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शासन व्यवस्था में शुचिता


चवषय सूिी

1. शासन व्यवस्था में शुचिता (Probity in Governance) _____________________________________________ 251

1.1. शासन में शुचिता का महत्व _________________________________________________________________ 251

1.2. शुचिता के चसद्ाांत (Principles of Probity) ____________________________________________________ 252

1.3. शासन व्यवस्था में शुचिता की ाअवश्यकता: भ्रष्टािार के खतरे __________________________________________ 254

1.4. शासन व्यवस्था में शुचिता सुचनचित करने के चिए ाअवश्यक ाईपाय ______________________________________ 256

1.5 शासन व्यवस्था में शुचिता में सुधार हेतु ाऄन्य सुझाव_________________________________________________ 264

1.6. चनष्कषष (Conclusion) ___________________________________________________________________ 266

2. िोक सेवा की ाऄवधारणा (Concept of Public Service) ___________________________________________ 267

2.1. सेवा की सावषजचनकता का मापन (Measuring Publicness of a Service) _____________________________ 267

2.2. िोक सेवा हेतु मागषदशषक चसद्ाांत (Principles Guiding Public Service) ______________________________ 268

2.3. चनष्कषष (Conclusion) ___________________________________________________________________ 269

3. चवगत वषों में सांघ िोक सेवा ाअयोग द्वारा पूछे गए प्रश्न (Past Year UPSC Questions) ______________________ 269

4. चवगत वषों में Vision IAS GS मेंस टेस्ट सीरीज में पूछे गए प्रश्न (Vision IAS Test Series
Questions)_____________________________________________________________________________ 270
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5. चवगत वषों में सांघ िोक सेवा ाअयोग द्वारा पूछे गए प्रश्न: के स स्टडीज (UPSC: Case Studies) __________________ 272
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6. चवगत वषों में Vision IAS GS मेंस टेस्ट सीरीज में पूछे गए प्रश्न: के स स्टडीज (Vision IAS
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Test Series Questions: Case Studies) ______________________________________________________ 274


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"यदद हम भारत को भ्रष्टािार मु‍त नह नना सकते, तो देश को 2020 तक चवकचसत ननाने की

पररकल्पना एक स्वप्न ही रह जाएगी ” - डा. ए. पी. जे. ाऄब्दुि किाम

1. शासन व्यवस्था में शुचिता (Probity in Governance)


प्रोचनटी (शुचिता) शब्द का ाईद्भव िैरटन शब्द ‘प्रोचनटास’ (probitas) से हुाअ है, चजसका ाऄथष होता है
‘ाऄच्छा’ यह सुदढ़ृ नैचतक चसद्ाांतों को धारण करने एवां ाईनका दृढ़तापूवषक ाऄनुपािन करने का एक चवचशष्ट
गुण है ाआसके ाऄांतगषत ाइमानदारी (honesty), सत्यचनष्ठा (integrity), न्याय-चनष्ठा (uprightness),
पारदर्शशता (transparency) और सच्चररत्रता (incorruptibility) जैसे चसद्ाांत सचममचित हैं वस्तुताः
शुचिता (प्रोचनटी) स्थायी सत्यचनष्ठा है ाआसे सामान्य प प से सच्चररत्र माना जाता है

नोट: ाआस ाऄध्याय में हमने UPSC-CSM चसिेनस एवां CSM के चवगत वषों के प्रश्नों को ध्यान में रखते
हुए Probity के चिए “शुचिता” शब्द का प्रयोग दकया है हािाांदक UPSC-CSM चसिेनस एवां CSM
2014 {प्रश्न सांख्या 2 (b)} में ाआसके चिए क्रमशाः “ाइमानदारी” एवां “सत्यचनष्ठा” जैसे शब्दों का प्रयोग हुाअ
है

शासन व्यवस्था में शुचिता वस्तुताः सरकार के चवचभन्न ाऄांगों के औचित्य और िररत्र से सांनचां धत है दक ‍या
ाआनमें प्रदक्रयागत न्याय-चनष्ठा का पािन दकया जाता है, भिे ही ाआन सांस्थानों में व्यचक कायष करते हों ाआसके
तहत नैचतक और पारदशी दृचष्टकोण को ाऄपनाया जाता है तथा शासन प्रदक्रया की सूक्ष्म जाांि की ाऄनुमचत
प्रदान की जाती है शुचिता (प्रोचनटी) से ाअशय मात्र नेाइमान ननने से चवरत रहना ही नह है ‍योंदक ाआसका
चनधाषरण व्यचकगत और सामाचजक मूल्यों जैसी ाऄमूतष पहिुओं के माध्यम से दकया जाता है िोकतांत्र में
शुचिता (प्रोचनटी) वस्तुताः चवचध के समक्ष समानता के चसद्ाांत का पािन तथा नागररकों के प्रचत नेताओं के
ाऄचधकारों एवां कतषव्यों का सममान करती है
ाआसके चवपरीत, शुचिता (प्रोचनटी) एक सामाचजक ाऄपेक्षा है चजसकी माांग नागररकों द्वारा ाऄपने चनणषय-कताष
एवां राज्य के ाऄांग के प प में कायषकताषओं से की जाती है यह ाऄपेक्षा दकस सीमा तक पूरी की जाती है ाआसका
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चनणषय करने के चिए मानदांडों का चनधाषरण दकया जाता है तथा ाआनमें प्राय: तीन िीजें सचममचित होती हैं:
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“जवानदेही” (accountability), “पारदर्शशता” (transparency) और “ाऄनुदक्रयाशीिता”


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(responsiveness) साथ ही ाआसमें यह साझा चवश्वास भी सचममचित होता है दक ाआन मानदांडों को ाऄपनाने
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से भ्रष्टािार मुक एवां सक्षम शासन सांभव होगा हािााँदक के वि मानदांडों का चनधाषरण ाऄपने ाअप में, नैचतक
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व्यवहार को सुचनचित नह करता, ाआसके चिए सामाचजक जीवन में शुचिता (प्रोचनटी) और सत्यचनष्ठा की
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सुदढ़ृ सांस्कृ चत की ाअवश्यकता होती है नैचतक व्यवहार का सार के वि मानदांडों में चनचहत नह है, ाऄचपतु ाईसे
दक्रया प प में पररणत करने और ाईसके ाईल्िांघन के चवरुद् प्रचतनांधों का ाअदेश जारी करने में है

1.1. शासन में शु चिता का महत्व

(Importance of Probity in Governance)


 सवषप्रथम, यह प्रणािी (चसस्टम) ाऄथाषत् राज्य की वैधता को स्थाचपत करने में सहायता करती है यह
राज्य के सांस्थानों में भरोसा पैदा करती है और यह चवश्वास जगाती है दक राज्य के द्वारा दकए जाने वािे
कायष िाभार्शथयों के कल्याण के चिए होंगे
 ाआससे चववेकपूणष और नैचतक पररणाम प्राप्त होते हैं एवां समय के साथ चवश्वास का सृजन होता है
 यह ाईपेष्टतम (सन-ऑप्टीमि) पररणामों, भ्रष्टािार और कमजोर धारणाओं का पररहार करती है
 यह प्रदक्रया की चनष्पक्षता पर वस्तुचनष्ठ और स्वतांत्र दृचष्टकोण प्रदान करती है
 यह सरकार के चवचभन्न ाऄांगों, जैस-े न्यायाधीश, पुचिस तथा िोक चनमाषण चवभाग, स्वास््य एवां चशक्षा
ाआत्यादद जैसे िोक सेवा प्रदाताओं द्वारा शचक के दुरुपयोग एवां दुष्प्रयोग को रोकने में सहायता करती है
 यह कु शि एवां प्रभावी शासन प्रणािी तथा सामाचजक-ाअर्शथक चवकास के चिए ाऄचनवायष है

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‘शासन व्यवस्था में शुचिता’ के चवषय पर सांचवधान की कायषप्रणािी की समीक्षा करने के चिए राष्ट्रीय ाअयोग
(National Commission to Review the working of Constitution: NCRWC, 2002) द्वारा
प्रस्तुत ररपोटष के ाऄनुसार ‘शासन में शुचिता को सुचनचित करने हेतु भ्रष्टािार की ाऄनुपचस्थचत ाऄत्यांत
ाअवश्यक है सावषजचनक जीवन के प्रत्येक पहिू को प्रशाचसत करने वािे प्रभावी कानून, चनयम एवां
चवचनयमन ाआस हेतु ाऄन्य ाऄपेक्षाएां हैं तथा ाआससे भी ाऄचधक महत्वपूणष यह है दक ाईन कानूनों ाअदद का प्रभावी
और चनष्पक्ष कायाषन्वयन हो वस्तुताः कानून का ाईचित, चनष्पक्ष और प्रभावी प्रवतषन ाऄनुशासन का एक पहिू
है ाऄनुशासन में ाऄन्य नातों के साथ-साथ सावषजचनक एवां चनजी नैचतकता और ाइमानदारी की भावना
सचममचित है... यह सत्य है दक नागररकों के नीि ाऄनुशासन की भावना ाईत्पन्न करने का कायष सामान्यताः
समाज, ाआसके नेताओं, राजनीचतक दिों, िोकचप्रय व्यचकयों का है तथा ऐसे चवषय कम हैं चजन पर कानून
ननाया जा सके ’
दिर भी, NCRWC ने भ्रष्टािार की ाअशांका को चनयांचत्रत करने के चिए शासन व्यवस्था (चवशेष प प से
कानूनी और प्रदक्रयात्मक पहिुओं से सांनांचधत) में शुचिता को िागू करने हेतु सुझाव ददए हैं ाआस सांनांध में,
स्कैं चडनेचवयााइ ाऄथषशास्त्री-समाजशास्त्री, गु्न्नार चमडषि ने ाऄपनी पुस्तक 'एचशयन ड्रामा' में भारत की व्याख्या
एक ‘मृद ु समाज (सॉफ्ट सोसााआटी)’ के प प में की है यह ऐसा समाज है चजसमें:
 प्रगचत और चवकास के चिए ाअवश्यक कानूनों को ाऄचधचनयचमत करने हेतु ाआच्छाशचक का ाऄभाव
चवद्यमान है
 यहाां तक दक मौजूदा कानूनों के दक्रयान्वयन हेतु ाआच्छाशचक का ाऄभाव चवद्यमान है
 प्रशासन एवां शासन की सांरिनाओं सचहत शासन व्यवस्था में सभी स्तरों पर ाऄनुशासन का ाऄभाव है
प्रचसद् ाऄथषशास्त्री महनून-ाईि-हक़ के ाऄनुसार यद्यचप भ्रष्टािार सवषत्र चवद्यमान है तथाचप दचक्षण एचशया में
यह चिता का एक नड़ा कारण है ‍योंदक यहााँ यह शोषणकारी प प में चवद्यमान है तथा ाऄसहाय गरीन
नागररकों के शोषण पर ाअधाररत है
यद्यचप िोगों एवां और ाईनके प्रचतचनचधयों में नैचतकता की भावना ाईत्पन्न करना एक दीघषकाचिक प्रदक्रया है
चजस पर तत्काि ध्यान देने की ाअवश्यकता है, तथाचप शासन में शुचिता सुचनचित करने के चिए कु छ
चवधायी ाईपायों को ाऄत्यन्त तीव्रता से पररकचल्पत दकया जा सकता है ाआस प्रकार, शासन व्यवस्था में
शुचिता कु शि और प्रभावी शासन व्यवस्था और सामाचजक-ाअर्शथक चवकास के चिए ाऄचनवायष एवां एक
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महत्वपूणष ाअवश्यकता है
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1.2. शु चिता के चसद्ाां त (Principles of Probity)


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यद्यचप शुचिता से सांनांचधत मत और चसद्ाांत स्पष्ट एवां भिीभाांचत पररभाचषत हैं, तथाचप ाईन्हें कायाषचन्वत
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करने हेतु यथाथषपण


ू ष ाअकार प्रदान करने का ाईत्तरदाचयत्व सरकार का है ाआसचिए भिे ही शासन व्यवस्था में
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शुचिता ाऄपनाने हेतु ाइमानदारी (honesty) एवां वस्तुचनष्ठता (objectivity) के महत्व के चवषय में थोड़ी
ाऄसहमचत हो, ककतु जो िीज प्रामाचणकता एवां वस्तुचनष्ठता िाती है, और सनसे नढ़कर ाईन्हें प्रचतददन चनणषय
प्रदक्रया में ाऄमि में िाती है वह सरकार की ाआच्छाशचक, सांस्थाओं के साम्यष, और ाईन्हें ननाए रखने के चिए
चजममेदार िोगों पर चनभषर होती है दिर भी, शुचिता ाऄपनाने हेतु प्रस्तुत चसद्ाांतों की एक सामान्य सूिी
वाांचछत है ाआसमें सामान्यताः यूनााआटेड ककगडम के नोिन सचमचत द्वारा प्रस्तुत सावषजचनक जीवन के सात
चसद्ाांतों को सचममचित दकया जाता है, ये हैं: चन:स्वाथषता (selflessness), सत्यचनष्ठा (integrity),
वस्तुचनष्ठता (objectivity), जवानदेचहता (accountability), खुिापन (openness), ाइमानदारी
(honesty) और नेतृत्व (leadership) शुचिता (प्रोचनटी) के कु छ चसद्ाांतों पर नीिे ििाष की गाइ है:
I. चन:स्वाथषता: सावषजचनक (िोक) पद के धारकों को पूणषत: सावषजचनक चहत में चनणषय िेना िाचहए ाईन्हें
स्वयां ाऄपने, ाऄपने पररवार या ाऄपने चमत्रों के चिए दकसी भी प्रकार के चवत्तीय या ाऄन्य िाभ प्राप्त करने
के चिए कायष नह करना िाचहए
II. सत्यचनष्ठा: सावषजचनक पद के धारकों को स्वयां को नाहरी व्यचकयों या सांगठनों के प्रचत दकसी भी
चवत्तीय या ाऄन्य दाचयत्व से सांनद् नह करना िाचहए जो ाईन्हें ाईनके ाअचधकाररक कतषव्यों के चनवषहन में
प्रभाचवत कर सके

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III. वस्तुचनष्ठता: सावषजचनक चनयुचकयों, ठे का/ाऄनुनांध प्रदान करने के मामिों, या पाररतोचषक व िाभ के
चिए दकसी की ाऄनुशांसा करते समय सावषजचनक कायष के चनवषहन के दौरान सावषजचनक पद के धारकों
को योग्यता के ाअधार पर ियन करना िाचहए
IV. जवानदेचहता: सावषजचनक पद के धारकों को ाऄपने द्वारा चिए गए चनणषयों या कतषव्य के चनवषहन के
तरीकों के औचित्य की व्याख्या करने में सक्षम होना िाचहए तथा ाईन्हें ाऄपने पद से जुड़ी प्रत्येक जाांि के
चिए ाअगे ाअना िाचहए यह सावषजचनक पद के धारकों द्वारा की गयी कायषवाही के प्रचत ाईत्तरदाचयत्व
की भावना को व्यक करता है, साथ ही यह चिए गए चनणषयों के औचित्य ाऄथवा चजन तरीकों से
कायषवाही की गय हैं ाईनकी व्याख्या करने की नाध्यता को भी दशाषता है सरकार को यह सुचनचश्वत
करने के चिए कु शि और प्रभावी तांत्र स्थाचपत करना िाचहए दक कायषपाचिका को ाईसके ाअिरण और
चनणषयों हेतु चजममेदार ठहराया जाए
V. पारदर्शशता: ऐसी पररचस्थचतयों को छोड़कर चजनमें दक राष्ट्र की सुरक्षा के चिए गोपनीयता की
ाअवश्यकता होती है, प्रशासचनक मशीनरी के समुचित सांिािन हेतु यह ाऄचनवायष है दक प्रदक्रया
पारदशी हो, जससे दक सभी चहतधारकों का प्रणािी में भरोसा और चवश्वास हो
VI. खुिापन: सावषजचनक पद के धारकों को ाऄपने द्वारा चिए गए चनणषयों एवां कायषवाचहयों के चिए जहााँ तक
सांभव हो खुिापन ददखाना िाचहए ाईन्हें ाऄपने चनणषयों के चिए तकष देना िाचहए तथा सूिना को के वि
तभी प्रचतनांचधत करना िाचहए जन व्यापक सावषजचनक चहत स्पष्ट प प से ाआसकी माांग करें
VII. ाइमानदारी: सावषजचनक पद के धारकों का कतषव्य है दक वे ाऄपने सावषजचनक कतषव्यों से जुड़े दकसी भी
प्रकार के चनजी चहत की घोषणा करें तथा सावषजचनक चहतों की पूर्शत करने के मागष मे ाअने वािी
दकसी भी नाधा को दूर करने के चिए कदम ाईठाएां
VIII. गोपनीयता: िोक सेवकों द्वारा चनणषय िेने से सांनांचधत सभी मामिों में गोपनीयता ननाए रखना सभी
सावषजचनक ाऄचधकाररयों और चवशेषकर कानूनों, नीचतयों और कायषक्रमों के चनष्पादन के चिए
ाईत्तरदायी सावषजचनक ाऄचधकाररयों का कतषव्य है यह ाअिरण चनयमों के साथ ही चवत्तीय चनयमों
एवां कायषपाचिका के चनयमों में ाऄांतर्शनचहत है सांवेदनशीि जानकारी से सांनांचधत दकसी पररयोजना या
चवभाग में सचममचित सभी िोक सेवकों को रोजगार की एक शतष के प प में सूिनाओं की गोपनीयता
ननाये रखने के चिए सरकार को औपिाररक विन देना िाचहए पारदर्शशता और गोपनीयता के नीि
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सूक्ष्म सांति
ु न सभी चस्थचतयों में ननाए रखा जाना िाचहए गोपनीयता और पारदर्शशता को चनणषय
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का ाअधार नताते हुए ाआन पर प्रशासचनक न्याय की ाऄवधारणा को स्थाचपत दकया गया है ाईदाहरण
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के चिए नाढ़ प्रभाचवत चजिे में जहाां चवतरण के चिए के रोचसन की कमी है, वहाां ऐसे पररवार को
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ाऄचधक प्राथचमकता से के रोचसन की ाअपूर्शत करना पूणषतया वैध है चजसमें नच्चे स्कू ि जाते हैं ाआस
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प्रकार के चनणषयों को गोपनीय रखना पड़ता है, िेदकन चनणषय चिए जाने के नाद, चनणषय के ाअधारों
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को िोगों तक सांप्रेचषत करना ाऄचनवायष होता है


IX. चहतों के टकराव का प्रनांधन: चहतों का टकराव ऐसी चस्थचत है जन दकसी चनणषय के पररणामों से प्रत्यक्ष
या परोक्ष प प से िाभाचन्वत होने की सांभावना के कारण चनष्पक्ष और ाईचित चनणषय िेने की व्यचक की
क्षमता नाचधत हो सकती है प्रत्यक्ष या परोक्ष प प से दकसी मामिे में चहत धारण करना व्यचक को
चनष्पक्ष रहने या सांपूणष प प से वस्तुचनष्ठ और पक्षपात रचहत रहने में ाऄसमथष नना देता है ाआसचिए,
ाऄचधकाररयों को भावी मागषदशषन के चिए ाईच्च प्राचधकारी को ाऄपनी चस्थचत स्पष्ट कर देनी िाचहए िोक
सेवा में चहतों का टकराव तन ाईत्पन्न होता है जन सांनद् ाऄचधकाररयों द्वारा या तो स्वयां या दकसी ाऄन्य
के चिए ाऄनुचित िाभ प्राप्त करने हेतु प्राप्त सूिना का ाईपयोग करने या ाऄपने पद की चस्थचत का िाभ
ाईठाने का प्रयास दकया जाता है ाआस प्रकार के टकरावों के प्रनांधन के चिए ाईच्च सत्यचनष्ठा वािे
व्यचकत्वों एवां जनता के चहतों को सवोपरर ननाए रखने वािे सांस्थागत तांत्रों की ाअवश्यकता होती है
वतषमान में, भारत में ऐसे मामिे प्राय: तदथष ाअधार पर सांिाचित होते हैं
X. नेतत्ृ व: सावषजचनक पद धारकों को नेतृत्व द्वारा ाईपयुषक चसद्ाांतों का प्रिार और समथषन करना िाचहए
और ाऄन्य िोगों के चिए ाऄनुकरण हेतु ाईदाहरण प्रस्तुत करना िाचहए

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1.3. शासन व्यवस्था में शु चिता की ाअवश्यकता: भ्रष्टािार के खतरे

(Need for Probity in Governance: The Menace of Corruption) NCRWC के ाऄनुसार:


