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▼ 2018 (64)
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12/1/2018 Guru Gorakhnath (गु गोरखनाथ जी के िस शाबर मं ): !! िद चम ारी गु म यं अनुभूत गु गोरख नाथ जी का मं !!
▼ February (14)
एक लूना चमारी काम प काम ा म पूजी
जाती है
रामर ामं जाप
Aadesh Gayatri Jaap
कालभैरव गु िस शाबर मं
भगवान ी शरभे र -शालुव - पि राज का
िचंतामिण ...
चपटी नाथ पर रा का अ भुत शाबर -मं
शाबर मं
ती शाबर वशीकरण
कलुआ मोिहनी साधना
सुलेमान पैग र
ीगु म का ि तीय माहा
गु गोरखनाथ जी का अथ गु म
By Guru Gorakhnath गु गोरखनाथ at February 16, 2018 No comments:
गोर पंचा र जाप
नौनाथर ा जाप
Labels: !! िद चम ारी गु म यं अनुभूत गु गोरख नाथ जी का मं !!
► January (50)
!! िद चम ारी गु म
यं अनुभूत गु गोरख नाथ जी
का मं !!
१००% िज़ गी बदल दे गा गु
गोरखनाथ जी का यह मं यह
मं मेरा यं अनुभूत है दावे के
साथ कह सकता ँ डे ली ११ बार बोलो और िवशव
ा...
ि ी ि े
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12/1/2018 Guru Gorakhnath (गु गोरखनाथ जी के िस शाबर मं ): !! िद चम ारी गु म यं अनुभूत गु गोरख नाथ जी का मं !!
By Guru Gorakhnath गु गोरखनाथ at February 16, 2018 No comments: यिद साधक अपनी रािश के
अनुसार स मं का जप करे
इससे दे वी शी मनोकामना पूण
करती ह। िकस रािश के जातक
Labels: !! िद चम ारी गु म यं अनुभूत गु गोरख नाथ जी का मं !! को मां के कौन से प की
उपा...
Aadesh Gayatri Jaap िशव जी की अनुभूत साधना
Aadesh Gayatri Jaap िशव जी की अनुभूत साधना
शाबर मं हरी ॐ नमः िशवाये
िशव गु रमाये !! यह मं
आदे श गाय ी जाप आपको करना है िशवराि से
सु करना है और सवा...
ॐ नम आदे श गुरा जीकूँ आदे श , ॐ आदे शाय िव हे |
सोहं आदे शाय धीमिह न ो आदे शनाम चोदयात् || भैरवी िस शाबर मं Bhairavi
आदे श नाम गाय ी जाप उठ े अनुभवदे वा | ष म् ोित भैरवी गटी |
स दीप नव ख म आदे श नामकी सेवा || (भैरवी िस शाबर मं ) ॐ
आदे श नाम अनघड़की काया ररं कारम झंकार समाया | सती भैरवी भैरो काल यम जाने
सोहं कारसे ॐ उपाया व शरीर अमर करी काया || यम भूपाल तीन ने तारा ि कुटी,
आदे श नाम अमृत रसमेवा आद जुगाद क ँ मै सेवा | गले म माला...
