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UNIT- I

उद्यमिता

हर कोई ‘उद्यमिता’ शब्द से अवगत है, उद्यमिता एक ऐसी प्रमिया को संदमभित करता है मिसके द्वारा व्यमि अपने व्यवसाय और
औद्योमगक उद्यिों का शभु ारंभ और प्रबंधन करते हैं । उद्यिी वे हैं िो अपनी खदु की पंिी को व्यापार और औद्योमगक उपििों िें िोमखि
लगाकर मनवेश करते हैं । उद्यिी मकसी भी अर्िव्यवस्र्ा िें िहत्वपर्ि िरूरतों को परा करने के मलए आवश्यक कौशल और नवाचारों
का उपयोग करके नए मवचारों को बािार िें लाने िें िहत्वपर्ि भमिका मनभाते हैं। नए व्यवसायों को स्र्ामपत करने के िोमखिों को उठाने
िें सफल सामबत होने वाले उद्यमियों को लाभ, प्रमसमि और मनरंतर मवकास के अवसर मिलते हैं और इसी के मवपरीत िो असफल होते
हैं, वे नक
ु सान झेलते हैं और बािारों िें कि प्रचमलत होते हैं |

उद्यिी कौन हैं ?

एक उद्यिी वह व्यमि होता है िो एक नया व्यवसाय शरू


ु करता है, उसिें आने वाली अमधकांश िोमखिों को झेलता है और उस उद्यि
से होने वाले लाभ का आनंद लेता है । उद्यिी को आितौर पर एक नवोन्िेषक, नए मवचारों, वस्तओ
ु ,ं सेवाओ ं और व्यापार या प्रमियाओ ं
के स्रोत के रूप िें देखा िाता है |

उद्यिी शब्द की उत्पमि फ्ांसीसी शब्द, एट्रं प्रेंड्रे से हुई है, मिसका अर्ि है "शरू
ु करना।" व्यापार के संदभि िें इसका ितलब व्यवसाय शरू

करने से है |

िररयि-वेबस्टर मिक्शनरी के अनसु ार “एक उद्यिी वह है िो मकसी व्यवसाय या उद्यि को व्यवमस्र्त करता है, उसका प्रबधं न करता है
और व्यवसाय के िोमखिों को सभं ालता है |”

पीटर एफ. ड्रकर के अनुसार

"एक उद्यिी वह होता है िो बदलाव की खोि करता है, उसका िवाब ढढं ता है और एक अवसर के रूप िें उसका शोषर् करता है।
नवाचार उद्यमियों का मवमशष्ट गहना है, मिसके िाध्यि से वे एक बदलाव का फायदा अलग व्यवसाय या सेवा के रूप िें उठाते हैं ।"

ररचर्ड कैं मटलन के अनुसार

"एक उद्यिी एक एिेंट होता है िो कुछ कीितों पर उत्पादन के कारकों को खरीदता है और उसे भमवष्य िें कुछ कीितों पर बेचने के
उद्देश्य से उन कारकों का संयोिन करके उन्हें को उत्पाद का रूप देता है ।"

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उद्यिी को मकसी ऐसे व्यमि के रूप िें पररभामषत मकया िाता सकता है मिसके पास स्टाटिअप स्र्ामपत करने, उसका प्रबधं न करने और
सफल होने के सार्-सार् िोमखि उठाकर लाभ किाने की क्षिता है । उद्यमिता का सबसे अच्छा उदाहरर् एक नए व्यापार उद्यि की
शरुु आत है। उद्यमियों को अक्सर नए मवचारों या नवाचारों के स्रोत के रूप िें िाना िाता है और वे नए आमवष्कार के सार् परु ाने मवचारों
को बदलकर बािार िें नए मवचारों को लाते हैं |

उद्यमिता क्या है ?

उद्यमिता पवि-मनधािररत व्यवसाय या औद्योमगक उद्देश्य को प्राप्त करने के मलए मवश्वास के सार् िोमखि लेने की प्रवृमि है । िोटे तौर पर,
यह व्यमि की िोमखि लेने के सार् सार् सही मनर्िय लेने की क्षिता को दशािता है |

उद्यमिता कुछ िल्यवान वस्तु के सार् कुछ नया बनाने की प्रमिया है, यह आवश्यक सिय और प्रयास को सिमपित करने के सार्-सार्
मविीय, िानमसक और सािामिक िोमखिों को संभालने की प्रमिया है मिसके पररर्ािस्वरूप व्यमिगत संतुमष्ट और स्वतंत्रता की प्रामप्त
होती है | उद्यमिता को अक्सर एक कायि के रूप िें देखा िाता है मिसिें उन अवसरों को भनु ाना शामिल होता है िो एक बािार िें िौिद
होता है । आितौर पर उद्यमियों को अवसरों का पीछा करते हुए िोमखि उठाने के मलए िाना िाता है, और उद्यमिता अक्सर रचनात्िक
और अमभनव कायों से ििु ी होती हैं ।

ए. एच. कोल के अनुसार

"उद्यमिता एक व्यमि या व्यमियों के सिह द्वारा सच


ं ामलत एक उद्देश्यपर्ि गमतमवमध है िो सबं ि वस्तओ
ु ं और सेवाओ ं के उत्पादन और
मवतरर् द्वारा लाभ किाने, लाभ बनाए रखने और लाभ बढाने के मलए मकया िाता है।"

रॉबटड र्ी. महसररक और िाइकल पी. पीटसड (1998) के अनुसार

" उद्यमिता कुछ नया बनाने की प्रमिया है मिसके द्वारा आवश्यक सिय और प्रयास का सिपिर् करके , मविीय, िानमसक और सािामिक
िोमखिों को उठाकर, िौमिक और व्यमिगत संतमु ष्ट और स्वतंत्रता प्राप्त की िाती है ।"

उद्यमिता के आवश्यक तत्त्व

1. रचनात्िकता और साहस: रचनात्िकता मकसी व्यमि द्वारा कुछ नया बनाने की क्षिता है िो अन्य लोग नहीं कर सकते ।
एक रचनात्िक मवचार को िन्ि देने और उस पर अिल करने के मलए बहुत साहस की आवश्यकता होती है । सफल उद्यिी
अपने कायि िें रचनात्िक या अमभनव होते हैं । वे नई चीिें करते हैं, नए िाल का मनिािर् करते हैं, सािमियों के नए स्रोत खोिते
हैं, उत्पादन के नए तरीकों का उपयोग करते हैं और इसी तरह नए बािारों की खोि करते हैं । वे नई चीिों का आमवष्कार नहीं

