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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Printable Version

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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - sexstories - 01-23-2020

अपडेट 61

ममता को देवा से बात करनी थी मगर कोई न कोई उनके बीच में आ रहा था।
वो बेचैन सी हो गई थी मगर कर भी क्या सकती थी ममता चुपचाप बैठ जाती है।
थोड़ी देर बाद देवा मिठाई ले के घर पहुँचता है।
उनके साथ साथ घर में कु छ और लोग भी आ जाते है।
रत्ना;दौड के उन लोगों के पास पहुँचती है।
अरे आप लोग आ गये।
देवा;हाँ माँ मै दुकान पर था तभी इन पर नज़र पडी।
चार लोग ममता को देखने आये थे।
एक तो हरी था २५ साल का हट्टा कटा जवान।
दूसरी थी उसकी माँ कोमल एक ४५ साल की गदराई हुए औरत उसे देख के लगता था की उसकी चूत हमेशा पानी छोड़ती
होंगी। देवा उसे देख कर ही समझ गया था के ये एक चूद्दकड औरत है। बड़े बड़े ब्रैस्ट और बाहर को निकलते हुए कमर लिए
कोमल खड़ी थी।

कोमल के पति आनन्द राव एक 55 साल के आदमी थे


और एक 18 साल की साँवली मगर बेहद आकर्षक लड़की थी प्रिया। कोमल के एकलौती बेटी।
रत्ना;सभी को बैठाती है और देवा उन्हें पानी वग़ैरा पिलाता है।
कोमल;आपका घर तो बहुत सुन्दर है और कौन कौन रहता है यहाँ।
रत्ना;बस हम तीन लोग रहते है मै ये मेरा बेटा देवा और मेरी बेटी ममता।
देवा के बापु को कई साल पहले ही देहांत हो गया है।
कोमल;ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह।
देवा क्या करते हो तुम।
देवा;खेती बाडी
आनन्द राव;हाँ भाई आज के दौड़ में ज़िन्दगी गुज़ारना बहुत मुश्किल हो गया है।
देवा;ऐसी बात नहीं है काका। इंसान को अपने आप पर विशवास होना चाहिए।
कोई भी चीज़ मुश्किल नहीं रहती फिर।
रत्ना; ये कौन है आपके साथ।
कोमल;ये मेरी बेटी है प्रिया।
रत्ना;बहुत सुन्दर है।
प्रिया;रत्न और देवा को देख मुस्कु रा देती है।
कोमल;देवा से हरी को मिलाती है।
सभी आपस में बैठ के बातें करने लगते है।
रत्ना;देवा बेटा जा ज़रा देख तो ममता तैयार हुई की नही।
देवा;अंदर चला जाता है।
ममता;देवा को देखने लगती है।
देवा मुस्कु रा कर उसके पास आता है।
शालु;देवा तू यही रुक मै ज़रा मेहमानो की खातिरदारी करके आती हूँ थोडी देर बाद ममता को बाहर ले आना है।
शालु; मिठाई ले के बाहर चली जाती है।

RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - sexstories - 01-23-2020

शालू के बाहर जाते ही-


ममता; देवा से चिपक जाती है।
मुझे नहीं करनी शादी भैया। आपसे अलग नहीं रहना मुझे।
देवा;चुप हो जा पगली शादी तो हर लड़की को करनी पडती है।
बस बस देख रो रो के चेहरा बिगाड लेगी तु।
रत्ना; बाहर से देवा को आवाज़ देती है।
देवा ममता को ले आ।
देवा;ममता का हाथ पकड़ के उसे बहार ली आता है।
सभी बडी बडी ऑखों से ममता को देखने लगते है।
ममता के लिए ये पहला अनुभव था जब वो सज धज के किसी पराए लोगों के सामने पेश हो रही थी।
कोमल;ममता को अपने पास बैठा लेती है।
क्या नाम है बेटी तुम्हारा।
ममता;जी वो ममता।
कोमल;बड़ा प्यारा नाम है
क्या क्या आता है।
रत्ना; अजी ये पुछिये की क्या नहीं आता।
सिलाई बुनाई कटाई सब कर लेती है हमारी ममता। खाना तो ऐसे बनाती है की पुछो मत।

