Professional Documents
Culture Documents
प्रबंधन क्या है ं ?
• व्यवसाय एवं संगठन के सन्दर्भ में पर् बन्धन (Management) का अर्भ है - भक
उपलबध् संसाधनों का तर्ा
दक्
षतापव
पर् र्ावपर्भ तरीके से उपयोग करते हएु लोगों के कायों में समनव् य करना
ताकक लक्ष्यों की पर् ाकि सकनकित की जा
सके ।
• पर् बनध् न के अनत् गभत आयोजन (planning), संगठन-कनमाभर् (organizing), स्टाक ं ग आत
(staffing), नेततृ् े
(leading या directing), तर्ा संगठन अर्वा पहल का कनयंतर् र् करना आकद ह।ैं
• संगठन र्ले ही बडा हो या छोटा, लार् के कलए हो अर्वा गैर-लार् वाला, सेवा पर् दान करता हो अर्वा व करना
कवकनमाभर्क ताभ, पर् बंध सर्ी के कलए आवश्यक ह।ै
• पर् बंध इसकलए आवश्यक है कक व्यकि सामकहक उद्दश्यों की पकतभ में अपना रेषेठतमतम
योगदान दे सकें ।
• पर् बंध में पारस्पररक रूप से संबंकधत वह कायभ सकममकलत हैं कजन्हें सर्ी
पर् बंधक करते ह।ैं
सामान्य प्रबंधन -1
प्रबंधन की पररभाषाएं ?
• पवाभनमान करना तर्ा योजना बनाना, सगं ठन
बनाना, आदश दना, समन्वय करना ही पर् बन्धन ह। - हनरीे फे योल
• ("to manage is to forecast and to plan, to organize, to command, to co-ordinate and to
control.")
• पर् बंध पररवतभनशील पयाभवरर् में सीकमत संसाधनों का कु शलतापवभक उपयोग
करते हएु सगं ठन के उद्दश्यों
को,
पर् र्ावी ढंग से पर् ाि करने, के कलए दसरों से कमलकर एवं - क् रीटनर
उनके माध्यम से कायभ करने की पर् करियया ह।
• "पर् बंध यह जानने की कला है कक क्या करना है तर्ा उसे करने का
सवोत्तम एवं सल र् तरीका क्या है -
"एफ.डब्ल्यू.टेलर "
सामान्य प्रबंधन -1
प्रबंधन की अवधारणा ?
• पर् बंध शबद् एक बहुपर् चकलत शबद् है कजसे सर्ी पर् कार की करिययाओ ं ककया गया
के कलए व्यापक रूप से पर् यि ह।
• पर् बंध वह करियया है जो हर उस संगठन में आवश्यक है कजसमें लोग समह संगठन में लोग
के रूप में कायभ कर रहे ह।
अलग-अलग पर् कार केकायभ करते हैं लेककन वह सर्ी समान उद्दश्य को पाने केकलए कायभ करते ह।
• पर् बंध लोगों के पर् यतन् ों एवं समान उद्दश्य को पर् ाि करने में कदशा पर् दान करता ह।
• इस पर् कार से पर् बंध यह दखता है कक कायभ परे हों एवं लक्ष्य भता) कम-से-कम
पर् ाि ककए जाएँ (अर्ाभत् पर् र्ाव पर्
साधन एवं न्यनतम लागत (अर्ाभत् कायभ क्षमता) पर हो।
• अतः पर् बंध को पररर्ाकित ककया जा सकता है कक यह उद्दश्
यों को पर् र्ावी ढंग से एवं दक्षता से पर् ाि करने के उद्दश्य
से कायों को परा कराने की पर् करियया ह।
• कु छ शबद् ऐसे हैं कजनका कवस्तार से वर्भन ये शब्द ह-
करना आवश्यक ह।
• (क) प्रजक् रया (ख) प्रभावी ढंग से एवं (ग)
पूणण क्षमता से।
सामान्य प्रबंधन -1
• (क) प्रजक् रया (ख) प्रभावी ढंग से एवं (ग) पूणण क्षमता से।
• पररर्ािा में पर् यि पर् करियया से अकर्पर् ाय है पर् ार्कमक कायभ अर्वा करिययाएँ कजन्हें पर् बधं
कायों को परा
कराने के कलए
करता ह।ै
• ये कायभ ह- कनयोजन, सगं ठन, कनयकिकरर्, कनदशन एवं
