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आयुर्वेद प्रश्नावली-०१ - विकिपुस्तक PDF
आयुर्वेद प्रश्नावली-०१ - विकिपुस्तक PDF
आयुवद ावली-०१
सामा य ान भा कर पर लौट
चरकसं हता
(1) चरक सं हता के आ उपदे ा ह-
(15) वृह
यी म सवा धक ट काएं कस पर
लखी गयी है।
(क) चरक सं हता (ख) सु ुत सं हता (ग) अ ांग
दय (घ) अ ांग सं ह
(16) चरक सं हता पर र चत ट का " नरंतर पद ा या"
के लेखक कौन ह।
( क ) 5 ( ख ) 6 ( ग ) 7 ( घ) 8
(क) पा
डु च क सा (ख) हणी च क सा (ग) छ द
च क सा (घ) अ तसार च क सा
(38) चरक सं हता को "अ खलशा व ाक प म"
कसने कहा है।
( क ) 7 ( ख ) 4 ( ग ) 2 ( घ) 1
( क ) 7 ( ख ) 4 ( ग ) 2 ( घ) 1
(49) अथातो द घ×जी वतीयम यायं ा या यामः। -
इस सू म कतने पद है।
( क ) 6 ( ख ) 7 ( ग ) 8 ( घ) 9
(क) हेत,ु
लग, औषध (ख) हेत,ु दोष, (ग) वात,
प , कफ (घ) स व, रज, तम
(57) चरक सं हता के अनुसार षटपदाथ का म है ?
(ग) सामा य,
वशेष, , गुण, कम, समवाय (घ)
उपरो म से कोई नह
(क) दै व
पा य, (ख) यु ाप य (ग) दोन (घ)
उपयु कोई नह
(89) चरकानुसार मान सक दोष का च क सा सू है।
( क ) 5 ( ख ) 6 ( ग ) 7 ( घ) 8
( क ) 2 ( ख ) 3 ( ग ) 4 ( घ) 8
( क ) 2 ( ख ) 3 ( ग ) 4 ( घ) 6
(144) पु
षं पु षं वी य स ेयो भषगु मः। -
कसका कथन ह।
(क)
शरो वरेचन (ख) वमन (ग) वरेचन (घ)
आ ापन/अनुवासन
(154) चरक ने अपामागत डु लीय अ याय म 'एर ड'को
कौनसे वग म शा मल कया है।
(क)
शरो वरेचन (ख) वमन (ग) वरेचन (घ)
आ ापन/अनुवासन
(155) चरक सं हता म सव थम 'पंचकम' श द कौनसे
अ याय मआया है।
( क ) 5 ( ख ) 6 ( ग ) 7 ( घ) 8
( क ) 5 ( ख ) 6 ( ग ) 7 ( घ) 8
( क ) 3 ( ख ) 5 ( ग ) 6 ( घ) 7
(191) चरकके
पंचाश महाकषाय म न हण
महाकषाय क सं या है।
( क ) 3 ( ख ) 5 ( ग ) 6 ( घ) 7
( क ) 8 ( ख ) 5 ( ग ) 6 ( घ) 7
(क) पुरीषसं
हणीय (ख) (ग) पुरीष वरंजनीय
(घ) उपयु कोई नह
(क) मा
ा शतीय (ख) त या शतीय (ग)
इ योप मणीय (घ) न वेगा ारणीय
(230) चरक सं हता के कस अ याय म 'स ' का
वणन कया गया है।
(क) शरद ऋतु (ख) हेम त ऋतु (ग) बषा ऋतु (घ)
बंसत ऋतु
(284)चरकानुसार 'लाव, क प जल, ऐण, उर , शरभ
और शशक मांस के मांस का सेवन कस ऋतुम करना
चा हए।
(क) शरद ऋतु (ख) हेम त ऋतु (ग) बषा ऋतु (घ)
बंसत ऋतु
(285) 'जांगलैः मांसैभ या' का नदश कस ऋतु म है।
(क) हेमंत ऋतु (ख) बंसत ऋतु (ग) वषा ऋतु (घ)
ी म ऋतु
(286) 'जांगला मृगप णः मांस' का नदश कस ऋतु
म है।
(क) हेमंत ऋतु (ख) बंसत ऋतु (ग) वषा ऋतु (घ)
ी म ऋतु
(287) चरकानुसार श शर ऋतु म कस ऋतुतु य चया
करनी चा हए है -
(क) हेमंत ऋतु (ख) बंसत ऋतु (ग) वषा ऋतु (घ)
ी म ऋतु
(295) आदान बले दे हे ..... भव त बलः। उपयु
वक प म र ान क पू त कर। (च.सू.6/33)
