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वैज्ञानिक
वैज्ञानिक
डॉ संजय कुमार पाठक श्री राजेश कुमार श्री प्रवीण दु बे श्री कृष्ण कुमार वमाा
व्यवस्थापक –मंडल
श्री िवीि नत्रपाठी श्री बी.एन. ममश्र श्री अनिल अनिरवार श्री प्रकाश कश्यप
अिुक्रमनणका
वैज्ञानिक2 w संदेश -1
वर्ष 55 अंक-2 संपादकीय -2
नवज्ञाि लेख
अप्रैल-जूि -2023
1वैज्ञानिक तथा औद्योनगक अिुसंधाि पररर्द का अिु संधाि- 4
-श्री एस.एम. गलां िे
*मुख्य संपादक* 2. वरदाि के रूप में नवज्ञाि 10
श्री राजेश कुमार नमश्र िा. संजय कुमाि
3. भारत में नडनजटल सावषजनिक अवसंरचिा का नवकास 13
िॉ दीपक कोहली
*संपादि मंडल* 4.नवज्ञाि से िी आएगी भारत में कृनर् क्रांनत -17
डॉ संजय कुमार पाठक -श्री आर पी तोमर
श्री राजेश कुमार 5. डीआरडीओ की उत्पनि और वैज्ञानिक नवकास -20
डॉ सरोज शुक्ला
श्री प्रवीण दु बे
श्री कृष्ण कुमार वमाष 6. दे श में नवज्ञाि एवं प्रौद्योनगकी के क्षेि में नवज्ञाि… 25
मुख्य संपादक
7. भारत में नवज्ञाि की प्रमुख उपलक्ति 34
MkWŒ gseyrk iUr
* मुख्य व्यवस्थापक*
8.तीि नकताबों िे मेरे जीवि को समृद्ध नकया 37
श्री संजय गोस्वामी श्री प्रेमचन्द्र श्रीिास्ति
9. कृनर् तकिीकी के नलये भारतीय कृनर् अिुसंधाि पररर्द 38
डॉ० दया शंकर निपाठी
10. पयााििण औि प्रकृडत 40
*व्यवस्थापक मंल* डॉ मीिाक्षी पाठक
11 नवज्ञाि एवं तकिीक नवभाग द्वारा मनिलाओं…….. 42
श्री िवीि निपाठी --श्री संजय गोस्वामी
श्री बी.एि. नमश्र 12. महान िैज्ञाडनक- िॉ. होमी जहांगीि भाभा 44
-श्री उत्तम डसंह गहििाि
श्री अनिल अनिरवार 13. vkpk;Z uhyjRu /kj dk fgUnh foKku ys[ku 48
श्री प्रकाश कश्यप -डॉ izsepUnz JhokLro
14.अंतराषष्ट्रीय पोर्क अिाज वर्ष -2023 50
-श्री बी एि नमश्र
15 पेटेंट कैसे प्राप्त नकया जाता िै 52
व्यक्तिगत: रु 1000/- -श्री िवीि निपाठी
16. भारतीय ऊर्ाा कायाक्रम में नाभभकीय ईंधन..... 54
संस्थागत: रु 2000/-
-श्री बलराम नसंि
सदस्यता हे तु कृपया स्टे ट बैंक आफ इं डिया 17.आधुभनक भारत में नाभभकीय ऊर्ाा के आयाम 57
खाता संख्या : 34185199589, श्री यू.सी. मुक्तिबोध
IFSC : SBIN0001268 कृते : डहन्दी डिज्ञान 18. egku d`f"k foKkuh in~eJh MkW0 ds-,l-ih-;kno 59
साडहत्य परिषद” ई-भुगतान की िसीद ईमेल से श्री प्रेमचन्द्र श्रीिास्ति
19. अंतिााष्ट्रीय योग डदिस – एक सकािात्मक पहल 60
नीचे दी गई पते पि स्कैन कि भे जें
िॉ अंडकता डमश्रा
20. पृथ्वी डिज्ञान मंत्रालय में प्रौद्योडगकी डिकास 61
* कायाालय* संकलन: िॉ. डिजय लक्ष्मी डगिी
21 भा प्र अ केंद्र में निंदी गनतनवनधयों का सूिपात -63
िॉ माधि सक्सेना "अिडिन्द "(संस्मिण लेख )
निंदी नवज्ञाि सानित्य पररर्द 22. डिज्ञान औि प्रौद्योडगकी के क्षेत्र में िाष्ट्रीय अनुसंधान डिकास डनगम - 67
संकलन: श्री िवीि निपाठी
16-सी, कंचिजंगा, अणु शक्तििगर, 23. आईआईटी रुड़की : एडिया का पहला इं जीडनयरिं ग कॉलेज 70
मुंबई 400094. श्री प्रकाि कश्यप
फोि िंबर -022-25590285 24. इसिो ने अंतरिक्ष में क्रान्ति ला दी 73
Email id-hvsp1968@rediffmail.com/ श्री सत्य प्रभात प्रभाकर
hvsp.india1968@yahoo.com 25. स्वायत्त एस एं ि टी संस्थान 76
--श्री संजय गोस्वामी
सभी पद अिैतडनक है । प्रनतयोनगयों के नलए (oSKkfud Kku)- - lat; xksLokeh 90
‘वैज्ञानिक’ में छपे लेखों का दानयत्व लेखकों का िै. नवज्ञाि कनवता 09
नवज्ञाि समाचार-1- श्री प्रेमचन्द्र श्रीिास्ति 92
नवज्ञाि समाचार-2--श्री उत्तम डसंह गहििाि 93
- ISSN: 2456-4818 पुस्तक समीक्षा 46
मिोगत 96
वैज्ञानिक
संपादकीय
2 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
अवल कि ों और िय र् ों के माध्यम से िाकृनतक और भौनतक दु निया की सोंरििा और व्यवहार का व्यवम्भस्थत अध्ययि है ; जबनक
िौद्य नर्की एक कला, कौशल या क्षमता है , नजसका उपय र् उत्पाद ों क बिािे और नवकनसत करिे और ज्ञाि िाप्त करिे के
नलए नकया जाता है। वतगमाि नवि की कल्पिा नबिा िौद्य नर्की के करिा सोंभव ही िहीों।
इों नियि साइों स एों ि ररसिग एों ि िे वलपमेंट इों िस्ट्र ी ररप टग के अिुसार भारत बुनियादी अिुसोंधाि के क्षेत्र में शीषग रैं नकोंर् वाले
दे श ों में शानमल है। नवि की तीसरी सबसे बड़ी वैज्ञानिक और तकिीकी जिशम्भि भी भारत में ही है ।
नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की मोंत्रालय द्वारा स्थानपत अिेक वैज्ञानिक स्वायत्त सोंस्थाि ,ों इसर , िीआरिीओ,भाभा परमार्ु अिुसोंधाि
केंद्र व वैज्ञानिक और औद्य नर्क अिुसोंधाि पररषद (CSIR) द्वारा सोंिानलत श ध िय र्शालाओों के जररये िािानवध श धकायग नकये
जाते हैं। भारत नवज्ञाि और िौद्य नर्की अिुसोंधाि के क्षेत्र में अग्रर्ी दे श ों में सातवें स्थाि पर है। मौसम पूवागिुमाि एवों निर्रािी के
नलये ित्युष िामक शम्भिशाली सुपरकोंप्यूटर बिाकर भारत इस क्षेत्र में जापाि, निटे ि और अमेररका के बाद िौथा िमुख दे श
बि र्या है। वहीों िैि तकिीक पर श ध के मामले में भारत दु नियाभर में तीसरे स्थाि पर है। वैनिक िवािार सूिकाोंक (Global
Innovation Index) में हम 46वें स्थाि पर हैं। भारत िेि िर े ि से िेि र्ेि की म्भस्थनत में पहुाँि रहा है और नवदे श ों में काम करिे वाले
भारतीय वैज्ञानिक स्वदे श लौट रहे हैं ।
रक्षा अिुसोंधाि एवों नवकास सोंर्ठि (DRDO) की स्थापिा 1958 में भारत सरकार के रक्षा नवभार् के अधीि की र्ई
थी। सोंर्ठि का उद्दे श्य दे श क रक्षा, उपकरर् और आयुध के मामले में आत्मनिभगर बिा,1983 के बाद िॉ. ए.पी.जे. अब्दु ल
कलाम के िेतृत्व में इस सोंस्था िे कई नमसाइलें नवकनसत कीों। नमसाइल निमागर् में िॉ. कलाम का बहुत य र्दाि है। त िॉ.
कलाम क नमसाइल कायगक्रम के जिक के साथ-साथ 'नमसाइल मैि' के रूप में भी जािा जाता है।
इस अोंक में समानहत लेख ों में मुख्य रूप से दे श के वैज्ञानिक सोंस्थाि ों के नवज्ञाि व तकनिकी नवकास के नक्रया कलाप के बारे
में नलखा र्या है. इस अवधी में आिे वाले वैज्ञानिक कायगक्रम जैसे “नवि पयागवरर् नदवस”,5जूि,2023 व “अोंतराग ष्ट्रीय य र्
नदवस” ( 21जूि,2023) के अवसर पर नवज्ञाि लेखक ों द्वारा नलखे र्ए लेख ों क स्थाि नदया र्या है इस क्रम में एक बहुत ही
दु ः खद समािार िाप्त हुआ, नहोंदी नवज्ञाि सानहत्य पररषद के सोंस्थापक सदस् ों में से एक व वैज्ञानिक के पूवग सोंपादक तथा
कथानवोंब के सोंपादक िॉ माधव सक्सेिाजी का दे हाोंत 19अिैल, 2023 क हुआ, ऐ पररषद के नलए बहुत निराशा का नवषय है
ज हमेशा पररषद के नलए मार्गदशगक के रूप में थे व अब इस दु निया से िल बसे। उिके स्मरर् हेतु उिके सम्माि में पररषद
िे एक लेख क इस पनत्रका में स्थाि नदया है, ज पररषद के स्वर्ग जयोंती के अवसर पर नलखा र्या था।
हमें आशा ही िहीों पूर्ग नविास है नक ये सभी रििाएों आप सभी पाठक ों और खासतौर पर हमारे युवा नवज्ञाि पाठक ों क जरुर
पसोंद आएर्ी। हमेशा की तरह आपके सुझाव और िनतनक्रयाओों की हम ितीक्षा करें र्े।
नहन्दी नवज्ञाि की ल कनिय पनत्रका, वैज्ञानिक से जुड़े आप सभी नवज्ञाि लेखक ों पाठक ों और सृजिशील व्यम्भिय ों के
निरों तर सहय र्, स्नेह, नविास और लर्ाव के नलए धन्यवाद ।
शुभकामिा सनहत!
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(ि ट :पनत्रका में अनधकाों श तस्वीरें र्ूर्ल से शैनक्षक उद्दे श्य हे तु जिनहत में ली र्ई है – मुख्य-व्यवस्थापक )
3 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
एस.एम. िलांडे
पूवव डीजीएम (पी एं ड एम), एनआरबी, बीएआरसी, मुंबई
वैज्ञानिक तथा औद्य नर्क अिुसोंधाि पररषद (Council of Scientific and Industrial Research- CSIR) भारत का सबसे
बड़ा अिुसोंधाि एवों नवकास (R&D) सोंर्ठि है । CSIR एक अम्भखल भारतीय सोंस्थाि है नजसमें 37 राष्ट्रीय िय र्शालाओों, 39
दू रस्थ केंद्र ,ों 3 िव न्मेषी पररसर ों और 5 इकाइय ों का एक सनक्रय िेटवकग शानमल है।
स्थापिा: नसतोंबर 1942 -मुख्यालय: िई नदल्ली इसके अनतररि नवत्त सनिव (व्यय) इसका पदे ि सदस्
वैज्ञानिक तथा औद्य नर्क अिुसोंधाि पररषद , नवज्ञाि एवों ह ता हैं ।अन्य सदस् ों का कायगकाल तीि वषों का ह ता है।
िौद्य नर्की मोंत्रालय द्वारा का नवत्तप षर् नकया जाता है तथा वैज्ञानिक तथा औद्य नर्क अिुसोंधाि पररषद (CSIR)
यह स सायटी पोंजीकरर् अनधनियम, 1860 के अोंतर्गत एक सलाहकार ब िग : यह नवज्ञाि और िौद्य नर्की क्षेत्र के िमुख
स्वायत्त निकाय के रूप में पोंजीकृत है । वैज्ञानिक तथा व्यम्भिय ों का 15 सदस्ीय निकाय ह ता है ।इसका कायग
औद्य नर्क अिुसोंधाि पररषद (CSIR) अपिे दायरे में शासी निकाय क नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की सोंबोंधी सलाह या
रे निय एवों अोंतररक्ष भौनतकी (Space Physics), समुद्र इिपुट्स िदाि करिा है।इसके सदस् ों का कायगकाल तीि
नवज्ञाि (Oceanography), भू-भौनतकी (Geophysics), वषों का ह ता है ।
रसायि, िर ग्स, जीि नमक्स (Genomics), जैव िौद्य नर्की उद्दे श्य:
और िैि टे क्न लॉजी से लेकर खिि, वैमानिकी
पररषद का उद्दे श्य राष्ट्रीय महत्त्व से सोंबोंनधत वैज्ञानिक और
(Aeronautics), उपकरर् नवज्ञाि (Instrumentation),
औद्य नर्क अिुसोंधाि करिा है।
पयागवरर् अनभयाोंनत्रकी और सूििा िौद्य नर्की तक की
एक नवस्तृत नवषय शोंखला क शानमल करता है। इसकी र्नतनवनधय ों में शानमल हैं :
• वैज्ञानिक िवािार से सोंबोंनधत सोंस्थाि ों और नवनशष्ट्
श धकत्तागओों के नवत्तप षर् सनहत भारत में
वैज्ञानिक एवों औद्य नर्क अिुसोंधाि का सवर्द्ग ि,
मार्गदशगि और समन्वयि करिा।
• उद्य र् नवशेष और व्यापार नवशेष क िभानवत
करिे वाली समस्ाओों के वैज्ञानिक अध्ययि के
नलये नवशेष सोंस्थाि ों या मौजूदा सोंस्थाि ों के
नवभार् ों की स्थापिा करिा और सहायता दे िा।
यह सामानजक ियास ों के सोंबोंध में कई क्षेत्र ों में महत्त्वपूर्ग
• श ध हेतु छात्रवृनत्त और फैल नशप िदाि करिा।
तकिीकी हस्तक्षेप िदाि करता है नजसमें पयागवरर्,
स्वास्थ्य, पेयजल, भ जि, आवास, ऊजाग , कृनष-क्षेत्र और • पररषद के तत्त्वावधाि में नकये र्ए अिुसोंधाि के
र्ैर-कृनष क्षेत्र शानमल हैं। पररर्ाम ों का उपय र् दे श में उद्य र् ों के नवकास के
नलये करिा।
सोंर्ठिात्मक सोंरििा
• अिुसोंधाि के पररर्ाम स्वरूप िाप्त ह िे वाली
अध्यक्ष: भारत का िधािमोंत्री (पदे ि अध्यक्ष) उपाध्यक्ष:
रॉयल्टी के एक नहस्से का भुर्ताि उि व्यम्भिय ों
केंद्रीय नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की मोंत्री (पदे ि उपाध्यक्ष)
क करिा नजन्ह ि ों े ऐसे अिुसोंधाि में महत्त्वपूर्ग
शासी निकाय/सोंिालक मोंिल: महानिदे शक (Director य र्दाि नकया ह ।
General) शासी निकाय का िमुख ह ता है।
4 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
5 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
6 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
िबल फ नटग फाइि िमक (Double-Fortified Salt) : और फ्लाई ऐश (थमगल पावर लाोंट से) जैसे औद्य नर्क
आय िीि और आयरि के साथ फ नटग फाइि िमक का किरे का उपय र् कर अनवषाि नवनकरर् परररक्षर्
नवकास नकया र्या है ज ल र् ों में एिीनमया र र् क दू र सामग्री (Non-toxic Radiation Shielding Materials)
कर सकता है। का नवकास नकया र्या है , नजसे िैदानिक एक्स-रे कक्ष में
मोट्ापा-रोधी डीएजी तेल (Anti-obesity DAG Oil): अिुिय र् हेतु परमार्ु ऊजाग नियामक ब िग (Atomic
यह तेल पारों पररक टर ाईनसलेम्भिसर ल (triacylglycerol- Energy Regulatory Board- AERB) की मान्यता िाप्त
TAG) के बजाय नियानसलम्भिसर ल (Diacylglycerol- है।
DAG) से समृर्द् है ज म टापा क र कता है। अपमशि प्लास्टिक से ईंधन: अपनशष्ट् लाम्भस्ट्क क
र्ैस लीि/िीज़ल या एर मेनटक्स में पररवनतगत करिे की
िनक्रया नवकनसत की र्ई है। अनमट स्ाही: िुिाव ों के
दौराि मतदाताओों के िाखूि ों में इस्ते माल की जािे वाली
अनमट स्ाही भी सीएसआईआर(CSIR) द्वारा िदत्त एक
समय-परीक्षनर्त उपहार है ।
1952 में नवकनसत इस स्ाही का उत्पादि सवगिथम
पररसर में ही नकया र्या था। इसके बाद से औद्य नर्क क्षेत्र
द्वारा इस स्ाही का निमाग र् नकया जा रहा है। इसका
नियागत श्रीलोंका, इों ि िेनशया, तुकी और अन्य ल कताों नत्रक
जल क्षेत्र में: जल अभावग्रस्त क्षेत्र ों के जलवाही स्तर मापि: दे श ों क भी नकया जाता है।
हेनलबॉिग टर ाोंनजएों ट इलेक्टर मैग्नेनटक और सफेस मैग्नेनटक
तकिीक पर आधाररत जलवाही स्तर मापि (Aquifer
Mapping) राजस्थाि , नबहार, किागटक, महाराष्ट्र और
तनमलिािु के छह अलर्-अलर् भूवैज्ञानिक स्थल ों पर
नकया र्या। र्ोंर्ाजल के नवशेष र्ुर् ों क समझिा: र्ोंर्ा की
जल र्ुर्वत्ता और तलछट नवश्लेषर् का अध्ययि उि
नवनभन्न क्षेत्र ों में नकया जा रहा है, जहााँ से र्ोंर्ा िवानहत ह ती
है।
कौशल मवकास: वैज्ञानिक तथा औद्य नर्क अिुसोंधाि
पररषद (CSIR) अपिी अत्याधुनिक अवसोंरििा और मािव
सोंसाधि ों का उपय र् करते हुए एक सोंरनित वृहत कौशल
नवकास पहल पर कायग कर रहा है । िनतवषग 5000 से
अनधक अभ्यनथगय ों क कौशल िदाि करिे के नलये लर्भर्
30 उच्च तकिीक कौशल/िनशक्षर् कायगक्रम शुरू नकये
जा रहे हैं।
7 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
कौशल नवकास कायगक्रम के दायरे में निम्ननलम्भखत क्षेत्र • केंद्रीय कााँ ि एवों नसरानमक अिुसोंधाि सोंस्थाि,
शानमल हैं: िमग िनक्रया िौद्य नर्की; िमड़े के जूते और क लकाता (CSIR-Central Glass Ceramic
वस्त्र; जोंर् से सोंरक्षर् के नलये पेंट और क नटों ग्स; Research Institute, Kolkata)
इलेक्टर लेनटों र् और धातु पररष्करर्; लीि एनसि बैटरी • केंद्रीय औषनध अिुसोंधाि सों स्थाि, लखिऊ (CSIR-
रखरखाव; िास मिके आभूषर् / ब्लू पॉटरी; औद्य नर्क Central Drug Research Institute, Lucknow)
रखरखाव अनभयाोंनत्रकी; इों टरिेट ऑफ नथोंग्स (IoT); तथा • क नशकीय एवों आर्नवक जीव नवज्ञाि केंद्र, है दराबाद
नवनियामक - िीम्भिनिकल टॉम्भक्सक लॉजी। (CSIR-Centre for Cellular Molecular Biology,
नवमािि: वैज्ञानिक तथा औद्य नर्क अिुसोंधाि पररषद Hyderabad)
(CSIR)-राष्ट्रीय वाोंतररक्ष (एयर स्पेस) िय र्शालाओों िे • केंद्रीय खिि एवों ईोंधि अिुसोंधाि सोंस्थाि, धिबाद
'सारस' (SARAS) िामक एक नवमाि का निज़ाइि तैयार (CSIR-Central Institute of Mining and Fuel
नकया है। राष्ट्रीय एयर स्पेस िय र्शालाओों और मनहों द्रा Research, Dhanbad)
एयर स्पेस द्वारा सोंयुि रूप से निनमगत भारत के पहले • केंद्रीय औषधीय एवों सर्ोंध पौधा सोंस्थाि, लखिऊ
स्वदे शी िार्ररक नवमाि NAL NM5 का वषग 2011 में (CSIR-Central Institute of Medicinal Aromatic
सफलतापूवगक परीक्षर् नकया र्या। Plants, Lucknow)
पारं पररक ज्ञान मडमजट्ल लाइब्रेरी: • केंद्रीय िमग अिुसोंधाि सोंस्थाि, िेन्नई (CSIR-Central
Leather Research Institute, Chennai)
सीएसआईआर(CSIR) िे नवि में पहली बार 'पारों पररक
ज्ञाि निनजटल लाइिेरी' (Traditional Knowledge • जीि नमकी और समवेत जीवनवज्ञाि सोंस्थाि, नदल्ली
Digital Library) की स्थापिा की है। यह पााँि अोंतराग ष्ट्रीय (CSIR-Institute of Genomics and Integrative
भाषाओों (अोंग्रेज़ी, जमगि, फ्रेंि, जापािी और स्पेनिश) में Biology, Delhi)
उपलि है । • भारतीय समवेत औषध सोंस्थाि, जम्मू (CSIR-Indian
Institute of Integrative Medicine, Jammu)
• भारतीय पेटर नलयम सोंस्थाि, दे हरादू ि (CSIR-Indian
Institute of Petroleum, Dehradun)
• राष्ट्रीय वाों तररक्ष िय र्शालाएाँ , बोंर्लूरु (CSIR-
National Aerospace Laboratories, Bengaluru)
• राष्ट्रीय विस्पनत अिुसोंधाि सोंस्थाि, लखिऊ (CSIR-
National Botanical Research Institute,
Lucknow)
• सूक्ष्मजीव िौनद्यनर्की सोंस्थाि, िोंिीर्ढ़ (CSIR-
सीएसआईआर(CSIR) िे पारों पररक ज्ञाि के आधार पर Institute of Microbial Technology,
Chandigarh)
घाव ों का भरिे के नलये हल्दी और कीटिाशक के रूप में
िीम के उपय र् के नलये सोंयुि राज्य अमेररका में पेटेंट • राष्ट्रीय पयाग वरर् अनभयाोंनत्रकी अिुसोंधाि सोंस्थाि,
िदाि नकये जािे का नवर ध करते हुए इसे िुिौती दी। िार्पुर (CSIR-National Environmental
जीि म अिुक्रमर् (Genome Sequencing): Engineering Research Institute, Nagpur)
सीएसआईआर(CSIR) िे 2009 में मािव जीि म का • राष्ट्रीय समुद्रनवज्ञाि सोंस्थाि, र् वा (CSIR-National
अिुक्रमर् तैयार नकया। Institute of Oceanography, Goa)
8 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
मवज्ञान कमवता
इस महामारी में मैंने, घंट्ो भी बात कर लेती हैं ||जोडा मैने पूरे मवि को,
9 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
नवज्ञाि के िमत्कार ों िे हमेशा से मािव जीवि क सरल बिािे का ियास नकया है । यही कारर् है नक मािव
आज तकिीक पर बहुत निभगर ह र्या है । आज हम घर बैठे-बैठे नकसी से भी म बाइल के माध्यम से बात कर सकते है । कोंप्यूटर के
माध्यम से हमारा कायग सरल ह र्या है और यातायात के नवनभन्न साधि ों के माध्यम से हमारी यात्रा सुखद ह र्ई है ।आज के समय में बच्चे
इों टरिेट की वजह से कोंप्यूटर या म बाइल में ऑिलाइि नशक्षा िाप्त की जा सकती है। यह नवज्ञाि काफी बड़ी कीनतग है साथ ही नवज्ञाि हमारे
स्वास्थ्य के नलए भी महत्वपूर्ग है ।“
मवज्ञान का अथव एवं पररभाषा - मवद् युत मवज्ञान:नवद् युत नवज्ञाि का सबसे बड़ा नवि कार
है। अनधकतर वैज्ञानिक आनवष्कार नवद् युत पर निभगर है
नवज्ञाि शब्द सोंस्कृत के नवज्ञािम से बिा है। नजसका अथग है ।नवद् युत के अभाव में त आज जीवि की कल्पिा भी िहीों
नवशेष ज्ञाि। या नफर हमें इसे वस्तुओों के व्यवम्भस्थत ज्ञाि भी की जा सकती नवज्ञाि में मािव जीवि क सुखमय बिा नदया
कह सकते हैं। नवज्ञाि क अोंग्रेजी में साइों स कहते हैं साइों स है आज सदी क दू र करिे के नलए हीटर आनद का िय र्
लैनटि भाषा का शब्द नजसका अथग ह ता है जाििा। घर में नकया जाता है। आज खािा बिािे के नलए म्भस्त्रय ों क
आर् और धुएों से अपिी आों खें िहीों िलािी पड़ती। नबजली
नवज्ञाि (SCIENCE) -
के िूल्हे और र्ैस के िूल्हे पर भ जि आसािी से पि जाता
िकृनत के क्रमबर्द् अध्ययि से अनजगत एवों िय र् द्वारा है नबजली के िकाश से आज अोंधकार िकाश में बदल र्या
िमानर्त वर्ीकृत ज्ञाि क ही नवज्ञाि कहते हैं। है इसी िकार से ही आज वही सबका रात में भी नकए जा
सकते हैं। नजिके नलए हम नदि निकलिे का इों तजार करते
वैज्ञानिक आनवष्कार के कारर् मािव िे अिेक भौनतक
हैं। यातायात के क्षेत्र में त नवज्ञाि िे क्राोंनत ला दी है ।आज
शम्भिय ों पर नवजय पाई है। मािव िे नवद् युत, र्ैस, इथर,
नजस यात्रा पर कई नदि लर्ते थे भाई कई घोंट ों में पूरी ह िे
और अर्ु जैसी शम्भिय ों पर नवजय पाकर रे ल, तार ,म टर,
लर्ी है तथा घोंट ों की यात्रा अब नमिट ों में सोंभव ह र्ई है।
वायुयाि और अर्ु बम बिा िाले हैं।
दू र सोंिार के साधि ों िे त नवि क बहुत छ टा कर नदया है
नवि के एक क िे में बैठा व्यम्भि दू सरे क िे में बैठे व्यम्भि से
10 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
टे लीफ ि पर इस तरह बात कर सकता है। माि वह द ि ों सुख में बिािे के नलए बहुत से अनवष्कार नकए हैं जैसे खेती
पास पास बैठे ह । अब त मािव अन्य ग्रह ों की भी यात्रा कर के सरल तरीके। खेती क सरल बिािे के नलए अिेक योंत्र
आया है वह िाोंद पर उतर िुका है निनकत्सा के क्षेत्र में भी का उपय र् करिा जैसे - टर ै क्टर , हावेस्ट्र, कोंपाइि, आनद
मािव िे अभूतपूवग सफलता पाई है नवज्ञाि की सहायता से
इि मशीि ों की सहायता से अनधक काम बहुत ही कम
मािव शरीर में हृदय र्ुदाग िेत्र आनद का ित्यार पर् सोंभव ह
समय में ह सकता है। मािव जीवि क सुखमय बिािे के
पाया है।ज िॉक्टर क समझ में िहीों आते हैं। त ऐसे में
िॉक्टर वीनिय कॉल के माध्यम से दू सरे िॉक्टर से बातिीत नलए हमारी मशीि ों का बहुत ही अहम भूनमका है। जैसे -
कर सलाह ले सकते हैं । हर एक वस्तु नजससे हमें लाभ ह ता रे नफ्रजरे टर, टीवी, िेस जैसी मशीि ों का आनवष्कार नकया
है उससे कुछ हानियाों भी ह ती हैं। नवज्ञाि के िय र् और है। क ई ऐसा समय था जब ल र् ों के अकाल से मरिे की
अनवष्कार ों की वजह से कन्या भ्रूर् हत्या क बढ़ावा नमल खबर क बहुत सुिा जाता था लेनकि नवज्ञाि की वजह से
रहा है ल र् नवज्ञाि के इि शास्त्र ों का िय र् कर अपराध
आज के समय में शायद ही क ई ऐसी खबर सुििे क
करते हैं। ज नक नवज्ञाि के नलए एक अनभशाप है।
नमलती है। नजसमें ल र् भूख से मरते हैं पहले ल र् पेड़ पौध ों
की पनत्तयाों और जािवर ों की खाल से अपिे शरीर क िरते
थे लेनकि आज के समय में सभी के पास अपिे शरीर क
ढकिे के नलए कपड़े हैं ।
नवज्ञाि की वजह से मिुष् जीवि आज बहुत ही सुख में ह सोंिार के क्षेत्र में नवज्ञाि की बहुत ही अहम भूनमका है नवज्ञाि
र्या है। आज के समय में नवज्ञाि मिुष् के जीवि से जुड़ की ही वजह से हम दू र बैठे व्यम्भि से आसािी से बात कर
र्या है। नजसके नबिा मिुष् अपिे जीवि की कल्पिा भी सकते हैं। यह सब नवज्ञाि की वजह से सोंभव ह पाया है।
िहीों कर सकता। नवज्ञाि िे मिुष् जीवि क सरल और टीवी, रे निय ,टे लीफ ि ,ई-मेल, वीनिय कॉल और म बाइल
11 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
12 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
िॉ दीपक क हली
सोंयुि सनिव ,पयागवरर् ,
वि एवों जलवायु पररवतगि नवभार् ,
उत्तर-िदे श शासि ,5 /104, नवपुल खोंि,
र् मती िर्र, लखिऊ- 226010
नपछले कुछ वषों में नवि क कई िुिौनतय ों का इसका उपय र् नवत्तीय सेवाओों सनहतनवनभन्न सेवाओों
सामिा करिा पड़ा है, जैसे क नवि महामारी, के नलये व्यम्भिय ों क अनधिमानर्त करिे के नलये
यूक्रेि में युर्द् एवों उसके पररर्ाम, जलवायु नकया जाता है।
सोंकट, सोंिभु ऋर् सोंकट और अभी हाल ही में
जीवियापि की लार्त का सोंकट। इिसे हमारे निनजलॉकर : निनजलॉकर ि ग्राम एक निनजटल
समाज ों के मूल क िुिौती दी र्ई है। हालााँनक, लॉकर है ज भारतीय िार्ररक ों क अपिेदस्तावेज ों
यहीों एक उम्मीद की नकरर् भी िकट हुई है ज क ऑिलाइि स्ट् र करिे और साझा करिे में
है पररवतगिकारी समाधाि िदाि करिे के नलये सक्षम बिाता है। यह आधार, पैि और िर ाइनवोंर्
सतकगतापूवगक अनभकम्भल्पत निनजटल सावगजनिक लाइसेंस जैसे महत्त्वपूर्ग दस्तावेज ों क स्ट् र करिे
अवसोंरििा की शम्भि। नवि में सकारात्मक बदलाव और उन्हें अनभर्म्य करिे का एक सुरनक्षत एवों
में य र्दाि कर सकिे की निनजटल सावगजनिक सुनवधाजिक तरीका िदाि करता है।लेटफॉमग इि
अवसोंरििा की क्षमता अब भारत के जी 20 दस्तावेज़ ों के नलये एक सुरनक्षत और िाउि-
िेतृत्व का एक िमुख फ कस बि र्या है। आधाररत ररपॉनजटरी िदाि करता है , नजसे कहीों
निनजटल सावगजनिक अवसोंरििा, नजसेइों निया स्ट्ै क से भी अनभर्म्य नकया जा सकता है और
के रूप में भी जािा जाता है , आधार , निनजटल आवश्यकतािुसार सरकारी एजेंनसय ों या अन्य
लॉकर , निजीयात्रा , यूपीआई जैसे निनजटल सोंस्थाओों के साथ साझा नकया जासकता है।
लेटफॉमग और सरकार , ों नियामक ,
ों निजी क्षेत्र,
स्वयोंसेवक ,
ों स्ट्ाटग अप एवों अकादनमक सोंस्थाि ों
सनहत नवनभन्न निकाय ों के बीि सहय र् के माध्यम