कोमल;अरे वाह ये तो बड़ी अच्छी बात है।


ये देखो ये है हमारा बेटा हरी।
ममता शर्माने लगती है और ऊपर सर उठाके नहीं देखती।
कोमल;अरे बाबा डरो मत ऊपर देखो कल को ये हमे कहेंगा की अंधी लड़की गले बांध दी हमारे।
सभी हंसने लगते है और ममता सर उठाके हरी की तरफ देखती है वो देखना भर काम कर जाता है और हरी वही चारो खाने
चित हो जाता है।
लडके वालों को ममता बहुत पसंद आई थी वो रिश्ते की बात आगे बढाने के लिए कहते है।
रत्ना;आप लोगों ने तो हमे देख लिया है।
मगर हमे भी आप के बारे में जानना है इस लिए मेरा बेटा देवा आपके यहाँ जायेंगा उसके बाद ही बात आगे बढ़ायेंगे ठीक है
न।
कोमल;बिलकु ल ठीक बात कही आपने।
बेटी का मामला है सब कु छ सोच समझ के ही करना चाहिए।
मै भी मेरी बेटी के शादी जल्दबाज़ी में नहीं करुँ गी।
शालु; ये लिजीये इसी बात पर मुँह मीठा कीजिये।
सभी लोग एक दूसरे का मुँह मीठा कराते है।
इन सब से दूर ममता का दिल सुलग रहा था वो अंदर ही अंदर रो रही थी । वो अपने घर को देवा को छोड के किसी पराए घर
नहीं जाना चाहती थी।
सभी लोग खाना खाने बैठ जाते है।

RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - sexstories - 01-23-2020

कोमल बाहर रत्ना और देवा के साथ बातें कर रही थी। रत्ना बातों बातों में कोमल के बारे में सब कु छ जान लेना चाहती थी
आखिर कोमल ममता की होने वाली सास थी और सास सबसे अहम होती है किसी भी घर में।
कोमल;एक खुश मिज़ाज़ औरत थी जैसे वो बाहर से थी वैसे ही अंदर से भी खुशमिजाज़ हँसमुख।
देवा;और रत्ना को बहुत शांति मिलती है। उससे बातें करके एक सुकू न सा महसूस होता है।
शालु;अंदर से रत्ना को आवाज़ देती है और रत्ना उठके अंदर चलि जाती है।
कोमल;देवा तुम बहुत सुन्दर हो । कोई लड़की देखी है की नहीं तुम्हारी माँ ने शादी के लिये।
देवा;जी वो....
अभी ममता की शादी हो जाये उसके बाद सोचेंगे मुझे भी कोई जल्दी नहीं है।
कोमल; हाँ तुम्हारे जैसे गबरू जवान को तो रोज़ बाहर दिवाली होती होगी।
देवा;ऑंखें फाड़े कोमल की तरफ देखने लगता है और कोमल कमर मटकाते हुए खाना खाने अंदर चलि जाती है।
खाना खाके मेहमान अपने गांव चले जाते है और जाते जाते देवा को घर आने का बोल जाते है।
शालु रत्ना और देवा घर के ऑगन में बैठे मेहमानो के गुन गा रहे थे और अंदर ममता ऑसू बहा रही थी।
रत्ना; बड़े नसीबो वाली है हमारी ममता जो इतना अच्छा रिश्ता चल के आया है।
शालु;हाँ बात तो सही है अब देखो न रश्मि की शादी भी ऐसे ही जल्द बाज़ी में हुई थी। मगर बहुत खुश है मेरी रश्मि भी अपने
ससुराल में।
देवा;काकी रश्मि कब आ रही है मायके ।
शालु;देवा को घुरते हुए कहती है । आ जायेगी लगता है भाई को अपनी बहन की याद सता रही है।
रत्ना;हाँ मेरा देवा है ही ऐसा अपनी सभी बहनो का बड़ा ख्याल रखता है।
देवा;माँ मै तो काकी से भी कहता हूँ कु छ भी मत सोचा करो निसंकोच बोल दिया करो मै ख़ुशी ख़ुशी कर दूंगा तुम्हारा काम।
शालु को खांसी आ जाती है और रत्ना उसके लिए पानी लेने अंदर चली जाती है।
उसके जाते ही शालु देवा के कान खिचती है।
क्यूं रे क्या बोल रहा था।
देवा;शालू के जांघ पर हाथ रख के चूत के पास के नरम हिस्से को सहला देता है।
इस काम के बारे में काकी।
शालु;खवाब देखता रह जा बेटा। तुझे बस कु छ नहीं मिलने वाला।

RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - sexstories - 01-23-2020

रत्ना; ये लो पानी शालू।


शालु;रत्ना के हाथ से पानी ले के पीने लगती है और नज़रों से देवा को घुरने लगती है।
शालु; अच्छा रत्ना मै चलती हूँ घर में बहुत काम है रात भी होने को आई है।
रत्ना;हाँ मुझे भी बहुत नींद आ रही है। आज बहुत काम करना पडा हमे।
शालु;घर जाने के लिए खड़ी होती है।
देवा: काकी मै छोड दूँ घर तक।
शालु;नहीं मै चलि जाऊँ गी।
छोटी छोटी बातों के लिए तुझे परेशान नहीं करुँ गी मै बेटा।
देवा;क्या काकी तुम भी न। चलो मै आता हूँ रास्ते में बहुत अँधेरा है।
देवा भी शालु के साथ घर से बाहर निकल जाता है और रत्ना बिस्तर लगा देती है।
ममता;भी ऑखें छु पाते हुए रत्ना के पास जाके लेट जाती है।
रास्ते में अँधेरा बहुत था गांव के सभी लोग सो चुके थे।
शालु;आगे आगे चल रही थी और देवा पीछे पीछे।
देवा;रुक ज़रा।
शालु;रुक जाती है गली में अँधेरा के वजह से कु छ भी नज़र नहीं आ रहा था ।
देवा ;शालू के करीब जाता है और उसे पीछे से जकड लेता है।
शालु;आहह क्या करता है इसके लिए आया था ना तू उन्हह।
देवा;शालू के ब्रैस्ट मसलने लगता है और उसके मुँह से मुँह लगा देता है।
आज तो बहुत सुन्दर लग रही थी शालु। बहुत देर से तेरे होठो को चुमने को दिल कर रहा है मेरा गलप्प गलप्प।
शालु;बदन ढीला छोड देती है और देवा के बालों में उँगलियाँ फँ सा देती है।
मत कर गलप्प गलप्प।
देवा;उसे बोलने नहीं देता और उसके नरम नरम ब्रैस्ट को मसलते हुए होठो को चुमने लगता है।
शालु की चूत में पानी के क़तरे आने लगते है मगर कु त्ते के भोकने से देवा शालु को छोड देता है और शालु अपनी गरम चूत पर
हाथ रख कर घर चलि आती है।
देवा;घर आता है तब तक ममता और रत्ना रूम में बैठे बातें कर रही थी । देवा उनके पास नहीं बैठा बल्कि अपने रूम में चला
जाता है।
रात के 2 बजे देवा के पेट पर ममता अपने हाथ फे रते उसे जगा देती है।
देवा आँख खोल देता है।
अरे ममता तू। माँ ने देख ली तो मुसीबत आ जाएगी।
ममता ;माँ की फिकर है और मेरी नहीं। मुझे नहीं करने शादी भैया आप माँ से बोलो न मुझे नहीं करनी शादी।
रात के अँधेरे में ममता बहुत प्यारी लग रही थी वो देवा से एकदम चिपक के बैठी थी।
देवा;अपनी बहन को अपने बाहों में जकड लेता है।
ममता;उन्हह भैया कु छ करो न । शादी नहीं करुँ गी मै किसी से भी।
देवा;चुप कर साली जब से देख रहा हूँ वही रट लगा रखी है।
अरे पगली तू शादी कर ले उसके बाद कौन तुझे कह रहा है हमेशा वहां रहने को। जब दिल करे आ जाना यहाँ मेरे लंड के निचे
सोने के लिये।

RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - sexstories - 01-23-2020

ममता;भैया मुझे बहुत याद आएंगी ना आपकी।


देवा;याद आयेंगी तू मुझे भी। मगर किया भी क्या जा सकता है।
गांव वालो को क्या कहुंगा मै की बहन की शादी नहीं कर रहा हूँ क्यूंकि वो नहीं चाहती।
ममता को देवा की बात समझ आ गई थी वो अपनी बाहें खोल देती है और देवा उसकी सलवार का नाडा खोल देता है और
दोनों भाई बहें एक दूसरे से चिपक जाते है।

