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य
ह पुस्तक उन सभी लोगों को समर्पि त है जिन्हे हकलाहट है, पर मन
में एक जिद है कि वह उसे ठीक करने वाले है।
यह पुस्तक समर्पि त है मर
े े सभी क्लाइं ट, फोलोवर, टीम मेंबर के लिए
जिन्होंने मुझ पर भरोसा रखा की मै उन्हे मदद कर सकता हू।
यह पुस्तक समर्पि त है मर
े े घरवालों को जिन्होंने हमेशा मुझे प्रेरणा दी
और हर समय जीवन में कुछ बड़ा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
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पु स्तक लिखते समय बहुत लोगों ने मुझे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप में
मदद की और मै उन सबका धन्यवाद करना चाहूँगा:
चप्ट
ै र २ : जानिए आपकी असली समस्या क्या है (रूट कॉज़)..........15
• जानिए अपने आपको
• रूट कॉज़ = anxiety / nervousness
• रूट कॉज़ = n
ot able to face problem / less
experience with speaking
• रूट कॉज़ = mouth opening / your mouth is not
opening effectively
• रूट कॉज़ = speed of speaking is fast / excitement
• रूट कॉज़ = tongue vibration issue / tongue is not
flexible while speaking
• रूट कॉज़ = breathing flow issue
• रूट कॉज़ = word hiding / fillers / use unnecessary
words
• रूट कॉज़ = body is not free while speaking
• रूट कॉज़ = your self-image is not confident / not
worthy / compare self with other
• रूट कॉज़ = fumbling issue
• रूट कॉज़ = tongue location is not correct
• रूट कॉज़ = you drink less water
• रूट कॉज़ = you are speaking by holding air in
stomach
• शब्दों में दिक्कत
• कठिन शब्दों का विश्लेषण
चप्ट
ै र ३ : हकलाहट दरू करने की स्ट्रै टिजी और प्लैनिंग ................. 28
• अपने आप से कुछ सवाल पूछे
• अपने बिलीफ को चेंज कैसे कर?े
• अपने समय का सही इस्तेमाल
• अपनी डायरी लिखे
• अपने कामों को visualize करे
• अपने टारगट
े को सट
े करे
• पॉप मेथड
• छोटे गोल्स vs बडे गोल्स
चप्ट
ै र ४ : अपने आप को एक पत्र लिखना ...........................................49
चप्ट
ै र ५ : आपकी सक्सेस चेकलिस्ट ..................................................... 52
• फेसबुक ग्प
रु
• अपने सक्स
से के लिए एक सहयोगी
• आपका daily schedule
• भूलो और याद दिलाओ
सेक्शन २ : सही प्रैक्टिस ................................................................. 55
चप्ट
ै र ६ : सांस ले ना और बोलना (क्या है इसका कनेक्शन?).......57
• ब्रीदिं ग का महत्त्व
• ब्रीदिं ग और माइन्ड्सेट
• ब्रीदिं ग सही से कैसे कर?े
• बोलते समय कैसे ब्रीदिं ग करनी चाहिए?
• ब्रीदिं ग फार्मूला (X:X, X:2X, X:4X:2X)
• घबराहट को २ सक
े ं ड में कैसे हटाए?
• ब्रीदिं ग और फोकस
• आपको ब्रीदिं ग का ज्यादा ही प्रॉब्लेम हो तो क्या करे?
• मेरे कुछ सुझाव
• आपके टास्क
चप्ट
ै र ७: बोलने का सही तरीका ................................................................75
• लोग कैसे सोचते और बोलते है
• पब्लिक स्पीकर कैसे सोचते और बोलते है
• जिसको हकलाहट है वो कैसे सोचते और बोलते है
• ईफेक्टिव स्पीकर कैसे बन?े
• मेरे कुछ सुझाव
• आपके टास्क
चप्ट
ै र ८ : बॉडी लैं ग्ज
वे और हकलाहट .................................................... 82
• बॉडी लैं ग्वेज सरल भाषा में
• बॉडी लैं ग्वेज में क्या क्या आता है?
• बॉडी लैं ग्वेज से हकलाहट कैसे दूर कर?े
• आपका रूट कॉज़ अगर बॉडी लैं ग्वेज है तो…
• मुस्कु राने के जबरदस्त फायदे
• चेहरे के इक्स्श
प्रे न
• मुह
ं का खोलना
• हाथो का इस्तेमाल अच्छी तरह से कैसे करे
• आँखों का इस्तेमाल
• शरीर मुद्रा
• कान्फिडन्स बढ़ाए २ मिनट में
• मेरे कुछ सुझाव
• टास्क
चप्ट
ै र ९ : आवाज और शब्द ........................................................................98
• आवाज क्या होती है?
• हम बात कैसे करते है?
• आवाज के स्त्रोत
• स्पष्ट और गहरी आवाज
• आवाज के लिए व्यायाम
• गहरी आवाज के लिए व्यायाम
• मेरे कुछ सुझाव
• टास्क
चप्ट
ै र १० : स्वर ...............................................................................................105
• स्वर क्या होते है?
• स्वर का महत्त्व?
• स्वर बोलने की प्रैक्टिस?
• स्वर बोलते समय सबसे बड़ी भूल
• आपकी भाषा और स्वर
• स्वर के लिए रीडिं ग कैसे कर?े
• मेरे कुछ सुझाव
• टास्क
चप्ट
ै र ११ : व्ज
यं न .............................................................................................117
• व्यंजन क्या है?
• आपकी भाषा और व्यंजन
• फाउं डेशन
• शब्द और उसके सटीक फाउं डश
े न (स्वर, व्यंजन)
• फाउं डेशन को याद कैसे रख?े
• फाउं डेशन के लिए कुछ और टिप्स
• फाउं डेशन के लिए रीडिं ग कैसे करे
• मेरे कुछ सुझाव
• टास्क
चप्ट
ै र १२ : हकलाहट और ब्लोकेज .........................................................133
• आपके शब्द बोलते समय क्यो ब्लॉक होते है?
• आपकी जुबान और मुह
ं की स्मरणशक्ति
• न्यूटन का पहला ला और ब्लोकेज
• ३ सरल स्टेप्स में ब्लोकेज को हैन्डल करे
• आपके ब्लॉक और आपका वास्तविक जीवन
• Anxiety और ब्लॉक
• मेरे कुछ सुझाव
• टास्क
चप्ट
ै र १३ : बोलते समय याद रखे यह महत्त्वपूर्ण नियम .................145
चप्ट
ै र १४ : रीडिंग प्रैक्टिस ..........................................................................150
• चेक फाउं डश
े न रीडिं ग
• माउथ ओपनिं ग रीडिं ग
• क्लेरिटी रीडिं ग
• मेरे कुछ सुझाव
• टास्क
चप्ट
ै र १५ : अच्छे रिजल्ट के लिए दिनभर प्रैक्टिस कैसे करे? ........154
• रात को सोने से पहले
• सुबह कैसे प्रैक्टिस कर?े
• शाम को क्या कर?े
• मेरे कुछ सुझाव
• टास्क
चप्ट
ै र १७ : लोगों से बात (कम्फर्ट ज़ोन)................................................ 173
चप्ट
ै र १८ : लोगों से बात (अंजान लोगों के सामने)..........................179
चप्ट
ै र १९ : लोगों का रिएक्शन कैसे हैन्डल करे? ...............................186
चप्ट
ै र २० : छोटी बात पर बडे काम की ..................................................193
चप्ट
ै र २१ : रूट कॉज़ + प्रैक्टिस + इम्प्लिमेन्टेशन .............................199
• रूट कॉज़ = Anxiety / nervousness
• रूट कॉज़ = not able to face problem /
less experience with speaking
• रूट कॉज़ = mouth is not opening effectively
• रूट कॉज़ = speed of speaking is fast / excitement
• रूट कॉज़ = tongue is not flexible while speaking
• रूट कॉज़ = breathing issue
• रूट कॉज़ = word hiding / fillers /
using unnecessary word
• रूट कॉज़ = body is not free while speaking
• रूट कॉज़ = your self-image is not confident /
not worthy / compare self with other
• रूट कॉज़ = fumbling issue
• रूट कॉज़ = cluttering
• रूट कॉज़ = you are speaking by holding air in
stomach
चप्ट
ै र २३ : मन विचलित क्यो होता है? ................................................220
चप्ट
ै र २४ : असफलता को कैसे स्वीकार करे ....................................225
चप्ट
ै र २५ : मेरा अनुभव .............................................................................229
शुरुवात में उन्हे कुछ पता नही था कि क्या प्रैक्टिस करनी है और कैसे
इस हकलाहट को ठीक किया जा सकता है, क्योकि उस समय इं टरनेट
की सुविधा बहुत कम थी और आसपास कोई ऐसा व्यक्ति नही था जो
अंकुश को मार्गदर्शन कर सके। घरवालों के पास इतने पैसे नही थे की
किसी अच्छे डॉक्टर को दिखा सके और घरवाले यही कहते थे कि यह उम्र
के साथ ठीक हो जाएगा। जो भी लोग मिलते थे कुछ ना कुछ बताते थे कि
दवाई से ठीक होगा, अपने जुबान पर सुपारी रखो, या फिर जुबान के नीचे
पन
े रखो और फिर बोलो। कुछ लोग काली मिर्च, आमला, और दवाई खाने
की बात करते थे और अंकुश ने भी सब कुछ करने की कोशिश की परंतु
कुछ खास असर नही हुआ।
इस सफर में बहुत सारी बाते अंकुश के मन में चल रही थी। उन्होने तुरत
ं
ही जॉब छोड़कर उन लोगों को मदद करनी शुरू कर दी जिनको हकलाहट
की समस्या थी। इसके लिए सोशल मीडिया ने बहुत ज्यादा मदद की। बस
२ से ३ साल के अंदर भारत और बाहर से लोग जुडने लगे और लगभग
२५,००० से भी ज्यादा लोगों को इन २, ३ सालों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप
में लोगों की मदद हुई। कम से कम १५ अलग अलग देशों से लोग उनके
ट्रैनिं ग प्रोग्राम से जुड़ गए।
1
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
२. आपका डेस्टिनश
े न (जहा आपको जाना है)
३. आपका नंबर
४. कुछ और
2
सही स्ट्रै टिजी
अगर यही बात हम अपने हकलाहट को दूर करने के लिए देखे तो यहा
पर २ चीजों पर आपको ध्यान देने की जरूरत है।
२. आपका डेस्टिनश
े न (आपको जहा जाना है)
अब अपने डेस्टिनश
े न तक पहुंचने से पहले आपका मॅप आपको पूछता
है कि अभी आप कहा पर हो? मतलब आपको किस तरह की प्रॉब्ले म है?
हकलाहट की समस्या में बहुत सारे रूट कॉज़ होते है और वही आपका
रूट कॉज़ (आपके हकलाहट की जड़) है। हम इस सेक्शन में देखने वाले
है की आखिर आपको किस तरह की समस्या है।
3
चैप्टर १
हकलाहट क्या होती है ?
आपकी भाषा
पूरी दुनिया में 6500 से अधिक भाषाओ में लोग बाते करते है और
उसमे से एक भाषा में आप बात करते है। आप जिसी भी भाषा में बात करते
है, वो भाषा आपने कहा से सीखी? आपका जवाब होगा हमारे घर वालों से।
बिल्कु ल सही! तो क्या यह भाषा आपको सीखने में बहुत कठनाइया हुई?
शायद नही क्योकि बचपन में हम जल्दी सिख जाते है।
5
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
हकलाहट की शुरुवात ?
हुई है। पर इस हकलाहट की शुरुवात आखिर कैसे होती है? मेरे अनुभव से
में इस विषय को २ भागों में डिवाइड करना चाहूँगा:
१. किसी को देख कर
१. किसी को देख कर
7
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
Action
Conclusion
१. Action (कार्य)
२. Analysis (विश्लेषण)
8
हकलाहट क्या होती है ?
३. Conclusion (निष्कर्ष)
१. Action (कार्य)
9
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
२. Analysis (विश्लेषण)
३. Conclusion (निष्कर्ष)
10
हकलाहट क्या होती है ?
बचपन में अगर आप किसी के सामने पहली बार अटक कर बात करे
थे और उसे देखकर वह इं सान आपके ऊपर हसा होगा तो उस समय शायद
आपने कुछ इस तरह से निष्कर्ष निकाला होगा।
३. C
onclusion = आपने यह निष्कर्ष निकाला की आज के बाद मै पूरी
कोशिश करूं गा की जो भी कठिन शब्द है जिसपर मै अटकता हू उन्हे मै
छिपाने की कोशिश करूं गा या फिर किसी दूसरे शब्दों का सहारा लूँ गा।
11
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
हकलाहट क्या है ?
12
हकलाहट क्या होती है ?