‘सावषजचनक जीवन में चनजी िाभ प्राप्त करने के चिए सावषजचनक सांसाधनों या पद का दुरुपयोग करना ही
भ्रष्टािार है जन िोक प्रशासकों पर चनयांत्रण कमजोर होता है और राजनीचतक, कायषपाचिका और
नौकरशाही के नीि शचकयों का चवभाजन ाऄस्पष्ट होता है तो भ्रष्टािार की सांभावनाएाँ नढ़ जाती हैं
राजनीचतक भ्रष्टािार जो कभी-कभी नौकरशाही तांत्र के भ्रष्टािार से ाऄचवभाज्य होता है, वह सत्तावादी
शासनों में ाऄचधक व्यापक होता है जहााँ सावषजचनक मत और प्रेस भ्रष्टािार की ाअिोिना करने में ाऄसमथष
होते हैं हािााँदक भारत का चवरोधाभास यह है दक सतकष प्रेस और सावषजचनक मत के नाद भी, भ्रष्टािार का
स्तर ाऄसामान्य प प से ाईच्च है ाआसके चिए ररश्वत िेने वािों के नीि ाऄत्यांत ाऄसांवेदनशीिता, शर्ममदगी के
ाऄभाव एवां सावषजचनक नैचतकता के दकसी भी भाव की ाऄनुपचस्थचत को चजममे दार ठहराया जा सकता है
वस्तुत: वे भ्रष्टािार एवां वेशमी के ाऄपने तमगे को समान चवश्वास और चनना दकसी ाऄपराधनोध के धारण
करते हैं ाअर्शथक एवां सामाचजक जीवन में राज्य के हस्तक्षेप के ाऄवसरों में वृचद् ने राजनीचतक और
नौकरशाही भ्रष्टािार के ाऄवसरों में ाऄत्यचधक वृचद् कर दी है, राजनीचत का स्वप प पेशव
े र हो जाने के नाद
से यह चवशेष प प से हुाअ है...
... भ्रष्टािार ाअज न के वि शासन की गुणवत्ता के समक्ष खतरा प्रस्तुत करता है ाऄचपतु यह हमारे समाज
और राज्य के मूिभूत ाअधारों को ही सांकटग्रस्त कर रहा है भ्रष्टािार रक्षा सांनांधी खरीदों, ाऄन्य खरीदों एवां
ाऄनुनांधों में राज्य की सुरक्षा को ही कमजोर करता है कु छ चवद्युत ाऄनुनांध कु छ राज्यों पर ाआस प्रकार का
चवत्तीय भार डाि रहे हैं दक ाईन राज्यों की चवत्तीय वहनीयता ही सांदहे ग्रस्त हो गाइ है ऐसा प्रतीत होता है
दक ाअतांकवाद, मादक द्रव्यों, तस्करी और राजनेताओं के नीि एक गठजोड़ चवद्यमान है, ाआस त्य पर वोहरा
सचमचत की ररपोटष में ाऄत्यचधक नि ददया गया था
भ्रष्टािार ाआसचिए ििता-िू िता है ‍योंदक भ्रष्टािार के मामिों पर प्रभावी प प से चवचधक कारषवााइ दकए
जाने के पयाषप्त प प से सिि ाईदाहरण चवद्यमान नह हैं मामिों का ाऄसांतोषजनक ढांग से सांस्थापन, ाअधे
ाऄधूरे मन से और ाऄपूणष जााँि और थकााउ व देर तक ििने वािी मुकदमेनाजी के पररणामस्वप प नैचतक प प
से ाऄनुपयु‍त िेदकन चवचधक प प से ाऄपररहायष दोषमुचक प्राप्त होती है ऐसे में एक ाऄनौपिाररक
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वास्तचवकता के प प में भ्रष्टािार की स्वीकायषता ने ऐसे ाऄनैचतक कृ त्य के प्रचत मौन सुिह और चनवृचत्त को
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जन्म ददया है
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हमारे नागररकों की सामाचजक िेतना को ाऄत्यचधक प्रेररत दकए जाने की ाअवश्यकता है चजसे न तो
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व्यचकगत जीवन में स्थान प्राप्त है न ही सामाचजक जीवन में यह सत्य है दक राज्य को चवचभन्न क्षेत्रों से
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पििन की वतषमान प्रदक्रया चजसमें ाआसने कभी भी प्रवेश नह दकया या चजनमें यह कु शितापूवषक प्रदशषन
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करने में सक्षम नह है, भ्रष्टािार की सांभावनाओं को कु छ सीमा तक कम कर सकती है, िेदकन भिे ही मुक
नाजार ाऄथषव्यवस्था की ओर पिाचयत हो जाएां, तन भी औद्योचगक गचतचवचध पर प्रचतनांधों से चभन्न
ाऄथषव्यवस्था का चवचनयमन होना िाचहए शासन व्यवस्था की ाअवश्यकताएां ाऄन खरीदों , ाऄनुनध
ां ों ाअदद
मामिों में युचकयुक हस्तक्षेप की माांग करती हैं ’
चद्वतीय प्रशासचनक सुधार ाअयोग (2nd ARC) ने ाऄपनी िौथी ररपोटष (शासन में नैचतकता) में भ्रष्टािार और
राजनीचत के ाऄपराधीकरण के नीि गठजोड़ की व्याख्या करते हुए भ्रष्टािार पर ाअगे सचवस्तार वणषन दकया
है िुनावी प्रदक्रया में ाऄपराचधयों की भागीदारी "भारतीय राजनीचतक व्यवस्था का कमज़ोर चनन्दु", कही
जाती है जो “कानूनों के खुिेाअम ाईल्िांघन, सेवाओं की चनम्नस्तरीय गुणवत्ता, राजनीचतक, समूह, वगष,
साांप्रदाचयक या जाचतगत ाअधार पर कानून तोड़ने वािों की सुरक्षा, ाऄपराधों की जाांि में पक्षपातमूिक
हस्तक्षेप, मामिों के चनम्नस्तरीय ाऄचभयोजन, काइ वषों तक ििने वािे ाऄचभयोग, न्याचयक प्रदक्रया की ाईच्ि
िागत, नड़ी सांख्या में मामिों को वापस िेना, ाऄचववेकपूणष प प से पैरोि प्रदान दकए जाने जैसी चस्थचतयााँ”
ाईत्पन्न करती है, चजन्हें भ्रष्टािार के सनसे महत्वपूणष कारणों के प प में सूिीनद् दकया जाता है

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ाअयोग ने पुचिस को सांभाचवत प्रचतद्वांदी के स्थान पर सहयोगी के प प में प पाांतररत होने की भी ििाष की है
और ाआसे “ाऄपराचधयों को राजनीचत में ाअकर्शषत करने वािी ाऄत्यांत सममोहक िुांनक” कहा है राजनीचतक
दिों को सांदर्शभत करते हुए ाअयोग ने ाआस ओर ध्यान ाअकर्शषत दकया है दक धननि और नाहुनि का ाईपयोग
करके वोटों को दकस प्रकार प्राप्त दकया जा सकता है और िुनाव पर ाऄचतशय मात्रा में दकए जाने वािे ाऄवैध
व ाऄनुचित व्यय की ओर सांकेत दकया है तथा ाआसे भ्रष्टािार का मूि कारण नताया है ाआस पृष्ठभूचम के
चवरुद्, ARC ने ऐसे ाऄपराधों का वगीकरण दकया है चजन्हें भ्रष्टािार चनवारण ाऄचधचनयम के ाऄांतगषत िाए
जाने की ाअवश्यकता है, ये चनम्नचिचखत हैं:
 पद की शपथ का जाननूझकर ाईल्िांघन के प प में होने वािा सांचवधान और िोकताांचत्रक सांस्थाओं का
घोर चवकृ चतकरण
 दकसी व्यचक का ाऄनुचित प प से पक्ष िेकर या व्यचक को क्षचत पहुाँिाकर प्राचधकार का दुरुपयोग
 न्याय में ाऄवरोध ाईत्पन्न करना
 सावषजचनक धन का ाऄपव्यय

भारत के सन्दभष में, ARC ने ऐसे तीन महत्वपूणष कारकों को सूिीनद् दकया है चजन्होंने पद के दुरुपयोग में
वृचद् की है:

 पहिा, यह एक औपचनवेचशक चवरासत है दक प्राचधकार प्राप्त व्यचक चनर्शवरोध प प से सत्ता का ाईपयोग


कर सकते हैं
 दूसरा, शचक के चवतरण में चवषमता व्याप्त है िगभग 90% िोग ाऄसांगरठत क्षेत्रक में कायष करते हैं
शेष कायषरत िोगों का दो चतहााइ सांगरठत क्षेत्र से जुड़े हैं चजन्हें रोजगार सुरक्षा एवां चनयचमत माचसक
वेतन प्राप्त होता है और जो या तो प्रत्यक्ष या परोक्ष प प से राज्य के कमषिारी हैं मोटे तौर पर िगभग
ये सभी कमषिारी ाऄचशचक्षत और ाऄद्षचशचक्षत समाज में ‘चशचक्षत’ हैं और यहााँ तक दक चनमनतर स्तर
वािे िोक सेवक भी देश के ाऄन्य िोगों की तुिना में नेहतर दशा में हैं यहााँ ाऄचधक ध्यान देने योग्य
नात यह है दक ाईनके सरकारी चनयोजन से ाईन्हें शचकयाां एवां प्राचधकार प्राप्त होते हैं यह शचक चवषमता
नैचतक व्यवहार का पािन करने हेतु सामाचजक दनाव को कम करती है और भ्रष्टािार में सांिन ह होना
सरि नना देती है
 ऐचतहाचसक और सिेतन चवकल्प के प प में, भारत सरकार ने स्वतांत्रता के नाद ाअरचमभक दशकों में
ऐसी नीचतयों का ियन दकया चजनके ाऄनपेचक्षत पररणामस्वप प नागररक राज्य की दया पर चनभषर हो
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गए ाऄत्यचधक चवचनयमन, ाअर्शथक गचतचवचधयों पर प्रचतनांध, राज्य एकाचधकारों पर चनभषरता एवां


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ाअवश्यक वस्तुओं की कमी ने भ्रष्टािार को प्रेररत दकया जो कािाांतर में जीवन शैिी का चहस्सा नन
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गया
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ाआसके ाऄचतररक, ARC के ाऄनुसार भ्रष्टािार ने व्यवस्था में ाआतनी गहरााइ तक पैठ नना िी है दक ाऄचधकतर
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िोग मानते हैं दक भ्रष्टािार ाऄपररहायष है और ाआससे सांघषष करना व्यथष है यह चनराशावाद ाआतनी तीव्र गचत
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से फ़ै ि रहा है दक ाआसने हमारी िोकताांचत्रक व्यवस्था को व्याचधग्रस्त नना ददया है चद्वतीय प्रशासचनक सुधार
ाअयोग के ाऄनुसार:
‘भ्रष्टािार और पद के दुरुपयोग से चनपटने के दो चवपरीत दृचष्टकोण हैं पहिा, मूल्यों और िररत्र पर
ाऄत्यचधक नि देता है काइ िोग मूल्यों में चगरावट और ाईसके ििस्वप प होने वािी भ्रष्टािार में वृचद् पर
दुख प्रकट करते हैं ाऄांतर्शनचहत धारणा यह है दक जन तक मूल्यों को पुनस्थाषचपत नह दकया जाता, तन तक
मनुष्यों के ाअिरण में सुधार िाने की ददशा में कु छ भी नह दकया जा सकता है दूसरा दृचष्टकोण, ाआस
चवश्वास पर ाअधाररत है दक ाऄचधकाांश मनुष्य मूि प प से सय य और सामाचजक प प से जागप क है, िेदकन
िोगों का एक छोटा सा ाऄनुपात सदैव चवद्यमान रहता है, जो व्यचकगत िक्ष्यों को पूरा करने के चिए समाज
कल्याण के मागष से सामांजस्य नह नैठा सकता है ऐसे पथभ्रष्ट िोगों में सावषजचनक कल्याण को दााँव पर
िगाकर चनजी िाभ प्राप्त करने की प्रवृचत्त पााइ जाती है और सांगरठत सरकार का ाई्ेश्य ऐसे चवपथगामी
व्यवहार को दचडिडत करना होता है यदद ाऄच्छे व्यवहार को चनरां तर पुरस्कृ त दकया जाता है और नुरे व्यवहार
को चनरांतर दचडिडत दकया जाता है, तो ाऄचधकाचधक िोगों द्वारा ाइमानदार एवां ाऄचवस्तृत मागष का पािन
दकया जाता है हािाांदक, यदद ाऄच्छे व्यवहार को पुरस्कार से वांचित दकया जाए और यह मागष करठनााआयों से

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भरा हो तथा नुरे व्यवहार को दचडिडत नह दकया जाए एवां ाआसके स्थान पर ाआसे पुरस्कृ त दकया जाए, तो
चनाःसांदहे ाऄचधकाांश िोगों में सममानजनक मागष से भटक जाने की प्रवृचत्त चवकचसत हो जाती है
वास्तचवक जगत में, मूल्यों और सांस्थाओं दोनों का महत्व होता है मागषदशषक तारे के प प में कायष करने के
चिए मूल्यों की ाअवश्यकता होती है और हमारे समाज में वे नहुतायत में चवद्यमान हैं सही और गित का
भाव हमारी सांस्कृ चत और सय यता में ाऄांतर्शनचहत है परन्तु ाआन मूल्यों के स्थाचयत्व हेतु और ाआन्हें ाऄन्य िोगों के
समक्ष ाईदाहरण के प प में प्रस्तुत करने हेतु ाआन मूल्यों को सांस्थाओं द्वारा सांरचक्षत एवां स्वीकृ त दकये जाने की
ाअवश्यकता है सांस्थागत समथषन के ाऄभाव में मूल्य शी्र ही चननषि एवां समाप्त हो जाएांगे सांस्थान ऐसा पात्र
प्रदान करते हैं जो मूल्यों को ाअकार और ाऄांतवषस्तु प्रदान करता है यह सभी प्रकार की शासन किा एवां
कानूनों तथा सांस्थानों का ाअधार है यद्यचप प्रोत्साहन और सांस्थान सभी िोगों के चिए महत्वपूणष होते हैं,
परन्तु ये चनणषय िेने एवां मानव जीवन को प्रभाचवत करने के प्राचधकार से सांपन्न तथा सांसाधनों के ाअनांटन का
चनधाषरण करने हेतु शचक का प्रयोग करने वािे चनवाषचित या चनयुक िोक सेवकों के समूह के प्रनांधन हेतु भी
ाऄचनवायष होते हैं सावषजचनक पद एवां सावषजचनक धन पर चनयांत्रण सावषजचनक चहतों की िागत पर चनजी
िाभ को नढ़ावा देने के चिए ाऄत्यचधक प्रिोभन और ाऄवसर प्रदान करते हैं ाआसचिए, सांस्थाओं का चनमाषण
एवां प्रोत्साहनों की ाऄचभकल्पना करना िोक सेवकों के नैचतक ाअिरण को नढ़ावा देने हेतु ाऄत्यांत महत्वपूणष
हैं ’
ाअयोग ने ाआांचगत दकया है दक दकसी समाज की सत्यचनष्ठा या भ्रष्टािार के प्रसार या ाईसकी ाऄनुपचस्थचत का
सनसे महत्वपूणष चनधाषरक राजनीचत की गुणवत्ता है जन राजनीचत सत्यचनष्ठा, योग्यता और जन कल्याण के
चिए तत्पर रहने वािे पुरुषों और मचहिाओं को प्रोत्साचहत एवां पुरस्कृ त करती है तो समाज िाभाचन्वत
होता है परन्तु जन ाइमानदारी राजनीचत से ाऄसांगत होती है और यदद सावषजचनक जीवन, चनजी िाभ के
चिए प्रयासरत ाऄवाांछनीय और भ्रष्ट तत्वों को ाअकर्शषत करता है, तो ाईस चस्थचत में प्राचधकार का दुरुपयोग
और भ्रष्टािार ाअदशष नन जाते हैं िुनावों में ाऄचतशय ाऄवैध और ाऄनुचित व्यय को भ्रष्टािार का मूि कारण
माना जाता है ाआसचिए िुनावों के ाआन दोषों के चनवारण को राजनीचत में नैचतक मानकों को नढ़ावा देने की
ददशा में सनसे महत्वपूणष कदम के तौर पर नताया गया है यह ाईपाय ाऄके िे ही भ्रष्टािार पर ाऄांकुश िगाने
और कु शासन को सुशासन में पररवतषन करने में महत्वपूणष भूचमका चनभा सकता है
न्यायमूर्शत जे. एस. वमाष ने प्रचसद् चवनीत नारायण वाद में यह चनणषय ददया दक “सावषजचनक पद के धारकों
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को शचकयााँ के वि सावषजचनक चहत में ाईपयोग करने हेतु सौंपी गाइ हैं ाआसचिए ाईनके द्वारा धारण दकए जाने
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वािे पद पर िोगों को भरोसा होना िाचहए ाईनका सत्यपरायणता के मागष से दकसी भी प प में चविचित
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होना चवश्वासघात के समान है और ाआस चवििन को नज़राऄांदाज करने की नजाय सख्ती से ाआसका समाधान
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दकया जाना िाचहए ”


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1.4. शासन व्यवस्था में शु चिता सु चनचित करने के चिए ाअवश्यक ाईपाय
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(Measures Required for Ensuring Probity in Governance)


भारत में शासन व्यवस्था में शुचिता सुचनचित करने हेतु चवचभन्न चवधायी और प्रशासचनक ाईपाय दकए गए हैं
तथा शेष चडजााइन/कायाषन्वयन की प्रदक्रया में हैं ाआनमें से कु छ पर ििाष चनम्नचिचखत है:
(i) भ्रष्टािार चनवारण ाऄचधचनयम, 1988 तथा 2018 में ाआस ाऄचधचनयम में सांशोधन
पूवष मुख्य सतकष ता ाअयुक श्री एन. चवट्टि के ाऄनुसार, चवचध के शासन की गचतशीिता का प्रथम िरण
भ्रष्टािार के चवस्तार को रोकने हेतु सहायक प्रभावी चनयमों और कानूनों का चनमाषण करना है ाआस सांदभष में
भ्रष्टािार चनवारण ाऄचधचनयम, 1988 (Prevention of Corruption Act, 1988 ाऄथाषत् PCA, 1988)
ाऄत्यचधक महत्वपूणष है
भ्रष्टािार चनवारण ाऄचधचनयम, 1988 में भ्रष्टािार चनवारण ाऄचधचनयम, 1947, ाअपराचधक कानून सांशोधन
ाऄचधचनयम, 1952 और भारतीय दांड सांचहता की धारा 161 से 165-A (सांशोधनों सचहत) सचममचित हैं यह
ाऄचधचनयम िोक सेवकों को पररभाचषत करता है तथा भ्रष्टािार या ररश्वतखोरी में सांचिप्त िोक सेवकों को
दांचडत करने का प्रावधान करता है ाआस ाऄचधचनयम में िोक सेवकों के साथ भ्रष्टािार या ररश्वतखोरी में
सांचिप्त व्यचक को भी दांचडत करने का प्रावधान है

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ाआस ाऄचधचनयम के तहत दकन ाऄपराधों हेत ु दांड का प्रावधान दकया गया है?
 जन कोाइ िोक सेवक ाऄपने ाअचधकाररक कतषव्य के दौरान दकसी व्यचक के चनजी चहत के चिए ाईसके पक्ष
में कायष करता है तथा नदिे में वेतन के ाऄचतरर‍त धनराचश या ाईपहार स्वीकार करता है
 जन कोाइ िोक सेवक दकसी ऐसे व्यचक से चजसके साथ ाईसका व्यवसाचयक या ाअचधकाररक सांनांध है,
चनना भुगतान दकए कोाइ ाईपहार स्वीकार करता है
 जन कोाइ िोक सेवक ाअपराचधक कदािार का दोषी है, जैस-े ाअचधकाररक कतषव्य के दौरान कु छ िोगों
के पक्ष में कायष करने के चिए चनयचमत प प से ररश्वत स्वीकार करना
 यदद कोाइ व्यचक ाऄपने चनजी सांनध ां का ाईपयोग करके या ाऄवैध या भ्रष्ट तरीकों के माध्यम से िोक सेवक
को प्रभाचवत करने के नदिे धनराचश या ाईपहार स्वीकार करता है, तो ऐसे व्यचक को भी दांचडत दकया
जा सकता है
 ऐसे ाअपराचधक कृ त्यों के चिए िोक सेवक की सहायता करने वािे व्यचक को भी दांचडत दकया जा
सकता है
 ाआस ाऄचधचनयम में हुए हाचिया सांशोधन के ाऄनुसार ाईपहार या ररश्वत देन े वािे व्यचक को भी दांचडत
दकया जाएगा
1947 के ाऄचधचनयम ने ररश्वत िेन,े दुर्शवचनयोजन या दुरुपयोग, ाअर्शथक िाभ प्राप्त करने, ाअय से ाऄसांगत
पररसांपचत्तयाां रखने और ाअचधकाररक चस्थचत का दुरुपयोग करने जैसे भ्रष्ट कृ त्यों को ाऄपराध घोचषत दकया
था 1988 के ाऄचधचनयम द्वारा 'िोक सेवक' पदाविी का दायरा चवस्तृत दकया गया और नड़ी सांख्या में
कमषिाररयों को ाआसके दायरे में सचममचित दकया गया कें द्र सरकार और कें द्र शाचसत प्रदेशों के कमषिाररयों के
ाऄचतरर‍त, सावषजचनक ाईपक्रमों एवां राष्ट्रीयकृ त नैंकों के कमषिाररयों, कें द्र और राज्य सरकार से चवत्तीय
सहायता प्राप्त करने वािी सहकारी सचमचतयों के पदाचधकाररयों, चवश्वचवद्यािय ाऄनुदान ाअयोग के
कमषिाररयों, कें द्र या राज्य सरकारों से चवत्तीय सहायता प्राप्त करने वािे सांस्थानों के कु िपचतयों, प्रोिे सरों
और वैज्ञाचनकों, यहाां तक दक स्थानीय प्राचधकरणों के ाऄचधकाररयों सभी को िोक सेवक घोचषत दकया गया
है भिे ही 'सावषजचनक कतषव्यों' का चनष्पादन करने वािे साांसदों और चवधायकों का िोक सेवक की
पररभाषा में स्पष्ट प प से ाईल्िेख नह दकया गया है, परन्तु ाआस ाऄचधचनयम की ाआस प्रकार व्याख्या की गाइ है
दक ाआसमें वे भी सचममचित हैं (िािू प्रसाद यादव को IPC के साथ-साथ PCA की चवचभन्न धाराओं के ाऄधीन
दोषी ठहराया गया है)
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भ्रष्टािार चनवारण ाऄचधचनयम में 2018 में हुए सांशोधन


