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भाषा एवं शैली ही नहीं, अपितु विजुअल्स या चित्राकं न भी विज्ञापन का महत्वपूर्ण अंग है। ये चित्र, ग्राफ्स इत्यादि भाषा के प्रभाव को और भी प्रबलता
प्रदान करते है। ये सब भी उपभोक्ता समूह को मद्देनजर रखकर ही तैयार किये जाते है।
उदाहरण स्वरूप यदि काँलेज के विद्यार्थियों के लिए कोई वस्तु तैयार की गई है तो चुस्त- फु र्त युवक - युवतियों का समूह विज्ञापन में दर्शाया जायेगा या
फिर एक खूबसूरत युवती को निहारते युवक दिखाये जायेंगे। .................. और स्लोगन धीमे से फु सफु सायेगा आपको कानों में -
जिसने भी देखा.......................देखता ही रह गया।............
एक युवक बाईक पर सवार उसे देखकर .................मुग्ध नवयौवनाएँ।
एक मशीनी चीता तेज रफ्तार से दौडते हुए आता है। उस पर बैठा व्यक्ति उसको नियंत्रित करता है। चीता एक बाईक में बदल
गया।.................
अब आप समझ सकते हैं कि भाषा एवं चित्रों का यह गठबन्धन उपभोक्ताओं पर कितना गहरा असर डाल सकने में सक्षम है। ये श्रोताओं के मन में दबी -
छु पी इच्छाओं को उभारते है। यही कारण है कि उपभोक्ता जब वस्तुएँ खरीदता है, तब वह सिर्फ पैकिं ग में लिपटा माल ही नहीं खरीदता, अपितु अपनी
प्रसुप्त इच्छाओं की पूर्ति भी करता है।
कोई महिला जब लक्स साबुन खरीदती है, तब वह सिर्फ स्नान के लिए साबुन नहीं क्रय करती है, अपितु फिल्म अभिनेत्रियों का सा- सौन्दर्य पाने की
जो आकांक्षा है, उसकी कीमत भी अदा करती है।।
इस तरह एक छोटा सा विज्ञापन बहुत बडी ताकत अपने आप में छिपाये होता है। यह एक लक्ष्य को निर्धारित कर शुरू होता है। और चुपके से अपनी बात
कह जाता है। विज्ञापन का मूल उद्देश्य किसी वस्तु विशेष को क्रय करने का सुझाव देना है। विज्ञापन कभी सिर पर चोट नहीं करता, वह तो हमारी पीठ
में कोहनी मारता है। वह भाषा, शैली, ध्वनि, चित्र, प्रकाश के माध्यम से हमारे अवचेतन से बतियाता है। विज्ञापन सुझाव ऐसे देता है -
मैं सिन्थाल इस्तेमाल करता हूँ।
हमको बिन्नीज माँगता
फे ना ही लेना।
जल्दी कीजिये.................सिर्फ तारीख तक।
कोई भी चलेगा मत कहिये .........................मांगिये।
विज्ञापन बार-बार वस्तु के नाम का उललेख करता है, जिससे कि उनका नाम आपको याद हो जाये। जब आप दुकान पर जाते है तो कु छ यूँ होता
है।...........
आप कहते है साबुन दीजिये........
दुकानदार: कौन सा चाहिये, बहनजी?
