You are on page 1of 51

वसाय-नी त

ावसाय-नी त ( बजनेस ए थ स या कारपोरेट


ए थ स) नै तकता का वह प है, जो कारोबारी माहौल
म पैदा हए नै तक स ांत और नै तक सम या क
जांच करता रहता है और उनके स दभ म कुछ
मानद ड क थापना करता है। यह वसाय के
आचरण से जुड़े सभी पहलु पर लागू होता है और यह
य और ापार संगठन के आचरण पर सम
प से ासं गक है। ावहा रक आचार नी त एक ऐसा
े है जसका स बंध कई े म पैदा ए नै तक
सवाल से है जैसे च क सीय, तकनीक , कानूनी और
ावसा यक नै तकता।

२१व सद म तेजी से अंतरा मा क त बाजार के बढ़ने


के बाद और अ धक नै तक वसाय या और
कारवाई ( जसे नै तकतावाद कहते ह) क मांग
बढ़ .[1]इसके साथ ही साथ, उ ोग पर यह दबाव पड़ा
क वह नए सावज नक पहल और कानून के ज रये
वसा यक आचार नी त का वकास करे (उदाहरण के
तौर पर अ धक उ च-उ सजन वाहन पर अ धक टे न
का सड़क कर).[2]कारोबार म अ सर अनै तक तरीके
अपनाकर अ पका लक लाभ ा त कये जा सकते ह,
ले कन इस तरह के वहार आगे चलकर अथ व था
को कमजोर करते ह।
ावसा यक नै तकता ामा णक और वणना मक
अनुशासन दोन कार क हो सकती है। एक कंपनी के
कामकाज म और पेशेगत वशेष ता के स बंध म यह
े मु य प से ामा णक है। श ा म वणना मक
कोण को भी थान दया जा रहा है। ावसा यक
नै तकता के मु क मा ा और सीमा इस बात से
द शत होती है क वसाय म क थत तौर पर बाधक
माने जाने वाले गैर-आ थक सामा जक मू य को वह
कस हद तक अपनाता है। ऐ तहा सक तौर पर
ावसा यक नै तकता के त झान नाटक य प से
1980 और 1990 के दशक म मुख क प नय और
श ा वद दोन के बीच बढ़ा.उदाहरण के लए, आज
क यादातर मुख कंप नय क वेबसाइट व भ
हेडलाइ स के साथ गैर-आ थक, सामा जक मू य के
त वचनब ता पर जोर दे रही ह (जैसे आचार सं हता,
सामा जक दा य व घोषणाप ). कुछ मामल म,
क प नयां अपने बु नयाद मू य को ावसा यक
नै तकता क सफा रश के आलोक म प रभा षत करती
ह (जैसे BPका "पे ो लयम से परे" जो पयावरण के त
झुकाव को दशाता है).

वसाय म नै तकता के मु का
अवलोकन
सामा य ापार नी तशा

ावसा यक नै तकता को कारोबार के दशन के साथ


इस कार पर पर मला दे ना क वह कंपनी के
मूलभूत उ े य के नधारण म एक हो.य द कसी
कंपनी का मु य उ े य अपने शेयरधारक को
अ धकतम लाभ दे ना है, तो यह कंपनी के लए
अनै तक होगा क वह कसी और के हत और
अ धकार के बारे म सोचे।[3]
कॉप रेट सामा जक ज मेदारी या CSR: एक ऐसा
साझा तं है जसम कंप नय और समाज के नै तक
अ धकार और कत पर बहस जारी है।
कंपनी और उसके अंशधारक के नै तक अ धकार
और कत के मु े ः ययी ज मेदारी, हतधारक
अवधारणा, शेयरधारक अवधारणा.
व भ कंप नय के बीच आचार संब धी मु े : उदा.
श ुतापूण टे कओवर, औ ो गक जासूसी.
नेतृ व के मु े : कंपनी शासन.
कंप नय क ओर से राजनी तक योगदान.
कानूनी सुधार, मसलन कॉप रेट ह या जैसे अपराध
पर नै तक बहस क शु आत.
वपणन उपकरण के प म कॉप रेट आचार नी तय
का पयोग.
इ ह भी दे ख: कॉप रेट पयोग, कॉप रेट अपराध.

