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उपभोक्ता - विकिपीडिया
उपभोक्ता - विकिपीडिया
उपभो ा (कं यूमर) उस को कहते ह, जो व भ व तु एवं सेवा का या तो उपभोग करता है अथवा उनको
उपयोग म लाता है। व तु म उपभो ा व तुएं (जैसे गे ं, आटा, नमक, चीनी, फल आ द) एवं थायी व तुएं (जैसे
टे ली वजन, रेफरीजरेटर, टो टर, म सर, साइ कल आ द) स म लत है। जन सेवा का हम य करते ह, उनम बजली,
टे लीफोन, प रवहन सेवाएं, थयेटर सेवाएं आ द स म लत है।
यान रखने यो य बात है क उपभो ा वह है, जो उपभोग के लए व तु एवं सेवा का य करता है। य द कोई फुटकर
ापारी कसी थोक व े ता से व तुएं (जैसे टे शनरी का सामानद) खरीदता है, तो वह उपभो ा नह है य क वह तो
व तु का य पुनः व य के लए कर रहा है।
प रचय
उपभो ा वह है, जो व तु अथवा सेवा को अपने अथवा अपनी ओर से अ य के योग अथवा उपभोग के लए
खरीदता है। व तु म दै नक उपभोग क तथा थायी व तुएँ स मलत है। जब क सेवाएँ जनके लए भुगतान कया जाता है,
मे यातायात, बजली, फ म दे खना इ या द शा मल है।
उपभो ा को इस कार से भी प रभा षत कया जा सकता है क कोई , जो व तु एवं सेवा का चयन करता है,
उ ह ा त करने के लए पैसा खच करता है तथा अपनी आव यकता क पू त हेतु उनका उपयोग करता है उपभो ा कहलाता
है।
इसके साथ-साथ जन व तु का हम य करते ह, तो हम उनका उपभोग भी तुरंत कर सकते ह अथवा कुछ समय के
प ात् भी। हम अनाज का ह त , महीन तक सं हण कर सकते ह। एक रेफरीजरेटर क य द समय-समय पर आव यक
मर मत कराते रह, तो उसका कई वष तक उपयोग कर सकते ह। ले कन हम प रवहन सेवा अथवा मर मत, बजली क
आपू त अथवा टे लीफोन सेवा अथवा फ म शो के स बंध म ऐसा नह कर सकते।
उपभो ावाद
य द उपभो ा चौक े हो जाएं एवं इस कार के गलत काय के व मलकर सामना कर तो इस कार के शोषण को कम
कया जा सकता है। अपनी र ा म वयं उपभो ा ारा कया गया य न उपभो ावाद कहलाता है।
उपभो ावाद से अ भ ाय उपभो ा के आंदोलन से है जसका उ े य नमाता, ापारी, व े ता एवं सेवा दान करने
वाल के उपभो ा के त उ चत एवं ईमानदारीपूण (नै तक) वहार को सु न त करना है। यह आंदोलन बाजार म ात
राचार के संबंध म उपभो ा म जाग कता पैदा करने एवं उनके हत क र ा के लए माग खोजने क दशा म कसी
उपभो ा आंदोलनकारी अथवा उपभो ा स म तय का य न माना जा सकता है।
यह आंदोलन तभी सफल होगा, जब उपभो ा व तु एवं सेवा का उपयोग करते समय अपने अ धकार एवं उ रदा य व
के त सचेत ह गे।
उपभो ा संर ण अ ध नयम 1986 : उपभो ा संर ण अ ध नयम, अ य कानून क अपे ा उपभो ा को अ धक
संर ण दान करता है। उपभो ा अ धक व तार से अथवा व तृत तरह से ब कग, बीमा, व , ांसपोट, होटल,
टे लीफोन, बजली क आपू त या अ य ऊजा, आवास, मनोरंजन अथवा अमोद- मोद आ द म अ धक संर ण ा त कर
सकता है। यह अ ध नयम रा य व के य तर पर उपभो ा संर ण परामश स म तयां बनाने का ावधान करती है।
उपभो ा के ववाद का शी और उ चत नपटारा करने के लये अध या यक प त को बनाया गया है। इसम जला फोरम,
रा य आयोग तथा रा ीय आयोग को शा मल करते ह। इ ह उपभो ा यायालय कहा जाता है।
उपभो ा के अ धकार
आज उपभो ा को बाजार म तयो गता, गुमराह करने वाले व ापन, घ टया व तुएं एवं सेवाएं तथा अ य ब त सी
