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*​ पंच तल

ु सी तेल के चम कार फायदे -----

पंच तल
ु सी तेल (सवरोगनाशक) को कैसे व कहाँ-कहाँ उपयोग कया जा सकता है ?

“पंच तल
ु सी तेल पीएं, नरोग जीएं”

(पांच तरह के तल
ु सी का तेल)

तल
ु सी मु य प से पांच कार के पायी जाती है :-

1. याम तल
ु सी

2. राम तल
ु सी

3. नींबू तल
ु सी

4. वन तल
ु सी

5. वेत/ व नू तल
ु सी

इन पांच कार क तल ु सी व ध वारा तेल नकाल कर पंच तल ु सी तेल का नमाण कया गया है ।
तलु सी को इंि लश म होल बे सल(HOLY BASIL)के नाम से जाना जाता है हंद म इसका नाम तल ु सी है
िजसका अथ होता है अतल ु नीय अथात िजसक कसी से तल ु ना न क जा सके इसके गण
ु को दे खते हुए तल ु सी
को जड़ी बू टय म जड़ी बू टय क रानी माना जाता है तल
ु सी म सबसे ब ढ़या
एंट ऑ सीडट(ANTI-OXIDANT), एंट इं लेमेटर (ANTI-INFLAMMATORY),
एंट वायरल(ANTI-VIRAL), एंट एलज क(ANTI-ALLERGIC) और एंट डजीज(ANTI-DISEASE)
गण ु है ।

# पंच तलु सी तेल का योग 200 से अ धक बीमा रय म कया जाता है जैसे क ल,ू वाइन लू सभी तरह के
बख
ु ार जैसे क डग,ू मले रया,टाइफाइड, चकनगु नया आ द खांसी, जक ु ाम, जोड़ का दद, लड ेशर, मोटापा,
शगु र, एलज क हे पेटाइ टस, पेशाब संबध
ं ी सम या, वात के रोग, नकसीर, फेफड़ म सजू न, अ सर, तनाव,
वीय क कमी, थकान, भख ू म कमी, उ ट इ या द।

1. रोग तरोधक मता :-*


पंच तलु सी तेल रोग तरोधक मता को बढ़ाती है । तल ु सी म रोग तरोधक मता को बढ़ाने वाले गण ु जैसे
क अडे टोजेन(ADAPTOGEN) और एंट आ सीडट (ANTI-OXIDANT) शा मल है जो क रोग तरोधक
मता को बढ़ाते है । रोज पंच तल
ु सी तेल का योग हमारे शर र को व थ व हाइ ट
े े ड रखता है ।

2. पयावरण संर ण :-*


हाल ह म पता चला है क तल
ु सी के पयावरणीय लाभ भी है तलु सी 20 घंटे तक लगातार ऑ सीजन और 4
घंटे ओजोन को नेसे ट ऑ सीजन दे ता है जो पयावरण से काबन मोनोऑ साइड, काबन डाइऑ साइड और
स फर डाइऑ साइड जैसी हा नकारक गैस को समा त करता है ।

3. पीने के पानी को वष व रोगाणओ


ु ं से मु त करने म :-*
आजकल बहुत सी सम या हमारे पीने के पानी से होती है । अगर पंच तल
ु सी तेल क दो बद ंू 1 ल टर पानी म
डालकर 5 मनट बाद य द उस जल को पीया जाए तो वह जल वष व रोगाणओ ु ं से मु त होकर वा यवधक
हो जाता है ।
4. ब च क सम याओं म पंच तलु सी तेल का योग :-*
ब च को होने वाल सम याओं जैसे क खांसी, जक
ु ाम, उ ट , द त आ द म पंच तल
ु सी तेल बहुत अ धक
लाभदायक है ।

चकन पॉ स(CHICKEN POX) म पंच तल


ु सी तेल बहुत अ धक लाभदायक है इसका योग शहद के साथ
करना चा हए ।

य द एक ब चे को दांत नकलने से पवू पंच तलु सी तेल त दन द जाए तो दांत नकलते समय होने वाल
परे शानी म ब चे को लाभ मलता है व दांत आसानी से नकल आते ह ।मसड़
ू को पंच तल
ु सी तेल म शहद
मलाकर उसक मसाज भी क जा सकती है ।