बस यही वक्त है, जब आपके अवचेतन में पडे़ विज्ञापन अपना खेल खेलते हैं, वे कहते है।...............कोई भी चलेगा मत कहिये
............. क ख ग ही मांगिये।
या
मैं सिन्थाल इस्तेमाल करता हूँ - विनोद खन्ना
बरसों से फिल्म अभिनेत्रियँ लक्स इस्तेमाल करती है।
जो विज्ञापन आपकी प्रसुप्त इच्छाओं को पूरा करता है, वह बाजी मार जाता है।
यह स्पष्ट है कि विज्ञापन प्रतीकों के माध्यम से अपनी बात कहता है। वह कभी हास्य के माध्यम से, कभी लय के माध्यम से, कभी -कभी भय उत्पन्न
करके भी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयत्न करता है। विज्ञापन की कलात्मकता एवं सृजनात्मकता इस बात में निहित है कि यह परिस्थितियों को नये
नजरिये से देखने की कोशिश करता है।
जिस तरह एक कवि बिम्बों के माध्यम से अपनी भावनाऒं को अभिव्यक्त करता है। उसी प्रकार एक विज्ञापन भी प्रतिकात्मक रूप से मानवीय इच्छाओं,
भावनाओं एवं कामनाओं का स्पर्श करता है।
फू ल सौन्दर्य और प्रेम के प्रतीक बन जाते हैं तो दूसरी ओर हरे रंग का शैतान मनुष्य की ईष्र्या को व्यक्त करता है ।
इस तरह आप विज्ञापन का अन्दाज समझने लगेंगे। विज्ञापन फिर आपको बहका नहीं पायेंगे, अपितु अपने आसपास के परिदृश्य एवं मानव मन की आपकी
समझ भी गहरी होगी। विज्ञापन सम्प्रेषण की एक संपूर्ण कला है।
नारंगी एक पारिभाषित तथा दैनिक जीवन में प्रयुक्त रंग है, जो नारंगी के छिलके के वर्ण जैसा दिखता है। यह प्रत्यक्ष स्पॅक्ट्रम के पीला एवं लाल रंग के
बीच में, लगभग 585 - 620 nm के तरंग दैर्घ्य में मिलता है। में यह 30º के पास होता है।
यह रंग वस्तुओं को अलग हट कर दिखने हेतु प्रयोग किया जाता है। सुरक्षा ऑरेंज के निकटवर्ती परंतु गहन।
इसे पर्सिम्मन भी कहते हैं। यह रंग इसी नाम के फल के पकने पर आता है।
मूँगा
मूँगा एक रत्न है, जिसके नाम पर इस रंग का नाम दिया गया है। यही रंग हिंदु धर्म में मूलाधार चक्र दर्शाता है।
साल्मन एक रंग है, जो कि इसी नाम के प्राणी के मांस के रंग के आधार पर दिया गया है।
साल्मन
महोगनी इसी नाम के पेड़ के पत्तों का रंग है।
यह आधिकारिक क्रे योला रंग भी है।
आडू़ रंग [[गुलाबी एवं नारंगी को मिलाने पर बनता है। इसका नाम इसी नाम के फल पर दिया गया है, जो कि इसी आभा का होता है।
पीच
te) varieties of peach fruit, such as the Elberta peach and the yellow cling peach.
यह रंग कद्दू नाम की सब्जी़ के पकने पर जो रंग आता है, उस रंग पर पडा़ है। इस सब्जी़ को सीताफल भी कहते हैं।
यह रंग लोहा धातु में हवा या पानी में स्थित ऑक्सीजन से ऑक्सीकरण होने पर भस्म बनती है, जिसे जंग लगना भी कहते हैं। उस रंगका होता है।
रंगों की सूची
नारान पाकिस्तान के उत्तरी भाग में ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के मानसेहरा ज़िले की काग़ान घाटी में स्थित एक शहर है। यह ज़िले की राजधानी मानसेहरा
शहर से 119 किमी दूर है और 8,202 फ़ु ट की ऊँ चाई पर कु नहार नदी के किनारे बसा हुआ है।
पर्वत
कु नहार नदी
मलिका परबत
झील
सैफ़-उल-मुलूक झील
नारान में घोड़े चरते हुए