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िोक सेवकों के भ्रष्टािार से सांनांचधत ाऄपराधों को चवचनयचमत करने वािे प्राथचमक कानून के प प में भ्रष्टािार
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चनवारण ाऄचधचनयम, 1988 में ररश्वतखोर िोक सेवकों को दांचडत करने का प्रावधान है ररश्वत देने वािे को
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के वि ररश्वत िेने वािे को ‘ाईकसाने’ या सहायता करने के चिए दांचडत दकया जा सकता है ाआसके ाऄचतरर‍त,
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यदद ररश्वत देने वािा ररश्वत िेने वािे के चवप द् गवाही देने के चिए सहमत हो जाता है, तो वह दांड से नि
जाता है काइ वषों से यह ाऄनुशांसा की जाती रही है दक ररश्वतखोरी के प्रकरणों से प्रभावी ढांग से चनपटने के
चिए, के वि ररश्वतखोरी के माांग पक्ष (ाऄथाषत ररश्वत िेने वािे) को दांचडत करना पयाषप्त नह है नचल्क
ररश्वतखोरी के ाअपूर्शत पक्ष (ाऄथाषत ररश्वत देने वािे) को भी समान प प से दांचडत दकया जाना िाचहए यह
सोि ाऄांतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ददखााइ देती है: यूनााआटेड नेशांस कन्वेंशन ाऄगेंस्ट करप्शन, 2005 और चिटेन
का एांटी िााआनरी ए‍ट, 2010 ररश्वत देने और िेने को एक समान ाऄपराध मानता है ाअगे कु छ सांशोधनों का
ाईल्िेख दकया गया है
सांशोचधत धारा 8 के ाऄांतगषत, ररश्वत देने के ाऄपराध को स्पष्ट प प से पहिाना गया है ाआसमें िोक सेवकों को
भ्रष्ट कृ त्य करने के प्रिोभन के प प में ररश्वत देना या देने का वादा करना सचममचित है यह ाअवश्यक नह है
दक यह ररश्वत प्रत्यक्ष प प से ही दी जाए ाआसे दकसी ाऄन्य व्यचक को ाऄवश्य ददया जाना िाचहए, हािाांदक
यह चनचित प प से िचक्षत िोक सेवक हो सकता है, साथ ही यह कोाइ ाऄन्य व्यचक भी हो सकता है धारा 8
के ाऄांतगषत दांचडत दकए जाने हेतु यह ाअवश्यक है दक यह ाअिरण दकसी प्रयोजन हेतु दकया गया हो
चजतना स्वयां ाऄपराध महत्वपूणष है ाईतना ही धारा 8 (1) का परांतुक भी महत्वपूणष है जो ररश्वत देने के चिए
"चववश" होने वािे व्यचकयों की रक्षा करने के चिए एक महत्वपूणष ाऄपवाद का ाईपनांध करता है यह वतषमान

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सामाचजक वास्तचवकताओं की स्वीकृ चत है जहाां िोक सेवक ाऄपने कतषव्य चनष्पादन हेतु ाअक्रामक प प से
ाऄनुचित ाऄनुग्रह की मााँग करने के चिए ाऄपनी चस्थचत का िाभ ाईठाते हैं यह चवधेयक ाआस सांनांध में एक
ाऄपवाद की व्यवस्था करता है- यदद ररश्वत देने के चिए चववश दकया जाने वािा कोाइ व्यचक कानून प्रवतषन
ाअचधकाररयों को सात ददनों के भीतर ाआस घटना की सूिना देता है, तो ाईसे दांचडत नह दकया जाएगा
यह ाऄपवाद ाईत्पीचड़त ररश्वतदाता और ाऄनुचित िाभ प्राप्त करने के चिए नेाइमान तरीके से कायष करने वािे
व्यचक के नीि ाऄांतर करने का प्रयास करता है धारा 8 के तहत एक ाऄन्य महत्वपूणष ाऄपवाद दूसरे परांतक
ु में
सांचहतानद् है यह परांतुक भ्रष्ट िोक सेवकों को पकड़ने के चिए एक तकनीक के प प में "जािसाजी" (ये ाआस
क्षेत्र में जािसाजी के मामिे कहिाते हैं) के दीघषकाचिक ाईपयोग की रक्षा करता है ाआसचिए, ाअपराचधक
जााँि में सहायता करने के चिए चस्टग ऑपरेशन करने वािें व्यचकयों पर ाऄचभयोग नह ििाया जा सकता
है

धारा 13 (d) के ाऄनुसार, दकसी िोक सेवक को ाअपराचधक कदािार का दोषी माना जाता था, यदद वह
"िोक सेवक के प प में कायषकाि के दौरान, दकसी व्यचक से चनना दकसी िोक चहत के कोाइ मूल्यवान िीज़ या
ाअर्शथक िाभ प्राप्त करता है "
हािाांदक, दकसी िोक सेवक द्वारा ननााइ गाइ कोाइ भी नीचत / की गाइ ाऄनुशांसा / चिया गया चनणषय ाऄचनवायष
प प से कु छ सांस्थाओं को िाभाचन्वत करेगा और कु छ सांस्थाओं पर प्रचतकू ि प्रभाव डािेगा ाआसचिए ाआस
प्रावधान की व्याख्या दकसी ाअचधकारी के प्रयोजन को प्रश्नगत करने और पररणामस्वप प ाईसे परेशान करने
हेतु की जा सकती है ाआस प्रकार ाआस ाईपधारा को समाप्त करना एक सही कदम था और नाइ ाईपधारा िोक
सेवक के ाअपराचधक कदािार को ाआस प्रकार पररभाचषत करती है:
 “यदद वह नेाइमानी से या धोखाधड़ी से िोक सेवक के प प में ाईसे सौंपी गाइ या ाईसके ाऄधीन दकसी
सांपचत्त को दुर्शवचनयोचजत करता है या ाऄन्यथा ाऄपने ाईपयोग में िाता है या दकसी ाऄन्य व्यचक को ऐसा
करने की ाऄनुमचत देता है; या
 यदद वह जाननूझकर ाऄपनी पदावचध के दौरान गैर-कानूनी तरीके से चनजी ाअर्शथक िाभ प्राप्त करता है
और ाईसकी ाअय के ज्ञात स्रोतों से ाऄसांगत ाअर्शथक सांसाधनों या सांपचत्त पर ाईसका या ाईससे सांनांचधत
दकसी भी व्यचक का कब्जा है या ाईसकी पदावचध के दौरान दकसी भी समय कब्जा रहा है, चजसके चिए
िोक सेवक सांतोषजनक प प से चववरण नह दे सकता है ”
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ये प्रावधान चवचशष्ट हैं और ाआन प्रावधानों के तहत 'प्रयोजन' और 'प्रचतिि' ाऄपराध के ाअवश्यक घटक के प प
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में सचममचित हैं, जो पूणषतया ाईचित है, और वास्तचवक ाऄपराचधयों को पकड़ने के चिए पयाषप्त हैं
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ाइमानदार नौकरशाहों की सुरक्षा (धारा 13, 17A और 19 में सांशोधन): नीचतगत चनणषय प्रकृ चत में भचवष्य
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से सांनांचधत होते हैं ये चनणषय िोक चहत में और नुचद् के ाऄनुप्रयोग के साथ चिए जाने िाचहए ये चनणषय
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मनमाने या चनजी चहतों को पूरा करने वािे नह होने िाचहए हािाांदक, ाआनके प्रयोजन सवोत्तम होते हुए भी,
ाआनके पररणाम ाआष्टतम से कम हो सकते हैं पिदशष िाभ के साथ, ाआनका नाद के िरण में मूल्याांकन दकया जा
सकता है और दूचषत ाआरादों हेतु वास्तचवक नीयत को प्रश्नगत दकया जा सकता है ाईदाहरण के चिए हो
सकता है दक कािे धन पर ाऄांकुश िगाने या प्राकृ चतक सांसाधनों के ाअनांटन के चिए नीचत तैयार करने जैसे
कदमों से भचवष्य में कु छ नुकसान हो, िेदकन ाऄप्रत्याचशत जोचखमों के भय से शासन व्यवस्था को पांगु नह
ननाया जा सकता है चवचभन्न पहिों की सििता हेतु और ाआनसे वाांचछत पररणाम प्राप्त करने हेत,ु वररष्ठ
ाऄचधकाररयों को ाअश्वासन ददया जाना िाचहए दक ाईनके द्वारा चिए गए दकसी भी ाअर्शथक चनणषय का काइ
वषों नाद दूसरा ाऄनुमान नह िगाया जाएगा और ाईन्हें सेवाचनवृत्त हो जाने के िमने समय नाद भी जााँि
सांनांधी कारषवााइ और ाऄचभयोजन का िक्ष्य नह ननाया जाएगा ाऄभी तक व्यवस्था में ऐसा घरटत नह हुाअ
था और कु छ प्रकरणों में ाऄचधचनयम के प्रावधानों का ाईपयोग ाइमानदार नौकरशाहों पर ाऄचभयोग ििाने के
चिए दकया जा रहा था ऐसे प्रकरणों से चनपटने वािी धारा 13 की ाऄस्पष्टता दूर कर दी गाइ है और
ाअपराचधक कदािार के सांनांध में स्पष्टता सुचनचित कर दी गाइ है
ाआसी प्रकार, एक नाइ धारा 17A में ाअचधकाररक कायों या कतषव्यों के चनवषहन के दौरान िोक सेवक द्वारा की
गाइ ाऄनुशांसाओं और चिए गए चनणषय से सांनांचधत ाऄपराधों की जााँि-पड़ताि को शाचमि दकया गया है ऐसी

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कायषवाचहयों के चिए, सक्षम प्राचधकारी द्वारा पूवष स्वीकृ चत ाअवश्यक है, चसवाय ाआसके दक जन व्यचक को रांगे
हाथों पकड़ा जाता है धारा 19 सेवाचनवृत्त नौकरशाहों तक भी ाआस सुरक्षा का चवस्तार करती है
एकि चनदेश (Single Directive)
काइ दशक पहिे कें द्र सरकार ने ाऄपने चववेक से सीनीाअाइ के चिए सांयुक सचिव और ाआससे ाईच्च श्रेणी/दजे के
सभी िोक सेवा ाऄचधकाररयों के चवप द् भ्रष्टािार के ाअरोपों में प्रारांचभक जााँि करने के चिए भी सरकार का
पूवष ाऄनुमोदन ाऄचनवायष नना ददया था ाआसे 'एकि चनदेश' कहा जाता था सवोच्ि न्यायािय ने ाआस एकि
चनदेश को मनमाना और सांचवधान के ाऄनुच्छेद 14 के ाऄांतगषत चवचध के समक्ष समता और समान सांरक्षण की
गारांटी का ाईल्िांघन करने वािा कदम होने के कारण चनरस्त कर ददया
नाद में, कें द्र सरकार ने के न्द्रीय सतकष ता ाअयोग ाऄचधचनयम (CVC ाऄचधचनयम) के माध्यम से के न्द्रीय
सतकष ता ाअयोग को साांचवचधक दजाष ददया और सरकार ाई‍त कानून में और ददल्िी चवशेष पुचिस स्थापना
ाऄचधचनयम (DSPE ए‍ट) में सांशोधन करके ‘एकि चनदेश’ को वापस िे ाअाइ सवोच्च न्यायािय ने पहिे
चजसे चनरस्त दकया था वह के वि एक कायषकारी चनदेश/प्रस्ताव था ाऄन वररष्ठ ाऄचधकाररयों के चिए
सुरक्षात्मक कवि को कानूनी स्वीकृ चत दे दी गाइ थी सरकार ने तकष ददया दक वररष्ठ स्तर के ाऄचधकाररयों के
चिए ऐसी सुरक्षा ाअवश्यक है तादक ाईनके द्वारा चिए गए प्रत्येक चनणषय हेतु ाऄचभयोजन के भय के चनना वे
स्वतांत्र तरीके से कायष कर सकें यह वररष्ठ नौकरशाही को ाईसके चवप द् भ्रष्टािार के ाअरोपों हेतु सांिाचित
दकसी भी जााँि से प्रचतरचक्षत करने जैसा था ाऄांतत: वररष्ठ नौकरशाह स्वयां तय करेंगे दक ाईन ही में से एक
दकसी ाऄचधकारी की भ्रष्टािार के चिए जााँि की जाएगी या नह डॉ. सुिमडियम स्वामी द्वारा जनचहत
याचिका के माध्यम से ाआसे पुन: सवोच्ि न्यायािय में िुनौती दी गाइ सवोच्ि न्यायािय की सांचवधान पीठ
ने कहा दक CVC ाऄचधचनयम और DSPE ाऄचधचनयम में चनचहत 'एकि चनदेश’ सांचवधान के ाऄनुच्छेद 14 का
ाईल्िांघन करता है पुनाः कचनष्ठ स्तर के ाऄचधकाररयों को यह सांरक्षण प्रदान नह दकया गया है ाआसके
ाऄचतरर‍त, राज्य स्तर पर समान श्रेणी के ाऄचधकाररयों के चिए ऐसी प्रचतरक्षा ाईपिब्ध नह है ाआसचिए, यह
ाऄनुच्छेद 14 का ाईल्िांघन करता है और ाआसचिए ाआसे चनरस्त कर ददया गया है
** कृ पया ध्यान रखें दक यह मु्ा के वि वररष्ठ ाऄचधकाररयों के चवप द् भ्रष्टािार की चशकायत में प्रारांचभक
जााँि के िरण से सांनांचधत है ाअपराचधक प्रदक्रया सांचहता की धारा 197 और भ्रष्टािार चनवारण ाऄचधचनयम
की धारा 19 के ाऄांतगषत यह ाअवश्यकता ाऄक्षुडिण ननी हुाइ है दक कोाइ भी न्यायािय दकसी भी िोक सेवक के
om

चवप द् दकसी मामिे का तन तक सांज्ञान नह िे िेगा जन तक दक सक्षम प्राचधकारी ाऄचभयोजन के चिए


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स्वीकृ चत नह देगा PCA में हाचिया सांशोधन के माध्यम से ाआसका ाअगे जाांि िरण तक चवस्तार कर ददया
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गया है
11
13

ाआसचिए ाऄन, सुरक्षा का एक ाऄचतररक स्तर जोड़ा गया है - न के वि ाऄचभयोजन के िरण में ही पूवष स्वीकृ चत
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प्राप्त करनी होगी, नचल्क जााँि के िरण में भी प्राप्त करनी होगी हािााँदक, ाअपराचधक जाांि के ाआसी िरण में
su

त्यों और पररचस्थचतयों की पुचष्ट की जाती है, और साक्ष्य एकचत्रत दकए जाते हैं ऐसे साक्ष्य के ाऄभाव में,
यह चनणषय करने के चिए स्वीकृ चत प्रदान करने वािे प्राचधकारी को ‍या जानकारी ाईपिब्ध होगी दक
सीनीाअाइ को जााँि ाअरांभ करनी िाचहए या नह ? साथ ही, ाआससे भ्रष्टािार के वास्तचवक प्रकरणों की जााँि
और ाऄचभयोजन में चविांन हो सकता है
(ii) सूिना का ाऄचधकार ाऄचधचनयम, 2005 का ाऄचधचनयमन
(Enactment of Right to Information Act 2005)
सचिव, सूिना और प्रसारण मांत्रािय ननाम नांगाि दक्रके ट सांघ वाद 1995 में सवोच्ि न्यायािय ने कहा दक
सांचवधान के ाऄनुच्छेद 19 (वाक् एवां ाऄचभव्यचक की स्वतांत्रता से सांनचां धत) के तहत सूिना प्राप्त करने और
ाईसे प्रसाररत करने का ाऄचधकार भी शाचमि है भारत में सूिना का ाऄचधकार (RTI) का चवकास न्याचयक
घोषणाओं के माध्यम से हुाअ तथा नाद में ाआसे सूिना का ाऄचधकार ाऄचधचनयम, 2005 के माध्यम से
यथोचित स्वरुप प्रदान दकया गया था
यह ाऄचधचनयम नागररक सदक्रयता के माध्यम से शासन व्यवस्था में शुचिता के ाई्ेश्य की पूर्शत में सहयोग
प्रदान करता है यह ाऄचधचनयम मात्र RTI ाअवेदन दाचखि करने से सांनांचधत नह है नचल्क मु्ों, प्रकरणों पर

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वाद-चववाद, ििाष ाअदद भी ाअरांभ करता है यह ाऄचधचनयम खुिे समाज के चिए एक मागष के प प में कायष
कर रहा है तथा साथ ही प्रश्न पूछने की सांस्कृ चत का चवकास कर रहा है
ाआसके महत्व पर प्रकाश डािते हुए, चद्वतीय ARC ने कहा है दक RTI सुशासन की प्रमुख कुां जी (मास्टर की)
है RTI शासन व्यवस्था में जवानदेही सुचनचित करने तथा सावषजचनक कायाषियों में भ्रष्टािार एवां ाऄक्षमता
को कम करने में सहायता करता है यह शासन और चनणषयण में िोगों की भागीदारी हेतु समथष ननाता है
RTI ाऄचधचनयम, गोपनीयता एवां चनयांत्रण के प्रशासचनक िररत्र एवां सांस्कृ चत को मूि प प से पररवर्शतत करने
तथा शासन में खुिप
े न, पारदर्शशता एवां ाईत्तरदाचयत्व के एक नए युग के प्रवेश हेतु ाऄचधचनयचमत दकया गया
है ाऄपने ाई्ेश्यों की पूर्शत की दृचष्ट से ाआस ऐचतहाचसक कानून का प्रभाव पहिे से ही पूणत
ष ाः ददखााइ दे रहा है
भचवष्य में एक जागप क एवां सहभागी जनता सूिना प्राप्त करने के चिए ाआस ाऄचधचनयम का ाऄचधकाचधक
सहारा िेगी चजसके पररणामस्वप प सावषजचनक कायाषियों में शुचिता और पारदर्शशता में वृचद् होगी
(iii) चव्हसि ब्िोाऄसष सांरक्षण ाऄचधचनयम (WBPA), 2014
(Whistle Blowers Protection Act, 2014)(WBP Act)
िोक चहत प्रकटीकरण ाऄचधचनयमों (Public Interest Disclosure Acts) का ाऄचधचनयमन, काइ पचिमी
देशों में भ्रष्टािार का सामना करने और गैरकानूनी गचतचवचधयों के सूिनादाताओं की रक्षा करने के ाई्े श्य से
ाऄपनाए गए चवचभन्न ाईपायों में से एक है ाआन ाऄचधचनयमों को िोकचप्रय प प से चव्हसि-ब्िोाऄर ाऄचधचनयम
कहा जाता है भारत ने 2014 में ाआसका ाऄपना सांस्करण ाऄचधचनयचमत दकया यह ाऄचधचनयम िोक सेवकों
द्वारा दकए गए भ्रष्टािार के कृ त्यों, सत्ता या चववेकाचधकार का जाननूझकर दुरुपयोग, या दांडनीय ाऄपराधों के
चवप द् िोक चहत प्रकटीकरण प्राप्त करने और जााँि करने के चिए एक तांत्र का प्रावधान करता है सामान्यत:
ाआस प्रकार के ाऄचधचनयम के ाई्ेश्य हैं:
 िोगों को ाईनके ाअसपास होने वािे भ्रष्ट कृ त्यों को नज़राऄांदाज नह करने तथा सांनांचधत प्राचधकारी को
ाआसकी सूिना देने हेतु प्रोत्साचहत कर िोक सेवकों के मध्य जवानदेचहता सुचनचित करना;
 चव्हसि-ब्िोाऄसष को पदच्युचत और ाईत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करना और ाईनकी पहिान की रक्षा करना;
 ऐसी सूिना प्राप्त करने वािा सक्षम एवां स्वतांत्र प्राचधकारी/तांत्र/ाऄचधकारी का प्रावधान करना;
 यह सुचनचित करना दक चवद्वेषी कमषिाररयों द्वारा व्यचकगत चशकायत या ाऄसांतोष को सांतुष्ट करने के
चिए चव्हसि-ब्िोाआांग की सुचवधा का दुरुपयोग नह दकया जाए
om

WBPA, 2014 की मुख्य चवशेषताएां:


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 यह चव्हसि-ब्िोाऄर को पररभाचषत करता है ाआस ाऄचधचनयम के ाऄनुसार चव्हसि-ब्िोाऄर के तहत


@

सरकारी ाऄचधकाररयों के ाऄचतररक ाऄन्य व्यचक भी सचममचित होते हैं तथा ये व्यचक ाऄपने कायष
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चनष्पादन की प्रदकया के दौरान ाऄपने ाअस-पास होने वािे भ्रष्टािार को प्रकट करते हैं ाआसके तहत ाऄन्य
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व्यचक या गैर-सरकारी सांगठन भी सचममचित हैं