लेखांकन जानकारी का नी तशा

रचना मक लेखांकन, आय बंधन, ामक व ीय


व ेषण.
इनसाइडर े डग, तभू तय म धोखाधड़ी, बकेट
शा स, वदे शी मु ा घोटालेः व ीय बाजार म
हराफेरी के अपराध.
कायकारी मुआवजा: त ान म कंपनी के सीईओ
और शीष बंधन ारा कया गया अ य धक
भुगतान.
र त, दलाली, सु वधा भुगतान :जब क यह सब
कंपनी और उसके अंशधारक के हत को
अ पका लक फायदा ही प ंचा सकते ह, यह
प तयां गैर- त पध या समाज के मू य के
खलाफ ह।

मुकदमे: लेखांकन घोटाले, एनरॉन, व डकॉम

मानव संसाधन बंधन का नी तशा

मानव संसाधन बंधन (HRM) म आचार के वह मु े


आते ह, जो नयो ा और कमचारी के बीच के स बंध से
जुड़े होते ह, जैसे नयो ा और कमचारी के अ धकार
और कत .
भेदभाव के मु े जसम उ (ए ज म), लग, जा त,
धम, वकलांगता, वजन और आकषकता के आधार
पर भेदभाव शा मल है। इ ह भी दे ख: सकारा मक
कारवाई, यौन उ पीड़न.

नयो ा और कमचा रय के बीच संबंध के


परंपरागत कोण से उ प होने वाले मु े , ज ह
एट- वल ए लायमट के प म जाना जाता है।
कमचा रय का त न ध व और काय थल के
लोकतं ीकरण से स बं धत मु े : संगठन का
पदाफाश, हड़ताल तोड़ना.
कमचारी क गोपनीयता को भा वत करने वाले मु े ः
काय थल क नगरानी, नशा परी ण.इ ह भी दे ख:
गोपनीयता.
नयो ा क गोपनीयता भा वत करने वाले मु े :
अफवाह फैलाना.
रोजगार अनुबंध क न प ता से संबं धत मु े तथा
नयो ा और कमचारी के बीच श संतुलन:
गुलामी,[4] अनुबं धत दासता क हालत, रोजगार
कानून.
ावसा यक सुर ा और वा य

सब के सब से बढ़कर यह कमचा रय को मनचाहे ढं ग से


काम पर रखने और उ ह नकालने से स बं धत है। एक
कमचारी या भावी कमचारी को मनचाहे ढं ग से जा त,
उ , लग, धम अथवा ऐसे कसी अ य आधार पर
मनचाहे ढं ग से काम पर रखा और नकाला नह जा
सकता.
ब और वपणन का नी तशा

वपणन, जो उ पाद के स बंध म सूचना मा के ावधान


(और प ंच) के पार ही नह चला गया है, ब क वह
हमारे मू य और वहार तक म हेरफेर कर रहा है।
कुछ हद तक समाज इसे वीकाय मानता है, ले कन
नै तकता क रेखा कहां ख ची जा सकती है? वपणन
क नै तकता मी डया क नै तकता के साथ ढ़ता से
मल गयी है, य क वपणन मी डया का ापक तौर
पर उपयोग करता है। हालां क, मी डया क नै तकता
एक ब त बड़ा वषय है और ावसा यक नै तकता के
बाहर उसका व तार है।
मू य नधारण: मू य नधा रत करना, मू य म
भेदभाव, मू य म उतारचढ़ाव.
गैर- त पध वहार: ल य क ा त के लए मू य
नधारण क रणनी त से परे जाकर वफादारी और
आपू त शृंखला म हेरफेर करना भी इनम शा मल है।
दे ख: गैर- त पध वहार, व ासघात कानून
वश वपणन रणनी तयां: ी वाश, चारा और
वच, शील, वायरल वपणन, पैम (इले ॉ नक),
परा मड योजना, अ च लत योजना.
व ापन क साम ी: आ ामक व ापन, अचेतन
संदेश, से स स बंधी व ापन, ऐसे उ पाद, जो
अनै तक या हा नकारक माने जाते ह।
ब चे और वपणन: कूल म वपणन.
काला बाजार, े माकट् स
इ ह भी दे ख: मेमे पेस, चार, व ापन क तकनीक,
झूठे व ापन, व ापन व नयमन

मुकदमे: बेने ोन.

उ पादन का नी तशा

ावसा यक नै तकता के इस े का संबंध कंपनी के


उन कत से है जसम यह सु न त कया जाता है क
उ पाद और उ पादन या नुकसानदे ह नह है। इस
े क कुछ ती वधा का एक सच यह है क
आमतौर पर कसी भी उ पाद या उ पादन या म
खतरे क हद पार होने का जो खम होता है और उसक
वीकायता क सीमा को प रभा षत करना मु कल
होता है अथवा वीकायता का तर नवारक
ौ ो ग कय क बदलती थ त पर नभर होता है या
वीकाय जो खम सामा जक कोण के बदलाव पर.