से नवकनसत िौद्य नर्नकय ों का एक सोंग्रह है।
निनजटल सावगजनिक अवसोंरििा का लक्ष्य िार्ररक ों
क सरकारी सेवाओों तक पहुाँि का एक सहज एवों
कुशल तरीका िदाि करिा तथा समावेशी नवकास
क बढ़ावा दे िा है।
भारत में निनजटल सावगजनिक अवसोंरििा के
नवकास के नलये पहलें:
*आधार : आधार कायगक्रम एक नवनशष्ट् पहिाि
िर्ाली है ज भारतीय निवानसय ों क 12 अोंक ों
की पहिाि सोंख्या िदाि करती है। यह एक *निजीयात्रा : यह हवाई यानत्रय ों क एक सहज
निनजटल पहिाि के रूप में कायग करता है और
और सुर्म यात्रा अिुभव िदाि करिे के नलये
13 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
भारत सरकार द्वारा शुरू की र्ई निनजटल पहल *क नवि : यह भारतीय िार्ररक ों के नलये क नवि
है। इस पहल का उद्दे श्य भौनतक सोंपकग क कम टीकाकरर् भेंट-समय के पोंजीकरर् और समय-
करिे और यानत्रय ों क सोंपकग-रनहत यात्रा अिुभव निधागरर् की सुनवधा के नलये भारत सरकार द्वारा
नवकनसत एक ऑिलाइि लेटफॉमग है। इसे जिवरी
िदाि करिे के नलये निनजटल तकिीक ों का लाभ
2021 में क नवि के नवरुर्द् भारत के टीकाकरर्
उठािा है। निजीयात्रा के तहत यात्री अपिे आधार
अनभयाि के एक भार् के रूप में लॉन्चनकया र्या
या पासप टग का उपय र् करके स्वयों क पूवग- था। क नवि प टग ल के माध्यम से भारतीय िार्ररक
पोंजीकृत कर सकते हैं और िेक-इि एवों स्वयों क क नवि वैक्सीि के नलये पोंजीकृत कर
नसक्ूररटी पॉइों ट्स पर सेल्फ-बैर् िर ॉप, ई-ब नििं र् सकते हैं और अपिे निवास स्थाि के पास नकसी
पास, बाय मेनटर क सत्यापि और स्व-पहिाि जैसी टीकाकरर् केंद्र में नमलिे का समय निधागररत कर
सकते हैं। लेटफॉमग िार्ररक ों क उिके स्थाि और
कई निनजटल सेवाओों का लाभ उठा सकते हैं।
टीके की उपलिता केआधार पर टीकाकरर् केंद्र ों
एकीकृत भुितान इं ट्रफेस (यूपीआई) : यूपीआई
की ख ज कर सकिे की अिुमनत दे ता है। क नवि
एक म बाइल भुर्ताि िर्ाली है ज म बाइल ित्येक केंद्र पर उपलि टीक ों के िकार ों के बारे
निवाइस का उपय र् करके बैंक खात ों के बीि में भी जािकारी िदाि करता
तत्काल फोंि टर ाोंसफर क सक्षम बिाता है। इसिे है ।
भारत में निनजटल भुर्ताि पररदृश्य क रूपाोंतररत
कर नदया है और पूरे दे श में निनजटलभुर्ताि क
अपिािे की सुनवधा िदाि की है।
*भारतिेट : भारतिेट कायगक्रम का उद्दे श्य भारत
के सभी र्ााँव ों क हाई-स्पीि इों टरिेट किेम्भक्टनवटी
से ज ड़िा है। यह एक महत्त्वपूर्ग पहल है नजसका
उद्दे श्य ‘निनजटल निवाइि’ क दू र करिा है और
निनजटल अवसोंरििा के लाभ ों क ग्रामीर् भारत
निनजटल सावगजनिक अवसोंरििा के नलये िे टा
तक पहुाँिािा है।
सोंरक्षर् पहल: *आधार अनधनियम, 2016: आधार
*आर ग्य सेतु : यह अिैल 2020 में भारत अनधनियम (Aadhaar Act) आधार कायगक्रम के
सरकार द्वारा क नवि के िसार क र किे के नलये एक कािूिी ढााँिा िदाि करता है और
ियास ों के तहत शुरू नकया र्या एक म बाइल व्यम्भिर्त िे टा के सोंग्रहर्, भोंिारर् एवों उपय र्
एलीकेशि है। ऐप क उपय र्कतागओों क अन्य के नलये िावधाि निधागररत करता है। यह भारतीय
व्यम्भिय ों के साथ उिके सोंपकग के आधार पर नवनशष्ट् पहिाि िानधकरर् (Unique
Identification Authority of India-
क नवि सोंक्रमर् के ज म्भखम का आकलि करिे
UIDAI) क आधार कायगक्रम के िबोंधि के नलये
और क नवि सोंबोंनधत स्वास्थ्य सेवाओों के बारे में उत्तरदायी केंद्रीय िानधकरर् के रूप में भी
जािकारी िदाि करिे में मदद करिे के नलये स्थानपत करता है ।
निज़ाइि नकया र्या है।यह उपय र्कतागओों क *व्यस्टक्तित डे ट्ा संरक्षण मवधेयक, 2019:
उिकी उपम्भस्थनत क्षेत्र में क नवि-19 मामल ों की व्यम्भिर्त िे टा सोंरक्षर् नवधेयक (Personal
सोंख्या पर रीयल-टाइम अपिे ट भी िदाि करता है Data Protection Bill) का उद्दे श्य
व्यम्भिर्त िे टा की र् पिीयता की रक्षा करिा और
और यनद वे नकसी सोंक्रनमत व्यम्भि के निकटहैं,
इसके िसोंस्करर् एवों हस्ताों तरर् के नलये एक
त उन्हें सिेत करता है।
रूपरे खा तैयार करिा है। यह िे टा सुरक्षा नियम ों
14 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
की दे खरे ख और उिके िवतगि के नलये एक ‘निनजटल निवाइि’ की िुिौनतयााँ :एक ज म्भखम
भारतीय िे टा सुरक्षा िानधकरर् (Data यह भी है नक निनजटल सावगजनिक अवसोंरििा
Protection Authority of India) की ‘निनजटल निवाइि’ क वृहत कर सकता है ,
स्थापिा की भी मोंशा रखता है। क् नों क नजिके पास निनजटल तकिीक ों तक पहुाँि
*राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा िीनत, 2013: राष्ट्रीय िहीों है , वे िदत्त सेवाओों से लाभाम्भन्वत िहीों ह
साइबर सुरक्षा िीनत महत्त्वपूर्ग सूििा अवसोंरििा पाएाँ र्े। सरकार ों क यह सुनिनित करिा िानहये
की सुरक्षा और साइबर हमल ों की र कथाम के नक बुनियादी ढााँिा सभी िार्ररक ों के नलये सुलभ
नलये एक रूपरे खा िदाि करतीहै। ह , नजसमें ग्रामीर् या दू रदराज के क्षेत्र ों में रहिे
*साइबर स्वच्छता केंद्र: साइबर स्वच्छता केंद्र वाले और नदव्याोंर् जि भी शानमल हैं।
सरकार द्वारा निशुल्क टू ल्स और सुरक्षा समाधाि *नवनधक िुिौनतयााँ :निनजटल सावगजनिक अवसोंरििा
िदाि करिे के माध्यम से निनजटल उपकरर् ों के निमाग र् के नलये िे टा साझेदारी और निनजटल
और िेटवकग क सुरनक्षत करिे के नलये शुरू की सेवाओों के िावधाि क सक्षम करिे के नलये
र्ई एक पररय जिा है। मौजूदा नवनधक ढााँिे में बदलाव की आवश्यकता ह
भारत में निनजटल सावगजनिक अवसोंरििा से सोंबर्द् सकती है। सरकार ों क िे टा सुरक्षा, बौम्भर्द्क
िुिौनतयााँ : निनजटल सावगजनिक अवसोंरििा के सोंपदा अनधकार ों और िे टा उल्लोंघि ों के नलये
नवकास और कायागन्वयि के नलये राजिीनतक उत्तरदानयत्व जैसे जनटल कािूिी मुद्द ों क सोंब नधत
इच्छाशम्भि और समथगि की आवश्यकता ह ती है , करते हुए आर्े बढ़िा ह र्ा।
क् नों क इससे िायः सावगजनिक धि का पयाग प्त
आर्े की राह –
निवेश सोंलग्न ह ता है।
सरकार ों क ऐसी पहल ों के नलये आवश्यक साइबर सुरक्षा क सशि करिा: सरकार क
सोंसाधि और सावगजनिक अोंतः क्रय िाप्त करिे में निनजटल िर्ाली क साइबर खतर ों से बिािे के
िुिौनतय ों का सामिा करिा पड़ सकता है। नलये साइबर सुरक्षा उपाय ों में निवेश करिे की
*नवत्तप षर् सोंबोंधी िुिौनतयााँ : एक सुदृढ़ निनजटल आवश्यकता है। इसमें सुदृढ़ सुरक्षा ि ट कॉल
सावगजनिक अवसोंरििा के निमाग र् एवों रखरखाव के नवकनसत करिा और कमज़ ररय ों की पहिाि के
नलये उल्लेखिीय निवेश की आवश्यकता ह ती है नलये नियनमत ऑनिट लार्ू करिा शानमल है।साइबर
और सरकार ों क इि पररय जिाओों के नवत्तप षर् खतर ों से निपटिे के नलये एक व्यापक कािूिी
में बजट की कमी का सामिा करिा पड़ सकता और नियामक ढााँिे का निमागर् कर साइबर सुरक्षा
है। इसके अनतररि, आधारभूत सोंरििा की क सशि नकया जा सकता है , नजसमें िे टा
दीघगकानलक म्भस्थरता का समथगि करिे वाले सुरक्षा, साइबर अपराध और सूििा सुरक्षा पर
नवत्तप षर् मॉिल क स्थानपत करिा कनठि नसर्द् कािूि बिािा शानमल है।
ह सकता है ।
र् पिीयता और सुरक्षा सोंबोंधी िुिौनतयााँ : निनजटल
सावगजनिक अवसोंरििा में बड़ी मात्रा में सोंवेदिशील
िे टा का सोंग्रहर्, भोंिारर् एवों उपय र् शानमल
ह ता है, ज र् पिीयता और सुरक्षा उल्लोंघि ों के
ज म्भखम क बढ़ाता है। सरकार ों क यह सुनिनित
करिा िानहये नक िार्ररक ों की सूििा की सुरक्षा
के नलये सुदृढ़ र् पिीयता और सुरक्षा उपाय ों के
साथ आधारभूत अवसोंरििा क अनभकम्भल्पत एवों
कायागम्भन्वत नकया जाए।
15 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
निनजटल अवसोंरििा का नवस्तार करिा:अनधक से एक कुशल कायगबल के सृजि हेतु िनशक्षर् एवों
अनधक आबादी तक पहुाँ ि बिािे के नलये सरकार कौशल-उन्नयि (अपम्भस्कनलोंर्) अवसर िदाि करिा
क दे श भर में निनजटल अवसोंरििा का नवस्तार िानहये।
करिे की आवश्यकता है। इसमें इों टरिेट ‘इों टरऑपरे नबनलटी’ में सुधार लािा: सरकार क
किेम्भक्टनवटी में सुधार लािा, िे टा केंद्र ों का निमागर् यह सुनिनित करिा िानहये नक निनजटल िर्ानलयााँ
करिा और निनजटल एक्सेस पॉइों ट िदाि करिा एक-दू सरे के साथ इों टरऑपरे बल ह ,
ों तानक
शानमल है।5 जी , आनटग नफनशयल इों टेनलजेंस, नवनभन्न निनजटल लेटफॉमग के बीि सहज एकीकरर्
इों टरिेट ऑफ नथोंग्स (आईओटी) और ब्लॉकिेि ह सके।
टे क्न लॉजी जैसी उभरती िौद्य नर्नकय ों में निवेश
करिा निनजटल अवसोंरििा के नवस्तार के नलये
अत्योंत सहायक नसर्द् ह सकता है।
निनजटल सेवाओों तक पहुाँि बढ़ािा: सरकार क
यह सुनिनित करिा िानहये नक निनजटल सेवाएाँ
सभी िार्ररक ों के नलये सुलभ ह , ों िाहे उिकी
सामानजक-आनथगक म्भस्थनत या भौर् नलक म्भस्थनत कुछ सावगजनिक-निजी भार्ीदारी क बढ़ावा दे िा: अनधक
भी ह ।सॅटॅलाइट िॉिबैंि , र्ीर्ामेश िेटवकग िभावी और सोंवहिीय निनजटल सावगजनिक
जैसी िवीि िौद्य नर्नकय ों का उपय र् कर ग्रामीर् अवसोंरििा के नवकास के नलये सरकार क
एवों दू रदराज के क्षेत्र ों में इों टरिेट किेम्भक्टनवटी का िवािार, निवेश और ज्ञाि-साझाकरर् क आर्े
नवस्तार करिा सहायक ह र्ा।उपय र्कताग के बढ़ािे के नलये निजी क्षेत्र के साथ सहय र् करिा
अिुकूल निनजटल इों टरफेस का निमागर् करिे और िानहये।
स्थािीय भाषा एलीकेशि ों एवों कॉन्टें ट के सृजि का
समथगि करिे से र्ैर-अोंग्रेज़ी भाषी आबादी के नलये
निनजटल सेवाओों की पहुाँि बढ़े र्ी तथा निनजटल
साक्षरता का निम्न स्तर रखिे वाले ल र् भी उिका
उपय र् कर सकेंर्े।निनजटल सेवाओों का उपय र्
करिे के बारे में ल र् ों क नशनक्षत और िनशनक्षत
करिे के नलये सामुदानयक केंद्र ों एवों निनजटल
साक्षरता कायगक्रम ों की स्थापिा करिा।
*िे टा सुरक्षा क बढ़ावा दे िा:व्यम्भिर्त सूििा क
दु रुपय र् से सुरक्षा के नलये सरकार क कड़े िे टा
सोंरक्षर् नियम ों क लार्ू करिा िानहये। इसमें िे टा
उपय र्, भोंिारर् और साझाकरर् पर स्पष्ट्
नदशानिदे श स्थानपत करिा शानमल है।व्यम्भिय ों के
व्यम्भिर्त िे टा के सोंग्रहर्,भोंिारर्, िसोंस्करर् एवों
साझाकरर् क नवनियनमत करिे के नलये िे टा
सुरक्षा नवधेयक का कायागन्वयि िे टा सुरक्षा में
अत्योंत सहायक नसर्द् ह सकता है ।
16 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
कृमष
मवज्ञान से ही आएिी भारत में कृमष क्ांमत
आर पी तोमर
वररि पत्रकार
220/ 221, िीलकोंठ अपाटग मेंट,
यूजी5, र्ली ि. 7, महावीर एििेव, िई नदल्ली-45
• 2047 तक दे श क नवकनसत बिािे का लक्ष्य
कृनष क्षेत्र में भारत क दु नियाों का िोंबरदार बिािे के नलए सोंबम्भित सुनवधाएों उपलि है , नजसका परस्पर उपय र्
जहाों दे श के नकसाि ों क सौर्ोंध लेिी ह र्ी वही उद्य र् ों क सावगजनिक नवकास के नलए नकया जा रहा है। कृनष क्षेत्र में
भी कृनष क्षेत्र के साथ नमलकर िलिा ह र्ा। अिुसोंधाि क्षेत्र श्रेिता हानसल करिे के नलए जरूरी है नक नकसाि से लेकर
में क्राोंनत लािी ह र्ी। कृनष छात्र ों क िई िई जािकारी दे िी उद्य र् जर्त सब नमलकर काम करें । हमारे कृनष उत्पाद ों
ह र्ी और उन्हें ि त्सानहत भी करिा ह र्ा। वैसे त भारतीय की अहनमयत दु निया में बढ़ी है। हमारे उत्पाद ों की र्ुर्वत्ता
कृनष अिुसोंधाि पररषद इस नदशा में काफी कायग कर रहा अच्छी रहे , यह नजम्मेदारी सबकी है। इस क्षेत्र में ज कनमयाों
है। सरकार अोंतरराष्ट्रीय स्तर पर जी20 दे श ों के लेटफामग एवों खाई है उन्हें पाटिे की जरूरत है , साथ ही नवद्यमाि
पर कृनष पर नवस्तृत ििाग कर िुकी है। भारतीय कृनष अोंतराग ष्ट्रीय िुिौनतय ों का सामिा करते हुए इस बात पर भी
अिुसोंधाि पररषद से सम्बर्द् 100 से ज्यादा सोंस्थाि ों और 73 नविार करिा ह र्ा नक भारत कृनष क्षेत्र में श्रेिता कैसे हानसल
कृनष नविनवद्यालय में सुसम्भित अिुसोंधाि/ नवकास कर सकता है। अमृत काल क ध्याि में रखकर ऐसे नवमशग
सुनवधाएों , िय र्शालाएों / बुनियादी ढाोंिा सनहत नवनभन्न कृनष की महत्ता और बढ़ जाती है । दु निया की अपेक्षाओों क भारत
17 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
द्वारा पूरा करिे की नदशा में हमारी स ि अच्छी ह िी िानहए। नवशेषज्ञता / कृनष मशीिरी, और नकसाि ों की पहुोंि के नलए
अब दु निया के राजिीनतक पररदृश्य पर भारत की बढ़ती हुई ि मेि नवशेषज्ञता के साथ आईसीएआर सोंस्थाि ों और
महत्ता क िनतिानपत और मजबूत करिे के साथ ही सरकार केवीके की अम्भखल भारतीय उपम्भस्थनत है। भारत िाकृनतक
िे वषग 2047 (अमृत काल) तक भारत क नवकनसत दे श के खेती के साथ ही मनहलाओों और बच्च ों के स्वास्थ्य में सुधार
रूप में खड़ा करिे का लक्ष्य रखा है इस लक्ष्य की पूनतग के और प षर् सोंबोंधी समस्ाओों के त्वररत समाधाि के नलए
नलए हमारे नवमशग क अनधक व्यापकता एवों साथगक ह िा बाय -फ नटग फाइि फसल नकस्म ों की ओर बढ़ रहा है।
अत्योंत आवश्यक है। अब परों परार्त कृनष से आर्े बढ़कर, कृनष क्षेत्र क और अनधक मजबूती दे िे के नलए जी 20 के
“लैब टू लैंि” तक तकिीक का पूरा उपय र् करते हुए कृनष िमुख वैज्ञानिक ों (एमएसीएस) िे "सस्ट्े िेबल
य जिाबर्द् ढों र् से काम करिे की जरूरत है। एक समय था एग्रीकल्िर एों ि फूि नसस्ट्म फॉर हे ल्दी पीपल एों ि लैिेट"
जब हम दु निया से सीखिा िाहते थे लेनकि आज कृनष क्षेत्र नवषय पर र्हिता के साथ नविार साझा नकये। कृनष खाद्य
में दु निया भारत से सीखिा िाहती है । िर्ाली में पररवतगि के नलए िवािार और तकिीकी, खाद्य
भारत की कृनष नवज्ञाि क्षेत्र में भी िम्बरदारी है। यह जी-20 सुरक्षा और प षर् िाप्त करिे के नलए नवज्ञाि और
दे श ों की वारार्सी में हुई तीि नदवसीय बैठक से भी नसर्द् ह िौद्य नर्की में फ्रोंनटयसग, प षर् मूल्य बढ़ािे के नलए खाद्य
र्या है। धमग िर्री काशी में जी-20 की तीि नदवसीय फसल ों में बाय फ नटग नफकेशि, प षर् और ब्ल्यू क्राोंनत के
एग्रीकल्िर वनकिंर् ग्रुप की 100वीों बैठक में भारत िे अपिी नलए उष्णकनटबों धीय समुद्री शैवाल की खेती, श्रीअन्न के
कृनष शम्भि का ल हा मिवाया वही भनवष् के नलए दु निया उत्पादि एवों प षर् हेतु िािीि अिाज अोंतराग ष्ट्रीय अिुसोंधाि
के 20 नवकासशील दे श ों अजेंटीिा, ऑस्ट्र े नलया, िाजील, पहल (महनषग), पर एकीकृत दृनष्ट्क र् के रूप में, समम्भन्वत
किािा, िीि, फ्राोंस, जमगिी, भारत, इों ि िेनशया, इटली, कारग वाई के नलए साझेदारी और िीनतय ों के बिािे पर ज र
जापाि, क ररया र्र्राज्य, मेम्भक्सक , रूस, सऊदी अरब, नदया। इसके अलावा अन्य नवषय ों जैसे - सीमापार कीट और
दनक्षर् अफ्रीका, तुकी, यूिाइटे ि नकोंर्िम और यूर पीय सोंघ र र्, नटकाऊ कृनष खाद्य िर्ानलय ों के नलए अिुसोंधाि एवों
के कृनष नवशेषज्ञ और वैज्ञानिक से मोंथि करते हुए कृनष, नवकास िाथनमकताएाँ , नटकाऊ कृनष-खाद्य िर्ानलय ों के नलए
कृनष नशक्षा, अिुसोंधाि, वैनिक कृनष के नवकास का िया जलवायु अिुकूल िौद्य नर्की और िवािार, िाकृनतक खेती,
खाका म्भखोंिा। रे नजनलएों ट एग्रीफूि नसस्ट्म के निमाग र् के नलए नवज्ञाि और
िवािार, जैनवक िाइनटर नफकेशि इिनहनबशि (बीएिआई),
जीएिएस उत्सजगि क कम करिा और फसल की पैदावार
बढ़ािे पर ििाग की र्ई। िनतनिनधय ों िे निनजटल कृनष और
सतत कृनष मूल्य श्रृोंखला, कृनष अिुसोंधाि एवों नवकास में
सावगजनिक निजी भार्ीदारी एवों मैक्स कम्यूनिके पर नविार-
नवमशग नकया। कृनष अिुसोंधाि में भावी सहय र् के नलए
भारत और निटे ि के बीि नद्वपक्षीय बैठक हुई। एफएओ के
मुख्य वैज्ञानिक, िॉ. इश्महािे एलौफी तथा एफएओ के वररि
कृनष अनधकारी िॉ. सेलवाराजू रामास्वामी िे बीज उत्पादि
के क्षेत्र में भारत की आत्मनिभगरता की सराहिा की और
एमएसीएस िेसीिें सी िाजील क सौोंप दी।
कृनष खाद्य िर्ाली में पररवतगि के नलए िवािार और
"एक पृथ्वी, एक पररवार, एक भनवष्’ की थीम पर कहा र्या
तकिीक: खाद्य सुरक्षा और प षर् िाप्त करिे के नलए
नक भारत में 1.2 नबनलयि से अनधक म बाइल किेक्शि और
नवज्ञाि और िौद्य नर्की में फ्रोंनटयसग, प षर् मूल्य बढ़ािे के
1.20 नबनलयि से अनधक यूनिक आईिी-आधार धारक ों के
नलए खाद्य फसल ों में बाय फ नटग नफकेशि, प षर् और ब्ल्यू
रूप में सबसे बड़ा निनजटल किेक्ट है। नकसाि ों क 120
क्राोंनत के नलए उष्णकनटबोंधीय समुद्री शैवाल की खेती,
नमनलयि मृदा स्वास्थ्य कािग िदाि नकए हैं। दे श की ताकत
श्रीअन्न के उत्पादि एवों प षर् के नलए िािीि अिाज
फसल ,ों बार्वािी, पशुधि, मत्स्य पालि, नमट्टी और जल
अोंतरराष्ट्रीय अिुसोंधाि पहल (महनषग), पर एकीकृत दृनष्ट्क र्
18 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
नहन्दु स्ताि ऐर िॉनटक्स नलनमटे ि , भारत का एक सावगजनिक िनतिाि है , ज हवाई सोंयन्त्र निमाग र् करता है । इसका मुख्यालय
बोंर्लुरु में है। नदसम्बर, १९४० में भूतपूवग मैसूर राजसी राज्य एवों असाधारर् दू रद्रष्ट्ा उद्यमी श्री सेठ वालिन्द हीरािन्द के सहय र्
से बेंर्लूर में शुरु हुआ।नहों दुस्ताि एयर िॉनटक्स नलनमटे ि (HAL) की स्थापिा बोंर्लूरू में 23 नदसोंबर, 1940 क वालिोंद हीरािोंद िे
नहों दुस्ताि एयरक्राफ्ट नलनमटे ि के रूप में की थी। नद्वतीय नवि युर्द् के दौराि मािग 1941 में सरकार िे कोंपिी की एक-नतहाई
नहस्सेदारी खरीद ली और स्वतोंत्रता िाम्भप्त के बाद जिवरी 1951 में नहों दुस्ताि एयरक्राफ्ट नलनमटे ि क रक्षा मोंत्रालय के िशासनिक
नियोंत्रर् में ले नलया र्या।नजसके पिात् अिूबर, 1964 में नहों दुस्ताि एयरक्राफ्ट नलनमटे ि का िवर्नठत एयर िॉनटक्स इों निया
नलनमटे ि के साथ नवलय कर नदया र्या और इस तरह नहों दुस्ताि एयर िॉनटक्स नलनमटे ि (HAL) अम्भस्तत्त्व में आया।50 से अनधक
वषों के अिुभव के साथ वतगमाि में नहों दुस्ताि एयर िॉनटक्स नलनमटे ि (HAL) दे श के नलये तमाम तरह के सैन्य हेलीकाप्टर ों और
नवमाि ों का निमाग र् कर रहा है।इस माह की शुरुआत में रक्षा अनधग्रहर् पररषद (DAC) िे भारतीय वायु सेिा के नलये नहों दुस्ताि
एयर िॉनटक्स नलनमटे ि (HAL) द्वारा नवकनसत नकये जा रहे 106 HTT-40 बेनसक टर े िर एयरक्राफ्ट (BTA) की खरीद क मोंज़ूरी दी
थी। नहों दुस्ताि एयर िॉनटक्स नलनमटे ि (HAL) िे भारतीय सेिा की सैन्य आवश्यकताओों क पूरा करिे में काफी अहम भूनमका
अदा की है , नकोंतु हालााँ नक कई अवसर ों पर उत्पादि िनक्रया मे दे री हुई ज उसकी र्ुर्वत्ता के कारर् हुई तेजस जैसे स्वदे शी
फाइट जेट बिाकर नहों दुस्ताि एयर िॉनटक्स नलनमटे ि िे रक्षा के फील्ड में भारत क आत्मनिभगर बिाया है ।
19 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
डॉ सरोज शुक्ला
,KA 94/628, कुरमाों िलिर्र,
इों नदरा िर्र के पास,
लखिऊ--226016
“िीआरिीओ रक्षा मोंत्रालय, भारत सरकार के िशासनिक नियोंत्रर् में काम करता है ।यह भारत के नलए नवि स्तरीय नवज्ञाि और
िौद्य नर्की आधार स्थानपत करिे के नलए काम कर रहा है और हमारी रक्षा सेवाओों क अोंतरराष्ट्रीय स्तर पर िनतस्पधी िर्ानलय ों
और समाधाि ों से लैस करके निर्ाग यक बढ़त िदाि करता है।“
िीआरिीओ (DRDO) की स्थापिा 1958 में रक्षा नवज्ञाि से अनधक वैज्ञानिक ों और लर्भर् 25,000 अन्य
सोंर्ठि (DSO) के साथ भारतीय सेिा के तकिीकी वैज्ञानिक, तकिीकी और सहायक कनमगय ों का समथगि
नवकास िनतिाि (TDEs) और तकिीकी नवकास और िाप्त है ।नमसाइल ,ों हनथयार ,ों हल्के लड़ाकू नवमाि ,ों
उत्पादि निदे शालय (DTDP) के सोंय जि के बाद की र्ई रिार, इलेक्टरॉनिक युर्द् िर्ाली आनद के नवकास के
थी। िॉ. जी. सतीश रे ड्डी िीआरिीओ (DRDO) के नलए कई िमुख पररय जिाएों हाथ में हैं और ऐसी कई
वतगमाि अध्यक्ष हैं। तकिीक ों में महत्वपूर्ग उपलम्भियाों पहले ही हानसल की
जा िुकी हैं ।
20 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
21 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
अमि तृतीय
अमि चतुथव
कम दू री, त्वररत िनतनक्रया, सभी मौसम में सतह से हवा
ठ स िर् दक द्वारा सोंिानलत द िरर् ों वाली नमसाइल।
में मार करिे वाली नमसाइल दे सीएक निम्न स्तर के
र ि म बाइल लॉन्चर से फायर कर सकते हैं। रें ज हमले का मुकाबला करिे के नलए जीएिईिी। सभी
3,500 नकमी से अनधक है। स्वदे शी रूप से नवकनसत ज्ञात नवमाि जैमर ों के म्भखलाफ आवश्यक इलेक्टरॉनिक
ररों र् लेजर जाइर और कम्प नजट रॉकेट म टर से लैस िनत-उपाय है।
है।
आकाश
अमि वी: तीि िरर् ों वाली ठ स ईोंधि वाली स्वदे शी
मध्यम दू री की, सतह से हवा में मार करिे वाली बहु-
अोंतमगहाद्वीपीय बैनलम्भस्ट्क नमसाइल (आईसीबीएम)।
लनक्षत क्षमता वाली नमसाइल।एकानधक हनथयार
1.5 टि परमार्ु हनथयार ले जािे में सक्षम। िेनवर्ेशि
सक्षम। उच्च-ऊजाग ठ स िर् दक और राम-रॉकेट
और मार्गदशगि, वारहेि और इों जि के मामले में
िर् दि िर्ाली।
िवीितम और सबसे उन्नत सोंस्करर्। सेिा में शानमल
ह िे के बाद, भारत अमेररका, रूस, िीि, फ्राोंस और िुनिुन
निटे ि जैसे दे श ों के एक नवशेष िब में शानमल ह
जाएर्ा, नजिके पास अोंतरमहाद्वीपीय बैनलम्भस्ट्क तीसरी पीढ़ी की 'दार् और भूल जाओ' एों टी-टैं क
नमसाइल क्षमता है। कैनिस्ट्र िे ऑपरे शिल नमसाइल, नजसकी रें ज 4-8km है।
फ्लेम्भक्सनबनलटी के नलए नमसाइल नसस्ट्म लॉन्च नकया
रें ज 5,000 नकमी से अनधक है। अनग्न पी -1,000 से
2,000 नकमी के बीि रें ज क्षमता वाली कैनिस्ट्राइज्ड
नमसाइल।सम्भम्मश्र, िर् दि िर्ाली, अनभिव मार्गदशगि
और नियोंत्रर् तोंत्र और अत्याधुनिक िेनवर्ेशि िर्ाली
सनहत कई उन्नत िौद्य नर्नकयाों पेश की र्ई हैं।यह
नमसाइल भारत की नविसिीय निवारक क्षमताओों क
और मजबूत करे र्ी।
22 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
ब्रह्मोस
मनभवय
23 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
धनुष प्रहार
समुद्र आधाररत, कम दू री की, तरल िर् दक 150 नकमी की रें ज वाली भारत की िवीितम सतह से
बैनलम्भस्ट्क नमसाइल।पृथ्वी- II का िौसैनिक सोंस्करर्। सतह पर मार करिे वाली नमसाइल।
अनधकतम सीमा 350 नकमी।
24 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
दे श में मवज्ञान एवं प्रौद्योमिकी के क्षेत्र में मवज्ञान और प्रौद्योमिकी मवभाि की भूममका
भारत सरकार का नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की के िए क्षेत्र ों क अिुसोंधाि और नवकास समथगि िदाि करता है।यह नवभार्
बढ़ावा दे िे के उद्दे श्य उि नवषय ों से सम्बम्भित र्नतनवनधय ों समाज में सुरनक्षत एवों बेहतर सकारात्मक पररवतगि लािे
के आय जि एवों समन्वय के नलए स्थानपत नकया र्या एक और भनवष् के व्यवधाि ों के नलए अच्छी तरह से तैयारी
नवभार् है। इसकी स्थापिा मई १९७१ में की र्ई थी। यह करिे के नलए नवज्ञाि और िौद्य नर्की में महत्वपूर्ग भूनमका
भारत में एक ि िल नवभार् की भूनमका निभािे का कायग निभािे हेतु एक अग्रदू त के रूप में उभरते हुए राष्ट्रीय
करता है। यह नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की मोंत्रालय, भारत एसटीआई इक नसस्ट्े म क मजबूत करिे की नदशा में
सरकार के अधीि आता है।नवज्ञािऔर िौद्य नर्की नवभार् ियास जारी रखे हुए है।
(िीएसटी) दे श में नवज्ञाि, िौद्य नर्की और िव न्मेष क
सफलता की प्रमुख कहामनयां इस प्रकार हैं:
मजबूत करिे, नवज्ञाि और िौद्य नर्की क्षेत्र ों में अोंतर की
पहिाि करिे, सामानजक जरूरत ों क पूरा करिे के नलए ➢ वैनिक एस एों ि टी सूिकाों क ों में भारत की रैं नकों र् में
य जिा और िीनत बिािे, भनवष् की माोंर् ों क ध्याि में वृम्भर्द् जारी : भारत िेवैनिक िवािार सूिकाोंक