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 ाआसके तहत चव्हस्ि-ब्िोाऄर की गोपनीयता ननाये रखने सांनधां ी प्रावधान दकये गए हैं
 यह चशकायतकताष या दकसी जााँि-पड़ताि में सहायता प्रदान करने वािे व्यचक के ाईत्पीड़न के चवप द्
सुरक्षा प्रदान करता है यह ाअवश्यक है ‍योंदक चव्हसि-ब्िोाऄर, चनयचमत प प से ाईत्पीड़न के चवचभन्न
प पों, यथा- चनिांनन, प्रोन्नचत रोकना, चहसा और हमिे की धमकी ाअदद का सामना करते हैं यह कानून
सक्षम प्राचधकाररयों को ाईन्हें सुरक्षा प्रदान करने की शचक प्रदान करता है, ाआसके तहत पुचिस सुरक्षा
और ाईत्पीड़न करने वािों को दांचडत करना सचममचित है
देश में काइ चव्हसि-ब्िोाऄर को धमकी देन,े ाईनका ाईत्पीड़न करने और यहाां तक दक ाईनकी हत्या करने जैसे
काइ दृष्टाांत चवद्यमान हैं ाईदाहरण के चिए, षणमुगम मांजुनाथ, सत्येंद्र दुने, िचित मेहता और ाऄन्य की
हत्याओं ने चव्हसि-ब्िोाऄर को सुरक्षा प्रदान करने की ाअवश्यकता पर प्रकाश डािा ाआस सांदभष में, भ्रष्टािार
के ाईदाहरणों को प्रकट करने के चिए चव्हसि-ब्िोाऄर को प्रोत्साचहत करने हेतु ाआस ाऄचधचनयम को भचवष्य में
और ाऄचधक सशक ननाया जाना िाचहए
चव्हसि-ब्िोाऄर सांरक्षण ाऄचधचनयम (2015) में सांशोधन के चिए चवधेयक: (राज्यसभा में िांचनत)
 यह चवधेयक भ्रष्टािार से सांनांचधत प्रकटीकरण के कृ त्य को प्रचतनांचधत करता है यदद ऐसी सूिना
चनम्नचिचखत दकन्ह भी 10 श्रेचणयों के ाऄांतगषत ाअती है:

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o ाआन श्रेचणयों में: (i) भारत के ाअर्शथक एवां वैज्ञाचनक चहत तथा भारत की सुरक्षा; (ii) मांत्रीमांडि की
कायषवाचहयााँ, (iii) नौचद्क सांपदा (iv) सूिना सूिना जो चवश्वास समनन्धी क्षमता से प्राप्त की गयी
है, ाअदद से सांनांचधत सूिनाएां सचममचित हैं ये RTI ाऄचधचनयम, 2005 की धारा 8 (1) के
प्रावधानों के ाऄनुप प हैं
 2014 का मूि ाऄचधचनयम, सरकारी गोपनीयता ाऄचधचनयम (OSA), 1923 के ाऄांतगषत चनचषद्
सूिनाओं के प्रकटीकरण की ाऄनुमचत देता है जनदक यह चवधेयक OSA द्वारा कवर की गाइ सूिनाओं के
प्रकटीकरण की ाऄनुमचत नह देता है
 ाईपयुषक 10 चनचषद् श्रेचणयों में से दकसी एक के ाऄांतगषत ाअने वािे िोक चहत प्रकटीकरण के दकसी
मामिे को सक्षम प्राचधकारी सरकार द्वारा ाऄचधकृ त प्राचधकारी को सांदर्शभत करेगा ाईक प्राचधकारी ाआस
प्रकरण पर चनणषय िेगा तथा यह चनणषय नाध्यकारी होगा
ाऄन्य देशों के चव्हसि-ब्िोाऄर कानून भी कु छ चवशेष प्रकार की सूिनाओं के प्रकटीकरण को चनचषद् करते हैं
ाआनमें राष्ट्रीय सुरक्षा और ाअसूिना, चवश्वास सांनांधी क्षमता से प्राप्त सूिना और चवशेष प प से कानून द्वारा
चनचषद् कोाइ ाऄन्य प्रकटीकरण सचममचित होते हैं हािाांदक, यह तुिना दक ये सांशोधन RTI ाऄचधचनयम को
कमजोर करेंग,े सांभवत: ाईचित नह हैं RTI ाऄचधचनयम के चवपरीत, ाआस चवधेयक में यह प्रावधान है दक
प्रकटीकरण को सावषजचनक नह दकया जाएगा ाऄचपतु ाईन्हें ाईच्च स्तरीय सांवैधाचनक या साांचवचधक
प्राचधकाररयों के तत्वाधान में गोपनीय रखा जाएगा
ाआस सांशोधन चवधेयक द्वारा WBP कानून के तहत दकए गए प्रकटीकरणों के चिए चव्हसि-ब्िोाऄर को
सरकारी गोपनीयता ाऄचधचनयम (OSA) के तहत ाऄचभयोजन के चवरुद् प्रदत्त प्रचतरक्षा समाप्त कर दी
जाएगी OSA के ाऄांतगषत ाऄपराधों हेतु 14 वषष तक के कारावास की सजा दी जाती है ाआस प्रकार के कड़े दांड
की धमकी वास्तचवक चव्हसि-ब्िोाऄर को भी रोके गी WBP ाऄचधचनयम का मूि ाई्ेश्य िोगों को गित
कायष करने वािों की सूिना देने के चिए प्रोत्साचहत करना है
ाआसके ाऄचतरर‍त, WBP ाऄचधचनयम को स्पष्ट प प से RTI ाऄचधचनयम के ाऄनुप प ननाने हेतु सांशोधन चवधेयक
कहता है दक चव्हसि-ब्िोाऄर द्वारा प्रदत्त ऐसी सूिनाओं से यु‍त चशकायतों की जााँि नह की जाएगी जो
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राज्य की सांप्रभुता, ाऄखांडता, सुरक्षा या ाअर्शथक चहतों पर प्रचतकू ि प्रभाव डािती हैं
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ाआसके ाऄचतरर‍त, कु छ चवशेष श्रेणी की सूिनाएां चव्हसि-ब्िोाऄर द्वारा दकए गए प्रकटीकरण का भाग नह हो
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सकती हैं, जन तक दक सूिना RTI ाऄचधचनयम के ाऄांतगषत प्राप्त न की गाइ हो ाआसमें व्यावसाचयक चवश्वास,
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व्यापार रहस्य से सांनांचधत सूिनाएां जो दकसी तीसरे पक्ष की प्रचतस्पधी चस्थचत को नुकसान पहुांिाती हैं और
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एक चवश्वास-समनन्धी क्षमता में चनचहत सूिनाएां सचममचित हैं ाआन छू टों को RTI कानून की धारा 8 (1) के
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ाअधार पर प्रदान दकया गया है ाआस धारा के तहत वे सूिनाएां सूिीनद् हैं चजनका नागररकों के समक्ष
प्रकटीकरण नह दकया जा सकता है
ाआन दोनों कानूनों का सचममश्रण ाऄनुचित है और काइ पररदृश्यों में वास्तचवक चव्हसि-ब्िोाऄर के मागष को
नाचधत करेगा ाईदाहरण के चिए, यदद सरकारी ाऄचधकारी को ाऄपने कायष चनष्पादन के सामान्य क्रम में गित
कायष की जानकारी प्राप्त होती है तो प्रासांचगक सूिना तक पहुांिने के चिए ाईन्हें RTI ाऄचधचनयम की
ाअवश्यकता नह होगी तथा यदद वह सूिना RTI (धारा 8 के कारण) के तहत प्रदान नह की जा सकती है,
तो ाईन क्षेत्रों में भ्रष्टािार का प्रकटीकरण नह दकया जायेगा ाईदाहरण के चिए, सशस्त्र निों के चिए
हचथयारों की खरीद में या परमाणु ाउजाष सांयांत्रों के चनमाषण में भ्रष्टािार की चशकायतें ाआस धारा के कारण
सांभवताः प्रकट नह हो पाएगी
यह सुचनचित करने के चिए दक राष्ट्रीय सुरक्षा और सत्यचनष्ठा से सांनांचधत सांवेदनशीि जानकारी से समझौता
न हो, ऐसे प्रकटीकरणों को पूणष छू ट प्रदान करने के नजाय सरकार ाआनके चिए ाऄचतररक सुरक्षा ाईपायों का
प्रस्ताव कर सकती थी जैसे दक चशकायतकताष के चिए सक्षम प्राचधकारी के समक्ष सीिनांद चििािे में
चशकायत दजष कराने को ाअवश्यक ननाना ाअदद

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(iv) नेनामी िेनदेन (चनषेध) ाऄचधचनयम, 1988 तथा नेनामी िेनदेन (चनषेध) सांशोधन
ाऄचधचनयम, 2016
{Prohibition of Benami Property Transactions (PBPT) Act 1988 and Benami
Transactions (Prohibition) Amendment (BTPA) Act 2016}
PBPT ाऄचधचनयम 1988 के तहत “नेनामी िेनदेन” को ऐसे िेनदेन के प प में पररभाचषत दकया जाता है
जहााँ सांपचत्त एक व्यचक को स्थानाांतररत कर दी जाती है जनदक कोाइ दूसरा व्यचक ाआसका भुगतान करता है
BTPA ाऄचधचनयम 2016, 1988 के ाऄचधचनयम की ाऄपेक्षा काइ मामिों में नेहतर है, यथा:
 यह नेनामी िेनदेन की पररभाषा को नेनामी के मानदांड पर खरा ाईतरने वािे ाऄन्य िेनदेन से जोड़ कर
ाईसे सांशोचधत करता है, जैस-े सांपचत्त का िेनदेन जहााँ:
o िेनदेन काल्पचनक नाम पर दकया जाता है,
o जहााँ स्वामी, सांपचत्त के स्वाचमत्व की जानकारी से ाऄचभज्ञ है या ाईसकी जानकारी से ाआनकार करता
है, या
o जहााँ सांपचत्त का मूल्य िुकाने वािा व्यचक ाऄज्ञात हो तथा ाईसका पता न िगाया जा सका हो
 यह नेनामी िेनदेन से सांनांचधत पूछ-ताछ या जाांि करने के चिए िार प्राचधकरणों की स्थापना करता है:
(i) प्रवतषक ाऄचधकारी (ाआचनशीएटटग ऑदिसर), (ii) ाऄनुमोदन ाऄचधकारी (ाऄप्रूचवग ऑदिसर), (iii)
प्रशासक (एडचमचनस्रेटर) तथा (iv) चनणाषयक प्राचधकारी (ाऄजूडके टटग ऑदिसर)
 यह नेनामी िेनदेन में प्रवेश के चिए ाऄथषदडिड चनधाषररत करता है
 यह वास्तचवक स्वामी द्वारा नेनामीदार से नेनामी पायी गयी सांपचत्त की पुनाः प्राचप्त को भी चनषेध करता
है
 नेनामी सांपचत्त सरकार द्वारा चनना कोाइ मुाअवज़ा प्रदान दकए ज़ब्त की जा सकती है
ाआसमें कु छ मामिों में ाऄपवाद भी प्रदान दकए गए हैं, यथा पररवार के दकसी चनकटतम सदस्य के नाम पर
सांपचत्त की खरीद
(v) के न्द्रीय सतकष ता ाअयोग (Central Vigilance Commission: CVC)
CVC की स्थापना 1964 में की गाइ थी ाआसकी स्थापना प्रशासन में सत्यचनष्ठा (ाआांटेचग्रटी) ननाए रखने
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सांनांधी मु्ों के सांनांध में सरकार को परामशष देने के ाई्ेश्य से गरठत सांथानम सचमचत की ाऄनुशांसाओं के
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ाऄनुप प की गाइ थी CVC का ाऄचधकार क्षेत्र सभी िोक-सेवकों तथा के न्द्रीय सावषजचनक क्षेत्रक के ाईपक्रमों,
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राष्ट्रीयकृ त नैंकों तथा स्वायत्तशासी सांगठनों के कमषिाररयों तक चवस्ताररत है


@
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चवनीत नारायण ननाम भारतीय सांघ वाद 1997 में सवोच्च न्यायािय ने CVC को स्वतांत्र, जवानदेह ननाने
13
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तथा ाआसे राजनीचतक चनयांत्रण से पृथक रखने के चिए सरकार को ाआसे वैधाचनक दज़ाष प्रदान करने का चनदेश
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ददया पररणामताः, 2003 में CVC ाऄचधचनयम को ाऄचधचनयचमत दकया गया


एक ाऄन्य सांनांचधत चनकाय, यथा के न्द्रीय ाऄन्वेषण ब्यूरो को CVC के पयषवेक्षण के ाऄधीन रखा गया है CVC
मामिों को या तो प्रत्येक चवभाग के के न्द्रीय सतकष ता ाऄचधकारी (CVO) या CBI को सौंप सकता है CVC
या CVO दकसी िोक सेवक के चवरुद् कारषवााइ की ाऄनुशांसा करता है, दकन्तु दकसी िोक सेवक के चवरुद्
दकसी ाऄनुशासनात्मक कारषवााइ के चनणषय का ाऄचधकार ाईस चवभाग के प्राचधकारी के पास ही सीचमत रहता
है
चसचवि सेवा ाअयोग नोडष (Civil Services Commission Board)
ाआसके ाऄचतररक, चनयुचकयों, स्थानान्तरण, ाईच्च पदों पर नहािी का चनरीक्षण करने तथा ग़िती करने वािे
ाऄचधकाररयों के चवरुद् ाऄनुशासनात्मक कारषवााइ हेतु दकसी चसचवि सेवा ाअयोग नोडष का गठन राजनीचतक
हस्तक्षेप को चनयांचत्रत करने के चिए ाअवश्यक है
के न्द्रीय सतकष ता ाअयोग के सुझाव
के न्द्रीय सतकष ता ाअयोग के ाअयुक श्री एन. चवट्टि के द्वारा एक और चविार ददया गया दक भ्रष्टािार मुक
शासन को प्रत्येक व्यचक का मूि ाऄचधकार ननाया जाना िाचहए ाआसके प्रावधानों को सांचवधान के भाग III में
समाचवष्ट दकया जाना िाचहए तादक िोग मूि ाऄचधकार के प प में ाआसकी माांग कर सकें साथ ही ाआसे भाग IV

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में भी समाचहत दकया जाना िाचहए तादक राज्य ाआन मागष-दशषक चसद्ाांतों के ाऄनुसार क़ानून नना कर ाईस पर
ाऄमि कर सके ाआस कदम से शुचिता (प्रोचनटी) तथा सत्यचनष्ठा (ाआांटेचग्रटी) में वृचद् होगी, नशते मूि
ाऄचधकारों को िागू करने के तौर-तरीकों तथा सांस्थागत व्यवस्था को कायाषचन्वत दकया जाए

टी. एस. ाअर. सुिमडियम तथा ाऄन्य ननाम भारतीय सांघ वाद में सवोच्च न्यायािय ने एक चसचवि सेवा नोडष
की स्थापना हेतु चनदेश ददया याचिकाकताषओं ने चवचभन्न भारतीय चसचवि सेवाओं की स्वतांत्रता का समथषन
करने के चिए तथा ाईन्हें राजनीचतक हस्तक्षेप से मुक कराने के चिए न्यायािय से एक स्पष्ट ाअदेश की माांग
की चजससे दक कें द्र तथा राज्य सरकार द्वारा चवचभन्न समीक्षा सचमचतयों (होता सचमचत सचहत) की
चनम्नचिचखत ाऄनुशांसाओं को कायाषचन्वत दकया जा सके :
 राजनीचतज्ञों द्वारा िोक सेवकों को ददए जाने वािे मौचखक चनदेशों को ाऄचनवायष प प से चिचखत प प में
दजष दकया जाए;
 वररष्ठ चसचवि सेवा चनयुचकयाां एक चनयत ाऄवचध के चिए की जानी िाचहए; तथा
 पद स्थापन पर परामशष देने के चिए एक चसचवि सेवा नोडष की स्थापना की जानी िाचहए
ाआस वाद के प्रमुख चनणषयों में चनम्नचिचखत सचममचित थे:
 भारतीय प्रशासचनक सेवा (IAS), ाऄन्य ाऄचखि भारतीय सेवाओं के ाऄचधकारी तथा ाऄन्य चसचवि सेवक
मौचखक चनदेशों का पािन करने को नाध्य नह हैं, ‍योंदक ाआनसे “चवश्वसनीयता में कमी ाअती है”
 ाऄचखि भारतीय सेवाओं (IAS, IFS तथा IPS) के ाऄचधकाररयों के स्थानान्तरण तथा पद-स्थापन की
ाऄनुशांसा के चिए राष्ट्रीय स्तर पर कै चननेट सचिव तथा राज्य स्तर पर मुख्य सचिवों की ाऄध्यक्षता में
एक चसचवि सेवा नोडष की स्थापना
 समूह ‘नी” के ाऄचधकाररयों का स्थानान्तरण चवभागाध्यक्षों (HoDs) के द्वारा दकया जाएगा
 चसचवि सेवकों के स्थानान्तरण तथा पद स्थापन सांनांधी मामिों में मुख्यमांत्री के ाऄचतररक दकसी ाऄन्य
मांत्री का हस्तक्षेप नह होगा

(vi) िोकपाि तथा िोकायुक का पद (Institutions of the Lokpal and the Lokayuktas)
िोकपाि के पद का नुचनयादी चविार दिनिैंड, नॉवे, डेनमाकष , स्वीडेन, यू.के . तथा न्यूज़ीिैंड जैसे देशों में
ओमनुड्समैन (Ombudsman) की ाऄवधारणा से चिया गया है 1995 में, यूरोपीय सांघ ने यूरोपीय
ओमनुड्समैन का पद सृचजत दकया वतषमान में, िगभग 140 देशों में ओमनुड्समैन का पद ाऄचस्तत्व में है ाआस
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पद का भारतीय स्वप प िोकपाि तथा िोकायुक ाऄचधचनयम, 2013 के ाऄनुसार है


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यह ाऄचधचनयम कु छ सावषजचनक पदाचधकाररयों के चवरुद् भ्रष्टािार के ाअरोपों तथा ाईनसे जुड़े हुए मामिों
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की जााँि के चिए िोकपाि सांस्था की स्थापना की व्यवस्था हेतु प्रयास करता है


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िोकपाि तथा िोकायुक चवधेयक, 1968 कहा जाने वािा प्रथम िोकपाि चवधेयक 1966 में “नागररकों की
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चशकायतों के चनवारण की समस्या” पर ARC की ररपोटष की ाऄनुशांसाओं के ाअधार पर प्रस्तुत दकया गया था
दकन्तु िोकसभा भांग होने के कारण चवधेयक व्यपगत हो गया तत्पिात, कु छेक नार पुनाः प्रस्तुत दकए जाने
के नावज़ूद 2011 तक िोकपाि चवधेयक सांसद से पाररत नह कराया जा सका 2011 में चवशाि
सावषजचनक चवरोध-प्रदशषनों के नीि भ्रष्टािार चवरोधी ाअन्दोिन के नेता ाऄन्ना हज़ारे के नेतृत्व में जन
िोकपाि चवधेयक का प्रस्ताव प्रस्तुत दकया गया िोकपाि चवधेयक, 2011 के सरकारी सांस्करण तथा
नागररक समाज द्वारा प्रस्ताचवत जन िोकपाि चवधेयक में कु छ परस्पर चवरोध के चनदु मौजूद थे ाऄांतताः,
िोकपाि तथा िोकायुक ाऄचधचनयम, 2013 पाररत दकया गया जो जनवरी 2014 से िागू दकया गया
राजस्थान, चनहार, कनाषटक तथा ाऄन्य काइ राज्यों ने ाआस क़ानून को ाऄपनाया तथा ाआसे कायाषचन्वत दकया है
तथा राज्य स्तर पर िोकायुक के पद की स्थापना की है
िोकपाि चवधेयक के सांसद में पाररत दकए जाने के नाद भी, भ्रष्टािार से चनपटने से सांनांचधत मु्ों को ाईठाने
वािे ाऄनेक सहायक चवधेयक ाऄन भी सांसद में िांचनत हैं चसटीजन िाटषर तथा ाआिे‍रॉचनक िोक सेवा
प्रदायगी, सावषजचनक खरीद ाआत्यादद से सांनांचधत चवधेयक सांसद में िांचनत हैं ाआन चवधेयकों के पाररत होने
जाने के पिात् िोकपाि के पद के समक्ष प्रचतददन दजष की जाने वािी प्रशासचनक ाऄकु शिता तथा भ्रष्टािार

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से सांनांचधत चशकायतों की सांख्या में कमी सुचनचित होगी साथ ही, यद्यचप क़ानून का प्रवतषन भ्रष्टािार को
चनयांचत्रत करने की ददशा में प्रथम िरण होता है, तथाचप क़ानून की प्रभाचवता वस्तुताः ाईसके कायाषचन्वत दकए
जाने के तरीके पर चनभषर करती है

