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Content (National) For AI
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27-12-2023
Headline : लंबी विरासत वाली कंपनियां एआई के दौर में भी अपने मल्ू यों के दम पर टिकीं हैं
Flag: 1400 साल परु ानी जापानी कंपनी 10 साल तक स्टाफ को ट्रे निग ं दे ती है , 1200 साल
परु ाने रे स्तरां का मंत्र है - हर नया ट्रें ड सबसे पहले अपनाओ
न्यय ू ॉर्क | अमेरिका समेत सभी बड़े दे शों में कंपनियां औसतन 21 साल ही चल पाती हैं। कुछ ही
लंबी चलती हैं, तो कुछ ज्यादा ही लंबे समय तक चल रही हैं। 578 ईस्वी में बनी जापानी
कंस्ट्रक्शन कंपनी कॉन्गो गम ु ी या मैनहट्न की ब्रक्
ु स ब्रदर्स ऐसी ही हैं। आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंस (एआई) के इस दौर में जहां हर कारोबारी दौड़ में बने रहने के लिए तरह-तरह के
नए-नए प्रयोग कर रहा है , वहां ये कंपनियां सिर्फ अपने मल् ू यों के दम पर न सिर्फ टिकी हुई हैं,
बल्कि प्रतिद्वंद्वियों को टक्कर भी दे रही हैंं। अपने हजारों साल के अनभ ु व से ऐसी कंपनियां
हमें कारोबार में लंबे समय तक टिके रहने के मंत्र बता रही हैं… िकंग स्टीफन, विंस्टन चर्चिल,
थॉमस एडिसन के पहले से कर रहीं कारोबार, आज भी क्वालिटी ही इनकी पहचान कॉन्गाे गम ु ी
(578 ई.), सबक: पहले जगह बनाओ, फिर उसे छोड़ो मत... यह कंस्ट्रक्शन कंपनी है । आज भी
परु ाने अंदाज में बौद्ध मंदिरों, ऐतिहासिक इमारतों का पन ु र्निर्माण करती है । यहां कर्मचारियों
को 10 साल तक सिर्फ ट्रे निग ं दी जाती है ।
2005 में ताकामात्सु कंपनी की सब्सिडियरी बनने के बाद भी इसकी पहचान बरकरार है । तब
कंपनी की ब्रांड वैल्यू 583 करोड़ रुपए थी। 40 पीढ़ियों तक इसके मालिकों ने कस्टमर से गहरे
संबध ं और प्रतिष्ठा को सबसे ऊपर रखा। 593 ई. में जापान का पहला बद् ु ध मंदिर और 16वीं
शताब्दी में ओसाका कैसल इसी कंपनी ने बनाया था। ये भवन यन ू ेस्को की विश्व विरासत की
सच ू ी में हैं। तमाम चन ु ौतियों के बावजदू कंपनी का रे वेन्यू आज भी करीब 400 करोड़ रुपए के
करीब है । सेंट पीटर स्टिफ्ट्सकुलिनेरियम (803 ई.), सबक: विविधता को अपनाना जरूरी..
ऑस्ट्रिया के सैल्जबर्ग में दनि ु या का सबसे परु ाना रे स्तरां इसी कंपनी का है । इसके पास
बेहतरीन वाइन का खजाना है । हर नया ट्रें ड फॉलो करती है , यही इसका मल ू मंत्र रहा है । यहांं 11
डाइनिंग हॉल हैं, जिनमें से आखिरी वाला 400 साल पहले बना था। 600 से ज्यादा लोगों के
लिए सीट होने के बावजद ू आमतौर पर एक हफ्ते पहले से बकि ु ं ग करवानी होती है ।
बक्ु स ब्रदर्स (1818 ई.), सबक: कोर कस्टमर पर फोकस... लोवर मैनहट्टन में शरु ु आत में
ब्रक्
ु स ब्रदर्स स्कूल ड्रेस और वॉल स्ट्रीट बैंकर्स के शर्ट और ब्लू ब्लेजर बनाते थे। 2020 में केन
ओहाशी नामक कारोबारी ने इसे खरीद लिया। कारोबार 20% बढ़ गया है । केन कहते हैं कि वे
परु ाने कस्टमर को कभी नाराज नहीं करते।
कॉन्सोलिडेटेड एडिसन (1823 ई.), सबक: क्वालिटी इसकी खासियत है ...: न्यय ू ॉर्क में बिजली
दे ने वाली यह कंपनी थॉमस एडिसन के जन्म के पहले से कारोबार कर रही है । तब गैस लाइट
बेचती थी। 1920 के दशक में कई कंपनियां बिजली के कारोबार में उतरीं, पर टिकी नहीं। इनकी
गण ु वत्ता से एडिसन भी प्रभावित थे।
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28-12-202
Headline फिनलैंड के ऑउलु में 12% यात्राएं साइकिल से, 50% बच्चे साइकिल से ही स्कूल
जाते हैं
फिनलैंड का ये शहर ‘सर्दियों की साइकिल कैपिटल’, 63 साल में 960 किमी साइकिल ट्रै क
तैयार, हर साल जमे समंदर पर भी ट्रै क बनाते हैं एजेंसी | ऑउलु लगातार 5 महीने रहने वाले -5
से -30 डिग्री तक के तापमान में जब समंदर जम जाता है , सड़कों पर बर्फ की चादरें बिछजाती
हैं, तब भी शहर के लोग साइकिल से सफर पर निकलते हैं। यह शहर है फिनलैंड का ऑउल।ु इसे
दनिु या का ‘विंटर कैपिटल ऑफ बाइसिकिल’ यानी ‘सर्दियों की साइकिल राजधानी’ कहा जाता
है । सर्दियों में यहां 12% यात्राएं साइकिल से होती हैं। 50% यानी आधे बच्चे साइकिल से स्कूल
जाते हैं। इसकी वजह यहां की साइकिल संस्कृति और सरकार की पहल है । साल 1960 से यहां
साइकिल संस्कृति को बढ़ावा दिया गया। तबसे अब तक शहर में 960 किमी का साइकिल ट्रै क
और फुटपाथ तैयार हुआ है । सर्दियों में शहर की सरकार यह सनि ु श्चित करती है कि सब ु ह 7 बजे
तक गिरी बर्फ हटाकर साइकिल ट्रै क साफ कर दिया जाए। इन सड़कों पर 320 अंडरपास बनाए
गए हैं, ताकि साइकिल या पैदल चलने वालों को गाड़ियों के धए ु ं का सामना न करना पड़े। उत्तर
फिनलैंड के शहरों में , जिसमें ऑउलु शहर भी शामिल है , 50 दिन तक सरू ज नहीं उगता। जब
सरू ज उगता भी है तो 17-18 घंटे की रात होती है । परू े शहर में अंधेरा छाया रहता है । ऐसे में
सड़कों और अंडरपास में हर समय रोशनी की परू ी व्यवस्था रहती है । ऑउलु शहर के ट्रै फिक
इंजीनियर है री वारला कहते हैं- हम हर साल बर्फ से जमे समंदर पर साइकिल ट्रै क बनाते हैं।
यहां का नजारा बहुत खब ू सरू त होता है । लोग साइकिल से इस नजारे का लत्ु फ लेते हैं। वे कहते
हैं- अगर हम साइकिल चलाने के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था न करें तो लोगों की
साइकिल में रुचि नहीं रह जाएगी। यह शहर के पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं होगा। हम कोशिश
कर रहे हैं कि शहर के लोग कम से कम कारों का इस्तेमाल करें ताकि प्रदष ू ण न हो। 31 साल
की फ्रीलांस डांसर और कोरियोग्राफर एलिना ताहतेला अपने 2 और 4 साल के बच्चों के साथ
साइकिल से काम पर जाती हैं। वे गर्म लंबे कोट, चश्मा और ट्राउजर पहनकर साइकिल चलाती
हुई कहती हैं, यह सर्दियों की सबसे तेज सवारी और व्यायाम है । मैंने अपने बच्चों केबैठने के
लिए साइकिल से ट्राला जोड़ रखा है । उन्हें बहुत अच्छा लगता है । खर्च ज्यादा नहीं,
साइकिलिस्टों के लिए सड़कों पर इवें ट और फ्री हॉट ड्रिंक
वारला बताते हैं- हम सड़कों की बर्फ हटाने वाले इक्विपमें ट का ही इस्तेमाल करते हैं। इसलिए
खर्च नहीं आता। बस सबसे पहले साइकिल ट्रै क साफ करते हैं। साइकिलिंग को प्रोत्साहित करने
और फीडबैक के लिए सड़कों पर इवें ट करते हैं और फ्री हॉट ड्रिंक दे ते हैं। ज्यादा बर्फ बारी होती है
तो हम लोगों को प्रोत्साहित करते हैं कि वे कारें छोड़ें और साइकिल से चलें।
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29-12-2023
तकनीकी जासस ू ी... चीनी कंपनियों और टे क्नाेलॉजी की हर बढ़त पर नजर रख रहा अमेरिका
सीआईए को केजीबी नहीं चीनी जासस ू ी एजेंसी एमएसएस दे रही चन ु ौती, जिनपिंग ने दनि ु या के
हर जासस ू की प्रोफाइल एअाई से तैयार कराई तकनीकी जासस ू ी के दौर में अमेरिकी खफि ु या
एजेंसी सीआईए के लिए चीन की मिनिस्ट्री ऑफ स्टे ट सिक्योरिटी (एमएसएस) नई चन ु ौती बन
गई है । एमएसएस के पास दनि ु या के हर जासस ू की एअाई से तैयार प्रोफाइल है । अब
एमएसएस बेहतर ट्रे निग ं , भारी बजट, और एडवांस्ड टे क्नोलॉजी के साथ चीन के सप्र ु ीम लीडर
शी जिनपिंग के मंसब ू े परू े करने में जट ु ी है । ऐसे में सीआईए के सामने अब रूसी जासस ू ी एजेंसी
केजीबी से बड़ी चन ु ौती एमएसएस से निपटना है । चीनी पोलित ब्यरू ो में राष्ट्रपति जिनपिंग के
खास और खफि ु या प्रमख ु चेन वें किंग को भी शामिल किया गया है । ऐसा
दशकों में पहली बार हुआ है । सत्र ू ों के मत ु ाबिक, उनका एकमात्र लक्ष्य-जिनपिंग की सत्ता मजबत ू
करना है । इसके लिए उन्हें विशेषाधिकार दिए गए हैं। एमएसएस के जासस ू ों ने विशेष कंप्यटि ू ग
ं
प्रोगाम से अमेरिका समेत कई दे शों के लोगों के डोजियर बनाए हैं। इससे ‘बिहे वियर पैटर्न’ का
विश्लेषण तक संभव है । एमएसएस की बैठकों के मेमो और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध
दस्तावेजों के अनस ु ार एआई से लैस प्रोग्राम में पिछले डेटाबेस, सैकड़ों कैमरों की तस्वीरें , कारों
के नंबर प्लेट, सेलफोन डेटा, कॉन्टै क्ट नंबर और ऐसी कई जानकारियां फीड की गई थीं। इनकी
मदद से चीनी जासस ू टारगेट चन ु ते हैं। इसके बाद उनके नेटवर्क और कमजोरियों की पहचान
करते हैं। एमएसएस ने खद ु को धार दे ने के साथ अपना नेटवर्क भी मजबत ू किया है । इसके लिए
पिछले कुछ सालों में विशेषज्ञों की भर्तियां की गई हैं। यहां तक कि अमेरिकी नागरिकों को भी
हायर किया गया। 24 से ज्यादा वर्तमान और पर्व ू अमेरिकी अधिकारियों के अनस ु ार, बाइडन के
राष्ट्रपति बनने के बाद चीन की निगरानी का खर्च दोगन ु ा तक बढ़ गया है ।
अमेरिका चीनी कंपनियों और टे क्नाेलॉजी की हर बढ़त पर नजर रख रहा है । सीआईए भी यह
पता करने में जट ु ी है कि चीनी कंपनियां एआई और क्वांटम कंप्यटि ू ग
ं के क्षेत्र में क्या कर रही
हैं। वहां बायो टे क्नोलॉजी, सेमीकंडक्टर में क्या नया हो रहा है । सीआईए भी चौंकी; अमेरिकी
छात्र को चीनी एजेंसी ने नौकरी पर रख लिया
एमएसएस ने एक अमेरिकी छात्र ग्लेन डफी श्रीवर को बीजिंग में नौकरी पर रख लिया। डफी ने
सीआईए में आवेदन दिया
था। पकड़े जाने पर उसे 4 साल की सजा हुई। किसी गैर-चीनी को अमेरिकी से इस तरह के काम
के लिए रखने का यह
पहला मामला था। सीआईए के डिप्टी डायरे क्टर डेविड कोहे न ने हाल ही में कहा था कि एजेंसी
ने इन्हीं सब वजहों से चीनी मिशन सेंटर और एक टे क्नोलॉजी इंटेलिजेंस सेंटर भी शरू ु किया
गया है । चीनी जासस ू पहले गॉसिपिग ं से जानकारी जट ु ाते थे। अब डेटा और छलावे की मदद से
काम कर रहे हैं।
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31-12-2023
Headline कॉस्ट ऑफ लिविंग क्राइसिस : दनि ु या के कई दे शों में पैसों की बर्बादी रोकने के
अभियानों में यव ु ा हैं आगे
Flag: जेन-जी का मनी सेविग ं चैलेंज... सोच-समझकर करते हैं शॉपिंग; बचत और पर्सनल
फाइनेंस पर फोकस, सेकंड हैंड प्रोडक्ट से भी झिझक नहीं
एजेंसी | लंदन
दनिु याभर के यवु ा नए साल में बड़े बदलाव के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आम सोच के विपरीत यवु ा
पैसों के मामले में ज्यादा
जिम्मेदार हो गए हैं। इतना ही नहीं वे बचत और पर्सनल फाइनेंस को लेकर भी ज्यादा जागरूक
हैं। दरअसल, कई दे शों में
सोशल मीडिया पर जनवरी में मनी सेविग ं चैलेंज ट्रें ड हो रहा है । इसमें शामिल होने वाले
ज्यादातर जेन-जी यानी 1996
