You are on page 1of 6

रा शै ि क बं धन एवं िश ण सं थान A

(सीमेट), याग
S
S
I
G
STATE INSTITUTE OF EDUCATIONAL
MANAGEMENT & TRAINING
N
(SIEMAT) M
िड लोमा इन एजुकेशनल मैनेजमट कोस E
िवषय :- िव ालय,समु दाय,िश ा िवभाग और
अ अिभकरणों की म सहयोग तथा सम य N
िवषय सम यक :- ी सरदार अहमद
T
SUBMITTED BY:
AJAY KUMAR ANURAGI
2021
(TRANIE, DEM SIEMAT, PRAYAGRAJ)
-मा यिमक िश ा म सामु दाियक सहभािगता से या समझते है ? एक िश क के नाते आप
या सहयोग एवं सम वय कर सकते है ǀ

उ र- समु दाय क अवधारणा:- िश ा म समु दाय क भू िमका को समझने से पू व समु दाय क


अवधारणा को समझना आव यक है । गसफ ड ने समु दाय श द के दो अथ बतलाए है, पहला
– भौगोिलक ि थित को दशाने के िलए जै से पडोसी, क बा, शहर इ या द तथा दूस रा - मानवीय
सं बं धो, े ीय ल ण के िबना वणन ।

समा यतः समु दाय श द का योग मानवीय सं बं धो के लाभ को समझाने के सं द भ म कया जाता
है । रोगे फ़ महोदय ने समु दाय के धारणा को इस कार से प रभािषत करने का यास करते है
क लोगो के बीच ऐसे सं बं ध िजनके पीछे समान उ े य को ा करने के िलए थािय व एवं पू ण
भागीदारी के साथ समान यास कए जाते है , समु दाियक गठन का एक अ य प प
समावे शीकरण एवं प रिचतता क धारणा पर आिधा रत है । मै क िमलन व चािवस उपरो
समु दाय क सभी अवधारणाओ को सि मिलत करके एक प रभाषा के प म तु त करने का
यास करते है िजसके अनु सार “समु दाय से अिभ ाय है सद यो म अपने प न के भावो, एक-दूस रे

सद यो के ित स मान, समू ह के ित स मान तथा दूस रे सद य क आव यकतओ के िलए


िमलकर यास करने क ितब ता होना।

िश ा म समु दाय:- िश ा म समु दाय क अवधारणा का उपयोग िविभ सं द भ म कया जाता


है िश ा म समु दाय क अवधारणा को िविभ कार से अिभ कया जातात है जै से नै ितक
समु दाय, अ ययनकतओ का समु दाय, दे ख भाल करने वाला समु दाय, यायी समु दाय, िव ालय
समु दाय तथा लोकतां ि क समु दाय इ या द । िश ा म समु दाियक गठन के दृि कोण से बड़े तर
पर स पू ण िव ालय व छोटे तर पर क ागत गितिविधयो को िलया जाता है । िश ा म समु दाय
के िविभ कारो के बावजू द वाटसन एवं ब ीि टच (2006) ने इसे छः कार के शै ि क
समु दायो म िवभािजत कया है –

I. यायी समु दाय,

II. नै ितक समु दाय,

III. अ ययनाथ समु दाय,


IV. लोकतां ि क समु दाय,
V. दे ख भाल समु दाय,
VI. सां ज य बं ध न, एवं
VII. सहयोगशील अनु शासन ।

िव ालय और क ा समु दाय के लाभ:-


वाटसन और ब ीि टच (2006) का मानना है क क ा समु दाय के मह व को इसी बात से समझा
जा सकता है क, इसके मह व के िवरोध म अभी तक कोई भावपू ण तक तु त नह कया जा
सका है । िविभ िश ािवशारद , िस ां त कार तथा शोधकता सकारा मक क ा या िव ालय
समु दाय को कड़ी के प म दे ख ते है । शै ि क क ा समु दाय और िव ालय समु दाय आधा रत
शोध दशाते है क िव ालय के िविभ तर , जै से पू व ाथिमक िव ालय, ाथिमक िव ालय,

मा यिमक िव ालय, उ तम िव ालय और महािव ालय तर पर िव ा थय पर सकारा मक


भाव डालती है । क ा समु दाय और िव ालय समु दाय पर आधा रत शोध दशाते है क शै ि क
समु दाय माडल के योग से िव ा थय क उपि थित और मृ ित म सकारा मक क ा समु दाय
और िव ालय समु दाय अकादिमक े र णा एवं उपलि ध के साथ िव ालय क वचनब ता के
ो साहन म योगदान करता है । यह दोन को अं द र समािहत कए ए है । यह अ ययन अपने
अं द र क ा समु दाय के मह वपू ण कारको को भी िनिहत कए ए है ।

सामुदाियक सहभािगता ( सहयोग एवं सम वय) म


िश क क भूिमका -

1.सामुदाियक सहयोग हेतु काय-योजना िनमाण


िव ालय बंध सिमित (SMC) के सद य िव ालय और समुदाय के बीच मुख सेतु क भूिमका िनभा
सकते ह। इसके िलए ि गत तर पर येक िव ालय को एस0एम0सी0 के सहयोग से सामुदाियक
सहयोग क काय योजना िवकिसत करनी होगी। काय योजना के संभािवत े िन वत हो सकते ह