िोकपाि, भ्रष्टािार चनवारण ाऄचधचनयम, 1988 (PCA) के तहत चनम्नचिचखत पदाचधकाररयों द्वारा दकए
गए ाऄपराध की जााँि कर सकता है:
 चनर्ददष्ट सांरक्षण के साथ प्रधानमांत्री,
 वतषमान तथा भूतपूवष के न्द्रीय मांत्री,
 वतषमान तथा भूतपूवष साांसद,
 वगष A, B, C, D के ाऄचधकारी,
 सांसद के ाऄचधचनयम द्वारा स्थाचपत या कें द्र सरकार द्वारा चवत्तपोचषत या चनयांचत्रत दकसी कां पनी,
सोसााआटी या दकसी न्यास के कमषिारी
 व्यचकयों के ऐसे सांघ के कमषिारी जो (i) सरकार से चवत्तीय सहायता प्राप्त करते हों, तथा चजनकी
वार्शषक ाअय एक चनधाषररत राचश से ाऄचधक हो; या (ii) सावषजचनक ाऄनुदान प्राप्त करते हों तथा वार्शषक
ाअय एक चनधाषररत राचश से ाऄचधक हो या प्रचतवषष 10 िाख से ाऄचधक चवदेशी चवत्तीय सहायता प्राप्त
की हो
 प्रधानमांत्री के चवरुद् पूछताछ कै मरे की चनगरानी में की जानी िाचहए तथा िोकपाि की समपूणष पीठ के
दो-चतहााइ नहुमत द्वारा स्वीकृ त की जाएगी ाऄांतराषष्ट्रीय सांनांधों, नाह्य एवां ाअांतररक सुरक्षा, िोक
व्यवस्था, नाचभकीय ाउजाष तथा ाऄांतररक्ष मामिों से सांनांचधत चशकायतों पर प्रधानमांत्री के चवरुद् जााँि
नह की जा सकती है
 िोकायुक के क्षेत्राचधकार में मुख्यमांत्री, मांत्री, चवधायक, राज्य सरकार के सभी कमषिारी, तथा कु छ
चनजी सांस्थाओं (धार्शमक सांस्थाओं सचहत) को भी सचममचित दकया जाना िाचहए
 िोकपाि की पूछताछ शाखा को चशकायतों के ाऄनुमोदन के 60 ददनों के भीतर जााँि करने की
ाअवश्यकता है जााँि ररपोटष को स्वीकार करने पर िोकपाि (i) जााँि का ाअदेश देगा; (ii) चवभागीय
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कारषवााइ की प्रदक्रया ाअरांभ करेगा; या (iii) मामिे को नांद करेगा तथा चशकायतकताष के चवरुद् झूठा
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तथा चनरथषक चशकायत के चिए कारषवााइ ाअरमभ करेगा जााँि की प्रदक्रया 6 माह के भीतर पूरी कर िी
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जाएगी िोकपाि, मुकदमे के चनणषय हेतु स्थाचपत चवशेष न्यायािय के समक्ष ाऄपनी ाऄचभयोजन शाखा
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(चवग) के माध्यम से मुकदमे का ाअरमभ करेगा मुकदमे की कारषवााइ ाऄचधकतम 2 वषष के भीतर पूरी कर
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िी जाएगी चवधेयक में िोकायुक के चिए भी समान प्रदक्रया का ाईल्िेख दकया गया है

1.5 शासन व्यवस्था में शु चिता में सु धार हे तु ाऄन्य सु झाव

(Other Suggestions for improving Probity in Governance)


(i) सावषजचनक कायाषियों में दुरािार रोकने के चिए कानून
(Legislation to check misfeasance in public office)
सामान्यताः जन दकसी वैध कायष को गित ढांग से चनष्पाददत दकया जाता है तो ाईसे दुरािार
(misfeasance) की सांज्ञा दी जाती है िोक सेवकों को नेघर िोगों को ाअवास ाअनांरटत करने, खचनज जैसे
प्राकृ चतक सांसाधनों के चवतरण के चिए नीचतयााँ ननाने और पेरोि पांप ाअनांरटत करने ाअदद जैसे कायषकिापों
के चिए ाऄनुमचत प्रदान करने की चववेकाधीन शचकयााँ प्राप्त होती हैं हािाांदक , प्राय: यह देखा गया है दक
िोक सेवक ाऄपने व्यचकगत िाभ के चिए ाआस प्रकार के चववेकाचधकारों का ाईपयोग करते हैं ाआस प्रकार के
सभी कृ त्य राज्य को प्रचतकू ि प प से प्रभाचवत करते हैं और यदद ाआस व्यवहार पर ाऄांकुश नह िगाया
जाएगा, तो समतावादी समाज और सामाचजक-ाअर्शथक न्याय का हमारा सांवैधाचनक स्वप्न कभी साकार नह
होगा

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दो पूवष कें द्रीय मांचत्रयों (पेरोि पांप और सरकारी ाअवासों के ाऄवैध ाअनांटन के प्रकरण में) द्वारा ाऄपकरण के
वाद में सवोच्ि न्यायािय ने चनणषय ददया दक:
 यदद कोाइ िोक सेवक या तो िूक से या कमीशन िेकर ाऄपने पद का दुप पयोग करता है, और ाईसके
पररणामस्वप प दकसी व्यचक को हाचन पहुाँिती है या सावषजचनक सांपचत्त को हाचन पहुाँिती है, तो ऐसे
िोकसेवक के चवप द् कारषवााइ की जा सकती है
 ऐसे वाद में ाऄनुकरणीय क्षचतयााँ ाऄचधचनणीत की जा सकती हैं जहााँ िोक सेवक की कारषवााइ चनरपवाद
प प से दमनकारी, मनमानी या ाऄसांवध
ै ाचनक है "
हािाांदक, दुरािार के काइ मामिों में यह तकष ददया जाता है दक सवोच्च न्यायािय द्वारा ाआस ाअधार पर
‘’सरकार को स्वयां को ाऄनुकरणीय क्षचत का भुगतान करने के चिए चनदेचशत करना ाऄनुमन्य नह है ‍योंदक
सरकार का मांत्री सरकार का ाऄांग होता है और ाआसचिए सरकार को स्वयां को क्षचत का भुगतान करने के चिए
चनदेचशत नह दकया जा सकता है
जैसा दक NCRWC द्वारा सुझाव ददया गया है, ऐसी चस्थचत में:
 िोक सेवकों को कानून द्वारा पररभाचषत ाईनके चनर्ददष्ट िररत्र के ाऄसद्भावी कृ त्य या ाऄकृ त्य से राज्य को
पहुाँिााइ गाइ हाचन के चिए ाईत्तरदायी ठहराने वािे एक स्पष्ट कानून की ाअवश्यकता है और ाईन्हें ाआस
प्रकार पहुाँिााइ गाइ हाचन की क्षचतपूर्शत का चनदेश ददया जाना िाचहए
 ाआसके ाऄचतरर‍त, ाऄनुकरणीय क्षचत के ाअरोपण की व्यवस्था होनी िाचहए ाआस चसद्ाांत में ाअचधकाररक
चस्थचत के दुरुपयोग के प्रकरण और प्राचधकार से नाहर दकये गए कायष सचममचित होने िाचहए
 पदाविी 'िोक सेवक' को भारतीय दांड सांचहता और भ्रष्टािार चनवारण ाऄचधचनयम, 1988 में यथा
पररभाचषत ‘सभी िोक सेवकों’ तक चवस्ताररत दकया जाना िाचहए ाआस पदाविी को साांसदों,
चवधायकों और मांचत्रयों को सचममचित करने हेतु ाऄथाषचन्वत दकया गया है
**ध्यान दें - 'हाचन पहुाँिाना' और तत्पिात हाचन का ाअकिन करना एक जरटि चवषय है िूाँदक यह
पश्िदृचष्ट पर ाअधाररत है, ाऄत: यह चनणषय चनमाषण को नाचधत कर सकता है रक्षा खरीद, ऐसा ाईदाहरण है
जहााँ ररश्वतखोरी/नड़े पैमाने पर भ्रष्टािार के साथ-साथ भ्रष्टािार के ाअरोपों के भय से चनणषय िेने में चविांन,
दोनों चस्थचतयााँ चवद्यमान हैं
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(ii) िोक सेवकों की ाऄवैध प प से ाऄर्शजत सांपचत्त जब्त करने के चिए कानून
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(Legislation for confiscation of illegally acquired assets of the public servants)


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वतषमान पररदृश्य में हमारे देश में भ्रष्ट एवां ाऄवैध कृ त्यों और सौदों में चिप्त होकर 'सावषजचनक पद'
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(सावषजचनक क्षेत्र के चनगमों के पदों सचहत) धारकों द्वारा ाऄर्शजत सांपचत्तयााँ जब्त करने के प्रावधान से सांनांचधत
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कानून के चनमाषण की ाऄत्यचधक ाअवश्यकता है


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 ाआस कानून को नेनामी िेनदेन के मामिे में ाई‍त सांपचत्त धारक पर यह चसद् करने का नोझ डािना
िाचहए दक सांिन ह सांपचत्तयाां भ्रष्ट सौदों के दौरान प्राप्त धन/सांपचत्त की सहायता से नह ाऄर्शजत की गाइ हैं;
या
 ाऄसांगत पररसांपचत्त के ाऄचधग्रहण के स्रोतों का चववरण देने हेतु ाआस प्रकार के िोकसेवक को प्रश्नगत दकया
जाए और यदद वह सांतोषजनक प प से ाऄपनी सांपचत्त का चववरण देने में चविि रहता है, तो ाईसे दोषी
ठहराया जा सकता है
 वास्तव में, भारत के चवचध ाअयोग ने भ्रष्ट िोक सेवकों की ाऄवैध प प से ाऄर्शजत पररसांपचत्तयों की जब्ती
हेतु कें द्र सरकार से सांसद में चवधेयक पुर:स्थाचपत की ाऄनुशांसा करते हुए ‘’भ्रष्ट िोक सेवक (सांपचत्त की
जब्ती) चवधेयक" पर ाऄपनी 166 व ररपोटष प्रस्तुत की थी हािाांदक सरकार ने वाांचछत ददशा में ाऄभी
भी कोाइ कदम नह ाईठाया है
जन तक िोक सेवकों के भ्रष्ट कायों के चवप द् कठोर कानूनी कारषवााइ का प्रावधान करने वािा कानून नह
होगा, तन तक वे भ्रष्ट पद्चतयों का ाईपयोग करके ाऄपने प्राचधकार का िाभ ाईठाने और ाआस प्रकार प्राप्त कािे
धन को टै‍स हेवन देशों में प्रेचषत करने हेतु प्रोत्साचहत होते रहेंगे!

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(iii) सरकार में नैचतकता के चिए कानून (Legislation for Ethics in Government)
ाऄमेररका में एचथ‍स ाआन गवमषन्ट ए‍ट मौज़ूद है ाआस ाऄचधचनयम में चनम्नचिचखत प्रावधान दकये गए हैं:
 ाआस ाऄचधचनयम में यह ाईल्िेख है दक जन कोाइ व्यचक एक िोक ाऄचधकारी के प प में पद धारण करता है
तो ाईसे 30 ददनों के भीतर चगरवी, िि सांपचत्तयों और रस्ट के तहत िाभ ाअदद सचहत सभी प्रकार की
सांपचत्तयों का पूणष और ाईचित प्रकटीकरण करना ाअवश्यक होता है
 यह महाचधव‍ता को जाननूझकर एवां सौ्ेश्य चम्या घोषणा दाचखि करने वािे दकसी व्यचक के
चवप द् ाऄहषताप्राप्त ाऄमेररकी चजिा न्यायािय में चसचवि कारषवााइ करने की शचक प्रदान करता है और
घोषणाकताष को ाऄचभरक्षा में िेने का प्रावधान करता है
 यह स्पष्ट प प से प्रावधान करता है दक ाअम जनता की ऐसी घोषणाओं तक पहुाँि होगी दकसी भी
ाऄमेररकी नागररक को दकसी भी वैध ाई्ेश्य के चिए ाई‍त ररपोटों का ाईपयोग करने का ाऄचधकार प्राप्त
है तथा साथ ही यह ाऄचधचनयम चनर्ददष्ट ाऄचधकाररयों द्वारा ाआन ररपोटों की समीक्षा और जााँि करने का
प्रावधान करता है
जवानदेचहता में वृचद् करने और भ्रष्टािार की समस्या पर ाऄांकुश िगाने के चिए भारत में भी ऐसा ही
प्रावधान दकया जा सकता है ाईदाहरणस्वप प भारत में चसचवि सेवा ाअिरण चनयम चवद्यमान हैं ाआन
चनयमों को एचथ‍स ए‍ट के प प में साांचवचधक दजाष देने से नेहतर कायाषन्वयन सुचनचित होगा
तथाचप, कानून का होना मात्र ाआसके ाऄनुपािन की गारांटी प्रदान नह करता है ाऄचनच्छु क िोग सदैव कानून
से निने के तरीके खोजेंगे डोनल्ड रमप (ाऄमेररका के 45वें राष्ट्रपचत) ाआसका सवोत्तम ाईदाहरण हैं ाईन्होंने
काइ वषों तक ाऄपने कर चववरण का प्रकटीकरण नह दकया जनदक यह ाऄमेररका में ाईच्चतम पद हेतु प्रचतस्पधाष
करने वािे सभी ाईममीदवारों के चिए एक सुस्थाचपत परांपरा है
(iv) ाअपराचधक न्याचयक प्रणािी का सुदढ़ृ ीकरण (Strengthening of criminal judicial system)
जैसा दक ििाष की गाइ है, के वि कानूनों का चनमाषण करना ही पयाषप्त नह है कानून का भय वस्तुताः कानून के
ाईल्िांघन की घटना को कम करने एवां कानून के ाईल्िांघन को हतोत्साचहत करने हेतु पयाषप्त प्रचतनांधात्मक प प
में सुस्थाचपत होने िाचहए शासन व्यवस्था में शुचिता सुचनचित करने के चिए न्याचयक प्रणािी का
सुदढ़ृ ीकरण करना सवाषचधक महत्वपूणष ाअवश्यकता है ाअपराचधक न्याचयक प्रणािी में पुचिस/जााँि एजेंसी,
ाऄचभयोजन एजेंसी, ाऄचधवका, साक्ष्य और ाऄांतत: न्यायपाचिका सचममचित है
न्याय तक पहुाँि ाआस चसद्ाांत पर ाअधाररत है दक िोगों को कानून के ाईचित ाऄनुप्रयोग पर भरोसा करने में
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सक्षम होना िाचहए और कायाषन्वयनकारी एजेंचसयों द्वारा ाऄपना कायष ाऄत्यांत सत्यचनष्ठा के साथ दकया जाना
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िाचहए हािाांदक, वास्तचवकता में कु छ ाऄवरोधक कारक चवद्यमान हैं, जैसे:


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 पुचिस/जााँि एजेंचसयों पर ाऄत्यचधक नोझ


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 चवशेष प प से जरटि ाऄपराधों में ाऄचभयोज्यता चसद् करने के चिए ाअधुचनक ाईपकरणों की कमी
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 नागररकों के नीि ाऄपने ाऄचधकारों के सांनांध में जागप कता का ाऄभाव


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 चवचधक सहायता तक महाँगी पहुाँि


 न्यायचनणषयन की जरटिता, जो िांनी चवचधक कायषवाही को ाअवश्यक ननाती है
 न्यायपाचिका में ररचकयााँ और वादों का नोझ सांभािने के चिए ाऄपयाषप्त िॉचजचस्टक
 ाऄचभजात वगष, राजनेताओं और नौकरशाही के मध्य ाईपचस्थत गठजोड़ ाऄ‍सर ाअम ाअदमी तक न्याय
की प्रदायगी को नाचधत करता है
ाआस प्रकार की समस्याओं से चनपटने के चिए वतषमान में हमें पारदशी तांत्र और न्याचयक सदक्रयता के ाऄनुसरण
में िीक से हटकर कायष करने की ाअवश्यकता है जनचहत याचिका और समुदाय ाअधाररत पुचिचसग (जैसे
ाऄमेररका, चिटेन में है) कु छ ाऄन्य चवचधयााँ हैं

1.6. चनष्कषष (Conclusion)

शुचिता (प्रोचनटी) से सुशासन के चवकास में सहायता चमिती है चजससे न के वि सावषजचनक सांसाधनों का
प्रभावी ाईपयोग सुचनचित होता है ाऄचपतु ाईच्चतर सामाचजक-ाअर्शथक और मानव चवकास का भी मागष प्रशस्त
होता है ाआस प्रकार, शुचिता में सत्यचनष्ठा की सांस्कृ चत ाऄांतचनर्शवष्ट करने हेतु चवचभन्न पहिें ाअरमभ करना,
सशक चवचधयों का ाऄचधचनयमन करना और ाईनका प्रभावी कायाषन्वयन सुचनचित करना ाऄत्यांत ाअवश्यक है

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हमारे पूवष प्रधानमांत्री श्री मनमोहन चसह ने शासन में नैचतकता के महत्व पर नि ददया और कहा दक "एक
समाज के प प में, हमें वह स्तर चवकचसत करना िाचहए जहााँ शुचिता जीवन शैिी का ाऄचभन्न ाऄांग नन जाती
है तथा जहााँ ाइमानदारी एक सामान्य ाऄपेक्षा होती है यदद व्यचक में सत्यचनष्ठा का गुण चवद्यमान है, तो ाऄन्य
नातें महत्व नह रखती हैं तथा यदद व्यचक में सत्यचनष्ठा का गुण चवद्यमान नह है तन भी ाऄन्य नातें महत्व
नह रखती हैं मैं दृढ़ता से मानता हाँ दक हमें िोक सेवक के प प में सत्यचनष्ठा का व्यचकगत मानक चनधाषररत
करना होगा और यह सांदश
े शीषष स्तर से चनििे स्तर की ओर प्रसाररत होना िाचहए, न दक दूसरी तरि
सत्यचनष्ठा, चनष्पक्षता और योग्यता के मूल्य हमारी चसचवि सेवाओं के मागषदशषक चसद्ाांत हैं "
सांसदीय िोकतांत्र में 'सामूचहक ाईत्तरदाचयत्व' के ढाांिे के भीतर राजनीचतक कायषकाररणी और चसचवि सेवाओं
के नीि ाईत्तरदाचयत्वों की स्पष्ट सीमा तय करने की ाअवश्यकता है ाआसका साधारण सा यह ाऄथष है दक एक
नार मांत्रािय द्वारा चनणषय िे चिए जाने के नाद, नेता ाऄथाषत् मांत्री को ाआसके चिए ाईत्तरदायी ठहराया जाना
िाचहए तांत्र ऐसा होना िाचहए दक घोटािे को दांड से मुक नह दकया जा सके या के वि नौकरशाहों को
दांचडत करके ाआस मामिें को समाप्त नह दकया जा सके - घोटािे के चिए ाईत्तरदायी 'नड़ी मछिी' को भी
दांचडत दकया जाना िाचहए ाऄचधकाररयों द्वारा चिए गए चनणषयों को भचवष्य में प्रश्नगत करने या ाईन्हें
ाअपराचधक षडयांत्र के मामिे के प प में देखने की समभावना चसचवि सेवाओं को सवाषचधक पांगु ननाती है
दुरािार का ाईत्तरदाचयत्व त्वररत प प से चसद् की जानी िाचहए और दोषी को दृष्टाांग योग्य दांड से दांचडत
दकया जाना िाचहए

2. िोक सेवा की ाऄवधारणा (Concept of Public


Service
िोक सेवा वस्तुताः जनता की ाऄपेक्षाओं के ाऄनुसार जनता की जप रतों को पूरा करने हेतु प्रावधान से सांनांचधत
है िोक सेवा, मानव जाचत के ाआचतहास में यदद सवाषचधक महान तो नह परन्तु सवाषचधक प्रािीन, सवाषचधक
व्यापक और सराहनीय मूल्यों का प्रचतचनचधत्व करती है वास्तव में, सय यता और िोक सेवा एवां प्रशासन
एक-दूसरे से घचनष्ठतापूवषक सांनांचधत है और एक दूसरे को सुदढ़ृ ननाते और सहयोग करते हैं पूवष और पचिम
के परांपरागत समाजों में, सामुदाचयक कल्याण हेतु स्वैचच्छक सेवा और व्यावसाचयक ाऄनुनध
ां के ाअधार पर
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चनष्पाददत पाररश्रचमक यु‍त कायों के नीि थोड़ा सा ही ाऄांतर दकया गया था हािाांदक, राज्य की ाऄवधारणा
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के चवकास के साथ, सांरचित चसचवि सेवा ाआसके (राज्य के ) चविार के कें द्र में रही है मौयष साम्राज्य के समय
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से, भारत में सावषजचनक कतषव्यों का चनष्पादन करने वािी एक चवस्तृत िोक सेवा चवद्यमान रही है
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2.1. से वा की सावष ज चनकता का मापन (Measuring Publicness of a Service)


जनता ाऄथाषत् सामान्य नागररकों द्वारा सरकार से की जाने वािी ाऄपेक्षाएाँ पररवर्शतत हो रही हैं ाआसके
ाऄचतरर‍त, काइ चनजी सांस्थाएाँ वे सेवाएाँ प्रदान कर रही हैं चजन्हें पारांपररक प प से 'सावषजचनक' सेवा माना
जाता था चसगापुर चवश्वचवद्यािय के एम. शमसुि हक के ाऄनुसार, चनम्नचिचखत प्रमुख ाअयामों के साथ सेवा
की ‘सावषजचनकता’ (publicness) का मापन दकया जा सकता है:
 चनजी क्षेत्र से ाआसके भेद की सीमा: हक चनष्पक्षता, खुिेपन, समानता और प्रचतचनचधत्व को स्पष्ट प प से
सावषजचनक चवशेषताओं के प प में पहिान करते हैं
 सेवा प्राप्तकताषओं का दायरा और सांरिना: हक के ाऄनुसार, सेवा प्राप्तकताषओं की सांख्या चजतनी ाऄचधक
होती है और ाआनका दायरा चजतना व्यापक होता है, सावषजचनकता की मात्रा भी ाईतनी ही ाऄचधक होती
है, और वह 'सभी नागररकों का चहत सचममचित करने वािे साझा और सावषभौचमक प प से सुिभ
कायषक्षेत्र को सांदर्शभत करते हैं
 ाआसकी सामाचजक ाअर्शथक भूचमका का पररमाण और तीव्रता: सेवा का सामाचजक प्रभाव चजतना व्यापक
होता है, ाआसकी सावषजचनकता का स्तर भी ाईतना ही ाऄचधक होता है

