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Gurutva Jyotish Sep-2012 PDF
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सचॊतन जोशी, स्वस्स्तक आटा
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स्वस्स्तक.ऎन.जोशी (स्वस्स्तक
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बायतीम ऩयॊ ऩया भूर रुऩ से त्रवसबन्न धासभाक आस्थ औय त्रवद्वास ऩय आधारयत है । प्रद्लावरी
से बत्रवष्म ऻात कयने की ऩौयास्णक प्रथा ऩुयातन कार से ही चरी आयही हं । मफह कायण हं
की अनेको त्रवद्रानो अऩनी खोज एवॊ अनुबव के आधाय ऩय त्रवसबन्न प्रद्लावरीमं …4
बायतीम सॊस्कृ सत भं प्रत्मेक शुबकामा कयने के ऩूवा बगवान श्री गणेश जी की ऩूजा की जाती हं इसी
सरमे मे फकसी बी कामा का शुबायॊ ब कयने से ऩूवा कामा का "श्री गणेश कयना" कहा जाता हं । एवॊ
प्रत्मक शुब कामा मा अनुद्षान कयने के ऩूवा ‘‘श्री गणेशाम नभ्” का …6
फॊध/ु फफहन
जम गुरुदे व
बायतीम ऩयॊ ऩया भूर रुऩ से त्रवसबन्न धासभाक आस्थ औय त्रवद्वास ऩय आधारयत है । प्रद्लावरी से बत्रवष्म ऻात
कयने की ऩौयास्णक प्रथा ऩुयातन कार से ही चरी आयही हं । मफह कायण हं की अनेको त्रवद्रानो अऩनी खोज एवॊ अनुबव
के आधाय ऩय त्रवसबन्न प्रद्लावरीमं की यचना की हं । स्जसके भाध्मभ से अऩने इद्श का ध्मान कयके, अऩने असबद्श
प्रद्लनं का सॊबत्रवत प्रद्लावरी से उत्तय प्राद्ऱ फकमा जा सकता हं । फतामा जाता हं की सैकडो़ वषा ऩूवा हभाये त्रवद्रानो ने
अऩने ऻान फर एवॊ खोज से सनधाारयत शब्धं एवॊ अॊको के भाध्म भं प्रद्लावरी की सॊयचना की, इस प्रद्लावरी के भाध्मभ
से व्मत्रि अऩने असतत की शुब-अशुब घटनाओॊ के यहस्म को सयरता से ऻात कय सकता हं ।
प्रद्लावरी से बत्रवष्म ऻात कयना सफसे सयर त्रवसध हं , क्मोकी, इस भं नाहीॊ कोई रॊफी चौिी गणनाएॊ हं नाही
कोई जफटर प्रणारी हं । फस अऩने प्रद्ल को स्भयण कयते हुवे सनधाारयत प्रद्लावरी ऩय शराका मा अऩनी अनासभका
अॊगुसर धुभाकय आसानी से ऻात फकमा जा सकता हं ।
कुछ जानकायं का भानना हं की प्रद्लावरी के भाध्मभ से एकदभ स्स्टक बत्रवष्मवाणी मा अऩने प्रद्लं का हर
प्राद्ऱ हो जामे मह सॊबव नहीॊ हं , क्मोफक प्रद्लावरी भं केवर उसे प्रस्तुत कयने वारे व्मत्रि के सनधाारयत उत्तय फह होते हं ,
जो की भनुष्म की वास्तत्रवक सभस्माओॊ का सॊऩूणा हर फता ऩामे मह सॊबव नहीॊ हं , रेफकन कुछ हद तक इस प्रद्लावरी
का उऩमोग त्रफना कोई फिा जोस्खभ उठामे अऩने भागादशान हे तु अवश्म फकमा जा सकता हं ।
॥सभच्छाभी दक्
ु कड्भ ्॥
सचॊतन जोशी
5 ससतम्फय 2012
बायतीम सॊस्कृ सत भं प्रत्मेक शुबकामा कयने के ऩूवा कथा इस प्रकाय हं : तीनो रोक भं सवाप्रथभ कौन ऩूजनीम
बगवान श्री गणेश जी की ऩूजा की जाती हं इसी सरमे मे हो?, इस फात को रेकय सभस्त दे वताओॊ भं त्रववाद खडा हो
फकसी बी कामा का शुबायॊ ब कयने से ऩूवा कामा का "श्री गमा। जफ इस त्रववादने फडा रुऩ धायण कय सरमे तफ
गणेश कयना" कहा जाता हं । एवॊ प्रत्मक शुब कामा मा सबी दे वता अऩने-अऩने फर फुत्रद्धअ के फर ऩय दावे
अनुद्षान कयने के ऩूवा ‘‘श्री गणेशाम नभ्” का उच्चायण प्रस्तुत कयने रगे। कोई ऩयीणाभ नहीॊ आता दे ख सफ
फकमा जाता हं । गणेश को सभस्त ससत्रद्धमं को दे ने वारा दे वताओॊ ने सनणाम सरमा फक चरकय बगवान श्री त्रवष्णु
भाना गमा है । सायी ससत्रद्धमाॉ गणेश भं वास कयती हं । को सनणाामक फना कय उनसे पैसरा कयवामा जाम।
इसके ऩीछे भुख्म कायण हं की बगवान श्री गणेश सबी दे व गण त्रवष्णु रोक भे उऩस्स्थत हो गमे,
सभस्त त्रवघ्ननं को टारने वारे हं , दमा एवॊ बगवान त्रवष्णु ने इस भुद्दे को गॊबीय होते
कृ ऩा के असत सुॊदय भहासागय हं , दे ख श्री त्रवष्णु ने सबी दे वताओॊ
एवॊ तीनो रोक के कल्माण को अऩने साथ रेकय
हे तु बगवान गणऩसत सशवरोक भं ऩहुच गमे।
सफ प्रकाय से मोग्म हं । सशवजी ने कहा इसका
सभस्त त्रवघ्नन फाधाओॊ सही सनदान सृत्रद्शकताा
को दयू कयने वारे गणेश ब्रह्माजी फह फताएॊगे।
त्रवनामक हं । गणेशजी सशवजी श्री त्रवष्णु एवॊ
त्रवद्या-फुत्रद्ध के अथाह अन्म दे वताओॊ के साथ
सागय एवॊ त्रवधाता हं । सभरकय ब्रह्मरोक ऩहुचं
त्रवशेष रोक कथा प्रचसरत हं । इन त्रवशेष एवॊ रोकत्रप्रम कयने का अनुयोध फकमा। ब्रह्माजी ने कहा प्रथभ
कथाओॊ का वणान महा कय यहं हं । ऩूजनीम वहीॊ होगा जो जो ऩूये ब्रह्माण्ड के तीन चक्कय
रगाकय सवाप्रथभ रौटे गा।
इस के सॊदबा भं एक कथा है फक भहत्रषा वेद व्मास ने
भहाबायत को से फोरकय सरखवामा था, स्जसे स्वमॊ गणेशजी सभस्त दे वता ब्रह्माण्ड का चक्कय रगाने के सरए अऩने
ने सरखा था। अन्म कोई बी इस ग्रॊथ को तीव्रता से सरखने भं अऩने वाहनं ऩय सवाय होकय सनकर ऩिे । रेफकन, गणेशजी
सभथा नहीॊ था। का वाहन भूषक था। बरा भूषक ऩय सवाय हो गणेश कैसे
ब्रह्माण्ड के तीन चक्कय रगाकय सवाप्रथभ रौटकय सपर
होते। रेफकन गणऩसत ऩयभ त्रवद्या-फुत्रद्धभान एवॊ चतुय थे।
सवाप्रथभ कौन ऩूजनीम हो?
7 ससतम्फय 2012
गणऩसत ने अऩने वाहन भूषक ऩय सवाय हो कय अऩने ऩूजा कयं गे, फकन्तु तुम्हायी ऩूजा नहीॊ कयं गे, उन्हं तुभ
भाता-त्रऩत फक तीन प्रदस्ऺणा ऩूयी की औय जा ऩहुॉचे सनणाामक त्रवघ्ननं द्राया फाधा ऩहुॉचाओगे।
ब्रह्माजी के ऩास। ब्रह्माजी ने जफ ऩूछा फक वे क्मं नहीॊ गए जन्भ की कथा बी फिी योचक है ।
ब्रह्माण्ड के चक्कय ऩूये कयने, तो गजाननजी ने जवाफ फदमा फक
गणेशजी की ऩौयास्णक कथा
भाता-त्रऩत भं तीनं रोक, सभस्त ब्रह्माण्ड, सभस्त तीथा,
बगवान सशव फक अन
सभस्त दे व औय सभस्त ऩुण्म त्रवद्यभान
उऩस्स्थसत भं भाता ऩावाती ने त्रवचाय
होते हं ।
फकमा फक उनका स्वमॊ का एक सेवक
अत् जफ भंने अऩने भाता-त्रऩत होना चाफहमे, जो ऩयभ शुब, कामाकुशर
की ऩरयक्रभा ऩूयी कय री, तो इसका तथा उनकी आऻा का सतत ऩारन
तात्ऩमा है फक भंने ऩूये ब्रह्माण्ड की कयने भं कबी त्रवचसरत न हो। इस
प्रदस्ऺणा ऩूयी कय री। उनकी मह प्रकाय सोचकय भाता ऩावाती नं अऩने
तकासॊगत मुत्रि स्वीकाय कय री गई औय भॊगरभम ऩावनतभ शयीय के भैर से
इस तयह वे सबी रोक भं सवाभान्म अऩनी भामा शत्रि से फार गणेश को
'सवाप्रथभ ऩूज्म' भाने गए। भॊि ससद्ध ऩन्ना गणेश उत्ऩन्न फकमा।
सरॊगऩुयाण के अनुसाय (105। एक सभम जफ भाता ऩावाती
बगवान श्री गणेश फुत्रद्ध औय सशऺा के
15-27) – एक फाय असुयं से िस्त कायक ग्रह फुध के असधऩसत दे वता
भानसयोवय भं स्नान कय यही थी तफ
दे वतागणं द्राया की गई प्राथाना से हं । ऩन्ना गणेश फुध के सकायात्भक उन्हंने स्नान स्थर ऩय कोई आ न
बगवान सशव ने सुय-सभुदाम को प्रबाव को फठाता हं एवॊ नकायात्भक सके इस हे तु अऩनी भामा से गणेश को
असबद्श वय दे कय आद्वस्त फकमा। कुछ प्रबाव को कभ कयता हं ।. ऩन्न जन्भ दे कय 'फार गणेश' को ऩहया दे ने
ही सभम के ऩद्ळात तीनो रोक के गणेश के प्रबाव से व्माऩाय औय धन के सरए सनमुि कय फदमा।
दे वासधदे व भहादे व बगवान सशव का भं वृत्रद्ध भं वृत्रद्ध होती हं । फच्चो फक इसी दौयान बगवान सशव उधय
भाता ऩावाती के सम्भुख ऩयब्रह्म स्वरूऩ ऩढाई हे तु बी त्रवशेष पर प्रद हं आ जाते हं । गणेशजी सशवजी को योक
ऩन्ना गणेश इस के प्रबाव से फच्चे
गणेश जी का प्राकट्म हुआ। कय कहते हं फक आऩ उधय नहीॊ जा
फक फुत्रद्ध कूशाग्र होकय उसके
सवात्रवघ्ननेश भोदक त्रप्रम गणऩसतजी का सकते हं । मह सुनकय बगवान सशव
आत्भत्रवद्वास भं बी त्रवशेष वृत्रद्ध होती
जातकभााफद सॊस्काय के ऩद्ळात ् बगवान क्रोसधत हो जाते हं औय गणेश जी को
हं । भानससक अशाॊसत को कभ कयने भं
सशव ने अऩने ऩुि को उसका कताव्म यास्ते से हटने का कहते हं फकॊतु गणेश
भदद कयता हं , व्मत्रि द्राया अवशोत्रषत
सभझाते हुए आशीवााद फदमा फक जो हयी त्रवफकयण शाॊती प्रदान कयती हं ,
जी अिे यहते हं तफ दोनं भं मुद्ध हो
तुम्हायी ऩूजा फकमे त्रफना ऩूजा ऩाठ, व्मत्रि के शायीय के तॊि को सनमॊत्रित जाता है । मुद्ध के दौयान क्रोसधत होकय
अनुद्षान इत्माफद शुब कभं का कयती हं । स्जगय, पेपिे , जीब, सशवजी फार गणेश का ससय धि से
अनुद्षान कये गा, उसका भॊगर बी भस्स्तष्क औय तॊत्रिका तॊि इत्माफद योग अरग कय दे ते हं । सशव के इस कृ त्म
अभॊगर भं ऩरयणत हो जामेगा। जो भं सहामक होते हं । कीभती ऩत्थय का जफ ऩावाती को ऩता चरता है तो वे
भयगज के फने होते हं । त्रवराऩ औय क्रोध से प्ररम का सृजन
रोग पर की काभना से ब्रह्मा, त्रवष्णु,
इन्द्र अथवा अन्म दे वताओॊ की बी Rs.550 से Rs.8200 तक कयते हुए कहती है फक तुभने भेये ऩुि
को भाय डारा।
8 ससतम्फय 2012
ऩावातीजी के द्ु ख को दे खकय सशवजी ने उऩस्स्थत नहीॊ फकमा। ऩयन्तु भाता ऩावाती के फाय-फाय कहने ऩय
गणको आदे श दे ते हुवे कहा सफसे ऩहरा जीव सभरे, उसका शसनदे व नं जेसे फह अऩनी द्रत्रद्श सशशु फारके उऩय ऩडी,
ससय काटकय इस फारक के धि ऩय रगा दो, तो मह फारक उसी ऺण फारक गणेश का गदा न धि से अरग हो
जीत्रवत हो उठे गा। सेवको को सफसे ऩहरे हाथी का एक फच्चा गमा। भाता ऩावाती के त्रवरऩ कयने ऩय बगवान ् त्रवष्णु
सभरा। उन्हंने उसका ससय राकय फारक के धि ऩय रगा फदमा, ऩुष्ऩबद्रा नदी के अयण्म से एक गजसशशु का भस्तक
फारक जीत्रवत हो उठा। काटकय रामे औय गणेशजी के भस्तक ऩय रगा फदमा।
उस अवसय ऩय तीनो दे वताओॊ ने उन्हं सबी रोक गजभुख रगे होने के कायण कोई गणेश फक उऩेऺा न
भं अग्रऩूज्मता का वय प्रदान फकमा औय उन्हं सवा अध्मऺ कये इस सरमे बगवान त्रवष्णु अन्म दे वताओॊ के साथ भं
ऩद ऩय त्रवयाजभान फकमा। स्कॊद ऩुयाण तम फकम फक गणेश सबी भाॊगरीक कामो भं अग्रणीम
ब्रह्मवैवताऩुयाण के अनुसाय (गणऩसतखण्ड) – ऩूजे जामंगे एवॊ उनके ऩूजन के त्रफना कोई बी दे वता ऩूजा
सशव-ऩावाती के त्रववाह होने के फाद उनकी कोई ग्रहण नहीॊ कयं गे।
सॊतान नहीॊ हुई, तो सशवजी ने ऩावातीजी से बगवान इस ऩय बगवान ् त्रवष्णु ने श्रेद्षतभ उऩहायं से
त्रवष्णु के शुबपरप्रद ‘ऩुण्मक’ व्रत कयने को कहा ऩावाती बगवान गजानन फक ऩूजा फक औय वयदान फदमा फक
के ‘ऩुण्मक’ व्रत से बगवान त्रवष्णु ने प्रसन्न हो कय
सवााग्रे तव ऩूजा च भमा दत्ता सुयोत्तभ।
ऩावातीजी को ऩुि प्रासद्ऱ का वयदान फदमा। ‘ऩुण्मक’ व्रत के
प्रबाव से ऩावातीजी को एक ऩुि उत्ऩन्न हुवा। सवाऩूज्मद्ळ मोगीन्द्रो बव वत्सेत्मुवाच तभ ्।।
गॊधवा आफद सफ गण फारक के दशान हे तु ऩधाये । इन दे व बावाथा: ‘सुयश्रेद्ष! भंने सफसे ऩहरे तुम्हायी ऩूजा फक है ,
गणो भं शसन भहायाज बी उऩस्स्थत हुवे। फकन्तु शसनदे व अत् वत्स! तुभ सवाऩूज्म तथा मोगीन्द्र हो जाओ।’
ने ऩत्नी द्राया फदमे गमे शाऩ के कायण फारक का दशान ब्रह्मवैवता ऩुयाण भं ही एक अन्म प्रसॊगान्तगात ऩुिवत्सरा
दग
ु ाा फीसा मॊि
शास्त्रोि भत के अनुशाय दग
ु ाा फीसा मॊि दब
ु ााग्म को दयू कय व्मत्रि के सोमे हुवे बाग्म को जगाने वारा भाना
गमा हं । दग
ु ाा फीसा मॊि द्राया व्मत्रि को जीवन भं धन से सॊफॊसधत सॊस्माओॊ भं राब प्राद्ऱ होता हं । जो व्मत्रि
आसथाक सभस्मासे ऩये शान हं, वह व्मत्रि मफद नवयािं भं प्राण प्रसतत्रद्षत फकमा गमा दग
ु ाा फीसा मॊि को
स्थासद्ऱ कय रेता हं , तो उसकी धन, योजगाय एवॊ व्मवसाम से सॊफॊधी सबी सभस्मं का शीघ्र ही अॊत होने रगता
हं । नवयाि के फदनो भं प्राण प्रसतत्रद्षत दग
ु ाा फीसा मॊि को अऩने घय-दक
ु ान-ओफपस-पैक्टयी भं स्थात्रऩत कयने
से त्रवशेष राब प्राद्ऱ होता हं , व्मत्रि शीघ्र ही अऩने व्माऩाय भं वृत्रद्ध एवॊ अऩनी आसथाक स्स्थती भं सुधाय होता
दे खंगे। सॊऩूणा प्राण प्रसतत्रद्षत एवॊ ऩूणा चैतन्म दग
ु ाा फीसा मॊि को शुब भुहूता भं अऩने घय-दक
ु ान-ओफपस भं
स्थात्रऩत कयने से त्रवशेष राब प्राद्ऱ होता हं । भूल्म: Rs.730 से Rs.10900 तक
ऩावाती ने गणेश भफहभा का फखान कयते हुए ऩयशुयाभ से आकाशस्मासधऩो त्रवष्णुयग्नेद्ळैव भहे द्वयी।
कहा – वामो् सूम्ा स्ऺतेयीशो जीवनस्म गणासधऩ्।।
त्वफद्रधॊ रऺकोफटॊ च हन्तुॊ शिो गणेद्वय्। बावाथा:- क्रभ इस प्रकाय हं भहाबूत असधऩसत
बावाथा: स्जतेस्न्द्रम ऩुरूषं भं श्रेद्ष गणेश तुभभं जैसे बगवान ् श्रीसशव ऩृथ्वी तत्त्व के असधऩसत होने के
राखं-कयोिं जन्तुओॊ को भाय डारने की शत्रि है ; ऩयन्तु कायण उनकी सशवसरॊग के रुऩ भं ऩासथाव-ऩूजा का त्रवधान
तुभने भक्खी ऩय बी हाथ नहीॊ उठामा। श्रीकृ ष्ण के अॊश हं । बगवान ् त्रवष्णु के आकाश तत्त्व के असधऩसत होने के
से उत्ऩन्न हुआ वह गणेश तेज भं श्रीकृ ष्ण के ही सभान कायण उनकी शब्दं द्राया स्तुसत कयने का त्रवधान हं ।
है । अन्म दे वता श्रीकृ ष्ण की कराएॉ हं । इसीसे इसकी बगवती दे वी के अस्ग्न तत्त्व का असधऩसत होने के कायण
अग्रऩूजा होती है । उनका अस्ग्नकुण्ड भं हवनाफद के द्राया ऩूजा कयने का
भॊि ससद्ध दर
ु ब
ा साभग्री
हत्था जोडी- Rs- 370 घोडे की नार- Rs.351 भामा जार- Rs- 251
ससमाय ससॊगी- Rs- 370 दस्ऺणावतॉ शॊख- Rs- 550 इन्द्र जार- Rs- 251
त्रफल्री नार- Rs- 370 भोसत शॊख- Rs- 550 धन वृत्रद्ध हकीक सेट Rs-251
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10 ससतम्फय 2012
सचॊतन जोशी
गणऩसत शब्द का अथा हं ।
गण(सभूह)+ऩसत (स्वाभी) = सभूह के स्वाभी को सेनाऩसत अथाात गणऩसत कहते हं । भानव शयीय भं ऩाॉच
ऻानेस्न्द्रमाॉ, ऩाॉच कभेस्न्द्रमाॉ औय चाय अन्त्कयण होते हं । एवॊ इस शत्रिओॊ को जो शत्रिमाॊ सॊचासरत कयती हं उन्हीॊ को
चौदह दे वता कहते हं । इन सबी दे वताओॊ के भूर प्रेयक हं बगवान श्रीगणेश।
बगवान गणऩसत शब्दब्रह्म अथाात ् ओॊकाय के प्रतीक हं , इनकी भहत्व का मह हीॊ भुख्म कायण हं ।
श्रीगणऩत्मथवाशीषा भं वस्णात हं ओॊकाय का ही व्मि स्वरूऩ गणऩसत दे वता हं । इसी कायण सबी प्रकाय के शुब
भाॊगसरक कामं औय दे वता-प्रसतद्षाऩनाओॊ भं बगवान गणऩसत फक प्रथभ ऩूजा फक जाती हं । स्जस प्रकाय से प्रत्मेक भॊि
फक शत्रि को फढाने के सरमे भॊि के आगं ॐ (ओभ ्) आवश्मक रगा होता हं । उसी प्रकाय प्रत्मेक शुब भाॊगसरक कामं
के सरमे ऩय बगवान ् गणऩसत की ऩूजा एवॊ स्भयण असनवामा भानी गई हं । इस सबी शास्त्र एवॊ वैफदक धभा, सम्प्रदामं ने
इस प्राचीन ऩयम्ऩया को एक भत से स्वीकाय फकमा हं इसका सदीमं से बगवान गणेश जी क प्रथभ ऩूजन कयने फक
ऩयॊ ऩया का अनुसयण कयते चरे आयहे हं ।
गणेश जी की ही ऩूजा सफसे ऩहरे क्मं होती है , इसकी ऩौयास्णक कथा इस प्रकाय है -
कयके प्रद्ल फकमा फक गुरूदे व! आऩ भुझे दे वताओॊ के ऩूजन का सुसनस्द्ळत क्रभ फतराइमे। प्रसतफदन फक ऩूजा भं सफसे
ऩहरे फकसका ऩूजन कयना चाफहमे ?
