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व्यवसाय के सामाजिक उत्तरदायित्व का अर्थ एवं परिभाषा
व्यवसाय के सामाजिक उत्तरदायित्व का अर्थ एवं परिभाषा
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उत्तरदायित्व का अर्थ एवं ग्राम पंचायत का अर्थ, गठन, बैठक, कार्य, एवं
शक्तियां
परिभाषा
मिन्हाज उस सिराज कौन था?
by Bandey • January 10, 2018 3
प्रागैतिहास किसे कहते हैं?
व्यवसाय के
सामाजिक दायित्व से अभिप्राय होता है, फर्म द्वारा
उन नीतियों को अपनाना
और उन कार्यों को करना जो समाज की
आशाओं और उसके हित की दृष्टि
से वांछनीय हों। परन्तु मिल्टन
फ्रीडमैन, एफ .ए. हेयक और गिल्बर बर्क जैसे
कु छ क्लासिकी
अर्थशास्त्रियों की मान्यता 1970 के दशक के प्रारंभिक वर्षों तक
कु छ और ही थी।
व्यवसाय के सामाजिक उत्तरदायित्व का
अर्थ एवं परिभाषा
ए. दास गुप्ता के अनुसार, ‘‘सामाजिक उत्तरदायित्व का क्षेत्र
कु शलतापूर्वक
व्यवसाय का संचालन करके लाभ अर्जित करना है
एवं कर्मचारियों, उपभोक्ताओं,
समुदाय तथा सरकार के प्रति
दायित्वों का निर्वाह करना है।’’ इसी प्रकार कू ण्ट्ज
एवं ओ ’
डोनेल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘‘सामाजिक
उत्तरदायित्व
निजी हित में कार्य करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का ऐसा
दायित्व है जिससे वह
स्वयं आश्वस्त होता हो कि उसके द्वारा अन्य
व्यक्तियों के न्यायोचित अधिकारों
तथा हितों को कोई क्षति नहीं
पहुँचती है।’’
इस प्रकार हम कह सकते है कि व्यवसाय के सामाजिक
उत्तरदायित्व से
अभिप्राय है फर्म द्वारा उन नीतियों को अपनाना
और उन कार्यों को करना जो
समाज की आशाओं और उसके हित
की दृष्टि से वाँछनीय हो।
और उस पर पर्याप्त प्रतिफल
मिलता रहे, इसी से अंशधारी
संतुष्ट नहीं होते बल्कि वे कम्पनी की
सार्वजनिक छवि में भी
रूचि रखते हैं। अत: व्यवसायी का यह उत्तरदायित्व
है कि
वह कम्पनी की छवि में सुधार को सुनिश्चित करे ताकि
उसकी
सार्वजनिक छवि ऐसी बने जिससे अंशधारी अपनी
कम्पनी पर अभिमान
कर सके ।
3. अन्य उत्तरदायित्व (Other Responsibilities)
व्यवसायी के अपने स्वामियों के प्रति अन्य प्रमुख
उत्तरदायित्व इस प्रकार
से हैं- (i) उसे अपने स्वामियों को
उचित आदर व सम्मान देना चाहिए।
(ii) लाभांश का समय
से भुगतान करना चाहिए। (iii) व्यवसाय की प्रत्येक
गतिविधि से स्वामियों को अवगत कराते रहना चाहिए (iv)
स्वामियों के
निर्देशों का पालन करना चाहिए। (v)
अंशधारियों द्वारा मांगे जाने पर
आवश्यक प्रलेखों की
प्रतिलिपियां उपलब्ध कराना चाहिए। (vi) अंशों की
बिक्री
के पश्चात् उन्हें अंश बाजार में सूचीबद्ध करा देना चाहिए।
करना।
2. कर्मचारियों को हरसम्भव श्रेष्ठ कार्यदशाएं उपलब्ध करना।
3. कार्य के उचित मानदण्ड का निर्माण करना।
4. कर्मचारियों एवं श्रमिकों को हरसम्भव कल्याण सुविधायें
प्रदान करना।
5. कर्मचारियों हेतु उचित प्रशिक्षण एवं शिक्षा की व्यवस्था
करना।
6. पदोन्नति के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराना।
7. कु शल परिवेदना निवारण पद्धति (Efficient
Grievance Handling System)
की स्थापना करना।