13
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
साथ जुड़ी होती है। जैसे की - जब anxiety होती है या मन में सेल्फ डाउट
आता है तब आपका ब्रीदिं ग बहुत तेज हो जाता है परंतु वही जब आप खुश
रहते है या फिर घर पर अकेले हो तब यही ब्रीदिं ग नॉर्मल रहती है।
सारांश
14
चैप्टर 2
जानिए आपकी समस्या क्या है
(रूट कॉज़)
जानिए अपने आप को
कभी कभी आगे वाला इं सान आपकी गलतियों को अच्छे से देख सकता
है क्योकि उसको वही दिखता है जैसे आप हो। बहुत बार हम अपनी समस्या
को सामने से नही देख सकते और मन में अपनी ही कुछ कहानी बनाने
लगते है। इसका नुकसान यह होता है की हम अपने आप को सही से समझ
नही पाते और अपने जीवन में बस उतना ही करते है जितना आपके उस
कहानी में सोचा है। परंतु जब आप इस पुस्तक को पढ़ रहे हो मतलब आप
अपने जीवन को बदलना चाहते है और इस हकलाहट की समस्या को दूर
करना चाहते है। विश्वास रखे जब आप इस पुस्तक को पूरा पढ़ें गे और मेरे
15
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
१. फ
े सबुक पर सर्च करे www.facebook.com/groups/
fromstammeringtoeffectivespeakerbook
16
जानिए आपकी समस्या क्या है (रूट कॉज़)
एक्शन ३: अपने मोबाईल का विडिओ रिकॉर्डिं ग शुरू करे और अपने बारे में
बात करना शुरू कर,े साथ में इस रिकॉर्डिं ग में आपने जो ऊपर शब्द लिखे
है वो सारे आपको इसमे बताने है। शब्दों को बोलते समय अगर समस्या
आ रही हो तो वो विडिओ में दिखाए, शब्दों को छिपाना नही है। अगर आपको
अपनी समस्या के बारे में पता है तो उसको भी आप विडिओ में शेयर करे।
अगर आप शब्दों को छिपाएं गे या फिर अपनी समस्या को शेयर नही करेंगे
तो इस पुस्तक में आगे दी गई सारी बाते व्यर्थ हो जाएं गी और आप इस
पुस्तक का पूरा लाभ नही उठा पाएं ग।े
17
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
चैप्टर में करना है। क्योकि वही विडिओ अब आपको अपने प्रॉब्ले म के बारे
में बताएगा और आपका रूट कॉज़ आपके सामने आ जाएगा।
अगर आपको विडिओ रिकार्ड करते समय कोई हकलाहट नही हुई
या फिर आपको उसको फिर से बनाना है तो आप जिस फेसबुक ग्रुप में
शामिल हो चुके हो उस ग्प
रु में आपको फेसबुक लाइव जाकर बोलना है ३
से ५ मिनट, ताकि आपकी असली समस्या वहा पर दिखे क्योकि घर पर
अकेले में विडिओ में बात करते समय आपको ज्यादा समस्या नही होगी।
में आपको यह भी बता सकता हू की आपका रिकार्ड किया विडिओ अगर
आप फेसबुक ग्रुप में अपलोड करेंगे तो ग्प
रु मेंम्बर आपको उसमे फीडबैक
भी दे सकते है। जिससे आपको और अच्छे से आप के समस्या के बारे में
पता चल जाएगा।
18
जानिए आपकी समस्या क्या है (रूट कॉज़)
४. क्या आप अपनी आख
ँ ों को`जानबुझकर बंद करते है या फिर आंखे
कैमरा को या फिर आगे वाले इं सान के आख
ँ ों मे नही देख पाते है ?
७. क्या बोलते समय आपके होंठ कापते है? या फिर चिपक जाते है?
८. क्
या आपका मुह
ं अच्छे से खुलता नही है? क्या आप मुह
ं को अच्छे से
खोल नही पाते है?
९.आपको स्वर से शुरू होने वाले शब्दों में दिक्कत होती है(अ आ इ ई उ ऊ
ए ऐ ओ औ)?
१२. क्या बोलते समय अक्सर लोग आपकी बात समझ नही पाते है?
19
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
१४. क्या बोलते समय आपकी जीभ अक्सर ऊपर की तरफ तालु पर
चिपक जाती है?
१६. क्या आपकी जीभ बोलते समय अक्सर बाहर आ जाती है?
१७. क्या बोलते समय आपके शब्द रुक रुककर बाहर आते है? क्या
अनावश्यक रूप से आपका बोलने का फ़्लो रुक जाता है?
१८. क्या आपको बोलते समय ऐसा लगता है की सांस रुक जाती है?
१९. क्
या बोलते समय आप ३, ४ शब्दों से ज्यादा नही बोल पाते / एक
वाक्य को पूर्ण नही कर पात?े
२०. क्
या आप बोलते समय अनावश्यक शब्दों का इस्तेमाल करते है
(उदाहरण - Ummm, hmmm, Ok , मतलब, etc)?
२१. क्
या आप अपने शब्दों को घूमा फिराके बोलते है / महत्त्वपूर्ण शब्द के
पहले अनावश्यक शब्दों को इस्तेमाल करते है?
20
जानिए आपकी समस्या क्या है (रूट कॉज़)
२४. क्या बोलते समय आपका शरीर जकडन सी महसूस करता है?
२६. क्या बोलने से पहले आपके मन में आता है की आप बोल नही पाएं गे?
अगर इनमे से कुछ है तो रूट कॉज़ - Your self image for yourself
is less confident, not worthy, compare with others
२९. क्या आपको बोलने से पहले मन में कुछ नही आता फिर भी आप
शब्दों पर अटक जाते है या उनको बार बार बोलते है?
21
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
३२. क्या बोलते समय आप “र” शब्द के लिए “ल” जैसा उच्चारण करते है?
३३. क्
या बोलते समय आपको लगता है की आप स्पष्ट’ बोलते है पर
आगेवाले इं सान को आपकी भाषा जल्दी समझ नही आती है?
३५. क्
या बोलते समय/बोलने के बाद आपके गले में खराश जैसा लगता
है?
३६. क्
या लगातार बहुत सारा बोलने के बाद आपके गले में कुछ समस्या
लगती है?
३७. क्या बोलते समय आपको बार बार खांसी आती है?
३८. क्
या आप वाक्य को पूर्ण करते है पर आपके पेट पर ज्यादा दबाव आ
जाता है?
३९. क्या वाक्य को पूरा करने के बाद अंदर ही अंदर आपको थका हुआ
महसूस होता है?
४०. क्या बोलते समय आप अपने गले पर ज्यादा दबाव देते है या आपको
वैसा महसूस होता है?
22
जानिए आपकी समस्या क्या है (रूट कॉज़)
23
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
प्रश्न २ - आपके घर में जीतने भी लोग रहते है उनके नाम बोलते समय
किसी शब्द पर दिक्कत? –
प्रश्न ५ - आपके रिशेदार जिस गाव/शहर में रहते है उनके नाम बोलते
समय किसी शब्द पर दिक्कत? –
प्रश्न ६ - आपके अड़ोस पड़ोस के लोगों के नाम बोलते समय किसी शब्द
पर दिक्कत? –
प्रश्न ९ - आपके जिले में जीतने भी गाव है उनके नाम बोलते समय किसी
शब्द पर दिक्कत? –
24
जानिए आपकी समस्या क्या है (रूट कॉज़)
प्रश्न १० - आपके राज्य में जीतने भी जिले या फिर नामचीन शहर के नाम
बोलते समय किसी शब्द पर दिक्कत? –
प्रश्न ११ - आपके देश में जीतने भी राज्य है उनके नाम बोलते समय किसी
शब्द पर दिक्कत? –
प्रश्न १२ - आपके देश में जितने भी नामचीन शहर है उनके नाम बोलते
समय किसी शब्द पर दिक्कत? –
प्रश्न १५ - दुनिया में जीतने भी देश है, फेमस सिटी या लोग है उनके नाम
बोलते समय किसी शब्द पर दिक्कत? –
25
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
१. आ
पने जीतने भी शब्द लिखे है उस में जो अक्षर सबसे ज्यादा आया है
उसको पहले और फिर बाकी उसी हिसाब से क्रम में लिखने है।
२. अब आपको हर अक्षर से साथ यह देखना है की सारे शब्दों में क्या पैटर्न
बन रहा है और उसको लिखना है।
27
चैप्टर 3
हकलाहट दरू करने की स्ट्रै टिजी
और प्लैनिंग
अगर आपको अपने लाइफ में कुछ पाना हो, आपके कुछ गोल्स है, तो
उसको जल्दी पाने का तरीका होता है – उसे आप अड्वान्स में प्लान करे।
हकलाहट को अपनी लाइफ से दूर करना भी एक गोल है जिसके लिए
आपका सही प्लान आपको मदद कर सकता है। चलिए देखते है की ये
स्ट्रैटिजी और प्लैनिं ग कैसे करते है।
28
हकलाहट दूर करने की स्ट्रै टिजी और प्लै निं ग
पीठ पीछे लोग क्या कहते है, तो आप जल्दी सफल बन सकते हो। पर ये
जुनन
ू आएगा कहा स?े
29
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
30
हकलाहट दूर करने की स्ट्रै टिजी और प्लै निं ग
सोचो क्या होगा अगर आपने इस हकलाहट को अभी भी दूर नही किया
तो? तो वही होगा जैसे अब तक हो रहा है। वही होगा जो अब तक आपके
बस सपनों में है मगर शायद कभी हकीकत में नही होगा। आप चाहे जितनी
कोशिश करो, जब तक आपकी हकलाहट को आप गंभीरता से नही ले ते
और उसके ऊपर काम नही करत,े तब तक वही होगा जो आप नही चाहते है।
31
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
32
हकलाहट दूर करने की स्ट्रै टिजी और प्लै निं ग
मीडिया से, अपने धर्म स,े और जिनको आप मानते है, फॉलो करते है उनसे
भी। तो आपका जब जन्म हुआ था तब आपका दिमाग खाली था। पर जैसे
आप बडे होते गए वैसे आपका बिलीफ भी उसके साथ बदलता गया या
फिर और ज्यादा स्ट्रॉंग होता गया।
33
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
34
हकलाहट दूर करने की स्ट्रै टिजी और प्लै निं ग
35
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
३. आपके लं च का समय? :
५. ऐ
से ३ समय जिस समय आपका फोकस सबसे ज्यादा होता है (उदाहरण
- नहाने के बाद, शाम को ५ बजे, रात को ९ बजे जब आप बाहर घूमने
के लिए निकलते है)? :
36
हकलाहट दूर करने की स्ट्रै टिजी और प्लै निं ग
आपके दिनभर में कुछ समय ऐसे भी होते है जिस समय आपका
फोकस बहुत अच्छा होता है। जैसे की अगर आप ऑफिस में बैठे है और
सारे लोग लं च के लिए चले गए हो उस समय आपका फोकस बहुत अच्छा
होता है क्योकि बाहर से कोई आपको डिस्टर्ब नही कर रहा, या फिर शाम
को ५ बजे जब मौसम शांत और ठं डा लगने लगता है उस समय भी आप
ज्यादा फोकस रहते हो। या फिर रात को जब आप खाना खाने के बाद
बाहर टहलने निकलते हो तो उस समय भी आप ज्यादा फोकस होते हो।
जब आप फोकस में होते हो उस समय हमश
े ा अपने मोबाईल को या फिर
हर उस चीज को आपको दूर रखना है जो आपको डिस्टर्ब कर सकती है।
ऐसा करने से आप अपने समय का सबसे अच्छा इस्तेमाल कर सकते हो।
37
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
१. आ
पको दुकान से एक छोटी स्पाइरल डायरी खरीदनी है, जिसका
इस्तेमाल आप आपके रोज के कामों को लिखने के लिए करेंगे (Daily
Schedule)
उदाहरण के लिए:
38
हकलाहट दूर करने की स्ट्रै टिजी और प्लै निं ग
39
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
अगर आपको अपने डायरी में जो लिखा है उसको पूरा फॉलो करना
है और वो भी बिना किसी रिमाइं डर के तो इस तकनीक को आपको रोज
इस्तेमाल करना है। यह तकनीक बहुत ज्यादा शक्तिशाली है जो आपको
एक सफल इं सान बना सकती है। चाहे आप इसको अपने हकलाहट को
ठीक करने के लिए इस्तेमाल करे या फिर किसी दूसरे गोल के लिए, ये
हमश
े ा काम करेगी।
उदाहरण के लिए -
41
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
उदाहरण के लिए -
जब आप अपना टारगट
े सट
े करते हो तो आपको उसको ले कर ज्यादा
गंभीर होना चाहिए। अगर ऐसा आप नही करते है तो टारगेट सेट करने
के बाद भी आप बाकी कामों को ज्यादा महत्त्व देंगे और डेड्लाइन निकल
जाने के बाद भी आप उसको पूरा नही कर पाएं ग।े ये उस तरह से है की नया
साल शुरू होते ही लोग बहुत सारे गोल सट
े करते है जैसे की उनको रोज
कसरत करनी है, रोज पुस्तक पढ़ना है, रात को जल्दी सोना है, और वो
ऐसा साल के पहले दिन से मतलब १ जनवरी से करना शुरू करते है। उस
दिन आप किसी भी गार्डन में या जिम में जाएं गे तो आपको वहा बहुत भीड़
मिले गी मगर जब आप १०-१५ दिन के बाद उसी गार्डन या जिम में जाओगे
तो वहा पर अब उतनी भीड़ नही है। ऐसा इसीलिए है क्योकि वो लोग अपने
गोल को ले कर ज्यादा सीरीअस नही थ।े
शायद ऐसा आपके साथ भी हो सकता है। लेकीन मुझे पूरा विश्वास है की
अगर आप यहा तक पुस्तक को पढ़ रहे हो तो आप अपनी हकलाहट को
लेकर सीरीअस हो और आप अपने टारगट
े को सट
े करके पूरी ईमानदारी
के साथ उस पर काम करेंग।े
42
हकलाहट दूर करने की स्ट्रै टिजी और प्लै निं ग
अंदर! चाहे वो हकलाहट को दूर करना ही क्यो ना हो। तो चलिए देखते है!
43
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
७. कुछ और ...
