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PROF.

: BANARASI MISHRA RAJ GUPTA

B.COM 4ST SEM

ROLL NO.: 220554

SECTION.: SEC A
[ प्रस्नौतर 1 ]

परिचय.:

डिजिटल मार्के टिंग इंटरनेट, कंप्यट


ू र और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के
जरिये की जाने वाली मार्के टिंग है . इसे ऑनलाइन मार्के टिंग भी कह
सकते हैं. डिजिटल मार्के टिंग में सोशल मीडिया, मोबाइल, ईमेल, सर्च
इंजिन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ) आदि को टूल की तरह इस्तेमाल
किया जाता है ./

डिजिटल मार्के टिंग इंटरनेट पर डिजिटल तकनीकों का उपयोग


करने वाले उत्पादों या सेवाओं का विपणन है , जिसमें मोबाइल
फोन ऐप्स के माध्यम से, प्रदर्शन विज्ञापन और किसी भी डिजिटल
माध्यम का उपयोग शामिल है

अवधारणा एवं उद्देश्य


जब शोधकर्ता तथ्यों में परस्पर संबध
ं ों को दे खता है या किसी
निश्चित घटना या व्यवहार पैटर्न को अलग करने में सफल होता है ,
तो वह उस पूरी स्थिति को एक या दो शब्दों की मदद से बहुत
संक्षिप्त रूप में व्यक्त करता है । तथ्यों के एक वर्ग की इस संक्षिप्त
अभिव्यक्ति को विज्ञान में एक अवधारणा कहा जाता है।/

अवधारणा की निम्नलिखित विशेषताएं हैं –

एक अवधारणा एक घटना और व्यवहार प्रतिमान की पूरी व्याख्या


नहीं है , लेकिन केवल इसका संकेत है ।

यह किसी वर्ग या तथ्यों के समूह की इतनी संक्षिप्त परिभाषा है


जिसे एक या दो शब्दों में व्यक्त किया जा सकता है।

इसका तार्कि क आधार है और इसका निर्माण प्रत्यक्ष ज्ञान,


वास्तविक अवलोकन और वास्तविक अनुभव के बल पर किया गया
है ।

यह स्वयं सिद्धांत का संक्षिप्त रूप नहीं है , बल्कि यह तथ्यों के वर्ग


की विशेषताओं का सारांश प्रस्तत
ु करता है।

इसमें आवश्यकतानस
ु ार परिवर्तन भी किया जाता है । यह नए तथ्यों
के संचय के कारण बदलता है ।
यह अवधारणा अपने आप में अर्थहीन है क्योंकि यह एक निश्चित
समह
ू या तथ्यों के वर्ग में पाई जाने वाली विलक्षणताओं का संकेत
है ।

अवधारणाएं वैज्ञानिक अवलोकन या चिंतन के आधार पर बनाई जाती


हैं। यह एक अटकलपच्चू या केवल एक अनुमान नहीं है।

अवधारणा का महत्व :-

अवधारणा का महत्व अधिक है क्योंकि एक वर्ग या तथ्यों के समह



की एक संक्षिप्त परिभाषा है । अवधारणा के माध्यम से एक घटना या
प्रक्रिया को केवल एक-दो शब्दों द्वारा समझाया जा सकता है ।
अवधारणाओं के महत्व को समझाते हुए, गुडे और हाट ने लिखा है कि
एक अवधारणा विकसित करने की प्रक्रिया धारणा की भावना से
निष्कर्ष प्राप्त करने और निष्कर्ष निकालने में मदद करती है । इस
प्रकार, किसी वर्ग या तथ्यों के समह
ू के गुणों को समझना, उनका
अध्ययन करना, उन्हें व्यवस्थित करना और अलग करना संभव है ।
विचारों के पहले चरण में , अवधारणाओं का निर्माण करना आवश्यक
है ।

संक्षेप में , यह कहा जा सकता है कि अवधारणा-परिस्थितियाँ- विशेष


घटना-विशिष्ट का एक संक्षिप्त परिचय है , जिसका उपयोग आसानी से
किया जाता है और उस विशेष स्थिति या घटना के संबंध में एक
सामान्य विचार-श्रंख
ृ ला को पन
ु र्जीवित करने में मदद करता है । इस
तरह यह पता चलता है कि अवधारणा का अपना अलग महत्व है ।
Digital Marketing का उद्देश्य क्या है ?

Digital marketing के दवारा हम व्यापक दर्शकों तक पहुंचने, अपने


व्यवसाय को आगे बढ़ाने और अधिक राजस्व उत्पन्न करने की
सवि
ु धा मिलती है । एक ऑनलाइन व्यवसाय स्थापित करना, विज्ञापन
अभियान चलाना, सामग्री रणनीति विकसित करना कुछ ऐसे कार्य हैं
जो एक digital marketing विशेषज्ञ ऐसे परिणाम प्रदान करने के लिए
करता है । digital marketing के दवारा हम अपने प्रोडक्ट या सर्विसेज
को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पंहुचा सकते है और काम दामों पर
पंहुचा सकते है और सिर्फ उन्ही लोगो का अपना विज्ञापन दिखा
सकते है जिन्हे हम दिखाना चाहते है

साहित्य की समीक्षा

 अर्थव्यवस्था की दनि
ु या में  लघु मध्यम उद्यम जैसी तकनीक का
महत्व इसलिए है क्योंकि वह विभिन्न क्षेत्र और दे श के लोगों तक
पहुंच सकती है  । इसके अलावा, ई-कॉमर्स की तरह खरीदारी लेनदे न
भी आसान हो जाएगा। 2019 और 2020 में  दनि
ु या भर में  ई-कॉमर्स के
लेन-दे न का मल्
ू य बढ़ रहा है , जबकि ज्ञात है कि दो वर्षों में पिछली
दनि
ु या एक ऐसे संकट का सामना कर रही है जो वायरस कोविड-19 के
साथ सबसे बड़ी आबादी पर हमला करता है । आधारित शोध इसलिए
किया गया है क्योंकि पूर्वानुमानों के साथ वास्तविकता के बीच अंतर
का अनुमान लगाया गया था। शोध में प्रयोग की जाने वाली
विधि व्यवस्थित साहित्य समीक्षा है। इस शोध का परिणाम
डिजिटल मार्के टिंग है  व्यवसाय के प्रदर्शन को आगे बढ़ाने में सक्षम,
सबसे परिचित डिजिटल मार्के टिंग टूल फेसबुक और इंस्टाग्राम हैं , इस
अध्ययन का निष्कर्ष यह है कि व्यवसाय के प्रदर्शन को बेहतर
बनाने के लिए डिजिटल मार्के टिंग में सोशल मीडिया की भमि
ू का बहुत
करीब है ।

प्रारं भिक

लघु मध्यम उद्यम (एसएमई) एक सामद


ु ायिक गतिविधि है जो किसी
व्यक्ति या समह
ू के विचार के आधार पर व्यवसाय खोलती है । किसी
दे श में एसएमई अक्सर अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए इसका
उपयोग कर रहे हैं। प्रौद्योगिकी की भूमिका, ऑनलाइन अवसर प्रस्तुत
कर रहा है। उदाहरण के लिए, ये नए अवसर सोशल मीडिया, ब्लॉग,
पॉडकास्ट, यूट्यूब आदि जैसे विज्ञापन तंत्रों का उपयोग करके
ऑनलाइन मार्के टिंग कर रहे हैं, जहां यह क्षेत्रों और दे शों के बीच
उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए उपयोगी है (वास्क्यूज़ और
एस्कैमिला, 2014)।
इंडोनेशिया में एसएमई की वद्धि
ृ साल-दर-साल बढ़ती रहने का अनम
ु ान
है (कृष्णावती, 2018)। एसएमई की वद्धि
ृ निश्चित रूप से डिजिटल
प्रौद्योगिकी की भूमिका से समर्थित है। वर्ष 2020 में जब दनि
ु या
कोविड-19 वायरस के संकट से जूझ रही थी, उस समय कथित तौर पर
एसएमई की संख्या में कमी आई थी। फिर, संकट एसएमई के लिए
रचनात्मक होने और डिजिटलीकरण के माध्यम से उपभोक्ताओं को
उत्पाद, सामान या सेवाएं बेचने के लिए नवाचार करने का अवसर बन
गया है। इसका प्रमाण statistika.com के आंकड़ों से मिलता है ( चित्र
1)।). इंडोनेशिया में , वर्ष 2015 में ऑनलाइन लेनदे न आरपी 200
बिलियन तक पहुंच गया है , और वर्ष 2020 के अंत में यह नौ गुना
बढ़कर आरपी 1.850 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगा। यहां संभावित
लेनदे न का परिमाण ऑनलाइन है जिससे इंडोनेशिया के लोगों की
भलाई को प्रोत्साहित करने की उम्मीद है। 2016 में इंडोनेशिया की
जीडीपी और फिर आरपी 12.406.8 ट्रिलियन तक पहुंच गई, जो
एसएमई के स्वाद का लगभग 55.6 प्रतिशत है

डेटा का विश्लेषण

राज्य पर आधारित वर्णनात्मक विश्लेषण साहित्य

डिजिटल मार्के टिंग अनस


ु ंधान वास्तव में परू ी दनि
ु या में फैल गया
है । डिजिटल मार्के टिंग पर शोध करने वाली दनि
ु या भर की 1406
पत्रिकाओं की मैपिग
ं का परिणाम निम्नलिखित है ( चित्र 2 )। चित्र
2 के आधार पर बताया गया है कि परू ी दनि
ु या में डिजिटल मार्के टिंग
के बारे में सबसे ज्यादा शोध करने वाला दे श संयक्
ु त राज्य अमेरिका
है

चित्र 2: दे श के अनस


ु ार डिजिटल मार्के टिंग अनस
ु ंधान का मानचित्रण

संयक्
ु त राज्य अमेरिका के एक अध्ययन में गण
ु वत्ता के उन कारकों
की जांच की गई जो छोटे और मध्यम आकार (एसएमई) के व्यवसायों
के आतिथ्य पैमाने के लिए वेबसाइटों के कार्यान्वयन को प्रभावित
करते हैं, जहां अनुसंधान डिजिटल मार्के टिंग से संबंधित कारकों की
प्रासंगिकता को परिभाषित और समझाने के लिए है । शोध से यह भी
पता चला है कि डिजिटल मार्के टिंग की भूमिका एसएमई को उद्योग
के सभी क्षेत्रों में व्यवसाय की क्षमता में सुधार करने में मदद कर
सकती है (क्रिचबाउमर और क्रिस्टोडौलिडौ, 2014)। हालाँकि, अन्य दे शों
के शोध का भी व्यापक रूप से उपयोग किया गया है , जैसे अफ्रीकी
दे शों के शोध। उदाहरणों में से एक एक अध्ययन है जो नाइजीरिया में
जांच करता है कि छोटे और मध्यम आकार (एसएमई) व्यवसायों की
बिक्री बढ़ाने के लिए डिजिटल मार्के टिंग को अपनाने पर क्लिक किया
जा रहा है । शोध के नतीजे बताते हैं कि डिजिटल मार्के टिंग के टूल
जैसे ईमेल, गग
ू ल, सोशल मीडिया को अपनाना, और ऑनलाइन
विज्ञापनों से एसएमई की बिक्री में उल्लेखनीय वद्धि
ृ होगी। इसके
अलावा अध्ययन के नतीजे यह भी कह रहे हैं कि एसएमई मार्के टिंग
की रणनीति के हिस्से के रूप में डिजिटल के एक से अधिक साधनों
का उपयोग करके बिक्री में वद्धि
ृ को बनाए रख सकता है (ओलाडिमेजी
इस-हक, 2019)।

यदि वर्षों के शोध प्रकाशित करने वाले दे शों के बीच संयक्


ु त राज्य
अमेरिका ने वर्ष 2019 में सर्वोच्च स्थान पर कब्जा कर लिया। यह वर्ष
2019 में डिजिटल मार्के टिंग की अवधारणा की संभावना के कारण
विशेष रूप से एसएमई दे श के लिए बहुत रुचि है । जैसा कि चित्र 3 में
दिखाया गया है  ।

