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सा ा कार

रदशन के लये सा ा कार का एक य

भटवाता यानी सा ा कार समाचार संकलन का एक


भावी तरीका है इसका उपयोग व श कार के
समाचार के लए वशेष प म योग कया जाता है
समाचार संकलन म य द भटवाता के मह व को
नकारा दया जाए तो समाचार प म घटना
काय म आ द का ववरण त य क गहराई से
छानबीन से र ही रहे होगा ऊपरी तौर पर जो दे खने
या सुनने को आएगा उसके तुतीकरण से पाठक
क ज ासा शांत नह हो सकती त य क तरह म
प ंचने के लए भटवाता आव यक है इसक
वशेषता के कारण ही सा ा कार प का रता का
अ धकतम एवं अंश भी कहा जाता है कोई भी
ऐसी सूचना या जानकारी सकता है ले कन को या
जानकारी द जाए इस तरह क जानकारी द जाए
सकता है इसके लए ज री है क फै म काम
करने वाले मज र बड़ी-बड़ी योजना म काम करने
वाले इंजी नयर वै ा नक आ द सभी के पास कुछ ना
कुछ ऐसी जानकारी होती है सकती है और जसे
ा त कर सकता है सा ा कार के कार आम
से सा ा कार चुनाव से संबं धत ह या से संबं धत
इ या द हो सकते ह इसम पड़ोस के य या
घटना थल पर उप थत लोग से बातचीत क जाती
है इस तरह के सा ा कार लेना काफ मु कल भी
होता है य क कसी से घटना के बारे म
पूछताछ करने पर उसे संदेह म भी डाल सकता है आ
सकता है यह काय रपोटर का ही है क वह उन
य का व ास जीत इस तरह के सा ा कार का
कोई माग नह होता है परेशा नयां उठानी पड़ती है
असम बंध और बात सुननी पड़ती है और यह सब
रपोटर को सुनना और सहना पड़ता है ता क उसके
उ े य क पू त हो सके आकाश मक सा ा कार इसे
अं ेजी म कैजुअल इंटर ू भी कहते ह और यह
यादातर अचानक होते ह सामा यतः यह पूव उ े य
व भ होते ह एक संवाददाता और समाचार ोत
रा ते म मलकर बात करते ह और वह समाचार के
प म या छा के प म का शत कए जाते ह
संवाददाता और समाचार ोत कभी-कभी भोजन
अथवा पाट के दौरान आक मक प से बात का
मी नग करते ह इस तरह क बात म बना कसी
तैया रयां कोण के ही बातचीत होती ह इसी वाता
से कभी-कभी एक काफ बड़ी टोरी मल जाती है
व सा ा कार लोग के बारे म लंबे ववरण
फ चर लेखन के लए इस तरह के सा ा कार कए
जाते ह अखबार म तो इस तरह के सा ा कार छपते
ह मगर यादातर यह नजर आते ह उदाहरण के तौर
पर हम फ म ना गन म अ भनेता के सा ा कार
पाते ह इस तरह के सा ा कार म अपने ोत से
काफ गहराई भरे सवाल पूछता है और यह सवाल
उसके नजी जदगी के बारे म अथवा कसी वषय के
बारे म होता है कभी अखबार एक न त थान पर
सा ा कार को जगह दे ते ह उदाहरण के तौर पर
टाइ स ऑफ इं डया म यादातर ए डटो रयल पेज
पर नजर आते ह उसी तरह दै नक जागरण म भी
ए डटो रयल पेज पर नजर आते ह सा ा कार पूरी
टोरी का एक ह सा भी होता है जो लॉक म दया
जाता है यह काफ कम समय म आयो जत कया
जाता है और इस तरह के सा ा कार का उ े य
संवादाता संवादाता ारा समाचार से ही संबं धत
कन ही मह वपूण नधा रत का उ र पाना
होता है इस तरह के सा ा कार से संवाददाता यू
टोरी के बारे म यादा जानका रयां ा त करते ह
और उसे अपनी टोरी म कोटे शन के प म भी
इ तेमाल करते ह टे लीफोन अथवा ई-मेल ारा
सा ा कार कभी-कभी सा ा कार दाता इसी र
जगह पर थत होता है अथवा उसके पास समय
नह होता है ऐसे म संवाददाता क सूची बनाकर
सा ा कार दाता को ईमेल ारा भेजता है या
टे लीफोन से पूछता है ऐसे म का प होना
ब त ज री है इले ॉ नक मी डया म सा ा कार
थोड़ी अलग होती है इसम सा ा कार दाता के सामने
कैमरा होता है समय क भी सीमा होती है सवाल के
जवाब को छे ड़छाड़ करने क गुंजाइश कम होती है
ऐसे म संवाददाता को सा ा कार से पूव सा ा कार
दाता से वातालाप कर उसके कैमरे के सामने आने
वाले डर को कम करना होता है कसी भी का
जवाब आता है ट वी और रे डयो के संवादाता
इले ॉ नक मी डया क तकनीक से प र चत होना
पड़ता है इले ॉ नक मा यम से एक वशेष मह व है
इसका उपयोग होता है जैसे आप क अदालत
काय म ब काय म म व श य से
सवाल जवाब होते ह डॉ टर वक ल वशेष वा य
संबंधी और कानून संबंधी पर काय म चलाए जाते
ह फ चर म भी वषय से संबं धत य क
त याएं सू धार यानी एंकर क ट पणी के साथ
परोए जाते ह समाचार का यौरा बताते समय
घटना थल के य के साथ संबं धत य क
राय और त या द शत क जाती है जहां
संवाददाता और कैमरामैन नह हो वहां से संबं धत
य क व न रकॉ डग तुत क जाती है
जससे समाचार क तु त क जाती है था पत
भावो पादक संबं धत य क बातचीत करती
है तो उसके हावभाव और बोलने क शैली भी ब त
कुछ कह जाती है और मु त मा यम वं चत रह जाती
है य मा यम के कारण अ धक जीवंत और
भावशाली मा यम स हो रहा है सा ा कार के
दौरान यान दे ने वाली बात बना तैयारी के
सा ा कार लेने नह जाना चा हए सा ा कार दाता
तथा उसके वसाय क पृ भू म के बारे म
जानकारी अ धक से अ धक ा त करने से पहले
अपना प रचय दे ना चा हए उसे अपना नाम समाचार
प का नाम बता दे ना चा हए कार म सीधे और
आसान पूछे जाने चा हए और क ठन को
बाद म पूछना चा हए टे ली वजन म कम समय होता
है इस लए रपोट ज द ही भारी का कर दे ता है
रपोटर को चा हए क वह अ धकारी से ही
सा ा कार ले और इसका पता होना चा हए
संवाददाता को अपने उपकरण हमेशा साथ ले जाना
चा हए और मु य बात को अपने नोटपैड समा त हो
जाने पर क कसी का जवाब कम तो नह पड़
गया है और य द पड़ गया तो सा ा कार दाता से उसे
दलवाने का यास करना चा हए