अब हम उदाहरण ले ते है हकलाहट का -
44
हकलाहट दूर करने की स्ट्रै टिजी और प्लै निं ग
45
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
हम यहा पर पॉप मथ
े ड में जो obstacle पुस्तक में लिखे है वो और
जो आपने ऊपर के बॉक्स में लिखे है वो सारे obstacle को हम एक
गोल मानते है और हम उन गोल तक पहुंचकर उसपर काम करके उसका
समाधान करने की कोशिश करेंग।े
46
हकलाहट दूर करने की स्ट्रै टिजी और प्लै निं ग
और आपकी सही प्रैक्टिस आपके रूट कॉज़ के साथ होगी। सभी प्रैक्टिस
को हम अगले सेक्शन में देखग
ें )े ।
47
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
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चैप्टर 4
अपने आप को एक पत्र लिखना
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हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
धन्यवाद
<Sign>
<Date>
आपको भी खुद को इसी तरह का पत्र अभी लिखना है। आप चाहे तो अपने
पत्र में और भी बहुत सारी बाते ऐड कर सकते है - जैसे की साल का कितना
कमाते हो, आपके बच्चे कैसे है, आपका कोई गोल आपने पूरा किया, या
फिर और कुछ।
टिप : आप चाहे तो ऐसा एक पत्र लिफ़ाफ़े में बंद करके पोस्ट से खुद
को भेज सकते हो।
51
चैप्टर 5
आपकी सक्स
से चेकलिस्ट
www.facebook.com/groups/
fromstammeringtoeffectivespeakerbook
53
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
54
Section 2
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हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
56
चैप्टर 6
सांस ले ना और बोलना (क्या है
इनका कनेक्शन)
ब्रीदिंग का महत्त्व
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हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
ब्रीदिंग और माइन्ड्सेट
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सांस ले ना और बोलना (क्या है इनका कनेक्शन)
अगर आपके घर में कोई बच्चा है, तो जब भी वो बैठता है, बात करता है,
चलता है, या फिर सोता है, तो उस समय आप उस बच्चे के पेट पर हाथ रखे।
आप देखग
ें े की बच्चे का पट
े हमश
े ा फूलता है। अब वही काम आप ही अपने
साथ करे - अपने पेट पर हाथ रखे जब आप चल रहे होते हो, बैठे होते हो, या
फिर बात कर रहे होते हो, आप देखते है कि बच्चे का पेट जितना फूल रहा
था उतना आपका नही फूल रहा है या फिर आपकी छाती ज्यादा फूलती है।
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हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
१. एक कुर्सी या बेड पर बैठ जाईए (बैठते समय आपके पैर जमीन पर होने
चाहिए और पीठ को थोडा सीधा रखिए)।
२. अपना एक हाथ पट
े पर और एक हाथ छाती पर रखे (यह स्टे प करना
अनिवार्य नही है लेकीन जब आप पहली बार करते है तो जल्दी समझ
में आ जाता है)।
कुछ बाते : पेट को अपने लिमिट में ही फुलाना है। प्रक्रिया करते समय
अपनी आँखों को बंद करके अपने ब्रीदिं ग पर ध्यान देना है। ऐसा करने से
आप जल्दी सीख पाएं ग।े इस प्रक्रिया को आपने ज्यादा से ज्यादा ५ मिनट
ही करना है। फिर उसको कुछ समय बाद दोहराना है। आप ऐसा दिन में
कम से कम १० बार अलग अलग समय पर कर।े
अब आप उसी प्रक्रिया को धीरे धीरे चलते समय करना है। याद रखे
आपको बहुत ही धीरे धीरे चलना है। तेज चलने से आपको यह प्रक्रिया
करने में मुश्किल हो सकती है।
इस प्रक्रिया को हम बल
े ी ब्रीदिं ग या डीप ब्रीदिं ग भी कह सकते है।
61
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
शब्दों को बाहर निकाल पाते है। पर इन दोनों प्रयासों में आपकी आवाज
बदल जाती है या फिर सुननव
े ाले को आपकी बात थोडी अजीब सी लगती
है। क्योकि जिस इं सान को हकलाहट की दिक्कत नही होती है वह इं सान
अपनी सांस के साथ कुछ नही करता। वो बस बोलने पर ही ध्यान देता है।
मेरा यहा पर उद्देश यह है की आप ऐसे बात करे जैसे की कोई ऐसा इं सान
जिसको हकलाहट की दिक्कत नही है। हमारा उद्देश यहा पर हकलाहट को
ठीक करके एक आम इं सान की तरह या फिर उससे भी अच्छी तरह से
बात करने की है। अगर आपका उद्देश बस शब्दों को किसी तरह से बाहर
निकालना है तो आप कोई भी तकनीक इस्तेमाल कर सकते है जिसमे
सुननेवाले को अजीब लग सकता है परंतु आपका उद्देश्य जो शब्दों को
निकालना है वह हो जाएगा। आप यह चाहते है कि आपकी बाते अजीब ना
लगे और आप बहुत अच्छे से बात करे तो आपको मेरी कुछ बाते ध्यान में
रखनी पडेगी।
१. बात करते समय आपको अपनी सांस पर ध्यान नही रखना है। आपकी
ब्रीदिंग अपने आप होती रहेगी।
२. ज
ब आप बात नही करते है तब आपको सांस पर ध्यान देना है।
62
सांस ले ना और बोलना (क्या है इनका कनेक्शन)
१. x: x (Inhale: Exhale)
63
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
२. x: २x (inhale: exhale)
१. आप अपने ब्रीदिं ग को धीमा बनाते है, जैसे कि अगर आप एक मिनट में
१५ बार ब्रीदिं ग करते है, तो अब आप प्रैक्टिस करते समय १२ से १३ बार
ब्रीदिं ग करेंग।े मतलब आपकी ब्रीदिं ग थोडी कम हो चुकी है।
२. इसका फायदा आपको ज्यादा देर तक बात करने में होता है। यही
फार्मूला बहुत सारे पब्लिक स्पीकर भी फॉलो करते है।
मुह
ं से सांस को निकालना तभी करना है जब anxiety हो। बाकी
समय हमेशा नाक का ही इस्तेमाल कर।े
३. x: ४x: २x
आपसे नाक में सांस ज्यादा देर तक रोकी नही जाती है तो आपसे जितना
रोका जा सकता है उतना ही कर।े जैसे की अगर x =३ है, तो आपको १२
सक
े ं ड तक सांस को रोकना है पर ऐसा अगर आपको मुश्किल लगता है,
तो आप सांस को ६ सक
े ं ड तक रोकने का प्रयास करो और फिर समय के
साथ इस नंबर को बढ़ाओ।
(X: X) - १० बार
66
सांस ले ना और बोलना (क्या है इनका कनेक्शन)
बहुत बार ऐसा होता है की बोलने से पहले हमारे अंदर घबराहट सी होने
लगती है और ऐसा तब होता है जब:
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हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
सबसे पहले आपकी anxiety ज्यादातर आपके छाती में होती है। अगर
आपको उसको बाहर निकालना है तो आपको मुह
ं से सांस ले कर छाती
तक ले कर जाना होता है। फिर मुह
ं से सांस को बाहर निकालना होता है।
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सांस ले ना और बोलना (क्या है इनका कनेक्शन)
नही आती। इसको आपको 2 से 3 तीन बार करना है। यह अच्छे से काम
तब करेगा जब आप उसको बोलने के कुछ सक
े ं ड पहले ही करते है। यह
फार्मूला को आप anxiety breathing भी कह सकते हो।
ब्रीदिंग और फोकस
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हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
मैने ऐसे बहुत से लोगों की हकलाहट दूर करने में मदद की है जिनको
ज्यादातर सांस की ही समस्या थी । इस समस्या का समाधान पाने के लिए
आपको अपनी ब्रीदिं ग पर थोडा ज्यादा फोकस करना पड़ेगा। वो कैसे?
चलिए देखते है!
२. सब
ु ह उठकर फ्रेश होने के बाद, आपको सबसे पहला काम करना है
- अपने ब्रीदिं ग को सट
े करने का जो आप कर सकते है - X:X , X:2X,
X:4X:2X। इन ३ फार्मूला को रोज १५ बार कर के।
४. बोलते समय जब भी जरूरत पड़े बीच में रुक जाए । अपनी सांस को
नॉर्मल बनाए और फिर से शुरू कर।े
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सांस ले ना और बोलना (क्या है इनका कनेक्शन)
मुह
ं से हवा को लेते और छोड़ते रहना और बोलते रहना एक बहुत अच्छा
उपाय है आपके डर को बोलते समय कम करने का। यह मेरा खुद का
अनुभव रहा है। जब मुझे भी कभी हकलाहट होती थी और मै उसे ऐसे ही
बोलने की कोशिश करता था।
73
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
टास्क
३. वस
ै े तो आप ब्रीदिं ग हर रोज करते है और वो अपने आप
होती है। पर अगले ७ दिनों तक आप जानबूझकर अपने
ब्रीदिं ग पर फोकस करे और उसको हमश
े ा नॉर्मल रखने की
कोशिश कर।े
74
चैप्टर 7
बोलने का सही तरीका
1. आपने कभी किसो को हकलाते हुए देखा और आपको लगा की ऐसा मेरे
साथ तो नही होगा।
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हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
2. आपने हकलाते हुए इं सान को देखकर उसकी तरह बात करना शुरू
किया और फिर आपके मन में उसको लेकर विचार आने लगे।
3. आ
पने किसी विडिओ में देखा की अगर आपको कुछ इस तरह की
समस्या है तो आपको हकलाहट शुरू हो सकती है और फिर आपने
उसको सच मान लिया।
२.पूरे दिन आपको एक भी बार हकलाहट को लेकर विचार नही आता था।
ऐसा बहुत सालों तक होता रहा।
5. अ
पने स्कू ल या कॉलेज में, आप कक्षा में प्रश्न पूछते थे और कभी कभी
सामने जाकर बोलते भी थ।े
76
बोलने का सही तरीका
शायद आपके अंदर कुछ उलटा होता है। आप अंदर यह सोचते या मानते
है की मै तो हकलाता हू तो बाहर भी जब आप बात करते है तो वही दिखता
है। जैसा आप अंदर सोचते है वैसा बाहर भी दिखता है।
77
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
करग
े ा और बोले गा की तुम कर पाओग,े फिर ऑडियंस उसको सुनती है
और प्रभावित हो जाती है।
78
बोलने का सही तरीका
79
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
बॉडी लैं ग्वेज, वॉइस इन दोनों का महत्त्व ईफेक्टिव स्पीकिंग में लगभग
93% है और शब्दों का महत्त्व बस 7%। हकलाहट को दूर करने के लिए भी
यह बात आपको ध्यान रखनी चाहिए की बस शब्दों को मुह
ं से बोलने की
कोशिश करने से शायद शब्द जल्दी बाहर नही आएं गे। ले कीन आप बॉडी
लैं ग्वेज और वॉइस से इन्हे जल्दी बाहर निकाल सकते है।यह हम आने
वाले चैप्टर में देखने वाले है।
यहा तक आपको समझ में आ गया होगा कि बहुत बार हमारी सोच ही
हमारे हकलाहट को बढ़ाती है। आज से आपको यह देखना है कि बोलने से
पहले आपके मन में किस तरह के सवाल आते है। उन सवालों के जवाब
80
बोलने का सही तरीका
टास्क
81
चैप्टर 8
बॉडी लैं ग्ज
वे और हकलाहट
82
बॉडी लैं ग्वेज और हकलाहट
बॉडी लैं ग्वेज में मुख्य तौर पर नीचे दिए गए ६ भाग आते है
१. स्माइल
२. चह
े रे के इक्स्प्रेशन
३. मुह
ं का खोलना
४. हाथो का इस्तेमाल
५. आँखों का इस्तेमाल
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हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
अगर आपका रूट कॉज़ बॉडी लैं ग्वेज है जो कि हमने पिछले सेक्शन
में ही निकाल लिया था, तो यह चैप्टर आपके लिए सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण
है। इसका मतलब यह हो सकता है कि आप अपने शरीर में जकडन सी
महसूस करते है, मुह
ं सही से खुल नही पाता, हाथो का इस्तेमाल आप कम
से कम या बिल्कु ल नही करत।े तो चलिए देखते है।
स्माइल करने के वैसे बहुत सारे फायदे है, पर कुछ ऐसे फायदे जो
आपके हकलाहट को दूर करने के लिए महत्त्वपूर्ण है वह हम देखते है।
बॉडी लैं ग्वेज में सबसे पहला भाग मुस्कु राहट का है जो सबसे आसान
और सबसे बेहतरीन है। मुस्कु राहट के बहुत सारे फायदे है जैसे की आपका
तनाव कम हो जाता है, खून का दबाव कम हो जाता है, शरीर में पाज़िटिव
फीलिंग आती है, और ऐसे ही बहुत सारे फायदे। पर हम यहा पर देखने वाले
84
बॉडी लैं ग्वेज और हकलाहट
आप किसी के साथ बोलते समय भी बीच बीच में मुस्कु रा सकते है।
इससे आपके अंदर की फीलिंग हमश
े ा पाज़िटिव रहेगी और आगे वाले
इं सान को भी ऐसा लगग
े ा की आप उसकी बातों में रुचि ले रहे है। आपको
बाते करना पसंद है। तो आपको आज से ही मुस्कु राने की कोशिश करनी
है। उसकी शुरुवात आप अभी करेंगे - इस पुस्तक को नीचे रख कर अपने