सम या का समाना करना पड़ता है। इस लए उपभो ा के हत क र ा करना सरकार एवं सावज नक सं था के लए
एक ग भीर चता का वषय बन गया है। उपभो ा के हत क र ा करने के लए सरकार ने उपभो ा के कुछ
अ धकार को मा यता दान क है। सरे श द म य द उपभो ा अपने आपको शोषण एवं धोखे से बचाना चाहते ह तो उ ह
कुछ अ धकार को मा यता दान करनी होगी। सरे श द म य द उपभो ा अपने आपको शोषण एवं धोखे से बचाना चाहते
ह तो उ ह कुछ अ धकार दे ने ह गे ता क वे ऐसी थ त म हो क वे व तु के व े ता एवं सेवा दान करने वाल से वहार
करते समय सतक रह सक। उदाहरण के लए उपभो ा के अ धकार म से एक अ धकार चयन का अ धकार है। य द आप
इस अ धकार क जानकारी रखते ह तो आप कानदार से एक ही व तु के व भ क म दखाने के लए कह सकते ह,
जससे क आप अपनी पसंद क व तु का चयन कर सक। कभी-कभी कानदार उस ांड क व तु को बेचने का य न
करता है जस पर उसे अ धक कमीशन मलता है। हो सकता है क यह सव े गुणव ा वाली व तु न हो या फर यह
अपे ाकृत कम मू य पर उपल ध हो। इस वहार को आप रोक सकते ह। य द आप अपने चयन के अ धकार का उपयोग
कर तथा य द एक कान पर अ धक क म के उ पाद उपल ध नह है तो आप सरी कान पर जा सकते ह।
ब त से उपभो ा संगठन उपभो ा को पच, प का एवं पो टर के ारा श त करने क दशा म पहले ही कदम उठा
चुके ह। इस स ब ध म ट .वी. पर काय म भी मह वपूण भू मका नभा रहे ह।
उपभो ा के उ रदा य व
वयं सहायता का दा य व : उपभो ा से यह अपे ा क जाती है क जहां तक संभव हो व तु के स बंध म सूचना एवं
चुनाव के लए वह व े ता पर नभर न रह। एक उपभो ा के नाते, आप से यह अपे त है क वयं को धोखे से बचाने के
लए आपका वहार उ दा य वपूण हो। एक सजग उपभो ा सर क अपे ा अपने हत का अ धक यान रख सकता
है। शु से ही जाग क हो जाना एवं अपने आपको तैयार कर लेना हा न होने अथवा त प ंचाने के प ात उसका
नवारण करने से, सदा े होता है।
लेन-दे न का माण : उपभो ा का सरा दा य व य का माण एवं थायी व तु के य से स ब धत प को
ा त करना एवं उ ह सुर त रखना है। उदाहरण के लए व तु के य पर रोकड़ पच (कैश मेमो) को ा त करना
आव यक है। याद रहे क य द आप व तु म कसी कमी के स ब ध म शकायत करना चाहते ह तो य का माण होने पर
आप व तु क मर मत अथवा उसके त थापन का दावा कर सकते ह। इसी कार ट .वी., रेफरीजरेटर आ द थायी
व तु के य पर व े ता आ ासन/गारंट काड दे ते ह। यह काड आपको य के प ात मर मत अथवा नुकसान के
त थापन क सेवा मु त ा त करने का अ धकार दे ता है।
उ चत दावा : उपभो ा का एक और दा य व, जो उसे म त क म रखना चा हए, है क शकायत करते समय एवं हा न
अथवा त होने पर उसक पू त का दावा करते समय अनु चत प से बड़ा दावा नह करना चा हए। कभी-कभी
उपभो ा अपने नवारण के अ धकार का उपयोग यायालय म करता है। ऐसे भी मामले सामने आये ह जनम उपभो ा ने
बना कसी उ चत कारण के तपू त क बड़ी रा श का दावा कया है। यह एक अनु चत काय है, जससे बचना चा हए।
उ पाद अथवा सेवा का उ चत उपयोग : उ पाद अथवा सेवा का उ चत उपयोग : कुछ उपभो ा वशेष प से
गारंट अव ध के दौरान यह सोचकर व तु तथा सेवा का पयोग करते ह क इस अव ध म इसका त थापन तो हो
ही जायेगा। उनके लए ऐसा करना उ चत नह है। उ ह व तु का अपनी वयं क व तु समझकर योग करना चा हए।
इ ह भी दे ख
उपभो ा संर ण