ममता ;भैया आह्ह्ह्ह।


देवा;ममता की सलवार निकाल देता है और उसे लिटा देता है।
तेरी चूत बहुत मीठी है मेरी बहन गलप्प गलप्प गलप्प।
ममता ;आहह चाट लो भैया । शादी के बाद नहीं मिलेगी ना रोज़ रोज़ आह्ह्ह्ह।
देवा;अपनी ज़ुबान से ममता की चिकनी चूत को चाटने लगता है गलप्प गलप्प्प।

ममता ;भैया माँ जग जाएगी जल्दी से अंदर पेल दो ना आह्ह्ह्ह।


देवा;रुक जा ममता गलप्प गलप्प।
ममता ;हाथ निचे ले जाके देवा का लंड पकड़ लेती है और उसे मुठी में भर के सहलाने लगती है।
देवा;आहह तेरा हाथ लगते ही देख कै से उछल रहा है तेरे भाई का लंड ममता।
ममता ;मेरी चूत का कु छ करो भइया।
देवा;ममता के दोनों पैर खोल के अपने लंड को ममता की चूत पर लगा देता है और अंदर पेल देता है।
ममता;भैया उईईईईई माँ।
जब भी लेती हूँ ऐसा लगता है पहली बार ले रही हूँ आहह।

देवा;बहुत छोटी सी चूत है बहना तेरी और छोटी सी चूत मेरे मोटे लंड को बहुत ज़ोर से जकड लेती है आअह्हह्हह्हह।
ममता ;आपके लंड ने तो इसे खोला है भइया
और चोदो न आह ज़ोर से आहहह्ह्ह।
वा निचे से कमर उठाने लगती है और देवा ऊपर से ममता की चूत में लंड उतारने लगता है।
देवा;ममता को घुमा के उल्टा लिटा देता है और पीछे से कमर पर लेट जाता है।
ममता;भैया भाभी की गाण्ड बहुत ज़ोर से मारे थे न उन्हह तुमने।
देवा;हाँ ममता तेरी भी लुँगा मगर अभी नहीं वरना तू माँ को जगा देगी।
देवा;पीछे से ममता की कमर के दरार में लंड घूस्सा के लंड को चूत की जड तक पहुंचा देता है और घच से लंड को फिर से
ममता की चूत की गहराइयों में उतार देता है।
ममता; चीख़ पडती है।
माँआआआआआआआआ.............

RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - sexstories - 01-23-2020

ममता की चीख़ रत्ना के कान तक पहुँच जाती है और वो जग जाती है ममता को अपने पास ना पा के वो उठके देवा के रूम
में चली जाती है और सामने का नज़ारा देख उसके पांव तले की ज़मीन खिसक जाती है।
रत्ना; चीखते हुए।
हमारखोरों।
क्या कर रहे हो तुम दोनो।
देवा;और ममता चौंकते हुए उठ के बैठ जाते है।
देवा का लंड ममता की चूत से आवाज़ के साथ बाहर निकल जाता है।
रत्ना;पास में पड़ी हुई लकड़ी ले के दोनों की पिटाई शुरू कर देती है।
कु ते कमिने हरामज़ादे अपनी बहन के साथ ये सब करते तुझे ज़रा भी शर्म नहीं आती।
देवा;और ममता की पीठ पर हर जगह रत्ना लकड़ी से मारना शुरू कर देती है।
देवा रत्ना का हाथ नहीं पकडता मगर ममता देवा को बचाने के चक्कर में खुद भी पिटती चली जाती है।
रत्ना;देवा के पास आती है और उसके बाल खीच के सटा सट सटा सट थप्पड की बौछार उसके मुँह पर कर देती है। पास में
बैठी ममता भी ज़्यादा देर बच नहीं पाती और रत्ना ममता का मुँह भी लाल कर देती है।
रत्ना;कपडे पहनो तुम दोनों हरामखोरों।
देवा;अपने कपडे पहनता है और रत्ना उसे मारते मारते घर के बाहर ले आते है।
निकल जा मेरे घर से कु त्ते और आज के बाद तेरे शक्ल भी मुझे मत दिखाना समझा।
ममता; ऐसे मत करो न माँ।
वो रोने लगती है।
रत्ना;तुझे भी जाना है तो तू भी निकल जा कु तिया।
रत्ना एक ज़ोर से लकड़ी ममता के पैर पर मारती है और ममता वही रोते रोते बैठ जाती है।
देवा;अपने घर रत्ना और ममता को देखता हुआ घर से बाहर निकल जाता है।
रत्ना;ज़ोर से चीखते हुए उससे कहती है वापस मत आना कु त्ते।
रत्ना पलट के ममता के बाल खीचते हुए उसके मुँह पर चपत मारते हुए उसे घसिटते हुए घर के अंदर ले जाती है।

RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - sexstories - 01-23-2020

अपडेट 62

रत्ना;ममता के बाल खीचते हुए घर के अंदर ले आती है।


बोल कब से चल रहा है ये सब। बोल कु तिया बोल।
ओ मुँह से भी बोल रही थी और हाथों का भी इस्तेमाल कर रही थी।
ममता थी की रोये जा रही थी उसे अपनी माँ की पिटाई से रोना नहीं आ रहा था वो तो अपने देवा के लिए परेशानी में रोये जा
रही थी।
जीस तरह से देवा ने ममता की तरफ देखा था घर से निकलने से पहले वो सोच सोच के ममता का दिल घबरा रहा था।
की कही देवा कु छ उल्टा सीधा न कर दे कही कोई अनहोनी न हो जाए।
रत्ना;अरे बोलती क्यों नही।
ममता; आखिर कर रत्ना का हाथ पकड़ लेती है।
बस माँ बस...
रत्ना;साली मेरा हाथ पकड़ती है क्या यही शिक्षा दी है मैंने तुझे।
कामिनी तुझसे कु छ दिन भी नहीं रहा गया अपने भाई को अपने ऊपर चढाने में तुझे ज़रा भी शर्म नहीं आई।
ममता;जब एक माँ अपने बेटे को अपने ऊपर चढ़ा सकती है तो बहन क्यों नही।
रत्ना;क्या। क्या बोली तू... वो ममता के बाल खीचते हुए दो तीन थप्पड और उसके गाल पर जड़ देती है।
ममता;तुम्हारी ननद देवकी मामी।
रत्ना;तू कहना क्या चाहती है।
ममता;हाँ हाँ तुम्हारी देवकी।
वो अपने बेटे रामु से चुदती है दिन रात।
तुम्हारे खानदान में होता है ये सब और तुम मुझे बोल रही हो।
हाँ मुझे शर्म नहीं आई क्यूंकि मै सच्चा प्रेम करती हूँ भैया से।

और अगर तुमने मुझे और भैया को अलग करने के बारे में सोचा भी ना माँ तो मैं कुँ वें में कू द के जान दे दूंगी बोल देती हूँ।
जवान खून एक वक़्त तक ज़ुल्म सहता है मगर जब कोई भी चीज़ चाहे वो नाजायज़ प्रेम ही क्यों न हो
जब इन्तहा पर आता है तो उसे कोई नहीं रोक सकता।
रत्ना;ऑंखें फाड़े अपनी बेटी ममता को देखने लगती है। उसके कहे गए वो चंद शब्द उसके कानो में गूँजने लगते है।
रत्ना;सर पकड़ के बैठ जाती है।
रत्ना अभी जब अपने भाई के घर गई थी तब उसने ऐसा कु छ देखी थी जिस पर उसे यक़ीन नहीं हुआ था।
उसने रामु को और देवकी को एक दूसरे के गले लगते हुए देखी थी और रामु देवकी की कमर दबाते हुए उसे चुम रहा था।
रात का अँधेरा था मगर रत्ना को लगा था की वो कौशल्या नहीं बल्कि सुडौल जिस्म वाली देवकी ही होगी।
उस बात को वो भूलना चाहती थी मगर आज जब ममता के मुँह से उसने ये बात सुनी तो उसके पांव तले की ज़मीन निकल
गई थी।
वो रात न ममता सोई और न रत्ना।

RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - sexstories - 01-23-2020

जहां एक तरफ रत्ना, देवा और ममता के रिश्ते को लेके परेशान थी की कही गांव में ये बात पता चल गई की एक भाई अपनी
बहन को चोदता है।
तो क्या होंगा।
ये बात उससे परेशान तो कर रही थी मगर एक और चीज़ उसके जिस्म में हलचल मचा रही थी।
ममता के कही हुई वो बात की जब एक बेटा अपनी माँ को चोद सकता है तो एक भाई क्यों नही।