आदे श नाम अनघड़जीने भा ा लख चौरासी पड़ता रा ा ||
आदे श नाम पाखान तराई आदे श नाम जपोरे भाई |
आदे श नाम जप े दे वा ा िव ु महे र एवा ||
िस चौरासी नाथ नव जोगी आवा गमन कदे निह भोगी |
राजा जा जपै िदन राित दू ध पूत घर संपित आित ||
आदे श नाम गाय ी सार जपो भौ उतरो पार |
आदे श नाम गाय ी उ म जपतांवार न कीजै जनम ||
इतना आदे श नाम गाय ी जाप स ूरणं सही |
अटल दलीचे वैठके ीनाथजी गु जी ने कही ||
नाथजी गु जी को आदे श आदे श ||
२१ बार अथवा ५१ बार पढ़ कर आदे श ले और गु करे शाबर मं का जाप भु कृपा ज ी होगी अलख आदे श
सनी शमा
अलख आदे श शाबर मं जगत म आपका ागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के िस शाबर मं
ही दु गा जो के मेरे गु का ान है वही यहाँ पर दु गा लेिकन मेहनत आपको करनी है ! वैिदक मं १२५००० जाप
से िस होते है ! लेिकन शाबर मं अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रं ग िदखा श का आवास
करवा दे ता है और आपको यह मं िस करने के िलए नवराित म सूबा एक माला एक माला शाम को दे नी
बामचाय का पलना करना है और ला िदन १०८ बार हवन करना है िजसका तन मन स ा होगा उसको ९
िदनों म ही माता के दशन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर िजसका ाथ होगा उसको कुछ नही ं होगा लेिकन
इ दे व िपतरो की सेवा पहले अलख आदे श सनी शमा िशव गोर धाम सतनाली !
नोट:- ऊपर वाले का ५१ बार जाप करना है िनचे वाले मं की १ माला ज री है बािक आपकी मज है १००००
जाप बी कर सकते हो हवन १००० बार भोग डे ली दे ना है कुछ न कुछ जय गु गोरखनाथ !! अगर नवरा ी म
नही ं कर सकते हो तो िकसी बी शुभ मूरत म करना है आपको और शाबर मं के सेवा सवा महीना लगाओ ! और
उसके बाद आपको मनन करना है और मं को चला कर दे खो हर साधना ले िलए ा की माला उ म है !
मं मं :—- ॐ नमो आदे श गु को ! चेला सुने गु फ़रमाय ! िसंह दहाड़े घर म जंगल म ना जाये ,घर
को फोरे , घर को तोरे , घर म नर को खाय ! िजसने पाला उसी का जीजा साले से घबराय ! आधा
िहरना आधा घोडा गऊ का प बनाय ! एकानन म दु ई चु ा , सो प ी प हो जाय ! चार टांग नीचे
दे खूं , चार तो गगन सुहाय ! फूंक मर जल-भूंज जाय ,,काली- दु गा खाय ! जंघा पे बैठा यमराज महाबली
, मार के हार बनाय ! भों भों बैठे भै बाबा , नाग गले िलपटाय ! एक झप ा मार के प ी , िसंह ले उड़
जाय ! दे ख दे ख जंगल के राजा प ी से घबराय ! ”””’ॐ ख खां खं फट ाण ले लो , ाण ले लो —-घर
के लोग िच ाय ! ॐ शरभ -शालुव - पि राजाय नम: ! मेरी भ , गु की श , फुरो मं
ई रॊवाचा ! दु हाई महा की ! दे ख चेला प ी का तमाशा ाहा ””” !!!…..
ि ी ि ो ि ि ै े े ी
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12/1/2018 Guru Gorakhnath (गु गोरखनाथ जी के िस शाबर मं ): !! िद चम ारी गु म यं अनुभूत गु गोरख नाथ जी का मं !!
िवधान/;- यह मं साधारण मं नही ं ! अिपतु शाबर मं ो म िचंतामिण मं है ! मेरे प रवार की शरभ -
साधना – पर रा म यह मं ि या क प से चिलत रहा ! कुछ समय पूव मेने इस मं को एक
िस पंचांग म भी कािशत िकया था —-सव थम ! उसके प ात एक पि का ने इसको पंचांग से
लेकर कािशत कर िदया ! अब कुछ वष पूव ही मेने मेरी पु क ”िन ह-दा ण-स कं” म इस मं
को -[अ और भी शाबर मं ो के साथ ] कािशत िकया है ! ये मं अ ंत ही घोर मं है ! िकसी भी
महापव म इस मं का अनु ान आर करे ! शान म , िशव मंिदर म , िनजन थान म , तलघर म ,
शु ागार म ..या अपनी पूजा-क म भी ! २१ िदन िन राि म ा की माला पर ५ माला जप करे !
िदशा उ र , र आसन , दीपक िलत रहे !