आप को कैमरा या शीशे में देखकर मुस्कुराना है। आपको इस तकनीक
का फायदा अभी से ही मिलना शुरू हो जाएगा।
85
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
१. चेहरे के इक्स्प्रेशन
86
बॉडी लैं ग्वेज और हकलाहट
२. मुह
ं का खोलना
87
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
१. आ
पको सबसे पहले एक शीशे के सामने या फिर अपने कैमरा के सामने
खड़ा होना है।
३. अ
ब आप उसमे से कोई भी एक हैन्ड मूवमेंट ले कर उसके साथ एक
शब्द बोलो। उदाहरण के तौर पर अपना नाम बोलीए और साथ में हैन्ड
मूवमेंट।
४. ऐसा आपको कम से कम पांच बार करना है। याद रखे आपके हाथ और
शब्द का पहला अक्षर एक साथ होना चाहिए।
५. आ
प इसमे अपने चह
े रे के इक्स्श
प्रे न को भी इस्तेमाल कर सकते है।
88
बॉडी लैं ग्वेज और हकलाहट
हैन्ड मूवमेंट करते समय कुछ और बाते आपको याद रखनी चाहिए
जैसे कि:
१. आपके हैन्ड मूवमेंट आपके सामने कौन है उसके हिसाब से होने चाहिए।
हर जगह पर आप हैन्ड मूवमेंट नही कर सकत।े ऐसे समय पर आप अपने
गर्दन या फिर इक्स्श
प्रे न का इस्तेमाल कर सकते है।
२. आपके हैन्ड मूवमेंट आपके शब्दों के हिसाब से होने चाहिए। अगर ऐसा
नही होता, तो आगे वाले को वह कुछ अजीब लगता है।
आंखो का इस्तेमाल
89
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
३. ह
म आई कान्टैक्ट इसीलिए करते है ताकि सामने वाले इं सान को यह
लगे कि हम वही पर है और उस बातचीत का हिस्सा है।
२. अ
पने दोनों पैर के बीच में थोडी जगह रख।े यह देखे की दोनों पैर एक
दूसरे के साथ पैरलेल है या नही।
90
बॉडी लैं ग्वेज और हकलाहट
अगर में यहा पर बॉडी लैं ग्वेज को सरल भाषा में बताऊ, तो आपको बस
इन स्टेप्स को फॉलो करना है।
२. अ
पने मुह
ं को अच्छे से खोले और बोलते समय चेहरे के इक्स्प्रेशन का
इस्तेमाल करे।
४. सामने वाले इन्सान की आंखो में ज्यादा देर ना देखे और उससे थोडी
दूरी बना कर रखे।
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हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
१. आपका शरीर
२. आपकी ब्रीदिंग
३. आप कैसे बैठते/खड़े/चलते हो
५. आपकी आंखे
६. आपका मन
१. शरीर : आपका शरीर कापने लगता है या फिर आपको पसीना छूटता है।
२. ब्
रीदिं ग : आपकी ब्रीदिं ग बहुत तेज हो जाती है। दिल में बेचन
ै ी सी होने
लगती है।
३. बठ
ै ना/खडे होना/चलना : आपके बैठने में शरीर आगे झुकने लगता है।
खडे होते समय शरीर अस्थिर हो जाता है और चलते समय आपके पैर
कापते है (मतलब आपके शरीर को अच्छा नही लगता।)
४. चह
े रे के इक्स्प्रेशन : आपके इक्स्श
प्रे न अचानक से बदल जाते है।
आपके चेहरे पर डर दिखने लगता है या फिर आपका मुह
ं थोडा अजीब
तरीके से खुलता है।
५. आ
ख
ं े : आप सामने वाले से नजर नही मिला पाते है और ज्यादातर
आपकी आंखे नीचे देखने लगती है।
६. मन : आपके मन में शंका आती है कि आप शायद अटक जाएं गे, लोग
क्या कहेंग,े मेरी इमेज तो खराब नही होगी।
मन आंख े शरीर
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हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
94
बॉडी लैं ग्वेज और हकलाहट
२. एक कॉन्फिडेंट इं सान जैसे सांस लेता और छोड़ता है, आपको वैसे ही
सांस को ले ना और छोड़ना है।
४. एक कॉन्फिडेंट इं सान जैसे मुस्कु राता है, वैसे ही आपको मुस्कु राना है।
६. फ
ील करे की अब आपका कान्फिडन्स ६ तक पहुंच गया और धीरे धीरे
१० तक जा रहा है (१०/१० मतलब जबरदस्त कान्फिडन्स)।
इस चैप्टर में हमने बॉडी लैं ग्वेज और कान्फिडन्स दोनों के बारे में समझा
है। आपको अब समझ में आ गया है कि कैसे कॉन्फिडेंट होकर बात करनी
चाहीए। अगर आप हर रोज शीशे के सामने या अपने कैमरा के सामने इसे
प्रैक्टिस करे तो आपको बहुत अच्छा रिजल्ट मिले गा। इस प्रैक्टिस को
करते समय आप अपने आप को एक अभिनत
े ा समझे और ऐक्टिं ग करने
की कोशिश करे। इससे आपके चह
े रे पर इक्स्श
प्रे न अच्छे आएं गे, हाथो का
इस्तेमाल अच्छा होगा, और आप को जल्दी समझ में आएगा।
96
बॉडी लैं ग्वेज और हकलाहट
टास्क
१. फेसबुक ग्रुप में लाइव जाकर अपने बारे में कुछ बताईए।
अपनी बॉडी लैं ग्वेज का भी इस्तेमाल किजीएगा।
२. अ
पने किसी दोस्त या रिश्द
ते ार को कॉल करे और बोलते
समय बॉडी लैं ग्वेज का इस्तेमाल कर।े आप चलते समय,
कानों मे हेड्फोन लगाकर भी बात कर सकते है और साथ
मे अपने बॉडी लैं ग्वेज का इस्तेमाल कर।े
97
चैप्टर 9
आवाज और शब्द
१. बोलना (speak)
३. ध्वनि (sound)
४. शोर (noise)
98
आवाज और शब्द
आवाज के स्त्रोत:
हमारे मुह
ं से जो शब्द बाहर आते है उनके मुख्य तौर पर २ स्त्रोत (सोर्स) है।
१. गले से
२. पट
े से
99
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
यहा पर एक बात को याद रख,े जिस शब्द में “ह” की ध्वनि आती है
उसका स्त्रोत पेट से आता है। यहापर “श,” “ष” ये ऐसे अक्षर है जिनके
स्लपे िंग “sha” में - “h” आता है लेकीन ये “ह” ध्वनि नही है इसीलिए “श,”
“ष” पेट से नही आते है।
जिस अक्षर में “ह” की ध्वनि नही आती है वो सभी के स्त्रोत आपके गले
से आते है। अगर आप अपना हाथ गले पर रखेंगे और थोडा नीचे ले कर
जाएं गे, तो आपको एक जगह पर गड्ढा लगग
े ा जो थोडा छाती के ऊपर है।
उस गड्ढे से आपके सारे अक्षर आते है जिसमे “ह” का ध्वनि नही है, जैसे की
– क, ग, च, ज, ट, ड, त, द, प, ब, म, य, र, ल, व, श, ष, और स।
100
आवाज और शब्द
याद रखे - स्त्रोत और फाउं डेशन दोनों अलग है। स्त्रोत आपकी आवाज
के साथ संबधं ित है पर फाउं डेशन शब्द कैसे मुह
ं से बाहर आता है उससे
संबधं ित है।
यहा पर प्राण का मतलब वह हवा जो बोलते समय बाहर आती है। अल्प
मतलब कम और महा मतलब ज्यादा। जो अक्षर गले से बाहर आ रहा है
उसमे हवा कम ही बाहर आएगी तो वो हुआ अल्पप्राण। जो अक्षर पेट से
बाहर आ रहा है उसमे हवा ज्यादा बाहर आती है तो वो हुआ महाप्राण।
अगर आपके गले में कोई खराश या गला बैठ गया हो तो आपकी
आवाज स्पष्ट नही आती है। उसके लिए आप गरारे करते है या फिर डॉक्टर
की सलाह ले ते है। अक्सर यह देखा गया है कि लड़कों की आवाज १८ साल
की उम्र से बदलना शुरू हो जाती है और लड़कियों की आवाज १४ साल से
101
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
ही। ऐसा इसीलिए होता है क्योकि उसी उम्र से यौवन की शुरुवात होती है।
तब लड़के और लड़किया अपने शरीर में बदलाव महसूस करते है। उसी
समय उनकी आवाज भी बदलने लगती है।
दूसरा उपाय यह होगा की सिं घासन योगा कर।े रोज सुबह ५ बार और
बोलते समय अगर थोडा ज्यादा मुह
ं खोलें गे तो अच्छे रिजल्ट आते है।
102
आवाज और शब्द
103
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
टास्क
104
चैप्टर 10
स्वर
स्वर आपके शब्दों को बोलते समय आकार देता है। कोई भी स्वर बोलते
समय आपका मुह
ं खुल जाता है यानि आपका ध्यान मुह
ं को खोलकर
शब्दों को बोलने पर होता है। हम ऐसा भी बोल सकते है कि बिना मुह
ं खोले
आप स्वर नही बोल सकते।
मतलब जिन वर्णों का उच्चारण करते समय सांस, कंठ, तालु , आदि
स्थानों से बिना रुके निकलती है उसे स्वर कहा जाता है। वैसे तो कोई भी
शब्द बिना मुह
ं खोले नही बोला जाएगा वो स्वर की वजह से ही हो रहा है।
यह हम आगे देखने वाले है।
स्वर का महत्त्व
105
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
अगर आप अपने नाम का स्लपे िंग अंग्रेजी में लिखते है और उसमे आने
वाले स्वर को निकाल देते है, तो बचे हुए शब्द को आप बोल नही पाते।
उदाहरण - जैसे की मर
े ा नाम अंकुश पारे है, तो इसका अंग्रेजी होता है -
Ankush Pare
106
स्वर
३. हर शब्द में स्वर आता ही है, बिना स्वर के कोई शब्द नही होता।
जैसे की - my, sky, myth, rhythm, try, cry और इसी तरह से बाकी
भी शब्द जिसमे स्वर नही आत।े
107
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
३. हर शब्द में स्वर आता ही है। बिना स्वर के कोई शब्द नही होता।
108
स्वर
हमारा मुह
ं ज्यादातर २ तरह से खुलता है:
१. Horizontal (आड़ा)
२. Outside (बाहर)
• अ, आ, इ, ई, ए, ऐ
• उ, ऊ, ओ, औ
जब हम अपने मुह
ं को horizontal (आड़ा) खींचते है, तब “अ, आ, इ, ई,
ए, ऐ,” यह सारे स्वर आपके अच्छे से आते है। पहले हम horizontal खिचना
सीखेंग।े
• अपने दातों (ऊपर और नीचे वाले) के बीच में १ उं गली का अंतर रखना
109
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
है। यह करने के लिए पहले अपनी उं गली दातों के बीच में रखे। फिर
उं गली निकालकर जो अंतर बीच में रह जाता है, उसको उतना ही रखना
है जितना अंतर अभी है। उतना ही आपको पूरी E “प्रैक्टिस करते समय
रखना है।
• मह
ुं को आड़ा खींचते समय “E” की आवाज निरंतर २० सेकंड तक रखे
और उसके बाद मुह
ं को अपने पहली वाली अवस्था में लाए।
• “O” बोलते समय आपके ऊपर का होठ (upper lip) नीचे की तरफ
खींचना है जिससे आपका चह
े रा, गाल थोड़े नीचे खीचेंग।े आप जैसे सेल्फी
110
स्वर
निकालते समय “पाउट” करते है, उससे थोडा और नीचे खींचे ताकि
आपके गाल नीचे जाएं गे और दोनों होठो के बीच में गोल बनेगा।
111
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
अगर आपको सबसे ज्यादा दिक्कत स्वर बोलने में है या फिर स्वर
से शुरू होने वाले शब्दों में है, तो आप एक ही गलती बार बार कर रहे है।
आपकी एक गलती आपको हमश
े ा ही शब्द को सही से बोलने से रोकती
है। या तो यह गलती आपको अब तक किसी ने बताई ही नही है या फिर
किसीने इतने गौर से उसको कभी देखा नही है। मै आपको विश्वास दिलाता
हू कि अगर आप यह एक गलती नही करेंगे तो आपके सारे स्वर से शुरू
होने वाले शब्द आसानी से निकाल जाएं ग।े चलिए देखते है वो गलती जो
शायद आप हर रोज करते है।
२. अब अपने गले के सबसे ऊपर वाले भाग (कंठ) को दोनों उं गलियों से
आराम से पकड़े।
112
स्वर
इसका मतलब यह हुआ की बहुत सारे लोग जिनको ज्यादातर स्वर में
ही दिक्कत आती है वह अपने जबडे (jawline) को बोलते समय ज्यादा
नीचे खींचते है। वही पर वो गलती करते है। याद रखे आपको मुह
ं को स्वर
की तरह ही खोलना है। उसके दो ही प्रकार होते है - आड़ा और बाहर। आपका
जबड़ा बोलते समय थोड़ा नीचे जाता है पर अगर वह बहुत ज्यादा नीचे
जाता है और आपके गले मे हवा अटक जाती है तो वैसा नहीं होना चाहिए।
२. अ
गर कोई शब्द स्वर से शुरू होता है, तो जानबूझकर मुह
ं को स्वर की
तरह ही खोलकर बोले।
113
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
तो अगर आप स्वर में बताए हुए प्रक्रिया को किसी भी भाषा में प्रयोग
करेंग,े तो आपको एक जैसा ही अनुभव मिलेगा।
114
स्वर
१. र
ीडिं ग करते समय एक बार में एक ही शब्द बोलना है (वाक्य को पूरा
करने के पीछे नही रहना)।
२. ह
र शब्द के पहले अक्षर के साथ जो स्वर आता है उसकी तरह ही मुह
ं को
खोलना है। उदाहरण के लिए - भारत शब्द में पहला अक्षर है “भा” और
उसका स्वर है “आ,” तो आपको “आ” की तरह मुह
ं खोलना है (भ + आ
= भा)।
३. आ
पको मुह
ं को स्वर की तरह खींचते समय शब्द को बोलना है, ताकि
खींचना और शब्द को बोलना एक साथ हो।
१.बाहर आपको कोई भी शब्द दिखे जैसे कि किसी दुकान का नाम, प्रोडक्ट
का नाम, या कोई न्यूज, तो उस समय जानबूझकर उन शब्दों को बोलिए
और अपने मुह
ं को स्वर की तरह खोले।
115
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
टास्क
१. फेसबुक ग्रुप में लाइव जाकर आपके बारे में या किसी अन्य
विषय पर ५ मिनट तक बात करे और उस समय स्वर की
तरह मुह
ं खोलने पर ध्यान दे।
116
चैप्टर 11
व्ज
यं न
व्ज
यं न क्या है?