तफ व्मासजी ने कहा: त्रवघ्ननं को दयू कयने के सरमे सवाप्रथभ गणेशजी की ऩूजा कयनी चाफहमे। ऩूवक
ा ार भं
ऩावाती दे वी को दे वताओॊ ने अभृत से तैमाय फकमा हुआ एक फदव्म भोदक फदमा। भोदक दे खकय दोनं फारक (स्कन्द
तथा गणेश) भाता से भाॉगने रगे। तफ भाता ने भोदक के प्रबावं का वणान कयते हुए कहा फक तुभ दोनो भं से जो
धभााचयण के द्राया श्रेद्षता प्राद्ऱ कयके आमेगा, उसी को भं मह भोदक दॉ ग
ू ी। भाता की ऐसी फात सुनकय स्कन्द भमूय ऩय
आरूढ़ हो कय अल्ऩ भुहूतब
ा य भं सफ तीथं की स्न्नान कय सरमा। इधय रम्फोदयधायी गणेशजी भाता-त्रऩता की ऩरयक्रभा
कयके त्रऩताजी के सम्भुख खिे हो गमे। तफ ऩावातीजी ने कहा- सभस्त तीथं भं फकमा हुआ स्न्नान, सम्ऩूणा दे वताओॊ को
फकमा हुआ नभस्काय, सफ मऻं का अनुद्षान तथा सफ प्रकाय के व्रत, भन्ि, मोग औय सॊमभ का ऩारन- मे सबी साधन
भाता-त्रऩता के ऩूजन के सोरहवं अॊश के फयाफय बी नहीॊ हो सकते।
इससरमे मह गणेश सैकिं ऩुिं औय सैकिं गणं से बी फढ़कय श्रेद्ष है । अत् दे वताओॊ का फनामा हुआ मह भोदक भं
गणेश को ही अऩाण कयती हूॉ। भाता-त्रऩता की बत्रि के कायण ही गणेश जी की प्रत्मेक शुब भॊगर भं सफसे ऩहरे ऩूजा
होगी। तत्ऩद्ळात ् भहादे वजी फोरे- इस गणेश के ही अग्रऩूजन से सम्ऩूणा दे वता प्रसन्न हंजाते हं । इस सरमे तुभहं
सवाप्रथभ गणेशजी की ऩूजा कयनी चाफहमे।
12 ससतम्फय 2012
कुॊकुॊभ: आबूषण :
ततऩद्ळमात कुॊकुॊभ अवीय-गुरार चढामे। ततऩद्ळमात आबूषण चढामे।
कुॊकुॊभ काभना फदव्मॊ काभना काभ सॊबवभ ्। अरॊकायान्भहाफदव्मान्नानायतन त्रवसनसभातान।
कुॊकुॊभ नासचातो दे व गृहाण ऩयभेद्वयभ ्॥ गृहाण दे व-दे वेश प्रसीद ऩयभेद्वय॥
ॐ ससत्रद्धफुत्रद्ध सफहत श्री गणेशाम नभ् कुॊकुभॊ ॐ ससत्रद्धफुत्रद्ध सफहत श्री गणेशाम नभ् आबूषण
सभऩामासभ॥ सभऩामासभ॥
ससॊदयू : इि:
ततऩद्ळमात ससॊदयू चढामे। ततऩद्ळमात इि अथाात ् सुगॊसधत तेर चढामे।
ससॊदयू ॊ शोबनॊ यिॊ सौबाग्मॊ सुखवधानभ ्। चम्ऩकाशो वकुरॊ भारती भोगयाफदसब्।
शुबदॊ काभदॊ चैव ससॊदयू ॊ प्रसतगृहमताभ। वाससतॊ स्स्नग्ध तासेरु तैरॊ चारु प्रगृहमातभ ्॥
ॐ ससत्रद्धफुत्रद्ध सफहत श्री गणेशाम नभ् ससॊदयू ॊ सभऩामासभ॥ ॐ ससत्रद्धफुत्रद्ध सफहत श्री गणेशाम नभ् तैरभ ् सभऩामासभ॥
अऺत: धूऩ :
ततऩद्ळमात हल्दी मा कुॊकुॊभ से यॊ गे अऺत चढामे। ततऩद्ळमात धूऩ आफद जरामे।
अऺताद्ळ सुयश्रेद्ष कुॊकुभािा् सुशोसबता्। वनस्ऩसत यसोद्भूतो गॊधाढ्मो गॊध उत्तभ्।
भमा सनवेफदता बक्त्मा गृहाण ऩयभेद्वरय॥ आध्नम सवा दे वानाॊ धूऩोमॊ प्रसतगृह्यताभ ्॥
ॐ ससत्रद्धफुत्रद्ध सफहत श्री गणेशाम नभ् अऺतान ् ॐ ससत्रद्धफुत्रद्ध सफहत श्री गणेशाम नभ् धूऩॊ सभऩामासभ॥
सभऩामासभ॥
दीऩ:
ऩुष्ऩ : ततऩद्ळमात दीऩ आफद जरामे।
ततऩद्ळमात ऩुष्ऩ भारा आफद चढामे। आज्मेन वसताना मुिॊ वफिना च प्रमोस्जतभ ् भमा।
भाल्मादीसन सुगन्धीसन भारत्मादीसन वै प्रबो। दीऩॊ गृहाण दे वेश िेरोक्म सतसभयाऩह॥।
भमा नीतासन ऩुष्ऩास्ण गृहाण ऩयभेद्वय॥ ॐ ससत्रद्धफुत्रद्ध सफहत श्री गणेशाम नभ् दीऩॊ दशामासभ॥
ॐ ससत्रद्धफुत्रद्ध सफहत श्री गणेशाम नभ् ऩुष्ऩास्ण
सभऩामासभ॥ नैवेद्य :
ततऩद्ळमात नैवेद्य अत्रऩत
ा कयं ।
दव
ू ाा: शकाया खॊडखाद्यासन दसधऺीय घृतासन च।
ततऩद्ळमात दव
ू ाा चढामे। आहायॊ बक्ष्मॊ बोज्मॊ च गृहाण गणनामक।
दव
ु ाा कयान्सह रयतान भृतन्भॊगर प्रदान। ॐ ससत्रद्धफुत्रद्ध सफहत श्री गणेशाम नभ् नैवेद्यॊ सनवेदमासभ॥
आनी ताॊस्तव ऩूजाथा गृहाण ऩयभेद्वय॥
ॐ ससत्रद्धफुत्रद्ध सफहत श्री गणेशाम नभ् दव
ू ांकुयान ततऩद्ळमात नैवेद्य ऩय जर सछडके।
सभऩामासभ॥ गॊ गणऩतमे नभ्
16 ससतम्फय 2012
कनकधाया मॊि
आज के मुग भं हय व्मत्रि असतशीघ्र सभृद्ध फनना चाहता हं । धन प्रासद्ऱ हे तु प्राण-प्रसतत्रद्षत कनकधाया मॊि के साभने
फैठकय कनकधाया स्तोि का ऩाठ कयने से त्रवशेष राब प्राद्ऱ होता हं । इस कनकधाया मॊि फक ऩूजा अचाना कयने से
ऋण औय दरयद्रता से शीघ्र भुत्रि सभरती हं । व्माऩाय भं उन्नसत होती हं , फेयोजगाय को योजगाय प्रासद्ऱ होती हं ।
श्री आफद शॊकयाचामा द्राया कनकधाया स्तोि फक यचना कुछ इस प्रकाय फक हं , स्जसके श्रवण एवॊ ऩठन कयने से
आस-ऩास के वामुभॊडर भं त्रवशेष अरौफकक फदव्म उजाा उत्ऩन्न होती हं । फठक उसी प्रकाय से कनकधाया मॊि अत्मॊत
दर
ु ब
ा मॊिो भं से एक मॊि हं स्जसे भाॊ रक्ष्भी फक प्रासद्ऱ हे तु अचूक प्रबावा शारी भाना गमा हं । कनकधाया मॊि को
त्रवद्रानो ने स्वमॊससद्ध तथा सबी प्रकाय के ऐद्वमा प्रदान कयने भं सभथा भाना हं । जगद्गरु
ु शॊकयाचामा ने दरयद्र ब्राह्मण
के घय कनकधाया स्तोि के ऩाठ से स्वणा वषाा कयाने का उल्रेख ग्रॊथ शॊकय फदस्ग्वजम भं सभरता हं । कनकधाया
भॊि:- ॐ वॊ श्रीॊ वॊ ऐॊ ह्रीॊ-श्रीॊ क्रीॊ कनक धायमै स्वाहा' भूल्म: Rs.730 से Rs.8200 तक
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17 ससतम्फय 2012
'गणेश तुरसी ऩि दग
ु ाा नैव तु दव
ू ाामा' (कासताक भाहात्म्म)
सॊकटनाशन गणेशस्तोिभ ्
सॊकटनाशन गणेश स्तोिभ ् का प्रसत फदन ऩाठ कयने से सभस्त प्रकाय के सॊकटोका नाश होता है , श्री गणेशजी फक कृ ऩा एवॊ सुख
सभृत्रद्ध फक प्राद्ऱ होती है ।
वक्रतुड
ॊ भहाकाम सूमक
ा ोफट सभप्रब । सनत्रवाघ्ननभ ् कुरु भं दे व सवा कामेषु सवादा ॥ त्रवघ्ननेद्वयाम वयदाम सूयत्रप्रमाम रम्फोदयाम सकराम
जगफद्रताम । नागाननाम श्रुसतमऻ त्रवबूत्रषताम गौयीसुताम गणनाथ नभोनभस्ते ॥
स्तोि:
प्रणम्म सशयसा दे वॊ गौयीऩुॊि त्रवनामकभ ् बिावासॊ स्भये सनत्मॊ आमुकाभाथाससद्धमे ॥ १ ॥
प्रथभॊ वक्रतुॊडॊ च एकदॊ तॊ फद्रसतमकभ ् तृतीमॊ कृ ष्णत्रऩॊगाऺॊ गजवकिॊ चतुथक
ा भ् ॥ २ ॥
रॊफोदयॊ ऩॊचभॊ च षद्शभॊ त्रवकटभेव च सद्ऱभॊ त्रवघ्ननयाजॊ च धूम्रवणं तथाअद्शकभ ् ॥ ३ ॥
नवॊ बारचॊद्रॊ च दशभॊ तु त्रवनामकभ ् एकादशॊ गणऩसतॊ द्रादशॊ तु गजाननभ ् ॥ ४ ॥
द्रादशैतासन नाभासन त्रिसॊध्मॊ म: ऩठे न्नय: न च त्रवघ्ननबमॊ तस्म सवा ससत्रद्ध कयॊ प्रबो ॥ ५ ॥
त्रवद्यासथा रबते त्रवद्याॊ धनासथा रबते धनभ ् ऩुिासथा रबते ऩुिाॊभोऺासथा रबते गसतभ ् ॥ ६ ॥
जऩेत्गणऩसतस्तोिॊ षडसबभासै: परॊ रबेत सॊवतसये णससत्रद्धॊ च रबते नािसॊशम् ॥ ७ ॥
अद्शभ्मोब्राह्मणोभ्मस्म सरस्खत्वा म: सभऩामेत ् तस्म त्रवद्या बवेत्सवाा गणेशस्म प्रसादत् ॥ ८ ॥
॥ इसतश्री नायदऩुयाणे ‘सॊकटनाशन गणेशस्तोिभ ्’ सॊऩूणभ
ा ्॥
19 ससतम्फय 2012
सचॊतन जोशी
तुरसी सभस्त ऩौधं भं श्रेद्ष भानी जाती हं । फहॊ द ू धभा भं सभस्त ऩूजन कभो भं तुरसी को
प्रभुखता दी जाती हं । प्राम् सबी फहॊ द ू भॊफदयं भं चयणाभृत भं बी तुरसी का प्रमोग होता
हं । इसके ऩीछे ऎसी काभना होती है फक तुरसी ग्रहण कयने से तुरसी अकार भृत्मु को
हयने वारी तथा सवा व्मासधमं का नाश कयने वारी हं ।
ऩयन्तु मही ऩूज्म तुरसी को बगवान श्री गणेश की ऩूजा भं सनत्रषद्ध भानी गई हं ।
शास्त्रं भं उल्रेख हं :
तुरसीॊ वजासमत्वा सवााण्मत्रऩ ऩिऩुष्ऩास्ण गणऩसतत्रप्रमास्ण। (आचायबूषण)
गणेशजी को तुरसी छोिकय सबी ऩि-ऩुष्ऩ त्रप्रम हं ! गणऩसतजी को दव
ू ाा असधक
त्रप्रम है ।
ॐ वक्रतुॊडाम हुभ ् ।
बॊडाय प्रदान कयने वारा हं । फदमे गमे भॊिो भे से कोई बी एक भॊिका जाऩ कये ।
(०१) गॊ ।
ॐ हस्स्त त्रऩशासच सरखे स्वाहा ।
(०२) ग्रॊ ।
आरस्म, सनयाशा, करह, त्रवघ्नन दयू कयने के सरए (०३) ग्रं ।
त्रवघ्ननयाज रूऩ की आयाधना का मह भॊि जऩे। (०४) श्री गणेशाम नभ् ।
ॐ गॊ स्ऺप्रप्रसादनाम नभ:। (०५) ॐ वयदाम नभ् ।
त्रवकास एवॊ आत्भफर की प्रासद्ऱ के सरए हे यम्फॊ (०९) ॐ नभो बगवते गजाननाम ।
ॐ श्री गॊ सौबाग्म गणऩत्मे वय वयद सवाजनॊ भं ॐ गॊ गणऩतमे सवात्रवघ्नन हयाम सवााम सवागुयवे
वशभानम स्वाहा। रम्फोदयाम ह्रीॊ गॊ नभ्।
त्रववाह भं आने वारे दोषो को दयू कयने वारं को िैरोक्म वाद-त्रववाद, कोटा कचहयी भं त्रवजम प्रासद्ऱ, शिु बम से
भोहन गणेश भॊि का जऩ कयने से शीघ्र त्रववाह व अनुकूर छुटकाया ऩाने हे तु उत्तभ।
जीवनसाथी की प्रासद्ऱ होती है ।
ॐ नभ् ससत्रद्धत्रवनामकाम सवाकामाकिे सवात्रवघ्नन प्रशभनाम
ॐ वक्रतुण्डे क द्रद्शाम क्रीॊहीॊ श्रीॊ गॊ गणऩतमे वय वयद सवा याज्म वश्म कायनाम सवाजन सवा स्त्री ऩुरुषाकषाणाम
सवाजनॊ भॊ दशभानम स्वाहा । श्री ॐ स्वाहा।
इस भॊिं के असतरयि गणऩसत अथवाशीषा, सॊकटनाशक, गणेश इस भॊि के जाऩ को मािा भं सपरता प्रासद्ऱ हे तु प्रमोग
स्त्रोत, गणेशकवच, सॊतान गणऩसत स्त्रोत, ऋणहताा गणऩसत फकमा जाता हं ।
स्त्रोत भमूयेश स्त्रोत, गणेश चारीसा का ऩाठ कयने से गणेश
ॐ हुॊ गॊ ग्रं हरयद्रा गणऩत्मे वयद वयद सवाजन रृदमे
जी की शीघ्र कृ ऩा प्राद्ऱ होती है ।
स्तम्बम स्वाहा।
ॐ वय वयदाम त्रवजम गणऩतमे नभ्। मह हरयद्रा गणेश साधना का चभत्कायी भॊि हं ।
इस भॊि के जाऩ से भुकदभे भं सपरता प्राद्ऱ होती हं ।
ॐ ग्रं गॊ गणऩतमे नभ्। ॐ श्री गणेश ऋण सछस्न्ध वये ण्म हुॊ नभ् पट ।
गृह करेश सनवायण एवॊ घय भं सुखशास्न्त फक प्रासद्ऱ हे तु। मह ऋण हताा भॊि हं । इस भॊि का सनमसभत जाऩ कयना
चाफहए। इससे गणेश जी प्रसन्न होते है औय साधक का ऋण
ॐ गॊ रक्ष्म्मौ आगच्छ आगच्छ पट्।
चुकता होता है । कहा जाता है फक स्जसके घय भं एक फाय बी
इस भॊि के जाऩ से दरयद्रता का नाश होकय, धन प्रासद्ऱ
इस भॊि का उच्चायण हो जाता है है उसके घय भं कबी बी
के प्रफर मोग फनने रगते हं ।
ऋण मा दरयद्रता नहीॊ आ सकती।
उसका मश चायं औय फढता हं । त्रऩता के सुख भं वृत्रद्ध होकय के गुरु हं । गणेशजी का ऩूजन कयने से शसन से सॊफॊसधत
व्मत्रि का आध्मास्त्भक ऻान फढता हं । ऩीडा दयू होती हं । बगवान गणेश हाथी के भुख एवॊ ऩुरुष
बगवान गणेश चॊद्र के सभान शाॊसत एवॊ शीतरता के शयीय मुि होने से याहू व केतू के बी असधऩसत दे व हं ।
गणेशजी का ऩूजन कयने से याहू व केतू से सॊफॊसधत ऩीडा
प्रसतक हं । गणेशजी का ऩूजन-अचान कयने से चॊद्र के प्रसतकूर
दयू होती हं । इससरमे नवग्रह फक शाॊसत भाि बगवान
प्रबाव का नाश होकय व्मत्रि को भानससक शाॊसत प्राद्ऱ होती हं ।
गणेश के स्भयण से ही हो जाती हं । इसभं कोई सॊदेह
चॊद्र भाता का कायक ग्रह हं इस सरमे गणेशजी के ऩूजन से
नहीॊ हं । बगवान गणेश भं ऩूणा श्रद्धा एवॊ त्रवद्वास फक
भातृसुख भं वृत्रद्ध होती हं ।
आवश्मिा हं । बगवान गणेश का ऩूजन अचान कयने से
बगवान गणेश भॊगर के सभान सशत्रिशारी एवॊ
भनुष्म का जीवन सभस्त सुखो से बय जाता है । जन्भ
फरशारी हं । गणेशजी का ऩूजन-अचान कयने से भॊगर के
कुॊडरी भं चाहं होई बी ग्रह अस्त हो मा नीच हो अथवा
अशुब प्रबाव दयू होते हं औय व्मत्रि फक फर-शत्रि भं वृत्रद्ध
ऩीफडत हो तो बगवान गणेश फक आयाधना से सबी ग्रहो
होती हं । गणेशजी के ऩूजन से ऋण भुत्रि सभरती हं । व्मत्रि
के अशुब प्रबाव दयू होता हं एवॊ शुब परो फक प्रासद्ऱ
के साहस, फर, ऩद औय प्रसतद्षा भं वृत्रद्ध होती हं स्जस कायण
होती हं ।
24 ससतम्फय 2012
जफ भस्ण रेकय रौटे तो उन्हंने सिजीत को भस्ण वाऩस कय दी। सिजीत अऩने फकए ऩय रस्ज्जत हुआ औय अऩनी
ऩुिी सत्मबाभा का त्रववाह श्री कृ ष्ण के साथ कय फदमा।
कुछ ही सभम फाद अक्रूय के कहने ऩय ऋतु वभाा ने सिजीत को भायकय भस्ण छीन री। श्री कृ ष्ण अऩने फिे
बाई फरयाभ के साथ उनसे मुद्ध कयने ऩहुॊचे। मुद्ध भं जीत हाससर होने वारी थी फक ऋतु वभाा ने भस्ण अक्रूय को दे दी
औय बाग सनकरा। श्री कृ ष्ण ने मुद्ध तो जीत सरमा रेफकन भस्ण हाससर नहीॊ कय सके। जफ फरयाभ ने उनसे भस्ण के
फाये भं ऩूछा तो उन्हंने कहा फक भस्ण उनके ऩास नहीॊ। ऐसे भं फरयाभ स्खन्न होकय द्रारयका जाने की फजाम इॊ द्रप्रस्थ
रौट गए। उधय द्रारयका भं फपय चचाा पैर गई फक श्री कृ ष्ण ने भस्ण के भोह भं बाई का बी सतयस्काय कय फदमा। भस्ण
के चरते झूठे राॊछनं से दख
ु ी होकय श्री कृ ष्ण सोचने रगे फक ऐसा क्मं हो यहा है । तफ नायद जी आए औय उन्हंने
कहा फक हे कृ ष्ण तुभने बाद्रऩद भं शुक्र चतुथॉ की यात को चॊद्रभा के दशान फकमेथे औय इसी कायण आऩको सभथ्मा
करॊक झेरना ऩि यहा हं ।
श्रीकृ ष्ण चॊद्रभा के दशान फक फात त्रवस्ताय ऩूछने ऩय नायदजी ने श्रीकृ ष्ण को करॊक वारी मह कथा फताई थी।
एक फाय बगवान श्रीगणेश ब्रह्मरोक से होते हुए रौट यहे थे फक चॊद्रभा को गणेशजी का स्थूर शयीय औय गजभुख
दे खकय हॊ सी आ गई। गणेश जी को मह अऩभान सहन नहीॊ हुआ। उन्हंने चॊद्रभा को शाऩ दे ते हुए कहा, 'ऩाऩी तूने भेया
भजाक उिामा हं । आज भं तुझे शाऩ दे ता हूॊ फक जो बी तेया भुख दे खेगा, वह करॊफकत हो जामेगा।
गणेशजी शाऩ सुनकय चॊद्रभा फहुत दख
ु ी हुए। गणेशजी शाऩ के शाऩ वारी फाज चॊद्रभा ने सभस्त दे वताओॊ को सोनाई
तो सबी दे वताओॊ को सचॊता हुई। औय त्रवचाय त्रवभशा कयने रगे फक चॊद्रभा ही यािी कार भं ऩृथ्वी का आबूषण हं औय
इसे दे खे त्रफना ऩृथ्वी ऩय यािी का कोई काभ ऩूया नहीॊ हो सकता। चॊद्रभा को साथ रेकय सबी दे वता ब्रह्माजी के ऩास
ऩहुचं। दे वताओॊ ने ब्रह्माजी को सायी घटना त्रवस्ताय से सुनाई उनकी फातं सुनकय ब्रह्माजी फोरे, चॊद्रभा तुभने सबी गणं
के अयाध्म दे व सशव-ऩावाती के ऩुि गणेश का अऩभान फकमा हं । मफद तुभ गणेश के शाऩ से भुि होना चाहते हो तो
श्रीगणेशजी का व्रत यखो। वे दमारु हं , तुम्हं भाप कय दं गे। चॊद्रभा गणेशजी को प्रशन्न कयने के सरमे कठोय व्रत-
तऩस्मा कयने रगे। बगवान गणेश चॊद्रभा की कठोय तऩस्मा से प्रसन्न हुए औय कहा वषाबय भं केवर एक फदन बाद्रऩद
भं शुक्र चतुथॉ की यात को जो तुम्हं दे खेगा, उसे ही कोई सभथ्मा करॊक रगेगा। फाकी फदन कुछ नहीॊ होगा। ’ केवर
एक ही फदन करॊक रगने की फात सुनकय चॊद्रभा सभेत सबी दे वताओॊ ने याहत की साॊस री। तफ से बाद्रऩद भं शुक्र
चतुथॉ की यात को चॊद्रभा के दशान का सनषेध हं ।
होती हं । गणेशजी के ऩूजन से ऋण भुत्रि सभरती हं । व्मत्रि नीच हो अथवा ऩीफडत हो तो बगवान गणेश फक
के साहस, फर, ऩद औय प्रसतद्षा भं वृत्रद्ध होती हं स्जस कायण आयाधना से सबी ग्रहो के अशुब प्रबाव दयू होता हं एवॊ
शुब परो फक प्रासद्ऱ होती हं ।
27 ससतम्फय 2012
उऩयोि सबी मॊिो को द्रादश भहा मॊि के रुऩ भं शास्त्रोि त्रवसध-त्रवधान से भॊि ससद्ध ऩूणा प्राणप्रसतत्रद्षत एवॊ चैतन्म मुि फकमे
जाते हं । स्जसे स्थाऩीत कय त्रफना फकसी ऩूजा अचाना-त्रवसध त्रवधान त्रवशेष राब प्राद्ऱ कय सकते हं ।
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28 ससतम्फय 2012
धन वृत्रद्ध फडब्फी
धन वृत्रद्ध फडब्फी को अऩनी अरभायी, कैश फोक्स, ऩूजा स्थान भं यखने से धन वृत्रद्ध होती हं स्जसभं कारी हल्दी,
रार- ऩीरा-सपेद रक्ष्भी कायक हकीक (अकीक), रक्ष्भी कायक स्पफटक यत्न, 3 ऩीरी कौडी, 3 सपेद कौडी, गोभती
चक्र, सपेद गुॊजा, यि गुॊजा, कारी गुॊजा, इॊ द्र जार, भामा जार, इत्मादी दर
ु ब
ा वस्तुओॊ को शुब भहुता भं तेजस्वी
सॊकद्शचतुथॉ व्रत दव
ू ाा गणऩसत व्रत
ऩौयास्णक ग्रॊथ बत्रवष्मोत्तय के अनुशाय सॊकद्शचतुथॉ ऩौयास्णक ग्रॊथ सौयऩुयाण के अनुशाय मह व्रत
व्रत प्रत्मेक भासकी कृ ष्ण चतुथॉ को फकमा जाता है । मफद श्रावण शुक्र चतुथॉ को फकमा जाता है । गणेश जी के
ऩूजन हे तु इसभं भध्मािव्मात्रऩनी चतुथॉ री जाती है ।
चतुथॉ दो फदन चन्द्रोदमव्मात्रऩनी हो मा दोनं फदन न हो
मफद चतुथॉ दो फदन हो मा दोनं फदन न हो तो भातृत्रवद्धा
तो भातृत्रवद्धा प्रशस्मते के अनुसाय ऩहरे फदन व्रत कयना
प्रशस्मते के अनुसाय ऩूवत्रा वद्धा व्रत कयना चाफहमे।
चाफहमे।
चतुथॉ फदन प्रात्स्त्रानाफद कयके सुवणाके गणेशजी
व्रतधायी को चाफहमे फक वह प्रात्स्त्रानाफदके ऩद्ळात ् फनवावे जो एकदन्त, चतुबज
ूा , गजानन औय स्वणा
व्रत कयनेका सॊकल्ऩ कयके फदनबय मथा सॊबव भौन यहे ससॊहासन ऩय त्रवयाजभान हं।
औय सामॊकारभं ऩुन्स्त्रान कयके रार वस्त्र धायणकय इसके असतरयि सोनेकी दव
ू ाा बी फनवावे। फपय
ऋतुकार भं उऩरब्ध गन्ध ऩुष्ऩाफद से गणेशजीका ऩूजन सवातोबद्र फनाकय भण्डरऩय करश की स्थाऩन कयके
कये ,(शास्रोि भत से गणेश ऩूजन भं तुरसी ऩि वस्जात हं ) उसभं स्वणाभम दव
ू ाा रगाकय उसऩय उि गणेशजीका
स्थाऩन कये ।
उसके फाद चन्द्रोदम होने ऩय चन्द्रभा का ऩूजन
गणेश जी को यिवस्त्राफदसे त्रवबूत्रषत कये औय
कये औय अघ्नमा से ऩूजन कय स्वमॊ बोजन कये तो
अनेक प्रकायके सुगास्न्धत ऩि, ऩुष्ऩाफद अऩाण कय के
व्रतधायी को सुख, सौबाग्म औय सम्ऩत्रत्तकी प्रासद्ऱ होती है ।
ऩूजन कये । फेरऩि, अऩाभागा, शभीऩि, दफ
ू आदी अऩाण
कयं । (शास्रोि भत से गणेश ऩूजन भं तुरसी ऩि वस्जात हं )।
असधक भास की गणेश चतुथॉ अऩने भुखायत्रवन्द से इस सतसथ का भाहत्म फढाते हुवे
कहा है फक इस चतुथॉ व्रत का सनरूऩण एवॊ भाहात्म्म की
व्मासजी के कथनानुशाय असधक भास भं चतुथॉ
सॊऩूणा भफहभा वखानना शक्म नहीॊ।
की गणेद्वयके नाभ से ऩूजा कयनी चाफहए। ऩूजन हे तु
षोडशोऩचाय की त्रवसध उत्तभ होती है ।
आस्द्वन कृ ष्ण चतुथॉ सनमभ ग्रहण कयके गणेशजीका मथात्रवसध ऩूजन कये ।
नैवेद्यभं रड्डू सतरकुटा, जौका भॉडका औय सुहारी अऩाण
आस्द्वन कृ ष्ण चतुथॉको व्रत हो औय उसी फदन
कयके इस भॊि का उच्चायण कयं ..
