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सप्तामत

ृ लौह
Saptamrit Lauh Detail and Uses

आयुर्वेद का महान वरदान कमजोर आंखों वालों के लिए यह चश्मे को उतार भी सकता है और बढ़ते हुए
चश्मे के नंबर को रोक सकता है

सप्तामत
ृ लौह आयुर्वेद का लौह कल्प है । लौह कल्प वह दवा है जिनमे मुख्य घटक लौह है । सप्तामत

लौह को बनाने के लिए पांच घटक बराबर मात्रा में मिलाये जाते हैं ,
ये पांच घटक हैं आमला, हरीतकी, बहेड़ा, मुलेठी और लोह भस्म। यह दवा आँखों की तकलीफें दरू करने
के लिए प्रयोग की जाती है । यह सब तरह के आँखों के रोगों की उत्तम दवा है। इसका सेवन आँखों को
ताकत दे ता है और दृष्टि को मजबत
ू बनाता है । पोस्ट बाय कृष्ण कुमार डावर

सप्तामत
ृ लौह का सेवन दिमाग, आँखों, कान, नाक, गले, आदि इन्द्रियों को ताकत दे ता है। सही पथ्य का
पालन करने पर इसका सेवन एसिडिटी, गैस, मूत्राघात/पेशाब का शरीर में रूक जाना, बुखार, उल्टी,
अनीमिया आदि पर अच्छे प्रभाव दिखाता है ।

सप्तामत
ृ लोह के सेवन काल में बेहतर परिणाम के लिए गाजर का जूस चुकंदर का जूस हरी सब्जिया

नंगे पैर हरी घास पर चलना और पैर के तलवों में सरसों के तेल की मालिश करवाना लाभप्रद होता है
और इसके प्रभाव को कई गुना बढ़ा दे ता है

इसका सेवन सभी के लिए हितकर है । यह एक अच्छा रसायन है जो सौम्य है और निरापद है।

कम मात्रा में इसका सेवन यदि सालभर किया जाए तो रस, रक्त, सहित सारी धातुएं सबल हो जाती है
और शरीर को कान्ति मिलती है और ओज की वद्धि
ृ होती है ।

सप्तामत
ृ लौह को घर पर भी बनाया जा सकता है । इसके लिए आमला (10 gram), हर्रे (10 gram),
बहेड़ा (10 gram), मल
ु ठी (10 gram) को बारीक पीस कर कपडे से छान लें। अब इसमें 10 gram लोह
भस्म मिला दें । सारे घटकों को अच्छे से मिला कर एक एयर -टाइट डब्बे में रख लें। यही सप्तामत
ृ लोह
है।
Saptamrit Lauh is an Ayurvedic medicine containing herbal and mineral ingredients. It
is prepared by mixing Amla, Haritaki, Vibhitaki, Mulethi with loh Bhasma. This medicine
is a tonic that improves overall health. It is useful in treatment of diseases of eyes. It
improves eye sight and digestion.
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Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key
Ingredients and dosage in Hindi language.

सप्तामत
ृ लौह के घटक
Ingredients of Saptamrit Lauh

मुलेठी Madhuka (Yashti) (Rt.) 1 Part


हर्रे Haritaki (P.) 1/3 Part
बहेड़ा Bibhitaka (P.) 1/3 Part
आमला Amalaki (P.) 1/3 Part
लोह भस्म Lauha bhasma 1 Part

सप्तामत
ृ लौह के लाभ/फ़ायदे
Benefits of Saptamrit Lauh
यह दृष्टि की कमजोरी को दरू करती है ।
इसका सेवन आँखों की लाली, खुजली, पानी गिरना, अंधेरा छाना, रतौंधी, आँखों में दर्द आदि तकलीफों को
दरू करता है।

आँखों के अतिरिक्त यह परू े स्वास्थ्य पर अच्छे प्रभाव डालता है ।


यह शरीर में लोहे की कमी को दरू करता है और अनीमिया के कारण होने वाली परे शानियों से बचाव
करता है ।

त्रिफला होने के कारण यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है और कब्ज़ नहीं होने दे ता।
इसका महात्रिफला घी से साथ नियमित सेवन करने से लगा हुया चश्मा हट सकता है।
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यह सभी इन्द्रियों की शक्ति में वद्धि
ृ करता है ।
यह एक टॉनिक है जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

सप्तामत
ृ लौह के चिकित्सीय उपयोग
Uses of Saptamrit Lauh

यह दवा आँखों की सभी तरह की तकलीफों के लिए लाभदायक है। इसे आँखों में जलन , खुजली,
कमजोरी, रतौंधी, मोतियाबिन्द, आदि सभी में प्रयोग किया जाता है।

सप्तामत
ृ लौह का सेवन कब्ज़, कमज़ोर पाचन शक्ति, खून की कमी, कफ की वद्धि
ृ , पेट के कीड़ों, वात-
विकार, और शारीरिक कमजोरी को दरू करता है ।

आँखों की सभी तरह की तकलीफें


छर्दि (Emesis),
शल
ू (Colicky Pain)
अम्लपित्त (Dyspepsia)
ज्वर (Fever)
मूत्राघात (Obstruction in urinary tract)
तिमिर (early stage of Cataract),
कलमा (Tiredness without exertion),
अनाह (Distension of abdomen due to obstruction to passage of urine and stools)
शोथ (Inflammation)

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Saptamrit Lauh

1-2 गोली (375 mg-750 mg),दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
इसे 1 gram Shud desi घी + 3 gram शहद के साथ लें और फिर गाय का दध
ू पी लें।
इसे भोजन करने के 1 hour बाद लें।
या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
इस दवा को ऑनलाइन या आयर्वे
ु दिक स्टोर से ख़रीदा

इसे आयुर्वेद की सभी राष्ट्रीय कंपनियां इसी नाम से बनाती है डाबर बैद्यनाथ झंडू व्यास फार्मास्यूटिकल
उं झा पतंजलि इसके अलावा और भी बहुत सारी कंपनियां इसी नाम से बनाती हैं

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