हिं दी वर्णमाला में लगभग ५२ अक्षर होते है, जिनमे १३ स्वर, ३३ व्यंजन,
४ जोड़ व्यंजन, और ३ द्विआधारी व्यंजन होते है। इनमे से हिं दी में ज्यादातर
बोले जाने वाले ४५ अक्षर है, जिनमे १० स्वर और ३५ व्यंजन है। ३५ व्यंजन
में भी ३१ व्यंजन ही लोग आजकल बोलते है।
स्वर – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ (१०)
व्यंजन – क, ख, ग, घ, च, छ, ज, झ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ,
ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह (३१)
117
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
फाउं डेशन
यहा पर फाउं डेशन का मतलब यह होगा की वह व्यंजन कहा से आता
है इसको देखना। बहुत बार लोग डर जाते है बोलते समय क्योकि उनको
समझ नही आता है की शब्द को कैसे बोलना होता है। आगे वाला इं सान
आपको देख रहा है और आपके बोलने का इं तज़ार कर रहा है। यही बात
आपको और भी ज्यादा बच
े न
ै करती है। फिर आप कुछ भी करके उस शब्द
को बोलने का प्रयास करते है तो आपको हकलाहट होती है।
आपकी हकलाहट पूरे शब्द पर नही होती बल्कि उसके पहले अक्षर
पर होती है। वह अक्षर ऊपर बताए गए ४१ अक्षरों में से ही आएगा। अगर
आपको उस पहले अक्षर का फाउं डश
े न पता हो तो आपके मन में डर नही
आएगा की आपको कैसे बोलना है। उस शब्द को निकालने में फाउं डेशन
आपकी मदद करेगा और सामने वाले व्यक्ती को समझ में भी नही आएगा
कि आपने कोई तकनीक फॉलो की है। देखते है अब फाउं डेशन तकनीक।
शायद आपने इनमे से कुछ शब्दो को सुना होगा; स्कू ल में या आपकी
भाषा सीखते हुए:
१. कंठस्य
२. तालव्य
३. मूरन्य
्ध
४. दंतस्य
५. ओष्ठस्य
118
व्यंजन
अब हम हर एक अक्षर का फाउं डश
े न देखते है।
क, ख, ग, घ (कंठस्य)
• यह अक्षर आपके कंठ से बाहर आते है। आप इसे बोलते समय आपका
ध्यान आपके कंठ पर होना चाहिए। आपका ध्यान कंठ के अलावा कही
भी नही होना चाहिए, जैसे की जीभ या दात।
च, छ, ज, झ (तालव्य)
• इन अक्षरो में आपकी जीभ(Tip of the tongue) आपके तालु (upper
jaw) को लगती है, जिसको हम तालव्य भी कहते है।
• अगर आप मुह
ं को थोडा ज्यादा खोलें ग,े तो जीभ को तालव्य भाग पर
लगाकर अक्षर जल्दी बाहर और स्पष्टता के साथ आते है।
119
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
ट, ठ, ड, ढ, ण (मूरन्य
्ध )
• इन अक्षरों में आपकी जीभ(Tip of the tongue) मूर्धन्य को लगती है,
जो तालव्य से भी थोडा पीछे होता है।
• अगर आप मुह
ं को थोडा ज्यादा खोलें गे तो जीभ को मूर्धन्य भाग पर
लगाकर अक्षर जल्दी बाहर और स्पष्टता के साथ आते है।
•य
हा पर “ण” शब्द ज्यादातर भाषा में इस्तेमाल नही होता। परंतु मराठी
और पंजाबी में इसका इस्तेमाल लोग करते है। “न” और “ण” यह दोनों
अलग है और हिं दी में “न” ही बोला जाता है। इसका फाउं डेशन आपको
आगे मिले गा।
120
व्यंजन
त, ठ, द, ध, न (दंतस्य)
• इन अक्षरों में आपकी जीभ(Tip of the tongue) दात के पीछे लगती है।
यहा पर दात का मतलब आपके ऊपर के दात।
• बहुत सारे लोगों की जीभ बोलते समय दात के पीछे नही लगती क्योकि
शायद जीभ छोटी हो या फिर दात और जीभ के बीच में अंतर ज्यादा हो।
इसीलिए पहले मुह
ं को थोडा पीछे खिचिए ताकि दात थोड़े पीछे आएं गे
और अब जीभ को लगाकर बोलिए।
• अगर आपकी जीभ दातों से फिसलकर बाहर आती है, तो याद रखे - जीभ
को दात के पीछे से तब तक नही हिलाना है जब तक वह शब्द/अक्षर
बाहर नही आए (मतलब अक्षर का ध्वनि और आपकी जीभ एक साथ
काम करे)।
प, फ, ब, भ, म (ओष्ठस्य)
• इन अक्षरों में आपकी जीभ का इस्तेमाल नही होता। इसमे आपके होठ ही
इस्तेमाल होते है।
121
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
य्, र, ल, व (अंतस्य )
य्
टिप - बहुत सारे लोग जिनको तुतलाने की समस्या होती होती है,
उनका र वाइब्रैट नही होता है। इसका नतीजा यह होता है की उनके शब्द
स्पष्ट बाहर नही निकलते। अगर आपके जीभ का ऊपरी हिस्सा कटा
हुआ है या फिर वह बहुत चपटा/सपाट है, ऐसे वक्त आपको हर रोज “र”
वाइब्रैशन की प्रैक्टिस करनी चाहिए। कुछ महीनों में “र” वाइब्रैट होना
शुरू हो जाएगा।
• इस अक्षर को बोलते समय आपकी जीभ आपके दातो के पीछे वाले थोडे
ऊपरी भाग पर जाकर लगती है।
• यह अक्षर को वर्णमाला में दंत्य अक्षर भी कहा गया है क्योकि यह बोलते
समय जुबान आपके दात के ऊपरी भाग में लगती है। यह जगह दंतस्य
अक्षरों से थोडी सी ऊपर होती है (त थ द ध न)।
• अगर ऐसा नही हो रहा है, तो जैसा बताया गया है वैसे ही करे क्योकि यही
इसका सही फाउं डश
े न है।
123
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
टिप - जिनको स्वर में दिक्कत होती है उनको ज्यादातर “य्” और “व”
में भी दिक्कत होती है, क्योकि यह दोनों अर्धस्वर है। इन अक्षरों को अच्छे
से बोलने के लिए आपका मुह
ं खुलना बहुत जरूरी है।
श, ष, स (ऊष्म/संघर्षी)
इन अक्षरो में आपकी हवा ज्यादा इस्तेमाल होती है। इनको बोलते समय
जो ध्वनि बाहर आती है वो मुह
ं में संघर्ष करके आता है।
124
व्यंजन
ह (पेट से)
• यह अक्षर पेट से बाहर आता है, जैसा हमने पहले अल्पप्राण और महाप्राण
में देखा था।
125
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
स्वर
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ - मुह
ं को स्वर की तरह खोलना है।
व्ज
यं न
ट, ठ, ड, ढ, ण - मर्धन्य
ू (जीभ मूर्धन्य को जाकर लगती है/तालव्य से थोडा
पीछे )।
य् - मुह
ं अंदर जाकर फिर बाहर।
व - मुह
ं बाहर जाकर फिर अंदर।
126
व्यंजन
२. आवाज के साथ।
आपको इन फाउं डश
े न को हर रोज कम से कम १० बार बोलना है। आप
अगर इसको बाहर प्रैक्टिस करेंग,े तो आपको ज्यादा फायदा होगा। बाहर
जब आप घूमते है या फिर किसी काम के लिए बाहर जाते है, तब आपके
आस पास लोग होते है। आपको ऊपर बताए गए फाउं डेशन से ही शब्द
128
व्यंजन
दुनिया के किसी भी भाषा में स्वर और व्यंजन आते है। बोलने वाला
हर शब्द स्वर और व्यंजन को मिलाकर ही बनता है। आप दिनभर जो भी
शब्द बोलते है उसकी शुरुवात या तो स्वर से होगी या फिर व्यंजन से। जैसे
हमने हिं दी वर्णमाला को समझने की कोशिश की वैसे ही आप जो भी भाषा
बोलते है उसमे भी वही नियम लागू है।
129
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
याद रखे - बोलते समय आपको हर एक शब्द का फाउं डेशन चेक नही
करना है। जहा पर दिक्कत हो उस शब्द का ही चेक करना है। आप अपनी
प्रैक्टिस के लिए बीच बीच में किसी भी शब्द का फाउं डेशन चेक कर सकते
है ताकि आपकी प्रैक्टिस हो। यह वैसा ही है जैसे आप जिम में कसरत करने
से पहले उछल कूद करके या फिर स्ट्रेच करके शरीर को गरम करते है।
फाउं डेशन को प्रैक्टिस में लाने के लिए आपको नीचे दी गई फाउं डेशन
रीडिं ग को रोज प्रैक्टिस करना चाहिए।
२. ह
र शब्द के पहले अक्षर का फाउं डेशन चेक करना है (स्वर और व्यंजन
के हिसाब से)।
फाउं डेशन चेक करना और फाउं डेशन रीडिंग को विडिओ के रूप में
समझने के लिए आप पुस्तक के अंत में दिए गए लिं क को चेक कर सकते
है।
131
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
टास्क
132
चैप्टर 12
हकलाहट और ब्लोकेज
कोई भी समस्या जीवन में आने से पहले वह आपको बहुत सारे इशारे
देती है परंतु हम उसको नजरंदाज करते रहते है। आपका बोलते समय
ब्लॉक आना भी उसमे से ही एक है। बोलते समय ब्लोकेज आने का
मतलब हो सकता है:
133
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
आपके बोलने के विचार एक ऊर्जा है। अगर हम इसे बाहर बोलने में
नही निकालें गे तो वही ऊर्जा आपके अंदर दब जाती है। हो सकता है कि कुछ
दिन या साल पहले आप कोई शब्द नही बोल पाए और उसकी ऊर्जा मन
में ही दबी रही। फिर धीरे धीरे आप शब्दों को बिना बोले ही मन में रखते रहे
और उसकी ऊर्जा आपके अंदर ज्यादा बढ़ती रही। फिर उसी शब्द को ले कर
आपके अंदर नकारात्मक विचार आने लग।े , आपका मन जब भी उस शब्द
को बोलने की कोशिश करता तब आप नही बोल पाए। उसके बाद बहुत
सारे शब्दो पर ऐसा ही होने लगा। तो सरल भाषा में ब्लोकेज का मतलब यह
होगा की मन में आए विचार को आपने ऊर्जा के रूप में बाहर नही बोल पाए
और वही ऊर्जा अंदर दब गई। धीरे धीरे आपका मन सिख गया कि जब भी
ऐसे कोई शब्द आए उसको बोलना नही या फिर घूमा फिरा के बोलना है।
आपके ब्लोकेज ऐसे ही आपके जीवन में नही आए। आपने उसके ऊपर
शायद काम नही किया और अब वही शब्द आपको बोलने के लिए सबसे
कठिन लगते है, जो कि बचपन में आप आसानी से बोल पाते थे।
अगर कोई ऐसा शब्द हो जो हमने अभी तक कभी देखा नही, सुना नही,
और बोला नही, तो ऐसा शब्द बोलते समय कोई भी इं सान अटक जाएगा।
उदाहरण के लिए - अगर आपने कभी संस्कृत नही पढ़ी और पहली बार
कोई संस्कृत शब्द बोलते है तो हर इं सान अटक जाएगा। आप चाहे कोई
रशियन भाषा का भी शब्द बोलते है तभी ऐसा ही होता है।
जैसे हमारे दिमाग के पास स्मरणशक्ति होती है, वैसे ही हमारे शरीर
के पास भी उसकी स्मरणशक्ति होती है। आपके जुबान के पास भी शब्दों
को ले कर स्मरणनशक्ति होती है। आपके दात और मुह
ं के पास भी उनकी
स्मरणशक्ति होती है।
135
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
सरल भाषा में कहा जाए तो - अगर कोई वस्तु गती में है तो गती में ही
रहेगी जब तक आप उसको ना रोके, और अगर कोई वस्तु रुकी हुई है वह
रुकी रहेगी जब तक आप उसको धक्का नही देंग।े
136
हकलाहट और ब्लोकेज
याद रखे - इस प्रक्रिया में आपके बॉडी लैं ग्वेज का बहुत बडा हाथ है।
अगर आपके हाथ, पैर, गर्दन, और शरीर अजीब तरीके से हिलते है, तो
उसको सबसे पहले बंद कर।े फिर शीशे के सामने हर रोज अपनी बॉडी
लैं ग्वेज से शब्दों को बोलने का प्रयास कर।े आपको बॉडी लैं ग्वेज की ऐसी
प्रैक्टिस करनी है जिसे वो बाहर लोगों के सामने अच्छी दिखे और आपका
भी अपने प्रति विश्वास बढ़े। आप जितना ज्यादा इसको बाहर इस्तेमाल
करेंगे उतने ही जल्दी आप इसे सिख पाएं ग।े शायद पहले कुछ दिन तक
आपको थोडा अजीब लगग
े ा। आपके दोस्त भी आपको नोटिस करेंगे पर
इस प्रक्रिया को जारी रखे तो बहुत जल्दी आप इसमे भी माहिर बन जाएं गे।
करे।
स्टेप ३. जो भी शब्द है उसके पहले अक्षर का फाउं डेशन चेक करके उसको
कान्फिडन्स के साथ बोले ।
१. पहली स्टेप
२. दूसरी स्टेप
• आपको मुह
ं को खुला रखना है और मुह
ं से ही सांस को गले तक ले कर
जाना है।
• सांस निकालते समय धीरे धीरे सांस बाहर निकालनी चाहिए। एकदम से
सांस को बाहर निकालने से अंदर का डर कम नही होगा।
138
हकलाहट और ब्लोकेज
पहली प्रक्रिया में अगर आप बोल रहे है और बीच में ब्लॉक आ रहा है, तो
उस समय आपको बस गले की सांस को मुह
ं से बाहर निकालना है। फिर
शब्द को बोलना है। इस प्रकार से जब आप सांस को बाहर निकालते है, तब
आपको एक समय पर ऐसा लगता है कि आपका डर या ब्लोकेज कम हो
गया है। तब आपको शब्द को बोलना है।
३. तीसरी स्टेप –
याद रखे - अगर ऊपर बताई गई स्टेप से आपका शब्द निकल गया
परंतु आप थोडासा अटक भी गए, तो उस शब्द को आप उसी समय दोहराइए।
आप शब्द को उसी समय दोहरा सकते है या फिर बोलते समय कभी भी
दोहरा सकते है। ऐसा करने से आपके मन में उस शब्द को ले कर अच्छा
139