ी द आदायु ु े : म् साबरमम
अधरमम हम िनहरा सटी , पदम्
पदा श के रीम ॐ भू : : !!!
इस मं को भोवल मं कहते ह !
भोवल अथात च र आना ,, म क
बिधर होना ! यह भोवल-रोग पशुओ और
मनु दोनों पर ही अपना भाव
िदखता है ! इससे पीिड़त ाणी जगह
जगह गोल गोल घुमने लगता है और
पागलो जेसी हरकत करने लगता है !
ुत मं यं िस है ,, िफर
भी िकसी महापव म इस मं का जप
अपने आरा -दे व के स ुख ..धुप-दीप
ज त करके ११ माला की सं ा म
कीिजये ! …………..
जब िकसी समय इस रोग से पीिड़त
ाणी पर इस मं योग
करना हो तो भ या शु
िमटटी अपने हाथ म लीिजये और मं से
११ बार अिभमंि त कीिजये और
रोगी पर फक या उसके म क पर
लगा दीिजये ……मं - भाव से तुरंत
चम ार-पूण लाभ होगा ! उसके
प ात िकसी काले धागे म ११ गांठ
मं उचारण की साथ लगाये और
रोगी के गले म धारण करवा दे ..!!! ..ये
मं मुझे पर रा से ा है … साधक
जनों के लाभाथ इसे यहाँ ुत
िकया ! मं शु है !
िड शन बॉ म है वह जा कर दे खे
:-shivgurugorakhnath.blogspot.com
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12/1/2018 Guru Gorakhnath (गु गोरखनाथ जी के िस शाबर मं ): !! िद चम ारी गु म यं अनुभूत गु गोरख नाथ जी का मं !!
शाबर मं
शाबर मं
सतनाम आदे श गु जी को आदे श आदे श ॐ नमो िस कण िस नाथ बैठे साथ गु वाचा दे साथा गु करे
िस ाई सत नाम आदे श सतगु महाराज क तेरा दीदार जब जब लू ९ नाथ ८४ िस ो का नाम स ा तेरा
नाम तुझको पाऊ तुज म खो जाऊ जब जब लू तेरा नाम सतनाम आदे श गु िस गु गोरख गोसाई मेरी
सुनो म तेरा चेला मुझ पर हाथ रख मेरे सहाई गु का नाम मेरे ाण जले तेरी जोत गोरखनाथ म तेरा ब ा तू
मेरा िवधाता िशव के प म आता जहा जहा लेवे सनी तेरा नाम दादा गु मिछ र का चेला चला उठ के
आकाश बैठे कैलाश बैल सवारी जय जय हो िशव प गोरखनाथ तेरी सदा ही जय जयकर सतनाम आदे श
गु जी को आदे श आदे श आदे श सनी शमा नाथ पंथ शाबर मं िशव गोर धाम सतनाली गोगामेड़ी शाबर
मं म ली !
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12/1/2018 Guru Gorakhnath (गु गोरखनाथ जी के िस शाबर मं ): !! िद चम ारी गु म यं अनुभूत गु गोरख नाथ जी का मं !!
गु ही सब कुछ हाउ गु दे ने वाला है गु ही लेने वाला है इसिलए गु नाम सबसे पहले और माता िपता से
बढ़ कर कोई गु नही ं होता है याद रहे अ तम के साथ बलाही और ात के माग पर चलना है तभी िमलगा
सब कुछ मन म पाप और िस ो का जाप से काम नही ं होता भाई सब वो जिन जान है अलख आदे श सनी
शमा !