भाता - त्रऩता आफदका श्राद्ध बी कयना हो तो त्रवद्रानो के
त्वत्प्रसादे न दे वेश व्रतॊ वषाचतुद्शमभ ्।
भतानुशाय फदनभं श्राद्ध कयके ब्राह्मणंको बोजन कया दे
सनत्रवघ्र
ा ेन तु भे मातु प्रभाणॊ भूषकध्वज ॥
औय अऩने फहस्सेके बोजनको सूॉघकय गौ को स्खरा दे ।
सॊसायाणावदस्
ु तायॊ सवात्रवघ्रसभाकुरभ ्।
यात्रिभं चन्द्रोदमके फाद स्वमॊ बोजन कये ।
तस्भाद् दीनॊ जगन्नाथ िाफह भाॊ गणनामक ॥
ऩौयास्णक कथा के अनुशाय एक फाय फाणासुयकी प्रकाय प्रत्मेक चतुथॉको कयता यहकय दस
ू ये वषा उसी
ऩुिी ऊषाको स्वसन भं कृ ष्ण ऩौि असनरुद्धका दशान हुआ। भागाशीषा शुक्र चतुथॉको ऩुन् मथाऩूवा सनमभ ग्रहण, व्रत
ऊषाको उनके प्रत्मऺ दशानकी असबराषा हुई औय उसने औय ऩूजा कयके पि ( यात्रिभं एक फाय ) बोजन कये ।
सचिरेखाके द्राया असनरुद्धको अऩने घय फुरा सरमा। इससे इसी प्रकाय प्रत्मेक चतुथॉको वषाऩमान्त कयके तीसये वषा
असनरुद्धकी भाताको फिा कद्श हुआ। इस सॊकटको टारनेके फपय भागाशीषा शुक्र चतुथॉको व्रत सनमभ औय ऩूजा
सरमे भाताने व्रत फकमा, तफ इस व्रतके प्रबावसे ऊषाके कयके अमासचत ( अथाात त्रफना भाॉगे जो कुछ स्जतना
महाॉ सछऩे हुए असनरुद्धका ऩता रग गमा औय ऊषा तथा सभरे उसीका एक फाय ) बोजन कये ।
वक्रतुण्डचतुथॉ कथा:
ऩौयास्णक ग्रॊथ बत्रवष्मोत्तय के अनुशाय भाघ कृ ष्ण ऩौयास्णक कथा के अनुशाय प्राचीन कारभं भमूयध्वज नाभका
चन्द्रोदमव्मात्रऩनी चतुथॉको वक्रतुण्डचतुथॉ कहते हं । इस याजा फिा प्रबावशारी औय धभाऻ था। एक फाय उसका ऩुि
व्रतका आयम्ब सॊकल्ऩ कयके कये । सामॊकारभं गणेशजीका कहीॊ खो गमा औय फहुत अनुसॊधान कयनेऩय बी न सभरा।
औय चन्द्रोदमके सभम चन्द्रका ऩूजन कयके अघ्नमा दे । इस तफ भस्न्िऩुिकी धभावती स्त्रीके अनुयोधसे याजाके सम्ऩूणा
व्रतको भाघसे आयम्ब कयके हय भहीनेभं कये तो सॊकटका ऩरयवाने चैि कृ ष्ण चतुथॉका फिे सभायोहसे मथात्रवसध व्रत
नाश हो जाता है । फकमा। तफ बगवान गणेशजीकी कृ ऩासे याजऩुि आ गमा
औय उसने भमूयध्वजकी आजीवन सेवा की।
34 ससतम्फय 2012
श्री मॊि
गुरुत्व कामाारम भं ऩूणा प्राण-प्रसतत्रद्षत एवॊ ऩूणा चैतन्म मुि "श्री मॊि" 500 ग्राभ, 750 ग्राभ, 1000 ग्राभ
औय 1250 ग्राभ, 2250 ग्राभ साईज़ भं केवर सरसभटे ड स्टॉक उऩरब्ध हं । श्री मॊि के सॊफॊध भं असधक
जानकायी के सरए कामाारम भं सॊऩका कयं ।
सचॊतन जोशी
प्रसतफदन इस स्तोि का ऩाठ कयने से
भनोवाॊसछत पर शीघ्र प्राद्ऱ होते हं ।
भनोवाॊसछत पर प्राद्ऱ कयने हे तु गणेशजी
के सचि मा भूसता के साभने भॊि जाऩ कय सकते
हं । ऩूणा श्रद्धा एवॊ ऩूणा त्रवद्वास के साथ भनोवाॊसछत
पर प्रदान कयने वारे इस स्तोि का प्रसतफदन
कभ से कभ 21 फाय ऩाठ अवश्म कयं ।
असधकस्म असधकॊ परभ ्।
जऩ स्जतना असधक हो सके उतना अच्छा है । मफद भॊि
असधक फाय जाऩ कय सकं तो श्रेद्ष।
प्रात् एवॊ सामॊकार दोनं सभम कयं , पर
शीघ्र प्राद्ऱ होता है ।
काभना ऩूणा होने के ऩद्ळमात बी सनमसभत स्त्रोत रा ऩाठ कयते यहना चाफहए। कुछ एक त्रवशेष ऩरयस्स्थसत भं ऩूवा
जन्भ के सॊसचत कभा स्वरूऩ प्रायब्ध की प्रफरता के कायण भनोवाॊसछत पर की प्रासद्ऱ मा तो दे यी सॊबव हं !
भनोवाॊसछत पर की प्रासद्ऱ के अबाव भं मोग्म त्रवद्रान की सराह रेकय भागादशान प्राद्ऱ कयना उसचत होगा।
अत्रवद्वास व कुशॊका कयके आयाध्म के प्रसत अश्रद्धा व्मि कयने से व्मत्रि को प्रसतकूर प्ररयणाभ फह प्राद्ऱ होते हं ।
शास्त्रोि वचन हं फक बगवान (इद्श) फक आयाधना कबी व्मथा नहीॊ जाती।
भॊि:- गणऩसतत्रवघ्ना नयाजो रम्फतुण्डो गजानन्। द्रै भातुयद्ळ हे यम्फ एकदन्तो गणासधऩ्॥
त्रवनामकद्ळारुकणा् ऩशुऩारो बवात्भज्। द्रादशैतासन नाभासन प्रातरुत्थाम म् ऩठे त॥्
त्रवद्वॊ तस्म बवेद्रश्मॊ न च त्रवघ्ननॊ बवेत ् क्वसचत।् (ऩद्म ऩु. ऩृ. 61।31-33)
बावाथा: गणऩसत, त्रवघ्ननयाज, रम्फतुण्ड, गजानन, द्रै भातुय, हे यम्फ, एकदन्त, गणासधऩ, त्रवनामक, चारुकणा, ऩशुऩार औय
बवात्भज- गणेशजी के मह फायह नाभ हं । जो व्मत्रि प्रात्कार उठकय इनका सनमसभत ऩाठ कयता हं , सॊऩूणा त्रवद्व
उनके वश भं हो जाता हं , तथा उसे जीवन भं कबी त्रवघ्नन का साभना नहीॊ कयना ऩिता।
कयने वारी उजाा हे तु फाधक होने ऩय वास्तु भं उसे द्रायवेध भाना जाता हं । द्रायवेध होने ऩय वहाॊ यहने वारं भं
उच्चाटन होता हं । ऐसे भं बवन के भुख्म द्राय ऩय गणोशजी की फैठी हुई प्रसतभा (भूसता) रगाने से द्रायवेध का सनवायण
होता हं । रगानी चाफहए फकॊतु उसका आकाय 11 अॊगुर से असधक नहीॊ होना चाफहए।
ऩूजा स्थानभं ऩूजन के सरए गणेश जी की एक से असधक प्रसतभा (भूसता) यखना वस्जात हं ।
कवच के प्रभुख राब: सवा कामा ससत्रद्ध कवच के द्राया सुख सभृत्रद्ध औय नवग्रहं के नकायात्भक प्रबाव को
शाॊत कय धायण कयता व्मत्रि के जीवन से सवा प्रकाय के द:ु ख-दारयद्र का नाश हो कय सुख-सौबाग्म एवॊ
उन्नसत प्रासद्ऱ होकय जीवन भे ससब प्रकाय के शुब कामा ससद्ध होते हं । स्जसे धायण कयने से व्मत्रि मफद
व्मवसाम कयता होतो कायोफाय भे वृत्रद्ध होसत हं औय मफद नौकयी कयता होतो उसभे उन्नसत होती हं ।
सवा कामा ससत्रद्ध कवच के साथ भं सवाजन वशीकयण कवच के सभरे होने की वजह से धायण कयता
की फात का दस
ू ये व्मत्रिओ ऩय प्रबाव फना यहता हं ।
सवा कामा ससत्रद्ध कवच के साथ भं अद्श रक्ष्भी कवच के सभरे होने की वजह से व्मत्रि ऩय भाॊ भहा
सदा रक्ष्भी की कृ ऩा एवॊ आशीवााद फना यहता हं । स्जस्से भाॊ रक्ष्भी के अद्श रुऩ (१)-आफद
रक्ष्भी, (२)-धान्म रक्ष्भी, (३)-धैयीम रक्ष्भी, (४)-गज रक्ष्भी, (५)-सॊतान रक्ष्भी, (६)-त्रवजम
रक्ष्भी, (७)-त्रवद्या रक्ष्भी औय (८)-धन रक्ष्भी इन सबी रुऩो का अशीवााद प्राद्ऱ होता हं ।
सवा कामा ससत्रद्ध कवच के साथ भं तॊि यऺा कवच के सभरे होने की वजह से ताॊत्रिक फाधाए दयू
होती हं , साथ ही नकायत्भन शत्रिमो का कोइ कुप्रबाव धायण कताा व्मत्रि ऩय नहीॊ होता। इस
कवच के प्रबाव से इषाा-द्रे ष यखने वारे व्मत्रिओ द्राया होने वारे दद्श
ु प्रबावो से यऺाहोती हं ।
सवा कामा ससत्रद्ध कवच के साथ भं शिु त्रवजम कवच के सभरे होने की वजह से शिु से सॊफॊसधत
सभस्त ऩये शासनओ से स्वत् ही छुटकाया सभर जाता हं । कवच के प्रबाव से शिु धायण कताा
व्मत्रि का चाहकय कुछ नही त्रफगड सकते।
फकसी व्मत्रि त्रवशेष को सवा कामा ससत्रद्ध कवच दे ने नही दे ना का अॊसतभ सनणाम हभाये ऩास सुयस्ऺत हं ।
GURUTVA KARYALAY
92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ORISSA)
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उन्हं गॊधवा को श्राऩ दे ते हुए कहा, तुभने चोय की बाॊसत भेयी सहधसभानी का हाथ ऩकिा हं , इस कायण तुभ अफसे
भूषक होकय धयती के नीचे औय चोयी कयके अऩना ऩेट बयोगे।’
ऋत्रष का श्राऩ सुनकय गॊधवा ने ऋत्रष से प्राथाना की- हे ऋत्रषवय, अत्रववेक के कायण भंने आऩकी ऩत्नी के हाथ का स्ऩशा
फकमा। भुझे ऺभा कय दं ।
ऋत्रष फोरे: कंच! भेया श्राऩ व्मथा नहीॊ होगा। तथात्रऩ द्राऩय भं भहत्रषा ऩयाशय के महाॊ गणऩसत दे व गजरूऩ भं प्रकट हंगे।
तफ तुभ उनका वाहन फन जाओगे। इसके ऩद्ळमात तुम्हाया कल्माण होगा तथा दे वगण बी तुम्हाया सम्भान कयं गे।
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39 ससतम्फय 2012
सॊकद्शहय चतुदशॉ कथा् बायद्राज भुसन औय ऩृथ्वी के ऩुि भॊगर की कफठन तऩस्मा से प्रसन्न होकय भाघ भास के कृ ष्ण
ऩऺ भं चतुथॉ सतसथ को गणऩसत ने उनको दशान फदमे थे।
गजानन के वयदान के परस्वरूऩ भॊगर कुभाय को इस फदन भॊगर ग्रह के रूऩ भं सौय भण्डर भं स्थान प्राद्ऱ हुवाथा। भॊगर
कुभाय को गजानन से मह बी वयदान सभरा फक भाघ कृ ष्ण ऩऺ की चतुदशॉ स्जसे सॊकद्शहय चतुथॉ के नाभ से जाना जाता हं उस
फदन जो बी व्मत्रि गणऩसतजी का व्रत यखेगा उसके सबी प्रकाय के कद्श एवॊ त्रवघ्नन सभाद्ऱ हो जाएॊगे।
एक अन्म कथा के अनुसाय बगवान शॊकय ने गणऩसतजी से प्रसन्न होकय उन्हं वयदान फदमा था फक भाघ कृ ष्ण ऩऺ की
चतुथॉ सतसथ को चन्द्रभा भेये ससय से उतयकय गणेश के ससय ऩय शोबामभान होगा। इस फदन गणेश जी की उऩासना औय व्रत त्रि-
ताऩ (तीनो प्रकाय के ताऩ) का हयण कयने वारा होगा। इस सतसथ को जो व्मत्रि श्रद्धा बत्रि से मुि होकय त्रवसध-त्रवधान से
गणेश जी की ऩूजा कये गा उसे भनोवाॊसछत पर फक प्रासद्ऱ होगी।
40 ससतम्फय 2012
य रु प सस सस यं फस है भॊ र न र म न अॊ
सुज सो ग सु कु भ स ग त न ई र धा फे नो
त्म य न कु जो भ रय य य अ की हो सॊ या म
ऩु सु थ सी जै इ ग भ सॊ क ये हो स स सन
त य त य स हुॉ ह फ फ ऩ सच स म स तु
भ का ाा य य भा सभ भी म्हा ाा जा हू हीॊ ाा जू
ता या ये यी ह्र का प खा स्ज ई य या ऩू द र
सन को सभ गो न भ स्ज म ने भसन क ज ऩ स र
फह या सभ सभ रय ग द न ख भ स्ख स्ज सन त जॊ
ससॊ भु न न कौ सभ ज य ग धु ख सु का स य
गु क भ अ ध सन भ र ाा न फ ती न रय ब
ना ऩु व अ ढ़ा य र का ए तू य न नु व थ
सस ह सु म्ह य य स फहॊ य त न ख ाा ाा ाा
य सा ाा रा धी ाा यी जा हू हीॊ षा जू ई या ये
त्रवसध-श्रीयाभचन्द्रजी का ध्मान कय अऩने प्रद्ल को भन भं दोहयामं। फपय ऊऩय दी गई सायणी भं से फकसी एक अऺय ऩय
अॊगुरी यखं। अफ उससे अगरे अऺय से क्रभश् नौवाॊ अऺय को सरखते जामं जफ तक ऩुन् उसी जगह नहीॊ ऩहुॉच जामं। इस
प्रकाय एक चौऩाई फनेगी, जो अबीद्श प्रद्ल का उत्तय होगी।
महाॊ हभने आऩकी अनुकूरता हे तु नौवे अऺय के कोद्शक को एक सभान यॊ ग भं यॊ गने का प्रमास फकमा हं
स्जससे आऩको हय नौवे अऺयको सगनती कयने की आवश्मिा न यहं आऩ सीधे एक सभान यॊ गो के कोद्शक भं रीखे
अऺयोको सभरारे/सरख रे औय जो चौऩाई फने उस चौऩाई को बी दे खने भं आऩको आसानी हो इस उद्दे श्म से उसी
यॊ ग भं यॊ गने का प्रमास फकमा हं ।
41 ससतम्फय 2012
उऩय दशााएॊ गमे अॊक शकुनावरी प्रद्लावरी से उत्तय प्राद्ऱ कयने से ऩूवा शुद्ध एवॊ ऩत्रवि होकय अऩने इद्श दे व का
स्भयण कयते हुवे उऩय दशााएॊ गमे अॊक कोद्शको भं से फकसी एक कोद्शक ऩय अऩनी अॊगुरी अथवा शराका यखं। स्जस
कोद्शक ऩय आऩने अॊगुरी अथवा शराका यखी हं उस कोद्शक भं अॊफकत सॊख्मा के अनुसाय आऩके अबीद्श प्रद्ल का हर
नीचे क्रभश् अॊको भं फदमा गमा हं ।
111: आऩने जो प्रद्ल त्रवचाया है वह सपर होगा। तुम्हाये खयाफ फदनं का नाश होकय अच्छे फदन आए हं । भन की
काभनाएॉ ऩूणा हंगी। त्रवत्रवध प्रकाय की सचॊताएॉ भन भं यहती हं , वे अफ थोिे फदनं भं नाश हो जाएॉगी। एक सभि के
धोखे को बोग यहे हो। धभा कामा की इच्छा है , ऩयन्तु ऩाऩकभा से त्रवघ्नन आता है । आभदनी से खचा असधक यहता है ।
कोई कामा ससद्ध होने को आता है , तो शिु उसभं त्रवघ्नन डार दे ते हं । दान-ऩुण्म कयो। स्जससे भन की असबराषा ऩूणा
होगी। त्रवयोधी चाहे फकतनी कोसशश कयं , ऩयन्तु तुम्हायी धायणा अवश्म परीबूत होगी।
112: आऩका अबीद्श प्रद्ल राबदामक है । धन की प्रासद्ऱ होगी। बाग्मोदम के फदन अफ नजदीक आ गए हं । स्जस कामा
को हाथ भं रोगे, उसभं जम प्राद्ऱ कयोगे। त्रप्रमजन का सभराऩ होगा। धभा के कामा कयते यहो, स्जससे ऩुण्म की प्रासद्ऱ
होगी तथा सुख बी सभरेगा। भन सचस्न्तत यहता है । बाइमं से जुदाई होगी। भकान फनाने का इयादा कयते हो वह ऩाय
ऩिे गा। जभीन से तुभको राब होगा। आभदनी से खचा असधक होता है । तीथं की मािा कयने की असबराषा है , वह ऩूणा
होगी। धासभाक कामा सम्ऩन्न होगा।
113: आऩका अबीद्श प्रद्ल अच्छा है । तुम्हाये फदर को आयाभ सभरेगा। सुख-चैन प्राद्ऱ कयोगे। जो कामा भन भं सोचा
है , उसभं त्रवजम प्राद्ऱ कयोगे। त्रप्रमजनं का सभराऩ होगा। सचन्ता के फदन सनकर चुके हं तथा अफ अच्छे फदन आए हं ।
धभा के प्रबाव से सुखी हुए हो तथा आगे बी सुख प्राद्ऱ कयोगे। कद्श सहन कयते हुए बी दस
ू ये का कामा कयते हो ऩयन्तु
अऩने कामा भं सुस्ती यखते हो। फुत्रद्ध तेज है , त्रफगिे कामा को बी सुधाय रेते हो। बत्रवष्म भं राब सभरेगा।
121: आऩका त्रवचाया हुआ प्रद्ल राबदामक है । फहुत फदनं तक द्ु ख सहन कयने से सनयाश हो गए हो, फुये फदन सनकर
गए हं औय अफ शुब फदन आए हं । भन की इच्छाएॉ परीबूत हंगी। स्जतनी रक्ष्भी गॊवाई है उससे बी असधक प्राद्ऱ
कयोगे। स्जस काभ की सचन्ता कयते हो वह सचन्ता सभट जामेगी, उसभं एक व्मत्रि त्रवघ्नन उऩस्स्थत कयने आमेगा, फकन्तु
43 ससतम्फय 2012
अन्त भं तुभको सपरता प्राद्ऱ होगी। बाइमं तथा सम्फस्न्धमं का सनबाव कयते हो, स्जससे तुम्हायी कीसता फढ़ी है । फदर
के उदाय हो, जहाॉ जाते हो वहाॉ सुख सभरता है ।
122: आऩने जो काभ त्रवचाया है , उसभं सपरता नहीॊ सभर ऩाएगी। आऩने आज तक फहुतं का बरा फकमा है । अशुब
कभा के उदम से त्रवघ्नन उऩस्स्थत होते हं । जहाॉ तक फन सके वहाॉ तक धभा कयो। अऩने इद्शदे व की मथाशत्रि आयाधना
तथा भन्ि का जऩ कयो, स्जससे तकरीप दयू होगी।
123: आऩके अबीद्श कामा भं सपरता अवश्म सभरेगी। इतने ऩाऩकभा के थे तथा आऩने भहान सॊकट उठामे हं । अफ
शुब फदन आए हं । फहुतं का बरा फकमा, फकन्तु उन्होनं उऩकाय न भाना। धभा के सनसभत्त का सनकारा हुआ ऩैसा घय भं
न यखो। तीथं की मािा कयो, स्जस स्थान ऩय द्ु खी हुए हो, उस स्थान का त्माग कयो, दस
ू ये स्थान भं जाकय यहो।
ऩयदे श भं राब होगा। तुम्हाया फदर सचन्ता भं डू फा यहता है । अफ शुब कभा का उदम हुआ है । त्रवचाये हुए कामा भं
सपरता एवॊ धन प्राद्ऱ होगा।
131: जो फात आऩने सोची है वह अवश्म ससद्ध होगी, स्जसका नुकसान हुआ है वह दयू होकय बत्रवष्म भं राब होगा।
धन सभरेगा। तुम्हाये हाथ से धभा के कामा हंगे। स्जस भनुष्म से भुराकात चाहते हो वह होगी। सचन्ता के फदन अफ गए
हं । धातु, धन, सम्ऩत्रत्त औय कुटु म्फ की वृत्रद्ध होगी।
132: आज तक तुम्हाये फिे -फिे दश्ु भन हुए अफ उनका जोय नहीॊ चरेगा। भन भं त्रवचाये हुए कामं भं सपरता प्राद्ऱ
कयोगे। इज्जत भं वृत्रद्ध होगी। तुम्हाये हाथं से धभा के कामा हंगे, भन वाॊसछत सुख की प्रासद्ऱ होगी। बाइमं का सभराऩ
होगा। दान-ऩुण्म के प्रबाव से सुखी हंगे।
133: इतने फदन सॊकट यहा। सचॊसतत कामा अच्छी तयह से ऩाय न ऩिा, अफ अच्छे फदनं की शुरुआत हुई है , जो कामा
त्रवचाया है वह परीबूत होगा, फकसी बी प्रकाय का त्रवघ्नन नहीॊ आमेगा। इद्शदे व के प्रबाव से रक्ष्भी प्राद्ऱ होगी, त्रप्रमजन
से अचानक राब होगा।
211: तुभने भन भं स्जस कामा का त्रवचाय फकमा है , वह सपर नहीॊ होगा। इसके ससवाम कोई दस
ू या काभ कयो। तीथं
की मािा कयो, स्जससे ऩुण्म का राब हो। दश्ु भन रोग तुभको फाधाएॉ डारते हं ।
212: त्रवचाया हुआ कामा होगा। प्रेसभका से राब होगा। कुटु म्फ की वृत्रद्ध होगी। फहुत भुद्दत से त्रवचाया हुआ कामा होगा।
दश्ु भन तुम्हाये त्रवरुद्ध कोसशश कयं गे, फकन्तु तुम्हाये सद्भाग्म के आगे उनका जोय नहीॊ चरेगा। तीथं की मािा कयने की
इच्छा है वह हो सकेगी। भकान फनाने का तथा जभीन खयीदने का तुम्हाया इयादा सपर होगा। तुभको जभीन से राब