चित्र 3: राज्य वी.एस. द्वारा अनस


ु ंधान डिजिटल मार्के टिंग का
मानचित्रण। वर्ष

छवियों के विश्लेषण के आधार पर चित्र 3 में वर्ष 2019 में सबसे


अधिक दे श संयुक्त राज्य अमेरिका है और वर्ष 2018 में सबसे अधिक
हं गरी है । हालांकि, डिजिटल मार्के टिंग के बारे में अध्ययन के वर्ष 2019
के अंत में डेनिश राज्य का कब्जा है। संयक्
ु त राज्य अमेरिका
डिजिटल मार्के टिंग पर सबसे अधिक शोध करने वाला दे श बन गया है
क्योंकि दनि
ु या की कुल आबादी का 45% से अधिक सक्रिय रूप से
सोशल मीडिया पर नेटवर्किं ग कर रहे हैं और 2018 से 2019 तक 350
मिलियन लोग बढ़ गए हैं। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की संख्या,
एसएमई के लिए डिजिटल मार्के टिंग के विभिन्न पहलुओं को जानने
का एक अवसर (विबोवो, 2020)। हालाँकि, अफ्रीका जैसे दे श में
डिजिटल मार्के टिंग पर बहुत अधिक शोध नहीं हुआ है । जिनमें से एक
शोध है जिसका उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि डिजिटल मार्के टिंग
को किस हद तक अपनाया जाए और केन्या में कंपनी निर्यातकों के
प्रदर्शन पर इसका प्रभाव पड़े। अनुसंधान दिखा रहा है कि डिजिटल
मार्के टिंग का प्रभाव कंपनी के प्रदर्शन के सभी तत्वों पर बहुत बड़ा है
(कैनेडी ओनयांगो, 2016)। यूरोप के दे श भी डिजिटल मार्के टिंग पर खूब
शोध कर रहे हैं, लेकिन दे श में सबसे ज्यादा शोध कुछ हद तक सच
ू ना
प्रणाली के जर्नलों में होता है , जैसे ऐसे जर्नल जो इंटरनेट के माध्यम
से डिजिटल मार्के टिंग पर कुछ प्रभाव दर्शाते हैं और ऑनलाइन
कंपनियों के प्रदर्शन को इससे बाहर कर दिया जाता है । उपप्रणाली
सूचना कंपनी को अपनाना और एकीकरण करना।

खोजशब्दों के आधार पर साहित्य का वर्णनात्मक विश्लेषण

डिजिटल मार्के टिंग पर शोध को अन्य चर से अलग नहीं किया जा


सकता है जो डिजिटल मार्के टिंग की अवधारणा को प्रभावित या
समर्थन करते हैं। यह चित्र 4 में दे खा गया है जिसमें उन कीवर्ड को
चार्ट किया गया है जिनका डिजिटल मार्के टिंग से कनेक्शन साइट है।

चित्र 4: डिजिटल मार्किं ग कीवर्ड अनुसंधान का मानचित्रण

चित्र 4 के आधार परऊपर, बताया गया है कि डिजिटल मार्के टिंग का


सोशल मीडिया से बहुत गहरा संबंध है । इसके अलावा, डिजिटल
मार्के टिंग की भमि
ू का ब्रांड जागरूकता, ब्रांड छवि और ई-कॉमर्स चर से
भी संबधि
ं त है। दनि
ु या भर में डिजिटल मार्के टिंग का अनप्र
ु योग
वर्तमान में मौजद
ू सोशल मीडिया की भमि
ू का से अलग नहीं है । यह
पहले के एक अध्ययन द्वारा समर्थित है जिसमें कहा गया था कि
डेटा संयुक्त राज्य अमेरिका में डिजिटल मार्के टिंग की एक एजेंसी वी
आर सोशल द्वारा रिपोर्ट किया गया था, जिसमें कहा गया था कि
जनवरी 2017 तक इंडोनेशिया में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने
वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब (49%) है । और फेसबुक द्वारा
(48%)। अगले स्थान पर इंस्टाग्राम (39%), ट्विटर (38%), व्हाट्सएप
(38%) और गग
ू ल (36%) हैं। शेष पर क्रमिक रूप से एफबी मैसेंजर,
लाइन, लिंक्डइन, फ्यूल, पिनटे रेस्ट और वीचैट (सुलक्सोनो, 2020) का
कब्जा है ।

इस शोध में उल्लेख किया गया है कि एक एसएमई सोशल मीडिया


का उपयोग करने वाले किसी भी और कहीं भी ग्राहकों के साथ
बातचीत करके डिजिटल मार्के टिंग पाठ्यक्रम के माध्यम से अपने
उत्पादों का विपणन कर सकता है । शोध में कई प्लेटफार्मों और
डिजिटल प्रथाओं के विश्लेषण का उल्लेख किया गया है जो सोशल
मीडिया के अधिकतम उपयोग को प्रभावी और कुशल साबित करते
हैं। सोशल मीडिया के अधिकतम उपयोग के कारण, एसएमई
उपभोक्ताओं के साथ कभी भी और कहीं भी बातचीत कर सकते हैं
ताकि एसएमई द्वारा पेश किए जाने वाले उत्पाद को जानने और
खरीदने के लिए लचीलेपन की डिग्री अधिक हो (मैकराइड्स, व्रोन्टिस
और क्रिस्टोफी, 2020)। इस शोध को सोशल प्रमख
ु अन्य मीडिया
प्लेटफॉर्मों के अध्ययन से भी समर्थन मिलता है , जिनमें डिजिटल
मार्के टिंग के लिए फेसबक
ु और इंस्टाग्राम का सबसे अधिक उपयोग
किया जाता है , क्योंकि यह प्लेटफॉर्म अधिकांश महान व्यक्तियों के
लिए सबसे अधिक परिचित है (पुरवाना, रहमी और आदित्य, 2017)।

जर्नल पर आधारित साहित्य का वर्णनात्मक विश्लेषण

डिजिटल मार्के टिंग का अध्ययन विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुआ


है , विशेषकर उन पत्रिकाओं में जो मार्के टिंग और प्रबंधन से संबंधित
हैं। चित्र 5 दर्शाता है कि डिजिटल मार्के टिंग का मानचित्रण अध्ययन
जर्नल के डिजिटल मार्के टिंग के सबसे अधिक प्रकाशित शोध पर
आधारित है।

चित्र 5: जर्नल के आधार पर डिजिटल मार्के टिंग अनस


ु ंधान का
मानचित्रण

चित्र 5 के आधार परऊपर यह समझाया जा सकता है कि डिजिटल


मार्के टिंग के शोध पर प्रकाशित होने वाली कई पत्रिकाएं खुदरा बिक्री
और उपभोक्ता सेवाओं की पत्रिका हैं, जिनमें 52 पेपर हैं, दोनों की
स्थिति पर बिजनेस रिसर्च जर्नल का कब्जा है , जो 47 पेपर हैं, और
तीनों की स्थिति पर जर्नल टे क्नोलॉजिकल फोरकास्टिं ग एंड सोशल
चें ज में 36 पेपर्स का कब्जा है । इसका उदाहरण बिजनेस रिसर्च जर्नल
में प्रकाशित एक अध्ययन से मिलता है जो निश्चित रूप से एसएमई
के लिए विश्व बाजार में अर्थव्यवस्था में सध
ु ार के लिए डिजिटल
मार्के टिंग के विकास की जांच करता है । अध्ययन में यह भी कहा
गया है कि एसएमई के फलने-फूलने का एक तरीका डिजिटल
मार्के टिंग के साथ अपने उत्पादों की बिक्री का विस्तार करना
है । अनुसंधान जो एसएमई में उत्पादों की बिक्री पर डिजिटल मार्के टिंग
का प्रभाव पैदा करता है (कुर्रतु'ऐनी और हप्सारी, 2019)

निष्कर्ष और सिफारिशें

चर्चा के परिणामों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है


कि डिजिटल मार्के टिंग से जुड़ा शोधकर्ता एसएमई के अन्य सहायक
प्रदर्शनों की भमि
ू का से अलग नहीं है । डिजिटल मार्के टिंग को सबसे
अधिक समर्थन दे ने वाला वेरिएबल सोशल मीडिया है । वर्तमान युग में
सोशल मीडिया की भूमिका एसएमई को किसी भी समय और कहीं भी
उपभोक्ताओं तक अपने सामान और सेवाओं के विपणन में सहायता
कर सकती है । प्रबंधन और विपणन के क्षेत्र में डिजिटल मार्के टिंग पर
दे श के सबसे अधिक शोधकर्ताओं के विचार संयुक्त राज्य अमेरिका
हैं। इसका कारण 2018-2019 को राज्य में सोशल मीडिया के
उपयोगकर्ताओं में वद्धि
ृ है । हालाँकि, यह इंडोनेशिया, मलेशिया, कोरिया
इत्यादि जैसे अन्य दे शों को खारिज नहीं करता है ।

यदि आप डिजिटल मार्के टिंग के बारे में शोध करना चाहते हैं तो
अगले शोध के लिए जिन सिफ़ारिशों की सिफारिश की जा सकती है ,
उनमें चर सम्मिलित करना निश्चित रूप से डिजिटल मार्के टिंग के
साथ बहुत निकटता से जड़
ु ा हुआ है । निश्चित रूप से ऐसे चर दर्ज
करके, डिजिटल मार्के टिंग की अवधारणा को अधिक लक्षित किया जा
सकता है और उद्योग के लिए फायदे मंद हो सकता है , खासकर
एसएमई के लिए जब डिजिटल मार्के टिंग की भमि
ू का की आवश्यकता
होती है। फिर शोधकर्ता किसी ऐसे प्रकाशक को एक पत्रिका भी प्रस्तुत
कर सकते हैं, जिसने डिजिटल मार्के टिंग के बारे में अधिकांश शोध दे खे
हों जैसे कि जर्नल ऑफ रिटे लिग
ं एंड कंज्यूमर सर्विसेज, जर्नल ऑफ
बिजनेस रिसर्च, और जर्नल टे क्नोलॉजिकल फोरकास्टिं ग एंड सोशल
चें ज।

6) ग्रंथ सच
ू ी

डिजिटल मार्के टिंग ग्राहकों तक उत्पादों और सेवाओं तक पहुंचने, उन्हें


सूचित करने, संलग्न करने, पेश करने और बेचने के लिए नई
सवि
ु धाओं की पेशकश करने में अग्रणी है और तकनीकी क्रांति में
सबसे आगे बने रहने की उम्मीद है। इस अध्ययन का उद्देश्य
डिजिटल मार्के टिंग कम्युनिकेशन (डीएमसी) अनुसंधान में प्रभावशाली
उद्धृत कार्यों की पहचान करना, डीएमसी पर शोध की वर्तमान स्थिति
निर्धारित करना और यह इंगित करना है कि किस हद तक
प्रभावशाली कार्यों ने इसे आकार दिया है। यह ग्रंथ सच
ू ी अध्ययन
मुख्य डीएमसी-संबधि
ं त पत्रिकाओं में 12 साल की अवधि में प्रकाशित
लेखों का आकलन करता है। विश्लेषण उद्धरण और सह-उद्धरण
विश्लेषण दोनों का उपयोग करके दिए गए प्रकाशनों में लक्षित
पत्रिकाओं में 141 डिजिटल-संबधि
ं त लेखों के 5865 उद्धरणों की जांच
करता है । प्रमुख उद्धृत डीएमसी कार्यों की व्यापक अनुशासनात्मक
समीक्षा के बाद,

परिचय

डिजिटल मार्के टिंग ग्राहकों तक पहुंचने, उन्हें सचि


ू त करने और संलग्न
करने तथा उन्हें उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करने और बेचने के
नए तरीके प्रदान करती है । यह इसे बहुत सफलतापूर्वक करता है और
इस प्रकार, डिजिटल मार्के टिंग के तकनीकी क्रांति में सबसे आगे रहने
की उम्मीद है (को, 2019, लैम्बर्टन और स्टीफन, 2016, मार्टिन-
कॉनसुएग्रा एट अल।, 2018)। सोशल और मोबाइल मीडिया के माध्यम
से डिजिटल मार्के टिंग तेजी से लाखों लोगों के दै निक जीवन का
हिस्सा बन गई है , जो आम सोशल मीडिया गतिविधियों में विस्तारित
हो रही है , और अक्सर ग्राहक संबंधों के निर्माण की ओर ले जाती है
(फुजिता एट अल., 2017, हान एट अल., 2016) , किम, 2018, वड
ु साइड
और मीर, 2019)। सामाजिक जड़
ु ाव, प्रसार और बातचीत डिजिटल
मार्के टिंग के विकास की कंु जी हैं, और इसने ग्राहकों तक पहुंचकर, उन्हें
उत्पादों और सेवाओं के बारे में सचि
ू त करके उनसे जुड़ने की कंपनियों
की क्षमता को बढ़ाया है ।