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 ाआसके सावषजचनक जवानदेचहता की मात्रा: ाआसका चवस्तार सांस्थानों के ाऄचस्तत्व से परे ाईस सीमा तक
होता है, जहााँ तक ये सांस्थान समाज के चवशेष वगों या भाग से प्रभाचवत होते हैं
 सावषजचनक चवश्वास का स्तर: ाऄथाषत, दकतने िोग सेवा की चवश्वसनीयता, नेतृत्व या ाईत्तरदाचयत्व पर
भरोसा करते हैं

2.2. िोक से वा हे तु मागष द शष क चसद्ाां त (Principles Guiding Public Service)

वतषमान समय में सावषजचनक क्षेत्र ाऄपनी दक्षता में वृचद् करने हेतु चनजी क्षेत्र के चवचभन्न तरीकों का ाईपयोग
कर रहा है ‍या ाआसका ाऄथष यह है दक िोक सेवा में चनचहत भावना कमजोर हो सकती है? ाआस सांनध
ां में, यह
ाअवश्यक है दक चनम्नचिचखत चसद्ाांतों द्वारा सभी चसचवि सेवा सांस्थानों और ाईनके कमषिाररयों का मागषदशषन
दकया जाना िाचहए:

(i) नैचतक चशक्षा (Ethical Education)


नैचतक चशक्षा ाऄत्यांत ाअवश्यक है तथा सभी स्तरों पर सभी शैचक्षक प्रणाचियों का भाग होनी िाचहए
हािाांदक, चवश्व के दकसी भी देश में िोक सेवा में ाऄपना कररयर ननाने हेतु प्रशासचनक नीचतशास्त्र में चशक्षा
और प्रचशक्षण ाऄत्यांत ाअवश्यक हैं ाआनमें व्यचकगत और प्रशासचनक दोनों प्रकार के नीचतशास्त्र सचममचित
होने िाचहए
वह दूसरी ओर, सरकारी कमषिाररयों को चनम्नचिचखत परामशष ददए जाने िाचहए:
 नैचतक और ाअिार-समनन्धी चसद्ाांतों से स्वयां को चशचक्षत करें और नैचतक प प से कायष करें
 चसद्ाांतों से समझौता न करें
 ाऄसांवैधाचनक, ाऄनैचतक, ाऄवैध और ाऄनीचतशास्त्रीय ाअदेशों का पािन नह करें और ाईचित िैनिों के
माध्यम से ाईन्हें प्रकट करें

(ii) पेशव
े र एवां वैयचकक सत्यचनष्ठा का सांरक्षण (Preservation of Professional and Personal
Integrity)
पेशेवर मूल्य वररष्ठों के सांददग्ध सांगठनात्मक या व्यचकगत ाअदेशों से ाऄचधक प्रनि होने िाचहए ाआसके चिए
स्व-चवचनयमन, ज्ञान, ाअत्म-चनयांत्रण, एक चनचित सीमा तक स्वायत्तता और व्यचकगत स्वतांत्रता तथा
सावषजचनक चहतों एवां सावषजचनक चवश्वास के प्रचत चनजी चहतों को कम महत्व देने ाअदद की ाअवश्यकता होती
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है
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(iii) चववेक (Prudence)


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चववेक के चिए ज्ञान, चवशेषज्ञता और चवशेष पररचस्थचतयों के सांनांध में नीचतपरक समझ के ाअधार पर ाअत्म-
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चनयांचत्रत, चववेकाधीन चनणषय की ाअवश्यकता होती है


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(iv) िोक सेवा भावना (Public spirit)


चनजी चहत, सावषजचनक एवां सामुदाचयक चहतों के ाऄधीन होने िाचहए चनणषय प्रदक्रया या प्रशासक के प प में
कायष करने के दौरान व्यचक को पहिे सावषजचनक चवश्वास और नागररकों के चहतों के सांनांध में ाऄवश्य सोिना
िाचहए तथा तत्पिात ाऄपने सांनांध में सोिना िाचहए सामांजस्यपूणष समुदायों का चनमाषण करने और
सामाचजक नुरााआयों पर ाऄांकुश िगाने हेतु प्रत्येक समय िोकचहत को नढ़ावा ददया जाना िाचहए
(v) नीचतपरक ाअिार सांचहता (Code of Ethics)
िोक प्रशासन में नीचतपरक ाअिार सांचहता (CoE), िोक सेवा ाअिार के मागषदशषक कानूनों, चनयमों,
चवचनयमों और मानदांडों का चिचखत और ाऄचिचखत सांग्रह या व्यवस्था है
प्राय: यह तकष ददया जाता है दक CoE से नैचतकता का प्रसार होगा तथा तत्पिात सन सांचहतानद् दकया
जाएगा हािाांदक, यह ाऄवाांचछत है ‍योंदक ाआससे नौकरशाही में चनचष्क्रयता की चस्थचत ाईत्पन्न हो जाएगी
पुनाः, स्पष्टता और कठोरता के ाऄभाव ने िाभ ाईठाने एवां निाव के काइ मागष ाईत्पन्न दकए हैं सांचहतानद्
नीचतपरक ाअिार सांचहता से वस्तुचनष्ठता में वृचद् होगी कु छ नीचत सांचहता में ाऄनैचतक व्यवहारों पर प्रचतनांध
ाअरोचपत दकये जाते हैं, जनदक ाऄन्य CoE, िोक सेवकों के प्रचत ाअकाांक्षापूणष होती हैं तथा ाईनके मागषदशषन
का कायष करती हैं

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(vi) सकि गुणवत्ता प्रनांधन की भावना का समावेशन {(Internalization of a sense Total Quality
Management (TQM)}
दकसी भी कायष को प्रथम नार में ही सही ढांग से करने का चविार प्रोत्साचहत दकया जाना िाचहए तादक चनम्न
गुणवत्ता वािे कायष के प्रचतकृ चतकरण (डु प्िीके शन) या दोहराव की महांगी त्रुरट में कमी की जा सके िोक
चहत और ाअत्म-चसचद् के चिए प्रेरणा की भावना, कायष नीचतशास्त्र (वकष एचथ‍स) के समावेशन में सहायता
करती है

2.3. चनष्कषष (Conclusion)

नागररक, सांप्रभुता के स्रोत हैं तथा सनसे महत्वपूण,ष वे जवानदेचहता की मााँग करने वािे करदाता हैं ाऄताः
ाईनके साथ ाआसी के ाऄनुसार व्यवहार दकया जाना िाचहए तथा ाईन्हें के वि नाजार के ाईपभोका या ग्राहक ही
नह माना जाना िाचहए सुभद्य े िोगों की ाईपेक्षा करते हुए के वि कु छ के िाभ पर ध्यान कें दद्रत करने वािी
िोक सेवा के प्रचत दृचष्टकोण को सदक्रय प प से हतोत्साचहत दकया जाना िाचहए गरीन समर्शथत चवकास
नीचतयाां के वि तभी समावेशी होंगी जन गरीनों को चवकास प्रदक्रया में चहतधारक ननाया जाएगा और न दक
तन जन वे के वि पुनर्शवतररत िाभ के प्राप्तकताष होंगे नाजार िोक सेवा का चवकल्प नह हैं ाआसके नजाय,
मजनूत प्रशासन, िोक सेवा और ाईत्तरदाचयत्व पूणष नागररकता ाअदद, व्यापार-ाऄनुकूि पररवेश, नाजारों के
सुिाप पररिािन, प्रभावी िोकतांत्र और सामाचजक शाांचत हेतु ाऄचनवायष शतष हैं
िोक सेवकों का प्राथचमक ाईत्तरदाचयत्व कानून का प्रवतषन, चवचभन्न सावषजाचनक सेवाओं, जैस-े भोजन,
स्वास््य, चशक्षा, ाअपदाओं के दौरान राहत ाअदद की व्यवस्था करना है साथ ही, वे चववादों के चनपटान और
ाऄनुनांधात्मक दाचयत्वों के प्रवतषन के चिए भी ाईत्तरदायी हैं ये कतषव्य वस्तुताः चवचभन्न चवधानों के ाऄांतगषत
प्रदत्त शचक का ाऄन्य नागररकों के ाउपर प्रयोग करने हेतु ाअवश्यक हैं, चजसका चसचवि सेवक कानून के
ाऄांतगषत प्राप्त प्राचधकार के माध्यम से प्रयोग करते हैं साथ ही िोक सेवक सरकार के कायषक्रमों और नीचतयों
को भी कायाषचन्वत करते हैं ाआसके चिए एक चनचित िररत्र, न्याय और चनष्पक्षता की भावना, पारदर्शशता
और ाईत्तरदाचयत्व की ाअवश्यकता होती है प्रशासचनक न्याय प्रदान करने में सक्षम होने के चिए,
समािोिनात्मक चितन की क्षमता और चनष्पक्षता एवां प्रदक्रयाओं के प्रचत सममान ाअवश्यक गुण हैं चजन्हें
सभी िोक सेवाओं के कु शि प्रदायगी के चिए पािन दकया जाना िाचहए

3. चवगत वषों में सांघ िोक सेवा ाअयोग द्वारा पूछे गए प्रश्न
(Past Year UPSC Questions)
1. िोक-जीवन में 'सत्यचनष्ठा’ (प्रोचनटी) से ाअप ‍या ाऄथष ग्रहण करते हैं? ाअधुचनक काि में ाआसके
ाऄनुसार ििने में ‍या करठनााआयााँ हैं? ाआन करठनााआयों पर दकस प्रकार चवजय प्राप्त कर सकते हैं?
2. िोक-सेवा के सन्दभष में 'जवानदेही' का ‍या ाऄथष है? िोक-सेवकों की व्यचकगत और सामूचहक
जवानदेही को सुचनचित करने के चिए ‍या ाईपाय ाऄपनाए जा सकते हैं?
3. ाऄ‍सर कहा जाता है दक चनधषनता भ्रष्टािार की ओर प्रवृत्त करती हैं परन्तु, ऐसे भी ाईदाहरणों की
कोाइ कमी नह है, जहााँ समपन्न एवां शचकशािी िोग नड़ी मात्रा में भ्रष्टािार में चिप्त हो जाते हैं
िोगों में व्याप्त भ्रष्टािार के ाअधारभूत कारण ‍या हैं? ाईदाहरण के द्वारा ाऄपने ाईत्तर को समपुष्ट
कीचजए
4. ाअज हम देखते हैं दक ाअिार सांचहताओं के चनधाषरण, सतकष ता सेिों/ाअयोग की स्थापना, ाअर. टी.
ाअाइ., सदक्रय मीचडया और चवचधक याांचत्रकत्वों के प्रनिन जैसे चवचभन्न ाईपायों के नावजूद
भ्रष्टािारपूणष कमष चनयांत्रण के ाऄधीन नह ाअ रहे हैं
(क) ाआन ाईपायों की प्रभावशीिता का औचित्य नताते हुए मूल्याांकन कीचजए
(ख) ाआस खतरे का मुकानिा करने के चिए और ाऄचधक प्रभावी रणनीचतयााँ सुझााआए
5. ‘‘भ्रष्टािार सरकारी राजकोष का दुप पयोग, प्रशासचनक ाऄदक्षता एवां राष्ट्रीय चवकास के मागष में
नाधा ाईत्पन्न करता है ’’ कौरटल्य के चविारों की चववेिना कीचजए

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4. चवगत वषों में Vision IAS GS मेंस टे स्ट सीरीज में पू छे


गए प्रश्न (Vision IAS Test Series Questions)

1. नीचतशास्त्र, भ्रष्टािार के चवरुद् पहिी रक्षा पांचक है, जनदक कानून का प्रवतषन ाईपिारात्मक एवां
प्रचतदक्रयात्मक है ाईचित ाईदाहरणों के साथ ाईक कथन का परीक्षण कीचजए
दृचष्टकोण:
 भ्रष्टािार चनवारण में नीचतशास्त्र एवां कानून के महत्व की व्याख्या कीचजए
 ाईक कथन की सचवस्तार व्याख्या कीचजए एवां ाईदाहरण सचहत ाआसका औचित्य चसद् कीचजए
ाईत्तर:
नीचतशास्त्र वस्तुताः ाईचित एवां ाऄनुचित ाअिरण के सांनांध में भिी-भााँचत स्थाचपत मानकों को
सांदर्शभत करती है, जो सामान्य प प से हमारे ाऄचधकारों, दाचयत्वों, चनष्पक्षता या चवचशष्ट गुणों का
चनधाषरण करती है दक हमें ‍या करना िाचहए कानून सामान्यताः नैचतक ढाांिे पर ाअधाररत होते हैं
एवां ाईनका िक्ष्य समाज में िोगों के ाऄनुचित या ाऄनैचतक व्यवहार को चनयांचत्रत करते हुए
सामाचजक व्यवस्था स्थाचपत करना होता है
कानून व्यचक पर सरकार द्वारा ाऄचधरोचपत मानकों एवां चनयमों के नाह्य समुच्िय के प प में कायष
करता है कानून की ाऄवज्ञा करने वािा व्यचक चनधाषररत ाऄथषदड
ां और सजा का भागी होता है, ाआस
प्रकार कानून िोगों को गैर-ाऄनुपािन से चवरत करता है कानूनों में सामाचजक ाऄनुज्ञा एवां
स्वीकृ चतयााँ समाचहत होती हैं और ाआस प्रकार वे समाज की सुिारु कायषप्रणािी में महत्वपूणष
भूचमका का चनवाषह करते हैं समृद् एवां शचकशािी व्यचकयों द्वारा मोटे तौर पर कानूनों का
ाईल्िांघन दकए जाने का त्य समाज में नैचतकता के मूिभूत ाऄभाव का सांकेत देता है
नीचतशास्त्र व्यचक के चिए ऐसी चस्थचतयों में भी ददशाचनदेशक यांत्र का कायष करती है जहााँ कानून
भी ाऄपनााइ जाने वािी कायष प्रणािी के सांनांध में मौन होता है ाआसका एक चवचशष्ट ाईदाहरण
प्रशासक की भूचमका है, जहाां चववेकाचधकार का प्रयोग करने की ाअवश्यकता होती है
चववेकाचधकार भ्रष्टािार के चिए पयाषप्त ाऄवसर प्रदान करता है और नैचतक दृचष्ट से कमजोर व्यचक
सामाज कल्याण की कीमत पर भी धन-ाऄर्शजत करने की प्रवृचत्त का सरितापूवषक चशकार हो सकता
है ाआसचिए सांनांचधत चवषय पर कोाइ कानून चवद्यमान न होने पर भी नीचतशास्त्र भ्रष्टािार के
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चवरुद् पहिी रक्षा पांचक है


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एक ाऄन्य ाईदाहरण िें, सांभव है दक सरकार यह चनर्ददष्ट करने हेतु कानून न ननाए दक दकसी कां पनी
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को ाऄपने ाईत्पादों को पयाषवरणीय दृचष्ट से ाऄचधक सुरचक्षत या सरितापूवषक पुनिषक्रण योग्य ननाना
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िाचहए, ककतु ऐसा करना नैचतक हो सकता है चजममेदार और नैचतक रुप से जागरुक सांगठन ाआन
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ाईपायों को कानूनों द्वारा ाऄचनवायष घोचषत न दकए जाने पर भी ध्यान में रखेगा
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नीचतशास्त्र सभी समुदायों के चिए भ्रष्टािार को रोकने हेतु मजनूत सुरक्षा पांचक के प प में कायष
करती है, जनदक कानून प्रचतदक्रयात्मक होते हैं और के वि ाईपिार के प प में कायष करते हैं
भ्रष्टािार को समूि नष्ट करने का स्थााइ समाधान के वि नैचतकता के ाअांतररक समावेश द्वारा ही
प्राप्त होगा, यह ाईपिचब्ध नाह्य प प से ाअरोचपत निों के माध्यम से प्राप्त नह हो सकती नाह्य
व्यवस्थाएाँ के वि पुरस्कार या सजा देने की प्रवृचत्त तक ही प्रभावी होती है, जनदक ाअत्मसात की
गाइ ाऄांतर्शनचहत मूल्य प्रणािी जीवनोपराांत साथ देगी

2. खुिी सरकार पारदर्शशता और सूिना की स्वतांत्रता से भी ाऄचधक व्यापक ाऄवधारणा है सचवस्तार


व्याख्या कीचजए
दृचष्टकोण:
 सवषप्रथम, पारदर्शशता की ाऄवधारणा की व्याख्या कीचजए ाआसके नाद खुिी सरकार (ओपन
गवनषमेंट) के ाअवश्यक तत्वों की ििाष कीचजए
 ाईत्तर के ाऄांचतम भाग में खुिी सरकार पारदर्शशता से भी ाऄचधक व्यापक कै से है, ाआस पर ध्यान
ददया जाना िाचहए

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ाईत्तर:
पारदर्शशता खुिी सरकार की एक ाअवश्यक चवशेषता है पारदर्शशता से तात्पयष है दक सरकारी
चनकायों के कायषकिापों की सूिना, कु छ सीचमत ाऄपवादों के साथ, समयनद् ढांग से, खुिे ाअांकड़ा
प्रप पों में और पुनप्रषयोग पर प्रचतनांधों के चनना तैयार कर िोगों को ाईपिब्ध करााइ जाए
पारदर्शशता तांत्र में िोगों के ाऄनुरोधों पर सूिना का चवतरण और सरकारी चनकायों द्वारा सदक्रयता
से ाईनका प्रकाशन ाऄचनवायष प प से शाचमि दकया जाना िाचहए चनजी सांस्थाओं के नारे में
महत्वपूणष सूिना सीधे तौर पर ाऄथवा सरकारी चनकायों के माध्यम से ाईपिब्ध करााइ जानी
िाचहए
ककतु खुिी सरकार के दो ाऄन्य ाअवश्यक तत्व हैं, वे हैं - सहभाचगता एवां ाईत्तरदाचयत्व सहभाचगता
का तात्पयष नीचतगत चवकल्पों और चनणषय प्रदक्रया में प्रत्यक्ष प प से िोगों के शाचमि होने से है
ाआसके तहत िोग समाज तथा प्रजातांत्र के व्यापक चहत में नीचतयों, कानूनों और चनणषयों के प्रचत
चविार और साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते हैं सरकारों को िाचहए दक वे नागररकों को सावषजचनक
चविार-चवमशष में सदक्रयता से सांघरटत करें ऐसे तांत्र होने िाचहए जो जनता को चिता के चवषयों
पर ाऄपनी पहि पर भाग िेने और नीचत पर चवमशष शुप करने की ाऄनुमचत दें
एक ाईत्तरदायी सरकार वह है, जो ाअिरण और सत्यचनष्ठा के मापदांडों को ननाए रखते हुए और
ाऄपने चनणषयों तथा कायषकिापों का चववरण देते और दाचयत्व िेते हुए, जनता के प्रचत जवानदेह
होती है ाईत्तरदाचयत्व के चिए ाअवश्यक है दक सरकारी शचक के प्रयोग और सरकारी धन के व्यय
पर चनयांत्रण स्थाचपत करते हुए चनयम, चवचनयम और तांत्र ाऄपने स्थान पर हों भ्रष्टािार की
घटनाओं को कम करने, चहतों के सांघषों की पहिान और रोकथाम करने तथा ाऄवैध सांपन्नीकरण
पर चनयांत्रण करने के चिए चवचशष्ट और चवस्तृत ाईपायों की ाअवश्यकता है जो गित कायों को
सामने िाएां ाईनके चिए सुरक्षा के ाईपाय होने िाचहए
ाआस तरह एक खुिी सरकार में पारदर्शशता के माध्यम से खुिापन एक ऐसे सक्षम वातावरण में
नृहत्तर नागररक सहभाचगता का साधन नन जाता है, जहाां सरकार के कायषकिाप को समझने और
नागररक की ाअकाांक्षाओं के ाऄनुप प सरकारी सेवक ाऄपने दाचयत्व को पूरा कर रहे हैं या नह
ाआसकी जाांि करने के चिए सूिना का मुक प्रवाह होता हो जवानदेही के सभी िार घटक ाऄथाषत्
ाईत्तरदाचयत्व, ाऄनुमोदन, प्रचतकार और प्रणािी में सुधार, सरकार की चजममेदारी सुचनचित करते
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हैं ाऄांतताः सहभागी नजट चनमाषण, नागररक िेखा परीक्षण द्वारा भ्रष्टािार पर चनगरानी ाअदद के
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प प में शासन की प्रदक्रया में नागररकों की सहभाचगता ाआसे (खुिी सरकार को) एक खुिे समाज की
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एक प्रजाताांचत्रक सांस्कृ चत का प प देती है, चजसकी ओर प्रत्येक ाईदार प्रजातांत्र ाऄग्रसर है


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3. यद्यचप कतषव्यों के प्रभावी चनवषहन के चिए चववेकाचधकार ाअवश्यक है, ककतु यह प्रशासन के सभी
su