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करते हैं लेमकन नए िाल और सेवाओ ं के उत्पादन के मलए इन आमवष्कारों का उपयोग करते हैं। टाटा िोटर की नैनो कार रतन
टाटा की नवीनता को दशािती है।
2. वव्यवसाय मवचार : व्यवसाय िें सब कुछ एक व्यापार मवचार के सार् शरू
ु होता है । यह आपके नए व्यवसाय की पहली
संभामवत ऊिाि है । एक व्यावसामयक मवचार एक अवधारर्ा है मिसका उपयोग मविीय लाभ के मलए मकया िा सकता है िो
आितौर पर मकसी उत्पाद या सेवा पर कें मित होता है |
3. मबजनेस प्लान: वव्यवसाय मवचार को आकार प्रदान करने के मलए एक योिना आवश्यक है । एक व्यवसाय योिना एक
योिना है मक कोई व्यवसाय कै से काि करे गा और एक उद्यिी इसे कै से सफल बनाएगा । एक व्यवसाय योिना एक तरह से
कायों का िानमचत्र भी है िो उद्यिी को मदशा-मनदेश प्रदान करता है तामक एक उद्यिी अपने भमवष्य की योिना बना सके और
आने वाली बाधाओ ं को आसानी से दर कर सके |
4. उत्पाद और सेवाएँ: प्रत्येक व्यवसाय कुछ प्रकार के उत्पाद या सेवाएँ बेचती है। यमद आप कुछ ऐसा बेचते हैं िो आपके
िाहक की िरूरतों को परा कर सकता है, तो आपके उत्पादों और सेवाओ ं िें बडी व्यावसामयक क्षिता और ऊिाि होगी |
5. दृमि और दूरदमशडता: सफल उद्यमियों के पास एक अच्छी दरदमशिता होती है। वे भमवष्य के कारोबारी िाहौल का पवािनिु ान
लगाते हैं यानी िाहकों की पसंद-नापसंद कै सी होगी, तकनीक की मस्र्मत क्या होगी और वे उसी के अनसु ार कायियोिना तैयार
करते हैं |
6. प्रेरणा और नेतृत्व: उद्यमिता तब तक नहीं की िा सकती हैं िब कोई व्यमि इस बात से प्रेररत न हो मक वह क्या कर रहा है
| एक उद्यिी को यह भी ज्ञान होना चामहए की उसे अपनी टीि से क्या चामहए और वह टीि का अच्छे तरीके से नेतत्ृ व करे ।
एक उद्यिी का अपनी टीि के द्वारा असाधारर् कायों को अिं ाि देने के मलए एक अच्छा प्रेरक और अच्छा नेता होना होना
ज़रूरी है |
7. नवप्रवतडन: एक व्यमि को नए मवचारों को उत्पन्न करने, एक कंपनी शरू
ु करने और उससे लाभ किाने के मलए अत्यमधक
नवीन िानमसकता का होना चामहए । पररवतिन एक नए उत्पाद का लॉन्च करके मकया िा सकता है िो बािार के मलए नया हो
| पररवतिन एक ऐसी प्रमिया है िो मकसी काि को अमधक कुशल और मकफायती तरीके से करती है |
8. िहत्वाकाांक्षा: सफल उद्यिी अपने उद्यि के बारे िें उच्च िहत्वाकांक्षा रखते हैं । इस उच्च िहत्वाकांक्षा या उच्च उपलमब्ध
के िकसद के कारर् वे अपने व्यवसाय की बाधाओ ं को दर करने, दभु ािग्य को भाग्य िें बदलने, मचंताओ ं को दबाने और नए
तरीके और साधन खोिने िें सक्षि हो पाते हैं ।
9. आत्िमवश्वास: सफल उद्यिी अपने कौशल और क्षिताओ ं िें आत्िमवश्वास रखते हैं । वे अपने व्यवसाय िें सफलता के बारे
िें मनमित होते हैं । वे नए उत्पादों को बाज़ार िें लाने, अपने व्यवसाय का मवस्तार करने और मवमवधता लाने िें कोई संकोच

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नहीं करते हैं । वे मकसी भी अप्रत्यामशत सिस्या पर काब पाने के मलए आश्वस्त होते हैं और प्रमतकल पररमस्र्मतयों को झेलने
के मलए तैयार रहते हैं ।
10. जोमिि लेने की क्षिता: उद्यमिता की गमतमवमधयां िोमखि से भरी हैं। िोमखि लेने की महम्ित करने वालों को उसी तरह
से लाभ भी प्राप्त होते हैं । एक आदिी िो िोमखि लेने से िरता है वह कभी एक सफल उद्यिी नहीं बन सकता |
11. उद्यिी ज्ञान: एक सफल उद्यिी बनने के मलए बमु नयादी उद्यमिता का ज्ञान होना बहुत िरूरी है। यह एक उद्यिी को आमर्िक
मस्र्मत का मवश्ले षर् करने और व्यवसाय के अच्छे सचं ालन के मलए रर्नीमत बनाने िें िदद करता |

उद्यमिता के मनर्ाडरक तत्व

आतां ररक मनर्ाडरक:

आतं ररक मनधािरक एक व्यमि से सबं मं धत हैं। वे उद्यिी व्यमित्व को आकार देते हैं। ये कारक इस प्रकार हैं:

1. िहत्वाकाांक्षा: एक िहत्वाकांक्षी व्यमि की एक सािान्य व्यमि की तुलना िें उद्यमिता की ओर िडु ने की संभावना ज्यादा
होती है । एक अत्यमधक िहत्वाकांक्षी व्यमि स्वतंत्र रूप से काि करने के मलए, खदु के मलए और दसरों के मलए रोिगार बनाने
के मलए, पैसा किाने, प्रमतष्ठा और सिाि िें सम्िान के मलए उद्यिी बनने की कोमशश करता है |
2. आत्िमनर्डर बनने की इच्छा: आत्िमनभिरता की प्रवृमि मकसी व्यमि को उद्यमिता की ओर प्रेररत करती है । उद्यिी ऐसे व्यमि
होते हैं िो अपने खदु के िामलक बनना पसंद करते हैं और दसरों की आज्ञा लेना पसंद नहीं करते हैं । वे अन्य व्यमियों से
आदेश लेना पसंद नहीं करते, सेवक बनने के बिाय वे िामलक बनना चाहते हैं और स्वेच्छा से एक उद्यिी बनना चाहते हैं |
3. अन्य उद्यमियों की सफलता: आसपास के पररवेश िें सफल उद्यमियों की कहामनयां लोगों को उद्यमिता के िागि पर चलने
के मलए प्रेररत करती हैं । ये सफल उद्यिी सभं ामवत उद्यमियों के मलए रोल िॉिल होते हैं | उदाहरर् के मलए, एक यवु ा कंप्यटर
सॉफ्टवेयर इिं ीमनयर िाइिोसॉफ्ट के मबल गेट्स और इन्फोमसस के नारायर् िमति द्वारा प्रेररत होता है । अन्य सफल लोगों का
अनक
ु रर् करना सबसे िहत्वपर्ि कारर् है मक लोग उद्यमिता का चयन करते हैं । (मतलक श्रोमत्रय और मतलक िेहता का चमचित
उदाहरर् इसके मलए बहुत प्रासमं गक है)
4. शैमक्षक और व्यावसामयक अनर्
ु व: लोग कायिशालाओ ं के प्रमशक्षर् और पाठ्यिि आमद द्वारा स्कल या कॉलेि स्तर पर
उद्यमिता की िल बातें सीखते हैं। कुछ व्यमि कई वषों तक मकसी मवशेष क्षेत्र िें काि करने के बाद अपना उद्यि शरू
ु करते हैं।
वे अपने सिृि अनभु व के कारर् व्यवसाय िें आने वाली कमठनाइयों और सिस्याओ ं को दर करने के मलए आश्वस्त िहसस
करते हैं । इसमलए हि कह सकते हैं मक शैक्षमर्क और पेशेवर अनभु व अक्सर यह तय करने िें िहत्वपर्ि भमिका मनभाते हैं मक
कोई व्यमि उद्यिी बन सकता है या नहीं ।

