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शान्तितुल्यं तपो नास्ति न सन्तोषात्परं सुखम ् ।

न तष्ृ णायाः परो व्याधिः न च धर्मो दयापरः ॥

- चाणक्य नीति

शांति के बराबर कोई तपस्या नहीं है ;

संतोष के अलावा कोई खुशी नहीं;

कोई भी बीमारी लालच से बरु ी नहीं है ;

करुणा / दया से बेहतर कोई पुण्य नहीं है !!

There is no penance equal to peace; no pleasure other than contentment ; no disease is worse than
greed; no virtue better than compassion.

*नमस्कार*

*आपका दिन शुभ हो*

*सत्य का आचरण हो*

*सत्य और धर्म की जीत होती नही है करनी पड़ती हैं!*

*वो योद्धा धर्म की सबसे बड़ी सेवा करता है जो उस पर चलता है और युद्ध में दिखता भी नहीं हैं*

*राम राम राम सीता राम राम राम*

*राम राम राम राजा राम राम राम*

*ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ*

*ॐ नम:शिवाय*

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