दोषपूण, नशायु और वाभा वक खतरनाक


उ पाद और सेवा (त बाकू, शराब, ह थयार, मोटर
वाहन, रसायन नमाण जैस,े बंजी जं पग).
कंपनी और पयावरण के बीच नै तक स बंध: षण,
पयावरण नै तकता, काबन उ सजन ापार
नयी ौ ो ग कय से उ प नै तक सम याएं:
आनुवां शक प से संशो धत खा , मोबाइल फोन
का व करण और वा य.
उ पाद परी ण नै तकता: पशु के अ धकार और
पशु परी ण, आ थक प से वं चत समूह (जैसे
छा ) का परी ण क व तु के प म इ तेमाल.

इ ह भी दे ख: उ पाद दा य व

मामले: फोड पटो घोटाला, भोपाल घटना, एसबे टोस


/ एसबे टोस और कानून, अमरीक मूंगफली दाना
नगम.

बौ क संपदा, ान और कौशल का
नी तशा

ान और कौशल मू यवान ह ले कन उसका ' वा म व'


व तु क तरह आसानी से तय नह कया जा
सकता.न ही यह प कया जा सकता है क कसी एक
वचार पर कसका अ धक अ धकार है, कंपनी जसने
कमचारी को श त कया है या वयं कमचारी
का.उस दे श का जसम पौधे पनपे, या कंपनी, जसने
औषधीय पौधे क मता क खोज क और वक सत
कया? प रणाम व प, वा म व क दावेदारी और उस
पर मतभेद को लेकर नै तक ववाद पैदा होते ह।

पेटट उ लंघन, कॉपीराइट का उ लंघन, े डमाक


उ लंघन.
तयो गता म पछाड़ने के लए बौ क संपदा
णा लय के पयोग: पेटट पयोग, कॉपीराइट
का पयोग, पेटट म टालमटोल, पनडु बी पेटट.
यहां तक क वयं बौ क संपदा क अवधारणा क
ही नै तक आधार पर आलोचना क गयी है: दे ख
बौ क संपदा.
ए लाई राइ डग: मुख कमचा रय को तयो गता
से परे अनु चत लाभ दे कर उनके ान या कौशल का
लाभ उठाना.
बना कसी आव यकता के भी सभी तभाशाली
लोग को एक े वशेष म लगा दे ने क वृ
ता क कोई और तयोगी उ ह काम पर न रख ले.
बओ ो पे टं ग (नै तक) और बयोपायरेसी
(अनै तक).
ापार आसूचना और औ ो गक जासूसी.

मुकदमे: नजी बनाम जन हत म जीनोम प रयोजना

नै तकता और ौ ो गक कं यूटर और व ापी


वेब बीसव सद के दो सबसे मह वपूण आ व कार ह।
 कई नै तक मु े ह, जो इस तकनीक से पैदा ए ह।
जानकारी तक प ंच अब आसान हो गयी है। इसके
कारण आंकड़ क खोज, काय थल क नगरानी और
गोपनीयता का अ त मण संभव हो गया है।[5]

च क सा ौ ो गक म पया त सुधार आ है। दवा


कंप नय ने इस तकनीक से जीवन र क दवा का
उ पादन कया है। यह दवाएं पेटट ारा संर त ह तथा
और कोई सामा य दवाएं उपल ध नह ह। यह कई
नै तक सवाल उठाए.

अंतरा ीय ापार नै तकता और


आ थक णाली क नै तकता
यहां मु े एक साथ समूहीकृत हो जाते ह य क इसम
ापार नै तकता के मु पर ब त ापक वै क
कोण शा मल हो जाते ह।

अंतरा ीय ापार नी तशा

य द हम पीछे पलट कर स ब दशक के अंतरा ीय


वकास म को दे ख, ापार नै तकता 1970 के दशक
म एक े के प म उभरी, अंतरा ीय ापार
नै तकता 1990 के दशक तक सामने नह आयी
थी।[6] ापार के अंतरा ीय संदभ म कई नये
ावहा रक मु े उभर कर सामने आये.इस े म
सै ां तक मु े , जैसे सं कृ त से जुड़े नै तक अंतरा ीय
ापार लेनदे न से उ प नै तक मु े ; उदा. दवा उ ोग म
जै वकता क खोज और जै वकता क चोरी, न प
ापार संचार; ह तांतरण मू य.

भूमंडलीकरण और सां कृ तक सा ा यवाद जैसे


मु े .
वै क मानक म अ तर-उदा. बाल म का उपयोग.
ब रा ीय कंप नय के अंतरा ीय अ तर का लाभ
लेने के तरीके, जैसे उ पादन (उदा.कपड़े) और सेवाएं
(उदा. कॉल सटर) कम मज री वाले दे श से
आउटसो सग कराना.
तबं धत रा य के साथ अंतरा ीय वा ण य
वीकायता.