( क ) 4 ( ख ) 5 ( ग ) 6 ( घ) 9
( क ) 4 ( ख ) 5 ( ग ) 6 ( घ) 9
(358) मन का अथ है।
(क) च य (ख) वचाय (ग) ऊ (घ) उपरो सभी
(359) मन का अथ है।
(क) मा
ा शतीय (ख) त या शतीय (ग)
इ योप मणीय (घ) न वेगा ारणीय
(361) चरकानुसार मनु य को 1 प म कतने बार
के श, म ,ु लोम व नखकाटना चा हए।
( क ) 1 ( ख ) 2 ( ग ) 3 ( घ) 4
(376) वै क 4 वृ य मे शा मल नह है।
(401) उप त है।
(405) ूणहै।
(406) वध वक पहै।
(क) दै व
ापा य (ख) यु ापा य (ग)
स वावजय (घ) संशोधन
(416) "प लव ाही" वै कौन होता है।
( क ) 5 ( ख ) 6 ( ग ) 7 ( घ) 8
( क ) 2 ( ख ) 3 ( ग ) 4 ( घ) 8
( क ) 2 ( ख ) 3 ( ग ) 4 ( घ) 8
( क ) 5 ( ख ) 2 ( ग ) 3 ( घ) 7
( क ) 1 ( ख ) 2 ( ग ) 3 ( घ) 7
( क ) 1 ( ख ) 2 ( ग ) 3 ( घ) 7
(क) स य व र ( ख ) अ व र ( ग ) व र ( घ)
वमनेऽ त
(502) चरकानुसार 'दौब यं लाघवं
ला न ा धनामणुता चः' - कसकाल ण ह।
(क) स य व र ( ख ) अ व र ( ग ) व र ( घ)
वमनेऽ त
(503) "दोषाः कदा चत् कु य त जता लंघनपाचनैः।
जताः संशोधनैय तु न तेषां पुन वः"- कस आचाय
का कथन है।
( क ) 2 ( ख ) 5 ( ग ) 6 ( घ) 8
( क ) 3 ( ख ) 5 ( ग ) 6 ( घ) 7
( क ) 4 ( ख ) 5 ( ग ) 6 ( घ) 7
(597) चरकानुसार ' लीह दोष'के भेद होते है।
( क ) 4 ( ख ) 5 ( ग ) 6 ( घ) 7
( क ) 4 ( ख ) 5 ( ग ) 6 ( घ) 7
( क ) 5 ( ख ) 4 ( ग ) 6 ( घ) 3
( क ) 3 ( ख ) 4 ( ग ) 6 ( घ) 8
(601) चरक ने अ ौदरीय अ याय म 5 भेद बाले कु ल
कतने रोग बताए है।
( क ) 2 ( ख ) 5 ( ग ) 6 ( घ) 7
( क ) 5 ( ख ) 6 ( ग ) 7 ( घ) 8
( क ) 5 ( ख ) 6 ( ग ) 7 ( घ) 8
( क ) 5 ( ख ) 6 ( ग ) 7 ( घ) 3
( क ) 5 ( ख ) 6 ( ग ) 7 ( घ) 3
(670) वाभावात् न ा- का वणन कस आचाय ने
कया है।
( क ) 2 ( ख ) 4 ( ग ) 7 ( घ) 3
(क) वाय
वद (ख) वा भ (ग) पुनवसु आ ेय (घ)
उपयु सभी
(791) रस सं या वषयक स ाषा प रषद म वदे ह
राज न म ने कहा था रस होते है ?
( क ) 5 ( ख ) 6 ( ग ) 7 ( घ) 8
(क) 15, 20, 15, 20, 25 (ख) 12, 18, 24, 30,
36
(819) शु
क का ज वा से संयोग होने पर
सव थम अनुभूत होता है।
(क) पृ
वी + जल (ख) जल + अ न (ग) पृ वी +
अ न (घ) वायु + पृ वी
(833) गु , न ध व उ ण गुण कस रस म उप त
होते है ?
(क) मधुर, अ
ल (ख) अ ल, लवण (ग) कटु , लवण
(घ) त , लवण
(क) कम व (ख ) कृ त व (ग) वध
व (घ) अव ा व
(887) चरक ने ध के साथ कसका नषेध नह
बतलाया है।
(क) मूली (ख) म य (ग) स हजन (घ) सूकर मांस
(888) सभी मछ लय को ध के साथ खाना चा हए
क तु च ल चम मछली को छोडकर - कसका मत है।
(893) मधु.....।
( क ) 2 ( ख ) 7 ( ग ) 5 ( घ) 3
( क ) 2 ( ख ) 6 ( ग ) 5 ( घ) 8
(935) अंत र
जल के 'पा डु र भू म' पर गरने पर
कस रस क उ प होगी।
उ रमाला
1.क 21.ग 41.ख 61.क 81.ग