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sanskritbhasi.blogspot.com/2014/03/part-4.html
षोडशमातृका-च
पूव
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ॐ दे वसे नायै नमः दे वसे नामा। ॐ वधायै नमः वधामा। ॐ वाहायै नमः वाहामा। ॐ मातृ यो नमः
मातृरावा.। ॐ लोकमातृ यो नमः लोकमातृरावा.। पु ट ै नमः पु ि टमा.। ॐ तु ट ै नमः तु ि टमा.। ॐ
आ मकुलदे वतायै नमः आ मकुलदे वतामा.। ाण ित ठा-ॐ मनोजूितजु षतामा य य बृ ह पितय िममं
तनो विर टं य ं Ủ सिममं दधातु िव वे देवा स इह मादय नतामो3 ित ठ। ॐ भूभुवः वः
ीगौयािदषोडशमातरः सु िति ठता वरदा भव तु । इस म ा से ित ठा कर ओं गौय नमः इ यािद नाम-
म से अथवा पृ थक् . पृ थक् ॐ गौयािदषोडशमातृ यो नमः इससे षोडशोपचार अथवा यथाल धोपचार
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पूजन समा त कर, ॐ आयु रारो यमै वयं दद वं मातरो मम। िनिव नं सवकायषु कु वं सगणािधपाः पढ़कर
नािरयल चढ़ाय। पु नः हाथ जोड़कर ीगौयािदषोडशमात¤णां पूजनकमणो य यूनमितिर तं वा त सवं
मात¤णां सादा पिरपूणम तु ”गृ हे वृ ि शतािन भव तु “ उ रे कम यिव नम तु । यह बोले
(अि नकोण म)-ओं आवाहया यहं दे वीं योिगनीं परमे वरीम्। योगा यासेन संतु टा परं यानसमि वता।।
िद यकु डलसं काशा िद य वाला ि लोचना। मूितमती मू ता च उगा चै वोग िपणी।। अने क भावसं यु ता
सं साराणवतािरणी।। य े कुव तु िनिव नं े यो य छ तु मातरः।। िद ययोगी-महायोगी-िस योगी गणे वरी।
े ताशी डािकनी काली कालरा ाी िनशाचरी।। हङु ् कारी िस वे ताली खपरी भूतगािमनी।।
उ वकेशी िव पा ी शु कां गी मां सभोिजनी। फू कारी वीरभदा ी धूमा ी कलहि या।। र ता च घोरर ता ी
िव पा ी भयं करी। चै िरका भािरका च डी वाराही मु डधािरणी। भै रवी चि णी ोधा दुमुखी े तवािसनी।
काला ी मोिहनी च ी कंकाली भु वने वरी। कु डला तालकौमारी यमदत ू ी करािलनी।। कौिशकी यि णी
य ी कौमारी य ावािहनी।। दुघटा िवकटा घोरा कपाला िवषलङ्घना। चतु ःषि टः समा याता योिग यो
िह वर दाः।। ौलो यपूिजता िन यं दे वमानु षयोिगिभः।। इस कार आवाहन कर ॐ चतु ःषि टयोिगनी यो
नमः इससे च दन पु प आिद ारा पूजन कर।
इित योिगनीपूजन
आ ने यकोण म िकसी वे दी अथवा का ठपीठ (पाटा) पर ादे शमा ा थान म पहले रोली या िस दरू
से वि तक बनाकर ‘ ीः’ िलखे । इसके नीचे एक िब दु और इसके नीचे दो िब दु दि ण से करके उ र की
ओर दे । इसी कार सात िब दु म से बनाना चािहये ।
ॐ वसोः पिव ामिस शतधारं वसोः पिव ामिस सह धारं दे व वा सिवता पु नातु । वसोः पिव ोण
शतधारे ण सु वा कामधु ः। उस पर दही छोड़कर लाल सू ा लपे ट द। पु नः उपयु त वसोः इस मं को
पढ़कर गु ड़ के ारा िब दुओं की रे खाओं को मशः ऊपर से पर पर िमला द। पु नः उन सात िब दुओं म
मशः दे वता का आवाहन कर। ॐ भूभुवः वः ि यै नमः ि यमावाहयािम थापयािम। ॐ भूभुवः वः