वदे शी दे श अ सर एक तयोगी खतरे के प म डं पग


का उपयोग करते ह और उ पाद क ब उनक
सामा य क मत से कम पर करते ह। यह घरेलू बाजार म
सम याएं पैदा कर सकता है। इससे इन बाजार म
वदे शी बाजार ारा नधा रत मू य से त पधा करना
मु कल हो जाता है। 2009 म अंतरा ीय ापार
आयोग ने डं पग वरोधी कानून पर शोध शु कया है।
डं पग को अ सर एक नै तक मु े के प म दे खा जाता
है और बड़ी कंप नयां आ थक से कम उ त
कंप नय से लाभ ले रही ह।

आ थक णाली का नी तशा

इस े क प रभाषा अभी अ प है और शायद यह


उसका ह सा भी नह है क तु यह केवल ावसा यक
नै तकता से स बं धत है,[7] जहां ावसा यक नै तकता
राजनी तक अथ व था और राजनी तक दशन को
भा वत करती है और आ थक लाभ के वतरण के लए
वभ णा लय म सही-गलत का नधारण करती है।
इसम जॉन राव स और रॉबट नो ज़ क दोन का
उ लेखनीय योगदान ह।

वसा यक नै तकता म सै ां तक मु े
पर पर वरोधी हत

ावसा यक नै तकता क जांच व भ प र े य म क


जा सकती है जसम कमचारी के प र े य, ावसा यक
उ म और पूरे समाज को भी शा मल कया जा सकता
है। अ सर ऐसी थ त पैदा हो जाती है जसम एक या
उससे अ धक पा टयां म हतपोषण को लेकर संघष
होता है और एक के कारण सरे क त होती है।
उदाहरण के लए, एक वशेष प रणाम कमचारी के लए
अ छा हो सकता है जब क वह कंपनी व समाज अथवा
दोन के लए बुरा हो.कुछ नै तकताएं (जैस,े हेनरी
स व क) नै तकता के े म मु य भू मका का नवाह
करती ई पर पर वरोधी हत के बीच सामंज य
था पत कर उनका समाधान तुत करती ह।

नै तक मु े और कोण

दाश नक और अ य लोग समाज म ापा रक नै तकता


के उ े य से सहमत नह ह। उदाहरण के लए, कुछ
लोग का सुझाव है क वसाय का मुख उ े य अपने
मा लक अथवा सावज नक ापार कंपनी म अपने
शेयरधारक को अ धकतम लाभ दे ना होता है। इस
कार, इस नज रये के तहत केवल उन ग त व धय म
वृ क जानी चा हए जो लाभ दता और शेयरधारक
के मू य को ो सा हत करे य क कोई भी अ य काय
लाभ पर कर क तरह होगा.कुछ का मानना है क केवल
उ ह कंप नय म एक त पध बाजार म टके रहने क
संभावना है, जो सबसे बढ़कर लाभ म वृ को सव प र
मानती ह। हालां क कुछ का कहना है क वसाय म
कानून को मानने और बु नयाद नै तक नयम का
पालन करने म वयं क च होनी चा हए य क ऐसा
नह करने पर जुमाना भरने, त ा म कमी आने और
कंपनी क साख घटने जैसे प रणाम भुगतने पड़ते ह।
यात अथशा ी म टन डमैन इस कोण के
एक मुख समथक थे।

कुछ का ख यह है क संगठन म नै तक एजसी बनने


क का ब लयत नह होती.उनके अनुसार के
आचरण म नै तकता होनी चा हए ना क वसाय या
कंपनी म.

अ य स ांतकार का तक है क एक वसाय का
नै तक कत है क वह अपने मा लक या टाकहो डस
के हत क सेवा तक ही अपने को सी मत न रखे और
वह सफ कानून का पालन ही न करे.उनका मानना है
क एक वसाय क नै तक ज मेदा रयां अपने
तथाक थत हतधारक , वसाय के संचालन म
दलच पी रखने वाले य , इसम कमचा रय को भी
शा मल कया जा सकता है, ाहक , व े ता , थानीय
समुदाय या पूरे समाज के त होती है। हतधारक को
भी ाथ मक और मा य मक हतधारक म बांटा जा
सकता है। ाथ मक हतधारक वह लोग ह, जो सीधे
टाकहो डस को भा वत करते ह जब क, मा य मक
हतधारक वह लोग ह, जो सीधे भा वत नह होते, जैसे
सरकार.उनका कहना है क हतधारक के पास
वसाय संचालन के संबंध म कुछ अ धकार होते ह
वह कुछ और का मानना है क उनके पास शासन का
भी अ धकार है।