कनयतर् र्ं कजन पर चचाभ इस अध्याय में एवं पस्तक में आगे
की जाएगी।
• पर् र्ावी अर्वा कायभ को पर् र्ावी ढंग से करने का वासत् व में पर् र्ाव
अकर्पर् ायः कदए गए कायभ को संपन्न करना ह। ी
पर् बंध का संबंध सही कायभ को करने, करिययाओ ं को परा करने एवं उद्दश्यों
को पर् ाि करने से ह। दसरे शबद् ों में, इसका
कायभ अंकतम पररर्ाम पर् ाि करना ह।ै
• कु शलता का अर्भ है कायभ को सही ढंग से न्यनू तम लागत पर करना। इसमें एक पर् कार का लागत-लार्
कवश्लेिर्
एवं आगत तर्ा कनगभत के बीच संबंध होता ह।
• यकद कम साधनों (आगत) का उपयोग कर अकधक लार् (कनगभत) पर् ाि करते हैं तो हम कहगे कक
क्षमता में वकि हुई
ह।ै
सामान्य प्रबंधन -1
• क्षमता में वकि होगी यकद उसी लार् के कलए अर्वा कनगभत के कलए कम साधनों
का उपयोग ककया जाता है एवं कम
लागत व्यय की जाती ह।ै
• आगत साधन वे हैं जो ककसी कायभ कवशेि को करने के कलए आवश्यक धन, माल उपकरर् एवं मानव संसाधन हों।
• स्वर्ाकवक है कक पर् बंध का संबंध इन संसाधनों के कु शल पर् योग से है
क्योंकक इनसे लागत कम होती है एवं अन्त में
इनसे लार् में वकि होती ह।
सामान्य प्रबंधन -1
प्रबंधन की जवशेषताएं
• कु छ पररर्ािाओ ं के अध्ययन के पिात् हमें कु छ ततव् ों
का पता लगता है कजन्हें हम पर् बंध की आधारर्तकवशेिताएँ कहते ह।ैं
• प्रबंध एक उद्देश्यपूणण प्रजक् रया है- ककसी र्ी संगठन के कु छ
मलाधार उद्दश्य होते हैं कजनके कारर् उसका अकस्तत्व ह।ै
• यह उद्दश्य सरल एवं सप् ष्ट होने चाकहए। पर् तय् ेक सगं ठन के उद्दश्य कर्न्न होते ह।
• उदाहरर् के कलए एक ु टकर दकान का उद्दश्य कबरियी बढाना हो सकता है लेककन ‘कद
स्पाकसट् कस सोसाइटी ऑ
इकिया’ का उद्दश्य कवकशषट् आवशय् कता वाले बचच् ों को कशक्षा पर् दान करना ह।
• पर् बंध संगठन के कवकर्न्न लोगों के पर् यतन् ों को इन उद्दश्यों की पर् ाकि हतु एक
सतर् में बाँधता ह।
• प्रबंध सवणव्यापी है- संगठन चाहे आकर्भक हो या सामाकजक या क र
राजनैकतक, पर् बंध की करिययाएँ सर्ी में समान
ह।ैं
• एक पेट्रोल पंप के पर् बंध की र्ी उतनी ही आवश्यकता है कजतनी की एक
असप् ताल अर्वा एक कवद्यालय की ह।ै
सामान्य प्रबंधन -1
प्रबंधन की जवशेषताएं
• प्रबंध सवणव्यापी है- र्ारत में एस- ए-, जमभनी अर्वा जापान में र्ी होगा। वह इन्ह
पर् बंधकों का जो कायभ है वह य-
कै से करते हैं यह कर्न्न हो सकता ह। यह कर्न्नता र्ी उनकी सस्ं कृ कत,
रीकत-ररवाज एवं इकतहास की कर्न्नता क
कारर् हो सकती ह।ै
• प्रबंध बहुआयामी है- पर् बंध एक जकटल करियया है कजसके तीन पर् मख पररमार् ह, जो
इस पर् कार ह-
• (अ) कायण का प्रबंध - सर्ी संगठन ककसी न ककसी कारखाने में ककसी उत्पादक
कायभ को करने के कलए होतेह।
का कवकनमाभर् होता है तो एक वस्तर् र्ंिार में गर् ाहक के ककसी आवश्यकता
की पकतभ की जाती है जबकक अस्पताल में
एक मरीज का इलाज ककया जाता ह।ै
• पर् बंध इन कायों को पर् ाप्य उद्दश्यों में पररवकतभत कर दता है तर्ा इन उद्दश्यों को
पर् ाि करने के मागभ कनधाररतभ करता ह।
