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श्री भक्तामर हीललिंग के द्वारा सरलता से वास्तु दोष निवारण एविं

मिोवािंनित प्राप्तत :

वास्तुशास्र खुद में ही एक संपूर्ण ववज्ञान है यह कला 5000


वर्षों से भी अतत प्राचीन है , हमारे कई जैन एवं हहंद ू शाश्त्र में
इसका वववरर् बहुत अच्छे से हदया हुआ है | वास्तु के हहसाब
से बना हुआ घर पररवार को सम्पर्
ू ण सख
ु दे ने वाला पाया
जाता है | वास्तुशास्र की कला को ज्योततर्षशास्र एवं आयुवेद
का सयोंजन भी माना जाता है |

जमीन ,स्थापत्य ,यान ,शयन हर एक पहलू में सफलता दे ने


वाला तर्कबणद्ध ,व्यवाहरु ,सैधांततक खूब उपयोगी एवं वैश्श्त्वक
शस्र मतलब वास्तश
ु ास्र |

श्री भर्कतामर महामंर से बबना तोड़ फोड़ के आपके घर का


वास्तु दोर्ष तनवारर् हो सकता है एवं आप श्री भर्कतामर की
उजाण का वास्तु के साथ संयोजन करके जीवन को उन्नत बना
सकतें है |
टितस :

१. ईशान कोर् (उत्तर-पूव)ण को हमेशा साफ-सुथरा रखें ताकक सूयण की


जीवनदातयनी ककरर्ें घर में प्रवेश कर सकें।
२. भोजन बनाते समय गहृ हर्ी का हमेशा मुख पूवण की ओर होना
चाहहए। इससे भोजन सुपाच्य और स्वाहदष्ट बनता है । साथ ही
पव
ू ण की ओर मख
ु करके भोजन करने से व्यश्र्कत की पाचन
शश्र्कत में वद्
ृ धध होती है ।
३. घर में हर रोज समुद्री नमक के पानी से पोंछा लगाना चाहहए।
इससे नकारात्मक ऊजाण नष्ट होती है ।
४. घर का प्रवेश द्वार एकदम स्वच्छ होना चाहहए। प्रवेश द्वार
श्जतना स्वच्छ होगा घर में लक्ष्मी आने की संभावना उतनी ही
बढ़ जाती है । प्रवेश द्वार के आगे स्वश्स्तक, ॐ, शुभ-लाभ जैसे
मांगललक धचह्नों को उपयोग अवश्त्य करें ।
५. वववाह पबरका कभी भल
ू कर भी न फाड़े र्कयोंकक इससे व्यश्र्कत
को गुरु और मंगल का दोर्ष लग जाता है ।
६. इस बात का ध्यान रहे कक घर में कभी भी फालतू सामान, टूटे -
फूटे फनीचर, कूड़ा कबाड़ तथा बबजली का सामान इकट्ठा न होने
पाए। अन्यथा घर में बेवजह का तनाव बना रहे गा।
७. घर के प्रवेश द्वार पर स्वश्स्तक या ऊँ की आकृतत लगाएं।
इससे पररवार में सुख-शांतत बनी रहती है |
८. श्री भक्तामर महास्तोत्र की गाथा 1 से सब तरह के उपद्रव दरू
होते है वास्तु दोष के कारण जो भी उपद्रव आते है वो भी दरू
हो जाते है |
९. श्री भक्तामर महास्तोत्र की गाथा 28 से हमें मिोवािंनित प्राप्तत
यानि सवव कायव लसप्धि होती है |
१०. जब हम कोई भी दवाई का प्रयोग करें तब खास दवाई
वापरने से पहले श्री भक्तामर की गाथा 01 को ततन बार संकल्प
पव
ू क
ण धगने की इस दवाई की सभी नकारात्मक प्रततकियाए ख़तम
हो गई है इस से मुझे सम्पूर्ण सकारात्मक ररजल्ट लमल गया है
११. कोई भी घर म 10 साल से यादा समय से रहते हो और
खब
ू नकारामक एनरजी बढ़ गयी हे या घर में शांत शक
ु ू न आहद
ख़तम हो रह हे तो 21 दि तक रोज 23 ििंबर (त्वमामािाप्तत)
का श्लोक का 27 बार पाठ करे और घर के सभी लोग 3 बार
बोले मेरे घर में अििंत शुभ उजाव हे मेरे घर में सकारात्मक उजाव
से में सकसेस हो रहा हु (21 टदि अभ्यास करे )

: वास्तु दोष में पपरालमड का महत्व :


भवन के ऊपरी हहस्से पर वपरालमड बनवाने से सारे वास्तु दोर्ष का शमन
हो जाता है ,साथ में उस घर में आवास करने वाले सभी व्यश्र्कत दीघाणयु,
तनरोगी, धालमणक व शभ
ु ववचारों वाला हो जातें है।

: आर्थवक सम्पतिता व व्यापार में वद्


ृ र्ि के ललए :
शुभ मुहूतण में वपरालमड लाकर श्री लक्ष्मी दे वी के मन्रों से अलभमंबरत करके
ईशान कोर् या उत्तर हदशा में रखने से धन व बबजनेस में अपार वद् ृ धध होती
है ।
:भक्तामर हीललिंग का शोिव पवर्ि :

१. कािंच का र्गलास पािी का भर के पव


ू ावलभमख
ु बैठे :
२. 09 बार श्री िमस्कार महामिंत्र का जाप करें
३. 21 बार श्री भक्तामर महास्तोत्र के श्लोक का जाप करें
४. 09 बार श्री िमस्कार महामिंत्र का जाप करें
५. पािी को सय
ू ावस्त के पहले वापर लेवें

लसद्िम मैडडिे शि प्रैप्क्िकल

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