ॐ गु जी ! पवनपवत ऊ मुख कुआ सतगु आये िनरं कार ा आये दे खा कौन हाथ पु क ? कौन हाथ
माला ? बाय हाथ पु क दािहने हाथ माला जपो तपो िशवं सोऽहं सु री बाला | बाला जपे सो बाला होवे | बूढा
जपे सो बाला होवे | योगी जपे सो िनरोगी होय जपो जप कट पाप | अ बेले माई न बाप | गु संभालो आपो
आप | इतना गु म स ूणम् |
अलख आदे श शाबर मं जगत म आपका ागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के िस शाबर मं
ही दु गा जो के मेरे गु का ान है वही यहाँ पर दु गा लेिकन मेहनत आपको करनी है ! वैिदक मं १२५००० जाप
से िस होते है ! लेिकन शाबर मं अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रं ग िदखा श का आवास
करवा दे ता है और आपको यह मं िस करने के िलए नवराित म सूबा एक माला एक माला शाम को दे नी
बामचाय का पलना करना है और ला िदन १०८ बार हवन करना है िजसका तन मन स ा होगा उसको ९
िदनों म ही माता के दशन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर िजसका ाथ होगा उसको कुछ नही ं होगा लेिकन
इ दे व िपतरो की सेवा पहले अलख आदे श सनी शमा िशव गोर धाम सतनाली !
नोट:- ऊपर वाले का ५१ बार जाप करना है िनचे वाले मं की १ माला ज री है बािक आपकी मज है १००००
जाप बी कर सकते हो हवन १००० बार भोग डे ली दे ना है कुछ न कुछ जय गु गोरखनाथ !! अगर नवरा ी म
नही ं कर सकते हो तो िकसी बी शुभ मूरत म करना है आपको और शाबर मं के सेवा सवा महीना लगाओ ! और
उसके बाद आपको मनन करना है और मं को चला कर दे खो हर साधना ले िलए ा की माला उ म है !
गु गोरखनाथ जी का अथ गु म
गु गोरखनाथ जी का अथ गु म
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12/1/2018 Guru Gorakhnath (गु गोरखनाथ जी के िस शाबर मं ): !! िद चम ारी गु म यं अनुभूत गु गोरख नाथ जी का मं !!
अलख आदे श शाबर मं जगत म आपका ागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के िस शाबर मं
ही दु गा जो के मेरे गु का ान है वही यहाँ पर दु गा लेिकन मेहनत आपको करनी है ! वैिदक मं १२५००० जाप
से िस होते है ! लेिकन शाबर मं अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रं ग िदखा श का आवास
करवा दे ता है और आपको यह मं िस करने के िलए नवराित म सूबा एक माला एक माला शाम को दे नी
बामचाय का पलना करना है और ला िदन १०८ बार हवन करना है िजसका तन मन स ा होगा उसको ९
िदनों म ही माता के दशन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर िजसका ाथ होगा उसको कुछ नही ं होगा लेिकन
इ दे व िपतरो की सेवा पहले अलख आदे श सनी शमा िशव गोर धाम सतनाली !
नोट:- ऊपर वाले का ५१ बार जाप करना है िनचे वाले मं की १ माला ज री है बािक आपकी मज है १००००
जाप बी कर सकते हो हवन १००० बार भोग डे ली दे ना है कुछ न कुछ जय गु गोरखनाथ !! अगर नवरा ी म
नही ं कर सकते हो तो िकसी बी शुभ मूरत म करना है आपको और शाबर मं के सेवा सवा महीना लगाओ ! और
उसके बाद आपको मनन करना है और मं को चला कर दे खो हर साधना ले िलए ा की माला उ म है !
अलख आदे श शाबर मं जगत म आपका ागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के िस शाबर मं
ही दु गा जो के मेरे गु का ान है वही यहाँ पर दु गा लेिकन मेहनत आपको करनी है ! वैिदक मं १२५००० जाप
से िस होते है ! लेिकन शाबर मं अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रं ग िदखा श का आवास
करवा दे ता है और आपको यह मं िस करने के िलए नवराित म सूबा एक माला एक माला शाम को दे नी
बामचाय का पलना करना है और ला िदन १०८ बार हवन करना है िजसका तन मन स ा होगा उसको ९
िदनों म ही माता के दशन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर िजसका ाथ होगा उसको कुछ नही ं होगा लेिकन
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नोट:- ऊपर वाले का ५१ बार जाप करना है िनचे वाले मं की १ माला ज री है बािक आपकी मज है १००००
जाप बी कर सकते हो हवन १००० बार भोग डे ली दे ना है कुछ न कुछ जय गु गोरखनाथ !! अगर नवरा ी म
नही ं कर सकते हो तो िकसी बी शुभ मूरत म करना है आपको और शाबर मं के सेवा सवा महीना लगाओ ! और
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12/1/2018 Guru Gorakhnath (गु गोरखनाथ जी के िस शाबर मं ): !! िद चम ारी गु म यं अनुभूत गु गोरख नाथ जी का मं !!