है । बाग्मफर से कामा ससद्ध हंगे।
213: द्ु ख के फदन अफ दयू हो गए हं । सुख के फदन शुरु हुए हं । फहुत फदनं से कद्श उठा यहे हो, ऩयदे श गए तो बी
सुख की प्रासद्ऱ न हुई, फकन्तु अफ सुख बोगने के फदन प्राद्ऱ हुए हं । आफरु फढ़े गी, सॊतान का सुख होगा। इतने फदनं
सभिं तथा कुटु म्फी जनं की तयप से द्ु ख सहन फकमा। जहाॉ तक फना दस
ू यं का बरा फकमा, ऩयन्तु उन रोगं ने गुण
नहीॊ भाना। शिु रोग ऩग-ऩग ऩय तैमाय यहते हं , फकन्तु उनका जोय नहीॊ चरता क्मंफक तुम्हाया बाग्म फरवान ् है । ऩास
भं धन थोिा है , फकन्तु इज्जत अच्छी है , इससरमे स्जतना प्राद्ऱ कयने का त्रवचाय कयोगे उतना प्राद्ऱ कय सकोगे। सभि
रोगं से जैसा चाफहए वैसा सुख नहीॊ है । इज्जत आफरु के सरमे खचा फहुत कयते हो। तुम्हाया धभा सुधया हुआ
है , इससरए धभा ऩय श्रद्धा यखो।
221: इतने फदन गए वे अच्छे गए, जो जो कामा फकए वे बी ऩाय ऩि गए, फकन्तु अफ जो कामा फदर भं त्रवचाया है वह
ऩाऩ कभा के उदम से ऩूणा नहीॊ होगा। सभि रोग बी शिु हो जाएॉगे। कुटु म्फ भं अनफन यहे गी, बाई जुदा हंगे। जो काभ
44 ससतम्फय 2012
फदर भं त्रवचाया है , उसका त्माग कयना ही श्रेद्ष है । धभा ऩय श्रद्धा यखो, इद्शदे व की सेवा कयो, दान-ऩुण्म के प्रबाव से
सुख सभरेगा।
222: जो काभ भन भं त्रवचाया है , उसको छोिकय दस
ू या काभ कयो। मफद इस त्रवचाये हुए कामा को कयोगे तो सॊकट
उत्ऩन्न होगा, नुकसान होगा, शिु रोग त्रवघ्नन उऩस्स्थत कयं गे। इद्शदे व की सेवा कयो, तीथं ऩय जाओ, स्जससे दस
ू ये कामा
बी सुधयं गे। फदर भं त्रवत्रवध प्रकाय की सचन्ताओॊ ने वास फकमा है , वह त्रवचाये हुए कामा को छोि दे ने से दयू होगी।
223: मह सवार अच्छा है , सुख के फदन नजदीक आए हं । व्माऩाय से धन प्राद्ऱ होगा, ऐशो-आयाभ प्राद्ऱ कयोगे। ऩत्नी
का सुख प्राद्ऱ कयोगे तथा सॊतान की वृत्रद्धहोगी, जो कामा कयोगे उसभं राब प्राद्ऱ कयोगे। ईभानदायी से काभ कयते हो तो
अन्त भं बरा ही होगा। धभा के प्रबाव से सुखी हंगे, इससरमे धभा को बूरना भत, धभा के कामं भं सुस्ती यखना ठीक नहीॊ।
231: स्जस कामा के सरए भन भं त्रवचाय फकमा है , वह कामा तीन भास भं होगा। अऩनी स्त्री की तयप से राब होगा।
आज तक कुटु म्फीजनं की तयप से सुख नही सभरा, फकन्तु बत्रवष्म भं सभरेगा। सॊतानं की वृत्रद्ध होगी। ससुयार के खचा
की सचन्ता है , सो सभट जाएगी। आफरु के सरए आभदनी से खचा असधक कयना ऩिता है । तीथं की मािा कयने का
इयादा है , फकन्तु त्रवघ्नन आता है । बत्रवष्म भं धभा कामा कय सकोगे। रृदम भं स्जस कामा की सचन्ता है , वह धभा के प्रबाव
से दयू हो जाएगी, इससरए धभा ऩय श्रद्धा यखो, स्जससे सपरता प्राद्ऱ कय सकोगे।
232: जो काभ त्रवचाया है , उसे छोिकय कोई दस
ू या काभ कयो। त्रवचाये हुए कामा को कयने भं राब नहीॊ है , मफद कयोगे
तो तुभको तुम्हाया स्थान छोिकय दस
ू ये स्थान ऩय जाना ऩिे गा, कुटु म्फीजनं का त्रवमोग होगा। इससरए उसचत है फक इस
कामा को छोि दो। धभा भं होसशमाय यहना तथा अऩनी शत्रि के अनुसाय दान-ऩुण्म कयना स्जससे सुख हो।
233: थोिे फदनं भं धन सभरेगा। जो काभ त्रवचाया है , वह ऩूणा होगा। त्रप्रमजनं से सभराऩ होगा। जभीन, जागीय अथवा
भकान से राब होगा। आफरु फढ़े गी। धभा कामं भं खचा कयो। उसके प्रताऩ से सुख-चैन यहे गा। याज्मऩऺ से राब होगा।
भन की धायणा ऩूणा होगी। स्त्री की तयप से सुख है । एक सभम अकस्भात ् राब सभरेगा।
311: मह सवार फहुत ही गयभ है । स्जस कामा का त्रवचाय फकमा है , वह ऩूणा होगा। भुकदभा जीत जाओगे, व्माऩाय
योजगाय भं राब होगा। कीसता फढ़े गी, याज्म की तयप से राब होगा। धभा के प्रबाव से सुख सभरा है तथा बत्रवष्म भं बी
सभरेगा। दस
ू यं के कामा ऩरयश्रभ से ऩूया कयते हो, फकन्तु अशुब कभा उफदत होने से अऩने कभा भं उदासीन यहते
हो, त्रवदे श मािा होगी औय वहाॉ राब होगा। धभा ऩय श्रद्धा यखो स्जससे सॊकट दयू हं। अऩने हाथ से रक्ष्भी प्राद्ऱ कयोगे।
312: जो कामा त्रवचाया है उसे छोिकय कोई दस
ू या काभ कयो अन्मथा शिु रोग त्रवघ्नन डारंगे, दौरत की खयाफी
होगी, घय के भनुष्मं तथा ऩशुओॊ ऩय सॊकट आएगा, इससरए त्रवचाये हुए कामा को छोि दे ना ही उसचत है । धभा के प्रबाव
से सफ कामा सपर होते हं । सनयासश्रतं को आश्रम दो तथा दे वासधदे व का स्भयण कयो स्जससे सुखी हंगे।
313: मह प्रद्ल अच्छा है । धन तथा स्त्री से सहमोग एवॊ सुख सभरेगा। सॊतान से सुख सभरेगा। सॊतान होगी, त्रप्रमजन का
सभराऩ होगा। अभुक भुद्दत की धायी हुई धायणा सपर होगी। सचन्ता के फदन अफ दयू हुए हं । दे व गुरु तथा धभा की
सेवा कयो। दश्ु भन रोग सताते हं , फकन्तु अफ तुम्हाया प्रायब्ध फरवान ् फना है स्जससे इन रोगं का जोय नहीॊ चरेगा।
जभीन से राब होगा। कीसता के सरए खचा असधक कयना ऩिता है । सभिं से राब होगा।
321: जभीन, भकान अथवा फाग-फगीचे से राब होगा। धन प्राद्ऱ कयोगे, स्नेही जन से सभराऩ होगा। फकसी बी भनुष्म के साथ
सभिता होगी औय उसके द्राया धनाफद की प्रासद्ऱ होगी। ऩुण्म के उदम से इच्छाएॉ ऩयीऩूणा होगी। धभा का आयाधन कयो। दश्ु भन रोग
ऩग-ऩग ऩय तैमाय यहं गे, फकन्तु सन्भुख होने से उनका जोय नहीॊ चरेगा। अऩनी शत्रि के अनुसाय खचा कयो। भकान फनाने के
45 ससतम्फय 2012
भनोयथ परीबूत हंगे। धन ऩैदा कयते हो, फकन्तु खचा असधक होने से इकट्ठा नहीॊ होता है ,त्रऩता से धन थोिा सभरेगा। स्त्री की
तयप से राब होगा। वृद्धावस्था भं धभा के कामा फन सकते हं ।
322: जो कामा आऩने भन भं त्रवचाया है , उसभे शिु रोग त्रवघ्नन डारंगे, ऩरयणाभ अच्छा नहीॊ। याज्म की तयप से
नायाजगी होगी मफद सुखी होना चाहते हो, तो त्रवचाया हुआ कामा छोिकय दस
ू या कामा कयो, तुम्हाये सहमोगी फदर गए
हं , उनका त्रवद्वास भत कयना। बजन-ऩूजन, व्रत-सनमभ भं ध्मान दो।
323: स्जस कामा का भन भं त्रवचाय फकमा है , उसभं राब होगा, इच्छा ऩूणा होगी, स्नेही का सभराऩ होगा, जो जो
सचन्ताएॉ उऩस्स्थत हुई हं , वे सफ दयू हंगी। धभा के कामा फन सकंगे। फहुत फदनं से ऩयदे श भं द्ु ख प्राद्ऱ फकमा
है , फकन्तु अफ द्ु ख के फदन गए। तीथामािा होगी। अफ दे श भं जाकय आनन्द प्राद्ऱ कयोगे। धभा के कामं भं रक्ष्म
यखो, स्जससे सफ सुख प्राद्ऱ कयोगे।
331: तुम्हाये भन की सचन्ता सभटे गी। फीभायी की परयमाद दयू होगी। भन की धायणा ऩूणा होगी। थोिे फदनं भं ही धन
की प्रासद्ऱ होगी। स्नेही का सभराऩ होगा। धभा-कभा भं ऩैसा खचा कयो, स्जससे ऩरयणाभ भं पामदा होगा। अच्छे फदन आए
हं , ऩाऩकभा से इतने फदन द्ु ख प्राद्ऱ फकमा है , ऩयन्तु अफ वे फीत गए हं ।
332: फुये फदन गए अफ अच्छे फदन आए हं । जभीन तथा धन-दौरत भं जो हासन हुई है , वह सभट जाएगी तथा बत्रवष्म
भं राब होगा। ऩयभेद्वय का ध्मान कयो। रृदम शुद्ध है , स्जससे भन की सचन्ता जल्दी दयू होगी। ऩयदे श भं यहे भनुष्म की
सचन्ता है सो उसका सभराऩ होगा। धभा के प्रबाव से सुखी हंगे।
333: इतने फदन सनधान अवस्था भं व्मतीत फकए, फकन्तु अफ धन प्राद्ऱ होगा तथा भन की धायणा परीबूत होगी।
जीवनसाथी से सुख प्राद्ऱ होगा, तीन भफहने फाद अच्छे फदन आएॉगे। इद्शदे व की आयाधना कयो। आभदनी से खचा असधक
है , धन इकट्ठा फकमा नहीॊ, सभि की तयप से धोखा सभरा है , दश्ु भन रोग ऩीछे से सनन्दा कयते हं , फकन्तु साभने आकय
फोर नहीॊ सकते। जभीन से राब होगा। ऩयभेद्वय का जऩ कयो।
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46 ससतम्फय 2012
सवाससत्रद्धदामक भुफद्रका
इस भुफद्रका भं भूॊगे को शुब भुहूता भं त्रिधातु (सुवणा+यजत+ताॊफ)ं भं जिवा कय उसे शास्त्रोि त्रवसध-
त्रवधान से त्रवसशद्श तेजस्वी भॊिो द्राया सवाससत्रद्धदामक फनाने हे तु प्राण-प्रसतत्रद्षत एवॊ ऩूणा चैतन्म मुि फकमा
जाता हं । इस भुफद्रका को फकसी बी वगा के व्मत्रि हाथ की फकसी बी उॊ गरी भं धायण कय सकते हं ।
महॊ भुफद्रका कबी फकसी बी स्स्थती भं अऩत्रवि नहीॊ होती। इस सरए कबी भुफद्रका को उतायने की
आवश्मिा नहीॊ हं । इसे धायण कयने से व्मत्रि की सभस्माओॊ का सभाधान होने रगता हं । धायणकताा
को जीवन भं सपरता प्रासद्ऱ एवॊ उन्नसत के नमे भागा प्रसस्त होते यहते हं औय जीवन भं सबी प्रकाय
की ससत्रद्धमाॊ बी शीध्र प्राद्ऱ होती हं । भूल्म भाि- 6400/-
(नोट: इस भुफद्रका को धायण कयने से भॊगर ग्रह का कोई फुया प्रबाव साधक ऩय नहीॊ होता हं ।)
सवाससत्रद्धदामक भुफद्रका के त्रवषम भं असधक जानकायी के सरमे हे तु सम्ऩका कयं ।
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9 16 2 7
6 3 13 12
15 10 8 1
4 5 11 14
बत्रवष्म ऻान प्रद्लावरी को चंतीसा मन्ि के अनुरुऩ फनामा गमा हं ।
प्रद्लकताा को अऩने इद्श का ध्मान कयके नीचे वस्णात 34 प्रद्लं भं से अऩने सॊफॊसधत प्रद्ल का उच्चायण मा स्भयण
कयते हुए फदमे गमे चंतीसा मन्ि के फकसी बी अॊक ऩय अॊगुरी यखं।
अॊगुरी यखं अॊक की सॊख्मा एवॊ अऩने प्रद्ल की सॊख्मा को जोिकय उसभं से 1 अॊक घटा दं ।
जो सॊख्मा शेष फचे उस सॊख्मा को 34 प्रद्लं की प्रद्ल तासरका भं दे ख कय उस सॊख्मा के दे वता का नाभ नोट कय
रं।
जो दे वता का नाभ प्राद्ऱ हुवा है , उस दे वता के प्रद्ल पर भं चंतीसा मन्ि ऩय अॊगुरी यख कय प्राद्ऱ हुइ सॊख्मा को
अऩने सॊफॊसधत प्रद्ल का उत्तय सभझे।
चंतीसा मन्ि की सॊख्मा एवॊ प्रद्ल सॊख्मा का जोि मफद 34 अॊक से असधक हो तो जोिकय प्राद्ऱ हुइ सॊख्मा भं से 34
घटा कय शेष फची हुइ सॊख्मा को 34 प्रद्लं की प्रद्ल तासरका भं दे ख कय उस सॊख्मा के दे वता का नाभ प्राद्ऱ कयं ।
उदाहयण:1
इद्श का ध्मान कय 34 प्रद्लं भं से मफद फकसी ने चमन फकमा हो प्रद्ल नॊफय 3 बाग्मोदम कफ होगा? तो, उस प्रद्ल का
स्भयण कय के चंतीसा मन्ि की सॊख्मा भं से फकसी एक सॊख्मा 16 ऩय अॊगुरी यखी हो, तो प्रद्ल सॊख्मा 3 + 16 जो
चंतीसा मन्ि ऩय अॊगुरी यख कय प्राद्ऱ हुइ सॊख्मा हं उन दोनो का जोड 3+16 = 19 होता हं उस उस सॊख्मा भं से 1
घटाकय 19-1 = 18 शेष सॊख्मा फचती हं । अफ प्रद्ल तारीका के प्रद्ल क्रभ की सॊख्मा 18 के दे वता शसन हं , तो अफ
शसनदे व के प्रद्लपर ऩय 16 नॊफय के पर भं सरखा हं बाग्मोदम शीघ्र होगा।
उदाहयण:2
मफद फकसी का प्रद्ल हो प्रद्ल सॊख्मा 27. आज का फदन कैसा यहे गा? तो उस प्रद्ल का स्भयण कयके चंतीसा मन्ि की
सॊख्मा भं से फकसी एक सॊख्मा का चमन कयने ऩय सॊख्मा 10 ऩय अॊगुरी यखी हो तो 27 + 10 का जोि 37 होता है , अफ
49 ससतम्फय 2012
37 भं से 1 घटाने ऩय 37-1= 36 सॊख्मा प्राद्ऱ हुई रेफकन प्रद्ल तासरका भं 36 सॊख्मा का प्रद्ल नहीॊ हं प्रद्ल तासरका भं
केवर 34 प्रद्ल फदमे गमे हं , तो अफ 36 सॊख्मा भं से 34 घटामे तो शेष फची सॊख्मा हं 2 तो अफ प्रद्लतारी का के 2यं
प्रद्ल के दे वता हं ब्रह्मा, अफ ब्रह्माजी के प्रद्लपर ऩय 10 नॊफय के पर भं सरखा हं फदन शुब यहे गा।
उदाहयण:3
मफद फकसी का प्रद्ल हो प्रद्ल सॊख्मा 32. अभुक स्त्री भुझे प्रेभ कयती है मा नहीॊ? तो उस प्रद्ल का स्भयण कयके चंतीसा
मन्ि की सॊख्मा भं से फकसी एक सॊख्मा का चमन कयने ऩय सॊख्मा 15 ऩय अॊगुरी यखी हो तो 32 + 15 का जोि 47
होता है , अफ 47 भं से 1 घटाने ऩय 47-1= 46 सॊख्मा प्राद्ऱ हुई रेफकन प्रद्ल तासरका भं 46 सॊख्मा का प्रद्ल नहीॊ हं प्रद्ल
तासरका भं केवर 34 प्रद्ल फदमे गमे हं , तो अफ 46 सॊख्मा भं से 34 घटामे तो शेष फची सॊख्मा हं 12 तो अफ प्रद्लतारी
का के 12वं प्रद्ल के दे वता हं ऩृथ्वी, अफ ऩृथ्वी प्रद्लपर ऩय 15 नॊफय के पर भं सरखा हं फदखावटी प्रेभ कयती है ।
इसी प्रकाय आऩ अऩने सॊफॊसधत प्रद्ल का उत्तय सयरता से प्राद्ऱ कय सकते हं ।
गणेश
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩको सन्तान का सुख अवश्म सभरेगा। 9 आज का फदन भध्मभ यहे गा।
2 फकसी की सहामता से भस्न्दय शीघ्र फनेगा। 10 मह वषा आऩके सरए उत्तभ यहे गा।
3 तीथा मािा भं त्रवघ्नन आनेकी सॊबावना हं । 11 कुएॊ का सनभााण नहीॊ होगा।
4 स्त्री आऩसे शुद्ध प्रेभ कयती है । 12 बाइमं भं अच्छी फन जाएगी।
5 आऩके सम्फन्धी आऩको धोखा दे सकता है । 13 इस मािा से राब सभरना कफठन है ।
6 आऩकी स्त्री का स्वबाव गयभ यहे गा। 14 ऩयदे शी शीघ्र ही रौटे गा।
7 इच्छा ऩूयी होने भं दे यी हो सकती है । 15 खोई वस्तु की शीघ्र प्रासद्ऱ होगी।
8 कन्मा सुख भं वृत्रद्ध होगी। 16 कजा सभरने भं कफठनाई होगी।
ब्रह्मा
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 कोटा -केस भं आऩकी जीत होगी। 9 सॊतान सुख प्राद्ऱ होगा।
2 सन्तान सुख हे तु इद्श दे वता का ऩूजन कयं । 10 आज का फदन आऩके सरए शुब यहे गा।
3 भस्न्दय सनभााण भं त्रवरम्फ होगा। 11 मह वषा आऩके सरए अनुकूर नहीॊ है ।
4 तीथा मािा जाने की इच्छा ऩूणा होगी। 12 कुआॉ सनभााण की इच्छा ऩूणा होगी।
5 इस सभम स्त्री प्रेभ नहीॊ कयती है । 13 बाइमं भं अनफन की सॊबावना असधक है ।
6 सम्फन्धी आऩको धोखा दे सकता है , सावधान यहं । 14 आऩको मािा से राब होगा।
7 आऩकी स्त्री का स्वबाव सयर यहे गा। 15 ऩयदे शी के आने भं त्रवरम्फ होगा।
8 इस सभम इच्छा की ऩूसता शीघ्र नहीॊ हो सकेगी। 16 खोई वस्तु के सभरने की सॊबावना कभ हं ।
त्रवष्णु
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩका बाग्मोदम शीघ्र ही होगा। 9 आऩकी इच्छा ऩूयी होने भं सन्दे ह है ।
2 कोटा -केस भं त्रवजम प्राद्ऱ होने भं सन्दे ह है । 10 आऩको कन्मा सुख की प्रासद्ऱ होगी।
3 आऩको सन्तान सुख उऩाम से प्राद्ऱ होगा। 11 आज का फदन आऩके सरए शुब नहीॊ यहे गा।
4 भस्न्दय सनभााण की इच्छा ऩूयी होगी। 12 मह वषा आऩके सरए शुब यहे गा।
5 तीथा मािा ऩय जाने भं त्रवरम्फ होगा। 13 कुॊआॉ सनभााण होने भं सॊदेह हं ।
6 स्त्री आऩसे गोऩनीम प्रेभ कयती है । 14 बाइमं भं अनफन असधक यहे गी।
7 सम्फन्धी आऩको धोखा नहीॊ दे गा। 15 मािा भं राब सभरने की सम्बावना कभ हं ।
8 आऩकी स्त्री का स्वबाव उत्तभ होगा। 16 ऩयदे शी को आने भं त्रवरम्फ होगा। सनस्द्ळॊत यहं ।
51 ससतम्फय 2012
सशव
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩको नौकयी शीघ्र सभर जामेगी। 9 स्त्री के स्वबाव से आऩका स्वबाव सभर जामेगा।
2 आऩके बाग्मोदम भं अबी दे य है । 10 आऩकी इच्छा ऩूयी होगी।
3 कोटा -केस भं आऩकी हाय होने की सम्बावना हं । 11 आऩको सॊतान सुख सभरेगा।
4 सॊतान सुख की इच्छा शीघ्र ऩूणा होगी। 12 आज का फदन फदन शुब है ।
5 भस्न्दय नहीॊ फनेगा। 13 मह वषा आऩके सरए उत्तभ नहीॊ यहे गा।
6 तीथा-मािा नहीॊ होने का सॊकेत है । 14 कुआॉ सनभााण की इच्छा ऩूयी होगी।
7 स्त्री आऩसे प्रेभ कयती है । 15 बाइमं भं अनफन यहने की सम्बावना हं ।
8 सम्फन्धी आऩको धोखा दे सकता हं , सावधान यहं । 16 आऩको मािा भं राब सभरेगा।
.
