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The Aditya Birla Public School Grasim Vihar, Rawan, Balodabazar 493196

(An ISO 9001:2015 Certified School)


CLASS: VIII SUB: HINDI प्रश्नोत्तर No. of printed pages:०1
पाठ -10 “एक स्वप्न साकार हुआ: अमर ज्योति”
मौखिक
प्रश्न 1 – किस घटना ने डॉ. उमा तु ली िो ‘अमर ज्योकत’ आरं भ िरने िी प्रेरणा दी ?
उत्तर – कििलां गों िे प्रकत लोगों िे अजीब दृकििोंण और व्यिहार िो दे खिर डॉ. उमा तुली िे मन में ‘अमर ज्योकत’ संस्था
आरं भ िरने िी प्रेरणा जगी |
प्रश्न 2- ‘अमर ज्योकत’ िे िाययिताय क्या िायय िरते हैं ?
उत्तर – अमर ज्योकत िे िाययिताय समाज िे कनचले िगों से संपिय िरते हैं और उन्हें अपनी संस्था िे बारे में बतािर प्रेररत
िरते हैं |
प्रश्न 3- इस संस्था में बच्ों िो आत्मकनभयर होने िे कलए िौन-िौन से िायय कसखाए जाते हैं ?
उत्तर – इस संस्था में बच्ों िो िंम्प्यूटर टर े कनंग, इ लकनिंग, स्पोिन इं ग्लिश, गहने बनाना, बेिरी, कबजली िा िाम, जूट-बैग
बनाना आकद िाम कसखाए जाते थे |
प्रश्न 4- समाज िा इन बच्ों िे प्रकत क्या ित्तय व्य है ?
उत्तर- जब ये बच्े समाज िी मुख्य धारा से जुड़ें तो इनिो अपनाना समाज अपना ित्तयव्य समझे |
तिखिि
प्रश्न 5 – डॉ. उमा तु ली ने िब और किस रूप में िायय आरं भ किया?
उत्तर – सन् 1981 में डॉ. तु ली ने एि पेड़ िे नीचे 30 बच्ों िे साथ यह संस्था आरं भ िी जहााँ बच्ों िो कशक्षा और रोजगार
कसखाए गए |
प्रश्न 6 – ‘अमर ज्योकत’ िे बच्ों िो मुख्यधारा से जुड़ने में िकिनाई क्यों नहीं होती?
उत्तर – इस संस्था में सक्षम बच्ों िे साथ रहते हुए अक्षम बच्े खुद िो समाज में स्थाकपत िरना सीख लेते हैं कजससे इन्हें
मुख्यधारा से जुड़ने में िकिनाई नहीं होती |
प्रश्न 8 – कशक्षिों िो इस तरह िे बच्ों िो पढ़ाने में िोई िकिनाई नहीं होती ?’ इस प्रश्न िा डॉ. तु ली ने क्या उत्तर कदया?
उत्तर- डॉ. तुली ने उत्तर कदया कि इस सं स्था िे कशक्षिों िो प्रकशक्षण इस तरह से कदया जाता है कि िि छात्ों िी क्षमता,
योग्यता और रूकच िे साथ उनिो प्रकशकक्षत िरते हैं |
(प्रश्नोत्तर याद िरिे अपनी नोट बुि में कलखें )
बहुकििल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1- घायल हुए भाई िा इलाज िराते समय डॉ. तुली िे मन में क्या किचार उिा?
उत्तर- कििलां गों िे कलए िुछ किया जाना चाकहए |
प्रश्न 2- सामान्य बच्ो िे साथ पढ़ने से किशेष बच्ों िो क्या लाभ होता है ?
उत्तर- समाज में स्थाकपत होना सरल हो जाता है |
प्रश्न 3- इन बच्ों िे कलए डॉ. तुली िी समाज से क्या अपेक्षा है ?
उत्तर- इन्हें मुख्यधारा से जोड़ना अपना ित्तयव्य समझें |
प्रश्न 4- 26 जनिरी 1995 िा कदन ‘अमर ज्योकत’ िे कलए महत्वपूणय क्यों है ?
उत्तर- ‘अमर ज्योकत’ िे बच्ों ने 26 जनिरी िी परे ड में भाग कलया था |
शब्दार्थ – (1) आत्मतिश्वास – अपनी शखि, योग्यिा पर भरोसा (2) मूतिथमान - साकार (3) समतपथि –
समपथण तकया हुआ (4) तनष्ठािान – तनष्ठा रिनेिािा (5) समन्वय – संयोग या मेि (6) आतिथ्य – अतितर्-सत्कार
(7) सजग – सािधान (8) दृतिकोंण – दे िने , सोचने-तिचारने का पहिू (9) तिचारमंर्न - तकसी तिषय पर चचाथ
(10) साकार- मूिथ, कायथ-रूप (11) जातनबे- िरफ, तदशा (12) कारिााँ – सार् दे ने िािे आिे / जुड़िे गए (13)
प्रतितष्ठि – सम्मातनि, इज्जिदार (14) प्रेररि- तकसी कायथ को करने के तिए उत्सातहि करना (15) अतभभािकों-
संरक्षक (16) रुझान- झुकाि (17) गतितितधयों- तिया-किाप (18) तिषम – प्रतिकूि
Sub.Teacher- Jay Shankar Shukla Date- 04/10/202

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