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सही नज़ रया

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प रचय
सा ा ार (Interview) कसी भी परी ा का अं तम एवं मह पूण चरण होता है ।
इसम न तो ारं भक परी ा क तरह सही उ र के लये वक दये जाते ह और न ही
मु परी ा के प क तरह अपनी सु वधा से के चयन क सु वधा होती है ।
सा ा ार म आपको हर का उ र दे न ा अ नवाय होता है , साथ ही आपके ारा कसी
भी के लये दये गए उ र पर त- (Counter-question) भी पूछे जाने क
संभावना रहती है । आपके ारा दये गए कसी भी गलत या ह े उ र का ‘नैग े टव
मा क ग’ जैस ा ही भाव पड़ने क संभावना रहती है । कसी भी उ ीदवार के लये
सा ा ार के चरण क सबसे मु ल बात यह होती है क ारं भक एवं मु परी ा के
वपरीत इसके लये कोई न त पा म नधा रत नह है । यही वजह है क सा ा ार
के दौरान पूछे जाने वाले का दायरा ब त ापक होता है ।
स वल सेव ा परी ा म इं टर ू के लये कु ल 275 अंक नधा रत ह। सामा प से दे ख तो
मु परी ा के अंक (1750 अंक ) क तुल ना म इस चरण के लये नधा रत अंक कम
अव ह ले कन अं तम चयन एवं पद नधारण म इं टर ू के अंक क वशेष भू मका
रहती है ।
मु परी ा म चय नत उ ीदवार को सामा त: एक महीने के बाद इं टर ू के लये
बुल ाया जाता है ।
व ुत ः सामा मा ता यह है क इं टर ू के दौरान अ थय के का परी ण
कया जाता है , जसम आयोग ारा चय नत इं टर ू बोड के सद ारा उ ीदवार से
मौ खक पूछे जाते ह, जनका उ र भी उ ीदवार को मौ खक प म ही दे न ा होता है ।
हालाँ क, कई बार ऐसा भी आ है क कु छ रा लोक सेव ा आयोग म इं टर ू बोड के
सद ने उ ीदवार से कु छ लखने क भी अपे ा क । इं टर ू क या अ थय
क सं ा के अनुस ार एक से अ धक दन तक चलती है ।
मु परी ा एवं इं टर ू म ा अंक के योग के आधार पर अं तम प से मेध ा सूच ी
(Merit list) तैय ार क जाती है ।
इस चरण म शा मल कये गए सभी अ थय का इं टर ू समा होने के सामा त: एक
स ाह प ात् अं तम प से चय नत उ ीदवार क सूच ी जारी क जाती है ।

इं टर ू क तैय ारी कर?


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मु परी ा दे न े के बाद परी ा थय को यह उ ीद रहती है क उ इं टर ू दे न े का
अवसर मले गा। उनम से कु छ मु परी ा के तुरंत बाद इं टर ू क तैय ारी शु कर दे त े ह
जब क कु छ मु परी ा के प रणाम का इं तज़ार करते ह और परी ा म सफल होने पर ही
इं टर ू के बारे म सोचना शु करते ह।
हालाँ क, यह कहना तो ठीक नह होगा क मु परी ा प रणाम आने से पहले ही तैय ारी
शु करने वाले अ थय को इं टर ू म अ नवायतः ादा अंक मलते ह, ले कन इस
बात क संभावना ज़ र रहती है क इं टर ू के अंक कई कारक पर नभर होते ह
जनम तैय ारी एक मह पूण कारक है ।
ऐसा हो सकता है क ब त कम तैय ारी के बावजूद कोई उ ीदवार काफ अ े अंक
हा सल कर ले जब क 3-4 महीने तैय ारी म जुटे रहने के बावजूद कोई उ ीदवार अ े
अंक हा सल न कर पाए।
इस अंत राल क वज़ह यह है क इं टर ू क तैय ारी व ुत ः जीवन के शु आती चरण से ही
नरंत र चलती रहती है । जन उ ीदवार को घर, ू ल और कॉले ज म व वध अनुभव और
अवसर हा सल ए होते ह, उनका ायः ादा वक सत हो जाता है । ऐसे
उ ीदवार अगर बना कसी तैय ारी के भी इं टर ू दे न े चले जाएँ तो इस बात क पया
संभावना बनती है क वे अ े अंक हा सल कर लगे।
इं टर ू क तैय ारी करने से यह न ष नह नकलता क उ ीदवार को अ े अंक मल
ही जाएं गे और तैय ारी नह करने से यह न ष नह नकलता क उसे खराब अंक ही
मलगे। फर भी एक बात तय है क उ ीदवार के का वकास जस भी र पर
आ है , अगर वह व त तैय ारी करेग ा तो अपने र पर सामा तः मलने वाले अंक
म कु छ अंक का इज़ाफा तो कर ही ले गा।
हमारा उ े उ ीदवार को यह समझाना है क उ ब ु ल भी समय थ नह करना
चा हये। हदी व अ भारतीय भाषाओ ं के मा म से परी ा दे न े वाले उ ीदवार को तो
वैस े भी इं टर ू म औसतन कम अंक ा होते ह क उ बचपन से वैस ा माहौल ही
नह मला होता है जसम इं टर ू बोड के सद को पसंद आने वाला अपने आप
उभरता है । उनके लये तो यह और भी ज़ री हो जाता है क मु परी ा के तुरंत बाद
इं टर ू क तैय ारी म जुट जाएँ ।
ान रहे क अं तम प रणाम म सफ 1 अंक के अंत र से भी कई बार 10 रक तक का फक
पड़ जाता है । इस लये अगर अभी क मेह नत से 20-25 या अ धक अंक का इज़ाफा कया
जा सकता है तो इस अवसर को छोड़ना मूख ता ही होगी।
अतः ेय र यही होगा क आप अनुकू ल समय ंब ंध न ारा सही दशा म तैय ारी आरंभ
कर द।

इं टर ू क तैय ारी कै से कर?


उ ीदवार को यह सवाल बार-बार परेशान करता है क इतनी क ठन परी ा क तैय ारी
कै से क जाए- ा पढ़ा जाए और ा नह ? सफ़ पढ़ा जाए या कताब से बाहर भी
झाँक ा जाए? आ व ास कै से लाया और बढ़ाया जाए? ऐसा कै से गढ़ा जाए क
उस आधे घंटे के भीतर हम इं टर ू पैन ल के सद को स ो हत कर पाने म सफल हो
जाएँ ।