ल यै नमः ल मीमा0 था.। ॐ भूभुवः वः
ॐ भूभुवः वः वाहायै नमः वाहामा. था.। ॐ भूभुव. व. ायै नमः ामा. था.। ॐ भूभुवः वः
सर व यै नमः सर वतीमा. था.।
आयु य मं जप
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यजमान अ जिल म पु प रख तथा बा ण आयु य म ा का पाठ कर। ॐ आयु यं वच य Ủ
राय पोषमौिद्भदम्। इद Ủ िहर यं वच व जै ाया िवशतादुमाम्।।1।। नतद ा Ủ िस न िपशाचा तरि त
दे वानामोजः थमज Ủ े तत्। यो िवभि त दा ायण ◌ँ िहर य ◌ँ स दे वेषु कृणु ते दीघमायु ः स मनु ये षु
कृणु ते दीघमायु ः।।2।। यदाब न दा ायणा िहर य ◌ँ शतानीकाय समन यमानाः। य म आब नािम
शतशारदायायु मान् जरदि टयथासम्।।3।।
पौरािणक लोक-यदायु यं िचरं दे वाः स तक पा तजीिवषु । ददु ते नायु षा स यक् जीव तु शरदः शतम्।।
दीघा नागा नगा न ोऽ त स ताणवा िदशः। अन ते नायु षा ते न जीव तु शरदः शतम्।। स यािन प च भूतािन
िवनाशरिहतािन च। अिवना यायु षा त जीव तु शरदः शतम्।।
जगदान द झा
लखनऊ म शासिनक अिधकारी के पदभार गहण से पूव सामियक िवषय पर किवता,िनब ध ले खन करता
रहा। सं कृत के सामािजक सरोकार से जु डा रहा। सं कृत िव ा म महती अिभ िच के कारण अबतक चार
ग थ का स पादन। सं कृत को अ तजाल के मा यम से ये क लाभाथी तक पहुँचाने की िजद। सं कृत के
सार एवं िवकास के िलए लॉग तक चला आया। मेरे अपने ि य शतािधक वै चािरक िनब ध, िह दी
किवताएँ , 21 हजार से अिधक सं कृत पु तक, 100 से अिधक सं कृत िव ान की जीवनी, याकरण आिद
शा ीय िवषय की पिरचचा, िश ण- िश ण और भी बहुत कुछ मु झे एक दस ू री ही दुिनया म खींच ले जाते
है । सं कृत की वतमान सम या एवं वृह म सािह य को अपने अ दर महसूस कर अपने आप को अिभ य त
करने की इ छा बलवती हो जाती है। मु झे इस े म काय करने एवं सं कृत िव ा अ ययन को उ सु क
समु दाय को ने तृ व दान करने म अ य त सु खद आन द का अनु भव होता है । दरू भाष - 73 8888 33 06
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सु ना, दे खा व पढ़ा जा सकता है । मोबाइल के मा यम से लॉग पढ़ने वाले यि त, search, लॉग
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क यूटर आिद पर मीनू बटन दृ य ह। यहाँ पाठ ले खन तथा िवषय ितपादन के िलए 20,000 से
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स ब ता व आपकी सहायता के िलए ले ख के म य तथा अ त म स बि धत िवषय का िलं क िदया
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इ टरने ट पर अधकचरे ान सामगी की भरमार होती है। कई बार जानकारी के अभाव म लोग गलत
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इन पिरि थितय म म आपके साथ हँ ।ू आपको म ामािणक सामगी उपल ध कराने के साथ आपकी
किठनाईय को दरू करने के िलए वचनब ह।ँ ू ये क ले ख के अं त म मु झे सूिचत कर बटन िदया गया
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