से 2010 के बीच जन्मे यव ु ा हैं।
इन ट्रें ड्स को दे खने से पता चलता है कि वे ऑफर्स दे खकर कुछ भी नहीं खरीद ले रहे हैं। ऐसा
किया भी तो इसके लिए दस ू रे
खर्चों से पैसे निकालते हैं, सेविग ं से नहीं। इतना ही नहीं वे सेकंड हैंड कपड़ों, प्रोडक्ट के
इस्तेमाल में भी नहीं हिचकते। सिर्फ
नई चीजें लेने की ललक में सामान खरीदने की प्रवत्ति ृ से वे बच रहे हैं। इस नो स्पें ड मंथ है शटै ग
के लिए कोई खास नियम
नहीं होता। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर तो इसे लेकर सबसे टॉप ट्रें ड को 16 करोड़ से
ज्यादा व्यज ू मिल चक ु े हैं।
मनी सेविग ं के लिए यव ु ा नए-नए आइडियाज शेयर कर रहे हैं। जैसे 28 साल की माटिल्डा ने
बताया कि लंदन से
ग्लस ू ेस्टरसायर आने के बाद उन्हें इस चैलेंेज के बारे में पता चला। वह बताती हैं, मैंने महसस ू
किया कि मेरा फ्रीज खाने के
सामान से भरा था। फिर भी मैं कई चीजें खरीद लाई। इसके बाद मैंने तय किया कि अब इस
महीने मैं कहीं बाहर नहीं
खाऊंगी, दोस्तों के साथ पार्टी नहीं करूंगी। ऐसा करके मैं पैसे बचा सकती हूं। 30 दिन के बाद
मैंने न सिर्फ 1550 पाउं ड
(करीब 1.65 लाख रुपए) बचा लिए, बल्कि अपनी कहानी शेयर कर सोशल मीडिया पर 35,000
नए फॉलोअर भी
जोड़े।
टोरं टो में कंटें ट क्रिएटर क्रिस्टिना मिकास कहती हैं, चैलेंज का कठिन हिस्सा शरु ु आती कुछ
हफ्ते होते हैं। आपको अपनी
अादतें बदलनी होती हैं। आप खद ु को ऑनलाइन शॉपिंग से दरू रख रहे , बाजार नहीं जा रहे तो
बोरियत, चिंता और
उदासी घेरने लगती है । इससे बचने के लिए आपको कुछ नया सिखाना पड़ता है । क्रिस्टीना
अपने चैनल पर यव ु ाअों से
कहती हैं, हम उस पर फोकस करें जो हमारे पास है । जो ठुकरा रहे हैं उसकी जगह क्या मिलेगा
ये सोचें ।
उपभोक्तावाद से धरती को होने वाले नक ु सान को लेकर भी जागरूक हैं यव ु ा
जेन-जी उपभोक्तावाद से धरती को होने वाले नक ु सान को लेकर भी जागरूक हैं। वे सामान की
बर्बादी कम करते हैं। कार्बन फुट प्रिंट रोकने की भी कोशिश करते हैं। मनावैज्ञानिक और
बेस्टसेलर किताबों की लेखिका केली वीकर कहती हैं शोध में साबित हो चक ु ा कि भौतिक
वस्तओ ु ं में सखु से ज्यादा चिंता और मानसिक अस्थिरता ही मिलती है । इन पर निर्भर रहने
वाले खश ु नहीं रह सकते। ये बात हमारे यव ु ा भी अब समझने लगे हैं। पर्सनल फाइनेंस एप मनी
बॉक्स के हे ड ब्रायन बर्न्स बताते हैं कस्टमर का फोकस अब इधर-उधर के खर्च के बजाय निवेश
पर बढ़ा है ।
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01-01-2024
Heading जिंदगी के सबक नए अंदाज में : कई यरू ोपीय दे शों में अब प्राइमरी स्कूलिंग का
तरीका बदल रहा
Flag: न्यज ू ीलैंड में खल ु रहे नेचर स्कूल... बच्चे खेतों-तालाबों में समय गज ु ारते हैं, कीचड़ में
खेलते हैं और खद ु पेड़ों-मवेशियों की दे खभाल करते हैं
एजेंसी | वेलिग्ं टन
न्यजू ीलैंड के बच्चे अब प्राइमरी स्कूलिंग खेतों-स्कूलों में परू ी कर रहे हैं। यहां 8 से 12 साल तक
के बच्चों को हफ्ते में एक दिन खेतों-नदियों के बीच गज ु ारना होता है । वे ईल मछलियों को
खाना खिलाते हैं और कीचड़ में खेलते भी हैं। खेतों में रहने वाले मवेशियों की दे खभाल भी करनी
होती है । दरअसल, कई यरू ोपीय दे शों में स्कूलिंग का तरीका बदल रहा है । बंद दरवाजों के बाहर
बच्चों को जिंदगी के अनभ ु व दे ने के लिए ब्रिटे न और ऑस्ट्रे लिया में ‘फॉरे स्ट स्कूल’ या ‘बशु
काइन्डीज’ खल ु रहे हैं। कई दे शों में थोड़ी पाबंदियों के साथ ‘एन्वायरो स्कूल’ का कॉन्सेप्ट भी
पॉपल ु र हो रहा है ।
इसी राह पर आगे बढ़ते हुए न्यज ू ीलैंड में स्थानीय माओरी जीवनशैली से बच्चों को जोड़ने की
पहल की गई। शरु ु आत में अधिकतर पैरेंट्स झिझक रहे थे। लेकिन धीरे -धीरे उन्हें भी यह बात
समझ आने लगी कि स्कूल के बाहर थोड़ा रिस्क हो सकता है , लेकिन इस तरह से वे जिंदगी की
असली चन ु ौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सकेंगे। ऐसी क्लास के दौरान बच्चे अपने
मन से फैसले लेते हैं। छह साल की एम्मा ड्यस ू न को मर्गि
ु यां पकड़ना पसंद है , तो पांच साल का
रीड खेतोंमें पहुंचते ही किसानों के साथ मेड़ बनाता है , मिट्टी में खेलता है , कीचड़ में सराबोर
लौटता है । दस ू री ओर, बच्चों का
दस ू रा झंडु जंगल के बीच से लकड़ियां इकट्ठे करके लाता दिखता है । वे कैं पफायर की तैयारी कर
रहे हैं। स्कूल के फाउं डर लियो स्मिथ वॉकी-टॉकी पर टीम को निर्देश दे ते हुए सभी जगह
निगरानी कर रहे हैं। आठ साल का एस्टन विल्कॉक्स अचानक जोर से चीखकर सभी को बल ु ाता
है । उसे एक मरा खरगोश मिला है । वह उसे छूने वाला था कि उसके में टर ने रोक दिया। उसे
दिखाया कि यह क्यों सरु क्षित नहीं था, और खरगोश का शरीर अब पहले जैसा सॉफ्ट नहीं रह
गया था। उन्होंने सभी बच्चों को डिकम्पोजिशन के बारे में समझाया। दो मिनट में ही बच्चों को
लाइफ साइकिल और पर्यावरण संरक्षण जैसी बातों की ट्यट ू ोरियल मिल गई। न्यज ू ीलैंड में अब
ऐसे स्कूल तेजी से बढ़ रहे हैं। पांच सालों में इनकी संख्या 80 हो गई है ।
इनमें 2000 शिक्षक जड़ ु े हैं। माओरी जीवनशैली से स्कूली बच्चों को रूबरू करा रहे , पेड़ कटा तो
रोने लगे वेलिग्ं टन स्थित विक्टोरिया यनि ू वर्सिटी में एजक ु े शन प्रोफेसर जेनी रिची ने 2018 में
शोध किया था। इसमें पाया गया कि माओरी ज्ञान की मदद से बच्चों और प्रकृति को बेहतर
तरीके से जाेड़ा जा सकता है । ऐसे ही एक स्कूल के संस्थापक लियो स्मथ इससे सहमत हैं। वे
बताते हैं हमने इस आधार पर सामहि ू क हित की बात समझाई थी। इसका असर हाल ही में
दिखा। कुछ लोगों ने 20 टी कूका पेड़ काट दिए...हम ये दे खकर अभिभत ू थे कि पेड़ों को दे खकर
बच्चे रो रहे थे। रोना बंद हुआ तो इसकी जगह नए पेड़ लगाए। आसपास के लोगों से इनकी रक्षा
का वादा लिया।
02-01-2024
}नॉर्थ पोल : दनि ु या के अंतिम छोर के करीब हिमाद्री स्टे शन पर पहली बार सर्दियों में गए दल ने
साझा किए अपने अनभ ु व
आर्क टिक में तीन गन ु ा तेजी से पिघलती बर्फ से मानसन ू में बदलाव; कारण जानने को माइनस
26 डिग्री में जट ु े हैं चार
भारतीय वैज्ञानिक, हर वक्त दिखाई दे ता है गोल चांद
अनिरुद्ध शर्मा | नई दिल्ली
नाॅर्वे के स्वालबार्ड द्वीपसमह ू पर न्यु एलेसड ंु साइंस विलेज में भारत का स्थायी रिसर्च
स्टे शन-हिमाद्री। दोपहर के 3 बजे हैं,
लेकिन रात है । तापमान माइनस 26 से माइनस 10 के बीच। भारतीय आर्क टिक दल के
विज्ञानियों ने वीडियो कॉल पर
खिड़की के बाहर दिखाया। पर्णि ू मा बीते छह दिन हो चक ु े , पर चांद बिल्कुल गोल हैै । यह चार
महीने ऐसे ही रहे गा। रे डियो
साइलेंस जोन होने की वजह से मोबाइल फोन केवल समय दे खने और अलार्म के काम आता है ।
आर्क टिक रं ग-बिरं गी नॉर्दर्न
लाइट्स (ऑरोरा) और पोलर बीयर के लिए विख्यात है , पर चांदनी की वजह से दोनों ही नहीं
दिखे। यह पहला मौका है
जब सर्दी में भारतीय दल यहां पहुंचा है । -शेष पेज 00
हिमाद्री स्टे शन 2008 से सक्रिय है , लेकिन पहले भारतीय दल यहां साल में केवल 180 दिन
अनस ु धं ान के लिए जाता था।
करीब 10 दिन पहले पहुंचे दल को यहां 15 जनवरी तक रहना है । नॉर्थ पोल से 1,232 किमी दरू
यह साइंस विलेज
आबादी की अंतिम जगह है । यहां सर्दी में इस बार 12 दे शों के करीब 45 विज्ञानी हैं।
ब्रह्मांड के पहले तारे की तरं गों को पकड़ने का यह सही वक्त
रमन रिसर्च इंस्टीट्यट ू , बेंगलरुु के विज्ञानी डॉ. गिरीश बीएस ने बताया कि अंधेरे का यह समय
रे डियो फ्रीक्वें सी पर शोध के
लिए बेहतर है । इस वक्त सोलर रे डिएशन से होने वाला प्रदष ू ण नहीं रहता। वे 13 अरब वर्ष
पहले विकसित हुए नवजात
ब्रह्मांड के पहले तारे की तरं गों के धध ंु ले संकेतों को पकड़ने की कोशिश में हैं। अन्य स्थानों पर
मानव द्वारा पैदा की गई
तरं गों जैसे एफएम रे डियो तरं गों से इनके बाधित होने का खतरा रहता है , लेकिन यह स्थान
बिल्कुल अछूता और
अप्रभावित है ।
यहां वार्मिंग से बारिश के पैटर्न का पता लगाएंगी अमल् ू या
नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन स्टडीज, गोवा की रिसर्चर अमल् ू या आर. इस दल की
एकमात्र महिला सदस्य हैं। वे
बारिश के पैटर्न का अध्ययन कर रही हैं ताकि आर्क टिक के तटीय इलाकों में वार्मिंग के असर
का पता लगा सकें। अतल् ु या ने
कहा, आर्क टिक पर सबसे बड़ा खतरा यहां ग्लेशियर का पिघलना है , जिससे स्नो कवर करीब
13% प्रति दशक की दर से
घट रहा है । इससे समद्र ु का स्तर बढ़ रहा है । आर्क टिक में जो होता है वह यहीं सीमित नहीं
रहता, बल्कि परू ी पथ् ृ वी पर
इसका असर होता है ।
बादलों की इलेक्ट्रिकल फील्ड को जानने-समझने का मौका
यहां बर्फ पिघलने की रफ्तार बाकी जगहों से तेज क्यों
इंडियन इंस्टीट्यट ू ऑफ टे क्नोलॉजी, मंडी के रिसर्चर प्रशांत रावत एरोसोल का अध्ययन कर
रहे हैं। अलग-अलग मौसम में
आर्क टिक पर एरोसोल की तल ु ना के लिए डेटा उपलब्ध नहीं है । पोलर क्लाइमेट पर ग्लोबल
वार्मिंग के असर को समझने के
लिए सर्दी के सीजन का डेटा भी चाहिए, ताकि पता चल सके कि आखिर यहां बर्फ पिघलने की
रफ्तार धरती के बाकी
हिस्सों की तल ु ना में तीन से चार गन ु ा तेज क्यों है । यहां तेजी से पिघलती बर्फ भारतीय मानसन ू
को भी प्रभावित कर रही
है ।
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03-01-2024
Flag: एक्सपर्ट बोले- जिंदगी में प्रगति, इनोवेशन और सफलता लेकर आती है इंटेलिजेंट
फेलियर
Heading सभी विफलताएं बरु ी नहीं होतीं... इनसे दोस्ती कर लें; इनकी क्षमता, शक्ति का
इस्तेमाल सीख लेंगे तो बड़ी सफलता की राह खलु जाएगी
वॉशिग ं टन| टे निस के 39 ग्रैंड स्लैम खिताब जीत चक ु ीं बिली जीन किंग कहती हैं, ‘मैच हारना
विफलता नहीं, शोध है ।’
थॉमस एडिसन ने कहा था, मैं अपने प्रयोगों के दौरान असफल नहीं हुआ, बल्कि बल्ब का
आविष्कार करने से पहले 10
हजार ऐसे तरीके ढूंढ़े जो काम नहीं करते।’ ये गेमचें जर लोग विफलता के फायदे गिनाते रहते
हैं। हममें से ज्यादातर को
फेल होना बरु ा लगता है । पर वास्तव में विफलताएं रोजमर्रा की जिंदगी में मल् ू यवान प्रगति
लाती हैं... यह कहना है हार्वर्ड
बिजनेस स्कूल में लीडरशिप और मैनेजमें ट की प्रोफेसर एमी एडमंडसन का। वे कहती हैं
विफलताएं ही सफलता का मार्ग
प्रशस्त करती हैं… नजरिया बदलें, संभव की सीमा तक पहुंचने की जिद रखें, स्मार्ट रिस्क लें...
