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यह प्रयोग साथ में हो और सफलता न ममले ऐसा सम्भव नह ीं

व्यक्ति क्िस कायय को भी शरू


ु करिा है, उस कायय की सफलिा ही उसका एकमात्र लक्ष्य बन िािा है, चाहे वह
फँसा भी कायय हो। व्यापारी के ललये व्यापार में उन्नति और श्रेष्ठिा, नौकरी करने वालों के ललये पदोत्रति
ववद्यार्थययों के ललये अच्छे अंकों से पास होना ही उनका लक्ष्य हो िािा है, लेककन इस 'कॉम्पटीशन' के यग
ु में
अपने लक्ष्य को प्राप्ि करना िीवन में बहुि बडी सफलिा प्राप्ि करना है। अपने हर कायय की सफलिा पर उसे
लगिा है, कक उसके िीवन का एक नया अध्याय आरम्भ हो रहा है। िीवन में क्ििनी आध्याक्ममक सफलिा
िरूरी है, उिनी ही भौतिक सफलिा भी आवश्यक है. और िीवन के प्रमयेक क्षेत्र में सफल होना ही वास्िववक
सफलिा है, तयोंकक पूर्य रूप से सफल व्यक्ति ही िीवन को सही िरीके से िी सकिा है।
और आप सफल हो सकिे हैं, इस प्रयोग के माध्यम से; तयोंकक िो व्यक्ति इस प्रयोग को लसद्ध कर लेिा हैं,
उसके िीवन में असफलिा रह नहीं सकिी है। प्रातःकाल ववमिष्ट मसद्धि प्रदायक "लघु नाररयल” का पज
ू न
करें व उस कायय को बोलें जजसमें सफलता प्राप्त करनी है, फफर 51 बार ननम्न मींत्र का जप करें -
मींत्र
ॐ ह् ीं सवं वै पूर्यत्वाय फट्
प्रयोग समाजप्त के बाद लघु नाररयल को नद में प्रवाहहत कर दें ।

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