निर्देशांक: 27°11′N 78°01′E / 27.18°N 78.02°E / 27.18; 78.02
भदौरा उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के फ़तेहाबाद प्रखंड में स्थित एक गाँव है।
· अंबेडकर नगर जिला · आगरा जिला · अलीगढ़ जिला · आजमगढ़ जिला · इलाहाबाद जिला · उन्नाव जिला · इटावा जिला · एटा जिला
· औरैया जिला · कन्नौज जिला · कौशम्बी जिला · कु शीनगर जिला · कानपुर नगर जिला · कानपुर देहात जिला · खैर · गाजियाबाद जिला
· गोरखपुर जिला · गोंडा जिला · गौतम बुद्ध नगर जिला · चित्रकू ट जिला · जालौन जिला · चन्दौली जिला · ज्योतिबा फु ले नगर जिला ·
झांसी जिला · जौनपुर जिला · देवरिया जिला · पीलीभीत जिला · प्रतापगढ़ जिला · फतेहपुर जिला · फार्रू खाबाद जिला · फिरोजाबाद जिला ·
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कबीर नगर जिला · सीतापुर जिला · संत रविदास नगर जिला · सोनभद्र जिला · सहारनपुर जिला · हमीरपुर जिला, उत्तर प्रदेश · हरदोइ जिला
शक्ति सिंह सिसोदिया, जिन्हें शक्ति तथा सगत नामों से भी जाना जाता था, राणा उदय सिंह द्वितीय तथा रानी सज्जा बाई सोलंकिनी के पुत्र तथा महाराणा
प्रताप के छोटे भाई थे। अपने पिता से शत्रुतापूर्ण सम्बन्धों के कारण उन्होंने मुग़ल शासक अकबर के पाले में चले गये तथा बाद में उन्हें "मीर" की उपाधि
प्रदान की गयी। 1567 ईस्वी में धौलपुर से भाग गये जब अकबर ने वहाँ पड़ाव डाला था। उन्होंने अकबर की चित्तौड़ पर आधिपत्य जमाने की योजना
अपने पिता को बता दी जिससे अकबर बहुत नाराज हो गया। हल्दीघाटी के युद्ध के दौरान वे अपने भाई महाराणा प्रताप के पक्ष में आ गये। उनके वंशज
शक्तवत नाम से जाने जाते हैं।
भारतीय ऐतेहासिक घटनाओं पर आधारित कार्यक्रम भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप में शक्ति सिंह का किरदार विनीत कु मार ने निभाया है।
एच॰टी॰एम॰एल 5 एच॰टी॰एम॰एल मानक का अगला प्रमुख संशोधन है जिसका वर्तमान में विकास किया जा रहा है। अपने तत्काल पूर्ववर्तियों एच॰टी॰एम॰एल
4.01, तथा एक्स॰एच॰टी॰एम॰एल 1.1 की ही तरह, एच॰टी॰एम॰एल 5 भी वर्ल्ड वाइड वेब पर सामग्री की संरचना तथा उसको प्रस्तुत करने वाला
एक मानक है। वेब हाइपरटेक्स्ट अनुप्रयोग प्रौद्योगिकी कार्य समूह ने नए मानक पर 2004 में काम शुरू किया; उस समय वर्ल्ड वाइड वेब कं सोर्टियम
एक्स॰एच॰टी॰एम॰एल 2.0 के भविष्यपरक विकास पर अपना ध्यान कें द्रित कर रहा था और एच॰टी॰एम॰एल 4.01 को 2004 से अपडेट नहीं किया
गया था। 2009 में, W3C ने एक्सएच॰टी॰एम॰एल 2.0 कार्य समूह के चार्टर को समाप्त हो जाने दिया और उसे नवीनीकृ त नहीं करने का निर्णय
लिया। W3C और WHATWG वर्तमान में साथ मिलकर एच॰टी॰एम॰एल 5 के विकास पर काम कर रहे हैं।
एच॰टी॰एम॰एल 5 को निम्न बातों के प्रतिक्रियास्वरूप विकसित किया जा रहा है - वर्ल्ड वाइड वेब पर सामान्य उपयोग में आने वाले एच॰टी॰एम॰एल तथा
एक्स॰एच॰टी॰एम॰एल, कई विनिर्देशों, वेब ब्राउजर जैसे सॉफ्टवेयर उत्पादों, सामान्य अभ्यास द्वारा स्थापित तथा मौजूदा वेब दस्तावेजों में कई वाक्यविन्यास