मार्के टिंग शिक्षाविदों और अभ्यासकर्ताओं की बढ़ती संख्या ने डिजिटल


प्रौद्योगिकी, सोशल मीडिया और मोबाइल मार्के टिंग के तेजी से विकास
और इस विकास से प्रेरित तकनीकी नवाचारों का अध्ययन किया
है । डिजिटल मार्के टिंग विशिष्ट उत्पादों और सेवाओं के विपणन से
लेकर डिजिटल प्रौद्योगिकियों द्वारा सुगम गतिविधियों, संस्थानों और
प्रक्रियाओं के लिए डिजिटल चैनलों का उपयोग करने तक विकसित
हुई है । डिजिटल मार्के टिंग एक अनक
ु ू ली, प्रौद्योगिकी-सक्षम प्रक्रिया को
संदर्भित करता है जिसके द्वारा कंपनियां सभी हितधारकों के लिए
संयुक्त रूप से मूल्य बनाने, संचार करने, वितरित करने और बनाए
रखने के लिए ग्राहकों और भागीदारों के साथ सहयोग करती हैं
(ग ए
ु रसिनी एट अल।, 2018, लैम्बर्टन और स्टीफन, 2016)। डिजिटल
प्रौद्योगिकियाँ विपणन संचार में नई अनुकूली प्रक्रियाओं और संस्थानों
की अनुमति दे ती हैं।

एक दशक से अधिक समय से अस्तित्व में होने के बाद, सोशल


मीडिया अब मोबाइल कनेक्टिविटी, ब्लॉगिंग और फोटो/वीडियो शेयरिंग
जैसे नए सच
ू ना और संचार उपकरणों को एकीकृत करता है , जो
उपयोगकर्ताओं के विभिन्न हितों को पूरा करता है (फुजिता एट अल.,
2017, हान) एट अल., 2016, किम, 2018)। सोशल मीडिया कुछ
उपयोगकर्ताओं के लिए विकसित सीमित तकनीक से विकसित होकर
एक उपकरण बन गया है जो दनि
ु या भर के लाखों उपभोक्ताओं के
लिए रोजमर्रा की जिंदगी का एक अभिन्न अंग बन गया है । सोशल
मीडिया के बाद, डिजिटल प्रौद्योगिकी-संचालित विपणन संचार, जैसे
कृत्रिम बद्धि
ु मत्ता (एआई) सेवाएं, मल्टी-चैनल नेटवर्क , संवर्धित
वास्तविकता (एआर), और आभासी वास्तविकता (वीआर), अब डिजिटल
मार्के टिंग संचार (डीएमसी) परिदृश्य को आकार दे ते दिख रहे हैं। ,
भविष्य के शोध के लिए नई दिशाएँ प्रदान करना (ब्रॉडी और ज्यरि
ू क,
2017, गुएर्सिनी एट अल., 2018, किम एट अल., 2018, किम और यांग,
2018,

यह अध्ययन इस क्रांति में अकादमिक कार्यों के योगदान की व्यापक


अनश
ु ासनात्मक समीक्षा प्रस्तत
ु करता है । यह 12-वर्ष की अवधि
(2004-2016) में विद्वान शोधकर्ताओं द्वारा उद्धृत डीएमसी अनुसंधान
पर प्रमुख कार्यों में बदलावों को ट्रै क करता है। 2004 में , जब फेसबुक
लॉन्च हुआ, तो व्यवसायों और उपभोक्ताओं ने बड़े पैमाने पर सोशल
मीडिया का उपयोग करना शुरू कर दिया, जिससे दनि
ु या भर में
सोशल मीडिया के तेजी से विकास को गति मिली। वर्तमान में , सोशल
मीडिया वातावरण दनि
ु या भर के उपयोगकर्ताओं के लिए एक
सांप्रदायिक चैनल बन गया है , जो कई मनोरं जक और व्यावसायिक
उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करते हैं। इस प्रकार, सोशल मीडिया-
उन्मुख युग के रूप में 2004 से वर्तमान तक डीएमसी पर उद्धरण और
सह-उद्धरण विश्लेषण में यह अद्यतन करने की उल्लेखनीय क्षमता है
कि सोशल मीडिया ने डीएमसी के डोमेन को कैसे आकार दिया है और
कैसे आकार दे ना जारी रखा है। इस तरह का विश्लेषण विभिन्न
मूल्यांकन दृष्टिकोणों की प्रभावशीलता की भी जांच कर सकता है ,
जिसमें डीएमसी में सार्थक अंतर्दृष्टि और संचार मल्
ू य को पकड़ने के
लिए डिज़ाइन की गई नई दिशाएं भी शामिल हैं। इस अध्ययन का
उद्देश्य डीएमसी पर शोध की वर्तमान स्थिति स्थापित करना और यह
दिखाना है कि डिजिटल तकनीक ने विपणन संचार आकलन को कैसे
आकार दिया है ।

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य से डीएमसी अनस


ु ंधान का मल्
ू यांकन करना इसके
वर्तमान और भविष्य के प्रभावों को मापने के लिए महत्वपर्ण
ू है
(क्लीवलैंड, 2018, जॉनसन, 2019, किम एट अल।, 2019, सिरगी, 2017,
टे लर और कॉस्टे लो, 2017)। 2004 और 2016 के बीच, डीएमसी
अनस
ु ंधान ने इस विषय पर महत्वपर्ण
ू सैद्धांतिक और पद्धतिगत
दृष्टिकोण विकसित किए। मुख्य लेखों का निरीक्षण करके, यह
अध्ययन संभावित रूप से उभरते डीएमसी क्षेत्र के लिए एक स्थान को
परिभाषित करता है जो विद्वानों को इसके प्रभाव का मूल्यांकन करने
और भविष्य के अनस
ु ंधान दिशाओं को संबोधित करने में सक्षम
करे गा।

यह अन्वेषण डीएमसी डोमेन में लेखों के लिए एक वैचारिक और


विद्वतापूर्ण संदर्भ प्रदान करता है , और प्रमुख कार्यों को प्रासंगिक
बनाने और उजागर करने के लिए डीएमसी पर नवीनतम छात्रवत्ति

की समीक्षा करता है । तीन मख्
ु य विषयों को निम्नलिखित शोध प्रश्नों
के माध्यम से संबोधित किया गया है ।

1.

डीएमसी अनस
ु ंधान में उद्धृत प्रभावशाली कार्य कौन से हैं? सर्वाधिक
उद्धृत लेखक कौन हैं? सर्वाधिक उद्धृत डीएमसी लेख कौन से हैं?

2.
डीएमसी अनस
ु ंधान की वर्तमान स्थिति क्या है ? डीएमसी में सर्वाधिक
उद्धृत कार्यों में से उभरते विषय क्या हैं?

3.

प्रभावशाली कार्यों ने डीएमसी को कैसे आकार दिया है ? डीएमसी में


प्रभावशाली उद्धृत कार्यों के बीच मौजद
ू सह-उद्धरण नेटवर्क क्या
हैं? सह-उद्धरण नेटवर्क के बीच कौन से विचारधारा मौजूद है ?

शोध प्रश्नों के आधार पर, यह ग्रंथ सच


ू ी अध्ययन इस खोज में
योगदान दे ता है कि एक सैद्धांतिक आधार के रूप में विस्तार संभावना
मॉडल (ईएलएम), इंटरएक्टिविटी और इलेक्ट्रॉनिक वर्ड-ऑफ-माउथ
(ईडब्ल्यओ
ू एम) मार्के टिंग ने सोशल मीडिया यग
ु में डीएमसी के डोमेन
को आकार दिया है। 2004 और 2016 के बीच। मूल्यांकन DMC के लिए
तीन प्रमुख निष्कर्षों और निहितार्थों को इंगित करता है - eWOM,
अन्तरक्रियाशीलता, और DMC प्रभावशीलता - जो शिक्षाविदों और
चिकित्सकों के लिए विषयगत अंतर्दृष्टि और निहितार्थ का सझ
ु ाव दे ते
हैं जो प्रभावी DMC उत्पन्न करने के तरीकों का अनुसरण कर रहे
हैं। विशेष रूप से, ग्रंथसूची विज़ुअलाइज़ेशन विश्लेषण एक अनुशासन
के रूप में डीएमसी में विद्वानों के संचार के बीच सामाजिक नेटवर्क
के विज़अ
ु लाइज़ेशन को सक्षम बनाता है । ऐसा विज़अ
ु लाइज़ेशन, जिसमें
सह-उद्धरण विश्लेषण शामिल है , सुझाव दे ता है कि ईडब्ल्यूओएम और
इंटरै क्टिविटी एक "अदृश्य कॉलेज" या शोधकर्ताओं के समुदाय को
विचार के एक स्कूल के रूप में डीएमसी अनस
ु ंधान को दृढ़ता से
प्रभावित करने के लिए साधन प्रदान करते हैं। यह संभावित रूप से
डीएमसी के उभरते क्षेत्र के लिए आधार रे खा तय करता है , जो
विद्वानों को ब्रांड अनभ
ु वों और डीएमसी मल्
ू य पर इसके प्रभाव का
मूल्यांकन करने में सक्षम करे गा।

अनभ
ु ाग स्निपेट

साहित्य

उद्धरण और सह-उद्धरण विश्लेषण सहित ग्रंथ सच


ू ी विश्लेषण, जो
प्रकाशित किया गया है उसके पैटर्न और विशेषताओं को गहराई से
जानने के लिए फायदे मंद है , जिससे एक विशिष्ट अनुशासन में किए
गए कार्य की खोज, संगठन और अभिव्यक्ति की सवि
ु धा मिलती है
(डायोडेटो, 1994, फरे रा एट अल., 2014)। ग्रंथ सूची विश्लेषण में संग्रह
की प्रगति को सचि
ू त करने, संस्थागत छात्रवत्ति
ृ शक्तियों और
उद्धरण/सह-उद्धरण पैटर्न का वर्णन करने और प्रस्ताव दे ने की क्षमता
है

तरीकों

लेखकों ने इस ग्रंथसच
ू ी विश्लेषण के लिए डेटा तीन प्रमुख विपणन
संचार पत्रिकाओं: जर्नल ऑफ एडवरटाइजिंग, जर्नल ऑफ एडवरटाइजिंग
रिसर्च और इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एडवरटाइजिंग में प्रकाशित
डीएमसी के बारे में लेखों के उद्धरणों से प्राप्त किया।

यह अध्ययन कई कारणों से इन तीन प्रकाशनों पर केंद्रित है। सबसे


पहले, सामाजिक विज्ञान उद्धरण सच
ू कांक (एसएससीआई) इंगित करता
है कि जर्नल ऑफ एडवरटाइजिंग , जर्नल ऑफ एडवरटाइजिंग
रिसर्च और इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एडवरटाइजिंग हैं।

सर्वाधिक उद्धृत लेखक और कृतियाँ

शोध प्रश्न 1 को संबोधित करने के लिए, हमने लक्षित प्रकाशनों में


डीएमसी के बारे में लेखों में पहचाने गए सबसे उद्धृत लेखकों और
सबसे उद्धृत कार्यों का विश्लेषण किया (तालिका 1, तालिका 2
दे खें)। सर्वाधिक उद्धृत लेखक और सर्वाधिक उद्धृत कृतियाँ स्पष्ट रूप
से सर्वाधिक उद्धृत लेखकों और सर्वाधिक उद्धृत कृतियों की दो सचि
ू यों
के बीच कुछ ओवरलैप प्रस्तत
ु करती हैं। उदाहरण के लिए, पेटी
तालिका 1 में सबसे अधिक उद्धृत लेखक है , और कैसिओपो और शुमान
के साथ उनका 1983 का लेख तालिका 2 में पांचवें स्थान पर है । पेटी,
कैसिओपो और शम
ु ान (1983) का काम, जो

