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 समान पारिश्रमिक अधिनियम कब पारित किया गया – 1976

 “वित्तीय प्रबं धन एक व्यवसाय की वह सं चलानात्मक प्रक्रिया है जो


कुशल प्रचालनों के लिए आवश्यक वित्त को प्राप्त करने तथा उसका
प्रभावशाली ढं ग से उपयोग करने हे तु उत्तरदाई होता है ” यह कथन
किसका है – जे .एल.मैसी
 किसी का आत्मविश्वास जागृ त करना क्या कहलाये गा – प्रेरित करना
 ले खांकन की दोहरा ले खा प्रणाली किस प्रकार की पद्धति है – वै ज्ञानिक
पद्धति
 विक् रे ता की सूची में एक वस्तु के बारे में विशिष्ट विवरण क्या कहलाता है
– उत्पाद मद
 नियोजन द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए किसका निर्माण
आवश्यक है – संगठन का
 वित्तीय विवरण और बही खाते मु ख्य रूप से किस से सं बंध रखते हैं –
वित्तीय लेखांकन से
 किसी व्यक्ति को उत्पाद विक् रय करवाने के लिए दिया गया धन क्या
कहलाता है – कमीशन
 कार्मिक प्रबं धन किस का नया रूप है – मानव संसाधन प्रबंधन का
 यदि राम ने नगद माल बे चा है तो प्रविष्ट को कहां रिकॉर्ड किया जाएगा
– रोकड़ बही में
 ध्यानाकर्षण या लालच की कला जो व्यक्ति में किसी कार्य को करने की
इच्छा एवं जिज्ञासा उत्पन्न कर दे , क्या कहलाती है – अभिप्रेरणा
 इं टरने शनल पब्लिक मै नेजमें ट एसोसिएशन फॉर एचआर का सं बंध किस
प्रबं धन से है – मानव संसाधन प्रबंधन
 न्यूनतम मजदरू ी अधिनियम कब पारित किया गया – 1948
 यदि किसी दे य तिथि को अचानक अवकाश हो जाए तो अगली दे य तिथि
क्या होगी – अगला दिन
 बालक किसी कार्य को अपनी इच्छा से करता है तो वह कौनसी प्रेरणा
होगी – सकारात्मक प्रेरणा
 आपको कितने स्टाफ की जरूरत है , और क्या उन आवश्यकताओं की
पूर्ति के लिए स्वतं तर् ठे केदारों या भाड़े पर कर्मचारियों की से वा ले ने की
जरूरत है इसकी पूर्ति कौन करे गा – मानव संसाधन प्रबंधन
 राजनीतिक चु नौती मानव प्रबं धन की किस प्रकार की चु नौती है –
बाहरी चुनौती
 किसी कंपनी ने एक अभिने ता को अपने उत्पाद के प्रचार के लिए चु नना
किस प्रक्रिया का भाग है – विपणन प्रक्रिया का
 एक मशीन को खरीदा जाना किस प्रकार का व्यय है – पूज ं ी व्यय
 ने तृत्व का विशे षक सिद्धांत क्या है – ने ताओं के जन्मजात लक्षण से
संबंधित
 जब पु स्तकों के एक ही से ट में बैं क खाता रखा जाता है तो यह क्या
कहलाता है – संयुक्त बैं क खाता
 किसी ठहराव के अभाव में साझे दार लाभ हानि किस प्रकार बांटेंगे –
समान अनु पात में
 किसके द्वारा मानव सं साधन विकास कार्यक् रम बनाऐ जाते हैं – संगठन के
द्वारा
 प्रशिक्षण क्यों महत्वपूर्ण है – संगठन के विकास के लिए
 बाजार का अवलोकन करना किसका कार्य है – विपणन का
 कच्चे माल की खरीद के लिए भु गतान और बिक् री से नगदी की वसूली के
बीच के समय अं तराल को किस नाम से जाना जाता है – नगद चक् रण
 एक ने ता द्वारा हर परिस्थिति से ऊपर उठकर भविष्य के लिए कल्पना करने
की क्षमता उसका कौन सा गु ण दर्शाती है – दूरदर्शिता
 भारतीय साझे दारी अधिनियम किस वर्ष पारित हुआ – 1932
