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गणपतति अथरर्वशशीरर्व

ॐ नमससस्ते गणपसयस्ते।

तत्वमस्तेत्व प्रतयकक्षं सतत्वमससि।।

तत्वमस्तेत्व कस्तेत्वलक्षं कररर्त्ताऽससि।

तत्वमस्तेत्व कस्तेत्वलक्षं धसरर्त्ताससि।।

तत्वमस्तेत्व कस्तेत्वलक्षं हसरर्त्ताऽससि।

तत्वमस्तेत्व सित्वर्वं खललत्वदक्षं ब्रहमरससि।।

तत्वक्षं सिरकरदतमरससि ननतयम म।

ऋसक्षं त्वलचम।। सितयक्षं त्वलचम।।

अत्व तत्वक्षं मरक्षं।। अत्व त्वकसररक्षं।।

अत्व शश्रोसररक्षं। अत्वदरसररक्षं।।

अत्व धरसररम अत्वरननचरनमत्वसशिषयक्षं।।

अत्व पशचरसरस म।। अत्वक्षं पपरससरस म।।

अत्वश्रोरररसरस म।। अत्व दककणरररस म।।

अत्व चश्रोरत्वरर्त्ताररस।। अत्वरधररररस।।

सित्वर्त्तासश्रो मरक्षं परहहपरहह सिमक्षंसरस म।।3।।

तत्वक्षं त्वरङगमयचसतत्वक्षं चचनमय।

तत्वक्षं त्वरङगमयचसतत्वक्षं ब्रहममय:।।

तत्वक्षं सिलचचदरनक्षंदर ददत्वनसयश्रोऽससि।

तत्वक्षं प्रतयकक्षं ब्रहमरससि।

तत्वक्षं जरनमयश्रो दत्वजरनमयश्रोऽससि।4।

सित्वर्त्ता जगहददक्षं तत्वरश्रो जरयसस्ते।

सित्वर्त्ता जगहददक्षं तत्वरलससषष्ठनस।

सित्वर्त्ता जगहददक्षं तत्वनय लयमस्तेषयनस।।

सित्वर्त्ता जगहददक्षं तत्वनय प्रतयस्तेनस।।

तत्वक्षं भनसमररपश्रोनलश्रोऽननलश्रो नभ:।।

तत्वक्षं चतत्वरररत्वरकपदरननी।।5।।
तत्वक्षं गण
प यत्रयरसनीस: तत्वमत्वससरत्रयरसनीस:।

तत्वक्षं दस्तेहत्रयरसनीस: तत्वक्षं करलत्रयरसनीस:।

तत्वक्षं मल
न रधरर लसससश्रोऽससि ननतयक्षं।

तत्वक्षं शिलकस त्रयरतमक:।।

तत्वरक्षं यश्रोचगनश्रो रयरयक्षंनस ननतयम म।

तत्वक्षं शिलकसत्रयरतमक:।।

तत्वरक्षं यश्रोचगनश्रो रयरयक्षंनस ननतयक्षं।

तत्वक्षं ब्रहमर तत्वक्षं दत्वषणपसतत्वक्षं रुद्रसतत्वक्षं इनद्रसतत्वक्षं अलगनसतत्वक्षं।

त्वरयपसतत्वक्षं सिनयर्त्तासतत्वक्षं चक्षंद्रमरसतत्वक्षं ब्रहमभनभपर्त्तात्व: सत्वरश्रोम म।।6।।

गणरहदक्षं पनत्वर्त्तामपचचरयर्त्ता त्वणरर्त्ताहदक्षं सदनक्षंसरक्षं।।

अनपसत्वरर: परसर:।। अधरनदल


प ससिसक्षं।।

सररस्तेण ऋदधक्षं।। एसरत्व मनपसत्वरूपक्षं।।

गकरर: पनत्वर्त्ता रूपक्षं अकररश्रो मरयरूपक्षं।

अनस
प त्वररशचरनतय रूपक्षं।। बबिनदरू
प रर रूपक्षं।।

नरद: सिक्षंधरनक्षं।। सिक्षंहहसर सिक्षंचध: सिसैषर गणस्तेशि दत्वदयर।।

गणक ऋदष: ननचद्र


च रयत्रनीछक्षंद:।। गणपनस दस्तेत्वसर।।

ॐ गक्षं गणपसयस्ते नम:।।7।।

एकदक्षंसरय दत्वदमहस्ते। त्वक्रसण


प णरय धनीमहह सननश्रोदक्षंसनी प्रचश्रोदयरस।।

एकदक्षंस चसपहर्त्ताससक्षं परररमक्षंकपशिधरररणम म।।

रदक्षं च त्वरदक्षं च हसससै दत्वर्त्ताभरणक्षं मष


न क रत्वजम म।।

रकसक्षं लमबिश्रोदरक्षं शिनपर्त्ताकणर्त्ताकक्षं रकसत्वरसिसिम म।।

रकस गक्षंधरऽनपसलपसरगक्षं रकसपपषपसै सिपपनलजसम म।।8।।

भकसरनपकक्षंदपन दस्तेत्वक्षं जगतकररणमचयपसम म।।

आदत्वभनर्त्तासक्षं च सिषच ष्टयरददौ प्रकचससै: पपरुषरतपरम।।

एत्वक्षं रयरयनस यश्रो ननतयक्षं सि यश्रोगनी यश्रोचगनरक्षंत्वर:।। 9।।

नमश्रो वरसपसयस्ते नमश्रो गणपसयस्ते।। नम: प्रसमपरयस्ते।।

नमससस्तेऽससप लक्षंबिश्रोदरररयसैकदक्षंसरय दत्वघननरसशिनस्ते सशित्व सिस


प रय।

शनी त्वरदमनसर्त्तायस्ते नमश्रोनम:।।10।।

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