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ी नव ह शाबर मं
ी नव ह शाबर मं
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नही ं कर सकते हो तो िकसी बी शुभ मूरत म करना है आपको और शाबर मं के सेवा सवा महीना लगाओ ! और
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अलख आदे श शाबर मं जगत म आपका ागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के िस शाबर मं
ही दु गा जो के मेरे गु का ान है वही यहाँ पर दु गा लेिकन मेहनत आपको करनी है ! वैिदक मं १२५००० जाप
से िस होते है ! लेिकन शाबर मं अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रं ग िदखा श का आवास
करवा दे ता है और आपको यह मं िस करने के िलए नवराित म सूबा एक माला एक माला शाम को दे नी
बामचाय का पलना करना है और ला िदन १०८ बार हवन करना है िजसका तन मन स ा होगा उसको ९
िदनों म ही माता के दशन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर िजसका ाथ होगा उसको कुछ नही ं होगा लेिकन
इ दे व िपतरो की सेवा पहले अलख आदे श सनी शमा िशव गोर धाम सतनाली !
नोट:- ऊपर वाले का ५१ बार जाप करना है िनचे वाले मं की १ माला ज री है बािक आपकी मज है १००००
जाप बी कर सकते हो हवन १००० बार भोग डे ली दे ना है कुछ न कुछ जय गु गोरखनाथ !! अगर नवरा ी म
नही ं कर सकते हो तो िकसी बी शुभ मूरत म करना है आपको और शाबर मं के सेवा सवा महीना लगाओ ! और
उसके बाद आपको मनन करना है और मं को चला कर दे खो हर साधना ले िलए ा की माला उ म है !
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12/1/2018 Guru Gorakhnath (गु गोरखनाथ जी के िस शाबर मं ): !! िद चम ारी गु म यं अनुभूत गु गोरख नाथ जी का मं !!
२१ बार अथवा ५१ बार पढ़ कर आदे श ले और गु करे शाबर मं का जाप भु कृपा ज ी होगी अलख आदे श
सनी शमा
अलख आदे श शाबर मं जगत म आपका ागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के िस शाबर मं
ही दु गा जो के मेरे गु का ान है वही यहाँ पर दु गा लेिकन मेहनत आपको करनी है ! वैिदक मं १२५००० जाप
से िस होते है ! लेिकन शाबर मं अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रं ग िदखा श का आवास
करवा दे ता है और आपको यह मं िस करने के िलए नवराित म सूबा एक माला एक माला शाम को दे नी
बामचाय का पलना करना है और ला िदन १०८ बार हवन करना है िजसका तन मन स ा होगा उसको ९
िदनों म ही माता के दशन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर िजसका ाथ होगा उसको कुछ नही ं होगा लेिकन
इ दे व िपतरो की सेवा पहले अलख आदे श सनी शमा िशव गोर धाम सतनाली !
नोट:- ऊपर वाले का ५१ बार जाप करना है िनचे वाले मं की १ माला ज री है बािक आपकी मज है १००००
जाप बी कर सकते हो हवन १००० बार भोग डे ली दे ना है कुछ न कुछ जय गु गोरखनाथ !! अगर नवरा ी म
नही ं कर सकते हो तो िकसी बी शुभ मूरत म करना है आपको और शाबर मं के सेवा सवा महीना लगाओ ! और
उसके बाद आपको मनन करना है और मं को चला कर दे खो हर साधना ले िलए ा की माला उ म है !