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5. सहायक पररवार: एक व्यमि को उद्यि शरू


ु करने के मलए अपने पररवार के सदस्यों, दोस्तों और ररश्तेदारों से मविीय और
िानमसक सहायता मिलती है । मकसी व्यमि की पाररवाररक पृष्ठभमि या तो एक उद्यिी बनने के मलए प्रेररत करती है या उसे
ऐसा करने से हतोत्सामहत करती है। िारवामडयों, पारमसयों, मसमं धयों िैसे कुछ सिदु ायों िें बचपन से ही उद्यमिता को बढावा
मदया िाता है और इसमलए इन सिदु ायों के अमधकांश लोग उद्यमिता की ओर रुख करते हैं |
6. सम्िोहक कारक: कभी-कभी कोई व्यमि बेरोिगारी की सिस्या, नौकरी के असतं ोष, पररवार के िमु खया की असािामयक
िृत्यु आमद की विह से एक उद्यिी बनने के मलए ििबर हो िाता है । इन पररमस्र्मतयों िें एक व्यमि के सािने उद्यिी बनने
के अलावा कोई मवकल्प नहीं होता है।

बाहरी मनर्ाडरक:

उद्यमिता को बाहरी वातावरर् से भी प्रोत्साहन मिलता है। ये कारक व्यमि के बाहर से उत्पन्न होते हैं और उसे उद्यिी बनने के मलए
प्रेररत करते हैं। बाहरी मनधािरकों को नीचे सिझाया गया है:

1. आमथडक कारक: अनक


ु ल आमर्िक मस्र्मत, पयािप्त प्राकृ मतक और भौमतक संसाधनों की उपलब्धता, लोगों की बढती
आय इत्यामद कारक लोगों को नए उद्यिों को शरू
ु करने और लोगों की बढती िांगों को परा करने के मलए सािान और
सेवाएं प्रदान करके पैसा किाने के मलए प्रोत्सामहत करती है । अनक
ु ल आमर्िक मस्र्मत से शॉमपगं िॉल, होटल, पयिटन,
स्वास््य कें ि, िनोरंिन उद्योग िें मनवेश बढता है ।
2. सािामजक कारक: उद्यमिता मकसी सिाि के रीमत-ररवािों, परंपराओ ं और िल्यों से प्रभामवत होती है । सिाि का
भौमतकतावादी दृमष्टकोर् उद्यमिता को बढावा देता हैं । उद्यमिता एक ऐसे सिाि िें िहत्वपर्ि रूप से मवकमसत हो पाती है
िहां उद्यमिता की गमतमवमधयों को िान्यता दी िाती है, सम्िामनत मकया िाता है, परु स्कृ त मकया िाता है और िहां
धामििक िल्य व्यावसामयक गमतमवमधयों पर रोक नहीं लगाते है |
3. तकनीकी कारक: तकनीकी प्रगमत और प्रौद्योमगकी की सस्ती उपलब्धता एक व्यमि को नए उत्पाद बनाने , िौिदा
उत्पादों की गर्ु विा िें सधु ार करने और उच्च तकनीक वाले उद्यिों को शरू
ु करने के मलए प्रेररत करती है। उदाहरर् के
मलए, तकनीकी प्रगमत के कारर् बमु नयादी ढांच,े गैर-पारंपररक ऊिाि, ऑटोिोबाइल, सचना प्रौद्योमगकी िैसे क्षेत्रों िें भारत
िें उद्यमिता पनपी है ।
4. राजनीमतक कारक: मस्र्र व्यापार नीमत, कानन और व्यवस्र्ा के रखरखाव, सरकार की रािनीमतक मस्र्रता, इत्यामद
रािनीमतक कारक उद्यमिता को बढावा देते हैं और मवमभन्न क्षेत्रों िें घरे ल और मवदेशी उद्यमियों को आकमषित करते हैं ।
उदाहरर् के मलए मस्र्र और लोकतांमत्रक सरकार और सरु क्षा की भावना ने भारत िें भारी मवदेशी मनवेश आकमषित मकया
है। देश िें उदारीकरर्, मनिीकरर् और वैश्वीकरर् नीमत ने उद्यिों को स्र्ामपत करने, मवस्तार करने और मवमवधता लाने के

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मलए मनिी क्षेत्र को अमधक सम्भावनाएं प्रदान की है । कर अवकाश लाभ, सस्ती ऋर् समु वधा, मनयाित प्रोत्साहन और
तकनीकी उन्नयन इत्यामद के मलए सहायता िैसे कदिों ने देश िें उद्यमिता के मवकास को गमत दी है |
5. अांतराडष्ट्रीय कारक: उद्यमिता अतं रािष्ट्रीय वातावरर् से भी प्रभामवत होती है। मन: शल्ु क वैमश्वक व्यापार नीमत और
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता ने उद्यमियों को अतं रािष्ट्रीय स्तर पर अपनी गमतमवमधयों को लाने, मवदेशों िें उत्पादन
समु वधाएं स्र्ामपत करने और नए मवदेशी बािारों तक पहुचँ ने के मलए प्रोत्सामहत करती है ।

उद्यमिता के िहत्व

उद्यमिता मकसी भी देश के आमर्िक मवकास की प्रमिया िें एक िहत्वपर्ि स्र्ान रखती है । मवकमसत देशों ने उद्यमिता के िहत्व पर ध्यान
मदये है और उन्होंने उद्यमिता का अच्छा उपयोग करके अपने देश को आगे बढाया है । मनम्नमलमखत मबंदओ
ु ं की सहायता से उद्यमिता के
िहत्व को सिझा िा सकता है:

1. स्वरोजगार: उद्यमिता से स्व-रोिगार की समु वधा मिलती है । उद्यिी लोग अपने व्यमिगत लाभ के मलए अपनी शारीररक और
िानमसक क्षिताओ ं को मनयोमित करते हैं । यह मकसी देश के आमर्िक मवकास पर िनसंख्या िें वृमि के बोझ को भी कि करने
िें िदद करता है |
2. रोजगार सज
ृ न: उद्यमिता नौकरी पैदा करने वाली और नौकरी देने वाली प्रमिया है । उद्यिी व्यवसाय उद्यि स्र्ामपत करते हैं
िो बडे पैिाने पर रोिगार के अवसर प्रदान करते हैं । उद्यमिता बेरोिगारी की सिस्या को कि करने िें िदद करता है िो सभी
सािामिक-आमर्िक सिस्याओ ं का िल कारर् है। लाभकारी रोिगार के अवसर लोगों को गैरकाननी और आपरामधक
गमतमवमधयों से दर रखते हैं । उन्हें उत्पादक और सािामिक रूप से वांछनीय गमतमवमधयों िें भाग लेने और योगदान करने के
मलए प्रोत्साहन मदया िाता है ।
3. पररवतडन एजेंट: उद्यमिता एक पररवतिन एिेंट है । यह नए मवचारों को मवकमसत करने और उन्हें मवकमसत करके लाग करने के
मलए स्र्ामपत सािामिक और आमर्िक पररवेश िें बदलाव लाता है |
4. उद्यमिता सािामजक मस्थरता लाती है: आवश्यक वस्तुओ ं और सेवाओ ं की अनपु लब्धता और कि आपमति सािामिक
अशामं त का कारर् नहीं बन सकती है िो सािामिक मस्र्रता को खतरे िें िाल सकती है | उद्यमिता सिाि की मवमवध िागं ों
को परा करके और आवश्यक वस्तओ
ु ं और सेवाओ ं की मनयमित आपमति समु नमित करके सािामिक मस्र्रता लाती है ।

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5. सस
ां ार्नों का इिति उपयोग: उद्यमिता के अभाव िें उत्पादन के कारक िैसे भमि, श्रि, धन आमद बेकार या अनपु योगी रह
िाते हैं । उद्यमिता के िाध्यि से उत्पादन के प्राकृ मतक ससं ाधनों और कारकों को इकट्ठा मकया िाता है और व्यावसामयक
सगं ठनों के िाध्यि से उत्पादन के मलए उपयोग मकया िाता है |
6. पूांजी मनिाडण: उद्यमिता औद्योमगक उद्यिों के मलए सिाि की बचत िटु ाने िें िहत्वपर्ि भमिका मनभाती है । सिाि अपनी
बचत को उद्यमिता की गमतमवमधयों िें मनवेश करता है । पंिी मनिािर् प्राकृ मतक संसाधनों का दोहन करने के मलए बािार बनाने
और व्यापार को आगे बढाने िें िदद करता है । यह एक मनमविवाद त्य है मक पंिी मनिािर् के मबना आमर्िक मवकास िें बाधा
आती है ।
7. सतां ुमलत मवकास: भारत िैसे मवकासशील देश िें आमर्िक मवकास के सबं धं िें क्षेत्रीय असतं ल
ु न है । देश के सभी क्षेत्र या
महस्से सिान रूप से मवकमसत नहीं हैं । ऐसे क्षेत्रों के मवकास के मलए, औद्योमगक मवकास प्रिख
ु कारक है । उद्यमिता से वहां
लघु उद्योग शरू
ु करके संतुमलत क्षेत्रीय मवकास हामसल करने िें िदद मिलती है । यह िािीर् औद्योगीकरर्, स्र्ानीय कौशल
और बािार के मवकास पर कें मित है । कभी अमवकमसत रहा िहाराष्ट्र का चांदपरु मिला अब वहां बढती उद्यमिता के कारर्
मवकमसत हो रहा है |
8. उत्पादन और प्रौद्योमगकी की मवमवर्ता: मवमभन्न उत्पादों और प्रौद्योमगकी को मवकमसत करने िें उद्यमिता एक िहत्वपर्ि
भमिका मनभाती है । इससे लोगों के िीवन स्तर िें सधु ार होता है |
9. अनुसर्
ां ान और मवकास के िाध्यि से गुणवत्ता िें वमृ ि: उद्यमिता अनसु ंधान और मवकास गमतमवमधयों के मलए उत्साह
प्रदान करता है । उद्यिी अपने उत्पादों को मवदेशी बािारों की आवश्यकताओ ं के अनरू
ु प बनाने के मलए प्रयास करता है। यह
अनसु धं ान और मवकास गमतमवमधयों को तेि करता है |
10. आमथडक शमि की असिान मवतरण को कि करता है: उद्यमिता कुछ ही हार्ों िें आमर्िक शमि की असिान मवतरर् को
कि करने िें िदद करती है मिससे आय की असिानताएं कि होती हैं । सभी सािामिक स्तर के उद्यिी व्यावसामयक गमतमवमधयों
का सच
ं ालन करते हैं और धन पैदा करते हैं । यह धन, आय और रािनीमतक शमि के सिान मवतरर् को बढावा देता है |
11. मनयाडत प्रोत्साहन: उद्यमिता एक देश के मनयाित व्यापार को बढावा देती है िो आमर्िक मवकास का एक िहत्वपर्ि घटक है ।
अर्िव्यवस्र्ा के मवमभन्न क्षेत्रों िें बढती उद्यमिता की गमतमवमधयाँ मनयाित िें सधु ार करती हैं और व्यापार का एक अनक
ु ल
संतुलन बनाती हैं । यह मवदेशों िें बािारों की खोि करता है, मवश्व स्तर के िानकों के अनक
ु ल उत्पादों की गर्ु विा िें सधु ार
करता है और मवदेशी ििु ा अमिित करने िें िदद करता है । उद्यमिता आयात प्रमतस्र्ापन भी प्रदान करती है और मवदेशी ििु ा
की किाई िें योगदान देती है ।

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12. आमथडक मवकास: उद्यमिता राष्ट्रों के बीच 'सिृमि' और 'गरीबी' के बीच अतं र को कि करती है। उद्यमिता के अभाव िें मकसी
देश का आमर्िक मवकास काफी असभं व है । िापान वह स्र्ान है िहाँ उद्यमियों ने कडी िेहनत के सार्-सार् कल्पना और
क्षिता से सफलता प्राप्त की है । यएसए और पमििी यरोप की आमर्िक प्रगमत भी उद्यमिता के िहत्व पर प्रकाश िालती है |

इन्टरनेट उद्यमिता NETPRENEURSHIP

इटं रनेट की आभासी दमु नया ने व्यमियों, संगठनों, सिाि और राष्ट्रों के मलए अनमगनत अवसरों के सििु को खोल मदया है।
एक व्यमिगत कंप्यटर/ िोबाइल फोन के िाध्यि से अब कोई भी व्यमि ऑनलाइन उपलब्ध मकसी उत्पाद या सेवा को खरीद
/ बेच / उपयोग या पनु : उपयोग कर सकता है । अब मवशेष रूप से स्टाटिअप्स के व्यवसायों ने भी इटं रनेट के प्रभाव और फै लाव
को िाना और सिझा है और अपने व्यवसाय को प्रौद्योमगकी के उपयोग द्वारा लाभामन्वत मकया है |

इन्टरनेट उद्यमिता क्या है ?