रखते हुए नवज्ञाि और िौद्य नर्की के िए क्षेत्र ों क बढ़ावा (जीआईआई), 2022 के अिुसार नवि स्तर पर अनभिव
दे िे के नलए एक ि िल एजेंसीहै। अथगव्यवस्थाओों के बीि 40वाों स्थाि हानसल नकया।
एिएसएफ िे टाबेस के अिुसार एससीआई पनत्रकाओों
में वैज्ञानिक िकाशि ,ों नवज्ञाि और इों जीनियररों र् में
पीएििी की सोंख्या, उच्च नशक्षा िर्ाली के आकार और
स्ट्ाटग अप की सोंख्या के मामले में दे श शीषग 3 दे श ों में
बिा हुआ है। अोंतराग ष्ट्रीय स्तर पर नवज्ञाि और
िौद्य नर्की जुड़ाव में भारत की म्भस्थनत: भारत पहली
बार जी-20 िेताओों के नशखर सम्मेलि का आय जि
कर रहा है । उसी के नहस्से के रूप में, िीएसटी 2023
में भारत द्वारा जी 20 अध्यक्षता के दौराि नवज्ञाि -20
(एस 20) और ररसिग इि वेशि इनिनशएनटव र्ैदररों र्
(आरआईआईजी) में सोंनलप्त समूह ों की र्नतनवनधय ों का
नवज्ञाि और िौद्य नर्की नवभार् अपिे क्षेत्र क नवनभन्न
समन्वय कर रहा है।
सरकारी नवभार् ,ों नशक्षर् सोंस्थाि ,ों अिुसोंधाि एवों नवकास
िय र्शालाओों / अन्य सोंस्थाि ों और उद्य र् ों के साथ ज ड़िे ➢ भू-स्थानिक िौद्य नर्की के माध्यम से िार्ररक सेवा में
का भी कायग करता है। नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की क राष्ट्रीय सुधार: भारत क एनशया और िशाोंत
स्तर पर मजबूत करिे के उद्दे श्य से, िीएसटी हमारे दे श (यूएिजीजीआईएम-एपी) केनलए सोंयुि
राष्ट्र-
की नशक्षा िर्ाली, वैज्ञानिक और औद्य नर्क अिुसोंधाि एवों जीजीआईएम की क्षेत्रीय सनमनत द्वारा आय नजत
नवकास और दे श के समग्र नवज्ञाि, िौद्य नर्की और हैदराबाद में आय नजत ग्यारहवीों पूर्ग बैठक के दौराि
िव न्मेष की िनतस्पधाग के माध्यम से सोंस्थाि ों और नवषय ों एकीकृ त भूस्थानिक सूििा ढाोंिे (आईजीआईएफ) के
से ऊपर उठकर वैज्ञानिक ों क दे श में सबसे बड़ा बाह्य नलए र्नठत िए कायग समूह की अध्यक्षता करिे के नलए
सम्मानित नकया र्या था।
25 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
➢ िीनत निमागर्: िीएसटी िे एक िमुख िीनत, राष्ट्रीय भू- र्ई है , नजसके माध्यम से समथगि के नलए बारह िए
स्थानिक िीनत और द नदशानिदे श वैज्ञानिक अिुसोंधाि नविनवद्यालय ों का ियि नकया र्या है।
अवसोंरििा साझाकरर् रखरखाव और िेटवकग ➢ दे श के नवनभन्न भार् ों में पररष्कृत नवश्लेषर्ात्मक
(एसआरआईएमएएि) और वैज्ञानिक सामानजक उपकरर् सुनवधाएों (सैफ) स्थानपत की र्ई हैं तानक
उत्तरदानयत्व (एसएसआर) वषग के दौराि तैयार नकए हैं । सामान्य रूप सेश धकताग ओों क पररष्कृत
नवश्लेषर्ात्मक उपकरर् ों की सुनवधाएों िदाि की जा
➢ वषग के दौराि नवभार् की र्नतनवनधय ों की उपलम्भिय ों का सकें और नवशेष रूप से उि सोंस्थाि ों सेनजिके पास
नवस्तृत नववरर् सोंबम्भित अध्याय ों में िस्तुत नकया र्या है ऐसे उपकरर् ों तक पहुोंि िहीों है तानक वे अिुसोंधाि
नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की अवसोंरििा (एफआईएसटी) के एवों नवकास कायगकलाप ों क आर्े बढ़ािे में सक्षम ह
सुधार के नलए निनध) नविनवद्यालय नवभार् ों और उच्चतर सकें । वतगमाि में दे श में 15 सैफ कें द्र हैं। वषग के
शैनक्षक सोंस्थाओों क िनतस्पधी म ि से सहायता िदाि की दौराि एसएआईएफ द्वारा िदाि की र्ई सहायता से
लर्भर् 2400 श ध पत्र िकानशत नकए र्ए थे और
जाती है। कायगक्रम क आत्मनिभगर भारत के लक्ष्य की ओर
सभी क्षेत्र ों से सोंबोंनधत पैि इों निया के लर्भर् 33,000
उन्मुख करिे के नलए ि केवल अकादनमक सोंर्ठि ों में उपय र्कताग ओों िे सैफ में सुनवधाओों का उपय र्
अिुसोंधाि और नवकास र्नतनवनधय ों के नलए बम्भल्क स्ट्ाटग - नकया है और उिसे लाभाम्भन्वत हुए हैं। सभी सैफ केंद
अप / नवनिमागर् उद्य र् ों / एमएसएमई द्वारा उपय र् केनलए द्वारा औसति 79,000 िमूि ों का नवश्लेषर् नकया
अिुसोंधाि और नवकास बुनियादी ढाोंिे का निमागर् करके र्या।
पुिर्गनठत नकया र्या है। सभी एफआईएसटी समनथगत ➢ पररष्कृत नवश्लेषर्ात्मक और तकिीकी सहायता
सुनवधाओों क अब मेजबाि सोंर्ठि के बाहर श धकतागओों सोंस्थाि (साथी): एस एों ि टी अवसोंरििा और
द्वारा िमूिा नवश्लेषर् के नलए अपिे पररसर में नवनभन्न जिशम्भि के आधार क तेज करिे के नलए एक
सुनवधाओों के स्लॉट की उपय नर्ता और उपलिता िदनशगत साझा, व्यावसानयक रूप सेिबोंनधत सेवा और मजबूत
करिे केनलए आई-एसटीईएम (भारतीय - नवज्ञाि एस एों ि टी अवसोंरििा सुनवधाएों , एस एों ि टी के
िेतृत्व वाले िवािार और स्ट्ाटग -अप, िौद्य नर्की
िौद्य नर्की और इों जीनियररों र् सुनवधा मािनित्र) प टग ल से
नवकास और एस एों ि टी के भनवष् के क्षेत्र। पहले
जुड़िे की आवश्यकता है। वषग के दौराि, इि क्षेत्र ों में सात
िरर् में तीि ‘साथी’ सुनवधाओों की मेजबािी की र्ई
नवषय पर 525 िए िस्ताव िाप्त हुए हैं नजिमें से 90 है। दे श के उत्तरी भार् के नलए अत्याधुनिक बुनियादी
पररय जिाओों की नसफाररश की र्ई है। ढाोंिे में से एक 300 केवी क्राय टर ाोंसनमशि इलेक्टरॉि
माइक्र स्क प क आईआईटी नदल्ली में ‘साथी’
➢ नविनवद्यालय अिुसोंधाि और वैज्ञानिक उत्कृष्ट्ता क
अिुदाि के माध्यम से स्थानपत नकया र्या है।
बढ़ावा दे िा (पसग): इस य जिा का मुख्य उद्दे श्य अच्छा
िदशगि करिेवालेनविनवद्यालय ों के अिुसोंधाि एवों नवकास ➢ वैज्ञानिक और िौद्य नर्कीय अवसोंरििा
आधार क मजबूत करिे केनलए सनक्रय रूप से समथगि (एसटीयूटीआई) का उपय र् करते हुए सहनक्रयात्मक
करिा है। वतगमाि वषग में, सहायता के नलए िार िए िनशक्षर् कायगक्रम का उद्दे श्य दे श भर में एस एों ि टी
नविनवद्यालय ों की पहिाि की र्ई नवज्ञाि और िौद्य नर्की अवसोंरििा तक खुली पहुोंि के माध्यम से मािव
के िए और उभरते क्षेत्र ों में अिुसोंधाि एवों नवकास सोंसाधि और इसकी क्षमता निमागर् क बढ़ावा दे िा है ।
र्नतनवनधय ों क बढ़ावा दे िे केनलए बुनियादी ढाोंिा वषग 2022 के दौराि इस य जिा के तहत कुल 192
िनशक्षर् कायगक्रम आय नजत नकए र्ए और लर्भर्
िदाि करिे और सुनवधाओों क सक्षम करिे के नलए दे श 6500 श धकतागओों क एसटीयूटीआई के तहत िनशनक्षत
में सेवा रनहत क्षेत्र ों के नलए नवशेष आह्वाि की घ षर्ा की
नकया र्या है ।उपस्कर ों के उन्नयि निवारक मरम्मत और
26 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
अिुरक्षर् के नलए सहायता सवोच्च) िीएसटी कें द्रराज्य समन्वय क सोंवेदिशील और मजबूत करिे
पररय जिाओों द्वारा स्थानपत िमुख सुनवधाओों के के नलए 10-11 नसतोंबर 2022 क साइों स नसटी,
पुिरुर्द्ार के नलए एक िई पहल की घ षर्ा की र्ई है । अहमदाबाद में 2 नदवसीय "केंद्र-राज्य नवज्ञाि सम्मेलि"
नवनभन्न सोंस्थाि /ों िय र्शालाओों/शैक्षनर्क सोंस्थाि ों में आय नजत नकया र्या था।
िीएसटी द्वारा समनथगत मौजूदा नवश्लेषर्ात्मक
➢ राष्ट्रीय नवज्ञाि और िौद्य नर्की िबोंधि सूििा िर्ाली
इों स्ट्ूमेंटेशि सुनवधाओों (एआईएफ) की कायागत्मक
(एिएसटीएमआईएस) एस एों ि टी र्नतनवनधय ों के
क्षमताओों क बढ़ािे के नलए
नलए समनपगत जिशम्भि के साथ-साथ नवत्तीय
मरम्मत/उन्नयि/रखरखाव/रे टर नफनटों र् या अनतररि
सोंसाधि ों के बारे में जािकारी उत्पन्न करिे और
सोंलग्नक िाप्त करिे के नलए सहायता िदाि करता है
उपलि करािे के नलए राष्ट्रीय सवेक्षर् आय नजत
➢ राज्य एस एों ि टी कायगक्रम राज्य ों क अपिे स्तर पर करती है। अिुसोंधाि और नवकास र्नतनवनधय ों के
नवनशष्ट् एस एों ि टी उद्दे श्य ों क िाप्त करिे की सुनवधा नलए समनपगत सोंसाधि ों पर राष्ट्रीय सवेक्षर् 2021-22
िदाि करता है। वतगमाि में, कुल 31 एसएों ि टी पररषद ों के नलए िे टा सोंग्रह िर्नत पर है। इसके अलावा,एक
(28 राज्य + 3 केंद्र शानसत िदे श )ों का समथगि नकया राष्ट्रीय नवनिमाग र् िवािार सवेक्षर् (एिएमआईएस)
जा रहा है। कायगक्रम स्थािीय एस एों ि टी से सोंबोंनधत 2021 भी िर्नत पर है । आों कड़ ों का सोंग्रहर् पूरा ह
मुद्द ों पर अध्ययि और सवेक्षर् का भी समथगि करता है। र्या है और मसौदा ररप टग की समीक्षा की । वाइज़
राज्य /ों केंद्र शानसत िदे श ों में उभरते नवज्ञाि, िौद्य नर्की नकरि (प षर् के माध्यम से अिुसोंधाि उन्ननत में ज्ञाि
और िवािार (एसटीआई) पाररम्भस्थनतकी तोंत्र और भार्ीदारी) नवनभन्न तोंत्र ों के माध्यम सेनवज्ञाि और
आत्मनिभगर भारत के िनत इसके य र्दाि क िदनशगत िौद्य नर्की में लैंनर्क समािता लािे के अनधदे श के
करिे के नलए बारह पहिािेर्ए नवषय ों के साथ एक वषग साथ िीएसटी की मनहला-अिन्य य जिाओों क
का कायगक्रम "नवज्ञाि उत्सव" शुरू नकया र्या है । शानमल करता है। इस वषग नवषय नवशेषज्ञ ों की 9
िीएसटी के पेटेंट सुनवधा कायगक्रम (पीएफपी) क बैठक ों के माध्यम से 990 िस्ताव ों में से 293
टीआईएफएसी में स्थानपत पेटेंट सुनवधा केंद्र (पीएफसी) पररय जिाओों का ियि िब्ल्यूओएस-ए के अोंतर्गत 5
और राज्य एस एों ि टी पररषद ों में स्थानपत पेटेंट सूििा नवनभन्न धाराओों में नकया र्या है। िब्ल्यूओएस-बी
केंद्र ों (पीआईसी) के माध्यम से कायागम्भन्वत नकया जा रहा मनहलाओों क सामानजक िुिौनतय ों का सामिा करिे
है। पीएफसी िे 37 िए पेटेंट आवेदि, 2 एकीकृत के नलए अपिे एस एों ि टी ज्ञाि और अिुभव का
सनकगट (आईसी) लेआउट निजाइि आवेदि दायर नकए उपय र् करिे के नलए ि त्सानहत करता है । इस वषग
हैं। नवज्ञाि और िौद्य नर्की नवभार् (िीएसटी) में िीनत, के दौराि, 9 िालू पररय जिाओों केनलए अिुदाि जारी
समन्वय और कायगक्रम िबोंधि (पीसीपीएम) िभार् के नकया र्या है।िल रही िब्ल्यूओएस-बी पररय जिाओों
तहत िीनत अिुसोंधाि कायगक्रम (पीआरपी) मुख्य रूप से से 30 से अनधक िकाशि सामिे आए हैं।
दे श में एसटीआई िीनत अिुसोंधाि क बढ़ावा दे िे और िब्ल्यूओएस-सी बौम्भर्द्क सोंपदा अनधकार
एसटीआई से सोंबोंनधत क्षेत्र ों में भनवष् के िीनत निमागर् के (आईपीआर) के क्षेत्र में अपिे कररयर क आर्े बढ़ािे
नलए साक्ष्य-आधाररत इिपुट एकत्र करिे पर केंनद्रत है। के नलए मध्य-कै ररयर िेक और एस एों ि टी में
िालू वषग में, द िीनत अिुसोंधाि केन्द्र ों (सीपीआर) क य ग्यता रखिेवाली मनहलाओों क अवसर िदाि
सहायता िदाि की र्ई है और लर्भर् 19 िीएसटी- करता है। 12वें बैि के तहत िुिी र्ई 98 मनहला
एसटीआई अध्येताओों क िीएसटी-एसटीआई वैज्ञानिक ों के नलए िनशक्षर् दी र्ई ।
अध्येतावृनत्त के अोंतर्गत अध्येतावृनत्त िाप्त हुई है ।
27 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
➢ वषग 2022-23, में 11वें और 12वें बैि की 116 नजल ों (13 आकाोंक्षी नजल ों सनहत) तक नवस्ताररत नकया
मनहलाओों िे भारत के पेटेंट कायागलय द्वारा आय नजत र्या है।
पेटेंट एजेंट परीक्षा उत्तीर्ग की। नवज्ञाि ज्य नत का उद्दे श्य
➢ क नग्ननटव नवज्ञाि अिुसोंधाि पहल (सीएसआरआई)
लड़नकय ों क एसटीईएम (नवज्ञाि, िौद्य नर्की, इों जीनियररों र्
सोंज्ञािात्मक नवज्ञाि अत्यनधक अोंतः नवषय क्षेत्र में िदे श ों से
और र्नर्त) में उच्च नशक्षा और कै ररयर बिािे के नलए कुल 7,96,189 िामाोंकि िाप्त हुए। नजिमें से 43,381
ि त्सानहत करिा है, नवशेष रूप से उि क्षेत्र ों में जहाों छात्र ों क नजला स्तरीय िदशगिी और पररय जिा
मनहलाओों की भार्ीदारी कम है तानक धाराओों में नलोंर् िनतय नर्ता और बाद में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भार्
अिुपात क सोंतुनलत नकया जा सके। 2022 के दौराि, लेिे के नलए शॉटग नलस्ट् नकया र्या है।
कायगक्रम दे श के 34 राज्य /ों केंद्र शानसत िदे श ों के 200
ज अिुसोंधाि क ि त्सानहत करता है ज मि नवज्ञाि, अोंतराग ष्ट्रीय सहय र् कायगक्रम
कोंप्यूटर नवज्ञाि, भाषा नवज्ञाि, दशगि, तोंनत्रका नवज्ञाि आनद
के नविार ,ों नसर्द्ाोंत ों और तरीक ों के सोंय जि के माध्यम (i) भारत और साझेदार दे श ों के बीि नवज्ञाि और
सेनवनभन्न िश् ों क सुलझािे की क नशश करता है। िौद्य नर्की समझौत ों पर बातिीत, समापि और
कायागन्वयि केनलए अनधदे नशत;
अिुसोंधाि के नलए नवज्ञाि ख ज में िवािार (इों स्पायर) कम
उम्र से ही नवज्ञाि के अध्ययि के नलए िनतभा क (ii) नवनभन्न क्षेत्रीय और बहुपक्षीय लेटफामों के
आकनषगत करिे और दे श के अिुसोंधाि और नवकास- माध्यम से वैज्ञानिक अिुसोंधाि और नवकास
आधार क मजबूत करिे और नवस्ताररत करिे केनलए
र्नतनवनधय ों का समथगि करिा,
आवश्यक मािव सोंसाधि पूल का निमागर् करिे के नलए
िीएसटी की एक िमुख य जिा है। (iii) अोंतराग ष्ट्रीय मोंि ों पर नवज्ञाि और िौद्य नर्की
इं स्पायर- उच्च नशक्षा के नलए छात्रवृनत्त (एसएिई) घटक पहलुओों पर हस्तक्षेप िदाि करिा। सहय र् के
िे 10,108 ियनित उम्मीदवार ों क फै ल नशप का समथगि सनक्रय नद्वपक्षीय एस एों ि टी कायगक्रम समनपगत
नकया। इसके अलावा, सोंस्थाि म ि के माध्यम से ियनित क्षेत्रीय और बहुपक्षीय कायगक्रम सनहत 45 से
उम्मीदवार ों क 424 इों स्पायर छात्रवृनत्तयाों िदाि की र्ई अनधक दे श ों के साथ जारी रखेर्ए हैं। बहुपक्षीय
हैं। इों स्पायर अध्येतावृनत्त घटक के अोंतर्गत िाप्त 2,449
सहय र् एनशया सहय र् वाताग के साथ पेश नकया
आवेदि ों का मूल्याोंकि िर्नत पर है और अब तक 829
र्या था (एसीिी) अफ्रीका, दनक्षर् पूवग एनशयाई
इों स्पायर अध्येतावृनत्त आवेदक ों क इों स्पायर अध्येतावृनत्त
की पेशकश की र्ई है । इों स्पायर फेल में से 67% राष्ट्र ों का सोंर्ठि (आनसयाि), बहु-क्षेत्रीय
मनहलाएों और 33% पुरुष हैं। कु ल इों स्पायर फै ल नशप तकिीकी और आनथगक सहय र् के नलए बोंर्ाल
लाभानथगय ों में से, लर्भर् 36% एसएिई स्कॉलसग हैं ज 5 की खाड़ी पहल (नबम्सटे क), िाजील, रूस, भारत,
साल की इों स्पायर स्कॉलरनशप का लाभ उठािे के बाद िीि और दनक्षर् अफ्रीका (निक्स), यूर पीय सोंघ
नवज्ञाि और िौद्य नर्की में िॉक्टरे ट निग्री ि ग्राम में (ईयू), नहोंद महासार्र ररम एस नसएशि (IORA),
शानमल हुए हैं। वषग के दौराि, 115 इों स्पायर फै कल्टी फै
नहोंद-िशाोंत महासार्र पहल (IPOI), शोंघाई
ल नशप की पेशकश की र्ई थी। इों स्पायर फै कल्टी फेल
सहय र् सोंर्ठि (SCO)है।
में से 43% मनहलाएों और 57% पुरुष ह नमनलयि माइों ि्स
ऑग्मेंनटों र् िेशिल एम्भस्परे शन्स एों ि िॉलेज (मािक)"
➢ िैि नवज्ञाि और िैि िौद्य नर्की पर राष्ट्रीय
कायगक्रम िे दे श भर के नमनिल और हाई स्कूल ों से 7.05
नमशि बुनियादी अिुसोंधाि क बढ़ावा दे ता है और
लाख नविार नलए र्ए नजिमें से 52,720 िनतभाशाली
ल र् ों क नजला, राज्य और नफर राष्ट्रीय स्तर की िदशगिी जिता द्वारा उपय र् के नलए िैि िौद्य नर्की अिुकू लि
और उद्य र् में हस्ताोंतरर् पर केंनद्रत है वषग 2022 के
28 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
दौराि, ऊजाग और िैि इलेक्टरॉनिक्स अिुसोंधाि क्षेत्र से र्ुवाहाटी, आईआईटी मोंिी में सुपर कों प्यूटर ों की पाोंि
िौ पेटेंट फाइनलोंर् की सूििा दे ते हुए कुशल सामग्री िई स्थापिाएों सफलतापूवगक पूरी ह र्ई हैं । अब तक
र्ुर् ,ों सेंसर और उपकरर् ों का िदशगि और एक पेटेंट कुल 28 सुपर कोंप्यूटर स्थानपत नकए र्ए हैं। एक
से सम्मानित नकया जाता है । स्वदे शी रूप सेनवकनसत रुद्र सवगर उपय र् के नलए
तैयार ह रहा है।
➢ बुनियादी अिुसोंधाि के नलए मेर्ा सुनवधा की र्नतनवनधय ों
के अोंतर्गत, भारत जमगिी में एों टीि ट ि और आयि ➢ िौद्य नर्की सोंलयि और अिुिय र् अिुसोंधाि
अिुसोंधाि सुनवधा (फेयर), सोंयुि राज्य अमेररका में तीस (टीएफएआर) कायगक्रम क्ाोंटम सक्षम नवज्ञाि और
मीटर टे लीस्क प (टीएमटी) और ऑस्ट्र े नलया और दनक्षर् िौद्य नर्की, इमेनजोंर् स्पेक्टर स्क पी और अिुिय र् ों पर
अफ्रीका में स्क्वायर नकल मीटर ऐरे (एसकेए) जैसी िेटवकग पररय जिा (एिआईएसए), महामारी नवज्ञाि
अोंतरागष्ट्रीय अिुसोंधाि सुनवधाओों की स्थापिा में सनक्रय िे टा नवश्लेनषकी और निनजटल स्पेस में भारतीय
रूप से भार् ले रहा है और इसका, उद्दे श्य भारतीय नवरासत जैसी उभरती िौद्य नर्नकय ों के सोंलयि,
श धकतागओों क अपिे अिुसोंधाि कायग के नलए ऐसी अनभसरर् और अिुिय र् के नलए फ कस अिुसोंधाि
अत्याधुनिक अिुसोंधाि सुनवधाओों का उपय र् करिे में के साथ एकल मोंि के तहत उभरती िौद्य नर्नकय ों में
सक्षम बिािा है। इस कायगक्रम के माध्यम से, भारतीय अिुसोंधाि क बढ़ावा दे िे के नलए है। िौद्य नर्की
श धकताग लाजग हैिरॉि क लाइिर (एलएिसी), यूर पीय नवकास कायगक्रम अनभज्ञात क्षेत्र ों में िवीि िौद्य नर्नकय ों
परमार्ु अिुसोंधाि सोंर्ठि (सीईआरएि), नजिेवा और के नवकास के नलए अिुसोंधाि एवों नवकास का समथगि
एलेटरा नसिक्र टर ॉि, इटली, फमी िेशिल एक्सेलेरेटर करता है। कु ल सोंख्या। तेदेपा के अोंतर्गत 06 उप-
लेब रे टरी (फनमगलैब), यूएसए में द िय र् ों में भार् ले रहे स्कीमें राष्ट्रीय िाथनमकताओों और िल रहे राष्ट्रीय
हैं। जलवायु पररवतगि कायगक्रम के अोंतर्गत जलवायु कायगक्रम ों से सोंबर्द् हैं। टीिीपी के निनकत्सीय रसायि
पररवतगि सोंबोंधी राष्ट्रीय कायग य जिा (एिएपीसीसी) के कायगक्रम (टीसीपी) और िौद्य नर्की सक्षम कें द्र
अोंतर्गत जलवायु पररवतगि सोंबोंधी द राष्ट्रीय नमशि अथाग त (टीईसी) घटक ों के तहत 2022 के दौराि लर्भर् 170
जलवायु पररवतगि के नलए कायगिीनतक ज्ञाि नमशि पररय जिा िस्ताव िाप्त हुए थे। नवशेषज्ञ सलाहकार
(एिएमएसकेसीसी) और नहमालयी एक नसस्ट्म क बिाए सनमनतय ों वारा व्यवम्भस्थत मूल्याोंकि के बाद 7 िई
रखिे के नलए राष्ट्रीय नमशि (एिएमएसएिई) कायागम्भन्वत पररय जिाओों क मोंजूरी दी र्ई थी।
नकए जा रहे हैं। र् वा, झारखोंि, उत्तर िदे श (यूपी) और
➢ स्वछ ऊजाग अिुसोंधाि पहल (सीईआरआई):
िोंिीर्ढ़ सोंघ राज्य क्षेत्र में िार िए राज्य जलवायु पररवतगि
सीईआरआई का मुख्य उद्दे श्य स्वछ ऊजाग के
िक ि (एससीसीसी) स्थानपत नकए र्ए हैं, ज दे श भर के
नलए अिुसोंधाि और िवािार पाररम्भस्थनतकी तोंत्र
28 राज्य /ों सोंघ राज्य क्षेत्र ों में एससीसीसी में उपम्भस्थनत दजग
क मजबूत करके स्वछ ऊजाग क नकफायती
कराते हैं।
और सुलभ बिािे के नलए नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की
➢ राष्ट्रीय सुपरकों प्यूनटों र् नमशि (एिएसएम) िे के िेतृत्व वाली सफलताओों का प षर् करिा है ।
एमईआईटीवाई के साथ सोंयुि रूप से कायाग म्भन्वत वषग के दौराि, राष्ट्रीय जरूरत ों क पूरा करिे के
नकया है तानक दे श में कु छ 100 टे रा फ्लॉि से लेकर नलए स्वच्छ िवािार ों की र्नत में तेजी लािे के
दस पेटा फ्लॉि तक की उच्च निष्पादि िर्ानलयाों नलए कायगक्रम में कई िए आयाम ज ड़े र्ए। इि
स्थानपत की जा सकें । िालू वषग में आईआईटी रुड़की, पहल ों में स्वच्छ क यला िौद्य नर्नकय ों पर
एिआईटी नत्रिी, आईआईटी र्ाोंधीिर्र, आईआईटी अिुसोंधाि और नवकास, ऊजाग भोंिारर् के नलए
29 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
सामग्री, सौर ऊजाग, नमशि िवािार, नमशि िेटवकग के माध्यम से िौद्य नर्की स्ट्ाटग -अप क प नषत
इि वेशि िैलेंज, क्रॉस-कनटों र् इि वेशि िैलेंज, करिे के नलए उच्च नशक्षर् सोंस्थाि ों की तकिीकी
एिजी स्ट् रे ज सॉल्यूशोंस, नमशि इि वेशि शम्भि का लाभ उठा रहा है। दे श भर में िवािार और
(एमआई) 2.0, स्माटग नग्रि और म्भियर एयर उद्यनमता की समावेनशता सुनिनित करिे और छात्र ,ों
शानमल हैं। सोंकाय ,ों उद्यनमय ों और आस-पास के ल र् ों के बीि
िवािार और स्ट्ाटग अप सोंस्कृनत क बढ़ावा दे िे के नलए
➢ नवज्ञाि और िौद्य नर्की नवभार् (िीएसटी) की जल
एक िया कायगक्रम िेशिल इनिनशएनटव फॉर
िौद्य नर्की पहल (िब्ल्यूटीआई) एक सनक्रय भारत-
िे वलनपोंर् एों ि हावेम्भस्ट्ोंर् इि वेशि (निनध) - समावेशी
केंनद्रत 'समाधाि नवज्ञाि' ियास है नजसका उद्दे श्य
टीबीआई (आईटीबीआई) शुरू नकया र्या है। आई-
दे श में मौजूदा और उभरती जल िुिौनतय ों के नलए
टीबीआई कायग क्रम के तहत, आई-टीबीआई स्थानपत
अिुसोंधािआधाररत समाधाि नवकनसत करिे के नलए
करिे केनलए समथगि हेतु 30 सोंस्थाि ों की नसफाररश
अिुसोंधाि और नवकास क्षमता क मजबूत करिा है।
की र्ई है। िार िए आई-टीबीआई के नलए सहायता
इस य जिा का व्यापक लक्ष्य अिुसोंधाि एवों नवकास
मोंजूर की र्ई है। 2022 के दौराि, टी-हब, हैदराबाद,
र्नतनवनधय ों क बढ़ावा दे िा है ज स्थायी स्र त ों से
तेलोंर्ािा में एक िया सीओई निनध सेंटर ऑफ
नवनशष्ट् अिुिय र् ों के नलए पािी की र्ुर्वत्ता में वृम्भर्द्
एक्सीलेंस (निनध - सीओई) कायगक्रम के माध्यम से
करिे और पािी के पुििगक्रर् और पुि: उपय र् क
स्थानपत नकया र्या है , नजससे कुल 8 सीओई सनक्रय
सक्षम बिाता है। जल सोंबोंधी मुद्द ों के समाधाि के
समथगि के तहत हैं ।
नलए कई पररय जिाएों कायाग म्भन्वत की जा रही हैं।
➢ राष्ट्रीय नवज्ञाि और िौद्य नर्की सोंिार पररषद
➢ राष्ट्रीय भू-स्थानिक कायग क्रम (एिजीपी) का उद्दे श्य भू -
(एिसीएसटीसी) का मुख्य उद्दे श्य नवज्ञाि और
स्थानिक िौद्य नर्नकय ों और अिुिय र् ों के उभरते क्षेत्र ों
िौद्य नर्की (एस एों ि टी) क जिता के नलए िेनषत
में अिुसोंधाि और नवकास क बढ़ावा दे िा है। कायगक्रम
और ल कनिय बिािा और उिके बीि वैज्ञानिक
के तहत कई पररय जिाएों िलाई र्ई हैं। ग्रेनवटी
िज़ररये क ि त्सानहत रिा है। वषग के दौराि नवज्ञाि
ररकवरी एों ि िाइमेट एक्सपेररमेंट (ग्रेस) उपग्रह से
और िौद्य नर्की जार्रूकता और कनियता के नलए
आों कड़ ों का उपय र् करके कुल जल भोंिारर्
कई र्नतनवनधयाों की र्ई हैं। राष्ट्रीय नवज्ञाि नदवस
नवनवधताओों की निर्रािी की व्यवहायगता का पता
(एिएसिी), 28 फरवरी 2022 क , तीि पीएििी
लर्ािे के उद्दे श्य से तीि सोंबोंनधत मोंत्रालय ों और कई
स्कॉलसग और एक प स्ट्-िॉक फेल क
साझेदार ज्ञाि सोंस्थाि ों क शानमल करते हुए एक
एिब्ल्यूएसएआर पुरस्कार से सम्मानित नकया र्या।
राष्ट्रीय िेटवकग कायग क्रम नवकनसत नकया र्या है , दे श
इसके अलावा, उम्भल्लम्भखत पुरस्कार ों में, 1779
की क्षेत्र नवनशष्ट् भू-स्थानिक नवश्लेनषकी क्षमताओों क
कहानिय ों में सेशीषग 125 ल कनिय कहानिय ों क िकद
मजबूत करिे के नलए, िाप्त कु ल 140 अिुसोंधाि एवों
पुरस्कार के नलए िुिा र्या था।
नवकास िस्ताव ों में से 11 का समथगि नकया र्या था।
भारत िे 10-14 अक्टू बर 2022 तक हैदराबाद में ➢ सशम्भिकरर् और नवकास के नलए इम्भक्टी के नलए
सोंयुि राष्ट्रनवि भू-स्थानिक सूििा काों ग्रेस नवज्ञाि (सीि) यह य जिा अपिी नवनभन्न िकार की
(यूएििब्ल्यूजीआईसी) की मेजबािी की। ााष्ट्रीय य जिाओों का समथगि करती है ज सामानजक-आनथगक
नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की उद्यनमता नवकास ब िग सशम्भिकरर् और समाज के वोंनित वर्ों जैसे अिुसूनित
(एिएसटीईिीबी) इिक्ूबेटर ों के अपिे मजबूत जानत/अिुसूनित जिजानत, नदव्याोंर्जि, बुजुर्ग, आनथगक
30 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
रूप से कमज र वर्ग (ईिब्ल्यूएस) और मनहलाओों के ➢ 2015-16 से 5 िीएसटी सोंस्थाि ों में पाोंि
नवकास के नलए लर्ातार काम करती है। आजीनवका के तकिीकी अिुसोंधाि कें द्र ों (टीआरसी) क सहायता
नलए िवािार ों का सुदृढ़ीकरर्, उन्नयि और प षर् िदाि की जा रही है । इस अवनध के दौराि टीआरसी िे
(सुिील), युवा वैज्ञानिक ों और िौद्य नर्कीनवद ों की य जिा उद्य र् क कु छ महत्वपूर्ग िौद्य नर्नकय ों का नवकास
(एसवाईएसटी), नवकलाोंर् ों और बुजुर्ों के नलए और हस्ताोंतरर् नकया है। िमुख उपलम्भि में से एक