कुछ स ांतकार ने सामा जक अनुबंध स ांत को


ापार के लए भी अपनाया है, जसके तहत कंप नयां
अध लोकतां क संगठन हो जाती ह और कमचारी और
अ य हतधारक कंपनी के संचालन म अपना योगदान
दे ते ह।राजनी तक दशन म अनुबंध के स ांत का
पुन ार अपने ख के कारण आगे चलकर वशेष तौर
पर लोक य आ, उसम एक बड़ा योगदान जॉन
रावे स क 'ए योरी औफ ज टस ' का रहा और
ावसा यक सम या को सुलझाने म अंतरा मा पर
आधा रत कोण के आगमन के कारण एक "गुणव ा
आंदोलन" 1980 के दशक म उभरा. ोफेसर थॉमस
डोना डसन और थॉमस डंफ ने वसाय के लए
अनुबंध के स ांत का एक सं करण ताव दया, जसे
उ ह ने एक कृत सामा जक सं वदा स ांत नाम दया.
उ ह ने तपा दत है कया क पर पर वरोधी हत को
सुलझाने का सबसे अ छा तरीका दोन प के बीच
एक न प समझौता है, जसम इन बात का सम वय
होना चा हए i) सामा य स ांत, जसके ापक
स ांत होने पर सभी बौ क सहमत ह और ii)
सामा य स ांत को वा त वक समझौत ारा इ छु क
पा टय के बीच सू ब करना.आलोचक का कहना है
क अनुबंध स ांत के समथक एक क य मु े को भूल
जाते ह, वह यह क एक वसाय कसी क संप है,
कोई एक छोटा रा य या सामा जक याय वतरण का
के नह .
नै तक मु े तब खड़े होते ह जब कंप नयां कानूनी या
सां कृ तक मामल म पर पर वरोधी मानक अपनाती ह,
जैसा क ब रा ीय कंप नयां व भ दे श म अलग-
अलग तरीक से काम करती ह। उदाहरण के लए यह
सवाल उठता है क एक कंपनी को अपने दे श के कानून
का पालन करना चा हए या उस वकासशील दे श के
कानून का, जहां वह काम करती है तथा जहां उसे कम
कड़े कानून का पालन करना होगा? प करने के लए
यह उदाहरण ल क संयु रा य अमरीका का कानून
र त दे ने के मामले म कंप नय को व जत कर दे ता है
चाहे वह दे श क कंपनी हो या वदे शी ले कन नया के
अ य भाग म र त ापार करने का वीकाय
परंपरागत रा ता है। इसी कार क सम याएं बाल
मक , कमचारी क सुर ा, काम के घंटे, मज री,
भेदभाव और पयावरण संर ण कानून के पालन को
लेकर पैदा होती ह।

कभी-कभी यह दावा कया जाता है क नै तकता


स बंधी ेशम का कानून लागू तो होता है मगर अ छे
नै तक आचार को बुरा नै तक आचार चलन से बाहर
कर दे ता है। यह दावा कया जाता है क एक त पध
कारोबारी माहौल म लोग उ ह कंप नय को जी वत
समझते ह जनक भू मका अ धकतम लाभ अ जत
करने क रहती है।

े म ावसा यक नै तकता
कॉरप रेट नै तकता क नी तयां
अ धक ापक अनुपालन और नै तकता काय म के
प म कई कंप नय ने आंत रक मामल म कमचा रय
के नै तक आचरण से संबं धत नी तयां तैयार क ह। यह
नी तय बोड म सामा य स बोधन के प म हो सकती ह
ज ह अ यंत सामा यीकृत भाषा म तुत कया जाता
है (आमतौर पर इसे ावसा यक नै तकता का बयान
कहा जाता है), अथवा यह व तृत नी तयां भी हो सकती
ह, जो वशेष ावाह रक आव यकता हो (आमतौर
पर कॉप रेट नै तकता कोड कहा जाता है). वे आमतौर
पर मक क कंपनी क उ मीद को पहचानने के लए
और ापार करने म पेश आ रही कुछ अथवा अ धक
नै तक सम या को हल करने म मागदशन दे ने के लए
होती ह। आशा क जाती है क ऐसी नी त के कारण
ापक नै तक जाग कता पैदा होगी, उनके उपयोग म
थरता आयेगी और नै तक आपदा से र रहने म
मदद मलेगी.
कंप नय क बढ़ती सं या के साथ-साथ कमचा रय क
भी आव यकता है जो कारोबार संचालन से स बं धत
से मनार म ह सा ल, जसम अ सर कंपनी क नी तय ,
वशेष मामले का अ ययन और कानूनी आव यकता
क चचा होती है। कुछ कंप नयां यहां तक चाहती ह क
उनके कमचारी इस बात के करार पर ह ता र कर क
वे कंपनी के आचार स बंधी नयम का पालन करगे.

