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Programme Project Report (PPR), Department of History,

MAHI-21 (M.A. History)

(a) Programme’s mission & objective :The mission & objectives of the programme MAHI-
21 are as follow-

The broadest mission of the department of history is consistent with the mission of the
university; that is to prepare learners for responsible citizenship. The Department of
History fulfills Uttarakhand Open University's mission of promoting liberal learning and
liberal education through transmittal of a sense of the past to new generations,
especially the multiple heritages of the peoples of Uttarakhand as well of India;
transformation of academically ambitious learners into lifelong, independent learners,
responsible, morally committed professionals, and thoughtful citizens and presentation
of new scholarly research in the self learning material.

(b) Relevance of the programme with HEI’s Mission and Goals :The programme MAHI-21
has all the relevance with the mission and goals of Uttarakhand Open University.
(c) Nature of prospective target group of learners :The target group of learners is
especially the people of Uttarakhand who are either unable to achieve higher education
through regular mode or are situated in the far flung areas of Uttarakhand having no
access to the traditional higher educational institutions. The focus is always on women,
minorities, rural dwellers, tribals, persons of lower income group and differently-abled
persons. The Programme would be of great use for both the teachers working in schools,
personnel working in various institutions associated with history and culture (museums,
archives, archaeological survey etc.) and working people in various organizations and all
graduates who are desirous of acquiring a Masters Degree in History.
(d) Appropriateness of programme to be conducted in Open and Distance Learning mode
to acquire specific skills and competence: MAHI-21 programme has all the components
of self learning to provide over all knowledge of history to the learners. The curriculum
offers various streams of history ie; Ancient Indian History, Medieval Indian History,
Modern Indian History, National Movement, Indian Culture, Historiography, World
History and Society & Culture of Uttarakhand.
M.A. History एम0ए0इितहास MAHI-21
Credits-64
Course Code Course Name Credits Total Marks
(Th./Assign.)
SEMESTER I
MAHI-501 िव/ का इितहास : 16व2 सदी के 6ारंभ से 1776 ई<वी तक 04 100 (70/30)
MAHI-502 िव/ का इितहास: 1789 ई<वी से 1945 ई<वी तक 04 100 (70/30)
MAHI-503 भारतीय राABीय आDदोलन: <वतंHता के िलए संघषK 04 100 (70/30)
MAHI-504 भारतीय राABीय आDदोलन: राAB- िनमाKण कM भूिमका 04 100 (70/30)
SEMESTER II
MAHI-505 आधिु नक उRराखTड मV समाज 04 100 (70/30)
MAHI-506 आधुिनक उRराखTड मV अथKZयव<था 04 100 (70/30)
MAHI-507 इितहास ले खन: 6ाचीन एवं म\यकालीन 04 100 (70/30)
MAHI-508 इितहास ले खन: आधुिनक 04 100 (70/30)
SEMESTER III
MAHI-601 भारत का इितहास: छठी सदी ई<वी पवू K से तृतीय सदी ई<वी के म\य तक 04 100 (70/30)
MAHI-602 भारत का इितहास: चतुथK सदी ई<वी से सातव2 सदी ई<वी के म\य तक 04 100 (70/30)
MAHI-603 भारत का इितहास: सातव2 सदी ई<वी से सोलहव2 सदी ई<वी के 6थम चतुथाa श तक 04 100 (70/30)
MAHI-604 भारत का इितहास: सोलहव2 सदी ई<वी के 6ारंभ से अठारहव2 सदी ई<वी के म\य तक 04 100 (70/30)
SEMESTER IV
MAHI-605 भारत का इितहास: अठारहव2 सदी ई<वी से उDनीसव2 सदी ई<वी के म\य तक 04 100 (70/30)
MAHI-606 भारत का इितहास: उDनीसव2 सदी ई<वी के म\य से <वतDH भारत तक 04 100 (70/30)
MAHI-607 भारतीय स<ं कृ ित: 6ाचीन काल से राजपतू काल तक 04 100 (70/30)
MAHI-608 भारतीय स<ं कृ ित: सdतनत काल से आधुिनक काल तक 04 100 (70/30)