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इसके लये सव थम यह जानना आव क है क इं टर ू बोड के सद आ खर कस
आधार पर उ ीदवार का मू ांक न करते ह? कु छ लोग सोचते ह क हम जतने के
सही जवाब दे पाते ह, उसी के अनुप ात म हम अंक मलते ह; यह इं टर ू को ले कर ा
सबसे बड़ा म है ।
सच यह है क कु छ लोग लगभग सभी सवाल के सही जवाब दे न े के बावजूद 25-30%
अंक पर अटक जाते ह जब क कु छ उ ीदवार दस से अ धक के उ र म ‘सॉरी’
बोलने के बाद भी 65-70% तक अंक अ जत कर ले ते ह।
फर उठता है क आ खर कन कसौ टय के आधार पर इं टर ू म अंक मलते ह?
ा यह चेह रे क सुंद रता और े सग सस से तय होता है ? ा सद हमारी भाषा-शैल ी
और हाव-भाव से हमारा मू ांक न करते ह? ा अंक का सीधा संब ंध हमारे उ र क
गुण व ा से होता है ? ा जीवन और व भ मु के त हमारा नज़ रया इसम क ीय
भू मका नभाता है ?
सच बात यह है क ये सभी चीज़ संय ु प से इं टर ू बोड पर असर डालती ह। हालाँ क यह
दावा करना क ठन है क इनका अनुप ात ा होगा? हर उ ीदवार के मामले म इन
त का अनुप ात अलग-अलग हो सकता है ।
संभव है क कोई उ ीदवार त म कमज़ोर हो, दखने म कम आकषक हो पर अपने
सुल झे ए कोण क बदौलत बोड पर ठीक-ठाक भाव कायम करने म सफल हो
जाए। इसी तरह, यह भी संभव है क कोई उ ीदवार अपने आकषक चेह रे, भावी े सग
कौशल तथा जादु ई अ भ साम के सहारे अपनी ान संब ंध ी क मय को एक हद
तक ढकने म कामयाब हो जाए।
इसके लये आव क है क उ ीदवार सव थम अपने बेह तर व कमज़ोर प क
पहचान कर ल, कमज़ोर प को सुध ारने का नरंत र यास कर और इं टर ू के समय
को शश कर क बेह तर प ादा से ादा सामने आएँ जब क कमज़ोर प यथासंभव
छपे रह।
सामा त: जस कसौटी पर इं टर ू म अंक तय होते ह, वह सफ यह है क उ ीदवार क
उप त म बोड के सद ने कै सा महसूस कया? उ इं टर ू का समय पूरा करने के
लये संघ ष करना पड़ा या उ पता ही नह चला क समय कब गुज़ र गया। उ सफ
बताने का मौका मला या कु छ नया सीखने का भी? उ रोचकता का अनुभव आ या
नीरसता का? उ उ ीदवार के उ र म घसी- पटी बात मल या कु छ नया और
मौ लक भी मला? उ उ ीदवार ड ग हाँक ने वाला और झूठ ा लगा या ईमानदारी से
अपनी क मयाँ ीकार ले ने वाला वन और स ा लगा? ये सब चीज़ मलकर
उस अनुभू त या ‘मूड ’ का नमाण करती ह जो उ ीदवार का प रणाम तय करता है ।
फर भी, अगर इन त का अनुप ात तय करना ही है तो म क ं ग ा क आकषक चेह रा और
े सग सस शायद 5-10% से अ धक फायदा नह प ँ च ाते ह गे। हाँ, अगर े सग सस ब त
ख़राब हो तो यह ादा नुक सान कर सकता है ।
अभ कौशल क भू मका इससे ादा होती है । ब त अ ी अ भ गत मता
आपको 20-25% तक का फायदा प ँ च ा सकती है तो इसका अभाव इतना या इससे अ धक
नुक सान प ँ च ा सकता है । अगर बोड के सद प रप ह तो उ ीदवार क त ा क
जानकारी भी 10-15% से ादा असर नह डालत । हाँ, अगर उ ीदवार अपने े से
संब ं धत या एकदम सरल के उ र न दे पाए तो नुक सान ादा अव हो जाता है ।


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सबसे अ धक मह होता है उ ीदवार के नज़ रये का, अथात् कसी मु े पर वह कतने
ापक और संत ु लत तरीके से सोच पाता है , कसी नई और ता ा लक सम ा को
सुल झाने के लये सही और रत नणय कर पाता है या नह , मु े के ावहा रक और
सै ां तक प और उनके अंत सबंध को कतनी गहराई से समझ पाता है इ ा द।
उ ीदवार को हमारा यह सुझाव है क आप जब भी कसी ववादा द मु े पर वचार कर
तो तट होकर उसके दोन प क गहराई म जाएँ । वचार करते समय अपने हत और
नुक सान को चेत ना पर हावी न होने द। कागज़ पर वह वषय लखकर दो ह मप
और वप के तक व त नोट कर। ादा तक न सूझ तो इं टरनेट का सहारा ल। दो से
उस मु े पर वाद- ववाद या वमश कर। अंत म दो तीन वा म अपनी राय लख ल।
जब आप यह या 15-20 बार दोहरा लगे तो खुद पाएं गे क आपका नज़ रया संत ु लत
तथा प रप होने लगा है और आपके अंद र अदभुत आ व ास का वकास आ है ।

इं टर ू क तैय ारी के व वध प

इं टर ू क तैय ारी को कु ल 4 भाग म बाँट कर दे ख ा जा सकता है -


1. ान प
2. कोण प
3. अ भ प
4. वेशभूषा आ द क तैय ारी

ान प :
यह इं टर ू क तैय ारी के दौरान सबसे अ धक तनाव पैद ा करने वाला प है । कारण यह
है क लगभग हर उ ीदवार के बायोडाटा म इतने सारे प लखे होते ह क अगर वह उन
सभी े से जुड़ ी जानका रयाँ याद करना चाहे तो यह ायः असंभव हो जाता है ।
इस क ठनाई के कारण कु छ प क तैय ारी छू ट ही जाती है क तु इं टर ू तक लगातार
यह भय बना रहता है क कह उसी ह े से न पूछ लये जाएँ जसक तैय ारी कम ई
है । यहाँ सवाल है क इस भय से मु कै से मल सकती है ?
सबसे पहले यह मान ले ना चा हये क ान या जानका रय के र पर उ ीदवार क
तैय ारी चाहे जतनी भी हो, अगर इं टर ू बोड के सद ठान लगे तो उसे कसी न कसी
े म उलझा ही दगे। उनके लये यह अनुमान करना ब त मु ल नह होता क
उ ीदवार कस े म कमज़ोर है ।
अगर वो उ ीदवार को परेशान करना चाह तो कमज़ोर े का अनुमान करके लगातार
उसी से पूछ ते रहगे ता क उ ीदवार पूरी तरह पराजय ीकार कर ले । इस लये,
तैय ारी के र पर हम अपना उ े यह नह रखना चा हये क एक भी हमारी प र ध
से बाहर का न हो। उ े सफ इतना होना चा हये क सामा तः हम सभी के उ र
दे सक , और अगर हमसे कोई छू टे तो वह के वल वही होना चा हये जो अपनी कृ त म
बेह द ज टल हो। मह पूण बात यह है क इं टर ू बोड के सद भी यह समझते ह क कोई
उ ीदवार सभी के उ र नह दे सकता।
इं टर ू के दौरान कई बार ऐसी भी त बन जाती है क बोड के कसी सद ारा पूछे
जाने वाले के उ र बाक सद को भी नह पता होते। ऐसी त म वे सहज प से
यह समझते ह क अगर उ ीदवार ब त क ठन और अ च लत का उ र नह दे पा
रहा है तो यह उसके त नकारा क राय बनाने का पया कारण नह है ।


