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कम्प्यू टर का सामान्य पररचय

कम्प्यू टर– Computer एक मशीन है जो की हर व्यक्ति के जीवन में लगभग प्रत्ये क


क्षे त्र में ककसी ना ककसी रूप में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से उपयोग में ली जा रही
है ।

 Computer Word लेकिन भाषा के “Compute” Word से बना है । कजसका अर्थ Calculate
अर्ाथ त् गणना करने से है इसी कारण कम्प्यू िर को सं गणक भी कहा जाता है ।
 कम्प्यूिर एक स्वचाकलत मशीन है कजस पर मशीनों या उपकरणों का प्रयोग करके डे िा
को इनपु ि ककया जाता है तर्ा सॉफ्टवे यर या प्रोग्राम के आधार पर प्रकिया करके डे िा
को पररणाम में दशाथ ता है ।
 कम्प्यूिर एक इलेक्ट्रॉकनक मशीन है जो कनदे शों के समू ह के कनयं त्रण में डे िा पर किया
करके सू चना को व्यि करता है । कम्प्यूिर के द्वारा कायथ को करने के कलए या
कियाक्तित करने के कलए यह डे िा पर गकणतीय व ताककथक कियाओं को करने में सक्षम
होता है ।
 कम्प्यूिर पर इनपु ि कडवाइस के माध्यम से डे िा कदया जाता है कजस पर कम्प्यूिर के
CPU द्वारा प्रोसे स करके आउिपु ि कडवाइस के द्वारा पररणामों को दशाथ ता है ।

कम्प्यू टर एक ऐसी Electronic Device है जिसमें जिम्नजिखित क्षमताएँ होती है -

 मानव या उपयोगकताथ (Users) द्वारा प्राप्त (Supplied) डे िा को स्वीकार (Accept)


करना।
 स्वीकृत डे िा और कनदे शों को सं गृहीत या Store करके कनदे शों को कायाथ क्तित
करना।
 ताककथक कियाओं व गकणतीय कियाओं को आन्तररक इलेक्ट्रॉकनक पररपर् में
कायाथ क्तित करना।
 उपयोगकताथ (Users) को आवश्यकतानुसार आउिपु ि या पररणाम दे ना।

Computer की कायय प्रणािी –

INPUT – Computer को कदया गया डे िा इनपु ि कहलाता (इिपु ट) है ।


Process – Computer पर Data को CPU के द्वारा गणना (प्रोसेस) करना, प्रकिया करना
कहलाता है ।
Output – Computer के द्वारा प्राप्त पररणाम आउिपु ि (आउटपु ट) कहलाते हैं ।

Storage(सं ग्रहण) – डे िा, कनदे श व पररणामों को सं गृहीतकरना।

Characteristics of Computer :-
(कम्प्यू टर की जिशेषताएँ )

 High Speed
 Accuracy
 Automation
 Storage Capacity
 Versatility
 Reliability
 Logical Calculation
 Diligence

 High Speed (ते ि गजत) - Computer ककसी भी मशीन की अपे क्षा सबसे Fast
Speed से कायथ करता हैं । उदाहरणत: दो Numeric Values को Add करने में
Micro Seconds से भी कम समय लगाता हैं । एक Micro Second में Computer 10
लाख से भी अकधक mathematical calculation कर सकता है ।
 Accuracy (शुद्धता) - जब भी ककसी व्यक्ति को एक ही प्रकार का कायथ बार-
बार करना पड़ता हैं तो उसे र्कावि होने लगती हैं और उस कायथ में गलकतयााँ
होने की सं भावना बढ़ जाती हैं पर कम्प्यूिर के सार् ककसी भी एक Process को
बार-बार करने पर ऐसा कभी नही ं होगा कक Computer दो अलग-अलग Result
दें । यकद कम्प्यूिर कभी गलत Result Display करता है तो उसका कारण
कम्प्यूिर नही ं बक्ति User हैं । कजसने गलत Data अर्वा Program उपयोग ककया हैं ।
 Versatile (उपयोजगता) - कम्प्यूिर कवकभन्न क्षे त्रों में कवकभन्न प्रकार से उपयोगी हैं ।
जैसे Bill Create करना, Reports तैयार करना, Mathematical Problem Solve करना,
Diagram बनाना आकद।
 Diligent (कायय करिे की क्षमता) - मनु ष्य की तरह कम्प्यूिर कभी र्कता नही ं
हैं । अतः जहााँ ककसी एक ही प्रकार के कायथ को बार-बार करना हो वहााँ
कम्प्यूिर एक अच्छा Assistant साकबत हो सकता है तर्ा कबना रुके उस कायथ को
उसी प्रकार पू रा करे गा कजस प्रकार First Time Complete ककया र्ा।
 Storage Capacity (भण्डारण क्षमता)- Computer अपनी Memory में कई प्रकार
की Information Store करके रख सकता है । तर्ा आवश्यकता होने पर desired
information को उपलब्ध भी करा सकता है ।
 Automation (स्वचाजित) – कम्प्यूिर एक मशीन है जो मानव के द्वारा कदये गये
कायों को स्वाचाकलत करती है ।
 Logical Calculation(ताजकयक गणिा) – कम्प्यूिर एक गणना यं त्र है कजसमें
कम्प्यूिर अं कगकणतीय गणनाओं के सार् ताककथक गणनाओं को भी सं चाकलत करता
है ।
 Reliability (जिश्वसिीयता) – कम्प्यूिर एक इलेक्ट्रॉकनक स्वचाकलत मशीन है कजस
पर ककसी भी कायथ को कवश्वसनीयता से करवाया जा सकता है ।