तो विफलता रोकना आसान होगा विफलताएं बरु ी नहीं: एमी कहती हैं, सभी विफलताएं बरु ी नहीं
होतीं, कुछ अच्छी भी होती हैं, क्योंकि वे नया अनभ ु व लेकर आती हैं। यह किसी भी अन्य तरीके
से नहीं मिल सकता। इन्हें हम ‘इंटेलिजेंट फेलियर’ कहते हैं। विफलता तब बद् ु धिमान होती है ,
जब वह नए क्षेत्र या लक्ष्य की खोज में हो, चाहे जीवनसाथी ढूंढ़ना हो या कोई वैज्ञानिक
सफलता पाना। ऐसी विफलताएं हर क्षेत्र में इनोवेशन, एडवें चर और सफलता की कंु जी लाती हैं।
दृष्टिकोण बदलना होगा: कोलोराडो यनि ू वर्सिटी के प्रो. एडम ब्रेडली कहते हैं, वफलता
विशेषाधिकार भी हो सकती है ,
यह कुछ लोगों को बिना किसी डर के विफल होने का लाइसेंस दे ती है । एमी कहती हैं, हमारी
संस्कृति अक्सर सफलता को
आदर्श मानती है और विफलता से दरू रहना सिखाती है । पर यह सही नहीं है । विफलता को
लेकर नजरिया बदलने की
जरूरत है । हमें बड़ी सफलता की ओर ले जाने वाली विफलताओं की क्षमता को पहचानना और
इन्हें सफलता की सीढ़ी के रूप में शक्ति की तरह इस्तेमाल करना सीखना होगा। विफलता से
सीख: एमी के मत ु ाबिक सीखने का व्यवहार अहम है । गलतियों पर टीम से चर्चा को बढ़ावा दे ने
से निरं तर सध ु ार की संस्कृति को प्रोत्साहन मिलता है । अगर आप किसी ऑफिस में टीम लीड
कर रहे हैं तो सभी सदस्यों को अनिश्चितता के बारे में सवाल उठाने और मदद मांगने के लिए
प्रोत्साहित करें ।
स्मार्ट रिस्क लेना: नोबेल विजेता वैज्ञानिक, एथलीट और टे क इनोवेटर्स सामान्य लोगों की
तल ु ना में ज्यादा बार असफलता का सामना करते हैं। इनके बिना, उनकी सफलता असाधारण
हो ही नहीं सकती। ये गमचें जर लोग स्मार्ट रिस्क लेते हैं, यह जानते हुए कि वे कई बार फेल
होंगे। वे संभव की सीमा तक पहुंचने के लिए तैयार हैं क्योंकि उन्होंने असफलता से दोस्ती
कर ली है और उससे शक्तिशाली सबक लेने के लिए खद ु को सक्षम बना लिया है ।
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04-01-2024
Heading:अमीरों व सेलिब्रेटी तक सीमित ट्रीटमें ट अब आम अमेरिकी ले रहे , इनोवेटिव
तकनीकों से नतीजे भी तरु ं त
Flag: सामान्य फेशियल की चमक फीकी... अब स्कल्पटिंग और लिफ्टिं ग फेशियल का ट्रें ड;
एक सेशन की फीस 1.5 लाख, सालभर की वेटिग
ं भी
न्यय ू ॉर्क | क्या आप फेशियल के लिए 1.5 लाख रुपए खर्च करें गे। शायद नहीं... पर अमेरिका में
ब्यट ू ी सैंडविच स्टूडियो में स्पेशल रे डियो फ्रीक्वें सी फेशियल के लिए एक सेशन की फीस इतनी
ही है । और तो और इस अनठ ू े फेशियल के लिए इस स्टूडियो में सालभर की वेटिग ं है । फेस
स्कल्पटिंग और फेस लिफ्टिं ग जैसे फेशियल को लेकर दीवानगी तेजी से बढ़ रही है ।
किम कार्दशियन, है ली बीबर व जेनिफर एनिस्टन जैसी हस्तियों ने इनके फायदे गिनाकर लोगों
को इनका कायल बना दिया है । 40 साल की इंफ्लए ु ंसर कैं डिस मिलर ने हाल ही में रीमॉडलिंग
और माइक्रोनीडलिंग ट्रीटमें ट करवाया, इस पर करीब 1.37 लाख रुपए खर्च हुए। कैं डिस कहती
हैं कि अच्छा दिखना पेशे की जरूरत है । इसलिए समझौता नहीं कर सकते। ब्यट ू ी सैंडविच के
फाउं डर इवान पोल कहते हैं,‘सामान्य फेशियल में रोमछिद्र खोलने के लिए भाप दे ना और
मास्किंग की मदद ली जाती है । इससे सफाई के साथ त्वचा की सतह के नीचे छिपी गंदगी से
छुटकारा मिल जाता है । पर यह तरीका ‘स्नैच्ड’ का अनभ ु व नहीं दे ता। सौंदर्यशास्त्र की
शब्दावली में इसे गढ़ा हुआ और तराशा हुआ कहते हैं। इसलिए जेन नेक्स्ट को इनोवेटिव
फेशियल पसंद आ रहा है । कार्दशियन, बीबर जैसी हस्तियों को संवारने वाली ब्यट ू ी एक्सपर्ट
मिस चेक कहती हैं,‘चेहरे की त्वचा की तल ु ना उस आटे से करती हैं, जिसे कोई भी हाथ से
गंथू कर मनचाहा आकार दे सकता है । अमेरिका के चर्चित ब्यट ू ी एक्सपर्ट मिस बिकाज, इवान
पोल, जोआना चेक, क्रिस्टल ग्रीन और सिंथिया रिवास इन तकनीकों से चेहरे तराश रही हैं।
इसलिए अब तक अमीरों और मशहूर लोगों तक सीमित ये फेशियल मख् ु यधारा में शामिल हो
गए हैं। इनमें नतीजे
भी तेजी से मिलते हैं।
ग्लोबार की फाउं डर राचेल लिवरमैन के मत ु ाबिक बीते 6 महीनों में माइक्रोकरं ट व रे डियो
फ्रीक्वें सी में 20% इजाफा हुआ है । इससे पता चलता है कि जेन नेक्स्ट सामान्य फेशियल नहीं,
चेहरे को अपलिफ्ट करने वाला ट्रीटमें ट चाहती है और उन्हें खर्च की फिक्र तो बिल्कुल नहीं है ।
माइक्रोकरं ट और रे डियो फ्रीक्वें सी जैसी तकनीकों से होता है ट्रीटमें ट स्कल्पटिंग और लिफ्ट
फेशियल में माइक्रोकरं ट और रे डियो फ्रीक्वें सी जैसी तकनीकों का इस्तेमाल होता है ।
माइक्रोकरं ट में इलेक्ट्रिसिटी द्वारा मांसपेशियों को सक्रिय किया जाता है इससे चेहरे पर उभार
का आभास होता है । यह चेहरे की मसल्स को टोन करके टे क्सचर बेहतर करता है । इससे त्वचा
चमकने लगती है , यह ट्रीटमें ट मशीन और कुछ केमिकलयक् ु त उत्पादों से किया जाता है । वहीं
रे डियो फ्रीक्वें सी में त्वचा को गर्मी दी जाती है ताकि उसमें सिकुड़न और कसावट लाई जा सके।
सिग्नेचर फेशियल में क्लींजिग ं , एक्सफोलिएशन, एक्सट्रै क्शन, मास्क और हल्की मालिश के
चरण होते हैं, जो चेहरे को तरोताजा कर दे ते हैं।
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05-01-2024
Heading:एक्सरसाइज को लेकर फैले मिथकों से जोखिम ज्यादा... इन्हें दरू करने के तरीके
बता रहे हैं एक्सपर्ट दौड़ने से घट ु ने खराब नहीं होते, बढ़ती उम्र में वॉक के साथ स्ट्रें थ ट्रे निग ं
जरूरी, ज्यादा आइस बाथ मसल रिपेयर प्रोसेस रोक दे ता है : एक्सपर्ट
न्यय ू ॉर्क | एक्सरसाइज सही तरीके से करें तो यह दवा का काम करती है । जबकि गलत सलाह
मान ली तो यह उल्टे चोट भी पहुंचा सकती है । जैसे सिट-अप्स बेहतरीन वर्क आउट माना जाता
है । पर अब कहा जा रहा है कि यह पीठ के निचले हिस्से का दर्द बढ़ा दे ता है । न्यय ू ॉर्क के लेमन
ै
कॉलेज में एक्सरसाइज साइंस के प्रोफेसर ब्रैड स्कोनफेल्ड कहते हैं, फिटनेस कल्चर गलत
धारणाओं से भरा पड़ा है । इसके जिम्मेदार फिटनेस वे इंफ्लए ु ंसर्स हैं, जो किस्सों और जिम के
अनभ ु वों के आधार पर सलाह दे ते रहते हैं। एक बार ये गलत सलाह लोगों के बीच पहुंच गई तो
तो इन्हें बदलना मश्किु ल है । फिटनेस से जड़ ु े कुछ ऐसे ही मिथक और इन्हें कैसे दरू कर सकते
हैं, जानिए एक्सपर्ट से… स्ट्रे चिग ं से ज्यादा फायदे मद ं डायनामिक वर्क आउट; लाइट वेट उठाकर
भी मसल बिल्डिंग की जा सकती है मिथक: वर्क आउट से पहले स्ट्रे च करना जरूरी:
तथ्य: यस ू ीएलए हे ल्थ में स्पोर्ट्स मेडिसिन के एक्सपर्ट डॉ. जोश गोल्डमैन कहते हैं, यह चोट
रोकने में प्रभावी नहीं। इसकी
जगह डायनामिक वॉर्मअप करें । एक्टिव वर्क आउट से ब्लड फ्लो बढ़ता है । सोने से पहले स्ट्रे चिग ं
अच्छी है । मिथक: मसल बिल्डिंग के लिए है वी वेट उठाना तथ्य: मेयो क्लिनिक के डॉ. जैकब
सेलन कहते हैं, 30 रिपीटे शन के लिए हल्का वजन उठाना, 12 रिपीटे शन के लिए भारी
वजन उठाने जितना प्रभावी है । हालांकि है वी वेट लिफ्टिं ग व्यक्तिगत पसंद का मामला है ।
इससे डरना नहीं चािहए। मिथक: ज्यादा रनिंग से घट ु ने खराब हो जाते हैं तथ्य: डॉ. गोल्डमैन
के मत ु ाबिक यह सच नहीं है , क्योंकि हमारा शरीर गतिशील है । जोड़ खद ु को रीजेनरे ट कर
सकते हैं, खासकर जब हम सक्रिय होते हैं। डॉ. जॉर्डन मेट्जेल कहते हैं, अगर हम अचानक बहुत
ज्यादा दौड़ने लग जाएं तो घट ु नों में दर्द और चोट आने का का जोखिम रहता है । इसलिए स्पीड
और दरू ी धीरे -धीरे बढ़ाएं। मिथक: बढ़ती उम्र में सिर्फ वॉक करना काफी तथ्य: एक्सरसाइस
साइंस की प्रोफेसर ऐनी ब्रैडी कहती हैं, ‘बढ़ती उम्र के साथ फिट रहने के लिए केवल वॉक करना
पर्याप्त नहीं है । 30 की उम्र से शरू ु होकर मांसपेशियों में धीरे -धीरे गिरावट आने लगती है ।
इसलिए हफ्ते में 20-20 मिनट की दो स्ट्रें थ ट्रे निग ं बहुत जरूरी है ।’
मिथक: लोअर बॉडी पर फोकस जरूरी नहीं तथ्य: रनिंग कोच अमांडा काट्ज के मत ु ाबिक रनर्स
और साइकिलिस्ट को भी लोअर बॉडी मजबत ू बनाने की जरूरत है ।
स्क्वैट्स-लंजेस और ग्लट ू ब्रिज हडिड्यों का घनत्व सध ु ारते हैं। यह अच्छा रनर या
साइकिलिस्ट में मददगार है । मिथक: चोट में आइस बाथ से बेहतर रिकवरी
तथ्य: एक्सपर्ट कहते हैं हर तरह की सज ू न बरु ी नहीं होती। ऐसा करके शरीर खद ु को मजबत ू
करता है । पर बार-बार
आइसबाथ से मसल रिपेयर प्रक्रिया रुक जाती है । वर्क आउट के बाद सौना बाथ ज्यादा सरु क्षित
और प्रभावी है ।’
दे श में रे रा की स्थिति
32 राज्यों/यट ू ी में रियल एस्टे ट रे गल ु ेटरी ऑथोरिटी ऑपरे शनल हैं।
28 राज्यों/यट ू ी में रियल एस्टे ट अपीलेट ट्रिब्यन ु ल काम कर रहा है ।
30 राज्यों/यट ू ी में रे रा प्रावधानों के तहत वेबसाइट्स चल रही हैं।
26 राज्यों/यट ू ी में निर्णायक अधिकारियों की नियक्ति ु कर दी गई है ।
रे रा के 5 बड़े फायदे
1. बिल्डर प्रोजेक्ट के हर छोटे -बड़े पहलू की परू ी जानकारी ग्राहक को दे ता है ।
2. बिल्ट-अप, सप ु र बिल्ट-अप एरिया के लिए खरीदारों से शल् ु क नहीं लिया जा सकता।