इन्टरनेट उद्यमिता व्यवहायि व्यावसामयक उद्यि के मलए एक आशािनक अवसर को ऑनलाइन रूपातं ररत करने के मलए
संसाधनों की पहचान कर एकमत्रत करने की प्रमिया है । यह इटं रनेट आधाररत उद्यमिता है िो के वल ऑनलाइन िाध्यि से
काि करता है।
िब कोई व्यमि अपनी “बौमिक पिं ी” के सार् “संयोिकता” का उपयोग करके वस्तुओ ं और सेवाओ ं को ऑनलाइन प्रदान
करता है, तो उसे नेट-प्रेन्योर या ई-प्रेन्योर कहा िाता है । इस प्रकार के नेट-प्रेन्योर को स्वयं मनयोमित नेट-प्रेन्योर के रूप िें भी
िाना िाता है | नेटमप्रन्योर एक स्व-मनयोमित व्यमि हो सकता है िो िख्ु य रूप से कई आभासी कििचाररयों को मनयि
ु करता
है |
नेटमप्रन्योरमशप व्यवसायों, मवशेष रूप से स्टाटिअप्स को वस्तुओ,ं सेवाओ ं और मवचारों के आदान-प्रदान के मलए सािामिक
या कंपनी आधाररत पोटिल के िाध्यि से उपभोिा को िोडने और बनाए रखने िें सक्षि बनाता है । नेटमप्रन्योरमशप तुलनात्िक
रूप से शरू
ु करने के मलए एक सस्ती व्यावसामयक प्रमिया है ।
दमु नया की कुछ सबसे प्रभावशाली कंपमनयों ने के वल नेटमप्रन्योरमशप के िाध्यि से अपने शरु आत की र्ी | उदहारर् के मलए
दमु नया की अिर्ी कंपनी Google की शरुु आत 1990 के अतं िें उसके सस्ं र्ापकों द्वारा की गई र्ी, िो मक एक गैरेि िें शरू

हुआ र्ा । इसी तरह की अन्य कंपमनयों िें e-bay.com, amazon.com, paytm.com, Flipkart.com, Monster.com
इत्यामद शामिल हैं |

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अब ईिेल, वेब, वीओआईपी (इटं रनेट प्रोटोकॉल पर आवाि), और वैमश्वक मनयोिाओ ं के सार् सवं ाद करने के मलए ररिोट
एक्सेस सॉफ़्टवेयर िैसी इटं रनेट-आधाररत प्रौद्योमगमकयों के आगिन के सार्, बडी सख्ं या िें स्व-रोिगार के मलए घर से काि
करना बहुत आसान और सख
ु द हो गया है । यह उन पेशेवरों के मलए एक अच्छा मवकल्प है िो अपना स्वयं का सेवा-आधाररत
लघु व्यवसाय (यानी, अचल सपं मि, पालत पशओ
ु ं की देखभाल, काननी सेवाएं) संचामलत करते हैं | वे संस्र्ाएँ िो िख्ु य रूप
से आभासी दमु नया िें काि करती हैं और िाके मटंग या ऑििर पमति के मलए कुछ ऑफ़लाइन सेवाओ ं या संसाधनों िें संलग्न
होती हैं, उन्हें 'लघु और गृह कायािलय' (SOHO) प्रमतष्ठानों के रूप िें िाना िाता है। इन संस्र्ाओ ं की संख्या िें वृमि के कारर्,
मवमभन्न प्रकार की वेब आधाररत सेवाएँ और व्यावसामयक सॉफ़्टवेयर इस प्रकार के नेटमप्रन्योर की ज़रूरतों को परा करने के
मलए बनाए गए हैं, िो इटं रनेट िाध्यि से अपने व्यवसाय को बढाते हैं।
नेटमप्रन्योरमशप भमवष्य के व्यवसाय का चेहरा होगा , यह न के वल व्यवसायों के बमल्क लोगों और उनके संबंमधत राष्ट्रों के
मवकास के मलए अकल्पनीय क्षिता रखता है । हालाँमक, नेटमप्रन्योर को ऑनलाइन व्यवसाय चलाने के नक
ु सान से सावधान
रहना चामहए । ऑनलाइन व्यापार िें हैमकंग, मफ़मशगं , िॉमफिं ग और अन्य साइबर अपराध शामिल हो सकते |

नेटमप्रन्योर के मलए आवश्यक बमु नयादी जरूरतें हैं:

1. इटं रनेट
2. लोगों को कुछ िोमखि लेने और अपने ऑनलाइन व्यापार उद्यि शरू
ु करने की इच्छा
3. नवाचार और रचनात्िकता
4. मवशेष तकनीकी कौशल मिनका उपयोग ऑनलाइन पैसा किाने के मलए मकया िा सकता है
नेटमप्रन्योरमशप नेटमप्रन्योर

नेटमप्रन्योरमशप के लार्

आि की पररष्कृ त और तेिी से आगे बढ रही दमु नया िें देश के आमर्िक मवकास िें नेटमप्रन्योरमशप की सबसे अमधक िरूरत
है | अब िब भारत एक मवकासशील देश के रूप िें मवश्व स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है , तो मनमित रूप से वैमश्वक
उपमस्र्मत और सफलता के मलए नेटमप्रन्योरमशप बहुत ज़रूरी है | प्रमतस्पधाि बढने के कारर् उद्यिी पररवतिन चाह रहे हैं, अब
लगभग हर कंपनी ऑनलाइन हो रही है और आने वाले दशकों के सबसे सफल उद्यिी कोई और नहीं बमल्क कोई नेटमप्रन्योर
ही होगा िो काि करने के तरीके को सदृु ढ करने के मलए मिमिटल और तकनीकी उपकरर्ों सही तरीके से उपयोग करे गा | इस
प्रमतस्पधी दमु नया िें नेटमप्रन्योरमशप की आवश्यकता है क्यमं क इससे मनम्न फायदे हैं

