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महोदय यह भी विचार किया गया है कि जो

व्यवि समाज में िाम िरता है चाहे


आविष्िार िा िाम िरे चाहे दस
ू रा िोई िाम
िरे उसिो उस िाम में तब ति सफलता नही
ममल सिती है जब ति कि समाज िा
सहयोग या समाज ने जो पररश्रम किया है या
िुछ आविष्िार किया है उसिा उपयोग उसिो
प्राप्त न हो उसिा उपयोग िह न िर सिे
इसमलए जब भी िोई व्यवि किसी िस्तु िा
आविष्िार िरता है तो आविष्िार िरने में न
िेिल उसिा अपना पररश्रम रहता है लेकिन
साथ ही साथ समाज ने जो िाम किया होता
है चाहे विज्ञान िे क्षेत्र में या प्रोधोमगकि िे
क्षेत्र में या किसी अन्य क्षेत्र में उस सबसे भी
िह लाभाहान्न्ित होता इसमलए जब हम किसी
आविष्िारि िे किसी आविष्िाि िे अमधिार
िी रक्षा िरना चाहते है तो उसिा साथ-साथ
यह भी विचार हमारे कदमाग में आता है न्जस
व्यवि ने समाज कि सहायता से आविष्िार
किया है उस समाज िो भी उसिा फल
अमधि से अमधि ममलना चाकहए माननीय
मंत्री जी ने भी िहा है कि पैटेन्ट ला इस
मसधदांत पर आधाररत होना चाकहए

में समझता हूूँ िी पैटेन्ट ला िे पीछे दो


मसधदांत मनन्ित है पहला मसधदांत तो यह है
कि जो व्यवि पररश्रम िरिे धन लगािर
अपना कदमाग लगािर िे किसी िस्तु िा
आविष्िार िरता है उसिे तथा अपना पररिार
िे लोगों िे अमधिारों िी जहाूँ रक्षा होनी
चाकहए उसिे साथ ही साथ जैसा मैने अभी
िहा है िोई व्यवि समाज में व्यथथ में िाम
नही िरता है िरन वपछले समाज िे लोगों ने
जो-जो िाम किए होते हैं चाहे विज्ञान िे क्षेत्र
में या प्राधोमगकि िे क्षेत्र में या किसी अन्य
क्षेत्र में और न्जनिे आधार पर िह िोई
आविष्िार िरता है उसिो उसिा प्रमत फल
तो ममले लेकिन जो पररणाम हो उसिा
प्रमतफल समाज िो भी ममलना चाकहए मंत्री
महोदय ने िहा है कि जो यह मसधदांत है िह
भी इस विधेयि िे पीछे स्थावपत किया गया
है और इस बात िा धयान रखा गया है कि
जहाूँ हम किसी व्यवि िे आविष्िार िे जो
अमधिार हैं चाहे धन िे उपाजथन िा अमधिार
हो या प्रमतष्ठा प्राप्त िरने िा अमधिार हो उसे
प्रमतष्ठा िा और चाहे धन िा दोनो िा लाभ
व्यवि विशेष िो भी ममले ।

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