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सेवा में , दिनाांक : 29/09/2019

श्रीमती अांजना ओम कश्यप जी


पत्रकार, नयी दिल्ली

दवषय: अक् द्वारा आयोदजत "भारत एवां भाषा की शुदिता" सेदमनार के सिां भभ में
महोदया,

मैं आपका ध्यान वर्त मान समय में घटिर् हो रही नारी यौन शोषण और दुराचार टवशेषकर नाबाटिग बटचचयों के
प्रटर् बढ़र्े यौन दुराचार की ओर िाना चाहर्ा हूँ। टवगर् कुछ वषो में मटहिाओ ं व नाबाटिग दूधमुूँही बटचचयों के ऊपर टिस र्रह के
बिात्कार और यौन दुराचार के मामिे सामने आये है, टिसमें अपराटधयों ने इंसाटनयर् की सभी हदें पार कर दी है र्था हैवाटनयर् के
चे हरे को प्रदटशतर् करर्ी है। इसके टवरोध में यद्धटप सम्पणू त देश में आक्रोश है और हमारी सरकारें नारी के टवरुद्ध यौन टहसं ा को रोकने
के टिए महत्वपूणत प्रयास करर्ी रही है िेटकन इन सब के बाद भी अपराधों का न रुकना, हमें इस टवषय पर और गहराई से सोचने के
टिए प्रेररर् व मिबूर करर्ा है की आटिर वो क्या कारण है टिनके चिर्े नारी यौन दुराचार रुकने का नाम नहीं िे रहे है , िबटक
आि हम अपने आप को अटधक टशटिर् और सभ्य होने का दावा कर रहे है।
अक् संस्थान, आपका ध्यान उस मह्तत्वपूणत कारक की और िाना चाहर्ा है, िो संस्थान और प्रबुद्ध िोगो से चचात करके पाया है की
सभी नारी यौन दरु ाचारों के टवरुद्ध प्रदशतन करने वािे िनसमहू और भीड़, यहाूँ र्क की टमटिया में भी पाया गया है की हम एक र्रफ
र्ो नारी पर हुए अत्याचार के टवरुद्ध सड़कों पर टवरोध कर रहे है, िेटकन उस टवरोध में अपनाये िाने वािा सबसे महत्वपूणत र्रीका
अपराटधयों की माूँ-बहन-बेटियों को यौन सूचक गटियों से सम्बोटधर् करना है। ऐसी टस्थटर् में हम कै से उम्मीद या दावा कर सकर्े है
की हम वास्र्व में मटहिाओ ं की गररमा एवं शुटचर्ा की रिा की टदशा में प्रयास कर रहे है।
अक् संस्थान, आपको सूटचर् करर्े हुए अपार हषत महसूस कर रहा है की संस्थान टवगर् २० वषों से भी अटधक समय से साटहटत्यक,
आध्याटत्मक और सामाटिक मुद्दों को आमिन के मध्य संवाद व िागृटर् के टिए उठार्ा रहा है। संस्थान द्वारा "हम भारर् है " और
"भारत अगे नस्ट एब्यूज" आंदोिन चिाये िा रहे हैं। संस्थान के संस्थापक होने के साथ मैं, स्वामी ओमा द अक्, स्वयं भी
टपछिे २० -२५ वषो में टवटभन्न मंचो से नारी के टवरुद्ध होने वािी गाटियों के प्रयोग का िगार्ार टवरोध करर्ा रहा हूँ र्था समाि
को इनसे होने वािे नुकसान से अवगर् करार्ा रहा हूँ। संस्थान द्वारा BAA "भारर् अगे नस्ि एब्यूि " इस टदशा में टकया िा रहा एक
प्रयास भर है, टिसका उद्देश्य समाि को नारी के टिए सुरटिर् व बेहर्र बनाना र्था नारी के प्रटर् होने वािे यौन दुराचार के मामिों
को कम करना है। टिसको भारर् के टवटभन िेत्रों र्था टसनेमा, साटहत्य, टशिा, अकादमी , रािनीटर् और िेि इत्याटद के
ख्याटर्मान व्यटियों से समथतन प्राप्त हुआ हैं । इसी आंदोिन के अंर्गत र् अक् संस्थान "भारत और भाषा की शुदिता" टवषय पर
एक सेटमनार का आयोिन करने िा रहा हैं, टिसका उद्देश्य, समाि और िोगों को भारर् में भाषा की महत्वर्ा और उसकी गररमा को
सामने िाना हैं, टिसका टवगर् कुछ शर्ाटब्दयों में पर्न हुआ हैं। ऐटर्हाटसक रूप से भारर्ीय भाषाओ ं में भी अपशब्द या गटियों का
उपयोग होर्ा रहा हैं, िेटकन वे अपशब्द व्यटिगर् व्यटित्व और चररत्र से सम्बंटधर् थे, िेटकन समय के साथ िैसे-िैसे टवदेशी
अक्रांर्र्ा भारर् में आए, भारर् में भाषा गररमा में ह्रास नज़र आर्ा हैं। टिसके पररणामस्वरूप, भारर्ीय बोिचाि में नारी सच
ू क
अपशब्दों का उपयोग होने िगा। िो कािान्र्र में नारी अपमान और उसके टवरुद्ध होने वािी यौन दुराचार को बढ़ाने , सहन करने
और टवशेषर्ः मनोरंिन के रूप में प्रयोग होने िगा।
इसी टवषय पर अक् सस्ं थान "भारत और भाषा की शुदिता" टवषय पर एक सेटमनार, 13 अक्टूबर, 2019 को शाम 4:30 से,
रदशयन कल्िर सेंटर, दिरोजशाह रोड, नई दिल्ली में आयोटिर् करने िा रहा हैं। संस्थान, आपको इस कायतक्रम में
दवदशष्ठ अदतदि और दवदशष्ठ वक्ता के रूप आपके टवचारों से श्रोर्ागण और समाि को अवगर् कराना चाहर्ा हैं । आप
सामाटिक और पत्रकाररर्ा िगर् में बहुर् िम्बे समय से कायतरर् है और समाि पर आपका प्रभाव भी है। ऐसे में संस्थान आपसे
अपेिा करर्ा है की आप भाषा की गररमा को िौिने और नारी सूचक अपशब्दों के उपयोग को रोकने में सकारात्मक और साथतक
भूटमका टनभा सकर्े है।
सस्ं थान, आपसे इस टदशा में सकारात्मक सहयोग की उम्मीद करर्ा है, टिस से हम अपना सपनो का नया भारर् बना सकने में सफि
हो पाएूँ।

स्वामी ओमा ि अक्


सस्ां िापक - अक्

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