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ब त क ठन पर तो बोड क संव ेद ना अपने आप उ ीदवार के प म मुड़ जाती है ।
हाँ, अगर आसान है या उ ीदवार क पृ भू म से सीधे तौर पर जुड़ ा आ है तो उसका
जवाब न दे न ा अपराध जैस ा मामला बनता है और उ ीदवार को उसक सज़ा भुग तनी पड़
सकती है ।
चूँ क ान या जानका रय का प अनंत है , इस लये सबसे पहले यही समझना चा हये
क कसी े वशेष पर उ ीदवार को कतना पढ़ना चा हये और कतना ह ा छोड़
दे न ा चा हये? अगर इस ववेक शीलता का योग न कया जाए तो एक वशेष सम ा
सामने आती है ।
उ ीदवार सबसे पहले जस वषय को उठाता है , अपना अ धकांश समय उसी म गँव ा दे त ा
है क उसे यह संत ोष ही नह मलता क उस े म उसक तैय ारी पूरी हो गई है । इस
तरीके से पढ़ते-पढ़ते वह 10-12 मुख े म से 2-3 को ही ठीक से तैय ार कर पाता है और
बाक े छू ट जाते ह।
आपके साथ यह दु घ टना न हो, इसके लये ज़ री है क ‘ ा पढ़ना है ’ से ादा
समझ इस वषय पर हो क ‘ ा नह पढ़ना है ’।
सबसे पहले उन वषय क सूच ी बना ली जये जो आपके बायोडाटा म दखाई पड़ते ह। इन
वषय म आपका वैक क वषय तो है ही, साथ ही सामा अ यन के मुख खंड ,
आपक अकाद मक पृ भू म के वषय, आपक चयाँ, आपका गृह रा , गृह जनपद
आ द सभी शा मल ह।
अपने बायोडाटा को बोड सद क नगाह से कई बार प ढ़ये और सो चये क उसक
नज़र कस- कस श पर टक सकती है ? ऐसे सभी श को रेख ां कत कर ली जये और
मानकर च लये क आपको उन सभी पर कसी न कसी मा ा म तैय ारी करने क ज़ रत
है ।
इसके बाद एक-एक करके व भ वषय को उठाइये और संभा वत क सूच ी
बनाइये। इस सूच ी को तीन भाग म बाँट कर तैय ार क जये-
1. अ धक संभा वत
2. सामा संभा वत
3. कम संभा वत
कौन सा इं टर ू के लये कतना संभा वत है , इसका नधारण करते ए सभी वषय
को बोड सद क नगाह से दे ख ने क आदत वक सत क जये।
बेह तर होगा क आप इन क सूच ी बनाने म सफ अपने ववेक से काम ले ने क
बजाय अपने कु छ सा थय को भी शा मल कर ल- खासतौर पर उ जो आपके साथ
इं टर ू क तैय ारी कर रहे ह और वह वषय या े उनके बायोडाटा म भी शा मल है ।
ये सू चयाँ इस तरह से बनाई जानी चा हय क बाद म भी नए को शा मल करने क
संभावना बनी रहे ।
अगर आप अपने बायोडाटा के हर े पर ऐसी सूच ी बना लगे तो संभवतः आपके पास 500-
700 इक े हो जाएं गे जनम से 100-150 ‘अ धक संभा वत’ वग के ह गे। बेह तर
होगा क सबसे पहले आप इ 100-150 क तैय ारी कर क पूरी संभावना है क
आपके इं टर ू का 50-70 तशत ह ा इ के इद- गद घूमेग ा।
अगर आपने इन पर महारत हा सल कर ली तो आप बोड को यह महसूस कराने म
सफल हो जाएं गे क आप अ ंत गंभीर तथा यो उ ीदवार ह।

ै ै ै ै
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अब सवाल यह उठता है क इन क तैय ारी कै से कर? इसका सही तरीका है क
से जुड़ ी जानका रय को 2-3 बदु ओ ं के प म नोट करते जाएँ । कु छ उ ीदवार तो पूरे-पूरे
उ र लखकर तैय ार करते ह जो दरअसल एक थ या है । वे भूल जाते ह क इं टर ू
के तनाव भरे माहौल म रटे ए उ र दे न ा संभव नह होता। वहाँ आपको सफ कु छ बदु
याद आते ह जो आपक अपनी सहज भाषा म ही होते ह। इस लये, अपने नो स के वल
बदु ओ ं के प म ही बनाएँ ता क आपका समय थ न हो और आप बे झझक उ र दे सक ।
य द 2-4 ऐसे ह जो आपको नरंत र बेच ैन करते ह तो उनके उ र लखकर रख ले ना
गलत नह होगा क उन उ र से आपका आ व ास बना रहे ग ा। वैस े भी, 2-4 याद
कये ए उ र का योग तो इं टर ू के तनावपूण माहौल म भी कया ही जा सकता है ।
क सूच ी बनाने के बारे म दो बात पर वशेष ान द। एक तो उस वषय पर यह
ज़ र दे ख ल क उसम आज के समय म ा नया हो रहा है ? उदाहरण के लये, अगर
आपका वषय हदी सा ह है तो आपको ह ा-फु ा यह भी पता होना चा हये क
पछले 5-10 वष म कौन सी स रचनाएँ लखी गई ह? दू स रे, इस बात पर वशेष ान
द क कसी वषय का शासन म ा योगदान हो सकता है ? आपका वषय चाहे
दशनशा ही न हो, पूरी संभावना है क आपसे यह पूछ ा जाएगा क दशन आपको
शासन के े म ा मदद प ँ च ाएगा?

कोण प :

इं टर ू क तैय ारी म सबसे अ धक समय भले ही ान या जानका रय के सं हण व


रण म खच होता हो, पर सच यह है क जो चीज़ इं टर ू म सफलता क से सबसे
अ धक असर रखती है , वह है - व भ मु के त उ ीदवार का कोण। एक अ ा
इं टर ू बोड उ ीदवार के कोण से ही तय करता है क वह स वल सेव ाओ ं म शा मल
होने के लये उपयु है या नह ?
संघ लोक सेव ा आयोग स वल सेव ा के उ ीदवार से अपे ा रखता है क उनका
कोण एकतरफा न होकर संत ु लत तथा ग तशील हो। इस लये, आपको दन-
त दन क चचाओ ं म उठने वाले ववादा द मु के दोन प को गहराई से दे ख ने का
अ ास त ाल शु कर दे न ा चा हये।
आपके उ र से यह भाव होना चा हये क आप कसी भी वषय पर नणय करने से
पहले अपनी तक बु का सही उपयोग करते ह, कसी के बहकावे या उकसावे म नह
आते।
इसके लये ादा से ादा ववादा द मु पर आपको अ ास करते रहने क ज़ रत
है । उदाहरण के लये- समल गकता उ चत है या नह , वे ावृ को वैध ता दान क
जानी चा हये या नह , शराबबंद ी क नी त उ चत है या नह आ द। इस तरह के हर उस
सवाल के प - वप म अपने तक सोचकर र खये जो अख़बार या सोशल मी डया के
मा म से आपके सामने आता है । कु छ अपवाद के मु को छोड़कर आपका कोण
संत ु लत और ावहा रक होना चा हये।
हो सके तो प - वप के सभी तक को नोट कर ले ने के बाद एक पैरा ाफ म अपना
न ष लखने का अ ास भी कर।
न ष क भाषा सीधी सपाट या एकतरफा न होकर ऐसी होनी चा हये क उसम सम ा
क ज टलता, आपक ग तशीलता तथा संत ुल न बनाने क मता ठीक तरीके से
अभ हो।

