पवर्त्र र्ैवदक अविहोत्र सवमग्री र्ैवदक संध्यव आचमन मंत्र अंग स्पशा र्जोपर्ीत मंत्र ईश्वर स्तुवत प्रवर्ा नव उपवसनव मंत्र स्वस्तस्त र्वचन शवं वतकरणम दे र् र्ज्ञ व्यवहृत्यवहुवत मंत्र स्तस्वष्टकृतवहुवत मंत्र पर्मवन आहुवत अष्टवज्य आहुवत वर्शे ष मंत्र अमवर्श्यव पूवणा मव बविर्ैश्वदे र् र्ज्ञ भवग रखने के मंत्र पविर्ों के विए भवग मंत्र अवतवर् मंत्र र्ैवदक रवष्टर प्रवर्ा नव गोिव मंत्र फि मंत्र पूणवा हुवत मंत्र र्ैवदक प्रवर्ा नव र्ज्ञ प्रवर्ा नव संगठन सूक्त आशीर्वा द र्चन जन्म वदर्स बच्चो के विए जन्म वदर्स आहुवत र्ैर्ववहक र्षागवं ठ उद्योग व्यवपर मंत्र उद् घवटन मंत्र गृहप्रर्ेश नवमकरण संस्कवर अन्न प्रवशन