 आवधिक कर्ज किस प्रकार की दे नदारी है – दीर्घकालीन दे नदारी
 सामूहिक प्रयास किसकी मु ख्य विशे षता है – संगठन की
 भविष्य में क्या करना है इसका पूर्व निर्धारण करना क्या कहलाता है –
नियोजन ( Planning )
 नियोजन का उद्दे श्य निश्चित है या अनिश्चित – निश्चित है
 ESOP का सं बंध किससे है – मानव संसाधन प्रबंधन से
 सं गठन को सत्ता का औपचारिक ढांचा किसने कहा है – लूथर गु लिक ने
 वस्तु या से वा के उपभोग में इकाई वृ दधि ् करने पर प्राप्त होने वाले लाभ
को क्या कहा जाता है – वस्तु या से वा की सीमांत उपयोगिता
 प्रबं धकों द्वारा सर्वोत्तम विकल्प का चु नाव करना क्या कहलाता है –
निर्णयन
 उच्चाधिकारियों द्वारा नियोजित व्यवहार क्या कहलाता है – औपचारिक
संगठन
 स्टॉक किए गए माल के आकार व प्रतिशत की विशिष्टता को कौन
दर्शाता है – इन्वें टरी
 ने तृत्व की पु रानी विचारधारा ने ता के विषय में क्या कहती है – ने ता जन्म
ले ते ही तैयार नहीं किए जाते
 विपणन में किसकी प्रतिक्रिया सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है – ग्राहक
की
 सं पत्तियों को व्यवसाय में किस उद्दे श्य हे तु रखा जाता है – आगम उपार्जन
हे तु
 एक निश्चित अवधि में सु निश्चित एवं सु परिभाषित सामाजिक आर्थिक
लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए दे श में उपलब्ध आर्थिक सं साधनों का
विवे कपूर्ण ढं ग से समन्वय एवं नियं तर् ण किया जाता है क्या कहलाता है –
आर्थिक नियोजन
 लोक से वा आयोग किस प्रकार की प्रबं धन का रूप माना जा सकता है –
मानव संसाधन प्रबंधन
 वित्तीय विवरण किसका भाग है – लेखांकन का
 विपणन का मु ख्य बिं दु किसे कहा जाता है – ग्राहक को
 प्रत्ये क उच्च अधिकारी अपने अधीनस्थों को कुछ शक्तियां और कार्य
सौंपता है ताकि अधीनस्थ कर्मचारी प्राप्त सत्ता के आधार पर अपने
कर्तव्यों का पालन कर सकें यह पद सोपान का कौन सा गु ण है – सत्ता का
प्रत्यायोजन
 मकान मालिक को चु काया गया किराया कहां क् रे डिट किया जाता है –
रोकड़ खाते मे
 किसी साझे दारी सं लेख में ऋण पर ब्याज के विषय में कोई बात ना लिखी
हो तो ऋण पर कितने प्रतिशत ब्याज दिया जाता हैं – 6 प्रतिशत
 “अभिप्रेरणा व्यक्तियों की दशा का वह समूह है जो निश्चित उद्दे श्य की
पूर्ति के लिए निश्चित व्यवहार को स्पष्ट करती है ” यह कथन किसका है –
वु डबर्थ का
 ब्रूम ने अभिप्रेरणा का कौन सा सिद्धांत प्रतिपादित किया है –
प्रत्याशा सिद्धांत
 जहां पर प्रबं ध का कौशल उच्च स्तर का होता है वहां क्या सं भावना
बनती है – सतत विकास की
 उपभोक्ता सं चालित विचारधारा में सर्वोपरि किसे माना जाता है –
उपभोक्ता को
 नौकरशाही सिद्धांत का प्रतिपादन किसने किया – मै क्स वे बर ने
 स्टॉक क्या है – चालू संपत्तियों का एक भाग
 उत्तरदायित्व और प्राधिकार में सं तुलन क्यों आवश्यक है – संगठन के
उद्दे श्यों की प्राप्ति के लिए
 प्रबं ध का सं बंध किससे है – संगठन के विकास के साथ मानवीय व्यवहार
से
 ख्याति क्या है – एक स्थाई और अमूर्त संपत्ति
 खातों की प्रबं धन को क्या कहा जाता है – प्रबंधकीय लेखांकन