त्रुटियों द्वारा पेश की गयी सुविधाओं का मिश्रण है। यह एक ऐसी मार्क अप भाषा को परिभाषित करने का प्रयास भी है जिसे एच॰टी॰एम॰एल या
एक्स॰एच॰टी॰एम॰एल वाक्य-रचना में लिखा जा सके । इसमें आपसी रूप से अधिक जुड़े हुए क्रियांवनों को प्रोत्साहित करने वाले विस्तृत प्रसंस्करण मॉडल
शामिल हैं; यह दस्तावेजों के उपलब्ध मार्क अप को विस्तृत, बेहतर तथा तर्क संगत बनाता है; और जटिल वेब एप्लीके शंस के लिए मार्क अप तथा एपीआई को
पेश करता है।
विशेष रूप से, एच॰टी॰एम॰एल 5 कई नई वाक्यविन्यास सुविधाओं को जोड़ता है। इनमे शामिल है,, और तत्वों के साथ-साथ SVG सामग्री का
एकीकरण, जिन्हें स्वामित्व वाली प्लगइन्स तथा उनकी एपीआई का उपयोग किये बिना ही वेब पर मल्टीमीडिया और ग्राफिक सामग्री को शामिल तथा इस्तेमाल
किये जाने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।, , और जैसे नए तत्वों को दस्तावेजों की सीमेंटिक रिचनेस को बेहतर बनाने के
हिसाब से डिजाइन किया गया है। अन्य तत्वों के हटा दिया गया है। शाब्दिक अभिव्यक्ति को बेहतर तथा सरल करने के लिए नई विशेषताओं को भी पेश
किया गया और अन्य को हटा दिया गया है।, और जैसे कु छ तत्वों को परिवर्तित, पुनःपरिभाषित तथा मानकीकृ त किया गया है। एपीआई और DOM अब
एच॰टी॰एम॰एल 5 विनिर्देशों का बुनियादी हिस्सा बन चुके हैं। यह अमान्य दस्तावेजों के लिए आवश्यक प्रसंस्करण को भी कु छ विस्तार से परिभाषित करता है
ताकि वाक्यविन्यास त्रुटियों के लिए सभी ब्राउजरों तथा अन्य उपयोगकर्ता एजेंटों द्वारा समान मानदंडों का उपयोग किया जाये.
एक आम गलत-धारणा यह है कि एच॰टी॰एम॰एल 5 वेब पृष्ठों के भीतर एनीमेशन प्रदान कर सकता है, जो कि गलत है। एच॰टी॰एम॰एल तत्वों को एनिमेट
करने के लिए जावास्क्रिप्ट आवश्यक है। जावास्क्रिप्ट और एच॰टी॰एम॰एल 4 का उपयोग करके भी एनीमेशन को किया जा सकता है। एप्पल जैसे कु छ
संगठन, पुरानी प्रौद्योगिकियों या वास्तव में सीएसएस के भविष्य के संस्करणों पर निर्भर करने वाली प्रौद्योगिकियों के विषय में यह दावा करके कि वे
"एच॰टी॰एम॰एल 5" हैं, इन गलत धारणाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। उदाहरण के लिए, एप्पल की वेब साइट पर प्रौद्योगिकियों के कई ऐसे डेमो मौजूद हैं
जिनके विषय में एप्पल का दावा है कि वे एच॰टी॰एम॰एल 5 के उदाहरण हैं,। हालांकि, वहाँ मौजूद छह डेमो में से के वल दो, एच॰टी॰एम॰एल 5 मानक
की अनन्य प्रौद्योगिकियों पर निर्भर हैं।
वेब हाइपरटेक्स्ट अनुप्रयोग प्रौद्योगिकी कार्य समूह ने इस विनिर्देश पर जून 2004 में वेब एप्लीके शंस 1.0. मार्च 2010 के अनुसार, नाम के तहत
काम शुरू किया; यह विनिर्देश WHATWG के पास ड्राफ्ट स्टेंडर्ड स्टेट तथा W3C के पास वर्किं ग ड्राफ्ट स्टेट में मौजूद है। गूगल, इंक। के इयान
हिक्सन एच॰टी॰एम॰एल 5 के संपादक हैं।
एच॰टी॰एम॰एल 5 विनिर्देश को 2007 में वर्ल्ड वाइड वेब कं सोर्टियम के नए एच॰टी॰एम॰एल कार्यदल के कार्य के प्रारंभ बिंदु के रूप में अपनाया गया था।
इस कार्य समूह ने विनिर्देश के पहले पब्लिक वर्किं ग ड्राफ्ट को 22 जनवरी 2008 में प्रकाशित किया था। विनिर्देश का काम एक जारी कार्य है और कई