कार

जमनी क चांसलर अंगेला माकल का सा ा कार (२०११ म ईपीपी


शखर स मेलन के बाद)

अलग-अलग उ े य से सा ा कार लये जाते ह।


उ े य के अनुसार सा ा कार क या भी अलग-
अलग होती है। सा ा कार ब त तह के हो सकते ह-
का मक चयन के लये सा ा कार
टे ली वजन सा ा कार
रभाष सा ा कार
सूचना सा ा कार - कसी कार क सूचना ा त
करने के लये
लंच सा ा कार (lunch interview)
केस सा ा कार (case interview)
पजल सा ा कार (puzzle interview)
े स सा ा कार (Stress Interview) - इसका
उ े य यह दे खना है क दबाव क थतम
आपका वहार कैसा रहता है।

का मक चयन के लये सा ा कार


उ ोग म का मक चयन हेतु सा ा कार का चलन
रहा है। यह एक ाचीनतम एवं सवमा य व ध के
प म यु होता आया है। वतमान युग म सभी
े म सा ा कार को अ नवाय साधन के पम
योग म लाया जाता है। यह उ मीदवार तथा उसक
अनुकूलता (Fitness) को जांच-परखने क एक
जीव त सामा जक थ त है। इसम दो प होते हो।
इन प के बीच क वाता ही अ तम नणय का
आधार बनती है।