रामु;देवकी को चोदता है।


यही एक बात उसके तन बदन में आग लगा रही थी।
वो अपने बिस्तर पर सोई हुई थी।
बाहर मौसम ठण्डा था हलकी हलकी बरसात ने मौसम को ख़ुशगवार बना दिया था मगर रत्ना का जिस्म भट्टी के तरह जल
रहा था।
आंखे बंद करते ही उसे देवा और ममता चुदाई करते हुए नज़र आ जाते।
वो बेचैन भी थी और परेशान भी दूसरी तरफ ममता का पूरा ध्यान देवा की तरफ था।
वो दिल हि दिल में अपने भगवान से दुआ मांग रही थी की बस उसके भाई को सही सलामत घर भेज दे चाहे तो उसकी जान
ले ले।
रात का वो ख़ौफ़नाक सन्नाटा तो किसी तरह कट गया मगर सुबह का सूरज भी नए उम्मीद ले के नहीं आया था।
सुरज सर पर आ गया था मगर देवा का कोई अता पता नहीं था।
ममता ;रत्न के पास जाके बैठ जाती है।
माँ....
रत्ना की ऑखें सूजी हुई थी वो शायद रात भर रोई थी
वो ममता की तरफ नहीं देखती।
ममता; माँ मेरी बात तो सुनो....
माँ तुम मुझे जान से मार दो मगर भैया को देखो न कहाँ गए है। कितनी देर हो गई है।
उन्होने कु छ खाया भी नहीं माँ किसी को खेत में भेज के पता लगाओ ना माँ की भैया कहाँ है।
रत्ना; ममता की तरफ ज़हरीली नज़रों से देखती है।
ममता;माँ मै जानती हूँ तुम मुझसे नफरत करती तो मै ये भी नहीं चाहती की तुम मुझे माफ़ करो।
मगर भैया को कु छ हो गया ना माँ तो मै तुम्हें कभी माफ़ नहीं करुँ गी।
रत्ना; अच्छा मुझे माफ़ नहीं करेगी कलमुँही जा मर जा तू भी अपने भाई के साथ जा के । मेरा पीछा छोड़ो तुम दोनो ।मुझे
तुझसे कोई बात नहीं करनी।
ममता; रोती बिलखती वहां से उठके अपने रूम में चली जाती है।

RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - sexstories - 01-23-2020

इधर हवेली में भी सब कु छ उथल पुथल होने के क़रीब था।


हिम्मत राव की बेरुख़ी जहाँ रुक्मणी को परेशान किये हुए थी । वही रानी भी बहुत ग़ुस्से में था।
रुक्मणी;हिम्मत राव के पास जाके बैठ जाती है। वो उस वक़्त हुक्का पी रहा था।
हिम्मत;एक नज़र उठाके रुक्मणी की तरफ देखता है।
रुक्मणी; मैं पूछती हूँ आखिर कब तक आपके दोस्त की बीवी यहाँ रहेंगी।
हिम्मत;क्यूँ तुझे क्या तकलीफ हो गई है बिंदिया से।
रुक्मणी;देखिये मै चुप हूँ इसका मतलब ये नहीं की मै कु छ नहीं कर सकती।
हिम्मत;हुक्का एक तरफ रख के खड़ा हो जाता है।
क्या मतलब है तेरे कहने का।
रानी भी वहां आ जाती है।
बापु माँ बिलकु ल ठीक कह रही है।
रानी;जब से वो आई है आप बहुत बदल गए हैं आखिर मै आपकी बेटी हूँ।
और आप मुझसे भी ठीक से बात नहीं कर रहे । जब देखो उस कलमुँही बिंदिया के रूम में पड़े रहते हो।
हिम्मत;खामोश लडकी।
रुक्मणी;उसे खामोश करने से सचाई चुप नहीं जाएगी।
हिम्मत;रुक्मणि की तरफ पलटता है और एक ज़ोरदार थप्पड पहली बार रुक्मणी के मुँह पर जड़ देता है।
साली मुझसे ऊँ ची आवाज़ में बात करती है।
रुक्मणी नीचे गिर पडती है और फू ट फू ट के रोने लगती है।