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1. वैमश्वक उपमस्थमत और पहांच: दमु नया भर िें लाखों लोगों की पहुचं वल्िि वाइि वेब तक है। कोई फकि नहीं पडता
मक आपका व्यवसाय क्या है आप लाखों लोगों को अनदेखा नहीं कर सकते । सिदु ाय का महस्सा बनने और उनको
यह मदखाने के मलए मक आप उनकी सेवा करने िें रुमच रखते हैं आपको उनके मलए ऑनलाइन होना चामहए।
नेटमप्रन्योरमशप व्यमिगत रूप से लोगों को और व्यावसामययों को वैमश्वक उपमस्र्मत और पहुचं बनाने िें सक्षि बनाता
है ।
2. ग्राहकों का मवशाल नेटवकड : व्यवसाय िें अन्य लोगों के सार् सबं धं बनाने से ज्यादा अच्छा कुछ नहीं है। प्रत्येक
स्िाटि व्यवसायी को यह पता है मक यह िहत्वपर्ि नहीं है मक आप क्या िानते हैं बमल्क यह िहत्वपर्ि है की आप
मकसे िानते हैं । ऑनलाइन व्यवसाय की यह खामसयत होती है की आप अपने मलए िाहकों का एक मवशाल नेटवकि
बना सकते हैं और देश दमु नया के िाहकों से वातािलाप करके अपने उत्पाद की कमियों को सधु ार सकते हैं |
3. व्यवसाय की जानकारी की आसान उपलब्र्ता: नेटमप्रन्योरमशप के िाध्यि से व्यवसायों की िानकारी,
व्यवसाय के प्रकार, पते, सपं कि नबं र, भगु तान की मवमध, उत्पाद उपलब्धता, आमद के बारे िें आसानी से लाखों
इटं रनेट उपयोगकतािओ ं तक बहुत आसानी से पहुचँ ाया िा सकता है । नेटमप्रन्योर आसानी से मबना मकसी झंझट के
अपने उत्पाद सची, िल्य मनधािरर्, नए उत्पाद, भगु तान िोि आमद को अपिेट कर सकता है ।
4. उत्पादों और सच
ू नाओ ां का प्रर्ावी प्रस्तुतीकरण: नेटमप्रन्योर रंगीन और आकषिक मचत्रों, ध्वमन और शॉटि िवी
फाइलों की िदद से उत्पादों का उमचत प्रदशिन समु नमित करता है | वह वेबसाइट के िाध्यि से उत्पादों और सचनाओ ं
को प्रभावी ढंग से संभामवत िाहकों तक पहुचं ा पाता है और उन्हें आकमषित कर पाता है |
5. 24 घांटे की सेवा का मनिाडण: वेब पेि िाहक और अन्य भागीदारों को सप्ताह के सातों मदन 24 घटं े सेवा देते हैं।
नेटमप्रन्योरमशप िें सिय की कोई बाधाए,ं प्रमतबधं और अडचनें नहीं होती हैं । नेटमप्रन्योर काि करने के मलए अपना
कोई भी उपयि
ु सिय चनु सकता है ।
6. ग्राहकों से प्रमतमिया लेना आसान है: नेटमप्रन्योरमशप िाहकों से त्वररत प्रमतमिया लेना आसान कर देता है |
एक वेब पेि के िाध्यि से प्रमतमिया मबना मकसी अमतररि लागत के तरु ं त ली िा सकती है ।
7. स्कन्र् के बडे मनवेश की कोई आवश्यकता नहीं: नेटमप्रन्योर को स्कन्ध के बडे मनवेश की आवश्यकता नहीं
होती है । वे प्राप्त आदेशों के अनसु ार स्कन्ध का प्रबंधन कर सकते हैं |
8. लागत कि करता है: सपं मि, सेवा और उत्पादन की लागत को इटं रनेट के उपयोग के िाध्यि से बहुत कि मकया
िा सकता है । लागत कि होना इटं रनेट पर व्यापार को स्र्ानांतररत करने का यह एक अच्छा कारर् है ।

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इकोमप्रन्योरमशप ECOPRENEURSHIP:

इकोमप्रन्योरमशप को “िीन एंटरमप्रन्योरमशप” और "पयािवरर् उद्यमिता" के रूप िें भी िाना िाता है | उद्यि के संचालन और
लक्ष्यों िें पयािवरर्ीय रूप से मिम्िेदार पररप्रेक्ष्य को शामिल करते हुए उद्यि का मवकास करना ही इकोमप्रन्योरमशप कहलाता
है ।
1990 के दशक िें इकोमप्रन्योरमशप शब्द का व्यापक रूप से उपयोग मकया िाने लगा । इकोमप्रन्योरमशप एक ऐसा शब्द है मिसे
पयािवरर्ीय सिस्याओ ं को हल करने वाले व्यवसायों को बनाने के मलए लाग मकया िा रहा है, िो पयािवरर्ीय सिस्याओ ं को
हल करते हैं या मनरंतर सचं ामलत करते हैं |
मिम्िेदार तरीके से अपने लाभ को प्राप्त करने के मलए उद्यमियों को िीन एंटरप्रेन्योरमशप का व्यवसाय अपनाना चामहए।
अमधकांश सिदु ाय के उद्यमियों को नायकों और अच्छे उदाहरर्ों के रूप िें देखा िाता है और यमद वे इकोमप्रन्योरमशप को
अपनाते हैं तो नए व्यवसाय और सिदु ाय उनसे प्रेररत हो सकते हैं और एक स्वच्छ वातावरर् बनाने के मलए प्रेररत हो सकते
हैं । सरकारी मनयिों से ििबर होने के बिाय इस इकोफ्ें िली मबिनेस िॉिल स्वैमच्छक अपनाना बेहतर है |
पररर्ाषा

मववन शयू लर के अनस


ु ार इकोमप्रन्योरमशप

" उद्यमिता मिसे पयािवरर्ीय उद्यमिता और पयािवरर् पँिीवाद के रूप िें भी िाना िाता है, पयािवरर्ीय गर्ु विा िें सधु ार के
मलए अवसरों की पहचान करने और लाभ के मलए मनिी क्षेत्र के पंिीकरर् के मलए एक नए बािार-आधाररत दृमष्टकोर् के रूप
िें व्यापक हो रही उद्यमिता है ।"

मववन शयू लर के अनुसार इकोप्रेन्योर

"इकोप्रेन्योर वह उद्यिी हैं, मिनके व्यावसामयक प्रयास न के वल लाभ मलए बमल्क पयािवरर् की गर्ु विा के मलए भी संचामलत
होते है।"

र्ेमवर् के नरथ ने इकोमप्रन्योरमशप को तीन िुख्य अवर्ारणाओ ां के अमर्सरण के रूप िें पररर्ामषत मकया है:

1. पाररमस्र्मतकी के नवाचार
2. पाररमस्र्मतकी के अवसर
3. पयािवरर् के प्रमत प्रमतबिता।

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इकोमप्रन्योरमशप के मवमशि गण

1. पयािवरर् संरक्षर् व्यवसाय (इकोमप्रन्योरमशप ) पयािवरर् के संरक्षर् को अपनी िान्यताओ,ं दशिन और िल्यों के
मलए िहत्वपर्ि िानते हैं । इस प्रकार वे इकोमप्रन्योरमशप को भमवष्य के व्यवसाय की कंु िी के रूप िें को देखते हैं |

2. वे पयािवरर् व्यवसाय िॉिल िें मवश्वास करते हैं मक वे व्यावसामयक गमतमवमधयों से पयािवरर् के मलए अच्छा करके
लाभ किा रहे हैं ।

3. इकोप्रेन्योर मवमभन्न रूपों िें होते हैं । कुछ इसे िानबझकर करते हैंऔर कुछ कानन के दबाव िें आकार या मकन्ही
अन्य कारर्ों से करते हैं

4. भारत िें इकोप्रेन्योर को व्यवसाय िें रहने के मलए और इस अच्छे काि को करने के मलए अनक
ु ल व्यावसामयक
वातावरर् की आवश्यकता है |

5. इकोमप्रन्योरमशप िें उद्यमिता की गमतमवमधयाँ प्रबधं न प्रर्ामलयों या तकनीकी प्रमियाओ ं पर कि ध्यान देती हैं।
6. रचनात्िकता, सहयोग और सािामिक अमभमवन्यास के उच्च स्तर इसकी कुछ िख्ु य मवशेषताएं हैं |