बघम तथा मूर (Bingham & Moore, 1924) ने


सा ा कार को एक उ े यपूण वाता माना है। इ ह ने
सा ा कार को एक ऐसा च माना जसके ारा
सा ा काराथ को काय वशेष के यो य अथवा
अयो य घो षत कया जा सकता है। वतमान समय म
सा ा कार के उ े य क भ ता को लेकर कई
प रवतन ए ह। भ ता के आधार पर सा ा कार
कभी चयन, कभी मनोवृ , कभी सलाह तो कभी
मू यांकन आ द आ करता है। वाइटे लेस ने
सा ा कार को आवेदक एवं सेवायोजन
पदा धका रय के बीच य बातचीत माना है।

वतमान म सा ा कार केवल सूचना ा त का ही


साधन नह ब क मापन का भी धान साधन बन
गया है। वतमान म ावसा यक अनुकूलता
(Vocational fitness) ात करने क एक व ध
के प म इसके कई उ े य कट ए ह

सीधा संपक का अवसर मलना,


प रक पना का ोत बनना,
गुणा मक त य को एक त करना,
क मौ खक अ भ य का अ ययन
करना इ या द।

वतमान समय के स दभ म सा ा कार क भू मका


एक श क तथा सा ा काराथ के वहार म
चलनक ा एवं वातालाप के सुकोमल
ो साहनक ा के प म उभरने लगी है। सा ा कार
प त से यह लाभ होता है क आवेदक गलत
त याएं (Fake responses) सरलता से नह दे
पाते हो। सा ा कार क प र थ त य द सुग ठत होती
है तो यह एक उ ेरक (Big motivator) का भी
काम कर सकती है। सूचना ा त का यह एकमा
ोत है। सा ा कार के समय आवेदक यह संकेत
खोजता रहता है क बातचीत से उस पर या भाव
पड़ रहा है और सा ा कारक ा उसके बारे म
यासोच रहे हो? इन संकेत ारा आवेदक को
बलीकरण (Reinforment) मलता है। उसका हर
अगला वहार इसी य ीकरण से न द होने
लगता है।

का तथा कनेल (Kahn and Cannel, 1957) ने


सा ा कार के अ भ ेरणा मक पहलू को वशेष
मह व दया है। इ ह ने सा ा कार क सफलता के
लए इन शत को आव यक बताया है-

प ंच (Accessibility),
सं ान (Congnition) तथा
अ भ ेरण (Motivation)

य द सा ा कार के दौरान ये शत नमाण,


वा त वक संचालन, उ मीदवार के मान सक तर,
उसक त परता और भाग लेने क इ छा आ द
व वध तर पर पूरी हो जाती है तो इसके
फल व प दया गया मापन और नणय भी बेजोड़
होगा। एक सफल सा ा कारक ा मृ भाषी के साथ
धैयपूवक सुनने वाला भी होता है। सारी सूचनाएं
सा ा कारक ा से होकर ही गुजरती है। इस लए
सा ा कारक ा का यह धम है क वह काम क
सूचना को एक करे, सूचना-संकेत क तौल करे,
उ ह सही प से सम वत करे और अ त म आवेदक
के चयन के बारे म नणय पर प ंचे। सा ा कार क
रचना वातालाप (Conservation) से ही होती है।
इस लए इसक सफलता भी दोन प क
वातालापीय कौशल से नधा रत होगी। कसी
अ या शत घटना के ारा कभी-कभी सा ा कार के
दौरान था पत अनुबंध बगड़ जाये तो ऐसी थ त म
पुनः नए सरे से संतुलन खोजने क थ त आ जाती
है। उ ोग म सा ा कार का च क सा मक उपयोग
भी होने लगा ह। सभी जगह संर चत सा ा कार
(Structured interview) का उपयोग कया जाता
है।

वतमान म सा ा कार के स ा त और वहार म


अपार प रवतन ए ह। सायमंड्स (Symonds,
1939) ने सा ा कार क सफलता हेतु चार कारक
को मह व दया है-