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अभ प :
इं टर ू क तैय ारी का एक मह पूण प , जसे अ धकांश उ ीदवार गौण समझकर छोड़
दे त े ह, अ भ मता से जुड़ ा है । सरल भाषा म इसका अथ है क उ ीदवार अपनी
बात को इं टर ू बोड के सामने कतनी भावशीलता के साथ ुत करता है ? उसक
श ावली, उ ारण, उतार-चढ़ाव, शारी रक अ भ याँ आ द वे प ह जो सम पम
उसक अ भ शैल ी को प रभा षत करते ह।
पहली बाधा यही है क इं टर ू बोड के सामने उ ीदवार घबराहट के मारे मौन न हो जाए।
अगर आपक पृ भू म म ऐसे अनुभव नह रहे ह तो मु परी ा के बाद से ही 8-10 म
का समूह बना ली जये और दै नक तौर पर उन सभी के सामने कसी अचानक मले
वषय पर 10-15 मनट नरंत र बोलने क को शश क जये। एक महीना होते-होते आपके
लये अपनी बात रखना क ठन नह रह जाएगा।
अगर आप कसी ऐसे े का पया अनुभव रखते ह जसम अ भ शैल ी का वकास
अपने आप हो जाता है तो आप ायः न त रह सकते ह। उदाहरण के लये, अगर आपने
ू ल या कॉले ज र पर वाद- ववाद या भाषण तयो गताओ ं म खूब भाग लया है या
आपको अ ापन या वकालत जैस े काय का अनुभव है तो पहली बाधा दू र हो जाती है ।
अपनी बात को मंच पर रखना एक बात है और इं टर ू बोड के सम रखना दू स री बात है ।
कई बार कु छ अ ापक और वक ल यह मार खा जाते ह। वे अपने वसाय म व ाथ या
मुव ल के सामने जस वच शाली मनः त म होते ह, कई बार उसी मनः त से
इं टर ू बोड म पेश आते ह जो अंत तः उनके लये घातक सा बत होता है ।
इस लये, बेह तर यही है क अपनी अ भ को इं टर ू के अनुकू ल ढाला जाए। इसके
लये उ चत समय पर आप 4 म का समूह बनाएँ और उनम से 3-3 म मलकर चौथे
म का इं टर ू ल। को शश यह होनी चा हये क आज से इं टर ू वाले दन तक रोज़ कम-
से-कम एक मॉक इं टर ू का अ ास होता रहे ।
यह ज़ र ान र खये क आप म ारा दी गई हर राय को मह न द, के वल उ
सलाह को ीकार कर ज ले कर उनम आम राय है और आप खुद भी उनसे सहमत ह।
ऐसे सा ा ार का नरंत र अ ास होने के बाद कोई वज़ह नह रह जाती क उ ीदवार
इं टर ू बोड म नवस हो या खुद को ठीक से न कर पाए।
एक उपयोगी सुझाव यह भी है क इं टर ू क तैय ारी बंद कमरे म करने क बजाय गंभीर
म के छोटे समूह के साथ कर और अ धक से अ धक मु पर सामू हक प रचचा कर।
इससे ब त कम समय म कसी वषय के सभी आयाम खुल जाते ह, साथ म अ भ
मता तो मज़बूत होती ही है ।

वेशभूष ा आ द क तैय ारी:


इं टर ू क तैय ारी म सबसे पहला यही आता है क उ ीदवार इं टर ू म ा पहने
और कस तरह क वेशभूषा से परहे ज करे? इसका सामा सा नयम यही है क एक
औपचा रक बैठ क के लये क जैस ी वेशभूषा होनी चा हये, वैस ी ही वेशभूषा इं टर ू
म अपे त होती है ।
इस प का अथ है क उ ीदवार इं टर ू म भावशाली का धनी दखे। उसक
वेशभूषा, हे य र ाइल, बैठ ने और चलने का तरीका आ द इसम शा मल ह।

पु ष उ ीदवार क वेशभूष ा


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यूप ीएससी के इं टर ू म पु ष उ ीदवार क वेशभूषा औपचा रक (Formal) होनी चा हये।
इसके लये बेह तर होगा क वे पूरी बाँह क औपचा रक (Formal) सी दखने वाली कमीज़
(Shirt) पहन और वैस ी ही औपचा रक (Formal) पट या ाउज़स को ाथ मकता द।
ान रख क वेशभूषा का औपचा रक होना अ ंत आव क है । उ ीदवार को कसी भी
त म ज स जैस ी अनौपचा रक (Casual) वेशभूषा से बचना चा हये। आधी बाँह क
कमीज़ भी ायः अनौपचा रक मानी जाती है , इस लये बेह तर होगा क उ ीदवार इस
तरह के कसी भी प रधान को धारण करने से बच।
कु छ उ ीदवार इं टर ू म कोट-पट, े ज़र या सूट पहनना पसंद करते ह। े ज़र का
वक काफ अ ा है क उसम एकदम अफसर जैस ा दखने लगता है । वह
सूट म औपचा रकता थोड़ी ादा होती है । व ुत ः सद के मौसम म होने वाले सा ा ार
म े ज़र, कोट या सूट पहना जा सकता है पर गम के मौसम म ऐसी वेशभूषा को धारण
करने से बचना ादा बेह तर वक होगा।
अगर कसी उ ीदवार को गम के मौसम म े ज़र या सूट पहनने क अ धक इ ा हो
तो उसे इस का उ र दे न े के लये तैय ार रहना चा हये क ‘आपने इतनी गम म सूट
पहना है ?’ हालाँ क यह ब त क ठन नह है और इसका आसान सा उ र यह हो
सकता है क "सर, यह एक समर कोट है । इसे पहनने से कोट वाली फॉमल फ ल ग तो
आती है पर इसम गम क सम ा नह है । "
जहाँ तक कपड़ के रंग का है , इस संब ंध म पु ष उ ीदवार के पास ब त अ धक
वक नह होते है । व ुत ः इं टर ू आ द क वेशभूषा का एक बु नयादी स ांत यह है क
कमीज़ और पट ( ाउज़स) के रंग कं ा हो अथात् दोन का रंग एक-दू स रे के वपरीत हो
क कं ा रंग को धारण करने से का आकषण उभरता है ।
औपचा रक वेशभूषा के स भ म ायः यह माना जाता है क कमीज़ का रंग ह ा होना
चा हये और ाउज़स का रंग गहरा। हालाँ क इसके वपरीत भी पहनावा रखा जा सकता है ,
(अथात् गहरे रंग क कमीज़ के साथ ह े रंग क ाउज़स) परंत ु वह अ धक च लत
वक नह है ।
आमतौर पर आसमानी, ह सले टी ( े), बादामी ( म) या सफे द रंग क कमीज़
इं टर ू के लये पहनी जाती ह। जहाँ तक पट का है , वह कमीज़ के रंग के कं ा म
होनी चा हये। उदाहरण के लये, अगर आसमानी रंग क कमीज़ है तो गहरे नीले रंग क
ाउज़स बेह तर होगी।
पु ष उ ीदवार को चा हये क वे कमीज़ के साथ टाई भी पहन। हदी मा म तथा
ामीण पृ भू म से परी ा दे न े वाले कई उ ीदवार क सम ा यह होती है क आदत न
होने के कारण वे टाई पहनने के नाम से ही असहज होने लगते ह। पर इस संब ंध म यह
समझना ज़ री है क इं टर ू बोड उ ीदवार से एक भावी अ धकारी वाले तेव र क
उ ीद करता है । टाई लगाते ही उ ीदवार का न सफ औपचा रक (Formal) हो
जाता है ब उसम आकषण भी बढ़ जाता है ।
अगर कोई उ ीदवार इस तक के आधार पर टाई नह लगाता है क वह इसम सहज नह है
तो ान रख क यह कोई भावकारी तक नह है । क इस संब ंध म इं टर ू बोड
उ ीदवार से यह कर सकता है क अगर आप एक टाई के साथ भी सहज नह हो पा
रहे ह तो हम आपसे यह उ ीद कै से कर क आईएएस बनने के बाद आप रोज़-रोज़ नई
चुन ौ तय का सामना सहजता से कर पाएं गे?