सर्वाधिक उद्धृत कार्यों में विषय-वस्तु

जबकि पत्रिकाओं द्वारा सबसे उद्धृत लेखों को समूहीकृत करने से


उद्धरण पैटर्न पर कुछ जानकारी मिलती है , 141 लेखों में विषयगत
पैटर्न की जांच करना भी उपयोगी है , खासकर उन लेखों में जो विशेष
रूप से डीएमसी को संबोधित करते हैं। शोध प्रश्न 2 के उत्तर में , इस
अध्ययन ने डीएमसी पर सर्वाधिक उद्धृत कार्यों में से उभरते विषयों
का मूल्यांकन किया। पाँच प्राथमिक विषय उभरे : ईडब्ल्यूओएम,
अन्तरक्रियाशीलता, डीएमसी प्रभावशीलता, विपणन संचार कैसे काम
करता है , और दृष्टिकोण।
सह-उद्धरण में पहचाने गए पहले विषय के रूप में

सह-उद्धरण नेटवर्क विश्लेषण

इस अध्ययन ने डीएमसी पर 141 शोध लेखों में से चार या अधिक


उद्धरणों के साथ सबसे उद्धृत कार्यों में से सह-उद्धरण जोड़े का
विश्लेषण किया। शोध प्रश्न 3 के उत्तर में , इस अध्ययन ने डीएमसी
में प्रभावशाली उद्धृत कार्यों और इन नेटवर्कों के बीच मौजूद विचारधारा
के स्कूलों के बीच सह-उद्धरण नेटवर्क का मूल्यांकन किया। सह-उद्धरण
आवत्ति
ृ यों और सह-उद्धरण नेटवर्क प्राप्त करने के लिए, इस अध्ययन
ने उन सभी कार्यों का विश्लेषण किया जो दस्तावेजों की किसी भी
जोड़ी का हवाला दे ते थे। सह-उद्धरण नेटवर्क में , इस अध्ययन ने
निर्माण किया

सह-उद्धरण नेटवर्क में केंद्रीय नोड्स विश्लेषण

गेफी पर आधारित सह-उद्धरण नेटवर्क विश्लेषण योगदान को जोड़ने


वाले नेटवर्क की जांच करके प्राथमिक विषयों के तहत विद्वान
समुदायों के मुख्य ज्ञान प्रभावकों को प्रकट करता है (तालिका 4, चित्र
1)। गेफी-संचालित विश्लेषण उद्धृत कार्यों के समह
ू ों की पहचान करने
के लिए उपयुक्त है जो सीमाओं को पाटते हैं, अनुसंधान के अलग-
अलग समुदायों को जोड़ते हैं और विभिन्न अनुशासनात्मक डोमेन
(मैरियन और मैक्केन, 2001) को प्रभावित करते हैं। विश्लेषण एक
नेटवर्क संरचना उत्पन्न करता है जो सबसे मजबत
ू पर जोर दे ता है

ग्रंथ सच
ू ी संबध
ं ी साहित्य की तल
ु ना में डीएमसी डोमेन के लिए नई
इस अध्ययन ने डीएमसी पर वर्तमान शोध के उद्धरणों और सह-
उद्धरण विश्लेषण का विश्लेषण किया और दिखाया कि कैसे डिजिटल
तकनीक ने 2004 और 2016 के बीच डिजिटल मार्के टिंग मूल्यांकन को
आकार दिया। 1994 और 2003 के बीच डीएमसी के ग्रंथसच
ू ी अध्ययन
(किम और मैकमिलन, 2008) ने ऑनलाइन संदर्भ पर ध्यान केंद्रित
किया। पिछले और वर्तमान ग्रंथसच
ू ी अध्ययनों के बीच समानताएं
और अंतर डीएमसी के क्षेत्र के लिए नई अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते

[ प्रस्नौतर 2 ]

परिचय

क्या आप ई-कॉमर्स व्यवसाय चला रहे हैं? यदि हां, तो आप ऑनलाइन


शॉपिंग कार्ट प्लेटफ़ॉर्म के लिए सोशल मीडिया रणनीतियों की भमि
ू का
से परिचित हो सकते हैं । दनि
ु या की 93% से अधिक आबादी अपने
दै निक जीवन में सक्रिय रूप से सोशल मीडिया का उपयोग कर रही
है , इसने धीरे -धीरे उनके खरीदारी निर्णयों को प्रभावित करना शरू
ु कर
दिया है । जबकि लोग अभी भी अपने साथियों की सिफारिशों पर
निर्भर हैं, सोशल मीडिया का प्रभाव निर्विवाद है। ई-कॉमर्स की दनि
ु या
वेब ट्रै फिक पर चलती है। हालाँकि, सोशल मीडिया के माध्यम से
संभावित उपभोक्ताओं को अपनी व्यावसायिक वेबसाइट पर आकर्षित
करने की प्रक्रिया इतनी सरल नहीं है। हालाँकि यह सरल लगता है ,
लेकिन ऐसी कई चीज़ें हैं, जो आपस में घनिष्ठ रूप से जड़
ु ी हुई हैं,
जिन पर बहुत अधिक ध्यान दे ने की आवश्यकता है । स्थायी सफलता
प्राप्त करने की प्रक्रिया में बुनियादी रणनीति से कहीं अधिक की
आवश्यकता होती है । 

1. लक्ष्य निर्धारित करना:

एक प्रभावी रणनीति बनाने में पहला कदम जगह पर बेंचमार्क लगाना


है । आप जिस सफलता की ओर बढ़ रहे हैं उसका आपको स्पष्ट
अंदाजा होना चाहिए। एक बार जब आप मानक निर्धारित कर लेते हैं,
तो आप वहां तक पहुंचने की रणनीति पर काम करना शरू
ु कर सकते
हैं। आपको मापने योग्य लक्ष्यों के बारे में बहुत विशिष्ट होने की
आवश्यकता है , जिन्हें निम्नानुसार सच
ू ीबद्ध किया जा सकता है :

सोशल मीडिया चैनल से आप जिस ट्रै फ़िक की आशा करते हैं।

प्रशंसकों और ग्राहकों की संख्या जिसका आप इंतजार करते हैं।

वेब ट्रै फ़िक में लीड और रूपांतरण का अनप


ु ात।

पोस्ट के प्रकार जो आपको बेहतर जुड़ाव बनाने में मदद कर सकते


हैं।

दर्शकों की वद्धि
ृ और वास्तविक बिक्री के बीच संबंध.

बेंचमार्किं ग से आपको उन विशिष्ट लक्ष्यों को परिभाषित करने में


मदद मिलेगी जिन्हें आप तिमाही के अंत में हासिल करना चाहते
हैं। यह आपको एक स्पष्ट और सटीक कार्य उद्देश्य दे गा,               जो
आपके व्यवसाय को महत्वपर्ण
ू बढ़ावा दे ने के लिए पहला कदम हो
सकता है ।

2. ग्राहक की सामग्री प्राथमिकता को जानें:

आपके ग्राहक क्या खोज रहे हैं, इसका पालन करना और समझना
आवश्यक है । अपने संभावित ग्राहकों की प्राथमिकताओं के आधार पर,
आप उनकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सामग्री पर काम कर
सकते हैं और नियमित रूप से पोस्ट कर सकते हैं। आप सीधे अपने
उपभोक्ताओं से जानकारी एकत्र करना चुन सकते हैं या सोशल
मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने लक्षित दर्शकों की बातचीत की निगरानी
कर सकते हैं।

3. विज़िटर वास्तव में आपकी सामग्री के साथ कैसे इंटरै क्ट करते हैं:

इन प्रमख
ु क्षेत्रों के डेटा के आधार पर, आप सही सामग्री पोस्ट करने
के लिए एक शेड्यल
ू बना सकते हैं, जो आपको संबंधित सोशल
मीडिया प्लेटफॉर्म पर बेहतर वेब ट्रै फ़िक ला सकता है । इससे आपको
यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि क्या प्रभावी था और क्या
नहीं। इसके आधार पर, आप व्यवहार को नए विचारों के साथ जोड़कर
कुछ ऐसा विकसित कर सकते हैं जो आपके व्यवसाय को आगे बढ़ने
में मदद करे गा। यह अपनी अच्छी प्रथाओं को खोजने का सबसे
अच्छा तरीका है ।

4. बेचने के बजाय साझा करने पर ध्यान दें :


जबकि कई खरीदार अपनी खरीदारी यात्रा शरू
ु करने के लिए सीधे
सोशल मीडिया साइटों पर पहुंचते हैं, लेकिन वे वास्तव में खरीदारी के
इरादे से सोशल मीडिया साइट पर नहीं आते हैं। यह सब गुणवत्तापूर्ण
रिश्ते बनाने, विश्वास कायम करने और फिर बेचने का अंतिम कदम
उठाने के बारे में है । नियमित बी2 बी बिक्री में , निर्णय निर्माताओं को
विक्रेता से बात करने से पहले सोशल मीडिया साइटों पर सामग्री के
साथ बातचीत करनी चाहिए। 

5. प्रगति की निगरानी:

सोशल मीडिया रणनीति के विकास के साथ , आपको उपभोक्ता


व्यवहार में प्रगति और परिवर्तन का सावधानीपूर्वक निरीक्षण करने की
आवश्यकता है । आप रिपोर्ट बनाना, योजनाओं की समीक्षा करना, टीम
के सदस्यों के साथ संवाद करना और उन्हें वर्तमान अपडेट के बारे में
सचि
ू त करना चन
ु सकते हैं। सोशल मीडिया के रुझान लगातार बदल
रहे हैं और आपको उन्हें समायोजित करने के लिए एक प्रभावी
रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है ।

6. प्रगति पर नज़र रखना: 

जैसे ही आप अपनी सोशल मीडिया रणनीति विकसित करते हैं,


परिभाषित करें कि आप प्रगति को कैसे ट्रै क करें गे और व्यवहार में
बदलाव कैसे करें गे, जैसे कि रिपोर्टिंग, अपनी योजना की समीक्षा करना
और हर महीने टीम के सदस्यों को अपडेट संप्रेषित करना। रुझान
बदलते हैं और आपकी सोशल मीडिया रणनीति को इसे ध्यान में
रखना होगा।

ऑनलाइन शॉपिंग को बढ़ावा दे ने के लिए सोशल मीडिया रणनीतियाँ


क्या हैं?