3. प्रोजेक्ट के डिजाइन या ढांचे में बदलाव के लिए खरीदारों से सहमति लेना अनिवार्य है ।
4. डेवलपर के लिए तय समय सीमा में प्रोजेक्ट का काम परू ा करना जरूरी है ।
5. कब्जा मिलने के कम से कम 5 साल तक घर में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए।
(इसमें टे बल के डेटा नहीं है )
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मंगलवार, 26 दिसंबर, 2023
फ्लैग: चीन से आए पर्जे ु 75% तक सस्ते होने का असर
शीर्षक: ईवी सब्सिडी में कटौती से 40% तक बढ़ा चीनी पर्जों ु का आयात
अजय तिवारी | नई दिल्ली
इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर सब्सिडी घटने से कंपनियां एक बार फिर चीन का रुख कर रही हैं।
चीनी पर्जों
ु का आयात 40% तक बढ़ गया है । नई दिल्ली में आयोजित ईवी एक्सपो, 2023 में
ईवी कंपनियों ने इसको लेकर चिंता जताई। दरअसल दे श में ईवी मैन्यफ ु ै क्चरिंग को बढ़ावा दे ने
के लिए फेम सब्सिडी जैसे प्रोत्साहन शरू ु किए थे। इनका असर भी दिखा, लेकिन इस साल जन ू
से सरकार ने बैटरी सब्सिडी 15,000 से घटाकर 10,000 हजार रुपए प्रति किलोवाट कर दी है ।
एक्स-फैक्टरी प्राइस की 40% अधिकतम सब्सिडी लिमिट भी 15% कर दी गई। 20 दिसंबर
2023 को राज्यसभा में प्रस्तत
ु एक रिपोर्ट में संसदीय समिति ने सब्सिडी बहाल करने की
सिफारिश की है , पर अभी तक इसके आसार नहीं दिख रहे हैं।
बिजनेस संवाददाता | मब
ंु ई
दे श में पर्सनल लोन जैसे असरु क्षित कर्ज होम लोन सरीखे सरु क्षित कर्ज के मक ु ाबले ज्यादा
लिए जा रहे हैं। खास तौर पर गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) का अनसिक्योर्ड लोन
बढ़ रहा है , जबकि सिक्योर्ड लोन में कमी आ रही है ।
ु ाबिक, इस साल दे श के बैंकिंग सिस्टम में अन सिक्योर्ड लोन
रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के मत
की ग्रोथ 28.1% रही। ये सिक्योर्ड लोन की 11.5% ग्रोथ के मक ु ाबले करीब ढाई गन ु ा है ।
2022-23 एनबीएफसी के कुल लोन पोर्टफोलियो में सिक्योर्ड लोन की हिस्सेदारी घटकर
69.5% रह गई। मार्च 2022 तक ये 72.4% थी। दस ू री तरफ इसी अवधि में अन सिक्योर्ड लोन
की हिस्सेदारी 27.6% से बढ़कर 30.5% हो गई। विश्लेषकों के मत ु ाबिक, ये अर्थव्यवस्था में
खपत बढ़ने का संकेत है ।
चन
ु ौती: महं गाई, टै लेंट, कमजोर रुपया
सीईओ की सबसे बड़ी चिंता महं गाई और बढ़ती ब्याज दरें हैं। टै लेंटेड प्रोफेशनल्स को आकर्षित
करना और उन्हें बनाए रखना भी उन्हें बड़ी चन
ु ौती नजर आ रही है । 68% से ज्यादा सीईओ ने
आशंका जताई कि रुपया गिरकर 85 प्रति डॉलर तक जा सकता है , जो अभी 83.16 प्रति डॉलर
है ।
प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय के प्रतिशत में दरू संचार दरें सिर्फ ब्राजील से ज्यादा
दे श टे लीकॉम टै रिफ
दक्षिण अफ्रीका 3.49%
थाईलैंड 2.92%
फिलिपिन्स 2.32%
इंडोनेशिया 1.71%
मिस्र 1.6%
बांग्लादे श 1.4%
भारत 1.11%
ब्राजील 0.92%
(इंटरनेशनल टे लीकॉम यनि ू यन और वर्ल्ड बैंक)
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शक्रु वार, 05 जनवरी, 2024
फ्लैग: भ-ू राजनैतिक तनाव, सेंट्रल बैंकों की नीति जैसे कारणों से कीमतों में आएगी तेजी
शीर्षक: सोने पर मिल सकता है 12-14% तक रिटर्न
10 साल का ट्रें ड
यहां टे बल और इलस्ट्रे शन इस्तेमाल हुआ है
मौजद ू ा परिस्थितियों को दे खते हुए गोल्ड से अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद है । प्रमख ु
इंडिकेटर सोने में तेजी का ट्रें ड दिखा रहे हैं। शॉर्ट टर्म में 3-6 महीने और लॉन्ग टर्म में 1-2 साल
के लिए गोल्ड में निवेश किया जा सकता है ।
- अजय केडिया, डायरे क्टर, केडिया एडवाइजरी
28 दिसंबर
डीन एल्गर: 9 साल बाद किसी अफ्रीकन का भारत के खिलाफ घर में शतक
केएल राहुल: 8 टे स्ट शतक में से 7 विदे श में , सेंचरि
ु यन में दस
ू री सेंचरु ी
30 दिसंबर
पैट कमिंस ने समेटा पाकिस्तान
दसू रा टे स्ट/चौथा दिन : पाक की 79 रन से हार, ऑस्ट्रे लिया के खिलाफ सीरीज गंवाई
प्लेयर ऑफ द मैच पैट कमिंस के दोनों पारियों में 5-5 विकेट, तीसरा टे स्ट 3 जनवरी से सिडनी
में
31 दिसंबर
एक साल में सबसे ज्यादा जीत और जीत% साल 2003 में कंगारू टीम के बाद सबसे ज्यादा:
टीम साल मैच जीत हार टाई/बेनतीजा जीत प्रतिशत
ऑस्ट्रे लिया 2003 35 30 5 7 85.70%
भारत 2023 35 27 7 1 79.40%
ऑस्ट्रे लिया 1999 35 26 9 2 74.30%
पहले बल्लेबाजी करते हुए सर्वाधिक 14 मैच 143 रन के औसत अंतर से जीते:
- भारत ने साल 2023 में 14 मैच पहले बल्लेबाजी करते हुए जीते। इनमें उसका औसत जीत
अंतर 143 रन रहा, जो वनडे इतिहास में सर्वाधिक है ।
- इसी साल दक्षिण अफ्रीका का पहले बल्लेबाजी करते हुए जीत का औसत अंतर 10 मैच में
137 रन रहा, जो इतिहास में दस ू रा सर्वाधिक है । यहां दोनों टीमों ने अपने ही रिकॉर्ड तोड़े।
- साल 2003 में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 10 मैच 122 रन के औसत अंतर से जीते
थे, जबकि अफ्रीका ने 2015 में 12 मैच 110 रन के औसत अंतर से जीते थे।
- 2007 की ऑस्ट्रे लिया टीम ने 12 मैच 105 रन के औसत अंतर से जीते।
सबसे ज्यादा 350+ स्कोर बनाए, साल में सबसे ज्यादा शतकों के अपने रिकॉर्ड की बराबरी:
- साल 2023 में 9 बार भारत का स्कोर 350+ के पार पहुंचा। यह किसी टीम के एक कैलेंडर
ईयर में सबसे ज्यादा 350+ स्कोर हैं। उसने साल 2019 में इंग्लैंड के 7 बार 350+ रन का
रिकॉर्ड तोड़ा।
- इसके अलावा टीम की ओर से इस साल 19 शतक लगे। साल 2017 में अपने ही रिकॉर्ड की
बराबरी की। कोहली वर्ल्ड कप में न्यज ू ीलैंड के खिलाफ शतक लगाकर दनि ु या में 50 वनडे
शतक वाले पहले बल्लेबाज बने।
पहली बार किसी टीम ने साल में 250 छक्के लगाए, रोहित ने एबीडी का रिकॉर्ड तोड़ा:
- टीम इंडिया इस साल वनडे इतिहास के किसी साल में 250 छक्के जमाने वाली पहली टीम बन
गई। अफ्रीका ने 225 छक्के लगाकर रिकॉर्ड टै ली में दस ू रा स्थान हथिया लिया। दोनों टीमों ने
विंडीज के साल 2019 में लगे 209 छक्कों का रिकॉर्ड एक साथ तोड़ दिया।
- भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने इन 250 में से 67 छक्के जड़े। यह किसी बल्लेबाज द्वारा
एक कैलेंडर ईयर में सर्वाधिक है । रोहित ने एबी डिविलियर्स (58 छक्के, साल 2015) का रिकॉर्ड
तोड़ा।
- इस दौरान रोहित इंटरनेशनल क्रिकेट में क्रिस गेल (553 छक्के) को पीछे छोड़ सबसे ज्यादा
582 छक्के लगाने वाले बल्लेबाज भी बन गए। उन्होंने वर्ल्ड कप में क्रिस गेल के सर्वाधिक
छक्कों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
शभु मन गिल रहे भारत के सबसे सफल बल्लेबाज, कोहली के सबसे ज्यादा शतक
बल्लेबाज पारी रन औसत शतक
शभ ु मन गिल 29 1584 63.365
विराट कोहली24 1377 72.476
रोहित शर्मा 26 1255 52.292
नंबर गेम:
- 317 रन से श्रीलंका को हराकर वनडे इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। पहली बार कोई
टीम वनडे में 300+ रन के अंतर से जीती। उसके बाद इसी साल टीम ने श्रीलंका को वर्ल्ड कप में
302 रन से हराया।
- 200+ रन के अंतर से जीते भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 14 में से 5 मकु ाबले। यह वर्ल्ड
रिकॉर्ड है । इससे पहले साल 2007 में ऑस्ट्रे लिया और साल 2015 में अफ्रीका ने 3-3 मैच 200
रन से ज्यादा के मार्जिन से जीते थे।
- 289 में से 99 विकेट वर्ल्ड कप में झटके भारत ने, जो किसी टीम के गें दबाजों का वर्ल्ड कप
इतिहास में बेस्ट प्रदर्शन रहा।
- 4 बार भारत ने विपक्षी टीम को 100 के भीतर ऑलआउट कर दिया। वेस्ट इंडीज (1993),
अफ्रीका (2006) और श्रीलंका (2007) ने 3-3 बार ऐसा किया था।
- 7 बार विपक्षी टीम को 30 ओवर के भीतर ऑलआउट किया भारत ने इस साल। इससे पहले
श्रीलंका ने साल 2007 में 4 बार ऐसा किया था।
- 35 में से 20 बार 50+ रन का आंकड़ा पार किया भारत ने इस साल पहले विकेट के लिए, जो
किसी टीम के लिए एक साल में सर्वाधिक है ।
- 24 विकेट लेकर वर्ल्ड कप के सबसे सफल गें दबाज रहे शमी। सेमीफाइनल में 57 रन दे कर
लिए गए 7 विकेट भारतीय गें दबाज का वनडे इतिहास में सबसे सफल प्रदर्शन बन गया।
गें दबाजी: सबसे ज्यादा विकेट के अपने ही रिकॉर्ड तोड़े, फाइव विकेट हॉल में पाक और कंगारू
टीम को पछाड़ा
- भारत ने इस साल 289 विकेट लेकर साल 1998 में 286 विकेट लेने का अपना रिकॉर्ड ही तोड़
दिया। भारतीय गें दबाजों ने इस साल हर 27.4वीं गें द पर विकेट चटकाया, जो किसी टीम के
लिए एक कैलेंडर ईयर में बेस्ट स्ट्राइक रे ट है ।
- भारतीय गें दबाजों ने इस साल 8 फाइव विकेट हॉल भी लिए। इससे पाकिस्तान (1990),
ऑस्ट्रे लिया (2004) और श्रीलंका (2008) के 6-6 फाइव विकेट हॉल के रिकॉर्ड टूट गए।
रोनाल्डो के 21 साल के करियर में 8 बार एक कैलेंडर ईयर में 50+ गोल
साल गोल
2023 54
2017 53
2016 55
2015 57
2014 61
2013 69
2012 63
2011 60
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2 जनवरी
मां बनने के बाद ज्यादा ओपन माइंडड े और स्ट्रॉन्ग महसस ू करती हूं : ओसाका
मैच के बाद ओसाका ने कहा, "मैच के दौरान मैं काफी नर्वस थी। सभी दर्शकों का आभार व्यक्त
