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A Strong and Safe Cyber System The Inevitable Need of The Present
A Strong and Safe Cyber System The Inevitable Need of The Present
आव यकता!
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the-present
अपने आरंभक दौर म िवला■सत लगने वाली कोई चीज़ एक अरसे के बाद िकसी भी अ य
सामा य ज़ रत क भाँत हमारे जीवन क आव यकता बन जाती है। ऐसा ही इंटरनेट और
अ य साइबर सुिवधाओं के साथ भी है। हालाँिक भारत इस मामले म कुछ हद तक अभी भी
सं मण काल से गुज़र रहा है, य िक हमारे यहाँ अनेक सुिवधाओं का कुछ तशत भाग ही
ड■जटल हो पाया है तथा एक बड़ा तबका आज भी उन काय को करने के लये परंपरागत
(अथात् ऑफलाइन) तरीक का ही इ तेमाल करता है। इसका एक कारण यह है िक एक बड़े
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तबके तक कं यूटर अथवा इंटरनेट तो छोिड़ये, िबजली जैसी आधारभूत चीज़ भी हम अब
तक नह पहुँचा पाए ह। खैर, आज नह तो कल ऐसा कर दगे तथा तब यह और भी छयादा
आव यक हो जाएगा िक हमारी साइबर णाली मज़बूत के साथ-साथ सुर त भी हो।
कोई चीज हमारे लये मह वपूण बन चुक है, यह जानने के लये ज़ री है िक एक बार उसके
िबना जीवन क एक क ी सी क पना क जाए। ऐसी ही एक क पना म तुत कर रही हूँ:
यिद हमारी साइबर णाली िकसी वजह से काम करना बंद कर दे तो-
साइबर णाली म गड़बड़ी िकसी तकनीक खराबी का प रणाम भी हो सकती है तथा िकसी
बाहरी ह त ेप का भी, ■जसे कं यूटर क भाषा म साइबर हमला कहा जाता है।
अपने समय के मुख र ा चतक , जैसे मैिकयावेली, ए.टी. माहन तथा डु हेट आिद ने मशः
थल, जल तथा गगन से होने वाले आ मण से िनपटने क रणनीतयाँ तो गढ़ , कतु इस
आभासी संसार म होने वाले यु क तो उ ह ने अपने समय म क पना भी नह क होगी।
एक िनयो■जत तरीके से अंजाम िदया गया साइबर हमला िबना आवाज़ िकये श ु को प त
करने क ताकत रखता है। इस तरीके से अपनी लेशमा क जनहािन के िबना हम श ु का
एक बड़ा नुकसान करके "ह ग लगे न िफटकरी, रंग चोखा का चोखा" वाली कहावत को
च रताथ कर सकते ह।
ईरान के यूरिे नयम संव न तथा परमाणु काय म से जुड़े 5 संगठन पर वष 2010 (या उससे
कुछ पहले) म ‘ ट सनेट’ वायरस से िकये हमले का उदाहरण यहाँ लया जा सकता है ■जसने
ईरान के सटी यूज़ को िनयं ण से बाहर कर उसके परमाणु काय म को वष पीछे धकेल
िदया था। यहाँ श ु देश (संभवतः इज़राइल अथवा संयु रा य अमे रका) को न तो कोई
सेना भेजनी पड़ी और न ही कोई बम िगराना पड़ा। इसी कार "डु कु" नामक वायरस को
ईरान के परमाणु काय म क परेखा क नकल करने के लये बनाया गया था।
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हा लया िदन म ‘वाना ाई’ नामक मालवेयर का हमला काफ चचत रहा जो आपके कं यूटर
क ज़ री सूचनाओं को ए ट कर देता था तथा वापस उन तक पहुँच बनाने के बदले
आपसे िफरौती मांगता था (■जसके चलते इसे ‘रैनसमवेयर’ क ेणी म रखा गया)। इस तरह
का साइबर हमला यापक तर पर हािन पहुँचाने क मता रखता है।
ये हमले यिद केवल आथक हािन पहुँचाते ह तो एक दफा इ ह सहन भी िकया जा सकता है,
कतु आजकल साइबर जासूसी क अवधारणा ने लोग क िनजता और देश क रा ीय
सुर ा तक को खतरे म डाल िदया है। वष 2006 से जारी "ऑपरेशन शेडी रैट" तथा भारत
को ल त िकया गया तथा वष 2009 म पकड़ म आया ‘घो टनेट’ का हमला ■जसने भारतीय
सुर ा अभकरण क सूचनाओं तक पहुँच बना ली थी आिद इस ेणी म आते ह।
साइबर संसार क चुनौतय म एक और चुनौती सोशल मीडया साइट के बाद से पैदा हुई है,
वह है झूठी अथवा तेज़ी से माहौल िबगाड़ने म स म संवेदनशील खबर का शी ता से सार।
िकतनी ही बार सोशल मीडया पर वायरल हुई इन संवेदनशील खबर के चलते देश का
सां दायक माहौल िबगड़ने का खतरा पैदा हो चुका है। 2012 म ऐसी ही कुछ खबर के
चलते बंगलू म रह रहे पूव र भारत के लोग का बड़ी सं या म वहाँ से पलायन हुआ था।
हम समझना होगा िक ■जस कार हम अपने र ा बजट म िकसी कार क कोई कसर नह
छोड़ते, उसी कार सुर ा के लहाज़ से इसे भी एक ऐसा मोचा मानना होगा ■जसे अनदेखा
छोड़ने के प रणाम घातक हो सकते ह।
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उप थत अव य है। अ य सजग देश क भाँत भारत को भी संभािवत साइबर हमल व
इनसे जुड़ी अ य गड़बिड़य से िनपटने के लये और अधक सं थागत यास क ज़ रत है
तभी हम भरोसे के साथ ड■जटलीकरण के लाभ को यापक जनसमूह तक पहुँचा पाएं गे।
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