एक बार जब आप एक प्रभावी रणनीति के साथ आ जाते हैं, तो कुछ


एसएमएस युक्तियाँ होती हैं जिनका उपयोग आप ट्रै फ़िक बढ़ाने और
अपने व्यवसाय को बढ़ने का अवसर दे ने के लिए कर सकते हैं।

सोशल मीडिया पोस्ट अनुकूलन :

आप खोज पोस्ट की दृश्यता बढ़ाने के लिए उच्च रूपांतरण वाले


कीवर्ड का उपयोग कर सकते हैं। कीवर्ड के सही सेट के साथ, आप
अपने ग्राहकों की फ़ीड तक सीमित रहने के बजाय सीधे बहुत बड़े
दर्शकों तक पहुंच सकते हैं। कीवर्ड अनस
ु ंधान करें और अपनी सामग्री,
उद्योग, उत्पाद और क्षेत्र या स्थान के आधार पर संभावनाएं चन
ु ें।

सही सामग्री साझा करें : 

यदि आप ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, तो आपको अपनी सामग्री


पर काम करना होगा। जो सामग्री उपयोगी और साझा करने लायक
है , उसमें संभावना को इस तरह से बदलने की क्षमता है कि एक
अच्छी बिक्री पिच भी विफल हो सकती है । अपनी सामग्री को
संक्षिप्त, इंटरै क्टिव और आकर्षक रखें । आप कहानियाँ बता सकते हैं,
समाचार साझा कर सकते हैं, या उपयोगी सलाह दे सकते हैं। संक्षेप
में , आपकी पोस्ट में ग्राहकों को उनके पसंदीदा विषयों के आधार पर
सचि
ू त करने, मनोरं जन करने और शिक्षित करने की क्षमता होनी
चाहिए।

समीक्षाओं का उपयोग करना:

समीक्षाएँ एक शक्तिशाली उपकरण हैं. ये रे टिग


ं सीधे तौर पर किसी
तीसरे पक्ष - एक वफादार ग्राहक - की उत्पाद रे टिग
ं से संबधि
ं त
हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नया खरीदार ऑनलाइन रिव्यू से काफी
प्रभावित होता है । लगभग 88% उपभोक्ताओं ने कहा कि वे व्यक्तिगत
अनश
ु ंसाओं की तल
ु ना में ऑनलाइन समीक्षाओं पर अधिक भरोसा
करते हैं।

वर्तमान दृश्य सामग्री:

यह साबित हुआ है कि छवियों या वीडियो पर आधारित सामग्री,


टे क्स्टुअल पोस्ट की तल
ु ना में विज़िटर को संलग्न करने की अधिक
संभावना रखती है । अध्ययनों के अनुसार, संदेशों को अनुकूलित करने
के लिए छवियों को एक बेहतरीन रणनीति माना जाता है । उत्पाद की
छवि को साझा करने योग्य बनाकर, आप Instagram या Pinterest पर
छवि-आधारित मार्के टिंग को बढ़ावा दे सकते हैं। आप विश्वास कारक
को बढ़ावा दे ने के लिए उत्पाद पष्ृ ठ के साथ रचनात्मक पोस्ट और
ग्राहक सेल्फी भी जोड़ सकते हैं।

ब्लॉग से शुरुआत करें :


अधिकांश ईकॉमर्स व्यवसाय शिकायत करते हैं कि उनके पास सामग्री
का निरं तर प्रवाह नहीं है । इस समस्या को हल करने का सबसे अच्छा
तरीका एक सक्रिय ब्लॉग रखना है । आप उन विषयों पर प्रेरक और
शैक्षिक सामग्री प्रदान कर सकते हैं जो ग्राहक पसंद करते हैं। यहां
तक कि एक ब्लॉग पोस्ट भी आपको दर्जनों पोस्ट बनाने में मदद कर
सकती है जो ग्राहकों को आकर्षित कर सकती है और उन्हें आपकी
वेबसाइट पर आने के लिए प्रेरित कर सकती है ।

निष्कर्ष:

इन सभी सोशल मीडिया रणनीतियों का मल


ू लक्ष्य ब्रांड जागरूकता में
सुधार करना, अधिक ट्रै फ़िक लाना और रूपांतरण बढ़ाना, अपने ग्राहकों
को शामिल करना और अंततः आपके व्यवसाय को बढ़ाना है । तो
इसके अलावा, आपको जुड़ाव बढ़ाने के लिए अपने फ़ॉलोअर्स के साथ
जड़
ु ने की ज़रूरत है । समह
ू ों में शामिल हों, अपने प्रभावशाली लोगों के
साथ मजबूत संबंध बनाएं और यह सुनिश्चित करने के लिए लाइव
चर्चा करें कि आपके ग्राहक आपको याद रखें । आपको अपने सोशल
मीडिया पोस्ट और सामग्री के साथ बहुत सस
ु ंगत रहने की
आवश्यकता है , साथ ही बदलते रुझानों पर नज़र रखना भी सनि
ु श्चित
करना होगा। इसके अलावा, बातचीत को प्रोत्साहित करने के लिए
अपनी पोस्ट को हैश करना न भूलें। एक मधुर, सरल, लेकिन आकर्षक
संदेश के साथ, आप सोशल मीडिया पर अपने ब्रांड की उपस्थिति बढ़ा
सकते हैं
[ प्रस्नौतर 3 ]

ट्रे डिशनल मार्के टिंग और डिजिटल मार्के टिंग में अंतर

सर्च Query – ट्रे डिशनल मार्के टिंग और डिजिटल मार्के टिंग में अंतर क्या
है ,ई मार्के टिंग और ट्रे डिशनल मार्के टिंग में अंतर,कौन सा मार्के टिंग का
तरीका बेहतर है ट्रे डीशनल मार्के टिंग VS डिजिटल मार्के टिंग इन
हिंदी,पारं परिक मार्के टिंग और डिजिटल मार्के टिंग में अंतर।

दोस्तो मार्के टिंग किसी भी व्यापार का अहम हिस्सा होता है किसी भी


कंपनी और ब्रांड्स के लिए मार्के टिंग का मुख्य उद्देश्य रे वन्यू बनाना
और प्रॉफिट कमाना होता है ।  किसी भी प्रोडक्ट और सर्विस की 
मार्के टिंग करने से पहले मार्के टिंग के सही तोर तरीकों को जानना
जरूरी होता है इस आर्टिकल में हम जानिंगे ट्रे डिशनल मार्के टिंग और
डिजिटल मार्के टिंग के बारे मे ,ट्रे डिशनल मार्के टिंग और डिजिटल
मार्के टिंग में अंतर क्या है  ,कौन सा मार्के टिंग का तरीका बेहतर
है  ट्रे डीशनल मार्के टिंग VS डिजिटल मार्के टिंग इन हिंदी .ट्रे डिशनल
मार्के टिंग और डिजिटल मार्के टिंग में अंतर क्या है यह जानने से पहले

संकमार्के टिंग क्या होता है । 

ट्रे डिशनल मार्के टिंग क्या है (What Is Traditional Marketing In Hindi )

ट्रे डिशनल मार्के टिंग, मार्के टिंग का पुराना तरीका है इसे हम हिन्दी में
पारम्परिक मार्के टिंग या परम्परागत मार्के टिंग भी कहते हैं।ट्रे डिशनल
मार्के टिंग मे मार्के टिंग का मख्
ु य तरीका टीवी विज्ञापन ,रे डियो
विज्ञापन , न्यज़
ू पेपर विज्ञापन, होल्डिंग और प्रिंट पोस्टर अदि। 1990
के दशक में जब तक ऑनलाइन इन्टरनेट का ज्यादा चलन नहीं था
उस समय ट्रे डिशनल मार्के टिंग , मार्के टिंग का लोकप्रिय माध्यम था
क्योंकि उस समय टे क्नोलॉजी इतनी ज़्यदा विकसित नहीं हुई थी
इसलिए उस समय ये सभी कारागार तरीके थे मार्के टिंग करने के लिए
,लेकिन जैसे -जैसे टे क्नोलॉजी में बदलाव होते गए उसके साथ
मार्के टिंग करने के तोर तरीको में भी बदलाव आने लगा जो की अब
डिजिटल मार्के टिंग में परिवर्तित हो चक
ू ा है ट्रे डिशनल मार्के टिंग का
अपडेटेड वर्जन डिजिटल मार्के टिंग है । 

डिजिटल मार्के टिंग क्या है (What Is Digital Marketing In Hindi )

डिजिटल मार्के टिंग, मार्के टिंग का मॉडर्न तरीका है इसमें मार्के टिंग
डिजिटल यानी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से किया जाता है
इसे ऑनलाइन मार्के टिंग और इन्टरनेट मार्के टिंग(ई मार्के टिंग) भी कहा
जाता है इसमें मार्के टिंग के मुख्य तरीका सर्च इंजन(Google, Youtube
Etc )और सोशल मीडिया(Facebook, Instagram, Etc)होता है । 

अगर आप सोशल मीडिया का उपयोग करते हो तो आपको भी यूट्यूब


,फेसबक
ु पर  अलग अलग कंपनियां के विज्ञापन जरूर दिखाई दिये
होंगे यही डिजिटल मार्के टिंग होती है ।

ट्रे डिशनल मार्के टिंग और डिजिटल मार्के टिंग में अंतर। 

ट्रे डिशनल मार्के टिंग (Traditional Marketing)


ट्रे डिशनल मार्के टिंग पारम्परिक तरीका है मार्के टिंग का।

ट्रे डिशनल मार्के टिंग मेहंगा पड़ता  है डिजिटल मार्के टिंग की तुलना में ।
टीवी और न्यज़
ू पेपर पर विज्ञापन की लागत 50 हजार से लेकर लाखो
रूपए तक होती है ।

ट्रे डिशनल मार्के टिंग में ब्रांड नाम बनाने में काफी समय लग सकता
है ।

ट्रे डिशनल मार्के टिंग करने में काफी समय लग सकता है ।

लिमिटे ड ऑडियंस (लोग) होते है ।

किसी एक ही जगह या कंट्री को टारगेट कर सकते हैं, ऑडियंस को


टारगेट करना मुश्किल होता है ।

मार्के टिंग के कुछ ही साधन होते है ।

रिजल्ट को एनालिसिस करना मुश्किल होता है।

शारीरिक मेहनत ज़्यदा लगती है। आपको अलग -अलग जगह जाना
पड़ सकता है अलग -अलग लोगो से मिलना पड़ सकता है ।

डिजिटल मार्के टिंग (Digital Marketing)

डिजिटल मार्के टिंग ,मार्के टिंग का मॉडर्न तरीका है।

डिजिटल मार्के टिंग सस्ता पड़ता है। आप 100 रूपए में भी अपना
विज्ञापन ऑनलाइन इंटरनेट पर चला सकते हो।
डिजिटल मार्के टिंग में ब्रांड नाम जल्दी बन जाता है

डिजिटल मार्के टिंग आप बहुत कम समय में कर सकते हो। आप घर


बैठे भी अपना विज्ञापन चला सकते हो।

ज़्यदा ऑडियंस होती है।

दनि
ु या के किसी भी जगह को टारगेट कर सकते हो ,टार्गेटे ड ऑडियंस
होती है।

डिजिटल मार्के टिंग में आपको बहुत सारे साधन मिल जायिंगे।

रिजल्ट को अलग -अलग टूल की मदद से एनालिसिस कर सकते हो।

शारीरिक मेहनत ना के बराबर होती है बस आपको अपने लैपटॉप और


कंप्यूटर से सारा काम कर सकते हो।

ट्रे डिशनल मार्के टिंग के मख्


ु य तरीके  –

 प्रिंट मीडिया – इसमें समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पोस्टर, पैम्फलेट आदि


शामिल हैं इस प्रकार के प्रिंट मीडिया विज्ञापन से ही पैसे कमाते हैं।

 प्रसारण (Broadcasting) – इसमें टे लीविजन और रे डियो शामिल हो


सकते हैं, जो मनोरं जन के साथ-साथ ज्ञान, सच
ू ना, समाचार प्रदान
करता है । यह विज्ञापनों द्वारा प्रायोजित है ।

 आउटबॉन्ड मार्के टिंग – इसमें  बिलबोर्ड और होर्डिंग्स जो घरे लू


मार्के टिंग के दो तरीके हैं जो समय के साथ उपभोक्ताओं को प्रभावित
करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
 वन-टू-वन मार्के टिंग – इसमें टे लीमार्के टिंग या एसएमएस मार्के टिंग
शामिल है , जिसमें उपभोक्ताओं को टे लीफोन या एसएमएस के माध्यम
से प्रोडक्ट और सर्विस का प्रमोशन किया जाता है ।

 रे फरल मार्के टिंग – ऐसे  ‘वर्ड ऑफ माउथ’ मार्के टिंग भी कहा जाता है
जो उत्पादों या सेवाओं से संबंधित जानकारी दे ने के लिए ग्राहकों पर
निर्भर करता है।

डिजिटल मार्के टिंग के मुख्य तरीके  –

सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ) – SEO का मतलब होता है अपनी


वेबसाइट को इस तरह से ऑप्टिमाइज़ करना ताकि वह सर्च रिजल्ट
में टॉप पर रैंक करे । इसका मुख्य उद्देश्य ऑर्गेनिक ट्रै फिक बढ़ाना
होता है।

कंटें ट मार्के टिंग – टार्गेटे ड ऑडियंस के लिए कंटें ट बनाना ,ताकि ब्रांड
जागरूकता पैदा की जा सके, ट्रै फिक बढ़ाया जा सके, लीड पैदा की जा
सके, आदि।