स्तरों में भ्रष्टािार का भी एक प्रमुख कारक है रटप्पणी कीचजए ाआस प्रसांग में कु छ ऐसे ाईपाय
सुझााआए चजनके माध्यम से भ्रष्टािार में ाऄचधकतम कमी करते हुए ाईत्तरदाचयत्वों का सुिारु
कायाषन्वयन सुचनचित दकया जा सके
दृचष्टकोण:
 सवषप्रथम प्रशासन में चववेकाचधकार का ाऄथष समझााआए
 दिर यह समझााआए दक कतषव्यों के प्रभावी चनवषहन के चिए चववेकाचधकार ‍यों ाअवश्यक है
 व्याख्या कीचजए दक दकस प्रकार चववेकाचधकार भ्रष्टािार का मागष प्रशस्त कर सकता है
 ाऄांत में, ाईत्तरदाचयत्वों का सुिाप दक्रयान्वयन सुचनचित करते हुए भ्रष्टािार में ाऄचधकतम
कमी िाने के ाईपाय सुझााआए .
ाईत्तर:
चववेकाचधकार का ाऄथष ाऄपनी समझ के ाऄनुसार चनणषय िेने ाऄथवा कायष करने की शचक है
भारतीय कानून प्रशासचनक ाऄचधकाररयों को कु छ चववेकाधीन शचकयाां प्रदान करता है हािाांदक,
चववेकाधीन शचकयों का प्रयोग मनमाना, ाऄस्पष्ट और काल्पचनक नह , नचल्क कानून और चवचनयम
के दायरे में होना िाचहए

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प्रशासचनक ाऄचधकाररयों को प्रदत्त चववेकाधीन शचकयाां कािी चवस्तृत


् हैं जन्म और मृत्यु
पांजीकरण के ाऄनुरक्षण जैसे कायों के साथ ही सांपचत्त के ाऄचधग्रहण, व्यापार, ाईद्योग या व्यवसाय के
चवचनयमन, जाांि, सांपचत्त की जब्ती तथा कु की, कायषकारी ाऄचधकारी की व्यचकपरक सांतुचष्ट के
ाऄधीन दकसी व्यचक की नजरनांदी तथा ाऄन्य काइ कायष जैसे व्यचक के ाऄचधकारों को गांभीरतापवषक
प्रभाचवत करने वािे कदम ाअदद ाआन चववेकाधीन शचकयों में सचममचित हैं ाईनके कायों की सूिी
व्यापक प्रकृ चत की है
प्रशासचनक चववेकाचधकार की समस्या जरटि है पूणष चववेकाचधकार के प्रशासन के दावे और ाआसके
ाईचित प्रयोग के व्यचकयों के दावों के नीि चनरांतर सांघषष होता रहा है ाऄन प्रश्न यह ाईठता है दक
ाआसे दकस प्रकार चनयांचत्रत दकया जा सकता है
ाआसे दो प्रकार से चनयांचत्रत दकया जा सकता है: पहिा न्याचयक और दूसरा गैर-न्याचयक ाआन्हें
चनयांचत्रत करने के नहुत सारे तरीके हैं
न्याचयक चनयांत्रण
न्यायपाचिका को दो चनदुओं पर ध्यान कें दद्रत करना िाचहए सवषप्रथम, ाईसे चवधाचयका को
चनदेचशत करना िाचहए दक वह कायषपाचिका को चवस्तृत और ाऄसीचमत चववेकाचधकार न प्रदान
करे, और दूसरा चनदु यह है दक चववेक के ाऄधीन दकए गए प्रत्येक कायष को न्याचयक समीक्षा के
दायरे के ाऄांतगषत ाअना िाचहए ाआस प्रकार न्यायपाचिका चववेकाधीन शचकयों के दुरुपयोग को
चनयांचत्रत करने में ाईल्िेखनीय भूचमका चनभा सकती है
भारत के ाईच्चतम न्यायािय ने ाऄपने चवचभन्न चनणषयों में व्यवस्था दी है दक:
 प्रशासचनक चववेकाचधकार का चववेक, न्याय के चनयमों के ाऄनुसार हो न दक चनजी राय के
ाऄनुसार ाऄथाषत् कानून के ाऄनुसार न दक ाऄपनी ाआच्छा के ाऄनुसार प्रयोग दकया जाना िाचहए
 ाआसे मनमाना, ाऄस्पष्ट और काल्पचनक नह , नचल्क कानून और चवचनयम के दायरे में होना
िाचहए
 ाआसका ऐसी सीमा के भीतर प्रयोग दकया जाना िाचहए चजसमें ाऄपने कतषव्य का चनवषहन करने
में सक्षम ाइमानदार व्यचक ाऄपने ाअपको समायोचजत कर सके
गैर-न्याचयक चनयांत्रण
हमें ऐसे चनयमों का समावेश करना िाचहए चजनका पािन चववेकाचधकार का प्रयोग करने वािे
ाऄचधकारी के चिए ाऄचनवायष हो यदद चवधाचयका चववेकाचधकार को चनयांचत्रत करने वािे क़ानून में
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ाआस प्रकार के मानदांड ननाए रखने में चविि रहती है, तो प्रत्यायोचजत चवधायन की सहायता से
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प्रशासन द्वारा ाईन माांनदांडों का समावेश दकया जाना िाचहए ाअिरण सांचहता और नीचतपरक
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ाअिार सांचहता जैसे तांत्र सुचनचित करते हैं दक चववेकाचधकार का प्रयोग करते समय ाअत्म
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ाऄनुशासन का पािन दकया जाए CVC, CBI, िोकपाि ाअदद जैसे चवचभन्न सांस्थान यह
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सुचनचित करते हैं दक चववेकाचधकार के दुरुपयोग की घटना सामने ाअए और ऐसे ाऄचधकारी को
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दचडिडत दकया जाए ऐसे कदम ाऄांतताः भचवष्यगामी चनवारक के तौर पर कायष करते हैं
ाऄत: ाईपरोक तांत्र के माध्यम से, चववेकाचधकार के दुरुपयोग पर ाऄांकुश िगाया जा सकता है, तथा
प्रशासचनक चनणषय िेते समय ििीिापन भी ननाए रखा जा सकता है

5. चवगत वषों में सांघ िोक सेवा ाअयोग द्वारा पू छे गए प्रश्न:


के स स्टडीज (UPSC: Case Studies)
1. एक जन सूिना ाऄचधकारी (PIO) को सूिना का ाऄचधकार (RTI) ाऄचधचनयम के ाऄांतगषत एक
ाअवेदन चमिता है सूिना एकत्र करने के नाद ाईसे पता ििता है दक वह सूिना स्वयां ाईसी के
द्वारा चिए गए कु छ चनणषयों से समनचन्धत है, जो पूणप
ष प से सही नह थे ाआन चनणषयों में ाऄन्य
कमषिारी भी सहभागी थे सूिना प्रकट होने पर स्वयां ाईसके तथा ाईसके ाऄन्य चमत्रों के चवरुद्
ाऄनुशासचनक कायषवाही हो सकती है, चजसमें दांड भी सांभाचवत है सूिना प्रकट न करने या ाअांचशक
या छद्मावररत सूिना ाईपिब्ध कराने पर कम दांड या दांड-मुचक भी चमि सकती है

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PIO ाऄन्यथा एक ाइमानदार व कतषव्यचनष्ठ व्यचक है पर यह चवचशष्ट चनणषय, चजसके समनन्ध में
RTI ाअवेदन ददया गया है, गित चनकिा वह ाऄचधकारी ाअपके पास सिाह के चिए ाअया है
नीिे सुझावों के कु छ चवकल्प ददए गए हैं प्रत्येक चवकल्प का गुण-दोष के ाअधार पर मूल्याांकन
कीचजए :
(i) PIO ाआस मामिें को ाऄपने ज्येष्ठ ाऄचधकारी को ाईसकी सिाह के चिए सांदर्शभत करे और कड़ााइ
से ाईसी के ाऄनुसार कायषवाही करे िाहे वह स्वयां ाईस सिाह से पूणत
ष या सहमत न हो
(ii) PIO छु ट्टी पर ििा जाए और मामिे को ाऄपने ाईत्तराचधकारी (कायाषिय में) पर छोड़ दे या
सूिना ाअवेदन को दकसी ाऄन्य PIO को स्थानान्तरण का चनवेदन करे
(iii) PIO सच्चााइ के साथ सूिना प्रकट करने व ाऄपनी जीचवका पर ाईसके प्रभाव पर मनन करके
ाआस भाांचत ाईत्तर दे चजससे वह या ाईसकी जीचवका पर जोचखम न ाअए पर साथ ही सूिना की
ाऄन्तवषस्तु पर कु छ समझौता दकया जा सकता है
(iv) PIO ाईन सहयोचगयों, जो ाआस चनणषय को िेन े में सहभागी थे, से परामशष करे और ाईनकी
सिाह के ाऄनुप प कायषवाही करे
ाऄचनवायष प प से के वि ाईपरोक चवकल्पों तक सीचमत न रखते हुए ाअप ाऄपनी सिाह दीचजए और
ाईसके ाईचित कारण भी नतााआए

2. ाआांजीचनयरी की एक नाइ स्नातक (ग्रेजए


ु ट) को एक प्रचतष्ठावान रासायचनक ाईद्योग में नौकरी चमिी
है वह कायष को पसन्द करती है वेतन भी ाऄच्छा है दिर भी, कु छ महीनों के पिात् ाआत्तफ़ाक़ से
ाईसने पाया दक ाईच्च चवषाक ाऄवशेष को गोपनीय तरीके से नज़दीकी नदी में प्रवाचहत दकया जा
रहा है यह ाऄनुप्रवाह में रहने वािे ग्रामीणों, जो पानी की ाअवश्यकता के चिए नदी पर चनभषर हैं,
के स्वास््य की समस्याओं का कारण ननता जा रहा है वह चविचित है और वह ाऄपनी चिन्ता
सहकर्शमयों को प्रकट करती है, जो िमने समय से कमपनी के साथ रहे हैं वे ाईसे िुप रहने की
सिाह देत े हैं ‍योंदक जो भी ाआस चवषय का ाईल्िेख करता है, ाईसको नौकरी से चनकाि ददया जाता
है वह ाऄपनी नौकरी खोने का ख़तरा नह िे सकती, ‍योंदक वह ाऄपने पररवार की एकमात्र
जीचवका ििाने वािी है तथा ाईसे ाऄपने नीमार माता-चपता एवां भााइ-नहनों का भरण-पोषण
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करना होता है प्रथमताः वह सोिती है यदद ाईसके वररष्ठ िुप हैं, तो वह ही ‍यों ाऄपनी गदषन नाहर
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चनकािे परन्तु ाईसका ाऄन्ताःकरण नदी को एवां नदी पर चनभषर रहने वािे िोगों को निाने के चिए
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कु छ करने की प्रेरणा देता है ाऄन्ताःकरण से वह महसूस करती है दक ाईसके चमत्रों द्वारा िुप रहने
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का ददया गया परामशष ाईचित नह है, यद्यचप वह ाईसके कारण नह नता सकती है वह सोिती है
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दक ाअप एक नुचद्मान व्यचक हैं तथा वह ाअपका परामशष पूछती है


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(a) िुप रहना ाईसके चिए नैचतक प प से सही नह है, यह दशाषन े के चिए ाअप ‍या तकष प्रस्तुत कर
सकते हैं?
(b) ाअप ाईसे कौन-सा रास्ता ाऄपनाने की सिाह देंगे और ‍यों देंग?

3. चवत्त मांत्रािय में एक वरीय ाऄचधकारी होने के नाते, सरकार द्वारा घोचषत दकए जाने वािे कु छ
नीचतगत चनणषयों की गोपनीय एवां महत्त्वपूणष सूिना की ाअपको जानकारी चमिती है ाआन चनणषयों
के भवन एवां चनमाषण ाईद्योग पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं यदद भवन चनमाषताओं को पहिे ही
यह जानकारी चमि जाती है, तो वे ाईससे नड़े िाभ ाईठा सकते हैं चनमाषताओं में से एक ऐसा है
चजसने सरकार के चिए ाऄच्छी गुणवत्ता का काफ़ी काम दकया है और वह ाअपके ाअसन्न वररष्ठ
ाऄचधकारी का घचनष्ठ है चजन्होंने ाअपको ाईक सूिना का ाईस चनमाषता को ाऄनावृत करने के चिए
सांकेत भी ददया है
(a)ाअपके पास ‍या-‍या चवकल्प ाईपिब्ध हैं?
(b) प्रत्येक चवकल्प का मूल्याांकन करके नतााआए दक ाअप कौन-सा चवकल्प िुनग
ें े ाईसके कारण भी
नतााआए

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6. चवगत वषों में Vision IAS GS मेंस टे स्ट सीरीज में पू छे


गए प्रश्न: के स स्टडीज (Vision IAS Test Series
Questions: Case Studies)

1. सांध्या ने हाि ही में ाऄपना नीकॉम पूरा दकया था और ाऄपनी ड्रीम जॉन को ध्यान में रखते हुए एक
सावषजचनक क्षेत्र के नैंक में कायष करने हेत ु ाऄपनी चनयुचक को िेकर ाऄत्यांत ाईत्साचहत थी ाऄपने
शुरुाअती ददनों में ाईसने ाऄनुदान की राचश के कु प्रनांधन और त्रुरटपूणष ाअनांटन को नोरटस दकया
ाईसके कु छ सहकमी भी ाऄपने व्यचकगत कायों हेत ु नैंक की सांपचत्त, जैस-े कार, सामग्री ाअदद का
प्रयोग कर रहे थे
हािााँदक सांध्या को सनसे ज्यादा हैरानी कायाषिय में होने वािी भती के तरीकों को देख कर हुाइ
नौकररयों के ाअवेदकों को परीक्षा में नैठना होता था चजसकी चनगरानी नैंक के कमषिारी करते थे
सांध्या ने देखा दक परीक्षा चनयांत्रक ही स्वयां ाअवेदकों को नक़ि करवा रहे थे ‍योंदक ाआन ाअवेदकों
को पहिे से ही िुन चिया गया था पूवष ियचनत नहुत से ाआन ाअवेदकों में से काइ नैंक के कायषरत
कमषिाररयों के चमत्र थे
सांध्या ने जो देखा था, ाईसने ाईसे महेश को नताया जो दक शाखा का सहायक प्रनांधक हैं और जो
शाखा प्रनांधक के नाद चद्वतीय स्थान के पद पर है महेश ने सांध्या से कहा दक ाअपने “न ह कु छ
सुना, न ह ाअपने कु छ देखा और ाअप कु छ कहेंगी भी नह ” ाआसे िेकर सांध्या एकदम हैरान थी,
के वि भ्रष्टािार के कारण से ही नह नचल्क ाआस कारण से भी दक ाआसे जाननूझकर दनाया जा रहा
था
सांध्या दुचवधा की चस्थचत में थी ाईसे ाऄपने ाऊणों की भरपााइ के चिए नौकरी की ाऄत्यांत ज़रुरत थी
और ाईसे यह कायष पसांद भी ाअ रहा था ाईसे ाआस नात की भी चिता थी दक एक वषष से भी कम
समय के ाऄांदर ही नौकरी छोड़ना गित होगा, साथ ही यह भचवष्य में दकसी सरकारी सांस्थान में
नौकरी की समभावना को भी धूचमि कर देगा वह , दूसरी तरि वह भ्रष्टािार के ाआस माहौि में
ाऄत्यांत ही ाऄसहज महसूस कर रही थी
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(a)सांध्या के पास में कौन.कौन-से चवकल्प ाईपिब्ध हैं?


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(b)ाआन चवकल्पों में से सभी का मूल्याांकन कीचजए और ाईचित कारण नताते हुए ऐसे चवकल्प का
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िुनाव कीचजए जो ाअपको स्वीकायष हो


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ाईत्तर:
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सांध्या एक चवचित्र दुचवधा में है जहाां वह ाऄपनी नौकरी भी नह छोड़ना िाहती, दकन्तु भ्रष्टािार
के िांगुि में िां से ऐसे कायाषत्मक माहौि का मूक दशषक भी नन कर नह रह सकती स्पष्ट है दक ाआस
मु्े को ाऄनदेखा करना सावषजचनक खजाने को नहुत नड़ा नुकसान पहुांिाएगा तथा नैंक की
कायषप्रणािी में ाऄकु शिता ाईत्पन्न करेगा िूाँदक सांध्या ाआस मु्े को महेश के सामने िाकर ाईसका
समाधान पाने में ाऄसिि रही थी, ाऄताः ाआस चस्थचत में शाखा प्रनांधक को ाआस मु्े के नारे में ररपोटष
करने का चनणषय सवाषचधक ाईपयुक प्रतीत होता है
सांध्या के पास ाईपिब्ध कु छ चवकल्प चनम्नचिचखत हैं:
(a) िूाँदक ाआस मामिे से ाईस पर कोाइ प्रत्यक्ष ाऄसर नह पड़ता, तथा ाआस समनन्ध में ाईठाया गया
कोाइ कदम व्यचकगत प प से ाईस पर चवपरीत प्रभाव नह डािेगा ाऄताः वह ाआस मु्े को पूरी तरह
दरदकनार कर सामान्य तरीके से ाऄपना कायष जारी रख सकती है
(b) वह ाआस मामिे को शाखा प्रनांधक को ररपोटष करेगी तथा ाआस नात को ाईजागर करेगी दक दकस
प्रकार ाईसे ाआस मामिे में मुांह नांद रखने को कहा गया था
(c) िूाँदक दोनों पूवष कदमों में से दकसी से भी ाईसे सांतुचष्ट का ाऄनुभव नह होगा वह नौकरी से
त्यागपत्र दे सकती है

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(d) वह एक चव्हसि ब्िोाऄर नन सकती है वह चनगरानी चवभाग में से दकसी भी व्यचक को जो


नैंक के काम-काज पर नजर रख रहा हो, मामिे की जानकारी दे सकती है, ‍योंदक यह सावषजचनक
पैसा है जो ऐसी गचतचवचधयों के माध्यम से ननाषद दकया जा रहा है
चवकल्प (a) यदद हम ाऄचधकार/कतषव्य, चनष्पक्षता और ाअम दृचष्टकोण के ाऄनुसार नात करें तो यहााँ
सांध्या का यह कतषव्य ननता है दक वह नैंककग प्रणािी की सत्यचनष्ठा को नरकरार रखे ननाषद दकया
जा रहा पैसा सावषजचनक राचश है, ाआसचिए ऐसी कोाइ भी गचतचवचध ाऄांततोगत्वा िोक चहत को
नुकसान पहुांिा रही है ाआसके ाऄिावा, त्रुरटपूणष चनयुचक प्रदक्रयाएां नैंक की कायष प्रणािी पर नहुत
नुरा प्रभाव डािेंगी तथा ाआसकी कु शिता एवां प्रभावकाररता को भी हाचन पहुांिाएगी जो ाअगे जा
कर जनता और समाज के चहतों पर प्रहार करेगा ाआसचिए सांगठन पर भचवष्य में पड़ सकने वािे
खतरनाक प्रभावों के डर से मु्े की ाईपेक्षा करना नैचतकता के चवरुद् होगा
हािाांदक मु्े को ाऄनदेखा करना सांध्या को दकसी चववाद में पड़ने की परेशानी से निायेगा तथा
ाईसकी नौकरी को सुरचक्षत रखेगा, ाऄांततोगत्वा ाआसका पररणाम न तो सांगठन और न ही सांध्या के
चिए ाऄच्छा होगा
चवकल्प (b) ाआसे हम चनम्नचिचखत के माध्यम से समझ सकते हैं:
सद्गुण दृचष्टकोणाः सत्यचनष्ठता एवां सममान दो ऐसे गुण हैं, चजसे व्यचक को स्वयां में समाचहत करना
िाचहए और ाआन्हें चवकचसत करने में सहायता करनी िाचहए व्यचक स्वयां से पूछ सकता है दक एक
मनुष्य िररत्र के दकस ाईच्चतम स्तर की ाअकाांक्षा कर सकता है? ऐसे में व्यचक स्पष्ट प प से
सत्यचनष्ठता एवां ाइमानदारी के गुणों को पहिान िेता है ाईसी प्रकार, व्यचक को स्वयां के मान्य
मूल्यों के ाऄनुसार जीने के चिए स्वयां को प्रोत्साचहत करना िाचहए जो ाआस चवचशष्ट मामिे में
सत्यचनष्ठता एवां शुचिता को नढ़ावा देता है ाआसचिए सनसे ाईपयुक चवकल्प मामिे के नारे में
शाखा प्रनांधक को ररपोटष करना ही प्रतीत होता है

चवकल्प (c) ाआस नात पर चविार करते हुए दक सांध्या को ाऄपने ाऊण का भुगतान करना है तथा ाआस
प्रकार का कोाइ भी कदम ाईसके नायोडाटा में ाऄच्छा प्रभाव नह छोड़ेगा तथा यह ाईसके भचवष्य
पर चवपरीत ाऄसर डािेगा, नौकरी से त्यागपत्र देना सुसांगत नह प्रतीत होता हो सकता है ाआससे
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सांध्या दकसी भी प्रकार की भचवष्य की परेशानी से नि जाए, दकन्तु यह कदम ाईसे ाआससे भी नड़ी
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परेशानी में धके ि देगा, ‍योंदक ाईसकी नौकरी तो जायेगी ह , ाईसके पररवार की ाअजीचवका पर
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भी नुरा ाऄसर पड़ेगा ाआसके ाऄचतररक, ऐसे दकसी भी कदम का ाऄथष होगा पररचस्थचत से पिायन
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करना तथा दूसरों की गिचतयों के चिए स्वयां को दचडिडत करना


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चवकल्प (d) यह चवकल्प भी एक सांभाचवत चवकल्प मात्र ही प्रतीत होता है, दकन्तु चव्हसि ब्िोचवग
भी एक दुधारी तिवार के सामान है तथा ाआसका प्रयोग तभी दकया जाना िाचहए जन ाऄन्य सारे
चवकल्प ाअजमाए जा िुके हों हो सकता है, मु्े को शाखा प्रनांधक की चनगाह में िाये जाने पर वह
ाआसमें सांचिप्त व्यचकयों के चखिाि कड़ी कारवााइ करे चनना ाआस कदम को ाअजमाए ाआस मु्े की
मुखचनरी करना एक जल्दनाजी भरा कदम हो सकता है चजससे नैंक की प्रचतष्ठा खतरे में पड़ सकती
है