# पंच तल
ु सी तेल म शहद मलाकर दे ने से ब च को खांसी तथा गले म खराश(SORE THROAT)म लाभ
मलता है ।

गम पानी म पंच तल
ु सी तेल दे ने से पेट के क ड़ से राहत मलती है ।

5. दद नवारण म योग :-*


पंच तलु सी तेल म एक वशेष कार का रासाय नक पदाथ COX-2 INHIBITOR होता है जो दद से राहत
दलाने म सहायक है इसके अलावा अ य कई रासाय नक पदाथ सज ू न तथा
यरू ोलॉिजकल(NEUROLOGICAL) दद को कम करने म सहायक है तथा इसका एलोपै थक दवाओं क तरह
कोई साइड इफे ट भी नह ं है तल
ु सी को घाव तथा ज म को भरने म भी इ तेमाल कया जाता है य क यह
एक अ छे एंट सेि टक(ANTI-SEPTIC) के प म भी काय करता है ।

6. बख
ु ार आने पर :-*
पंच तलु सी तेल के GERMICIDAL,FUNGICIDAL,ANTI-BACTERIAL AND ANTIBIOTIC गण ु के
कारण बख ु ार म बहुत लाभदायक है । पंच तल
ु सी तेल क २-३ बद
ंू को थोड़े से इलायची पाउडर म मलाकर दन
म दो से तीन बार पीएं।

7. बाल क सम याओं(HAIR DISORDERS) म पंच तल ु सी तेल का योग :-*


खे सखू े और त त बाल अ सर हमार सद ंु रता म एक चंता का कारण होते ह शहर म बढ़ते दष ू णव
अ य कई कारण से हमारे बाल को जड़ तक नक ु सान पहुंचता है । अपने बाल क सम याओं को दरू करने के
लए अपने आपको हाइ टे े ड रखना व संतु लत आहार खाना बहुत आव यक है । हमेशा बाल क सम याओं के
लए होममेड या हबल उपचार पर भरोसा करने क बजाय हम रसाय नक उ पाद का योग करते है जो क
सम या को ठ क करने के बजाए और अ धक बढ़ा दे ता है । पंच तल ु सी तेल एक आ चयजनक औष ध ह जो
चमकदार और व थ बाल को ा त करने म मदद करता है ।

बाल क सम याएं जैसे बाल का झड़ना, बाल का पकना, सीकर इ या द म पंच तल


ु सी तेल क 5 से 7 बद
ंू को
10 ML एलोवेरा जैल और हे यर ऑयल म मलाकर सर, माथे, कनपट व बाल क जड़ म मा लश करनी
चा हए

जएु व लखे होने पर पंच तल


ु सी तेल को नींबू के रस म समान मा ा म मलाकर सर के बाल म अ छ तरह
से लगानी चा हए 3 घंटे लगा रहने दे उसके बाद बाल को धो दे । रा को लगा कर सब
ु ह सर धोए जए
ु व लख
मर जाएगी।

8. मि त क संबध
ं ी सम याओं म पंच तलु सी तेल का योग :-*
सरदद, माइ ेन या फर याददा त संबध
ं ी सम याओं म पंच तल ु सी तेल क 5 से 7 बद
ंू एलोवेरा जैल म
मलाकर सर, माथे, कनपट व बाल क जड़ म मा लश करनी चा हए।
याददा त क कमी म पंच तल
ु सी तेल को शहद म मलाकर खाल पेट सेवन करना चा हए।

तनाव क सम या:- एंट ऑ सीडट(ANTIOXIDANT) गण ु व ANTISTRESS हॉम न CORTISOL के


LEVEL को नामल रखने के कारण पंच तल ु सी तेल तनाव को दरू करने म मदद करती है पंच तलु सी तेल का
त दन सेवन नाड़ी तं को सु ढ़ बनाता है वह तनाव को दरू रखता है ।तनाव को खद
ु से दरू रखने के लए कोई
भी यि त पंच तलु सी तेल क 5 - 7 बद
ंू का रोज सेवन कर सकता है ।