ँ ै ँ ई
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जहाँ तक कसी रा लोक सेव ा आयोग के इं टर ू का है , वहाँ टाई के बना इं टर ू
दे न ा ायः गलत नह माना जाता है , हालाँ क वहाँ भी बेह तर यही रहे ग ा क उ ीदवार
टाई लगाए। रही बात संघ लोक सेव ा आयोग क - तो यहाँ टाई नह लगाने पर उ ीदवार
के बारे म बोड क राय नकारा क हो जाने क पया संभावना रहती है ।
टाई चुन ते समय को शश करनी चा हये क उसका रंग कमीज़ के रंग के कं ा म हो
क तु वह ाउज़स के रंग से मलती-जुल ती भी न हो। उदाहरण के लये, अगर उ ीदवार
आसमानी रंग क कमीज़ और गहरे नीले रंग क ाउज़स पहनता है तो टाई का रंग गाढ़ा
मै न, जस पर गहरे नीले रंग क तरछी रेख ाएँ ह , बेह तर रहे ग ा। अगर सफे द रंग क
कमीज़ और डाक े रंग क ाउज़स ह तो गहरे नीले या गहरे मै न रंग क टाई जँच ेग ी।
सफ एक रंग क यानी े न टाई बुरी तो नह लगती, पर उसका भाव ब त अ ा नह
पड़ता। बेह तर होगा क टाई म एक बेस रंग हो तथा एक अ रंग का डज़ाइन अव हो।
कसी गहरे रंग के बेस पर कसी दू स रे रंग क तरछी रेख ाओ ं वाली टाई इं टर ू जैस ी
औपचा रक त के लए बेह तर मानी जाती है । तरछी रेख ाओ ं का डज़ाइन पसंद न आए
तो कोई दू स रा डज़ाइन (जैस े छोटे आकार का चैक ट) भी लया जा सकता है , क तु यह
ज़ री है क वह डज़ाइन व त कार का हो, न क बखरा आ और अ व त।
पु ष उ ीदवार क वेशभूषा म तीसरा प जूत का होता है । इस संब ंध म ादा वक
नह ह। यह लगभग अ नवाय माना जाता है क उ ीदवार काले रंग के चमड़े के जूत े
पहने। यहाँ इस बात पर वशेष गौर करने क आव ता है क जूत े फ सी क के नह
होने चा हये ब साधारण होने चा हये। फ ते बांध ने वाले परंप रागत क के जूत को
ही औपचा रक वेशभूषा का ह ा माना जाता है ।
जूत को अ े तरीके से पॉ लश करना न भूल । उनके साथ कसी एक ही रंग के मोजे
पहन, रंग - बरंग े नह । आमतौर पर सफे द, काले या े रंग के मोजे इं टर ू जैस े औपचा रक
मौक के लये उ चत माने जाते ह।
जूत को वेशभूषा का गौण प न समझ। यह सही है क आमतौर पर इं टर ू दे त े समय बोड
के सद क नगाह उ ीदवार के जूत पर नह जाती, क तु यह भी उतना ही सही है क
कु छ इं टर ू वशेष जूत पर ब त अ धक ान दे त े ह। ऐसे लोग क राय म के
क काफ हद तक पहचान इसी बात से हो जाती है क वह अपने जूत के रख-
रखाव को ले कर कतना सचेत है ।

म हला उ ीदवार क वेशभूष ा

म हला उ ीदवार को सबसे पहले तय कर ले ना चा हये क वे साड़ी पहनने को वरीयता


दगी या सूट को? हालाँ क बेह तर यही रहे ग ा क वे साड़ी पहनने का वक चुन । यह तक
दे न ा एकदम गलत होगा क मुझे साड़ी पहनने का अ ास नह है । ऐसी सफाई पर इं टर ू
बोड क वही त या होगी जो कसी पु ष उ ीदवार के यह कहने पर होती है क उसे
टाई पहनने का अ ास नह है ।
अगर कोई म हला उ ीदवार कसी रा लोक सेव ा आयोग का इं टर ू दे रही है तो वह
एक बार सूट के वक पर वचार कर सकती है , हालाँ क वहाँ भी बेह तर यही रहे ग ा क
वह साड़ी पहने।


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संघ लोक सेव ा आयोग के इं टर ू म तो यह अपे ा क ही जाती है क म हला उ ीदवार
साड़ी जैस ी औपचा रक वेशभूषा म ही उप त ह । इसके बाद भी अगर कोई म हला
उ ीदवार सूट के वक को ही चुन े तो उसे इतना ान रखना चा हये क सूट का रंग
और डज़ाइन औपचा रक या फॉमल हो। फ सी क का सूट पहनकर कसी भी तम
इं टर ू दे न े न जाएँ ।
अगर कोई म हला उ ीदवार कमीज़ और ाउज़स पहनकर इं टर ू दे न ा चाहे तो यह
वक भी बुरा नह है । कसी दे श लोक सेव ा आयोग के इं टर ू म यह योग शायद
अटपटा सा लगे, क तु संघ लोक सेव ा आयोग के इं टर ू म ऐसा योग कया जा सकता
है । फर भी, अगर साड़ी और अ वक क तुल ना करनी हो तो इं टर ू बोड के सद
पर सकारा क भाव डालने क से साड़ी का वक अ धक बेह तर रहे ग ा।
जहाँ तक साड़ी के रंग और डज़ाइन का है , तो इस संब ंध म सामा नयम सफ
इतना है क वेशभूषा औपचा रक बनी रहे । साड़ी का रंग चटक ला न हो, उसम ादा रंग
क उप त न हो।
आमतौर पर, साड़ी का रंग गहरा नीला, गहरा हरा, ह ा गुल ाबी, बादामी, मै न या
काला होना चा हये और उसम कं ा करता आ एक पतला सा बोडर होना चा हये।
इसके अलावा, साड़ी के बीच-बीच म कोई व त सा डज़ाइन (जैस े कह -कह कु छ
रेख ाएँ , चैक या कोई तीका क आकृ त) रहे तो बेह तर दखेग ा, पर यह डज़ाइन ब त
भारी या लाउड क का नह होना चा हये।
अगर उ ीदवार का शारी रक गठन कमज़ोर है तो उसे सूत ी यानी कॉटन क साड़ी
पहननी चा हये और अगर शारी रक गठन कु छ भारी है तो रेशम यानी स क साड़ी
बेह तर होगी। इसका कारण यह है क जहाँ कॉटन के कपड़े कु छ फू ले ए से नज़र आते ह,
वह स के कपड़े अ त र ान नह घेरते। जन उ ीदवार का दै हक गठन
सामा है , वे अपनी च से कोई भी वक चुन सकती ह।
अगर इं टर ू ठं डे मौसम म हो रहा है तो बेह तर होगा क म हला उ ीदवार साड़ी पर े ज़र
भी पहन। े ज़र पहनने से एकदम अफसर जैस ा लगने लगता है । े ज़र साड़ी
के रंग से कं ा म होना चा हये। आमतौर पर काला या नेव ी ू े ज़र ही उपयु रहता
है ।
सामा तः म हला उ ीदवार से अपे ा क जाती है क वे फॉमल से नज़र आने वाले
सडल पहन जनम कोई फ सी टच न हो। बेह तर होगा क सडल काले , भूरे या म रंग के
ह । अगर वे चाह तो साड़ी या शट-पट के साथ फॉमल जूत े भी पहन सकती ह, पर उनके जूत े
फ ते वाले नह , खुले ह तो अ ा रहे ग ा।
इं टर ू म कसी भी तरह का पस ले कर नह जाना चा हये। अगर माल जैस ी एकाध चीज़
साथ ले जाना ज़ री लगे तो उसे हाथ म ही ले जाएँ । बेह तर यही होगा क उससे भी परहे ज़
कर।