इन्द्र
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩकी तयक्की के मोग अच्छे हं । 9 आऩसे सम्फन्धी गोऩसनम चार चरेगा।
2 आऩको नौकयी प्रमत्न से सभरेगी। 10 आऩकी स्त्री का स्वबाव अच्छा यहे गा।
3 आऩके बाग्मोदम भं त्रवरम्फ होगा। 11 आऩकी इच्छा ऩूणा होने भं सन्दे ह है ।
4 कोटा -केस भं आऩकी जीत अवश्म होगी। 12 कन्मा सुख भं वृत्रद्ध का सॊकेत हं ।
5 आऩको सॊतान सुख उऩाम से सभरेगा। 13 आज का फदन भध्मभ यहे गा।
6 भस्न्दय सनभााब की आशा ऩूणा होगी। 14 आऩके सरए मह वषा कफठनाई बया यहे गा।
7 तीथा मािा ऩय जाना सॊबव हं । 15 कुवं का सनभााण दे यी से होगा।
8 स्त्री आऩसे प्रेभ नहीॊ कयती,फदखावटी प्रेभ कय यही है । 16 बाइमं के त्रफच भं अच्छा भेर यहे गा।
.
अस्ग्न
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩको खेती से राब होगा। 9 उस स्त्री के सरए प्रेभ का फदखावा ही अच्छा है ।
2 आऩकी तयक्की भं दे य हो सकती है । 10 सम्फन्धी आऩको धोखा नहीॊ दे गा।
3 आऩको शीघ्र नौकयी नहीॊ सभरेगी। 11 आऩकी स्त्री का स्वबाव प्रसतकूर होगा।
4 आऩका बाग्मोदम शीघ्र ही होगा। 12 इच्छा शीघ्र ऩूयी नहीॊ होगी।
5 कोटा -केस की जीत भं सन्दे ह है । 13 सॊतान सुख प्राद्ऱ होगा।
6 आऩको सन्तान का सुख दे य से सभरेगा। 14 आज का फदन आऩके सरए उत्तभ है ।
7 भस्न्दय का सनभााण त्रप्रमजनो के सहमोग से होगा। 15 आऩके सरए मह वषा उत्तभ यहे गा।
8 तीथा मािा होने भं सॊदेह यहे गा। 16 कुएॉ के सनभााण की इच्छा ऩूयी होगी।
52 ससतम्फय 2012
वामु
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩकी गृह सनभााण की काभना ऩूयी होगी। 9 फकसी कायण आऩकी तीथा मािा अबी नहीॊ होगी।
2 आऩको खेती भं राब कभ होगा। 10 स्त्री आऩसे प्रेभ कयती है ।
3 आऩकी तयक्की अबी नहीॊ होगी। 11 सम्फन्धी आऩको धोखा दे सकते हं ।
4 आऩको नौकयी कापी प्रमत्न के फाद सभरेगी। 12 आऩकी स्त्री का स्वबाव कुछ सचिसचिा होगा।
5 आऩका बाग्मोदम शीघ्र हो सकता हं । 13 आऩकी इच्छा ऩूणा होगी।
6 कोटा -केस भं आऩको त्रवजम सभरने भं कफठन है । 14 आऩको कन्मा का सुख प्राद्ऱ होगा।
7 आऩको सॊतान का सुख सभरेगा। 15 आज का फदन आऩके सरए प्रसतकूर यहे गा।
8 आऩकी भस्न्दय फनाने की काभना ऩूणा होगी। 16 मह वषा आऩके सरए भध्मभ यहे गा।
सूमा
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 इस ऩरयऺा भं सपर होने की ऩूणा सॊबावना हं । 9 भस्न्दय सनभााण होगा रेफकन दे य से।
2 आऩका भकान फनने भं त्रवरम्फ है । 10 मह तीथा मािा आऩके सरए उत्तभ यहे गी।
3 आऩको इस फाय खेती से राब नहीॊ होगा। 11 उस स्त्री का प्रेभ फदखावटी है ।
4 इस फाय आऩकी तयक्की शीघ्र होगी। 12 आऩका सम्फन्धी धोखा नहीॊ दे गा।
5 आऩको नौकयी अबी नहीॊ सभरेगी। 13 आऩकी स्त्री का स्वबाव उत्तभ यहे गा।
6 आऩका बाग्मोदम दे य से होगा। 14 आऩकी मह इच्छा ऩूयी नहीॊ होगी।
7 आऩके भुकदभा जीतने की सॊबावना प्रफर हं । 15 आऩको सॊतान सुख प्राद्ऱ होगा।
8 सॊतान सुख भं फाधा, सॊतान गोऩार का ऩूजन कयं । 16 आऩका फदन शुब यहे गा।
चन्द्रभा
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩको उत्तभ त्रवद्या प्राद्ऱ होगी। 9 आऩको सॊतान सुख त्रवरम्फ से प्राद्ऱ होगा।
2 इस फाय आऩके सपर होने भं सन्दे ह यहे गा। 10 भस्न्दय फनने भं त्रवघ्नन आमेगं।
3 आऩका भकान अबी नहीॊ फन सकेगा। 11 तीथा मािा होने भं सन्दे ह हं ।।
4 इस फाय खेती से आऩको राब सभरेगा। 12 आऩके सरए गोऩसनम प्रेभ हासनकायक होगा।
5 आऩकी तयक्की का मोग इस फाय नहीॊ है । 13 सम्फन्धी आऩको धोखा दे गा।
6 आऩको नौकयी शीध्र सभर जामेगी। 14 आऩकी स्त्री का स्वबाव अनुकूर नहीॊ होगा।
7 आऩका बाग्मोदम शीघ्र होगा। 15 आऩकी इच्छा ऩूयी होने भं त्रवरम्फ होगा।
8 कोटा -केस भं त्रवजम प्रासद्ऱ भं सन्दे ह यहे गा। 16 कन्मा सुख भं वृत्रद्ध होगी।
53 ससतम्फय 2012
वसुदेव
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩका आने वारा जीवन सुखऩूवक ा यहे गा। 9 कोटा -केस भं आऩकी त्रवजम सनस्द्ळत होगी।
2 आऩके त्रवद्या प्रासद्ऱ की सॊबावना थोिी हं । 10 आऩको सन्तान सुख सभरने भं फाधाएॊ आमेगी।
3 इस वषा ऩरयऺा भं असपरता सभर सकती हं । 11 भस्न्दय के सनभााण भं त्रवघ्नन आमंगे।
4 आऩकी भकान की इच्छा ऩूणा होने भं त्रवरॊफ होगा। 12 आऩकी तीथामािा की इच्छा ऩूणा नहीॊ होगी।
5 इस फाय खेती से कभ राब सभरने की सॊबावना हं । 13 स्त्री आऩसे सच्चा प्रेभ कयती है ।
6 आऩकी तयक्की का मोग इस फाय फन यहा है । 14 आऩका सम्फन्धी आऩको धोखा नहीॊ दे गा।
7 आऩको नौकयी सभरने भं अबी दे य है । 15 आऩको स्त्री उत्तभ स्वबाव की सभरेगी।
8 आऩका बाग्मोदम शीघ्र होने की सॊबावना हं । 16 आऩकी इच्छा शीघ्र ऩूयी होगी।
वरुण
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩको जीवन भं सपरता प्राद्ऱ होगी। 9 आऩका बाग्मोदम शीघ्र होने का सॊकेत है ।
2 आऩका जीवन सॊघषाभम यहे गा। 10 कोटा -केस भं आऩकी जीत होने भं सन्दे ह है ।
3 आऩकी त्रवद्या अऩूणा होने की सॊबावना हं । 11 आऩको सन्तान सुख उऩाम के फाद भं प्राद्ऱ होगा।
4 ऩरयऺा भं सपरता सभरने की ऩूणा सम्बावना हं । 12 आऩकी भस्न्दय सनभााण की इच्छा ऩूयी होगी।
5 आऩका भकान फनाने की इच्छा अबी ऩूणा नहीॊ होगी। 13 तीथा मािा की काभना ऩूणा होगी।
6 इस फाय आऩको खेती से त्रवशेष राब नहीॊ होगा। 14 स्त्री आऩसे गोऩसनम प्रेभ कयती है ।
7 आऩकी इस फाय तयक्की होने भं सन्दे ह यहे गा। 15 सम्फन्धी का आऩको धोखा दे ना कफठन है ।
8 आऩको नौकयी सभरने के अबी सभम रगेगा है । 16 आऩकी स्त्री का स्वबाव सभरनसाय यहे गा।
ऩृथ्वी
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩको गुद्ऱ धन प्राद्ऱ होगा। 9 आऩको जल्दी नौकयी सभर जामेगी।
2 आऩको जीवन भं सपरता सभर जाएगी। 10 आऩके बाग्मोदम भं दे य है ।
3 आऩका जीवन सॊघषा से फीतेगा। 11 कोटा -केस भं आऩकी हाय होने की सॊबावना है ।
4 आऩको त्रवद्या प्राद्ऱ होगी। 12 आऩको सन्तान सुख प्राद्ऱ होगा।
5 इस फाय आऩके सपर होने भं सन्दे ह है । 13 भस्न्दय फनने भं त्रवरम्फ होगा।
6 आऩका भकान अबी दे य से फनेगा। 14 तीथा मािा भं रुकावट सम्बव हं ।
7 आऩको इस फाय खेती से अच्छा राब सभरेगा। 15 स्त्री आऩसे फदखावटी प्रेभ कयती है ।
8 आऩकी तयक्की अबी नहीॊ होगी। 16 आऩका सम्फन्धी आऩको धोखा नहीॊ दे गा।
54 ससतम्फय 2012
अद्वनी
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩका त्रववाह हो जामेगा। 9 आऩके तयक्की भं त्रवरम्फ है ।
2 अऩको गुद्ऱ धन त्रवशेष उऩाम द्राया सभरेगा। 10 आऩको जल्द नौकयी सभर जामेगी।
3 कफठन प्रमासं के फाद जीवन भं सपरता प्राद्ऱ होगी। 11 आऩका बाग्मोदम शीघ्र होगा।
4 आऩका जीवन अच्छे से फीतेगा। 12 कोटा -केस भं आऩको त्रवजम की प्रासद्ऱ होगी।
5 उत्तभ त्रवद्या प्राद्ऱ नहीॊ होगी। 13 आऩको सन्तान का सुख उऩाम से होगा।
6 इस फाय सपरता सभरने की सम्बावना कभ हं । 14 आऩके भस्न्दय सनभााण की काभना भं त्रवरम्फ होगा।
7 आऩकी भकान की इच्छा दे य से ऩूणा होगी। 15 तीथा मािा होने की सम्बावना कभ हं ।
8 आऩको खेती भं असधक राब नहीॊ होगा। 16 स्त्री आऩसे सच्चा प्रेभ कयती है ।
भॊगर
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 फीभाय अच्छा हो जामेगा। 9 आऩको खेती भं राब अवश्म सभरेगा।
2 आऩका त्रववाह होने भं सन्दे ह है । 10 आऩकी तयक्की दे य से होगी।
3 गुद्ऱ धन इद्श दे व के ऩूजन से प्राद्ऱ हो सकता हं । 11 आऩको अबी नौकयी सभरने भं सन्दे ह है ।
4 आऩको जीवन भं सपरता अवश्म सभरेगी। 12 आऩका बाग्मोदम त्रवरम्फ से होगा।
5 आऩका जीवन भध्मभ वगा का होगा। 13 कोटा -केस की जीत भं सन्दे ह होगा।
6 आऩको त्रवद्या प्राद्ऱ हो जामेगी। 14 सनस्द्ळन्त यहं , सन्तान सुख अवश्म सभरेगा।
7 इस फाय आऩको सपरता प्राद्ऱ होगी। 15 भस्न्दय सनभााण की इच्छा शीघ्र ऩूणा होगी।
8 आऩका भकान शीघ्र फनेगा। 16 तीथा मािा की इच्छा ऩूयी होगी।
फुध
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩके स्वसन का पर उत्तभ सभरेगा। 9 आऩका भकान अबी नहीॊ फनेगा।
2 फीभाय व्मत्रि दे य से स्वस्थ होगा। 10 आऩको खेती से राब त्रवशेष सभरेगा।
3 आऩका त्रववाह उऩाम के ऩद्ळमात होगा। 11 आऩकी तयक्की त्रवरम्फ से होगी।
4 आऩको गुद्ऱ धन प्राद्ऱ होगा। 12 आऩको नौकयी अबी नहीॊ सभरेगी।
5 आऩको जीवन भं सपरता सयरता से नहीॊ सभरेगी। 13 आऩका बाग्मोदम शीघ्र होगा।
6 आऩके जीवन भं कफठनाइमाॊ असधक यहे गी। 14 कोटा -केस भं आऩकी जीत होगी।
7 आऩको त्रवद्या प्रासद्ऱ इद्श ऩूजा से सभरेगी। 15 आऩको सन्तान सुख उऩाम ऩद्ळमात सभरेगा।
8 आऩके सपर होने भं सन्दे ह है । 16 भस्न्दय फनने भं त्रवरम्फ होगा।
55 ससतम्फय 2012
फृहस्ऩसत
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩका तफादरा शीघ्र होगा। 9 आऩ सपर होगं, इद्श ऩूजन से राब सभरेगा।
2 आऩके स्वसन का पर असधक शुब नहीॊ है । 10 आऩकी भकान की काभना ऩूयी होगी।
3 फीभाय व्मत्रि के ठीक होने भं सन्दे ह है । 11 आऩको खेती से ऩूया राब नहीॊ सभरेगा।
4 आऩका त्रववाह हो जामेगा। 12 आऩकी तयक्की शीघ्र ही होगी।
5 आऩको गुद्ऱ धन उऩाम से सभरेगा। 13 आऩको नौकयी सभर जामेगी।
6 आऩको जीवन भं सपरता कभ सभरेगी। 14 आऩका बाग्मोदम त्रवरम्फ से होगा।
7 आऩका जीवन अच्छी तयह से फीतेगा। 15 आऩको कोटा -केस भं त्रवजम प्रासद्ऱ भं सन्दे ह है ।
8 आऩको त्रवद्या प्रासद्ऱ भं कफठनाई होगी। 16 आऩको सॊतान सुख सयरता से नहीॊ सभरेगा।
शुक्र
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩको व्माऩाय भं सावधानी से राब सभरे। 9 आऩको त्रवद्या थोिी भािा भं प्राद्ऱ होगी।
2 आऩका तफादरा हो जामेगा। 10 आऩ सपर होगे।
3 आऩके स्वसन का पर शुब है । 11 आऩका भकान त्रवरम्फ से फनेगा।
4 फीभाय व्मत्रि शीघ्र स्वस्थ हो जामेगा। 12 आऩको खेती से राब सभरने भं सन्दे ह है ।
5 आऩका त्रववाह उऩाम से होगा। 13 आऩकी तयक्की अबी नहीॊ होगी।
6 आऩको गुद्ऱ धन अवश्म सभरेगा। 14 आऩको नौकयी सभरने भं कद्श होगा है ।
7 आऩको जीवन भं सपरता कफठनाई से प्रासद्ऱ होगी। 15 आऩका बाग्मोदम शीघ्र होने वारा है ।
8 आऩके जीवन भं कफठनाइमाॊ असधक आमेगीॊ। 16 कोटा -केस भं आऩकी जीत सनस्द्ळत होगी।
शसन
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩकी सचन्ता दयू होने भं वि रगेगा। 9 आऩका जीवन सुखभम व्मतीत होगा।
2 आऩको व्माऩाय भं राब होगा। 10 आऩ अस्च्छ त्रवद्या प्राद्ऱ कय सकोगे।
3 आऩका तफादरा अबी नहीॊ होगा। 11 आऩका सपर होना भुस्श्कर है ।
4 आऩके स्वसन का पर उत्तभ है । 12 आऩका भकान अबी नहीॊ फनेगा।
5 फीभाय व्मत्रि के ठीक होने भं सन्दे ह है । 13 इस फाय आऩको खेती से राब नहीॊ सभरेगा।
6 आऩका त्रववाह होने भं सन्दे ह है । 14 आऩकी तयक्की अबी नहीॊ होगी।
7 आऩको गुद्ऱ धन आसुयी ससत्रद्ध द्राया सभर सकेगा। 15 आऩको नौकयी शीघ्र सभर जामेगी।
8 आऩ जीवन भं अस्च्छ सपरता प्राद्ऱ कयोगे। 16 आऩका बाग्मोदम शीघ्र होगा।
56 ससतम्फय 2012
याहु
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩका सभि आऩको धोखा दे गा, सावधान यहे । 9 आऩको जीवन भं सपरता कभ सभरेगी।
2 आऩकी भानससक सचॊता शीघ्र दयू हो जामेगी। 10 आऩका जीवन फाधाओॊ से मुि यहे गा।
3 आऩको व्माऩाय से राब नहीॊ होगा। 11 आऩको उत्तभ त्रवद्या प्राद्ऱ नहीॊ हो सकेगी।
4 आऩका तफादरा हो जामेगा। 12 आऩके सपर होने भं सन्दे ह है ।
5 आऩके स्वसन का पर अच्छा नहीॊ है । 13 आऩकी भकान की इच्छा ऩूयी होगी।
6 फीभाय व्मत्रि जल्द अच्छा हो जामेगा। 14 इस फाय आऩको खेती भं राब सभरेगा।
7 आऩका त्रववाह हो जामेगा। 15 आऩकी तयक्की प्रमत्न के उऩयाॊत होगी।
8 गुद्ऱ धन आऩके बाग्म भं नहीॊ है । 16 आऩको नौकयी सभरने भं त्रवरम्फ होगा।
केतु
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩको इस सभम कजा सभरने भं अबी दे य है । 9 आऩको गुद्ऱ धन त्रऩतृ ऩूजन से सभरेगा।
2 आऩ सभि से सतका यहं । 10 आऩको जीवन भं त्रवशेष सपरता नहीॊ सभरेगी।
3 आऩकी भानससक सचॊता इद्श आयाधना से दयू होगी। 11 आऩको जीवन भं सपरता कभ सभरेगी।
4 आऩको व्माऩाय भं अवश्म राब होगा। 12 आऩको त्रवद्या कफठन ऩरयश्रभ से प्राद्ऱ होगी।
5 आऩका तफादरा रुक सकता हं । 13 आऩ सपर हो जाओगे।
6 आऩके स्वसन का पर भध्मभ यहे गा। 14 आऩकी भकान की इच्छा जल्द ऩूयी नहीॊ होगी।
7 फीभाय व्मत्रि अच्छा हो जामेगा। 15 आऩको खेती से इस फाय त्रवशेष राब नहीॊ होगा।
8 आऩका त्रववाह उऩाम के फाद होगा। 16 आऩकी तयक्की भं त्रवघ्नन-फाधा आसकती हं ।
ध्रुव
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩको खोमी वस्तु प्रमत्न के उऩयाॊत सभर सकेगी। 9 आऩका त्रववाह दे य से होगा।
2 आऩको इस सभम कजा सभर जामेगा। 10 आऩको गुद्ऱ धन सभरने भं सन्दे ह है ।
3 आऩकी सभि के साथ नहीॊ फनेगी। 11 आऩको जीवन भं सपरता कद्श से सभरेगी।
4 आऩकी सचन्ता शीघ्र दयू होगी। 12 आऩको जीवन भं सुख नहीॊ सभरेगा।
5 आऩको व्माऩाय भं असधक राब नहीॊ होगा। 13 आऩ त्रवद्या प्राद्ऱ कयोगे।
6 आऩका तफादरा इसफाय नहीॊ होगा। 14 आऩके सपर होने भं सन्दे ह है ।
7 आऩके स्वसन का पर उत्तभ है । 15 आऩका भकान अबी नहीॊ फनेगा।
8 फीभाय व्मत्रि के अच्छे होने भं सन्दे ह है । 16 आऩको इस फाय खेती से त्रवशेष राब सभरेगा।
57 ससतम्फय 2012
मभ
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 ऩयदे शी का आना सॊबव है । 9 व्मत्रि की फीभायी अच्छी हो जामेगी।
2 आऩको खोमी वस्तु सभर जामेगी। 10 आऩका त्रववाह हो जामेगा।
3 आऩको इस सभम कजा सभरना भुस्श्कर होगा। 11 आऩको गुद्ऱ धन प्राद्ऱ होगा।
4 आऩकी सभि के साथ अच्छी फन जामेगी। 12 आऩका जीवन भं सपर होना कफठन है ।
5 आऩकी सचन्ता अबी दयू नहीॊ होगी। 13 आऩ जीवन सुखऩूवक
ा व्मतीत होगा।
6 आऩको व्माऩाय से राब सभरेगाअ। 14 आऩको उत्तभ त्रवद्या प्राद्ऱ नहीॊ कय सकोगे।
7 आऩका तफादरा हो जामेगा। 15 इस फाय आऩ सपर नहीॊ होगं।
8 आऩके स्वसन का पर भध्मभ है । 16 आऩकी तयक्की भं फाधा आमंगी।
त्रवद्वेदेवा
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩके सरए मािा राबदामी यहे गी। 9 आऩके स्वसन का पर अशुब है ।
2 ऩयदे शी अबी नहीॊ आमेगा। 10 फीभाय व्मत्रि जल्द अच्छा नहीॊ होगा।
3 आऩको खोमी वस्तु नहीॊ सभरेगी। 11 आऩका त्रववाह होने भं सन्दे ह है ।
4 आऩको इस सभम कजा दे य से सभरेगा। 12 आऩको गुद्ऱ धन नहीॊ सभरेगा।
5 आऩकी सभि के साथ नहीॊ फन सकेगी। 13 आऩको जीवन भं अच्छी सपरता सभरेगी।
6 आऩकी सफ सचन्ता दयू हो जामेगी। 14 आऩके जीवन भं कद्श असधक सभरंगे।
7 आऩको व्माऩाय भं राब सभरना कफठन है । 15 आऩ उत्तभ सशऺा प्राद्ऱ कयोगे।
8 आऩका तफादरा नहीॊ होगा। 16 आऩ सपर हो जाओगे।
मऺ-प्रद्ल-पर
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩकी बाइमं भं फननी भुस्श्कर है । 9 आऩका तफादरा हो सकता हं ।
2 आऩको मािा भं राब कभ सभरे। 10 आऩके स्वसन का पर शुब है ।
3 ऩयदे शी शीघ्र ही आ जामेगा। 11 फीभाय व्मत्रि जल्दी अच्छा हो जामेगा।
4 आऩको खोमी वस्तु सभर जामेगी। 12 आऩका त्रववाह उऩाम के फाद होगा।
5 इस सभम आऩको कजाा नहीॊ सभरेगा। 13 आऩको गुद्ऱ धन शीघ्र प्राद्ऱ होगा।
6 आऩका सभि के साथ अच्छा भेर होगा। 14 आऩका जीवन भं सपर होना भुस्श्कर है ।
7 आऩकी सचन्ता अबी नहीॊ सभटे गी। 15 आऩका जीवन सुखऩूवक
ा फीतेगा।
8 आऩको व्माऩाय से राब सभरेगा। 16 आऩको त्रवद्या इद्श कृ ऩा से प्राद्ऱ होगी।
58 ससतम्फय 2012
बैयव
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩकी कुएॉ के सनभााण की काभना ऩूयी होगी। 9 आऩको व्माऩाय भं राब सभरने भं भुस्श्कर है ।
2 आऩकी बाइमं से अच्छी फन जामेगी। 10 आऩका तफादरा प्रमत्न से होगा।
3 आऩको मािा से राब नहीॊ यहे गा। 11 आऩके स्वसन का पर उत्तभ नहीॊ है ।
4 आऩका ऩयदे शी अबी नहीॊ आमेगा। 12 फीभाय व्मत्रि का स्वस्थ होना कफठन है ।
5 आऩको खोमी वस्तु प्रमत्न से सभरेगी। 13 सनस्द्ळन्त यहे आऩका त्रववाह हो जामेगा।
6 आऩको इस सभम कजा सभर सकेगा। 14 आऩको गुद्ऱ धन नहीॊ सभरेगा।
7 आऩकी सभि से फननी कफठन है । 15 आऩको जीवन भं अच्छी सपरता सभरेगी।
8 आऩकी सचन्ता सभटे गी, इद्श ऩूजा कयं । 16 आऩके जीवन भं त्रवशेष फाधाएॊ आमंगी।
वासुफक
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩके सरए मह वषा भध्मभ यहे गा। 9 आऩकी सचन्ता सभट जामेगी।
2 कुआॊ इस सभम फन जामेगा। 10 आऩको व्माऩाय से राब सभरेगा।
3 आऩकी बाइमं से नहीॊ फनेगी। 11 आऩका तफादरा हो जामेगा।
4 आऩको मािा भं राब सभरेगा। 12 आऩके स्वसन का पर शुब है ।