शहद म पंच तल
ु सी तेल को मलाकर चाटने से च कर आना बंद हो जाता है ।

9. आंख क सम याओं(EYE DISORDERS) म पंच तल ु सी तेल का योग :-*


आंख क सम याएं जैसे आंख क रोशनी म कमी, आंख क सज ू न तथा मो तया बंद म बहुत अ धक
लाभदायक है य क इसम वटा मन ए और सी भरपरू मा ा म पाए जाते ह यह दोन वटा मन आंख के लए
बहुत लाभकार है ।

10. नाक के रोग (NASAL DISORDERS) म पंच तल ु सी तेल का योग :-*


नाक के रोग मे या नाक म फोड़ा फंु सी नकलने पर पंच तलु सी तेल को गम करके इसक 2-2 बद
ंू को नाक म
टपकाना चा हए इससे बहुत अ धक लाभ मलता है ।

11. गले के रोग (MOUTH AND THROAT DISORDERS) म पंच तल ु सी तेल का योग :-*
गले के रोग जैसे क मह
ंु म छाले, आवाज का बैठ जाना आ द म पंच तलु सी तेल क 2 - 3 बद
ंू को गम पानी म
डालकर उस पानी के गरारे करने चा हए।साथ म पंच तलु सी तेल को थोड़ी सी काल मच के चण ू के साथ सेवन
करना चा हए इससे बहुत अ धक लाभ मलता है ।

अ सर और मह ंु के अ य सं मण म पंच तलु सी तेल का सेवन फायदे मद ं सा बत होती ह। रोजाना पंच तल


ु सी
तेल क 5 से 7 बदंू को गम पानी म डालकर पीने से मह
ंु का सं मण दरू हो जाता है ।

12. दांतो के रोग (DENTAL DISEASE) म पंच तलु सी तेल का योग :-*
दांत का दद, दांत म क ड़ा लगना , मसड़
ू म खनू आना आ द म पंच तलु सी तेल क 2 से 3 बँद
ू े पानी म डालकर
कु ला करना चा हए।

13. कण रोग (EAR DISEASE) म पंच तल ु सी तेल का योग :-*


कान का दद, कान का बहना आ द म पंच तल
ु सी तेल को ह का गरम करके एक -एक बद
ंू कान म टपकाए।

14. वचा या चम रोग (SKIN DISEASES ) म पंच तल ु सी तेल का योग :-*


आ चयजनक गण ु वाल पंच तल ु सी तेल ने यह सा बत कर दया है क वचा क दे खभाल व यट ू ोड स
म यह एक मह वपण ू औष ध है , इसके बहु त सारे स दय लाभ है । यह वचा और बाल को व थ व चमकदार
बनाए रखने म मदद करता है । पंच तल ु सी तेल आपक वचा और बाल क सम याओं के लए सबसे
ऑग नक उ पाद म से एक है । एंट सेि टक तथा यू रफायर गण ु के कारण यह वचा रोग को रोकने म मदद
करता है ।

# पंच तल
ु सी तेल म सद
ंु र और नरोग बनाने क शि त है यह वचा का कायाक प कर दे ती है ।

यह शर र के खन
ू को साफ करती है ।

# पंच तल
ु सी तेल का योग दाद, खाज, खज
ु ल , एि जमा, सोराय सस तथा घाव को भरने म व घाव क
सफाई करने म कया जाता है ।
सफेद दाग क सम या म 10 ML ना रयल के तेल म 5 से 7 बँद
ू पंच तल
ु सी तेल क डालकर 2 टाइम सब
ु हव
शाम मा लश करनी चा हए।