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शाबर मं
यह मं आपको करना है िशवराि से सु करना है और सवा महीना म इसका १२५००० जप करना है िजनके
गु नही ं है उनका गु बन कर बाबा भोलेनाथ जी अपर कृपा करते है यह मं मने ब त जपा था जब म बी किब
े ीि ै े ी े ै ी ि ि े ी
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भटकता था नेट पर पर गु नही ं िमलता है नेट पर ुकी रयल म गु नेट पर है नही ं इसिलए िजनके गु नही ं
वो यह कर सकते है और लेडीज बी कर सकती है !
बस साधना काल म एक बात का ान पाप काम करना है स ोग से दौर इ ी को टच बी नही ं करना है कम
बोलना है कम और कम खाना है और मािसक जप करना है चलते िफरते बािक आसान पर बैठ कर पूजा दे ना है
! इ दे व िपतरो का नाम पहले अलख आदे श सनी शमा िशव गोर धाम सतनाली !!
यह मं मेरा यं अनुभूत है दावे के साथ कह सकता ँ डे ली ११ बार बोलो और िवशव ा भाव से करो
आप सब िबगरे काम बनेगे अलख आदे श सनी शमा
ब त ादा कमट आने पर दोवारा से िलख कर दे रहा ँ म मं बस जैसे िलखा वैसे ही करना है
आपको और मेरे वीिडयो पर कम से कम १००० लाइक और ५०० कमट आया तो बाबा काल
भैरो जी की साधना दु गा जो गु है िकताब के मं नही ं है यह सब अलख आदे श !!! कमट म
कृ ा आदे श िलख !!! अगर आपको अभी बी समझ नही ं आता है मेरा िलखा तो म इस म कुछ
नही ं कर सकता ँ मुझे माफ करना आप और हो सके तो पहले मेरे सारे वीिडयो दे खना आप ! सनी शमा
शाबर मं :--
ॐ गु जी गोरख जती मछे का चेला िशव के प म िदखे अलबेला कानों कंु डल गले म
नादी हाथ ि शूल नाथ है आिद अलख पु ष को क ँ आदे श ज ज के काटो कलेश
भगवा वेश हाथ म ख र भैरव िशव का चेला जहाँ जहाँ जाऊं नगर डगर लगे वहां िफर मेला
िशव का धुना गोरख तापे काल कंटक थर थर कांपे मेरी र ा करे नव नाथ राम दू त
हनुम र िस आं गन िवराजे माई अ पूणा सुखवंत श सांचा िपंड कंचा चलो
म ई रो वाचा !
बात आती है आपके ा भाव की मने थोड़ी न कुछ करना है कृपा करना उस मािलक का
काम है म तो उसका ब ा ँ ! आप सभी जैसा ही ँ मेहनत आपकी अपनी है म िकसी को दे ने
वाल कौन होता ँ यह सब उस मािलक की कृपा है आप बस करना इसको लेिकन गु ,इ ,
और िपतृ यह सब ज री है ुकी सारी चीज़े इनसे घूम िफरके आती है !इसिलए बोलता ँ
गु पहले और मेरे मं तं रयल है भाई कोई बी मं डायरे उठा कर किब मत करना ु की
अगर िकसी को कुछ आ तो म उसके िलए िज़ ेदार नही ं ँ ! वो आपका र है मेरा काम
दे ना है बािक आप गु मं चेतन करके कर सकते हो कुछ बी अलख आदे श सनी शमा
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12/1/2018 Guru Gorakhnath (गु गोरखनाथ जी के िस शाबर मं ): !! िद चम ारी गु म यं अनुभूत गु गोरख नाथ जी का मं !!
ोितष के झे म साधक को आगे बढ़ने के िलये कण िप.शाचिन,माँ पंचुगिल आिद साधना करबाते है
कुछ लोगों को सफलता िमलती है कुछ अपनी िजंदगी इ ी साधनाओ के च र म बबाद कर लेते है
जीवन म ोितष के झे म अनेक उतार-चढ़ाव आयेगे और इसम आगे बढ़ने के लीये अनेक साधना भी
करनी पड़ती है इनमे से एक है माँ सर ती की साधना िजसके वीना ान की क ना करना भी बेकार
है
ोितष मे सफलता ा के िलये श शाली मं पाठको म आपको एक अनुभव िकय◌ा आ म
बता रहा ँ .