िौद्य नर्की हस्तक्षेप (टीआईिीई), मनहलाओों के नलए एस जेएिसीएएसआर और मैससग हम्सा बाय फामाग इों निया
एों ि टी जैसी कई पहल की र्ई हैं। 'म बाइल नवज्ञाि िाइवेट नलनमटे ि, िई नदल्ली के बीि िौद्य नर्की
िदशगिी' के माध्यम से 75300 से अनधक छात्र ,ों 2770 लाइसेंस समझौता है , नजसे 28 मािग 2022 क
नशक्षक ों और 330 स्कूल ों िे पूरेर्ुजरात में अपिे तीि टीजीआर 63 के नवकास के नलए नकया र्या था, ज
िरर् ों में इस अिूठी पहल से लाभ उठाया है। अिुसूनित अल्जाइमर र र् का िभावी ढों र् से इलाज या र कथाम
जानत उप य जिा (एससीएसपी) और जिजातीय उप करिे केनलए एक अर्ु है । ये टीआरसी वैज्ञानिक ,ों
य जिा (टीएसपी): नवभार्, नवज्ञाि और िौद्य नर्की के उद्यनमय ों और व्यापार नबरादरी क अनधक आनथगक
इिपुट के माध्यम से अिुसूनित जानत/अिुसूनित और सामानजक लाभ ों के नलए उत्पाद ों और िनक्रयाओों
जिजानत की आबादी क सशि बिािे के नलए क्रमश में अिुसोंधाि के अिुवाद क िाप्त करिे केनलए
1991-92 और 1992-93 से द स्कीमें अथागत तकिीकी-कािूिी-वानर्म्भज्यक और नवत्तीय सहायता
जिजातीय उप-य जिा (टीएसपी) और अिुसूनित जानत िदाि करते हैं। राष्ट्रीय स्थानिक िे टा अवसोंरििा
उप-य जिा (एससीएसपी) कायागम्भन्वत कर रहा है । (एिएसिीआई) राष्ट्रीय िे टा रनजस्ट्र ी (एििीआर) भू-
जिजातीय उप-य जिा के माध्यम से हस्तक्षेप िे ल र् ों प टग ल और व्यम्भिर्त सोंर्ठिात्मक िे टा ि ि् स का
क सीधे लाभाम्भन्वत नकया था, बेहतर सामानजक-आनथगक िदशगि कर रही है ; भू-स्थानिक िे टा/अिुिय र् ों की
म्भस्थनत के अलावा कौशल में महत्वपूर्ग सुधार ह िे के मेजबािी केनलए अवधारर्ा के िमार्-आधाररत
साथ साथ स्थािीय िवािार और स्थािीय ज्ञाि का निमाग र् िाउि आधाररत अवसोंरििा (एिएसिीआई भू-मोंि)
भी हुआ। वषग के दौराि अिुसूनित जानत उप-य जिा के एिएसिीआई म्भियररों र्हाउस ि ि क बिाए रखते
माध्यम से कायागम्भन्वत (पूरी) की र्ई पररय जिाओों िे हुए सेवाओों का िावधाि कर रही है। वतगमाि वषग से
ल र् ों क सीधे तौर पर लाभाम्भन्वत नकया और ल र् ों की एिएसिीआई का फ कस अोंतररम िे टा शेयररों र्
सामानजक-आनथक म्भस्थनतय ों में महत्वपूर्ग सुधार हुआ फ्रेमवकग (आईिीएसएफ) के कायागन्वयि, भू-सूििा
है। नवज्ञाि और इों जीनियररों र् (जीआईएसई) हब का
सोंिालि; राष्ट्रीय िे टा रनजस्ट्र ी (एििीआर) और
➢ र्ुि लैिट री िैम्भक्टस (जीएलपी): आज की तारीख
व्यम्भिर्त सोंर्ठिात्मक िे टा ि ि् स क मजबूत करिे
के अिुसार, दे श में 52 जीएलपी िमानर्त परीक्षर्
पर रहा है।
सुनवधाएों हैं। भारत 3 मािग, 2011 से िे टा की
पारस्पररक स्वीकृनत (एमएिी) से सोंबोंनधत ओईसीिी ➢ 2018-19 के दौराि शुरू नकए र्ए
पररषद अनधनियम ों का पूर्ग पालि कर रहा है , ज यह इों टरनिनसम्भलिरी साइबर-नफनजकल नसस्ट्म्स (एिएम-
सुनिनित करता है नक भारत में जीएलपी िमानर्त आईसीपीएस) पर राष्ट्रीय नमशि िे पूरे दे श क कवर
परीक्षर् सुनवधाओों द्वारा उत्पन्न िे टा ओईसीिी और करिेवाले लर्भर् सभी राज्य ों में शीषग रैं नकों र् वाले
अन्य दे श ों के 39 सदस्-दे श ों में स्वीकायग है , इस राष्ट्रीय सोंस्थाि ों में 25 िौद्य नर्की िवािार केंद्र स्थानपत
िकार व्यापार के नलए तकिीकी बाधाओों क दू र नकए हैं । वषग के दौराि िमुख उपलम्भिय ों में से एक यह
करता है। है नक आईआईटी कािपुर में टीआईएि िे भारतीय
31 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
➢ श्री नित्रा नतरुिल इों स्ट्ीट्यूट फॉर मेनिकल साइों सेज एों ि
टे क्न लॉजी, नत्रवेंद्रम (एससीटीआईएमएसटी) िे यूवी सक्षम
➢ नवज्ञाि और इों जीनियररों र् अिुसोंधाि ब िग िे सोंभानवत
माइक्र वेव (एस्ट्र ा) का उपय र् करके कीटार्ुश धि के नलए
वैज्ञानिक ों की पहिाि करिे और नवज्ञाि और इों जीनियररों र् के
स्विानलत स्माटग टर ै श नबि के िौद्य नर्की हस्ताों तरर् के नलए
अग्रर्ी क्षेत्र ों में अिुसोंधाि और नवकास करिे के नलए उिका
मेससग फ टाग मेनिटे क िाइवेट नलनमटे ि के साथ लाइसेंस
समथगि करिे के नलए कई अनभिव कायगक्रम और य जिाएों
समझौते पर हस्ताक्षर नकए हैं ।
तैयार की हैं । इिमें से एक बाय मेनिकल अिुिय र् ों के नलए
➢ िॉथग ईस्ट् सेंटर फॉर टे क्न लॉजी एलीकेशि एों ि रीि पहििे य ग्य इलेक्टरॉनिक्स पर एक नवशेष कॉल है । पहििे
(एिईसीटीएआर), नशलाों र् िे िार्ालैंि मधुमक्खी पालि य ग्य निनकत्सा उपकरर् समय लार्त दक्षता के साथ स्वास्थ्य
और शहद नमशि (एिबीएिएम) के माध्यम से दीमापुर, दे खभाल खिों क कम करिे की क्षमता मे महाि य र्दाि
िार्ालैंि में शहद परीक्षर् िय र्शाला की स्थापिा पर एक िदाि करते हैं .। उच्च अोंत अिुसोंधाि के नलए सहय र् क
पररय जिा क सफलतापूवगक लार्ू नकया है। इसिे राम बढ़ावा दे कर राज्य के नविनवद्यालय ों और कॉलेज ों में एक
कृष्ण नमशि, स हरा, मेघालय में जीएसएम सक्षम, बाों स मजबूत आर एों ि िी पाररम्भस्थनतकी तोंत्र बिािे के नलए
आधाररत स्माटग जल सोंियि टॉवर भी स्थानपत नकया है , ज सोंरनित तरीके से अिुसोंधाि क्षमताओों क बढ़ािे केनलए एक
बादल और वायुमोंिलीय िमी से जल सोंियि पर एक िया कायगक्रम स्ट्े ट यूनिवनसगटी ररसिग एक्सीलेंस (SERB-
अनभिव तकिीक है । SURE) शुरू नकया र्या है । िौद्य नर्की नवकास ब िग (टीिीबी)
स्वदे शी िौद्य नर्की के नवकास और वानर्म्भज्यक अिुिय र् ों
का ियास करिे वाली औद्य नर्क सोंर्ठि और अन्य एजेंनसय ों
क नवत्तीय सहायता िदाि करता है तथा व्यापक घरे लू
अिुिय र् के नलए आयानतत िौद्य नर्की क अपिाता है । यह
32 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
स्वास्थ्य और निनकत्सा, इों जीनियररों र्, आईटी, रसायि, कृनष, सवेक्षर् िेनवनभन्न उपय र्कताग ओों और सोंर्ठि ों से सटीक
दू रसोंिार, सड़क पररवहि, ऊजाग और अपनशष्ट् उपय र्, उच्च-ररज़ॉल्यूशि िे टा आवश्यकताओों/माों र् ों क पूरा करिे
इलेक्टरॉनिक्स, रक्षा, िार्ररक उड्डयि, कपड़ा आनद जैसे के नलए उच्च सोंकल्प उपग्रह इमेजरी (एिआरएसआई) का
अथगव्यवस्था के सभी क्षेत्र ों से पूरेवषगनवत्तीय सहायता केनलए उपय र् करके पूरे दे श के नलए एिआरएिटीिीबी तैयार
आवेदि स्वीकार करता है । वषग 2022-23 (नदसोंबर, 2022 नकया है । एसओआई नजय इि और िब्ल्यूजीएस -84 दीघगवृत्त
तक) के दौराि, टीिीबी िेनवनभन्न औद्य नर्क सोंर्ठि क के बीि सटीक सोंबोंध के साथ पूरे दे श केनलए नजय इि मॉिल
नवत्तीय सहायता िदाि करिे के नलए िौ (9)समझौत ों पर भी नवकनसत कर रहा है , तानक उपग्रह-आधाररत
हस्ताक्षर नकए हैं । सवे ऑफ इों निया और एिएटीएमओ के िौद्य नर्नकय ों और उत्पाद ों जैसे जीएिएसएस, उपग्रह इमेजरी
माध्यम से सवेक्षर् और मािनित्रर् र्नतनवनध क मजबूत द्वारा दी र्ई ऊों िाइय ों क नजय िे नटक सटीकता के साथ
करिे के तहत, नवनभन्न ि मेि क पूरा करिेवाले भू-स्थानिक सीधे ऑथोमेनटर क ऊोंिाइय ों में पररवनतगत नकया जा सके।
समाधाि ों के साथ कुछ महत्वपूर्ग य र्दाि नदए हैं । भारतीय
इस मवभाि के कई दामयत्व हैं मजनमें से मवमशि इस मवभाि के उप-मवभाि एवं संबंमधत मामलों में मनम्न हैं :
पररयोजनाओं और कायवक्मों के प्रमुख दामयत्व हैं : • नवज्ञाि एवों अनभयाों नत्रकी अिुसोंधाि पररषद;
❖ नवज्ञाि और िौद्य नर्की से सोंबोंनधत िीनतय ों का निमाग र्। • िौद्य नर्की नवकास ब िग और सोंबोंनधत अनधनियम जैसे
❖ कैनबिेट की वैज्ञानिक सलाहकार सनमनत से सोंबोंनधत नक अिुसोंधाि और नवकास उपकर अनधनियम, 1986,
मामले (एसएसीसी)। (1986 का 32) और िौद्य नर्की नवकास ब िग
अनधनियम, 1995 (1995 का 44)
❖ उभरते हुए क्षेत्र ों पर नवशेष ज र दे िे के साथ नवज्ञाि
और िौद्य नर्की के िए क्षेत्र ों क बढ़ावा दे िा। • राष्ट्रीय नवज्ञाि और िौद्य नर्की सोंिार पररषद
❖ जैव ईोंधि उत्पादि, िसोंस्करर्, मािकीकरर् और • राष्ट्रीय नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की उद्यनमता नवकास ब िग
अिुिय र् ों के स्वदे शी िौद्य नर्की के नवकास के नलए • नवदे श में वैज्ञानिक सोंलग्न की नियुम्भि सनहत
अपिे अिुसोंधाि सोंस्थाि ों या िय र्शालाओों के माध्यम अोंतरराष्ट्रीय नवज्ञाि और िौद्य नर्की सहय र् (इि कायों
से अिुसोंधाि और नवकास के नवषय में सोंबोंनधत मोंत्रालय का निष्पादि नवदे श मोंत्रालय के साथ निकट सहय र् में
या नवभार् के साथ समन्वय नकया जाएर्ा)
❖ उप उत्पाद ों से मूल्य वनधगत रसायि नवकास के उपय र् • नवज्ञाि और िौद्य नर्की नवभार् के तहत इस नवषय से
क बढ़ावा दे िे के नलए अिुसोंधाि और नवकास सोंबोंनधत स्वायत्त नवज्ञाि और िौद्य नर्की सोंस्थाि सनहत,
र्नतनवनधयाों । खर् ल भौनतकी सोंस्थाि और भूिुम्बकत्व सोंस्थाि
• पेशेवर नवज्ञाि अकादनमय ों क बढ़ावा नदया र्या और
भावी नवज्ञाि कायग क्रम नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की नवभार् द्वारा नवत्त प नषत
• क्षेत्रीय सोंबोंध ों वाले नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की के क्षेत्र ों का • भारतीय सवेक्षर्, और िेशिल एटलस और थीमेनटक
समन्वय और एकीकरर् नजसमें अिेक सोंस्थाओों और मैनपोंर् ऑर्ेिाइजेशि
नवभार् ों के नहत और क्षमताएों हैं। • राष्ट्रीय स्थानिक िे टा बुनियादी सोंरििा और
जी.आई.एस. क बढ़ावा दे िा
• उपक्रम अथवा आनथगक रूप से वैज्ञानिक और
तकिीकी सवेक्षर्, अिुसोंधाि निजाइि और नवकास • िेशिल इि वेशि फाउों िेशि, अहमदाबाद।
के िाय जि, जहाों आवश्यक ह ।
(मुख्य सम्पादक-आर.के. नमश्र के सौजन्य से
• वैज्ञानिक अिुसोंधाि सोंस्थाि ,ों वैज्ञानिक सोंघ ों और
िीएसटी वानषगक ररप टग से साभार)
निकाय ों के नलए समथगि और अिुदाि सहायता।
सों ब ों न धत उप नवभार् एवों मामले
33 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
अिानद काल से भारत में नवज्ञाि की परम्परा नवद्यमाि रही है । हड़प्पा और म हिज दड़ की खुदाई से नमले साक्ष्य
इस बात का िमार् हैं नक उि ल र् ों में नवज्ञाि की समझ थी। िािीि काल में भारत में नवज्ञाि की सबसे बड़ी
उपलम्भिय ों में महनषग सुश्रुत के द्वारा ख जी र्ई शल्य निनकत्सा है , दु निया आज उन्हें ‘फादर ऑफ सजगरी‘ मािती
है ।
िार्ाजुगि िे रसायि नवज्ञाि क जन्म नदया। मिुष् आधुनिक युर् में सबसे शम्भिशाली दे श वह है
और नवज्ञाि का नवकास एक साथ ह ता है। वेबर नजसिे अपिे रक्षा क्षेत्र क मजबूत नकया है । स्वीिि
कहते हैं नक- ‘ दशगि के नबिा नवज्ञाि वैसा है म्भस्थत नथोंक टैं क ‘स्ट्ॉकह म इों टरिेशिल पीस ररसिग
जैसे एकता या सोंर्ठि के नबिा क ई समूह, आत्मा इों म्भस्ट्ट्यूट’ (नसिी) के अिुसार दु निया में िौ दे श ों
के नबिा शरीर,इसी िकार नवज्ञाि के नबिा दशगि के पास परमार्ु हनथयार हैं
ऐसा है, जैसे शरीर के नबिा आत्मा।‘ धातु नवज्ञाि
,वस्त्र निमागर्, भवि निमागर् और पररवहि व्यवस्था
का नवकास नसिु सभ्यता के समय ह िुका था।
भारत की िािीिकाल की उपलम्भिय ों से लेकर
िन्द्रयाि के िक्षेपर् तक सफलताओों का एक लम्बा
इनतहास रहा है। नवज्ञाि के क्षेत्र में भारत अपिी
अिनर्ित उपलम्भिय ों के िलते ि बल इि वेशि
इों िेक्स 2022 में 40वें स्थाि पर है। अमेररका के
‘िेशिल साइों स फाउों िेशि‘ के साइों स एों ि
इों जीनियररों र् इों निकेटसग 2022 की ररप टग के अिुसार
नजसमें भारत भी शानमल है। स्ट्ॉकह म इों टरिेशिल
भारत वैज्ञानिक िकाशि के क्षेत्र में नवि में तीसरे
पीस ररसिग इों स्ट्ीट्यूट की वानषगक ररप टग के मुतानबक़
स्थाि पर है। भारत िे नवज्ञाि के सभी क्षेत्र ों में
सैन्य क्षेत्र में सबसे ज़्यादा ख़िग करिे वाला
कृनतमाि स्थानपत नकया है
अमेररका, िीि के बाद भारत दु निया का तीसरा
लेनकि नवज्ञाि की नजि िमुख उपलम्भिय ों कुछ इस
सबसे बड़ा दे श है। भारतीय वायु सेिा दु निया की
िकार हैं:
िौथी सबसे बड़ी वायु सेिा है। वायु सेिा के लड़ाकू
रक्षा के क्षेत्र में उपलस्टियाँ:
नवमाि ों में राफेल, तेजस, सुख ई नमर्-29 और
34 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
नमर्-21 शानमल हैं । भारत की थल सेिा की बात अंतररक्ष के क्षेत्र में उपलस्टियाँ:
करें त ि बल फायरपावर रैं नकोंर् में नवि की सबसे
ताकतवर सेिा की सूिी में शानमल 133 दे श ों में आकाश में उड़िा और धरातल पर बात करिा
भारत िौथे िोंबर पर है। नकसी भी दे श की सुरक्षा नकसे पसोंद िहीों है , इन्हीों ख्याल ों क पूरा करिे के
और व्यापार का रास्ता समुद्र से ह कर र्ुजरता है नलए हमारे दे श के अोंतररक्ष वैज्ञानिक ों िे क्ा कुछ
इस नलहाज से िौसेिा की भूनमका महत्वपूर्ग ह ती िहीों नकया है । भारत एनशया का पहला ऐसा दे श है
है। भारतीय िौसेिा दनक्षर् एनशया की सबसे नजसिे मोंर्ल ग्रह की कक्षा में पहुोंििे में सफलता
ताकतवर सेिा है। भारत वैनिक शाोंनत और समृ म्भर्द् िाप्त की है । भारत दु निया के लर्भर् 70 दे श ों के
के सामूनहक लक्ष्य क िाप्त करिे के ियास से उपग्रह ों क लॉन्च नकया है।
अपिे नमत्र राष्ट्र ों का सहय र् भी करता है। भारत
की तीि ों सेिाएाँ अमेररका, निटे ि, फ्राोंस, रूस,
िेपाल,ऑस्ट्र े नलया जैसे दे श ों से युर्द् – अभ्यास भी
करती रहती हैं। रक्षा मोंत्रालय िे भनवष् की
िुिौनतय ों का सामिा करिे के नलए अनग्नपथ य जिा
िारि की है। आज भारत रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह
से आत्मनिभगर ह र्या है और सभी िकार की
िुिौनतय ों से निपटिे में सक्षम है।
35 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
हैं, जबनक मम्भस्तष्क और शरीर आपस में जुड़े हुये 21वीों सदी में दे श क नवकनसत राष्ट्र बिािे का
हैं और उिका अलर्-अलर् इलाज िहीों नकया एकमात्र नवकल्प नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की है। नवज्ञाि
जािा िानहए। हमारे समाज एवों सोंस्कृनत का नहस्सा है। मिुष् िे
नवज्ञाि के माध्यम से कनठि से कनठि कायग क
सरल बिा नलया है।
36 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
37 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
38 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
निभाई है। नवज्ञाि और िौद्य नर्की नवकास के - पररषद के अिुसार, वतगमाि में कृनष
िव न्मेषीक्षेत्र ों में कायग करिे में पररषद सोंलग्न रही िवािार ों क कृनष नवज्ञाि केंद्र ों पर अनभनलम्भखत
है और इसके वैज्ञानिक अपिे नकया जा रहा है , िस्तानवत तोंत्र नकसाि ों क
नवषय ों में अोंतरराष्ट्रीय तौर पर जािे जाते हैं। उिके िवािार ों क आर्े ले जािे के नलये
ि त्सानहत करे र्ा।
मुख्य नबोंदु:
भारतीय कृनष अिुसोंधाि पररषद(Indian कृनष नवज्ञाि केंद्र: कृनष नवज्ञाि केंद्र, ग्रामीर्
Council of Agricultural Research- स्तर पर कृनष में नवज्ञाि और तकिीकी क बढ़ावा
ICAR): दे िे के नलये भारतीय कृनष अिुसोंधाि पररषद की
- भारतीय कृनष अिुसोंधाि पररषद ICAR एक पहल है ।
कृनष अिुसोंधाि एवों नशक्षा नवभार्, कृनष मोंत्रालय,
भारत सरकार के तहत एक स्वायत्तशासी - इस य जिा का िमुख उद्दे श्य कृनष क
सोंस्था है। नवज्ञाि से ज ड़िा और नवज्ञाि आधाररतकृनष क
- यह पररषद दे श में बार्वािी, बढ़ावा दे िा है।
माम्भत्स्यकी और पशु नवज्ञाि सनहत कृनष के क्षेत्र में - पररषद के नवशेषज्ञ ों िे इस बात पर ज़ र
समन्वयि, मार्गदशगि और अिुसोंधाि िबोंधि तथा नदया नक कृनष पूर्गरूप से वैज्ञानिक िनक्रया है
नशक्षा के नलये एकसवोच्च निकाय है। और यनद हम कृनष में नवज्ञाि के नसर्द्ाोंत ों
- भारतीय कृनष अिुसोंधाि पररषद िे दे श में का सही िय र् िहीों करते हैं , त हम हर बार
हररत क्राोंनत लािे तत्पिात अपिे अिुसोंधाि एवों असफल ह र् ों े।
िौद्य नर्की नवकास से दे श के कृनष क्षेत्र के - इस य जिा के अोंतर्गत कृनष क्षेत्र में
नवकास में अग्रर्ीभूनमका निभाई है। तकिीकी क बढ़ावा दे िे के नलये नकसाि ों और
105 स्ट्ाटग -अप के बीि सोंपकग स्थानपत करिे की
- भारतीय कृनष अिुसोंधाि पररषद की व्यवस्था की र्ई है।
य जिा के अिुसार, िर्नतशील नकसाि ों क - इसके साथ ही कृनष आय क बढ़ािे के
वैज्ञानिक िय र् करिे, उिके िवािार ों क नलये भारतीय कृनष अिुसोंधाि पररषद (ICAR) िे
वैज्ञानिक वैधता िदाि करिे और इििवािार ों क अलर्-अलर् कृनष जलवायु क्षेत्र ों के अिुकूल
आर्े ले जािे के नलये एक कृषक िव न्मेष क ष 45 जैनवक कृनष मॉिल तैयार नकये हैं और 51
की स्थापिा की जाएर्ी। समाय नजत कृनष तोंत्र ों क िमानर्त नकया है।
- इस क ष के अर्ले नवत्तीय वषग तक आर्े की राह:
सनक्रय ह जािे की सोंभाविा है। इस िई व्यवस्था से पूरे दे श के नकसाि ों क
- इस य जिा के अोंतर्गत िई नदल्ली में एक एक-दू सरे से कृनष तकिीकी सीखिे में सहायता
िव न्मेष केंद्र (Innovation Centre) िाप्त ह र्ी तथा इसके माध्यम से कृनष और
की स्थापिा की जाएर्ी। इस केंद्र पर कृनष नवज्ञाि क्षेत्र क ज ड़िे में मदद नमलेर्ी नजससे
िवािार ों क वैज्ञानिक वैधता िदाि करिे के दे शभर के नकसाि कृनष-वैज्ञानिक ों से जुड़कर
साथ ही नकसाि ों क श ध की सुनवधा भी लाभाम्भन्वत ह र् ों ें
उपलि कराई जाएर्ी।
39 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
पयाववरण और प्रकृमत
डॉ मीनाक्षी पाठक
आईआईट्ी, मुंबई
पयागवरर् (Environment) शब्द द शब्द ों से नमलकर बिा है, परर और आवरर् नजसमें परर का मतलब है हमारे
आसपास या कह लें नक ज हमारे िार ों ओर है। वहीों 'आवरर्' का मतलब है ज हमें िार ों ओर से घेरे हुए है।
पयागवरर् जलवायु, स्वच्छता, िदू षर् तथा वृक्ष का सभी यह हमारे िार ों ओर व्याप्त है और हमारे जीवि की
क नमलाकर बिता है, और ये सभी िीजें यािी नक ित्येक घटिा इसी पर निभगर करती और सोंपानदत ह ती
पयागवरर् हमारे दै निक जीवि से सीधा सोंबोंध रखता है हैं। मिुष् ों द्वारा की जािे वाली समस्त नक्रयाएों
और उसे िभानवत करता है। मिुष् और पयागवरर् पयागवरर् क ित्यक्ष और अित्यक्ष रूप से िभानवत
एक-दू सरे पर निभगर ह ते हैं। पयागवरर् जैसे जलवायु करती हैं । इस िकार नकसी जीव और पयागवरर् के
िदू षर् या वृक्ष ों का कम ह िा मािव शरीर और बीि का सोंबोंध भी ह ता है , ज नक एक-दू सरे पर
स्वास्थय पर सीधा असर िालता है। मािव की अच्छी- आनश्रत (अन्य न्यानश्रत) है।
बुरी आदतें जैसे वृक्ष ों क सहेजिा, जलवायु िदू षर्
र किा, स्वच्छाता रखिा भी पयाग वरर् क िभानवत मािव हस्तक्षेप के आधार पर पयागवरर् क द भार् ों में
करती है। बाोंटा जा सकता है , नजसमें पहला है िाकृनतक या
िैसनर्गक पयागवरर् और मािव निनमगत पयागवरर्। यह
मिुष् की बुरी आदतें जैसे पािी दू नषत करिा, बबाग द नवभाजि िाकृनतक िनक्रयाओों और दशाओों में मािव
करिा, वृक्ष ों की अत्यनधक मात्रा में कटाई करिा आनद हस्तक्षेप की मात्रा की अनधकता और न्यूिता के
पयागवरर् क बुरी तरह से िभानवत करती है। नजसका अिुसार है।
ितीजा बाद में मािव क िाकनतगक आपदाओों का
पहला नवि पयागवरर् नदवस (World Environment
सामिा करके भुर्तिा ही पड़ता है।
Day): सोंयुि राष्ट्र द्वारा घ नषत यह नदवस पयागवरर् के
पयाग वरर् और िकृनत : पयाग वरर् के जैनवक सोंघटक ों िनत वैनिक स्तर पर जार्रूकता लािे के नलए मिाया
में सूक्ष्म जीवार्ु से लेकर कीड़े -मक ड़े , सभी जीव-जोंतु जाता है । इसकी शुरुआत 1972 में 5 जूि से 16 जूि
और पेड़-पौध ों के अलावा उिसे जुड़ी सारी जै व तक सोंयुि राष्ट्र महासभा द्वारा आय नजत नवि
नक्रयाएों और िनक्रयाएों भी शानमल हैं । जबनक पयागवरर् पयागवरर् सम्मे लि से हुई। 5 जूि 1973 क पहला नवि
के अजैनवक सोंघटक ों में निजीव तत्व और उिसे जुड़ी पयागवरर् नदवस मिाया र्या।
िनक्रयाएों आती हैं,
आज के युर् में पयागवरर् िदू षर् बहुत तेजी से बढ़
जैसे: पवगत, िट्टािें, िदी, हवा और जलवायु के तत्व रहा है। बढ़ती जिसोंख्या और बड़ी-बड़ी इमारत ों के
इत्यानद। सामान्य अथों में यह हमारे जीवि क िभानवत कारर् पयागवरर् की िकृनत िष्ट् ह रही है। हर जर्ह-
करिे वाले सभी जैनवक और अजैनवक तत्व ,ों तथ् ,ों जर्ह घिे वृक्ष काट कर बड़ी नबम्भल्डोंर् ों का निमागर्
िनक्रयाओों और घटिाओों से नमलकर बिी इकाई है । करिा पयागवरर् और िकृनत के साथ छे ड़छाड़ हैं।
इतिा ही िहीों जहाों वाहि ों का धुआों, मशीि ों की
40 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
आवाज, खराब रासायनिक जल आनद की वजह से, र्ैसें जैसै काबगि िाई ऑक्साइि, नमथेि, ि र -फ्ल र
वायु िदू षर्, जल िदू षर्, ध्वनि िदू षर् ह रहा है । काबगि आनद खतरिाक र्ैसें निकलती हैं। ये सभी र्ैसें
नजसके कारर् हमें अिेक बीमाररय ों का सामिा करिा वायुमोंिल क भारी िुकसाि पहुोंिाती हैं। इससे हमारे
पड़ रहा है। अत: आज हमें सबसे ज्यादा जरूरत है सेहत पर बहुत बुरा िभाव पड़ता है। दमा, खसरा,
पयागवरर् सोंकट के मुद्दे पर आम जिता और सुधी टी.बी. निप्थीररया, इों फ्लूएोंजा आनद र र् वायु िदू षर् का
पाठक ों क जार्रूक करिे की। पयागवरर्ीय समस्ाएों ही कारर् हैं।
जैसे िदू षर्, जलवायु पररवतगि इत्यानद मिुष् क ध्वनि िदू षर् (Noise Pollution)
अपिी जीविशैली के बारे में पुिनवगिार के नलए िेररत मिुष् के सुििे की क्षमता की भी एक सीमा ह ती है ,
कर रही हैं और अब पयाग वरर् सोंरक्षर् और पयागवरर् उससे ऊपर की सारी ध्वनियाों उसे बहरा बिािे के नलए
िबोंधि की आवश्यकता पहले से अनधक महत्वपूर्ग ह काफी हैं । मशीि ों की तीव्र आवाज, ऑट म बाइल्स से
र्ई है। निकलती तेज़ आवाज, हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर
िदू षर् के िकार (PRADUSHAN KE PRAKAR) िालती है। इिसे ह िे वाला िदू षर् ध्वनि िदू षर्
कहलाता है । इससे पार्लपि, निड़निड़ापि, बेिैिी,
वातावरर् में मुख्यतः िार िकार के िदू षर् हैं – बहरापि आनद समस्ाएों ह ती है ।
जल प्रदू षण (Water Pollution) मृदा िदू षर् (Soil Pollution)
घर ों से निकलिे वाला दू नषत पािी बहकर िनदय ों में खेती में अत्यनधक मात्रा में उवगरक ों और कीट-िाशक ों
जाता है। कल-कारखाि ों के कूड़े -किरे एवों अपनशष्ट् के िय र् से मृदा िदू षर् ह ता है । साथ ही िदू नषत
पदाथग भी िनदय ों में ही छ ड़ा जाता है। कृनष में नमट्टी में उपजे अन्न खाकर मिुष् ों एवों अन्य जीव-
उपयुि उवगरक और कीट-िाशक से भूनमर्त जल जोंतुओों के सेहत पर िकारात्मक िभाव पड़ता है ।
िदू नषत ह ता है। जल िदू षर् से िायररया, पीनलया, इसकी सतह पर बहिे वाले जल में भी यह िदू षर् फैल
टाइफाइि, हैजा आनद खतरिाक बीमाररयााँ ह ती है । जाता है।
िदू षर् क र किा बहुत अहम है। पयागवरर्ीय िदू षर्
आज की बहुत बड़ी समस्ा है , इसे यनद वक़्त पर िहीों
र का र्या त हमारा समूल िाश ह िे से क ई भी िहीों
बिा सकता। पृथ्वी पर उपम्भस्थत क ई भी िार्ी इसके
िभाव से अछूता िहीों रह सकता। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी
आनद सभी का जीवि हमारे कारर् खतरे में पड़ा है।
इिके जीवि की रक्षा भी हमें ही करिी है । इिके
वायु िदू षर् (Air Pollution)
अम्भस्तत्व से ही हमारा अम्भस्तत्व सोंभव है।
कारखाि ों की निमिी और सड़क पर दौड़ते वाहि ों से
निकलते धुएाँ में काबगि म ि ऑक्साइि, ग्रीि हाउस
41 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
कररयर
मवज्ञान एवं तकनीक मवभाि द्वारा ममहलाओं के मलए साइं मट्ि स्कीम
सोंजय र् स्वामी
यमुिा G/13,अर्ुशम्भि िर्र, मुोंबई-94
, अपिे कररयर से िेक लेिे वाली मनहलाओों से साइों नटस्ट् खिग नमलेर्ा। पररय जिा की कुल लार्त 30 लाख रुपये
स्कीम-बी (िब्ल्यूओएस-बी) मुख्य रूप से इस से ज्यादा िहीों ह िी िानहए।