करती हूं, जिन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया।' टूर्नामें ट में उतरने से पहले एक इंटरव्यू के दौरान
ओसाका ने कहा कि मां बनने के बाद वे ज्यादा ओपन माइंडड े और स्ट्रॉन्ग महसस ू करने लगी
हैं।' 26 साल की ओसाका कहती हैं, "जल ु ाई में बेटी शाई को जन्म दे ने के बाद से मैं अधिक खल ु े
विचारों वाली, धैर्यवान और आत्मविश्वासी हो गई हूं। मझ ु े लगता है कि मां बनने के बाद से
निश्चित रूप से मेरी मानसिकता में काफी बदलाव आया है । मैं मानसिक रूप से मजबत ू
महसस ू करती हूं। चीजों को दे खने का मेरा नजरिया बदल गया है । मैं कमबैक के लिए उत्साहित
थी। पहले मैं आसपास के माहौल से दरू ी बनाने के लिए हे डफोन पहना करती थी, लेकिन अब
ऐसा करना छोड़ दिया है । मैं पहले अन्य खिलाड़ियों से बातचीत नहीं करती थी। मैंने अपने चारों
तरफ एक तरह की दीवार खड़ी कर दी थी। लेकिन अब मैं लोगों से बातचीत के लिए पहल करती
हूं।'
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3 जनवरी
‘करो या मरो’ की भिड़ंत उस मैदान पर, जहां हम कभी नहीं जीत सके
प्रोटियाज चैलेंज ; भारत-अफ्रीका सीरीज का दस ू रा टे स्ट आज से केप टाउन में
न्यल ू ड्
ैं स पर 6 टे स्ट में कभी नहीं जीता भारत
कोहली की नेट्स में आक्रामक बैटिग ं , अश्विन के खिलाफ बड़े शॉट जमाए; श्रेयस शॉर्ट गें दों के
खिलाफ असहज रहे
पहले टे स्ट में भारत के सफल बल्लेबाजों में से एक विराट कोहली ने दस ू रे टे स्ट से पहले नेट्स
में जमकर पसीना बहाया। उन्होंने बम ु राह, सिराज, अश्विन और आवेश खान के खिलाफ
बल्लेबाजी की। अश्विन के खिलाफ विराट ने आगे बढ़कर लंबे-लंबे छक्के भी लगाए। विराट के
अलावा श्रेयस अय्यर ने भी नेट्स में हिस्सा लिया। हालांकि, 18 गज की दरू ी से फेंकी जा रही
शॉर्ट गें दों को खेलते हुए वे परे शानी में दिखे। उन्होंने थ्रो-डाउन स्पेशलिस्ट के साथ ट्रे निगं की।
आवेश खान और जडेजा को मिल सकती है टीम में जगह
पहले मैच में पारी से हार के बाद भारतीय टीम बदलावों के साथ उतर सकती है । शार्दुल की
फिटनेस पर संदेह है , ऐसे में आवेश खान को डेब्यू का मौका मिल सकता है । वहीं, मिडिल ऑर्डर
में बेहतर संतलन के लिए अश्विन की जगह रवींद्र जडेजा टीम में आ सकते हैं। अफ्रीकी टीम में
चोटिल कोएट्जी की जगह लन ु गी एनगिडी को मिल सकती है ।
4 जनवरी
दसू रा टे स्ट: अफ्रीका 90 साल के इतिहास में सबसे छोटे स्कोर पर आउट, 3 बल्लेबाज दिन में
दो बार पवेलियन लौटे
- टीम इंडिया के 6 खिलाड़ी 11 गें दों में निपटे
पहली पारी में अफ्रीका के 9 बल्लेबाज 5 रन के पार नहीं पहुंचे, अतिरिक्त तीसरा टॉप स्कोरर:
सीरीज में 1-0 से आगे चल रही अफ्रीका टीम ने टॉस जीतकर दस ू रे मैच में बल्लेबाजी चन
ु ी।
हालांकि, उसकी शरु ु आत बेहद खराब रही। तीसरे ओवर में एडेन मार्क रम (2) के आउट होने के
बाद विकेटों का पतझड़ शरू ु हो गया। एल्गर (4), जॉर्जी (2), स्टब्स (3), बेडिघ
ं म (12), जानसेन
(0) और वेरीन (15) एक के बाद एक भारतीय गें दबाजों का शिकार बन गए। पारी में सबसे बड़ी
साझेदारी पांचवे विकेट के लिए बेडिघं म और वेरीन के बीच 19 रन की रही। यही दोनों बल्लेबाज
पारी में दहाई के आंकड़े तक पहुंचे। अन्य कोई बल्लेबाज 5 रन के पार नहीं गया। एक्स्ट्रा 5 रन
पारी के तीसरे टॉप स्कोरर रहे ।
5 जनवरी
केप टाउन में पहली जीत, 107 ओवर में खेल खत्म
अफ्रीकी दौरे पर 3 में से 2 सीरीज ड्रॉ, सिर्फ केएल राहुल विजयी कप्तान
केप टाउन टे स्ट के साथ भारत का अफ्रीका दौरा समाप्त हो गया। बारिश बाधित तीन टी20
मैचों की सीरीज सर्यू कुमार की कप्तानी में 1-1 से ड्रॉ रही, जबकि रोहित की कप्तानी में टे स्ट
सीरीज भी 1-1 की बराबरी पर छूटी। हालांकि, दौरे पर भारत ने 3 मैचों की वनडे सीरीज 2-1 से
अपने नाम की थी। उस टीम के कमान केएल राहुल के पास थी।
पज
ु ारा से आगे निकले कोहली, भारत की 59 जीत के हिस्सेदार
केप टाउन टे स्ट जीतकर विराट भारत की टे स्ट जीत के दस ू रे सबसे बड़े हिस्सेदार बन गए।
उनकी टीम में मौजद ू गी में भारत ने 59 टे स्ट जीते हैं। विराट ने पज
ु ारा (58) को पीछे छोड़ा।
टीम इंडिया के लिए सबसे ज्यादा टे स्ट सचिन (72) ने जीते हैं।
केप टाउन की पिच टे स्ट के लिए आदर्श नहीं थी: रोहित
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा पिच से नाखश ु दिखे। जीत के बाद उन्होंने कहा, ‘केप टाउन की
पिच टे स्ट मैच के लिए आदर्श नहीं थी। जब तक भारतीय पिचों के बारे में कोई शिकायत नहीं
करता, तब तक मझ ु े इस तरह की पिचों पर खेलने में कोई आपत्ति नहीं है । भारत में टर्निंग ट्रै क
की आलोचना की जाती है । यहां तक कि वर्ल्ड कप फाइनल की पिच पर भी सवाल उठाए गए थे।
आईसीसी को इस पर गौर करना चाहिए।’
दसू रे दिन मार्क रम का 100+ स्ट्राइक रे ट से शतक, भारत ने 12 ओवर में चेज किया
न्यलू ड्
ैं स की मश्कि
ु ल पिच पर अफ्रीका ने दस ू रे दिन 62/3 के स्कोर से आगे खेलना शरू ु किया।
मार्क रम को छोड़कर अन्य कोई बल्लेबाज संघर्ष नहीं कर पाया और टीम 176 रन पर ढे र हो
गई। बम ु राह ने 6 विकेट हासिल किए। परू ी अफ्रीकी टीम दस ू रे दिन सिर्फ 19.5 ओवर खेल पाई।
मार्क रम ने 102.91 की स्ट्राइक रे ट से 103 गें दों में 17 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 106
रन की शतकीय पारी खेली। भारत को 79 रन का लक्ष्य दिया, जिसे उसने 12 ओवर में हासिल
कर लिया। मैच में 7 विकेट लेने वाले मोहम्मद सिराज प्लेयर ऑफ द मैच, जबकि डीन एल्गर
और जसप्रीत बम ु राह प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे ।
क्रिकेट इतिहास के सबसे जल्दी खत्म टे स्ट मैच
मैच गें दें साल
द. अफ्रीका बनाम भारत 642 2024
ऑस्ट्रे लिया बनाम द. अफ्रीका 656 1932
विंडीज बनाम इंग्लैंड 672 1935
इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रे लिया 788 1888
इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रे लिया 792 1888
दो दिन में खत्म हुए भारतीय टीम के टे स्ट मैच
भारत बनाम अफगानिस्तान (2018), बेंगलरू ु
भारत बनाम इंग्लैंड (2021), अहमदाबाद
दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत (2024), केपटाउन
(सभी मैचों में भारत की जीत)
464 कुल रन बने इस मक ु ाबले में । यह टे स्ट इतिहास में भारत-अफ्रीका के मक ु ाबले में सबसे
कम।
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6 जनवरी
डब्ल्यटू ीसी ; पहले टे स्ट में हार से 5वें पर फिसल गई थी टीम इंडिया
SENA दे श में 5 हार के बाद पहली जीत, अब सिर्फ ऑस्ट्रे लिया का विदे शी दौरा
भास्कर न्यज ू | मबंु ई
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दस ू रे टे स्ट में मिली जीत के बाद भारत वर्ल्ड टे स्ट चैम्पियनशिप के
टॉप पर पहुंच गया। पहले टे स्ट में मिली हार के बाद टीम अंक तालिका में 5वें स्थान पर फिसल
गई थी, लेकिन उसने मौजद ू ा टे स्ट चैम्पियनशिप का संभवतया सबसे मश्कि ु ल दौरा टॉप पर
रहकर फिनिश कर लिया। इस जीत से टीम को 12 महत्वपर्ण ू अंक मिल गए। 4 मैचों में 2
जीत, एक हार और एक ड्रॉ के बाद उसका अंक प्रतिशत सर्वाधिक 54.16% है । इसी के साथ
उसके लगातार तीसरी बार डब्ल्यट ू ीसी के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें मजबत ू हो गई हैं। अब
उसे विदे श में सिर्फ ऑस्ट्रे लिया के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज खेलनी है । यह बॉर्डर-गावस्कर
ट्रॉफी इस साल नवंबर से जनवरी के बीच होनी है । न्यज ू ीलैंड, बांग्लादे श, इंग्लैंड के खिलाफ
सीरीज घरे लू मैदान पर होगी, जिसमें भारत का पलड़ा भारी रहने की उम्मीद है । हर मैच में 12
अंक दांव पर होंगे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केप टाउन टे स्ट में मिली जीत भारत की SENA
(साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यज
ू ीलैंड, ऑस्ट्रे लिया) दे शों में लगातार 5 हार के बाद पहली जीत थी।
पॉइंट% से तय होती है रैंकिंग, भारत 2 मैच जीतकर टॉप पर
टे स्ट चैम्पियनशिप में 4 मैचों में से 2 जीत, 1 हार, 1 ड्रॉ के साथ भारत के 26 अंक हैं और वह
टॉप पर है । 7 मैचों में 4 जीत के साथ ऑस्ट्रे लिया 42 अंकों के बावजद ू चौथे, पाक 2 जीत व 22
अंक के साथ छठे और इंग्लैंड 2 जीत में 9 अंकों के साथ 8वें पर है । ऐसा इसलिए क्योंकि रैंकिंग
अंकों के आधार पर तय न होकर सीरीज में हासिल किए पॉइंट प्रतिशत से तय होती है । इसी से
टॉप 2 टीमें फाइनल में पहुंचती हैं।
डब्ल्यट ू ीसी में सभी टीमों के मैच की संख्या एक समान नहीं होती
टे स्ट चैम्पियनशिप में सभी टीमें 6 सीरीज खेलेंगी। इनमें 3 घरे लू और 3 विदे शी मैदान पर
होंगी। सीरीज में मैचों की संख्या समान नहीं होगी। सभी टीमों को बराबर मक ु ाबले खेलने नहीं
मिलेंगे। इंग्लैंड सर्वाधिक 22 मैच, भारत और ऑस्ट्रे लिया 19-19 मैच व अन्य टीमें 15 से कम
टे स्ट खेलेंगी। ऐसे में रैंकिंग अंकों के आधार पर नहीं अंक प्रतिशत के आधार पर तय होती है ।
2025 तक की साइकल में किस टीम की किससे सीरीज बाकी?