(A) भौितक संसाधन--चहार दवारी, पंखा, फन चर, टेशनरी, पेयजल, माट बोड, शैि क |
तकनीक से संबंिधत उपकरण आ द ।
(B) मानवीय संसाधन -सामुदाियक संसाधन का क ा-क ीय एवं अ य सहशैि क याकलाप म
उपयोग।
उ िब दु के प र े य म हम अपनी सं था उपल ध भौितक/मानवीय संसाधन क उपल धता क
समी ा करने के बाद िव ालय क आव यकता का िच नांकन करना होगा। तदुपरा त उन
आव यकता का वग करण करते ए सामुदाियक सहभािगता के कार को प प से रे खां कत करते
ए समुदाय से संपक थािपत करना होगा। इस कार आव यकता के अनुसार संदभ / ोत क मदद
लेते ए काय योजना िवकिसत कर हम अपने काय को और बेहतर बना सकते ह तथा समुदाय से बेहतर
जुड़ाव थािपत कर सकते ह।

2. सामुदाियक सहभािगता क गितिविधयाँ-

1. अ यापक ारा अिभभावक से बैठक म ितभाग करने हेतु ि गत तौर पर संपक कया जाना
चािहए।
2. सम त अ यापक ारा िव ालय ब धन सिमित क मािसक बैठक म ितभाग कया जाना
चािहए - लेखपाल, ए.एन.एम. और ाम पंचायत के ितिनिध से संपक कर एस०एम०सी० क
बैठक म ितभाग करने हेतु अनुरोध कया जाय ।
3. बैठक म छा -छा ा क उपि थित पर चचा क जाय। य द छा -छा ा क उपि थित 60
ितशत से कम है तो अिभभावक के साथ िवचार-िवमश कया जाय क ब क उपि थित को
कै से बढ़ाया जाय ।
4. एस.एम.सी. क मािसक बैठक म िव ालय न आने वाले ब का िववरण तैयार कर उनके
प रवार से स पक करके यथा स भव सहायता दान कर उ ह अपने ब को िव ालय भेजने
के िलए े रत कया जाये।
5. बैठक म अिभभावक के साथ िनःशु क पा -पु तक , यूिनफॉम, जूता-मोजा, कू ल बैग एवं
वेटर िवतरण पर चचा एवं छा -छा ा को येक दन यूिनफॉम म आने के िलये े रत कया
जाये।
6. एम.डी.एम. योजना के अ तगत मीनू के अनुसार िनयिमत प से भोजन िवतरण एवं व था म
सहयोग िलया जाय।
7. िव ालय भवन के रख-रखाव एवम् साफ सफाई क व था पर चचा क जाए। थानीय तर
पर उपल ध कारीगर , संगीत, कहानी सुनाने म िनपुण अिभभावक को िव ालय म आमंि त
कर ब को जानकारी दी जाए।
8. एस0एम0सी0 क बैठक म िलये गये िनणय व कायवृि के अिभलेखीकरण को एस०एम०सी०
बैठक रिज टर म दज करते ए रे णा ऐप (PRERNAApp) पर अपलोड कया जाए।
9. िव ालय ब धन सिमित (एस०एम०सी०) के सद य ारा बैठक म िलये गये उनके िनणय
को समुदाय म सावजिनक कया जाय िजससे समुदाय के लोग भी िव ालय के ित संवेदनशील
व अपने सभी ब के शत- ितशत नामांकन, उपि थित, ठहराव एवं गुणव ायु िश ा म एक
िज मेदार नाग रक होने के नाते सहयोग दान कर। .
10. एस०एम०सी० के काय एवं उनके उ रदािय व के बोध एवं सभी समुदाय के लोग को
जाग क करने के िलए जनपहल रे िडयो काय म क शु आत क गयी है। यह काय म समुदाय
को इस बात के िलए े रत करता है क एस0एम0सी0 के सद य एवं अिभभावक कै से अपने
काय और उ रदािय व का िनवहन करगे।

िन कष :-
िश ा म समु दाय क अवधारणा के सै ां ितक आधार प के अ ययन से यह बात पू री तरह से
प हो जाती है क शै ि क या म सामु दाियकता क भावना का िवकास अ यं त भावकारी
िस होती है । ज हाँ एक ओर समु दाियकता क भावना िव ाथ म िव ालय एवं क ा म
अपन व क अनु भू ित का एहसास उ प करती है, वह दूस री तरफ वह िव ाथ के

वाभािवक गु ण के िवकास क र तार को बढ़ा दे ती है । समु दाियकता क भावना ना के वल


िव ालयी व था म िव ाथ को सामं ज य थािपत करने का सु अ वसर दान करती है , अिपतु
भावी सामािजक भू िमका के िलए भी तै यार करती है । यह कहना कदािचत गलत नह होगा क
िव ालयी समु दाय एवं क ा समु दाय क भावना ल कताि क मू य के िवकास म अभू त पू व
भू िमका का िनवाह कर सकती है। साथ ही साथ यह हमारी िव ालयी व था म िव ा थय के
अनु कू ल वातावरण का िवकास करता है ।
स दभ-

1-आधारिशला िश क ह तपु ि तका (उ. .)

2- shodhganga.inflibnet.ac.in

3. www.ncert.nic.in

4. nios.ac.in

5. edudel.nic.in

6.. bhojvirtualuniversity.com

अजय कुमार अनुरागी (स.अ.)

एस.पी.आई.इ र कॉलेज,झाँसी

मो. 8707424046

You might also like