स्कॉलरनशप का मकसद मनहलाओों क समाज के फायदे
के नलए अपिे ज्ञाि और उत्साह का इस्तेमाल करिे के
नलए उिक ि त्सानहत करिा है। इस स्कीम के तहत उि
पररय जिाओों के नलए आनथगक सहायता मुहैया कराई
जाएर्ी नजसमें सामानजक समस्ाओों और िुिौनतय ों का
वैज्ञानिक एवों तकिीक आधाररत हल निकले और नजससे
समाज क फायदा पहुोंिे। यह स्कीम नकरर् (िॉलेज * एमनफल/एमटे क या समकक्ष के नलए 40 हजार रुपये
इिवॉल्वमेंट इि ररसिग अिवाोंस्मेंट थ्रू ििगररों र्) के तहत महीिे और साथ में एिआरए एवों ऊपरी खिग। पररय जिा
नवज्ञाि एवों तकिीक नवभार् द्वारा िदत्त की जा रही है । हर की कुल लार्त 25 लाख रुपये से ज्यादा िहीों ह िी
महीिे 55 हजार रुपये नमलेंर्े िानहए।
42 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
मनहला साइों नटस्ट् और टे क्नॉलनजस्ट् नवनमि साइों नटस्ट् * आनटग नफशल इों टेनलजेंस (एआई) के मैदाि में हुई
स्कीम के नलए तक आवेदि कर सकती हैं। सहूनलयत के िर्नतय ों का लाभ उठािा
नलए आपक आम्भखरी समय से पहले आवेदि कर दे िा * पररय जिा की अनधकतम अवनध तीि साल ह िी िानहए
िानहए। अकसर आम्भखरी समय में रश ज्यादा ह जाता है
* इस स्कीम के तहत बुनियादी ररसिग के िस्ताव क
नजससे सवगर पर नदक्कत ह जाती है।
स्वीकार िहीों नकया जाएर्ा
* कैंनििे ट्स निम्ननलम्भखत क्षेत्र ों में अपिा िस्ताव जमा कर ( साभार :online-wosa.gov.in)
सकते हैं।
* कृनष, खाद्य और पयाग वरर्ीय िुिौती (एएफई)
* स्वास्थ्य दे खभाल िर्ाली और प षर् िर्ाली क
मजबूत करिा (एिएि)
* ऊजाग (ईआर)
* जल और किरा िबोंधि (िब्ल्यूिब्ल्यूएम)
* सामानजक समस्ाओों का इों जीनियररों र् और आईटी से
हल (ईआईटी)
श्रर्द्ाों जनल
नहोंदी नवज्ञाि सानहत्य पररषद, मुोंबई के सोंस्थापक सदस् ों में से एक एवों पररषद की पनत्रका “वैज्ञानिक” के पूवग
सोंपादक “िॉ. माधव सक्सेिा जी” का निधि 19 अिैल- 2023 क 77 वषग की आयु में मुबोंई में ह र्या। वे नहोंदी के
िनत अपिी िम्रता, कमगठता और कायग के िनत िनतबर्द्ता के नलए जािे जाते थे । पररषद उिके िनत श्रर्द्ा सुमि
अनपिंत कर उिके िनत सोंवेदिा िकट करती है । स्व िॉ. माधव सक्सेिा कथानबोंब के मुख्य सोंपादक भी थे।
43 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
सोंस्मरर्
44 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
का उत्पादि करिे की उिकी क्षमता का भारत के नलय िािो दा नवोंिी के रूप में भी
िदशगि नकया। अपिे काम के सोंदनभगत नकया र्या था। 1957 में भारत िे
पररर्ामस्वरूप भाभा िे 1934 में आइजैक मुोंबई के पास अपिा पहला परमार्ु
न्यूटि छात्रवृनत िाप्त की। िॉ भाभा िे अपिी अिुसोंधाि केंद्र स्थानपत नकया नजसे
नशक्षा पूरी की और 1939 में भारत लौट आए। बीएआरसी, टर ॉम्बे के िाम से जािा जाता है ।
अपिे आर्मि पर वे बैंर्ल र में भारतीय बाद में 1967 में ह मी भाभा क नविम्र
नवज्ञाि सोंस्थाि में शानमल ह र्ए और 1940 श्रर्द्ाों जनल के रूप में इसका िाम बदलकर
में एक रीिर बि र्ए। सोंस्थाि के भीतर भाभा परमार्ु अिुसोंधाि केंद्र कर नदया र्या।
उन्ह िों े िह्माों िीय नकरर् ों के अध्ययि के नलए इस सोंस्थाि िे तब से खुद क परमार्ु
समनपगत एक नवभार् की स्थापिा की, ज अिुसोंधाि के नलए एक सम्मानित सोंस्थाि के
उसे बड़ी पहिाि नदलाई। रूप में स्थानपत नकया है हालाों नक यह आज
मौजूद िहीों है ।आज मरुस्थलीय क्षेत्र ों में
अर्ुशम्भि के द्वारा उपजाऊ भूनम तैयार करिे
में ज सफलता हमिे िाप्त की, उसका श्रेय
िॉ॰ ह मी जहाों र्ीर भामा क है ।
45 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
46 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
पुस्तक मवमोचन का दृश्य(जल और आपका स्वास्थ्य" पुस्तक का लोकापवण करते मु ख्य अमतमथ, अध्यक्ष व
मवमशि अमतमथिण।)
(डॉ दया शंकर मत्रपाठी,,बी एच यू, वाराणसी द्वारा प्रस्तुत)
47 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
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48 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
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49 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
50 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
ढाल के रूप में कायग करता है। इसमें उपम्भस्थत उच्च बाजरा में कम काबगि और वाटर फुटनिोंट ह ते हैं (िावल
लौह तत्त्व भारत में मनहलाओों की िजिि अवस्था के के पौध ों क उर्ािे के नलये बाजरे की तुलिा में कम-से -
दौराि तथा नशशुओों में एिीनमया के उच्च िसार क कम 3 र्ुिा अनधक पािी की आवश्यकता ह ती है)।
र किे में सक्षम हैं। प षर् सुरक्षा के नलये र्हि बाजरा सोंवर्द्ग ि (INSIMP)
िूटेि मुि तथा कम िाइसेनमक इों िेक्स: बाजरा के माध्यम से पहल:
जीविशैली की समस्ाओों जैसे नक म टापा और मधुमेह न्यूितम समथगि मूल्य (एमएसपी) में वृम्भर्द्: सरकार िे
जैसी स्वास्थ्य िुिौनतय ों से निपटिे में मदद करता है बाजरा के न्यूितम समथगि मूल्य में वृम्भर्द् की है , ज
क् नों क वे िूटेि मुि ह ते हैं और उिका िाइसेनमक नकसाि ों के नलये एक बड़े मूल्य ि त्साहि के रूप में है ।
इों िेक्स कम ह ता है (खाद्य पदाथों में काबोहाइिर े ट की
इसके अलावा उपज के नलये म्भस्थर बाज़ार िदाि करिे
एक सापेक्ष रैं नकोंर् इस आधार पर ह ती है नक वे रि में
हेतु सरकार िे सावगजनिक नवतरर् िर्ाली में म टे
शकगरा के स्तर क नकस िकार िभानवत करती हैं )।
अिाज क शानमल नकया है ।
उन्नत उपज वाली फसल:बाजरा िकाश-सोंवेदी ह ता है
(फूल ों के नलये नवनशष्ट् िकाश काल की आवश्यकता इिपुट सहायता: सरकार िे नकसाि ों की सहायता हे तु
िहीों ह ती) तथा जलवायु पररवतगि के नलये सवेदिशील बीज नकट का िावधाि शुरू नकया है तथा नकसाि
भी है। बाजरा बहुत कम या नबिा नकसी बाहरी उत्पादक सोंर्ठि ों के माध्यम से मूल्य शोंखला का निमाग र्
रखरखाव के खराब नमट्टी में भी बढ़ सकता है । नकया है और बाजरा की नबक्री का समथगि नकया है।
भारत िे अोंतरागष्ट्रीय प षक अिाज वषग 2023 क 'जि
बाजरा पािी की कम खपत करता है तथा सूखे की आों द लि' बिािे के साथ-साथ भारत क 'वैनिक प षक अिाज
म्भस्थनत में अनसोंनित पररम्भस्थनतय ों में बहुत कम वषाग वाले हब (Global Hub for Millets)' के रूप में स्थानपत करिे के
क्षेत्र ों में भी बढ़िे में सक्षम ह ता है। दृनष्ट्क र् क साझा नकया है ।
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51 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
नवीन मत्रपाठी
पेटेंट (Patent) एक ऐसा कािूिी अनधकार है ज नकसी व्यम्भि या सोंस्था क नकसी नवशेष उत्पाद, ख ज, निजाइि, िनक्रया या
सेवा के ऊपर एकानधकार दे ता है . पेटेंट िाप्त करिे वाले व्यम्भि के अलावा यनद क ई और व्यम्भि या सोंस्था इिका उपय र् (नबिा
पेटेंट धारक की अिुमनत के) करता है त ऐसा करिा कािूिि अपराध मािा जाता है .
पेटेंट, बौम्भर्द्क सोंपदा (इों टेलेक्चुअल िॉपटी) अनधकार ों पे टें ट:
के िकार ों में से एक है । बहुत से ल र् बौम्भर्द्क सोंपदा
अनधकार ों की अवधारर्ा के बारे में अस्पष्ट् हैं। ज्यादातर पेटेंट एक अनधकार है ज नकसी व्यम्भि या सोंस्था क
ल र् यह मािते है नक आईपीआर अत्योंत र्ोंभीर नकसी नबल्कुल िई सेवा,तकिीकी, िनक्रया, उत्पाद या
अन्वेषक ों (इों वेंटर) के नलए आरनक्षत है जब वे ल र् ों क निज़ाइि के नलए िदाि नकया जाता है तानक क ई
इसकी ििाग करते हुए सुिते हैं। लेनकि यह असत्य है । उिकी िक़ल िहीों तैयार कर सके. दू सरे शब्द ों में पेटेंट
आप अपिे नदमार् से ज कुछ भी बिाते हैं वह आपका एक ऐसा कािूिी अनधकार है नजसके नमलिे के बाद
अनवष्कार है और बौम्भर्द्क सोंपदा है। ऐसे रििाकार के यनद क ई व्यम्भि या सोंस्था नकसी उत्पाद क ख जती या
कायों पर उिके स्वानमत्व के अनधकार ों क बौम्भर्द्क बिाती है त उस उत्पाद क बिािे का एकानधकार
सोंपदा अनधकार के रूप में जािा जाता है। यह नजतिा िाप्त कर लेती है .
आसाि लर्ता है उतिा ही मुम्भिल भी है। यनद पेटेंट धारक के अलावा क ई और व्यम्भि या सोंस्था
आईपीआर का दावा करिे के नलए, आपक कुछ इसी उत्पाद क बिाती है त यह र्ैरकािूिी ह र्ा और
क्राोंनतकारी आनवष्कार करिे की आवश्यकता िहीों है । यनद पेटेंट धारक िे इसके म्भखलाफ नशकायत दजग करा
बौम्भर्द्क सोंपदा कािूि बच्च ों द्वारा बिाई र्ई कला के दी त पेटेंट का उल्लोंघि करिे वाला कािूिी मुम्भिल में
सरल कायों क भी सुरनक्षत रखिे की अिुमनत दे ता है । पड़ जायेर्ा. लेनकि यनद क ई इस उत्पाद क बिािा
एक बौम्भर्द्क सोंपदा अनधकार एक अमूतग (इों टैंनजबल) िाहता है त उसे पेटेंट धारक व्यम्भि या सोंस्था से
अनधकार है। सामान्य सोंपनत्त की तरह, आपक भी इसकी अिुमनत लेिी ह और रॉयल्टी दे िी ह र्ी.
अपिी बौम्भर्द्क सोंपदा का अनधकार है । बौम्भर्द्क सोंपदा वतगमाि में नवि व्यापार सोंर्ठि िे पेटेंट लार्ू रहिे की
के मानलक क अनवष्कार से लाभ के अनधकार के नलए अवनध 20 वषग कर दी है ज नक पहले हर दे श में अलर्
एक नवशेष एकानधकार (म ि पॉली) नदया जाता है। आप अलर् ह ती थी.
तय कर सकते हैं नक इसे बेििा है या आरनक्षत रखिा
पेटेंट द िकार का ह ता है (Types of Patent)
है। केवल आप ही तय कर सकते हैं नक आपकी
बौम्भर्द्क सोंपदा का उपय र् करिे वाले नकस व्यम्भि क 1. उत्पाद पेटेंट (Product Patent)
सहमनत दे िी है या नकसक िहीों दे िी है। 2. िनक्रया पेटेंट (Process Patent)
भारतीय पेटेंट कायाग लय क पेटेंट, निज़ाइि और टर े ि 1. उत्पाद पेट्ेंट् (Product Patent): इसका मतलब
माकग (सीजीपीिीटीएम) के नियोंत्रक जिरल के कायाग लय यह है नक क ई व्यम्भि या सोंस्था नकसी उत्पाद की हूबहू
द्वारा िशानसत नकया जाता है . इसका मुख्यालय िकल का उत्पाद िही बिा सकती है अथागत द उत्पाद ों
क लकाता में है और यह वानर्ज्य और उद्य र् मोंत्रालय की निज़ाइि एक जैसी िही ह सकती है. यह अोंतर
के आदे शािुसार काम करता है. उत्पाद की पैनकोंर्,िाम, रों र्, आकार और स्वाद आनद
52 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
का ह ता है. यही कारर् है नक आपिे बाजार में बहुत पेटेंट पेटेंट अनधनियम 1970 और पेटेंट नियम 1972 द्वारा
िकार के टू थपेस्ट् दे खे ह र्ों े लेनकि उसमे से नकसी भी शानसत हैं।
द कम्पिी के उत्पाद एकदम एक जैसे िही दे खे ह र् ों े.
ऐसा उत्पाद पेटेंट के कारर् ही ह ता हैं . आनवष्कार ज पेटेंट कराया जा सकता है :
2. प्रमक्या पेट्ेंट् (Process Patent): इसका सोंबोंध • कला, िनक्रया, नवनध या निमागर् का तरीका
िई िौद्य नर्की से है. नकसी भी िई तकिीकी पर भी
पेटेंट नलया जा सकता है . इस िकार के पेटेंट का • मशीि, उपकरर् या अन्य लेख
मतलब यह ह ता है नकसी भी व्यम्भि या सोंस्था नकसी
• निमागर् द्वारा उत्पानदत पदाथग
उत्पाद क बिािे के नलए उसी िनक्रया/तकिीकी से
उत्पाद क िही बिा सकता नजस िनक्रया से नकसी • उद्य र् के नलए तकिीकी अिुिय र् के साथ कोंप्यूटर
उत्पाद क पहले ही नकसी कम्पिी द्वारा बिाया जा िुका सॉफ्टवेयर या हािग वेयर के साथ िय र् नकया जाता है
है. अथागत िनक्रया पेटेंट में नकसी उत्पाद क बिािे की
नवनध क ि री िही नकया जा सकता है . • खाद्य, रसायि, दवाओों और दवाओों के नलए उत्पाद
ित्येक दे श में पेटेंट कायाग लय ह ता हैं . अपिे उत्पाद या पेटेंट
तकिीकी पर पेटेंट लेिे के नलए पेटेंट कायाग लय में अजी
इसके नलए आपक कुछ िरर् ों का पालि करिे की
दें और साथ ही अपिी िई ख ज का ब्यौरा दें . उसके
आवश्यकता है (इि िरर् ों की नवस्तृत जािकारी ऊपर
बाद पेटेंट कायागलय उसकी जाोंि करे र्ा और अर्र वह
दी र्ई है और ये हैं:
उत्पाद या तकिीकी या नविार िया है त पेटेंट का
आदे श जारी कर दे र्ा. •पेटेंट / िवीिता अिुसोंधाि • पेटेंट आवेदि का
यहााँ पर यह बात जाििी बहुत जरूरी है नक नकसी िारूपर् • पेटेंट आवेदि दाम्भखल करिा
उत्पाद या सेवा के नलए नलया र्या पेटेंट नसफग उसी दे श
में लार्ू ह र्ा जहााँ पर इसका पेटेंट कराया र्या है . अर्र • पेटेंट दाम्भखल करिा • पेटेंट आवेदि का िकाशि •
अमरीका या नकसी और दे श में क ई व्यम्भि भारत में परीक्षा • जारी करिा परीक्षा की ररप टग • पेटेंट का
पेटेंट नकए उत्पाद या सेवा की िकल बिाएर्ा त उसमे अिुदाि
उलोंघि िहीों मािा जाता है. अर्र क ई उत्पाद या नवनध, िया और आनवष्कारशील
पेटेंट से सोंबोंनधत अनधनियम (इन्वेंनटव) द ि ों है , त इसे पेटेंट अनधनियम के तहत एक
आनवष्कार मािा जाएर्ा। सीधे शब्द ों में कहें त , िवीिता
• पेट्ेंट् अमधमनयम, 1970
का अथग, पेटेंट आवेदि की िाथनमकता नतनथ की तुलिा
• पेट्ेंट् (संशोधन) अमधमनयम, 1999
में कुछ भी िया ह िा है। यनद क ई िवािार “पूवग कला”
• पेट्ेंट् (संशोधन) अमधमनयम, 2002 ज नक पहले से मौजूद है , से अलर् ह ता है , त इसे
• पेट्ेंट् (संशोधन) अमधमनयम, 2005 अनद्वतीय के रूप में दे खा जाएर्ा। पूवग कला सोंदभों क
• पेट्ेंट् मनयम 2003 िवीिता नवश्लेषर् के नलए कभी भी एकत्र िहीों नकया
जाता है ; बम्भल्क, िवीिता का मूल्याोंकि हमेशा एक समय
• पेट्ेंट् (संशोधन) मनयम 2005
में एक नवशेष पूवग कला सोंदभग के आल क में नकया जाता
• पेट्ेंट् (संशोधन) मनयम 2006 है। हालाोंनक, कला के सामान्य ज्ञाि क शानमल करिे के
पेटेंट पोंजीकरर् की िनक्रया के बाद, नकसी व्यम्भि या नलए एक पूवग कला उर्द्रर् (साईटे शि) की व्याख्या की
फमग द्वारा नकए र्ए आनवष्कार के नलए बौम्भर्द्क सोंपदा जा सकती है नजसे सोंदभग में स्पष्ट् रूप से िहीों बताया र्या
अनधकार िाप्त ह ता है। यनद यह अनद्वतीय है, त सरकार है। निरीक्षर्, ित्याशा (एों टीनसपेशि), आपनत्त और
आपक आपके उत्पाद के नलए पूर्ग अनधकार िदाि निरसि (ररव केशि) से सोंबोंनधत कई वर्ों में िवीिता
करे र्ी। यह आपक उत्पाद या िनक्रया क बिािे , शानमल है लेनकि यह पेटेंट अनधनियम द्वारा पररभानषत
उपय र् करिे, बेििे या आयात करिे का पूरा अनधकार िहीों है।
दे ता है और दू सर ों क ऐसा करिे से र कता है। भारत में
53 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
बलराम मसंह
रासायभनक प्रौद्योभिकी विड,
िािा परमाणु अनु संधान केंद्र, मुं बई
सारांश : बढ़ते औद्योभिकीकरण और जलवायु पररवतडन के खतरे ने आने वाले दशकों में ऊजाड के अन्य स्वच्छ वैकल्पिक श्रोतों के भवकास को
महत्वपूणड बना भदया है । िभवष्यकाल में िारत की अप्रत्याभशत ऊजाड की आवश्यकता को ध्यान में रखकर और सीभमत यूरेभनयम साधन होने की
वजह से िारत ने भिचरणीय नाभिकीय ऊजाड कायडक्रम चु ना, भजसका उद्दे श्य िारत में प्रचुर मािा में उपल्पथित िोररयम का यिावत इथतेमाल
करना है । नाभिकीय ईंधन चक्र का अग्र िाि िारतीय नाभिकीय ऊजाड कायडक्रम के भलए भवशेष महत्व रखता है और िारतीय नाभिकीय
ररएक्टरों के भलए जरूरी ईंधन उपलब्ध कराता है । यह िारतीय भवज्ञान और तकनीक प्रिभत का ही नतीजा है भक यूरेभनयम अयथक के खनन से
लेकर ईंधन िुभटका बनाने और ररएक्टर को ईंधन उपलब्ध कराने के सिी चरणों के भलये िारत ने थवदे शी तकनीक भवकभसत करते हुए संयंि
लिाये हुए हैं । हमारे वतडमान कायड का उद्दे श्य िारत में नाभिकीय ईंधन चक्र के अग्र िाि के क्षेि में हुये भवकास और तकनीक प्रिभत को सामने
लाना है ।
प्रस्तावना
िारत भवश्व का तीसरा सबसे बर्ा भबजली उत्पादक एवं िारत में दु भनया का 1/3 िोररयम मौजूद है।
उपिोक्ता है। बढ़ते औद्योभिकीकरण, जनसंख्या व्रल्पि
और प्रभत व्यल्पक्त ऊजाड खपत को ध्यान में रखते हुये
िारत की उजाड आवश्यक्ता वतडमान 365 GW से बढकर
2050 तक 962 GW होने की सम्भावना है ।[1][7]
ऊजाड के पारं पररक श्रोतों के प्रयोि से पयाडवरण में
ग्रीनहाउस िैसों का उत्सजडन बढ रहा है और जलवायु
पर प्रभतकूल असर पर् रहा है। ऊजाड के नवीकणीय
श्रोतों की तकनीक पूणड रूप से भवकभसत नहीं हुयी है या
भिर उत्पादन महंिा है| अत: बढ़ती ऊजाड आवश्यकता
की पूती करने के भलये अन्य स्वच्छ वैकल्पिक श्रोतों के
भवकास पर ध्यान दे ने की खास जरुरत है। इसके भलये
नाभिकीय ऊजाड एक अच्छा भवकि है| वतडमान में
नाभिकीय ऊजाड की भहस्सेदारी िारत के कुल भबजली
उत्पादन में लििि 2% है । यह भहस्सेदारी 2050 तक
25% तक बढाने का महत्वाकां क्षी लक्ष्य िारत ने तय भचि-2: भिचरणीय नाभिकीय ऊजाड कायडक्रम
भकया है।[7][12] सीभमत यूरेभनयम साधन होने और िोररयम का यिावत
इस्तेमाल करने की वजह से िारत ने भिचरणीय
नाभिकीय ऊजाड कायड क्रम (INPP) को चुना है । 1950 के
दशक से होमी जहााँ िीर िािा का इस कायडक्रम को
मूतडरूप दे ने में भवशेष योिदान रहा । िोररयम के
उपयोि हेतु दू सरे और तीसरे चरण में सिलतापूवडक
जाने के भलये िारत को प्रिम चरण के ररयेक्टरों को
भचि-1: नाभिकीय ऊजाड की भहस्सेदारी लिाने और संचाभलत करने की जरूरत है । नाभिकीय
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वैज्ञानिक
ईंधन चक्र यूरेभनयम के खनन से लेकर ररएक्टर को ईंधन नाभिकीय ईंधन चक्र यूरेभनयम के खनन से लेकर
उपलब्ध कराने और िुक्तशेष ईंधन को पुन: प्रक्रमण ररएक्टर को ईंधन उपलब्ध कराने और िुक्तशेष ईंधन
करने जैसे चरणों को शाभमल करता है । नाभिकीय ऊजाड को पुन: प्रक्रमण करने जैसे चरणों को शाभमल करता है ।
कायडक्रम को साकार बनाने के भलए नाभिकीय ईंधन चक्र नाभिकीय ईंधन चक्र को तीन िािों में बांट सकते हैं-
का बहुत महत्व है । यूरेभनयम अयथक का खनन और अग्र िाि, ररयेक्टर पररचालन एवं पश्च िाि। नाभिकीय
भमभलंि, पररष्करण और रूपां तरण, संवधडन एवं ईंधन ईंधन चक्र यूरेभनयम अयथक के खनन और भमभलंि,
िुभटका का संभवरचन नाभिकीय ईंधन चक्र के अग्र िाि पररष्करण और रूपां तरण, संवधडन एवं ईंधन संभवरचन
हैं। जैसे महत्वपूणड चरणों को शाभमल करता है ।
भवभध: सन् 1964 में जब िारत में पहला नाभिकीय 1. भारत में यूरेभनयम के भंडार
ररएक्टर लिाया िया तब िारत नाभिकीय ईंधन के भलए िारत मे यूरेभनयम अयथक के िंर्ार मुख्यत: झारखंर् में
भवदे शी आयात पर भनिडर िा । लेभकन परमाणु ऊजाड भसंघिूम और आं ध्र प्रदे श में कर्प्पा बेभसन में प्राप्त होते
भविाि के अिक प्रयासों से दे शिर में कई जिह हैं। जादु िुर्ा में दे श का पहला यूरेभनयम अयथक का
यूरेभनयम अयथक के िंर्ार होने की पुभि हुई है । िंर्ार है इसकी खोज 1951 में की ियी िी। वतडमान में
िारत के पास 2,44,947 टन यूरेभनयम के िंर्ार हैं।[11]
िारत में दो तरह के यूरेभनयम अयथक के िंर्ार प्राप्त
हुये हैं -
i). भपचब्लेंर्/यूरेभननाइट, जादु िुर्ा, (U की मािा 0.07%)
ii). िोस्फेभटक भसभलभसयस कैल्साइभटक र्ोलोस्टोन
(PSCD), तुमलापल्ली (U की मािा 0.04-0.05%).[8]
2. यूरेभनयम अयस्क का खनन और भमभ ंग
िारत में यूरेभनयम अयथक की खदानों से खनन के भलये
आधुभनक तकनीकों का सहारा भलया जा रहा है। वतडमान
में झारखंर् में छ: (बािजाता, जादु िुर्ा, िाभटन,
नवाडपहर, तुराम्र्ीह, मोहुल्डीह) िूभमित खदानें संचाभलत
हैं। एक नयी िूभमित खदान तुमलापल्ली आं ध्रप्रदे श में
भचि-3: नाभिकीय ईंधन चक्र भवकभसत की ियी है।[2] खनन से प्राप्त यूरेभनयम
इनमें से जादु िुर्ा, तुरामर्ीह और तुमलापल्ली मुख्य अयथक का प्रक्रमण जादु िुर्ा और तुराम्र्ीह में ल्पथित
खनन एवं भमभलंि केन्द्र बन िये हैं। िारत ने तीनों चरण प्रक्रमण संयंि मे भकया जाता है। दोनों संयंि यूरेभनयम
के नाभिकीय ररएक्टरों के ईंधन संभवरचन के क्षेि में प्राल्पप्त के भलये एभसर् लीभचंि तकनीक का प्रयोि करते
महारत हाभसल कर हैदराबाद में स्वदे शी तकनीक हैं। एक और नया यूरेभनयम अयथक प्रक्रमण संयंि
भवकभसत कर नाभिकीय ईंधन संभवरचन के संयंि लिाये तुमलापल्ली आं ध्रप्रदे श में भनमाड णाधीन है। यह संयंि
हुये हैं। िभवष्य की ऊजाड जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यूरेभनयम प्राल्पप्त के भलये अल्काभल लीभचंि तकनीक का
इन संयंिों की उत्पादन क्षमता बढायी जा रही है। प्रयोि करता है ।[3] नये खदानों और संयंि से सम्बंभधत
भवस्तार िभतभवभधयां दे श के कई भहस्सों में लिातर चल
INPP के अंतिडत िारत में 22 नाभिकीय ररयेक्टर
रही हैं जैसे की- कनाड टक में िोिी, तेलंिाना में लम्बापुर
(PHWR, LWR, FBR) भबजली उत्पादन के भलये
और मेघालय में KPM । दे श में िभवष्य भक जरूरतों को
संचाभलत हैं।[10] इन ररयेक्टरों से कुल भबजली उत्पादन
ध्यान में रखते हुये यूरेभनयम प्राल्पप्त के भलये भितीय श्रोतों
6780 MWe है। सबसे बर्ी चुनौती मौजूदा और िभवष्य
जैसे भक मोनज़ाइट और िोस्फोररक एभसर्, पर िी
में योजनाबि तरीके से लिने वाले ररयेक्टरों को ईंधन
खोज चल रही है |[4]
आपुभतड करना है।
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प्राकृभतकसंसाधनों में व्याप्तऊजाड कोमानव-कल्याणके ऊजाड इत्याभद शाभमल हैं। औद्योभिक क्रांभत के बादऊजाड
भलए उपयोि में लाना भवज्ञान की सबसे बडी दे न रही है। के शल्पक्तशाली और प्रिावशाली स्रोत को खोजना एक
सृभिकेआरं िसे ही‘ऊजाड ’मानव-जीवनकीसबसे बडी अभनवायडताबनिया।
जरूरत रही है । मनुष्य ने जब सबसे पहले आि जलाना वतडमान समय में याभन भक आधुभनक िारत में इन सिी
सीखा, तब से शुरूआत हुई ऊजाड के प्रयोि की। उसके स्रोतों से ऊजाड का उत्पादन भकया जा रहा है। कुछ स्रोत
बादधीरे -धीरे हरक्षेिमें ऊजाड केमहत्वकोसमझािया। पयाड वरण भहतैषी हैं तो कुछ पयाड वरण को नुकसान िी
चाहे वो खेती-बाडी हो, यातायात के साधन हो, संचार के पहुाँ चा रहे हैं। इन सिी स्रोतों से ऊजाड के उत्पादन के
माध्यम हों, घरों में भवद् युतीय उपकरणों का प्रचालन हो, बावजूदिीहमदे शमेंभबजलीकीबढ़तीहुईमांिकोपूरा
भचभकत्साकाक्षेिहोइत्याभद।इनमेंसेहरक्षेिमेंऊजाड की करने में असमिड रहे हैं।ऐसील्पथिभतमें नाभिकीयभवद् युत
आवश्यकता ने भवश्व को इस मोड पर लाकर खडा कर काभवकल्पबखूबीउिरकरसामनेआताहै।
भदयाजह ं हमआजपहुाँ चे हैं।यहसबसंिवहुआभवज्ञान सन् 1950 में होमी िािा जी ने िारत में दीघड काभलक ऊजाड
की बदौलत ऊजाड के उत्पादन और उसके प्रयोि से। मैं सुरक्षा के भलए भि-चरणीय कायडक्रम की संकल्पना रखी।
समझता हाँ भक आज भबजली का उत्पादन सबसे बडी इस भिचरणीय कायडक्रम में
आवश्यकताहै , क्योंभकइसकेभबनासमूचाभवश्वअपाभहज पहला चरण है : दाभबत िारी पानी ररएक्टर (Pressurised
साप्रतीतहोताहै ।खेती-बाडीकीभसंचाईकेभलएपानीके Heavy Water Reactor)
पंपों, मोटरों आभद के भलए भबजली की जरूरत है। दू सरे चरण में : द्रु त प्रजनक ररएक्टर (Fast Breeder
यातायात के साधनों के भलए प्रयोि होने वाली बैटरी में Reactor)
ऊजाड की जरूरत है , इलेल्पक्टिकल रे लवे इं जनों में भबजली तीसरे चरण में : िोररयम आधाररत ररएक्टर (Thorium
कीजरूरतहै ।संचारकेमाध्यमोंजैसेटे लीिोन, मोबाइल based Reactors)
आभद के भलए ऊजाड की आवश्यकता है । घरों में सिी यभद आम-जनता की िाषा में इसे समझाना चाहें तो हम
प्रकारकेउपकरणों केभलएभबजलीकाआवश्यकताहै। यह कह सकते हैं भक पहले चरण में ईंधन के रूप में
भचल्पक्तसा के क्षेि में सिी तरह की मशीनों आभद के भलए प्राकृभतक यूरेभनयम का प्रयोि भकया जाता है और ऊष्मा
भबजलीकीजरूरतहै।कुलभमलाकरयहकहाजासकता केउत्पादनकेभलएररएक्टरमेंचेन-ररएक्शनकरायाजाता
है भक भवज्ञान के माध्यम से ऊजाड का उत्पादन ही इस है।उसउष्मासे वाष्पबनाकरटबा्रइनकोघुमायाजाता
भवषय‘प्राचीनऔरआधुभनकिारतमें भवज्ञानवऊजाड के है और भबजली का उत्पादन भकया जाता है , भबल्कुल वैसे