टीम होम अवे
भारत इंग्लैंड, बांग्लादे श, न्यज
ू ीलैंड ऑस्ट्रे लिया
ऑस्ट्रे लिया भारत, पाक, विंडीज श्रीलंका, न्यज ू ीलैंड
इंग्लैंड श्रीलंका, विंडीज भारत, पाक
न्यज ू ीलैंड ऑस्ट्रे लिया, अफ्रीका, इंग्लैंड भारत, श्रीलंका
पाकिस्तान बांग्लादे श, इंग्लैंड, विंडीज ऑस्ट्रे लिया, अफ्रीका
अफ्रीका पाक, श्रीलंका बांग्लादे श, न्यजू ीलैंड, विंडीज
श्रीलंका न्यजू ीलैंड, ऑस्ट्रे लिया बांग्लादे श, इंग्लैंड, अफ्रीका
विंडीज बांग्लादे श, अफ्रीका ऑस्ट्रे लिया, इंग्लैंड, पाक
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Front Page
20 December
वाइब्रेंट गजु रात का प्लान ‘चीन छोड़ो, भारत आओ’, एनर्जी-टे क पर फोकस
समिट 10 जनवरी से... 25 दे शों के 75 हजार डेलीगेट आ रहे हैं
दे वेंद्र भटनागर | गांधीनगर
प्रधानमंत्री नरें द्र मोदी का ब्रेन चाइल्ड माने जाने वाली वाइब्रेंट गज
ु रात समिट के 20 साल हो चकु े
हैं। अब तक 9 समिट हुईं। 10वां संस्करण 10 जनवरी से गांधीनगर के महात्मा मंदिर में शरू ु
होगा। दे श को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के उद्दे श्य से इस बार समिट की थीम रखी गई है
‘गेटवे टू द फ्यच ू र’, यानी भविष्य का प्रवेश द्वार। लक्ष्य है - दनि
ु या को ये बताना कि अब चीन नहीं,
भारत की तरफ दे खो, आओ और निवेश करो। समिट में 25 दे श और उनके 75 हजार डेलीगेट्स
आएंगे। फोकस एरिया की बात करें तो इन्फ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर, स्पेस
टे क्नोलॉजी पर बड़े एमओयू हो सकते हैं। गिफ्ट सिटी (गज ु रात इंटरनेशनल फाइनेंस टे क-सिटी) को
सिंगापरु के बाद नया फिनटे क वर्ल्ड बनाने का प्लान बन चक ु ा है । करीब 900 एकड़ में फैली गिफ्ट
सिटी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बैंक, आईटी कंपनियांे, बीमा कंपनियाें, अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार,
इंटरनेशनल फाइनेंस सर्विस सेंटर के साथ ग्लोबल फाइनेंस हब बनने की दिशा में बढ़ रही है ।
समिट से पहले 1.35 लाख करोड़ रु. के 100 एमओयू
समिट जनवरी में है । इससे पहले ही एमओयू हो रहे हैं। 1.35 लाख करोड़ रु. के निवेश के 100
एमओयू हो चक ु े हैं। ये एमओयू पोर्ट, पावर, कैमिकल, इन्फ्रा आदि क्षेत्रोंं में हुए हैं। दावा किया जा
रहा है कि अगले 5 से 7 साल में इनका असर दे खने को मिलेगा।
इन पर फोकस
1 सेमीकंडक्टर मैन्यफ ु ै क्चरिंग
2 ग्रीन मोबिलिटी/ई-मोबिलिटी
3 ग्रीन हाइड्रोजन, रिन्यब ू ल एनर्जी
4 इमर्जिंग टे क
5 स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट सिटी
6 आत्मनिर्भर भारत इनिशिएटिव
7 डिजिटल इंडिया
8 मेक इन गज ु रात फॉर द वर्ल्ड
(लोकल टू ग्लोबल)
9 एन्वायर्नमें ट टे क्नोलॉजी
10 टूरिज्म और हॉस्पिटै लिटी
11 ब्लू इकोनॉमी
12 लॉजिस्टिक सप्लाई चेन
13 सस्टे नेबल एग्रीकल्चर
ओलिंपिक: अहमदाबाद में इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा
अहमदाबाद में 2036 के ओलिंपिक गेम्स करने की तैयारी है । इसे लेकर कई कंपनियां समिट में
एमओयू कर सकती हैं। इनमें स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, खेलगांव, सौर ऊर्जा के साथ कनेक्टिविटी,
गज ु रात के अन्य शहरों में स्पोर्ट्स एक्टिविटी का इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना आदि शामिल है ।
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21 December
भास्कर एक्लक्लसि ू व }दे श के 40.5 करोड़ लोगों के पास हे ल्थ बीमा नहीं
आयष्ु मान योजना: इलाज खर्च की लिमिट दोगन ु ी कर 10 लाख रु. करने का विचार
{फरवरी में आने वाले अंतरिम बजट में घोषणा हो सकती है
मक ु े श कौशिक | नई दिल्ली
केंद्र सरकार आयष्ु मान योजना के विस्तार की तैयारी में है । यह दो तरीके से होगा। पहला- इस
योजना के तहत इलाज के लिए मिलने वाली मदद 5 लाख रु. से बढ़ाकर 10 लाख रु. की जा सकती
है । दस ू रा- इस योजना के दायरे में उन 40 करोड़ लोगों को भी शामिल किया जा सकता है , जिनके
पास अभी हे ल्थ बीमा नहीं है । अभी आयष्ु मान योजना के तहत कुल 60 करोड़ लोगों (12 करोड़
परिवार) को रखने का लक्ष्य है , जो अभी परू ा नहीं हुआ है ।
संसदीय समिति ने सिफारिश दी है कि केंद्र सरकार इलाज खर्च बढ़ाने पर गंभीरता से विचार करे ।
इसे दे खते हुए सरकार फरवरी में पेश होने वाले अंतरिम बजट के विजन दस्तावेज में बड़ी घोषणा
कर सकती है । दे श में आयष्ु मान कार्ड प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बनते हैं। आयष्ु मान
योजना की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि कई मामलों में 5 लाख रु. काफी नहीं हैं।
कुछ जटिल और संवेदनशील सर्जरी का खर्च इससे कहीं ज्यादा होता है । इतना ही नहीं, कुछ जटिल
सर्जरी भी अभी योजना के दायरे में नहीं हैं।
योजना में मध्यम वर्ग के लोग शामिल हो सकते हैं... उच्च मध्यम वर्ग के परिवारों को भी न्यन ू तम
प्रीमियम पर कवर मिल सकता है
मफ् ु त इलाज की योजना में गरीबी रे खा के ऊपर के मध्यम वर्ग के परिवारों को शामिल किया जा
सकता है । जबकि, बाकी बची हुई आबादी को न्यन ू तम प्रीमियम के माध्यम से हे ल्थ कवर दिया जा
सकता है । भाजपा ने पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के चन ु ावों के दौरान सेहत बीमा 10 लाख रु. करने
वादा किया था। इसलिए, अब यही गारं टी राष्ट्रीय स्तर पर दी जा सकती है । हालांकि, अभी यह तय
नहीं है कि इसे मंत्रालय के स्तर पर लाया जाएगा या लोकसभा चन ु ाव के दौरान ‘मोदी की गारं टी’ के
तौर पर भी पेश किया जाएगा। हालांकि, अंतरिम बजट में घोषणा की संभावना ज्यादा है ।
समिति की सिफारिशें, जिन पर फैसला होगा
{मध्यम वर्गीय परिवारों को आयष्ु मान योजना का लाभ मिलना चाहिए। क्योंकि, ये लोग गरीबी
रे खा से ऊपर तो हैं, लेकिन महं गा इलाज करने में समर्थ नहीं हैं। ये परिवार बीमारियों की चपेट में
आने के बाद गरीबी रे खा के नीचे जाने के जोखिम में बने हुए हैं।
{योजना में केंद्र का हिस्सा 7000 करोड़ रु. है । इसे बढ़ाना जरूरी है ।
{5 लाख रु. से ऊपर का खर्च गरीब परिवार के लिए मश्कि ु ल है । इसके लिए सरकार राष्ट्रीय आरोग्य
निधि के अलावा कोई ऐसा विशेष इंतजाम भी करे , जिसके माध्यम से अतिरिक्त खर्च की भरपाई
हो सके।
दे श में सेहत बीमा के दायरे में आने वाली आबादी
बीमा योजना व्यक्ति परिवार
आयष्ु मान योजना+
राज्यों की योजनाएं 69 करोड़ (51%) 15.3 करोड़
सामाजिक सेहत बीमा 14 करोड़ (10%) 3.6 करोड़
निजी बीमा कवर 11.5 करोड़ (9%) 2.6 करोड़
कुल 94.5 करोड़ (70%) 21.5 करोड़
कवर से बाहर 40.5 करोड़ (30%) 8.5 करोड़
{केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने बताया... लक्ष्य यह था कि 12 करोड़ परिवारों के 60 करोड़ लोगों
को पीएमजय कार्ड जारी किए जाएं। प्रत्येक परिवार को 5 लाख रु. तक का सेहत बीमा दिया जाए।
लेकिन, अभी तक लक्ष्य से 33 करोड़ कम लोग ही योजना के दायरे में आ सके हैं।
{आयष्ु मान योजना में खामियां भी... स्वास्थ्य मंत्रालय से संबद्ध संसद की स्थायी समिति ने
आयष्ु मान योजना में खामियां भी गिनाई हैं। कहा कि योजना के क्रियान्वयन में कमी रह गई है ,
तभी 33 करोड़ लोग अब तक इसके दायरे में नहीं आए हैं।
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कश्मीर में बड़ी आतंकी वारदात }सर्च के लिए जा रही सैन्य टुकड़ी को अंधे मोड़ पर घेरा
पछ
ंु : सेना के काफिले पर आतंकी हमला, 5 जवान शहीद; आतंकियों ने 2 शहीदों के साथ बर्बरता
की
भास्कर न्यज ू | पछ
ंु /श्रीनगर
जम्म-ू कश्मीर के पछ ंु में गरु
ु वार दोपहर बाद 3:45 बजे आतंकियों ने सैन्य टुकड़ी पर घात लगाकर
हमला किया। इसमें पांच जवान शहीद हो गए। दो घायल हैं। अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों
ने दो शहीद जवानों के शवों को विकृत भी किया है । दो वाहनों में सवार जवान आतंकियों के
खिलाफ चल रहे एक ऑपरे शन में शामिल हाेने जा रहे थे। इसी दौरान आतंकियों ने सरु नकोट
इलाके में डेरा की गली और बफ ु लियाज के बीच अंधे मोड़ पर हमला कर दिया। हमले की
जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जड़ ु े संगठन एंटी फास्टिस फ्रंट ने ली है । रक्षा प्रवक्ता ले. कर्नल
सन ु ील बरतवाल ने बताया कि हमले के बाद सरु क्षाबलों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शरू ु
किया है । दे र रात तक आतंकियों को घेरने की कोशिशें जारी थीं। जम्म-ू कश्मीर के पर्व ू डीजीपी
एसपी वैद्य ने कहा- यह पाकिस्तान की ओर से किया गया सनि ु योजित हमला लगता है , क्योंकि
वह अनच् ु छे द 370 हटाए जाने के बाद सामान्य हुए हालात का नैरेटिव बदलने की काेशिश करता
रहता है ।
सैन्य टुकड़ी ने अचानक हुए हमले का जवाब
भी दिया... आमने-सामने की लड़ाई भी चली
सैन्य सत्र
ू ों के अनस ु ार, डेरा की गली इलाके में बध
ु वार रात से संयक्
ु त तलाशी अभियान चल रहा
था। इसी दौरान वहां मठ ु भेड़ शरू
ु हो गई। इस खबर पर राष्ट्रीय राइफल्स की एक टुकड़ी मदद के
लिए रवाना हुई। इस दल में जिप्सी और एक ट्रक था। रास्ते में एक अंधे मोड़ के ठीक बाद घात
लगाकर बैठे आतंकियों ने हमला कर दिया। अचानक शरू ु हुई अंधाधधंु फायरिंग के चलते 7 जवानों
को गोलियां लगीं। बचे हुए सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलाईं। कुछ दे र तक
आमने-सामने की लड़ाई भी चली। सैनिकों को अच्छी पोजिशन के लिए इधर-उधर होना पड़ा। इसी
दौरान शहीद हुए दो सैनिकों के शवों को आतंकियों ने क्षत-विक्षत किया।
अप्रैल-मई में भी 10 जवान इसी इलाके में शहीद हुए थे
राजौरी और पछ ंु जिले की सीमा पर स्थित डेरा की गली और बफ ु लियाज के बीच के इस इलाके में
घने जंगल हैं। यह चमरे र और भाटा धरि ु यन जंगल की ओर जाता है , जहां इस साल 20 अप्रैल को 5
सैनिक शहीद हो गए थे। मई में भी यहां 5 जवान शहीद हुए थे। इस साल राजौरी और पछ ंु में हुई
मठु भेड़ों में 19 जवान शहीद हुए हैं। वहीं, 28 आतंकी मारे गए हैं। अक्टूबर 2021 में दो अलग
हमलों में 9 सैनिक शहीद हो गए थे।
22 December
आर्थिक मजबत ू ी के संकेत }बैंक बाजार की सालाना रिपोर्ट में नया ट्रें ड
ऊंचे ब्याज-महं गाई के बाद भी 18% बढ़े रिटे ल लोन... ब्याज दरें घटने से और बढ़ें गे
सबसे ज्यादा 28% ग्रोथ क्रेडिट कार्ड के लोन में
भास्कर न्यज ू |नई दिल्ली
दे श में पिछले एक साल में रिटे ल लोन 18% की दर से बढ़े हैं। इस सेगमें ट में 47% हिस्सेदारी
रखने वाले हाउसिंग सेक्टर के लोन की ग्रोथ 14% रही। खास बात यह है कि पिछले एक साल से
ब्याज दरें ज्यादा हैं, महं गाई भी तय सीमा से अधिक रही है । इसलिए जानकारों का मानना है कि
लोगों की आर्थिक स्थिति पहले के मक ु ाबले मजबत ू हुई है । यह दावा बैंक बाजार की सालाना रिपोर्ट
में किया गया है । इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महं गाई दर अब घट चक ु ी है । दस
ू री ओर,
ब्याज दरों में भी कटौती आने लगेगी। इससे वित्त वर्ष 2024-25 में कर्ज की मांग और तेज होगी।
बैंक अभी से प्रीमियम कस्टमर को कम ब्याज दरें ऑफर करने लगे हैं। लेकिन, छोटे और मझौले
कर्ज लेने वाले ज्यादा ब्याज चक ु ा रहे हैं। कुछ महीनों में दरें घटने से यह असमानता भी कम होगी।
2023 में रिटे ल लोन में ऑटो और होमलोन की हिस्सेदारी 1.27% घटकर 59.27% रही। पर्सनल
लोन और क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि 1.37% बढ़कर 32.95% हो गई। इन सभी श्रेणियों में कुल
कर्ज 41.97 लाख करोड़ रु. हो गया है ।
होमलोन-ऑटो लोन: हाउसिंग सेक्टर में रफ्तार आएगी
सालाना आधार पर हाउसिंग लोन 14.46% बढ़े हैं। होमलोन की कुल रकम 18.73 लाख करोड़ रु.
से बढ़कर 21.44 लाख करोड़ रु. हो गई है । 2021 में कुल बकाया हाउसिंग लोन 16.05 लाख करोड़
रु. था। यानी दो साल में ही हाउसिंग लोन की रकम 33.58% बढ़ी है । ऑटो लोन की बात करें तो
यह एक साल में 20.02% की बढ़ोतरी के साथ 4.60 लाख करोड़ रु. से 5.53 लाख करोड़ हो गया
है । जबकि, दो साल में कुल बढ़ोतरी 46.29% रही है ।
आगे क्या: रियल एस्टे ट मार्के ट में तेजी आ चक ु ी है । महं गाई भी घट रही है । आगे ब्याज दरों में
कटौती की उम्मीद है । इसके चलते हाउसिंग सेक्टर नई ऊंचाइयों को छू सकता है ।
भास्कर इंटरव्यू }अयोध्या में मंदिर निर्माण करने वाले चंद्रकांत सोमपरु ा ने भास्कर को बताई
मंदिर की परू ी कहानी...