हिम्मत;तुम दोनों माँ बेटी मुझे क्या अपनी गुलाम समझते हो।
मेरी मर्ज़ी है जिसके साथ रहूँ जहाँ चाहे वहां रहूँ । तुम दोनों मुझे बोलने वाली होती कौन हो।
रुक्मणी; मैं आपकी पत्नी हूँ।
हिम्मत; पत्नी है तो घर के अंदर एक कोने में पडी रह। मेरे सर पर सवार होने की कोशिश मत कर।
अगर अपने हद से आगे जाएगी तो अच्छा नहीं होगा।
रुक्मणी; क्या करेंगे आप।
हिम्मत;ये सुनके पास में पड़े हुए लकड़े से सटा सट सटा सट रुक्मणी की पिटाई शुरू कर देता है।
रुक्मणी;चिखने चिल्लाने लगती है।
पास में खड़ी रानी ये देख के बुरी तरह डर जाती है।
हिम्मत;मेरी जुठन खाने वाली तुझे कहाँ से इतना बोलना आ गया साली ले ये ले....
रुक्मणी;आहह आहः
रानी हिम्मत का हाथ पकड़ लेती है।
बस बापू बस जानवर की तरह मार रहे हो तुम माँ को।
हिम्मत;हाथ छोड।
रानी;नहीं छोडूंगी।
हिम्मत;नहीं छोड़ेगी।
ले तू भी ले....

RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - sexstories - 01-23-2020

हिम्मत राव को लगने लगा था की उसके अस्तित्व पर आंच आने वाली है।
वो औरतें जो उसके हुक्म के बिना खाना भी नहीं खाती थी आज उन दोनों ने किसी नागिन की तरह अपना फन उठाया था।
और हिम्मत राव अच्छी तरह जानता था साँप हो या औरत किस तरह उसे कु चला जाता है।
पुरे गांव में वो अपने इसी रवैये की वजह से बदनाम था।
रानी और रुक्मणी दोनों सिसक सिसक के रोने लगती है।
तभी वहां बिंदिया आती है।
बिंदिया;बस भी कीजिये ना।
नादान है ये दोनो।
हिम्मत; अच्छी तरह से समझा देना दोनों को मेरे सामने ऊँ ची आवाज़ में बात करने के बारे में सोचना भी मत।
वरना वहां पहुंचा दूंगा जहाँ से कभी लौट के नहीं आयेंगे समझी।
वो हाथ में की लकड़ी फें क के अपने रूम में चला जाता है।

रुक्मणी और रानी को बिंदिया सहारा देने लगती है मगर दोनों उसका हाथ तक नहीं थामती।खुद अपने रूम में चलि जाती है।
बिंदिया; उन दोनों के जाने के बाद खुद से कहती है।
रुक्मणी आज तुम्हें अपने पति की असली औक़ात पता चली है साली हरामी।

सुबह से दोपहर हो गई थी और दोपहर से रात मगर देवा का कोई अता पता नहीं था।
अब रत्ना को भी उसकी चिंता सताने लगी थी वो शालु के घर जाती है और उससे देवा के बारे में पूछती है।
शालु;नहीं देवा तो सुबह से यहाँ नहीं आया।
क्यूं सब ठीक तो है ना रत्ना।
रत्ना;नहीं न शालु देख न कल रात से ग़ायब है पता नहीं कहाँ चला गया।
ये सुनके शालु भी बेचैन हो उठती है और वो पप्पू को और गांव के जवान लड़कों को देवा की तलाश में दौड़ा देती है।
हर कोई देवा की तलाश करने लगता है।
छोटा सा गांव था अम्बेटकली।
हर जगह उसे तलाश करते है मगर देवा कही भी नज़र नहीं आता।
रत्ना की हालत ख़राब होने लगती है शालु उसे ख़ोद खोद के देवा के घर से जाने के वजह पूछती है।
मगर रत्ना बस रोये जाती है और कु छ नहीं कहती। क्या कहती वो की बहन को चोदते देख मैंने उसे और उसकी बहन की
पिटाई की तो वो घर छोड के चला गया।
पप्पू और गाँव के कई लोग जब वापस थक हार के रत्ना के घर आते है तो रत्ना एक एक से पूछती है मगर हर कोई बस एक
जवाब देता है।
की उन्हें देवा कही नज़र नहीं आया।
ये सुनके घर में बैठी ममता ज़ोर ज़ोर से रोने लगती है।
सब बस यही सोचने लगते हैं की आखिर देवा गया तो गया कहाँ।

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