इनबाउं ड मार्के टिंग – यह सोशल मीडिया, ब्रांडिग


ं , कंटें ट मार्के टिंग आदि
के माध्यम से संभावित ग्राहकों को आपकी कंपनी खोजने में सहायता
करने की प्रक्रिया है। इसमें ग्राहकों को आकर्षित करना, परिवर्तित
करना और प्रसन्न करना शामिल है ।

सोशल मीडिया मार्के टिंग (एसएमएम) – यह फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम


मार्क टिंग , लिंक्डइन, स्नैपचैट आदि जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर
आपके ब्रांड को बढ़ावा दे ने की प्रक्रिया है । इससे ब्रांड जागरूकता पैदा
करने, ट्रै फिक लाना और लीड पैदा करने में मदद मिलती है ।

प्रति क्लिक भग
ु तान (पीपीसी) – यह एक विज्ञापन मॉडल है , जिसका
उपयोग आम तौर पर वेबसाइट पर ट्रै फ़िक लाने के लिए किया जाता
है , इसमें जितने क्लिक आपके विज्ञापन पर आते है उसी हिसाब से
आपको भग
ु तान करना पड़ता है ।

एफिलिएट मार्के टिंग –  इसमें कंपनी अपने प्रोडक्ट और सर्विस को


प्रमोट करने के लिए प्रमोट करने वाले को कुछ प्रतिशत कमिसन दे ती
है ।

मार्के टिंग ऑटोमेशन – यह एक सॉफ्टवेयर है जिसे विभिन्न प्लेटफार्मों


पर प्रभावी तरीके से मार्के टिंग कार्यों को करने वाले कार्यों को
स्वचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ।

ईमेल मार्के टिंग – ईमेल मार्के टिंग ग्राहकों को डिस्काउं ट, नए प्रोडक्ट के


बारे में , ऑफ़र आदि से संबधि
ं त जानकारी टार्गेटे ड ऑडियंस को ईमेल
भेजकर प्रमोशन करने का एक तरीका है।

ऑनलाइन पीआर – यह ऑनलाइन जनसंपर्क के लिए है , जिसमें


सोशल मीडिया, ब्लॉग, वेबसाइट आदि जैसे उपलब्ध ऑनलाइन
प्लेटफॉर्म का उपयोग करके मार्के टिंग की जनसंपर्क गतिविधियां
शामिल हैं।
आज के टाइम में कौन सा तरीका अच्छा है मार्के टिंग के लिए ,
ट्रे डिशनल मार्के टिंग अथवा डिजिटल मार्के टिंग।

दोस्तों ट्रे डिशनल मार्के टिंग और डिजिटल मार्के टिंग में मख्
ु य अन्तर
माध्यम का है जहाँ ट्रे डिशनल मार्के टिंग में ट्रे डिशनल मीडिया जैसे
न्यूज़ पेपर ,पोस्टर ,बैनर द्वारा मार्के टिंग की जाती है वंही डिजिटल
मार्के टिंग में डिजिटल मीडिया जैसे सोशल मीडिया ,वेबसाइट द्वारा
मार्के टिंग की जाती है ।

दोस्तों आज के टाइम में 4.45 बिलियन लोग इंटरनेट पर एक्टिव है


तो ऐसे में इंटरनेट  अपने आप  एक काफी बड़ा मार्के ट है जहाँ लोग
औसतन  2  -3 घंटे /दिन व्यतीत करते हैं। दोस्तों ट्रे डिशनल मार्के टिंग
और डिजिटल मार्के टिंग में दोनों के अलग -अलग बिज़नेस के नज़रिये
से अपने -अपने पॉजिटिव पॉइंट और नेगेटिव पॉइंट है तो सबसे जरुरी
है अपने बिज़नेस के उदे श्य को समझना।

उदाहरण – कोई साबन


ु बनाने वाली कंपनी है जो अपने प्रोडक्ट की
मार्के टिंग करना चाहती है तो वह सबसे पहले अपने प्रोडक्ट का उदे श्य
(Objective) को दे खेगी की किन लोगो को उसके प्रोडक्ट की जरुरत है
अब साबुन की जरुरत तो हर किसी वयक्ति को होती है तो उसको
किसी विशेष जगह या लोगो को टारगेट करने की जरुरत नहीं है तो
वह ट्रे डिशनल मार्के टिंग के माद्यम से अपने प्रोडक्ट की मार्के टिंग कर
सकता है ।
वंही कोई कंपनी जो सॉफ्टवेयर बनाती है तो उसे मार्के टिंग करने के
लिए टार्गेटे ड लोगो की जरुरत है जो सॉफ्टवेयर सम्बंथित कार्य करते
हो क्यूंकि सॉफ्टवेयर की जरुरत हर किसी को नहीं होती है तो उसके
लिए डिजिटल मार्के टिंग के माद्यम से मार्के टिंग करना उचित रहे गा।

तो दोस्तों सबसे जरुरी है अपने बिज़नेस की Marketing Need को


जानना और सही मार्के टिंग के तरीके को अपनाना। तो आज एक
आर्टिकल में हमने जाना की ट्रे डिशनल मार्के टिंग और डिजिटल
मार्के टिंग में क्या अंतर है और कौन सा तरीका मार्के टिंग के लिए
अच्छा है।
[ प्रस्नौतर 4 ]

इस इंटरनेट के युग में क्या आप आज भी Traditional Marketing


Strategies पर भरोसा करते हैं और उन्हें सर्वोत्तम मानते हैं?

इस सदी में इंटरनेट एक ऐसा माध्यम बन गया है जिसने लोगों की


ज़िन्दगी में क्रांतिकारी बदलाव ला दिए हैं। एक Report के मत
ु ाबिक
वर्ष 2025 के अंत तक दनि
ु या भर में लगभग  4.4 Billion Internet
Users हो जायेंगे जो अभी 3.8 Billion के आसपास है । ऐसे में बदलाव
होने तो जायज़ ही हैं। 

इंटरनेट के आ जाने से मोबाइल फ़ोन, कंप्यूटर, लैपटॉप, इत्यादि का


इस्तेमाल भी बढ़ गया है । हर रोज हज़ारों और लाखों की संख्या में
लोग Social Media से जड़
ु रहे हैं। 

साथ ही लोग अब अधिकतर काम घर बैठे मोबाइल फ़ोन या कंप्यट


ू र
के ज़रिये आसानी से कर लेते हैं जिनके लिए घर से निकलना पड़ता
था।

इसी बीच इंटरनेट ने Marketing को भी नया रूप दे दिया है जिसे


अब Digital Marketing के नाम से जाने जाना लगा है ।  

इन्ही सब कारणों से पिछले एक दशक में  Digital Marketing का


Trend भारत में (Digital Marketing Trend in India) कहीं ज़्यादा दे खने
को मिला है । 
लोगों ने Digital Marketing Strategies को अपने बिज़नेस में
Implement करना शरू
ु कर दिया है और अब अपने Product &
Services को लोगों तक पहुँचा रहे हैं और नए Customers जोड़ रहे
हैं।  

इसके साथ ही कई लोग Digital Marketing को सीखकर एक


Freelancer के रूप में अपनी Services भी दे रहे हैं और अच्छा पैसा
कमा रहे हैं।

तो अब सवाल ये आता है कि क्या आपको भी इस Huge Online


Marketing Industry का हिस्सा बनना चाहिए और इस नए वर्ष कुछ
नया सीखकर अपने लिए एक नयी Income Stream शुरू करनी
चाहिए?

इस सवाल का जवाब जानने के लिए आइये दे खते हैं कि किस तरह


Digital Marketing आपके लिए Effective है और इसकी क्या Future
Growth है । 

Internet Users Stats

भारत में अगर हम पिछले एक दशक की बात करें तो IT Sector में


सबसे ज्यादा Boom दे खने को मिला है। इसके साथ ही इंटरनेट के
इस्तेमाल में भी हमारा दे श World में Second नंबर पर है। 

Internet के आ जाने से लोगों की कमाई में भी जबरदस्त इज़ाफ़ा


हुआ है । लोग अब इंटरनेट का इस्तेमाल करके पैसे कमाने लगे हैं। 
Statista की एक रिपोर्ट के अनस
ु ार अकेले भारत में ही Internet Use
करने वालों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोत्तरी दे खने को मिली है । जहाँ
पहले वर्ष 2010 में केवल 92 Million लोग ही Internet का इस्तेमाल
करते थे, वर्ष 2021 में यही संख्या अब बढ़कर 845 Million पहुँच गयी
है जो लगभग 900% का Increment है । 

इन नम्बरों से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि किस तरह लोग


इंटरनेट को इतनी ज़्यादा तवज्जु दे ने लगे हैं। 

Internet की वजह से ही Online Marketing & Sales से संबंधित कार्यों


में काफी इज़ाफ़ा हुआ है।   

इसके साथ ही अगर हम केवल पिछले दो वर्षों (2019-2021) की बात


करें तो हमें पता चलता है कि Covid-19 Pandemic के आ जाने से
Work from Home का Culture शुरू हुआ और लोगों ने Online
Platforms & Social media का खूब इस्तेमाल किया। 

लोग अपने बिज़नेस को Promote करने के लिए और उसे Online Shift


करने के लिए अब Best Digital Marketing Agency को ढूंढने लगे हैं।
इसलिए अब Digital Marketing का Scope भारत में (Scope of Digital
Marketing in India) भी काफी ज़्यादा नज़र आता है ।  

Digital Marketing Strategies Economical होने के साथ ही Results भी


जल्दी दे ती हैं। इसलिए लोग Traditional Marketing के तौर तरीकों
को छोड़कर Online Marketing को ज़्यादा Prefer कर रहे हैं। 
आइये दे खते हैं कि आखिर क्या वजह है Digital Marketing Industry
के इतनी तेज़ी से बढ़ने की।  

Also Read: Top 10 Digital Marketing Strategies for Small Business


Owners 

Digital Marketing का क्षेत्र इतनी तेज़ी से क्यों बढ़ रहा है ?

आज से 8-10 वर्ष पहले आपने शायद ही Digital Marketing का नाम


सुना होगा। उस ज़माने में लोग Traditional Marketing में ज़्यादा
भरोसा करते थे और अपने Products & Services के Promotion के
लिए Billboards, Pamphlets, Word of Mouth Marketing Strategies
को अपनाते थे।  

वैसे तो Digital Marketing Industry के Boom करने के कई सारे


कारण हैं, लेकिन उनमे से जो प्रमख
ु कारण हैं आइये उनके बारे में
विस्तार से जाने।

Source: Statista

Internet Users का बढ़ना

जैसा कि हमने ऊपर दे खा कि कैसे भारत में पिछले एक दशक में


Internet Users की संख्या बढ़ी है , हम इसी से अंदाज़ा लगा सकते हैं
कि क्यों Online Marketing Industry का विकास बहुत तेज़ी से हो रहा
है । 

अंदेशा तो यह लगाया जा रहा है कि अगले दस वर्षों में Internet


इस्तेमाल करने वालों की संख्या वर्तमान अंकों (845 Million) से बढ़कर
1350 Million से भी ज़्यादा होने वाली है । 

इन आंकड़ों से ये पता लगता है कि अभी भी Digital Marketing


Industry में बहुत सी ऐसी चीज़ें हैं जिन्हें Explore करना बाकि है । 

पिछले 5-10 सालों में जितनी Digital Marketing में Growth हुई है , हो
सकता है कि आने वाले कुछ वर्षों में यहाँ और भी ज़्यादा Growth
दे खने को मिले। 

अन्य मार्के टिंग रणनीतियों से ज़्यादा Effective है


Digital Marketing Strategies Affordable होने के साथ-साथ Reliable
& Economical भी हैं। 

पहले Traditional Marketing में Newspaper में Ad दे ने के लिए कई


हज़ार रूपये खर्च करने पड़ते थे।  इसके अतिरिक्त Billboards,
Banners, Pamphlets इत्यादि बनवाकर अपने बिज़नेस और प्रोडक्ट या
सर्विस का Promotion करता पड़ता था। इस तरीके से Promotion
करने में काफी खर्चा भी आता था।

लेकिन, अब अगर आपको अपने Products or Services का Promotion


करना है तो उसके लिए Digital Ecosystem के Free & Paid Methods
का उपयोग करना होगा। 

Free Method के अंतर्गत आप Search Engine Optimization and Social


Media Optimization जैसे Methods को Implement कर सकते हो। 

लेकिन अगर आप थोड़ा पैसा Invest करके जल्दी Results लाना चाहते
हो तो Paid Digital Marketing Methods का भी उपयोग कर सकते
हो। इनमे शामिल हैं – Search Engine Marketing and Social Media
Marketing. 