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
आपके ब्लोकेज अगर बचपन में नही थे पर फिर धीरे धीरे वो आपके
बोलने में आ गए है, तो इसके पीछे आपके वास्तविक जीवन में आप कैसे
खुद को दिखाते है यह महत्त्वपूर्ण है। अक्सर हम लोगों के सामने अपने
आपको अच्छा ही दिखाने की कोशिश करते है। हर कोई इं सान अपनी
अच्छी बातों को सामने रखता है और बुरी बातों को ज्यादा से ज्यादा छिपाने
की कोशिश करता है।
पहली मुलाकात में ही लोग प्रभावित होते है, बाद में नही।
140
हकलाहट और ब्लोकेज
Anxiety और ब्लॉक
141
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
बोलते समय anxiety आती है तब आपके गले में और छाती में थोडा
भारी भारी लगता है और हवा बाहर नही आ पाती है। ऐसे समय में आपका
पहला काम होना चाहिए की रुकी हुई सांस को फिर से गती में लाना याने
कि हवा को बाहर निकालने की कोशिश करना।
१. मुह
ं से गले तक एक सांस ले।
३. स
ांस निकालते समय, एक समय पर मन को ऐसा लगता है कि अब
आप बोल सकते है, उस समय मुह
ं को अच्छे से ओपन करके बोलना है।
४. इस प्रक्रिया को करते समय अगर मन तैयार नही है, तो फिर से स्टे प १,
२, ३ को फॉलो करना है।
142
हकलाहट और ब्लोकेज
अकेले में आपको इतने ब्लोकेज नही आएं गे तो ज्यादा समय बाहर दे।
काम के १० शब्दों को हर रोज लोगों के सामने ब्लोकेज तकनीक से बोले ।
आपके ब्लोकेज को दूर करने का सबसे सही तरीका यही होगा।
143
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
टास्क
144
चैप्टर 13
बोलने समय याद रखे यह
महत्त्वपूर्ण नियम
बहुत बार लोग बोलते समय जल्दबाजी में अपने वाक्य को समाप्त
करने की कोशिश करते है और फिर हकलाते है। जब आप एक वाक्य
जल्दबाजी से बोलने की कोशिश करते है उस समय उसके बीच अगर
कठिन शब्द आता है तो उस समय ब्लोकेज तकनीक को इस्तेमाल करने
में मुश्किल होगी। जब तक आपके पास अपने शब्दों का नियंत्रण नही
है तब तक हकलाहट कम या ठीक नही हो सकती। हकलाहट को ठीक
करने का सबसे पहला नियम - एक शब्द के बाद ही दूसरा शब्द बोलना है
और बोलते समय जल्दबाजी नहीं करनी है।
उदाहरण के लिए -
145
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
बातचीत करते समय हम बहुत सारे वाक्य बोलते है। बातचीत करने
का मतलब बहुत सारे वाक्यों को बोलना।
हर वाक्य में बहुत सारे शब्द होते है। वाक्य का मतलब बहुत सारे शब्द
को एक के बाद के बोलना।
यहा पर शब्दों में स्पष्टता का मतलब होगा कि आपका पूरा ध्यान मुह
ं
स्वर की तरह खोलने पर ही होना चाहिए। शब्द स्पष्ट तभी निकलता है जब
आपका मुह
ं अच्छे से खुलता है।
146
बोलने समय याद रखे यह महत्त्वपूर्ण नियम
अपने हाथो पर कोई धागा या कोई बैंड बांध दे ताकि वो आपको याद
दिलाए कि आपको इन नियमों का पालन करना है।
148
बोलने समय याद रखे यह महत्त्वपूर्ण नियम
टास्क
३. फेसबुक ग्रुप में लाइव जाकर नियमों के बारे में डीटे ल में
बताए और साथ में इन्हे फॉलो कर।े
149
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
चैप्टर 14
रीडिंग प्रैक्टिस
आपको यह रीडिं ग उस भाषा में करनी है जिस भाषा में आपको दिक्कत
होती है। अगर आपको एक से ज्यादा भाषा में दिक्कत है तो पहले ३ रीडिं ग
को एक ही भाषा में कर।े उसके बाद दूसरी भाषा में फिर से यह ३ रीडिं ग
कर।े आप रीडिं ग सुबह करेंगे तो बहुत फायदा होगा। शाम या रात को करने
से ज्यादा फायदा नही है क्योकि उसके बाद सो जाते है या फिर कम बात
करते है।
150
रीडिं ग प्रैक्टिस
रीडिं ग जिस अनुक्रम से बताया जाएगा उसी अनुसार आपको पढ़ना है।
२. शब्द को बोलते समय उसके पहले अक्षर का फाउं डेशन चेक करना है
(उदाहरण - “भारत” तो “भ” का फाउं डश
े न)।
२. श
ब्द के पहले अक्षर में जो स्वर है उसके तरह मुह
ं को खोलना है । (उदाहरण
- “भारत” - “भ” + “आ”, आपको “आ” की तरह मुह
ं खोलना है)।
३. म
ह
ुं को पहले अक्षर के स्वर की तरह खींचते समय शब्द को बोलना है।
151
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
इस रीडिं ग में शब्द की स्पष्टता पर सबसे ज्यादा फोकस देना है। रीडिं ग
करते समय आपका मुह
ं स्वर की तरह खुलेगा। इस रीडिं ग में आपको
फाउं डेशन और मुह
ं को खोलना यह दोनों के साथ पढ़ना है। शब्द में स्पष्टता
का मतलब यह होगा कि जब आप शब्द मुह
ं से बोलें गे और कानों से सुनग
ें े
तो वह शब्द आपके कानों को स्पष्ट और अच्छा लगना चाहिए। अगर ऐसा
नही होता तो शब्द को बार बार बोले जब तक स्पष्टता नही आती। शब्द को
स्पष्ट बोलने का और एक तरीका यह होगा की आप शब्द को अक्षरों में
अलग कर के बोले - उदाहरण “भारत” = “भा”+ “र” + “त”। रीडिं ग करने
के स्टेप्स इस प्रकार है -
३. अ
गर स्पष्टता नही आती, तो फिर से बोले। शब्द को अक्षरों में बाटकर
भी बोल सकते है।
152
रीडिं ग प्रैक्टिस
टास्क:
२. अ
गर आप स्कू ल या कॉलेज में जाते है, तो नोटिस बोर्ड पर
लगे नोटिस को भी पढे।
153
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
चैप्टर 15
अच्छे रिजल्ट के लिए दिनभर
प्रैक्टिस कैसे करे
आपने डायरी में लिखा है वो रात को सोने से पहले अपनी आंखो के सामने
लाकर २ से ३ बार ऐसा देखना है जैसे कि वो अभी हो रहा है। आपको उस
काम को वर्तमान में देखते समय आप उस काम को कर रहे है ऐसा देखना
है ताकि कल क्या होने वाला है यह आपके मन में पहले से ही है। जैसे वो
समय आएगा वैसे आपका मन याद दिलाएगा कि आपको अभी यह काम
करना है।
बहुत सारे लोग सुबह का अलार्म लगाते है और अलार्म बंद करते समय
यह सोचते है कि सुबह उठकर मुझे क्या क्या करना है। उनको याद आता
है मुझे तो हकलाहट ठीक करने की प्रैक्टिस करनी है पर मेरा नोटबुक
या यह पुस्तक कहा रखा है यह पता नही। मर
े े टेबल पर बहुत सारा सामान
है और अब उसको कौन हटाएगा? घरवाले जाग गए होंगे तो उनके सामने
कैसे प्रैक्टिस करू? सुबह की चाय कौन बनाएगा? ऐसे बहुत सारे सवाल
155
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
इतने सारे जो मन में सुबह सुबह प्रश्न आते है और हम नींद में होते है
तब ज्यादातर लोग अपने मन की सुनकर उस काम को कल के लिए
टाल देते है। पर क्या हम ऐसा कुछ कर सकते है जिससे मन के पास कोई
कारण ना बचे कि आपको यह कल से करना चाहिए। इसका उत्तर है हा!
चलिए देखते है!
156
अच्छे रिजल्ट के लिए दिनभर प्रैक्टिस कैसे करे
सुबह उठकर पेट खाली होने के बाद आपको ब्रीदिं ग प्रैक्टिस करनी है।
यह प्रैक्टिस सबसे पहले इसीलिए करनी है क्योकि रात को सोते समय
आपका ब्रीदिं ग बदल जाता है। सुबह उठने के बाद वही ब्रीदिं ग कुछ समय
तक आपके साथ रहता है और आपको थोडा आलस सा लगता है। अगर
आप बताए गए ब्रीदिं ग को करते है तो आपका ब्रीदिं ग दिनभर बात करने
के लिए सेट हो जाएगा। ब्रीदिं ग प्रैक्टिस में ३ प्रकार आते है।
१. x: x (inhale: exhale)
२. x: २x (inhale: exhale)
१. बाहरी इक्स्प्रेशन - ४
२. अंदरूनी इक्स्प्रेशन - १०
३. मुह
ं को आडा और बाहर खींचना - ५ बार
प्रैक्टिस ३ : सिंघासन
याद रखे - सिं घासन करते समय अगर खांसी आती है तो आप शायद
ज्यादा जोर देकर उसको कर रहे है। ऐसा नही करना चाहिए। सिं घासन
करते समय शरीर पर ज्यादा दबाव नही रखना है और सिं घासन को सुबह
५ बार ही करना चाहिए। सिं घासन को शाम में करने से आपको लाभ कम
और हानी ज्यादा होगी क्योकि सिं घासन में आपके गले का सबसे ज्यादा
158
अच्छे रिजल्ट के लिए दिनभर प्रैक्टिस कैसे करे
इस्तेमाल होता है। दिनभर जब आप बात करते है और फिर सिं घासन करते
है तब गले पर ज्यादा दबाव आता है जिस कारण गला जल्दी खराब होकर
आपकी आवाज भी बदल सकती है।
159
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
चैप्टर ११ (व्यंजन) - इस चैप्टर में आपको सारे फाउं डेशन मिल जाएं गे।
इसके अलावा आप फाउं डश
े न को एक अलग से पेज पर लिखकर उसको
कही पर चिपका दे, ताकि दिनभर उसको आप याद कर पाए।
फाउं डेशन चेक करने के बाद आपको अपनी स्थानीय भाषा में पढ़ना
है। अगर आपको स्थानीय भाषा के अलावा भी कोई दूसरी भाषा में दिक्कत
है तो उसे एक साथ ना पढे। पहले सारी रीडिं ग प्रैक्टिस एक भाषा में करे।
उसके बाद ही दूसरी भाषा में सारी रीडिं ग कर।े
160
अच्छे रिजल्ट के लिए दिनभर प्रैक्टिस कैसे करे
161
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
१. ब्रीदिंग प्रैक्टिस
३. सिंघासन
८. क्लेरिटी रीडिं ग
अगर आपका कारण यही है कि आपको सुबह जल्दी उठने में परेशानी
होती है तो यह कारण आपको आलसी बनाएगा और हर बार आप यही
कारण से पीछे रह जाओग।े
162
अच्छे रिजल्ट के लिए दिनभर प्रैक्टिस कैसे करे
१. कॉल पर बात
163
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
लेकर जाने के लिए कुछ नियम होते है, वैसे ही बोलते समय भी आपको
कुछ नियम फॉलो करने है। नीचे बताई गई ३ बातों को आप हमेशा फॉलो
करे।
१. ब
ोलते समय एक शब्द एक बार बोले। बोलने में जल्दबाजी ना करे।
अपना समय ले कर ही बोलने की शुरुवात कर।े
३. अ
गर आप किसी शब्द पर हकलाते है, तो उस शब्द को तुरत
ं बोले या
फिर बातचीत में बीच में कही पर बोल दे। ऐसा करने से आपके मन से
उस शब्द को ले कर अच्छा अनुभव बनग
े ा कि आप शब्द बिना हकलाहट
के बोल पाए।
इस चैप्टर में बताई गई सभी प्रैक्टिस आपको विडिओ कोर्स में भी मिल
जाएगी जहा पर मै उन प्रैक्टिस को कैसे करता हू यह पता चल जाएगा।
सभी विडिओ कोर्स की लिंक आपको पुस्तक के अंत में मिले गी।
टास्क
२. ह
र रोज नोट्स को पढे और सभी तकनीक, नियम, प्रैक्टिस
को याद कर।े
164
Section 3
ghr Bpåßc_oÝQo>eZ
165
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
167
चैप्टर 16
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
२ मिनट इम्प्लिमेन्टेशन
फार्मूला
168
२ मिनट इम्प्लिमेन्टेशन फार्मूला
यहा पर में कुछ टिप्स बताने वाला हू जो आपकी बाहर बोलते समय
मदद कर सकती है।
२. अपने मुह
ं को सक्रिय करना।
२. अपने मुह
ं को सक्रिय करे
मुह
ं को सक्रिय करने के लिए आपको मुह
ं को खोलना है और उसको
थोडा स्ट्रे च करते रहना है। आप उसको आडा या बाहर की तरफ खींचे ताकि
आपका मुह
ं सभी स्वर के लिए अच्छे से खुले। चैप्टर ८ (बॉडी लैं ग्वेज और
हकलाहट) मे मुह
ं और चह
े रे को सक्रिय करने की प्रक्रिया बताई है।
170
२ मिनट इम्प्लिमेन्टेशन फार्मूला
171
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
२ मिनट इम्प्लिमन्
े टे शन फार्मूला को अगर आप दिन में कम से कम १०
बार अलग अलग समय पर प्रैक्टिस करते है, तो आपकी हकलाहट या तो
कम हो जाएगी या फिर होगी ही नही। जब आपके मन में बहुत सारे सवाल
आते है, तब यह प्रैक्टिस आपके सल्फ
े डाउट को मन से निकाल देती है।
टास्क
172
चैप्टर 17
लोगों से बात (कम्फर्ट ज़ोन)
आपका घर और आप
आपके घरवाले और आप
आपके घरवाले आपके लिए जितना कम्फर्ट झोन में आते है उतने
बाहरी लोग नही आत।े इसका मतलब यह है कि जिस इं सान के साथ
174
लोगों से बात (कम्फर्ट ज़ोन)
आपका उत्तरदायी और आप
अच्छे से बोलने के लिए घर में सभी आपको मदद करेंगे पर कोई ऐसा
एक व्यक्ति आपके घर में होगा जो आपकी गलतियों को बताने में आपकी