# पंच तल
ु सी तेल को कसी भी अ छ म म मलाकर लगाने से सव के बाद होने वाल े च मा स क
सम या भी दरू हो जाती है ।

# पंच तल
ु सी तेल को आग से जलने व कसी जहर ले क ड़े के काटने से होने वाल पीड़ा म वशेष राहत मलती
है ।

# जलने क अव था म पंच तल
ु सी तेल को ना रयल के तेल म मलाकर लगाने से दद म राहत मलती है ।

वचा क कसी भी सम या म पंच तल


ु सी तेल क 2 - 3 बद
ंू े नींबू के रस के साथ योग करनी चा हए।

पंच तल
ु सी तेल क 2 बद ंू े एलोवेरा जेल या कसी भी अ छ म म मलाकर सब ु ह व रात को सोते समय
लगाकर सोने से वचा सद ंु र हो जाती है तथा चेहरे पर येक कार के काले घेरे, झाइयां, क ल मह
ंु ासे व
झु रयां न ट हो जाती है ।

वचा के दाग-ध ब को दरू करने म सहायक बेसन व पंचग य मु तानी म ट फेस पैक बहुत ह स ध है
यह काले दाग-ध ब को व पंप स को दरू करने म सहायक है । बेसन के वचा को नखारने के गणु के कारण
यह काले दाग-ध ब को हटाता है तथा एंट -बै ट रयल गण
ु के कारण पंच तल
ु सी तेल बै ट रया को समा त
करता है जो क पंप स का कारण होते ह।

सजू न को रोकता है :- पंच तलु सी तेल म एंट बै ट रयल(ANTIBACTE RIAL) और


एंट फंगल(ANTIFUNGAL) गण ु होते ह िजसके कारण पंच तल
ु सी तेल सज
ू न को रोकने म बहुत लाभदायक है
।पंच तलु सी ते
ल को थोड़े से चंद न पाउडर व ग ल
ु ाब जल म मलाकर स ज
ू न को कम करने के लए चहरे पर भी
लगाया जा सकता है ।

यव
ु ा बनाये रखने म सहायक:- पंच तलु सी तेल म मौजद
ू एंट -ऑ सीडट(ANTIOXIDANT) आपको यव ु ा वह
तरोताजा बनाए रखते ह । पंच तलु सी तेल वचा के लए बहुत ह फायदे मद
ं है यह वचा और बाल के लए
मॉ चराइजर का काम करता है ।

15. वसन संबध ं ी या फेफड़ के रोग (RESPIRATORY DISORDERS) म पंच तल ु सी तेल का योग :-*
पंच तल
ु सी तेल म बहु त से रासाय नक पदाथ जै
स े क वटा मन सी,
कै फेन(CAMPHENE),यज ू ेनॉल(EUGENOL), सनेओले(CINEOLE) आ द होते ह जो क फेफड़ के
तरोध(CONGESTION) को दरू करते ह । यह सभी रासाय नक पदाथ धू पान व ट .बी आ द से होने वाल
त को परू ा करने म मदद करते ह।

कर ब सभी कफ सीरप को बनाने म तल


ु सी का इ तेमाल कया जाता है । पंच तल
ु सी तेल कफ साफ करने म
मदद करती ह।

जक ु ाम, छ ंके, सर दद, बख ु ार, दमा इ या द म पंच तल


ु सी तेल क दो बद
ंू अदरक के रस व शहद म मलाकर
सब
ु ह-शाम से वन करने से बहु त लाभ मलता है ।

छोटे ब चे िजनको नमो नया या पसल चलने क द कत हो जाती है उनको पंच तल ु सी तेल क दो बद
ंू शहद
के साथ सेवन करवानी चा हए पंच तल
ु सी तेल को बादाम रोगन या दे सी गाय के वै दक मथनी घी म मलाकर
ब चे क छाती पर मसाज करनी चा हए।

नमक, ल ग और पंच तल
ु सी तेल इं लए
ु ंजा (एक तरह का बख
ु ार) म फौरन राहत दे ता है ।
सद से बचाव : बा रश या ठं ड के मौसम म सद से बचाव के लए पंच तल ु सी तेल बहुत अ धक लाभदायक
है ,सद क दवा के साथ-साथ यह एक यू टव क ं के प म भी काम करता है । सद जक ु ाम होने पर पंच
तल ु सी तेल को चाय म डालकर पीने से राहत मलती है । पंच तल
ु सी तेल तेज बखु ार को कम करने म भी
कारगर सा बत होता है ।