म हला तथा पु ष दोन उ ीदवार क वेशभूष ा से जुड़े कु छ अ सुझ ाव:


अगर उ ीदवार ने अपने हाथ म कोई अंग ूठ ी इ ा द पहन रखी है तो इस पर कु छ गंभीर
पूछे जा सकते ह। अगर अंग ूठ ी का संब ंध सगाई या शादी से है तो कोई सम ा नह है ,
क तु अगर उसके पीछे ो तष या न व ान जैस ा कोई आधार है तो सम ा हो सकती
है ।
इस सम ा से बचने के लये उ ीदवार के पास दो ही वक ह- या तो वह ऐसी चीज़
पहनकर न जाए, या फर उनसे संब ं धत के उ र दे न े के लये तैय ार रहे ।
ै ँ
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इं टर ू म उ ीदवार का हे य र ाइल भी मायने रखता है । जहाँ तक पु ष उ ीदवार का
सवाल है , उनसे इतनी ही अपे ा है क उनके बाल छोटे व व त ह । ब त लं बे बाल
रखने वाले य को ायः शास नक सेव ाओ ं के संद भ म स ान क से नह
दे ख ा जाता।
म हला उ ीदवार के पास दोन वक ह। वे लं बे बाल भी रख सकती ह और छोटे भी,
पर दोन ही तय म हे य र ाइल व त तथा औपचा रक होना चा हये। अगर लं बे
बाल ह तो खुले बाल के साथ इं टर ू दे न ा अ ा नह माना जाता।
कु छ उ ीदवार के लये, जनक आयु अमूमन 30 वष से ादा होती है , उनके लये एक
और सुझाव है । अगर उनके कु छ बाल सफे द हो गए ह और वे नज़र आते ह तो बेह तर होगा
क इं टर ू से पहले वे उन पर हे य र कलर या मेहं द ी जैस ा कु छ उपाय कर ल।
अगर उ ीदवार बूढ़ ा दखता है तो ाभा वक तौर पर बोड के सद के मन म उसके
त अ ा भाव उ नह होगा। जसका कारण यह है क कसी वृ उ ीदवार को
चय नत करने क अपे ा बोड ारा कसी नए उ ीदवार को चय नत करने पर अ धक
बल दया जाता ह।
अगर उ ीदवार नज़र का च ा लगाते ह, उ इस बात पर ान दे न ा चा हये क च ा
उनके चेह रे का स दय बढ़ाता हो, न क उस पर हावी होता हो। आमतौर पर ब त बड़े े म
के च े चेह रे को ढक दे त े ह जनसे बचना चा हये।
अगर आप च ा नह पहनते ह और आपक आँख कु छ धँस ी ई सी ह या उनके नीचे काले
घेरे बने ए ह तो इं टर ू म उ छपाने के लये ज़ीरो नंब र का रमलै स े म पहन ले ना
उ चत होगा।
इस प को समझने तथा अपने को इं टर ू के अनुकू ल बनाने म ब त अ धक
समय और ऊजा य करने क आव कता नह होती, अतः इसे मु परी ा के प रणाम
के बाद के समय के लये छोड़ दे न ा बेह तर होता है ।

इं टर ू से जुड़े अ पहलू

इं टर ू बोड क संरचना:
इं टर ू से पूव उ ीदवार को यह जानना ज़ री है क इं टर ू बोड म कतने सद होते ह
और उनक ा भू मका होती है ?
संघ लोक सेव ा आयोग क सामा नी त है क इं टर ू बोड म पाँच सद होने चा हये।
अगर कोई उ ीदवार कसी भारतीय भाषा ( हदी या कसी अ भाषा) के मा म से
इं टर ू दे त ा है तो उसके बोड म पाँच सद के अलावा एक (दु भा षया या
इं टर ेट र) भी उप त होता है जसका काय अनुव ाद संब ंध ी सम ाओ ं को सुल झाना
होता है ।
ेक बोड म एक अ और चार सद होते ह । अ के तौर पर वही हो सकता
है जो संघ लोक सेव ा आयोग का सद ह।
इं टर ू बोड म अ के अलावा जो चार सद होते ह, उनम से ायः दो से तीन
नौकरशाही के ही ऊँ चे र के अ धकारी होते ह। आमतौर पर संय ु स चव या उससे
वर र के अ धका रय को इस भू मका के लये आमं त कया जाता है ।
बोड म कम से कम एक सद अकाद मक जगत से संब ं धत होता है । इस काय के लये
ायः कसी व व ालय के उपकु लप त या ोफे सर र के को आमं त कया
जाता है ।
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आयोग क को शश रहती है क इं टर ू ले ने वाले पाँच सद म कम से कम एक म हला
सद अव शा मल हो, हालाँ क यह कोई लौह- नयम नह है । तथा प उ ीदवार को
इस बात के लये तैय ार रहना चा हये क बोड म कम से कम एक म हला सद भी
उप त होगी।

इं टर ूक म वेश कै से कर?