25 फीट दरू से दर्शन, मंदिर में राम को मर्यादा परु ु षोत्तम बनाने वाले 16 गण ु झलकेंगे
मंदिर परू ा होने में 1 साल, कॉरिडोर बनने में डेढ़ से दो साल और लगें ेगे
अयोध्या में भगवान श्रीराम की मर्ति ू की प्राण-प्रतिष्ठा में एक महीना शेष हैं। सबके मन में
जिज्ञासा है कि भगवान राम की मर्ति ू कैसी होगी? मंदिर कैसा बना है ? खासियत क्या है ? भास्कर
के संकेत ठाकर ने ऐसे ही सवालों के जवाब चंद्रकांत सोमपरु ा से लिए। सोमपरु ा ने ही अयोध्या के
श्रीराम मंदिर की परू ी डिजाइन तैयार की है । इन्हीं की दे खरे ख में परू ा निर्माण हो रहा है । पढ़िए
उन्हीं की जब ु ानी...
मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के लिए तैयार है । गर्भगह ृ में वो आसन भी आकार ले चक ु ा है , जहां रामलला
विराजेंगे। हम 5.5 फीट की तीन मर्ति ू यां बना रहे हैं। एक श्याम रं ग की, दस ू री गहरी काली
शालिग्राम पत्थर की और तीसरी सफेद पत्थर की। मंदिर ट्रस्ट 29 दिसंबर को इनमें से एक मर्ति ू
तय करे गा। उसी की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। गर्भगह ृ से बाहर निकलते ही सामने गणपति और
हनम ु ानजी की मर्ति ू स्थापित होगी। मंदिर के सामने गरुड़जी की मर्ति ू लगाई जा रही है ।
प्राण-प्रतिष्ठा मंदिर की दस ू री मंजिल पर होगी। यहीं राम दरबार भी बनाया गया है । यहां भगवान
श्रीराम, मां जानकी, लक्ष्मणजी और हनम ु ानजी की मर्ति
ू होगी।
भारत में मंदिर डिजाइन करने की 16 शैलियां हैं। इनमें 3 प्रमख ु हैं। उत्तर भारत में नागर शैली,
दक्षिण में द्रविड़ और मध्य-पर्व ू भारत में पगोड़ा शैली। अयोध्या मंदिर नागर शैली में है । सोमनाथ,
स्वामीनारायण, अंबाजी मंदिर इसी शैली में बने हैं। आठ दिशाएं, अष्ठ भज ु ाएं और विष्णु के आठ
स्वरूपों को ध्यान में रखकर गर्भगह ृ अष्टकोण में बनाया है । नक्काशी में भगवान श्रीराम के वो 16
गण ु नजर आएंगे, जिनकी बदौलत वे मर्यादा परु ु षोत्तम कहलाए। गर्भगह ृ इस तरह बनाया है कि
भक्तोंं को 25 फीट दरू से रामलला के दर्शन हों। मंदिर परू ी तरह तैयार होने में 1 साल और लगेगा।
अयोध्या कॉरिडोर बनने में भी डेढ़ से 2 साल लगें गे। मंदिर में विष्णु के दशावतार, 64 योगिनी, 52
शक्तिपीठ और सर्य ू के 12 स्वरूप की मर्तिू यां भी उकेरी हैं। हर पिलर में लगभग 16-16 मर्ति
ू यां
उकेरी गई हैं। मंदिर में ऐसे कुल 250 पिलर हैं।
34 साल पहले निर्माण शरू ु : मंदिर निर्माण की शरुु आत 34 साल पहले 1989 में ही कर दी थी। तब
अयोध्या आंदोलन शरू ु ही हुआ था। डीडी बिरलाजी ने मझ ु े कहा कि तमु अशोक सिंघल के साथ
अयोध्या जाओ और जिस जगह मंदिर बनना है , उसका नाप लेकर आओ। वहां कोर्ट के प्रतिबंध के
कारण गवर्नमें ट टे प (मापपट्टी) का उपयोग नहीं कर सके। इसलिए कदम से नाप की। कुल 82
कदम में जगह तय की। कुछ वर्षों बाद मैप तैयार हुआ और कदमों के माप से ही डिजाइन फाइनल
की। प्रयागराज कंु भ में संतों की मंजरू ी से लकड़ी का मॉडल बनाया, जो बरसों राम मंदिर का प्रतीक
रहा। 2019 में सप्रु ीम कोर्ट के फैसले के बाद इसमें कई परिवर्तन हुए। ऊंचाई भी 128 से बढ़ाकर
161 फीट की। मंदिर निर्माण शरू ु किया, तब बजट 400 करोड़ था। अब मंदिर और कॉरिडोर पर 2
हजार करोड़ रु. खर्च होंगे। -शेष पेज 00
23 December
24 December
भास्कर ब्रेकिंग | मझगांव डॉक शिपयार्ड के साथ गज ु रात सरकार का करार, वाइब्रेंट समिट में होगी
आधिकारिक घोषणा; जन्माष्टमी या दीपावली से शरु ु आत, किराया फिलहाल तय नहीं
दे श में पहली बार... समद्र
ु में 300 फीट नीचे पनडुब्बी से द्वारका दर्शन
चिंतन आचार्य . गांधीनगर
हजारों साल पहले समद्र ु में डूब चकु ी भगवान श्री कृष्ण की द्वारका नगरी के दर्शन अब आसान
होने जा रहे हैं। गज
ु रात सरकार मल ू द्वारका दर्शन के लिए अरब सागर में ‘यात्री पनडुब्बी’ चलाने
जा रही है । भारत सरकार की कंपनी मझगांव डॉक शिपयार्ड के साथ राज्य सरकार का एमओयू हो
चक ु ा है । जनवरी में होने जा रही वाइब्रेंट समिट में इसकी घोषणा होगी। इस सबमरीन का संचालन
मझगांव डॉक ही करे गा। जन्माष्टमी या दीपावली तक ये शरू ु हो जाएगी। सबमरीन समद्र ु में 300
फीट नीचे जाएगी। इस रोमांचक सफर में 2 से ढाई घंटे लगें गे। किराया महं गा होगा, लेकिन आम
आदमी का ध्यान रखते हुए गज ु रात सरकार इसमें सब्सिडी जैसी रियायत दे सकती है ।
दरअसल, केंद्र सरकार धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए कई प्रोजेक्ट पर काम कर
रही है । काशी कॉरिडोर, महाकाल लोक, अयोध्या, केदारनाथ, सोमनाथ और द्वारका कॉरिडोर
इसका अहम हिस्सा हैं। द्वारका कॉरिडोर के तहत मल ू द्वारका (बेट द्वारका) के दर्शन के लिए
सबमरीन प्रोजेक्ट लाया जा रहा है । बेट द्वारका में ही अरब सागर में सबसे बड़ा केबल ब्रिज बन
रहा है , जो जन्माष्टमी के आसपास शरू ु होगा।
ऐसी होगी सबमरीन: 35 टन वजनी, एक बार में 30 लोग बैठ सकेंगे; 2 गोताखोर, एक गाइड साथ
रहे गा
{35 टन वजनी सबमरीन एयर कंडीशंड रहे गी। 30 लोग बैठेंगे। इसमें मेडिकल किट भी रहे गी।
{इसमें 24 यात्री दो लाइन में बैठेंगे। पनडुब्बी चलाने वाले दो सदस्य, 2 गोताखोर, एक गाइड और
एक तकनीशियन साथ रहे गा।
{इसकी हर सीट विंडो व्यू दे गी, ताकि 300 फीट गहराई में समद्र ु के भीतर के प्राकृतिक सौंदर्य को
आसानी से दे ख सकें।
{यात्रियों को ऑक्सीजन मास्क, फेस मास्क और स्कूबा ड्रेस संचालन करने वाली एजेंसी ही दे गी।
इनका किराया टिकट में शामिल रहे गा।
{इसमें प्राकृतिक रोशनी की व्यवस्था रहे गी। संचार प्रणाली और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी सवि ु धा
भी रहे गी। सबमरीन में बैठकर भी सामने स्क्रीन पर भीतर की हलचल, जीव जंतु आदि दे ख सकेंगे
और रिकॉर्ड कर सकेंगे।
सिग्नेचर ब्रिज 90% तैयार, ईको टूरिज्म, डॉल्फिन व्यइ ू ंग गैलरी
दे वभमि
ू कॉरिडोर के तहत बेट द्वारका आईलैंड को दनि ु या के नक्शे पर लाने के लिए केंद्र और
राज्य सरकार मिलकर कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। सबसे बड़ा आकर्षण है सिग्नेचर ब्रिज।
900 करोड़ में बन रहा 2320 मीटर लंबा यह फोर लेन ब्रिज भारत का सबसे बड़ा केबल ब्रिज है । यह
90% तैयार हो चक ु ा है । इसी प्रोजेक्ट में 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल नागेश्वर मंदिर, हनम ु ानजी
और उनके पत्र ु का मकरध्वज मंदिर भी डेवलप हो रहा है ।
शिवराजपरु बीच प्राइवेट एजेंसी को दे ने की तैयारी
ब्लू फ्लैग का दर्जा हासिल कर चक ु े शिवराजपरु बीच के विकास और उसके संचालन का जिम्मा
गज ु रात सरकार अब एक निजी कंपनी को दे ने जा रही है । वाइब्रेंट समिट के दौरान संभवत: इस बारे
में एमओयू हो सकते हैं। इसे दे श का सबसे शानदार बीच बनाने की तैयारी है ।
ये काम और हो सकते हैं...
{बेट द्वारका में समद्र ु ी तट को डेवलप करना, होटल-रे स्तरां बनाना, गोवा की तर्ज पर बीच किनारे
रिसॉर्ट और थीम पार्क बनाना, बीच किनारे वॉक-साइकिल ट्रै क, जेटी, डेक, वॉटर स्पोर्ट्स, कैं पिंग
साइट्स, जलीय गैलरी, फूट कोर्ट, बटि ु क आदि बनाना।
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25 December
तंबाकू-सिगरे ट पर कुल टै क्स सेस के कारण बढ़कर 80-90% तक चला गया है । इससे अवैध
कारोबार बढ़कर 92% हो गया है । केवल 8% ही पान मसाला और सिगरे ट वैध चैनल से बिक रहे
हैं। कोयले पर सेस लगाने से बिजली महं गी हो रही है । इस हिसाब से दे खें तो सेस का हटना जरूरी
है , वरना आने वाला समय कठिन होगा। - अशोक बत्रा, जीएसटी विशेषज्ञ
बची राशि पर फैसला बाकी
जीएसटी काउं सिल की बैठक में सेस मार्च 2026 तक वसल ू ना तय हुआ है । अनम
ु ान है कि तब तक
कर्ज ब्याज समेत चक ु ा दें गे। इसके बाद जो सेस की राशि बचेगी, उस पर फैसला बाकी है । -विवेक
जौहरी, पर्व
ू चेयरमैन, सीबीआईसी
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26 December
सज रही अयोध्या }धर्मग्रंथों में प्रभु का जैसा वर्णन, गर्भगह ृ में वैसी ही मर्ति
ू विराजेगी
ऐसे होंगे प्रभु राम... बालस्वरूप मर्ति ू में दिखेगा साहस-मर्यादा, नटखटपन नहीं
आईआईटी के विरासत विज्ञान के विशेषज्ञों की मदद भी लेंगे संत, तीन में से एक मर्ति ू चन ु ेंगे
विजय उपाध्याय | अयोध्या/लखनऊ
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के गर्भगह ृ में रामलला की जो मर्ति ू विराजेगी, उसे चन ु ने के कुछ
पैमाने तय हुए हैं। तीन शिल्पकारों ने 3 मर्ति ू यां बनाई हैं। इनमें दो श्याम शिला तो एक सफेद
संगमरमर की है । इन्हीं में एक का चयन शक्र ु वार को होना है । तीनों मर्ति
ू श्रीराम के पांच वर्षीय बाल
स्वरूप की हैं। इनमें प्रत्येक 51-51 इंच लंबी है । कर्नाटक का नेशनल इंस्टीट्यट ू ऑफ रॉक
मैकेनिक्स तीनों मर्ति ू यों के पत्थर जांच चक ु ा है ।
श्रीराम जन्मभमि ू तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि गर्भगह ृ में विराजने वाली
मर्ति
ू वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस में वर्णित बालस्वरूप जैसी होगी। आईआईटी
है दराबाद के विरासत विज्ञान के विशेषज्ञ, शंकराचार्य और संत इस मर्ति ू को चन ु ेंगे। इसके लिए
तीनों पत्थरों पर चंदन व लेप के प्रभाव का अध्ययन होगा, ताकि मर्ति ू पर दाग या निशान न पड़ें।
जिस पत्थर की आयु ज्यादा और चमक सालों तक रहे गी, जिस पर सर्य ू का प्रकाश ज्यादा आकर्षक
लगेगा, उसे ही चन ु ेंगे। चनु ी गई मर्ति
ू की सच ू ना जनवरी के पहले हफ्ते में मिलेगी।
4 मानक, जिन पर परखेंगे मर्ति ू की अलौकिकता
{बाल स्वरूप की मर्ति ू में गंभीरता, मर्यादा और साहस का भाव दिखे।
{निच्छल मस् ु कान दिखे, लेकिन बालकृष्ण जैसा नटखटपन न हो।
{आंखों में दै वीय सहजता के साथ गंभीरता भी नजर आए।
{संपर्णू हावभाव अलौकिक और मन की शांति दर्शाने वाला हो।
तालमना पद्धति से बनीं...
भारतीय शिल्पशास्त्र में मर्ति ू के माप और अनप ु ात के निर्धारित मानदं ड हैं। यह ‘आइकोनोमेट्री’
(मर्तिू विज्ञान) की जटिल प्रणाली है । इस तालमना पद्धति में हथेली द्वारा दे वता के आध्यात्मिक
गण ु , रूप, विशेषता, लक्षण को चित्रित किया जाता है । तीनों मर्ति ू यां इसी पद्धति से बनाई गई हैं।
धर्मग्रंथों में ऐसा वर्णन...