2. नड़े िमष प्राय: वृहद् ाऄवसांरिना पररयोजनाओं को समयनद् प प से पूरा करने के चिए प्राय: ाईप-
सांचवदा (सन-कॉन्रै‍ट) प्रदान करती हैं ाअप हाि ही में ाआन सांचवदाओं को प्रदान करने हेत ु एक
चजममेदार प्रनांधक के तौर पर ाआस प्रकार की एक िमष में सचममचित हुए हैं चपछिे ररकाडों को
देखने पर ाअपको ज्ञात होता है दक चपछिे कु छ वषों में सभी सांचवदाएाँ एक चवचशष्ट िमष X को दी
गयी हैं ाअपके वररष्ठ (सीचनयर) ने एक भावी सांचवदा को ाईसी िमष को प्रदान करने के चिए ाअपसे
कहा है यद्यचप नाध्यकारी न होते हुए भी, िमष ाईप-सांचवदात्मक कायों को प्रचतस्पधी नोचियों के
ाअधार पर प्रदान करने की प्रदक्रया का पािन करती रही है ाआसका ाई्ेश्य यह सुचनचित करना

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होता है दक सांिािनों एवां चवत्त के सांनध


ां में सवाषचधक ाईपयु‍त िमष को सांचवदा प्राप्त हो जन ाअप
ाऄपने वररष्ठ से ाआसकी ििाष करते हैं तो वह जोर देता है दक कमपनी X को कमपनी के चवचधक
मानदडिडों के ाऄनुसार चनयु‍त दकया गया है और दकसी भी ाअचधकाररक चनयम का ाईल्िांघन नह
दकया गया है ाअप X िमष के माचिक से सांपकष करने का चनणषय करते हैं ऐसा करने के नाद,
ाअपको ज्ञात होता है दक वह ाअपके वररष्ठ ाऄचधकारी का भतीजा है, और ाईस िमष में ाअपके वररष्ठ
की भी चहस्सेदारी (शेयर) हैं
(a) ाआस मामिे में समाचहत नैचतक मु्ों को स्पष्ट कीचजए
(b) ‍या दो चनजी पक्षों के नीि ाआस प्रकार के िेन-देन में चहतों का टकराव चनचहत होता है? ाऄपने
ाईत्तर का औचित्य चसद् कीचजए
(c) ऐसी चस्थचत में सांचवदा प्रदान करने के सांभाचवत तरीकों का ाईनके गुणों एवां ाऄवगुणों के साथ
मूल्याांकन कीचजए साथ ही स्पष्ट कीचजए दक प्रत्येक चस्थचत में कौन-सी पद्चत सवाषचधक ाईपयु‍त
होगी

दृचष्टकोण:
 ाआस प्रकरण में चनचहत नैचतक मु्ों का ाईल्िेख कीचजए
 मूल्याांकन कीचजए दक ाअपके वररष्ठ ाऄचधकारी का िमष X के माचिक से ररश्ते और कां पनी में
एक शेयरधारक होने की जानकारी के कारण चहतिाभ की चस्थचत ाईत्पन्न हुाइ है या नह
 ऐसी चस्थचत में सांचवदा प्रदान करने के तरीके का ाईनके गुणों और ाऄवगुणों सचहत ाईल्िेख करते
हुए सुझाव दीचजए
 ाआस पररदृश्य में ाऄपनी सांभाचवत कायषवाही का ाईल्िेख कीचजए
ाईत्तर:
नुचनयादी त्य: ाआस चस्थचत में, वह कां पनी जहाां मैं काम करता हाँ, नार-नार एक चनजी िमष X को
प्रचतस्पधी चनचवदा का ाअयोजन दकये चनना ाईप-सांचवदा प्रदान कर रही है कां पनी की प्रदक्रयाओं के
ाऄनुसार ाआस प्रचतस्पधी चनचवदा का ाअयोजन दकया जाना िाचहए मामिा चहतों के टकराव के मु्े
पर प्रकाश डािता है, ‍योंदक िमष X का माचिक मेरे वररष्ठ ाऄचधकारी का भतीजा है और वह िमष
का एक शेयरधारक भी है
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प्रमुख चहतधारक:
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 मैं स्वयां, ‍योंदक मैं कां पनी का प्रनांधक हाँ और सांचवदा प्रदान करने की चजममेदारी मेरी है
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 मेरे वररष्ठ ाऄचधकारी, जो िमष X के एक शेयरधारक हैं और साथ ही साथ ाईस कां पनी के एक
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कमषिारी हैं जहाां मैं काम करता हाँ


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 िमष X का माचिक ‍योंदक हमारी कां पनी द्वारा दकए गए िै सिे से ाईसके व्यावसाचयक चहत
प्रभाचवत होंगे
 ाऄन्य िमों के माचिक जो कां पनी की सांचवदा प्राप्त करने की होड़ में हैं, ‍योंदक ाईन्हें प्रचतस्पधी
चनचवदा की प्रदक्रया में एक ाईचित ाऄवसर नह प्राप्त हो रहा है
 कां पनी के शेयरधारक, जो ाऄनुचित िै सिे के कारण नकारात्मक प प से प्रभाचवत हो सकते हैं
 ाईपभोका, जो घरटया नुचनयादी ढाांिे से प्रभाचवत होंगे
(a) ाआस मामिे में शाचमि कु छ नैचतक मु्े चनम्नचिचखत हैं:
 भााइ-भतीजावाद और पेशव
े र सत्यचनष्ठा से समझौता: ाईप-सांचवदा को प्रचतस्पधी चनचवदा के
चनना व्यचकगत सांनांधों के ाअधार पर प्रदान दकया जा रहा है ाआसके कारण, यहााँ ाआस नात की
कोाइ गारांटी नह है दक क्षमता और चवत्तीय पहिुओं के मामिे में सनसे ाईपयुक िमष को
सांचवदा चमिेगी
 चनणषय िेन े में चनष्पक्षता का ाऄभाव: मेरे वररष्ठ ाऄचधकारी और ाईनके भतीजे के चहत कां पनी
की चनणषय िेने की प्रदक्रया का मागषदशषन कर रहे हैं ाआस पररदृश्य में ाऄांतर्शनचहत व्यचकपरक
पूवाषग्रह व्याप्त है

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 कानूनी ननाम नैचतक पहिू: यह कानूनी तौर पर सही हो सकता है ‍योंदक कां पनी के दकसी
ाअचधकाररक चनयम का ाईल्िांघन नह दकया गया है, िेदकन यह नैचतक प प से गित है तथा
यह कां पनी की स्थाचपत कायषपद्चत के चखिाि है
(b) दो चनजी पक्षों के नीि िेनदेन चहतों का टकराव ाईत्पन्न कर रहा है, ‍योंदक िमष X का माचिक
मेरे वररष्ठ ाऄचधकारी का भतीजा है, चजन्होंने नार-नार चनदेश ददया है दक ाऄनुनांध िमष X को ही
प्रदान दकया जाए िूांदक मेरे वररष्ठ ाऄचधकारी िमष X में एक शेयरधारक भी हैं, वह व्यापाररक
चनणषय व्यचकगत सांनांधों और सांभाचवत चवत्तीय ाऄवसरों के ाअधार पर िे रहे हैं कां पनी के खरान
प्रदशषन के कारण वह ज्यादा प्रभाचवत नह होंगे ‍योंदक ाईनका पररवार िाभाचन्वत हो रहा है,
िेदकन ाऄन्य शेयरधारक और कमषिाररयों के चहत प्रभाचवत होंगे ाआस प्रकार, चनजी चहतों का
शेयरधारकों के चहत के साथ सीधा टकराव है ाआसके ाऄिावा, ाईन ाईपभोकाओं के चहतों के साथ भी
टकराव है जो गुणवत्तापूणष नुचनयादी ढाांिे की ाईममीद कर रहे हैं
(c) ऐसी चस्थचत में सांचवदा प्रदान करने के कु छ सांभाचवत तरीके हैं:
 मेरे वररष्ठ ाऄचधकारी के सुझाव ाऄनुसार िमष X को ाईक ाऄनुनांध प्रदान करना
o गुण: वररष्ठ ाऄचधकारी के साथ मेरे ाऄच्छे सांनध
ां नने रहेंग,े नदिे में मुझे त्वररत पदोन्नचत
और वेतन वृचद् चमि सकती है
o ाऄवगुण: एक प्रनांधक के प प में मेरा यह कायष ाअिरण ाऄनैचतक चसद् होगा मैं प्रचतस्पधी
चनचवदा प्रदक्रया में भी नाधा डािूाँगा और कां पनी के ाऄचधक पैसे निा सकने वािे तथा
काम को और ाऄचधक कु शितापूवषक समपाददत कर सकने वािे सांभाचवत प्रस्तावों से
परहेज करने में भूचमका चनभााउांगा मैं शेयरधारकों, सहयोचगयों एवां ाईपभोकाओं के
चहतों के प्रचत ाऄपनी सत्यचनष्ठा और प्रचतनद्ता से समझौता कप ाँगा
 ाऄपने वररष्ठ ाऄचधकारी की नात खाररज करते हुए िमष X में ाईनके चहतों का खुिासा करना
और साथ ही प्रचतस्पधी चनचवदा प्रदक्रया का ाअयोजन करना
o गुण: मैं कां पनी की स्थाचपत कायषपद्चत का पािन कप ाँगा एवां मेरी पेशेवर सत्यचनष्ठा
नरकरार रहेगी
om

o ाऄवगुण: मैं ाऄपने वररष्ठ ाऄचधकारी के ाअदेश की प्रत्यक्ष ाऄवहेिना कप ाँगा, चजससे कां पनी
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में मेरी पदोन्नचत के ाऄवसरों में नाधा पहुाँि सकती है मैं कां पनी के स्थाचपत कायष
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पदानुक्रम का ाईल्िांघन भी कप ाँगा


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 सवोत्तम कारषवाही ाऄपने वररष्ठ ाऄचधकारी से ाईत्पन्न हुए ाआस चहतों के टकराव के नारे में नात
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करना और प्रचतस्पधी चनचवदा कराने के पक्ष में तकष प्रस्तुत करना है हािाांदक, ाऄगर वह ाऄभी
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भी चस्थचत की गांभीरता को स्वीकार करने से मना कर देते हैं, तो मैं कां पनी प्रमुख/नोडष के
समक्ष ाऄपना दृचष्टकोण प्रस्तुत कप ाँगा यह सुचनचित करेगा, दक ाऄन्य प्रनांधक और कचनष्ठ
कमषिारी ाआस तरह की चस्थचत में भचवष्य में न पड़ें ाआस नीि, मैं प्रचतस्पधी चनचवदा के
प्रस्तावों को भी स्वीकार कप ाँगा और ाआस कायष हेतु सनसे ाईपयुक िमष को सांचवदा प्रदान
कप ाँगा यह मेरी पेशेवर सत्यचनष्ठा को सुचनचित करेगा एवां सभी चहतधारकों के चहतों की
रक्षा भी होगी

3. ाअप एक देश में तेि का ाऄन्वेषण करने के चिए िगााइ जाने वािी ाऄांतराषष्रीय नोिी (नीिामी) में
भारत का प्रचतचनचधत्व कर रहे हैं ाआस पररयोजना के चिए ाऄन्य धनी देश भी नोिी िगा रहे हैं
ाअप सुचनचित हैं दक तेि ाऄन्वेषण के चिए ाअपकी नोिी ाऄन्यों से नेहतर और साथ ही सस्ती भी है
और चनचित ही ाअप नोिी जीत िेंगे ाअप नोिी जीत िेंगे नीिामी से एक ददन पूवष ाअपको ज्ञात
होता है दक ाऄन्य देश सिि होने के चिए ाऄचधकाररयों को ररश्वत देन े समेत ाऄन्य काइ तरीके
ाऄपना रहे हैं ाईस (गृह) देश के कु छ ाऄचधकाररयों ने भी ाअपसे सांपकष दकया है और भारत को ाआस
नोिी में चवजय प्राप्त कराने का ाअश्वासन देन े के नदिे कु छ माांगें रखी हैं ाअप घरेि ू ाअर्शथक एवां

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रणनीचतक चनचहताथों की दृचष्ट से ाआस नोिी के महत्व से ाऄवगत हैं ाईपयु‍ष त सूिना के ाअधार पर
चनम्नचिचखत प्रश्नों के ाईत्तर दीचजए
(a) चनर्ददष्ट कीचजए दक ाआस चस्थचत में ाअप दकस/दकन नैचतक दुचवधा/दुचवधाओं का सामना करते
हैं
(b) ‍या ाऄांतराषष्ट्रीय िेन-देन में नैचतक चिताएाँ सिमुि मायने रखती हैं या वे घरेि ू चहतों की

तुिना में गौण (चद्वतीयक) हैं?

(c) ाईपयु‍ष त चस्थचत में ाअपकी कायषवाही ‍या होगी? गुणों और ाऄवगुणों सचहत ाईसका औचित्य
चसद् कीचजए
दृचष्टकोण:
 ाईन नैचतक दुचवधाओं की पहिान कीचजए चजनका सामना ाअप कर रहे हैं
 ाऄांतराषष्ट्रीय िेनदेन के समक्ष घरेिू चहत में नैचतक चिताओं के महत्व पर प्रकाश डाचिए
 दिर ाईस कायषवाही की योजना का ाईल्िेख कीचजए चजसका ाअप पािन करेंगे चनणषय में
चनचहत गुणों और दोषों को ध्यान में रखते हुए ाआसे ाईचित चसद् कीचजए
ाईत्तर:
(a) ाआस प्रकरण में चवद्यमान चस्थचत चनम्नचिचखत नैचतक दुचवधाएाँ प्रस्तुत करती हैं:
 ररश्वत देने ननाम ाइमानदार नने रहने और ररश्वत ाऄदायगी के प्रिोभन से निे रहने की
दुचवधा
o पहिी कायषवाही द्वारा भारत को नीिामी जीतने में मदद चमि सकती है, िेदकन यह

एक ाऄनैचतक कायषवाही होगी और ाआससे िांने समय में, जन सि सावषजचनक प प से


नाहर ाअएगा तन देश की छचव खरान हो सकती है ाआसका नोिी िगाने की प्रदक्रया में
शाचमि ाऄन्य देशों के साथ भारत के सांनध
ां ों के ाउपर प्रचतकू ि पररणाम पड़ेगा ाआसके
ाऄिावा, यह एक स्वस्थ प्रचतस्पधाष, समान ाऄवसर और नवािार के प्रचतकू ि है ाआस
कायष द्वारा दूसरों के चिए एक गित ाईदाहरण स्थाचपत होगा यह कायषवाही के वि
ाऄनैचतक ही नह नचल्क भारतीय कानूनों की दृचष्ट से भी ाऄवैध है यह मेरे ाऄन्दर
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ाईपिचब्ध या सांतोष की भावना नह िा सके गी


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o दूसरी कायषवाही के कारण नीिामी की प्रदक्रया में सांभाचवत हार हो सकती है, मेरे
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कै ररयर और देश के ाअर्शथक एवां रणनीचतक चनचहताथष को झटका िग सकता है िेदकन


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ाऄनुसरण करने हेतु यही सही मागष है


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(b) ाऄांतराषष्ट्रीय सांनांधों में राष्ट्रीय चहतों की वकाित करने वािों का तकष है दक राष्ट्रीय चहत सवोपरर
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है जैसा दक हेनरी दकचसजर ने कहा है- "कोाइ स्थायी सहयोगी या स्थायी दुश्मन नह होता है,
के वि चहत स्थायी होते हैं " यह तकष ाआस त्य पर ाअधाररत है दक दकसी देश की सरकार मुख्य प प
से ाऄपने नागररकों की ओर से कायष करती है और ाआस प्रकार यह ाईनके चहतों को ननाए रखने के
चिए नाध्य है सत्ताप ढ़ राजनीचतक दि को चनयचमत प प से ाअम िुनावों का सामना करना पड़ता
है और ाआसके प्रदशषन का ररपोटष काडष न के वि घरेिू नचल्क ाऄांतराषष्ट्रीय कायों का भी मूल्याांकन
करता है ाआसचिए, के वि राष्ट्रीय चहत को ही ाऄांतराषष्ट्रीय सांनांधों में सवोपरर होना िाचहए
हािाांदक, ाआन तकों में कु छ चवसांगचतयााँ व्याप्त हैं ाऄगर चसिष राष्ट्रीय चहत को ध्यान में रखा जाए, तो
ाईपचनवेशवाद, सत्ता पररवतषन, कमजोर देशों पर ाऄत्यािार ाअदद जैसी ाऄनुचित कायों को ाईचित

ठहराया जा सके गा ाआसके ाऄिावा, एक व्यापक ाऄसमानता ाऄांतराषष्ट्रीय स्तर पर मौजूद है और यदद
मजनूत देश ाऄपनी कायषवाही का औचित्य पूरी तरह से राष्ट्रीय चहतों के ाअधार पर चसद् करने िगे
तो ाअगे यह ाऄांतर और व्यापक हो जाएगा पुनाः, 'ग्िोनि कॉमन्स' ाऄचस्तत्व में नह नने रह पाएाँगे
और सतत चवकास एक स्वप्न नन जाएगा

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िूांदक, चनष्पक्षता, न्याय, ाईदासीनता, समपूणष चवश्व का सतत चवकास, समता ाअदद नैचतक चसद्ाांत
वास्तव में राष्ट्रीय चहतों के समान महत्वपूणष हैं और ाऄांतराषष्ट्रीय सांनांधों में महत्त्व रखते हैं
(c) ऐसी चस्थचत में, मैं चनम्नचिचखत कायषवाही का ाऄनुकरण कप ाँगा:
 ाऄपने स्तर से, नीिामी प्रदक्रया में, ररश्वतखोरी गचतचवचधयों से सांनांचधत जानकारी की सत्यता
की जाांि करना
 ाऄपने वररष्ठ ाऄचधकाररयों को सूिना देना और ाईनकी सिाह िेना ‍योंदक हो सकता है दक
ाईन्होंने ाआस तरह की चस्थचत का सामना पूवष में दकया हो
 नीिामी की पूरी प्रदक्रया देखने वािे ाऄचधकाररयों से सांपकष करना और ाईन्हें ाऄपने सांज्ञान में
ज्ञात चवसांगचतयों के नारे में सूचित करना और एक चनष्पक्ष और पारदशी नोिी प्रदक्रया की
माांग करना
 ाऄगर चशकायतों को ाईस स्तर पर सांनोचधत नह दकया जा रहा है, तो ाऄपने वररष्ठ
ाऄचधकाररयों को चवश्वास में िेने के नाद हम गृह देश के ाऄन्य ाईच्च प्राचधकरणों, जैसे-
न्यायपाचिका के हस्तक्षेप की तरि रुख कर सकते हैं
मैं यह भी माांग कप ाँगा दक ररश्वत की माांग की गचतचवचधयों में शाचमि ाऄचधकाररयों को दांचडत
दकया जाए, चजससे भचवष्य में ाआस तरह का कदािार नह दोहराया जा सके ाईन राष्ट्रों को जो

ाऄनुचित व्यवहार में शाचमि हैं ाईनको भी (जुमाषने के माध्यम से, ाईन्हें कािी सूिी में डािने या
ाईनकी नोिी को र् करने द्वारा) दांचडत दकया जाना िाचहए
ाआस तरह की कायषवाही का औचित्य
ाऄांतराषष्ट्रीय िेनदेन में ररश्वतखोरी जैसी ाऄनैचतक कायषवाही को भी कभी-कभी राष्ट्रीय चहत के नाम
पर ाईचित ठहराया जाता है हािाांदक, करीन से देखने पर, ाआस तरह के कायष स्पष्ट प प से राष्ट्रीय
चहतों के चवरुद् प्रतीत होते हैं ररश्वतखोरी में भागीदारी के नारे में रहस्योद्घाटन होने पर यह
हमारे देश की भावी पीदढ़यों के ाऄांतराषष्ट्रीय सांनांधों को खतरे में डाि देगा
ाआसके ाऄिावा, मात्र एक ाऄनुनांध हमारे देश के चिए ाआतना महत्वपूणष नह हो सकता दक हम ाऄपने
नैचतक मानकों और दीघषकाि से ननाए रखे गए ाईच्च मूल्यों का त्याग कर दें ाआसके ाऄिावा,
भ्रष्टािार समृचद् की वास्तचवक न व कभी नह हो सकती है ाआससे ाईत्पन्न िाभ पूरे समाज को भ्रष्ट
नना देगा
ाईचल्िचखत कायषवाही का पािन करके , मैं गृह देश के शासन में चवश्वास प्रदर्शशत कप ाँगा, ाऄपने
नैचतक मूल्यों को ननाए रखूाँगा चजससे वहााँ नोिी प्रदक्रया के चनष्पक्ष होने की सांभावना ाऄचधक हो
जाएगी िूांदक भारत की चनचवदा नेहतर और सस्ती है, यही भारत की सििता सुचनचित करेगी
यह ाईस देश के िोगों के मध्य हमारे देश के चिए सद्भावना ाईत्पन्न करेगी; ाऄांतराषष्ट्रीय िेनदेन में
भ्रष्टािार के चखिाि एक सही चमसाि कायम करेगी कु ि चमिाकर, यह सदािार की ददशा में एक
सही कदम साचनत होगा चजसकी ाईममीद हम ाऄांतराषष्ट्रीय सांनांधों में करते हैं

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