उ ीदवार का इं टर ू आयोग के एक बंद कमरे म इं टर ू बोड के सद के सम होता


ह। कु छ कमरे ऐसे ह जनम वेश करते ही सामने आपको बोड के सभी सद बैठे ए
नज़र आते ह जब क कु छ कमरे काफ बड़े आकार के ह जनम कु छ कदम चलने के बाद
मुड़ ने पर बोड के सद दखाई पड़ते ह।
जैस े ही आपको बुल ाए जाने के लये घंट ी बजेग ी, आयोग का कमचारी यं ही आपके
लये दरवाज़ा खोल दे ग ा। जैस े ही आपके लये दरवाज़ा खोला जाएगा, वह से आपक
परी ा शु हो जाएगी।
इं टर ू क पहली चुन ौती यह है क बोड के सद का अ भवादन कै से कया जाए?
अ भवादन ठीक उस बदु पर कया जाना चा हये जहाँ से पहली बार बोड सद के साथ
आपक नज़र मलती ह। अगर दरवाज़ा खुल ते ही वे लोग सामने बैठे ए दख तो आपको
वेश करने के साथ ही अ भवादन करना चा हये। य द थोड़ा चलकर मुड़ ने के बाद वे
आपको नज़र आएँ तो मोड़ पर प ँ च कर (यानी उनके सामने प ँ च कर) आपको अ भवादन
करना चा हये।
अगर आपको लगे क बोड के अ का ान आपक ओर नह है या सभी सद आपस
म बातचीत म मशगूल ह तो सबसे पहले आपको पूछ ना चा हये क " ा म आ सकता ँ ,
सर/मैड म" ? यह वा हदी म ही बोला जाए, ऐसी कोई बा ता नह है । अगर आप अं ेज़ ी
म सहज ह तो ‘मे आई कम इन, सर/मैड म’ भी कह सकते ह। आमतौर पर बोड के सद
ब त सुल झे ए होते ह और ऐसी छोटी-मोटी बात को तव ो नह दे त े।
जैस े ही आप भीतर आने क अनुम त मांग गे, वैस े ही अ या कोई न कोई सद आपको
अनुम त दे दगे। अनुम त मलते ही आपको अ भवादन करना चा हये। अ भवादन के लये
‘नम ार’, ‘गुड मॉ नग’, ‘गुड आ रनून ’ म से कु छ भी बोल सकते ह, पर ु यहाँ कसी
भी कार क नाटक यता से बचना चा हये।
सभी सद को बारी-बारी नम ार करने क बजाए सफ एक बार अ क तरफ
ह ा सा सर झुक ाकर नम ार कर दे न ा काफ होता है । नम ार के लए हाथ न
जोड़ क उससे अ त औपचा रकता या चापलू सी का भाव नज़र आता है । अगर आपने
ठाना आ है क सभी सद को नम ार करना ही है तो ादा से ादा दो बार
नम ार कह द- एक बार बा ओर के सद को दे ख ते ए और एक बार दा ओर के
सद को दे ख ते ए।
कु छ लोग ारा यह भी कहा जाता ह क अगर बोड म कोई म हला सद उप त हो तो
उ अलग से अ भवादन कया जाना चा हये। यह बात गलत नह है पर इसे ब त ादा
मह नह दे न ा चा हये। सहजता से ऐसा कर पाएँ तो ठीक है , पर भूल जाएँ तो तनाव न ल।
इसका बोड के सद पर कोई वशेष फक नह पड़ता।
ऐसा भी हो सकता है क जैस े ही आप बोड के सम प ँ च , आपके अनुम त मांग ने से पहले
ही वे आपसे भीतर आने के लए कह द। ऐसा हो तो घबराएँ नह । वे कसी सा जश के तहत
ऐसा नह करते ह, वरन् सामा भाव से करते ह। ऐसी त म आपको बातचीत क
शु आत अ भवादन से करनी चा हये।
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जैस े ही आप अ भवादन करगे, वे आपको जवाब दे न े के बाद बैठ ने के लये कहगे। ऐसा
होते ही आपको ‘ध वाद सर/मैड म’ कहकर बैठ जाना चा हये। ‘सर’ और ‘मैड म’ म से कस
संब ोधन का योग करना है , इसका फै सला अ के अनुस ार या उस सद के अनुस ार
करना चा हये जसने आपसे बैठ ने के लये कहा है ।
कभी-कभी ऐसा होता है क बोड सद आपके अ भवादन का जवाब दे न े के बाद भी
आपको बैठ ने के लये न कह। अगर ऐसा हो तो भी आप घबराएँ नह । मानकर चल क यह
भी कसी सा जश के तहत नह ब भूल वश आ होगा। कु छ दे र शां त से वह खड़े रह।
बोड के सद आपको खड़ा आ दे ख कर खुद ही बैठ ने को कह दगे। अगर उनका ान
आपक ओर न जाए तो आपको यं उनसे पुन ः नवेद न कर ले ना चा हये।

बैठ ने का सही तरीका:


इं टर ू क म वेश करते ही बोड के सद उ ीदवार से बैठ ने का नवेद न करते ह।
उनक मेज़ के सामने उ ीदवार के लये एक कु स रखी होती है । कई उ ीदवार सोचते
ह क उ कु स को आगे-पीछे नह करना चा हये क ऐसा करने पर अवांछ नीय शोर
होता है । इस भय के कारण वे कु स पर बैठ तो जाते ह क तु सहज नह हो पाते।
इस संब ंध म ान रखने क बात यह है क अगर उ ीदवार सहज होकर बैठे गा ही नह
तो वह अगले आधे घंटे तक ठीक से बात कै से करेग ा? उसके मन म कह न कह यह
तनाव बना रहे ग ा क वह सु वधाजनक तरीके से नह बैठ ा है । इसी तनाव म उसका
न ादन कमज़ोर हो जाएगा और कु ल मलाकर एक छोटे से भय के कारण उसक
संभा वत सफलता भी खतरे म पड़ जाएगी।
इसका समाधान यह है क बैठ ते समय अपनी सहजता को सवा धक मह द। अगर
आपक कु स सद क मेज़ से ब त दू र या अ ंत नज़दीक रखी है तो उसे आगे या पीछे
करने म ब ु ल भी संक ोच न कर। को शश करनी चा हये क यह या दो-तीन
सेक से ादा लं बी न हो।

इं टर ू क शु आत:
इं टर ू क शु आत बोड अ ारा क जाती है । सामा परंप रा यह है क अ
महोदय उ ीदवार का प रचय शेष सद से करवाते ह। वह उसके बायोडाटा क कु छ
मह पूण बात पढ़कर सुन ाते ह ता क शेष सद यह तय कर सक क वे उ ीदवार से
कस संद भ म पूछ गे।
यहाँ यह ान रखना ज़ री है क सभी सद के पास उ ीदवार ारा मु परी ा के
फॉम म दी गई जानका रय का सं रकॉड होता है और वे उसके आधार पर उससे कोई
भी पूछ सकते ह।
अ महोदय शु आत म आमतौर पर बायोडाटा से जुड़े बु नयादी पूछ ते ह। उनका
पहला दा य यही होता है क वे उ ीदवार का तनाव कम करके उसे सहज त म ले
आएँ । उ ीदवार को वशेष प से को शश करनी चा हये क वह बोड अ के का
जवाब उ ृ ता के साथ दे ।
अपनी बात पूरी कर ले ने के बाद बोड अ अपने नकट बैठे सद से नवेद न करते ह
क वे उ ीदवार से पूछ ।

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आपका इं टर ू कतना दे र चले गा इसका संब ंध इस बात से है क आप माहौल को
कतना रोचक बना पा रहे ह? यह ज़ री तो नह है ले कन आमतौर पर इं टर ू लं बा चलने
और अ धक अंक आने म सहसंब ंध दे ख ा जाता है ।

इं टर ू के दौरान होने वाली सामा बात:

यहाँ हम एक सवाल पर वचार करना चा हये जसे ले कर ब त से उ ीदवार संशय म


रहते ह। यह है क जस समय कोई सद उ ीदवार से बातचीत कर रहा होता है ,
उस समय उ ीदवार को सफ उसी से बातचीत करनी चा हये या बोड के बाक सद
को भी बातचीत म शा मल करना चा हये?
कु छ लोग के अनुस ार, उ ीदवार को सभी बोड सद से बातचीत करनी चा हये। इसके
लये उसे जवाब दे त े समय शेष सद को भी दे ख ते रहना चा हये ता क वे उसके इं टर ू
मइ ॉ (Involve) हो सक । कु छ वशेष इस शैल ी को ‘साइम े नयस आई कॉ े ’
(Simultaneous Eye Contact) कहते ह। उनका तक है क अगर उ ीदवार कसी एक
सद से ही बातचीत करता रहे ग ा तो बाक सद उसके इं टर ू म इ ॉ नह ह गे
और अंक के र पर उसे इसका नुक सान झेल ना पड़े ग ा।
सच कह तो यह एक ां त है । सही बात यह है क उ ीदवार को सफ और सफ उसी
सद से बात करनी चा हये जसने उससे पूछ ा है । इस सलाह के पीछे दो कारण ह।
पहला यह क जब उ ीदवार कसी सद से बातचीत करते ए बीच-बीच म दाएँ -बाएँ
दे ख ता है तो उस सद को अपना अपमान महसूस होता है । साथ ही उसे यह भी लग
सकता है क उ ीदवार म आ व ास या सहजता क कमी है ।
दू स रा यह है क बाक सद भी उ ीदवार के ऐसे यास से खुश होने क बजाय नाराज़
हो सकते ह। जब उ ीदवार कसी वशेष सद से बात कर रहा होता है तो शेष सद
न त होकर उसे दे ख ते ह और उसके जवाब का मू ांक न करते ह। कभी-कभी वे आपस
म बातचीत भी करते ह और ज़ रत होने पर अपना कोई गत काय भी (जैस े फोन पर
मैस ेज पढ़ना, चाय पीना इ ा द) करते ह। अगर इस समय उ ीदवार उनक ओर दे ख ने
लगता है तो वे दबाव म आ जाते ह। उ इं टर ू क ग रमा बनाए रखने के लए सजग
होकर उ ीदवार क ओर दे ख ते रहना पड़ता है और उनक सहजता ख हो जाती है ।
सहजता ख होने से उनका तनाव बढ़ता है और उ ीदवार के त नाराज़गी का भाव
पैद ा होता है । इस लये बेह तर यही है क उ ीदवार उनक सहजता म दखल न दे और
सफ उसी सद क ओर मुख ा तब रहे जो उससे पूछ रहा है ।
कभी-कभी ऐसा होता है क जब उ ीदवार कसी सद के का उ र दे रहा होता है ,
तभी कोई दू स रा सद या अ यं उ ीदवार को टोक दे त ा है । यह भी हो सकता है
क एक सद पूछे और दू स रा सद उस से जुड़ ी एक बात और पूछ ले । यहाँ
यह है क ऐसी त म उ ीदवार को ा करना चा हये?
ऐसी त को संभालना चुन ौतीपूण होता है ले कन कु छ सामा स ांत के आधार पर
इसे सुल झाया जा सकता है । पहली बात यह है क अगर बोड का अ बीच म दखल दे तो
उ ीदवार क ाथ मक ज़ ेद ारी उसी के त बनती है । उसे पहले बोड अ के
का उ र दे न ा चा हये और फर वापस उस सद क ओर लौटना चा हये जसने मूल
पूछ ा था।

ै ौ
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वैस े, बोड के अ आमतौर पर खुद ही इस बात का ान रखते ह। अगर उ ने कसी
सद के म कोई अपनी ओर से जोड़ा है या उ ीदवार के उ र पर कोई
त कया है तो उ ीदवार ारा उ र शु करते ही वे खुद इशारा कर दे त े ह क आप
इन सद को ही जवाब द। ऐसा नदश मलने पर उ त उ ीदवार के लये अ धक
सहज हो जाती है ।
दू स रा स ांत यह है क अगर एक सद से बात करते ए कसी दू स रे सद ने टोका है
तो टोकने वाले सद क बात को उसी क ओर दे ख ते ए ान से सुन ा जाना चा हये।
क तु, उ र दे त े समय उ ीदवार को पहले उसी सद को संत ु करना चा हये जसने
क शु आत क थी क ऐसा न होने पर उस सद को अपना अपमान महसूस हो
सकता है ।
अगर टोकने वाले सद का काफ लं बा हो या उसे दे ख कर ऐसा लगे क वह
उ ीदवार से अपे ा कर रहा है क वह उसे ही संब ो धत करते ए उ र दे तो उ ीदवार को
चा हये क उससे वन तापूव क अनुम त मांग कर मूल पूछ ने वाले सद क ओर
मुख ा तब हो जाए।

इं टर ूक से बाहर नकलना:

आमतौर पर, सभी सद ारा पूछे जाने के बाद बोड अ पुन ः 2-3 पूछ ते ह
और उसके बाद इं टर ू के समापन क घोषणा करते ह।
चूँ क यह इं टर ू बोड के साथ संव ाद क अं तम कड़ी है , इस लये को शश करनी चा हये
क इस बदु पर कोई चूक न हो।
ान रख क इं टर ू के शु आती मनट म ई गल तयाँ वशेष नुक सान नह करत
क मू ांक न के समय तक सद उ भूल चुके होते ह, क तु इं टर ू के अंत म होने
वाली गल तयाँ अ मानी जाती ह क ठीक उसी समय इं टर ू का मू ांक न
कया जाता है और वे गल तयाँ सद को याद रहती ह।
जैस े ही बोड अ जाने के लये कह, वैस े ही उ ीदवार को सभी सद को ध वाद
कहना चा हये।
सभी को अलग-अलग ध वाद कहना अ ंत कृ म होता है , इस लये एक ही अ भ
म सभी सद को ध वाद कहना चा हये। इसके लये "आप सभी का ध वाद सर" या
"थ टू ऑल ऑफ यू सर" कहते ए गदन वन ता के साथ थोड़ी ब त झुक ा ल तो
बेह तर होगा।
इसके बाद कु स से उठकर उसे वापस उसी त म रख दे न ा चा हये जैस ी वह उ ीदवार
को मली थी।
इसके बाद क या पर अलग-अलग वशेष के अपने-अपने मत ह। कु छ का मानना
है क इसके बाद उ ीदवार को सीधे इं टर ू क से बाहर नकल जाना चा हये जब क
कु छ के अनुस ार उसे इं टर ू क से बाहर नकलते समय पुन ः एक बार बोड के सद
का अ भवादन करना चा हये।
इस बदु पर कये जाने वाले अ भवादन क भाषा "गुड डे सर" या "ध वाद सर" हो
सकती है ।
यह अ भवादन ठीक उस ान से कया जाना चा हये जसके बाद उ ीदवार को बोड के
सद दखने बंद हो जाए।
को शश करनी चा हये क उ ीदवार कु स से उठकर इं टर ू क के दरवाज़े तक इस
तरह चले क बोड सद को उसक पीठ नज़र न आए।

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