Limitations (कजमयाँ ) :-

 Lack of IQ (सोचिे की क्षमता िही ं होिा)


 Feeling Less (महसूस िही ं कर सकता)
 Do Not Learn From Past Experience
 Limited Memory (सीजमत मे मोरी)
 Gigo - (Garbage in Garbage out)

 Lack of IQ (सोचिे की क्षमता िही ं होिा) - कम्प्यूिर में कुछ भी अपने आप


सोचने की तर्ा Decision लेने की Capacity नही ं होती। यह केवल वही कायथ करता
हैं कजसे करने का Order उसे कदया जाता है । कम्प्यूिर से कायथ कराने के कलए
प्रोग्राम बनाने होते हैं और कम्प्यूिर प्रोग्राम के अनुसार कायथ करता हैं ।
कम्प्यूिर स्वयं उपलब्ध Alternative में से सही कवकल्प Select करने में असमर्थ है ।
 Feeling Less (महसूस िही ं कर सकता) - Computer एक Machine है और
उसके कायथ करने में Feelings का कोई स्र्ान नही ं है ।
 Do Not Learn From Past Experience:- Computer को एक ही तरह का कायथ
करने के कलए बार-बार कनदे कशत करना पड़ता है । कपछले कायों से वह कुछ भी
नही ं सीखता तर्ा प्रत्ये क कायथ के कलए बार-बार कनदे श पर कनभथ र रहता हैं ।
 Limited Memory (सीजमत मे मोरी) -Computer में Primary व Secondary दोनों
प्रकार की Memory उपलब्ध होती है । किर भी उसकी Memory Limited होती है ।
 Gigo - (Garbage in Garbage out) - यकद गलत Data या Instruction Computer को
कदया जाए तो वह कनकित रूप से गलत Result Display करे गा। कम्प्यूिर स्वयं
Debugging का कायथ नही ं कर सकता है ।

कम्प्यू टर का इजतहास History of Computer :-

Year Computing Device and Description


Inventor
3000 BC Abacus Developed in China used as a
counting device and later on for
mathematical calculations
1620 AD Slide Rule Normally used for engineering
calculations.
1642 Pascal's Calculation Machine A device with eight counter wheels
linked by ratchets for carryover. It
(Blaise Pascal - was made for tedious mathematical
mathematician) French calculations. It was not very
successful due to difficult operation
and very high cost.
1835 Babbage's Analytical Engine Today's computer organisation
corresponds very closely to
(1832-37) (Charles Babbage - analytical engine.
Professor of mathematics at
Cambridge)
1842 First Computer Programmer She translated a paper on Babbage's
Analytical Engine describing steps
(Lady Augusta Ada Byron) to follow for using it. A
programming language, ADA, is
named after her.
1854 Boolean Logic (Algebra) Published the principle of Boolean
logic, based on variables the value
(George Boole - British of which can be either 'True or
mathematician) False'. It was an important
development in the field of
computers as it became easy to
build reliable electronic circuits
representing binary digits -1 for ON
and 0 for OFF.
1884 Punched Card Tabulating It was used for the US census of
Machine 1880. The work of approximately
(1884-89) eight years was performed by this
(Hermon Hollerith - machine in three years.
Instructor at MIT)
1944 Howard Mark-1 (Howard A. It was the first successful general
Aiken, Harvard University purpose digital computer.
USA)
1946 Concept of Programme vs He gave the design principle of
Data digital computers suggesting the
concept of stored programmes to
(Dr. John Von Newman of make computers fully automatic.
Philadelphia USA)
1946 ENIAC (Electronic Numeric A full fledged electronic computer.
Integrator and Calculator)
(1942-46) John W Mauchely & J
Presper Eckert at USA.
1951 UNIVAC-1 developed by It was developed for commercial
Eckert and Mauchley data processing. It was used by
Columbia Broadcasting System
(CBS) for forecasting the USA
presidential election result in 1952.