आयाम’कामूलकेंद्रहै। हीजैसाभकभकसीिीपरं पराितपिभतमेंभकयाजाताहै।
प्राचीन िारत में ईंधन के रूप में लकडी का प्रयोि होता परं तु यह ं अंतर यह है भक ररएक्टर प्रचालन के पश्चात
िा। लकडी को जला कर मानव अपनी रोजमराड की प्राकृभतक यूरेभनयम प्लूटोभनयम में पररवभतडत हो जाता है
जरूरतों, जैसे खाना-पकाना, पानी िरम करना, सदी से भजसे भितीयचरणयाभनभकद्रु तप्रजनकररएक्टरमें ईंधन
बचने केभलएऊष्मालेनाइत्याभदकोपूराकरतािा।यह केरूपमेंप्रयोिभकयाजाताहै।सािहीइसभितीयचरण
एकछोटे समूहयाछोटे समुदायकेभलएतोठीकहै , परं तु में िोररयम को िी चादर के रूप में ररएक्टर के अंदर
संपूणडमानवजातीकेभलएऊजाड कीपूभतडकेवललकडीके भबछायाजाताहै।पररणामथवरूपभितीयचरणमें भबजली
ईंधन से नहीं हो सकती िी। इसभलए मनुष्य ने ऊजाड के के उत्पादन के साि-साि िुक्त-शेष के रूप में पुन:
अन्य भवकल्पों को खोजना शुरू भकया। इन खोजों के प्लूटोभनयम और यूरेभनयम 233 का उत्पादन होता है।
पररणामथवरूप ऊजाड के कई स्रोत और भवकल्प सामने उत्पन्न प्लूटोभनयम को भिर से भितीय चरण के ईंधन के
आए भजनमें तेल, कोयला, पवन ऊजाड , सौर ऊजाड , जल रूप में इथतेमाल भकया जाता है और यूरेभनयम 233 को
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वैज्ञानिक
तृतीयचरणमें ईंधनकेरूपमें इथतेमालभकयाजाताहै । भवभकरण की मािा को हमारी भनयामक एजेंसी परमाणु
इसप्रकारएकचरणमें प्रयुक्तईंधनअिले चरणकेभलए ऊजाड भनयामकपररषद(AERB) िाराभवभनभदड ष्टमािासे
ईंधन का उत्पादन करता है। 1954 में परमाणु ऊजाड (कािी कम रखा जाता है। साि ही एनपीसीआईएल के
भविािऔरभिर1958में परमाणु ऊजाड आयोिकेिठन प्रत्येक संयंि पर एक पयाड वरणीय सवेक्षण प्रयोिशाला है
के पश्चात िारत सरकार ने इस भिचरणीय कायडक्रम का जो आस-पास के जीव-जंतुओ,ं वनथपभतयों तिा
कायाड न्वयन आरं ि कर भदया। हमारे दे श की भबजली की पयाड वरणीय तत्वों में भवभकरणसभक्रयता के थतर की ज ं च
मां ि को पूरा करने के भलए यह जरूरी है भक हम सिी करती रहती है ताभक पयाडवरण की संरक्षा सुभनल्पश्चत हो
स्रोतों के भमश्रण से यिासंिव भबजली का उत्पादन करें । सके। हमारे सिी आं कडे इस बात की पुभि करते हैंभक
इसका कारण यह है भक हमारा दे श ऊजाड के परं पराित प्राकृभतक रूप से भमलने वाले पृष्ठिूभमक भवभकरण की
संसाधनों से िरा-पूरानहीं है।सािहीदे शमें िोररयमके तुलनामेंनाभिकीयभवद् युतसंयंिसेभमलनेवालाभवभकरण
िंर्ारप्रचुरमािामें है।अत:दे शमें भवद् युतउत्पादनके निण्य है याभन न के बराबर है। साि ही टाटा मेमोररयल
अन्यस्रोतोंकेपूरककेरूपमेंनाभिकीयभवद् युतउत्पादन केंद्र, मुंबईिारानाभिकीयभवद् युतसंयंिोंकेकमडचाररयोंव
का कायड आरं ि भकया िया। नाभिकीय ऊजाड दे श को उनकेपररवारकेसदथयों परभकएिएथवाथ्यसवेक्षणने
दीघड-काभलकऊजाड सुरक्षादे नेमेंसक्षमहै।इसकेअलावा, िीइसबातकीपुभिकीहै भककायडरतकाभमडकों वउनके
इस माध्यम से भबजली का उत्पादन पयाडवरण को कोई पररजनों में कोई अपसामान्यता या थवाथ्य संबंभध कोई
नुकसान नहीं पहुाँचाता, क्योंभक नाभिकीय भवद् युत के महत्वपूणडदोषनहींपायाियाहै ।
उत्पादनमें ग्रीनहाउसिैसों जैसे काबडनर्ाइऑक्साइर्का इन सबके अभतररक्त एनपीसीआईएल अपने सिी
उत्सजडननहीं होता।इन्हीं सबपहलुओं कोध्यानमें रखते नाभिकीय भवद् युत संयंिों में उच्चतम दजे की संरक्षा का
हुए 17 भसतंबर, 1987 को न्यूल्पियर पावर क पोरे शन अनुपालन करता है , भजसकी बहु-थतरीय समीक्षा परमाणु
ऑि इं भर्या भलभमटे र् की थिापना की िई और इसे ऊजाड भनयामक पररषद िारा की जाती है । साि ही,
नाभिकीय भवद् युत के उत्पादन की भजम्मेदारी दी िई। नाभिकीय भवद् युत संयंिों के भनमाडण और प्रचालन के
दे शिर में एनपीसीआईएल के कुल 21 ररएक्टर दौरान कई तरह के संरक्षा अवरोध बनाए जाते हैं और
प्रचालनरत हैं भजनकी क्षमता 5780 मेिावाट है। साि ही संरक्षाकेअंतरराष्टि ीयमानकों कापूणड अनुपालनकरयह
1000मेिावाटक्षमतावालीकुर्नकुलमकीदू सरीइकाई सुभनल्पश्चतभकयाजाताहै भकदु घडटनाकीसंिावनाएं अत्यंत
को भग्रर् से जोड भदया िया है , शीघ्र ही उसे वाभणल्पिक क्षीण या न के बराबर हों। इसके पश्चात िी, यभद भकसी
घोभषत कर भदया जाएिा। वतडमान में हमारे दे श में कुल आकल्पिक ल्पथिभत में कोई छोटी-मोटी घटना होती िी है
भवद् युतउत्पादनमेंन्यूल्पियरभवद् युतकायोिदान3%के तोऐसीभकसीिीआपातकालीनपररल्पथिभतसे भनपटने के
लिििहै ।क्षमतामेंतीव्रवृल्पिकेभलएभवदे शीसहयोिसे भलए सुव्यवल्पथित योजनाएं और प्रभक्रयाएं तैयार रहती हैं
साधारण जल ररएक्टर ( light water reactor) िी भजनकीसमय-समयपरररहसडलकीजातीहै।
थिाभपतभकएजारहे हैं।नाभिकीयभवद् युतकेमाध्यमसे संरक्षासंबंधीइतनीसारीसावधाभनयों कोबरतते हुएऔर
वतडमानमें बहुतअल्पयोिदानकाकारणरहाहै भवदे शी इसबातकेमहत्वकोसमझते हुएभकनाभिकीयभवद् युत
दबाव, जोपोखरण-1केपरीक्षणकेबाद1974से 2008 पयाडवरणभहतैषीहै , मैंयहमानताहाँ भकनाभिकीयभवद् युत
तक हमारे दे श पर बना रहा। इस दौरान नाभिकीय हीवतडमानसमयकीम ं िहै।िारतकीऊजाड समथयाको
भवद् युतउत्पादनकीसंपूणडप्रौद्योभिकीकोअपनेहीदे शमें एक दीघडकाभलक समाधान दे ने की क्षमता नाभिकीय
भवकभसतकरनाएकबहुतबडीचुनौतीिी।सािही, ईंधन भवद् युतमेंहै।
कीअनुपलब्धतािीएकबहुतबडाअवरोधरहीहै।इसके (पररषद के भोपाल संिोष्ठी2016 से साभार)
अलावा जन-मानस की भ्ांभतयों और िय की बदौलतिी
नाभिकीयभवद् युतउत्पादनकेकायाड न्वयनमें समयलिता
है। जन-मानस की भ्ां भतयों को दू र करने के भलए
एनपीसीआईएल ने कई जन-जािरूकता व जन-संपकड
कायडक्रम आयोभजत भकए हैं और वतडमान में िी कर रहा
है।इनकायडक्रमों से आम-जनताकेलोिों कोयहबताया
जाता है भक नाभिकीय भवद् युत संयंिों से भनकलने वाले
58 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
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59 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
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अोंतराग ष्ट्रीय य र् नदवस ित्येक वषग 21 जूि क मिाया जाता है । मिाया जािे वाला अोंतरागष्ट्रीय य र् नदवस िािीि भारतीय कला
िधाि मोंत्री िरें द्र म दी िे ही इस नदि क अोंतरराष्ट्रीय य र् के नलए एक अिुिाि है । हमारे दै निक जीवि में य र् क जन्म
नदवस के रूप में मिािे का िस्ताव नदया था। य र् का अभ्यास दे िे से हमारे जीवि में सकारात्मक पररवतगि आ सकता है ।
एक बेहतर इों साि बििे के साथ एक तेज नदमार्, स्वस्थ नदल यह हमारे तिावपूर्ग जीवि के नलए एक बड़ी राहत िदाि
और एक सुकूि भरे शरीर क पािे के तरीक ों में से एक है । करता है । इस नदि दे श के नवनभन्न नहस्स ों में कई बड़े और
य र् अपिे अद् भुत स्वास्थ्य लाभ ों के नलए जािा जाता है। छ टे य र् नशनवर भी आय नजत नकए र्ए थे। इस पनवत्र कला
अोंतराग ष्ट्रीय य र् नदवस 2015 में आरों भ ह िे के बाद, हर साल का अभ्यास करिे के नलए ल र् ों िे बड़ी सोंख्या में इि नशनवर ों
21 जूि क मिाया जाता है । यह हमारे जीवि में इस िािीि में नहस्सा नलया। ि नसफग भारत में बम्भल्क इस तरह के नशनवर ों
भारतीय कला क अिम ल करिे के महत्व पर बल दे िे का का आय जि दु निया के अन्य नहस्स ों में भी नकया र्या और
एक महाि ियास है । य र्, मि, शरीर और आत्मा की एकता ल र् ों िे बड़े उत्साह से इिमें भार् नलया। तब से अोंतराग ष्ट्रीय
क सक्षम बिाता है । य र् के नवनभन्न रूप ों से हमारे शारीररक य र् नदवस हर साल बहुत उत्साह से मिाया जाता है ।आपकी
और मािनसक स्वास्थ्य क अलर्-अलर् तरीक ों से लाभ िनतरक्षा िर्ाली क मजबूत रखिे के िमुख तरीक ों में से एक
नमलता है । अोंतरागष्ट्रीय य र् नदवस क इस अिूठी कला का सकारात्मक रूप से स ििा है। जब आप य र् करते हैं , तभी
आिोंद लेिे के नलए मिाया जाता है । आपकी इम्प्यूनिटी ज्यादा बेहतर तरीके से काम करती है और
आप बेहतर तरीके से बीमाररय ों से लड़ पाते हैं । यह हम िहीों
य र् की कला का जश् मिािे के नलए एक नवशेष नदि की
साइों स कह रहा है । केंटकी नविनवद्यालय द्वारा सोंयुि राज्य
स्थापिा का नविार िधािमोंत्री श्री िरें द्र म दी िे िस्तानवत नकया
अमेररका में नकए र्ए 30 वषों में 300 अध्ययि ों के मेटा-
था। इस पहल के माध्यम से भारतीय िधाि मोंत्री हमारे पूवगज ों
नवश्लेषर्, पाया र्या नक िकारात्मक स ि शरीर की िनतरक्षा
द्वारा नदए र्ए इस अि खे उपहार क िकाश में लािा िाहते
कायगिर्ाली में पररवतगि करती है । दू सरी तरफ सकारात्मक
थे। उन्ह ि
ों े नसतोंबर 2014 में सोंयुि राष्ट्र महासभा (यूएिजीए)
स ि शरीर की िनतरक्षा क बढ़ावा दे िे में मदद करती है ।
में अपिे भाषर् के दौराि इस सुझाव का िस्ताव नदया था।
अपिे सोंयुि राष्ट्र के सोंब धि में उन्ह ि
ों े यह भी सुझाव नदया था
नक य र् नदवस 21 जूि क मिाया जािा िानहए क् नों क यह
वषग का सबसे लोंबा नदि है । यूएिजीए के सदस् ों िे म दी द्वारा
नदए र्ए िस्ताव पर नविार-नवमशग नकया और जल्द ही इसके
नलए सकारात्मक मोंजूरी दे दी। 21 जूि 2015 का नदि पहले
अोंतराग ष्ट्रीय य र् नदवस के रूप में मिाया र्या। इस नदि भारत
में एक भव्य कायगक्रम आय नजत नकया र्या था। भारत के
िधाि मोंत्री श्री म दी और कई अन्य राजिीनतक िेताओों िे
राजपथ पर उत्साह के साथ यह नदि मिाया। 21 जूि क
60 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
पृथ्वी मवज्ञान : भूवैज्ञानिक ों के अिुसार लर्भर् ५०० भारत सरकार के अधीि पृथ्वी नवज्ञाि मोंत्रालय
कर ड़ वषग पूवग धूल औरर्ैस के नवशाल, अिवरत, (MoES) क मौसम, जलवायु, समुद्र और तटीय
िक्राकार घूते हुए बादल से सौर मोंिलका जन्म हुआ है। दशा, जल नवज्ञाि, भूकोंप नवज्ञाि और िाकृनतक
इस नवशाल बादल का अनधकाोंश पदाथग केन्द्र में एकनत्रत सोंकट ों के नलए सेवाएों िदाि करिे; दे श के नलए
ह कर नपन्ड बििे लर्ा नजससे अोंततः सूयग निनमगत हुआ धारर्ीय तरीके से समुद्री सजीव और निजीव सोंसाधि ों
की ख ज करिेएवों उिका द हि करिे तथा पृथ्वी के
और इस केन्द्र नवन्दु की पररक्रमा करते हुए शेष बादल
तीि ों ध्रुव ों (आकगनटक, अोंटाकगनटक
समूह नवनभन्न कक्षाओों में अलर् अलर् केम्भन्द्रत ह िे लर्े
और नहमालय) का अन्वेषर् करिे के नलए अनधदे श
ज अपिी धुरीपर त िक्राकार घू ही रहे थे वरि वह केन्द्र
नदया र्या है ।
नवन्दु की भी पररक्रमा कर रहे थे। यह ग्रह कहलाये । पृथ्वी नवज्ञाि मोंत्रालय पहले महासार्र नवकास नवभार्
अपिी पृथ्वी भी एक ग्रह है ज लर्भर् ४६० कर ड़ वषग (DOD) था, नजसे जुलाई 1981 में भारत के
पूवग आर् का एक र् ला मात्र थी नजसकी वाह्य सतह शिैः िधािमोंत्री के िभार में सीधे मोंनत्रमोंिल सनिवालय के
शिैः ठों िी ह िे लर्ी और कालान्तर में उसकी वाह्य पपगटी एक भार् के रूप में बिाया र्या था। मािग 1982 में
ठ स धरातल बि र्ई परों तु तब यह निजगि जल-हीि थी। यह एक अलर् नवभार् के रूप में अम्भस्तत्व में आया।
जब पृथ्वी के वायुोंिल का तापक्रम ७०५ फारे िहाइट से पहले महासार्र नवकास नवभार् िे दे श में समुद्री
िीिे आिा िारि हुआ तब इसके वायुण्डल की वाष्प नवकास र्नतनवनधय ों के आय जि, समन्वय और इन्हें
द्रवीभूत ह िे लर्ी और जलवृनष्ट् हुई। यह जल पृथ्वी के बढ़ावा दे िे के नलए एक ि िल सोंस्थाि के रूप में
निम्न भार् ों में एकनत्रत ह िे लर्ा और इस िकार सार्र ों कायग नकया। भारत सरकार िे महासार्र नवकास
का िादु भागव हुआ।लेटनववतगनिकी के अोंतर्गत इस पृथ्वी नवभार् क फरवरी 2006 में महासार्र नवकास
मोंत्रालय के रूप में अनधसूनित नकया।
का धरातल अतीत में बहुत पररवनतगत ह ता रहा है नजसके
फल स्वरूप महाद्वीप ों का आज ज आधुनिक नवतरर् है
वह पहले िहीों था। पवगत श्रृोंखलाए भी उि लेट ों की
र्नतशीलता का ही िनतफल है ।
पृथ्वी मवज्ञान का अध्ययि भूवैज्ञानिक तथा
भूभौनतनकवद् के नलये एक खास औजार नसर्द् हुआ है।
१९७४-१९८० के समय भूरसायि के िसार में बहुत बड़ा
उछाल आया। नजसके मुख्य कारर् थे : (१)
अवधारर्ात्मक िर्नत (कन्सेप्िुअल एिवाोंसमेन्ट), (२)
उन्नत नवश्लेषर्ात्मक उपकरर् तथा (३) िनशक्षर् िाप्त
ल र् ों की उपलिता। क्षेत्रीय भूरसायनिक िय र्शालायें
अब उच्चस्तरीय ह र्ई हैं और वह सूक्ष्म सोंसाधि
आधाररत उपकरर् से सुर्नठत हैं। यह िय र्शालायें
बड़ी सोंख्या में नवनभन्न िमूि ों के समूह का नवश्लेषर् तथा जुलाई 2006 में, भारत सरकार द्वारा राष्टरपनत
परीक्षर् करिे में सक्षम हैं । इिके द्वारा उत्पन्न आाँ कड़े की अनधसूििा के माध्यम से महासार्र नवकास
स्वीकायग स्तर के (एकसेप्टेबल मैर्िीच्यूि) एवों नियोंत्रर् मोंत्रालय का िए पृथ्वी नवज्ञाि मोंत्रालय (MoES)
य ग्य ह ते हैं। में पुिर्गठि नकया र्या था। इससे भारतीय मौसम
नवज्ञाि नवभार् (IMD), नदल्ली, भारतीय
61 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
62 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
63 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
64 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
65 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
66 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
एिआरिीसी (NRDC), नवज्ञाि और िौद्य नर्की मोंत्रालय, तकिीकी जािकाररय ों के व्यापारीकरर् के नलए
भारत सरकार के अोंतर्गत वैज्ञानिक और औद्य नर्क औपिाररक व्यवस्था की है और अब इसे िौद्य नर्की के
अिुसोंधाि नवभार् का एक ल क उद्यम है। यह नवनभन्न नवस्तृत क्षेत्र के बड़े भोंिार के रूप में जािा जाता है।
राष्ट्रीय अिुसोंधाि एवों नवकास सोंस्थाि ों से निकलिे वाली िौद्य नर्की के इस क्षेत्र का नवस्तार उद्य र् के लर्भर्
िौद्य नर्नकय ों के नवकास, सोंवधगि और हस्ताोंतरर् में सभी क्षेत्र ों में है जैसे कृनष और कृनष सोंसाधि, कीटिाशक
कायगरत है। राष्ट्रीय अिुसोंधाि नवकास निर्म (NRDC) समेत रसायि, दवाइयाों और फामागस्ूनटकल्स, जैव
की स्थापिा 1953 में भारत सरकार द्वारा की र्ई थी। िौद्य नर्की, धातु नवज्ञाि, इलेक्टरॉनिक्स और इों स्ट्ूमेंटेशि,
निमागर् सामग्री, याों नत्रकी, इलेक्टरीकल और इलेक्टरॉनिक्स
राष्ट्रीय अिुसोंधाि नवकास निर्म (NRDC) का िाथनमक
आनद। इसिे 4800 से ज्यादा उद्यनमय ों क स्वदे शी
उद्दे श्य नवनभन्न राष्ट्रीय अिुसोंधाि एवों नवकास सोंस्थाि ों /
िौद्य नर्नकय ों के लाइसेंस नदए हैं और बड़ी सोंख्या में छ टे
नविनवद्यालय ों से निकलिे वाली िौद्य नर्नकय ों /
व मध्यम आकार के उद्य र् ों की स्थापिा करिे में
जािकाररय ों / आनवष्कार ों / पेटेंट / िनक्रयाओों क
सहायता िदाि की है।
बढ़ावा दे िा, नवकनसत करिा और व्यावसायीकरर्
करिा है।
67 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
एिआरिीसी िे िौद्य नर्की और सेवाओों का नवकनसत 30/12/22 क आजादी का अमृत मह त्स पर राष्ट्रीय
और नवकासशील द ि ों तरह के दे श ों क सफलतापूवगक अिुसोंधाि नवकास निर्म (NRDC) मुख्यालय में
नियागत भी नकया है। एिआरिीसी नवकासशील दे श ों के "इिक्ूबेशि सेंटर" का उद् घाटि नकया
नलए िौद्य नर्की, नविसिीय मशीि ों और सेवाओों के स्र त
के रूप में नवशेष रूप से मान्यता िाप्त है।
68 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
एिआरिीसी की स्थापिा के बाद से नदल्ली में मुख्यालय कम ि र (सेवानिवृत्त) अनमत रस्त र्ी िे मोंत्री के समक्ष
का दौरा कर रहे थे। अपिी िस्तुनत में बताया नक यूिीफ र, एक भारतीय
यूनिकॉिग और द लीिर इि कन्वसेशिल एआई एों ि
िॉ नजतेंद्र नसोंह क यह जािकर खुशी हुई नक 15 अर्स्त,
ऑट मेशि िे 2008 में एिआरिीसी से 30 लाख रुपये
2015 क लाल नकले की िािीर से िधािमोंत्री िरें द्र म दी
का अिुदाि और िौद्य नर्की सहायता िाप्त की। श्री
की 'स्ट्ाटग अप इों निया, स्ट्ैं ि-अप इों निया' की घ षर्ा के
रस्त र्ी िे िॉ. नजतेंद्र नसोंह से वादा नकया नक वह और
बाद, एिआरिीसी िे खुद क राष्ट्रीय स्तर का एकमात्र
उिकी टीम निर्म क िौद्य नर्की हस्ताों तरर् के नलए
पीएसयू बििे के नलए नफर से उन्मुख नकया था। ज दु निया के सवगश्रेि और अग्रर्ी सोंर्ठि बिािे के नलए
सावगजनिक नवत्तप नषत अिुसोंधाि सोंस्थाि ों कड़ी मेहित करे र्ी। एिआरिीसी िे स्ट्ाटग -अि क
(पीएफआरआई) द्वारा नवकनसत िय र्शाला पैमािे की
इिक्ूबेट करिे के नलए सुनवधाओों का निमाग र् नकया है
िौद्य नर्नकय ों क उद्य र् तक ले जािे के नलए अपिी और स्ट्ाटग -अि क फोंनिों र्, सलाह, आईपी सहायता
सेवाएों िदाि कर रहा है।
और अन्य सोंबर्द् सेवाओों के मामले में सहायता िदाि
िॉ. नजतेंद्र नसोंह िे बताया नक निर्म अपिी नवनभन्न करिे के नलए लाभकारी य जिाओों क भी बढ़ावा दे रहा
र्नतनवनधय ों जैसे स्ट्ाटग अि क आईपी फाइनलोंर् सप टग , है। नपछले एक साल में निर्म िे तीि इन्क्ूबेशि सेंटर
एिआरिीसी मुख्यालय, सीएसआईआर-एिएएल और और एक आउटरीि सेंटर स्थानपत नकया है। उत्तर पूवग में
सीएसआईआर-आईएमएमटी में अपिे इिक्ूबेटर ों के स्ट्ाटग -अप क बढ़ावा दे िे के नलए जिवरी 2023 में
माध्यम से स्ट्ाटग -अि के प षर् के नलए इिक्ूबेशि र्ुवाहाटी में एक अन्य आउटरीि केंद्र के उद् घाटि की
सप टग , िौद्य नर्की नवकास जैसी नवनभन्न र्नतनवनधय ों के य जिा है। अब तक आईपी फाइनलोंर्, इन्क्ूबेशि और
माध्यम से स्ट्ाटग -अि क सहायता िदाि कर रहा है। स्ट्ाटग -अप पोंजीकरर् के सोंबोंध में 10,000 स्ट्ाटग -अि क
फोंि, िारों नभक िरर् के स्ट्ाटग -अप के नलए सीि फोंनिों र्, समथगि िाप्त हुआ है। एिआरिीसी िे असैनिक उपय र्
स्ट्ाटग -अप क मान्यता दे िे के नलए िपीट (DPIIT) के साथ के नलए रक्षा और परमार्ु िौद्य नर्नकय ों के क्षेत्र में आर्े
जुड़ाव और अोंत में स्ट्ाटग -अप की सलाह और निर्रािी कदम बढ़ाया है।
के नलए आईओसीएल (IOCL) के साथ जुड़ाव। िॉ नजतेंद्र मेि-इि-इों निया का समथगि करिे के उद्दे श्य से,
नसोंह िे टीम एिआरिीसी से राष्ट्रीय स्तर की सुनवधा NRDC िे भारतीय िौद्य नर्नकय ों के नलए नवि बाजार की
स्थानपत करिे के नलए एक सोंपूर्ग दृनष्ट्क र् अपिािे का ख ज के नलए USPTO, AARDO आनद के साथ नवदे शी
आग्रह नकया, ज दे श के बढ़ते स्ट्ाटग -अप पाररम्भस्थनतकी सहय र् स्थानपत नकया है। इसके अलावा, NRDC R&D
तोंत्र की सभी जरूरत ों के नलए एक-स्ट्ॉप समाधाि िदाि सोंस्थाि और उद्य र् के बीि एक उत्प्रेरक सानबत ह रहा
करे । उन्ह ि ों े कहा, इसमें टीआरएल मूल्याोंकि, आईपी है और नपछले पाोंि वषों में 220 R&D सोंस्थाि और
एक्सिेंज, निजाइि म्भिनिक, मॉिल इन्क्ूबेशि सुनवधा नविनवद्यालय ों के साथ समझौता ज्ञापि पर हस्ताक्षर नकए
आनद जैसी सुनवधाएों ह िी िानहए। एनशयाई दे श ,ों मोंत्री िे हैं। एिआरिीसी िे भी अपिी साख सानबत की है और
कहा, भारतीय िौद्य नर्नकय ों के नलए नवि बाजार ख जिे इसकी नवजार् इकाई क 2021 में "सवगश्रेि िौद्य नर्की"
के नलए, एिआरिीसी क नवशेष रूप से अफ्रीकी और और "इि वेशि सप टग सेंटर" से सम्मानित नकया र्या।
स्प क मॉिल के माध्यम से िौद्य नर्की हस्ताोंतरर् सेवाएों स्ट्ाटग अि क वि स्ट्ॉप शॉप िदाि करिे के नलए राष्ट्रीय
िदाि करिे का लक्ष्य रखिा िानहए। िॉ. नजतेंद्र नसोंह िे िौद्य नर्की हस्ताोंतरर् सोंर्ठि स्थानपत करिे के उद्दे श्य
कहा, िीएसआईआर के तहत पीएसयू के रूप में, से और अोंतराग ष्ट्रीय की स्थापिा के साथ नवपर्ि िभार्,
एिआरिीसी िौद्य नर्की मूल्याोंकि, बुनियादी एिआरिीसी भनवष् में बड़े पैमािे पर वृम्भर्द् के नलए
इों जीनियररों र्, बाजार सवेक्षर् आनद जैसी नवनभन्न तैयार है ।
मूल्यवधगि र्नतनवनधय ों के माध्यम से आईपीआर हानसल
करिे और अिुवाद करिे पर ध्याि केंनद्रत कर रहा है (संकलन: श्री नवीन मत्रपाठी, व्यवस्थापक, वैज्ञामनक)
और भारत क सही मायिे में "आत्मनिभगर" बिािे के
नलए अपिा य र्दाि दे रहा है।
69 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
प्रकाश कश्यप
70 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
71 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
अर्र यह क सेज करिा िाहते हैं त उिके नलए नलए छात्र ों क काफी कोंपटीशि भी फेस करिा
भी आईआईटी रुड़की एक बेहतर नवकल्प सानबत पड़ता है त अर्र आप आईआईटी रुड़की की
ह र्ा। एिनमशि ि सेस के बारे में जाििा िाहते हैं त
नकसी भी यूनिवनसगटी की पूरी जािकारी लेिे के बता दे नक आईआईटी रुड़की में जािे के
नलए यह जरूरी ह ता है नक आप उस यूनिवनसगटी नलएआपक अपिे क र से सोंबोंनधत एों टर ें स एग्जाम
की फीस के बारे में भी जाि ले त ऐसे में दे कर उसमें अच्छा स्क र करिा पड़ता है।
अर्र आप आईआईटी रुड़की के बारे में जाििे
में रुनि रखते ह त आपक इसकी फीस के
बारे में भी पता ह िा िानहए यािी नक आपक
पता ह िा िानहए नक आईआईटी रुड़की में आप
की नकतिी फीस लर्िे वाली है। ऐसे में अर्र
आप आईआईटी रुड़की की फीस स्ट्र क्चर के बारे
में िहीों जािते और यह जाििा िाहते हैं नक
आईआईटी रुड़की में नकतिी फीस लर्ती है त
जािकारी के नलए बता दें नक आई िी रुड़की में
काफी सारे क सेज करवाए जाते हैं और उि सभी
की फीस अलर् अलर् ह सकती है। आईआईटी
रुड़की की फीस अलर् अलर् क सेजके अिुसार
21,500 रुपये िनतवषग से लेकर 4.16 लाख
रुपये िनतवषग भी है ।
एिनमशि: उत्तराखोंि के रुड़की शहर में म्भस्थत
आईआईटी रुड़की वतगमाि समय में दे श में मौजूद
23 आईआईटी इसमें से सबसे आर्े आिे वाले
आईआईटी की नलस्ट् में शानमल ह ता है और यह
आज के समय में ि केवल भारत में बम्भल्क पूरी
दु निया में सबसे उच्च स्तरीय नशक्षर् सोंस्थाि ों में से
एक मािा जाता है जहाों से इों जीनियररों र् आनद
क सेज करिे के बाद छात्रा अपिे कररयर में
काफी आर्े बढ़ते हैं। आईआईटी रुड़की में जाकर
पढ़ाई करिा काफी सारे छात्र ों का सपिा है और
यही कारर् है नक आईआईटी रुड़की में जािे के
72 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
आज़ादी के बाद से अब तक भारत िे अोंतररक्ष का सफर स्थापिा की। इसी कड़ी में भारत सरकार िे जूि 1972 में
शािदार तरीके से तय नकया है । साइनकल व बैलर्ाड़ी से अोंतररक्ष आय र् का र्ठि नकया और अोंतररक्ष नवभार्
शुरू हुई हमारी अोंतररक्ष यात्रा मोंर्ल और िााँ द तक पहुाँ ि (DOS) की स्थापिा की। नसतोंबर 1972 में इसर क
र्ई है। आज भारत मािव क अोंतररक्ष में भेजिे की अोंतररक्ष नवभार् के अोंतर्गत कर नदया र्या।
तैयारी कर रहा है । लेनकि यह यात्रा इतिी आसाि िहीों
भारत में आधुनिक अोंतररक्ष कायगक्रम के जिक कहे जािे
थी। साल 1947 में जब दे श आज़ाद हुआ, तब म्भस्थनत
वाले साराभाई का माििा था नक अोंतररक्ष के सोंसाधि ों से
इतिी करुर् थी नक हमारे पास खािे के नलये पयागप्त
मिुष् व समाज की वास्तनवक समस्ाओों का समाधाि
अिाज भी िहीों था, अोंतररक्ष की कल्पिा करिा त बहुत
नकया जा सकता है। उन्ह ि ों े भारतीय अोंतररक्ष कायग क्रम
दू र की बात थी। लेनकि हम साहस के साथ सभी
का िेतृत्व करिे के नलये दे श के सक्षम व उत्कृष्ट
िुिौनतय ों क स्वीकार कर आर्े बढ़ते रहे । अोंतत: साल
वैज्ञानिक ,ों मािवनवज्ञानिय ,ों समाजनवज्ञानिय ों और
1962 में वह घड़ी आई जब भारत िे अोंतररक्ष का सफर
नविारक ों के एक दल का र्ठि नकया था।
करिे का फैसला नकया और दे श के पहले िधािमोंत्री
पोंनित जवाहर लाल िेहरू िे भारतीय राष्ट्रीय अोंतररक्ष आयवभट्ट' से 'चंद्रयान' तक की मवकास यात्रा
अिुसोंधाि सनमनत (INCOSPAR) की स्थापिा की। साल
शुरुआती नदि ों से ही इसर िे अपिी य जिाओों पर अच्छी