कई कंप नयां पयावरणीय कारक का आकलन करती ह


जो कमचा रय को अनै तक आचरण म संल न कर
सकते ह। एक त पध कारोबारी माहौल अनै तक
आचरण के लए े रत कर सकता है। झूठ बोलने क
उ मीद ापार जैसे े म क जा सकती है। इसका
एक उदाहरण सलोमन दस के आसपास के अनै तक
काय का हो सकता है।

हर कोई कंपनी क नी तय का समथन करता है, जससे


नै तक आचरण संचा लत होता है। कुछ का दावा है क
नै तक सम या का बेहतर आधार कमचा रय को
अपने फैसले का उपयोग करने दे ना हो सकता है।

अ य लोग का व ास है क कॉरप रेट नै तकता क


नी तयां मु य प से उपयोगी चता म न हत ह और
वे मु य प से कंपनी के कानूनी दा य व ह या एक
भला कॉरप रेट नाग रक बनकर उसका दखावा कर
सावज नक समथन पाया जा सकता है। आदश पम
कंपनी एक मुकदमे से बचना चाहेगी य क उसके
कमचारी नयम का पालन करगे. य द कोई मुकदमा हो
जाये तो कंपनी दावा कर सकती है क यह सम या पैदा
ही नह होती अगर कमचारी ठ क से केवल कोड भी का
पालन करते.

कभी-कभी कंपनी क नै तकता के कोड का स बंध


कंपनी क वा त वक था से टू ट जाता है। इस कार,
इस तरह का आचरण बंधन ारा प तौर पर
अपनाया जाता है, जसका बुरा नतीज़ा यह नकलता है
क इससे धोखा दे ने वाली नी तयां बनती ह, जब क यह
एक सबसे अ छा वपणन उपकरण है।

यादातर नी तकार सफल होने के लए एक आचार


नी त का सुझाव दे ते ह, जो इस कार हो:
शीष बंधन को मौ खक और उदाहरण के ज रये
प समथन दे ना.
मौ खक और ल खत प म ढ़ता के साथ
आव धक सु ढ करण प करना.
काया वत होने यो य.... कुछ कमचा रय को
समझना और उ ह काय द शत करने दे ना.
अनुपानल और सुधार के लए शीष बंधन क
नय मत नगरानी म रहना.
अव ा के मामले म प प से प रणाम बताकर
समथन करना.
प पातर हत और अ व मान रहना.

आचार अ धकारी
आचार अ धका रय (कभी-कभी "अनुपालन" या
" ावसा यक संचालन अ धकारी" भी कहा जाता) क
संगठन ारा औपचा रक प से नयु 1980 के
दशक के म य म क गयी। इस नयी भू मका एक
उ ेरक वह धोखाधड़ी, ाचार और पयोग से जुड़े
घोटाल क एक शृंखला है जससे त कालीन समय म
अमरीका का र ा उ ोग पी ड़त था। इसके कारण र ा
उ ोग पहल (DII) का गठन आ, जो सभी उ ोग म
नै तक वसाय था को बढ़ावा दे ने और उ ह
सु न त करने क पहल थी।DII ने आर भ म कंप नय
के लए नै तकता बंधन के मानक तय कये.1991 म
नी तशा एवं अनुपालन अ धकारी एसो सएशन
(ECOA) - मूलतः नी तशा अ धकारी संघ (EOA) -
क थापना वसाय नी तशा के (बटले कॉलेज,
वा थम, MA) म बंधन के लए ज मेदार लोग के
लए एक पेशेवर संगठन के प म था पत कया गया
था ता क वे नै तक सव म था को जान
सक.सद यता तेजी से बढ़ (अब ECOA के 1,100 से
अ धक सद य ह) और उसे ज द ही एक वतं संगठन
के प म था पत कया गया।

कंप नय के लए एक अ य मह वपूण काय नै तकता/


अनुपालन अ धकारी क नयु करने का फैसला था,
जसके लए संगठन के लए संघीय दं ड दशा नदश
1991 क मंजूरी आव यक थी, जो उस त ान के
लए मानक तय करता था (बड़ा या लघु, वा ण यक
अथवा गैर-वा ण यक) तथा जसके पास संघीय
अपराध का दोषी पाये जाने पर सजा म छू ट के लए
आवेदन करना पड़ता था। हालां क सजा दे ने म
यायाधीश क सहायता करने और अपने भाव से
सव म था क थापना करने म मदद करने के
मह वपूण नतीजे पानेवाला रहा.