After thorough learning of the curriculum the learner shall have proper understanding
of history and shall be able to analyze the past events in their logical manner. The
learners shall be ready for further higher education in the field of history. Detailed
syllabi are enclosed at the end.
(e) Instructional Design : The Dept. of History has developed courses in such a manner
that provide the learners to the knowledge of local, national as well as World history,
prior to the development of the courses, curriculum assessment has been done and
access devices & pedagogical tools have been applied for making curriculum. The
Curriculum in each paper is divided in blocks and further divided in units. The Units
consist of many small chunks so that the learner could understand easily, first the unit
introduces the theme of learning, then the objectives of the theme are clarified and the
theme is provided in small chunks. For checking students’ progress small exercises are
provided in the units. Summary of the theme is given, glossary, reference, suggested
readings are also provided in the Unit. The duration of the programme is minimum 02
years and maximum 06 years. The programme consists of 16 courses of 04 credits each.
One Professor, One Associate Professor and one Assistant Professor are in the faculty.
The learning material is made in the print as well as in the soft form along with video
lectures. The learners are

(a) Procedure for admission, curriculum transaction and evaluation : The admissions for
the programme are opened in the winter and summer sessions each year. The minimum
(b) Eligibility for admission in MAHI-21 is Graduation in any stream. Total fee for the first
semester is Rs.3150/- and Rs.3000/- for the second semester, for the third semester year
Rs.3000/- for the fourth semester Rs. 3500/- . The printed learning material is sent to the
learners by the University. The soft copy of the material is up loaded in the website also.
The learner’s progress is checked by assessing the assignments. The assignments of the
learners are evaluated in the study centers as well as by the faculty.
(c) Requirement of laboratory support and Library Resources: Laboratory work is
not done in MAHI-21 programme though University has a library containing history
books..
(d) Cost estimate of the programme and the provision: About Rs. 17 lakh is
estimated for the development of M.A.(History) programme.
(e) Quality assurance mechanism and expected programme outcome: The Dept. of
History reviews its programme time to time through its expert committee, board of
studies meetings to enhance the standard of its curriculum and instructional design.
मास्टर ऑफ अर्ट्स (हिस्री)
प्रथम ्ेमस्े टर
हिश्व का आहििा्: 16िीं ्दी के प्रारं भ ्े 1776 इस्िी िक
एमएएचअइ – 501
ब्लाक एक
आकाइ एक- यूरोप में ्ामन्ििाद का पिन और पूंजीिाद का अरं भ
आकाइ दो- यूरोपीय पुनजासगरण
आकाइ िीन- भौगोहलक खोजें, औपहनिेशीकरण और दा्-व्यापार
ब्लाक दो
आकाइ एक- यूरोप में िाहणज्यिाद और व्यापाररक क्ांहि
आकाइ दो- धमस ्ुधार अन्दोलन
आकाइ िीन- िैज्ञाहनक क्ांहि
ब्लाक िीन
आकाइ एक- यूरोपीय हनरं कुश राष्ट्रीय राज्य
आकाइ दो- आग्लैंण्ड में ्ं्दीय ्ंस्थाओं का हिका्
आकाइ िीन- प्रबोधन
आकाइ चार- ऄमेररकी क्ाहन्ि एिं ई्का मित्ि
प्रथम ्ेमस्े टर
हिश्व का आहििा्: 1789 इस्िी ्े 1945 इस्िी िक
एमएएचअइ – 502
ब्लाक एक
आकाइ एक - फ्रान््ी्ी क्ांहि (1789-1815)
आकाइ दो - कृ हि क्ांहि एिं औद्योहगक क्ांहि
आकाइ िीन - आटली और जमसनी का एकीकरण
ब्लाक दो
आकाइ एक- ्ाम्राज्यिाद और ऄफ्रीका का हिभाजन
आकाइ दो - जापान का अधुहनक राज्य के रूप में ईदय,जापानी
्ाम्राज्यिाद का प्रारं भ
आकाइ िीन- प्रथम हिश्वयुद्ध के कारण और पररणाम
ब्लाक िीन
आकाइ एक - रू्ी क्ांहि,्ाम्यिाद,नइ अर्थथक नीहि, कृ हि का
्ामुदायीकरण और हनयोहजि हिका्
आकाइ दो - प्रथम हिश्व युद्धःअर्थथक िथा ्ामाहजक प्रभाि,पेरर्
्हन्ध- 1919
आकाइ िीन- हिश्वव्यापी अर्थथक मंदी
ब्लाक चार
आकाइ एक - फा्ीिाद ,नाजीिाद,्ैन्यिाद
आकाइ दो - हििीय हिश्वयुि