वर्षों तक इसके ऐसा ही रहने की उम्मीद है, हालांकि पूरे विनिर्देश के अंतिम अनुशंसी स्तर तक पहुँचने से पहले ही एच॰टी॰एम॰एल 5 के कु छ हिस्सों के
समाप्त होने की उम्मीद है तथा ब्राउज़रों में उनको लागू किया जा सकता है।
W3C समय सारिणी के अनुसार, यह अनुमान है कि एच॰टी॰एम॰एल 5 W3C अनुशंसा तक 2010 तक पहुँच जायेगा। हालांकि, प्रथम पब्लिक वर्किं ग
ड्राफ्ट अपनी अनुमानित तिथि के 8 महीने बाद आ पाया था और अंतिम कॉल एंड कैं डीडेट अनुशंसा के 2008 तक पहुँचने की उम्मीद थी, लेकिन
जुलाई 2010 के अनुसार एच॰टी॰एम॰एल 5, W3C में अभी भी वर्किं ग ड्राफ्ट स्तर पर ही है। एच॰टी॰एम॰एल 5, अक्टू बर 2009 से WHATWG में
अंतिम कॉल स्तर पर है।
एच॰टी॰एम॰एल 5 विनिर्देश के संपादक इयान हिक्सन को उम्मीद है कि ये विनिर्देश 2012 के दौरान कैं डीडेट अनुशंसा स्तर तक पहुंच जायेंगे. इन
विनिर्देश के W3C अनुशंसा बनने के लिए निम्न मानदंड आवश्यक है - "दो 100% पूर्ण तथा पूरी तरीके से अन्तःसंचालित क्रियान्वयन".टेकरिपब्लिक के
साथ एक साक्षात्कार में हिक्सन ने अनुमान लगाया है कि यह संभवतः वर्ष 2022 या उसके बाद ही हो पायेगा. हालांकि, विनिर्देश के कई भाग स्थिर
हैं और उत्पादों में उन्हें कार्यान्वित किया जा सकता है:
Some sections are already relatively stable and there are implementations that are
already quite close to completion, and those features can be used today .
– WHAT Working Group, When will HTML5 be finished?, FAQ
एच॰टी॰एम॰एल 5 में आधुनिक वेबसाइटों के सामान्य उपयोग को प्रतिबिंबित करने वाले कई तत्वों और विशेषताओं को पेश किया गया है। उनमें से कु छ हैं,
जेनेरिक ब्लॉक के सामान्य उपयोग के लिए सीमेंटिक रिप्लेसमेंट तथा इनलाइन एलिमेंट्स, उदाहरण के लिए, , या की बजाय और .एच॰टी॰एम॰एल 4.01
से और जैसे कु छ विशुद्ध रूप से प्रदर्शनिय और बेकार तत्वों को हटा दिया गया है; इन तत्वों के प्रभावों को के स्के डिंग स्टाइल शीट्स का उपयोग करके
भी हासिल किया जा सकता है। वेब व्यवहार में DOM स्क्रिप्टिंग के महत्त्व पर नए सिरे से जोर दिया जा रहा है।
मार्क अप की समानता के बावजूद, एच॰टी॰एम॰एल 5 सिंटेक्स अब SGML पर आधारित नहीं रह गया है। हालांकि इसे एच॰टी॰एम॰एल के पुराने संस्करणों
की कॉमन पार्सिंग के साथ पीछे की तरफ से संगत होने के हिसाब से डिजाइन किया गया है। यह एक नई परिचयात्मक लाइन के साथ आता है जो कि
एक SGML दस्तावेज प्रकार की घोषणा,, जैसा दिखाई देता है, जो कि स्टेंडर्ड-कं प्लाएंट रेंडरिंग मोड को शुरू करता है।एच॰टी॰एम॰एल 5, WHATWG
के अन्य विनिर्देशन वेब फॉर्म्स 2.0 को भी समाहित करता है।
मार्क अप निर्दिष्ट करने के अलावा, एच॰टी॰एम॰एल 5 स्क्रिप्टिंग एप्लीके शन प्रोग्रामिंग इंटरफे सेज को भी निर्दिष्ट करता है। मौजूदा डोक्यूमेंट ऑब्जेक्ट मॉडल
इंटरफे स, विस्तारित होते हैं और वास्तविक सुविधाओं के साथ दस्तावेजित किये जाते हैं। नए एपीआई भी मौजूद हैं, जैसे कि:
उपरोक्त सभी प्रौद्योगिकियां W3C एच॰टी॰एम॰एल 5 विनिर्देशों में शामिल नहीं हैं, हालांकि WHATWG एच॰टी॰एम॰एल विनिर्देश में वे शामिल हैं। कु छ संबंधित
प्रौद्योगिकियां जो W3C एच॰टी॰एम॰एल 5 या WHATWG एच॰टी॰एम॰एल विनिर्देशन का हिस्सा नहीं हैं, इस प्रकार हैं:
W3C इनके लिए विनिर्देशों को अलग से प्रकाशित करती है।
भिन्नताओं और कु छ विशिष्ट उदाहरणों की सूची निम्न प्रकार से है।
dev.w3.org एच॰टी॰एम॰एल 5 डिफरेंसेज फ्रॉम एच॰टी॰एम॰एल 4 का नवीनतम एडिटर्स ड्राफ्ट प्रदान करता है, जो एच॰टी॰एम॰एल 5 में प्रत्येक
जुड़ने, हटने तथा परिवर्तित होने वाली चीज की पूर्ण जानकारी देता है।
एक्सएच॰टी॰एम॰एल 5, एच॰टी॰एम॰एल 5 का एक्सएमएल सीरियलाइजेशन है। XML दस्तावेज़ों को XML इंटरनेट मीडिया प्रकार के साथ प्रस्तुत किया जाना
चाहिए, जैसे कि application/xhtml+xml या application/xml. X एच॰टी॰एम॰एल 5 के लिए XML के सख्त, अच्छी तरह
से निर्मित सिंटेक्स ब्राउज़र गलत वाक्यविन्यास से निपटने में लचीलापन दर्शाता है। एच॰टी॰एम॰एल 5 को इस हिसाब से बनाया गया है कि पुराने ब्राउज़र नए
एच॰टी॰एम॰एल 5 कं स्ट्रक्ट्स की सुरक्षित तरीके से उपेक्षा कर सकते हैं। एच॰टी॰एम॰एल 4.01 के विपरीत, एच॰टी॰एम॰एल 5 विनिर्देश लेक्सिंग तथा पार्सिंग
के लिए विस्तृत नियम प्रदान करते हैं, जिनका उद्देश्य यह है कि गलत वाक्यविन्यास के मामले में सभी अनुरूप ब्राउज़र समान परिणाम प्रस्तुत करें। हालांकि
एच॰टी॰एम॰एल 5 अब "टैग सूप" दस्तावेजों के लिए संगत व्यवहार को परिभाषित करता है, उन दस्तावेजों को एच॰टी॰एम॰एल 5 मानक के अनुरूप के
रूप में नहीं माना जाता है।
HTML5 - हिन्दी में
टोयोटा मोटर निगम, एक जापानी मोटर वाहन निर्मान करने वाली कं पनी है। इसका मुख्यालय आएची,जापान के टोयोटा में है। वर्ष 2013 में इस बहुराष्ट्रीय
निगम में 333,498 कर्मचारी थे, और मार्च 2013 तक आय के मामले में विश्व की तेरहवी के साथ सबसे बड़ी कं पनी बनी। टोयोटा मोटर्स वर्ष
2012 मैं दूसरी सबसे बड़ी यात्री वाहन निर्माण करने वाली कं पनी थी, वाणिज्यिक वाहन सहित टोयोटा मोटर्स कु ल उत्पादन में सबसे बड़ा था और उसी
वर्ष के जुलाई में, कं पनी ने अपने 200000000 वाहन के उत्पादन की सूचना दी थी। नवम्बर 2013 तक बाजार पूंजीकरण द्वारा और राजस्व से
जापान में सबसे बड़ी सूचीबद्ध कं पनी है।
किछोरो टोयोडा ने ऑटोमोबाइल बनाने के लिए अपने पिता की कं पनी टोयोटा इंडस्ट्रीज के एक अलग हिस्से के रूप में कं पनी की स्थापना 1937 की थी।
तीन साल पहले, 1934 मई जब टोयोटा इंडस्ट्रीज का एक विभाग मात्र था, तब इसने अपना पहला उत्पाद तैयार किया जो एक 'टाइप ए' इंजन था
और 1936 मैं पहले यात्री कार, टोयोटा ए.ए. का निर्माण किया। टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन टोयोटा ब्रांड, हिनो, लेक्सस, रन्ज़्, और स्चिओन सहित
5 ब्रांड के तहत वाहनों का उत्पादन करता है। टीएमसी टोयोटा समूह, दुनिया में सबसे बड़ी कं पनियों के संगठन में से एक का हिस्सा है।
टोयोटा शहर, आइछि में टोयोटा का मुख्यालय है। टोयोटा का मुख्य मुख्यालय टोयोटा में एक तीन मंजिला इमारत में स्थित है। 2006 तक प्रधान