इन Free and Paid Methods के अनस


ु ार आप Social Media को
Optimize करते हुए Content को Share कर सकते हैं, Leads को अपनी
Business Website पर लेकर आ सकते हैं, अपने Products & Services
के Promotion के लिए Paid Ads Run कर सकते हैं, और अन्य कई
तरीकों से अपने
Business को
Promote कर
सकते हैं।  

ज़्यादा Users
का Online
Engage रहना

अब क्योंकि Internet की पहुँच काफी बढ़ गयी है इसलिए ज़्यादातर


Users Social Media Platforms पर अपना समय व्यतीत करना पसंद
करते हैं। 

वो चाहते हैं कि उन्हें Quality Content मिले जो Unique होने के साथ


साथ Engaging भी हो, जिससे उन्हें कुछ सीखने को मिल सके। 

ऐसे में Digital Marketers द्वारा लोगों को Target करना आसान हो


जाता है और उन्हें वे अपने Customer में तब्दील कर सकते हैं। 

इसलिए पिछले कुछ वर्षों में Digital Marketers की मांग में भी


बढ़ोत्तरी दे खी गयी है ।

घर घर Digital की पहुँच

अब केवल शहरों तक ही Internet, Mobiles, and Computers की पहुँच


सीमित नहीं है , बल्कि गाँव और कस्बों तक भी अब ये सभी चीज़ें
पहुँच गयी है । 
इससे गाँव के लोगों को भी Online Platforms से जड़
ु ने का मौका मिल
रहा है और वो अपने बिज़नेस को ऑनलाइन ले जा रहे हैं।

इसके अलावा अगर हम भारत में Startup Culture को दे खें तो अब ये


केवल दिल्ली, मंब
ु ई, बैंगलोर, कोलकाता जैसे बड़े शहरों तक ही सीमित
नहीं है , बल्कि अन्य छोटे शहरों में भी उभर कर आ रहे हैं। 

अब हर छोटे शहर और कस्बे का आदमी या औरत भी Digital


Marketing सीखकर अपने लिए Business Opportunity Create कर पा
रहा है ।   

Precise Customer Conversion

यदि आप कोई ऑफलाइन बिज़नेस करते हो और अपना कोई प्रोडक्ट


बेचते हो तो उसे प्रमोट करने के लिए कोई Traditional Marketing
Method अपनाते हो। 

लेकिन इस Method में आप अपने कस्टमर की रिसर्च नहीं कर पाते


और उन्हें Precisely Target नहीं कर पाते। 

परन्तु Digital Marketing Strategies को Implement करके आप अपना


एक Customer Persona Create कर लेते हो और इसके आधार पर
उन्हें Target करके Convert करते हो। 
ये ज़्यादातर Small-Scale-Businesses के लिए सही होता है जिनका
Tight Budget होता है और उनका प्रोडक्ट या सर्विस एक Particular
Group of People के लिए बना होता है ।   

Government’s Digital India Initiative

भारत दे श को Digital India बनाने के लिए सरकार ने Digital India


नामक Program Launch किया हुआ है ।  

इस Program के अंतर्गत भारत के हर शहर से लेकर छोटे कस्बों और


गांवों तक Information Technology की मदद से Public Service को
डिजिटल बनाया जायेगा और लोगों को जागरूक और प्रोत्साहित किया
जायेगा।  

सभी सरकारी कार्यों को Digitalize करके दे री से होने वाले कार्यों में


अब विलम्ब नहीं आएगा और लोगों को प्रोत्साहित लिया जायेगा कि
वो भी Digital India Mission को एक सफल मिशन बनाने के लिए
अपने बिज़नेस को ऑनलाइन शिफ्ट करें ।  

Future Growth of Digital Marketing in India

जैसा कि हमने ऊपर Statista की Report में दे खा कि भारत में वर्ष


2019 में Internet Use करने वालों की संख्या 636 Million के आसपास
थी, जो 2021 में बढ़कर 845 Million हो गयी है । वर्ष 2030 तक यही
संख्या बढ़कर 1342 Million तक पहुँच जाएगी। 
अब इसी बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जैसे-जैसे Internet
दे श के हर कोने तक पहुँच रहा है , वैसे-वैसे Online Business का चलन
भी बढ़ने लगा है और Digital Marketing की Demand में भी काफी
इज़ाफ़ा हुआ है । 

ऐसा दे खा गया है कि जिन Businesses ने अपनी Online Presence


बढ़ाई है और अपना Online Customer Base बनाया है उन Businesses
के Profit में कई गन
ु ा तक इज़ाफ़ा हुआ है। 

इसी को दे खते हुए जो Business Online नहीं भी थे वो भी अब


Digital Marketing Strategies को अपनाकर अपनी एक Online
Presence Create कर रहे हैं। 

भारत में इंटरनेट के विस्तार से कई लोगों ने ऑनलाइन की तरफ


शिफ्ट होना शुरू कर दिया है । अब Online Transactions हो रहे हैं,
Online Groceries खरीदी जा रहीं हैं, दवाई, खाना, इत्यादि भी Online हो
गया है। 

ये तो तब है जब भारत की लगभग 2/3rd आबादी Internet और


Mobile से महरूम है । ज़रा सोचिये जब इन लोगों के पास भी इंटरनेट
उपलब्ध हो जायेगा तब कितना बड़ा Digital Revolution आ सकता
है .. 

अब हर Profession से सम्बंधित लोग इस उभरती हुई Marketing


Strategy के बारे में जानने लगे हैं।  
बल्कि Covid-19 के बाद तो अधिकतर बिज़नेस Online Shift हो गए हैं
और कई लोगों की तो नौकरियां भी चली गयी हैं। 

ऐसे लोग New Normal को Adopt कर रहे हैं और घर बैठे-बैठे ही नयी


Skills सीख रहे हैं। ऐसे में Digital Marketing Industry को और अधिक
Boom मिल रहा है।  

Future में इसी तरह ज्यादा से ज्यादा Opportunities आने की उम्मीद


है और उसके लिए Digital Marketers को और ज्यादा Creative &
Innovative सोच रखनी होगी और हमेशा Latest Trends के साथ
Updated रहना पड़ेगा।   

Digital Marketing आपके लिए क्यों Effective है ?


Digital Marketing Sector पिछले कई वर्षों से लगातार Grow कर रहा
है । इसने लोगों के बिज़नेस को ऑनलाइन ले जाने से लेकर उसे
Grow करने में अहम ् भूमिका निभाई है । 

यही नहीं, Digital Marketing Skill को सीखकर कई लोगों ने अपनी


Digital Marketing Agency शुरू कर ली है और कई लोग Freelancer
के रूप में अपनी सर्विस दे कर अच्छा पैसा कमा रहे हैं। 

लोगों को धीरे -धीरे इस Industry के बारे में पता चल रहा है और


लोग Digital Marketing Benefits के बारे में भी जानने लगे हैं। 

ऐसे में हर छोटे से छोटा Businessman भी अब Online Business करना


चाहता है । 

College में पढ़ रहे छात्र भी Part Time Income करना चाहते हैं और
Self Independent बनना चाहते हैं। 

इसके अलावा Digital Marketing ने घर बैठी बहनों और माताओं को


भी Attract किया है । इसलिए वो भी इस Skill को सीखकर अपने लिए
Earning Source बनाना चाहती हैं और अपने परिवार को Support
करना चाहती हैं। 

परन्तु इनके पास मार्गदर्शन की कमी होती है और कोई अच्छा


Mentor नहीं होता जो इन्हें Step-by-Step बता सके कि किस
Situation में क्या करना है और क्या नहीं करना है । 
*अगर आप एक ऐसे Mentor की तलाश कर रहे हैं जो आपको
Digital Marketing Practically सिखा सके और आपके सभी Doubts को
Clear कर सके तो आज ही जुड़िये हमारे साथ। 

क्या आप एक Businessman हैं?

Businessman के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ होती है – Time


Management 

इसके अतिरिक्त हर एक व्यापारी यह चाहता है कि वो अपने


Product या Service को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचा सके और
एक Strong Customer Base बना सके। 

ऐसे में जब Digital Marketing and Automation Strategies साथ मिल


जाती हैं तो एक Powerful Combination बन जाता है जो Product की
Marketing करने के साथ-साथ Business को Autopilot Mode पर
चलाने के लिए काफी होता है । 

Business को Autopilot Mode पर चलाने से एक Businessman का


कीमती समय तो बचता ही है , साथ ही वह अपने अन्य दस
ू रे कार्यों
पर भी फोकस कर सकता है और अलग-अलग Income Streams
Create कर सकता है ।   

For Self Employed or Professionals


अगर आप एक डॉक्टर हैं, वकील हैं, CA हैं या फिर कोई भी Self
Employed Individual हैं, आपके लिए Digital Marketing नए मक
ु ाम
हासिल करने में मदद कर सकता है ।

Self-Employed Individuals अधिकतर ऑफलाइन बिज़नेस रन करते हैं


और उनका Customer Base भी ऑफलाइन ऑडियंस का होता है। 

ऐसे में अगर वो अपने आप को Online Promote करें और विभिन्न


Digital Marketing Strategies का उपयोग करके अपने Target
Customers तक पहुंचे तो आप ज़रा सोचिये कि उनका नाम और
उनका काम कितने लोगों तक पहुँच सकता है और कितने ही लोग
उनके Customers बन सकते हैं। 

इसलिए Digital Marketing को Implement करना Effective होने के


साथ-साथ Fruitful भी है ।  

अगर आप एक गहि
ृ णी हैं

Homemakers or Housewives के लिए Digital Marketing एक अच्छा


Source of Income बनकर उभरा है । 

आजकल के महं गाई के दौर में केवल एक व्यक्ति की कमाई से घर


का खर्चा बड़ी मुश्किल से निकल पाता है , जिस वजह से आये दिन
घर में पैसों के लिए मारामारी रहती है। 

कई परिवारों में तो आज भी महिलाओं को घर से निकलने नहीं दिया


जाता और न ही नौकरी के लिए जाने दिया जाता। ऐसे में Digital
Marketing Skill एक बहुत अच्छा Option साबित हो सकती है जिसे वे
घर बैठे ही सीख सकती हैं। 

ऐसे में महिलाएं Digital Marketing सीखकर Clients को अपनी


Services दे सकती हैं और Part-Time या Full-Time Freelancing कर
सकती हैं। 

इसके अलावा अगर आप अपने घर पर ही कोई छोटा मोटा काम भी


करती हैं तो भी आप Digital Marketing की विभिन्न Strategies को
अपनाकर उस काम को Online ले जा सकती हैं और नए Customers
बना सकती हैं। 

For Students

अगर आप एक Student हैं और चाहते हैं कि अपनी पढ़ाई के साथ-


साथ आप कोई ऐसा Skill भी सीखें जिसकी Future Demand कई गन
ु ा
तक बढ़ने वाली है ?