 किसी कर्मचारी का वे तन रोकना किस प्रकार की अभिप्रेरणा में आता है
– ऋणात्मक अभिप्रेरणा
 सभी पक्षकारों को वास्तविक परिणामों से अवगत कराना किसका उद्दे श्य
है – लेखांकन का
 अं श / शे यर कितने प्रकार की होते हैं – दो प्रकार के ( समता/साधारण
अंश व अधिमान/पूर्वा धिकार अंश )
 प्रशासन के ढांचे का निर्माण किस प्रकार की प्रणाली द्वारा होता है –
पदसोपान प्रणाली
 उर्बिक के अनु सार सं गठन के कितने सिद्धांत है – 8 सिद्धांत
 लूथर गु लिक के अनु सार सं गठन के कितने सिद्धांत है – 10 सिद्धांत
 किसी लक्ष्य अथवा लक्ष्यों के समूह की ओर निर्देशित क्रियाओं में
सं तुलन बनाए रखना क्या कहलाता है – नियंतर् ण
 सामाजिक मनोवै ज्ञानिक सं गठन किस प्रकार के सं गठन हैं – अनौपचारिक
 रचनात्मक कार्यात्मक सं गठन किस प्रकार के सं गठन के भाग हैं –
औपचारिक संगठन के
 “सं गठन का अर्थ है कर्मचारियों की व्यवस्था करना ताकि कार्य और
उत्तरदायित्व के उचित विभाजन द्वारा निर्धारित उद्दे श्यों को सरलतापूर्वक
प्राप्त किया जा सके” किसका कथन है – जॉन एम. गॉस
 नकारात्मक अभिक्रिया का उद्दे श्य क्या है – भय से अभिप्रेरित करना
 “प्रबं धकीय कार्यों की सफलता कुशल सं चार पर निर्भर करती है ” यह
कथन किसका है – थियो है मेन
 जब व्यवसाय में ले नदे न हे तु इले क्ट् रॉनिक तरीका प्रयोग किया जाता है
यह क्या कहलाता है – ई-कॉमर्स
 विपणन प्रबं ध की विचारधारा का जन्म किस दे श में हुआ – अमे रिका
 प्रबं धक का कौन-सा कौशल कर्मचारियों को प्रेरित करता है –
अन्तरवैयक्तिक
 मानव सं साधन प्रबं धन किस रूप में कार्य करता है – शीर्ष प्रबंधन और
कर्मचारियों के समन्वयक के रूप मे
 किसी वस्तु के मूल्य निर्धारण को मु ख्य रूप से कौन सा तत्व प्रभावित
करता है – मांग
 TQM का फुल फॉर्म क्या है – Total Quality Management
 B2B का फुल फॉर्म क्या है – Business to Buisness
 प्रबं ध किस प्रकार का प्रयास है – सामूहिक
 किसी कर्मचारी को वे तन के अतिरिक्त पु रस्कार स्वरूप राशि प्रदान
करना क्या कहलाता है – प्रोत्साहन
 सब एक के लिए और एक सबके लिए क्या दर्शाता है – सामूहिक
उत्तरदायित्व
 अचानक से किया गया परीक्षण किसका एक रुप है – नियंतर् ण का
 विज्ञापन भर्ती का कौन सा स्त्रोत है – बाह्य स्त्रोत
 सर्वप्रथम प्रशासन और प्रबं धन में किसने अं तर स्पष्ट किया – ओलिवर
शे ल्डन
 व्यवसाय की सफलता या असफलता के लिए कौन उत्तरदाई रहता है –
प्रबंधक
 प्रबं ध की सं पर्ण
ू ढांचे की नीव क्या है – संगठन
 चयन प्रक्रिया का अं तिम चरण क्या है – प्रत्यादे श
 किस सिद्धांत में सं गठन का आकार पिरामिड की तरह दिखाई दे ता है –
पदसोपान सिद्धांत में ।
 जब सं स्था कि भविष्य में आए निश्चित या नियमित हो तब क्या निर्गमित
किया जाता है – ऋणपत्र व बांड
 यह दे खना कि कार्य योजना के अनु सार चल रहा है या नहीं किस का कार्य
है – नियंतर् क का
 राष्ट् रीय हित के स्थान पर स्थानीय हित किस व्यवस्था को दर्शाता है –
विकेंद्रीकृत व्यवस्था
 भविष्य की क्रिया का वर्तमान में अनु मान लगाना क्या कहलाता है –
नियोजन