प्रथम ्ेमस्े टर
भारिीय राष्ट्रीय अन्दोलन: स्ििंत्रिा के हलए ्ंघिस
एमएएचअइ- 503
ब्लाक एक
आकाइ एक- पुनजासगरण एिं धमस्ुधार
आकाइ दो- पुनजासगरण एिं ्माज्ुधार
आकाइ िीन- प्रथम स्ििन्त्रिा ्ंग्राम 1857: भूहमका, प्रमुख नेिा एिं
कारण
आकाइ चार- प्रथम स्ििन्त्रिा ्ंग्राम 1857: हिस्िार, पररणाम, मित्ि
एिं प्रकृ हि
ब्लाक दो
आकाइ एक- अर्थथक राष्ट्रिाद का ईदय एिं ्ंिृहद्ध
आकाइ दो- कांग्रे् पूिस ्ंगठनों का ईदय एिं ्ंिृहद्ध
आकाइ िीन- भारिीय राष्ट्रीय कांग्रे् का प्रथम चरण
आकाइ चार- बंगाल हिभाजन िथा स्िदेशी अन्दोलन
ब्लाक िीन
आकाइ एक- क्ाहन्िकारी चरमपंथ
आकाइ दो- प्रथम हिश्वयुद्ध, रू्ी क्ाहन्ि िथा भारिीय राष्ट्रीय
अन्दोलन
आकाइ िीन- िोमरूल लीग, हखलाफ़ि अन्दोलन िथा ऄ्ियोग
अन्दोलन
आकाइ चार- क्ाहन्िकारी अन्दोलन - ्ंिृहद्ध, हिचारधारा एिं
ईपलहब्धयां
ब्लाक चार
आकाइ एक- स्िराज्य पाटी एिं ्ाआमन कमीशन
आकाइ दो- ्हिनय ऄिज्ञा अन्दोलन, नमक ्त्याग्रि एिं गोलमेज़
्म्मेलन
आकाइ िीन- प्रत्यक्ष कायसिािी ददि्, व्यहिगि ्त्याग्रि एिं भारि
छोड़ो अन्दोलन
आकाइ चार- िेिेल योजना िथा हशमला ्म्मेलन
प्रथम ्ेमस्े टर
भारिीय राष्ट्रीय अन्दोलन: राष्ट्र- हनमासण की भूहमका
एमएएचअइ – 504
ब्लाक एक
आकाइ एक- कै हबनेट हमशन एिं ऄन्िररम ्रकार
आकाइ दो- अइएनए िथा रॉयल नेिी हिद्रोि
आकाइ िीन - देशी राज्यों में अन्दोलन
ब्लाक दो
आकाइ एक- माईण्टबैटन योजना, भारि का हिभाजन िथा पररणाम