175
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
आपके दोस्त और आप
ये सारे लोग ऐसे है जो आपके कम्फर्ट झोन में तो नही आते पर फिर
भी आप उनके सामने तकनीक से बात करने की कोशिश कर सकते
है। इनसे बात करते समय आपके पास कोई ना कोई विषय होता है और
सामनेवाले को ज्यादा अजीब भी नही लगता। यह आपके लिए तीसरी स्टे प
है जो आपके डर को अंदर से निकालने में मदद करेगी।
177
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
टास्क
178
चैप्टर 18
लोगों से बात (अंजान लोगों के
सामने)
जब आप अपने कम्फर्ट झोन में बात रखने में सक्षम हो जाते है, उस समय
आपको थोडा बाहर की दुनिया में जाकर उन लोगों से भी बात करनी चाहिए
जहा पर आपको जाने से डर लगता है। आपका डर ही आपको आपकी
हकलाहट को दूर करने में बाधा डालता है। इस डर को खत्म करने के लिए
आपको अंजान लोगों से बात करना ही एकमात्र रास्ता है जो आपको उस
मंजिल पर ले कर जाएगा जो आप हमश
े ा अपने सपनों में देखते है।
इस चैप्टर को पढ़ते समय आपके मन में बहुत सारे सवाल आएं गे। जो
काम आप बहुत सालों से टालते आए है वही काम कैसे करना है वो हम
देखग
ें ।े आपका मन आपको बहुत सारे कारण बताएगा कि क्यो आपको
यह नही करना चाहिए पर यकीन मानिए जिस मंजिल पर आपको पहुंचना
है उसके रास्ते में कांटे भी होंगे पर सफर बडा यादगार रहेगा। बस अपने
मन को चुप करे और उस लक्ष्य की तरफ देखे जो आपके सुनहरे कल की
शुरुवात करेगा।
179
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
आपका मन और आप
जब आप किसी अंजान शहर में जाते है जहा आपको कोई नही पहचानता
तो आपके मन में २ प्रकार के विचार आ सकते है।
१. में यहा पर किसी को नही जानता। पता नही यहा लोग कैसे होंगे? मुझे
किसी से भी बात नही करनी चाहिए।
२. मझ
ु े यहा कोई नही जानता। क्यो ना मै लोगों से बात करू? वैसे भी मुझे
कौन देख रहा है? देखग
े ा भी तो मुझे कोई फरक नही पड़ता।
जब आप बडे हो गए तो आप हमश
े ा अपने आपको बोलने से रोकते है
और नंबर १ की तरह सोचते है।
180
लोगों से बात (अंजान लोगों के सामने)
बाहर के लोग और आप
181
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
182
लोगों से बात (अंजान लोगों के सामने)
किसी भी अंजान व्यक्ति से बात करने से पहले आपके मन में बहुत सारे
सवाल आते है। ये ऐसे सवाल होते है जिनका जवाब आपको बोलने के बाद
ही पता चल सकता है। परंतु आप अपने मन से ही उनके जवाब देने की
कोशिश करते है। अंजान लोगों से बात करने से पहले कुछ इस प्रकार के
सवाल आपके मन में आ सकते है।
• मर
े ा इम्प्रेशन खराब हो जाएगा?
183
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
• मर
े ा इरादा बस यही है कि मै आपसे थोडी देर तक बात करू और आपसे
फीडबैक लू की मैने कैसे बोला।
184
लोगों से बात (अंजान लोगों के सामने)
से कर रहे है।
टास्क
185
चैप्टर 19
लोगों का रिएक्शन कैसे हैन्डल
करे?
लोग अक्सर कुछ ना कुछ कहते रहते है या वैसा अपने चेहरे पर दिखाते
है। अगर आप गौर से सोचे तो आप भी लोगों का ही एक हिस्सा है। आप भी
दूसरों के लिए कोई ना कोई रिएक्शन देते है। इस चैप्टर का विश्ले षण
करते समय आप अपने और लोगो की तरफ से सोचेंगे और आपको
आपका जवाब मिल जाएगा।
हकलाने वाले इं सान के साथ ऐसा बहुत बार होता है कि लोग उसके
हकलाने पर हसते है। लोग हसते है क्योकि आपकी बात उनको हसाने
वाली लगती है। लोगों को आपकी बात हसाने वाली इसीलिए लगती है
क्योकि वो आपके तरह नही बोलते है। इमैजिन करे की दुनिया का हर
एक इं सान अगर हकलाके बात करे तो कोई भी हकलाने पर नही हसेगा
क्योकि सभी लोग ऐसा बोलते है। पर जब कुछ लोग सभी लोगों के
मुकाबले अलग बोलते है, तो वो हसी के पात्र बन जाते है।
186
लोगों का रिएक्शन कैसे है न्डल करे?
इसका एक अच्छा उदाहरण है - हिं दुस्तान में बहुत सारी भाषाए बोली
जाती है। हर भाषा बोलते समय अलग अलग शब्द और उनके उच्चारण
होते है। अगर आप मराठी बोलते है और कोई आपके सामने तेलुगु बोले गा
तो आपको वह अजीब लगग
े ी। एक तामिल बोलने वाले इं सान के लिए
बंगाली भाषा अजीब होगी। बहुत बार लोग एक दूसरे की भाषा को ले कर
मजाक उड़ाते है और हसते है। ऐसा इसीलिए होता है क्योकि जो भाषा
आपके लिए बोलने का भाग है वही दूसरों के लिए हसी का पात्र है। उनको
आपकी भाषा के शब्द सुनने में अजीब लगते है।
१. सामने वाला इं सान अच्छ नही है। वो आपकी कमजोरी के ऊपर हस रहा
है।
• कोई इं सान अगर बार बार आपके बोलने पर हसता है इसका मतलब
वह इं सान की सोच शायद छोटी है और आप छोटी सोच वाले इं सान से
दूर ही रहे।
• अगर कोई आपके ऊपर हस रहा है तो ज्यादातर लोग उसे ग़ुस्से से देखते
है। अगर आप भी उसके साथ अपने ऊपर हसे तो वह व्यक्ति हसना बंद
कर देगा। क्योकि आपको चिढ़ाने के बाद जो आप रिएक्शन देते है
वही उसको चाहिए पर अगर आप उसके साथ हसते है तो उसको वैसा
रिएक्शन नही मिल रहा है जैसा वह सोच रहा है।
188
लोगों का रिएक्शन कैसे है न्डल करे?
अगर आपके जीवन में ऐसे लोग है जो आपको अनदेखा करते है क्योकि
आप हकलाते है तो उसे एक चैलेंज की तरह ले। अपने ऊपर पूरी मेहनत
करे और जब आप हकलाहट को ठीक कर देंगे तो बहुत सारे लोग आपसे
खुद होकर बात करेंग।े जब आप अपने जीवन की सबसे बडी समस्या को
हल करते है, जो बहुत सारे लोगों के लिए मुश्किल है, तब आप उनके
सामने एक सफल व्यक्ति बन जाते है।
189
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
ऐसे समय में आपको अपने घरवालों और दोस्तों को बता देना चाहिए
कि जो आप मेरी मदद कर रहे है वो मर
े ी समस्या को ज्यादा बढ़ा रही
है। इस समस्या का समाधान आपके बोलने से ही होगा। आपके घरवाले
और आपके दोस्त आपके साथ हमश
े ा होते है पर इस जंग को आपको
अकेले ही लढना है। अगर आपको उनकी मदद चाहिए तो उनको आपका
accountability partner बना लीजिए जो आपकी गलतियों को
आपको बताने में मदद कर।े इं सान गलती करने से ही जल्दी सिख जाता
है इसीलिए जितना हो सके आप बोलने में गलती करे पर किसी को भी
अपनी बात को पूरी करने के लिए ना कह।े
190
लोगों का रिएक्शन कैसे है न्डल करे?
191
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
टास्क
१. आपके घरवाले/दोस्त/जाननव
े ाले लोगों की एक लिस्ट
बनाइये और उन्हे इस चैप्टर मे ऊपर बताए गए केटे गरी मे
बाट दे।
192
चैप्टर 20
छोटी बात पर बडे काम की
193
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
ऐसा करने के लिए आपको अलग कुछ समय नही निकालना पड़ेगा
क्योकि आपका मोबाईल ज्यादातर आपके हाथो में ही होता है। बस आपको
उसका इस्तेमाल अपने प्रैक्टिस के लिए करना है। आज के बाद जब भी
आपको कोई मैसेज करग
े ा तो आप उसे मन ही मन मे ना पढ़कर बस
बोलकर पढ़ने की कोशिश कर।े जब भी आप कोई विडिओ देखते हो तो उस
इं सान का बॉडी लैं ग्वेज देखने की कोशिश करो और हो सके तो विडिओ
को बीच में रोककर उसकी तरह बात करने की कोशिश करे। अगर आप
कोई गाना सुन रहे है तो गाने के साथ आप उसके बोल/लीरिक्स को भी
बोलने की कोशिश कर।े
निगरानी करे
194
छोटी बात पर बडे काम की
मैने बहुत सी बाते दूसरों को देखकर सीखी है। अगर आपकी हकलाहट
दूसरों को देखकर शुरू हुई है तो क्यो ना आप ऐसे लोगों को देखकर सीखना
शुरू करो जो बहुत अच्छा बोलते है। आप उनके विडिओ देखकर भी बहुत
सारी बाते सीख सकते है कि कैसे एक पब्लिक स्पीकर बात करता है।
३ लोगों से बात
195
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
अपने आप से बात
दिनभर हमारे मन में बहुत सारे विचार आते है। हम उन विचारों के साथ
मन ही मन में बात करते रहते है। आपका मन आपको बहुत बार सलाह
देने की कोशिश करता है और हम उस सलाह के साथ आगे बढ़ते है। हर
विचार के साथ एक ऊर्जा उत्पन्न होती है। कई बार हम उसे अपने मन
में ही रखते है और ऐसा करने से आपके अंदर आवाजे आती रहती है, जो
आपको परेशान करते रहती है। अगर आप उन आवाजों को बोलकर बाहर
निकालें ग,े तो आप यह देखते है आपका मन अब शांत हो गया है।
196
छोटी बात पर बडे काम की
काफी लोग सेल्फ टॉक करते है। ऐसा करने से उनके विचारों को दिशा
मिल जाती है। सेल्फ टॉक का इस्तेमाल आप अपने कठिन शब्दों को
बोलने के लिए करे। अपने आप से बात करने का मतलब आप पागल है
ऐसा बिल्कु ल नही। आपको बस कोई ऑडियंस नही मिल रहा, इसीलिए
आपने खुद को अपना ऑडियंस बनाया है।
सल्फ
े टॉक का अच्छा इस्तेमाल आप कुछ इस प्रकार कर सकते है:
• अपने मोबाईल हेड्फोन को कान में लगाकर बाहर घूमते समय अपने
आप से बात करे और अपने कठिन शब्द बोले। ऐसा करते समय लोग
आपको पागल नही समझेंगे क्योकि उनको ऐसा लगेगा की आप किसी
से फोन पर बात कर रहे है (आप मोबाईल फोन कान पे लगाकर भी
कर सकते है)।
टास्क
198
चैप्टर 21
रूट कॉज़ + प्रैक्टिस +
इम्प्लिमेन्टेशन
199
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
२. ब
ोलते समय मुह
ं को थोडासा खुला रखे ताकि सांस अंदर बाहर हो। ऐसा
करने से anxiety कम हो जाती है।
३. जब आप किसी की बात सुन रहे है या फिर आपकी बारी है बोलने की,
उससे पहले मुह
ं से सांस को २-३ बार अंदर बाहर करे (सांस को गले
तक ले और गले से बाहर निकाले)।
४. सेल्फ टॉक।
200
रूट कॉज़ + प्रैक्टिस + इम्प्लिमेन्टेशन
opening effectively
३. स्वर की प्रैक्टिस।
२. अपने मुह
ं को स्वर की तरह खींच।े
३. ब
ोलते समय ज्यादा से ज्यादा रुकने की कोशिश करे (२-३ शब्दो के
बाद)।
201
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
४. जीभ को बाहर निकालकर सीधा रखे और बिना होठ को लगाए जीभ
को घुमाये।
१. जब भी “र” से शुरू होने वाले शब्द बोले उस समय जीभ को वाइब्रैट करने
की कोशिश करे।
२. अपने मुह
ं को थोडा ज्यादा खोले ताकि आपके जीभ को मुह
ं के अंदर
घूमने के लिए जगह मिल जाए।
१. बल
े ी ब्रीदिं ग
४. कपालभती - २० बार
202
रूट कॉज़ + प्रैक्टिस + इम्प्लिमेन्टेशन
३. अ
गर कभी filler आने की कोशिश करते है तो आप अचानक से बोलना
बंद करे और फिर जिस शब्द को बोलना है वही बोले ।
४. u
nnecessary words को बोलने से पहले रोके और जितना जरूरी है
उतना ही बोले ।
203
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
204
रूट कॉज़ + प्रैक्टिस + इम्प्लिमेन्टेशन
३. ब
ोलते समय याद रखे कि आपका भी आत्मसन्मान है जो आपसे कोई
छीन नही सकता।
३. बोलने की स्पीड को अपने कंट्रोल में रखे और बीच बीच में पॉज़ ले ।
२. चक
े फाउं डेशन रीडिं ग - १५ मिनट।
205
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
१. अपना मुह
ं थोडा ज्यादा खोलकर बोले।
३. कपालभती - २० बार।
१. बोलने से पहले २ सक
े ं ड रुके।
४. बोलते समय बीच में सांस खत्म होने के बाद रुककर सांस ले और फिर
बोले ।
206
रूट कॉज़ + प्रैक्टिस + इम्प्लिमेन्टेशन
टास्क
207
Section 4
AmXV Am¡a _Z
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
हम आने वाले चैप्टर में मन के बारे में ज्यादा से ज्यादा बात करेंगे
ताकि आपका मन जब भी विचलित हो तब आपके पास उसका उत्तर हो कि
आपको अब क्या करना चाहिए।
210
चैप्टर 22
अच्छा बोलने की आदत कैसे
लगाए?