16. दय रोग म पंच तल ु सी तेल का योग :-*


दय रोग म पंच तल ु सी तेल बहुत अ धक लाभकार है इसके नय मत योग से शर र म कोले ॉल का तर
कम हो जाता है िजससे होने वाल सम याएं जैसे क हाटअटै क, बीपी, ोक आ द से रोकथाम होती है ।
पंच तल ु सी तेल म मह वपण ू रासाय नक पदाथ जैसे क वटामीन सी(vitamin
c),यजू े न ॉल(euzenol),एं ट ऑ सीडट(anti-oxidant) आ द होते है जो दय को रे डक स(free radicals)
के हा नकारक भाव से बचाते है ।

17. लड शग ु र या मधमु ेह(DIABETES) म पंच तलु सी तेल का योग :-*


पंच तलु सी तेल म बहुत से एंट ऑ सीडट(ANTIOXIDANT) तथा तैल य त व(ESSENTIAL OILS) जैसे क
यजू ेनॉल(EUZENOL), मथाइल यज ू ेनॉल(METHYL EUZENOL),काय फायलेन(CARYOPHYLENE)
आ द होते है जो PANCREASE क BETA CELLS क काय मता को बढ़ाते है तथा इ सु लन क उ प
म सहायक होते है , इसी कारण पंच तलु सी तेल लड-शगु र को कम करने म काफ लाभदायक है ।

18. डाइजेशन(DIGESTION) या पेट संबधं ी (ABDOMINAL DISORDER) बीमा रय म पंच तल ु सी तेल


का योग :-*
उ ट होने पर पंच तल
ु सी तेल को शहद और अदरक के रस के साथ लेना लाभदायक रहता है ।

भख
ू न लगने क अव था म पंच तल
ु सी तेल को अदरक के रस और काल मच के साथ सेवन करना चा हए ।

पेट के क ड़ म पंच तल
ु सी तेल को न य त दन खाल पेट सेवन करना चा हए।

पंच तल
ु सी तेल तथा दे सी पान के प का रस बराबर मा ा म मलाकर दे ने से ब च के पेट फूलने का रोग
समा त हो जाता है ।

पंच तल
ु सी तेल को एलोवेरा जैल म मलाकर पे ट बना ल। पेट दद होने पर इस लेप को ना भ और पेट के
आस-पास लगाने से आराम मलता है ।

द त लगना, पेट म गैस बनना आ द होने पर एक लास गन


ु गने पानी म 1 से 2 पंच तल
ु सी तेल बद
ंू व इसम
चट
ु क भर सधा नमक डालकर पीएं।

पंच तल
ु सी तेल लवर क सम याओं म यह बहुत फायदे मद
ं है ।

पंच तल
ु सी तेल भोजन के प चात सेवन करने से पेट संबं धत सभी बीमा रय म लाभ होता है ।

19. गद ु संबधं ी रोग (KIDNEY DISORDERS) म पंच तल ु सी तेल का योग :-*


पंच तल
ु सी तेल एक बह ु त अ छ म ू ल (DIURETIC) औष ध है ।यह मू माग से शर र के सभी वष व
रोगाणओ ु ं को शर र से बाहर नकलता है ।इसमे आव यक तैल य पदाथ ए स टक ए सड ए स टक ए सड
(ACETIC ACID ) व अ य कई रासाय नक पदाथ होते है जो गद ु क पथर को तोड़ने का काम करते है तथा
साथ म इसका दद नवारक गण ु गद
ु क पथर के दद से राहत दलाता है ।

गद
ु क पथर म पंच तल
ु सी तेल को शहद के साथ मलाकर सेवन करना चा हए इससे कडनी क पथर ज द
नकल जाती है ।
यू रक ए सड क सम या म भी पंच तलु सी तेल को शहद के साथ मलाकर सेवन करना चा हए इससे बहुत
फायदा मलता है ।यू रक ए सड गद
ु क पथर बनाने म सबसे बड़ा कारण है ।

20. म हलाओं क सम या(WOMEN DISORDERS) म पंच तल ु सी तेल का योग :-*


म हलाओ म गभाव था के दौरान होने वाल उ ट क सम या म पंच तल
ु सी तेल का योग बहुत अ धक
लाभदायक है ।