1969 में इस इन्क स्पार िे 'भारतीय अोंतररक्ष अिुसोंधाि तरह से काम नकया। इसर िे अपिी सूिी में सोंिार तथा
सोंर्ठि' (ISRO) का रूप धारर् कर नलया। वतगमाि में सुदूर सोंवेदि के नलये उपग्रह, अोंतररक्ष पररवहि िर्ाली
इसर दु निया की 6 सबसे बड़ी अोंतररक्ष एजेंनसय ों में से तथा अिुिय र् कायगक्रम जैसे क्षेत्र ों क शानमल नकया।
एक है। त िनलये जािते हैं नक आम्भखर इसर िे दु निया इतिा ही िहीों, इस बात क नसर्द् करिे के नलये नक
के बीि अपिी पहिाि कैसे बिाई और उसके रास्ते में 'राष्टरीय नवकास में उपग्रह िर्ाली सहायक है' इसर िे
कौि-कौि सी अड़ििे आईों? यह अिुमनत दी नक नवकास की पहल में अपिे स्वयों के
उपग्रह ों की ितीक्षा करिे की आवश्यकता िहीों है ; नवदे शी
जब भारत में अोंतररक्ष अिुसोंधाि र्नतनवनधय ों की शुरुआत
उपग्रह ों का िय र् करें । इसके बाद इसर िे अपिे नमशि
हुई उस समय अमेररका और रूस में उपग्रह ों का परीक्षर्
पर तेजी से काम करिा शुरू नकया और कभी भी पीछे
शुरू ह िुका था। साल 1962 में भारत सरकार िे
मुड़कर िहीों दे खा। इसर की कुछ िमुख उपलम्भियााँ इस
अोंतररक्ष अिुसोंधाि के नलये भारतीय राष्ट्रीय सनमनत
िकार हैं -
(INCOSPAR) का र्ठि कर अोंतररक्ष के रास्ते पर अपिा
पहला कदम रखा और साल 1963 में थुोंबा से पहले ➢ 19 अिैल 1975 क भारत िे अपिा पहला
साउों निों र् रॉकेट के साथ भारत के औपिाररक अोंतररक्ष उपग्रह 'आयगभट्ट' रूस के िक्षेपर् केंद्र से
कायगक्रम की शुरुआत हुई। बाद में, िॉक्टर नवक्रम सफलतापूवगक िक्षेनपत कर अोंतररक्ष की दु निया
साराभाई िे उन्नत िौद्य नर्की के नवकास के नलये 5 में अपिा िाम दजग कराया। हालाोंनक यह एक
अर्स्त 1969 क इन्क स्पार के स्थाि पर इसर की िाय नर्क उपग्रह था लेनकि इसी उपग्रह िे भारत
73 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
के सुिहरे भनवष् के नलये िीोंव तैयार की िक्षेपर् क्षमता में वृम्भर्द् हुई। इसके ज़ररये अब
थी। तक 50 से अनधक सफल नमशि िक्षेनपत नकये
जा िुके हैं।
➢ आयगभट्ट उपग्रह का निमाग र् इसर के नलये बड़ी
िुिौती थी क् नों क उस समय ि त भारतीय ➢ 22 अक्टू बर 2008 क इसर द्वारा 1380
वैज्ञानिक ों के पास आधारभूत सुनवधाएाँ थीों और ि नकल ग्राम का िोंद्रयाि-1 भेजा र्या ज 14 िवोंबर
2008 क िोंद्रमा की सतह पर पहुाँिा। िााँद पर
ही पयाग प्त सोंसाधि। लेनकि भारतीय वैज्ञानिक ों के
नतरों र्ा लहराते ही भारत िोंद्रमा पर अपिा झोंिा
ज़ज्बे के आर्े ये समस्ाएाँ छ टी ह र्ईों और
लर्ािे वाला िौथा दे श बि र्या। िोंद्रयाि-1 िे ही
इसर के तत्कालीि अध्यक्ष ि फेसर सतीश धवि
िााँद पर पािी की ख ज की थी।
के मार्गदशगि में युवा टीम िे आयगभट्ट का निमागर्
नकया। बड़ी बात यह थी नक उपग्रह के निमागर् में
जुटी युवा टीम िे पहले कभी भी अोंतररक्ष
हािग वेयर िहीों बिाया था। यह एक छ टा उपग्रह
था; इसका वजि मात्र 360 नकल था लेनकि इसे
बिािे में 3 साल का समय लर् र्या। इस उपग्रह
क बिािे से लॉन्च करिे तक में 3 कर ड़ रुपये
से अनधक का खिाग आया था।
➢ साल 2014 में इसर िे मोंर्लयाि क मोंर्ल की
➢ इसर िे 18 जुलाई 1980 क एसएलवी-3 का धरती पर उतारकर कीनतगमाि स्थानपत नकया।
सफल परीक्षर् कर भारत का िाम उि दे श ों में ऐसा करिे वाला भारत िौथा दे श बिा। इसर के
शानमल कर नदया ज अपिे उपग्रह ों क खुद इस नमशि में महज़ 450 कर ड़ रूपए खिग हुए
िक्षेनपत कर सकते थे। इसके ज़ररये र नहर्ी थे। खास बात यह है नक भारत एकमात्र ऐसा दे श
उपग्रह आरएस-1 क कक्षा में स्थानपत नकया था नजसे पहली बार में ही मोंर्लयाि क मोंर्ल पर
र्या था। भेजिे में सफलता नमल र्ई थी।
74 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
िक्षेपर् के नलये दे श क नवदे शी िक्षेपक ों पर • इसर सूयग का अध्ययि करिे वाले पहले भारतीय
निभगर रहिा पड़ता था। नमशि आनदत्य-एल 1 क िक्षेनपत करिे की
➢ 11 अिैल 2018 क इसर िे िेवीर्ेशि उपग्रह य जिा पर काम कर रहा है । आनदत्य-एल 1 सूयग
IRNSS लॉन्च नकया। यह स्वदे शी तकिीक से का िज़दीक से निरीक्षर् कर नवनभन्न जािकाररयााँ
निनमगत था। इसके साथ ही भारत के पास अब जुटािे का ियास करे र्ा।
अमेररका के जीपीएस नसस्ट्म की तरह अपिा
• साल 2030 तक भारत द्वारा अोंतररक्ष में अपिा
िेवीर्ेशि नसस्ट्म है।
अोंतररक्ष स्ट्े शि स्थानपत करिे की भी य जिा है।
➢ 27 मािग 2019 क इसर िे एक और बड़ी
• इसके साथ ही, साल 2022 में पहले मािव नमशि
उपलम्भि हानसल की। इस नदि एों टी सैटेलाइट
(A-SAT) से एक लाइव भारतीय सैटेलाइट क ‘र्र्ियाि’ क भेजिे की तैयारी ज र ों पर है ।
िष्ट् करिे में सफलता नमली। अोंतररक्ष में र्र्ियाि इसर के सबसे बड़े रॉकेट जीएसएलवी
सैटेलाइट क मार नर्रािे वाला भारत िौथा दे श माकग-III के ज़ररये लॉन्च नकया जाएर्ा।
बि र्या है।
• िोंद्रयाि-2 से नमली सीख और राष्ट्रीय स्तर के
➢ 1 अिैल 2019 क इसर िे इलेक्टरॉनिक नवशेषज्ञ ों द्वारा नदए र्ए सुझाव ों के आधार पर
इों टेलीजेंस उपग्रह समेत 29 उपग्रह ों क एक साथ िोंद्रयाि-3 पर भी काम जारी है ।
िक्षेनपत नकया। इिमें 28 नवदे शी उपग्रह शानमल
थे। पहली बार इसर िे एक ही मशीि से तीि आए नदि अपिे ही बिाए ररकॉिग क त ड़ता इसर
अलर्-अलर् कक्षाओों में उपग्रह ों क स्थानपत अोंतररक्ष में हर र ज़ िई इबारत नलखता जा रहा है। आज
नकया है। भारत अपिे ही िहीों बम्भल्क बड़ी सोंख्या में दू सरे दे श ों के
➢ 22 जुलाई 2019 क भारत िे दू सरे िोंद्रनमशि उपग्रह ों का िक्षेपर् भी कर रहा है। जािकर हैरािी ह र्ी
नक साल 1999 से अब तब इसर िे अपिी वानर्म्भज्यक
िोंद्रयाि-2 क रवािा नकया। इसे ‘बाहुबली’ िाम
शाखा के ज़ररये ध्रुवीय उपग्रह िक्षेपर् याि (PSLV) द्वारा
के सबसे ताकतवर और नवशाल राकेट
34 दे श ों के 345 नवदे शी उपग्रह ों का सफलतापूवगक
जीएसएलवी-माकग ।।। के ज़ररये िक्षेनपत नकया
र्या। हालाोंनक यह नमशि असफल रहा लेनकि िक्षेपर् नकया है । वतगमाि में 18000 से अनधक कायगबल
दे श िे इसे एक उपलम्भि के तौर पर दे खा। के साथ इसर अोंतररक्ष और िौद्य नर्की के क्षेत्र में नित िए
कीनतगमाि र्ढ़ रहा है ।
इसर के समक्ष िुिौनतयााँ
➢ अोंतररक्ष यानत्रय ों क िनशनक्षत करिे और मािव
अोंतररक्ष उड़ाि के नलये लॉन्च व्हीकल की उन्नत
तकिीक की कमी।
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श्रर्द्े य ि . साहिी की स्मृनत क ताज़ा रखता है। और सोंग्रहालय का एक नवशेष आकषगर् है, नजसमें
पुरावािस्पनतक अिुसोंधाि ों क समम्भन्वत करिे और भूवैज्ञानिक समय क 24 घोंट ों के भीतर अिुबोंनधत नकया
ररप टों क िकानशत करिे क सोंय जक के रूप में जाता है। घड़ी पृथ्वी पर जीवि के नवकास का सोंिार
ि फ्ाे सर साहिी के साथ भारत में कायगरत करती है क् नों क नदि मध्य रानत्र से आर्े बढ़ता है, और
पुराविस्पनतनवद ों की सनमनत नसतोंबर 1939 में र्नठत 24 घोंटे की निधागररत समय-सीमा के भीतर मिुष् के
की र्ई थी। ‘‘भारत में पुराविस्पनतनवज्ञाि’’ नवषयी आर्मि तक नवकास की क्रनमक घटिाओों क दशाग ता
पहली ररप टग 1940 में तथा आम्भखरी ररप टग 1953 में है। 10 नसतोंबर 1946 क सोंकल्प से नलए र्ए निर्गय से
िकानशत हुई। लखिऊ में उस समय कायगरत सनमनत स साइटी के शासी मोंिल िे ‘पुराविस्पनतनवज्ञाि सोंस्थाि
के आठ सदस् ों (के.एि. कौल, आर.एि. लखिपाल, बी. की स्थापिा’ की तथा अवैतनिक हैनसयत से ि फेसर
साहिी, एस.िी. सक्सेिा, आर.वी. नसठ ले, के.आर. साहिी क इसका िथम निदे शक नियुि नकया र्या।
सुरोंर्े, बी.एस. नत्रवेदी एवों वेंकटिरी) िे 19 मई 1946 स्थायी जर्ह के लोंनबत अनधग्रहर् से विस्पनतनवज्ञाि
क ‘पैनलय बाटिीकल स साइटी’ क र्नठत करिे क नवभार्, लखिऊ नविनवद्यालय, लखिऊ में सोंस्थाि का
सोंघ के ज्ञापि पर हस्ताक्षर नकए। पुराविस्पनतनवज्ञाि में कायग नकया र्या। नसतोंबर 1948 में उस समय सोंयुि
मूल अिुसोंधाि के सोंवधगि क ि . बीरबल साहिी एवों िदे श की सरकार से 3.50 एकड़ जमीि पर नवशाल
श्रीमती सानवत्री साहिी द्वारा समनपगत सोंदभग पुस्तकालय बोंर्ला सनन्ननहत सोंपदा क समृर्द् उपहार के रूप में
और जीवाश्म सोंग्रहर्, निजी निनधय ों और अिल सोंपनत्त िाप्त सोंस्थाि इसके मौजूदा पररसर में स्थािाोंतररत ह
क केंद्र सनहत स साइटी पोंजीकरर् अनधनियम (1860 र्या। सोंस्थाि के नलए इमारत बिवािे हेतु जल्दी ही
का 21वाों) के तहत उस िाम से 03 जूि क न्यास का य जिाएों बिायी र्ईों। सोंस्थाि नवज्ञाि और िौद्य नर्की
र्ठि नकया र्या।भारत और नवदे श से ि फेसर साहिी नवभार्, भारत सरकार स्वायत्त श ध सोंर्ठि के रूप में
द्वारा बिाए र्ए जीवाश्म पौध ों का सोंग्रह, नजन्हें उपहार कायग करता है ।
या बदले में उिके द्वारा िाप्त नकया र्या था, िे सोंस्थाि बोस संस्थान, कोलकाता
के सोंग्रहालय की शुरुआत की। सोंग्रहालय के भोंिार क
दे श भर में अपिे फील्डवकग के दौराि सोंस्थाि के
वैज्ञानिक ों द्वारा नकए र्ए सोंग्रह के माध्यम से समृर्द्
नकया र्या है, और नवदे श ों से सामग्री के आदाि-िदाि
में रसीद द्वारा भी। ह ल टाइप के िमूिे, स्लाइि और
लर्ा हुआ िमूिा व्यवम्भस्थत रूप से सोंग्रहालय द्वारा
सोंग्रहीत नकया जाता है ज अिुसोंधाि कायगकतागओों क
जाों ि के नलए आसािी से उपलि है।जीवाश्म िमूिे भी
नविनवद्यालय और कॉलेज के विस्पनत नवज्ञाि और
भूनवज्ञाि के नलए नशक्षर् और िदशगि िय जि ों के नलए
स्वतोंत्र रूप से उपहार में नदए र्ए हैं, । िकार और
अिुमानित िमूि ों की वतगमाि म्भस्थनत निम्नािुसार है ।
सोंग्रहालय क नवशाल हॉल में रखा र्या है नजसमें एक सर जर्दीश िोंद्र ब स िे नवज्ञाि की उन्ननत और ज्ञाि के
सामान्यीकृत और भूवैज्ञानिक दृनष्ट्क र् से, पैनलय ब टिी िसार के इरादे से 1917 में दे श की अग्रर्ी सोंस्था ब स
के नवनभन्न पहलुओों क निनत्रत करिे के नलए िदशगि ों इों स्ट्ीट्यूट की स्थापिा की। एनशया का पहला आधुनिक
की व्यवस्था और िदशगि नकया जाता है । सोंग्रहालय में, अिुसोंधाि केंद्र ज अोंतः नवषय अिुसोंधाि के नलए
ि फेसर बीरबल साहिी द्वारा खुद क सोंस्थाि का समनपगत है और अिुसोंधाि उत्कृष्ट्ता की एक शताब्दी
फाउों िेशि स्ट् ि, अपिे आप में अिूठा है। इसमें नवनभन्न पुरािी परों परा क धारर् करता है। स्थापिा के बाद से,
भूवैज्ञानिक युर् ों के जीवाश्म शानमल हैं और कई दे श ों सोंस्थाि का कई नदग्गज ों िे दौरा नकया है, जैसे नक
से एकत्र नकए र्ए हैं, ज सोंर्मरमर के नग्रट-सीमेंट एल्डस हक्सले (1926) जैसे लेखक और यूएसएसआर
ब्लॉक में एम्बेिेि हैं। नजय लॉनजकल टाइम िॉक ’एक के राष्ट्रपनत िेझिेव (1959) जैसे नवदे शी राज्य ों के
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वैज्ञानिक
िमुख। दशक ों से, कई दे श ों के ि बेल पुरस्कार नवजेता (िीएसटी), भारत सरकार का एक स्वायत्त सोंस्थाि है ,
जैसे िील्स ब ह्र, पॉल क्रुटज़ेि, ररििग अर्न्स्ग , सर एों थ िी ज 1968 में अम्भस्तत्व में आया था। यह राजसी नहमालय
लेर्ेट, हेराल्ड ज़ूर हॉसेि, सर ररििग रॉबट्ग स आनद िे की उत्पनत्त क जाििे और भूकोंपजिि, भू-र्नतकी
सोंस्थाि का दौरा नकया है। सोंस्थाि नवज्ञाि और िनक्रयाओों, जलवायु-टे क्ट निक पर बेहतर समझ िदाि
िौद्य नर्की में ज्ञाि की उन्ननत और दे श के नवकास के करिे के नलए बुनियादी श ध कर रहा है। जीवि की
नलए आवश्यक कुशल और कुशल वैज्ञानिक जिशम्भि अोंतः नक्रया, नवकास और नवलुम्भप्त, अयस्क निमागर्,
का उत्पादि करके नपछले 75 वषों से राष्ट्र की सेवा में िेनशय लॉजी, िदी िर्ाली, िाकृनतक खतरे (भूस्खलि,
है। सोंस्थाि छह नवभार् ों (भौनतकी, रसायि नवज्ञाि, बाढ़ और भूकोंप), जिसोंख्या की भलाई और नहमालय में
विस्पनत नवज्ञाि, माइक्र बाय लॉजी, बाय कैनमस्ट्र ी और सोंपनत्तय ों और सोंरििाओों की सुरक्षा के नलए
बाय नफनज़क्स), द अिुभार् ों (लाोंट मॉनलक्ूलर मािवजनित िभाव आनद।
सेल्युलर जेिेनटक्स और एनिमल नफनजय लॉजी) और सेंट्र फॉर नैनो एं ड सॉफ्ट मैट्र साइं सेज, बैंिलोर
आरएसआईसी, िीआईसी, लाइिेरी, वकगशॉप आनद
जैसे अन्य सेवा केंद्र ों के माध्यम से इस आवश्यकता क
पूरा करता है। नपछली शताब्दी में, सोंस्थाि िे अपिे
िनतनित सोंस्थापक की नवरासत क सोंरनक्षत करिे के
नलए अोंतहीि ियास नकया है। सोंस्थाि के वैज्ञानिक ों िे
एसएस भटिार्र पुरस्कार, द वल्डग एकेिमी ऑफ
साइों सेज (टीिब्ल्यूएएस) की फेल नशप के साथ-साथ
भारत में सभी राष्ट्रीय नवज्ञाि अकादनमय ों की फेल नशप
के रूप में कई पुरस्कार जीते हैं। इसके अलावा, उिमें
से कई क आईएिएसए युवा वैज्ञानिक पुरस्कार,
रॉकफेलर फाउों िेशि फेल नशप, िेहरू फेल नशप,
केएस कृष्णि फेल नशप, ह मी भाभा फेल नशप आनद से िैि और सॉफ्ट मैटर साइों सेज केंद्र (सीईएिएस) भारत
सम्मानित नकया र्या है । सोंस्थाि के सदस् नवज्ञाि क सरकार के नवज्ञाि और िौद्य नर्की नवभार् (िीएसटी) के
ल कनिय बिािे में भी अग्रर्ी रहे हैं और उन्ह ि ों े बोंर्ाली तहत एक स्वायत्त अिुसोंधाि सोंस्थाि है। िीएसटी िैि
में सवोच्च सानहम्भत्यक पुरस्कार जीते हैं। , अथागत् रवीन्द्र और सॉफ्ट मैटर नवज्ञाि में बुनियादी और व्यावहाररक
पुरस्कार और आिोंद पुरस्कार। बड़ी सोंख्या में सोंस्थाि अिुसोंधाि करिे के नलए अिुदाि सहायता के रूप में
के पूवग छात्र अपिे क्षेत्र में िनतनित नवशेषज्ञ हैं । केंद्र क मुख्य सहायता िदाि करता है।
अिुसोंधाि क्षेत्र: भौनतक नवज्ञाि, रासायनिक नवज्ञाि, सीईएिएस अपिे िए पररसर, 'अकगवथी', नशविपुरा,
जीवि नवज्ञाि और जैव िौद्य नर्की, पृथ्वी, वायुमोंिल बेंर्लुरु उत्तर में म्भस्थत है, नजसमें पयागप्त हररयाली है
और पयागवरर् नवज्ञाि, कृनष नवज्ञाि है। और इसमें एक सुोंदर शाोंत स्थाि है ज िए नविार ों क
िेररत करे र्ा और सोंभवतः पथ-िदशगक वैज्ञानिक
वामडया इं िीट्यूट् ऑफ महमालयन मजयोलॉजी,
उपलम्भिय ों क जन्म दे र्ा।केंद्र सभी िासोंनर्क लोंबाई
दे हरादू न
पैमाि ों पर सामग्री अिुसोंधाि में लर्ा हुआ है। नवशेष
रूप से, वतगमाि र्नतनवनधयााँ नवनभन्न िकार के धातु और
अधगिालक िैि स्ट्र क्चर, तरल नक्रस्ट्ल, जैल, नझल्ली
और सोंकर सामग्री पर केंनद्रत हैं। इसका भारत और
नवदे श में कई सोंस्थाि ों और उद्य र् के साथ घनिि सोंपकग
है।केंद्र की स्थापिा 1991 में एक िख्यात नलम्भक्ि
नक्रस्ट्ल वैज्ञानिक, ि . एस. िन्द्रशेखर, एफआरएस द्वारा
वानिया इों स्ट्ीट्यूट ऑफ नहमालयि नजय लॉजी की र्ई थी। तब इसे सेंटर फॉर नलम्भक्ि नक्रस्ट्ल ररसिग
(WIHG), दे हरादू ि। यह नवज्ञाि और िौद्य नर्की नवभार् के िाम से जािा जाता था, ज किागटक में एक पोंजीकृत
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वैज्ञानिक
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एनशया, सैफ , नसम्भल्वया, कैनमला, वेरा और िर तारे वाई निकट के क्षेत्र की जाोंि करते हुए पाया नक िमकदार
वनजगनिस, यू स्कॉनपगय , टी सैनर्टारी, जेि वनजगनिस, एक्स क्र म स्फेररक स्पेक्टरम र्ठि पर एक छ टी अवनध के
मकरािी और आर.रे नटकुली सभी क पहली बार मद्रास नलए िमकता है और नफर एिलस के टू टिे पर िमकता
में या त पारर्मि उपकरर् या भूमध्यरे खीय उपकरर् ों है। वलयाकार ग्रहर् में फ्लैश स्पेक्टरम क दे खिे का यह
द्वारा ख जा र्या था। . 1867 में सी.रघुिाथािायग द्वारा ररकॉिग पर पहला अवल कि है।
आर.रे नटकुली की िकाश नवनवधता की ख ज शायद कोडाइकनाल में सौर वेधशाला
हाल के इनतहास में नकसी भारतीय द्वारा की र्ई पहली
खर् लीय ख ज है। प र्सि िे िर नसतार ों की एक सूिी इों िैंि में एक भारतीय वेधशाला सनमनत िे मद्रास
और एटलस भी तैयार करिे का काम नकया, ज तुलिा वेधशाला के िशासि से सोंबोंनधत मामल ों पर राज्य
और िर द ि ों के उिके द्वारा नकए र्ए पररमार् सनिव क सलाह दी। कई मामल ों में, मदद के नलए
अिुमाि ों से पररपूर्ग था। इन्हें प र्सि की मृत्यु के बाद पयागप्त कमगिारी िहीों ह िे के कारर्, प र्सि िे काम
टिगर द्वारा सोंपानदत नकया र्या था। के कई कायगक्रम अपिे हाथ में ले नलए थे, नजन्हें वह
सफलतापूवगक समाप्त कर सकता था। 1867 में लोंदि
सूयव ग्रहण में सवाल उठाए र्ए थे नक क्ा मद्रास वेधशाला क
इस अवनध के दौराि मद्रास वेधशाला िे उि महत्वपूर्ग जारी रखिे की आवश्यकता है, क् नों क अोंग्रेज ों िे
पूर्ग सूयग ग्रहर् ों के अवल कि में भार् नलया ज उन्नीसवीों दनक्षर्ी र् लाधग में अपिी सोंपनत्त में कुछ अन्य वेधशालाएों
शताब्दी के दौराि भारत से नदखाई दे रहे थे। ये वे ग्रहर् शुरू की थीों। यह भी नसफाररश की र्ई नक मद्रास
थे नजन्ह ि ों े खर् ल भौनतकी और नवशेष रूप से सौर वेधशाला क िए अवल कि करिे के बजाय पहले से
भौनतकी की िीोंव स्थानपत की, और इि अवल कि ों में नकए र्ए अवल कि ों के िकाशि पर अनधक ध्याि
मद्रास वेधशाला का य र्दाि सबसे महत्वपूर्ग था। 18 केंनद्रत की, इस बीि मई 1882 में, प र्सि िे एक बीस
अर्स्त, 1868 क पहली बार सौर भौनतकी का नवषय इों ि दू रबीि की आवश्यकता का िस्ताव रखा था, ज
बिाया र्या, क् नों क इस ग्रहर् में िमुखता की र्ैसीय दनक्षर् भारत के एक नहल स्ट्े शि पर म्भस्थत ह , ज सूयग
िकृनत की ख ज के नलए पहली बार स्पेक्टर स्क प का और नसतार ों की फ ट ग्राफी और स्पेक्टर ग्राफी में लर्ी
उपय र् नकया र्या था। िमुखता से नदखाई दे िे वाली ह । िस्ताव क भारत और निटे ि द ि ों में सनक्रय
हाइिर जि उत्सजगि रे खाएाँ इतिी मजबूत थीों नक समथगि नमला और दनक्षर्ी हाइलैंि्स या भारत में
फ्राोंसीसी खर् लशास्त्री जािसि िे तकग नदया नक उन्हें उपयुि स्थाि की ख ज के नलए आवश्यक अनधकार
ग्रहर् के नबिा भी दे खा जा सकता है । अर्ले नदि ग्रहर् नदए र्ए। नमिी म्भस्मथ िे 1883 और 1885 में पलिी
स्थल पर अटकलें सही सानबत हुईों, नजससे पूर्ग ग्रहर् और िीलनर्रर पहानड़य ों का सवेक्षर् नकया1922 और
की आवश्यकता के नबिा, िमुखता के दै निक सवेक्षर् 1960 के बीि अड़तीस वषों तक, निदे शक रॉयि् स,
सोंभव ह र्ए।इस महत्वपूर्ग ग्रहर् के नलए समग्रता के िारायर् और दास थे। सौर भौनतकी में र्नतनवनध क उसी
पथ पर कई ग्रहर् टीमें नबखरी हुई थीों। मद्रास वेधशाला र्नत से बिाए रखा र्या और कायग िारों नभक वषों की
की द टीमें थीों, एक वािरपनत में और दू सरी परों पराओों के अिुसार आर्े बढ़ता रहा।इस युर् की मुख्य
मसूलीपट्टम में। वािरपनत में बादल ों िे अनभयाि की नवशेषताएों ग्रहर् की सहायता के नबिा क्र म स्फीयर में
सफलता में बाधा िाली। मसुनलपट्टम में, प र्सि िे उत्सजगि में ऑक्सीजि लाइि ों की ख ज, हाइिर जि
उत्सजगि में हाइिर जि लाइि ों का पता लर्ाया, जैसा नक लाइि ों के केंद्र-अोंर् नभन्नताएों और सौर वातावरर् का
उि सभी टीम ों िे नकया था नजिके पास स्पेक्टर स्क प के अध्ययि करिे के नलए उिका उपय र् और अोंधेरे के
साथ अवल कि का कायगक्रम था। उन्ह ि ों े स नियम की र्ुर् ों का नवस्तृत अध्ययि है 1968 में तारकीय
िी लाइि ों की म्भस्थनत के पास एक िमकीली पीली रे खा स्पेक्टर स्क पी और फ ट मेटरी के नलए कवलूर में एक िई
भी दे खी। यह रे खा अब तक अज्ञात तत्व से उत्पन्न हुई क्षेत्र वेधशाला शुरू की र्ई थी। इस साइट क "दे खिे "
थी, नजसे बाद में इसके िारों नभक पता लर्ािे के स्र त के के नलए पोंद्रह महीि ों तक नकए र्ए व्यापक परीक्षर् ों के
बाद हीनलयम कहा र्या। 6 जूि, 1872 क मद्रास में बाद िुिा र्या था, अब इसकी िमुख सुनवधा के रूप में
वलयाकार ग्रहर् नदखाई नदया। प र्सि िे िोंद्रमा के कालग जीस जेिा द्वारा हाल ही में िाप्त 102 सेमी
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81 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
िैि मटे ररयल्स, नसरे नमक, इों जीनियर क नटों ग्स, ईोंधि सेल भारत में िैि टे क्न लॉजी. आईएिएसटी िे 3 जिवरी
जैसे सामग्री और सामग्री िसोंस्करर् से सोंबोंनधत कई 2013 क म हाली में अपिे टर ाोंनजट पररसर से अपिी
सामान्य क्षेत्र ों में उत्कृष्ट् नकया है। काबगि सामग्री, स ल- र्नतनवनधयाों शुरू कीों।नदसोंबर 2020 में, सोंस्थाि 35 से
जेल क नटों ग्स, लेजर सामग्री िसोंस्करर्, सौर ऊजाग अनधक क्षेत्र ों में फैले अपिे अत्याधुनिक िए पररसर में
सामग्री और ऑट म नटव ऊजाग सामग्री। इिमें से ित्येक स्थािाोंतररत ह र्या।िॉलेज नसटी, सेक्टर-81 (म हाली,
सीओई अपिी मुख्य नवशेषज्ञता से सोंबोंनधत उन्नत पोंजाब) में एकड़ भूनम। INST में अिुसोंधाि र्नतनवनधय ों
सामग्री-आधाररत िौद्य नर्नकय ों के नवकास में शानमल में भौनतकी शानमल है, रसायि नवज्ञाि, जीव नवज्ञाि और
रहा है। अोंतः नवषय नवज्ञाि ऊजाग, पयागवरर् के क्षेत्र में समस्ाओों
एआरसीआई नवदे शी और भारतीय द ि ों कोंपनिय ों के का समाधाि करते हैं, क्ाों टम सामग्री, िैि -उपकरर्,
नलए अिुबोंध अिुसोंधाि करिे के अलावा, नवनशष्ट् और रासायनिक जीवनवज्ञाि।आईएिएसटी रुनि रखिे
उत्पाद ों और/या सोंबोंनधत िौद्य नर्नकय ों क नवकनसत वाले जीवनवज्ञानिय ,ों रसायिज्ञ ,ों भौनतकनवद ,ों सामग्री
करिे के नलए नवनभन्न सरकारी एजेंनसय ों के साथ कई वैज्ञानिक ों और इों जीनियर ों क एक साथ लाता है िैि
िाय नजत पररय जिाएों िला रहा है । एआरसीआई नवशेष नवज्ञाि और िौद्य नर्की. आई एि एसटी वैज्ञानिक,
रूप से दु निया भर के िनसर्द् सोंस्थाि /ों िय र्शालाओों के बुनियादी नवज्ञाि में ताकत के साथ-साथ अनधक
सहय र् से बुनियादी अिुसोंधाि एवों नवकास कायग भी अिुिय र् भी रखते हैं कृनष, रक्षा, स्वास्थ्य दे खभाल,
कर रहा है। एआरसीआई के क्षेत्र में परीक्षर् और ऊजाग, पयागवरर् और पािी INST उत्कृष्ट् अिुसोंधाि क
उत्पादि लक्षर् वर्गि, परामशग, िनशक्षर् के साथ-साथ ि त्सानहत करता है स्वदे शी उत्पादि (आयात
सानहत्य और पेटेंट ख ज भी िदाि करता है । िनतस्थापि) के नलए सामग्री, उपकरर् और उन्नत
आरसीआई िे 40 से अनधक कोंपनिय ों क िौद्य नर्की तकिीक तैयार करिा,रक्षा और व्यावसायीकरर् के
हस्ताों तररत की है और औद्य नर्क और रर्िीनतक क्षेत्र ों नलए और नवशेष रूप से स्वास्थ्य दे खभाल में कम लार्त
के नलए लर्भर् 200 तकिीकी समाधाि नवकनसत नकए वाले नकफायती उपकरर् भी नवकनसत करिा,
हैं। आईएिएसटी नवज्ञाि क भी बढ़ावा दे रहा है और
इों स्ट्ीट्यूट ऑफ िैि साइों स एों ि टे क्न लॉजी, म हाली युवाओों में भारत में िौद्य नर्की नवकनसत करिे का
अभ्यास नवकनसत कर रहा है अपिे आउटरीि कायगक्रम
के माध्यम से नवशेष रूप से ग्रामीर्, दू रदराज और कम
सेवा वाले स्कूल ों के नलए राष्ट्र का निमागर् करिा, छु पे
हुए रत् ों क बाहर निकालिे के नलए बातिीत करके,
नजन्हें पॉनलश करिे पर िाकृनतक िमक आ सकती है
जैसे स्वच्छ भारत अनभयाि, स्वस्थ भारत, स्माटग नसटी,
स्माटग र्ाोंव, मेक इि इों निया और स्वच्छ एवों िवीकरर्ीय
ऊजाग क वैज्ञानिक तरीक ों से और िौद्य नर्नकय ों का
उपय र् करके इि कायगक्रम की आवश्यकताओों क
सोंब नधत करें ।
िेशिल इि वेशि फाउों िेशि र्ाोंधीिर्र, र्ुजरात
इों स्ट्ीट्यूट ऑफ िैि साइों स एों ि टे क्न लॉजी
िेशिल इि वेशि फाउों िेशि (एिआईएफ) - भारत की
(आईएिएसटी), म हाली (पोंजाब), एक स्वायत्त सोंस्थाि
है भारत सरकार के नवज्ञाि और िौद्य नर्की नवभार् स्थापिा मािग 2000 में भारत सरकार के नवज्ञाि और
(िीएसटी) की स्थापिा एक छत्र के तहत की र्ई है िैि िौद्य नर्की नवभार् की सहायता से की र्ई थी। यह
नवज्ञाि के क्षेत्र में अिुसोंधाि और नवकास क बढ़ावा दे िे जमीिी स्तर पर तकिीकी िवािार ों और उत्कृष्ट्
के नलए िीएसटी द्वारा शुरू नकया र्या िैि नमशि.