आकाइ दो- राष्ट्रीय अन्दोलन के काल में दक्ान एिं जनजाहियां
आकाइ िीन- भारि में ्माजिादी हिचारों का हिका्
ब्लाक िीन
आकाइ एक- भारि में ्ाम्प्रदाहयकिा का हिका्
आकाइ दो- राष्ट्रीय अन्दोलन में प्रिा्ी भारिीयों की भूहमका
आकाइ िीन- राष्ट्रीय अन्दोलन में महिलाओं की भूहमका
ब्लाक चार
आकाइ एक- राष्ट्रीय अन्दोलन में प्रे् (्माचार पत्रों की भूहमका)
आकाइ दो- भारि में ्ंिैधाहनक हिका् (1861, 1909, 1919 िथा
1935 के ऄहधहनयम)
आकाइ िीन- भारि में हिरटश शा्न का प्रभाि
हििीय ्ेमस्े टर
अधुहनक ईत्तराखण्ड में ्माज
एमएएचअइ – 505
आकाइ एक- ईत्तराखण्ड की ्ामाहजक ्ंरचना
आकाइ दो- ईत्तराखण्ड में हििाि, पररिार, नािेदारी और हियों की
प्रहस्थहि
आकाइ िीन- ईत्तराखण्ड में ्ामाहजक हनयन्त्रण
आकाइ चार- ईत्तराखण्ड में ्ामाहजक पररिसिन और अधुहनकीकरण
आकाइ पांच- ईत्तराखण्ड की ्ामाहजक ्मस्याऐं
आकाइ छि- ईत्तराखण्ड का धार्थमक जीिन
आकाइ ्ाि- ईत्तराखण्ड:कला,्ाहित्य एिं ्ंगीि
हििीय ्ेमस्े टर
अधुहनक ईत्तराखण्ड में ऄथसव्यिस्था
एमएएचअइ – 506
आकाइ एक- मानिीय ्ं्ाधन एिं जन्ंख्या
आकाइ दो- गरीबी और बेरोजगारी
आकाइ िीन - क्षेत्रीय ऄ्मानिा एिं जनजािीय हिका्
आकाइ चार - प्राकृ हिक ्ं्ाधन
आकाइ पांच - ईि््िराखण्ड ऄथसव्यिस्था की हिशेििाएं
आकाइ छि - पयसटन ईद्योग एिं पयासिरण
आकाइ ्ाि - ग्रामोद्योग का हिका् एिं प्रमुख ्मस्याएँ
आकाइ अठ - औद्योहगक ्ंरचना एिं औद्योहगक नीहि