म हलाओं म होने वाले वेत दर या लको रया या फर सफेद पानी क सम या म भी पंच तल


ु सी तेल का
योग बहुत अ धक लाभदायक है ।

21. र त संबं धत रोग (BLOOD DISORDERS) म पंच तल ु सी तेल का योग :-*


पंच तल
ु सी तेल र त क सफाई करने का काम करता है ।

खन
ू क कमी म पंच तल
ु सी तेल का योग बहुत अ धक लाभदायक है यह शर र के लाल र त से स को बढ़ाने
म बहुत सहायक स ध होता है ।

22. कसर रोग (CANCER) म पंच तल ु सी तेल का योग :-*


पंच तल
ु सी तेल म कसर वरोधी गणु है यह तन कसर स हत अ य कई कार के कसर का इलाज करने म
मददगार है ।तल
ु सी र त वा हकाओं को यम ू र को शकाओं को पोषण दान करने से रोकती है ।तंबाकू के
कारण होने वाले मौ खक कसर(MOUTH CANCER) के वकास को रोकता है ।

वै ा नक के अनस
ु ार तल
ु सी म ऑ सीडेशन(OXIDATION) गण
ु पाया जाता है िजसका उपयोग व करण से
त त को शकाओं क मर मत म कया जाता है ।

कसर म पंच तल
ु सी तेल क दो बद
ंू एक गलास छाछ के साथ सब
ु ह-शाम सेवन करवाएं ।

भोजन म केवल दध
ू व दह का ह सेवन करना चा हए।

23. डी-ए ड शन(DEADDICTION) म पंच तल ु सी तेल का योग :-*


शराब, बीड़ी, सगरे ट, गट
ु खा, जदा, खैनी क लत को समा त करने म पंच तल
ु सी तेल का योग बहुत अ धक
लाभदायक है । जब भी शराब, बीड़ी, सगरे ट, गट
ु खा, जदा, खैनी आ द क तलब हो पानी म दो बद
ंू पंच तल
ु सी
तेल क डालकर इसका सेवन करना चा हए इससे तलब समा त हो जाती है ।

पंच तल ु सी तेल नकोट न चइ ु ंगम या टॉफ से कह ं अ धक लाभकारक है जो क धु पान क आदत से मिु त


दलवाने म सहायक है ,पंच तल ु सी तेल गले को ठं डेपन का अनभ
ु व करवाता है जैसा क पद
ु ने के रस से होता
है । इसम एंट ऑ सीडट(ANTI-OXIDANT) गण ु होने के कारण वष से क गई धु पान क आदत से होने
वाल फेफड़ क त को दरू करता है ।

24. अ य योग(OTHER USES) :-*


ु सी तेल के 8 – 10 बँद
∆ कूलर के पानी म पंच तल ू े डालने से सारा घर वषाणु और रोगाणु से मु त हो जाता है ,
तथा म खी – म छर भी घर से भाग जाते है ।

ु सी तेल के 5 - 7 बँद
∆ पंच तल ू े मलकर शर र म मलकर रा म सोये , म छर नह ं काटगे।

∆ लड- ेशर को सामा य रखने के लए पंच तल


ु सी तेल का सेवन करना चा हए।

∆ पंच तल
ु सी तेल और काल मच के पाउडर को मलाकर लेने से वात रोग दरू हो जाता है ।
∆ बदलते मौसम म चाय बनाते हुए हमेशा पंच तल
ु सी तेल डाल द। वायरल से बचाव रहे गा l

* नोट -----

1. प व ृ वाले यि त इस पंच
तलु सी तेल का योग कम से कम
कर , या न कर। इसका वशेष यान
रख।

2. य क तल
ु सी क तासीर गम होती
है ।

* ग य स ध. एवं पंचग य च क सक : सध
ु ीर कुमार गु ता *

* अ धक जानकार एवं पंच तल


ु सी तेल लेने के लए वा स एप कर या 9 PM से 10 PM तक कॉल भी कर
सकते है : 7979862380 *

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