(१) आवेदन म न हत कारक


(२) सा ा कारक ा म न हत कारक
(३) सा ा कार के प र थ त संबंधी कारक
(४) सा ा कार म प (फॉम) और वषय संबंधी
कारक

व ध क अं तम सफलता इस बात पर नभर करती


है क कमचारी संर ण (Personnel's
protectionory), सर क गोपनीयता के लए
आदर तथा ा त सूचना का सही उपयोग कया
जाए तो सा ा कार व ध औ ो गक सम या के
अ ययन हेतु अमू य धरोहर स हो सकती है।

सा ा कार क मुख ु टयाँ


सा ा कार व धय म ु टय के कारण इस णाली
म पूरा भरोसा करना क ठन है। नरी ण से प है
क उ मीदवार का मू यांकन करने म व भ
सा ा कारक ा ारा चुर भ ताएं सामने आती
ह। सा ा कार एक सवा धक आ म न (स जे टव)
व ध है। चूं क मू यांकन म सतत अनु पता नह
होती, इस लए इस व ध को व सनीय नह माना
जा सकता। जो व ध व सनीय नह है, वह स य
होने का दावा भी नह कर सकती है।

कॉट (Scott), हा लगवथ (Holling wroth,


1922) तथा वैनगर (Wanger, 1949) आ द ने इस
पर अ ययन कया। सभी ने इस व ध क
व सनीयता पर भरोसा पूण पेण नह कया है।
सा ा कार क कुछ मुख ु टयां इस कार ह-

अनुकू लत त याएं (Conditioned


Reactions)

अ धकांश सा ा कारक ा अनजाने म थ क बात


के त पूव था पत अनुकू लत त या से
भा वत होते ह। जैसे- उ मीदवार क व न, बोलने
का ढं ग आ द। अनुकू लत त या म हर
अपनी पसंदगी, नापसंदगी करता है कतु वह
इस बात से अवगत नह रहता क उसे कस कार
वश वहार चकर तथा अ चकर तीत होते
ह।

आदत का व ास म सामा यीकरण


(Belief in the generalisation of …

habits)

क यह धारणा रहती है क उ मीदवार


सा ा कार के समय अपनी जो आदत कट करेगा,
वही हर जगह कट करेगा। ले कन मनोवै ा नक
प से इसका कोई ठोस आधार नह है। इस लए
सामा यीकृत आदत म व ास के फल व प कसी
नणय पर प ंचना क ठन है। सा ा कारक ा को
इस कार क आदत से मु रहने क चे ा करनी
चा हए अ यथा इसके नणय दोषपूण हो सकते ह
तथा सारे चयन काय पर वपरीत भाव पड़ सकता
है।

सा ा कारक ा का अचेतन पूवा ह


(Uncouncious bias of Interviewer)

सा ा कारक ा यथासंभव वयं को पूवा ह से मु


रखने का य न करता है। ले कन हर संभव
ईमानदारी के बावजूद कुछ ऐसी अचेतन मनोवृ
रखता है जसके फल व प व तु , य तथा
घटना के त उसका य ीकरण और वहार
वशेष पेण भा वत होता है। इस लए
सा ा कारकता पूण पेण इन पूवा ह से मु होने
का दावा नह कर सकता।
सा ा कार के समय सामा य घबराहट …

(General Nervousness in
Interviewee)

सा ा कार के समय आवेदक पूणतः उ मु न


रहकर अ धकांश भयभीत दखते ह। यह भी संभव
हो सकता है क कोई उ मीदवार घबराकर अपनी
यो यता और वचार को बोड के सम सही प
म नह रख पाता है। इसके वपरीत बल आवेदक
बार-बार सा ा कार दे ने के कारण बोड को भा वत
कर लेते हो। उ मीदवार क यो यता और उपल ध
पर ही सा ा कार क सफलता नभर नह करती है
ब क इस कार क प र थ तय का सामना करने
क चतुराई और कौशल पर नभर करती है। यो य
भी सा ा कार क कला म वीण न होने पर
असफल रहता है। इस कार सा ा कार णाली पर
पूरा भरोसा नह कया जा सकता।
अनुकरण वृ यां …