हििीय ्ेमस्े टर
आहििा् लेखन: प्राचीन एिं मध्यकालीन
एमएएचअइ – 507
ब्लाक एक
आकाइ एक- आहििा्: ऄथस, मित्ि एिं प्रकृ हि
आकाइ दो- आहििा् का हििय क्षेत्र
आकाइ िीन- ऐहििाह्क व्याख्या: ऄथस, प्रकृ हि, ह्द्धान्ि, प्रकार एिं
हिशेििाऐं
ब्लाक दो
आकाइ एक- आहििा् में पूिासग्रि या झुकाि िथा िस्िुपरकिा की
्मस्या
आकाइ दो- आहििा् की पुराण परम्परा
आकाइ िीन- भारि में जीिनी ्ाहित्य का हिका्
ब्लाक िीन
आकाइ एक- प्राचीन आहििा् लेखन: िेरोडोट्, थ्यू्ीडाआड््
आकाइ दो- मध्यकालीन चचस और आहििा् लेखन: टे्ीट्, ्न्ि
ऑगस्टाआन
आकाइ िीन- आस्लामी परं पराऐं और आब्न खाल्दून, मध्यकालीन भारिीय
आहििा् लेखन: कल्िण,
बरनी,ऄबुल फजल, बदायूंनी

हििीय ्ेमस्े टर
आहििा् लेखन: अधुहनक
एमएएचअइ – 508
ब्लाक एक
आकाइ एक- अधुहनक आहििा् लेखन-अदशसिादी दृहिकोण
आकाइ दो - अधुहनक आहििा् लेखन- प्रत्यक्षिाद
आकाइ िीन- अधुहनक आहििा् लेखन- मार्क्सिाद
ब्लाक दो
आकाइ एक- अधुहनक भारिीय आहििा् लेखन: औपहनिेहशक
आहििा्कार
आकाइ दो- अधुहनक भारिीय आहििा् लेखन: राष्ट्रिादी आहििा्कार
आकाइ िीन- भारि में मार्क्सिादी, ्बल्टनस आहििा् लेखन
ब्लाक िीन
आकाइ एक- आहििा् का दशसन: ओ्िाल्ड स्पैंग्लर
आकाइ दो- आहििा् का दशसन: अरनोल्ड जे0 टॉयनबी
आकाइ िीन- आहििा् का दशसन: जोिन गोटफ्राआड िडसर
ब्लाक चार
आकाइ एक- आहििा् एिं ऄन्य ्म्बद्ध हििय
आकाइ दो- आहििा् के स्रोि
आकाइ िीन- मौहखक आहििा्

िृिीय ्ेमस्े टर
भारि का आहििा्: छठी ्दी इस्िी पूिस ्े िृिीय ्दी इस्िी के मध्य िक
एमएएचअइ – 601
ब्लाक एक
आकाइ एक- मगध का ईत्किस
आकाइ दो- छठी ्दी इस्िी पूिस के गणिन्त्र िथा ईनकी प्रशा्हनक
प्रणाली
आकाइ िीन- चन्द्रगुप्त मौयस और हबन्दु्ार
ब्लाक दो
आकाइ एक- ऄशोक
आकाइ दो- मौयस कालीन प्रशा्न,स्थापत्य ,कला एिं मौयस ्ाम्राज्य का
पिन
आकाइ िीन- ्ंगमकालीन दहक्षण भारि िथा ्ंगम ्ाहित्य
ब्लाक िीन
आकाइ एक - शुंग एिं कण्ि िंश
आकाइ दो- अन्र या ्ाििािन िंश िथा दहक्षणापथ की राजनैहिक
हस्थहि
आकाइ िीन- पहिमी भारि के शक क्षत्रप
ब्लाक चार
आकाइ एक- कु िाणों का ईदय
आकाइ दो- कहनष्क प्रथम एिं ई्की ईपलहब्धयां
आकाइ िीन- कु िाण ्ाम्राज्य का हिस्िार

िृिीय ्ेमस्े टर
भारि का आहििा्: चिुथस ्दी इस्िी ्े ्ाििीं ्दी इस्िी के मध्य िक
एमएएचअइ – 602
ब्लाक एक
आकाइ एक- गुप्त िंश का ईद्भि, प्रारहम्भक आहििा् एिं चन्द्रगुप्त प्रथम
आकाइ दो - ्मुद्रगुप्त एिं ई्की ईपलहब्धयां
आकाइ िीन- चन्द्रगुप्त हििीय एिं ई्की ईपलहब्धयां
ब्लाक दो
आकाइ एक - कु मार गुप्त प्रथम, स्कन्ध गुप्त ई्की ईपलहब्धयां
आकाइ दो- गुप्त प्रशा्हनक व्यिस्था
आकाइ िीन- गुप्त ्ाम्राज्य का पिन
ब्लाक िीन
आकाइ एक - िाकाटक एिं ईनके गुप्त शा्कों के ्ाथ ्म्बन्ध
आकाइ दो - मौखरी राज्य
आकाइ िीन- ििस कालीन भारि

