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E- Commerce
इले ॉिनक कॉमस को शॉट फॉम म ई-कॉमस कहा • इसम लेनदे न एक कंपनी व उपभो ा के बीच
जाता है । होता है ।
यह ऑनलाइन यापार करने का एक तर का है । • यह ई-कॉमस का सवािधक चिलत व प है ।
इसके अंतगत इले ॉिनक िस टम के ारा इं टरनेट • जैसे लपकाट, अमेजॉन से उपभो ा सीधे उ पाद
के मा यम से व तुओं और सेवाओं क खर द- ब खर दता है और नेट ल स, हॉट टार से सेवाएं
क जाती है । खर दते ह।
or 3. कंजूमर टू बजनेस(C2B)-
इं टरनेट से व तुओं और सेवाओं क खर द और • यह B2C मॉडल के वपर त है ।
ब ई-कॉमस कहलाता है । • इसम लेनदे न य व यवसायी के बीच होता
यह कं यूटर, टै बलेट, माटफोन और अ य माट है ।
उपकरण पर आयो जत कया जाता है । • जैसे एक कंपनी अपनी वेबसाइट बनाने हे तु
आज ई-कॉमस के ज रए लगभग कुछ भी खर दा या कोई काम कराने हे तु ऑनलाइन कसी य
जा सकता है । को आडर दे ती है और उसी य ारा सह क मत
ई-कॉमस के मॉडल पर वेबसाइट बनाना या काम कया जाता है , तो यह
1. B to B 2. B to C 3. C to B B2C मॉडल कहलाता है ।
4. C to C 5. B to G 6. G to G
4. कंजूमर टू कंजूमर (C2C)-
• इसम लेनदे न दो उपभो ाओं/ य य
के बीच होता है ।
• जैसे quikr, e-bay, OLX जैसी साइट पर एक
य , दस
ू रे य को कोई उ पाद अथवा सेवा
बेचता है ।
5. बजनेस टू गवनमट(B2G)-
• इसम लेनदे न कंपनी व सावजिनक शासन/
सरकार के बीच ऑनलाइन मा यम से होता है ।
1. ( बजनेस टू बजनेस)-
• यह सामा यतः व , कानूनी द तावेज, र ज ार,
•इसम लेनदे न दो कंपिनय के बीच होती है ।
सामा जक सुर ा, रोजगार इ या द े से संबंिधत
• जैसे य द कोई कंपनी खुद कोई उ पाद नह ं
होता है ।
बनाती है और कसी अ य कंपनी से उ पाद
6. कंजूमर टू गवनमट(C to G)-
खर दती है तो वह B2B के अंतगत आता है ।
• इसम उपभो ा व सरकार के बीच कए गए सभी
उदाहरण : अलीबाबा, अमेजॉन बजनेस ,
इले ॉिनक लेनदे न शािमल कए जाते ह।
इं डयामाट आ द।
• जैसे कर का भुगतान करना, वा य सेवाओं का

2. बजनेस टू कंजूमर (B2C) – भुगतान करना, दरू थ िश ा ा करना इ या द।

Prabhat Saini Sir (SBA)


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भारत म, तीन कार के ई-कॉमस यवसाय मॉडल • अवसंरचनाओं के िनमाण क लागत कम होती है ।
ह C. सरकार को लाभ

1.ई-कॉमस का इ वटर बेस मॉडल- • व ीय समावेशन को बढ़ावा िमलता है ।


• िनवेश आक षत होता वशेषकर वदे शी िनवेश।
एक एसी ई-कॉमस गित विध है जहां व तुओं और
• रोजगार के अवसर सृ जत होते ह।
सेवाओं क इ व का वािम व ई-कॉमस इकाई के
• आिथक गित विधयां बढ़ती है , जससे जीड पी म
पास होता है और इसे सीधे उपभो ाओं को बेचा
वृ होती है ।
जाता है ।
• सरकार के कर राज व म वृ होती है , य क
2. ई-कॉमस का माकट लेस बेस मॉडल-
कर चोर संभव नह ं हो पाती।
इसका मतलब खर दार और व े ता के बीच एक
सु वधा के प म काय करने के िलए एक ड जटल ई-कॉमस क चुनौितयाँ-
और इले ॉिनक नेटवक पर एक ई-कॉमस इकाई • ड जटल इं ा चर का कमजोर होना।
ारा एक सूचना ौ ोिगक मंच दान करना है । • ड जटल सा रता का अभाव।

3. हाइ ड मॉडल- • व ीय समावेशन क अपूणता।


• छोटे यापार ित पधा नह ं कर पाते।
इ व आधा रत और माकट लेस मॉडल दोन से
• ऑनलाइन धोखाधड़ (खराब उ पाद, पैसे क ठगी)।
बना है ।
• भावी सरकार नीितय व कानून का अभाव।

ई-कॉमस के लाभ
PREVIOUS YEAR QUESTIONS
A. उपभो ाओं को िन न लाभ होते ह-
Q. ई-कॉमस से आप या समझते ह? (20 श द)
• कम क मत पर व तुओं और सेवाओं क
Q. ई-कॉमस तथा ई-गवनस म या अंतर है ?(20 श द)
उपल धता होती है ।
Q.ई-कॉमस के लाभ या है ? (50श द)
• कसी भी दे श से व तु व सेवाएं आसानी से
Q. ई-कॉमस से या ता पय है ? इसके विभ न
मंगवायी जा सकती है ।
ितमानो पर सं ट पणी कर। (100 श द)
• कसी भी समय, कसी भी थान से व तुओं
एवं सेवाओं क खर द क जा सकती है । Q. ई-कॉमस का अथ समझाते हुए इसके लाभ व
•व तुओं व सेवाओं क तुलना आधा रत खर दार हािनय पर काश डाल। (100 श द)
संभव। Q आपके वचार से ई-कॉमस कस तरह से भारत
• उपभो ाओं को बल ा होता है जससे उपभो ा के ऑनलाइन बाजार का मह वपूण प से व तार
संर ण को बढ़ावा िमलता है । करे गा और इसे वा तव म समावेशी बना दे गा? (100
• र यू , रे टं ग तथा फ डबैक क सु वधा उपल ध श द)
होती है ।
B. यापा रय को होने वाले लाभ
• यापार क पहुंच बढ़ती है ।
• यापार क लागत कम होती है ।
• ड जटल भुगतान को बढ़ावा िमलता है ।

Prabhat Saini Sir (SBA)

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