इसम सर के वहार तथा श ाचार का


अनुकरण करता है। सा ा कार के समय यह वृ
बार-बार दे खने म आती है य क सा ा कारक ा
का थान उ च होने के कारण उ मीदवार अनजाने म
उसका अनुकरण कर उससे अपना तादा य था पत
करने क चे ा करता है। सा ा कारक ा के म ता
करने पर आवेदक म भी ऐसी त याएं
उ प होने लगती ह। इ ह अनुकरणा मक वृ य
को गलत प से लेते ह। फलतः सा ा कार म इसके
नणय भी अयथाथ होते ह।

सा ा कार म थ श दाव लय को

प रभा षत करने क असमथता
सा ा कार म ु टय का सबसे बड़ा ोत संभवतः
थ श दाव लय का पूरा-पूरा अथ प नह कया
जाना है। साधारणतः सा ा कारक ा को
उ मीदवार के शीलगुण से संबं धत कोई सूची नह
द जाती है। य द यह सूची द भी जाती है तो शायद
ही इ ह प प रभा षत कया जाता है। वभावतः
गत नणय तथा ा या के लए रा ता
अ धक खुल जाता है, जसके कारण उ मीदवार के
चयन के पर सा ा कारकता म घोर मतभेद
हो जाता है। नणय संबंधी अशु य क संभावना
बढ़ जाती है।

ले कन मह वपूण बात यह है क उपरो क ठनाइय


के बावजूद भी सा ा कार क लोक यता कम नह
होती है। पर पर आमने-सामने क इस या म
उ मीदवार के व तथा वहार संबंधी अनेक
ब मू य रह य का भी उ ाटन हो सकता है।
सा ा कार णाली म सुधार के उपाय
सा ा कार एक ऐसा मा यम है जसके ारा
उ मीदवार को उनके भाव तथा वचार को मौ खक
प से अ भ करने का अवसर मलता है। यह
एक उपयोगी णाली है ले कन इसको उपयोगी
चयन- णाली घो षत करने म मु यतया दो कार क
क ठनाइयां आती ह-

(१) अपे ाकृत अ धक समय लगना


(२) आ म न णाली होना ( नणय संबंधी अंक
दान करने क व तु न प त का न होना)

इन क ठनाइय को यान म रखते ए सुधार संबंधी


सुझाव न न हो सकते ह-

सा ा कारक ा का सतकतापूण चयन



तथा समु चत श ण
सा ा कारकता क कुशलता ही सा ा कार क
सफलता पर आधा रत होती है। इस लए आव यक है
क सा ा कार स म त के सद य का चयन
सावधानीपूवक करना चा हए। सा ा कारक ा को
यो य होना चा हए। उसम य ीकरण क ती णता,
प रवतनशीलता, समायोजनशीलता तथा व वध
सा ा कार लेने का अनुभव होना चा हए। उसे
सा ा कार कला म व श श ण भी मलना
चा हए। इसके बना सा ा कारक ा सा ा कार को
सफलतापूवक संप नह कर सकता है।

सा ा कार के समय इ ह कोई एक ही णाली


अपनाने तथा समान आचार सं हता का पालन करने
का श ण मलना चा हए। बघम तथा मूर
(Bingham and Moor) ने भावी
सा ा कारकता के श ण हेतु न न परामश
दए ह-
सा ा कारकता को आ म व ास जीतने क
री तय क जानकारी
उ मीदवार को तनावमु तथा सहज
वाभा वक बनाए रखने म वीणता रखना
उ मीदवार को बातचीत हेतु े रत करना
उ मीदवार के कोण तथा चतन कृ त क
शी ता से परख
सा ा कार के समय व ा का अ भनय कम
तथा ोता का अ धक करना
पूवधारणा से अवगत रहना एवं उसी
अनु प छू ट दे ना
उ मीदवार क बातचीत से सू नकालना तथा
वतः उसी से उपयु नकालना

सा ा कारकता के सम मापने वाली



शीलगुण सूची का होना
शीलगुण के मापन हेतु व तु न प त होनी
चा हए। इसके लए ामा णक मू यांकन मानदं ड का
योग अपे त है। मानदं ड म जतने भी उपखंड
दखाए जाएं, नणय क स यता भी उतनी ही अ धक
होती है। शीलगुण क सूची को अनुभव ारा,
कमचारी बंधक ारा व पयवे क ारा या तो
अ म प से तैयार कर लेना चा हए अथवा सूची का
नमाण काय व ेषण प त ारा होना चा हए।