कार्यालय पर टोयोपेट - टोयोटा का लोगो और शब्द " टोयोटा मोटर " है। टोयोटा तकनीकी के न्द्र जो एक 14 मंजिला इमारत है, और होन्श संयंत्र,
टोयोटा का दूसरा बड़े पैमाने पर उत्पादन में संलग्न संयंत्र है जो पहले कोरोमो संयंत्र के नाम से जाना जाता था, मुख्यालय के निकट एक स्थान में एक
दूसरे से सटे हैं। हिंदू से विनोद याकू ब ने " मामूली " के रूप में मुख्य मुख्यालय भवन का वर्णन किया है। 2013 मैं कं पनी के प्रधान अकिओ टोयोटा
ने मुख्यालय में सुविधाओं की कमी के कारण विदेशी कर्मचारियों को बनाए रखने मे कठिनाइयों की बात कही थी।
इसका टोक्यो कार्यालय बुन्क्यो, टोक्यो में स्थित है। इसका नागोया कार्यालय नाकामुरा -कु , नागोया में स्थित है। ऑटोमोबाइल निर्माण के अलावा, टोयोटा
अपनी टोयोटा वित्तीय सेवा प्रभाग के माध्यम से वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है, और रोबोट भी बनाता है।
टोयोटा मोटर कं पनी के अध्यक्ष :
1981 में, टोयोटा मोटर कं पनी लिमिटेड ने अपने बिक्रि इकाई टोयोटा मोटर सेल्स् के साथ विलय की घोषणा की। 1950 तक युद्ध के बाद जापान में
पुनर्निर्माण के लिए एक शर्त के कारण यह दोनो दो अलग-अलग कं पनियों के रूप में अस्तित्व में थी। अपने चाचा एइजि के बाद शोइछिरो टोयोडा इस
संयुक्त संगठन के अध्यक्ष बने इसके बाद टोयोटा मोटर कं पनी लिमिटेड, टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन के रूप में जाना गया।
टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष :
टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन के सीईओ:
टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष :
14 जून 2013 को, टोयोटा मोटर कार्पोरेशन ने बोर्ड के बाहर के सदस्यों की नियुक्ति की घोषणा की, नियुक्ति उसी दिन एक बैठक में जनरल
शेयरधारकों की मंजूरी के बाद यह नियुक्ति हुई, ताके शी ऊछियमादा ने फ़ु जिओ चो की जगह लेते हुए उप अध्यक्ष से अध्यक्ष बने।
2011 मे टोयोटा समूह, Hino और Chinese संयुक्त उद्यम सहित) विश्व स्तर पर उत्पादन मे 8050181 इकाइयों के साथ तीसरे स्थान पर
गिर गया। प्रमुख कं पनियां द्वारा उत्पादन रिपोर्ट के आधार पर एक अनौपचारिक गिनती के अनुसार, 2012 में विश्व स्तर पर 9909440 इकाइयों के
उत्पादन के साथ टोयोटा अपने शीर्ष रैंक पर आ गया। 8 मई 2013 में, टोयोटा ने 10 मिलियन यूनिट निर्मान करने की घोषणा की, अगर यह लक्षय
हासिल किया गया तो टोयोटा 10 मिलियन यूनिट सीमा पार करने वाला पहला ऑटो निर्माता बन जाएगा।
ख़ुर्द और कलाँ फ़ारसी भाषा के शब्द हैं जो हिन्दी में और भारतीय उपमहाद्वीप में कई सन्दर्भों में पाए जाते हैं, विशेषकर जगहों के नामों में। "ख़ुर्द" का
मतलब "छोटा" होता है और "कलाँ" का मतलब बड़ा होता है। इन नामों को मुग़लिया ज़माने से प्रयोग किया जा रहा है। छोटी आबादी वाले गांवों-कस्बों
के पीछे खुर्द शब्द लगाया गया। फ़ारसी के इस शब्द का अर्थ होता है छोटा। यह खुर्द संस्कृ त के क्षुद्र से ही बना है जिसमें लघु, छोटा या सूक्ष्मता का
