Professional Documents
Culture Documents
मैं सामवेद के गीतों में बृहत्साम हूँ और छन्दों में गायत्री हूँ | समस्त महीनों में मैं मार्गशीर्ष (अगहन)
तथा समस्त ऋतुओं में फू ल खिलने वाली वसन्त ऋतु हूँ |
Worship of sarasvati
दंडकारण्य का वह क्षेत्र इन दिनों गुजरात और मध्य प्रदेश में फै ला है। गुजरात के डांग जिले में वह
स्थान है जहां शबरी मां का आश्रम था। वसंत पंचमी के दिन ही रामचंद्र जी वहां आये थे। उस क्षेत्र के
वनवासी आज भी एक शिला को पूजते हैं, जिसके बारे में उनकी श्रध्दा है कि श्रीराम आकर यहीं
बैठे थे। वहां शबरी माता का मंदिर भी है।