इकोमप्रन्योरमशप के िहत्व

1. इकोमप्रन्योरमशप व्यवसायों का प्राकृ मतक वातावरर् पर सकारात्िक प्रभाव पडता है । यह ग्लोबल वामििंग को कि
करने और ग्लोबल वामििंग के प्रमतकल प्रभाव को कि करने िें िदद करता है ।
2. यह पयािवरर्ीय नवाचारों के सार् बािार िें व्यवसाय सफलता के मलए उद्यिी या उसकी टीि की व्यमिगत पहल
और कौशल पर अमधक ध्यान कें मित करता है । ये पयािवरर्ीय नवाचार सतत मवकास की के मलए आवश्यक होते
हैं |
3. इकोमप्रन्योरमशप अत्यमधक पयािवरर्ीय रूप से मिम्िेदार व्यावसामयक प्रर्ाओ ं और िल्यों को अपनाता है और इस
तरह औद्योमगकीकरर् के बरु े प्रभावों को कि करता है और उत्पादन प्रमिया िें तेिी से बदलाव करता |
4. यह पाररमस्र्मतकों की प्रमतबिता के िाध्यि से एक अमभनव सिाधान पर मवचार करते हुए एक सािामिक पररप्रेक्ष्य
पर िोर देता है ।
5. यह पारंपररक उत्पादन मवमधयों, उत्पादों, बािार संरचनाओ ं और खपत के तरीकों को बेहतर पयािवरर्ीय उत्पादों
और सेवाओ ं के सार् बदल देता है |

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िमहला उद्यमिता
िमहला उद्यमिता एक ऐसी प्रमिया है मिसिें एक िमहला एक व्यवसाय शरू
ु करती है, सभी संसाधनों को इकट्ठा करती है,
िोमखि उठाती है, चनु ौमतयों का सािना करती है, दसरों को रोिगार प्रदान करती है और स्वतंत्र रूप से व्यवसाय का प्रबंधन
करती है । िमहला उद्यिी को एक िमहला या िमहला सिह के रूप िें पररभामषत मकया िा सकता है िो कोई व्यवसामयक उद्यि
शरू
ु करती है, संगमठत करती है, और उसे चलाती है |
फ्रेर्ररक हारमबसन (1956) ने एक िमहला उद्यिी के मनम्नमलमित पाँच कायों की व्याख्या की है:

1. एक नया व्यापार उद्यि शरू


ु करने की संभावनाओ ं की खोि करना ।
2. िोमखिों का उपिि और व्यापार िें शामिल आमर्िक अमनमितताओ ं से मनपटना।
3. नवाचारों की पहल या नवाचारों की नकल करना।
4. सिन्वय, प्रशासन और मनयंत्रर् करना ।
5. व्यवसाय का पयिवेक्षर् और नेतत्ृ व करना ।

र्ारत िें िमहला उद्यमिता को बढावा देने वाले सांगठन

1. FIWE - फे र्रेशन ऑफ इमां र्यन वुिन एटां रप्रेन्योर, यह 1993 िें स्र्ामपत मकया गया र्ा । अपने व्यवसाय को
मवकमसत करने के मलए देश और मवदेश िें िमहला उद्यमियों को नेटवकि समु वधाएं प्रदान करने िें िदद करता है । यह
मवपर्न, गर्ु विा मनयत्रं र्, मनयाित प्रबधं न, िानकीकरर् आमद के क्षेत्र िें समु वधाएं प्रदान करने िें िदद करता है ।
2. WTI - िमहला र्ारत रस्ट 1968 िें स्र्ामपत की गई र्ी । इसका इस्तेिाल कामिला ट्रस्ट के तहत िमहला भारत
ट्रस्ट के सदस्यों के उत्पादों के मवपर्न के मलए मकया िाता है।
3. SEWA - 1972 िें सेल्फ एम्प्लॉयर् वूिेंस एसोमसएशन के नाि से ट्रेि यमनयन एक्ट के तहत रमिस्टिि की गयी
र्ी । यह गरीब िािीर् िमहलाओ ं को सशि बनाने के मलए है |
4. AWAKE - कनाडटक की िमहला उद्यमियों का सघां
i. यह 1983 िें स्र्ामपत की गई र्ी । यह िमहला उद्यमिता को बढावा देने और िमहला उद्यमिता के मवकास
के कायि िें लगी हुई है ।
ii. यह िमहलाओ ं को अपना व्यवसाय शरू
ु करने और उन्हें आमर्िक रूप से सशि बनाने के मलए प्रमशक्षर्
और िदद करने का काि करता है ।

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iii. िािीर् और शहरी दोनों क्षेत्रों का सािामिक और आमर्िक के मलए काि करता है |
iv. यह उद्यमिता की िानमसकता को बढावा देकर सिाि िें िमहलाओ ं की मस्र्मत को सधु ारने का कायि करता
है |
5. CWEI - भारत के िमहला उद्यमियों का संघ यह एक स्वैमच्छक संगठन है, मिसिें गैर-सरकारी संगठन, स्वयं
सहायता सिह और व्यमिगत व्यावसामयक इकाइयाँ शामिल हैं। यह 2001 िें गमठत मकया गया र्ा । यह िमहला
उद्यमियों को मवपर्न, मवि, िानव संसाधन और उत्पादन िें प्रौद्योमगकी उन्नयन की समु वधा प्रदान करता है । यह
िानव शमि प्रमशक्षर् प्रदान करता है । यह भारत और अतं रािष्ट्रीय उद्यिी एिेंमसयों के िध्य िहत्त्वपर्ि भमिका मनभाता
है |

िमहला उद्यमियों को आने वाली सिस्याएां

1. मवत्त की सिस्या: मवि को मकसी भी व्यवसाय के मलए 'िीवन-रे खा' िाना िाता है चाहे वह बडा हो या छोटा ।
हालांमक, िमहला उद्यमियों को िख्ु य रूप से दो िहत्वपर्ि कारर्ों से मवि की किी से होती हैं । सबसे पहले,
िमहलाओ ं के पास आितौर पर उनके नाि पर सपं मि नहीं होती है मिसे वे बाहरी स्रोतों से धन प्राप्त करने के मलए िें
मगरवी रख सके | दसरा, बैंक यह िानते हैं मक िमहलाओ ं की साख मवश्वसनीयता कि होती हैं और वे इसी कारर्
िमहला उद्यमियों को उधार देने से कतराते हैं मक वे मकसी भी सिय अपना व्यवसाय छोड सकती हैं |
2. र्ूमिका सघां षड: भारत िें बच्चों और पररवार के अन्य सदस्यों की देखभाल करना िख्ु य रूप से िमहलाओ ं का
कतिव्य है। परुु ष के वल एक िाध्यमिक भमिका मनभाता है। मववामहत िमहलाओ ं के िािले िें, उन्हें अपने व्यवसाय
और पररवार के बीच एक अच्छा सतं ुलन बनाना पडता है व्यवसाय िें िमहलाओ ं के प्रवेश के मलए पररवार के लोगों
का सिर्िन और अनिु ोदन आवश्यक होता है | तदनसु ार पररवार के लोगों का शैमक्षक स्तर और पृष्ठभमि िमहलाओ ं
की व्यावसामयक गमतमवमधयों िें प्रवेश को सकारात्िक रूप से प्रभामवत करती है।
3. मशक्षा का अर्ाव: भारत िें लगभग साठ प्रमतशत िमहलाएँ अभी भी मनरक्षर हैं। अमशक्षा सािामिक-आमर्िक
सिस्याओ ं का िल कारर् है। गर्ु ात्िक मशक्षा की किी के कारन िमहलाओ ं को व्यवसाय, प्रौद्योमगकी और बािार
ज्ञान की िानकारी नहीं है। सार् ही मशक्षा की किी िमहलाओ ं िें कि उपलमब्ध प्रेरर्ा का कारर् बनती है। इस
प्रकार मशक्षा की किी व्यवसाय उद्यिों की स्र्ापना और चलाने िें िमहलाओ ं के मलए एक प्रकार या अन्य सिस्याएं
पैदा करती है।