• इनमें सममकलत ह-समस्याओ ं का समाधान, कनर्भय लनाे , योजनाएँ बनाना, बजट बनाना,
दाकयतव् कनकित करना एवं
अकधकारों का पर् त्यायोजन करना।
सामान्य प्रबंधन -1
प्रबंधन की जवशेषताएं
• (ब) लोगों का प्रबंध- मानव संसाधन अर्ाभत् लोग ककसी र्ी तकनीक में
संगठन की सबसे बडी संपकत्त होते ह।
सधारों के बाद र्ी लोगों से काम करा लेना आज र्ी पर् बंधक का पर् मख
कायभ ह।
• लोगों के पर् बंधन के दो पहलू ह-ैं
• (1) पर् र्म तो यह कमभचाररयों को अलग-अलग आवश्यकताओ ं एवं व्यवहार वाले व्यकियों
के रूप में मानकर व्यवहार करता ह।ै
• (2) दसरे यह लोगों के सार् उन्हें एक समह मानकर व्यवहार करता ह। पर् बंध लोगों
की ताकत को पर् र्ावी बनाकर
एवं उनकी कमजोरी को अपर् सांकगक बनाकर उनसे संगठन के उद्दश्यों की पर् ाकि
के कलए काम कराता ह।
• (स) पररचालन का प्रबंध - संगठन कोई र्ी क्यों न हो इसका आकसत् तव् ककसी न
ककसी मल उतप् ाद अर्वा सेवा
को पर् दान करने पर कटका होता ह।ै
• इसके कलए एक ऐसी उत्पादन पर् करियया की आवशय् कता होती है जो आगत माल को उपर्ोग के कलए
आवशय् क
कनगभत में बदलने के कलए आगत माल एवं तकनीक के पर् वाह को व्यवकस्र्त करती
ह।ै
सामान्य प्रबंधन -1
प्रबंधन की जवशेषताएं
• (द) प्रबंध एक जनरंतर चलने वाली प्रजक् रया है- पर् बंध लेककन क- क कायों
पर् करियया कनरं तर, एकजट पर् पर्
(कनयोजन संगठन, कनदशन कनयकिकरर् एवं कनयतर् र्ं ) की एक रेषंखला ह।
• इन कायों को सर्ी पर् बंधक सदा सार्-सार् ही कनष्पाकदत करते ह।ैं
• (इ) प्रबंध एक सामूजहक जक् रया है - संगठन कर्न्न-कर्न्न आवशय् कता वाले अलग- अलग
पर् कार के लोगों का
समह होता ह।ै
• समह का पर् तय् ेक व्यकि संगठन में ककसी य को लेकर सकममकलत होता है लेककन
न ककसी अलग उद्दश् संगठन क
सदस्य केरूप में वह संगठन केसमान उद्दश् यों की पक तभ के कलए कायभ करते ह।
इसके कलए एक टीम केरूप में कायभ
करना होता है एवं व्यकिगत पर् यतन् ों में समान कदशा में समन्वय की आवशय् कता
होती ह।
• इसके सार् ही आवश्यकताओ ं एवं अवसरों में पररवतभन के अनसार पर् बंध सदस्यों
को बढने एवं उनके कवकास को
संर्व बनाता ह।ै
सामान्य प्रबंधन -1
प्रबंधन की जवशेषताएं
• (फ) प्रबंध एक गजतशील कायण है- पर् बंध एक गकतशील कायभ होता है एवं इसे
बदलते पयाभवरर् में अपनेअनरूु प
ढालना होता ह।ै
• संगठन बाह्य पयाभवरर् के संपकभ में आता है कजसमें कवकर्न्न सामाकजक,
आकर्भक एवं राजनैकतक ततव् सकममकलत
होते हैं सामान्यता के कलए संगठन को, यों को पयाभवरर् के प बदलना होता ह।
अपने आपको एवं अपने उद्दश् अनरू
(ि) प्रबंध एक अमूतण शजि है- पर् बंध एक अमतभ शकि है जो कदखाई
नहीं पडती लेककन सगं ठन के कायों
के रूप
में कजसकी उपकस्र्कत को अनर्व ककया जा सकता ह।
• संगठन में पर् बंध के पर् र्ाव का ार लक्ष्यों की पर् ाकि, कमभचारी के
र्ान योजनाओ ं के अनसवय् वसर् ा
् स्र्ान पर
पर् सन्न एवं
के रूप में होता ह।ै
संतष्
ट
iamksvr@gmail.com raees ksv
iamksvr@gmail.com raees ksv
WWW.ALLKNOWLEDGEFUN.BLOGSPOT.COM POWERED BY BABU ALLROUNDER