इसके जाप से वाणी िस होने लगती है कुछ ही िदन के बाद आपको ये भी मालूम होने लगता है की
सामने वाले के मन मे ा है पर जाप बस िनरं तर होना चािहये म अित श शाली है
(1)51िदन रोज 11 माला जप कर
म
""ओउम नमो भगवती ुत दे वी हं स वािहनी ि काल िनिम कािशनी
सव काय कािशनी सत भावे सत भाषे
असत का हार करे ओउम नमो ुत दे वी ाहा !"''"
इस म के िनरं तर जाप से आप पर मां सर ती की पूण कृपा होगी और वाणी से िनकला हर श
स ं सीध होगा !
आजमा कर दे ख लो
पर साथ ही हर पूिणमा को खीर का भोग दे वी को लगाना मत भूलना।
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12/1/2018 Guru Gorakhnath (गु गोरखनाथ जी के िस शाबर मं ): !! िद चम ारी गु म यं अनुभूत गु गोरख नाथ जी का मं !!
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कपूरगौरं क णावतारम
संसारसारं भुजगे हारम
सदा वस ं दयार िव े
भवंभवानी सिहतं नमामी
म ारमाला किलनाल कायै
कपालमाला त क राय
नमः िशवायै च नमः िशवाय
गोर बालम गु िश पालम
शेषा िहमालम शिशख भालं
काल कालम िजनज जालम
व े जटालम जगद नालम
गु ा गु िव ु गु दवो महे रा
गु सा ात् पर त ै ी गु वै नमः
ानमूलं गुरोमुत , पूजा मूलं गु पदम्
म मूलं गु वा मो मूलं गु कृपा
मं स म पूजा स म स दे वं िनरं जनम
गु वा सदा स म स म एकम परमपदम्
मेव माता च िपता मेव
मेव ब ु च सखा मेव
मेव िव ा िवडम मेव
मेव सवम मम दे व दे वः
आकाशाय ताड़का िलंगम
पाताले वटु के रम
म लोके महाकालम
सव िलंगम नम ुते
शैली ृंगी िशर जटा झोली भगवा भेष
कानन कु ल भ लसै िशव गोर आदे श
१ ॐकर तेरा आधार
तीन लोक म जय-जयकार
नाद बाजे काल भागे
ान की टोपी गोरख साजे
गले नाद पु न की माला
र ा करे ी शं ुजती गु गोर नाथजी बाला||
चार खाणी चार बानी
च सूय पवन पानी
एको दे वा सव सेवा
ोित पाटले परसों दे वा
कानन कु ल गले नाद
करो िस ो नाद् कार
िस गु वरों को आदे श! आदे श!!
ी नाथजी गु जी को आदे श! आदे श!!