Generation of Computers कम्प्यू टर की पीज़ियाँ


I Gen – 1942 – 1956
II Gen – 1956 – 1965
III Gen – 1965 – 1975
IV Gen – 1975 – 1989
V Gen – 1989 - वतथमान
I. Generation (प्रथम पी़िी) – (1942-1956)

कम्प्यूिर की प्रर्म पीढ़ी में मु ख्य रूप से processing करने के कलए वे क्यूम ियू ब
का प्रयोग ककया जाता र्ा।

 प्रर्म पीढ़ी के कम्प्यूिर में Data Code को पहाँ चाने के कलए पं च काडथ का प्रयोग
ककया गया।
 प्रर्म पीढ़ी के कम्प्यूिर में डे िा को सं गृहीत करने के कलए चुंबकीय डर म का
प्रयोग ककया गया।
 प्रर्म पीढ़ी में मशीनी व असे म्बली भाषा का प्रयोग ककया गया।
 प्रर्म पीढ़ी के कम्प्यूिर को रखने के कलए ज्यादा स्र्ान की आवश्यकता होती र्ी।

उदाहरण –
ENIAC
UNIVAC

II. Generation (जितीय पी़िी) – (1956-1965)

 कद्वतीय पीढ़ी के Computers में वे क्यूम ट्यू ब के स्र्ान पर िर ां कजस्टर का उपयोग


ककया गया।

 िर ां कजस्टर को 1947 में बे ल लेब में कवककसत ककया गया।


 कद्वतीय पीढ़ी में डे िा को स्टोर करने के कलए मै ग्नेकिक कोर कडवाइस का प्रयोग
ककया गया।
 कद्वतीय पीढ़ी में उच्च स्तरीय भाषाओं का कवकास हआ है ।
 इस पीढ़ी में उच्चस्तरीय भाषाओं जैसे – िॉरिर ोन, बेकसक, कोबॉल आकद का कवकास
हआ।
 इस पीढ़ी के Computer प्रर्म पीढ़ी के Computer से कम खचीले र्े ।
 उदाहरण – Honeywell 400, IBM 7030

III. Generation (तृ तीय पी़िी) – (1965-1975)

 तृतीय पीढ़ी में Computer पर कायथ करने के कलए IC (Integrated Circuit) का


प्रयोग ककया गया।
 यह Computer दू सरी पीढ़ी के Computer से कम कबजली का प्रयोग करते र्े एवं
तेज र्े ।
 इस पीढ़ी में कई नई प्रोग्राकमं ग भाषाओं का कवकास हआ।
 तृतीय पीढ़ी में Data को Computer पर Input और Output करने के कलए
Keyboard व मॉकनिर को उपयोग में कलया गया।
 इस पीढ़ी के िाइम शेयररं ग व मल्टी प्रोग्राकमं ग Operating System का प्रयोग
ककया गया।
 IBM 360, IBM 370, CDC 6600,

IV. Generation (चतु थय पी़िी) – (1975-1989)


 इस पीढ़ी में IC के बढ़ते हए रूप LSI और VLSI (Very Large
Scale Integration) का प्रयोग ककया गया।
 इस पीढ़ी के Computer अकधक कवश्वसनीय र्े ।
 इस पीढ़ी में िाईम शेयररं ग, कडक्तस्टर ब्यू िेड, ररयल िाइम Operating System का
कवकास हआ।
 इस पीढ़ी में नई उच्च स्तरीय भाषाओं जै से C, C ++ आकद का कवकास हआ।
 इस पीढ़ी में कवकभन्न ने िवकथ का कवकास हआ।
 मे मोरी क्षमता व कडवाइस का कवकास हआ।
 इस पीढ़ी में 80386 कचप का प्रयोग कमनी कम्प्यूिर में ककया गया।
 एप्पल II, िे कम्प्यूिर

V. Generation (पं चम पी़िी) – (1989-ितय माि)

 पं चम पीढ़ी में Computer पर कायथ करने के कलए नई तकनीकी का प्रयोग ककया


गया कजसे ULSI (Ultra Large Sacle Integration) कहा गया।
 इस पीढ़ी में डे िा को स्टोर करने के कलए मै ग्नेकिक कडवाइस, ऑकिकल कडवाइस
इत्याकद का वृ हत कवकास हआ।
 इस पीढ़ी में Computer अकधक छोिे व सु गम होते हैं ।
 इस पीढ़ी में इं िरनेि का वृ हत उपयोग ककया जा रहा है ।
 इस पीढ़ी में मल्टीमीकडया का अकधक उपयोग ककया जा रहा है ।

उदाहरण –
IBM Notebook
i3, i7, i9
Pentium PC
PARAM 10000 etc.

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