5 ऩयदे शी शीघ्र ही आ जामेगा। 13 फीभाय व्मत्रि के अच्छे होने भं सन्दे ह है ।
6 आऩको खोमी वस्तु सभरेगी। 14 आऩका त्रववाह उऩाम से हो सकेगा।
7 आऩको इस सभम कजा सभरेगा। 15 आऩको गुद्ऱ धन त्रऩतृ ऩूजा से सभर सकेगा।
8 आऩका सभि धोखा दे गा, सावधान। 16 आऩको जीवन भं सपरता कभ सभरेगी।
कुफेय
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩके सरए आज का फदन शुब नहीॊ है । 9 आऩ सभि के साथ सावधानी से कामा कये ।
2 आऩके सरए मह वषा अच्छा यहे गा। 10 आऩकी सचन्ता अबी दयू नहीॊ होगी।
3 कुआॊ इस सभम नहीॊ फन सकेगा। 11 आऩको व्माऩाय से राब सभरना कफठन है ।
4 आऩकी बाइमं भं अच्छी फन जामेगी। 12 आऩका तफादरा नहीॊ होगा।
5 आऩको मािा से त्रवशेष राब नहीॊ सभरेगा। 13 आऩके स्वसन का पर शुब नहीॊ है ।
6 ऩयदे शी फकसे कायण से अबी नहीॊ आमेगा। 14 फीभाय व्मत्रि अच्छा हो जामेगा।
7 आऩको खोमी वस्तु सभरने भं सन्दे ह है । 15 आऩका त्रववाह उऩाम से होगा।
8 आऩको इस सभम कजा नहीॊ सभरेगा। 16 आऩको गुद्ऱ धन शीघ्र प्राद्ऱ होगा।
59 ससतम्फय 2012
सभि
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩको सॊतान सुख प्राद्ऱ होगा। 9 आऩको इस सभम कजा कफठनाई से सभरेगा।
2 आऩके सरए आज का फदन शुब है । 10 आऩकी सभि के साथ अच्छी फनेगी।
3 आऩके सरए मह वषा उत्तभ यहे गा। 11 आऩकी सचन्ता सभट जामेगी।
4 कुआॊ इस सभम फन जामेगा। 12 आऩको व्माऩाय से राब नहीॊ सभरेगा।
5 आऩका बाइमं से अनफन होगी। 13 आऩका तफादरा हो जामेगा।
6 आऩको मािा भं कभ राब सभरेगा। 14 आऩके स्वसन का पर शुब है ।
7 ऩयदे शी से जल्द भुराकात होगी। 15 फीभाय व्मत्रि रे स्वस्थ होने भं सन्दे ह है ।
8 आऩको खोमी वस्तु नहीॊ सभरेगी। 16 आऩका त्रववाह शीघ्र ही हो जामेगा।
जमन्त
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩकी इच्छा दे य से ऩूणा होगी। 9 आऩको खोमी वस्तु सभरने भं सन्दे ह है ।
2 आऩके कन्मा सुख भं वृत्रद्ध होगी। 10 आऩको इस सभम कजा नहीॊ सभरेगा।
3 आऩके सरए आज का फदन भध्मभ यहे गा। 11 आऩकी सभि के साथ फनना कफठन है ।
4 आऩके सरए मह वषा उत्तभ यहे गा। 12 आऩकी भानससक सचन्ता फढ़ जामेगी।
5 इस सभम कुआॊ फनने भं रुकावटं ज्मादा है । 13 आऩको व्माऩाय भं राब कफठनाई से सभरेगा।
6 आऩका बाइमं से भेर-सभराऩ अच्छा यहे गा। 14 अबी आऩका तफादरा होने भं सन्दे ह है ।
7 आऩको मािा भं राब यहे गा। 15 आऩके स्वसन का पर अच्छा नहीॊ है ।
8 ऩयदे शी अबी आने भं सन्दे ह हं । 16 फीभाय व्मत्रि शीघ्र ही अच्छा होगा।
शेष
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩके सम्फन्धी आऩको धोखा नहीॊ दे गा। 9 आऩको मािा से त्रवशेष राब नहीॊ सभरेगा।
2 आऩको स्त्री तेज स्वबाव की सभरेगी। 10 ऩयदे शी शीघ्र वाऩस आ जामेगा।
3 आऩकी इच्छा ऩूयी होने भं सन्दे ह है । 11 आऩको खोमी वस्तु सभरने भं सन्दे ह है ।
4 आऩके कन्मा सुख भं वृत्रद्ध होगी। 12 आऩको इस सभम कजा नहीॊ सभरेगा।
5 आऩके सरए आज का फदन भध्मभ यहे गा। 13 आऩकी सभि के साथ अच्छी फन जामेगी।
6 आऩके सरए मह वषा उत्तभ यहे गा। 14 आऩकी सचन्ता अबी दयू नहीॊ होगी।
7 इस सभम कुआॊ फनाने भं आकस्स्भक त्रवघ्नन-फाधा 15 आऩको व्माऩाय से राब सभरेगा।
आमेगी।
8 आऩकी बाइमं से फननी भुस्श्कर यहे गी। 16 आऩके तफादरे की इच्छा त्रवरम्फ से ऩूणा होगी।
60 ससतम्फय 2012
तऺक
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩको स्त्री सयर स्वबाव की सभरेगी। 9 ऩयदे शी के आने भं वि रग सकता हं ।
2 आऩकी इच्छा जल्द ऩूयी होगी। 10 आऩको खोमी वस्तु त्रवरम्फ से सभरेगी।
3 आऩको सॊतान सुख प्राद्ऱ होगा। 11 आऩको कजा सभरने भं त्रवरम्फ होगा।
4 आऩके सरए आज का फदन शुब यहे गा। 12 आऩकी सभि के साथ नही फनेगी।
5 आऩके सरए मह वषा अच्छा यहे गा। 13 आऩकी सचन्ता शीघ्र दयू होगी।
6 कुआॊ इस सभम फन जामेगा। 14 आऩको व्माऩाय से त्रवशेष राब नहीॊ सभरेगा।
7 आऩकी बाइमं से अनफन यहे गी। 15 आऩकी तफादरे की इ९च्छा जल्द ऩूयी होगी।
8 आऩको मािा भं राब सभरने भं कफठनाई होगी। 16 आऩके स्वसन का पर उत्तभ होगा।
काभ
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 स्त्री आऩसे गोऩसनम प्रेभ कयती है । 9 आऩकी बाइमं से साधायण फनेगी।
2 आऩके सम्फन्धी से धोखे की उम्भीद कभ है । 10 आऩको मािा से राब सभरेगा।
3 आऩकी स्त्री सयर स्वबाव होगी। 11 ऩयदे शी अबी नहीॊ आमेगा।
4 आऩकी इच्छा जल्द ऩूयी होगी। 12 आऩको खोमी वस्तु सभर जामेगी।
5 आऩको सॊतान सुख प्राद्ऱ होगा। 13 आऩको इस सभम कजा सभर जामेगा।
6 आऩके सरए आज का फदन शुब नहीॊ है । 14 आऩकी सभि के साथ नहीॊ फनेगी।
7 आऩके सरए मह वषा भध्मभ यहे गा। 15 आऩकी सचॊता शीघ्र सभट जामेगी।
8 गृह-सनभााण की काभना जल्द ऩूयी होगी। 16 आऩको व्माऩाय भं हासन होगी।
कार
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩकी तीथा मािा अबी नहीॊ होगी। 9 कुआॉ फननं भं त्रवरम्फ होगा।
2 स्त्री आऩसे सच्चा प्रेभ कयती है । 10 आऩका बाइमं से भेर कभ यहे गा।
3 सम्फन्धी आऩको धोखा दे सकता है । 11 आऩको मािा से राब नहीॊ यहे गा।
4 आऩको स्त्री प्रसतकूर स्वबाव की सभरेगी। 12 ऩयदे शी अबी नहीॊ आमेगा।
5 आऩकी इच्छा ऩूयी होने भं त्रवरम्फ होगा। 13 आऩको खोमी वस्तु सभरना कफठन है ।
6 कन्मा सुख भं वृत्रद्ध होगी। 14 आऩको इस सभम कजा सभरने भं सन्दे ह है ।
7 आऩके सरए आज का फदन शुब यहे गा। 15 आऩकी सभि के साथ अच्छी फन जामेगी।
8 आऩके सरए मह वषा अच्छा नहीॊ यहे गा। 16 आऩकी सचॊता कुछ सभम फाद सभटे गी।
61 ससतम्फय 2012
अनन्त
सॊख्मा प्रद्ल पर सॊख्मा प्रद्ल पर
1 आऩकी भस्न्दय फनवाने की इच्छा ऩूयी होगी। 9 आऩके सरए मह वषा भध्मभ है ।
2 आऩ तीथा मािा कय सकोगे। 10 आऩकी कुएॉ के सनभााण की इच्छा शीघ्र ऩूयी होगी।
3 स्त्री आऩसे त्रवशेष प्रेभ नहीॊ कयती है । 11 आऩकी बाइमं से नहीॊ फनेगी।
4 सम्फन्धी आऩको धोखा नहीॊ दे गा। 12 आऩको मािा से राब सभरेगा।
5 आऩको स्त्री उत्तभ स्वबाव की सभरेगी। 13 ऩयदे शी जल्द आ जामेगा।
6 आऩकी इच्छा जल्द ऩूयी होगी। 14 आऩको खोमी वस्तु नहीॊ सभर सकेगी।
7 आऩको सॊतान सुख प्राद्ऱ होगा। 15 आऩको इस सभम कजा शीघ्र सभर जामेगा।
8 आऩके सरए आज का फदन शुब नहीॊ है । 16 आऩकी सभि से अनफन यहे गी, सावधान।
गणेश जी की कथा
ऩोयास्णक कथा के अनुशाय एक नगय भं एक फहुत ही ग़यीफ औय अॊधी फुफढ़मा थी। फुफढ़मा का एक फेटा औय फहू थे।
वह फुफढ़मा सनमसभत गणेश जी की ऩूजन फकमा कयती थी। एक फदन गणेश जी उसकी ऩूजा से प्रस्न्न हो कय उसके
साभने प्रकट होकय फुफढ़मा से फोरे भं तुम्हायी ऩूजा से प्रसन्न हुॉ भाॊ! तू जो चाहे सो भाॊग रे।
फुफढ़मा गणेश जी से फोरी भुझसे तो भाॊगना नहीॊ आता। कैसे औय क्मा भाॊगू ?' तफ गणेशजी फोरे अऩने फहू-फेटे से
ऩूछकय भाॊग रे।
तफ फुफढ़मा ने अऩने फेटे से कहा- 'गणेशजी कहते हं तू कुछ भाॊग रे फता भं क्मा भाॊगू?
ऩुि ने कहा- भाॊ! तू धन भाॊग रे।
फहू से ऩूछा तो फहू ने कहा- नाती भाॊग रे।
तफ फुफढ़मा ने सोचा फक मे तो अऩने-अऩने भतरफ की फात कह यहे हं ।
अत: उस फुफढ़मा ने ऩिोससनं से ऩूछा, तो उन्हंने कहा- फुफढ़मा! तू तो थोिे फदन जीएगी, क्मं तू धन भाॊगे औय क्मं
नाती भाॊगे।
तू तो अऩनी आॊखं की योशनी भाॊग रे, स्जससे तेयी स्ज़न्दगी आयाभ से कट जाए।
इस ऩय फुफढ़मा फोरी- मफद आऩ प्रसन्न हं , तो भुझे नौ कयोि की भामा दं , सनयोगी कामा दं , अभय सुहाग दं , आॊखं की
योशनी दं , नाती दं , ऩोता, दं औय सफ ऩरयवाय को सुख दं औय अॊत भं भोऺ दं ।
मह सुनकय तफ गणेशजी फोरे- भाॊ! तुने तो हभं ठग फदमा।
फपय बी जो तूने भाॊगा है वचन के अनुसाय सफ तुझे सभरेगा। औय मह कहकय गणेशजी अॊतधाान हो गए।
उधय फुफढ़मा भाॊ ने जो कुछ भाॊगा वह सफकुछ सभर गमा।
हे गणेशजी! जैसे आऩने उस फुफढ़मा भाॊ को सफकुछ फदमा, वैसे ही सफको दे ना।
62 ससतम्फय 2012
111. आऩकी भनोकाभना शीघ्र ऩूणा होगी। 133. सब्र का पर भीठा होता है । कभं का पर अवश्म
112. कोई भहत्वऩूणा कामा कयने से ऩूवा अऩने सनणाम प्राद्ऱ होगा।
ऩुत्रवाचाय कय रं। 134. सच्चाई औय ईभानदायी से अऩने बाग्म को
113. कफठन ऩरयश्रभ के फाद गमा धन ऩुन् प्राद्ऱ होगा। उज्जवर फनामे।
114. ऩूणा त्रवद्वास से सुख की प्रासद्ऱ होगी। 141. अऩने इद्श ऩय बयोसा यखे आऩके शुब फदन जल्द
121. अऩना चरयि साप यखं एवॊ अनुसचत कभा से फचे। आने वारे है ।
122. सभम शीघ्र फदरने वारा है । इद्श उऩासना कयं । 142. अच्छे कभा कयं पर बी अच्छा सभरेगा।
123. फकसी सनणाम को रेने से ऩूवा अस्च्छतयह सोच- 143. नीसत औय यीसत से कामा कयं सपरता अवश्म प्राद्ऱ
त्रवचायरं। अन्मथा नुक्शान सॊबव हं । होगी।
124. प्रसतकूर ऩरयस्स्थसत भं अऩना सॊमभ एवॊ धैमा फनामे 144. धन राब उत्तभ यहे गा, सत्कभा कयते यहं ।
यखे। सपरता जरूय सभरेगी। 211. जल्दफाजी से फचे व फकसी भहत्वऩूणा सनणाम ऩय
131. वास्तत्रवकता भं जीवन जीमे व अऩनी बावुकता ऩय सोच-त्रवचाय कय ही पैसरा रं।
सनमॊिण यखं। 212. घय की सुख-सभृत्रद्ध फढे ़गी।
132. करकी सचॊता छोिकय वताभान भं जीने का प्रमास कयं ।
63 ससतम्फय 2012
213. घय-ऩरयवाय भं जल्द भाॊगसरक कामा होगं। त्रवसधवत 324. अऩनं के त्रफच भं यहकय कामा कयं , सपरता
इद्श आयाधना कयते यहं । सभरेगी।
214. अच्छे कभा कयते यहे जल्द ही आऩके बाग्म का 331. शिु ऩऺ से सावधान यहं , आऩ ऩय गुद्ऱ वाय हो
ससताया फुरॊफदमं ऩय होगा। सकता हं ।
221. भाता-त्रऩता एवॊ फडे ़ फुजुगंकी सेवाकयं धन राब होगा। 332. आऩके सबी कामा शीघ्र ऩूणा हंगे सॊदेह न कयं ।
222. जरुयत भॊद की सहामता कयं । बाग्म उज्जवर 333. सभम शुब हं भहत्वऩूणा सनणाम से आऩको त्रवशेष
होगा। राब की प्रासद्ऱ होगी।
223. सनमसभत दे वी उऩासना कयं , औयतं का सम्भान कयं 334. एकाग्रसचत्त से अऩने कामा को सॊऩन्न कयं , असधक
सकर कामा ससद्ध होगा। राब की प्रासद्ऱ होगी।
224. ऩूयानी ऩये शासनमं से जल्द छुटकाया सभरने वारा हं । 341. शिु ऩय त्रवजम प्राद्ऱ होगी।
231. ढ़ सनस्द्ळम से अऩने कामा को ऩूया कयने का प्रमत्न 342. सपरता की दौि भं अऩनो की अवहे रना न कयं ,
कयं सपरता सनस्द्ळन्त सभरेगी। अन्मथा बाग्म साथ छोड दे गा।
232. अऩने गुस्से ऩय सनमॊिण यखं, अन्मथा हानी सॊबव हं । 343. फुयाईमंको दयू कयं व अऩनी त्रवचायधाया को शुद्ध यखं।
233. इद्श आयाधना कयते यहं , आऩके साये कद्श जल्द दयू 344. आऩको जल्द ही इद्श कृ ऩा से राब की प्रासद्ऱ होगी।
हो जामंगे। 411. आऩके बौसतक सुख साधन एवॊ धन-सम्ऩत्रत्त भं वृत्रद्ध
234. त्रप्रमजनो का ऩूणा सहमोग प्राद्ऱ होगा। होगी।
241. आॉख भूॊद कय फकसी ऩय बयंसा भत कयं , फडा़ 412. आऩके उसचत व्मवहाय से आऩके कामा ससद्ध होगं।
नुक्शान उठाना ऩडे ़गा। 413. फकसी बी कामा भं असत आत्भत्रवद्वास अच्छा नहीॊ हं
242. नकायात्भक त्रवचायं को छोि कय सकायात्भ सोच इससरए दोफाया सोच कय सनणाम रं।
अऩनामे कामा सपर होगं। 414. आऩकी भनोकाभनाएॊ ऩूणा होगी।
243. उसचत सभम ऩय उसचत सनणाम रेने भं सऺभ फने 421. आऩको कामा ऺेि भं सपरता प्राद्ऱ होगी।
अऩको सबी प्रकाय के सुख-सभृत्रद्ध प्राद्ऱ होगी। 422. इस सभम फकसी कामा भं फि़ जोस्खभ नहीॊ उठामं।
244. अऩने कामा को ऩूणा ईभानदायी से कयं , सपरता 423. बाग्म आऩके साथ हं , आऩके सबी कामा सपर होगं।
अवश्म सभरेगी। 424. अऩने कामा भं राऩयवाहीॊ नहीॊ यखं, अन्मथा प्रसतकूर
311. ईद्वय ऩय बयोसा यखं आऩका कामा सपर होगा। ऩरयणाभ सॊबव हं ।
312. दफ
ु ुत्रा द्ध व दद्श
ु त्रवचायधाया वारे रोगं से सावधान 431. फकसी कामा भं जल्दफाजी अच्छी नहीॊ हं , धैमा यखं।
यहं , महॊ रोग आऩका इस्तभार कय सकते हं । 432. भौके का पामदा उठामे ऩरयस्स्थती अनुकूर हं ।
313. आऩकी इच्छा ऩूणा होगी। 433. सावधानी से कामा कयं , सपरता सभरेगीॊ।
314. जीवन भं सकायात्भक द्रत्रद्श कोण अऩनामे अवश्म 434. त्रप्रमजनं का ऩूणा सहमोग प्राद्ऱ होगा।
सपरता सभरेगी। 441. शुब कभं का पर जल्द ही सभरने वारा हं ।
321. आसथाक राब सभरने की प्रफर सॊबावना हं । 442. सतका यहकय कामा कयं शिुओॊ ऩय त्रवजम सभरेगी।
322. सभम प्रसतकूर हं , थोडा़ इन्तजाय कयं । 443. शीघ्र ही अच्छा सभम आनेवारा हं ।
323. त्रप्रमजनं की बावनाओॊ का सम्भान कयं सपरता 444. आऩका कामा सपर होगा, अऩने इद्श ऩय बयोसा
सभरेगी। यखं।
64 ससतम्फय 2012
अ आ म ष न ऺ क ख
ऩ इ ई ह ि ग घ ध
य भ उ ऊ ड च थ द
श छ ज ए ऐ ण त प
झ ञ ड ढ ओ औ स व
फ ट ठ ऻ र अॊ अ् ब
प्रद्ल पर तासरका
अ:- सभम उत्तभ हं सबी शुब कामं भं सनस्द्ळत सपरता सभर सकती हं ।
आ:- सॊमभ औय धैमा फनामे यखॊ, कामा ऩूणा होने भं सभम रग सकता हं ।
इ:- आऩकी आसथाक स्स्थसत उत्तभ होगी, सबी ऺेिं भं राब सभर सकता हं ।
ई:- सभम प्रसतकूर हं कोई बी सनणाम रेने से ऩूवा उस ऩय अस्च्छ तयह त्रवचाय कयरं।
उ:- कामा ऺेि भं उत्तभ सपरता प्राद्ऱ होगी। दान ऩुण्म राबप्रद यहे गा।
ऊ:- स्वास्थ्म उत्तभ यहे गा। ऩारयवायीक जीवन भं सुख सभृत्रद्ध प्राद्ऱ होगी।
ए:- फकसी ऩय आखॉ भूॊद कय बयोसा कयना नुक्शान दे ने वारा होगा, सतका यह कय सनणाम रं।
ऐ:- व्मवहाय कूशर यहं , राऩयवाफह आऩकी साभास्जक प्रसतद्षा बॊग कय सकती हं ।
ओ:- ऩारयवायीक सभस्माओॊ से ग्रस्त यहं गे। भानससक अशाॊसत फढ़ सकती हं , इद्शदे व का ऩूजन कयं ।
औ:- सॊतान सॊफॊसधत सभस्माएॊ आऩको ऩये शान कय सकती हं ।
अॊ:- ऩुयानी सभस्माएॊ दयू होगी, शुब सभम आने वारा हं , भौके का पामदा उठामं।
क:- आऩको व्माऩाय से त्रवशेष राब होगा । अच्छा सभम आने वारा है ।
ख:- धन राब सभरेगा हं । शुब सभम का आगभन होगा।
ग:- त्रवदे श मािा राब प्रद यहे गी। धन भं वृत्रद्ध साभास्जक मश फढ़े गा।
घ:- सनकट के बत्रवषम भं शुब सभम आने वारा हं ।
65 ससतम्फय 2012
सभ ब भ ह हो अ त त्रव फक क का सभ सर ाा न रय इ स
न सध मे ह भ र ह सग अ इ ह प भ त्रव सु ध न त
फह तु नु च्छा हु र न धा कृ भा हो न तु म्हा कू ह स हो
क न त ज ई शा भ रय र रय प इ य क फ जे अ स्न्त
फहॊ न स स र सन ज य हु फह स कु त्रव जा दा न स य
हॊ उ ऩा ऩ भ सॊ ज म हो न दा ाा भे र व य ब ग
म फ इ फहॊ स श र ट त त व सत य ख ज ऩू फ न
न न न व को भ न ाा ाा छ ठ ह हो ह ाा दा ई ाा
फ या व स ाा सन हीॊ न्म सध इ न स न न ह ह ह त
क स सत हीॊ क व न उ न अ सन ह ाा भ द सु य व्मा
स तु भे व क ाो ज था ाी र इ सध क भ ह सस सॊ त
क को न ब र ग्र त स म भ श सॊ ह उ अ त्रव ह स
इ भ ह नो म श त म ाा ज इ त न्द्र ज न य म म
स फह जु म प न हू ग फहॊ थ फह न फ सॊ ते म र य
च प्र ब छू भ हीॊ क स फह दु स क ाा ाा ाा छ ाा को
ऩमूष
ा ण का भहत्व
सचॊतन जोशी
सॊऩूणा प्राणप्रसतत्रद्षत
22 गेज शुद्ध स्टीर भं सनसभात अखॊफडत
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72 ससतम्फय 2012
गरे भं होने के कायण मॊि ऩत्रवि यहता हं एवॊ स्नान कयते सभम इस मॊि ऩय स्ऩशा कय जो
जर त्रफॊद ु शयीय को रगते हं , वह गॊगा जर के सभान ऩत्रवि होता हं । इस सरमे इसे सफसे
तेजस्वी एवॊ परदासम कहजाता हं । जैसे अभृत से उत्तभ कोई औषसध नहीॊ, उसी प्रकाय रक्ष्भी
प्रासद्ऱ के सरमे श्री मॊि से उत्तभ कोई मॊि सॊसाय भं नहीॊ हं एसा शास्त्रोि वचन हं । इस प्रकाय के
नवयत्न जफित श्री मॊि गुरूत्व कामाारम द्राया शुब भुहूता भं प्राण प्रसतत्रद्षत कयके फनावाए जाते
हं ।
असधक जानकायी हे तु सॊऩका कयं ।
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73 ससतम्फय 2012
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74 ससतम्फय 2012
यासश यत्न
भेष यासश: वृषब यासश: सभथुन यासश: कका यासश: ससॊह यासश: कन्मा यासश:
भूग
ॊ ा हीया ऩन्ना भोती भाणेक ऩन्ना
Red Coral Diamond Green Emerald Naturel Pearl Ruby Green Emerald
(Special) (Special) (Old Berma)
(Special) (Special) (Special) (Special)
5.25" Rs. 1050 10 cent Rs. 4100 5.25" Rs. 9100 5.25" Rs. 910 2.25" Rs. 12500 5.25" Rs. 9100
6.25" Rs. 1250 20 cent Rs. 8200 6.25" Rs. 12500 6.25" Rs. 1250 3.25" Rs. 15500 6.25" Rs. 12500
7.25" Rs. 1450 30 cent Rs. 12500 7.25" Rs. 14500 7.25" Rs. 1450 4.25" Rs. 28000 7.25" Rs. 14500
8.25" Rs. 1800 40 cent Rs. 18500 8.25" Rs. 19000 8.25" Rs. 1900 5.25" Rs. 46000 8.25" Rs. 19000
9.25" Rs. 2100 50 cent Rs. 23500 9.25" Rs. 23000 9.25" Rs. 2300 6.25" Rs. 82000 9.25" Rs. 23000
10.25" Rs. 2800 10.25" Rs. 28000 10.25" Rs. 2800 10.25" Rs. 28000
All Diamond are Full
** All Weight In Rati ** All Weight In Rati ** All Weight In Rati ** All Weight In Rati ** All Weight In Rati
White Colour.
