटाबेस होना चादहए।
भारत सरकार ने इलेक्रॉननकी के महत्ि को समझते हुए 1970 में इलेक्रॉननकी विभाग की स्ट्थापना की।
िषस 1977 में राष्रीय सच
ू ना केंद्र(NIC) की स्ट्थापना भारत में e-शासन की ओर पहला मख्
ु या कदम था।
1980 के बाद सरकारी कायासलयों में कंप्यट
ू र के उपयोग को बड़ी मात्रा में बढ़ाया गया। जिसके बाद धीरे
धीरे सॉलटिेयर, डाटाबेस, सच
ू ना प्रबंधन पर ध्यान केंदद्रत फकया गया।
भारत के सच
ू ना और प्रौद्योचगकी विभाग और प्रशासननक सध
ु ार एिं लोक लशकायत विभाग ने इस
योिना का प्रारूप तैयार फकया। 18 मई,2006 को e-governance में प्रभािी अनप्र
ु योगों को सनु नजचचत करने
के ललए केंद्र सरकार ने 31 लमशन मोड पररयोिनाएं(MMP) और 10 संघटकों के साथ राष्रीय e-
governance पररयोिना को मिूरी दी। इस योिना का उद्दे चय आम आदमी के ललए उसके आसपास के
सामान्य सेिा प्रदायगी बबंदओ
ु ं के माध्यम से सभी सरकारी सेिाओं को उपलब्ध कराना और आम आदमी
की मल
ू भत
ू िरूरतों को परू ा करने के ललए िहनीय मल्
ू यों पर उपलब्ध सेिाओं की दिता, पारदलशसता और
विचिसनीयता सनु नजचचत करना है ।
पि
ंू ी की मांग
कानन
ू ी ढांचे की पररपक्िता
प्रशासननक ढीलापन
e-governance से शासन का यंत्रीकरर् हो गया है । अगर फकसी जस्ट्थनत में डडजिटल माध्यम नप
होता है तो सभी फक्रयाएं सस्ट्
ु त हो िाएुँगी।
ई-गिनेंस नागररकों के दरिािे तक सरकारी सेिाएं प्रदान करने का एक साधन है । यह सूचना और संचार प्रौद्योचगकी
(आईसीटी) के उपयोग के साथ सभी सरकारी विभागों और उनकी सेिाओं का एकीकरर् है । इसका उद्दे चय आम िनता
की िरूरतों को पूरा करने के ललए सरकार की िमता को बढ़ाना है । ई-गिनेंस का मूल उद्दे चय राष्रीय, राज्य और
स्ट्थानीय स्ट्तर पर नागररकों के ललए सरकारी सेिाओं की पहुंच को आसान बनाना है ।
3. मोबाइल पर यट
ू ीएस
यट
ू ीएस का अथस है "अनारक्षित दटकट प्रर्ाली"। यह एक मोबाइल एजप्लकेशन है िो बफु कं ग को सिम
बनाता है और कई अन्य सवु िधाओं के बीच अनारक्षित दटकटों को रद्द करना। यह ऐप समस्ट्या के
समाधान को भी सिम करे गा और प्लेटफॉमस दटकटों का निीनीकरर्, आर-िॉलेट बैलेंस की िांच और ही
user प्रोफाइल को बनाए रखने में मदद करे गा साथ ही इसके मैनेिमें ट और बफु कं ग दहस्ट्री को मैनेि भी
करे गा
Passport
विदे श मंत्रालय (MEA) भारतीय नागररकों को पासपोटस िारी करने के ललए जिर्ममेदार है . दे श भर में 37
पासपोटस कायासलयों और विदे शों में 180 भारतीय दत
ू ािासों और िाखर्ज्य दत
ू ािासों का एक नेटिकस।
पासपोटस सेिा विदे श मंत्रालय (MEA) द्िारा उनाया गया एक कदम है िो पासपोटस और संबचं धत सेिाओं के
distribution के ललए कुशल और पारदशी प्रफक्रयाएं अपना रहा है । यह पासपोटस प्राप्त करने की लंबे और
िदटल प्रफक्रया को आसान और समयबद्ध प्रफक्रया में पररिनतसत करता है . िैसे फक यह राज्य पलु लस को
भौनतक सत्यापन की प्रफक्रया और भारतीय डाक विभाग कद पासपोटस की समयबद्ध डडलीिरी के ललए
एकीकृत करता है ।
इ-हॉजस्पटल
अस्ट्पताल विशेष रूप से सरकारी िेत्र के अस्ट्पतालों के ललए हैं। इसमें प्रमख
ु कायासत्मक िेत्र शालमल हैं
अभी अपॉइंटमेंट बक
ु करें - लंबे समय तक कतार में खड़े हुए बबना डॉक्टर से अपॉइंटमें ट बक
ु करें ।
लैब ररपोटस - ररपोटस को सीधे िेबसाइट से डाउनलोड फकया िा सकता है ।
रक्त उपलब्धता- रक्तदाता और प्राप्तकतास दोनों ही रक्त की उपलब्धता को दे ख सकते हैं।
भग
ु तान- डॉक्टर परामशस शल्
ु क और दिा की लागत के ललए ऑनलाइन भग
ु तान फकया िा सकता
है ।