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4. कि जोमिि उठाने की क्षिता: भारत िें िमहलाएं संरमक्षत िीवन िीती हैं। वे कि मशमक्षत हैं और आमर्िक रूप
से आत्ि-मनभिर नहीं हैं। ये सभी एक उद्यि चलाने िें शामिल िोमखि को सहन करने की क्षिता को कि करते हैं ।
िोमखि वहन करने की क्षिता एक सफल उद्यिी की आवश्यक आवश्यकता है।
5. सीमित गमतशीलता: परुु षों के मवपरीत, भारत िें िमहलाओ ं की गमतशीलता मवमभन्न कारर्ों से अत्यमधक सीमित
है। भारतीय सािामिक व्यवस्र्ा िें िध्यवगीय िमहला उद्यमियों के मलए बािार िें कदि रखना कमठन काि है।
6. र्ावनात्िक प्रकृमत: िमहलाओ ं िें आितौर पर दसरों के मलए सहानभु मत परुु षों के िक
ु ाबले अमधक होती है । वे
बहुत भावक
ु हैं । इस प्रकृ मत की विह से अक्सर उन्हें व्यापार िें धोखा खाना पड िाता है
7. पारांपररक िानमसकता: हालांमक बहुत सी िमहलाएं पारंपररक िानमसकताओ ं को तोड रही हैं और अपने घरों से
बाहर काि करने के मलए िा रही हैं, मफर भी एक व्यवसाय स्र्ामपत आि भी एक आदिी का काि िाना िाता है
। भारत िैसे परुु ष-प्रधान सिाि िें िमहलाओ ं के सार् परुु षों के सिान व्यवहार नहीं मकया िाता है, िो िमहलाओ ं
के व्यवसाय िें प्रवेश िें बाधा के रूप िें कायि करता
8. नेटवमकिं ग: एक सफल व्यवसाय चलाने के मलए मकसी भी उद्यिी को अन्य उद्यमियों से और िाहकों से संपकि
बनाना बहुत ज़रूरी होता है । हालांमक, बहुत कि िमहलाएं अपने कम्फटि िोन से बाहर मनकल पाती हैं । यमद वे
लोगों से मिलाना िल
ु ना शरू
ु करते भी हैं तो यह कुछ ही लोगों तक ही सीमित होते है । इससे बािार िें उनकी पहुचँ
की सीिा पर बरु ा प्रभाव पडता है |
9. सरु क्षा: आि के सिय िें भारत िें िमहलाओ ं की सरु क्षा बहुत बडी सिस्या है । सािामिक अपराध के बढने के
कारर् िमहलाएं उन भमिकाओ ं को लेने िें सक
ं ोच करती हैं िो अिनमबयों से बातचीत की िांग करती हैं ।

र्ारत िें िमहलाओ ां उद्यमियों को बढावा देने के मलए उपाय

1. प्रोत्साहन सहायता: सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा िमहला उद्यमियों को मविीय और गैर-मविीय दोनों
क्षेत्रों िें सहायता प्रदान करनी चामहए।
2. प्रमशक्षण: िमहला उद्यमियों को व्यवसाय को सफलतापविक संचामलत करने और चलाने के मलए प्रमशक्षर् मदया
िाना चामहए। प्रमशक्षर् उन िमहलाओ ं को मदया िाना है िो अभी भी उद्यिी कायि करने के मलए अमनच्छुक हैं |
3. मवत्त: मवि िमहला उद्यमियों की प्रिख
ु सिस्याओ ं िें से एक है । पररवार और सरकारी संगठनों दोनों को उन्हें मविीय
सहायता प्रदान करने िें उदार होना चामहए।

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4. मवपणन सहायता: सीमित गमतशीलता के कारर् िमहलाएं अपने िाल का मवपर्न करने िें असिर्ि हैं। आमर्िक
वातावरर् िें अपने िाल को सफलतापविक बािार िें लाने के मलए उन्हें सहायता प्रदान की िानी चामहए |
5. पररवार का सिथडन: पररवार को िमहला उद्यमियों का सिर्िन करना चामहए और उन्हें व्यवसाय को सफलतापविक
स्र्ामपत करने और चलाने के मलए प्रोत्सामहत करना चामहए।

तोरण लाल विाड


वामणज्य मवर्ाग
र्ॉ हररमसहां गौर मवश्वमवयालय सागर
https://commercestudyguide.com//

References

1. https://www.yourarticlelibrary.com/entrepreneurship/8-problems-faced-by-women-
entrepreneurs-in-india-explained/41097
2. https://accountlearning.com/challenges-problems-faced-women-entrepreneurs-remedial-
measures/
3. https://www.investopedia.com/terms/e/entrepreneur.asp#:~:text=Entrepreneurs%20play%2
0a%20key%20role,fame%2C%20and%20continued%20growth%20opportunities.
4. https://www.economicsdiscussion.net/entrepreneurship/women-entrepreneurs-in-india/32337
5. https://www.slideshare.net/RameshLakshmanan7/b-com-part-ii-fundamentals-of-
entrepreneurship-english-version
6. https://www.entrepreneurshipinabox.com/371/10-elements-with-business-potential-energy/
7. https://www.economicsdiscussion.net/entrepreneurs/role-of-entrepreneurs-in-economic-
development/31496
8. https://en.wikipedia.org/wiki/Ecopreneurship
9. http://www.gips-collaborations.com/wp-content/uploads/2020/04/ECOPR3625-Notes.pdf

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10. https://www.economicsdiscussion.net/entrepreneurship/types-of-
entrepreneurship/31780#:~:text=Netrpreneurship%20is%20the%20process%20of,works%2
0through%20online%20domain%20only.
11. https://shodhganga.inflibnet.ac.in/jspui/bitstream/10603/244573/6/06_chapter1.pdf
12. http://netpreneur.co.in/

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