तुरा यासश: वृस्द्ळक यासश: धनु यासश: भकय यासश: कॊु ब यासश: भीन यासश:
हीया भूग
ॊ ा ऩुखयाज नीरभ नीरभ ऩुखयाज
* उऩमोि वजन औय भूल्म से असधक औय कभ वजन औय भूल्म के यत्न एवॊ उऩयत्न बी हभाये महा व्माऩायी भूल्म ऩय उसरब्ध
हं ।
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76 ससतम्फय 2012
भॊि ससद्ध दर
ु ब
ा साभग्री
हत्था जोडी- Rs- 370 घोडे की नार- Rs.351 भामा जार- Rs- 251
ससमाय ससॊगी- Rs- 370 दस्ऺणावतॉ शॊख- Rs- 550 इन्द्र जार- Rs- 251
त्रफल्री नार- Rs- 370 भोसत शॊख- Rs- 550 धन वृत्रद्ध हकीक सेट Rs-251
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77 ससतम्फय 2012
हं उनके सरमे श्रीकृ ष्ण फीसा मॊि का ऩूजन एक सयर व सुरब भाध्मभ त्रवशेष शुब भुहुता भं सनभााण फकमा
श्रीकृ ष्ण फीसा मॊि ऩय अॊफकत शत्रिशारी त्रवशेष ये खाएॊ, फीज भॊि एवॊ ब्राहभणं द्राया शुब भुहुता भं शास्त्रोि
श्रीकृ ष्ण फीसा मॊि के ऩूजन व सनमसभत दशान के भाध्मभ से बगवान मुि कयके सनभााण फकमा जाता हं ।
श्रीकृ ष्ण का आशीवााद प्राद्ऱ कय सभाज भं स्वमॊ का अफद्रतीम स्थान स्थात्रऩत कयं । स्जस के पर स्वरुऩ धायण कयता
श्रीकृ ष्ण फीसा मॊि अरौफकक ब्रह्माॊडीम उजाा का सॊचाय कयता हं , जो व्मत्रि को शीघ्र ऩूणा राब प्राद्ऱ होता
एक प्राकृ त्रत्त भाध्मभ से व्मत्रि के बीतय सद्दबावना, सभृत्रद्ध, सपरता, उत्तभ हं । कवच को गरे भं धायण कयने
स्वास्थ्म, मोग औय ध्मान के सरमे एक शत्रिशारी भाध्मभ हं ! से वहॊ अत्मॊत प्रबाव शारी होता
श्रीकृ ष्ण फीसा मॊि के ऩूजन से व्मत्रि के साभास्जक भान-सम्भान व हं । गरे भं धायण कयने से कवच
त्रवद्रानो के भतानुशाय श्रीकृ ष्ण फीसा मॊि के भध्मबाग ऩय ध्मान मोग व्मत्रि ऩय उसका राब असत तीव्र
कंफद्रत कयने से व्मत्रि फक चेतना शत्रि जाग्रत होकय शीघ्र उच्च स्तय एवॊ शीघ्र ऻात होने रगता हं ।
जो ऩुरुषं औय भफहरा अऩने साथी ऩय अऩना प्रबाव डारना चाहते हं औय उन्हं अऩनी औय आकत्रषात कयना
चाहते हं । उनके सरमे श्रीकृ ष्ण फीसा मॊि उत्तभ उऩाम ससद्ध हो सकता हं ।
ऩसत-ऩत्नी भं आऩसी प्रभ की वृत्रद्ध औय सुखी दाम्ऩत्म जीवन के सरमे श्रीकृ ष्ण फीसा मॊि राबदामी होता हं ।
भूल्म:- Rs. 730 से Rs. 10900 तक उसरब्द्ध
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78 ससतम्फय 2012
से धन राब होता हं व व्मत्रि का सवांगी त्रवकाय होकय उसे सुख-सभृत्रद्ध, भानसम्भान की प्रासद्ऱ होती
हं । याभ यऺा मॊि सबी प्रकाय के अशुब प्रबाव को दयू कय व्मत्रि को जीवन की सबी प्रकाय की
हनुभानजी के बि हं उन्हं अऩने सनवास स्थान, व्मवसामीक स्थान ऩय याभ यऺा मॊि को अवश्म
स्थाऩीत कयना चाफहमे स्जससे आने वारे सॊकटो से यऺा हो उनका जीवन सुखभम व्मतीत हो सके
त्रवशेष मॊि
भाससक यासश पर
सचॊतन जोशी
भेष: 1 से 15 ससतम्फय 2012 : बूसभ-बवन-वाहन से सॊफॊसधत कामो भं राब प्राद्ऱ होगा। व्मवसासमक मािा भं सपरता
प्राद्ऱ हो सकती है । व्मम ऩय सनमन्िण यखने से राब प्राद्ऱ होगा। शिु ऩऺ से सावधान
यहं आऩ ऩय झूठे आयोऩ रग सकते है । शिुओॊ ऩय आऩका प्रबाव यहे गा। आऩके त्रवयोधी
एवॊ शिु ऩऺ ऩयास्त हंगे। आऩका साभास्जक जीवन उच्च स्तय का हो सकता हं ।
वृषब: 1 से 15 ससतम्फय 2012 : अनाचश्मक खचा कयने से फचे अन्मथा फडा आसथाक
नुकसान हो सकता हं । साझेदायी से धनराब की प्रासद्ऱ होगी। उन्नसत के सरए आऩको
अऩनी भहत्वऩूणा मोजनाओॊ को मथा शीघ्र अभर भं राना चाफहए। अन्मथा आऩके
प्रसतमोगी आऩसे आगे सनकर सकते हं । नए व्मावसासमक राब प्राद्ऱ हो सकते हं ।
जीवनसाथी का स्वास्थ्म सचॊताजनक हो सकता हं ।
कका: 1 से 15 ससतम्फय 2012 : कामाऺेि भं आऩके आसथाक राबं भं वृत्रद्ध होने के मोग फन यहे हं । दाॊऩत्म सुख भं
वृत्रद्ध होगी। आऩको शायीरयक कद्श ऩये शान कय सकते हं । सभाज भं आऩके मश एवॊ
कीसता की वृत्रद्ध होगी। प्रेभ सॊफॊधो भं सपरता एवॊ दाॊऩत्म सुख भं वृत्रद्ध के मोग हं । शिु
ऩऺ से सावधान यहं आऩ ऩय झूठे आयोऩ रग सकते है ।
ससॊह: 1 से 15 ससतम्फय 2012 : कोटा -कचहयी के कामो भं सपरता प्राद्ऱ हो सकती हं । फकसी को फदमा हुवा उधाय धन
वाऩस प्राद्ऱ हो सकता हं । अऩने कामाऺेि भं अऩने प्रसतद्रॊ द्रीमं से आगे सनकरने के सरए
फकसी भहत्वऩूणा मोजना ऩय त्रवशेष रुऩ से कामा कयना ऩि सकते हं । अऩने अनावश्मक
खचो ऩय सनमन्िण यखने का प्रमास कयं । आऩफक साभास्जक कामो भं त्रवशेष रुसच हो
सकती हं ।
तुरा: 1 से 15 ससतम्फय 2012 : अऩने कामाऺेि भं आऩ किी भेहनत औय ऩरयश्रभ से धन राब प्राद्ऱ कय सकते
हं । अत्मासधक बागदौि के कायण आऩको थकावट हो सकती हं । त्रवयोधी एवॊ शिु ऩऺ से
ऩये शानी हो सकती हं । दयू स्थ स्थानं की मािाएॊ राबदामक ससद्ध होगी। जीवन साथी
से रयश्तो भं सुधाय होगा। प्रेभ सॊफॊसधत भाभरो के सरए सभम सभराझुरा सात्रफत हो
सकता हं । स्वास्थ्म के प्रसत सचेत यहं ।
धनु: 1 से 15 ससतम्फय 2012 : बूसभ-बवन-वाहन से सॊफॊसधत कामो भं रुसच फढे गी। रेफकन इस दौयान इन सचजं भं
बायी भािा भं सनवेश कयना नुक्शा कायक हो सकता हं । आऩके बौसतक सुख-साधनो भं
वृत्रद्ध होगी। सॊतान ऩऺ के प्रसत सचॊता यहे गी। जीवन साथी के साथ वैचारयक भतबेद
सॊबव हं । धासभाक मािा मा दयू स्थ स्थानो की मािा होने के मोग हं ।
प्रेभ सॊफॊसधत भाभरो भं अनफन हो सकती हं ।
16 से 30 ससतम्फय 2012
भकय: 1 से 15 ससतम्फय 2012 : नौकयी व्मवसाम भं भहत्वऩूणा कामो को कुशरता से ऩूया कयने का प्रमास कयं ।
व्मम ऩय सनमन्िण यखने से राब प्राद्ऱ होगा। बूसभ- बवन-वाहन के क्रम-त्रवक्रम से राब प्राद्ऱ हो सकता हं । अऩने खाने-
ऩीने का ध्मान यखे अन्मथा आऩका का स्वास्थ्म नयभ होसकता है । प्रेभ सॊफॊसधत भाभरो भं
अनफन हो सकती हं रेफकन अल्ऩ प्रमासो से सॊफॊदो भं सुधाय होने रगेगा।
16 से 30 ससतम्फय 2012 : कामाऺेि भं जोस्खभ बये कामा कयने से फचे क्मोफक आऩकी
राऩयवाही आऩको रॊफे सभम का नुक्शान कय सकती हं । आम से व्मम असधक होने के
मोग फन यहे हं । ऋण के रेन-दे ने से फचने का प्रमास कयं अन्मथा धन की ऩुन् प्रासद्ऱ-
बुगतान भं त्रवरॊफ हो सकता हं । व्मवसासमक मािा राबदामक ससद्ध होगी। जीवनसाथी के साथ सॊफॊधं भं सुधाय होने
के मोग हं ।
86 ससतम्फय 2012
1 शसन अ.बाद्रऩद कृ ष्ण एकभ 19:16:06 ऩू.बाद्रऩद 30:10:29 धृसत 25:40:29 फारव 07:17:59 कुॊब 23:57:00
2 यत्रव अ.बाद्रऩद कृ ष्ण फद्रतीमा 19:39:06 ऩू.बाद्रऩद 06:10:58 शूर 25:05:21 तैसतर 07:23:10 भीन -
3 सोभ अ.बाद्रऩद कृ ष्ण तृतीमा 20:39:36 उ.बाद्रऩद 07:29:17 गॊड 24:57:24 वस्णज 08:04:54 भीन -
4 भॊगर अ.बाद्रऩद कृ ष्ण चतुथॉ 22:15:43 ये वसत 09:25:05 वृत्रद्ध 25:19:28 फव 09:24:09 भीन 09:25:00
5 फुध अ.बाद्रऩद कृ ष्ण ऩॊचभी 24:24:39 अस्द्वनी 11:53:42 ध्रुव 26:03:05 कौरव 11:18:05 भेष -
6 गुरु अ.बाद्रऩद कृ ष्ण षद्षी 26:54:12 बयणी 14:46:42 व्माघात 27:00:46 गय 13:37:19 भेष 21:33:00
7 शुक्र अ.बाद्रऩद कृ ष्ण सद्ऱभी 29:29:23 कृ सतका 17:53:45 हषाण 28:05:00 त्रवत्रद्श 16:11:34 वृष -
8 शसन अ.बाद्रऩद कृ ष्ण अद्शभी 31:56:07 योफहस्ण 20:57:03 वज्र 29:01:44 फारव 18:44:52 वृष -
अद्शभी
9 यत्रव अ.बाद्रऩद कृ ष्ण 07:56:36 भृगसशया 23:43:29 ससत्रद्ध 29:41:36 कौरव 07:56:36 वृष 10:24:00
/ नवभी
10 सोभ अ.बाद्रऩद कृ ष्ण नवभी 09:58:58 आद्रा 25:58:58 व्मसतऩात 29:55:13 गय 09:58:58 सभथुन -
11 भॊगर अ.बाद्रऩद कृ ष्ण दशभी 11:23:50 ऩुनवासु 27:33:13 वरयमान 29:34:09 त्रवत्रद्श 11:23:50 सभथुन 21:14:00
12 फुध अ.बाद्रऩद कृ ष्ण एकादशी 12:04:38 ऩुष्म 28:23:23 ऩरयग्रह 28:38:23 फारव 12:04:38 कका -
13 गुरु अ.बाद्रऩद कृ ष्ण द्रादशी 11:59:30 अद्ऴेषा 28:28:34 सशव 27:04:11 तैसतर 11:59:30 कका 28:28:00
14 शुक्र अ.बाद्रऩद कृ ष्ण िमोदशी 11:10:18 भघा 27:53:26 ससत्रद्ध 24:59:03 वस्णज 11:10:18 ससॊह -
15 शसन अ.बाद्रऩद कृ ष्ण चतुदाशी 09:41:44 ऩू.पाल्गुनी 26:44:33 साध्म 22:25:48 शकुसन 09:41:44 ससॊह -
16 यत्रव अभावस्मा
अ.बाद्रऩद कृ ष्ण 07:41:17 उ.पाल्गुनी 25:11:17 शुब 19:30:02 नाग 07:41:17 ससॊह 08:23:00
/ प्रसतऩदा
17 सोभ प्रसतऩदा
शु.बाद्रऩद शुक्र 26:41:47 हस्त 23:22:05 शुक्र 16:19:17 फारव 16:00:32 कन्मा -
/ फद्रतीमा
18 भॊगर शु.बाद्रऩद शुक्र तृतीमा 23:58:12 सचिा 21:26:20 ब्रह्म 13:01:01 तैसतर 13:19:46 कन्मा 10:25:00
19 फुध शु.बाद्रऩद शुक्र चतुथॉ 21:16:31 स्वाती 19:30:35 इन्द्र 09:41:50 वस्णज 10:36:12 तुरा -
87 ससतम्फय 2012
20 गुरु शु.बाद्रऩद शुक्र ऩॊचभी 18:42:19 त्रवशाखा 17:41:23 वैधसृ त 06:23:34 फव 07:58:15 तुरा 12:07:00
21 शुक्र शु.बाद्रऩद शुक्र षद्षी 16:18:27 अनुयाधा 16:02:30 प्रीसत 24:15:38 तैसतर 16:18:27 वृस्द्ळक -
22 शसन शु.बाद्रऩद शुक्र सद्ऱभी 14:08:38 जेद्षा 14:38:38 आमुष्भान 21:28:19 वस्णज 14:08:38 वृस्द्ळक 14:39:00
23 यत्रव शु.बाद्रऩद शुक्र अद्शभी 12:17:34 भूर 13:32:34 सौबाग्म 18:55:04 फव 12:17:34 धनु -
24 सोभ शु.बाद्रऩद शुक्र नवभी 10:43:23 ऩूवााषाढ़ 12:43:23 शोबन 16:36:49 कौरव 10:43:23 धनु 18:33:00
25 भॊगर शु.बाद्रऩद शुक्र दशभी 09:27:57 उत्तयाषाढ़ 12:11:04 असतगॊड 14:34:30 गय 09:27:57 भकय -
26 फुध शु.बाद्रऩद शुक्र एकादशी 08:32:12 श्रवण 12:01:16 सुकभाा 12:47:12 त्रवत्रद्श 08:32:12 भकय 24:03:00
27 गुरु शु.बाद्रऩद शुक्र द्रादशी 07:58:58 धसनद्षा 12:11:09 धृसत 11:17:43 फारव 07:58:58 कुॊब -
28 शुक्र शु.बाद्रऩद शुक्र िमोदशी 07:48:13 शतसबषा 12:45:25 शूर 10:06:58 तैसतर 07:48:13 कुॊब -
29 शसन शु.बाद्रऩद शुक्र चतुदाशी 08:04:41 ऩू.बाद्रऩद 13:45:56 गॊड 09:16:52 वस्णज 08:04:41 कुॊब 07:28:00
30 यत्रव शु.बाद्रऩद शुक्र ऩूस्णाभा 08:49:15 उ.बाद्रऩद 15:13:38 वृत्रद्ध 08:49:15 फव 08:49:15 भीन -
2 यत्रव अ.बाद्रऩद कृ ष्ण फद्रतीमा 19:39:06 अशून्मशमन व्रत, भहाव्मसतऩात दे ययात 3.32 से
8 शसन अ.बाद्रऩद कृ ष्ण अद्शभी 31:56:07 काराद्शभी व्रत, त्रवद्व साऺयता फदवस,
अद्शभी
9 यत्रव अ.बाद्रऩद कृ ष्ण 07:56:36 -
/ नवभी
10 सोभ अ.बाद्रऩद कृ ष्ण नवभी 09:58:58 ऩॊ. गोत्रवन्दवल्रब ऩॊत स्भृसत फदवस
11 भॊगर अ.बाद्रऩद कृ ष्ण दशभी 11:23:50 सॊत त्रवनोफा बावे जमॊती, भहादे वी वभाा स्भृसत फदवस
14 शुक्र अ.बाद्रऩद कृ ष्ण िमोदशी 11:10:18 भाससक सशवयात्रि व्रत, फहॊ दी फदवस,
सूमष
ा द्षी व्रत, रोराका षद्षी (काशी), फरदे व छठ-श्रीफरयाभ जमॊती
भहोत्सव (ब्रज), रसरता षद्षी, भॊथन षद्षी (ऩ.फॊ), स्कन्द कुभाय
21 शुक्र शु.बाद्रऩद शुक्र षद्षी 16:18:27
षद्षी व्रत, सोभनाथ व्रत (ओिीसा), अनुयाधा नऺि भं ज्मेद्षा गौयी
का आवाहन, चॊदनषद्षी (जैन), कारू सनवााण फदवस (जैन)
श्रीदग
ु ााद्शभी व्रत, श्रीअन्नऩूणााद्शभी व्रत, श्रीयाधाद्शभी व्रतोत्सव
(फयसाना-भथुया), दधीसच जमॊती, भहायत्रववाय व्रत, भूर नऺि भं
23 यत्रव शु.बाद्रऩद शुक्र अद्शभी 12:17:34
ज्मेद्षागौयी का त्रवसजान, सन:शल्म अद्शभी (फदग.जैन), दफ
ु री
आठभ (द्वेत.जैन),
कुफेय मॊि
कुफेय मॊि के ऩूजन से स्वणा राब, यत्न राब, ऩैतक
ृ सम्ऩत्ती एवॊ गिे हुए धन से राब प्रासद्ऱ फक काभना कयने वारे
व्मत्रि के सरमे कुफेय मॊि अत्मन्त सपरता दामक होता हं । एसा शास्त्रोि वचन हं । कुफेय मॊि के ऩूजन से एकासधक
स्त्रोि से धन का प्राद्ऱ होकय धन सॊचम होता हं ।
GURUTVA KARYALAY
92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ORISSA)
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Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com
92 ससतम्फय 2012
भॊगर मॊि
(त्रिकोण) भॊगर मॊि को जभीन-जामदाद के त्रववादो को हर कयने के काभ भं राब दे ता हं , इस के असतरयि व्मत्रि को
ऋण भुत्रि हे तु भॊगर साधना से असत शीध्र राब प्राद्ऱ होता हं । त्रववाह आफद भं भॊगरी जातकं के कल्माण के सरए
भॊगर मॊि की ऩूजा कयने से त्रवशेष राब प्राद्ऱ होता हं । भूल्म भाि Rs- 730
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93 ससतम्फय 2012
ओनेक्स
जो व्मत्रि ऩन्ना धायण कयने भे असभथा हो उन्हं फुध ग्रह के उऩयत्न ओनेक्स को धायण कयना चाफहए।
उच्च सशऺा प्रासद्ऱ हे तु औय स्भयण शत्रि के त्रवकास हे तु ओनेक्स यत्न की अॊगूठी को दामं हाथ की सफसे छोटी
उॊ गरी मा रॉकेट फनवा कय गरे भं धायण कयं । ओनेक्स यत्न धायण कयने से त्रवद्या-फुत्रद्ध की प्रासद्ऱ हो होकय स्भयण
शत्रि का त्रवकास होता हं ।
94 ससतम्फय 2012
अभृत मोग
4 प्रात: 9.25 से फदन-यात 16/17 यात्रि 1.10 से सूमोदम तक
त्रवघ्ननकायक बद्रा
3 प्रात: 8.08 से यात्रि 8.38 तक 19 प्रात: 10.36 से यात्रि 9.15 तक
6/7 यात्रि 2.53 से सामॊ 4.11 तक 22 फदन 2.08 से यात्रि 1.12 तक
10 यात्रि 10.40 से 11 ससतॊफय फदन 11.23 तक 25 यात्रि 8.58 से 26 ससतॊफय को प्रात: 8.31 तक
14 फदन 11.09 से यात्रि 10.24 तक 29 प्रात: 8.03 से यात्रि 8.25 तक
मोग पर :
कामा ससत्रद्ध मोग भे फकमे गमे शुब कामा भे सनस्द्ळत सपरता प्राद्ऱ होती हं , एसा शास्त्रोि वचन हं ।
त्रिऩुष्कय मोग भं फकमे गमे शुब कामो का राब तीन गुना होता हं । एसा शास्त्रोि वचन हं ।
शास्त्रोि भत से त्रवघ्ननकायक बद्रा मा बद्रा मोग भं शुब कामा कयना वस्जात हं ।
फदन के चौघफडमे
सभम यत्रववाय सोभवाय भॊगरवाय फुधवाय गुरुवाय शुक्रवाय शसनवाय
यात के चौघफडमे
सभम यत्रववाय सोभवाय भॊगरवाय फुधवाय गुरुवाय शुक्रवाय शसनवाय
यत्रववाय सूमा शुक्र फुध चॊद्र शसन गुरु भॊगर सूमा शुक्र फुध चॊद्र शसन
सोभवाय चॊद्र शसन गुरु भॊगर सूमा शुक्र फुध चॊद्र शसन गुरु भॊगर सूमा
भॊगरवाय भॊगर सूमा शुक्र फुध चॊद्र शसन गुरु भॊगर सूमा शुक्र फुध चॊद्र
फुधवाय फुध चॊद्र शसन गुरु भॊगर सूमा शुक्र फुध चॊद्र शसन गुरु भॊगर
गुरुवाय गुरु भॊगर सूमा शुक्र फुध चॊद्र शसन गुरु भॊगर सूमा शुक्र फुध
शुक्रवाय शुक्र फुध चॊद्र शसन गुरु भॊगर सूमा शुक्र फुध चॊद्र शसन गुरु
शसनवाय शसन गुरु भॊगर सूमा शुक्र फुध चॊद्र शसन गुरु भॊगर सूमा शुक्र