तो Digital Marketing आपके लिए है। 

Digital Marketing का क्षेत्र आज तेज़ी से Grow कर रहा है (Digital


Marketing in India) आने वाले समय में इसकी Demand बढ़ने ही
वाली है ।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर साल लगभग 18 लाख से


ज़्यादा Digital Marketing Vacancies भारत में निकलती है , और आज
हर Company को सिर्फ और सिर्फ highly Skilled Professionals ही
चाहिए। 

यदि आप अपनी पढाई के साथ-साथ Digital Marketing Skill को भी


सीखते रहते हैं और उसे Practically Implement करते हैं तो आपका
कॉलेज ख़त्म होने तक आपको Digital Marketing में Expertise हासिल
होजाएगी और आपके लिए पैसे कमाने के ढे रों रास्ते खुल जायेंगे। 

तो इसलिए Digital Marketing Skill आपके जीवन में बहुत मायने


रखता है और आप अपने Profession के हिसाब से इसे Implement
कर सकते हो और अच्छे Results ला सकते हो। 

Learn, Implement, and Earn Digitally

Digital Marketing का स्कोप भारत में (Digital Marketing Scope in


India) वाकई काफी ज़्यादा है । अगर वर्तमान समय की बात करें तो
Digital Marketing Industry एक Hottest Industry बन चुकी है । 

आने वाले समय में भी इसके और अधिक उभरने की उम्मीद है । 

इसलिए यदि आप किसी भी Profession में हैं या एक घरे लू महिला हैं,


तब भी आप Digital Marketing को सीखकर अपने लिए एक नया
Earning Source Create कर सकते हैं। 

अन्य किसी स्किल की तरह ही Digital Marketing को भी सीखकर


इसकी Strategies को अपने कार्यों में Implement करना ज़रूरी है ।  
इससे आपको Practical Learning मिलती है और आप समझ पाते हो
कि कौन सी Strategy आपके लिए काम कर रही है और कौन सी
नहीं। 

जब आप चीज़ें Implement कर लेते हो तो आप अपने Existing


Business को आगे बढ़ा पाते हो और उसे Grow कर पाते हो। 

इसके अलावा आपके लिए अनेक रास्ते खुल जाते हैं। उदाहरण के
लिए आप Freelancing कर सकते हो, एक टीम तैयार करके अपनी
एक Digital Marketing Company Start कर सकते हो, और लोगों को
उनके बिज़नेस में मदद कर सकते हो। 

तो आप भी इस उभरते हुए Sector का हिस्सा बनिए और सीखिए


Digital Marketing हमारे साथ। 

आज ही जड़ि
ु ये Digital Azadi के साथ और मेरी Community का
हिस्सा बनिए जहाँ मैं आपको Digital Marketing सिखाता हूँ Hindi में
और सिखाता हूँ की कैसे आप बिना किसी Office, बना कोई
Employee बिना कोइ बड़ी Investment के अपने लिए पैसे कमाने के
नए रास्ते बना सकते हैं। 

Scenario
एक सर्वे के अनस
ु ार भारत में 55 फीसद मार्के ट डिजिटली शिफ्ट हो
चक
ु ा है  क्योंकि डिजिटल मार्के टिंग से मार्के टर्स को बहुत फायदा हुआ
है । अब व्यापारी या ई कॉमर्स कंपनियां इंटरनेट के जरिए मार्के टिंग
कर रहे हैं। इस क्षेत्र में ग्राहकों की असीमित संख्या तक वह सोशल
मीडिया, सर्च इंजन और ई मेल के जरिए पहुंच सकते हैं

शिक्षा

भारत में नए उत्पादों और सेवाओं के लिए नए मार्के टिंग एक्सपर्ट्स


की डिमांड बढ़ रही है क्योंकि ज्यादातर कंपनियां अपने उत्पादों और
सेवाओं को ऑनलाइन पेश करने के लिए डिजिटल मार्के टिंग टीम को
रखना चाहतीं हैं अगर आपको भी डिजिटल मार्के टिंग सेक्टर में एक
शानदार करिअर बनाना है तो आप सफलता के डिजिटल मार्के टिंग
कोर्स की मदद ले सकते हैं। 

विस्तार

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भारत में डिजिटल मार्के टिंग उद्योग की संभावित वद्धि


ृ दर लगभग 30
- 40% सालाना है , जो अत्यधिक रूप से बढ़ रहा है । यह अवधि
औसतन उस समय तक बढ़ जाएगी जब तक लोग अधिकतर इंटरनेट
उपयोग नहीं करते होंगे। भारत में ई-कॉमर्स की बढ़ती मांग के साथ,
ऑनलाइन बिक्री में सध
ु ार लाने के लिए अधिकतर डिजिटल मार्के टिंग
टे क्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है । अगले कुछ सालों में ,
अधिकतर ऑनलाइन व्यवसायों को वेबसाइट और ऐप्स बनाने के लिए
डिजिटल मार्के टिंग एक्सपर्ट्स की जरूरत पड़ेगी। भारतीय वाणिज्य
विभाग के अनुसार, भारत में डिजिटल विपणन के लिए निवेशों की
आवश्यकता 2025 तक 50-60 बिलियन डॉलर होगी। इस संख्या से
साफ़ है कि भारत में डिजिटल मार्के टिंग का भविष्य उज्ज्वल है और
यह भारत को विश्व मानकों में स्थान बनाने में मदद करे गा। आज के
समय में , एआई, वर्चुअल रियलिटी, वॉइस टे क्नोलॉजी और ब्लॉकचेन
जैसी तकनीकों के उपयोग से, नए स्तर पर डिजिटल मार्के टिंग की
अवधि तथा ताकत में वद्धि
ृ की जा सकती है। भारत में नए उत्पादों
और सेवाओं के लिए नए मार्के टिंग एक्सपर्ट्स की डिमांड बढ़ रही है
क्योंकि ज्यादातर कंपनियां अपने उत्पादों और सेवाओं को ऑनलाइन
पेश करने के लिए डिजिटल मार्के टिंग टीम को रखना चाहतीं हैं जिससे
नौकरियों की मांग में वद्धि
ृ हो रही है। इसलिए, यदि आपको उभरते
हुए डिजिटल मार्के टिंग सेक्टर में एक शानदार करिअर बनाना है तो
आपको डिजिटल कौशल और ज्ञान को बढ़ाना होगा। इसके लिए आप
सफलता
मास्टर डिजिटल मार्के टिंग 
एडवांस्ड डिजिटल मार्के टिंग 
डिजिटल मार्के टिंग ई बक
ु  
डिजिटल मार्के टिंग मॉक टे स्ट 

भारत में डिजिटल मार्के टिंग का भविष्य 

मोबाइल मार्के टिंग - भारत में तकरीबन 60 से 70 करोड़ लोग मोबाइल


फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिनमें 50 करोड़ से अधिक लोगों ने
इंटरनेट का इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है । ऐसे में कंपनियां
मोबाइल पर अपने विभिन्न ब्रांड्स की मार्के टिंग कर रही हैं। यही
वजह है कि अब डिजिटल मार्के टिंग मोबाइल रणनीतियों में एसएमएस
मार्के टिंग, मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट्स द्वारा मार्के टिंग और बेहतर
अनुभव के लिए मोबाइल एप द्वारा मार्के टिंग की जा रही है । 

सोशल मीडिया मार्के टिंग - फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल


मीडिया प्लेटफॉर्म भारत में लोगों के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा
बन गए हैं और ब्रांड अपने लक्ष्य जनसमूह से जुड़ने के लिए सोशल
मीडिया का उपयोग बढ़ा रहे हैं। सोशल मीडिया प्रभावकों भी भारत में
डिजिटल मार्के टिंग परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहे हैं।

वीडियो मार्के टिंग - भारत में वीडियो दे खने वालों की संख्या बढ़ रही है
और ब्रांड्स इस चीज का ध्यान रखे हुए हैं। 4 जी और 5 जी जैसी तेज
इंटरनेट गति और सस्ते स्मार्टफोन की उपलब्धता के साथ, वीडियो
मार्के टिंग ब्रांडों के लिए उनके जनसमह
ू से जड़
ु ने के लिए एक
महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है । 
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस - एआई डिजिटल मार्के टिंग परिदृश्य को
त्वरित रूप से बदल रहा है और भारत इसमें भी कोई अपवाद नहीं है ।
एआई-पावर्ड चैटबॉट, वॉयस असिस्टें ट्स और व्यक्तिगत सिफारिशों के
लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भविष्य में डिजिटल मार्के टिंग में कॉमन
होता जाएगा।

ई-कॉमर्स - भारत में ई-कॉमर्स तेजी से बढ़ रहा है और ई-कॉमर्स के


विकास के साथ साथ डिजिटल मार्के टिंग भी विकसित हो रहा है । ई-
कॉमर्स कंपनियां अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रचार करने के लिए
डिजिटल मार्के टिंग के उपकरणों का उपयोग कर रही हैं। उन्हें सोशल
मीडिया, ईमेल मार्के टिंग, ऑनलाइन विज्ञापन और वीडियो मार्के टिंग
जैसे उपकरणों का उपयोग करना पड़ता है । 

एडवांस्ड डिजिटल मार्के टिंग कोर्स में ये है खास 

150 घंटे लाइव इंटरे क्टिव क्लासेज 

100 % प्लेसमें ट 

20 लर्निंग टूल्स 

10 इंडस्ट्री बेस्ड मॉड्यल्


ू स 

8 से अधिक लाइव प्रोजेक्ट और केस स्टडीज

गग
ू ल सर्टिफाइड एक्सपीरिएंस्ड फैकल्टीज 

साप्ताहिक डाउट क्लीयरिंग सेशन 


इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स द्वारा मास्टर क्लास 

डिजिटल मार्के टिंग, मार्के टिंग का वह घटक है  जो उत्पादों और सेवाओं


को बढ़ावा दे ने के लिए इंटरनेट और ऑनलाइन -आधारित डिजिटल
तकनीकों जैसे डेस्कटॉप कंप्यट
ू र , मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल
मीडिया और प्लेटफार्मों का उपयोग करता है । [2] [3] 1990 और 2000
के दशक के दौरान इसके विकास ने ब्रांडों और व्यवसायों
के विपणन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के तरीके को बदल
दिया । जैसे-जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म मार्के टिंग योजनाओं और रोजमर्रा
की जिंदगी में तेजी से शामिल होते गए, [4] और जैसे-जैसे लोग
भौतिक दक
ु ानों पर जाने के बजाय डिजिटल उपकरणों का उपयोग
करने लगे, [5] [6]डिजिटल मार्के टिंग अभियान प्रचलित हो गए हैं,
जिनमें  सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ), सर्च इंजन
मार्के टिंग (एसईएम), कंटें ट मार्के टिंग , प्रभावशाली मार्के टिंग , कंटें ट
ऑटोमेशन, अभियान मार्के टिंग, डेटा -संचालित मार्के टिंग, ई-
कॉमर्स मार्के टिंग, सोशल मीडिया मार्के टिंग का संयोजन शामिल है
। सोशल मीडिया अनक
ु ू लन , ई-मेल प्रत्यक्ष विपणन , प्रदर्शन
विज्ञापन , ई-पुस्तकें , और ऑप्टिकल डिस्कऔर खेल आम हो गये
हैं। डिजिटल मार्के टिंग गैर-इंटरनेट चैनलों तक फैली हुई है जो
डिजिटल मीडिया, जैसे टे लीविजन, मोबाइल फोन
( एसएमएस और एमएमएस ), कॉलबैक और ऑन-होल्ड मोबाइल रिंग
टोन प्रदान करते हैं। [7] गैर -इंटरनेट चैनलों का विस्तार डिजिटल
मार्के टिंग को ऑनलाइन मार्के टिंग से अलग करता है । [8]

इतिहास

डिजिटल मार्के टिंग प्रभावी रूप से 1990 में शरू


ु हुई जब आर्ची सर्च
इंजन को एफ़टीपी साइटों के लिए एक सच
ू कांक के रूप में बनाया
गया था । 1980 के दशक में , कंप्यूटर की भंडारण क्षमता पहले से ही
इतनी बड़ी थी कि वह बड़ी मात्रा में ग्राहक जानकारी संग्रहीत कर
सकता था। कंपनियों ने सीमित सच
ू ी ब्रोकर के बजाय डेटाबेस
मार्के टिंग जैसी ऑनलाइन तकनीकों को चुनना शुरू कर
दिया । [9] डेटाबेस ने कंपनियों को ग्राहकों की जानकारी को अधिक
प्रभावी ढं ग से ट्रै क करने की अनम
ु ति दी, जिससे खरीदार और विक्रेता
के बीच संबध
ं बदल गए।

1990 के दशक में डिजिटल मार्के टिंग शब्द गढ़ा गया


था। [10] सर्वर/क्लाइंट आर्कि टे क्चर के विकास और पर्सनल कंप्यूटर
की लोकप्रियता के साथ, ग्राहक संबध
ं प्रबंधन (सीआरएम) एप्लिकेशन
विपणन प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण कारक बन गए हैं। [11] भयंकर

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