8. कार्य के समय दुर्घटनाग्रस्त होने पर क्षतिपूर्ति करना।
9. कर्मचारी संगठन एवं श्रम संघ का उचित सम्मान करना।
10. कर्मचारियों को लाभ में से उचित हिस्सा प्रदान करना।
11. प्रबन्ध में उन्हें आवश्यक प्रतिनिधित्व देना।
उपभोक्ताओं को वस्तुएं
आसानी से मिल सके ।
4. शोध एवं विकास पर ध्यान देना जिससे उपभोक्ताओं को श्रेष्ठ
एवं नये उत्पाद
मिल सके ।
5. वितरण प्रणाली में पायी जाने वाली कमियों को दूर करने
हेतु आवश्यक
कदम उठाना जिससे मध्यस्थों या
असमाजिक तत्वों द्वारा की जाने वाली
मुनाफाखोरी
हतोत्साहित हो।
6. वस्तु के विज्ञापन में मिथ्यावर्णन न करना जिससे उपभोक्ता
को धोखा न
हो।
7. विक्रय के पश्चात् आवश्यक सेवाएं (required after-
sales services)उपलब्ध
कराना।
8. उत्पाद के बारे में उपभोक्ता को आवश्यक जानकारी देना,
जैसे-उस वस्तु
के प्रतिकू ल प्रभाव, जोखिम, प्रयोग करते
समय ली जाने वाली सावधानी,
इत्यादि।
9. उपभोक्ताओं की रूचि, आवश्यकता आदि का ध्यान रखना
तथा उसी के
अनुसार वस्तुओं का उत्पादन करना।
10. उपभोक्ता की शिकायतों को सुनना तथा उचित शिकायतों को
अतिशीघ्र
दूर करने का प्रयास करना।
11. वस्तुओं को प्रमापित करवाना। भारत में ‘भारतीय मानक
संस्था’ (Indian
Standards Institution) यह कार्य
करती है। वस्तुओं को प्रमापित करवाके
उपभोक्ताओं का
विश्वास जीता जा सकता है।
12. उपभोक्ताओं से सुझाव मांगना तथा उनसे अच्छे सम्बन्ध
स्थापित करने
का प्रयत्न करना।
(iv) सरकार के प्रति
उत्तरदायित्व ;Responsibilities towards the
Government)
एक व्यवसाय का अपने आस-पास के
समुदाय के प्रति काफी अधिक उत्तरदायित्व
होता है। इन
उत्तरदायित्वों में निम्नलिखित को शामिल किया जाता है :
13. पर्यावरण प्रदूषण को रोकने हेतु आवश्यक कदम उठाने
तथा वैकल्पिक
साधनों का, जहाँ तक सम्भव हो, विकास
करना चाहिए।
21. विभिन्न सामाजिक कार्यों जैसे शिक्षा प्रसार, जनसंख्या
नियंत्रण इत्यादि
में यथासम्भव योगदान देना चाहिए।
22. समुदाय के लाभार्थ पाठशालाएँ, चिकित्सालय , धर्मशालाएँ,
पुस्तकालय इत्यादि
का निर्माण कराना अपना उत्तरदायित्व
समझना चाहिए।
23. समान योग्यता व कु शलता वाले कर्मचारी व श्रमिक हों तो
स्थानीय व्यक्ति
को प्राथमिकता देनी चाहिए।
24. अच्छे एवं स्वस्थ समाज के निर्माण में किये जा रहे राष्ट्रीय
प्रयासों में
योगदान करना चाहिए।
स्वयं के प्रति
स्वामियों के प्रति
उपभोक्ताओं के प्रति
सरकार के प्रति
जहाँ तक भारतीय व्यवसायियों द्वारा सरकार के प्रति अपने
उत्तरदायित्व को
निभाने का प्रश्न है, इसमें वे एक बड़ी सीमा तक
असफल रहे हैं। व्यवसायियों
के लिए करों की चोरी, रिश्वत देकर
अधिकारियों को भ्रष्ट करना, राजनैतिक
सम्बन्धों का अपने तुच्छ
हितों हेतु दुरूपयोग करना, इत्यादि सामान्य बातें
हैं। व्यवसायी
काला बाजारी, मिलावट आदि करके विभिन्न सरकारी नियमों-
अधिनियमों का खुला उल्लंघन करते हैं।
समुदाय के प्रति
Bandey
3
Comments
R K AGRAWAL
September 29, 2018 at 11:25 AM
Reply
Unknown
November 27, 2021 at 8:40 PM
Reply
Unknown
December 19, 2021 at 9:35 PM
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