सा ा कार के का प व पारदश

होना

का नमाण दोषपूण नह होना चा हए, जससे


उ मीदवार को उसका अथ समझने म मुसीबत आती
हो। सा ा कार म सामा जक का पूछना
वांछनीय है जो इ छत शीलगुण से संब ह।
सा ा कार मा एक बैठक न होकर …

इसका आयोजन एका धक बार होना


चा हये (Sitting should be more than
once)

सा ा कारक ा को व भ समूह म वभ होना


चा हए। येक उ मीदवार के सम एक समूह कम
से कम एक बार अव य सा ा कार करे। इससे
नणय संबंधी अशु य को कम कया जा सकता है।
साथ ही सा ा कार क व सनीयता भी बढ़ सकती
है। उपयोगी होते ए भी यह सुझाव शायद ही
ावहा रक प म यु होता है। क ठनाई इस बात
क है क सा ा कार म वैसे ही समय अ धक लगता
है, जो और बढ़ जायेगा।

उ मीदवार को व तु न या करने का …

चुर अवसर दान करना (Providing


ample scope for objective
performance)

सा ा कार मा वचार व नमय ही नह है।


सा ा कार म सा ा काथ के बा वहार को भी
ो साहन मलना चा हए। इस थ त म सा ा कार
वहार अथवा प र थ त परी ण (Situational
Tests) क भां त काय करता है।

सा ा कार माणीकृत हो …

आधु नक मनोवै ा नक ने अपने अनुभव के आधार


पर यह वचार कया है क सा ा कार व ध म
व तु न पद (terms) को स म लत कया जा
सकता है। अंक दान करने क व ध भी इसी के
स श अपनायी जा सकती है। सा ा कार म यु
पद के ामाणीकरण हेतु येक उ मीदवार से एक
ही तरह के कए जाय तो इससे सा ा कार का
उ े य पूरा नह हो पाता है। सा ा कार पर पर
मौ लक वातालाप क प त है जसम बातचीत म
नए वचार तथा चतन पैदा होते ह। ले कन बातचीत
क दशा क पूण भ व यवाणी करना क ठन होता
है। सा ा कार को ामा णक बनाने हेतु ववरण सूची
(Check list) क एक मानक कृत त स म त के
सद य को द जाये ता क उसी के अनु प वहार
कया जा सके। इस सूची म वां छत शीलगुण क
सूची को अ म बनाकर उ मीदवार से मलने वाले
गुण को ही च त करते ह। इसे 'सा ा कार-
कमचारी मू यांकन प ' कहते ह।

गयन नामक व ान ने सा ा कार के लए न न


ावहा रक सुझाव दए ह-

1. सा ा कार ामा णक हो। इसम यथासंभव


मै ीपूण तथा सौहादपूण वातावरण होना
चा हए।
2. सा ा कारक ा के सम मू यांकन मानदं ड
अ म प से हो।

य द सा ा कार म सही तरीक को अपनाया जाये तो


इसे ावसा यक चयन का मह वपूण साधन बनाया
जा सकता है। लम तथा नेलर के श द म,

सा ा कार हेतु अ य धक वै ा नक शोध क


आव यकता है। जब तक ऐसा नह कया जाता
तब तक इसक स यता तथा उपयोग हेतु सव म
सा ा कार व ध म संबं धत ब त से अनु रत
ह गे।

बाहरी क ड़याँ
इंटर ू म सफलता के लये 15 ज री ट स
इंटर ू कैसे दे ना चा हए?
इंटर ू म सफल कैसे ह ? (गूगल पु तक ; लेखक
- पी के आय)
सा ा कार क तैयारी - कनल डॉ॰ द प के. वै
कैसे द अ छा इंटर ू : कुछ मथक (मागदशक)
संवाद चलता रहे (गूगल पु तक ; लेखक -
कृपाशंकर चौबे) - इसम ह द सा ह यकार के
सा ा कार है।

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उ लेख ना कया गया हो।

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