211
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
212
अच्छा बोलने की आदत कैसे लगाए?
१. आनंद (pleasure)
२. दर्द (pain)
213
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
२. र
ॉकेट अब अपने स्थितिज ऊर्जा (Potential energy) से गतीज ऊर्जा
(Kinetic energy) में आने की कोशिश करता है।
३. ग
रु
ु त्वाकर्षण बल रॉकेट को नीचे की तरफ रखने की कोशिश करता
है।
इसी तरह से कुछ आपके साथ भी होता है। जब आप अपने बुरी आदत
को छोड़ने की कोशिश करते है तब आपको शुरुवात में जरूर कठिन
लगता है। शायद आपकी ज्यादातर ऊर्जा शुरुवात में ही खर्च हो जाए।
लेकीन जैसे जैसे आप हर रोज प्रैक्टिस करेंग,े वैसे वैसे आपको वही बात
आसान लगेगी। एक बार आपकी नयी आदत बन गई तब बिना अधिक
उर्जा के आप आसानी से उसे कही भी इस्तेमाल कर सकते है।
215
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
मेरे अनुभव में अगर कोई व्यक्ति इस पुस्तक की बताए गई सभी बातों
को फॉलो करेगा और एक भी प्क्रै टिस नही छोड़ेगा, तो एक अच्छा रिजल्ट
आने के लिए उसे लगभग ६६ दिन लग सकते है। ६६ दिन में यहा पर
इसीलिए बोल रहा हू क्योकि मैने जीतने भी लोगों को सिखाया है उन
सभी को औसतन ६६ दिन लगे है। इसका मतलब यह बिल्कु ल नही है कि
आपको ६६ दिनों के बाद रिजल्ट दिखना शुरू हो जाएगा। इसका मतलब
यह है कि पहले दिन से ही आपको रिजल्ट दिखेगा। परंतु आपके अवचेतन
मन में इस नयी आदत को डालने के लिए इतने दिन लग सकते है या फिर
इससे भी ज्यादा दिन।
216
अच्छा बोलने की आदत कैसे लगाए?
217
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
एक ऐसा इं सान जिसे कभी हकलाहट नही थी, वो हमेशा जैसे शब्द
आते है वैसे ही बोलता है। अगर आप भी वैसा करेंगे तो आपके मन से
हकलाहट का अनुभव चला जाएगा। अगर आप ऐसा नही करते है, तो आप
अपनी पुरानी आदत को वापस से अपने जिं दगी में ला रहे हो।
३. आ
पकी हकलाहट वापस आने का और एक कारण हो सकता है कि
जो भी हमने इस पुस्तक में बोलते समय नियम बनाए है वो आप भूल
गए है और अपनी बोलने की स्पीड को बढ़ाकर बोल रहे है। ऐसे समय
में आपको तुरत
ं अपनी स्पीड को कम करके पूरा ध्यान अपने मुह
ं को
अच्छे से खोलने पर होना चाहिए। बाकी अपने आप आना शुरू हो जाएगा।
218
अच्छा बोलने की आदत कैसे लगाए?
टास्क
२. आ
पकी हकलाहट वापस ना आए इसके लिए आप कैसे
अपने डर का सामना करेंगे उसे लिखे और आजसे उसपर
काम शुरू कर।े
219
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
चैप्टर 23
मन विचलित क्यों होता है?
221
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
ही नही परंतु उसने बस किसी को सफल होते देखा और वही उसके लिए
प्र
रे णा बनी।
१.
२.
३.
222
मन विचलित क्यों होता है ?
१. घ
र पर बहुत ज्यादा शोर शराबा होता है और आप प्रैक्टिस पर फोकस
नही कर पाते।
२. आ
पका सोने और उठने का समय फिक्स नही है। आप प्रैक्टिस के
समय को मैनेज नही कर पाते और कुछ दिन के बाद प्रैक्टिस करना
छोड़ देते है।
५. आ
पको बहुत सारा काम करना होता है और आप थक जाते है। फिर
प्रैक्टिस को कम समय दे पाते है।
६. आ
पको लगता है कि आसपास लोग है तो थोडी देर के बाद प्रैक्टिस
करूं गा।
७. आपके दोस्त आपको कहते है कि इससे कुछ नही होगा या फिर आपके
प्रैक्टिस का मजाक उड़ाते है।
८. आ
पके मन में इस पुस्तक में बताए गई तकनीको को ले कर शंका है कि
यह काम करेगी या नही?
223
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
१०. आ
पने इसके पहले भी किसी तकनीक को फॉलो करके हकलाहट
को ठीक करने की कोशिश की है परंतु आप उसमे असफल रहे है।
ऊपर बताई बाते शायद आपके जीवन में भी हो रही है। शायद यही
कारण होगा कि आप लगातार, हर रोज प्रैक्टिस नही कर पाते, और फिर
मन विचलित होता है।
टास्क
१. आ
पके मन में “प्रैक्टिस क्यू नहीं करनी चाहिए” इसको
ले कर जीतने भी दिनभर विचार आते है वह सभी पेपर पर
लिखे।
२. प
पे र पर लिखे कारणों के सामने वह कैसे कर सकते है
उसके उत्तर लिख।े
३. पस्त
ु क पढ़ते समय इस साल जो भी आपके गोल है उन्हे
पेपर पर लिखे और दीवार पर लगा दे।
224
चैप्टर 24
असफलता को कैसे स्वीकार
करे?
जब हमने जैसे सोचा वैसा नही होता है, तो अक्सर हम उसे अपनी हार
समझ ले ते है। बहुत बार हम अपनी अपेक्षा (expectation) को ही अपनी
हार और जीत समझ लेते है। उदाहरण के लिए - अगर आपने घर पर अच्छे
से प्रैक्टिस की और आप हर शब्द को आज अच्छे से बोल पाएं गे इस अपेक्षा
से बाहर जाकर लोगों से बात करना शुरू किया तो जब आप किसी शब्द
पर अटकते है तो आप उसे अपनी हार समझ बैठते है।
225
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
कर रहे है वही आपके हाथो में है। अगर आप अभी, इसी वक्त जो भी कुछ
चल रहा है उसी पर ज्यादा ध्यान दे तो आप जीतने से भी ज्यादा इस प्रोसेस
को इन्जॉय करेंग।े भगवत गीता में महाभारत के एक अत्यंत मोहक दृष्य
का वर्णन है। जब अर्जुन युद्ध की समाप्ति के बाद क्या होगा इसको ले कर
पूछते है? तब भगवान कृष्ण उनसे बोलते है - “तुम कर्म करते रहो, फल
की चिं ता मत करो।”
226
असफलता को कैसे स्वीकार करे?
227
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
टास्क
228
चैप्टर 25
मेरा अनुभव
मेरे अनुभव से में आपको बस यही बता सकता हू कि दुनिया में कोई भी
चीज असंभव नही है। हो सकता है की उस समय वह करना असंभव है मगर
समय के साथ सब कुछ संभव हो जाता है। किसी दूसरे का आपके ऊपर
विश्वास हो या ना हो, आपका खुद पर विश्वास जरूर होना चाहिए। आप तब
तक नही हारते जब तक आप मन से नही हारत।े आपका खुदपर विश्वास ही
आपकी सबसे बडी जीत है।
अगर अपने रिजल्ट को लेकर कभी किसी दिन आपके मन में शंका
आती है या फिर कुछ ऐसा अनुभव जो आपको परेशान करे तो उस दिन
हमश
े ा एक बात याद रख।े
230
मेरा अनुभव
आपके जीवन में कुछ बडा करने के बहुत बार अवसर आए होंगे ले कीन
शायद आपकी हकलाहट ने ही आपको रोका होगा। अगर आप मेरी मानो
तो उस दिन का इं तेजार मत करना जब आपकी हकलाहट ठीक हो जाएगी
और फिर आप तैयार है कुछ करने के लिए। क्या पता वो दिन तभी आएगा
जब आप आज से ही एक्शन लेना शुरू कर देंग।े
“पानी में गिरने से किसी की जान नही जाती। जान तभी जाती है जब
तर
ै ना नही आता। परिस्थिती कभी समस्या नही बनती। समस्या तभी
बनती है जब हमे परिस्थिती से निपटना नही आता। “
231
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
को कम्प्लीट करे।
मेरे पास आपको बताने के लिए और बहुत कुछ है परंतु जितना हो सके
उतना मैने इस पुस्तक में कम से कम शब्दों में ज्यादा बताने की कोशिश
की है। इससे आप कम समय में ज्यादा से ज्यादा इस पुस्तक का फायदा
उठा सकेंगे। अभी मै इस पुस्तक को यही पर समाप्त करता हू। आपके लिए
सभी महत्त्वपूर्ण लिंक, ग्प्स
रु , विडिओ कोर्स डिटे ल्स आपको इसी पुस्तक के
आखिरी पेज पर मिल जाएं गे। आप मुझसे सोशल मीडिया पर जुड सकते
है। कोई प्रश्न या सुझाव है तो हमे आप ईमेल या मैसज
े कर सकते है। अगर
आप इस पुस्तक को online खरीदकर पढ़ रहे थे तो आपका अनुभव/
फीडबैक वहा पर जरूर शेयर करे और जिस इं सान को इस पुस्तक की
जरूरत है उसे भी बताए।
232
महत्त्वपूर्ण लिंक्स
इस पुस्तक में बताए गए फेसबुक ग्प
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233
हकलाहट से प्रभावी वक्ता बनने का रहस्य
कंटेन्ट - सिं हासन, बॉडी लैं ग्वेज, हाथो का इस्तेमाल, Active Listening,
Pause Technique, स्वर, व्यंजन, फाउं डेशन तकनीक, ब्लोकेज
तकनीक, स्टोरी टे लिंग, और दूसरे बेसिक तकनीक (यह विडिओ कोर्स
में आपको हकलाहट के बारे में सभी बेसिक तकनीक पता चल जाएगी)
कंटेन्ट - साफ, स्पष्ट, गहरी आवाज की प्रैक्टिस (यह विडिओ कोर्स में
आपको आवाज के लिए सभी तकनीक बताई गई है)।
कंटेन्ट - चेक फाउं डेशन रीडिं ग, माउथ ओपनिं ग रीडिं ग, क्लेरिटी रीडिं ग,
पॉज़ रीडिं ग, फ्लू अन्सी रीडिं ग, रियल लाइफ रीडिं ग (इस विडिओ कोर्स में
आपको सभी रीडिं ग प्रैक्टिस कैसे करनी है यह बताया गया है)।
234
महत्त्वपूर्ण लिं क्स
कंटेन्ट - कॉल पे बात कैसे कर?े अंजान लोगों से बात कैसे करे?
https://pages.razorpay.com/StammeringBookDiscount
करती है। विडिओ कोर्स के बारे में कुछ सवाल पूछने हो,
Email: teamankushpare@gmail.com
लाइफटाइम सपोर्ट के लिए विडिओ कोर्स के साथ
आपको हमारे प्राइवेट फेसबुक और टे लग्रैम ग्रुप में
भी जॉइन किया जाएगा।
235