82 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
पारों पररक ज्ञाि क मजबूत करिे की भारत की राष्ट्रीय धारक ों की ओर से 1274 से अनधक पेटेंट आवेदि
पहल है। इसका नमशि जमीिी स्तर के तकिीकी दायर नकए हैं, नजिमें से आठ सोंयुि राज्य अमेररका में
िविवतगक ों के नलए िीनत और सोंस्थार्त स्थाि का दायर नकए र्ए हैं और 28 पेटेंट सहय र् सोंनध (पीसीटी)
नवस्तार करके भारत क एक रििात्मक और ज्ञाि- आवेदि शानमल हैं । इिमें से 319 पेटेंट भारत में और 5
आधाररत समाज बििे में मदद करिा है । सोंयुि राज्य अमेररका में नदए र्ए हैं। एिआईएफ िे
एिआईएफ नकसी भी तकिीकी क्षेत्र में व्यम्भिय ों और जमीिी स्तर और छात्र िविवतगक ों के िवािार ों के नलए
स्थािीय समुदाय ों द्वारा नवकनसत जमीिी स्तर के 24 निजाइि पोंजीकरर् (नजिमें से 20 स्वीकृत नकए र्ए
िवािार ों की ख ज, और ििार करता है, ज औपिाररक हैं) दाम्भखल नकए हैं। इसके अलावा 11 टर े िमाकग आवेदि
क्षेत्र की मदद के नबिा मािव अम्भस्तत्व में मदद करता भी दायर नकए र्ए हैं, नजिमें से 7 क मोंजूरी दे दी र्ई
है। एिआईएफ जमीिी स्तर के िविवतगक ों और उत्कृष्ट् है। एिआईएफ िे नकसाि ों द्वारा नवकनसत 77 पौध ों की
पारों पररक ज्ञाि धारक ों क उिके िविवतगि ों के नलए नकस्म ों के नलए पौधा नकस्म और नकसाि अनधकार
उनित मान्यता, सम्माि और पुरस्कार नदलािे में मदद सोंरक्षर् िानधकरर् में आवेदि भी दायर नकया है। इिमें
करता है। यह यह सुनिनित करिे का भी ियास करता से 20 का सफलतापूवगक पोंजीकरर् ह िुका है।
है नक इस तरह के िवािार वानर्म्भज्यक और/या र्ैर- एिआईएफ में माइक्र वेंिर इि वेशि फोंि
व्यावसानयक िैिल ों के माध्यम से व्यापक रूप से फैलें, (एमवीआईएफ) िे भारतीय लघु उद्य र् नवकास बैंक
नजससे उिके और मूल्य श्रृोंखला में शानमल अन्य ल र् ों (नसिबी) के सहय र् से 238 िवािार आधाररत उद्यम
के नलए सामग्री या र्ैर-भौनतक ि त्साहि पैदा ह । पररय जिाओों क ज म्भखम पूोंजी िदाि की है, नजिमें से
एिआईएफ िे दे श के 625 से अनधक नजल ों से कुछ ऊष्मायि के नवनभन्न िरर् ों में हैं।िौद्य नर्की
3,25,000 से अनधक तकिीकी नविार ,ों िवािार ों और लाइसेंनसोंर् के 120 मामल ों क मूतग रूप दे िे में सफल
पारों पररक ज्ञाि िथाओों (सभी अनद्वतीय िहीों, सभी ह िे के अलावा, एिआईएफ छह महाद्वीप ों के दे श ों में
नवनशष्ट् िहीों) का एक िे टाबेस तैयार नकया है । उत्पाद ों के व्यावसायीकरर् में भी सफल रहा
एिआईएफ िे अब तक अपिे नवनभन्न राष्ट्रीय नद्ववानषगक है।एिआईएफ िे सानबत कर नदया है नक जब
ग्रासरूट इि वेशि अवािग समार ह ों और वानषगक िॉ. समस्ाओों क रििात्मक तरीके से हल करिे की बात
एपीजे अब्दु ल कलाम इग्नाइट निल्डर े ि अवािग समार ह ों आती है त भारतीय िविवतगक दु निया में नकसी से भी
में राष्ट्रीय स्तर पर 1093 िविवतगक ों और स्कूली छात्र ों बराबरी कर सकते हैं। वे स्थािीय सोंसाधि ों का
क मान्यता दी है। नवनभन्न अिुसोंधाि एवों नवकास नमतव्ययतापूवगक उपय र् करके अनधक नटकाऊ
(आरएों ििी) और शैक्षनर्क सोंस्थाि ,ों कृनष एवों पशु नवकल्प उत्पन्न करिे में दू सर ों की तुलिा में बेहतर
निनकत्सा नविनवद्यालय ों और अन्य सोंस्थाि ों के सहय र् िदशगि करते हैं। ज ल र् र्रीब ों क केवल सस्ते
से, एिआईएफ िे कई सौ जमीिी स्तर की िौद्य नर्नकय ों सामाि के उपभ िा के रूप में दे खते हैं, वे जमीिी
क मान्य और/या मूल्य वनधगत करिे में मदद की स्तर पर ज्ञाि की समृम्भर्द् और नविार ों और िवािार ों के
है।एिआईएफ िे उत्पाद नवकास और इि-हाउस िदाता के रूप में उिकी क्षमता क िूक जाते हैं ।
अिुसोंधाि क मजबूत करिे के नलए एक सोंवनधगत एिआईएफ नजस जमीिी स्तर से वैनिक (जी2जी)
फैनिकेशि िय र्शाला (फैब लैब) भी स्थानपत की है । मॉिल का ििार कर रहा है, वह दु निया के जमीिी स्तर
एिआईएफ िे िविवतगक ों और उत्कृष्ट् पारों पररक ज्ञाि पर रििात्मकता और िवािार ों क बदलिे के नलए पूरी
तरह तैयार है।
83 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
िवािार ों क मजबूत करिे के नलए िेशिल इि वेशि में छात्र ों क आकनषगत करता है। और एम. एससी. दे श
फाउों िेशि (एिआईएफ) भर से कायगक्रम। छात्र ों क अर्स्त और जिवरी सेमेस्ट्र
जवाहरलाल िेहरू उन्नत वैज्ञानिक अिुसोंधाि केंद्र में में िवेश नदया जाता है और उिका ियि अत्यनधक
िवािार और नवकास केंद्र, बोंर्लौर िनतस्पधी िनक्रया के माध्यम से ह ता है। हमारे कायगक्रम
छात्र ों क भनवष् के समाज की िुिौनतय ों का सामिा
करिे में सक्षम बिािे के नलए निज़ाइि नकए र्ए हैं।
जेएिसीएएसआर में, छात्र वानषगक कायग िस्तुनतय ों के
रूप में अपिे अिुसोंधाि क्षेत्र ों पर सनक्रय ििाग का लाभ
उठाते हैं।
रमन ररसचव इं िीट्यूट्, बैंिलोर
84 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
85 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
स्पेनशयनलटी अस्पताल, एक बाय मेनिकल टे क्न लॉजी िूोंनक यह एक श ध सोंस्थाि है, इसनलए मुख्य रूप से
नवोंर् और अच्युता मेिि सेंटर फॉर हेल्थ साइों स स्ट्िीज। पीएि.िी. यहाों कायगक्रम नकया र्या है. 2001 से
सोंस्थाि हृदय और तोंनत्रका सोंबोंधी नवकार ों के उच्च एकीकृत पीएि.िी. (एम.एससी.+पी.एि.िी.) कायगक्रम
र्ुर्वत्ता, उन्नत उपिार, जैव निनकत्सा उपकरर् ों और िारि नकया र्या। द साल की पढ़ाई पूरी ह िे के बाद
सामनग्रय ों के नलए िौद्य नर्नकय ों के स्वदे शी नवकास और एम.एससी. निग्री कलकत्ता नविनवद्यालय द्वारा दी जाती
सावगजनिक स्वास्थ्य िनशक्षर् और अिुसोंधाि पर ध्याि है। पूवग में यह निग्री पनिम बोंर्ाल िौद्य नर्की
केंनद्रत करता है। सोंस्थाि कई नवनशष्ट् क्षेत्र ों में आधुनिक नविनवद्यालय द्वारा दी जाती थी। इस सोंस्थाि के छात्र
तकिीक ों का उपय र् करके उन्नत उपिार िदाि अपिी पीएििी जमा कर सकते हैं।
करता है, जैसे नक इों टरवेंशिल रे निय लॉजी, कानिग यक प्रौद्योमिकी सूचना, पूवावनुमान और मूल्यांकन
इलेक्टर नफनजय लॉजी, मूवमेंट नवकार ों के नलए र्हरी पररषद (ट्ीआईएफएसी)
मम्भस्तष्क उत्तेजिा, नमर्ी सजगरी, बाल निनकत्सा
कानिग यक सजगरी, ख पड़ी और सोंवहिी सजगरी का
आधार, आनद। सोंस्थाि में उत्कृष्ट् सुनवधाएों और पेशेवर ों
की टीमें हैं ज िवीि बाय मेनिकल उपकरर् ों और
उत्पाद ों के नवकास, वैनिक नवनशष्ट्ताओों के नलए
निनकत्सा उपकरर् ों के मूल्याोंकि, िवीि निनकत्सा
नवनशष्ट्ताओों में िनशक्षर् और सामानजक िासोंनर्कता के
निनकत्सा और सावगजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र ों में अिुसोंधाि के
नलए समनपगत हैं। सोंस्थाि बाय मेनिकल उपकरर् ों के
नलए एक तकिीकी अिुसोंधाि केंद्र है और इसमें एक भारत सरकार के नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की नवभार् के
मेनिकल निवाइस इिक्ूबेटर (TIMed) है । अोंतर्गत एक स्वायत्त िौद्य नर्की की स्थापिा भारत
एस.एन. बोस नेशनल सेंट्र फॉर बेमसक साइं सेज, सरकार िे 1986 में की थी। यह पररषद् भारत में नवज्ञाि
कोलकाता एवों िौद्य नर्की के नवकास हेतु कायग करती है।नवज्ञाि
िौद्य नर्की एवों िवािार िीनत और टाइफैक द्वारा नकए
जािे वाले ियास, अनवष्कार और िवािार इक नसस्ट्म
क आपस में ज ड़कर साों स्कृनतक पररवतगि ला सकते हैं
और नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की के माध्यम से ित्येक क्षेत्र में
आत्म-निभगरता की भाविा पैदा कर सकते हैं।टाइफैक
साइबर-भौनतक िर्ाली (Cyber-Physical Systems),
क्ाोंटम कोंप्यूनटों र् और हररत रसायि (Green
Chemistry) जैसी भनवष् की िौद्य नर्की
एस एि ब स िेशिल सेंटर फॉर बेनसक साइों सेज िाथनमकताओों पर ज़ र दे रहा है। ऐसी िौद्य नर्की पर
(एसएिबीएिसीबीएस) भारत सरकार के नवज्ञाि और ध्याि केंनद्रत करिे की ज़रूरत है, नजसमें भनवष् की
िौद्य नर्की नवभार् के तहत र्नर्त नवज्ञाि में बुनियादी सोंभाविाएों ह िे के साथ-साथ भारत क आत्मनिभगर
अिुसोंधाि के नलए समनपगत एक स्वायत्त अिुसोंधाि बिािे की ताकत ह । नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की नवभार् के
सोंस्थाि है। यह पनिम बोंर्ाल, साल्ट लेक, क लकाता में अोंतर्गत कायगरत एक स्वायत्त सोंर्ठि ‘िौद्य नर्की सूििा,
म्भस्थत है। इस सोंस्थाि का िाम भारतीय वैज्ञानिक सत्येन्द्र पूवागिुमाि और मूल्याोंकि पररषद् ’ (Technology
िाथ ब स के िाम पर रखा र्या था और इसकी स्थापिा Information, Forecasting and Assessment
1986 में हुई थी। िोंिल कुमार मजूमदार इस सोंस्थाि के Council -TIFAC) िे 10 फरवरी क अपिा 35वाों
सोंस्थापक निदे शक थे। स्थापिा नदवस मिाया है।35वें स्थापिा नदवस की थीम
‘आत्मनिभगर भारत के नलए िौद्य नर्की, िवािार और
86 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
अथगव्यवस्था’(Technology, Innovation and िेक्टर एक स्वायत्त सोंस्था है , नजसकी स्थापिा भारत सरकार
Economy for Aatma Nirbhar Bharat) है। के नवज्ञाि और िौद्य नर्की नवभार् के तहत नशलाों र्, मेघालय
में मुख्यालय के साथ की र्ई है । केंद्र केंद्रीय वैज्ञानिक
मवज्ञान और प्रौद्योमिकी में उन्नत अध्ययन संस्थान, नवभार् ों और सोंस्थाि ों के पास उपलि आला सीमाोंत
िुवाहाट्ी िौद्य नर्नकय ों का उपय र् और लाभ पहुों ििा ।
सावगजनिक और सामानजक भलाई के नलए िौद्य नर्की
अिुिय र् ों के नवतरर्, रखरखाव और उपय र् क बढ़ावा
दे िे, प षर् करिे और सुनिनित करिे के नलए अग्रर्ी केंद्र
बििा; और हमारे दे श के उत्तर पूवी क्षेत्र के समाि और
समावेशी सामानजक और आनथगक नवकास के नलए ल र् ,ों
समुदाय ,ों सोंस्थाि ों और सरकार ों के बीि िौद्य नर्की के लाभ ों
तक पहुों ििा और उिका नवस्तार करिा। अपनशष्ट् से धि:
मेघालय में कृनष-अपनशष्ट् ों और उप-उत्पाद ों (उत्पादि,
िदशगि और िनशक्षर् केंद्र) का मूल्यवधगि ,िार्ालैंि में
इों स्ट्ीट्यूट ऑफ एिवाों स्ि स्ट्िी इि साइों स एों ि टे क्न लॉजी मधुमक्खी पालि: स्व-र ज़र्ार के माध्यम से स्थािीय
(IASST) की स्थापिा 1979 में असम साइों स स साइटी के अथगव्यवस्था क सशि बिािा,फसल खेती की
तत्वावधाि में की र्ई थी। िारों भ में, इसे पादप नवज्ञाि के क्षेत्र हाइिर प निक िर्ाली ,उत्तर-पूवग भारत में केसर (केसर) की
खेती फेक नजले, तुएन्स के नकनिों र् र्ाों व में स्वयों सहायता
में एक अिुसोंधाि िय र्शाला के रूप में स्थानपत नकया र्या
समूह क मधुमक्खी पालि र्नतनवनध के नलए सहायता करिा
था। 1983 में, सोंस्थाि क िीएसटी िे अपिे कब्जे में ले नलया शानमल हैं ।
था, और तब से, यह एक बहु-नवषयक अिुसोंधाि सोंस्थाि बि
मवज्ञान प्रसार, नई मदल्ली
र्या है , नजसमें सामग्री नवज्ञाि, िैि िौद्य नर्की, जैव
िौद्य नर्की और पयाग वरर् नवज्ञाि सनहत कई क्षेत्र ों क शानमल
नकया र्या है ।इसका नमशि बुनियादी और व्यावहाररक
अिुसोंधाि क बढ़ावा दे िा और समथगि करिा, वैज्ञानिक ों और
इों जीनियर ों क उन्नत िनशक्षर् और नशक्षा िदाि करिा और
भारत के पूवोत्तर क्षेत्र में एक जीवोंत अिुसोंधाि पाररम्भस्थनतकी
तोंत्र बिािा है। आईएएसएसटी का सामग्री नवज्ञाि अिुसोंधाि
पर नवशेष ध्याि है , नजसमें नवनभन्न अिुिय र् ों के नलए िई नवज्ञाि िसार की स्थापिा सि् 1989 में निम्नाों नकत उद्देश्य ों के
सामग्री नवकनसत करिे पर ज र नदया र्या है । अिुसोंधाि क्षेत्र ों साथ की र्यी थी: वैज्ञानिक एवों तकगसों र्त दृनष्ट्क र् क
में िई सामनग्रय ों के सोंश्लेषर् और लक्षर् वर्गि के साथ-साथ बढ़ावा दे िा और ििार-िसार करिा। नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की
ऊजाग , इलेक्टरॉनिक्स और निनकत्सा जैसे क्षेत्र ों में उिके सोंिार हे तु सोंसाधि-सह-सुनवधा केंद्र के रूप में कायग करिा।
बड़े पैमािे पर नवज्ञाि ल कनियकरर् के कायों/ र्नतनवनधय ों
अिुिय र् शानमल हैं ।
क आरों भ करिा। नवनभन्न भारतीय भाषाओों में नवज्ञाि एवों
नॉथव ईि सेंट्र फॉर ट्े क्नोलॉजी एप्लीकेशन एं ड ररसचव िौद्य नर्की ल कनियकरर् पर नवनवध सॉफ्टवेयर (ऑनिय ,
(NECTAR) मशलांि, मेघालय-793001 नवनिय , रे निय , टीवी, निोंट, लनििंर् पैकेज, नकट् स, म्भखलौिे)
का नवकास, िसार और नवपर्ि करिा। नवज्ञाि िसार (नव.ि.)
नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की नवभार्, भारत सरकार के अधीि एक
स्वायतशासी सोंस्था है । नव.ि. का उद्देश्य बड़े पैमािे पर
नवज्ञाि ल कनियकरर् के कायों/ र्नतनवनधय ों क आरों भ
करिा, वैज्ञानिक एवों तकगसोंर्त दृनष्ट्क र् क बढ़ावा दे िा और
ििार-िसार करिा तथा नवज्ञाि एवों िौद्य नर्की सोंिार हे तु
सोंसाधि-सह-सुनवधा केंद्र के रूप में कायग करिा है ।
87 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
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88 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
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संजय िोस्वामी मुख्य व्यवस्थापक, “वैज्ञामनक” , ने नवी मुंबई निर राजभाषा कायावन्वयन समममत द्वारा आयोमजत व बी पी
सी एल द्वारा प्रायोमजत “महं दी लेख प्रमतयोमिता 2023” में मद्वतीय पुरस्कार, नवी मुंबई निर राजभाषा कायावन्वयन समममत के
राजभाषा अमधकारी आदरणीय श्री सदानंद मचतले द्वारा मदनांक 23/6/23 को पुरस्कार ग्रहण मकया. इस हे तु वैज्ञामनक
पररवार की ओर से बधाई व शुभकामनायें!
-वैज्ञामनक पररवार
89 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
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90 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
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91 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
नवज्ञाि समािार
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92 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
ऊोंिाई पर पहुों ि र्यी थी ज NASA द्वारा निधागररत 50 मील
अों त ररक्ष (SPACE) के क्षे त्र में भारत की यात्रा : की पृथ्वी-अोंतररक्ष सीमा से अनधक है , लेनकि कमगि रे खा
अोंतररक्ष (Space) के क्षेत्र में भारत की यात्रा 1960 के दशक (पृथ्वी से लर्भर् 62 मील ऊपर) से कम है , नजसे अक्सर
में शुरु हुई थी. तब िॉ. नवक्रम साराभाई के िेतृत्व में अोंतररक्ष की सीमा मािा जाता है .
‘इों नियि िेशिल कमेटी फॉर स्पेस ररसिग’ की स्थापिा की
3 RH200 रॉकेट् का सफल परीक्षण
र्ई थी. भारत के पहले सैटेलाइट ‘आयगभट्ट’ क रूस के
भारतीय अोंतररक्ष अिुसोंधाि सोंस्थाि (ISRO) िे 24 िवोंबर,
‘आस्त्राखाि ओब्लास्ट्’ से लॉन्च नकया र्या था. भारत की
2022 क नतरुविोंतपुरम के थुोंबा तट से RH200 रॉकेट के
सरज़मीों से पहला रॉकेट 21 िवोंबर, 1963 क सफलता
तौर पर अपिा लर्ातार 200वाों सफल िक्षेपर् नकया.
पूवगक लॉन्च नकया र्या था. भारतीय स्पेस सेक्टर के
इनतहास में इसे मील का पत्थर मािा जाता है. लेनकि नपछले RH200 िे थुोंबा इक्ेट ररयल रॉकेट लॉम्भन्चोंर् स्ट्े शि (TERLS)
कुछ साल ों में भारतीय अोंतररक्ष अिुसोंधाि सोंर्ठि (ISRO) िे से उड़ाि भरी थी. इसर के नलए ये परीक्षर् ऐनतहानसक पल
ज कीनतगमाि स्थानपत नकए हैं व यादर्ार हैं. ISRO िे साल था. इस दौराि पूवग राष्ट्रपनत रामिाथ क नवोंद, ISRO के
2022 में भी कई िए कीनतगमाि स्थानपत (Achievements of अध्यक्ष एस. स मिाथ समेत कई ल र् इसके र्वाह बिे.
ISRO) नकए हैं. इस साल इसर िे अपिा पहला िाइवेट
रॉकेट भी लॉन्च नकया है.
1. सैट्ेलाइट् EOS-04 का प्रक्षेपण: 14 फरवरी 2022 क
भारतीय अोंतररक्ष अिुसोंधाि सोंर्ठि (ISRO) िे आों ध्र िदे श
के श्रीहररक टा म्भस्थत ‘सतीश धवि अोंतररक्ष केंद्र’ से
पीएसएलवी-सी (PSLV-C52) के ज़ररए Satellite EOS-04
क सफलतापूवगक िक्षेनपत नकया था. इसके साथ ही द
अन्य छ टे राइिशेयर सैटेलाइट् स ‘INS-2TD’ और भारतीय अोंतररक्ष अिुसोंधाि सोंर्ठि (ISRO) िे 26 िवोंबर
‘INSPIRESat-1’ क भी अोंतररक्ष भेजा र्या. सतीश धवि 22 क एक साथ 9 सैटेलाइट लॉन्च नकए थे. तनमलिािु के
अोंतररक्ष केंद्र का ये 80वाों िक्षेपर् याि नमशि था. श्रीहररक टा के सतीश धवि अोंतररक्ष केंद्र से प लर
2- Vikram-S रॉकेट् लॉन्च सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C54) की सहायता से
Ocean-Sat 3 और भूटाि के एक उपग्रह समेत 8 सैटेलाइट
क EOS-06 नमशि के तहत सफलतापूवगक लॉन्च नकया था.
ये साल 2022 में भारतीय अोंतररक्ष अिुसोंधाि सोंर्ठि
(ISRO) का 5वाों और आनख़री नमशि था.
93 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
साल 2022 के नलए ये भारतीय अोंतररक्ष अिुसोंधाि सोंर्ठि
(ISRO) का 5वाों और आनख़री नमशि था.
94 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक
भहंदी भवज्ञान साभहत्य पररषद् (मुम्बई)
भहं दी नवज्ञाि की अम्भखल भारतीय स्तर पर एक शीषग सोंस्थाि
(पंजीकृत संख्या:BOM/64/70/G.B.B.S. F-2005)
पत्रािार का पता: 16-सी. कोंििजों र्ा. अर्ुशम्भििर्र. मुोंबई 400094
फ ि िोंबर-022-255592205 . email id: hvsp1968@rediffmail.com/hvsp.india1968@yahoo.com
नई कायव काररणी (2022-24)
श्री राजेश कुमार श्री कृष्ण कुमार वमाव श्री बी.एन. ममश्र
पदे न सदस्य सदस्य सदस्य
(मुख्य संपादक, वैज्ञाभनक)
श्री संजय िोस्वामी श्री राजेश कुमार सचान श्री शेर मसंह मीना
सदस्य सदस्य सदस्य
95 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक tkudkjhijd if=dk
मनोित जिवरी मािग-23 का अोंक vkd"kZd vkSj ubZ lkexzh ls laiUu gSAif=dk dk
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आईआईटी मुोंबई
अं क ममली खु शी हई
वै ज्ञ ानिक पनत्रका का जिवरी मािग -23 अों क में पनत्रका जिवरी मािग - 23अों क में सारे लेख अत्योंत र िक व नवज्ञाि की
लर्भर् सभी ले ख पढ़े । ले ख अत्यों त उच्च स्तरीय, नवनभन्न जािकारी से पररपूर्ग है िूफ भी काफी अच्छा है . पनत्रका के
सराहिीय तथा सारर्नभग त हैं । शु भकामिाएों सनहत! महत्वपूर्ग अोंक क निरन्तरता बिाये रखें अोंक में िकानशत हुई सभी लेख
कानफ रूनिकर व ज्ञािवधगक जािकारी दी र्ई है
िॉ सर ज शु िा
शुभकामिाएों सनहत!
नवज्ञाि की जािकारी से पररपू र्ग
वैज्ञानिक पनत्रका जिवरी मािग-23 अोंक व नवज्ञाि की नवनभन्न आशीष
जािकारी से पररपूर्ग है आपकी पनत्रका जिमािस में नवज्ञाि िसाद , पटिा
के िनत जार्रूक पैदा करिे का अि खा ियास निरों तर जारी
है ।इस हे तु आभार व्यि करता हूों व ज्ञाि के नवकास के नलए मवज्ञान छात्रों की पमत्रका
आपके ियास सराहिीय तथा सारर्नभगत है । वैज्ञानिक पनत्रका का , जिवरी मािग-23 के अोंक क पढ़ कर हम सभी
शुभकामिाएों सनहत!
क बहुत ख़ुशी हुई सभी लेख अच्छे हैं आपिे कुछ लेख नवज्ञाि छात्र ों
िॉ नदिेश कुमार
उच् स्तरीय पमत्रका क पनत्रका के माध्यम से ज ज जािकारी दी हैं व हम सभी के उत्साह क
बढ़ाई सोंपादक क मेरी तरफ से बधाई.
'वैज्ञानिक' का जिवरी मािग-23 का e कॉपी अोंक पढ़ा इस
शुभकामिा सनहत उमेश कुमार नसोंह,
अोंक में सभी लेख वै ज्ञानिक जािकारी से पररपूर्ग है . पनत्रका
एिआरबी, मुोंबई
जिमािस में नवज्ञाि के िनत जार्रूक पैदा कर नवज्ञाि सोंिार
का अि खा काम कर रही है सभी बधाई के पात्र है आकषग क और िई सामग्री से सों प न्न
शुभकामिा सनहत!
वै ज्ञ ानिक पनत्रका का जिवरी मािग - 23 अों क आकषग क और िई
िॉ. नवजय कुमार,
सामग्री से सों पन्न है ।पनत्रका का कवर बे ह द आकषग क है । सभी
लखिऊ
ले ख बे हद पठिीय और जािकारीपरक है ।
श्री उत्तम नसोंह र्हरवार, रायपुर
96 अप्रैल -जून-2023
वैज्ञानिक (त्रैमानिक) RNI. No.:18862/70 निल्ली, ियी निल्ली, महाराष्ट्र, नहमाचल प्रिे श, राजस्थाि व उ.प्र. के नशक्षा
नवभाग ों द्वारा स्कूल ों व कॉलेज ों के नलए स्वीकृत।
वैज्ञानिक’ में लेखक ों द्वारा व्यक्त नवचार ों से सोंपादि मोंडल का सहमत ह िा आवश्यक िह ों है . वैज्ञानिक में
प्रकानित समस्त सामग्र के सवाानिकार नहों.नव.सा.पररषद के पास सुरनित हैं . ‘वैज्ञानिक’ एवों नहों .नव.सा.पररषद से सोंबोंनित
सभ नववाद ों का निर्ाय मुोंबई के न्यायालय में ह ह गा. ‘वैज्ञानिक’ में प्रकानित सामग्र का आप नबिा अिुमनत नलए
उपय ग कर सकते हैं . परों तु इस बात का उल्लेख करिा अनिवाया ह गा नक अमुक सामग्र ‘वैज्ञानिक’ से साभार
नहोंिी नवज्ञाि िानहत्य पररषि् , मोंबई के नलए मख्य िोंपािक श्री राजेश कमार नमश्र द्वारा िम्पानित,
मख्य व्यवस्थापक : श्री िोंजय ग स्वामी द्वारा प्रकानशत. मद्रण- ऑिलाइि