त्रवद्रानो के भत से इस्च्छत कामा ससत्रद्ध के सरए ग्रह से सॊफॊसधत होया का चुनाव कयने से त्रवशेष राब
प्राद्ऱ होता हं ।
सूमा फक होया सयकायी कामो के सरमे उत्तभ होती हं ।
चॊद्रभा फक होया सबी कामं के सरमे उत्तभ होती हं ।
भॊगर फक होया कोटा -कचेयी के कामं के सरमे उत्तभ होती हं ।
फुध फक होया त्रवद्या-फुत्रद्ध अथाात ऩढाई के सरमे उत्तभ होती हं ।
गुरु फक होया धासभाक कामा एवॊ त्रववाह के सरमे उत्तभ होती हं ।
शुक्र फक होया मािा के सरमे उत्तभ होती हं ।
शसन फक होया धन-द्रव्म सॊफॊसधत कामा के सरमे उत्तभ होती हं ।
97 ससतम्फय 2012
2 04:15:53 11:02:58 06:12:00 04:07:41 01:20:38 03:01:01 06:02:18 07:05:22 01:05:22 11:13:33 10:07:28 08:12:58
3 04:16:51 11:15:37 06:12:40 04:09:38 01:20:44 03:02:05 06:02:23 07:05:12 01:05:12 11:13:31 10:07:26 08:12:58
4 04:17:49 11:28:00 06:13:19 04:11:35 01:20:50 03:03:09 06:02:29 07:05:05 01:05:05 11:13:29 10:07:25 08:12:58
5 04:18:48 00:10:08 06:13:58 04:13:32 01:20:56 03:04:13 06:02:35 07:05:00 01:05:00 11:13:27 10:07:23 08:12:57
6 04:19:46 00:22:05 06:14:38 04:15:29 01:21:01 03:05:17 06:02:41 07:04:58 01:04:58 11:13:25 10:07:22 08:12:57
7 04:20:44 01:03:55 06:15:18 04:17:25 01:21:07 03:06:22 06:02:47 07:04:57 01:04:57 11:13:22 10:07:20 08:12:56
8 04:21:42 01:15:42 06:15:58 04:19:21 01:21:12 03:07:27 06:02:53 07:04:57 01:04:57 11:13:20 10:07:18 08:12:56
9 04:22:40 01:27:34 06:16:37 04:21:16 01:21:17 03:08:32 06:02:59 07:04:57 01:04:57 11:13:18 10:07:17 08:12:56
10 04:23:39 02:09:34 06:17:17 04:23:10 01:21:21 03:09:38 06:03:05 07:04:56 01:04:56 11:13:16 10:07:15 08:12:55
11 04:24:37 02:21:48 06:17:57 04:25:03 01:21:26 03:10:43 06:03:11 07:04:53 01:04:53 11:13:14 10:07:14 08:12:55
12 04:25:35 03:04:21 06:18:38 04:26:55 01:21:30 03:11:49 06:03:17 07:04:47 01:04:47 11:13:11 10:07:12 08:12:55
13 04:26:34 03:17:16 06:19:18 04:28:46 01:21:35 03:12:55 06:03:24 07:04:39 01:04:39 11:13:09 10:07:11 08:12:55
14 04:27:32 04:00:34 06:19:58 05:00:36 01:21:39 03:14:02 06:03:30 07:04:29 01:04:29 11:13:07 10:07:09 08:12:55
15 04:28:31 04:14:16 06:20:39 05:02:25 01:21:43 03:15:08 06:03:36 07:04:19 01:04:19 11:13:04 10:07:08 08:12:55
16 04:29:29 04:28:17 06:21:19 05:04:13 01:21:46 03:16:15 06:03:43 07:04:08 01:04:08 11:13:02 10:07:06 08:12:55
17 05:00:28 05:12:35 06:22:00 05:06:00 01:21:50 03:17:22 06:03:49 07:03:59 01:03:59 11:13:00 10:07:05 08:12:54
18 05:01:26 05:27:02 06:22:41 05:07:46 01:21:53 03:18:29 06:03:56 07:03:52 01:03:52 11:12:57 10:07:03 08:12:54
19 05:02:25 06:11:32 06:23:22 05:09:31 01:21:56 03:19:37 06:04:02 07:03:47 01:03:47 11:12:55 10:07:02 08:12:54
20 05:03:24 06:26:01 06:24:02 05:11:15 01:21:59 03:20:44 06:04:09 07:03:46 01:03:46 11:12:53 10:07:00 08:12:54
21 05:04:22 07:10:23 06:24:43 05:12:57 01:22:02 03:21:52 06:04:15 07:03:45 01:03:45 11:12:50 10:06:59 08:12:55
22 05:05:21 07:24:37 06:25:25 05:14:39 01:22:04 03:23:00 06:04:22 07:03:46 01:03:46 11:12:48 10:06:57 08:12:55
23 05:06:20 08:08:40 06:26:06 05:16:20 01:22:07 03:24:08 06:04:29 07:03:46 01:03:46 11:12:45 10:06:56 08:12:55
24 05:07:18 08:22:32 06:26:47 05:18:00 01:22:09 03:25:16 06:04:35 07:03:45 01:03:45 11:12:43 10:06:55 08:12:55
25 05:08:17 09:06:13 06:27:28 05:19:39 01:22:11 03:26:24 06:04:42 07:03:42 01:03:42 11:12:41 10:06:53 08:12:55
26 05:09:16 09:19:42 06:28:10 05:21:16 01:22:13 03:27:33 06:04:49 07:03:37 01:03:37 11:12:38 10:06:52 08:12:55
27 05:10:15 10:03:00 06:28:51 05:22:53 01:22:14 03:28:41 06:04:56 07:03:29 01:03:29 11:12:36 10:06:51 08:12:56
28 05:11:14 10:16:05 06:29:33 05:24:30 01:22:16 03:29:50 06:05:03 07:03:20 01:03:20 11:12:33 10:06:49 08:12:56
29 05:12:13 10:28:57 07:00:15 05:26:05 01:22:17 04:00:59 06:05:09 07:03:11 01:03:11 11:12:31 10:06:48 08:12:56
30 05:13:11 11:11:36 07:00:56 05:27:39 01:22:18 04:02:08 06:05:16 07:03:02 01:03:02 11:12:29 10:06:47 08:12:57
98 ससतम्फय 2012
कवच के राब :
एसा शास्त्रोि वचन हं स्जस घय भं भहाभृत्मुॊजम मॊि स्थात्रऩत होता हं वहा सनवास कताा हो नाना प्रकाय फक
आसध-व्मासध-उऩासध से यऺा होती हं ।
ऩूणा प्राण प्रसतत्रद्षत एवॊ ऩूणा चैतन्म मुि सवा योग सनवायण कवच फकसी बी उम्र एवॊ जासत धभा के रोग चाहे स्त्री
हो मा ऩुरुष धायण कय सकते हं ।
जन्भाॊगभं अनेक प्रकायके खयाफ मोगो औय खयाफ ग्रहो फक प्रसतकूरता से योग उतऩन्न होते हं ।
कुछ योग सॊक्रभण से होते हं एवॊ कुछ योग खान-ऩान फक असनमसभतता औय अशुद्धतासे उत्ऩन्न होते हं । कवच
एवॊ मॊि द्राया एसे अनेक प्रकाय के खयाफ मोगो को नद्श कय, स्वास्थ्म राब औय शायीरयक यऺण प्राद्ऱ कयने हे तु
सवा योगनाशक कवच एवॊ मॊि सवा उऩमोगी होता हं ।
आज के बौसतकता वादी आधुसनक मुगभे अनेक एसे योग होते हं , स्जसका उऩचाय ओऩये शन औय दवासे बी कफठन
हो जाता हं । कुछ योग एसे होते हं स्जसे फताने भं रोग फहचफकचाते हं शयभ अनुबव कयते हं एसे योगो को योकने
हे तु एवॊ उसके उऩचाय हे तु सवा योगनाशक कवच एवॊ मॊि राबादासम ससद्ध होता हं ।
प्रत्मेक व्मत्रि फक जेसे-जेसे आमु फढती हं वैसे-वसै उसके शयीय फक ऊजाा कभ होती जाती हं । स्जसके साथ अनेक
प्रकाय के त्रवकाय ऩैदा होने रगते हं एसी स्स्थती भं उऩचाय हे तु सवायोगनाशक कवच एवॊ मॊि परप्रद होता हं ।
स्जस घय भं त्रऩता-ऩुि, भाता-ऩुि, भाता-ऩुिी, मा दो बाई एक फह नऺिभे जन्भ रेते हं , तफ उसकी भाता के सरमे
असधक कद्शदामक स्स्थती होती हं । उऩचाय हे तु भहाभृत्मुॊजम मॊि परप्रद होता हं ।
स्जस व्मत्रि का जन्भ ऩरयसध मोगभे होता हं उन्हे होने वारे भृत्मु तुल्म कद्श एवॊ होने वारे योग, सचॊता भं उऩचाय
हे तु सवा योगनाशक कवच एवॊ मॊि शुब परप्रद होता हं ।
नोट:- ऩूणा प्राण प्रसतत्रद्षत एवॊ ऩूणा चैतन्म मुि सवा योग सनवायण कवच एवॊ मॊि के फाये भं असधक जानकायी हे तु
सॊऩका कयं ।
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100 ससतम्फय 2012
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NAME OF GEM STONE GENERAL MEDIUM FINE FINE SUPER FINE SPECIAL
Emerald (ऩन्ना) 200.00 500.00 1200.00 1900.00 2800.00 & above
Yellow Sapphire (ऩुखयाज) 550.00 1200.00 1900.00 2800.00 4600.00 & above
Blue Sapphire (नीरभ) 550.00 1200.00 1900.00 2800.00 4600.00 & above
White Sapphire (सफ़ेद ऩुखयाज) 550.00 1200.00 1900.00 2800.00 4600.00 & above
Bangkok Black Blue(फंकोक नीरभ) 100.00 150.00 200.00 500.00 1000.00 & above
Ruby (भास्णक) 100.00 190.00 370.00 730.00 1900.00 & above
Ruby Berma (फभाा भास्णक) 5500.00 6400.00 8200.00 10000.00 21000.00 & above
Speenal (नयभ भास्णक/रारडी) 300.00 600.00 1200.00 2100.00 3200.00 & above
Pearl (भोसत) 30.00 60.00 90.00 120.00 280.00 & above
Red Coral (4 यसत तक) (रार भूॊगा) 75.00 90.00 12.00 180.00 280.00 & above
Red Coral (4 यसत से उऩय)( रार भूॊगा) 120.00 150.00 190.00 280.00 550.00 & above
White Coral (सफ़ेद भूॊगा) 20.00 28.00 42.00 51.00 90.00 & above
Cat’s Eye (रहसुसनमा) 25.00 45.00 90.00 120.00 190.00 & above
Cat’s Eye Orissa (उफडसा रहसुसनमा) 460.00 640.00 1050.00 2800.00 5500.00 & above
Gomed (गोभेद) 15.00 27.00 60.00 90.00 120.00 & above
Gomed CLN (ससरोनी गोभेद) 300.00 410.00 640.00 1800.00 2800.00 & above
Zarakan (जयकन) 350.00 450.00 550.00 640.00 910.00 & above
Aquamarine (फेरुज) 210.00 320.00 410.00 550.00 730.00 & above
Lolite (नीरी) 50.00 120.00 230.00 390.00 500.00 & above
Turquoise (फफ़योजा) 15.00 30.00 45.00 60.00 90.00 & above
Golden Topaz (सुनहरा) 15.00 30.00 45.00 60.00 90.00 & above
Real Topaz (उफडसा ऩुखयाज/टोऩज) 60.00 120.00 280.00 460.00 640.00 & above
Blue Topaz (नीरा टोऩज) 60.00 90.00 120.00 280.00 460.00 & above
White Topaz (सफ़ेद टोऩज) 60.00 90.00 120.00 240.00 410.00& above
Amethyst (कटे रा) 20.00 30.00 45.00 60.00 120.00 & above
Opal (उऩर) 30.00 45.00 90.00 120.00 190.00 & above
Garnet (गायनेट) 30.00 45.00 90.00 120.00 190.00 & above
Tourmaline (तुभर ा ीन) 120.00 140.00 190.00 300.00 730.00 & above
Star Ruby (सुमक
ा ान्त भस्ण) 45.00 75.00 90.00 120.00 190.00 & above
Black Star (कारा स्टाय) 15.00 30.00 45.00 60.00 100.00 & above
Green Onyx (ओनेक्स) 09.00 12.00 15.00 19.00 25.00 & above
Real Onyx (ओनेक्स) 60.00 90.00 120.00 190.00 280.00 & above
Lapis (राजवात) 15.00 25.00 30.00 45.00 55.00 & above
Moon Stone (चन्द्रकान्त भस्ण) 12.00 21.00 30.00 45.00 100.00 & above
Rock Crystal (स्फ़फटक) 09.00 12.00 15.00 30.00 45.00 & above
Kidney Stone (दाना फफ़यॊ गी) 09.00 11.00 15.00 19.00 21.00 & above
Tiger Eye (टाइगय स्टोन) 03.00 05.00 10.00 15.00 21.00 & above
Jade (भयगच) 12.00 19.00 23.00 27.00 45.00 & above
Sun Stone (सन ससताया) 12.00 19.00 23.00 27.00 45.00 & above
50.00 100.00 200.00 370.00 460.00 & above
Diamond (हीया) (Per Cent ) (Per Cent ) (PerCent ) (Per Cent) (Per Cent )
(.05 to .20 Cent )
Note : Bangkok (Black) Blue for Shani, not good in looking but mor effective, Blue Topaz not Sapphire This Color of Sky Blue, For Venus
104 ससतम्फय 2012
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105 ससतम्फय 2012
सूचना
ऩत्रिका भं प्रकासशत सबी रेख ऩत्रिका के असधकायं के साथ ही आयस्ऺत हं ।
रेख प्रकासशत होना का भतरफ मह कतई नहीॊ फक कामाारम मा सॊऩादक बी इन त्रवचायो से सहभत हं।
ऩत्रिका भं प्रकासशत फकसी बी नाभ, स्थान मा घटना का उल्रेख महाॊ फकसी बी व्मत्रि त्रवशेष मा फकसी बी स्थान मा
घटना से कोई सॊफॊध नहीॊ हं ।
प्रकासशत रेख ज्मोसतष, अॊक ज्मोसतष, वास्तु, भॊि, मॊि, तॊि, आध्मास्त्भक ऻान ऩय आधारयत होने के कायण
मफद फकसी के रेख, फकसी बी नाभ, स्थान मा घटना का फकसी के वास्तत्रवक जीवन से भेर होता हं तो मह भाि
एक सॊमोग हं ।
प्रकासशत सबी रेख बायसतम आध्मास्त्भक शास्त्रं से प्रेरयत होकय सरमे जाते हं । इस कायण इन त्रवषमो फक
सत्मता अथवा प्राभास्णकता ऩय फकसी बी प्रकाय फक स्जन्भेदायी कामाारम मा सॊऩादक फक नहीॊ हं ।
अन्म रेखको द्राया प्रदान फकमे गमे रेख/प्रमोग फक प्राभास्णकता एवॊ प्रबाव फक स्जन्भेदायी कामाारम मा सॊऩादक
फक नहीॊ हं । औय नाहीॊ रेखक के ऩते फठकाने के फाये भं जानकायी दे ने हे तु कामाारम मा सॊऩादक फकसी बी
प्रकाय से फाध्म हं ।
ज्मोसतष, अॊक ज्मोसतष, वास्तु, भॊि, मॊि, तॊि, आध्मास्त्भक ऻान ऩय आधारयत रेखो भं ऩाठक का अऩना
त्रवद्वास होना आवश्मक हं । फकसी बी व्मत्रि त्रवशेष को फकसी बी प्रकाय से इन त्रवषमो भं त्रवद्वास कयने ना कयने
का अॊसतभ सनणाम स्वमॊ का होगा।
हभाये द्राया ऩोस्ट फकमे गमे सबी रेख हभाये वषो के अनुबव एवॊ अनुशॊधान के आधाय ऩय सरखे होते हं । हभ फकसी बी व्मत्रि
त्रवशेष द्राया प्रमोग फकमे जाने वारे भॊि- मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोकी स्जन्भेदायी नफहॊ रेते हं ।
मह स्जन्भेदायी भॊि-मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोको कयने वारे व्मत्रि फक स्वमॊ फक होगी। क्मोफक इन त्रवषमो भं नैसतक
भानदॊ डं , साभास्जक , कानूनी सनमभं के स्खराप कोई व्मत्रि मफद नीजी स्वाथा ऩूसता हे तु प्रमोग कताा हं अथवा
प्रमोग के कयने भे िुफट होने ऩय प्रसतकूर ऩरयणाभ सॊबव हं ।
हभाये द्राया ऩोस्ट फकमे गमे सबी भॊि-मॊि मा उऩाम हभने सैकडोफाय स्वमॊ ऩय एवॊ अन्म हभाये फॊधग
ु ण ऩय प्रमोग फकमे हं
स्जस्से हभे हय प्रमोग मा भॊि-मॊि मा उऩामो द्राया सनस्द्ळत सपरता प्राद्ऱ हुई हं ।
ऩाठकं फक भाॊग ऩय एक फह रेखका ऩून् प्रकाशन कयने का असधकाय यखता हं । ऩाठकं को एक रेख के ऩून्
प्रकाशन से राब प्राद्ऱ हो सकता हं ।
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गुरुत्व ज्मोसतष ऩत्रिका ससतम्फय -2012
सॊऩादक
सचॊतन जोशी
सॊऩका
गुरुत्व ज्मोसतष त्रवबाग
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107 ससतम्फय 2012
फॊध/ु फफहन
जम गुरुदे व
जहाॉ आधुसनक त्रवऻान सभाद्ऱ हो जाता हं । वहाॊ आध्मास्त्भक ऻान प्रायॊ ब हो जाता हं , बौसतकता का आवयण ओढे व्मत्रि
जीवन भं हताशा औय सनयाशा भं फॊध जाता हं , औय उसे अऩने जीवन भं गसतशीर होने के सरए भागा प्राद्ऱ नहीॊ हो ऩाता क्मोफक
बावनाए फह बवसागय हं , स्जसभे भनुष्म की सपरता औय असपरता सनफहत हं । उसे ऩाने औय सभजने का साथाक प्रमास ही श्रेद्षकय
सपरता हं । सपरता को प्राद्ऱ कयना आऩ का बाग्म ही नहीॊ असधकाय हं । ईसी सरमे हभायी शुब काभना सदै व आऩ के साथ हं । आऩ
अऩने कामा-उद्दे श्म एवॊ अनुकूरता हे तु मॊि, ग्रह यत्न एवॊ उऩयत्न औय दर
ु ब
ा भॊि शत्रि से ऩूणा प्राण-प्रसतत्रद्षत सचज वस्तु का हभंशा
प्रमोग कये जो १००% परदामक हो। ईसी सरमे हभाया उद्दे श्म महीॊ हे की शास्त्रोि त्रवसध-त्रवधान से त्रवसशद्श तेजस्वी भॊिो द्राया ससद्ध
प्राण-प्रसतत्रद्षत ऩूणा चैतन्म मुि सबी प्रकाय के मन्ि- कवच एवॊ शुब परदामी ग्रह यत्न एवॊ उऩयत्न आऩके घय तक ऩहोचाने का हं ।
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Sep
2012