िृिीय ्ेम् े टर
््
भारि का आहििा्: ्ाििीं ्दी इस्िी ्े ्ोलििीं ्दी इस्िी के प्रथम चिुथाांश
िक
एमएएचअइ – 603
ब्लाक-एक
आकाइ एक- राजपूिों का ईदय िथा भारिीय ्ामंििाद- हिहिध
दृहिकोण
आकाइ दो - ििोत्तर ईत्तर भारि की राजनीहिक,्ामाहजक एिं धार्थमक
हस्थहि
आकाइ िीन- पल्लि,चालुर्कय,चोल कालीन दहक्षण भारि
ब्लाक दो
आकाइ एक- िुकस अक्मण: पररहस्थहियां, कारण एिं पररणाम
आकाइ दो- मामलुक ्ुल्िान
आकाइ िीन- ददल्ली ्ल्िनि का हिस्िारः हखलजी िंश
ब्लाक िीन
आकाइ एक- ददल्ली ्ल्िनि की पराकाष्ठा: िुगलक िंश
आकाइ दो- ददल्ली ्ल्िनि का पिन: ्ैयद िथा लोदी िंश
आकाइ िीन- हिजय नगर ्ाम्राज्य, बिमनी ्ाम्राज्य
ब्लाक चार
आकाइ एक - ्ल्िनि काल में राज्य िथा ्म्प्रभुिा
आकाइ दो- ्ल्िनि कालीन ्ैहनक िथा प्रशा्हनक प्रणाली
आकाइ िीन- शकी िंश
िृिीय ्ेमस्े टर
भारि का आहििा्: ्ोलििीं ्दी इस्िी के प्रारं भ ्े ऄठारििीं ्दी इस्िी के
मध्य् िक
एमएएचअइ – 604
ब्लाक एक
आकाइ एक- मुगल ्ाम्राज््य की स्थापना: बाबर एिं हुमायूं
आकाइ दो- शेरशाि, आस्लामशाि िथा ्ूरी ्ैहनक प्रशा्न
आकाइ िीन- मुगल ्ाम्राज्य का ्ुदढ़ृ ीकरण एिं हिस्िार: ऄकबर,
जिांगीर
ब्लाक दो
आकाइ एक - मुगल ्ाम्राज्य का ्ुदढ़ृ ीकरण एिं हिस्िार: शािजिां
औरं गजेब
आकाइ दो- मुगलों की धार्थमक नीहि
आकाइ िीन:- मराठों का ईदय: हशिाजी की ईपलहब्धयां
ब्लाक िीन
आकाइ एक - मुगलों के हिरूि हिद्रोि
आकाइ दो- मुगल ्ाम्राज्य का पिन
आकाइ िीन- ्ाम्राज्य का हिघटन और ईत्तराहधकारी राज्य

चिुथस ्ेमस्े टर
भारि का आहििा्: ऄठारििीं ्दी इस्िी ्े ईन्नी्िीं ्दी इस्िी के मध्य िक
एमएएचअइ – 605
ब्लाक एक
आकाइ एक- 18िींशिाब्दी का भारि: राजनीहिक पररदृश्य
आकाइ दो- ऄंग्रेजों की भारि हिजय: एक हिमशस
आकाइ िीन- हिरटश ्त्ता का हिस्िार: हिचारधारा एिं िाहणज्यिाद