2001-04 के बीच कई कंप नय के घोटाल के म े नज़र


(एनरॉन, व डकॉम और ट को जैसी बड़ी कपं नय को
भा वत कया), यहां तक क छोटे और म यम आकार
क कंप नय ने नै तकता अ धका रय क नयु शु
कर द .वे अ सर मु य कायकारी अ धकारी को रपोट
करते ह और कंपनी क ग त व धय के नै तक भाव
का आकलन करने के लए ज मेदार ह, वे कंपनी क
नै तक नी तय के बारे म अनुशंसा करते ह और
कमचा रय को उसक सूचना दान करते ह। वे वशेष
प से अनै तक और अवैध काय को उजागर करने या
उन काय को रोकने म च रखते ह। इस वृ
आं शक प से संयु रा य अमरीका के सबनेस-
ओ सले अ ध नयम के कारण है, जो इन घोटाल क
त या म लागू कया गया। इसी कार इस वृ से
जुडे़ एक और मामले म जो खम मू यांकन अ धका रय
क नयु क शु आत क गयी, जो इस बात क
नगरानी करता है क कैसे शेयरधारक का नवेश कंपनी
के फैसले से भा वत हो सकता है।

बाजार म नै तक अ धका रय का भाव प नह है।


य द नयु मु य प से कानूनी आव यकता क
एक त या के प म क जाती है तो यह वीकार
कर लेना चा हए क उसका भाव यूनतम होगा, कम से
कम, अ पाव ध के लए. सं ेप म नै तक वसाय के
वहार का नतीजा एक कॉप रेट सं कृ त म लगातार
नै तक वहार के मह व, एक सं कृ त और वातावरण
से नकलता है, जो आम तौर पर त ान म ऊपर से
उ प होता है। केवल नै तकता क थ त क नगरानी
क थापना नै तक वहार के लए े रत करने लए
अपया त है, उसके लए मुख बंधन से लगातार
समथन ा त णालीगत काय म आव यक है।

नै तक आचरण क थापना एक कॉप रेट सं कृ त और


कसी न त कंपनी के परे भी संभव है, जो कसी
के आरं भक नै तक श ण पर ब त नभर
करता है, अ य सं थाएं जो कसी को भा वत
करती ह, वह है जस कंपनी म वह काम करता है उसका
त पध कारोबारी माहौल और वा तव म पूरा समाज.

ावसा यक नै तकता पर धा मक वचार


ावसा यक नै तकता पर ऐ तहा सक और वै क
मह व के धा मक वचार कभी-कभी ावसा यक
नै तकता को कम करके आंकते ह। वशेष प से
ए शया और म य पूव म धा मक और सां कृ तक
प र े य ने वसाय के आचरण पर एक मजबूत भाव
छोड़ा है और ापार मू य का सृजन कया है।

उदाहरण म शा मल ह:

इ लामी ब कग, ऋण पर याज व जत करने के साथ


जुड़े.
पारंप रक लोकलाज के कारण लाभ के मकसद क
अ वीकृ त.[8]
नप वहार के लए पंच क गवाही.
संबं धत वषय
ावसा यक नै तकता को वसाय के दशन से त त
कया जाना चा हए, यह दशन क वह शाखा है, जसका
स बंध वसाय और अथशा के दाश नक, राजनै तक
और नै तक आधार से है। ावसा यक नै तकता आधार
पर संचा लत होती है, उदाहरण के लए, एक नजी
वसाय म नै तक संचालन संभव है- जन लोग का
आधार पर ववाद है, जैसे मु वाद समाजवाद ,
( जनका तक है क " ापार नै तकता" वरोधाभास है)
उ ह ने ावसा यक नै तकता क उपयु वचार-सीमा
के बाहर जाकर उसक प रभाषा द है।

कारोबार का दशन भी सवाल से जुड़ा होता ह जैसे


वसाय क सामा जक ज मेदा रयां या- या होती ह,
वसाय बंधन स ांत, वाद के स ांत बनाम
सम वाद; बाजार म तभा गय के बीच मु इ छा
श , व- हत क भू मका; अ य हाथ स ांत,
सामा जक याय क आव यकता और ाकृ तक
अ धकार है, खासकर ापार उ म के संबंध म संपदा
अ धकार.