भाव है। देश भर में खुर्द धारी गांवों की तादाद हजारों में है।
इसी तरह कई गांवों के साथ कलां शब्द जुड़ा मिलता है जैसे कोसी कलां, बामनियां कलां । जिस तरह खुर्द शब्द छोटे या लघु का पर्याय बना उसी तरह
कलां शब्द बड़े या विशाल का पर्याय बना। कलां का प्रयोग लगभग उसी अर्थ में होता था जैसे भारत के लिए प्राचीनकाल में बृहत्तर भारत शब्द का प्रयोग
होता था जिसमें बर्मा से लेकर ईरान तक का समूचा भूक्षेत्र आता था। हालांकि किसी यात्रावृत्त में हिन्दुस्तान कलां जैसा शब्द नहीं मिलता। ग्रेटर ब्रिटेन की
बात चलती थी तो उसके उपनिवेशों का संदर्भ निहित होता था। इसी तरह कलां शब्द की अर्थवत्ता भी ग्रामीण आबादियों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
कलां मूलतः फ़ारसी का शब्द है जिसका मतलब होता है वरिष्ठ, बड़ा, दीर्घ या विशाल। वैसे इसकी व्युत्पत्ति अज्ञात है। कु छ संदर्भों में इसे सेमेटिक भाषा
परिवार का बताया जाता है और इसे ईश्वर की महानता से जोड़ा जाता है। कलां की अर्थवत्ता के आधार पर यह ठीक है मगर इसकी पुष्टि किसी सेमेटिक
धातु से नहीं होती। कलां शब्द का प्रयोग सिर्फ स्थानों का रुतबा बताने के लिए ही नहीं होता था बल्कि व्यक्तियों के नाम भी होते थे जैसे मिर्जा कलां या
अमीर कलां अल बुखारी जिसका मतलब बुखारा का महान अमीर होता है। जाहिर है यहां कलां शब्द का अर्थ महान है।
मुस्लिम शासनकाल में बसाहटों के नामकरण की महिमा यहीं खत्म नहीं होती। कई गांवों के नामों के साथ बुजुर्ग शब्द लगा मिलता है जैसे सोनपिपरी बुजुर्ग ।
जाहिर है हमनाम गांव से फर्क करने के लिए एक बसाहट को वरिष्ठ मानते हुए उसके आगे बुजुर्ग लगा दिया गया और दूसरा हुआ सोनपिपरी खुर्द । ऐसी
कई ग्रामीण बस्तियां हजारों की संख्या में हैं। इसी तरह किसी गांव के विशिष्ट दर्जे को देखते हुए उसके साथ जागीर शब्द लगा दिया जाता था। इसका अर्थ
यह हुआ कि सालाना राजस्व वसूली से उस गांव का हिस्सा सरकारी ख़जाने में नहीं जाएगा अथवा उसे आंशिक छू ट मिलेगी। मुग़लों के दौर में प्रभावी
व्यक्तियों को अथवा पुरस्कार स्वरूप सामान्य वर्ग के लोगो को भी गांव जागीर में दिये जाते थे। मगर उसी नाम के अन्य गांवों से फ़र्क करने के लिए नए
बने जागीरदार उसके आगे जागीर जोड़ देते थे जैसे हिनौतियाऔर हिनौतिया जागीर ।
उत्तर भारत, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में कई ऐसे गाँव, शहर और मोहल्ले हैं जो एक जगह शुरू हुए और फिर फै लकर उनके दो हिस्से हो गए -
एक मुख्य या बड़ा हिस्सा और एक छोटा हिस्सा। ऐसे में बड़े हिस्से के नाम के पीछे "कलाँ" कहा जाने लगा और छोटे हिस्से के पीछे "ख़ुर्द"। इसके
इस क्षेत्र में हज़ारों उदहारण हैं -
कभी-कभी दो गाँव और बस्तियां अलग तो होती हैं लेकिन बढ़-बढ़कर एक दुसरे से मिलकर एक ही हो जाती हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में रिवाज है के यह
बात स्पष्ट की जाए के ख़ुर्द और कलाँ दोनों की बात हो रही है और उन्हें "ख़ुर्द कलां कहा जाता है -
इन दोनों शब्दों का प्रयोग कु छ और सन्दर्भों में भी होता है -