 क्रियात्मक फोरमै नशिप का सिद्धांत किसने दिया – टे लर
 पर्यवे क्षीय प्रबं धक, प्रबं धक के किस स्तर पर होते है – सबसे निचले स्तर
पर
 पर्यवे क्षीय प्रबं धको को अन्य किस नाम से जाना जाता है – प्रथम श्रे णी
प्रबंधक
 तकनीकी तथा नै तिक मानदं डों के अनु सार कार्य करता है – प्रबंध
 कार्य शासकीय हो या अशासकीय किसके अभाव में सफल नहीं हो सकता
– संगठन के अभाव में
 सं गठन प्रशासन की कौन सी क्रिया है – पूर्व क्रिया
 किसी सं गठन में निर्णय के केंद्र जितने कम होंगे वह उतना ही अधिक
क्या माना जाएगा – केंद्रीकृत संगठन
 अधीनस्थों का पथ प्रदर्शन करना क्या कहलाता है – मार्गदर्शन
 किसी भी कार्य को सु चारु रुप से सं पन्न करने के लिए क्या आवश्यक है –
संगठन
 समन्वय करना किसके कार्यों में सम्मिलित है – प्रबंध
 प्रबं ध किसी सं स्था व्यक्ति दे श या समाज तक सीमित नहीं है यह प्रबं ध
की कौन सी विशे षता है – सार्वभौमिक
 परिसं पत्ति एवं दे नदारियों का विवरण किस में लिखा जाता है – तुलन
पत्र में
 प्रबं ध का विशिष्ट अध्ययन इसे क्या बनाता है – एक पेशा
 चु ने हुए विकल्पों में से किसी एक के सं बंध में निर्णय करना क्या कहलाता
है – निर्णयन
 ने तृत्व की कल्पना किसके अभाव में कठिन है – अनुयायियों के अभाव में
 प्रशिक्षण से किस में वृ दधि ् होती है – मनोबल मे
 भावी कर्मचारियों की खोज किस प्रक्रिया में की जाती है – भर्ती
प्रक्रिया
 किसी ठे केदार के माध्यम से भर्ती हो तो वह क्या कहलाएगी – प्रत्यक्ष
भर्ती
 क्या प्रबं ध प्राकृतिक विज्ञान की भां ति एक निश्चित विज्ञान है नहीं –
यह निश्चित विज्ञान नहीं है
 प्रधानमं तर् ी कार्यालय किस प्रकार का अभिकरण माना जा सकता है –
स्टाफ अभिकरण
 जब कोई कंपनी हानि ग्रस्त होती है तो बांड धारकों को बांड पर ब्याज का
भु गतान करना अनिवार्य है या नही – अनिवार्य नहीं है
 निर्दे शन के किस सिद्धांत के अनु सार कर्मचारियों को निर्दे शन केवल एक
वरिष्ठ अधिकारी से प्राप्त होना चाहिए – एकात्मकता का सिद्धान्त
 पदोन्नति को रोकना किस प्रकार का अभिप्रेरण का हिस्सा है –
नकारात्मक अभिप्रेरण का
 विभिन्न वित्तीय आं कड़ों का तु लनात्मक प्रस्तु तीकरण क्या कहलाता है –
वित्तीय विवरण का विश्ले षण
 लोक ले खा समिति किस प्रकार की समिति है – नियंतर् क
 लोक ले खा समिति किस पर नियं तर् ण रखती है – सार्वजनिक वित्त पर
 प्रबं धकों के प्रशिक्षण एवं विकास में कौन सहायक है – संगठन
 जहां ले खाकर्म समाप्त हो जाता है वहां क्या आता है – अंकेक्षण
 अनौपचारिक सं गठन में सत्ता का प्रभाव किस ओर चलता है – नीचे से
ऊपर की ओर
 औपचारिक सं गठन में सत्ता का प्रभाव किस ओर चलता है – ऊपर से
नीचे की ओर
 सत्ता का एक स्थान पर सिमटकर न रहना बल्कि इसका हस्तांतरण होना
क्या कहलाता है – सत्ता का प्रत्यायोजन
 प्रबं धकीय कार्यों के लिए मं च कौन तै यार करता है – संगठन
 दो या दो से अधिक व्यक्तियों के तत्वों विचारों और भावनाओं का
आदान-प्रदान क्या कहलाता है – संपर् े षण

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