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रािश
मेष रािश के जातकों को नवरा म
मां दु गा की आराधना करनी चािहए।
वृष रािश के जातकों को
मां काली की उपासना करनी चािहए।
िमथुन रािश वालों को
दे वी तारा की उपासना करनी चािहए।
कक रािश वाले जातकों को
मां कमला की आराधना करनी चािहए
िसंह रािश वाले जातकों को
मां बाला ि पुरा की उपासना करनी चािहए।
क ा रािश के जातकों को नवरा म
मां मातंगी की आराधना करनी चािहए।
तुला रािश के जातकों को नवरा म
माता महाकाली की आराधना करनी चािहए।
इस रािश के जातकों को नवरा म
मां दु गा की उपासना करनी चािहए।
धनु रािश के जातकों को
मां बगलामुखी की आराधना करनी चािहए।
कु रािश के जातकों को
मां भुवने री की आराधना करनी चािहए।
मीन रािश के जातकों को
मां बगलामुखी की आराधना करनी चािहए।
’ मं का अिधकािधक जप करना चािहए।
॥ आदे श ॥
ॐ चैत िस गोर नाथाय नमो नम:
जय ी महाकाल
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मं जप की सरलतम िविध
मं जप की सरलतम िविध
सृि से पहले जब कुछ भी नही ं था तब शू म वहां एक िन मा होती थी। वह िन अथवा नाद था
‘ओऽम’। िकसी श , नाम आिद का िनरं तर गुंजन अथात मं । उस मं म श था, एक र था। वह
श एक र पर आधा रत था। िकसी श आिद का उ ारण एक िनि त लय म करने पर िविश
िन कंपन ‘ईथर’ के ारा वातावरण म उ होते ह। यह कंपन धीरे धीरे शरीर की िविभ
कोिशकाओं पर भाव डालते ह। िविश प से उ ारण िकए जाने वाले र की योजनाब ंखल◌ा
ही मं होकर मुह से उ ा रत होने वाली िन कोई न कोई भाव अव उ करती है । इसी
आधार को मानकर िन का वग करण दो पों म िकया गया है , िज िह ी वणमाला म र और
ंजन नाम से जाना जाता है ।
मं िन और नाद पर आधा रत है । नाद श ों और रों से उ होता है । यिद कोई गायक मं
ाता भी है तो वह ऐसा र उ कर सकता है , जो भावशाली हो। इसको इस कार से दे खा जा
सकता है :
यिद र की आवृि िकसी कांच, बफ अथवा प र आिद की भािवक आवृि से िमला दी जाए तो
अनुनाद के कारण व ु का कंपन आयाम ब त अिधक हो जाएगा और वह ब ु खिड त हो जाएगी।
यही कारण है िक फौिजयों-सैिनकों की एक लय ताल म उठने वाली कदमों की चाप उस समय बदलवा
दी जाती है जब समूह प म वह िकसी पुल पर से जा रहे होते ह ोंिक पुल पर एक ताल और लय म
कदमों की आवृि पुल की भािवक आवृि के बराबर होने से उसम अनुनाद के कारण ब त अिधक
आयाम के कंपन उ होने लगते ह, प रणाम प पुल ित हो सकता है । यह श और नाद
का ही तो भाव है । अब क ना क रए मं जाप की श का, वह तो िकसी श शाली बम से भी
अिधक भावशाली हो सकता है ।
िकसी श की अनु थ तरं गों के साथ जब लय ब ता हो जाती है तब वह भावशाली होने लगता है ।
यही मं का िस ा है और यही मं का रह है । इसिलए कोई भी मं जाप िनरं तर एक लय, नाद
आवृि िवशेष म िकए जाने पर ही काय करता है । मं जाप म िवशेष प से इसीिलए शु उ ारण,
लय तथा आवृि का अनुसरण करना अिनवाय है , तब ही मं भावी िस हो सकेगा।
नाम, मं , ोक, ो , चालीसा, अ क, दशक श ों की पुनरावृि से एक च बनता है । जैसे पृ ी
के अपनी धुरी पर िनरं तर घूमते रहने से आकषण श पैदा होती है । ठीक इसी कार जप की
प र मण ि या से श का अिभव न होता है । पदाथ तं म पदाथ को जप से श एवं िवधुत म
प रवितत िकया जाता है । जगत का मूल त िवधुत ही है । कंपन ारा ही सू तथा थूल पदाथ का
अनुभव होता है । वृ , वन ती, िव ह, यं , मूित, रं ग, प आिद सब िवद् युत के ही तो काय ह। जो
तःचािलत ाकृितक ि या ारा संचािलत हो रहे ह। परं तु सुनने म यह अनोखा सा लगता है िक
िकसी मं , दोहा, चोपाई आिद का सतत जप काय की िस भी करवा सकता है । अ ानी तथा
ना क आिद के िलए तो यह रह -भाव ठीक भी है , परं तु बौ क और सनातनी वग के िलए नही ं।
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