{वाल्मीकि रामायण में श्रीराम का चेहरा चंद्रमा के समान सौम्य, कांतिवान, आंखें बड़ी और कमल
के समान, नाक उन्नत व सड ु ौल, होंठों का रं ग उगते सर्यू की तरह, कान बड़े, बाल लंबे व चमकदार,
हाथ घट ु नों तक लंबे होना वर्णित है ।
{श्रीरामचरितमानस के बालकांड में लिखा है - उनके नीलकमल और गंभीर मेघ के समान श्याम
शरीर में करोड़ों कामदे वों की शोभा है ।
70% क्षेत्र होगा ग्रीन...
चंपत राय के मत ु ाबिक मंदिर क्षेत्र के 70 एकड़ का 70% हिस्सा ग्रीन क्षेत्र होगा। मंदिर 392 पिलर्स
पर बन रहा है । धर्मपथ के बगल में 9 फीट ऊंची और 20 चौड़ी कंकड़-पत्थर से बनीं कलाकृतियां
रहें गी, जो अयोध्या की कथा बताएंगी। ऐसी 20 कलाकृतियों का निर्माण कार्य दो महीने में परू ा हो
जाएगा।
स्वर्णजड़ित सिंहासन...
161 फीट ऊंचा भव्य मंदिर पांच शिखरों के साथ तीन मंजिला है । गर्भगह ृ में श्रीरामलला के लिए
स्वर्ण जड़ित सिंहासन बन रहा है । इसकी नापजोख ज्योतिष गणना से हुई है । ये 440 वर्ग फीट का
है । छत की ऊंचाई 16 फीट से अधिक है । इसमें भव्य नक्काशी के साथ 15 हजार वर्ग फीट मार्बल
लगा है ।
नेपाल: ससरु ाल की 30 नदियों के जल से स्नान करें गे श्रीराम
चंदन पांडय े , वाराणसी | प्रभु श्रीराम नेपाल के जनकपरु के दामाद हैं और माता सीता का अयोध्या
में नया घर वास हो रहा है , इसलिए दामाद के स्नान के लिए नेपाल से 30 नदियों का जल अयोध्या
आ रहा है । इसे 40 किलो तांबे से बने साढ़े तीन फीट ऊंचे कलश में ला रहे हैं। नेपाल के सौंधा
जनपद के विहिप जिलाध्यक्ष संतोष शाह ने बताया कि 51 लोग कलश लाएंगे। वे 28 दिसंबर को
भारत-नेपाल मैत्री पल ु से गोरखपरु पहुंचेंगे। फिर 29 की सब ु ह गोरखपरु से अयोध्या जाएंगे। यहां
30 दिसंबर को कलश राम मंदिर ट्रस्ट को सौंपें गे।
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27 December
136 दिन चली थी भारत जोड़ो यात्रा : भारत जोड़ो 7 सितंबर 2022 से 30 जनवरी 2023 के बीच
कन्याकुमारी से कश्मीर तक। इस दौरान 136 दिन में 4500 किमी चले। 12 राज्यों और दो केंद्र
शासित प्रदे शों के 75 जिलों और 76 लोकसभा क्षेत्रों को कवर किया। यात्रा के दौरान 12 आम सभा
की। 100 से अधिक नक् ु कड़ बैठक और 13 प्रेस कॉन्फ्रेंस की। 275 इंटरे क्शन और 100 बैठकें भी
की थीं।
यात्रा वाले राज्यों में सर्वाधिक सीटें उत्तर प्रदे श-महाराष्ट्र में
राज्य कुल सीटें कांग्रेस वोट शेयर
मणिपरु 2 00 24.71%
नगालैंड 1 00 48.11%
मेघालय 2 01 48.67%
असम 14 03 22.00%
बंगाल 42 02 05.67%
बिहार 40 01 07.70%
झारखंड 14 01 15.80%
छत्तीसगढ़ 11 02 40.91%
ओडिशा 21 01 13.00%
उत्तर प्रदे श 80 01 06.36%
मध्य प्रदे श 29 01 34.50%
राजस्थान 25 00 34.00%
गज ु रात 26 00 32.11%
महाराष्ट्र 48 01 16.41%
आंकड़े 2019 लोकसभा चन ु ाव के।
{भाजपा ने कहा- असल न्याय मोदी कर रहे हैं: भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, विपक्षी पार्टी
नारे गढ़कर मर्ख ू नहीं बना सकती। असल न्याय मोदी यह सनि ु श्चित करके कर रहे हैं कि विकास
परू े दे श में पहुंचे।
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28 December
29 December
बेमिसाल साल: नए आईपीओ ने औसतन 45% रिटर्न दिया, निवेशक 8 करोड़ पार
1. इस वर्ष 59 में 55 आईपीओ इश्यू प्राइस से ऊपर खल ु े
इस साल 59 आईपीओ आए। इनमें से 55 आईपीओ इश्यू प्राइस से ऊपर खल ु े। औसतन 26.3%
का रिटर्न पहले ही दिन दिया। इन 59 आईपीओ ने लोगों के निवेश में औसतन 45% का इजाफा
किया।
2. विदे शी निवेशकों ने ~ 1.71 लाख करोड़ के शेयर खरीदे
2023 में एफपीआई ने 1.71 लाख करोड़ रुपए के शेयर खरीदे , जिससे बाजार व आईपीओ लिस्टिं ग
में ग्रोथ दिखी। एसएंडपी बीएसई आईपीओ इंडक् े स 41% बढ़ा, जो नई लिस्टिं ग फर्मों पर नजर
रखता है ।
3. इस साल रिकॉर्ड 2.7 करोड़ नए निवेशक बाजार से जड़ ु े
दे श में 2.7 करोड़ नए डीमैट अकाउं ट के साथ 8.49 करोड़ निवेशक हो गए हैं। यह बीते साल से
22.4% अधिक है । महाराष्ट्र में सर्वाधिक 1.48 करोड़, यप ू ी में 89.47 लाख व गज ु रात में 76 लाख
निवेशक हैं।
4. निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 46% व 55% बढ़े
मार्के ट में लिस्टे ड कंपनियों के वैल्यएु शन ने इस वर्ष 4 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा छुआ। निफ्टी में
20% वद् ृ धि हुई है । निफ्टी मिडकैप 100 व निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 46.6% व 55.6% की बढ़त
हुई।
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रिटर्न की गारं टी }रिटे ल निवेशक गिरावट से घबराते नहीं, निवेश पर कायम रहते हैं
भास्कर न्यज ू | मब
ंु ई/नई दिल्ली
साल 2023 निवेशकों के बेमिसाल रहा। मजबत ू ी इकोनॉमी के चलते शेयर बाजार में रिटे ल
निवेशकों की संपत्ति 80.62 लाख करोड़ रुपए बढ़ी। सेंसेक्स एक साल में 11,400 अंक चढ़ा। यानी
करीब 19% की उछाल दे खी गई। इससे बीएसई कंपनियों की वैल्यू 22.5% बढ़कर 364.29 लाख
करोड़ रु. के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गR। यह बीते 10 साल में चौथा सबसे बड़ा रिटर्न है । कैलेंडर
वर्ष 2022 में सेंसेक्स 4.44% चढ़ा था और निवेशकों की संपत्ति 16.38 लाख करोड़ रुपए बढ़ी थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार ने उभरते बाजारों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है ।
रिटे ल निवेशक अब गिरावट के दौर में घबराते नहीं हैं, बल्कि आत्मविश्वास से निवेश पर कायम
रहते हैं और अगले साल भारत की आर्थिक उन्नति की लहर की सवारी के लिए तैयार हैं।
भारत बचतकर्ता दे श से निवेश करने वाले दे श में बदल रहा, पहले मार्के ट को सट्टा माना जाता था
भारत बचत प्रधान दे श से निवेश प्रधान दे श में बदल रहा है । 80 के दशक में भारतीय निवेशक
सिर्फ गोल्ड और प्रॉपर्टी में ही पैसा लगाते थे। 1990 के दशक में बैंक, यट ू ीआई व एलआईसी में
निवेश करना शरू ु किया। उस वक्त शेयर बाजार में निवेश को एक तरह का सट्टा ही माना जाता
था। ऐसी स्थिति में कंपनियां पज ंू ी निवेश के लिए विदे शी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के
पास गईं। एफआईआई ने यहां पर संभावनाएं दे खीं और कंपनियों में खरीदारी की,लेकिन भारतीय
बचतकर्ता मार्के ट से दरू ही रहे । इक्विटी में निवेश तो कल्पनाओं के परे माना जाता था। हालांकि,
2000 के दशक में चीजें तेजी से बदलना शरू ु हुईं। 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से उभरी मंदी के
बाद भारतीय बचतकर्ताओं की बाजार को लेकर रुचि बदली। वह बचतकर्ता अब निवेश का आनंद ले
रहा है । म्यच
ू अ
ु ल फंड प्लेटफॉर्म, कैश इक्विटी और डेरिवेटिव मार्के ट, इंश्योरें स फंड, ग्लोबल प्राइवेट
इक्विटी आदि ने बचतकर्ता को निवेशक बना दिया है । 2047 में दे श की जीडीपी 30 ट्रिलियन डॉलर
पहुंचे, इसके लिए फाइनेंशियल सेक्टर मॉडल और 9% ग्रोथ की जरूरत है । साथ ही, पॉलिसी,
नियम और लोगों को शिक्षित कर संदेह दरू करना होगा।
30 December
दिल्ली से अयोध्या तक पहले यात्री विमान में ‘जय श्रीराम’ गंज ू ता रहा
पष्ु पक के बाद पहला यात्री विमान उतरा
अयोध्या की उड़ान के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर लोग आह्लादित थे। उड़ान में दे री से हमेशा
विचलित होने वाले भद्रजन भी खश ु थे। सब ु ह 9:50 की उड़ान दोपहर की हो गई, तब भी ज्यादातर
परु
ु ष यात्री जय श्रीराम के नारे लगाते रहे । महिलाएं एक-दज ू े की चोटी में उम्मीदें गंथ
ू रही थीं। ये
अयोध्या की उड़ान थी। दिल्ली से बैठो और सीधे अयोध्या। पहली बार। प्रधानमंत्री नरें द्र मोदी ने
एयरपोर्ट का उद््घाटन ही 30 दिसंबर को किया। जाहिर है इस दिन अयोध्या पहुंचने वाली उड़ान
पहली ही होगी। हालांकि इससे पहले सेना के हे लिकॉप्टर, कुछ सरु क्षा विमान भी गए होंगे।
सब ु ह-सब
ु ह प्रधानमंत्री भी विमान से ही पहुंचे थे, लेकिन यात्री विमान यह पहला था। 186 की
क्षमता वाले विमान में कोई 98 यात्री थे। इससे पहले प्रभु राम का पष्ु पक विमान ही वनवास से
उन्हें लेकर सीधे अयोध्या पहुंचा था। विमान यात्रियों के उत्साह की यही एक वजह थी। उनका
उत्साह कदाचित ् तल ु ना कर रहा था! पछ ू रहा था कि वह व्यक्ति कितना खश ु हुआ होगा, जिसके
लिए कबीर ने पहली चादर बन ु ी होगी? वह धरती कितनी खश ु हुई होगी, जिस पर किसी योगी की
यात्रा के पहले चरण पड़े होंगे? उस तम्बरू े के तार कितने आह्लादित हुए होंगे, जिस पर किसी रागी
ने पहला शबद कीर्तन गाया होगा?
दे वताओं की नगरी कही जाने वाली अयोध्या में पहली बार सीधे उड़कर जाना सोचिए कितनी बड़ी
खश ु ी रही होगी। सचमच ु , 30 दिसंबर को अयोध्या आए इन यात्रियों को लग रहा था जैसे उन्होंने
जीवन की एक अमिट कहानी गढ़ ली है । कभी न भल ु ाया जाने वाला किस्सा। मानो-बच्चों,
नाती-पोतियों को सन ु ाने के लिए जीवन का एक साहसी पन्ना लिख लिया हो। -शेष पेज 00
कोई सालासर से, कोई सीकर से, कोई पंजाब के मानसा से तो कोई फरीदाबाद से दिल्ली पहुंचा था।
एक व्यक्ति हनम ु ानजी की जन्मस्थली यानी किष्किन्धा पर्वत की मिट्टी और तग ंु भद्रा का जल
लेकर पहुंचा था।
जिससे भी पछ ू ो यही कहता था- अयोध्या के लिए पहला विमान जा रहा था, इसलिए अाए। कुछ
विहिप पदाधिकारी भी थे, जो टोलियां लेकर आए थे। इंडिगो के स्टाफ को भी लोगों ने जय श्रीराम
लिखा दप ु ट्टा पहना दिया था। स्टाफ बार-बार काउं टर पर फोन कर रहा था कि अयोध्या का यात्री
कोई लेट भी हो जाए तो रोकना मत। फ्लाइट के चलने से पहले, चलते-उड़ते वक्त और अयोध्या में
उतरने तक नारे , आरती, हनम ु ान चालीसा बंद नहीं हुई। साथ में आए मीडिया कर्मियों को दे खकर
लोग जोर-जोर से बोलने लगते थे।
विमान जब अयोध्या की तरफ बढ़ रहा था, दरू बादलों में जैसे परियां उड़ रही थीं। हवाएं हाकिमों की
मट्ु ठियों में नहीं रुक रही थीं, सीधे मह ंु तक आ रही थीं।
जब अयोध्या पहुंचे, वहां आसपास सबकुछ दे खा, लेकिन मंदिर…? मंदिर के बारे में सोचते ही अंदर
से आवाज आई… दर्शन करने आए हो क्या? आ सकते हो! लेकिन अभी इस मंदिर में भगवान नहीं
हैं। गर्भगह ृ है । चांदी का छत्र है ! सोने के दीपक! सोने की ही झालर! भगवान के आने में अभी दे र है ।
22 जनवरी को विराजेंगे।