ब्लाक दो
आकाइ एक- हिरटश हिस्िार की नीहियां एिं कायसक्म, हिस्िार के
ईपकरण: युद्ध एिं कू टनीहि
आकाइ दो- अंग्ल-फ्रां्ी्ी प्रहिस्पधास: कनासटक युद्ध
आकाइ िीन- बंगाल में ऄंग्रेजी ्त्ता की स्थापना(प्ला्ी ्े 1772 िक)
ब्लाक िीन
आकाइ एक- अंग्ल-मराठा ्ंघिस
आकाइ दो- लाडस िेस्स्टग्् और हिरटश ्िोच्चिा
आकाइ िीन- हिहलयम बैंटटक
चिुथस ्ेमस्े टर
भारि का आहििा्: ईन्नी्िीं ्दी इस्िी के मध्य ्े स्ििन्त्र भारि िक
एमएएचअइ – 606
ब्लाक एक
आकाइ एक- रणजीि स््ि: जीिन एिं ईपलहब्धयां
आकाइ दो- लाडस डलिौजी
आकाइ िीन- लोकहप्रय जनजािीय िथा ऄ्ैहनक हिद्रोि
ब्लाक दो
आकाइ एक- 1857 का हिद्रोि
आकाइ दो- अंग्ल-ऄफगान ्ंबंध
आकाइ िीन- औपहनिेहशक भारि: प्रशा्हनक ्ंरचना
ब्लाक िीन
आकाइ एक- क्ाईन का भारि के प्रशा्न पर हनयंत्रण: के न्द्रीय, प्रांिीय
एिं जनपद प्रशा्न
आकाइ दो- : हिरटश ्त्ता का रजिाड़ों के ्ाथ ्ंबंध
आकाइ िीन- भारि एिं पड़ो्ी देश: हिब्बि, नेपाल ,बमास , फार् एिं
फार् की खाड़ी
ब्लाक चार
आकाइ एक- भारि पर हिरटश शा्न का प्रभाि
आकाइ दो - स्ििंत्र भारि: देशी ररया्िों का हिलय
आकाइ िीन- स्ििंत्र भारि: पड़ो्ी देशों ्े ्ंबंध: पादकस्िान, चीन,
नेपाल,बमास एिं श्रीलंका

चिुथस ्ेमस्े टर
भारिीय ्ंस्कृ हि: प्राचीन काल ्े राजपूि काल िक
एमएएचअइ – 607
ब्लाक एक
आकाइ एक- ्ंस्कृ हि का ऄथस, प्रकृ हि, ित्ि , ्भ्यिा और ्ंस्कृ हि
आकाइ दो- भारिीय ्ंस्कृ हि की हिशेििाएं
आकाइ िीन- प्राचीन भारिीय कला की प्रमुख हिशेििाऐं
ब्लाक दो
आकाइ एक- ह्न्धु ्भ्यिा की ्ांस्कृ हिक हिशेििाऐं
आकाइ दो- िैददक ्ंस्कृ हि
आकाइ िीन- बुद्ध कालीन ्ंस्कृ हि
ब्लाक िीन
आकाइ एक- मौयसकालीन
आकाइ दो- कु िाण-शुंग-्ाििािन कालीन ्ंस्कृ हि
आकाइ िीन- गुप्तकालीन ्ंस्कृ हि
ब्लाक चार
आकाइ एक- पल्लि कालीन ्ंस्कृ हि
आकाइ दो- चोल कालीन ्ंस्कृ हि
आकाइ िीन- राजपूि कालीन ्ंस्कृ हि
चिुथस ्ेमस्े टर
भारिीय ्ंस्कृ हि: ्ल्िनि काल ्े अधुहनक काल िक
एमएएचअइ – 608
ब्लाक एक
आकाइ एक- ्ल्िनि कालीन ्ंस्कृ हि
आकाइ दो- हिजयनगर ्ाम्राज्य की ्ंस्कृ हि
आकाइ िीन- मुगल कालीन ्ंस्कृ हि
ब्लाक दो
आकाइ एक- अधुहनक भारि: हिका् यात्रा एिं हिहिध प्रिृहत्तयां
आकाइ दो- अधुहनकिािाद: कला एिं ्ाहित्य जगि
आकाइ िीन- ईत्तर अधुहनकिािाद: कला,्ाहित्य,्ंगीि एिं स्थापत्य
ब्लाक िीन
आकाइ एक- अधुहनक भारि में स्लग भेद एिं जाहि व्यिस्था
आकाइ दो- अधुहनक भारि में स्प्रट मीहडया, आलैर्करोहनक मीहडया िथा
्ूचना क्ांहि
आकाइ िीन- ्मकालीन भारि की चुनौहियां

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