ावसा यक नै तकता भी राजनी तक अथ व था से


संबं धत है, जो राजनी तक और ऐ तहा सक कोण
से आ थक व ेषण है। राजनी तक अथ व था का
स बंध आ थक काय के वतरण प रणाम से है। वह यह
पूछता है क आ थक ग त व ध से कौन फायदे म है और
कसक हा न ई है, वतरण का प रणाम ही उ चत है
या नह , यह के य नै तक मु ा है।
इ ह भी दे ख
र त ठे के म नै तक
ापार सं कृ त न हताथ

ापार कानून नै तक उपभो ावाद

काप रेट वहार नै तक सं हता

काप रेट अपराध नै तक काय

काप रेट सामा जक ययी


ज मेदारी जनल ऑफ बजनेस
ाचार एथ स

नै तकतावाद बंधन

आचार नी त आशावाद पूवा ह


राजनी तक
अथ व था
साम रक गलत बयानी
साम रक योजना
स दभ
1. "Ethics the easy way" . H.E.R.O.
अ भगमन त थ 2008-05-21.
2. "Miliband draws up green tax plan" .
BBC. 2006-10-30. अ भगमन त थ 2008-
05-21.
3. Friedman, Milton (1970-09-13). "The
Social Responsibility of Business is to
Increase Its Profits" . द यू यॉक टाइ स
Magazine.
4. Hare, R. M. (1979). "What is wrong
with slavery". Philosophy and Public
Affairs. 8: 103–121.
5. नै तक स ांत और ापार (बेऔचंप)
6. Enderle, Georges (1999). International
Business Ethics. University of Notre
Press. पृ॰ 1. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-268-
01214-8.
7. George, Richard de (1999). Business
Ethics.
8. http://www.stthom.edu/academics/ce
nters/cbes/jonachan.html

आगे पढ़
Albertson, Todd. (2007). The Gods of
Business: The Intersection of Faith and
the Marketplace. Los Angeles, CA: Trinity
Alumni Press.
Behrman, Jack N. (1988). Essays on
Ethics in Business and the Professions.
Englewood Cliffs, NJ: Prentice Hall.
Bowie, Norman E. (1999). Business
Ethics, A Kantian Perspective. Blackwell
Publishing.
George, Richard T. de (1999). Business
Ethics. Prentice Hall. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-
13-079772-3.
Hartman, Laura (2004). Perspectives in
Business Ethics. Burr Ridge, IL: McGraw-
Hill.
Harwood, Sterling (1996). Business as
Ethical and Business as Usual. Belmont,
CA: The Thomson Corporation.
Jackson, Kevin (2004). Building
Reputational Capital. New York, NY:
Oxford University Press.
Knight, Frank (1980). The Ethics of
Competition and Other Essays. University
of Chicago Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-226-
44687-5.
Rothman, Howard; Scott, Mary (2004).
Companies With A Conscience. Denver,
CO: MyersTempleton.
Seglin, Jeffrey L. (2003). The Right
Thing: Conscience, Profit and Personal
Responsibility in Today's Business. Spiro
Press.
Solomon, Robert C. (1983). Above the
Bottom Line: An Introduction to Business
Ethics. Harcourt Trade Publishers.
Virághalmy, Lea B. (2003). The
excellence of the efficiency of the
learning organisation that is the Hellenic
features of current economics moral .
Budapest.

बाहरी क ड़याँ
इस लेख म बाहरी क ड़य का योग व कपी डया नी तय अथवा
दशा नदश के अनु प नह है। कृपया अ य धक एवं अनु चत
Learn more
ए थ स व ड , संसाधन के लए कॉप रेट नै तकता
का वेश ार और सावज नक े के शासन.
DishyMix म नै तक ापार सं कृ त पर LRN के
डोव सदमन के साथ पोडका ट सा ा कार
बज़नेस ए थ स इन नालेज @ हाटन , हाटन
कूल क ऑनलाइन ापार प का.
म कुला सटर फार ए लाइड ए थ स क वेबसाइट
का ापार नै तकता से शन .
[http://plato.stanford.edu/entries/econo
mic-justice अथशा और आ थक

दशन] के टै नफोड व कोश म याय

अंतरा मा क आवाज के साथ वा ण य.


[http://www.bl.uk/bipc/previous.html
डेम अनीता रो डक (द बॉडी शॉप फाउंडर) पूछती ह:
या ापार सामा जक प रवतन कर सकता है? ]

द कां स बोड ए थ स ो ाम
बायलोर व व ालय के ह कमेर कूल ऑफ
बजनेस का वा षक वसाय नी तशा मंच
ा ट थोनटन IBR कारपोरेट सोशल
र प स ब लट  : एक आव यकता है पसंद नह .

"https://hi.wikipedia.org/w/index.php?title= वसाय-
नी त&oldid=3862538" से लया गया

Last edited 10 months ago by an an…


साम ी CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उ लेख
ना कया गया हो।

You might also like